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तीय भाव :-

2 रा भाव मूल प से वाणी , चेहरा , दांत , वाद , कुटु ब , धन सं ह , ने आ द का भाव होता है ।

तीय भाव पा रवा रक सुख का भाव भी है ।

जब 2 रे भाव के उप वामी का श न से हो तो जातक को पा रवा रक ज मेदा रय को नभाना पड़ता है ।

य द 2 रे भाव के उप वामी के ह , न , उपन प रवार म 6 , 8 , 12 जुड़े तो प रवार से सुखी नही रहता । ऐसे म
मंगल का भी स ब ध हो यानी 2 रे भाव का उप वामी , न वामी या उपन वामी मंगल हो तो घर मे झगड़े भी होते है ।

य द 2 रे भाव का उप वामी बुध हो तो पेपर व स म कुशल होता है

य द 2 रे भाव के उप वामी का स ब ध केवल 6 से हो तो प रवार म असंतु रहेगी । ले कन प रवार से लाभ भी मलेगा ।

केवल 8 वां भाव 2 रे भाव के उप वामी से जुड़ा हो तो घर क शां त भंग होती है ।

और य द 12 वां भाव भी जुड़ जाये तो प रवार से र रहना होगा ।

वाणी :-

य द पहले भाव का उप वामी 6 , 8 , 12 से स बं धत हो और 2 रे भाव का उप वामी बुध / रा / केतू हो और 2 रे भाव का


उप वा म का न वामी जल रा श ( मूक रा श ) मे हो तो के गूग
ं ा रहने क संभावना होती है ।

क वाणी कैसी होगी ?

यह 2 रे भाव का उप वामी ओर उप वामी का न वामी बतायेगा ।

य द यह -

सूय हो - भावकारी ।

च हो - वचार क अ भ म सम या ।

मंगल हो - ब त तेजी से बोलना , सामने वाले क बात काटना ।

बुध हो - उ म बातचीत , कसी भी वषय पर बोलने म मा हर ।

गु हो - धा मक , प ट आवाज , कुछ अहंकारी वाणी ।

शु हो - सरो को आनंद दे ने वाली आवाज ले कन शु , रा या केतू के साथ हो तो चालाक से भरपूर वाणी ।

श न हो - कम बोलने वाला , धीमी वाणी ।

रा हो - कई भाषा का जानकार ।

केतू हो - नदा करने वाली वाणी ।


तीय भाव वाद का भी होता है -

को खानपान म कैसा वाद भाता है ?

य द 2 रे भाव का उप वामी -

सूय हो - तीखा , गम ।

च हो - नमक न ।

मंगल हो - तेज , ख ा , गम ।

बुध हो - म त वाद ।

गु हो - मीठा ।

शु हो - ख ा और मीठा दोनो पसंद ।

श न हो - कडु आ ।

रा हो - तीखा , कड़वा ।

केतू हो - वादहीन , कुछ भी पसंद ।

सभी लोग इस बात का यान रखे क इस प


ु के नोट् स कसी भी प
ु म शेयर ना करे , कुछ लोग नोट् स चुराकर अपने नाम से
बुक छपवा लेते है ।

तीय भाव ने को भी सू चत करता है ।

पु ष के दा हने ने के लए 2 रा भाव और बाय ने के लए 12 वां भाव दे खा जाता है जब क ी के मामले म इसका उ टा


कर द जये ।

सूय , च के अलावा शु भी ने का कारक होता है ।

य द 2 रा / 12 वां भाव पी ड़त हो यानी यहां रा / केतू या श न हो या ये यहां कसी शुभ ह के साथ हो तो आंख पर ज द
च मा लग जाता है ।

आंख के रोग भी कई कार के होते है जो रा श अनुसार वचार कर सकते है जैसे रत धी के लए कु भ रा श ।

य द दे खा गया है क जब 1 या 8 व भाव का उप वामी मंगल से स बं धत हो तो जीवन मे ऑपरेशन क संभावना बनती है ।

य द 12 व भाव का उप वामी 6 , 8 , 12 से स बं धत हो तो तब 2 और 12 भाव क संयु दशा , भु , अ तर म ने हा न


के योग बनते है ।

धन क थ त के लए 2 के साथ 6 , 11 भाव को भी दे खा जाता है , इन भाव क संयु दशा , भु , अ तर म धन क


वृ होती है ।

भौ तक स के लए अ धकांश हो के प रवार म 1 , 2 , 3 , 6 , 10 , 11 भाव कायश के प म कट होने चा हय ।

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