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Agreement
Agreement
प्रथम पक्ष का नाम ( भवन स्वामी का पूरा नाम उसके वर्तमान पता व् स्थायी पता
के साथ ).... . . . . . . .
द्वितीय पक्ष ( भवन निर्माणकर्ता / ठेकेदार का पूरा नाम उसके वर्तमान पते व्
स्थायी पता व् कार्यालय के पता के साथ ) . . . . . . . .
भवन निर्माण हेतु प्रथम पक्ष जो कि भूखंड का मालिक है, यह यह भूखंड अमुक
स्थान पर (भूखंड के स्थान का पता ) स्तिथि है जहाँ निर्माण कार्य किया जाना है
और अनुमोदित आर्किटेक्ट और विनिर्दे ततशिलागत और मात्रा के अनुसार
भूमिखंड में एक भवन (घर/दुकान/ इमाररत/ मॉल अन्य ईमारत ) बनाने को इच्छुक
है। इस भवन निर्माण हेतु हम प्रथम पक्ष व् द्वितीय पक्ष के मध्य इकरार नामा
इस प्रकार हुआ कि :-
धारा 2. यह भवन निर्माण अनुबंध वर्ग फुट आधारित है। निर्मित क्षेत्र के प्रति
वर्ग फ़ीट की लागत 1850 रुपया है। (1850 की जगह आप अपने क्षेत्र फल के
हिसाब से जो हो लागत के साथ भरे) , वर्ग फुट में बालकनियां और
उपयोगिताओं सहित सभी निर्मित क्षेत्र शामिल होंगे। बाहर बैठने का मार्ग की
लागत रु 200 / sq ft होगी।
यह कि ईमारत का कुल क्षेत्रफल 4000 sft ( 4000 sft की जगह आप अपना वर्ग मीटर
जो हो वो भरे) है, इसलिए 4000 x 1850 = रु 7400000 है।
भवन के प्रवेश मार्ग का कुल क्षेत्रफल भूतल पर प्रवेश करता है और उत्तर की
ओर बाहर बैठने की जगह 400 वर्ग फुट है। जिसकी लागत 400x 200 = रु 80000
होगी। ( केवल अस्सी हजार रुपया )
भवन की कुल लागत रु=7400000 (आप अपने अनुसार भरे) वास्तु और संरचनात्मक
चित्र के अनुसार और अनुसूची में उल्लिखित मदो के अनुसार निर्माण के
सम्बन्ध में कार्य करने के लिए हस्ताक्षर दिनांक --/--/----(हस्ताक्षर की
दिनांक ) को किया व् अतिरिक्त कार्य उल्लिखित लागत के अनुसार देय होगा।
धारा 4.यह कि अनुसूची में उल्लिखित दर सभी मामलो में पूर्ण कार्य के लिए
होगी और इसमें सभी प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष और आकस्मिक लागते शामिल होंगी
जैसे कि मचान के लिए शुल्क, ,सामग्री और शटरिंग के लिए शुल्क, उपकरण व्
नरी
म नरी शी
के लिए किराया, परिवहन शुल्क व् निर्माण सामग्री के लिए अस्थायी भंडार
गृह कार्य शामिल होंगे। सामग्री व् मलबे को हटाने के लिए श्रम शुल्क आदि शामिल
होंगे।
धारा 5. यह कि लागत निर्धारण शुल्क अनुसूची में दरें स्टील और सीमेंट की मूल
दरों पर आधारित होती है,इन बुनियादी दरों में किसी भी वृद्धि के मामले में
कम या ज्यादा की ओर समायोजन अनुबंधित रा तिशेमें किया जायेगा। किसी अन्य
वस्तु या सामग्री में वृद्धि होने पर खाते से सम्बंधित कोई अनुमति न दी
जाएगी।
धारा 6. यह की ठेकेदार इसके लिए हर तरह से भवन निर्माण का कार्य पूरा करने
के लिए सहमत है ताकि भवन अमुक तिथि (भवन निर्माण की समय सीमा तिथि ) पर
या उससे पहले पूरी तरह से रहने योग्य बना सके। ठेकेदार इस तिथि से 10
दिनों के भीतर कार्य अनुसूची प्रस्तुत करेगा और प्रगति की निगरानी के लिए
साप्ताहिक बैठक निर्माण स्थान में आयोजित की करेगा।
धारा 10. यह की भवन निर्माण भुगतान भवन कार्य की अवस्था के अनुसार किया
जायेगा,जैसे कि:-
1. अग्रिम संरचना,
2. नीव,
3. फुटिंग चरण,
4. सीढ़ी अवस्था,
5. भू तल,
6. कर्नल, ब्लॉक कार्य, सीढ़ी,
7. छत,
8. पहली मंजिल,
9. कर्नल, ब्लॉक कार्य, सीढ़ी,
10. रूफ लेवल,
11. वास्तु,
12. डोर फ्रेम / इलेक्ट्रिकल
13. लेप,
14. पाइपलाइन,
15. बाहरी प्लास्टर,
16. फर् ,
17. दरवाजा,खिड़की,
18. पेंटिंग आदि।
सुरक्षा प्रतिधारण रा तिशे
क्लाइंट प्रतिनिधि द्वारा निष्पादित और प्रमाणित कार्यो
के मूल्य का 4 % होगा, और भवन निर्माण के आभासी पूरा होने के 3 माह के बाद
जारी किया जायेगा।
धारा 11. यदि भवन मालिक किसी भी सामग्री की पूर्ति करना चाहता है, तो उन्हें
सी सामग्रियों की लागत के लिए रुपया दिया जायेगा और चल रहे बिल से तुरंत
मूल्य काटा जायेगा।
धारा 14. यह की पानी और बिजली की पूर्ति के लिए भवन मालिक अस्थायी बिजली
के कनेक्ननक्शकी व्यवस्था करेगा, निर्माण के दौरान सभी बिजली और पानी का
शुल्क मालिक द्वारा वहन किया जायेगा।
धारा 15 . यह की भवन में कोई दोष, रिसाव या संकोचन या अन्य कोई दोष निर्माण
कार्य पूरा होने की तारीख से तीन महीनों के भीतर प्रकट होती है, तो वास्तुकार
या मालिक की लिखित निर्देश पर उचित समय के भीतर निर्दिष्ट किया जायेगा
जिसमे सुधर किया जायेगा और ठेकेदार द्वारा अपनी लागत पर अच्छा बनाया
जायेगा।
मालिक ऐसे दोषों को निर्धारित करने के लिए अन्य व्यक्ति को नियुक्त कर सकता
है, उस दोष को सही करने के लिए भुगतान कर सकता है और उस दोष पर होने
वाली पूरी लागत और खर्चे ठेकेदार द्वारा देय धन सहित किसी भी धनरा तिशे से
या ठेकेदार द्वारा वसूल किया जायेगा।
धारा 16. यह कि वास्तुकार की राय में ठेकेदार द्वारा किया गया निर्माण कार्य
असंतोषजनक है, या निर्माण कार्य की प्रगति धीमी है या यह सम्भावना है कि
ठेकेदार अनुसूची के भीतर कार्य पूरा करने में असक्षम है, तो मालिक को इस
अनुबंध को समाप्त करने का पुरा अधिकार होगा।
धारा 18. यह कि मालिक का निर्माण स्थान पर कब्ज़ा बरकरार रहते हुए केवल
ठेकेदार को आवासीय घर बनाने हेतु संपत्ति पर प्रवेश करने की अनुमति दे
सकता है। मालिक को बाद में किसी भयउ समय स्वतंत्र रूप से प्रवेश करने और
पूर्वोक्त आवासीय निर्माण स्थान कब्जे और स्वामित्व के सभी कार्यो का उपयोग
करने का अधिकार होगा।
यह इकरार नामा हम प्रथम पक्ष व् द्वितीय पक्ष के मध्य ख़ु शेमन से बिना किसी
जोर दबाव के समक्ष गवाहन तहरीर कर रहे है। भविष्य में किसी भी प्रकार के
विवाद होने की स्तिथि में वैधानिक रूप से यह इकरार नामा मान्य होगा।
दिनांक - (--/--/----)
पक्षकार हस्ताक्षर :-
प्रथम पक्ष (भवन मालिक )
द्वितीय पक्ष ( भवन निर्माणकर्ता / ठेकेदार )
गवाहन हस्ताक्षर :-
प्रथम गवाह-
द्वितीय गवाह -