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HINDI PROJECT

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ADI CHHEDA
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देशभक्ति  मतलब
१९७१ का भारत-पाक युद्ध
फिल्म भुज का सारांश
भुज द प्राइड ऑफ इंडिया मोइव के अभिनेता और अभिनेत्री
फिल्म भुज की समीक्षा
देशभक्ति  मतलब
 देश के  प्रति होने वाला अनुराग या लगाव; राष्ट्रीयता; देशभक्ति; वतनपरस्ती; स्वदेशप्रेम 
देश की उन्नति के लिए कार्य करने की भावना।

 देशभक्ति अपने सम्मान की रक्षा के लिए देश के लिए बलिदान का प्रतीक है । इसका अर्थ
है राष्ट्र द्वारा पहचाने जाने वाले आदर्शों की पहचान करना और उन्हें समझना । देशभक्ति
का मतलब किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता के प्रति समर्थन नहीं है; इसका अर्थ है
हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा निर्धारित शासन प्रणाली का सम्मान करना और उनका
पालन करना । गर्व महसूस करना और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी की भावना वास्तव में
देशभक्ति को शामिल करती है ।
१९७१ का भारत-पाक युद्ध

१९७१ का भारत-पाक युद्ध भारत एवं पाकिस्तान के बीच एक सैन्य संघर्ष था। इसका आरम्भ तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के  स्वतंत्रता संग्राम के चलते ३ दिसंबर, १९७१ से
दिनांक १६ दिसम्बर, १९७१ को हुआ था एवं ढाका समर्पण के साथ समापन हुआ था। युद्ध का आरम्भ पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के ११ स्टेशनों पर रिक्तिपूर्व हवाई
हमले से हुआ, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेशी स्वतंत्रता संग्राम में बंगाली राष्ट्रवादी गुटों के समर्थन में कू द पड़ी।मात्र १३ दिन चलने वाला यह
युद्ध इतिहास में दर्ज लघुतम युद्धों में से एक रहा। 
युद्ध के दौरान भारतीय एवं पाकिस्तानी सेनाओं का एक ही साथ पूर्वी तथा पश्चिमी दोनों फ्रं ट पर सामना हुआ और ये तब तक चला जब तक कि पाकिस्तानी पूर्वी कमान
ने समर्पण अभिलेख पर[१६ दिसम्बर, १९७१ में ढाक में हस्ताक्षर नहीं कर दिये, जिसके साथ ही पूर्वी पाकिस्तान को एक नया राष्ट्र बांग्लादेश घोषित किया गया। लगभग
~९०,००० से ~९३,००० पाकिस्तानी सैनिकों को भारतीय सेना द्वारा युद्ध बन्दी बनाया गया था। इनमें ७९,६७६ से ९१,००० तक पाकिस्तानी सशस्त्र सेना के वर्दीधारी
सैनिक थे, जिनमें कु छ बंगाली सैनिक भी थे जो पाकिस्तान के वफ़ादार थे। शेष १०,३२४ से १५,००० युद्धबन्दी वे नागरिक थे, जो या तो सैन्य सम्बन्धी थे या पाकिस्तान के
सहयोगी (रज़ाकर) थे।एक अनुमान के अनुसार इस युद्ध में लगभग ३०,००० से ३ लाख बांग्लादेशी नागरिक हताहत हुए थे।इस संघर्ष के कारण, ८०,००० से लगभग १ लाख
लोग पड़ोसी देश भारत में शरणार्थी रूप में घुस गये।
फिल्म भुज का सारांश
भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया भारतीय इतिहास से एक अविश्वसनीय कहानी को दर्शाती है । प्रदर्शन बेहतरीन है, सेकें ड हाफ में फ़िल्म का रोमांचक स्तर बढ़ जाता है, और
उत्साहित क्लाइमेक्स फ़िल्म का हाई प्वाइंट है ।

भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के एक अविश्वसनीय अध्याय की कहानी है । 1971 में पाकिस्तानी सेना
द्वारा पूर्वी पाकिस्तान के निवासियों के उत्पीड़न से लाखों लोगों की मौत हुई । असंख्य लोग हत्याओं से बचने के लिए भारत की ओर पलायन
करते हैं । इसलिए भारत भी इस संघर्ष में शामिल हो जाता है और अपने अधिकांश सैनिकों को पूर्वी सीमा पर तैनात कर देता है । इस
स्थिति का फायदा उठाकर पाकिस्तान पश्चिमी तरफ भारत के डिफें स बेस पर हमला करने लगता है । 8 दिसंबर 1971 को, पाकिस्तान
वायु सेना ने अचानक भुज एयरबेस पर हमला किया, कमांडिंग ऑफिसर विजय कार्णिक (अजय देवगन) और बाकी सभी इससे हैरान रह
जाते हैं । इस हमले में कई लोगों की जान चली जाती है और हवाई पट्टी भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है । इस बीच, पाकिस्तान
सूरजबाड़ी और बनासकठा पुलों और भुज की ओर जाने वाली पांच प्रमुख सड़कों को भी नष्ट कर देता है । नतीजतन, भुज और कच्छ देश
के बाकी हिस्सों से कट जाते हैं । भारतीय वायु सेना के विमान भी नहीं उतर सकते क्योंकि हवाई पट्टी नष्ट हो गई है और इसकी मरम्मत
करने वाले इंजीनियर भाग गए हैं । इस बीच पाकिस्तानी सेना ने भुज की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है और पूरे क्षेत्र पर कब्जा करने की
योजना बना रही है । इस समस्या का एकमात्र उपाय यह है कि किसी भी कीमत पर रात भर हवाई पट्टी की मरम्मत की जाए । आगे क्या
होता है यह बाकी की फ़िल्म देखने के बाद पता चलता है ।
भुज द प्राइड ऑफ इंडिया मोइव के अभिनेता और अभिनेत्री

 अजय देवगन के रूप में विजय कर्णिक (आईएएफ स्क्वाड्र न लीडर)


 संजय दत्त के रूप में रंचोरदास पागी (भारतीय सेना स्काउट)
 शरद के लकर के रूप में राम करण नायर (सैन्य अधिकारी)
 सोनाक्षी सिन्हा के रूप में सुंदरबेन जेठा मधरपर्या
 नोरा फतेही के रूप में हीना रहमान
 विनोद कर्णिक के रूप में महेश शेट्टी
 अनुराग त्रिपाठी के रूप में मोजीर खान
 विक्रम सिंह बाजे जेठाज के रूप में अम्मी विर्क
 विजय की पत्नी के रूप में प्रणीता सुभाष
 इहाना ढिल्लों
 भुज भारत का गौरव
फिल्म भुज की समीक्षा
 फिल्म इंदिरा गांधी के दौर में पाकिस्तान के दो टुकड़े होने और बांग्लादेश बनने की पृष्ठभूमि को संक्षेप में दिखाती है। वैसे तो यह देशभक्ति की भावना पेश करती
है, लेकिन मराठी, मलयाली, गुजराती और सिख-पंजाबी अस्मिता भी इसमें हैं।
 अक्सर युद्ध पर आधारित फिल्में किसी जांबाज या हीरो को लेकर बनी होती हैं। लेकिन युद्ध सिर्फ सैनिक नहीं जिताते हैं। आम लोगों की भी उसमें बड़ी भूमिका
होती है। ‘भुज : द प्राइड ऑफ इंडिया’ एक ऐसी ही फिल्म हैं जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित है। उस युद्ध के दौरान गुजरात के भुज
इलाके के भारतीय वायुसेना के रनवे को पाकिस्तानी वायुसेना ने ध्वस्त कर दिया था। इससे कच्छ इलाके का संपर्क भारत से टू टने का खतरा पैदा हो गया।
 इस रनवे को आम लोगों और खासकर महिलाओं के सहयोग से किस तरह रातों-रात तैयार किया गया, इसी की थोड़ी कल्पित और थोड़ी सी वास्तविक गाथा
है- ‘भुज : द प्राइड ऑफ इंडिया’। अजय देवगन ने विजय कार्णिक नाम के उस वायुसेना अफसर की भूमिका निभाई है जो भुज में उस वक्त तैनात था। विजय
के ये जानते हुए भी कि युद्ध के दौरान रनवे बनाने के लिए महिलाओं और आम लोगों की सहायता लेना सैन्य कानून के विरूद्ध है और उसका कोर्ट मार्शल भी
हो सकता है, यह खतरा उठाता है। संजय दत्त ने रनछोड़ दास पगी का किरदार निभाया है। पगी भी इस युद्ध के दौरान एक वास्तविक व्यक्ति था और वह
रेगिस्तान में ऊं ट के पैरों के निशान देख कर बता देता था कि वे किस ओर गए हैं और किस देश की सेना कहां से गुजरी है।

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