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पाठ -3 नादान दोस्त पावरपोईंट प्रस्तुति
पाठ -3 नादान दोस्त पावरपोईंट प्रस्तुति
बेंगलुरू-12
डिजिटल अध्ययन सामग्री
सत्र - (2020-21)
⚫कक्षा – छठी विषय- हिन्दी
यह कहानी हमें सीख देती है कि किसी भी कार्य को करने से पहले पूरी तरह से सुनिश्चित कर लें कि जो आप कर
रहे हैं, वह सही है या नहीं। के शव और श्यामा ने चिड़िया के बच्चों के लिए जो भी किया था यदि वे अपने माता-
पिता से एक बार पूछ लेते, तो शायद वे उन बच्चों को अपने सामने देख पाते।
पाठ में आए हुए कठिन शब्दार्थ
क्रं . सं. शब्द अर्थ
1 नादान नासमझ, अनाड़ी
2 कार्निस दीवार का नुकीला कोना
3 चिड़ा नर गौरा या गौरैया पक्षी का नर
4 मजा आनंद, सुख
5 सुध याद
6 तसल्ली दिलासा, ढाँढस
7 फु र्र पक्षी के उड़ने का शब्द
8 पर पंख
9 जिज्ञासा जानने की इच्छा
10 मुसीबत मुश्किल, परेशानी
11 उधेड़बुन तर्क -वितर्क , लगातार सोंचना
12 सुराख छेद
13 हिकमत अच्छी, तरकीब
14 हिफ़ाजत देखभाल करना, रक्षा करना
15 चिथड़े कपड़े अथवा कागज के टुकड़े
16 कसूर दोष, अपराध
17 गिड़गिड़ाना विनती करना
18 आहिस्ता धीरे से, आराम से, सावधानी से
19 मोहब्बत प्रेम
20 हिस्सेदार अंशधारी, शेयर होल्डर
21 फै सला निर्णय, निश्चय
22 लू गर्म हवा
23 यकायक अचानक
24 संयोग मेल, लगाव
25 सहमना डरना
26 करुण स्वर दुःखपूर्वक
27 भीगी बिल्ली बनना अत्यधिक डर जाना
28 थामना पकड़ना
29 छेड़ना चिढ़ाना, बाधा उत्पन्न करना
30 उजला सफे द
31 पाप गुनाह
32 अफसोस खेद, दुःख
33 जोग कार्य
34 सत्यानाश बर्बादी
प्रश्न-अभ्यास
( कहानी से )
⚫ प्रश्न 1- अंडों के बारे में के शव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस ही में सवाल-जवाब
करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?
⚫ उत्तर:के शव और श्यामा के मन में अण्डों के आकार, रंग, संख्या, भोजन, बच्चों के पंख कै से होंगे, उनमें से बच्चे कै से
निकलेंगे आदि सवाल उठते थे| दोनों बच्चे आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे लिया करते थे
क्योंकि उनके सवालों का जवाब देने के लिए अम्मा और बाबू जी के पास समय नहीं था|
प्रश्न 2- के शव ने श्यामा से चिथडे, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर क्यों रखे थे?
उत्तर : के शव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर पर इसलिए रखे थे जिससे कि
वे चिड़िया को तथा अंडों को और ज्यादा आराम से रख सकें दोनों की हिफाजत कर सकें ।
▪ प्रश्न 1: के शव और श्यामा ने अंडों के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए? यदि उस जगह तुम होते तो क्या
अनुमान लगाते और क्या करते?
▪ उत्तर :के शव और श्यामा ने अण्डों के विषय में निम्नलिखित अनुमान लगाए-
1.अब उन अण्डों से बच्चे निकल आए होंगे |
2.चिड़िया इतना दाना कहाँ से लाएगी |
3.गरीब बच्चे तो इस तरह भूख से मर जायेंगे |
▪ उत्तर : माँ के सोते ही के शव और श्यामा इसलिए बाहर निकल आए क्योंकि उन्हें चिड़िया के अंडों को देखना था।
यदि वे इस सब के बार में बताते तो माँ उन्हें भरी दोपहर में निकलने नहीं देतीं।
▪ प्रश्न 3- प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?
▪ उत्तर : प्रेमचंद ने इस पाठ का नाम बड़े सोचकर नादान दोस्त रखा था। यदि मैं इस जगह होता तो मैं इस पाठ का
नाम- ‘बचपन की नादानियाँ’, ‘बच्चों की नादानी’ या ‘अण्डों की हिफाजत’ रखता।
अनुमान और कल्पना
⚫ प्रश्न 1- इस पाठ में गर्मी के दिनों की चर्चा की गई है ।अगर सरदी और बरसात के दिन होते तो क्या-
क्या होता ? अनुमान करो और अपने साथियों को सुनाओ।
⚫ उतर - यदि सर्दी या बरसात के दिन होते तो भी के शव और श्यामा को बाहर न निकलने दिया जाता।
सर्दी और बरसात में भी बच्चों को ठंड लगने और उनके बीमार होने की संभावना रहती है। यदि सर्दी या
बरसात के दिन होते और के शव तथा श्यामा घर से बाहर निकलते तो भी उनकी माँ उन्हें अवश्य
डांटती। सर्दी से अंडों को बचाने के लिए व्यवस्था करनी पड़ती और बरसात में अंडों को भीगने से
बचाने व पानी में बहने से बचाना होता।
▪ प्रश्न 2 - पाठ पढ़कर मालूम करो कि दोनों चिड़िया वहाँ फिर क्यों नहीं दिखाई दीं ? वे कहाँ गई होंगी? इस पर
अपने दोस्तों के साथ मिलेगा बातचीत करो।
▪ उतर - दोनों चिड़ियों ने देखा कि बच्चे उनके अंडे को छेड़ते हैं। उन्होंने जान लिया कि उस घर में उनके अंडे
सुरक्षित नहीं रहेंगे। दोनों चिड़िया अंडों के फू ट जाने के बाद वहाँ फिर नहीं आई और वे वह स्थान छोड़कर चली गई।
उन चिड़ियों ने वह स्थान छोड़कर निश्चित रूप से कहीं दूसरी जगह अपना घोंसला बनाया होगा ताकि समय आने
पर वह फिर अंडे दे सके और उनके अंडे सुरक्षित रहे।
▪ प्रश्न3 - के शव और श्यामा चिड़िया के अंडों को लेकर बहुत उत्सुक थे। क्या तुम्हें भी किसी नई
चीज या बात को लेकर कौतूहल महसूस हुआ है? ऐसे किसी अनुभव का वर्णन करो और बताओ कि
ऐसे में तुम्हारे मन में क्या-क्या सवाल उठे?
▪ उतर - मुझे अपने घर में पैदा हुए बिल्ली के नवजात बच्चों के प्रति कौतूहल बना रहता था। एक बार
मेरे घर के पिछले हिस्से में एक बिल्ली ने तीन बच्चे दिए थे। उन्हें देखकर मुझे बहुत कौतूहल हुआ बिल्ली
अपने बच्चों को मुँह में दबाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती थी। उन्हें देखकर मुझे बहुत
अच्छा लगता था। बिल्ली का इस प्रकार मुँह से अपने बच्चों को दबाकर ले जाना भी बहुत
आश्चर्यचकित करने वाला था। मैं उन्हें चुपके से अपने हिस्से की रोटी और दूध आदि पिला देती थी।
मैं हमेशा यह सोचती थी कि क्या मुँह से दबाते समय बिल्ली के बच्चों को दर्द न होता होगा?
भाषा की बात
⚫ प्रश्न 1- श्यामा माँ से बोली, “मैंने आपकी बातचीत सुन ली है ।”
ऊपर दिए उदाहरण में मैंने का प्रयोग ‘श्यामा’ के लिए और आपकी
का प्रयोग ‘माँ’ के लिए हो रहा है । जब सर्वनाम का प्रयोग कहने
वाले, सुनने वाले या किसी तीसरे के लिए हो, तो उसे पुरुषवाचक
सर्वनाम कहते हैं। नीचे दिए गए वाक्यों में तीनों प्रकार के
पुरुषवाचक सर्वनामों के नीचे रे खा खींचो-
एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठं डी हवा का
आनंद ले रहे थे| तभी उन्होंने दे खा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता
हुआ उनकी ओर चला आ रहा है । पास आकर उसने बड़े दयनीय
स्वर में कहा, ”मैं भखू से मरा जा रहा हूँ| क्या आप मझ ु े कुछ खाने
को दे सकते है ?”
⚫ उत्तर - एक दिन दीपू और नीलू यमन
ु ा तट पर बैठे शाम की ठं डी हवा
का आनंद ले रहे थे| तभी उन्होंने दे खा कि एक लंबा आदमी
लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है । पास आकर उसने बड़े
दयनीय स्वर में कहा, ”मैं भखू से मरा जा रहा हूँ| क्या आप मझ ु े
कुछ खाने को दे सकते है ?”
आपका स्नेहाकांक्षी
(अपना अपना नाम)
लेखक परिचय