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अ यतं गोपनीय-के वल आतं रक एवं सीिमत योग हेतु

सेकडरी कूल सिटिफके ट परी ा, 2023


अंक-योजना
िहंदी ‘ब’ िवषय कोड—085
-प कोड-- 4/4/1, 4/4/2, 4/4/3
सामा य िनदश:-
1. आप जानते ह िक परी ािथय के सही और उिचत आकलन के िलए उ र पिु तकाओ ं का मू याक ं न एक मह वपणू ि या
है। मू यांकन म एक छोटी-सी भल ू भी गंभीर सम या को ज म दे सकती है, जो परी ािथय के भिव य, िश ा- णाली और अ यापन-
यव था को भी भािवत कर सकती है। इससे बचने के िलए अनरु ोध िकया जाता है िक मू यांकन ारंभ करने से पवू ही आप मू यांकन
िनदश को पढ़ और समझ ल।
2. मू याक
ं न नीित एक गोपनीय नीित है य िक यह आयोिजत परी ाओ ं क गोपनीयता, िकये गए मू याक ं न तथा कई अ य
पहलओ ु ं से संबंिधत है | इसका िकसी भी तरह से सावजिनक प से लीक होना परी ा- णाली के पटरी से उतरने का कारण बन
सकता है और लाख परी ािथय के जीवन और भिव य को भािवत कर सकता है | इस नीित /द तावेज को िकसी को भी साझा
करना, िकसी पि का म कािशत करना और समाचार प /वेबसाइट आिद म छापना IPC के तहत कायवाही को आमिं त कर सकता
है |
3. मू यांकन अंक-योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही िकया जाना चािहए, अपनी यि गत या या या िकसी अ य
धारणा के अनसु ार नह । यह अिनवाय है िक अक ं -योजना का अनपु ालन परू ी तरह और िन ापवू क िकया जाए। हालाँिक, मू याक
ं न
करते समय नवीनतम सचू ना और ान पर आधा रत अथवा नवाचार पर आधा रत उ र को उनक स यता और उपयु ता को परखते
हए परू े अक
ं िदए जाएँ।
4. मु य परी क येक मू यांकनकता के ारा पहले िदन जाँची गई उ र-पिु तकाओ ं के मू यांकन क जाँच यानपूवक करे
और आ त हो िक मू याक ं न-योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही मू याक ं न िकया जा रहा है। परी क को बाक उ र-
पिु तकाएँ तभी दी जाएँ जब वह आ त हो िक उनके अक ं न म कोई िभ नता नह है।
5. परी क सही उ र पर सही का िनशान (√) लगाएँ और गलत उ र पर गलत का (×) । मू यांकन-कता ारा ऐसा िच न
लगाने से ऐसा समझ म आता है िक उ र सही है परंतु उस पर अक ं नह िदए गए। परी क ारा यह भल ू सवािधक क जाती है।
6. यिद िकसी का उपभाग हो तो कृ पया के उपभाग के उ र पर दाय ओर अक ं िदए जाएँ। बाद म इन उपभाग के
अक ं का योग बाय ओर के हािशये म िलखकर उसे गोलाकृ त कर िदया जाए। इसका अनपु ालन ढ़तापूवक िकया जाए।
7. यिद िकसी का कोई उपभाग न हो तो बाय ओर के हािशये म अक ं िदए जाएँ और उ ह गोलाकृ त िकया जाए। इसके
अनपु ालन म भी ढ़ता बरती जाए।
8. यिद परी ाथ ने िकसी का उ र दो थान पर िलख िदया है और िकसी को काटा नह है तो िजस उ र पर अिधक अक ं
ा हो रहे ह , उस पर अक
ं द और दसू रे को काट द। यिद परी ाथ ने अित र / का उ र दे िदया है तो िजन उ र पर अिधक
अक ं ा हो रहे ह उ ह ही वीकार कर/ उ ह पर अक ं द।
9. एक ही कार क अशिु बार-बार हो तो उसे अनदेखा कर और उस पर अक ं न काटे जाएँ।
10. यहाँ यह यान रखना होगा िक मू यांकन म सपं णू अक ं पैमाने 0 – 80 (उदाहरण 0--80 अक ं जैसा िक -प म िदया गया

1
है) का योग अभी है अथात परी ाथ ने यिद सभी अपेि त उ र-िबंदुओ ं का उ लेख िकया है तो उसे परू े अक ं देने म संकोच न
कर।
11. येक परी क को पणू काय-अविध म अथात 8 घटं े ितिदन अिनवाय प से मू याक ं न काय करना है। (िव तृत िववरण
‘ पॉट गाइडलाइन’ म िदया गया है)
12. यह सिु नि त कर िक आप िन निलिखत कार क िु टयाँ न कर जो िपछले वष म क जाती रही ह-
• उ र पिु तका म िकसी उ र या उ र के अश ं को जाँचे िबना छोड़ देना।
• उ र के िलए िनधा रत अक ं से अिधक अक ं देना।
• उ र म िदए गए अक ं का योग ठीक न होना।
• उ र-पिु तका के अदं र िदए गए अकं का आवरण पृ पर सही अतं रण न होना।
• आवरण पृ पर ानसु ार योग करने म अशिु ।
• योग करने म अकं और श द म अतं र होना।
• उ र पिु तकाओ ं से ऑनलाइन अक ं सचू ी म सही अतं रण न होना।
• कुल अक ं के योग म अशिु ।
• उ र पर सही का िच (√) लगाना िकंतु अक ं न देना।
13. येक परी क यह भी सिु नि त करेगा िक सभी उ र का मू यांकन िकया जाए, शीषक पृ क गई िवि सही हो तथा कुल
अक ं को आक ं ड़ और श द म िलखे।
14. उ मीदवार िनधा रत सं करण शु क के भगु तान पर अनरु ोध कर उ र-पिु तका क फोटोकॉपी ा करने के हकदार ह। अतः
सभी मु य परी क / अित र मु य परी क / परी क / सम वयक को एक बार िफर से याद िदलाया जाता है िक उ ह यह सिु नि त
करना चािहए िक मू यांकन योजना म िदए गए येक उ र के िलए मू य-िबंदओ ु ं के अनुसार मू यांकन िकया जाए।

2
Series Z1YXW/4 -प कोड 4/4/1, 4/4/2, 4/4/3
अंक योजना
िहदं ी ‘ब’
स.ं 4/4/1 4/4/2 4/4/3 मू यांकन िबंदु अंक
खंड अ
व तुपरक न के उ र
1 1 2 1 ‘अपिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (d) िम ी क उवरता और गणु व ा बढ़ाने के िलए =5
(ii) (c) िम ी के िनरंतर उपयोग से ।
(iii) (c) गलने-सड़ने से पवू सहायक फसल को खेत म दबाने को ।
(iv) (d) (II), (III) और (IV)
(v) (d) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सही ह तथा कारण (R) कथन
(A) क सही या या करता है ।
2 2 1 2 ‘अपिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (a) ल य सोच-िवचार कर शी िनधा रत करना चािहए । =5
(ii) (b) ब चे िच के अनु प ल य िनधा रत कर आगे बढ़ सक ।
(iii) (b) सही उ म ल य-िनधारण क मह ा समझाने के िलए ।
(iv) (d) कोिशश करना
(v) (c) कथन (A) सही है लेिकन कारण (R) उसक गलत या या करता
है ।
3 3 - - ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (d) ि यािवशेषण पदबंध
(ii) (b) याचना भरा चेहरा
(iii) (b) ि या पदबंध
(iv) (a) लकड़ी क बड़ी
(v) (b) सवनाम पदबंध

3
- 3 - ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (d) ि यािवशेषण पदबंध
(ii) (c) अ ु त साहसी यवु क
(iii) (c) ि या पदबंध
(iv) (c) ठंडी और भीगी
(v) (b) सवनाम पदबंध
- - 3 ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (b) ि या पदबंध
(ii) (c) ठंडा और उबाऊ िदन
(iii) (d) एक घायल, गदं ा
(iv) (d) ि या िवशेषण पदबंध
(v) (c) अनश ु ासन भंग करने वाल म से कुछ
4 4 - - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4 x 1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (b) सरल वा य
(ii) (b) उनक नज़र मेरी ओर उठी और मेरे ाण िनकले ।
(iii) (c) सफल िखलाड़ी वह है िजसका कोई िनशाना खाली नह जाता ।
(iv) (d) िम वा य
(v) (a) मेरी माँ के अनसु ार सरू ज ढले आँगन के पेड़ से प े तोड़ने पर पेड़
रोएँगे ।
- 4 - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4 x 1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (b) सरल वा य
(ii) (b) म लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता ।
(iii) (b) अपने ऊपर जो िव ास पैदा हआ था वह िफर लु हो गया ।
(iv) (d) िम वा य
(v) (a) वािलयर म हमारा मकान था और उसके दालान म दो रोशनदान
थे।

4
- - 4 ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4 x 1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (c) सरल वा य
(ii) (b) कई बार मझु े डाँटने का अवसर िमला परंतु उ ह ने धीरज से काम
िलया ।
(iii) (d) सहसा भाई साहब से मेरी मठु भेड़ हो गई, जो शायद बाज़ार से लौट
रहे थे ।
(iv) (d) िम वा य
(v) (a) जा नह सकने वाल ने यहाँ – वहाँ डेरा डाल िलया है ।
5 5 - - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (a) भय से आकुल - त पु ष समास
(ii) (c) अ ययीभाव
(iii) (b) नर पी ह र
(iv) (d) लबं ोदर
(v) (b) आ म क कथा
5 - 5 - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (a) रा य क यव था - त पु ष
(ii) (b) अ ययीभाव
(iii) (a) िग र को धारण िकया है िजसने - बह ीिह
(iv) (b) चौमासा
(v) (c) िनयम के अनसु ार
5 - - 5 ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (b) यु म ि थर - त पु ष
(ii) (d) अ ययीभाव
(iii) (b) पीला है अबं र िजसका - बह ीिह
(iv) (b) कमधारय
(v) (b) पु तक के िलए आलय

5
6 6 - - ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (c) भयभीत हो जाना
(ii) (a) साहस समा होना
(iii) (c) खशु ी का िठकाना न रहा
(iv) (a) आँख फोड़ना
(v) (d) काम तमाम करना
(vi) (b) आसमान के तारे तोड़ना / (d) हथेली पर सरस उगाना
- 6 - ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (b) स मान क र ा करना
(ii) (a) घाव पर नमक िछड़कना
(iii) (d) अ ान समा होना
(iv) (a) छोटा महँु बड़ी बात
(v) (b) आँख भर आना
(vi) (d) हाथ-पाँव फूलना
- - 6 ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (c) उपाय समझ न आना
(ii) (b) अ छी तरह समझ लेना
(iii) (c) तलवे चाटना – खश ु ामद करना
(iv) (d) पापड़ बेलना
(v) (a) बाट जोहना
(vi) (d) अधं े के हाथ बटेर लगना
7 7 9 7 ‘पिठत प ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (c) िवषय-वासनाओ ं म िल मनु य को देखकर । =5
(ii) (c) अ ान और ान के
(iii) (c) िजसके मन म िवरह पी सप ने घर बसा िलया हो ।
(iv) (d) जो भु के िवयोग म जीवन यतीत कर रहा है ।
(v) (d) कोई उपाय काम न आना
8 8 10 8 ‘पाठ्यपु तक के प पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (a) आि मक भय से =2
(ii) (c) िग र के

6
9 9 7 9 ‘पिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (d) िफ़ म क सभं ािवत असफलता के खतर से । =5
(ii) (c) आदशवादी भावक ु किव
(iii) (a) िफ़ म के िलए खरीददार का न िमलना ।
(iv) (c) अिधक से अिधक मनु ाफ़ा कमाना ।
(v) (a) यह क णा अनभु िू त का िवषय थी, नाप-तोल का नह ।
10 10 8 10 ‘पाठ्यपु तक के ग पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (d) ोध िनवारण =2
(ii) (d) कृ ित और जीव-जतं ओ
ु ं से ेम करने के िलए ।
खडं ब
वणना मक न
11 11 12 13 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
 मु उ र वीकाय 3
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

(ख)
3
 शहर म पिु लस क ग त बढ़ा दी
 मोनमू ट पाक सिहत शहर के सभी पाक और मैदान को बड़ी सं या म पिु लस
ारा घेर िलया गया ।
 शहर म कोई भी सभा आयोिजत न करने के िलए नोिटस जारी कर िदया गया।
(ग) 3
 अवध के उ रािधकारी के प म वज़ीर अली का ज म
 नवाब बनने का सपना टूटना
 वज़ीर अली क पैदाइश को अपनी मौत ख़याल करना

12 12 11 12 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3


=6
(क)
तीक - 1+2=
 तोप – अ याचारी स ा का 3

7
 गौरै या – आम जनता का
संदेश –
 अ याचारी स ा का अतं िनि त
 अतीत क गलितय से सीख
 धरोहर/िवरासत का सरं ण

(ख) 2+1=
या - 3
 आपसी मेलजोल कम न हो
 पर पर भाईचारे क भावना उ प न हो
 रा ते अलग होने पर भी सभी िमलजल
ु कर रह
 वैचा रक िभ नता होते हए भी मन-मटु ाव न हो
य -
 एक होकर चलने से हमारे काम वयं िस हो जाते ह
 हम माग क बाधाओ ं को आसानी से ढके ल सकते ह
 सगं ठन म ही शि है
(ग) 2+1=
अपे ाएँ - 3

 तन-मन-धन से देश क र ा के िलए सदैव त पर रहना


 श ु चाहे बाहरी हो या भीतरी, देश क र ा करने से पीछे नह हटना
िकस प म खरा उतरना -
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

13 13 13 11 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3


=6
(क)
 घर म उनक भावनाओ ं को समझने वाला कोई नह था 3
 उनके िलए िकसी के पास समय नह था, सब अपने म ही य त थे
 प रवारवाल का उपे ापणू यवहार

8
(ख) 2+1 =
कारण - 3
 मा टर ारा िपटाई का भय
 नई क ा के पाठ्य म क किठनता
 उनक व छंद वृि पर रोक
 माता-िपता ारा िश ा क अहिमयत न समझना
(िक ह दो िबंदओ
ु ं का उ लेख अपेि त)
अपना अनुभव -
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

(ग) 2+1
य - =3
 िकसी के भी ारा उसक भावनाओ ं को न समझ पाना
 नए कले टर साहब के ब च ारा टोपी को दु कारा जाना
 क ा म लगातार दो साल फे ल हो जाने पर साथी िम और मा टर ारा
अपमािनत होना
बालमन पर भाव -
 िम के अभाव म टोपी का भावना मक प से टूटना
 अपने मन क बात िकसी से न कह पाना
 अके लेपन का िशकार होना
14 14 18 14 िकसी एक िवषय पर संकेत-िबंदओ
ु ं के आधार पर लगभग 100 श द म अनु छे द 1 x 5
लेखन : =5
 िवषय-व तु – 3 अक

 भाषा – 1 अक

 तुित – 1 अक

15 15 14 15 िकसी एक िवषय पर लगभग 100 श द म प लेखन: 1x5
 आरंभ व अतं क औपचा रकताएँ – 1 अक
ं =5
 िवषय-व तु – 2 अक

 भाषा – 1 अक

 तुित – 1 अक

9
16 16 15 16 िकसी एक िवषय पर लगभग 80 श द म सचू ना लेखन: 1x4
 िवषय-व तु – 2 अक
ं =4
 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अक

17 17 17 17 िकसी एक िवषय पर लगभग 60 श द म िव ापन : 1x3
 िवषय-व तु – 1 अक
ं =3
 तिु त – 1 अक

 भाषा – 1 अकं
18 18 16 18 लगभग100 श द म लघक
ु था अथवा ई-मेल लेखन : 1x5
लघक
ु था लेखन – =5
 िवषय-व तु – 3
 भाषा – 1
 भाव – 1
अथवा
ई-मेल लेखन -
 औपचा रकताएँ – 1 अक

 िवषय-व तु – 2 अक

 तिु त – 1 अक

 भाषा – 1 अक

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