ित्रकोण में हो तो सभी अिरष्टों को हर लेते हैं, इनकी शुभ िस्थित गृहस्थ सुख के िलए देखी जाती हैं। हमसें िमलने के िलए सम्पकर् करें !
नवांश कुंड़ली जो जन्म कुंड़ली का पुरक होती
हैं, इसमें भी ग्रहों की िस्थित शुभ अवस्था में हो तो बताती हैं िक िववाह सुख िकतना हैं।
िववाह के भावों (2, 7, 11) में पापी ग्रहों का
प्रभाव हो तो िववाह सुख में कमी देते हैं क्योंिक पापी ग्रह पृथकता/अलगाव लाते हैं। सप्तम भाव या सप्तमेश पर पापकतर्री योग बने तब िववािहत जीवन एक घुटन भरा बन जाता हैं।
सप्तमेश अपने से छ्ठे , आठवें या बारहवें भाव में
िकसी पाप ग्रह राहु या शिन के साथ पाप प्रभाव में हो।
अष्टमेश की िस्थित पहले भाव, दू सरे भाव जो
पिरवार का भाव हैं, चतुथर् भाव जो घर के सुख का भाव हैं, सप्तमेश जो िववाह का भाव हैं, इन भावों में हो तो भी िववाह सुख में कमी लाता हैं।
िववाह कारक गुरु व शुक्र अस्त, नीच, पाप
प्रभाव या अष्टमेश के साथ हो तो तनाव बना रहता हैं। िकसी भी सवाल के िलए यहां िक्लक करें !
सप्तम भाव में शुभ ग्रह के साथ नीच का सूयर् हो
गुरू, राहु, शिन का प्रभाव हो व शुक्र छटे भाव का स्वामी हो तो रोज़ लड़ाई झगड़ा होता रहता हैं िजसका अंत तलाक होता हैं।
शुक्र का दू सरे या सप्तम भाव में पाप प्रभाव में
और शुक्र, पंचम व द्वाद्श भाव में बलवान हो तो िकसी तीसरे के आने से तलाक होता हैं।
छठे भाव व चतुथर् भाव का स्वामी आपस में
रािश पिरवतर्न करे तो अदालती तलाक होता हैं और बारहवे भाव के साथ पिरवतर्न करे तो आपस में अलगाव होता हैं।
लग्नेश व सप्तमेश एक दुसरे से षड़ाष्टक य
िद्वद्वादश िस्थित में हो तो भी आपस में प्यार नहीं रहता। अपने बारे में जानने के िलए अभी बात करें !
कुंड् ली में मंगल दोष या मांगिलक होने से भी
िववाह जैसा मांगलय सुख नहीं िटक पाता।
अगर वै व ािहक सु ख में अशां ि त की
शु रु आत हो जल्दी ही कु छ उपाय करने से शां ि त हो सकती हैं ।
Ø मंगलवार को मंिदर के बाहर खड़े हो कर
दोनो लाल कपड़े में पताशे रख कर छोटे बच्चे को बांटे। अं क ज्योितष ज्योितष//वै ि दक ज्योितष सीखें !
Ø हनुमान जी की आराधना करे और अपने
िववािहत जीवन की मंगलकामना करे साथ में सुंदर कांड़ पाठ िनयिमत रुप से करे।
Ø मंगल चंिडका व मंगल गौरी का पाठ करे।
Ø गाय को िनयिमत रुप से रोटी िखलाए,
िचं िटयो को सात अनाज का आटा पीस कर मीठे बुरे में िमला कर िखलाए और रोज तुलसी को जल दे।
Ø रिववार को ताम्बे के लोटे में जल व गुड़ ड़ाल
कर सूयर् को अघ्येर् दे। तुलसी की माला से गायत्री मंत्र का जाप करे। पीपल व बड़ के वृक्ष पर पानी दे।
Ø चांदी का िसक्का एक दू सरे को तोफे में दे
साथ ही खीर बना कर एक ही कटोरी में खाए।
Ø वास्तु के िहसाब से घर का मुख्य दरवाजा
दिक्षण िदशा, पूवर्-दिक्षण कोण या पिक्षम िदशा में होगा तो पित-पित्न में कलह रहती हैं अगर ऐसा हैं तो अपने मुख्य दरवाजे पर एक पीली नेम-प्लेट या पीला झण्डा लगा दो या घर की छत पर एक पीला झण्डा लगा दे। कमरे में हल्का गुलाबी रंग करवा दे।
Ø घर में सीलन न आने दे, घर की दीवार पर
पीपल न उगने दे। घर के दिक्षण-पिक्षम कोने में एक सुंदर पिक्षयों के जोड़े लगाए साथ में अपनी भी िववाह की कोई तस्वीर िजसमें आप दोनो एक साथ प्रेम से मुस्कुरा रहे हो वह भी अवशय लगाए। अन्य उपायों के बारे में◌ं जाने!
अगर आप भी सभी सम्भव उपाय करने के बाद
अपने िरशते को संवार नहीं पा रहे हैं और अपनी गृहस्थी के सुख से वंिचत हैं तो आये हम अपने प्रयास से आपकी समस्या का समाधान कर सकने की हर सम्भव कोिशश करेगे िजससे आपका दुखद जीवन सुखद बन सके।