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भाग १
मैथिल ब्राह्मणक परिचय
थवषयवस्तु
• ब्राह्मणक आशय, सृष्टि, लक्षण, उपाष्टि तथा प्रकार,
• मैष्टथल ब्राह्मणक आशय, गणु भेद, आस्पद एवम वेशभषु ा,
• गोत्र- अथथ, ष्टवस्तार, प्रकार,
• मैथिल समाजमे ख्याथि प्राप्त व्यथित्व,
• मैष्टथल ब्राह्मण थरक उत्पष्टत,
• पजं ी व्यवस्था (वश
ं ावली) कें अविारणा,
• मैष्टथक ब्राह्मण मे वैवाष्टिक अष्टिकारक ष्टिणथय,
• मल
ू एवम मल
ू क डेरा - अथथ, प्रकार,
• प्रवर कें अथथ,
• गौङ ब्राह्मणक गोत्र साररणी,
• गोत्र तथा मल
ू पजं ी ।
• मैथिल ब्राह्मणक वश
ं वृक्ष एवम वश
ं ावली- पााँच (५) गाम:
खजरु ी, रिुआ-संग्राम (मल
ू - बष्टलयासे-बुढेव), बरसाम, दलदल आ भेजा ।
• अत्यन्ि महत्वपणू ण उपयोगी वैथिक मन्र,
• थपिृ िपणण थवधान ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 3
स्वयम् नािायण कहलथन जे ब्राम्हणक आथशवाणिसाँ हम धििीकें धािण कएने िी, नथह िऽ एिेक भाि अन्य
परुु ष कोना धािण कए सके ि िलाह । ब्राह्मण कें आशीवाणि साँ हम नािायण भ लक्ष्मीकें प्राप्त कएने िी ।
हीनके आथशवाणि साँ हम यद्ध ु थजिलहुाँ । हीनक आशीवाणि साँ हमि िाम नाम अमि भेल ।
अिाः ब्राह्मण सवणर पजु नीय िै ि । कलयगु मे पाप बढए के प्रमख
ु कािण ब्राह्मणक अपमान अथि ।
थमथिला नगिीमे िहथनहाि ब्राह्मणके मैथिल ब्राह्मण कहल जाईि ।
ब्राह्मणक सृथि
प्रवि मंजिी थनबन्ध थनत्यकमण प्रयोग माला ििा गौड़ स्मृथि आथि ग्रन्िमे उल्लेख अनुसाि थवश्वाथमर,
जमिथनन, भािद्वाज, जमिथनन, अथर, वथशष्ठ अओि कश्यप ई सप्त ॠृथष गोर प्रविणक मानल जाईि । ओना कहल
जाईि जे िक्ष प्रजापथिक यज्ञ थवध्वंस भेलाक उपिान्ि उमा द्वािा अपन शिीि जलाबए उपिािं महािेव द्वािा
प्राथम्भक- ब्राह्मणकें नष्ट कए िेल गेल िल, पिञ्च वैवस्वि मन्वन्ििमे उल्लेख अनुसाि ब्रह्माजी यज्ञ कके ब्रह्म
सृथष्टक थनमाणण कएलथि । यज्ञक अथननक भभकसाँ भृग,ु अंगािसाँ अगं ीिा, थचन्गािीसाँ, अथर, लपटसाँ मािीथच,
लहिसाँ पल ु स्य, नमहि लाटसाँ पल ु ह, ॠृिु चमकसाँ वथशष्ठ ििा भथू म धािणसाँ धमण कें उत्पथि भेल । ई सभ लोकथन
कें प्रजापथि मानल गेल । एथह मध्ये महथषण ॠृिक ु ें सन्िान नही होयबाक कािण ओ अगस्िक महेन्र नामक
परु कें गोि लेलथन आ अगस्ि वंश चलौलथन । पनु ाः वन्य जन्िक ु जन्म िैक व्यवस्िा थमलाबैक लेल पल ु ह ॠृथष
सेहो अगस्ि ॠृथषक दृढास्य नामक परु कें गोि लवंश वृथद्व कएलथन । एथह प्रकािे न प्रजापथिक सन्िान वृथद्व भेल
जे गोर कहाओल गेल । ब्राह्मणक मल ू गोरमे ि सप्त ॠृथष सबहक नामसाँ साि गोर मानल जाईि ।
(श्रोत: पं. ष्टवद्या प्रकाश शमाथ, ब्राह्मण समाज, इन्द्र ष्टिके ति)
ब्राह्मणक लक्षण
वेि शास्त्र मे ब्राह्मणक लक्षण कें सम्बन्ध मे थनम्न व्याख्या अथि:
घृथत क्षमा दमोस्तेयं शौचं इथन्िय थनग्रह: ।
धी थवद्या सत्यमक्रोधो दशकं धमा लक्षणम् । ।
अिाणि,
जाथह व्यथि मे धैयण, क्षमा आ इन्रीय कें वस मे किै क क्षमिा हुअ, चोिी नै किै क प्रेिणा, पथवरिा,
काम, क्रोध, षडयंर किए कएथनहाि िष्टु क िमन किै क शथि, थवधा, सत्यवचन, क्रोध उपि थनयन्रण हुअ,
ओ मानव िथि एवम अथह लक्षण साँ यि ु मानव जेनका अपन गरू ु माथन लैि िथि, ओ नै ब्राह्मण मानल
जाईि ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 5
एथह प्रकािेन श्रेष्ठ ब्राह्मण कहाबएक लेल शास्त्र अनसु ाि थनम्न १५ लक्षण वथणणि अथि:
१. धमाणनुष्ठान किे नाय,
२. समस्ि वेि शास्त्रक ज्ञान िाखनाय,
३. वेि, ईश्वि, मथु ि, पवू णजन्म, मथु ि, धमण, थवद्या, मािा-थपिा ििा गरुु जनक सेवा मे आस्िा िाखनाय,
४. पृथ्वी स लके ईश्वि धरि पणू ण ज्ञान प्राप्त कऽ जान मानस मे कल्याणािण प्रचाि कएनाय,
५. मन मे नकािात्मक सोच किमथप नही कएनाय,
६. इन्री के वस कएनाय,
७. सख ु -िखु , लाभ-हाथन, भख ू -प्यास, हषण-शोक इत्याथि त्याग कऽ धमणक कायण मे लागी िहनाय,
८. कोमलिा, मृिभु ाषी आ सिलिा धािण कऽ खिाब व्यसनकें त्याग कएनाय,
९. क्षमा, िया, सत्य, शाम, िाम, सिाचाि आ अध्यात्मक थचन्िन कएनाय,
१०. थनथन्िि कायण त्याग कएनाय,
११. समाजक सब मानव संग समान व्यवहाि कएनाय,
१२. पनु जणन्मक थसद्वान्ि माननाय,
१३. सेवा धमण मे ित्पि िहनाय,
१४. अग्रज कें आिि कएनाय ििा अनुज कें आथशष िेनाय,
१५. ईश्वि, धमण, ज्ञान आ थवधा कें प्रसाि प्रचाि कएनाय ।
मैथिल ब्राह्मणोत्पथर्त्
काशी कें ईशान थिशामे अंग िेशक नजिीक जनकपिु ी अथि । प्राचीन समयमे वैवस्विमनक ु परु
इक्ष्वांकु एवम इक्ष्वांकुक परु थनथम ओथहठामक प्रिापी सम्राट भेलाह । एक बेि मोक्षक अथभलाषा साँ थनथम यज्ञ
किए चाहलैि । ओही समय थनथमकें कुलगरू ु वथशष्ठ इन्रक ओथहठाम यज्ञ किाबए गेल िलाह । िाजा थनथम कें
कालगथिक आभास भऽ गेल िलथन एवम जाथन, समयाभाववश अन्य थवद्वान ब्राह्मण लोकथनकें आििपवू णक
बजा यज्ञ प्रािम्भ किा िेलथन । यज्ञ समाथप्तक अथन्िम चिणमे वथशष्ठ मथु न यज्ञ मण्डप मे पहुचाँ लाह । वथशष्ठजी ई
िेखैि, अत्यन्ि क्रोथधि भऽ बजलथन जे हे िाजन िु हमि अपमान कएलऽ, हम कुलगरू ु भेलाक उपिान्िो हमिा
सचू ना सेहो नथह िेल गेल ििा अन्य पथण्डि साँ यज्ञ किवा िहल िऽ, िाथह हेिु हम िोिा श्राप िैि थियौ थक
िोहि िेहक पिन हुअय । िखन िाजन बजलथन जे हे मनु ी अहााँ थबना थवचािे हमिा श्राप िेलहुाँ । अिाः हम सहो
अहााँकें श्राप िैि िी जे अहुक ाँ ें िेहक पिन हुअय । एथह प्रकािे न यज्ञ मण्डपमे िाजा थनथम ििा मथु न वथशष्ठ िनु ु
िेह बन्धन त्याग क स्वगणवासी भेलाह । एमहि िाजा थनथम द्वािा शिीि त्याग भेलाक पश्चाि यज्ञ मण्डपमे ब्राह्मण
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 6
लोकथन थवचाि कएलथन, जे हमिे कािणसाँ मथु न वथशष्ठ िाजा कें श्राप िेलथन, परिणामवस िाजा थनथम अपन
शिीि त्याग कएलथन एवम एकि िोष हमिे सभकें लागि । सांसारिक रूपसाँ इ हम सब ब्राह्मण कें अपमान अिवा
ब्रहम शथिक अपमान भेल । अिाः थवद्याक धनी, वेिपाठी सब ब्राह्मण लोकथन थवचाि कएलथन जे िाजा थनथमक
वश ं चलावैक लेल थनथम िाजाक मृि शिीिके यज्ञ कुण्ड उपि िाखी अपन-अपन थवद्याशथि आ मन्रशथि साँ
हुनक मंिन कएलथन। फलिाः ओही यज्ञ कुण्डसाँ थिव्य िेहधािी एक बालक कें आथवभाणव भेल । ब्राह्मण लोकै न
ओ उत्पन्न बालक कें िीन नाम िाखलथन:
१. यज्ञमे जन्म लैक कािण जनक,
२. कोनो िेहधािी थबना जन्म लेबाक कािण थविेह,
३. मंिनसाँ जन्म लैक कािण थमथि नाम भेल ।
थमथि नमहि भेलाक बाि िाजा बनलाह । ओ अपन नाम साँ एक नगि बसौलथन, जिऽ अपन िाजििबाि
बनाओलथन । ओही नगिीक नाम थमथिला अिवा जनकपिु िाखल गेल । िाजा थमथिक िाज्य क्षेर कें
थमथिलाचं ल कहल जाईि । जे ब्राह्मण थमथिला क्षेर में िहैि िलाह, हुनका मैथिल ब्राह्मण कहल गेल ।
१९६० औि १९७० के िशक मे, थबहािमे मैथिल ब्राह्मण िाजनीथिक रूपसाँ महत्वपणू ण बनल । पं.
थबनोिानिं झा ििा लथलि नािायण थमश्र समिु ायक प्रमख ु िाजनीथिक नेिाक रूप मे उभिलाह। डॉ. जगन्नाि
थमश्रक मख्ु यमरं ी कें समय बड मैथिल ब्राह्मण लोकथन थबहाि मे महत्वपणू ण िाजनीथिक पिसाँ ससु ोथभि भेलाह ।
ब्रजस्ि मैथिल ब्राह्मण ओ ब्राह्मण मानल जाईि जे लोकथन मसु लमान शासक गयासद्दु ीन िग़ु लक़साँ
लके अकबिक शासनकाल धरि थििहुि (थमथिला) साँ थवस्िापन भ भाििक ित्कालीन िाजधानी आगिा मे
बसलाह ििा समयोपिान्ि के न्रीय ब्रजक िीन थजल्लामे औिंजेब कें कुशासन साँ प्रिाथडि भ आथब बसलाह ।
ई ब्राह्मण लोकथन ब्रज कें आगिा, अलीगि, मििु ा ििा हाििस मे प्रमखु रूपसाँ वास किै ि िै ि । अहु ठाम साँ
सहो प्रवाथसि भऽ मैथिल ब्राहमण लोकथन थिल्ली, अजमेि, जयपिु , जोधपिु , बीकानेि, बडौििा, िाहौि,
लखनऊ, कानपिु आथि स्िान मे आथब हाल वास कऽ िहल िथि । मगु ल शासक औिंगजेब द्वािा थमथिला
सहीि सम्पणू ण भाििक उपि अपन शासन कालमे अत्याचाि कएल गेल । अही अत्याचािसाँ पीथड़ि भऽ बहुिो
थमथिलावासी ब्राह्मण लोकथन थमथिलााँस पलायन क अन्य प्रिेश जा बैथस गेलाह । थब्रज प्रिेश में िहथनहाि
मैथिल लोकथन ििा थमथिलावासी सभकें एक िोसि जगहक आवागमन सहो बिं भऽ गेल िल । एहेन १६५८
ई० साँ लएके १८५७ क्राथन्ि धरि चलैि िहल । १८५७ ई० कें बाि भाििीय समाज सधु ािक लोकथन आजाि
भाििक सपना िेखलथन । थमथिलाक ब्राह्मण समाज सहो आजाि भाििक सपना िेख लगलाह । स्वामी ब्रह्मानंि
सिस्विी ठीक एही समयमे जाथिक उत्िानक आवाज बल ु िं कएलथन ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 7
ब्राह्मण (मैथिल ब्राह्मण) लोकथन कमणकाण्डी, धमोपिेशक, ज्योथिष आ मीमासं ा कें ज्ञािा एवम नीथिक ममणज्ञ
होईि िथि ।
जाथह समाज एवम िेश अओि जाथह जाथिक थशक्षा एवम सस्ं कृ थि कें अपन पृिक सस्ं कृ थि, पहचान,
थनशान आ भाषा होइि, ओ समाज महान मानल जाइि अथि ।
मैथिल ब्राह्मणक भाषा
मैथिल भाषा बड नीक, थप्रय आ समु धिु भाषा होईि अथि । मैथिल ब्राह्मणमे मैथिली भाषा सम्पणू ण
थमथिलाचं लमे प्रायाः आम भाषाक रूपमे बाजल जाईि । थमथिला प्रिेश- मधबु नी, ििभंगा, मधेपिु , झन्झािपिु ,
सहिसा, सपु ौल, मधेपिु ा, थसिामाढी, नेपालसाँ जनकपिु , िाजथविाज, थबिाटनगि आथि क्षेरमे सभा थवशेष
साथहत्य मैथिली भाषा मे प्रकाथशि होइि । अथह क्षेरक थनवासी एवम प्रवासी स्त्री-परू
ु ष, बाल, यवु ा, वृद्व
सबगोट आम बोलचालमे मैथिली भाषाक प्रयोग किै ि िथि ।
मैथिल ब्राह्मणक िहन- सहन
मैथिल ब्राह्मणक िहन-सहन समाजक अन्य ब्राह्मण पथण्डिसाँ फिक अथि । साधािण लील-टीनोपाल
िेल उज्जि / पीयि / लाल धोिी, बािह िनी यि ु उज्जि बगलबन्िी (िपु टा) , गििैन मे िपु ट्टा, मािक उपि
थवशेष प्रकािक स्िायी रूपसाँ गोल ित्तािाि पगडी (पाग), मािमे थरपडंु चानन, जनेऊ धािण ििा पैिमे काठक
खिाम इत्याथि होईि अथि । थहनक वेषभषु ा िेखलासाँ के यो मैथिल ब्राह्मण िै ि, बझु नामे आबैि ।
मैथिल ब्राह्मणक संस्काि
गजेन्र ठाकुि अपन लेख "मैथिल ब्राह्मण" मे थलखलथि जे, मैथिल ब्राह्मण लोकथन मल ू िाः िइु ए गोट
वेिक अनुयायी होईि िै ि । प्रिम वगणक यजवु ेिक माध्याथन्िन शाखाक अनुयायी िै ि िाँ िोसि सामवेिक कौिमु
शाखाक अनुयायी िै ि । यजवु ेिक माध्यथन्िन शाखाक अनुयायी "वाजसनेयी" कहबैि िथि, एथहना सामवेिक ्
कौिमु शाखाक अनुयायी िन्िोग कहाबैि िथि । िनु ुक संस्कािमे थकिु अन्िि अथि । िन्िोगमे उपनयन
संस्कािमे चारि गोट संस्काि- नामकिण, चड़ू ाकिण, उपनयन आ समावत्तणन ििा वाजसनेयीक ई चारू संस्काि
िीक - चड़ू ाकिण, उपनयन, वेिािम्भ आ समावत्तणन । एथहना िन्िोग थववाह मख्ु यिाः िू खण्डमे सम्पन्न होईि
अथि, पवू ण थववाह आ उत्ति थववाह। उत्ति थववाह सयू ाणस्िक बाि िािा िेथख कए होईि अथि। मिु ा वाजसनेयी
थववाहमे एहेन कोनो थवभाजन नथह होईि अथि । एकै क्रममे थिन अिवा िाथिमे कखनहुाँ भए सकै ि अथि ।
वाजसनेयी आ िन्िोगक धाथमणक संस्कािमे िाँ सक्ष्ू म अंिि किौक अथि ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 9
१०. अलाम्बक ु ाक्ष ११. कथपल १२. मौिगल्य १३. वथशष्ठ १४. थवष्णव्रु थद्ध
१५. उपमन्यु १६. कृ ष्णारेय (कृ ष्णायन) १७. कौण्डन्य (कौथण्डल्य)
१८. िाथण्डल्य (िाथण्ड) ।
आ. िन्दोग
१९. शाथण्डल्य ।
इ. अन्य
२० . जािू कण्य ।
समस्त मैथिल ब्राह्मण वंश कें ६ कुल भेद तिा ६ आस्पद होईत अथि:
भेद : १. श्रोथरय, २. योनय (योग), ३. पााँज, ४. गृहस्ि, ५. वंश आ ६. गिीब ।
आस्पद
कोनो नाम कें अन्िमे िि सिह, जे शब्ि लगायल जाइि अथि, िकिा आस्पि कहल जाईि । मैथिल
ब्राह्मण कें ६ आस्पि होइि अथि, जेना - झा, पाठक, ठाकुि, थमश्र, थसहं ििा चौधिी । महािाज हरिथसहं िेवक
िाज्य कालमे, ित्कालीन ब्राह्मण समाज कें पााँच वगण मे थवभाथजि कएल गेल िल- श्रोरीय, योग, पजं ीबद्ध,
जयवाि ििा थनम्नवगण । एकि व्याख्या थनम्न अनुसाि कएल गेल अथि:
१. श्रोिीय: ब्राह्मण समाज मे जे लोकथन वेिाध्ययन मे थनिि िहथि श्रथु िक अध्ययन अध्यापन
किथि आ वैथिक कमण काण्ड कें स्वयं ब्यवहािमे आथन, आनो कें प्रेरिि किथि से श्रोथरय कहाओल, “श्रथु ि
जानाथि श्रोथरयह” । ‘ष्टमष्टथला मे श्रोष्टत्रय लोकष्टि के न्द्रस्थ भऽ गोष्टिया कें बसलाि यथा
भट्टपरु ा, इशिपरु , लोििा, लालगजं , िरुआर, सवथसीमा, उजाि, मिरैल, लखिौर, पचिी, मिेपरु , सररसव-पािी
आष्टद । दरभंगा राजक दीयाद पाछााँ जे बाबूसािेब भेलाि से लोकष्टि अइलगर फै लगर चास-बॉस लय फुटके रवा
बष्टि बसलाि यथा- राघोपरु , बरगोररया , रााँटी , मिबु िी, मिेपरु आष्टद स्थाि मे ।
२. योग: ई योनय शब्िसाँ बनल अथि । सवणिा वेिाचािी नथहयो िहैि आन-आन थवभीन्न शास्त्रक
पािंगि थवद्वान ििा गरुु कुल आथिक साँचालक । जथनकि थशष्य िि थशष्य पिमपिाक बहुलिा आ थवथशष्टिा
थसद्ध आ संगथह जथनकि आचिण आ िहन-सहन योनय ब्राह्मणक अनक ु ू ल से वगण योग कुल मे नामांथकि कएल
गेलाह । सम्प्प्रष्टत सौराि , रांटी , मगं रौिी, ष्टपलखवार, कोइलख, भराम, ििौर आष्टद गाममे योगक ष्टिवास अष्टछ।
३. पज ं ीबद्ध: जाथह ब्राह्मणक कुल वा बशं क नाम थचिकालसाँ ख्याि वा थलथपबद्ध हो । जाथह
कुलक थवथशष्ट परुु ष सभ लौथकक थवद्या आ प्रथिभाक आगि हुअ । जे समाज मे सत्काि पबैि थनष्ठा पवू णक
ब्राह्मणत्वक कायण ब्यबहाि सम्पािन किैि हुअ ििा जथनकि कुटुंब गण सम श्रेणी थकम्बा अपना साँ ऊच्च श्रोरीय
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 11
वगणक हुअ, से पजं ीबद्ध वा थबकौआ कहौलथन । जेिा- बसैि, चािपरु ा, शष्टशपरु , यजआ ु र, िािपरु , कक्ररौर,
रष्टिका, बेिीपट्टी, िक्ज़री, अरे र, सतलखा, रांटी, मंगरोउिी, ष्टपलखवार, भराम, ष्टबरौल इत्याष्टद अिेको गाम मे
बास कएिे छै थ ।
४. जयवाि: ई शब्ि ज़ब्बि शब्ि साँ बनल अथि । ब्राह्मण में एहन वगण जे पवू ाणपि साँ चल अबैि
पिम्पिाक अनपु ालन नथह किैि । थवप्रक मख्ु यकमण यज्ञ, वेिपाठ पजू ा, अध्ययन, अध्यापनक सम्पािन नथह कए
थबथभन्न ब्यबसाय साँ थजथबकोपाजणन किै ि िथि । सम्प्रथि थमथिला में एहीवगणक ब्राम्हणक बाहुल्य अथि । ई
लोकथन कोनो नीथि-रिथिक बस मे नथह प्रत्यिु ज़ब्बि िथि से जयवाि कहबैि िथि । जाथह जयवाि ब्राह्मण कें
चारि पाच
ं घि भथगनमान िहैि िलथन्ह ओ ब्यापक जयवाि कहबैि िलाह ििा समाजो मे अत्यथधक सम्मान
पबैि िलाह ।
५. थनम्नवगा: जे प्रायाः ब्राह्मणक थनत्य कमो साँ िथहि िथि से थनम्न श्रेंणीक भेलाह । एथह थवभाजनक
सम्बन्ध मे एकटा अओिो किा अथि सेहो कथह िैि िी जखन मैथिल ब्राह्मणक पंजीकिन प्रािंभ भेल िाँ िाजा
आ गण्यमान थवद्वान लोकथन सम्पणू ण थमथिला मे समाचाि प्रकाथशि कएलथि जे ब्राह्मण लोकथन एिय आथब
अपन–अपन पंजी किबा लैि । एथह समाचािक उपिान्ि जे थनयि थिथि कें प्रािाः थनत्य कमण साँ िथहि भय
पहुचाँ लाह से थनम्न श्रेणीक ब्राह्मण मे पजं ीकृ ि कएल गेलाह । जे ब्राह्मण लोकथन पजू ा पाठ सपं ाथिि कए मध्यान्ह
साँ पवू ण उपथस्िि भेलाह से पंजीबद्ध मे आ जे ब्राह्मणक सकल कमण संपाथिि कए मध्यान्हक उपिान्ि एलाह से
योनय आ जे लोकथन पजू ा थनत्य कमण आ यनय समाप्त कय संध्या काल एलाह से श्रोथरय कहाओल ।
गोिक थवस्ताि
१. ॠृथषसाँ जे गोर शरुु आि भेल थिनका आषण गोर कहल गेल ।
२. ॠृथषक नामसाँ हुनक िेसि पीढी वा ओकि बािक जे गोर भेल ओ कुल गोर कहाओल गेल ।
३. कुल गोरमे, जेना-जेना सन्िान बढैि गेल, हुनक थवस्िाि होईि गेल । जेना- ब्रह्म िेशसाँ थनकै लकें थकिु
ब्राह्मण सािस्वि प्रिेशमे, थकिु कान्यकुब्ज िेशमे, थकिु गौड़मे, थकिु उत्कल िेशमे, ििा थकिु
थमथिलामे बसलाह आओि ओही स्िानकें नामसाँ क्रमशाः सािस्वि, कान्यकुब्ज, गौड़, उत्कली ििा
मैथिल नामसाँ पंच गौड़ कहौलथि ।
४. उि पंच गौड़मे साँ जे ब्राह्मण िान-िथक्षणा लेनाय स्वीकाि नथह कै लथि, हुनका आथि गौड़ ििा जे िान-
िथक्षणा लेनाय स्वीकाि कएलथि, हुनका गौड़ ब्राह्मण कहल गेलथन ।
५. अथह गौड़ सबमे साँ थकिु गौड़ ब्राह्मण थवन्द्याचलक िथक्षणमे वास कएलथन थजनका पंच राथवड़ कहल
गेलथन । कनाणटकमे जे बसलथन हुनका कणाणटकी, िैलगं क्षेरमे िहए कें कािण िैलगं , महािाष्रमे िहए
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 12
वला कें महािाष्री, रथवण (िथमल) मे जे िहलाह हुनका रथवड़ आओि गजु िण क्षेर (गजु िाि) मे िहैक
कािण गजु णिी ब्राह्मण कहल गेलथन ।
उि गोरक थवषय थवस्िािक वगीकिण थनम्न वगीकिण मे अथि:
ब्राह्मणक गोि रुपिेखा
सनु लहा अथि जे जाबि धरि वेि गान शम पि नथह पहुचाँ िै िल िाबि धरि ध्वथन लय कें थवशद्ध
ु िा स गबैि
िहय बला कें शमणण कहल जैि िल । सकल शास्त्रक ज्ञािा कें सेहो शमाण कहल जैि िल ।
ठाकुि. ठ्कुि शब्िक अपभ्रंश ठाकुि अथि । ब्राह्मण मे िाजा लोकथनक उपाथध सेहो ठाकुि िेल
जैि िलथन । महाकथव थवद्यापथिक उपाथध ठाकुि िलथन । हुनक थलथखि जिेक पाण्डुथलथप उपलब्ध अथि
िाथह मे ठ्कुि शब्िक प्रयोग अथि । ठाकुि ईश्विक पयाणयवाची सेहो अथि । समाज मे जथनकि आचािण िेव
िुल्य िल से ठाकुि कहाओल जैि िलाह ।
थसंह. ई मख्ु यिया िाजा आ िाजपरु क उपाथध िल । थकिु लोक एकि उत्पथि थहसं शब्िसाँ कहल
अथि । शब्िािण पि दृथष्टपाि कएने शथिवान, सत्तावान , प्रभिु ा प्राप्त लक्ष्मीवान लोकक उपाथध चरििािण िेखल
जाइि अथि । ज़मींिाि, सामिं , प्रभसु त्ता आ सभ प्रकािे न सामथ्यणवान स्विाः थसहं क उपाथध धािण कए लैि
िलाह । ििभंगा िाजक बीजी परुु ष महेश ठाकुि िलाह, मिु ा ओही कुलक थकिु पश्ु ि नीचा आथब माधव थसंह
भय गेलाह । ई उपाथध क्षरी थकंवा िाजपिू मे सेहो अथि । िाज परिवािसाँ सम्बद्ध लोकक सेहो थसंह उपाथध धािण
कएने िथि । श्रोथरय ब्राह्मण मे लोक हास्य किै ि कहैि अथि जे अिााँ कोि ष्टसंि छी ? ष्टसंि टूट्टा आष्टक ष्टसंि
जट्टु ा ? ष्टकछु ब्यष्टि सोझे ष्टसंि आ ष्टकछु ष्टसंि झा, ष्टसंि िाकुर आष्टद किबैत छष्टथ ।
िाए . िाए शब्ि िाजाक पयाणयबाची सेहो अथि जे वगण िाज सत्ता वा ओकि सामीप्यक अनभु व वा
उपभोग किै ि िलाह से िाय उपाथध धािण के लैि िलाह । थवद्यापथि अपन अवहट्ठ ग्रन्ि कीथिणलिा मे ििा
अनेक गीि मे िाए शब्ि िाजाक हेिु ब्यवहृि कएने िथि । थकिु लोक थववेचना साँ ईहो थसद्ध कएल जे िाए
उपाथध धािीक बीजी परुु ष अवश्य िाजा िलाह । कालान्िि मे िाए शब्िक प्रयोग िाय मे हुअ लागल । प्राचीन
काल मे अनेक िोट-िोट िाजा होईि िलाह । किा थकम्बिथन्िमे िाँ गामक पािू एकटा िाजाक बाि कहल गेल
अथि ।
एवम प्रकािेन् मैथिल ब्राह्मणक प्रत्येक उपाथधक अिणक सािणकिा अथि ।
मैथिल ब्राह्मणक वंशावली (पंजी व्यवस्िा) तिा अथभलेख ईथतहास
मैथिल ब्राह्मण समाजक आधािशीला िीक पंजी-व्यवस्िा । वस्िुि: मैथिलत्वक मापिण्ड पंजी-
व्यवस्िाक पालन कहल जाए सकै ि अथि, (झा, िमानाि, १९६९, पृ. ७) । मैथिल ब्राह्मणक वंशावली (पंजीक
व्यवस्िा) ििा अथभलेख १४म शिाब्िी कें िेसिका िशक साँ शरुु आि भेल । थवगि ७०० वषणसाँ मैथिल ब्राह्मण
ििा कायस्ि लोकथन, एथह पंजीके आधाि मे सम्बंध वैवाथहक थनधाणिण किै ि अएलाह अथि । एथह प्रकािे न
पंजी के थववाहक थनबंधन कहल जा सकै ि अथि । थकंविन्िी अनुसाि थमथिलाक ित्कालीन महािाज हरिथसंह
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 17
िेव नेहिा गाम मे एकटा पोखरि खनौलथन्ह आ ओकि यज्ञ मे थमथिलाक समस्ि ब्राह्मण के थनमरं ण िेल आ
िाही क्रम मे पंजी प्रबंध बनल, (मैष्टथल ब्राम्प्िण मिासभा, ष्टबराट िगर) ।
हरिथसंह देवक समयमे वश
ं ावली (पज
ं ीक व्यवस्िा) कें शरुु आत
पंजी प्रबन्धपवू ण मध्य कालमे ब्राह्मण कायस्ि आऽ क्षथरय वगणक जाथि शद्ध
ु िाक हेिु थनथमणि कएल
गेल । कोनो ब्राह्मणक जाथि शद्ध ु िाक हेिु उिेढ़ जानब आवश्यक िल । उिेढ़ वास्िवमे, साि परुु षक परिचय
अथि, जाथह हेि,ु एथह बत्तीस (३२) कुलक परिचय आवश्यक िै क, जेना - थपिा एवं मािाक थपिामह एवं
थपिामही ििा मािामह एवं मािामही के ि थपिामह एवं थपिामही आ मािा एवं मािामही के ि थपिा आओि एथह
बत्तीस पवू णजसाँ थववाह योनय व्यथि सािम पड़बाक चाही । एथह क्रममे श्रोथरय, योनय आ पंजीबद्ध श्रेणी कएल
गेल । जे लोकथन पजं ीबद्ध मे नथह अएलाह से जएबाि भेलाह । उिेढ़मे श्रोथरय मािृपक्ष में पााँच पीढ़ी ििा
थपिृपक्ष में साि पीढ़ी त्याथग थववाह किैि िलाह । योनय मार श्रोथरय साँ एथह अिणमे थभन्न िलाह जे ओ
लोकथन थपिृ-पक्ष में सािम पीढ़ीक त्याग किैि िलाह मिु ा योनय नथह किै ि िलाह । ई लोकथन थपिृ पक्षमे िाः
पीढ़ी आऽ मािृ पक्षमे पााँच पीढ़ीक त्याग कय थववाह किै ि िलाह । पजं ीबद्ध लोकथन थजनका वंशज सेहो कहल
जाईि अथि, मािृ पक्षमे चारि आऽ थपिृ-पक्षमे िाः पीढ़ी त्याथग कय थववाह किै ि िलाह ।
१४म सिी कें िोसि िशक िक पंजी- प्रिाक प्रचलन नथह िल । थकयो थकयो भलमानुस लोकै न
व्यथिगि रूपमे वंश परिचय िाखैि िलाह । िाजा हरिथसंह िेवक समयमे पंजी प्रबंध बनाओल गेल।
पंजीकाि लोकै न वंश परिचयक थनयमानुसाि अथभलेख िाख लगलाह । पजं ीकाि लोकै न कें सौिाठ
सभा सथहि पथू णणया, मंगिौनी, भिाम, भगविीपिु , जिैल, किुआ, चकौिी आओि कोइलख सहीि
अन्य स्िान मे प्रश्रय के लेल िाजाश्रय भेटलथन । कालांििमे सौिाठ एकि प्रमख ु कें र थबन्िु बनल ।
हाल वंशावली कें पंजी व्यवस्िापन मे सिकाि ििा स्िानीय प्रशासन के उिासीनिाक कािण ७००
वषण पिु ाण आििणीय पन्जीकाि महोियक संिक्षणमे िाखल पंजी सबहक अवस्िा अत्यन्ि ियनीय अथि । ई
एहेन अथभलेख अथि जे थमनटमे अपन सबहक पख ु ाणक नामावलीक जानकािी िऽ सकै ि अथि ।
पज
ं ी व्यवस्िा कें आवश्यकता कोना भेल ?
“ब्राहणानाम् समत्ु पन्ना िि् बीज किनम ििा,
किोथम िघिु वे ाख्यं , पंजी प्रबंध थबथनश्चयाः ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 18
चौिहम शिीमे कनाणट वश ं ीय थमथिलाक शासक िाजा हिीथसहं िेवजीक िाजििबािमे पिामशणिािाक
रूपमे पं. हरिनाि थमश्र कायणिि िलाह । हुनक पत्नी थनत्य ग्रामसाँ ििू एकटा थशवालयमे पजू ाक लेल जाईि
िलीह । एक थिन मथन्ििसाँ आबैि काल मागण में हुनका एकटा चाण्डाल भेटलथन, ओ चाण्डाल बिनीयि वश
धमणपिायण नािीकें पकिए चाहलक । पिञ्च ओही स्त्रीकें सिीत्वकें प्रभावक कािण ओ चाण्डाल हुनका पकै ड़
नथह सकल । ओ नािी हल्ला किै ि भागैि अपन गाम सिु थक्षि आओलीह । पिञ्च ओ चाण्डाल स्त्रीक ग्राम
पहुचलासाँ पथहनथहं गाम पहुथाँ च अपन सािी माफण ि सम्पणू ण गाम में अफवाह उिौलक जे चाण्डाल हरिनाि थमश्रक
पत्नीक धमण भ्रष्ट कए िेने अथि । ई खबि सथु न हरिनाि थमश्र अपन पत्नीकें परित्याग कए िेलथन। थबना थकिु
बुथझ सथु झ ििा जाचं पड़िाल के ने एथह प्रकािे न परित्यागक समाचाि बुझी पथण्डिक धमणपिायणी स्त्रीकें अपाि
िाःु ख भेलथन आ कथनक कालक बाि आाँथख खोललथन एवम पि शिीिमे नवीन चेिना जाग्रि होइके महससू
कएलथन, ििोपिान्ि अथह अन्यायक थवरुद्ध महािाजा हिीथसंह िेव जीक ििवािमे याथचका िाथखल कै लथन ।
थनणणय हेिु िाजा समय थनथश्चि क ििबािमे िनु ु पक्ष कें बजाओलथन ििा स्त्रीक पिीक्षा लेल गेल । पिीक्षा हेिु
िाजाक आिेश िल थक गिम टह-टह लाल लोहाक एक िोि पकड़लासाँ यथि स्त्री पाइक जाईि िथिन ि धमण
भ्रष्ट मानल जेिथन वा नथह पकला पि ओ नािी पथवर मानल जेिीह ििा ससम्मान स्वीकाि कएल जेिीह ।
एक थनथश्चि थिनमे ओ ब्राह्मणी िाज ििबािमे आओलीह आओि हुनका गिम िपि लोहा हािमे
पकड़ै लेल कहल गेलथन । नािी शपि लेलथन जे "हमिा चाण्डाल संग अंग स्पशण नथह भेल अथि आ यथि इ
सत्य अथि ि ईश्वि हमिा मिि किैि" । पिञ्च ई की भेल, ओही नािीके हाि पाईक गेलथन, अिाः िाजक थनणणय
अनुसाि ओ सिीकें त्याग क िेल गेल। अथह परिथस्िथिमे ओ पथिव्रिा नािीक कष्ट बेसी भ गेलथन, थकयाक िऽ
ओ जनैि िलीह जे हुनक अंग स्पशण नथह भेल िलथन, िैयो हाि थकया पकलथन ? अही थचिं ा मे ओ थिन िाथि
डुबल िहैि िलीह । एक बेि पनु ाः अपन अथनन पिीक्षा िैक हेिु ििबािमे याथचका िैि कहलथन जे "हमि थवरूद्ध
लेल गेल थनणणय मे थकिु रटु ी िही गेल अथि" । िाथह हेिु हमिा िबु ािा परिक्षा लैक व्यवस्िा कएल जाय ।
ब्राह्मणीक प्रािणना पि िनु ु पक्षक बिाओल गेल अनुसाि पनु ाः स्त्रीकें गिम िपि लोहा पकड़ैक लेल कहल गेल
एवम ओ कहलथनजे "हमि पथिक अलावा कोनो अन्य परू ु ष अगं स्पशण नथह भेल’’ ओही काल ओ स्त्रीक हाि
नथह पकलथन । सबगोटा आश्चयणचथकि भेलाह । िाजाक आिेशानुसाि ब्राह्मण ििा ब्राह्मणीक साि पीढ़ीक पणू ण
िानबीन कएल गेल एवम पिा चलल जे अही िनु ु पथि पत्नी एकै ऋथष गोर कें िलाह ििा समगोरी कें कािण
ई िनु ु गोटा भाय बथहन िालाह । अिाः सम गोरीमे पत्नी भेलाक कािण पं. हरिनाि थमश्र ि पथहनं थहसं ाँ चाण्डाल
भऽ गेल िलाह । एही कािण चाण्डाल शब्िक उपयोग किए के कािण ओ िेवी का हाि जैरि गेल िलथन ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 19
एथह घटनाक उपिान्ि िाज हरिथसहं द्वािा स्वजािीय शद्ध ु िा एवम स्वगोरीय कन्या कें साि थववाह नै
हुअ, अही उद्देश्यक पथू िण हेिु पंजी प्रचलन व्यवस्िा (वंशावली) कएल गेल, जे थक आई िक थवद्यमान अथि ।
पञ्जी साि प्रकािक होईि अथि । मल ू , शाखा, गोर, पर, िषू ण उिेढ़ आऽ एकटा आि । पञ्जीक
प्रािम्भसाँ पथहने सभ के यो अपन-अपन वंशावली स्वयं िाखैि िलाह । हिथसंह िेव िाथह हेिु एकटा संस्िाक
थनमाणण कएलथन्ह । मैथिल ब्राह्मणक हेिु गणु ाकि झा, कणण कायस्िक हेिु शंकिित्त आऽ क्षथरयक हेिु थवजयित्त
पञ्जीकाि थनय्ु त्त भेलाह । ििभगं ा निे श माधव थसंह शाखा प्रणयन पस्ु िकक आिेश िेलथन्ह । एथहसाँ पथहने
मल ू पञ्जी सभक समान रूपे ाँ बनैि िल । आब सोथि, जोग आऽ पञ्जीबद्धक हेिु फिाक शाखा पञ्जी बनाओल
जाए लागल । गोर पञ्जीमे सभ गोर आ िकि प्राचीन मल ू िहैि अथि । पर पञ्जी लगभग ३०० वषण पवू णसाँ
प्रचलनमे अथि । एथहमे मल ू ग्रामक उल्लेख िहए लागल । िषू ण पञ्जीमे वंशमे आएल क्षिणक उल्लेख िहैि
अथि । ई गोपनीय पञ्जी िीक आऽ एकिा सावणजथनक नथह कएल जाइि अथि । बहुि बािमे एकि चचण संभव
होईि अथि । उिेढ़ पञ्जी मे सथपण्डक थनवृथत्त होईि अथि- ि पिु खाक प्राप्त होईि अथि । मार िसाढ़-अिरियाक
पञ्जीमे मथहलाक पञ्जी भेटैि अथि ।
वश
ं ावली तिा पज
ं ी व्यवस्िाक उद्देश्य
वश
ं ावली ििा पंजी व्यवस्िाक मख्ु य उद्देश्य थनम्न अनुसाि अथि :
१. साि पीढी अन्िगणि समगोरी थववाहमे थनयन्रण,
२. िठी प्रभावक थनयन्रण,
३. थववाहक समय वैवाथहक थसद्वांिक ियािी,
४. वश ं मल
ू क सत्यापन,
५. बीजी परुु षकें जानकािी,
६. मैथिल ब्राह्मणक अथस्ित्व कायम,
७. मैथिल ब्राह्मणक उच्च सस्ं कािक सिं क्षण,
८. पवू णज प्रथि आििसचू क भावनाक अथभव्यथि ।
मैथिक ब्राह्मणमे वैवाथहक अथधकािक थनणाय
मैथिल ब्राह्मणमे थववाह सम्बन्धी थनणणय ििा वैवाथहक सम्बन्ध स्िापना हेिु बनाओल थसद्धान्ि हेिु
थनम्न थनयम लागु होईि:
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 20
थनयम १. कोनो कन्या अपन १६ परुु ष (थपिृकुल आऽ मािृकुल थमलाके ) साँ िठम स्िानमे िहैि
िथि, थजनका िथठ कहल जाईि िथन्ह । एथह िथठक थनधाणिण थनम्न प्रकािसाँ होईि अथि :
१. ्न्याक प्रथपिामहक थपिामह प्रिम िथठ,
२. कन्याक प्रथपिामहक मािामह थद्विीय िथठ,
३ कन्याक थपिामहक मािामह िृिीय िथठ,
४. कन्याक प्रथपिामहीक मािामह चिुिण िथठ,
५. कन्याक थपिामहीक प्रथपिामह पञ्चम िथठ,
६. कन्याक थपिाक मािामहक मािामह िठम िथठ,
७. कन्याक थपिामहीक प्रमािामह सािम िथठ,
८. कन्याक थपिामहीक मािृमािामह आठम िथठ,
९. कन्याक मािामहक प्रथपिामह नवम िथठ,
१० कन्याक प्रमािामहक मािामह िसम िथठ,
११. कन्याक मािामहक प्रमािामह एगािहम िथठ,
१२. कन्याक मािामहीक मािृमािामह बािहम िथठ,
१३. कन्याक मािामहीक प्रथपिामह िेिहम िथठ,
१४. कन्याक मािामहीक थपिृ मािामह चौिहम िथठ,
१५. कन्याक मािामहीक प्रमािामह पन्रहम िथठ,
१६. कन्याक मािामहीक मािृ मािामह सोलहम िथठ ।
उपिो्त्त समस्ि िथठक समान महत्त्व अथि । एथहमे साँ कोनो िथठ विक थपिृ पक्षमे अएला
पि उ्त्त वि कन्याक मध्य वैवाथहक अथधकाि नथह होएि । ओऽ िथठ यथि विक मािृकुलमे अबैि
िथि िाँ अथधकाि होएि ।
थनयम २. वि कन्याक गोर एक नथह हुअ ।
थनयम ३. वि कन्याक प्रवि एक नथह हुअ ।
थनयम ४. विक मािामह ओऽ कन्याक मल ू ओऽ मल ू ग्राम सथहि एक हुअ िाँ साि पस्ु ि धरि मािृ
सथपण्डक कािण अथधकाि नथह होयि ।
थनयम ५. विक थवमािाक भायक सन्िान कन्या नथह हुअ ।
मातृतः पञ्चमी त्यक्त्र्त्वा थपतृतः सप्तमीं भजेत-् मनुस्मृथत
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 21
चतिु ा िथठ
जेना- फे कू झाक ससिु - पाली मथहषी मल
ू क हषी झा, जेना- (१) हषी झा- (२) जामािा- फे कू झा (३)
जामािा कंटीि झा (४) परु - पीिाम्बि (५) शथशनाि (६) कन्या । एथह ििहेन कन्या हषी झासाँ िठम स्िानमे
िथि। िाथह हेिु ई चारिम िथठ भेल ।
पंचम िथठ
कन्याक थपिामहक श्वसिु क थपिामहसाँ कन्या िठम स्िान, जेना - सकिाढ़ी मलू क पिहट
मलू ग्रामवाला (१) ब्रजनाि झा (२) हुनक बालक हषणनाि झा (३) थहनक बालक थसथद्धनाि झा (४) थहनक
जमाय पीिाम्बि झा (५) हुनक बालक शथशनाि झा (६) थहनक कन्या- अस्ि,ु सकिाढ़ी पिहट ब्रजनाि झा
पााँचम िथठ कहौिाह ।
षष्ठम िथठ
जेना- पिहट सकिाढ़ी मल ू क हषणनाि झाक श्वसिु खण्डबला भौि मल ू क श्यामनाि ठाकुिक बालक
महेश्वि ठाकुिसाँ कन्िा िठम स्िानमे िथि- िाँ (१) महेश्वि ठाकुि (२) हषणनाि झा (३) थसथद्धनाि झा (४) पीिाम्बि
झा (५) शथशनाि झा (६) कन्या- एथह ििहे ाँ खण्डबला भौि मल ू क महेश्वि ठाकुि िठम िथठ कहौिाह ।
सप्तम िथठ
कन्याक थपिाक मािामहीक थपिामह- यिा हरिअम मल ू क बथलिाजपिु मल ू ग्रामक सेवानाि थमश्रक
पौरी, बालमक ु ु न्ि थमश्रक परु ी कन्याक थपिा शथशनाि झाक मािामही िथि, िाँय (१) सेवानाि थमश्र- परु (२)
बालमक ु ु न्ि थमश्र (३) जामािा- थसथद्धनाि झा (४) जामािा- पीिाम्बि झा (५) परु शथशनाि झा (६) परु ी-
कन्या, अस्ि,ु हरिअम बथलिाजपिु सेवानाि थमश्र ७म िथठ भेलाह ।
अष्ठम िथठ
कन्याक थपिामहीक मािृ मािामह, जेना- सोििपिु मल ू क सरिसब मल ू ग्राम वाला (१) गिाधि थमश्र-
जामािा (२) बालमक ु ु न्ि थमश्र- जामािा (३) थसथद्धनाि झा (४) जामािा पीिाम्बि झा- परु (५) शथशनाि झा
(६) कन्या। िाथह हेिु सोििपिु सरिसव गिाधि थमश्र आठम िथठ िथि ।
नवम िथठ
कन्याक मािामहक प्रथपिामह- खण्डबला मल ू क भौि मल
ू ग्राम (१) धमणनाि ठाकुि- परु (२) योगनाि
ठाकुि-परु (३) िगु ाणनाि ठाकुि-परु (४) नािायणित्त ठाकुि- जामािा (५) शथशनाि झा- िथनक (६) कन्या अिाणि्
धमणनाि ठाकुिसाँ कन्या- ६म स्िानमे िथि। िाँय धमणनाि ठाकुि नवम् िथठ भेलाह ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 23
दसम िथठ
कन्याक प्रमािामह (िगु ाणनाि ठाकुिक) मािामह- बभथनयाम मल
ू क कड़िाइन मलू ग्रामक सन्िलाल
झासाँ कन्या िठम स्िानमे िथि, जेना- (१) सन्िलाल झा- थहनक जमाय, (२) योगनाि ठाकुि (३) परु िगु ाणनाि
ठाकुि परु (४) नािायणित्त (५) जमाय- शथशनाि झा िथनक परु ी (६) कन्या । एथह हेिु बभथनयाम मल ू क
सन्िलाल झा १०म िथठ ।
११म िथठ
किमहा मलू क नड़़ुआि मल ू ग्रामक बििण झासाँ कन्या- िठम् स्िानमे िथि, जेना- (१ ) बििण- परु
(२) खेली- जमाय-(३) िगु ाणनाि ठाकुि (४) िथनक परु - नािायणित्त ठाकुि- जमाय (५) शथशनाि (६) परु ी-
कन्या- अस्िु बििण झा ११म िथठ ।
१२म िथठ
कन्याक मािामहक मािृमािामह खण्डवला मल ू क भौि मल ू ग्रामक जीख्खन ठाकुिसाँ कन्या िठम
स्िानपि, क्रम- (१) जीख्खन ठाकुि (२) खेली झा जमाय (३) िगु ाणनाि ठाकुि (४) परु - नािायणित्त- जमाय
(५) शथशनाि- परु ी (६) कन्या ।
१३म िथठ
कन्याक मािामहीक प्रथपिामह हरिअम मल ू क बथलिाजपिु मलू ग्रामक योगीलाल थमश्र। यिा- (१)
योगीलाल –परु (२) कमलनाि थमश्र (३) परु - शथिनाि थमश्र (४) जमाय- नािायणित्त ठाकुि- जमाय (५)
शथशनाि- परु े (६) कन्या ।
१४म िथठ
कन्याक मािामहीक थपिृमािामह अिाणि् सोिापिु मल
ू क थिगउन्ध मल ू ग्रामक कौथशल्यानन्ि थमश्र-
यिा- (१) कौथशल्यानन्ि थमश्र- िथनक जमाय (२) कमलनाि थमश्र िथनक (३)परु शथिनाि थमश्र, िथनक जमाय
(४) नािायण ित्त ठाकुि िथनक (५) जमाय शथशनाि झा- िथनक परु ी (६) कन्या ।
१५म िथठ
कन्याक मािामहीक प्रमािामह अिाणि् खण्डवला मल ू क भौि मल
ू ग्रामक महािाज कुमाि बाबू गणु ेश्वि
थसंह, जेना- (१) बाबू गणु ेश्वि थसंह- परु (२) बाबू लथलिेश्वि थसंह (३) जमाय- शथिनाि थमश्र- िथनक जमाय
(४) नािायणित्त ठाकुि (५) िथनक जमाय- शथशनाि झा- िथनक परु ी (६) कन्या ।
१६म िथठ
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 24
मानवक उत्पथि मथु न सबव्िािा भेल अथि । िैं जाथह वश ं क उत्पिी जाह मथु न द्वािा भेल िाथह वश
ं क नाम वाह
मथु नक नामसाँ िाखल गेल । मद्दु ा प्रिम मानिा थवशेष थवथध सम्मि अथि ।
मैथिल ब्राह्मण समाजमे गोर वंशा-बोधक िीक । मैथिल ब्राह्मणक समस्ि गोर थपिृ प्रधान होइि
अिाणि् प्रत्येक गोर अपन-अपन वश ं क प्राचीनिम ज्ञाि महापरुु षक नाम िीक । मैथिल ब्राह्मणमे सभ थमलाए
२० गोट गोर अथि । मैथिल ब्राह्मणमे साि गोट गोरक कुल व्यवथस्िि, सपु रिथचि ओ बहुसंख्यक अथि । ई
साि गोर िीक- १. शाथण्डल्य, २. वत्स, ३. काश्यप, ४. सावणण, ५. पिाशि, ६. भािद्वाज आ ७. कात्यायन ।
शेष १३ गोट गोर िीक- १. गगण, २.कौथशक, ३. अलाम्बक ु ाक्ष, ४. कृ ष्णारेय, ५. गौिम ६. मौद्गल्य, ७. वथशष्ठ,
८. कौथण्डन्य, ९.उपमन्य,ु १०. कथपल, ११. थवष्णवु थृ द्ध, १२. िथण्ड आ १३. जाथिकणण ।
प्रत्येक गोरमे कोनो गामक मल ू होईि अथि । थमथिला मे १५३ मल ू क ब्राह्मणक परिचय प्राप्त होईि
अथि । किैक मल ू एहन अथि, जे एकसाँ बेसी गोरमे पाओल जाईि अथि । जेना- ‘ब्रह्मपिु ा’ एहने मल
ू िीक ।
एथह मल
ू क ब्राह्मण- शाथण्डल्य, वत्स, काश्यप, अलाम्बुकाक्ष, गौिम ओ गगण गोरमे पाओल जाइि िथि ।
समस्ि भाििवषणमे सम्पणू ण ब्राह्मण समाजक मार २४ ऋथष मलू गोर किाण होईि, जाथह मेसाँ मैथिल
ब्राह्मण समाज कें १५ ऋृथष गोर अथि- १. शाथण्डल्य, २. वत्स, ३. काश्यप, ४. पािाशि, ५. भािद्वाज, ६.
कात्यायन, ७. गौिम, ८. कौथशक, ९. कृ ष्णारेय, १०. गानयण, ११. थवष्णवु थृ द्ध, १२. सावणण, १३. वथशष्ठ, १४.
कौथण्डन्य आ १५. मौद्गल, (श्रोत: https://maithil brahminmahasabha.in/gotra1/) ।
जाथह गोरक सामवेि होइि, िकि कौिमु ी शाखा आ गोथभल सरू होईि अथि । वामथशखा अिाणि्
बाम थिस मोरिकें थशखामे गाठं िेनाय औि बाम पाि अिाणि् यज्ञाथि शभु कायणमे वाम चिण प्रिम पक्षालन के नाय
ििा गांधवण उपवेि आओि थवष्णिु वे िा होईि अथि ।
जाथह गोरक यजवु ेि होइि, िकि धनुवेि उपवेि होईि अथि आओि माध्याथन्िनी शाखा, कात्यायन
सरू , िथक्षण थशखा अिाणि् शभु काजमे िााँया थिस मोरिकें थशखामे गीिह िेनाय आओि िथक्षण पैि धोनाय एवम
थशव िेविा मानल जाईि अथि । मैथिल ब्राह्मणक इष्ट िेवी िगु ाण मानल जाईि । गायरी गरू
ु मरं होइि ।
कश्यपौ वत्स शांथडल्या, कौथशकश्च धनंजया ।
षडंते थवप्राः सामवेदाः, शेषे यजवु ेथदनः ।।
अथहमे काश्यप, वत्स, शाथं डल्य औि कौथशक सामवेिी व शेष यजवु ेिी होईि अथि ।
प्रवि संख्या तिा नाम
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 26
के नेहािक हव्य िेविो नै स्वीकाि किैि अथि । िाथह हेिु सभ ब्राह्मण कें लेल प्रवि नामोच्चािण कएनाय
आवश्यक िल । आपस्िम्बक किानानुसाि, प्रविक स्मिण कें अभावमे आचायण कें प्रवि प्रयोग कएल जा सके ि
अथि । िाथह हेिु प्रविके समाजमे बड महत्वपणू ण स्िान अथि । प्रायाः समस्ि सरू काि लोकथन सप्रवि थववाह कें
वथजणि कएल गेल अथि ।
सस्ं काि प्रकाशमे उद्धि आपस्िम्ब के मिानुसाि, कोनो लोकथन सप्रवि कन्या कें संग समागम
कएलाक परिणाम, ओ अपन जाथिसाँ हीन भ जाइि अथि ििा ओकि सन्िान चंडाल होईि अथि ।
प्रवि यज्ञक आधाि िीक । अिाः यज्ञमे प्रविक पाठ होईि अथि । प्रवि कें बािमे ‘आषेय’ सेहो कहल
गेल अथि- जकि अिण िीक ऋथष साँ संबंध िाखए वला (ऋनवेि-०९/९७/५१) । शोनक ऋथषक सथु वख्याि पवू णज
लोकथन मैथिल ब्राह्मण मध्य प्रवि कहबैि िथि अिाणि् ऋगवेिक ऋचाक प्रणेिा लोकथन प्रवि थिकाह ।
गौङ ब्राह्मणक गोि सारिणी
क्र. गोि नाम प्र. स.ं वेद उपवेद शाखा सुि िंद थशखापाद देवता िाि
१ काश्यप ३ सामवेि गन्धवणवेि कौिुमी गोथभल जगिी वाम थवष्णु पथश्चम
२ वत्स ५ सामवेि गन्धवणवेि कौिुमी गोथभल जगिी िथक्षण थवष्णु पथश्चम
३ सावणण ५ सामवेि गन्धवणवेि कौिमु ी गोथभल जगिी वाम थवष्णु पथश्चम
४ पिाशि ३ यजुवेि धनुवेि माध्यथन्िनी कात्यायन अनुष्टुप िथक्षण थशव िथक्षण
५ गौिम ३ यजुवेि धनुवेि माध्यथन्िनी कात्यायन अनुष्टुप िथक्षण थशव िथक्षण
६ शाथण्डल्य ५ सामवेि गन्धवणवेि कौिुमी गोथभल जगिी वाम थवष्णु पथश्चम
७ अथर ३ ॠगवेि आयुवेि शाकल्य आश्वलायन गायरी पूवण ब्रह्मा पूवण
८ अगस्ि ३ यजुवेि धनुवेि माध्यथन्िनी कात्यायन थरष्टुप िथक्षण थशव िथक्षण
९ कौथशक ३ सामवेि गन्धवणवेि कौिुमी गोथभल जगिी पथश्चम थवष्णु पथश्चम
१० जामिगथनन ३ यजवु ेि धनवु ेि माध्यथन्िनी कात्यायन अनष्टु ुप पथश्चम थशव पथश्चम
११ भािद्वाज ३ यजुवेि धनुवेि माध्यथन्िनी कात्यायन अनुष्टुप िथक्षण थशव िथक्षण
१२ थवश्वाथमर ३ यजवु ेि धनवु ेि माध्यथन्िनी कात्यायन अनष्टु ुप िथक्षण थशव िथक्षण
१३ कृ ष्णारेय ३ सामवेि गन्धवणवेि कौिुमी गोथभल गायरी पथश्चम थवष्णु पथश्चम
१४ गगण ५ यजुवेि धनुवेि माध्यथन्िनी कात्यायन अनुष्टुप िथक्षण थशव िथक्षण
१५ कात्यायन ३ यजुवेि धनुवेि माध्यथन्िनी कात्यायन थरष्टुप िथक्षण थशव िथक्षण
१६ कौथण्डल्य ३ अिवेि स्िापत्यवेि शौथनकी शाखा बोधायन अनुष्टुप उत्ति वाम उत्ति
१७ उपमन्यु ३ यजुवेि धनुवेि माध्यथन्िनी कात्यायन थरष्टुप िथक्षण थशव िथक्षण
१८ कुथशक ३ यजुवेि धनुवेि माध्यथन्िनी कात्यायन थरष्टुप िथक्षण थशव िथक्षण
१९ भागणव ५ सामवेि गन्धवणवेि कौिमु ी गोथभल जगिी पथश्चम थवष्णु पथश्चम
२० वात्सायन ३ सामवेि गन्धवणवेि कौिुमी गोथभल जगिी वाम थवष्णु पथश्चम
२१ वथशष्ठ ३ यजुवेि धनुवेि माध्यथन्िनी कात्यायन थरष्टुप िथक्षण थशव िथक्षण
२२ मुिगल ३ यजुवेि धनुवेि माध्यथन्िनी कात्यायन थरष्टुप िथक्षण थशव िथक्षण
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 28
मैथिल ब्राह्मण सवणप्रिम जाथह गाममे वास कएलथि ओही गाम के नामसाँ हुनक वश ं कायम भेलथन
आ एखन िक से व्यवस्िा कायम अथि । मैथिल ब्राह्मण समाजमे गोर वश ं क बोध मानल जाईि ।
ब्राह्मणक गोर थपिृ प्रधान एवम प्रत्येक वश ं क प्राचीनिम ज्ञाि महापरुु षक नाम िीक । अस्ि,ु
गोर आ गोरापत्य अिाणि गोरक सन्िान मध्य िि सम्बन्धक सचू ना िीक । थमथिलामे ब्राह्मणक
लेल कुल बीस (२०) गोर अथि । आगााँ गोर आ गोरसाँ सम्बथन्धि मल ू क प्राकृ थिक उच्चािण ििा
लोक भाषा मे मल ू क उच्चारिि स्वरूपक वणणन कएल जा िहल अथि जकिा गोर पजं ी कहल
जाईि :
१. अि काश्यप गोिस्य मल
ू
मौथलक उच्चािण लौथकक उच्चािण मौथलक उच्चािण लौथकक उच्चािण
ओइनी ओइनवाि खौआल खौवाड़य
संकिाढ़ी सकथड़वाि जगथि जगथिवाि
िरिहिा िरिहिे वा िथलहिे माण्डि मड़िय
बथलयास बथलयासे/बथलयासय पचाउट पचाउटे/पचौटे
कटाई कटैवाड़ सिलखा सिलखे
पण्डुआ पडुए माथलि माथलि
मेिन्िी मेिण्िी भिआ ु ल भिआु लय
पकथलया पकथड़ये बुधवाल बुधवाड़े
थपभयू ा थपभयू ा मौिी मौरिये
भिू हिी भिू हिी िािन िाजन
थवस्फी थवषयवाि िरिया िरिये
िोस्िी िोस्िीवाड़ भिे हा भिहे
कुसम्ु बाल कुसमाड़य निवाल निवाले
लगिु िह लगिु िहे
२. अि शाथण्डल्य गोिस्य मल
ू
मौथलक उच्चािण लौथकक उच्चािण मौथलक उच्चािण लौथकक उच्चािण
थिघोष थिघवे सरिसव सरिसवे
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 30
भाग २
वंशवृक्ष तिा वंशावली
झा परिवाि
गोि - काश्यप
मूल - बथलयासे, बुर्ेव
प्रवि - तीन (३)
पवू ावासी - सागिपिु
सम्प्रथतवासी - िहुआ-सग्रं ाम एवम खजुिी
ग्राम - िहुआ-सग्रं ाम आ थवष्णुपिु -खजिु ी
िाना - भेजा (२९९)
मधेपुि, झंझािपिु , मधुबनी, थबहाि, भाित
पीन कोड - ८४७४०८
बीजी पुरुष
बथलयासे-एकमा सँ
(श्रोत : पररष्टशि १)
वंशवृक्ष
िहुआमे प्रिम चारि पीर्ीकें वंशवृक्ष
(मल ू - बथलयासे-बर्ु ेव)
श्रोत: पररष्टशि - १च, पं. जिादथि झा, रिुआ
१७. पं नयन झा (नैन झा )
१९. िल
ु सी झा थशवित्त झा थधअथन- (रजौर) थभखािी झा थधअथन थधअथन- महुआि धौली झा
२०. कालीचिण झा गोपाल झा पुरी- चनिी िाय ढोढाई झा मिु ािी झा िंगी झा नेनन झा बलम झा बुन्नी झा
पष्टत- बल
ु दं ी झा (खजिु ी )
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 40
वंशावली
नयन झा कें प्रिम पुि
प.ं आना झा
(पीढी १६ +०२)
परु - २
I. पं. िुलसी झा पीढी ०३
II. प.ं थशवित्त झा
I. प.ं तुलसी झा पीढी १६+०३
परु - २ एवम परु ी- १ ; १. कालीचिण झा, २. गोपाल झा पीढी ०४
परु ी- - चनिी िाय (पथि- बल ु ाकी झा), परियाम
१ . प.ं कालीचिण झा पीढी ०४
परु - २ ; i ग्रहीलाल झा, ii थझंगिु झा, iii. द्वारिका नाि झा पीढी ०५
परु ी - १ ; अनुिागी
सपु रु ी - १ ; गोथवन ; परु - सख ु िेव झा (भथगनवान), कोिवी
i. ग्रहीलाल झा
परु - भैिवा झा पीढी ०६
थद्विीय थववाह - मधेपिु - नावल्ि)
ii. थझगं िु झा पीढी ०५
परु - ३ ; a. थब्रजथबहािी झा (िामोिि झा), b. अवध झा, c. अथभनािायण झा पीढी ०६
a. थब्रजथबहािी झा
परु - कुलानन्ि झा पीढी ०७
परु - २ ; १. िवीन्र नाि झा आ शैलन्े र नाि झा
b. अवध झा पीढी ०६
परु - जीवानन्ि झा पीढी ०७
परु - २ ; १. नवीन झा, २. श्रवण झा पीढी ०८
c. अथभ नािायण झा
परु – हरिशंकि झा ; परु ी – शभु कला
iii. िारिका नाि झा पीढी ०५
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 41
क. प्रेम कुमाि झा
परु : चन्िन झा
ख. मनोज कुमाि झा
परु - २ ; अ. थबथपन कुमाि झा, आ. अपवु ाण नािायण झा
२. िाम चन्र झा
परु - २ ; क . िमेश झा , ख. िाजेश झा
क. िमेश झा
परु - १ : सम्यक झा
ख. िाजेश झा
परु ी - १ : रिथध झा
II. प.ं थशवदर्त् झा पीढी ०३
परु - २ ; १. ढोढाई झा, २. मसु िी झा पीढी ०४
१. प.ं र्ोर्ाई झा
परु - ३ ; i. मनमोहन झा, ii. प्रजापथि झा, iii.कृ ष्ण ित्त झा- × पीढी ०५
i. मनमोहन झा
परु - १ : िगु ाणित्त झा ; (इन्रमा) - × पीढी ०६
परु - १ : इन्र नािायण झा (नुनु झा) पीढी ०७
परु - १ : टेक नािायण झा पीढी ०८
परु - ३ : १. िाघव झा, २. माधव झा, ३. संजीव झा पीढी ०९
ii. प्रजापथत झा पीढी ०५
परु - १ : प.ं जनादान झा पीढी ०६
परु - ५ ; i. यशोिा नन्ि झा, ii. शाििा नन्ि झा, iii. गगं ा प्रसाि झा,
iv. िमा नन्ि झा, v. सथच्चिा नन्ि झा पीढी ०७
i. यशोदा नन्द झा पीढी ०७
परु - २ ; १. िेवेन्र झा, २. घनश्याम झा पीढी ०८
१ . िेवेन्र झा
परु - २ ; क. िाज कुमाि झा, ख. सौन्ियण झा (सोनु) पीढी ०९
क. िाज कुमाि झा
परु - २ अ. रिशव कुमाि झा, आ. रििीक कुमाि झा पीढी १०
२. घनश्याम झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 43
१. िेव नािायण झा ;
परु ी – मोिी िेवी
पथि - बाबु साहब झा (वास : सासिु - िहुआ) ,
गोर - साथण्डल्य ; मल ू – कुथजलवाि, प्रवि - ३
परु - ३ ; क. अरुण झा, ख. थिलीप झा, ग. कन्हैया झा
क. अरुण झा (भथगनवान)
परु - २ ; अ. बबलु झा, आ. डब्लु झा
ख. थिलीप झा
परु - १ ; प्रकाश झा
ग. कन्हैया झा
परु - २ ; अ. सथु जि झा, आ. गल ु ाब झा
२. सत्य नािायण झा (भथगनवान)
परु ी - ३ : अ. महेश्वि झा, आ. भवु नेश्वि झा, इ. ित्नेश्वि झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 45
१. शम्भु झा पीढी ०८
परु - २ ; १. अथभजीि झा, २. सजु ीि झा पीढी ०९
२. थवसम्भि झा
परु - १
३.भीला झा
c. िाम गोथवन्द झा पीढी ०६
परु - ४ ; १. थशवचन्र झा, २. टुनटुन झा, ३. ललन झा, ४. मिन झा पीढी ०७
१. थशवचन्र झा
परु - १ ; थबन्िेश्वि झा पीढी ०८
परु - १ ; थनथिश झा पीढी ०९
२. टुनटुन झा
परु - ३ ; १. के शव नाि झा, २. मिु ािी झा, ३. पप्पु झा
३. ललन झा
परु - १ ; सोनु झा
४.मिन झा
परु - २ ; ..........., ..............
ii. प.ं लथलत झा पीढी ०५
परु - १ ; िामरूप झा पीढी ०६
िामरूप झा
परु - ४. ; १. कमल नािायण झा, २. सवण नािायण झा (कािी झा),
३. इन्र नािायण झा, ४. महेन्र नािायण झा पीढी ०७
१. कमल नािायण झा
परु - २ ; क. सख ु लाल झा, ख. . धमणु झा पीढी ०८
परु ी - ३ ; ग. मनु (पचही), घ . अनु (द्वालख), ङ. सधु ा (बााँकी)
क. सख ु लाल झा
परु - १ ; िोशन झा पीढी ०९
ख. धमणु झा
परु - २ ; १. सभु ाष झा, २. थवकास झा
परु ी - जल
ु ी (बााँकी)
२. सवण नािायण झा (कािी झा) पीढी ०७
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 47
i. िाधाकृ ष्ण झा - ×
ii. िाधेश्याम झा
परु - ४ ; १. चंरकान्ि झा, २. अरुण झा, ३. श्रवण झा, ४. अमि झा पीढी ०७
१. चंरकान्ि झा
परु - १ ; अथमि झा पीढी ०८
परु – १ : ...................
२. अरुण झा
परु - १ ; मकु े श झा
३. श्रवण झा
(थववाहक बाि ित्काल िेहावसान)
४. अमि झा
परु - ३ ; १. मनीष झा, २. लालु झा, ३. थप्रन्स झा
३. पं. बुन्नी झा पीढी ०४
परु ी - बढथनयााँ (िथहका थववाह ; म्सिु न झाक भ्रािासगं )
ग्राम- खजुिी
खजुिी कें इथतहास
थकंविथं िक किन अनुसाि, पिाल काल मे फकीि टोलकें वरिपिी खजिु गािक वन िल । ओही वनक
नजिीक ििभंगा िाजक िहसील कायाणलय अवथस्िि िल एवं ओही खजिु कें गािक नामसाँ थवष्णपु िु मे खजिु ी
नाम जोिल गेल । वास्िथवक रूपमे खजिु ी ग्रामका के न्र थबन्िु फकीि टोल अथि । खजिु ी ग्राम कें थवष्णपु िु -
खजिु ी सहो कहल जाईि, (श्रोत: िागो ष्टसंि, खजिु ी) ।
हाल गाममे पं. ब्रजनन्िन थमश्र द्वािा स्िाथपि सिकािी +२ उच्च थवद्यालय आ प्रािथमक थवद्यालय
स्िाथपि अथि । एही गाम मे पिोपकािी, धाथमणक एवं सामाथजक उधेश्य हेिु थगिमैन िाय (जे थगिमैन थमसिाइन
कहाबैि िलीह) आ पिु नी िाय द्वािा सन् १८२५-१८४५ मे अनेकौं पोखैि समाजक कल्याण हेिु खनु ाओल
गेल िल जे हाल गाममे प्रमाथणि अथि ।
एथह गाममे थभन्न-थभन्न प्रकािक वगण ििा जाथि कें वास अथि, जेना- ब्राम्हण, िाजपिु , मल्लाह,
यािव, बढई, पण्डीि, हजाम, कामि, पासवान, िेली, मोची, मसु लमान इत्याथि ।
थववाह - सभागााँव
पथि - िामचन्र झा
धमणथपिा - सीिापथि झा
धमणथपिामह - यािव लाल झा ; थपिा - गिु ि झा ; थपिा - भैया झा
सोनिायके परु - ३ ;
१. कामेश्वि झा, २. ित्नेश्वि झा (िख ु वा / बी. डी. ओ.),
२. थवशेश्वि झा (थद्विीय थववाह, जनािणनपिु साँ)
ख. रुपदाय
थववाह - भीठ भगवानपिु
पथि - िया कान्ि झा
धमणथपिा - चौठी झा
धमण थपिामह - फुिी झा
परु - २ ; १. फुिी, २. ............ ििा परु ी - २ ; मालिी (िथसआिी) एवं मीना (पचही)
ग. यशोदाय
थववाह - थसझौल, बिसाम
पथि - िजनी झा
धमणथपिा - इन्र झा
धमण थपिामह - गोपलु झा
परु - २ ; १. ललन झा २. मिन झा
परु ी- ५ ; १. मीिा (िथसयािी), २ . हीिािेवी (द्वालख), ३. लालिाय (कुमिौल),
४. मोिी िेवी (कुमिौल), ५. मथण िेवी (सभागााँव)
II. पं. अच्चीता नन्द झा पीढी ०५
पण्ु य थिथि- १९६० ; मृत्यु के समय उम्र - ६५-७०
थववाह: प्रिम - आधािपिु एवम् थद्विीय - कठिा (थमश्रक परिवाि)
परु ी - १ एवम परु - २ ; परु ी - १. गोिाबिी िेवी ; परु - २. शोभाकान्ि झा, ३. िाजकान्ि झा
शोभा कान्ि झाकें मथमयौि बथहन- िलिलक सीयािाम झाके भायाण.
१. गोदाबिी देवी
थववाह - महिैल, झंझािपिु
पथि - जगिीश झा
परु - ३ ; परु ी - १ ; अ. हषण नािायण झा ( थववाह - हरिना), आ. अनमोल झा (थववाह - पचिह),
इ. धैयण नािायण झा (थववाह - थचकना), ई. परु ी - सथु धिा िेवी (ष्टववाि - ष्टतलाि; पष्टत - गोपाल झा)
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 52
थववाह - िथसयािी
धमणथपिा - अथभ नािायण झा ; गोर- वत्स
धमणभ्रािा - मनोज कुमाि झा
परु - २ ; अ. थहमान्शु झा, आ. आथित्य झा
आ . नवीन कुमाि झा
जन्म थमथि - १९७७
भायाण - बथबिा िेवी ; थववाह - बुढेव
परु - १ ; थप्रन्स कुमाि झा
धमणथपिा - िािाकािं ठाकुि , गोर - साथण्डल्य
इ . भषु ण कुमाि झा
जन्म थमथि - १९७९
थववाह - ठे न्गहा
भायाण- सल ु ेखा िेवी
परु - १; थपयषु कुमाि झा
धमणथपिा - हीिा कान्ि झा, गोर- वत्स
धमणभ्रािा - सत्य नािायण झा
ई . सधु ीि कुमाि झा
जन्म थमथि - १९८३
थववाह - ठे न्गहा
भायाण - प्रीथि िेवी
परु – २ ; १. आयषु कुमाि झा, २. सन्ु ििम कुमाि झा
धमणथपिा - सिोज झा ; गोर- साथण्डल्य
धमणभ्रािा - थकसन कुमाि झा
ग. थदलीप कुमाि झा पीढी ०७
जन्म थिथि - १९६८ / १९६७
भायाण - वीणा िेवी
थववाह - िहुआ
धमणथपिा - गणु ानन्ि झा
धमणभ्रािा - बैधनाि झा, जगन्नाि झा (बचु थनयाकें पथि), धमण नाि झा
परु - १ ; परु ी- २ ; अ. आनन्ि कुमाि झा, ; परु ी - आ. चन्िा, इ. िन्नु
घ. थनजाला देवी
थववाह – किहािा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 54
पथि - भल्लु झा
धमणथपिा - िािा कान्ि झा
परु - २, १. शक ं ि झा , २. शम्भु झा ; परु ी- १ ; थशवानी
३. िाज कान्त झा पीढी ०६
पण्ु य थिथि - १९८२
थववाह - िलिल
भायाण - लथु िया िेवी (पण्ु य वषण - २०१९)
धमणथपिा- घोंघी झा ; गोर - सावणण ; मल ू - पथनचोभे, भानपिु
परु - २ ; क. उग्र मोहन झा, ख. प्रिीप कुमाि झा,
परु ी - २ ; ग. मीना िेवी (द्वालख), घ. पनु ा िेवी (द्वालख)
क. उग्र मोहन झा पीढी ०७
जन्म थिथि - १९६२, नवम्बि १
थववाह - सभागााँव
भायाण - िन्जु िेवी
धमणथपिा - हीिा झा ; गोर - कात्यान ; मल ू - कुथजलवाि
धमण थपिामह - झािीबाबु झा
परु - २ : अ. चन्िन कुमाि झा आ. कुन्िन कुमाि झा ,
परु ी - २ : इ. िानी झा (द्वालख) ई. थकिण झा (िहुआ)
अ . चन्िन कुमाि झा पीढी ०८
जन्म थिथि - १५ फिविी, १९८६
थववाह - थबिगथनया, सीिामढी
भायाण - थस्वटी झा
धमणथपिा - थवक्रम झा ; गोर - वत्स
धमण थपिामह - उमाकान्ि झा
परु - २ ; १. अथविाज झा, २. अद्वैि झा
आ. कुन्िन कुमाि झा
इ. िानी झा
थववाह - द्वालख
पथि - जयिाम झा
ई. थकिण झा (िहुआ)
थववाह- िहुआ
पथि- िीवाकि झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 55
भायाण - आशा झा
धमणथपिा- बेिानन्ि चौधिी ; गोर- साथण्डल्य ; मल ू - कोिरिया, पचािी
(धमणथपिा के धमण भ्रािा, चन्ु नी- गोपाल झा ििा भपु ाल झा)
धमणभ्रािा - शम्भु , शंकि, थशव चौधिी
परु - २ ; १. िीपक झा, २. परुु षोत्तम झा
ग. लालदाय देवी
थववाह - रुपौली
पथि - शरध्ु न पाठक ; गोर- सावणण , मल ू - पन्चोभय, पिमपिु
धमणथपिा - पथु नधि पाठक
धमणथपिामह - िाम गल ु ाम पाठक, धमण पिथपिामह - िाम लाल पाठक
परु - २, परु ी- ३ ; अ. ब्रज चन्र पाठक, आ. अथमिेश पाठक, इ. अचणना (द्वालख),
परु ी - ई. वन्िना (झंझािपिु ), उ. िन्जना (घोंघिडीहा)
घ. िीता देवी
थववाह - िहुआ
पथि - चन्र मोहन झा
धमणथपिा - उमा कान्ि झा गोर- कात्यान
परु - १ ; परु ी – २ ; अ. के शि कुमाि झा ; परु ी - आ. थमनु इ. नीशा
ङ. सथु नता देवी
थववाह - नवटोल
पथि - आथित्य नाि झा
ii. गंगा नन्द झा पीढी ०६
पण्ु य थिथि -११ जनविी, १९८७
थववाह - बिाही, सहिसा
भायाण - शाथन्ि िेवी
धमणभ्रािा- गोपाल कृ ष्ण झा
धमणथपिा- बाबसु ाहब झा गोर- साथण्डल्य, मल ू - जलेबाि, लगमा
धमणथपिामह – िशिि झा
परु - िीन, परु ी- एक; क. िगु ाण नन्ि झा, ख. कृ पा नन्ि झा, ग. काली नन्ि झा,
घ. सोखो िेवी (सरिसवपाही)
क. दुगाा नन्द झा पीढी ०७
थववाह - धमसैन
भायाण - बीणा झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 57
धमणथपिामह - सोमन झा
परु - १ ; िन्जीि कुमाि झा (गडु ् डु)
परु ी - ३ ; २. गथु डया (कोइलख), ३. बबल ु ी (टटुआि) ४. अचणना (हटनी)
घ. िंजु झा
सासिु - िहुआ
पथि - माधव झा
धमणथपिा - बाबु साहेब झा
परु - २ ; १. डा. िाके श कुमाि झा , २. प्रिीप कुमाि झा
ङ. अन्जु झा
सासिु - टेंगिी
पथि - सथु धि झा
परु - २ ; १. थबट्टु, २. बन्टी
च. ममता झा
सासिु - िलिल
पथि - उगन झा
धमणथपिा- कमलाधि झा
परु - १, परु ी - १: १. आथशष कुमाि झा, २. थनशु
२. श्यामा नन्द झा पीढी ०६
थववाह - सभागााँव
धमण भ्रािा- १. बटोही बाबु २. झािी बाबु ३. नुनु बाबु
परु - २, परु ी- २ ; क. चन्र कुमाि झा, ख. अरुण कुमाि झा, ग. सजु ािा िेवी (बिसाम),
घ. पिु ुल िेवी (िथसयािी)
क. चन्ि कुमाि झा (बाबस ु ाहेब) पीढी ०७
थववाह - जनािणनपिु
भायाण - हेम िेवी
धमणथपिा - हषण नािायण ठाकुि
धमणभ्रािा - अरुण कुमाि ठाकुि
परु - १, परु ी- २ ; अ. आशिु ोष कुमाि झा ; परु ी - आ. भाििी िेवी (मधेपिु ),
इ. कल्पना िेवी (िथसयािी)
अ. आशिु ोष कुमाि झा
ख. अरुण कुमाि झा पीढी ०७
परु - २, परु ी - १ ; अ. सभु म कुमाि झा आ. सत्यम कुमाि झा , परु ी ;
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 62
इ. - अश
ं ु िेवी (भगवानपिु )
इ. परु ी - अशं ु िेवी
पथि - पारििोस ठाकुि
थववाह - भीठ भगवानपिु
धमणथपिा - अरुण ठाकुि
धमण थपिामह - मिन मोहन ठाकुि
ग. सज ु ाता देवी
थववाह – बिसाम ; पथि - भोलन झा
घ. पुतल ु देवी
थववाह - िथसयािी
धमणथपिा - इन्रिेव झा
३. इन्रभामा िेवी
थववाह - सभागााँव
पथि - प.ं नागेश्वि थमश्र
परु – २, परु ी - १ : क. िामलोचन थमश्र ख. जयलोचन थमश्र ; परु ी- थनमणल िेवी (घोंघिडीहा)
४. सीिा िेवी
थववाह - बिसाम
पथि- उिय कान्ि झा
परु – ५ ; क. िाघव झा, ख. शरध्ु न झा, ग. िाधाकृ ष्ण झा, घ. िमा नन्ि झा, ङ. िवीन्र झा
V. सहदेव झा पीढी ०५
(रंगी झा कें दलदल ष्टववािसाँ पत्रु सिदेव झा)
पण्ु य वषण - १९२४ - १९२९ मध्य
थववाह - सभागााँव
भायाण - िमा िेवी (िोटा मैंया) ; लेखक गरू ु मािा
धमणथपिा - चन्रेश्वि झा
िमा िेवी पण्ु य थिथि - १९७९ ई.
िंगी झा कें पुिी- ३
१. सुदामा देवी (िालख) - िमौली थववाह सँ
२. भल ु नी देवी (सभागाँव) - दलदल थववाह सँ
३. रुक्त्मणी देवी (सोलनी) - दलदल थववाह सँ
१. सदु ामा देवी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 63
चौधिी परिवाि
ग्राम - खजुिी
पो. - दलदल, मधेपुि, मधुबनी, थबहाि
गोि - गौतम
मूल - ब्रम्हपुरिये, ब्रम्हपुि
प्रवि – ३
(खजिु ीमे नेहाल चौधिी ब्रम्हपिु साँ आबी वास कएलथन)
वंशवृक्ष
१. पं. नेहाल चौधिी
३. पं. जयकान्ि चौधिी (जयनन्िन), श्रीकान्ि चौ.-x उमाकान्ि चौ. हरिकान्ि चौ. नवकान्ि चौ.
४. सूयण नािायण चौधिी कमल नािायण चौधिी ४. इन्रिेव चौ. उग्र ना. चौ. बोध चौ. पिबोध चौ. मंगनु गणेश चौ.
वंशावली
पं. नेहाल चौधिी पीढी ०१
परु - ३ ; I. बच्चा चौधिी , II. कुन्जे चौधिी, III. पन्चे चौधिी पीढी ०२
I. पं. बच्चा चौधिी- X
II. पं. कुन्जे चौधिी
परु - १. पं. जयकान्ि चौधिी (जय नन्िन) पीढी ०३
परु - २ , १. सयु ण नािायण चौधिी, २. कमल नािायण चौधिी पीढी ०४
१. पं. सयु ण नािायण चौधिी
परु - ३ , अ. महेन्र चौधिी , आ. िेवेन्र चौधिी , इ. नागेन्र चौधिी पीढी ०५
अ. महेन्र चौधिी
परु – ४ ; १. संजय, २. थनिंजय, ३. िंजन, ४. िंथजि चौधिी पीढी ०६
१. संजय कुमाि चौधिी ; परु – श्रेया
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 66
आ. िेवेन्र चौधिी
परु – २ ; १. चन्िन, २. कुन्िन चौधिी
इ. नागेन्र चौधिी (िे िगि)
परु – ३ ; १. िाके श चौधिी , २. िाजेश चौधिी, ३. बृजेश चौधिी
२. पं. कमल नािायण चौधिी
परु - ३ ; अ. िाजेन्र चौधिी , आ. अमिे न्र चौधिी , इ. गोथबन्ि चौधिी पीढी ०५
III. पं. पन्चे चौधिी पीढी ०२
परु - ४ ; क. श्रीकान्ि चौधिी, ख. उमाकान्ि चौधिी ,
ग. हरिकान्ि चौधिी, घ. नवकान्ि चौधिी पीढी ०३
क. श्रीकान्ि चौधिी – X
ख. उमाकान्ि चौधिी पीढी ०३
परु – २ ; अ. इन्रिेव चौधिी, आ. उग्र नािायण चौधिी पीढी ०४
अ. पं. इन्रिेव चौधिी (सिु िी)
परु - २ ; १. योगेन्र चौधिी , २. भोगेन्र चौधिी पीढी ०५
१. योगेन्र चौधिी
परु – २ ; क. सन्िोष कु. चौधिी, ख. आशिु ोष कु. चौधिी पीढी ०६
क. सन्िोष कु. चौधिी
परु – अनुज चौधिी पीढी ०७
ख. आशिु ोष कु. चौधिी
परु - आयुष्मान चौधिी
२. भोगेन्र चौधिी
परु – १ ; के शव कुमाि चौधिी
आ. उग्र नािायण चौधिी (लाल) पीढी ०४
परु - २ ; १. मिु ािी चौधिी , २. थरपिु ािी चौधिी (िाज)ु पीढी ०५
१. मिु ािी चौधिी
परु – २ ; क. सौिभ , ख. आयुष चौधिी
ग. पं. हरिकान्ि चौधिी पीढी ०३
परु - २ ; अ. बोध चौधिी , आ. पिबोध चौधिी पीढी ०४
अ. बोध चौधिी
परु - ३ ; १. उपेन्र चौधिी , २. थजिेन्र चौधिी , ३. धमेन्र चौधिी पीढी ०५
आ. पिबोध चौधिी पीढी ०४
परु – ४ : १. िीपक चौधिी, २. थवजय चौधिी, ३. डा. मनोज चौधिी, ४. ..
१. िीपक चौधिी
परु – १ ; ऋषी चौधिी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 67
२. थवजय चौधिी
परु – १ ; रिशव चौधिी
३. डा. मनोज चौधिी
परु – १ ; अंश कुमाि चौधिी
घ. पं. नवकान्ि चौधिी पीढी ०३
परु - २ ; अ. मंगल कान्ि चौधिी (मंगनु) , आ. गणेश चौधिी पीढी ०४
अ. मंगल कान्ि चौधिी (मंगन)ु
परु २ – १. िोशन कुमाि चौधिी, २. िघवु श ं कुमाि चौधिी पीढी ०५
आ. गणेश चौधिी
परु – िाहुल चौधिी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 68
वश
ं ावली
थमश्र परिवाि
ग्राम - खजुिी, बिसाम,
पो. - दलदल, मधेपुि, मधुबनी, थबहाि, भाित
गोि - वत्स
मूल- जालयवाि, मिाची
प्रवि – ५
वश
ं वक्ष
ृ
बीजी पुरुष
१. प.ं मुिािी श्रोत : पररष्टशि- २
२. गयन ३. मथिकि ४. वीि + जयकि ५. रुरकि
६. कुमि ७. इनि ८. िामभर ९. मनोहि
१०. हरिहिित्त ११. श्रीिाम १२. जयिाम १३. िख ु िण
१४. थशिोमथण १५. भानु
१६. थशवपथत
०२. बाबुिाम अियसुख अमृतनाि हषणनाि झरुला बबुिैया बहाििु लक्ष्मीनाि काशीनाि थमश्र
०३. िामकृ ष्ण कृ ष्णपथि जगमोहन थमश्र मनमोहन थमश्र ब्रजमोहन थमश्र श्रीकांि अचथम्भि बालाित्त िाजा थमश्र
(खजिु ीम वास) (बिसाम वास)
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 69
वंशावली
थदनबन्धु पीढी १८
(थववाह- २)
परु – ५
१.भवानंद प्रसाद भवन, २. पवन , ३. धिणी , ४. मिु लीधि , ५. बैद्यनाि (थद्विीय थववाह)
बीजी: पीढी १९
भवानंद प्रसाद भवन थमश्र
परु – २
I. प.ं भैयािाम थमश्र – थवष्णपु िु - खजिु ी पीढी १९ +०१
प्र. धमणपथि
II. पं. मनसािाम थमश्र (बिसाम) पीढी १९ +०१
बासुदेव थमश्र
(पीढी २० + ०४)
परु - ३; परु ी- १
I. म्सिु न थमश्र पीढी ०५
II. मोहन थमश्र
III. ब्रज नन्िन थमश्र
परु ी- बिैल थववाह (अकाली थमश्रक परिवाि)
I. पं. मक्त्सदु न थमश्र पीढी ०५
परु - २ अ. पिमानन्ि थमश्र, आ. मेघानन्ि थमश्र पीढी ०६
अ. पिमानन्ि थमश्र (भगवानबाबु )
परु – २ ; १. फुल कुमाि थमश्र, २. गल ु ाब कुमाि थमश्र (जवाहि) पीढी ०७
आ. मेघानन्ि थमश्र (िाजा बाबु) पीढी ०६
परु – १ ; पंकज थमश्र
II. प.ं मोहन थमश्र पीढी ०५
परु – २ ; अ. बजिंगी थमश्र, आ. थशवु थमश्र पीढी ०६
अ. बजिंगी थमश्र
परु – २ ; अ. िाजीव कुमाि थमश्र (थिलखश ु ), आ. मनखश ु थमश्र
आ. थशवु थमश्र पुि - १ ; उगन थमश्र
III. पं. ब्रजनन्दन थमश्र (थबिज)ु पीढी ०५
बी. जनिा उच्चा थवद्यालय, िलिल-खजिु ीकें सस्ं िापक अध्यक्ष
परु - ५ ; अ. शशु ील थमश्र, आ. िाधे थमश्र, इ. िे विी थमश्र, इ. ललन थमश्र,
ई. मगन थमश्र, उ. समु न थमश्र पीढी ०६
अ. शश ु ील थमश्र
परु – २ ; अ. िमण कुमाि थमश्र, २. पवन कुमाि थमश्र पीढी ०७
१. िमण कुमाि थमश्र
परु – १ ; साके ि थमश्र
२. पवन कुमाि थमश्र
आ. िाधे थमश्र
परु – १ ; गल
ु ु
इ. िे विी थमश्र
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 76
ख. कमलनाि थमश्र- X
ग. महाबीि थमश्र पीढी ०४
परु – ३ ; अ. थबसम्बि थमश्र, आ. गोथवन्ि थमश्र, इ. परुु षोत्तम थमश्र
अ. थबसम्बि थमश्र पीढी ०५
परु – १; शक ं ि कुमाि थमश्र पीढी ०६
आ. गोथवन्ि थमश्र पीढी ०५
परु – २
१. अजय कुमाि थमश्र
२. िाजेश कुमाि थमश्र
इ. परुु षोत्तम थमश्र
परु – २
१. गणेश थमश्र
२. मयन्क थमश्र
घ. पं. यदुनाि थमश्र पीढी ०४
परु – लालकान्ि थमश्र
परु – िीपक थमश्र
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 80
वश
ं ावली
झा परिवाि
ग्राम- बिसाम
पो.- दलदल, मधेपिु , मधबु नी, थबहाि, भाित
अक्षांश िे खा (Latitude Line): २६.१७८२३०
िेशान्िि िे खा (Longitude Line): ८६.३७५९२०
पूवावासी- भीठ भगवानपुि
अथत पूवावासी - धमडीहा, थजल्ला- पूथणाया, थबहाि
गोि- साथण्डल्य
मूल- सदिपुरिये, धौल
प्रवि – ३
पृष्ठभूथम
पं. िाघपु थि झा कें २ परु - लाल झा एवं गल
ु ाब झा िलथन, जे धमडीहा ग्राम, थजल्ला- पथू णणयासाँ
थवस्िाथपि भऽ, लाल झा िाजा भागवि नािायण थसहं के िाज भीठ भगवानपिु मे ििा गल
ु ाब झा ग्राम- नारुआि,
झंझािपिु आबी बसलाह. लाल झा के एक परु महामहोपाध्याय प.ं धीिनाि झा िलथन. कालान्िि पश्चाि िाजासाँ
सम्बन्ध खिाब ििा मामटु ाव भेलाक उपिान्ि, धीि नाि झा भीठ भगवानपिु साँ अपन वास हस्िान्ििण कs
बिसाम मे पं. बबिु थहया थमश्रसाँ १० अन्नामे बिसामक वास ििा जनगा खरिि कs िामपिु , बिसाममे वास
कायम कएलथि ।
ओही परिवािमे फथन नाि झा अत्यन्ि शथिशाली वीि परुु ष भेलाह जे झटहासाँ िािक गािक िाि
िोिए िलाह. एथह वंशमे बैद्यनाि झा जन्म लेलथन जे थब्रटीश शासन अन्िगणि कोलकत्ता मे अथि उच्च पि
भाइसिाय के मख्ु य सल्लाहकाि भऽ वंश के प्रथिष्ठा बढौलथि. हुनक प्रिापे भागवानपिु के िाजासाँ सम्बन्ध
थबगिलाक उपिािं ो फनी नाि झा के कै ि सजाय नही भेलथन ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 81
वंशवृक्ष
१. पं िामदेव झा श्रोत : श्री पवि झा, बरसाम
(धमडीहा)
२. प.ं बचाय झा
३. प.ं बीफे झा
४. प.ं हिपथि झा
५. प.ं िघपु थि झा
पं िामदेव झा पीढी ०१
धमडीहा
परु – १ ; पं. बचाय झा पीढी ०२
पं. बचाय झा
परु – १ ; पं. बीफे झा पीढी ०३
बीफे झा
परु – १ ; पं हिपथि झा पीढी ०४
पं. हिपथत झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 82
परु – १ ; अथनरुध्य झा
३. िामभर झा
परु – ३ ; क. निे श झा, ख. महेश झा, ग. लडु झा – वास हस्िान्ििण
थसझौल, बिसाम
III. महामहोपाध्याय प.ं बैद्यनाि झा पीढी ०२
बैद्यनाि झा कलकत्तामे पंचम जजण लाडण वेलेसली के मख्ु य सल्लाहकाि पिसाँ सश ु ोथभि
भेलाह एवं थहन्िु शास्त्रक ग्राम बिसामसाँ प्रिम थवद्वान भेलाह ।
परु – ३ ; १. उमा कान्ि झा - X, २. श्रीकान्ि झा – X, ३. िाधा कान्ि झा पीढी ०३
पं. िाधा कान्त झा
परु – २ ; १. भपु ेन्र नाि झा, २. िेवेन्र नाि झा (गोपलु बाब)ु पीढी ०४
१. भुपेन्ि नाि झा
परु – १ ; लक्ष्मी कान्ि झा पीढी ०५
परु – १ ; पिु न्र झा (थबिाटनगि, नेपाल वास) पीढी ०६
परु – २
२. देवेन्ि नाि झा (गोपलु बाबु) पीढी ०४
परु – ३ ; १. िाम मथु िण झा (सिु बाबु), २. कृ ष्ण मथु िण झा (इन्र बाब)ु ,
३. थवष्णु मथु िण झा पीढी ०५
१. िाम मथु ता झा (सतु बाब)ु
परु – २ ; क. आनि झा, ख. गणेश झा पीढी ०६
क. आनि झा
परु – २
ख. गणेश झा
परु – ३ ; अ. सागि , आ. थवक्रम , इ. िाहुल पीढी ०७
२. कृष्ण मुथता झा (इन्ि बाबु) पीढी ०५
परु – ३ ;, क. कमल कान्ि झा, ख. िजनी कान्ि झा, ग. शीला कान्ि झा पीढी ०६
क. कमल कान्ि झा
परु – ३ ; अ. मनोज झा , आ. सिोज झा, इ. पप्पु झा पीढी ०७
ख. िजनी कान्ि झा
परु – २ ; अ. ललन झा, आ. मिन झा पीढी ०७
ग. शीला कान्ि झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 90
भथगनवान वंशावली
ग्राम – बिसाम
उमा कान्त झा (बौआ) के भथगनवान
उमा कान्ि झाक बथहन- बच्ु ची िाय
जयिेव झा
(वासी- गोइथमश्र लगमा)
परु – २ ; क. जमािा- कमल नािायण झा (बिसाम) एवं ख. िाज कुमाि झा (गोईथमश्र लगमा)
गोर – काश्यप मलू - सकलावाि, ििैल ; प्रवि- ३
क. कमल नािायण झा (बिसाम)
परु – २ ; १. परुु षोत्तम झा, २. अमिे श झा
१. परुु षोत्तम झा
परु – १ ; िाके श िंजन झा
२. अमिे श झा
परु – १ ; थवकास कुमाि झा
चन्िनाि थमश्र कें भाथगनवान
परु ी- थमथिलेश िेवी
जमािा- कुमि कान्ि झा
गोर – काश्यप मल ू - प्रवि- ३
परु – २ ; १. सिु े न्र कुमाि झा, आइ. पी. एस., २. िाहुल कुमाि झा
१. िाम नािायण झा
परु ३ ; क. पवन झा, ख. थिलीप झा, ग. ललन झा
क. पवन झा
परु – ३ ; अ. गणेश चन्र झा, महेश चन्र झा, ३.
२. िृप्त नािायण झा
परु – ६ ; क. िाज कु. झा, ख. अशोक कुमाि, ग. प्रेम कुमाि, घ. थवजय कुमाि, ङ. इन्र कुमाि, च.
संजय झा
पं. गुदि झा कें भथगनवान
पं. नीिस झा
परु - अवध नािायण झा
परु – १ ; लक्ष्मी झा
परु – ३ ; १. म्सिु न झा, २. बलिाम झा , ३. महािेव झा
१. म्सिु न झा
परु – १ ; मनोहि झा
२. बलिाम झा - x
३. महािेव झा
परु – गणेश झा
गोथवन्द झा
परु - उगिं झा
परु – २ ; १. आशिु ोष झा, २. अनाि झा
परु – शथशनाि झा
शथशनाि झा
परु - २ ; १. थगरिश चन्र झा, २. कै लाश चन्र झा
१. थगरिश चन्र झा
परु – २ ; क. कौशल कुमाि झा, ख. सिोज कुमाि झा
क. कौशल कुमाि झा
परु – १ ; अ. िलु ा कृ ष्ण झा, आ. थजवेश झा
ख. सिोज झा
परु – २ ; अ. िौनक कुमाि झा, आ. िीपक कुमाि झा
२. कै लाश चन्र झा
परु – ३ ; क. अथनल कुमाि झा , ख. सथु नल कुमाि झा, ग. अिथवन्ि कुमाि झा
क. अथनल कुमाि झा
परु – ३ ; अ. सथच्चिानन्ि झा, आ. ब्रम्हानन्ि झा, इ. थववेकानन्ि झा
ख. सथु नल कुमाि झा
परु – २ ; अ. पिम कुमाि झा , आ. िघनु ाि झा
ग. अिथवन्ि कुमाि झा
परु १ ; आनन्ि कुमाि झा
१. कन्हैया झा
परु – १ ; अंथकि कुमाि झा
२. मिु ािी झा
परु – २ ; क. अमन कुमाि झा, ख. सौिभ कुमाि झा
आ. अनुरुध झा
परु – २ ; १. िाके श कुमाि झा , २. िाजेश कुमाि झा
२. िाजा झा
परु १ ; अथलक नािायण झा
परु -२ ; १. चल्ु हाई झा, २. सत्य नािायण झा
१. चल्ु हाई झा
परु - २ ; क. उपेन्र झा, ख. योगानंि झा
क. उपेन्र झा
परु – ३ ; अ. बैद्य नाि झा, आ. सथु नल झा, ग. शम्भनु ाि झा, ई. सन्िोष झा
अ. बैद्य नाि झा
परु – २ ; १. अथमि झा, २. वजेश झा
आ. सथु नल झा
परु – १ ; सिु ज नािायण झा
इ. शम्भनु ाि झा
परु – २
ई. सन्िोष झा
परु – २
२. सत्य नािायण झा
परु – २ ; १. भोगानंि झा, २. थक्रत्या नन्ि झा
१. भोगानंि झा
परु – ३ ; क. मक ु े श , ख. थमठु, ग. थप्रन्स झा
२. थक्रत्या नन्ि झा
परु – २ ; क. थशवेश , ख. लालेश्वि झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 96
िाय परिवाि
गोर – सावणण मल ू – पन्चोभय, खोजिी प्रवि – ५
शंकि िाय
परु – १ ; िघु िाय
परु – २ ; १. शीला नाि िाय , २. लीला नाि िाय
१. शीला नाि िाय
परु – ३ ; क. ियानन्ि िाय, ख. थनत्यानन्ि िाय, ग. सिानन्ि िाय
क. ियानन्ि िाय
परु – ४ ; अ. सयू ण मोहन, आ. चन्र मोहन, इ. हरि मोहन, ई. निे श मोहन िाय
अ. सयू ण मोहन िाय
परु – मोथहि कुमाि िाय
आ. चन्र मोहन िाय
परु - धीिज कुमाि िाय
इ. हरि मोहन िाय
परु – रिशव कुमाि िाय
ई . निे श मोहन िाय
परु – २ ; १. उत्कषण कुमाि िाय, २. आकषण कुमाि िाय
ख. थनत्यानन्ि िाय
परु – २ ; अ. समु न िाय, आ. बमभोल िाय
अ. समु न िाय
परु – १ ; सौिभ िाय
आ. बमभोल िाय
परु – १ गौिव कुमाि िाय
ग. सिानन्ि िाय
परु – १ ; मनमोहन िाय
परु – १
२. लीलानाि िाय
सासिु – सम्ु हा बसलाह
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 97
परु -३ ; क. िमा नन्ि िाय, ख. कला नन्ि िाय, ग. महा नन्ि िाय
क. िमा नन्ि िाय
परु – ३
ख. कला नन्ि िाय
परु – १ संथजव िाय
ग महा नन्ि िाय
परु – १
अचम्भीत िाय
परु – २ ; १. ियु ोधन िाय, २. िे िु िाय- X
१. ियु ोधन िाय
परु – िाम खेलावन िाय
परु – २ ; क. चन्िन िाय, ख. कुन्िन िाय
क. चन्िन िाय
परु – थनल िाय
अन्य ब्राह्मण
रुिपथत झा
गोर – सान्डील्य मलू – सििपरु िये, िाहाि ; प्रवि – ३
(िहुआसाँ आबी बिसाम वास कायम कएलथि)
परु – २ ; १. िंगी झा, २. बगं ी झा- x
१. िंगी झा
परु – २ ; क. प्रबोध झा. ख. महाबीि झ
क. प्रबोध झा
परु – २ ; अ. थिगाम्बि झा, आ. महेश्वि झा
अ. थिगाम्बि झा
परु – २ ; १. शंकि झा, २. भैिव झा
१. शंकि झा
परु – १ ; शथि कुमाि झा
२. भैिव झा
परु – २ ; क. सत्यम झा, ख. थशवम झा
आ. महेश्वि झा
परु – २ ; १. मनोज कुमाि झा , २. जयशक ं ि झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 98
१. मनोज कुमाि झा
परु – २ ; क. मयंक झा , ख. अथभनव झा
२. जयशंकि झा
परु – २ ; क. उत्कषण , ख. ........
ख. महाबीि झा
परु – २; अ. असफी झा, आ. िामचन्र झा
अ. असफी झा
परु – २ ; १. अशोक झा, २. लथलि झा
१. अशोक झा
परु - मनीष कुमाि झा
२. लथलि झा
परु – २ ; अ. थवकाश झा , ख. थवशाल झा
आ. िामचन्र झा
परु – २ ; १. फुल झा, २. िन्धीि झा
१. फुल झा
परु – २ ; १. थनिीश झा , २. थनिज झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 99
वश
ं ावली
पथनचोभे - झा परिवाि
ग्राम + पो. - दलदल, मधेपुि, मधुबनी, थबहाि, भाित
पीनकोड: ८४७४०८
अक्षांश िे खा (Latitude Line): २६.१७८२३० ; िेशान्िि िे खा (Longitude Line): ८६.३७५९२०
पूवावासी - भानपुि, वलीपुि
गोि - सावणा
मूल - पथनचोभे, भानपुि
प्रवि - ५
बीजी पुरुष श्रोत : पररष्टशि- ४
०१. पं. मैकमोहन
०२. धैजणजटी + वाचस्पथि + ब्रम्हपथि + भोजपथि
०३. हरिधमण
०४. हरिके श
०५. थवभाकि प्र. हिे
०६. िेवी + िथिकि + सोमकि + थवद्याकि (४ भाई)
०७. िेवी = मिु ािी + सदुभ्रमि + वनमाली (३ भाई) पीढी - सािम (७)
पं. सदुभ्रमि झा
परु – ३ ; १. थशिोमथण झा, २. थिनमथण झा, ३. अच्यिु ; प्र. खोत्ति पीढी ८
२. थिनमथण झा
परु – सिानन्ि झा पीढी ९
सिानन्ि झा
परु – ३ ; १. बलभि झा, २. परुु षोत्तम झा, ३. श्याम झा पीढी १०
१. बलभि झा
परु - २ ; १. जयकृ ष्ण झा, २. लक्ष्मीपथि झा पीढी ११
१. जयकृष्ण झा
परु - २ ; १. आथिनाि झा, २. महोथसंह झा पीढी १२
२. महोथसंह झा
परु - ३ ; A. बेचु झा, B. िेवनािायण झा, C. बैजु झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 100
A. बेचु झा पीढी १३
परु – १. प्रदयुमन झा
प्रदयुमन झा
परु – ४ ; १. बबएु झा, २. जयिाम झा, ३. गुणपथत झा, ४. िािापथि झा
१. बबएु झा पीढी १४
परु – भगवि नािायण झा
२. जयिाम झा
परु – प्रबोध नािायण झा
३. गुणपथत झा पीढी १४
परु – ३ ; १. थगरिधािी झा, २. थचन्तामथण झा, ३. झींगिु झा
२. थचन्तामथण झा पीढी १५
पुि – १ ; प.ं िामअथधन झा पीढी १६
परु - १ ; प.ं िामकृष्ण झा
प.ं िामकृष्ण झा पीढी १६+०१
परु – २ – १. प.ं िमापथत झा पीढी १६ +०२
B. पं. देव नािायण झा
परु - १. आत्मािाम झा, २. हनमु ानित्त झा
१. आत्मािाम झा
परु - बंशीधि झा
बंशीधि झा
परु - १. िामलाल झा, २. लच्िु झा, ३. मन झा, ४. भिम झा
(श्रोि – मथण कान्ि थमश्र, सौिाठ, मधबु नी)
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 101
वश
ं वक्ष
ृ
०१. पं. िामकृष्ण झा
(पथनचोभे, भानपिु साँ िलिल आबी स्िाथपि भेलाह)
०३. धीि झा
०५. नन्हा झा झरुला झा गंगा झा: (िोथहर- भयनाि झा) ०५. थभखािी झा
वंशावली
मल
ू - पच ं ोभे, भानपिु
ग्राम - दलदल
B. प.ं झरुला झा
C. प.ं गगं ा झा ; िोथहर – भय नाि झा
२ भैिव झा
परु – १ ; थभखािी झा पीढी ०५
परु – १ ; फििु ी झा पीढी ०६
परु – २ ; १. जनािणन झा – नावल्ि- X, २. बौकु झा – नावल्ि पीढी ०७
(ष्टििक जमीि ज्येथा (अ) भीि भगवािपरु :- बौकु झा, आिारपरु :-
(आ) ष्टचत्र िा. ष्टमश्र , (इ) जय िा. ष्टमश्र तीि गोटा जोतलष्टि ।)
प्रेमी झा
A. नन्हा झा
पं. नन्हा झा पीढी ०५
परु – २ ; १. प.ं बािैि झा, २. प.ं श्याम झा पीढी ०६
१ . पं. बादैि झा पीढी ०६
परु – ३ ; १. प.ं बच्चु झा, २. प.ं बिहु झा (नावल्ि) – X , ३. प.ं बद्ध
ु ु झा पीढी ०७
१. पं. बच्चु झा
परु – शंकि झा – X
(मो. जय कुम्मैि)
िोथहर – १. अनपु , २. नवन्धन, ३. ढोंगाय, घोंघिडीहा
२ . प.ं बतहु झा- नावल्द
३ . बुद्धु झा पीढी ०७
परु - २ ; १. बौअन झा, २. यिु झा पीढी ०८
१ . बौअन झा
परु – २ ; क. अथलक नािायण झा (गोनु झा), ख. सत्य नािायण झा पीढी ०९
क. अथलक नािायण झा (गोनु झा)
परु - ४ ; १. बाबु नािायण झा, २. बलिाम झा, ३. थबनोि झा,
४. सथु नल झा पीढी १०
१. बाबु नािायण झा
परु – २ ; क. सन्िोष झा, ख. मथण कुमाि झा पीढी ११
क. सन्िोष झा
परु – १ ; अनिु ाग झा पीढी १२
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 103
ख. मथण कुमाि झा
२. बलिाम झा
परु – २ ; अ. समु िं कुमाि झा, आ. िमन्ि कुमाि झा
३. थबनोि झा
परु – २ ; अ. मक ु े श झा, आ. मकु ु न्ि झा
४. सनु ील झा
परु – १ ; थसवान्सु झा
ख. सत्य नािायण झा पीढी ०९
परु – २ ; अ. कन्हैया झा, आ. मिु ािी झा पीढी १०
अ. कन्हैया झा
परु – १ ; बमबम झा पीढी ११
परु १ ; थवकास झा
आ. मिु ािी झा
परु – २ ; १. िाहुल झा, २. प्रधम्ु न झा
२ . प.ं यदु झा पीढी ०८
परु - २ ; क. घोंघी झा, ख. िामबोध झा पीढी ०९
क. पं. घोंघी झा
परु ी- लथु िया िेवी (खजिु ी)
देिावसाि समय तक घोंघी झा बुढसे काल मे खजरु ी वास कएलष्टथ ।
ख. पं. िामबोध झा पीढी ०९
परु - ३ ; १. िाज कुमाि झा , २. अरुण कुमाि झा (कािी), ३. थबिेन्र कुमाि झा
१. िाज कुमाि झा
परु – ३ ; क. सोनु कुमाि झा, ख. मोनु कुमाि झा, ग. िीपक झा
२. अरुण कुमाि झा (कािी)
परु ी – २ ; क. िन्नु कुमािी, ख. थवभा कुमािी
३. थबिे न्र कुमाि झा
२. प.ं श्याम झा पीढी ०६
परु - ४
I. पं. कृ थि झा पीढी ०७
II. पं. लाल झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 104
आ. सिु े न्र झा
परु – २ ; १. थवजय झा, २. िाजन झा
२ . िाजन झा
परु – १ ; थशवम झा
ख. ब्रज थकशोि झा
परु – ३
अ. ननु ु झा
परु – २ ; १. समु न झा ; आ. के शव झा
आ. हिे िाम झा
परु – २ ; १. िोथहि ; २. थमठु झा
इ. घनश्याम झा
परु – १ ; अथभषेक झा
ग. इन्ि नािायण झा (घटक झा)
परु - २ ; अ. नन्ि झा, आ. अरुण कु. झा
२. पं. शथशबोध झा
परु – २ ; १. सयू ण नािायण झा; २. बरी नािायण झा
१. सूया नािायण झा
परु – २ ; क. फुलेन्र झा, ख. सनु ील झा
क. फुलेर झा
परु – १; िाघव झा
ख. सनु ील झा
परु – १ ; सनु ील झा
२. बिी नािायण झा
परु – ३ ; क. शश ु ील झा , ख. अथनल झा , ग. थिलीप झा
क. शश ु ील झा
परु – २ ; अ. थवकाश झा , आ. नीिज झा
ख. अथनल झा
परु – २ ; अ. सिु शणन झा , आ. िशणन झा
ग. थिलीप झा
परु – १ ; थप्रयिशणन झा
B. पं. मिुिा झा पीढी ०८
परु ी – िािाविी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 107
ग. मनोज कुमाि झा
आ सदानन्द झा पीढी ०८
परु - १ ; िामशिण झा पीढी ०९
िामशिण झा
परु – ३ ; अ. बैद्यनाि झा (ब्यासजी), आ. जगन्नाि झा, इ. िगु ेश झा पीढी १०
अ. बैद्यनाि झा (ब्यासजी)
परु – ३ ; १. िाघबेन्र झा, २. परुु षोत्तम झा, ३. भास्कि झा पीढी ११
आ. जगन्नाि झा ; परु – १ ; प्रजापथि झा
इ. िगु ेश झा ; परु – १ ; प्रभाकि झा (टेकु)
ख. वनमाली झा पीढी ०७
(निनु ी झाके िोभीर)
परु - ३ ; क. गल ु ाब झा, ख. कुलानन्ि झा, ग. भटु ा झा
ग. िोटा झा पीढी ०७
परु - ३ ; अ . लक्ष्मी झा, आ. कािी झा, इ. हरि झा पीढी ०८
अ. लक्ष्मी झा
परु - २ ; १. निनु ी झा, २. भोला झा
१. निनु ी झा
परु - ३ ; अ. ललन झा, आ. उगन झा, इ. कृ ष्ण कुमाि झा
२. भोला झा
परु - ४ ; अ. शम्भु झा, आ. िेवजी झा, इ. श्याम सन्ु िि झा, ई. लखन झा
आ. कािी झा
परु - २ ; १. जनक झा, २. बौकु झा पीढी ०९
१ जनक झा
परु - २ ; क. मिन झा, ख. प्रेम कुमाि झा पीढी १०
२ बौकु झा
परु - ३ ; क. मोहन झा, ख. लथलि झा, ग. चन्र मोहन झा (भल ु ा)
इ. हरि झा पीढी ०८
परु - २ ; १. भगवान झा, २. िाम झा
१. भगवान झा
परु – १ ; थशवम कुमाि झा
२. िाम झा (ठ्को) ; परु – २ ; क. सोनु झा, ख. िाजु झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 112
सोमनझाकें भथगनवान
पं. माका डेय झा
गोर - काश्यप
मल
ू - खोवािे , खरिक
प्रवि - ३
पं. माका डेय झा पीढी ०१
वल्ि - सवु ंश झा
ग्राम - घोंघिडीहा
सोमन झाके भाथगन
परु - ३ ; १. उपेन्र झा , २. प.ं महेन्र झा, ३. नागेन्र झा (नागो) पीढी ०२
१. पं. उपेन्ि झा
परु - ४ ; क. शश ु ील झा, ख. कृ ष्ण मोहन झा, ग. इन्र मोहन झा, घ. िाम मोहन झा पीढी ०३
क. शश ु ील झा
परु – ४
अ. प्रिीप झा पीढी ०४
परु – १ ; शेखि कुमाि झा पीढी ०५
आ. थमथिलेश झा
परु – १ ; कृ ष्णा नन्ि झा
इ. थवनीि झा
परु – २ ; १. गौिव झा, २. अंथकि झा
ई. भवेश झा
परु – १ ; हषण कुमाि झा
ख. कृ ष्ण मोहन झा
परु – २ ; अ. िाके श कुमाि झा, आ. मक ु े श कुमाि झा
आ. मक ु े श कुमाि झा
परु – आथित्य कुमाि झा
ग. इन्र मोहन झा
परु – १ ; पंकज कुमाि झा
घ. िाम मोहन झा (लाल झा)
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 113
भथगनवान
पं. बौआ थमश्र
ग्राम – सुपौल
गोि- साथण्डल्य
मूल- सदिपुरिये, माथणक
प्रवि – ३
पं. लाल झाक जमािा
जमािाक नाम- प.ं िल ु ाि थमश्र पीढी ०१
परु ीक नाम- बौआ िाय
परु - १ ; बौआ थमश्र पीढी ०२
प्रिम भायाण- अन्िौली
थद्विीय भायाण- टेन्गिाहा
बौआ थमश्र
परु – ५:-
१. थलला कान्ि थमश्र (मथु खया)- थद्विीय भायाणमे पीढी ०३
२. शीलाकांि थमश्र- प्रिम भायाणमे
३. उग्र नािायण थमश्र- प्रिम भायाणमे
४. काली कान्ि थमश्र- प्रिम भायाणमे
५. थशवाकािं थमश्र- थद्विीय भायाणमे
१ थलला कान्त थमश्र (मथु खया)
परु - ५ ; क. बैद्यनाि थमश्र, ख. जगन्नाि थमश्र, ग. थिनबन्धु थमश्र, घ. नािायण थमश्र, ङ. अमिनाि
थमश्र
क. बैद्यनाि थमश्र पीढी ०४
परु - २ ; अ. अरुण कु. थमश्र, आ. संजय कु. थमश्र
अ. अरुण कुमाि थमश्र पीढी ०५
परु – १. अथमि कुमाि थमश्र, २. अंशु कुमाि थमश्र
आ . संजय कुमाि थमश्र (बच्च)ु
परु - १ समीि कुमाि थमश्र
ख. जगन्नाि थमश्र
परु - २ ; अ. थवजय कुमाि थमश्र, आ. शथश कुमाि थमश्र
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 115
नन्कु झा के भथगनवान
(गोपाल झा डीलि कें थपतामह कें बसाओल)
गोि – कात्यान
मल
ू - कुथजलवािे, ल्याम
प्रवि – ३
भाथगन- भल
ु ि झा – X
C. गंगा झा
भथगनवान
जमाता- गगं ािाम झा
थपिा- धीिज झा
ग्राम- िीप
परु - १ ; भयनाि झा
भयनाि झा
परु - ३ ; १. श्रीकान्ि झा, २. झािी झा – X, ३. थकशोि झा – X
१ श्रीकान्त झा
परु - ३ ; क. बालकृ ष्ण झा, ख. हिेकृष्ण झा, ग. बुची झा
क. बालकृष्ण झा
परु - १; भोला झा
भोला झा
परु - ३ ; अ. लक्ष्मी नािायण झा, आ. इन्र नािायण झा, इ. थिलीप कुमाि झा
अ. लक्ष्मी नािायण झा
परु – २ ; १. िंजन कुमाि झा, २. िाके श कुमाि झा
आ. इन्ि नािायण झा
परु – १ ; िाहुल कुमाि झा
इ. थदलीप कुमाि झा
परु – १; िीथिक कुमाि झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 120
तुलसी िाय
परु - २ ; १. हेमन्ि िाय , २. भपू िाय
१. हेमन्त िाय
परु - ३ ; क. कपलेश्वि िाय, ख. यिनु न्िन िाय, ग. थशवनन्िन िाय
क. कपलेश्वि िाय
परु - १ ; गौिी शंकि िाय
गौिी शंकि िाय
परु - ३ ; अ. सथु नल िाय – X, आ. सभु ंकि िाय, इ. अमलेश िाय – X
शुभंकि िाय
परु – १; सन्िीप िाय
ख. यदुनन्दन िाय
परु – ३; अ. जयभर िाय, आ. िाम शंकि िाय, इ. लखन िाय
अ. जयभि िाय
परु - २ ; १. ललन िाय, २. उमेश िाय
१ ललन िाय
परु - २ ; क. अथभलाश िाय, ख. सोनु िाय
२ उमेश िाय
परु - २ ; क. थवकाश िाय, ख. सभु ाष िाय
आ. िाम शक ं ि िाय
परु - २ ; १. टुनटुन िाय, २. मनिोष िाय
१. टुनटुन िाय
परु – २ ; क. मनीष िाय, ख. िोटु िाय
२. मनतोष िाय
परु - १; अक्षय िाय
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 121
इ. लखन िाय
परु - २ ; १. आशिु ोष िाय, २. थव्की िाय
ग. थशव नन्दन िाय
परु - २ ; क . जगन्नाि िाय, ख . फुलेश्वि िाय
क. जगन्नाि िाय
परु - २ ; १. अथनल िाय, २. कृ ष्ण मोहन िाय (थकसनु )
१ . अथनल िाय
परु - २ ; १. थनकु िाय, २. िोहन िाय
२. कृ ष्ण मोहन िाय
परु - १; आशीष िाय
ख. फुलेश्वि िाय
परु - २ ; अ. सन्िोष िाय, आ. शथि िाय
अ. सन्तोष िाय
परु - १ ; वत्सल िाय
२. भूप िाय
परु - १ ; गोथवन्ि िाय
परु - ४ ; १. सीिािाम िाय, २. टहल िाय, ३. िाधाकान्ि िाय, ४. उमाकान्ि िाय
१. सीतािाम िाय
परु - ३; क. निेन्र िाय, ख. लक्ष्मी िाय, ग. नुनु िाय
क. निेन्ि िाय
परु - ४ ; अ. शश ु ील िाय, आ. सधु ीि िाय, इ संजय िाय, ई. थवजय िाय
अ. शश ु ील िाय
परु – १ ; शंकि िाय
आ. सधु ीि िाय
परु - १ ; के शव िाय
इ. सजं य िाय
परु - १ ; सिु ज िाय
ई. थवजय िाय
परु - १ ; अनिु ाग िाय
ख. लक्ष्मी िाय
परु - ३ ; अ. अजय िाय, आ. अरुण िाय, इ. िरुण िाय
ग. नुनु िाय
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 122
परु – १ ; िोशन झा
पं. िाम नािायण झा (बबआ ु झा)
परु – ४ ; क. थशव शक ं ि झा, ख. बालाकािं झा, ग. चन्र कान्ि झा, घ. सधु ान्शु झा
भथगनवान
पं. शुक्त्ल थमश्र
(बबुआ झा कें भाथगन)
परु – ४ ; १. श्याम थमश्र, २. शम्भु थमश्र, ३. शश
ु ील थमश्र, ४. सधु ीि थमश्र
१. श्याम थमश्र
परु – १ ; मक ु े श थमश्र
२. शम्भु थमश्र
परु – २ ; अ. िाघव थमश्र, आ. िाम लाल थमश्र
३. शश ु ील थमश्र
परु – २ ; अ. िाज कुमाि थमश्र, आ. फुल कुमाि थमश्र
४. सधु ीि थमश्र
परु – २ ; अ. सत्यम थमश्र, आ. थशवम थमश्र
पं. फे कु झा
(डीही)
गोर – सावणण मल ू - पन्चोभय, भानपिु , प्रवि – ५
परु – १ ; प्रिम लाल झा
परु – २ ; १. प्रभु नािायण झा, २. िृप्त नािायण झा
१. प्रभु नािायण झा
परु ; िगु ाण नन्ि झा
२. िृप्त नािायण झा
परु – २ ; क. थचिंजीव झा, ख. चन्िन झा
क. थचिंजीव झा
परु – २ ; अ. मन्जीि झा, आ. मन्जेस झा
ख. चन्िन झा
परु – १ ; थवशाल झा
पं. थसयािाम थमश्र
वल्ि- थवश्वनाि थमश्र
(जगधि झा के मथमयौि के बसओल गेल)
परु – २ ; १. लाल थमश्र, २. घिु न थमश्र
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 124
१. लाल थमश्र
परु – २ ; क. िीपक झा, ख. सोनु थमश्र
२. घिु न थमश्र
परु २ ; क. कृ ष्ण थमश्र, ख. के शव थमश्र
सोनाई थमश्र
परु – २ ; १. जीवि थमश्र, २. थबल्टन थमश्र
१. जीवि थमश्र
परु – २ ; क. सन्िोष थमश्र, ख. संजय थमश्र
२. थबल्टन थमश्र
परु – ३ ; अ. मनोज थमश्र, आ. .............., इ. ..............
भथगनवान
पं. अलोधन झा
ग्राम – घोंघिडीहा
धमण थपिा- पं. कै लु झा
परु – ३
१. कुलानन्ि झा
परु – २ ; क. हिेिाम झा (ब्रम्हचािी), ख. श्रीिाम झा
२. गल ु ाब झा
परु - २ ; क. निे श झा, ख. गणेश झा
क. निे श झा ; परु – १ ; गोपी झा
ख. गणेश झा
परु २ . अ. मन कुमाि झा, आ. थवजय कुमाि झा
३. योगा नन्ि झा
परु – २ ; क. थमश्रीलाल झा (पण्डीि), ख. सालीग्राम झा
क. थमश्रीलाल झा (पण्डीि)
परु – १ ; िाघव झा
ख. सालीग्राम झा
परु – १ ; भागणव झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 125
भथगनवान
पं. नन्दलाल झा कें जमाता:
भुलि झा
ग्राम – िहुआ, संग्राम
परु - प.ं बचु न झा
परु – २ ; १. पिमानन्ि झा, २. अच्यिु ानन्ि झा
१. पिमानि झा
परु – ४ ; क. शंकि झा (बौआ), ख. थशवजी झा, ग. नन्िु झा, घ. थबनय झा
२. अच्यिु ानन्ि झा
परु ी – ४
िाजेश्वि थमश्र
जमािा- जगन झा
ग्राम उमिी
जगन झा के बसाओल ।
गोर – साडील्य मल
ू – प्रवि – ३
परु – ३ ; १. थरभु नािायण थमश्र, २. हृिय नािायण थमश्र, ३. प्रिम नािायण थमश्र
१. थरभु नािायण थमश्र
परु – १ ; गंगा प्रसाि थमश्र
२. हृिय नािायण थमश्र
परु – ४
३. प्रिम नािायण थमश्र
परु – १ ; धीिज थमश्र
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 126
पाठक परिवाि
ग्राम + पो. - भेजा,
मधेपुि, मधुबनी, थबहाि, भाित
गोि - वत्स
मूल - अलैवाि, उसिौली
अक्षांश िे खा (Latitude Line): २६.१७८२३० ; िेशान्िि िे खा (Longitude Line): ८६.३७५९२०
प्रवि – ५
वंशवृक्ष
१०. गनु पाठक
२०. सत्यिेव थशव ना. पा. नागेश्वि िाम ना. इन्र ना. िृथि ना. िथु नया लाल थबन्िेश्वि योग ना. िेज ना. िािा नन्ि पा.
२१. उिय का. िीवा का. बाला का. कृ ष्ण चन्र चन्र मो. श्याम थक. िाम थक. नवल थक. बैद्यनाि गंगेश िाज कु. शैलेन्र
वश
ं ावली
ग्राम - भेजा
गोि - वत्स
मूल- अलैवाि, उसिौली
पं. जगजीवन पाठक पीढी ११
परु - ३ ; १. पं. पुरुषोर्त्म पाठक, २. सिानन्ि पाठक, ३. थनत्यानन्ि पाठक
अन्य परिवाि
२. प.ं सिानन्ि पाठक पीढी १२
परु – ३ ; क. हरिबल्लव- , ख. कमल, ग. थगरिपथि पीढी १३
क. हरिबल्लव
परु – २ ; अ. गल ु नी, आ. मायाथनथध पीढी १४
ख. थगरिपथि
परु – ३ ; अ. िगु ाणित्त, आ. िथु खया – X, इ. पोषण
अ. िगु ाणित्त
परु – २ ; अ. हनमु ानित्त , आ. नािायणित्त
इ. पोषण
परु – १ ; चोन्हु
परु – ३ ; १. श्याम थकशोि पाठक,२. िाम थकशोि पाठक, ३. नबल थकशोि पाठक पीढी ०५
१. श्याम थकशोि पाठक
परु – ३ ; क. निे श कुमाि पाठक, ख. िाजेश कुमाि पाठक, ग. थशवेश कुमाि पाठक पीढी ०६
क. निे श कुमाि पाठक
परु – २ ; अ. नवनीि पाठक, आ. थनथखल पाठक
ख. िाजेश कुमाि पाठक
परु – १ ; अनुिाग पाठक
ग. थशवेश कुमाि पाठक
परु – १ ;
२. िाम थकशोि पाठक
परु – २ ; क. िाहुल पाठक, ख. िाजन पाठक
३. नबल थकशोि पाठक
परु - १ ; क. चन्िन पाठक
B. प.ं दुथनयालाल पाठक पीढी ०४
परु – ५ ; १. अथनल कु. पाठक, २. सथु नल कु. पाठक, ३. शश ु ील कु. पाठक,
४. सधु ीि कु. पाठक, ५. सजु ीि कु. पाठक
१. अथनल कुमाि पाठक पीढी ०५
परु – ३ ; क. िमन कुमाि पाठक (िमणजी), ख. शंकि कुमाि पाठक,
ग. मथनष कुमाि पाठक पीढी ०६
२. सथु नल कुमाि पाठक
परु – १ ; शम्भु कुमाि पाठक
३. शश ु ील कुमाि पाठक
परु – २; क. अथखल कुमाि पाठक, ख. थनथखल कुमाि पाठक
४. सधु ीि कुमाि पाठक
परु – २ ; क. किन कुमाि पाठक, ख. अथं कि कुमाि पाठक
५. सथु जि कुमाि पाठक (बच्चा बाबु)
परु – २ ; क. सथु मि कुमाि पाठक, ख. माधव कुमाि पाठक
C. प.ं थबन्देश्वि पाठक पीढी ०४
परु – ३ ; १. बैद्यनाि पाठक, २. गगं ेश पाठक, िाज कुमाि पाठक (िाजा बाबु) पीढी ०५
१. बैद्यनाि पाठक
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 134
अलयवाड़ खड़हि । िमाई सन्िथि-अलयवाड़ िाजे वासी । वेि सन्िथि-अलयवाड़ मलथं गया, नान्यपिु , अलइ,
थसमिी, िहुवा समेि गगं आ
ु ल बािै िाजपिु वासी । एिे अलयी मल
ू ग्राम ।
(श्रोत : https://sagarraatideepjaray.wordpress.com/)
भथगनवान
पाठक परिवाि
पं. हिे कांि थमश्र (मलू वास - लगामा )
परु - िाधा कान्ि थमश्र
(जमािा - यिु पाठक कें )
परु - प.ं लक्ष्मी कान्ि थमश्र
(पं. यिु पाठक कें भथगनवान)
परु - ४ ; १. िमाकान्ि थमश्र, २. महाकान्ि थमश्र, ३. अभय कान्ि थमश्र, ४. सबु ोध कान्ि थमश्र
परु ी - १ ; फुलिाय ( थववाह - द्वालख, िशिि झा कें प्रिम परु लाल झा सगं ।)
१. िमाकान्ि थमश्र
परु - ४ ; क. हेम कान्ि थमश्र, ख. थवनोि कान्ि थमश्र, ग. अमोि कान्ि थमश्र, घ. सिोज कान्ि थमश्र
२. महाकान्ि थमश्र
परु - २ ; क. सिीश कान्ि थमश्र, ख. मनोज कान्ि थमश्र
३. अभय कान्ि थमश्र
परु - १ ; महेश कुमाि थमश्र
४. सबु ोध कान्ि थमश्र
परु - २ ; क. बब्लु कुमाि थमश्र, ख. सोनु कुमाि थमश्र
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 136
२. भयलाल पाठक
परु – २ ; क. कुन्जी पाठक, ख. अमृि लाल पाठक
ख. अमृि लाल पाठक
परु – बच्चु पाठक
परु – २ ; अ. िाघवेन्र पाठक, आ. िौशन पाठक
चौधिी परिवाि- I
ग्राम – भेजा, मधेपुि, मधुबनी, थबहाि,
गोि- वत्स
मूल- जलेवाि, अन्दौली
प्रवि- ५
पं. शीला कान्त चौधिी
परु - ५ ; १. गणेश चौधिी, २. महेश चौधिी, ३. िमेश चौधिी, ४. थिनेश चौधिी,
५. िामविाि चौधिी, ६. हरिशक ं ि चौधिी, ७. थशव शंकि चौधिी
१. गणेश चौधिी
परु २. क. सन्िोष चौधिी, ख. सजं य चौधिी
क. सन्िोष चौधिी
परु – १ ; जीज्ञान्सु चौधिी
ख. संजय चौधिी
परु – २ ; अ. थशवांशु चौधिी, आ. मानव चौधिी
२. महेश चौधिी
परु – ३ ; क. थकशनु चौधिी, ख. ललन चौधिी, ग. िाजीव चौधिी
क. थकशनु चौधिी
परु – १ ; आथित्य चौधिी
ख. ललन चौधिी
परु – २ ; अ. आयणन चौधिी, आ. आयषु चौधिी
ग. िाजीव चौधिी
परु – १ ; रुर चौधिी
३. िमेश चौधिी
परु – ३ ; क. मक ु े श चौधिी, ख. िाजेश चौधिी, ग. थमथिलेश चौधिी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 139
थमथिलेश चौधिी
परु – १ ; मयन्क चौधिी
४ थदनेश चौधिी
परु – २ ; क. श्रवण चौधिी, ख. पवन चौधिी
क. श्रवण चौधिी
परु – १ ; थहमाश
ं ु चौधिी
५. िामवताि चौधिी
परु – २ ; क. समु नजी चौधिी, ख. फुलबाबु चौधिी
६. हरिशक ं ि चौधिी
परु – २ ; क. थवकाश चौधिी, ख. साजन चौधिी
७. थशवशक ं ि चौधिी
परु – १ ; िीवाकि चौधिी
चौधिी परिवाि- II
गोि- वत्स
मूल- जलेवाि, अन्दौली
प्रवि- ५
प.ं जीवन चौधिी
परु – २ ; १. ग्रीह नाि चौधिी, २. वशं ीलाल चौधिी
१. ग्रीह नाि चौधिी
परु – २ ; क. नन्िलाल चौधिी, ख. गोसाई चौधिी
क. नन्दलाल चौधिी
परु – ४ ; अ. सफ ु ल, आ. कपलेश्वि चौधिी, इ. सत्यिेव चौधिी, ई. िशिि चौधिी
अ. सुफल चौधिी
परु – २ ; १. जगिेश चौधिी, २. पिु न्धि चौधिी
१. जगदेश चौधिी
परु – २ ; क. िेवकान्ि चौधिी, ख. सिु शणन चौधिी
क. िेवकान्ि चौधिी
परु – २ – अ. थवक्रम चौधिी, आ. थशव प्रसाि चौधिी
ख. सिु शणन चौधिी
परु – २ ; अ. वरुण चौधिी, आ. रुपेश चौधिी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 140
२. पुिन्धि चौधिी
परु – २ ; क. चन्रकान्ि चौधिी, ख. हरिशचन्र चौधिी
क. चन्रकान्ि चौधिी
परु – २ ; अ. िीपक चौधिी, आ. रुपक चौधिी
ख. हरिशचन्र चौधिी
परु – अनुज चौधिी
आ. कपलेश्वि चौधिी- X
इ. सत्यदेव चौधिी
परु – १ ; थक्रत्यानन्ि चौधिी
परु – २ ; १. अमि कान्ि चौधिी, २. कन्हैया चौधिी
१. अमिकान्ि चौधिी
परु – १ ; कै लाश चौधिी
२. कन्हैया चौधिी
परु – २ ; क. मनोहि चौधिी, ख. गौिम चौधिी
ई. दशिि चौधिी
परु – २ ; १. श्रीकान्ि चौधिी, २. शीलाकान्ि चौधिी
१. श्रीकान्ि चौधिी
परु – ३ ; क. शैलेन्र चौधिी, ख. चन्र मोहन चौधिी, ग. शम्भु चौधिी
क. शैलेन्र चौधिी
परु ३ ; अ. िोशन चौधिी, आ. अथभशेख चौधिी, ग. थहमाश ं ु चौधिी
ख. चन्र मोहन चौधिी
परु – १ ; शभु म चौधिी
ग. शम्भु चौधिी
परु – २ ; अ. कृ ष्णा चौधिी, आ. सत्यम चौधिी
ख. गोसाई चौधिी
२. वश ं ीलाल चौधिी
परु – बनखण्डी चौधिी
ननु ु चौधिी
परु - २ ; १. इमिी चौधिी - X, २. मगं लित्त चौधिी
२. मगं लित्त चौधिी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 141
झा परिवाि
ग्राम – भेजा, मधेपिु , मधबु नी, थबहाि,
अनन्त झा
गोि - काश्यप
मूल - खोवािे, .....
प्रवि - ३
पं. अनन्त झा
परु - हषणनाि झा
परु - बाबुित्त झा
परु – ४ ; १. िे िल ु ाल झा, २. िामोिि झा, ३. िामेश्वि झा, ४. बालेश्वि झा
१. िे दुलाल झा
परु ; यशोधि झा
परु – ३ ; क. लालेश्वि झा, ख. भाथगिि झा, ग. उपेन्र झा
क. लालेश्वि झा
परु – ५ ; अ. लम्बोिि झा, आ. कमलेश झा, इ. अमलेश झा,
ई. अवधेश झा, उ. पंकज कुमाि झा
अ. लम्बोिि झा
परु – २ ; १. थवकाश झा, २. प्रकाश झा
१. थवकाश झा
परु – िेवेश झा
आ. कमलेश झा
परु - िाघव झा
इ. अमलेश झा
परु – हषणिाज झा
ई. अवधेश झा
परु – िाहुल कुमाि झा
उ. पक ं ज कुमाि झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 142
परु – आिशण झा
ख. भाथगिि झा
परु – २ ; अ. थिनेश झा, आ. महेश झा
अ. थिनेश झा
परु – िमण कुमाि झा
ग. उपेन्ि झा
परु – २ ; अ. सिु े श झा, आ. निे श झा
परु – कुशल झा
२. दामोदि झा
परु – २ ; १. महाबीि झा, २. बुचनी लाल झा
१. महाबीि झा
परु – १ ; उथिि झा
परु – २ ; क. थवजय झा, ख. सधु ीि झा
क. थवजय झा
परु – २ ; अ. अनमोल झा , आ. शक ं ि झा
अ. अनमोल झा
परु – २ ; १. अथनके ि झा , २. अनुभव झा
आ. शंकि झा
परु – अथनरुद्ध झा
ख. सधु ीि झा
परु – थचिन्जीव झा
२. बच ु नी लाल झा – X
३. िामेश्वि झा
परु – १ ; िाजेश्वि झा
परु – १ ; नन्ि थकशोि झा
परु – १ ; िेव चन्र झा
परु – ३ ; १. थमन्टु कु. झा, २. अथमि झा, ३. कै लाश झा
४. बालेश्वि झा
परु – ४ ; १. िीलानन्ि झा, २. वानंि झा, ३. महानन्ि झा, ४. कृ ष्णानन्ि झा
१. तीलानन्द झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 143
थमश्र परिवाि - I
भेजा
गोि- साथण्डल्य
मूल- सदिपुरिये, सिसो
प्रवि- ३
पं. बच्चु थमश्र
परु – ४ ; १. िगु ी थमश्र, २. लक्ष्मण थमश्र, ३. गनी थमश्र, ४. पल
ु थकि थमश्र
१. प.ं दुगी थमश्र
परु १ ; गलु ाब थमश्र
२. प.ं लक्ष्मण थमश्र
परु – २ ; क. सन्ु िि थमश्र, ख. निनु ी थमश्र
क. सन्ु िि थमश्र
परु – ४ ; अ. गगं ाधि थमश्र, आ. शश ु ील थमश्र, इ. ललन थमश्र, ई. थिलीप थमश्र
अ. गंगाधि थमश्र
परु – शम्भनु ाि थमश्र
आ. शश ु ील थमश्र
परु – २ ; १. थशवम थमश्र, २. सोनु थमश्र
इ. ललन थमश्र
परु – २ ; १.आिशण थमश्र, २. किण थमश्र
ई. थिलीप थमश्र
परु – ३ ; १. सत्यम थमश्र, २. साहील थमश्र, ३. रििीक थमश्र
ख. निनु ी थमश्र
परु – हथषणि थमश्र
परु – अजय कुमाि थमश्र
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 145
क. ब्रम्हिेव थमश्र
परु – २ ; अ. अमोि थमश्र, आ. समु नजी थमश्र
समु नजी थमश्र
परु – आिभ थमश्र
ख. सिु ज थमश्र
परु – मक ु े श थमश्र
ग. इन्र कान्ि थमश्र
परु – पंकज थमश्र
घ. नािायण थमश्र
परु – आलोक थमश्र
४. सुखे थमश्र
५. युगे थमश्र
परु – थबलट थमश्र
परु – ५ ; क. शम्भु थमश्र, ख. चन्रकान्ि थमश्र , ग. किम चन्र थमश्र, घ. िाज कुमाि थमश्र, ङ. थिलीप थमश्र, च.
िे विी थमश्र
क. शम्भु थमश्र
परु – ३ ; अ. प्रभाष थमश्र, आ. सभु ाष थमश्र, इ. थनथिश थमश्र
अ. प्रभाष थमश्र
परु – हेमान्शु थमश्र
ख. चन्रकान्ि थमश्र
परु – २ ; अ. शैलेन्र थमश्र, आ. गोथवन्ि थमश्र
ग. किम चन्र थमश्र
परु – आयषु मान थमश्र
घ. िाज कुमाि थमश्र
परु – अमृि थमश्र
ङ. थिलीप थमश्र
परु – २ ; अ. धीिज थमश्र, आ. नीिज थमश्र
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 148
थमश्रक परिवाि - II
पूवावासी - नवगाँव, खिाजपुि
सम्प्रथतवासी - भेजा, मधेपुि
गोि - साथण्डल्य
मूल - सदिपुरिये, गौड़
प्रवि – ३ श्रोत : पररष्टशि – ५
पीर्ी बीजी पुरुष
१. थसंहासनसाँ हलाई उजो थमश्र - २२म पीढी
२. महोिथध थमश्र
३. जाईक थमश्र
४. गांगु थमश्र
५. वाथगश्वि थमश्र
६. ित्नेश्वि थमश्र + िामेश्वि थमश्र
७. हलेश्वि थमश्र + सुिेश्वि थमश्र + थजवेश्वि थमश्र
(३ भाई सोदरपरु ग्राम गेलाि, ताष्टि िेतु सदरपरु मल
ू किौलष्टथ |)
सुिेश्वि थमश्र:-
८. थवश्वनाि थमश्र + अवध थमश्र (२ भाई)
९. िथतनाि थमश्र + िामनाि थमश्र (२ भाई)
१०. वाटु थमश्र + गंगु थमश्र
११. सधु ाधि थमश्र
१२. चक्रपाथण थमश्र + वासिु वे थमश्र (२ भाई)
१३. ननु थमश्र प्र. कमल नयन
१४. हरि नािायण थमश्र
१५. प्र. उग्री थमश्र
१६. भथवष्य थमश्र
१७. बेचु थमश्र
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 149
वंशवृक्ष
ननु थमश्र वश
ं , भेजा श्रोत : पररष्टशि – ५
ननु थमश्र : प्र. कमल नयन (भेजासँ पीर्ी : १३ + १)
भानु थमश्र िाधे थमश्र कन्हैया थमश्र गोपाल थमश्र थगरिधािी थमश्र मधु थमश्र कासकी थमश्र थशवित्त थमश्र कपलेश्वि थमश्र (७)
वंशावली
थमश्र परिवाि, भेजा
पं. ननु थमश्र पीढी ०१
परु - हरि नािायण थमश्र पीढी ०२
परु - प्र. उग्री थमश्र पीढी ०३
परु - भथवष्य थमश्र पीढी ०४
परु - प.ं बेचु थमश्र पीढी ०५
परु - ३ ; I. ििु थमल थमश्र, II. प.ं मनचीि थमश्र, III. पं. नेहाल थमश्र पीढी ०६
I. ििु थमल थमश्र
परु - २ ; क. भानु थमश्र , ख. िाधे थमश्र पीढी ०७
क. भानु थमश्र
परु - २ ; अ. ििु न्ि थमश्र - X, आ. थिगाम्बि थमश्र पीढी ०८
आ. थिगाम्बि थमश्र
परु - ३ ; १. बोध नािायण, २. योगानंि, ३. कमल कान्ि थमश्र पीढी ०९
ख. िाधे थमश्र पीढी ०७
परु - २ ; अ. भीखि थमश्र, आ. भोगी थमश्र पीढी ०८
अ. भीखि थमश्र
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 150
घ. अवध झा
परु – १ उपेन्र नािायण झा
परु – १ ; थबनोि झा
२. सन्ि लाल झा
३. थगरिधि झा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 154
वंशावली
िाजपतु परिवाि
ग्राम- खजुिी
पो.- दलदल, मधेपुि, मधुबनी, थबहाि
गोि- भाििाज
प्रवि- ३
खाती िाजपतु
(पूवावासी- रुपस, हाजीपुि)
वश
ं वृक्ष
कािी थसंह परिवाि
कािी थसंह
अनग्रु ह नािायण थसहं (बच्ु ची) शैलेन्र कुमाि थसहं लालेश्वि थसहं मिु ािी थसहं
थगरिधि ना. थसंह चन्र मालेश्वि थवश्वनाि थसहं प्रथवन कु. अमन कु. आथित्य कुमाि आथशष कुमाि थप्रन्स कु.
वश
ं ावली
कािी थसंह परिवाि, ग्राम- खजुिी
कािी थसहं
परु – १ ; हरि नन्िन थसहं
हरि नन्िन थसंह
परु – २ ; १. जयकृ ष्ण थसंह, २. श्रीकृ ष्ण थसंह (लुििु )
१. जयकृ ष्ण थसंह
परु – १ ; अनुग्रह नािायण थसंह (बुच्ची)
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 155
यगु थसहं
िाथजंिि युगल थकशोि गुनेश्वि थसंह फुलेश्वि थसंह िेवी थसंह यिु थसंह
महेन्र थमथिलेश निे श चन्िन िथव अरुण मनोज सिोज थवनय सुिेन्र खंिि- x कामेश्वि बालेश्वि कम्पेश्वि थसंह
वंशावली
यगु थसहं परिवाि ; ग्राम - खजुिी
यगु थसहं
परु - २ ; I. लक्ष्मी नािायण थसहं , II. जाथलम थसहं
I. लक्ष्मी नािायण थसह ं
परु – २ ; १. असफी थसंह, २. अनुप थसंह
१ असफी थसंह
परु – ३ , क. िाथजंिि थसंह, ख. युगल थकशोि थसंह, ग. गनु ेश्वि थसंह
क. िाथजंिि थसंह
परु – १ ; महेन्र थसहं
परु - ५ ; अ. अथनल कु. थसहं , आ. सथु नल कु. थसहं , इ. पथु नि कु. थसहं , ई. िाज,ु
उ. समु ेश्वि थसंह (िोटु)
ख. युगल थकशोि थसंह
परु – ३ ; अ. थमथिलेश थसंह, आ. निे श थसंह, इ. चन्िन थसंह
ग. गनु ेश्वि थसंह
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 157
बौहिी थसंह
उथचि थसंह बाल गोथवन्ि थसंह गोथवन्ि थसंह िेव ना. थसंह
(सूििास)
नागेश्वि थसंह गंगाधि थसंह िाथजंिि नािायण सूयण ना. थसंह
महेश उमेश िमेश थकशन थसंह सिोज सन्िोष कु. थसहं सभु ाष सजं ीव बब्लु साजन थसहं
वश
ं ावली
साहेब थसहं परिवाि ; ग्राम - खजिु ी
साहेब थसंह
परु – १ ; बौहिी थसहं
परु – २ ; I. िाम थसहं , II. बाबुलाल थसंह
I. िाम थसंह
परु – २ ; १. उथचि थसंह (सिू िास) –X, २. बाल गोथबन्ि थसंह, ३. गोथबन्ि थसंह, ४. िेव नािायण थसंह
१. उथचत थसंह (सूिदास) – X
२. बाल गोथबन्द थसहं
परु – १ ; नागेश्वि थसंह
` परु – ४ ; क. महेश कु. थसंह, ख. उमेश कु. थसंह, ग. िमेश कु. थसहं , घ. थकशन कु. थसंह
क. महेश कुमाि थसंह
परु – २ ; अ. थनथिन कुमाि थसंह, आ. चन्िु कुमाि थसंह
ख. उमेश कुमाि थसंह
परु – १ ; थसद्धािण कुमाि थसंह
ग. िमेश कुमाि थसंह
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 160
भाग ३
अि मैथिल ब्राम्हणस्य पिमं पथविं मन्ि:
यज्ञोपवीत मिं :
यज्ञोपवीत धािण मन्ि
ॐ यज्ञोपवीतं पिमं पथवि,ं प्रजापतेयात्सहजं पिु स्तात् ।
आयुष्यमग्र्यं प्रथतमुञ्च शभ्र
ु ं, यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः ।।
िन्दोगानाम:्
ॐ यज्ञोपवीतमथस यज्ञस्य त्वोपवीतेनोपनह्याथम ।
जीणा यज्ञोपवीत त्याग मन्ि:
ॐ एतवथद्दनपयान्तं ब्रह्म त्वं धारितं मया ।
जीणात्वात्त्वत्परित्यागो गच्ि सूि यिासुखम् ।
गायिी मन्ि:
ॐ भूभावु स्वः तत् सथवतुवािेण्यं भगो देवस्य धीमथह थधयो यो नः प्रचोदयात् ।
भावािा :
ओथह प्राणस्वरूप, िाःु खनाशक, सख
ु स्वरूप, श्रेष्ठ, िेजस्वी, पापनाशक िेवस्वरुप पिमात्मा के हम
अन्िाःकिणमे धािण किी । वैह पिमात्मा हमि बथु द्धके सन्मागणमे प्रेरिि किथि ।
साथविी मन्ि:
ॐ भू: ॐ भुव: ॐ स्व: ॐ मह: ॐ जन: ॐ तप: ॐ सत्यम ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 162
दूवााक्षत मंि:
ॐ आब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवचासी जायतामािाष्रे िाजन्यः शूि
इषव्यौऽथतव्याथध महाििो जायतां दोग्ध्री धेनुवोर्ानड्वानाशुः
सथप्तः पुिथन्रयोषा थजष्णू ििेष्ठाः सभेयो युवास्य यजमानस्य वीिो जायाताम् ।
थनकामे थनकामे नः पजान्यो वषातु फलवत्यो न औषधयः पच्यन्ताम् योगक्षेमो नः कल्पताम।्
इथत मंिािाा: थसद्धयः सन्तु पूणााः सन्तु मनोििाः ।
शिण ु ां बथु द्धनाशोऽस्तु थमिाणामदु यस्तव ।
(श्रोि: यजवु ेि अध्याय २२, मन्र २२, रस्टा ॠृथष-प्रजापथि)
मैथिलीमे दूवााक्षत मिं क अिा
हे ईश्वि ! हमि िाष्रमे ब्रह्मवचणसी (ज्ञानक प्रकाशसाँ यि ु ) ब्राह्मण (थशक्षक) उत्पन्न हुअ । हमि िाष्रमे
शिू , बाणवेधनमे कुशल, महाििी क्षथरय (शासक औि सैथनक) उत्पन्न हुअ । (हमि िाष्रमे) यजमानक गाय िधू
िए वाली हुअ , बड़ि भाि उठे बामे सक्षम हो, घोड़ा रुिगामी हो । (हमि िाष्रक) स्त्रीगण सवणगणु सम्पन्न हुअ ।
(हमि िाष्रमे) ििवला सभ जयशील, पिाक्रमी आ ससु भ्य (सभामध्य आसन पबै योनय) यजमान परु हुअ ।
हमि िाष्र मे आवश्यकिानुसाि समय-समय पि मेघ वषाण किय । फसल आ औषथध फल-फूलयि ु होइि
परिप्विा प्राप्त किय । (हमि िाष्र मे) योग (अप्राप्त वस्िकु प्राथप्त) क्षेम (प्राप्त वस्िुक संिक्षण) उत्तम िीथिसाँ होईि
िहय ।
िक्षासूि मंि:
येन बद्धो बली िाजा दानवेन्िो हाबल: ।
तेन त्वामनुबध्नाथम िक्षे मा चल मा चल ।।
मिं क अिा
िानवक महाबली िाजा बथल जाथहसाँ बान्हल गेल िलाह, ओहीसाँ अहााँके बान्हैि िी । हे िक्षे ! अहााँ
चलायमान नथह िी, चलायमान नथह िी । धमणशास्त्रक थवद्वानक अनसु ाि िक्षासरू बान्हैि समय ब्राह्मण अिवा
पिु ोथहि अपन यजमान साँ कहैि िथिन्ह जे जाथह िक्षासरू मे िानवक महाबली पिाक्रमी िाजा बथल धमणक बन्हनमे
बान्हल गेल िलाह अिाणि धमणमे प्रयि
ु कएल गेल िलाह ओथह सरू मे हम अहााँके बान्हैि िी, अहीक उपिान्ि
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 163
पिु ोथहि िक्षा सरू साँ कहैि िथि जे हे िु थस्िि िथहअ, थस्िि िथहअ । अथह प्रकािक िक्षासरू क उद्देश्य ब्राह्मण द्वािा
अपन यजमानकें धमणक लेल प्रेरिि आओि प्रयि ु लेल अथि ।
चौठचन्ि मन्ि
थसहं ः प्रसेनवमवधीत थसंहो जाम्बवताहतः ।
सुकुमािक मािोदीः तवह्येषः स्यमन्तकः ॥
चौठचन्र चौिचनमे हाि उठा चान के प्रणाम किबाक मन्र:
दथधसखं तषु ािाभम् क्षीिोदाणाव सम्भवम् ।
नमाथम शथशनं भक्त्त्वा संभोमाक
ु ु ट भषू णम् ॥
अनन्त भगवान् पूजन मन्ि:
ॐ अनन्त संसाि महासमुिे मग्ध्नासया अभ्युद्धि वासुदेव ।
अनन्त रूपे थवथनयोजयस्य अनन्त रूपायनमोनमस्ते ॥
देवोत्िान (देवउठाउन एकादशी पूजन मन्ि):
ब्रह्मेन्िरुििथभवन्द्यमानो भवानुथषवाथन्दत वन्दनीयः ।
प्राप्ता तवेयं थकलकौमुदाख्या जागृष्व जागृष्व च लोकनाि ॥
मेघा गता थनमाल पण ू ाचन्िः शािद्यपष्ु पाथण मनोहिाथण ।
अहं ददानीथत च पुण्यहेतो जागृष्व च लोकनाि ॥
उथर्त्ष्ठोथतष्ठ गोथवन्द त्यज थनन्िां जगत्पते ।
त्वय चोत्िीय मानेन उथत्ितं भवु नियम् ॥
कुशोत्पाटन मंि:
ॐ कुशमल ू े थस्ितो ब्रह्मा कुशमध्ये जनादानः ।
कुशाग्रे शङ्किं थवद्यात् कुशान् मे देथह मेथदथन! ।।
इथि भथू मं स्पृष्ट्वा
ॐ कुशोऽथस कुशपुिोऽथस ब्राह्मणा थनथमातः पुिा ।
देवथपतथृ हतािााय कुशमुत्पाटयाम्यहम् ।।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 164
मगं ल वैथिक मरं : धिणीगभणसम्भिू ं थवद्यत्ु काथन्िसमप्रभम् कुमािं शथिहस्िं िं मगं लं प्रणमाम्यहम्
बुध मन्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रों साः बुधाय नमाः
बुध वैथिक मंर: थप्रयंगक
ु थलकाश्यामं रुपेणाप्रथिमं बधु म् सौम्यं सौम्यगणु ोपेिं िं बुधं प्रणमाम्यहम्
गरुु मन्र: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों साः गिु वे नमाः
गरुु वैथिक मरं : िेवानां च ऋथषणां च गरुु ं काञ्चनसथन्नभम् बथु द्धभिू ं थरलोके शं िं नमाथम
बृहस्पथिम्
शक्र
ु मन्र: ॐ रां रीं रों साः शक्र
ु ाय नमाः
शक्र
ु वैथिक मंर: थहमकुन्िमृणालाभं िैत्यानां पिमं गरुु म् सवणशास्त्रप्रविािं भागणवं प्रणमाम्यहम्
शथन मन्र: ॐ प्रां प्रीं प्रों साः शनैस्चिाय नमाः
शथन वैथिक मंर : नीलांजनसमाभासं िथवपरु ं यमाग्रजम् िायामात्तणण्डसम्भिू ं िं नमाथम शनैश्चिम्
िाहु मन्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रों साः िाहवे नमाः
िाहू वैथिक मन्र: अधणकायं महावीयं चन्राथित्यथवमिणनम् थसथं हकागभणसम्भिू ं िं िाहुं प्रणमाम्यहम्
के िु मन्र: ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रों साः के िवे नमाः
के िु वैथिक मंर: पलाशपष्ु पसंकाशं िािकाग्रहमस्िकम् िौरं िौरात्मकं घोिं िं के िुं प्रणमाम्यहम्
वनवग्रह मन्र: ॐ ब्रह्मा मिु ारिस्त्रीपिु ान्िकािी भानु: शशी भथू मसिु ो बुधश्व्च गरुु श्व्च शक्र
ु :
शथनिाहु के िव: सवे ग्रहा: शान्िकिा भवन्ि:ु |
िाथश मंि:
मेष िाथश बीज मरं : ॐ ऎ ं ्लीं सौाः
वृषभ िाथश बीज मंर: ॐ ह्रीं ्लीं श्रीं
थमिनु िाथश बीज मरं : ॐ श्रीं ऎ ं सौाः
ककण िाथश बीज मंर: ॐ ऎ ं ्लीं श्रीं
थसंह िाथश बीज मंर: ॐ ह्रीं श्रीं सौाः
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 166
१. प्रात: कि-दशानम:्
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 167
िृणािथविं चक्षषु ोाः प्रजामहीमहेन्रयोाः समं प्रविणयन्मनाः किा सिाथशवं भजे ॥१२॥
किा थनथलंपथनझणिी थनकुजकोटिे वसन् थवमि
ु िमु णथिाः सिा थशिाःस्िमंजथलं वहन्।
थवमि
ु लोललोचनो ललामभाललननकाः थशवेथि मरं मच्ु चिन्किा सख ु ी भवाम्यहम् ॥१३॥
थनथलम्प नािनागिी किम्ब मौलमथल्लका- थनगम्ु फथनभणक्षिन्म धथू ष्णकामनोहिाः ।
िनोिु नो मनोमिु ं थवनोथिनींमहथनशं परिश्रय पिं पिं ििगं जथत्वषां चयाः ॥१४॥
प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशभु प्रचािणी महाष्टथसथद्धकाथमनी जनावहूि जल्पना ।
थवमि ु वाम लोचनो थववाहकाथलकध्वथनाः थशवेथि मन्रभषू गो जगज्जयाय जायिाम् ॥१५॥
इमं थह थनत्यमेव मिु मिु मोत्तम स्िवं पठन्स्मिन् ब्रवु न्निो थवशद्ध
ु मेथि संििम् ।
हिे गिु ौ सभु थिमाशु याथि नांयिा गथिं थवमोहनं थह िेहना िु शंकिस्य थचंिनम ` ॥१६॥
पजू ाऽवसानसमये िशवक्ररगीिं याः शम्भपू जू नथमिं पठथि प्रिोषे ।
िस्य थस्ििां ििगजेंरििु ंगयि
ु ां लक्ष्मी सिैव समु ख
ु ीं प्रििाथि शम्भाःु ॥१७॥
॥ इथि थशव िांडव स्िोरं सपं णू णम् ॥
नािी हेतु थववाहक लेल दुगाा जाप मन्ि:
कात्यायनी महामाये महायोथगन्यधीश्वरि!
नंिगोपसिु म् िेथव पथिम् मे कुरुिे नम: ।
टीका/ चन्दन लगाबैत कालक मन्ि:
आयरु ्िोणसिु े थश्रयं िशििे शरक्ष ु यं िाघवे ।
ऐश्वयं नहुषे गथिश्चपवने मानञ्च ियु ोधने ।।
िानंसयू णसिु े बलं हलधिे सत्यञ्च कुन्िीसिु े ।
थवज्ञानेथवििु े प्रभविभु विां कीथिणश्चनािायणे ।।
जयन्िी मंगला काली भरकाली कपाथलनी ।
िगु ाण क्षमा थशवा धारी स्वाहा स्वधा नमोरस्िु िे ।।
श्री देव्यापिाधक्षमापन स्तोिं
न मन्रं नो यन्रं ििथप च न जाने स्िथु िमहो न चाह्वानं ध्यानं ििथप च न जाने स्िुथिकिा: ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 174
न जाने मरु ास्िे ििथप च न जाने थवलपनं पिं जाने मािस्त्विनसु िणं ्लेशहिणम् ॥१॥
थवधेिज्ञानेन रथवणथविहेणालसिया थवधेयाश्यत्वात्तव चिणयोयाण च्यथु ििभिू ् ।
ििेित्क्षन्िव्यं जनथन सकलोद्धारिथण थशवे कुपरु ो जायेि ्वथचिथप कुमािा न भवथि ॥२॥
पृथिव्यां परु ास्िे जनथन बहव: सथन्ि सिला: पिं िेषां मध्ये थविलििलोSहं िव सिु : ।
मिीयोSयं त्याग: समथु चिथमिं नो िव थशवे कुपरु ो जायेि ्वथचिथप कुमािा न भवथि ॥३॥
जगन्मािमाणिस्िव चिणसेवा न िथचिा न वा ित्तं िेथव रथवणमथप भयू स्िव मया ।
ििाथप त्वं स्नेहं मथय थनरुपमं यत्प्रकुरुषे कुपरु ो जायेि ्वथचिथप कुमािा न भवथि ॥४॥
परित्यिा िेवा थवथवधथवथधसेवाकुलिया मया पंचाशीिेिथधकमपनीिे िु वयथस ।
इिानीं चेन्मािस्िव यथि कृ पा नाथप भथविा थनिालम्बो लम्बोििजनथन कं याथम शिणम् ॥५॥
श्वपाको जल्पाको भवथि मधपु ाकोपमथगिा थनिािंको िंको थवहिथि थचिं कोथटकनकै : ।
िवापणे कणे थवशथि मनवु णे फलथमिं जन: को जानीिे जनथन जपनीयं जपथवधौ ॥६॥
थचिाभस्मालेपो गिलमशनं थि्पटधिो जटाधािी कण्ठे भजु गपथिहािी पशपु थि: ।
कपाली भिू ेशो भजथि जगिीशैकपिवीं भवाथन त्वत्पाथणग्रहणपरिपाटीफलथमिम् ॥७॥
न मोक्षस्याकाड़्क्षा भवथवभववाण्िाथप च न मे न थवज्ञानापेक्षा शथशमथु ख सख
ु ेच्िाथप न पनु : ।
अिस्त्वां संयाचे जनथन जननं यािु मम वै मृडानी रुराणी थशव थशव भवानीथि जपि: ॥८॥
नािाथधिाथस थवथधना थवथवधोपचािै : थकं रुक्षथचन्िनपिै नण कृ िं वचोथभ: ।
श्यामे त्वमेव यथि थकंचन मय्यनािे धत्से कृ पामथु चिमम्ब पिं िवैव ॥९॥
आपत्सु मनन: स्मिणं त्विीयं किोथम िगु े करुणाणणवेथश ।
नैिच्िठत्वं मम भावयेिा: क्षधु ािृषािाण जननीं स्मिथन्ि ॥१०॥
जगिम्ब थवथचरमर थकं परिपणू ाण करुणाथस्ि चेन्मथय ।
अपिाधपिम्पिावृिं न थह मािा समपु ेक्षिे सिु म् ॥११॥
मत्सम: पािकी नाथस्ि पापघ्नी त्वत्समा न थह ।
एवं ज्ञात्वा महािेथव यिा योनयं ििा कुरु ॥१२॥
इथि श्रीमच्िंकिाचायणकृिं िेव्यपिाधक्षमापनस्िोरम् ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 175
अि अपिाधक्षमापणस्तोिम:्
ॐ अपिाधसहस्त्राथण थक्रयन्िेऽहथनणशं मया ।
िासोऽयथमथि मां मत्वा क्षमस्व पिमेश्वरि ।।१।।
आवाहनं न जानाथम न जानाथम थवसजणनम् ।
पजू ां चैव न जानाथम क्षम्यिां पिमेश्वरि ।।२।।
मन्रहीनं थक्रयाहीनं भथिहीनं सिु े श्वरि ।
यत्पथू जिं मया िेथव परिपणू ं ििस्िु मे ।।३।।
अपिाधशिं कृ त्वा जगिम्बेथि चोच्चिेि् ।
यां गथिं समवाप्नोथि न िां ब्रह्माियाः सिु ााः ।।४।।
सापिाधोऽथस्म शिणं प्राप्तस्त्वां जगिथम्बके ।
इिानीमनुकम्प्योऽहं यिेच्िथस ििा कुरु ।।५।।
अज्ञानाथद्वस्मृिेभ्रोन्त्या यन्न्यनू मथधकं कृ िम् ।
ित्सवं क्षम्यिां िेथव प्रसीि पिमेश्वरि ।।६।।
कामेश्वरि जगन्मािाः सथच्चिानन्िथवग्रहे ।
गृहाणाचाणथममां प्रीत्या प्रसीि पिमेश्वरि ।।७।।
गह्य
ु ाथिगह्य
ु गोप्री त्वं गृहाणास्मत्कृ िं जपम् ।
थसथद्धभणविु मे िेथव त्वत्प्रसात्सिु े श्वरि ।।८।।
।। इथि अपिाधक्षमापणस्िोरं समाप्तम् ।।
दुगाा कुथञ्जकास्तोि मिं :
थमरगण, थसद्ध कुथञ्जकास्िोरक मरं मािा िगु ाणक अत्यन्िै प्रभावशाली ििा
कल्याणकािी स्िोर मानल जाइि । थसद्ध कुथञ्जकास्िोरकें पाठ के नायक अिण पिू ा िगु ाण सप्तशिीक पाठके
बिाबि अथि । कुथञ्जकाक शाथब्िक अिण होइि अथि- चाबी (key) अिाणि कुथञ्जकास्िोरक पाठ िगु ाण
सप्तशिीक शथि के जागृि किैि अथि, ई मरं क सम्बन्धमे कहल जाइि जे महेश्वि थशवक द्वािा एकिा गप्तु
(lock) कए िेल गेल िै क । ई मंर एिेक प्रभावशाली अथि की एकि थनयमपवू णक जाप के लासाँ हमिा-अहााँक
अन्य मरं जापक कोनो आवश्यकिा नही िथह जायि एवम सभ मनोकामना पणू ण होईि । खासक कें थवद्यािी,
नोकिी खोजथनहाि, आथिणक सक ं ट जझु ैि लोकै न, िोगग्रस्ि थबिामी इत्यािीक लेल कािागाि मानल जाईि ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 176
भगवान थशव कहलथन जे ष्टसद्ध कुष्टजजकास्तोत्र का पाठ किए वलाकें सम्पणू ण िगु ाण सप्तशिी जेनाथक
िेवी कवच, अगणला, कीलक, िहस्य, सि
ू , ध्यान, न्यास आओि एिए िकथक अचणनक सहो आवश्यक नथह
होईि अथि ।
अि मंि:
ॐ ऐ ं ह्रीं क्जलीं चामण्ु डायै ष्टवच्चे ।।
ॐ ग्लौं िुं क्जलीं जंू सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐ ं ह्रीं क्जलीं चामण्ु डायै ष्टवच्चे ज्वल िं
सं लं क्षं फट् स्वािा ।।
इथत मन्िः
नमस्िे रूरथपण्यै नमस्िे मधमु थिणथन ।
नभाः कै टभहारिण्यै नमस्िे मथहषाथिणथन ।।१।।
नमस्िे शम्ु भहन्त्र्यै च थनशम्ु भासिु घाथिथन ।
जाग्रिम् थह महािेथव जपं थसद्धं कुरूष्व मे ।।२।।
ऐकं ािी सृथष्टरूपायै ह्रींकािी प्रथिपाथलका ।
्लींकािी कामरूथपण्यै बीजरूपे नमोऽस्िु िे ।।३।।
चामण्ु डा चण्डघािी च यैकािी वििाथयनी ।
थवच्चे चाभयिा थनत्यं नमस्िे मन्ररूथपथण ।। ४।।
धां धीं धंू धजू णटेाः पत्नी वां वीं वंू वागधीश्विी ।
क्रां क्रीं क्रंू काथलका िेवी शां शीं शंू मे शभु ं कुरू ।।५।।
हुं हुं हुकं ािरूथपण्यै जं जं जं जम्भनाथिनी ।
भ्रां भ्रीं भ्रंू भैिवी भरे भवान्यै िे नमो नमाः ।।६।।
अं कं चं टं िं पं यं शं वीं िंु ऐ ं वीं हं क्षं ।
थधजाग्रं थधजाग्रं रोटय रोटय िीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ।।७।।
पां पीं पंू पावणिी पणू ाण खां खीं खंू खेचिी ििा ।
सां सीं संू सप्तशिी िेव्या मन्र थसथद्ध कुरुष्व मे ।।८।।
इिं िु कुथञ्जकास्िोरं मन्रजागथिणहिे वे ।
अभिे नैव िािव्यं गोथपिं िक्ष पावणिी ।।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 177
ई कुथञ्जकास्िोर मन्र िेवीकें जगाबएक लेल अथि । अही मरं कें प्रयोग भथिहीन परू ु ष द्वािा नथह
होयबाक चाही । हे पावणिी ! एकिा गप्तु िाखु । हे िेवी ! जे लोकै न, थबना कुथञ्जकास्िोर कें सप्तशिीक पाठ
किै ि िथि, ओकिा कोनो प्रकािे न थसथद्ध नथह भेट सकै ि िै क ।
थपतृ तपाणक थवधान (मंि)
िेविाक िपणण साँ िेवऋण, ऋथष िपणण साँ ऋथषऋण आओि थपिृ िपणण साँ थपिृऋण साँ मथु ि भेटैि ।
िेव कायणमे सब्य अिाणि बायााँ कन्हा पि जथहना जनेऊ पथहिै ि िी, ऋथष काजमे मालाकाि, जथहना माला पथहिै ि
िी ििा थपिृ काजमे अपसब्य अिाणि िााँया कन्हा पि ऊल्टा जनेऊ धािण किी । िेव अओि ऋथष कायण पवू
माँहू ,े थपिृ कमण िथक्षण माँहू े के याक िाँ यमलोक िथक्षणे थिशामे िै क आओि थपिृक वास ओथह थिशा होयि अथि
।
स्नान ध्यान कय आसन लगा सोना, चााँिी, िाम्बा अिवा कााँसाक विणन आगमू े िाथख कोनो पार मे
कािी िील लय, कुशक एकटा आसन ििमे िोसि थविणी बना मध्यमा आओि अनाथमकामे िाथख िेसि िाया
हािक अनाथमकामे पथवरी बना पथहरि, सोना चानीक पथवरी पथहि सकै ि िी । एकटा कुशक मोड़ा बना जाथह
साँ थपिृके िपणण होईि । एकटा कुशक िेकूशा बना अिवा ओथहना कुश लय शख ं मे जल, श्वेि फूल, अक्षि,
फल, रब्य लय िथक्षण महाँु े अगस्त्य िपणण ई मरं साँ किी:
आगच्ि मथु नशािल णू ! िेजो िाशे ! जगत्पिे ! ।
सोिके परू ििे कुम्भे आसनं सफलं कुरु । ।
एथह मंर साँ आवाहन करू ।
ॐ काश पष्ु प प्रिीकाश ! अथनन मारुि सम्भव ! ।
थमरा वरुणयोाः परु ! कुम्भयोने ! नामोऽस्िु िे । ।
एषोऽघणाः अगस्त्याय नमाः ।
ॐ कुम्भयोथन समत्ु पन्न ! मनु ीनां मथु न सत्तम ।
उियन्िे लंका द्वािे अघोऽ यं प्रथिगृहम्िाम । ।
पनु ाः शंखमं े सब वस्िु लय :
ॐ शंखं पष्ु पं फलं िोयं ित्नाथन वीवीधाथन च ।
उियन्िे लंका द्वािे अघोऽ यं प्रथिगृहम्िाम । ।
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 179
कथपलश्चा सरु िश्चैव वोढुाः पञ्चथशखस्ििा सवे िे िृथप्त मायान्िु मद्यत्तेनाम्बनु ा सिा ।
ॠथष तपाण
पवू महाँु े जनेऊके मालाकाि कय कुशक मध्य भाग िेविीिण साँ अथह मरं साँ िपणण किी :-
ॐ मिकच्यािाय आगच्िन्िु । ॐ मािीथचस्िृ ।
ॐ अथरस्िृप्यिाम् । ॐ पलु स्त्यस्िृप्यिाम ।
ॐ पल ु हस्िृप्यिाम । ॐ क्रिस्ु िृप्यिेम ।
ॐ प्रचेिास्िृप्यिाम् । ॐ वथशष्ठस्िृप्यिाम ।
ॐ भृगस्ु िृप्यिाम । ॐ नाििस्िृप्यिाम ।
थदब्य थपतृ तपाण
जनेऊ अपशब्य अिाणि िाथहना कंधा पि लय िथक्षण माँहु े ई मरं पथढ िपणण किी :-
ॐ अथननष्वात्ता स्िृप्यनिाथमिं जलन्िेभ्याः स्वधानमाः ।
ॐ सोम्यास्िृप्यन्िाथमिं जलन्िे स्वधामाः ।
ॐ हथवष्मन्िस्त्तृप्यन्िाथमिं जलन्िेभ्याः स्वधानमाः ।
थपतृ तपाण
ई मरं सहीि सब थपिि के मोडा कुश साँ िीन-िीन अजं ल
ु ी जल िील सगं े अपशव्य जनेऊ कय
अिाणि िायााँ कंधा पि ऊल्टा जनेऊ धािण कय िी :-
ॐ आगच्िन्िुमे थपििं इमं गृहं िपोञ्जथलम् ।।
ॐ अद्य अमक ु गोर: थपिा अमक ु शमाण िृप्यिाथमिं सथिलं जलं िस्मै स्वधा । -३ बेि
ॐ अद्य अमक ु गोर: थपिामहो अमक ु शमाण िृप्यिाथमिं सथिलं जलं िस्मै स्वधा । -३ बेि
ॐ अद्य अमक ु गोर: प्रथपिामहो अमक ु शमाण िृप्यिाथमिं सथिलं जलं िस्मै स्वधा । -३ बेि
ॐ िृप्यध्वम् । -३ बेि
ॐ अद्य अमक ु गोरो मािामहो अमक ु शमाण िृप्यिाथमिं सथिलं जलं िस्मै स्वधा । -३ बेि
ॐ अद्य अमक ु गोर: प्रमािामहो अमक ु शमाण िृप्यिाथमिं सथिलं जलं िस्मै स्वधा । -३ बेि
ॐ अद्य अमक ु गोरो वृद्धप्रमािामहो अमक ु शमाण िृप्यिाथमिं सथिलं जलं िस्मै स्वधा । -३ बेि
ॐ िृप्यध्वम् -३ बेि
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 181
इथि ।
“ओमद्यामक ु गोरस्य थपििु मक ु शमणण यमद्वाि थस्िि-वैििणी निी सख ु सन्ििणकाम इमां कृ ष्णां गारुं र
िैविाममक ु गोरायऽमक ु शमणणे ब्राह्मणाय िुभ्यमेहं सम्प्रििे । ”ॐ स्वस्िीथि प्रथिवचणनम् । ओमद्य
कृ िैस्िि् कृ ष्णगवीिानप्रथिष्ठािणमिे ाविरव्यम
् ल्ू यक थहिे ण्यमथननिैविम-् िथक्षणा प्रथिग्रहीिा । ॐ
स्वस्िीत्य्ु त्वा गोपच्ु िं गृहणान् यिा साखं ं कामस्िथू ि पठे ि् । गोसथन्नधाने ॐ एिाविरव्यम
् ल्ू यक
कृ ष्णगव्यै नमाः पवू णवि् ।
वैतिणी गोदान मन्ि:
‘धेनुके त्वं प्रिीक्षास्व यमद्वाि महापिे ।
उथििीषिणु हं भरे वैििणयै नमौाःस्ििु े ।।
थपण्डिान कृ त्वा यिा संभमं गोिान कुयाणि ।’
उल्मकु ं प्रथि प्रहाि सप्तकं थनधाय क्रव्यािाय नमस्िभ्ु यथमत्येकैकां काथष्टकामननौ थक्षयेि् । ििाः ॐ
अहिहन्नणयमानो गामश्वं परुु षं पशमु ् । वैवस्विो न िृप्यथि सिु ाथभरिव िमु णथिाः । इथि यमगािा
गायन्िो बालपिु स्सिााः वृद्धपथश्चमा पािेन पािस्पशणम् अकुवाणणााः जलाशयं गच्िे यु ।
ओमद्यामक ु गोरायाःऽमक ु प्रेि एष थिलिोयाञ्जथलस्िे मया िीयिे िवोप्रथिष्ठिाम् ।
िि उपिान्ि, लोहा, पािि, अथननक स्पशण ।
ॐ ित्सि् !
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 185
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मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 187
परिथशि (Appendices)
परिथशि - १ क
िहुआ-सग्रं ाम एवम खजिु ी: झा परिवाि
(श्रोत: पजं ीकाि प.ं श्री मथण कान्ि थमश्र, सौिाठ, मधबु नी)
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 188
परिथशि - १ ख
श्रोत: पजं ीकाि प.ं श्री मथण कान्ि थमश्र, सौिाठ, मधबु नी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 189
परिथशि - १ ग
श्रोत: पजं ीकाि प.ं श्री मथण कान्ि थमश्र, सौिाठ, मधबु नी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 190
परिथशि - १ घ
खजिु ी, झा परिवाि
श्रोत: पजं ीकाि प.ं श्री निे न्र कुमाि झा, सझआ
ु ि, ििभगं ा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 191
परिथशि - १ ङ
खजिु ी, झा परिवाि
श्रोि: पंजीकाि प.ं श्री निे न्र कुमाि झा, सझआ
ु ि, ििभंगा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 192
परिथशि - १ च
वंशवृक्ष: जनादान झा , िहुआ
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 193
परिथशि - २ क
खजिु ी, बिसाम- थमश्र परिवाि
मल ू - जालयवाि, मिाची
श्रोि: पंजीकाि प.ं श्री निे न्र कुमाि झा, सझआ
ु ि, ििभंगा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 194
परिथशि - २ ख
खजिु ी, बिसाम- थमश्र परिवाि
मल ू - जालयवाि, मिाची
श्रोि: पजं ीकाि प.ं श्री मथण कान्ि थमश्र, सौिाठ, मधबु नी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 195
परिथशि - ३
ग्राम- भेजा, पाठक परिवाि
मल ू - अलैवाि, उसिौली
श्रोि: पंजीकाि प.ं श्री मथण कान्ि थमश्र, सौिाठ, मधबु नी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 196
परिथशि - ४ क
ग्राम- िलिल, झा परिवाि
मल ू - पन्चोभय, भानपिु
श्रोि: पजं ीकाि प.ं श्री मथण कान्ि थमश्र, सौिाठ, मधबु नी
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 197
परिथशि - ४ ख
ग्राम- िलिल, झा परिवाि
मल ू - पन्चोभय, भानपिु
श्रोि: प.ं मन्शीजी, िलिल
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 198
परिथशि - ४ ग
ग्राम- िलिल, झा परिवाि
मल ू - पन्चोभय, भानपिु
श्रोत: प.ं श्री योगेन्र झा, िलिल
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 199
परिथशि – ५
ग्राम- भेजा, थमश्र परिवाि
मल ू - सििपरु िये, गौड़
श्रोत: कन्हैया थमश्र, सौिाठ, कोठाटोल
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 200
परिथशि ६
परिथशि ७
िाम्रपर: अन्य साक्ष्य
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 202
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 203
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 204
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 205
परिथशि ८
भगवानपिु
श्रोि: निेन्र कुमाि झा, सझआ
ु ि, ििभगं ा
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 206
मैथिलाक्षि थलथप
थमथिलाक्षि थलथप
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 207
मैथिल ब्राह्मणक परिचय आ वंशावली 208
कै िी थलथप
अन्य सक
ं ेत:
व्यज
ं न (Consonants) :
संख्या :