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MS Hindi B 4-4-1-2-3
MS Hindi B 4-4-1-2-3
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है) का योग अभी है अथात परी ाथ ने यिद सभी अपेि त उ र-िबंदुओ ं का उ लेख िकया है तो उसे परू े अक ं देने म संकोच न
कर।
11. येक परी क को पणू काय-अविध म अथात 8 घटं े ितिदन अिनवाय प से मू याक ं न काय करना है। (िव तृत िववरण
‘ पॉट गाइडलाइन’ म िदया गया है)
12. यह सिु नि त कर िक आप िन निलिखत कार क िु टयाँ न कर जो िपछले वष म क जाती रही ह-
• उ र पिु तका म िकसी उ र या उ र के अश ं को जाँचे िबना छोड़ देना।
• उ र के िलए िनधा रत अक ं से अिधक अक ं देना।
• उ र म िदए गए अक ं का योग ठीक न होना।
• उ र-पिु तका के अदं र िदए गए अकं का आवरण पृ पर सही अतं रण न होना।
• आवरण पृ पर ानसु ार योग करने म अशिु ।
• योग करने म अकं और श द म अतं र होना।
• उ र पिु तकाओ ं से ऑनलाइन अक ं सचू ी म सही अतं रण न होना।
• कुल अक ं के योग म अशिु ।
• उ र पर सही का िच (√) लगाना िकंतु अक ं न देना।
13. येक परी क यह भी सिु नि त करेगा िक सभी उ र का मू यांकन िकया जाए, शीषक पृ क गई िवि सही हो तथा कुल
अक ं को आक ं ड़ और श द म िलखे।
14. उ मीदवार िनधा रत सं करण शु क के भगु तान पर अनरु ोध कर उ र-पिु तका क फोटोकॉपी ा करने के हकदार ह। अतः
सभी मु य परी क / अित र मु य परी क / परी क / सम वयक को एक बार िफर से याद िदलाया जाता है िक उ ह यह सिु नि त
करना चािहए िक मू यांकन योजना म िदए गए येक उ र के िलए मू य-िबंदओ ु ं के अनुसार मू यांकन िकया जाए।
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Series Z1YXW/4 -प कोड 4/4/1, 4/4/2, 4/4/3
अंक योजना
िहदं ी ‘ब’
स.ं 4/4/1 4/4/2 4/4/3 मू यांकन िबंदु अंक
खंड अ
व तुपरक न के उ र
1 1 2 1 ‘अपिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (d) िम ी क उवरता और गणु व ा बढ़ाने के िलए =5
(ii) (c) िम ी के िनरंतर उपयोग से ।
(iii) (c) गलने-सड़ने से पवू सहायक फसल को खेत म दबाने को ।
(iv) (d) (II), (III) और (IV)
(v) (d) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सही ह तथा कारण (R) कथन
(A) क सही या या करता है ।
2 2 1 2 ‘अपिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (a) ल य सोच-िवचार कर शी िनधा रत करना चािहए । =5
(ii) (b) ब चे िच के अनु प ल य िनधा रत कर आगे बढ़ सक ।
(iii) (b) सही उ म ल य-िनधारण क मह ा समझाने के िलए ।
(iv) (d) कोिशश करना
(v) (c) कथन (A) सही है लेिकन कारण (R) उसक गलत या या करता
है ।
3 3 - - ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (d) ि यािवशेषण पदबंध
(ii) (b) याचना भरा चेहरा
(iii) (b) ि या पदबंध
(iv) (a) लकड़ी क बड़ी
(v) (b) सवनाम पदबंध
3
- 3 - ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (d) ि यािवशेषण पदबंध
(ii) (c) अ ु त साहसी यवु क
(iii) (c) ि या पदबंध
(iv) (c) ठंडी और भीगी
(v) (b) सवनाम पदबंध
- - 3 ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (b) ि या पदबंध
(ii) (c) ठंडा और उबाऊ िदन
(iii) (d) एक घायल, गदं ा
(iv) (d) ि या िवशेषण पदबंध
(v) (c) अनश ु ासन भंग करने वाल म से कुछ
4 4 - - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4 x 1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (b) सरल वा य
(ii) (b) उनक नज़र मेरी ओर उठी और मेरे ाण िनकले ।
(iii) (c) सफल िखलाड़ी वह है िजसका कोई िनशाना खाली नह जाता ।
(iv) (d) िम वा य
(v) (a) मेरी माँ के अनसु ार सरू ज ढले आँगन के पेड़ से प े तोड़ने पर पेड़
रोएँगे ।
- 4 - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4 x 1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (b) सरल वा य
(ii) (b) म लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता ।
(iii) (b) अपने ऊपर जो िव ास पैदा हआ था वह िफर लु हो गया ।
(iv) (d) िम वा य
(v) (a) वािलयर म हमारा मकान था और उसके दालान म दो रोशनदान
थे।
4
- - 4 ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4 x 1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (c) सरल वा य
(ii) (b) कई बार मझु े डाँटने का अवसर िमला परंतु उ ह ने धीरज से काम
िलया ।
(iii) (d) सहसा भाई साहब से मेरी मठु भेड़ हो गई, जो शायद बाज़ार से लौट
रहे थे ।
(iv) (d) िम वा य
(v) (a) जा नह सकने वाल ने यहाँ – वहाँ डेरा डाल िलया है ।
5 5 - - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (a) भय से आकुल - त पु ष समास
(ii) (c) अ ययीभाव
(iii) (b) नर पी ह र
(iv) (d) लबं ोदर
(v) (b) आ म क कथा
5 - 5 - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (a) रा य क यव था - त पु ष
(ii) (b) अ ययीभाव
(iii) (a) िग र को धारण िकया है िजसने - बह ीिह
(iv) (b) चौमासा
(v) (c) िनयम के अनसु ार
5 - - 5 ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (b) यु म ि थर - त पु ष
(ii) (d) अ ययीभाव
(iii) (b) पीला है अबं र िजसका - बह ीिह
(iv) (b) कमधारय
(v) (b) पु तक के िलए आलय
5
6 6 - - ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (c) भयभीत हो जाना
(ii) (a) साहस समा होना
(iii) (c) खशु ी का िठकाना न रहा
(iv) (a) आँख फोड़ना
(v) (d) काम तमाम करना
(vi) (b) आसमान के तारे तोड़ना / (d) हथेली पर सरस उगाना
- 6 - ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (b) स मान क र ा करना
(ii) (a) घाव पर नमक िछड़कना
(iii) (d) अ ान समा होना
(iv) (a) छोटा महँु बड़ी बात
(v) (b) आँख भर आना
(vi) (d) हाथ-पाँव फूलना
- - 6 ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (c) उपाय समझ न आना
(ii) (b) अ छी तरह समझ लेना
(iii) (c) तलवे चाटना – खश ु ामद करना
(iv) (d) पापड़ बेलना
(v) (a) बाट जोहना
(vi) (d) अधं े के हाथ बटेर लगना
7 7 9 7 ‘पिठत प ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (c) िवषय-वासनाओ ं म िल मनु य को देखकर । =5
(ii) (c) अ ान और ान के
(iii) (c) िजसके मन म िवरह पी सप ने घर बसा िलया हो ।
(iv) (d) जो भु के िवयोग म जीवन यतीत कर रहा है ।
(v) (d) कोई उपाय काम न आना
8 8 10 8 ‘पाठ्यपु तक के प पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (a) आि मक भय से =2
(ii) (c) िग र के
6
9 9 7 9 ‘पिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (d) िफ़ म क सभं ािवत असफलता के खतर से । =5
(ii) (c) आदशवादी भावक ु किव
(iii) (a) िफ़ म के िलए खरीददार का न िमलना ।
(iv) (c) अिधक से अिधक मनु ाफ़ा कमाना ।
(v) (a) यह क णा अनभु िू त का िवषय थी, नाप-तोल का नह ।
10 10 8 10 ‘पाठ्यपु तक के ग पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (d) ोध िनवारण =2
(ii) (d) कृ ित और जीव-जतं ओ
ु ं से ेम करने के िलए ।
खडं ब
वणना मक न
11 11 12 13 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
मु उ र वीकाय 3
िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन
(ख)
3
शहर म पिु लस क ग त बढ़ा दी
मोनमू ट पाक सिहत शहर के सभी पाक और मैदान को बड़ी सं या म पिु लस
ारा घेर िलया गया ।
शहर म कोई भी सभा आयोिजत न करने के िलए नोिटस जारी कर िदया गया।
(ग) 3
अवध के उ रािधकारी के प म वज़ीर अली का ज म
नवाब बनने का सपना टूटना
वज़ीर अली क पैदाइश को अपनी मौत ख़याल करना
7
गौरै या – आम जनता का
संदेश –
अ याचारी स ा का अतं िनि त
अतीत क गलितय से सीख
धरोहर/िवरासत का सरं ण
(ख) 2+1=
या - 3
आपसी मेलजोल कम न हो
पर पर भाईचारे क भावना उ प न हो
रा ते अलग होने पर भी सभी िमलजल
ु कर रह
वैचा रक िभ नता होते हए भी मन-मटु ाव न हो
य -
एक होकर चलने से हमारे काम वयं िस हो जाते ह
हम माग क बाधाओ ं को आसानी से ढके ल सकते ह
सगं ठन म ही शि है
(ग) 2+1=
अपे ाएँ - 3
8
(ख) 2+1 =
कारण - 3
मा टर ारा िपटाई का भय
नई क ा के पाठ्य म क किठनता
उनक व छंद वृि पर रोक
माता-िपता ारा िश ा क अहिमयत न समझना
(िक ह दो िबंदओ
ु ं का उ लेख अपेि त)
अपना अनुभव -
मु उ र वीकाय
िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन
(ग) 2+1
य - =3
िकसी के भी ारा उसक भावनाओ ं को न समझ पाना
नए कले टर साहब के ब च ारा टोपी को दु कारा जाना
क ा म लगातार दो साल फे ल हो जाने पर साथी िम और मा टर ारा
अपमािनत होना
बालमन पर भाव -
िम के अभाव म टोपी का भावना मक प से टूटना
अपने मन क बात िकसी से न कह पाना
अके लेपन का िशकार होना
14 14 18 14 िकसी एक िवषय पर संकेत-िबंदओ
ु ं के आधार पर लगभग 100 श द म अनु छे द 1 x 5
लेखन : =5
िवषय-व तु – 3 अक
ं
भाषा – 1 अक
ं
तुित – 1 अक
ं
15 15 14 15 िकसी एक िवषय पर लगभग 100 श द म प लेखन: 1x5
आरंभ व अतं क औपचा रकताएँ – 1 अक
ं =5
िवषय-व तु – 2 अक
ं
भाषा – 1 अक
ं
तुित – 1 अक
ं
9
16 16 15 16 िकसी एक िवषय पर लगभग 80 श द म सचू ना लेखन: 1x4
िवषय-व तु – 2 अक
ं =4
तुित – 1 अक
ं
भाषा – 1 अक
ं
17 17 17 17 िकसी एक िवषय पर लगभग 60 श द म िव ापन : 1x3
िवषय-व तु – 1 अक
ं =3
तिु त – 1 अक
ं
भाषा – 1 अकं
18 18 16 18 लगभग100 श द म लघक
ु था अथवा ई-मेल लेखन : 1x5
लघक
ु था लेखन – =5
िवषय-व तु – 3
भाषा – 1
भाव – 1
अथवा
ई-मेल लेखन -
औपचा रकताएँ – 1 अक
ं
िवषय-व तु – 2 अक
ं
तिु त – 1 अक
ं
भाषा – 1 अक
ं
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