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जेण्डर : सम्प्रत्यात्मक बोध

डॉ0 रीता जायसवाल


सहायक आचार्य
समाजशास्त्र विभाग
महिला महाविद्यालय,
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी

मैं और मेरी पहचान से सम्बन्धित विषय का विश्लेषण करने पर सबसे पहले यह प्रश्न उभर कर मानव मस्तिष्क में आता
है कि मैं कौन हूँ? मेरी पहचान क्या है? इन प्रश्नों के उत्तर में यह आसानी से कहा जा सकता है कि सृष्टि में सभी प्राणी की जैविक
विशेषता के आधार पर पहचाना जाता है। लेकिन मानव जैसे दुर्लभ प्राणी ने अपनी जैविक विशेषता (Sex) के अतिरिक्त समाज
निर्मित विशेषताओं को अपनी पहचान का आधार बनाया है। किसी भी जीव को लिंग (Sex) के आधार पर नर और मादा की
संज्ञा दी जाती है। मानव में भी लिंग (Sex) के आधार पर स्त्री-पुरुष और ट्रांसजेण्डर होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति समूह के पास एक
अपनी सामाजिक पहचान होती है या दी जाती है जिसे हम Gender के नाम से जानते हैं। Gender आधारित पहचान प्रक्रिया
प्रत्येक लिंग (Sex) के आधार पर अलग-अलग बनाए गए हैं, जिसके द्वारा व्यक्ति स्वयं को अपनी संस्कृ ति के माध्यम से देखता
है और उसी के अनुरूप सामाजिकृ त होता है। जहाँ एक ओर स्त्री और पुरुष को समाज में अलग-अलग तरीके से सामाजिकृ त
किया जाता है। वहीं दूसरी ओर ट्रांसजेण्डर व्यक्ति को समाज से पृथक देखा जाता है। जेण्डर शब्द की विस्तृत व्याख्या के पूर्व
लिंग (Sex) और जेण्‍डर (Gender) को साधारण शब्दों में समझ लेना आवश्यक है। जेण्डर से संबंधित प्रत्यय की समझ
विद्यार्थियों एवं शोधकार्य के लिए आवश्यक है। महिलाओं से जुड़े नाना प्रकार के विषय व मुद्दों को इन प्रत्ययों के माध्यम से स्पष्ट
रूप से समझने में मदद मिलेगी।

लिंग (Sex)
एक व्यक्ति की जैविक विशेषताएं उसे जन्म से ही प्राप्त होती है।, यह सार्वभौतिक और अपरिवर्तनशील होती है।

जेण्डर (Gender)
Gender एक जटिल प्रत्यय है जिसको समझना आसान नहीं है। टिप्पणी नहीं की जा सकती है। जेण्डर एक सामाजिक
निर्माण है जो कि अपेक्षित व्यवहार, भूमिका और गतिविधियों से संबंधित होता है। इनमें महिलाओं-पुरुषों और ट्रान्सजेण्डर के
मध्य विभिन्न विशेषताओं, स्थितियों, भूमिकाओं, जिम्मेदारियों, अवसरों और विशेषाधिकारों के साथ-साथ संसाधन और लाभ
पर उनकी पहुँच के नियंत्रण शामिल है। ये सभी भेद समय, स्थान, विकास, जलवायु और संस्कृ ति के साथ बदलते हैं। जेण्डर से
संबंधित परिभाषाएं इस प्रकार हैं-
According to WHO "Gender refers to the socially constructed characteristics of women and
men such as norms, roles and relationship of and between groups of women and men, it various form
of society and can be changed.”
Bravo-Baumann (2000 ), “Gender is after misunderstood as being the promotion of women
only. However as use see the FAO definition Gender issue focus on women and on the relationship
between men and women, their roles access to and control over resources, division of labour, interest

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and need. Gender relation affect household, security family well being, planning, production and many
other aspects of life.”
According to SADC (Swisis Agency for Development and cooperation)
“'Gender is socially constructed definition of women and men. It is not the same as sex and it
is not the same as women. Gender is determined by the conception of task, functions and roles
attributes to women and men in society and in public and private life.”
उपर्युक्त परिभाषा से स्पष्ट है कि जेण्डर समाज द्वारा निर्मित होता है जो कि समाज द्वारा सिखाया जाता है। जिसमें
सांस्कृ तिक भिन्नता होती है तथा जो कि गतिशील एवं परिवर्तनशील होता है। जेण्डर की कु छ विशेषताएं इस प्रकार हैं-

 समाज ने पुरुष और महिलाओं के संबंधों के बीच सामाजिक भूमिकाओं का विवरण है।


 यह समय और संस्कृ ति के परिवर्तन के कारण परिवर्तित होता है।
 यह जीवन के सभी पक्षों को संदर्भित करता है।
 संस्कृ ति द्वारा निर्धारित किए गए व्यवहार एवं क्रिया जो कि पुरुष और महिला द्वारा स्वीकृ त होते हैं।
 यह महिला व पुरुष की स्थिति परिवार, समुदाय एवं राष्ट्र में निर्धारित करता है।
 यह शक्ति के उपयोग को और साझा करने को सन्दर्भित करता है।
उपरोक्त विशेषताओं के पश्चात् कु छ जेण्डर से सम्बन्धित सप्रत्यय इस प्रकार हैं-
लिंग भूमिका (Sex Role)
लिंग भूमिका जेण्डर भूमिका से भिन्न होती क्योंकि वे उन जैविक कार्यों को सन्दर्भित करती है जो एक विशेष सेक्स
तक सीमित है उदाहरण गर्भावस्था एक महिला की लिंग भूमिका (Sex Role) है क्योंकि महिला ही बच्चे को जन्म दे सकती है।
लिंग भूमिका (Gender Role)
जेण्डर भूमिकाएं सेक्स द्वारा वर्गीकृ त भूमिकाएं हैं जिसमें वर्गीकरण सामाजिक है, जैविक नहीं। बालक के पालन-पोषण
को एक महिला भूमिका के रूप में वर्गीकृ त किया जा सकता है। लेकिन यह एक महिला लिंग भूमिका (Sex Role) के बजाय
लिंग भूमिका (Gender Role) है। क्योंकि बालक का पालन और पोषण दोनों द्वारा किया जा सकता है।
लिंग विश्लेषण (Gender Analysis)
लिंग विश्लेषण विच्छेदित जानकारी का संग्रह और विश्लेषण है। पुरुष और महिलाएं दोनों अलग-अलग भूमिकाएं
निभाते हैं। इससे महिलाओं और पुरुषों के अनुभव, ज्ञान, प्रतिभा और जरूरतों में अन्तर होता है। लिंग विश्लेषण इन अन्तरों की
जाँच करता है तथा आने वाली बाधाओं के आधार पर अनेक मुद्दों को तय करता है ताकि उन मुद्दों को परियोजना के उद्देश्यों और
कार्यक्रम क्रियान्वयन के तरीकों से सम्बन्धित किया जा सके ।
लिंग रूढ़िवादिता (Gender Stereotype)
लिंग रूढ़िवादिता तब होती है जब पुरुष और महिलाओं को उनके लिंग को सामाजिक और सांस्कृ तिक अपेक्षाओं के
बारे में कठोर सोच के अनुसार माना जाता है। बजाय उनकी व्यक्तिगत रूचि, योग्यता व क्षमताओं के अनुसार। उदाहरण-लड़की
गणित विषय नहीं पढ़ सकती है उसे गृह विज्ञान पढ़ना चाहिए आदि।

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लैंगिक मुद्दे (Gender Issues)
लैंगिक मुद्दे (Gender Issues) तब उत्पन्न होते हैं जब किसी व्यक्ति या समूह की असमानता या अंतर अस्पष्ट विशुद्ध
रूप से उनके सेक्स की सामाजिक अपेक्षाओं और विशेषताओं के आधार पर होता है। या आमतौर पर उन स्थितियों में बने रहने
वाले पुराने दृष्टिकोणों के परिणामस्वरूप होता है जहाँ ये अब मान्य नहीं है।
लैंगिक जागरूकता (Gender Awareness)
लैंगिक जागरूकता (Gender Awareness) का तात्पर्य महिलाओं और पुरुषों क बीच सामाजिक और सांस्कृ तिक
अंतरों के ज्ञान और प्रशंसा और इनसे भूमिकाओं शक्ति, सम्बन्धों, विशेषाधिकारी, जिम्मेदारियों, जरूरतों और संसाधनों और
कार्यों पर नियंत्रण और नियंत्रण के अन्तर को दर्शाता है।
उत्पादक गतिविधिया (Productive Activities)
उत्पादक गतिविधियाँ उपभोग या व्यापार के लिए वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन को संदर्भित करती है। उदाहरण के
लिए खेती या मछली पकड़ने। जब लोगों से पूछा जाता है कि वे क्या करते हैं, तब प्रतिक्रिया आमतौर पर उत्पादक कार्य से
संबंधित होती है। विशेष रूप से काम जो आप उत्पन्न करता है। महिला और पुरुष दोनों उत्पादक कार्य में शामिल हो जाते हैं
लेकिन श्रम के लिए उनके कार्य और जिम्मेदारियों का अधिकांश भाग लिंग विभाजन के अनुसार अलग-अलग होगी। महिलाओं
का उत्पादक कार्य पुरुषों की तुलना में कम मूल्यवान आंका जाता है।
लिंग समानता (Gender Equality)
लिंग समानता का अर्थ है संसाधनों व लाभों के आवंटन में या सेवाओं में उनकी पहुँच में किसी व्यक्ति के लिंग के
आधार पर कोर्इ भेदभाव नहीं हो। अवसर की समानता या लोगों की समानता के सन्दर्भ में लिंग समानता को मापा जा सकता
है।
लिंग समता (Gender Equity)
जेण्डर इक्विटी का मतलब है कि यह सुनिश्चित करना कि विकास की नीतियाँ या कार्यक्रम महिलाओं को आर्थिक रूप से या
उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों के मामले में कोर्इ पहलू नहीं छोड़ते हैं। इक्विटी के विभिन्न गतिविधियों को मानव लागत के
माध्यम से मापा जाता है। इक्विटी का उद्देश्य महिलाओं को कानून के तहत समान उपचार, शिक्षा के लिए समान पहुँच और काम
के लिए समान पारिश्रमिक देना है।
प्रजनन कार्य (Reproductive Work)
प्रजनन कार्य घर और उसके सदस्यों की देखभाल और रख-रखाव को सन्दर्भित करता है जिसमें बच्चों की देखभाल
करना, भोजन तैयार करना, पानी और र्इधन इकट्ठा करना, खरीदारों, गृह व्यवस्था और परिवार स्वास्थ्य की देखभाल शामिल
है। हालांकि मानव जीवन के लिए प्रजनन कार्य महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यह शायद ही कभी वास्तविक कार्य माना जाता है। गरीब
समुदायों में प्रजनन कार्य आमतौर पर श्रम और समय लेने वाला होता है। यह कार्य मात्र महिलाओं और लड़कियों की जिम्मेदारी
है।
व्यवहारिक लिंग आवश्यकता (Practical Gender Needs)व्यवहारिक लिंग आवश्यकता को उन संसाधनों या
सुविधाओं का संदर्भ चाहिए जो लोगों की अपनी वर्तमान भूमिकाओं को अधिक आसानी से प्रभावी या कु शलता से निभाने की
आवश्यकता होती है। इस तरह की जरूरतों को लोग आमतौर पर स्वयं पहचान सकते हैं।

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रणनीतिक लैंगिक जरूरत (Strategic Gender Needs)
रणनीतिक लैंगिक जरूरतों को समाज में महिलाओं और पुरुषों के अधीनस्थ पदों की चुनौति देने और उनके मौजूद
भूमिकाओं और संबंधों को बदलने के लिए डिजाइन किया गया है। रणनीतिक जरूरतों के उदाहरण में प्रजनन अधिकार, अधिक
राजनीतिक आवाज और महिलाओं के विरूद्ध हिंसा पर कार्रवार्इ शामिल है। ऐसी जरूरतें अक्सर पदानुक्रमिक पदों को चुनौती
देती है और आमतौर पर दीर्घकालिक होती है।
लिंग भेदभाव (Gender Discrimination)
लिंग भेदभाव की विशेषता होती है कि एक लिंग दूसरे लिंग को नुकसान पहुँचाता है जिसके कारण एक लिंग दूसरे
लिंग पर अन्यायपूर्ण या यहाँ तक कि क्रू रता के साथ शक्ति और वर्चस्व का उपयोग करता है। अर्थात् लिंग उत्पीड़न होता है। इस
तरह की प्रथाएं लिंग अन्तराल पैदा करती है जिसके माध्यम से प्रथागत प्रथाओं, धार्मिक पूर्वाग्रहों, सामाजिक मान्यताओं,
मिथकों या वर्जनाओं के परिणामस्वरूप एक लिंग से इस हद तक भेदभाव किया जाता है कि उसे संसाधनों या सेवाओं का उचित
हिस्सा करने से रोका जाता है।
लिंग संवेदनशीलता (Gender Sensitivity)
लिंग संवेदनशीलता लैंगिक मुद्दों को पहचानने की क्षमता है। विशेष रूप से महिलाओं की विभिन्न धारणाएं और
रूचियाँ उनके स्थानों व लिंग भूमिकाओं से उत्पन्न होती है। यदि विकास कार्यक्रम लैंगिक मुद्दों (Gender Issues) को ध्यान में
नहीं रखते तो लिंग असंवेदनशीलता या लिंग अंधा (Gender Blindness) माना जाता है, क्योंकि वे महिलाओं और पुरुषों के
विभिन्न आवश्यकताओं को पहचानने में विफल होते हैं। दूसरी ओर एक कार्यक्रम लैंगिक मुद्दों (Gender Issues) को ध्यान में
रखता है तो यह लिंग के प्रति संवेदनशीलता हो जाती है।
लिंग मुख्यधारा (Gender Mainstream)
लिंग मुख्यधारा सभी विकास कार्यक्रमों और परियोजनाओं में लिंग संबंधी मुद्दों की पहचान करना और उनका पता
लगाना चाहे वह किसी भी क्षेत्र या परियोजना के प्रकार में और विकास के किसी भी चरण में हो, योजना और कार्यान्वयन से
लेकर निगरानी और मूल्यांकन तक।
लिंग लेखा परीक्षा (Gender Audit)
लिंग लेखा परीक्षा एक उपकरण है जिसके माध्यम से किसी संगठन में लैंगिक समानता को मापा जाता है जिसमें
उसकी नीति, कार्यक्रम, परियोजना, सेवा का प्रावधान, संरचना और बजट शामिल है।
जेण्डर बायस (Gender Bias)
जेण्डर बायस एक जेण्डर का दूसरे जेण्डर के प्रति पूर्वाग्रह है। यह अचेतन पूर्वाग्रह या निहित पूर्वाग्रह का एक रूप है जो
तब होता है जब एक व्यक्ति अनजाने में किसी अन्य व्यक्ति या लोगों के समूह के लिए कु छ व्यवस्था और रूढ़िवादिता का श्रेय
देता है।
जेण्डर सन्तुलन (Gender Balance)
लिंग सन्तुलन द्वारा हम एक ऐसी स्थिति का उल्लेख करते हैं जहाँ पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समाज के सभी
संस्थानों, अर्थात् धर्म, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, संस्कृ ति और राजनीति में समान अवसर और पहुँच होती है।

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विकास में महिलाएं (Women in Development)
विकास में महिलाएं (Women in Development) विकास में महिलाएं एक दृष्टिकोण है जो महिलाओं की विशिष्ट
आवश्यकताओं पर ध्यान के न्द्रित करता है और उन्हें अलग से संबोधित करना चाहते हैं।
जेण्डर और विकास (Gender and Development)
जेण्डर और विकास (Gender and Development) एक दृष्टिकोण जो महिलाओं और पुरुषों की विभिन्न
आवश्यकताओं को ध्यान में रखता है और उनके बीच लैंगिक समानता (Gender Equality) बढ़ाना है।
नारीवाद (Feminism)
नारीवाद (Feminism) नारीवाद एक दृष्टिकोण की वकालत करता है जो महिला के दृष्टिकोण से सामाजिक स्थिति को
देखता है और समझाता है और उनकी व्याख्या करता है, ताकि लैंगिक असमानता के समाधान में लिंग उत्पीड़न के रूप में
महिला उत्पीड़न को संबोधित करने की रणनीति शामिल हो।
सशक्तिकरण (Empowerment)
सशक्तिकरण (Empowerment) सशक्तिकरण वह प्रक्रिया है जिनके माध्यम से महिला और पुरुषों के विकास के
संरचनात्मक और अन्तर्निहित कारणों की पहचान करने समझने और व्याप्त असमानता को दूर करने हेतु तथ्यों को एकत्रित करना
है, ताकि समानता द्वारा कल्याण सम्भव हो सके तथा महिला और पुरुष का संसाधनों पर समान पहुँच व नियंत्रण हो।

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लैंगिक असमानता (Gender Inequality)
लैंगिक असमानता (Gender Inequality) लड़के और लड़कियों के बीच असमानता व असन्तुलन विद्यमान है
परिवार, धार्मिक अनुष्ठान व समुदाय में शक्ति संसाधन व अवसर के असमान वितरण के कारण होता है उसे लैंगिक असमानता
कहते हैं।
लैंगिक अन्तराल (Gender Gap)
लैंगिक अन्तराल (Gender Gap) लैंगिक अन्तराल समाज, विद्यालय और परिवार में लैंगिक असमानता को मापने
का मात्रात्मक प्रतीक है।
लैंगिक तटस्थता (Gender Neutral)
लैंगिक तटस्थता (Gender Neutral) कु छ लोग यह दावा करते हैं कि लिंग आधारित असमानता को व्यवहार में
प्रयोग नहीं करते हैं। यह अक्सर देखा जाता है कि किस तरह लैंगिक मुद्दों को सही परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत नहीं किया गया और यह
लड़कियों की असमानता के रूप में परिलक्षित होता है और यह लड़के और लड़कियों के विशेष आवश्यकता को अनदेखा करता
है।
लिंग एकीकरण (Gender Integration)
लिंग एकीकरण (Gender Integration) लिंग एकीकरण में रणनीति और कार्यक्रम के डिजाइन कार्यान्वयन और
निगरानी और मूल्यांकन के दौरान लैंगिक असमानताओं की पहचान करना और फिर शामिल करना है।
लिंग : सार्वजनिक और नीजि (Gender : Public and Private)
सार्वजनिक एक अपर्वजनात्मक जगह है जहाँ पुरुष सामग्री को वितरित और नियंत्रित करते हैं और सामाजिक संसाधन
(धन, शक्ति, स्थिति, वस्तुओं) से महिलाओं को बाहर रखा गया है। महिलाओं को सार्वजनिक जगह से अलग रखने की यह विधि
अति खतरनाक है जहाँ वे शारीरिक और शाब्दिक हिंसा का सामना करती है। साथ ही साथ कानूनी बहिष्करण, आर्थिक हाशिए
पर और अपमान का शिकार होती है।
नीजि भी एक अपवर्जनात्मक जगह है जहाँ पुरुषों ने महिलाओं को नीजिकरण के कारण परिवार का मुखिया माना है
लेकिन निर्णय लेने की शक्तियों के साथ भरोसा नहीं करता है और हमेशा दखल देता है।
Power Over-किसी को अपने अधीन रखना है। पुरुष प्रधान समाज में सदियों से महिलाओं को अपने अधीन माना गया है।
इनकी तमाम तरह के अधिकारों से वंचित कर दिया गया है।
Power To- अपनी शक्ति का प्रयोग अन्य के साथ साझा करना। महिलाएं को सक्षम होते हुए भी स्वतंत्र रूप से किसी विषय व
मुद्दे पर निर्णय नहीं लेने दिया जाता है और पुरुष वर्ग सारे निर्णय स्वयं लेता है।
Power With- महिलाएं अपनी क्षमता ओर शक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में लगाती हैं लेकिन उनके श्रम और कार्य को न हमें
महत्व दिया जाता है और न ही विकास में उसकी गणना की जाती है।
Power Within-अपने अन्दर की क्षमता को बाहर निकालना और अंग्रेजी योगयता में परिवर्तन करना है।
जेण्डर से जुड़े उपरोक्त सम्प्रत्यय महिलाओं से सम्‍बन्धित मुद्दों के सूक्ष्म एवं गहन समझ को उत्पन्न करने में सहायक
होती है। जेण्डर से जुड़े तमाम तरह के भ्रामक सम्प्रत्यय को इस लेख द्वारा स्पष्टता प्रदान करने का प्रयास किया गया है।
जेण्डर सम्प्रत्यात्मक बोध द्वारा शोधार्थी अपने शोध को एक नर्इ दिशा प्रदान कर सकते हैं तथा पठन-पाठन को
विद्यार्थी हेतु रुचिकर बनाया जा सकता है।

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Selected Reading

 N. Kabeer (2001), Resources, Agency, Achievement, Reflection on the Measurement of


Women empowerment in SDA/Swedish inter-nation Development cooperation Agency,
Discussing, women empowerment Theory and Practice, Side studies N3 pp. 17-57.
 Balancing the Scales-Participants manual, (Ministry of Gender, labor and social development,
Uganda, 1999, pp. 100
 Capacity Building Programme on Gender Sensitivity in School, Training Manual for Master
Trainers, CBSE, 2015-2016, pp. 19-22.
 http://sbccimplementationkits.org/Gender/Key.genderconcept/
 http://www.google.com/url?sa-t & sources web & ret=j & url = http//www.ipsne
 Kishor, S. & Johnson. K (2004), Profiling domestic Violence. A multi-country study.
Measure. DHS-Project. Calverton ORC.
 Malhotra. A, Pande, R. & Growo, C. (2003), Impact of Investment in Female Education on
Gender Equality. Washington. DG. International Centre for research on.
 Ometosho. B.J. (2009), Gender Description in the Workplace, A Myth or Reality. Faculty of
Social Science Journal, 4 (1) 152-161, University of Acto E Kirti.

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