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विज्ञान प्रयोगशाला के उपकरणोों के नाम

भौतिकी (Physics)
वप्रज्‍म (PRISM)

स्वररत्र विभुज (Tuning Fork )


धारामापी (Ammeter) अमीटर
िोल्टमापी (Volmeter)

कुोंजी (Key)

स्थिरविद् युत्दशी (Electroscope)

Rheostat : धारा तियन्त्रक

तापमापी (Thermometer)
कमानीदार तु ला (Spring Balance)
भौवतक तुला (Physical Balance)

PIPETTE वपपेट
Test tube परखनली टे स्ट ट्यू ब परख िली
BEAKER बीकर जार
ब्यूरेट (Burette)
बैरोमीटर
पी.एच. मापी खरल मूसली

रोधिी (Stopcock)

मूषा (Crucible)

तिपाई (Tripod)

मापक तसतलिंडर

मापक फ्लास्क

सिंदतिका (Tongs)

तकप का गैस जतित्र (Kip's gas generator)

धावि बोिल

पोतसिलीि की प्याली ( China Dish)

जल ऊष्मक (Water bath) चम्मच (Spatula)


पृथक्कारी कीप

कोवनकल फलास्क (Conical Flask) शोंक्वाकार फलास्क

गोल पेंदीिाला फ्लास्क (Round bottom flask)


TROUGH
Petri dish

बुन्सेन बननर (Bunsen Burner) बुन्सेि ज्वालक

रासायवनक उपकरण
मुक्त ज्ञानकोश विवकपीविया से
वकसी भी रासायवनक प्रयोगशाला में ठोस, द्रि, या गै स अिथिा में अनेक प्रकार के पदािों के साि प्रयोग
करने पड़ते हैं तिा विवभन्न प्रयोगोों के साि विशे ष प्रकार के उपकरणोों को जु टाना पड़ता है । अत: उन
साधारण उपकरणोों को, वजनसे अन्य अनेक प्रकार के जवटल उपकरण तैयार कर प्रयोग वकए जाते हैं , जान
ले ना वनताों त आिश्यक है। रासायतिक उपकरणोिं (Chemical Apparatus) का चु नना इस बात पर भी वनभनर
करता है वक विया वकस ताप पर होगी और वियाशील पदािन सोंक्षारक (corrosive) तो नहीों होोंगे।
रासायवनक वियाएँ ठोस, द्रि, या गै स अिथिािाले पदािों के साि हो सकती हैं । अत: विलयन, वनस्योंदन,
वनष्कषनण, अिक्षेपण, िाष्पीकरण, सोंघनन, शोषणश् आवद अनेक विवधयोों के वलए विवभन्न प्रकार के उपकरण,
जै से िीकर, परखनली, कीप, पोंप, वनस्योंदन फ्लास्क, जल ऊष्मक, िालू ऊष्मक, आों वशक आसिन स्तों भ, फ्लास्क
शोषक स्तोंभ, गै सजवनत्र, धािन बोतल, काग, रबर ति काँच की नली, तापमापी, मूषा, तोल बोतल, ब्यूरेट, वपपेट,
अोंशाों वकत फ्लास्क आवद, प्रयुक्त होते हैं ।
वकसी विशे ष प्रकार का उपकरण तै यार करने के वलए विवभन्न उपकरणोों को शीशे तिा रबर, या प्लास्स्टक
की नवलयोों की सहायता से जोड़ना पड़ता है । उनमें साधारण, या रबर के काग लगाने पड़ते हैं । उन कागोों
में छे द करने पड़ते हैं , काँच की नवलयोों को मोड़ना पड़ता है तिा उन्हें झुकाना, खीोंचना या वकसी विशे ष
अभीष्ट रूप में बनाना आिश्यक होता है। आजकल घवषनत काँ च के प्रामावणक जोड़िाले उपकरण भी ऐसी
नापोों के वमलते हैं जो इस प्रकार जुट जाते हैं वक उनमें जल, या हिा का पूणन रोधन हो सके। अत: काग
लगाने, या अन्य प्रकार से जोड़ने की आिश्यकता नहीों होती। प्रयोग करते समय जोड़ोों का वसलीकोन ग्रीज़
से स्नेहन (lubrication) करना पड़ता है , वजससे िे पूणनरूपेण िायुरोधी हो जाएँ ।
प्रयोगशाला की विवधयोों में समय-समय पर पररितन न होते रहे हैं , अत: कम मात्रा में पदािन ले कर काम
करने के वलए सूक्ष्म उपकरणोों का, जै से सूक्ष्म बीकर, सूक्ष्म ब्यूरेट, सूक्ष्ममापी तु ला आवद का प्रयोग होने लगा
है , वजनकी सहायता से हम कुछ वमवलग्राम पदािन से अनेक वियाएँ कर सकते हैं । ऐसे अवधकाों श उपकरण
अवधक मात्रा में पदािन ले कर काम में आनेिाले उपकरणोों के लघु रूप हैं ।
इसके अवतररक्त प्रयोगशाला में कुछ भौवतक मापोों का वनकालना पड़ता है , वजसके वलए तु ला, तापमापी,
बै रोमीटर, स्पेक्ट्रोमीटर, पी.एच मापी, चालकतामापी, ध्रुिणमापी, विितन नमापी, श्यानतामापी आवद अनेक विशे ष
उपकरणोों की आिश्यकता होती है ।

कुछ साधारण उपकरण[सोंपावदत करें ]


१. बुन्सेि ज्वालक - दे खें, बु न्सेन ज्वालक
२. ऊष्मक
(क) जल ऊष्मक (Water bath) - इसमें जल भरा रहता है और इसमें ऊपर के छल्लेदार ढक्कनोों
को कम ज्यादा करके वकसी भी आकार का बरतन इसपर रखकर गरम वकया जा सकता है । :
(ख) तै ल ऊष्मक - इसमें जल के थिान पर तैल, या पैराफीन रहता है ।
(ग) बालू ऊष्मक - इसमें टीन के एक तबे के ऊपर बालू की एक समान तह फैला दी जाती
है । आजकल इन ऊष्मकोों के अवतररक्त
(घ) िै द्यु त जल उष्मक,
(ङ) हॉट प्लेट (गरम पविका) तिा
(च) गरम करनेिाले मैंटेल भी प्रयोग वकए जाते हैं।
३. उपकरणोों को कसने, जुटाने या ऊपर नीचे हटाकर लगाने के वलए (क)
क्लैंप, (ख) बॉसहे ि, या क्लैंप पररग्राही तिा (ग) क्लैंप ररों ग (पकड़ छल्ला)
प्रयु क्त वकए जाते हैं ।
४. रोधिी
(क) दाबक रोधनी (Pinch-cock) - यह रबर की नली को दबाने के काम आती है,
(ख) पेंचदार रोधनी एक दू सरे प्रकार का उपकरण, वजसमें पेंच से कसकर रबर को दबा सकते
हैं ।
५. चम्मच (Spatula) - यह कई प्रकार के होते हैं तिा हाि से वबना
छु ए पदािों को बोतलोों से वनकालने, या वकसी उपकरण में िालने के
काम आते हैं । यह चीनी वमिी, वनकेल या जों गरोधी इस्पात के बने होते
हैं ।
६. परख िली - परख नली को पकड़ने की चुटकी, परख नली का
स्टैं ि तिा क्विन नली (यह परख नली से बड़ी, पर उसी प्रकार की
होती है)।
७. जलधार चूषण पिंप - इस पोंप का प्रयोग (क) वनस्योंदन फ्लास्क
तिा (ख) बुकनर कीप, या (ग) गूच मूषा, या (घ) विट प्लेट के साि
वकया जाता है। चू षण पोंप की सहायता से दाब कम हो जाने पर छानन
विया तीव्र गवत से होती है ।
८. बीकर - यह विवभन्न पररमाप, ५०० वमली। , २५० वमली। , १५० वमली।
, १०० वमली। , आवद के होते हैं ।
९. धावि बोिल - यह जल की पतली धार को, वजसको वकसी विशे ष
थिान पर केंवद्रत वकया जा सकता है , प्राप्त करने के काम आती है ।
१०. पोतसिलीि की प्याली - यह विलयनोों की िाष्पन के काम आती है ।
११. (क) िाच ग्लास तिा (ख) क्लॉक ग्लास - यह बीकर में रखे
पदािों को ढँ कने, या इनमें कुछ पदािों के रखने, के काम आते हैं ।
१२. गैस िोषण बोिल िथा िोषण स्तिं भ - इनमें विवभन्न द्रि, या ठोस
पदािन रखे जाते हैं , वजससे इनमें से प्रिावहत होनेिाली गैसोों के िे अियि
जो अशु स्ि के रूप में उनमें है उस बोतल में रखे पदािों में शोवषत हो
जाएँ ।
१३. पृथक्कारी कीप - यह दो आकार की होती है : (क) एक गोलाकार
तिा (ख) दू सरी नाशपाती के आकार की (pear shaped)। इसकी
सहायता से दो अवमश्रणीय द्रि पृिक वकए जा सकते हैं ।
१४. िोतषत्र - ये नमी की उपस्थिवत में पदािों को सुखाने, या ठों िा
करने के काम आते हैं । इनके पेंदे में साोंद्र सल्फ्यूररक अम्ल, चू ना, या
अनाद्रन कैस्ियम क्लोराइि रखा रहता है । हिा की अनुपस्थिवत में सुखाने
के वलए वनिानत शोवषत्र का उपयोग करते हैं। चू षण पोंप की सहायता से
इसकी हिा वनकाली जा सकती है ।
१५. खरल मूसली - यह चीनी वमिी, या लोहे की होती है और पदािों
को महीन पीसने के काम आती है ।
१६. चूतषत्र बोिल (Aspirator bottle) - इसमें से िमश: बूँ द बूँद जल
वगरने से हिा स्खोंचकर नली से होकर आती है । इसे अन्य उपकरण के
साि जोड़ा जा सकता है ।
१७. रोधिी (Stopcock) - यह कई प्रकार की होती है : विमागी (two
way), वत्रमागी (Three way) आवद। उपकरण के एक भाग से दू सरे भाग
की ओर वकसी द्रि, या गै स के बहाि का वनयोंत्रण करने के काम आती
हैं ।
१८. ब्यूरेट, तपपेट, व्यूरेट आधार, तपपेट आधार - ये द्रिोों के आयतन
सोंबोंधी मापन में काम आते हैं । स्वचावलत ब्यूरेट में द्रिोों को बार बार
भरना नहीों पड़ता। यह काम रबर की गोलाकार िैली को दबाने से
वकया जा सकता है ।
१९. मूषा (Crucible) - यह चीनी वमिी, क्वाट्न ज़, या प्लेवटनम की बनी होती
है । भारात्मक पररमापन प्रयोगोों में इनका उपयोग होता है । चीनी वमिी
का वत्रकोण (clay pipe triangle) मूषा को वतपाई पर रखने के काम
आता है ।
२०. िोलि बोिल, िोलि िली - पदािों को इनमें रखकर तौला जा
सकता है ।
२१. (क) मापक तसतलिंडर - ये द्रिोों के नापने के काम में आते हैं ।
(ख) मापक फ्लास्क - ये पदािों के प्रमावणक विलयन बनाने के काम
में आते हैं।
२२. फुँु किी (Blow-pipe) - यह ज्वाला की महीन धार को वकसी पदािन
के ऊपर केंवद्रत करने के वलए प्रयु क्त होती है ।
२३. सिंदतिका (Tongs) - यह मूषा, या अन्य उपकरण, या िस्तु ओों को
पकड़ने, या पकड़कर गरम करने के काम आती है ।
२४. जल, या वायु भट्ठी (Water or air oven) - ये पदािों को सुखाने के
काम आती हैं । विद् यु त् िारा गरम होनेिाली भट्ठी भी काम में आती है।
२५. तकप का गै स जतित्र (Kip's gas generator) - यह प्रयोगशाला में
हाइिरोजन सल्फाइि, या काबन न िाइऑक्साइि गै स बनाने के काम आता
है ।
२६. आिु लग (Quick fit) उपकरण - यह प्रामावणक जोड़ोों के होते हैं
और एक दू सरे में वफट हो जाते हैं । इनके प्रयोग से काग आवद लगाने
या छे द करने की परे शानी से बच जाते है ।
२७. सूक्ष्म उपकरण - यह उपकरण बहुत ही कम मात्रा में प्राप्त
पदािों के शु िीकरण, विश्लेषण आवद में काम आते हैं ।
२८. कुछ तवतिष्ट उपकरण - कुछ विशे ष प्रकार की वियाओों के वलए
विवभन्न उपकरण जु टाने पड़ते हैं ।

वदष्ट धारा विभिमापी (Direct current Potentiometer)


प्रत्यािती धारा विभि मापी (Alternting Current Potentiometer)

केस्िन (Kelvin)

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