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दयानं द अनु याययय ं की रामायण से कुछ प्रश्न

स्वामी दयानंद के अनुयाययय ं द्वारा


छापी गयी यिशुद्ध रामायण
(बालकाण्ड) से कुछ प्रश्न

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दयानं द अनु याययय ं की रामायण से कुछ प्रश्न

प्रश्न 1- रामायण की भूयमका में ही रामायण काल


का िणणन करते हुए आप ल ग ं ने िायु पुराण के
श्ल क ं से रामायण काल की गणना की है ।
जबयक आप ल ग त पुराण ं क यमलािटी मानते
ह , उनक िेद व्यास जी द्वारा रयित भी नही ं
मानते और आपके अनुसार ज भी पुराण
रयियता है उसक गायलयां भी दे ते ह । त क्या ये
द गलापन नही ं यक एक तरफ त आपल ग
पुराण ं क प्रयिप्त मान , उनके रयियता क
गाली द और दूसरी तरफ आप उसी के श्ल क ं
से अपनी रामायण में राम जी के काल गणना के
प्रमाण द ?

प्रश्न 2- प्रथम सगण के पहले ही श्ल क में यजन


नारद मुयन का िणणन है िे कौन हैं ? सनातन धमण
में उनका क्या स्थान है ? उनका क ई जीिन
िररत्र उपलब्ध है आपके पास?

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प्रश्न 3- प्रथम सगण के 6th श्ल क में यलखा है यक


दे ियषण नारद तीन ं ल क ं का िृत्ांत जानते थे। त
कृपया ये बताइए यक ऋयष, महयषण, दे ियषण,
ब्रह्मऋयष में क्या अंतर ह ता है ? और ि तीन
ल क कौन से हैं यजनका िृत्ांत नारद जी क पता
रहता था। और कैसे पता रहता था?

प्रश्न 4- प्रथम सगण के श्ल क संख्या 13 में श्री राम


क प्रजायपता ब्रह्मा के जैसा प्रजा का रिक
बताया है । क ई व्यक्ति/िस्तु पहले से यिद्यमान ह
तभी त उसके साथ यकसी यक तुलना की जाती
है । इसका अथण ब्रह्मा पहले से यिद्यमान हैं तभी
उनके साथ श्री राम यक तुलना की गई है और िे
ब्रह्मा प्रजा की रिा करने में कुशल हैं तभी श्री
राम क उनके जैसा ही रिक ब ला गया है । त
कृपया ये बताएं यक ये ब्रह्मा कौन हैं और यकस
प्रकार प्रजा की रिा करते हैं ?

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प्रश्न 5- प्रथम सगण के श्ल क संख्या 17 ि 18 में श्री


राम के पराक्रम की तुलना यिष्णु से ि दानशीलता
की तुलना कुबेर से की गई है । त कृपया ये बताएं
यक ये यिष्णु कौन हैं और इन् न ं े कब पराक्रम
यदखाया ज उनके पराक्रम की तुलना श्री राम के
पराक्रम से कर दी? और ये कुबेर कौन हैं तथा
इन् न ं े कब यकसक यकतना दान यदया था ज श्री
राम के दानशीलता की तुलना कुबेर से कर दी?

प्रश्न 6- दूसरे सगण के श्ल क संख्या 2 में दे ियषण


नारद का आकाश मागण से जाने का िणणन है ।
और िहां आपने नीिे स्पष्टीकरण यदया है यक
रामायण काल में अनेक व्यक्तिय ं के पास यिमान
ह ते थे। नारद जी भी यिमान से गए ह ग ं े। त क्या
आप ये बता सकते हैं यक उन यिमान ं में ईध ं न
क्या उपय ग ह ता था?

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प्रश्न 7- दूसरे सगण के श्ल क संख्या 16 में ब्रह्मा जी


के िाल्मीयक जी के पास आने का िणणन है । त
कृपया ये बताएं यक क्या ये िही ं ब्रह्मा हैं यजनक
प्रश्न 5 में प्रजायपता कहा गया है या क ई दूसरे
ब्रह्मा हैं ? ययद दूसरे ब्रह्मा हैं त क्या इनका क ई
जीिन िररत्र आप ल ग ं के पास है ?

प्रश्न 8- दूसरे सगण के श्ल क संख्या 19 में कहा है


यक नारद जी से िाल्मीयक जी ने श्री राम िररत्र
सुनकर उनके जीिन की घटनाओं क एकत्र
करना आरं भ यकया। और श्ल क संख्या 21 में
कहा है यक श्री राम ि उनके पररिार का हं सना,
ब लना आयद िृत्ांत भी िाल्मीयक जी ने धमण बल
से जान यलए। त कृपया ये बताएं यक यकसी
मनुष्य (राम जी) के जीिन के इतने अंतरं ग
आिरण/िररत्र यकसी बाहर के व्यक्ति (िाल्मीयक
जी) क कैसे मालूम पडे ? कौन व्यक्ति अपने घर

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में कब हं स रहा है या ब ल रहा है ये बात बाहर


िाले क कैसे मालूम पड सकती है?

प्रश्न 9- दूसरे सगण के श्ल क संख्या 23 में कहा है


यक िाल्मीयक जी ने य ग में क्तस्थत ह कर श्री राम
जी द्वारा ज िररत पूिण में यकए गए थे उनक
अपनी हथेली पर रखे आं िले की भांयत दे खा। त
कृपया ये बताएं यक जब नारद जी से सब िररत्र
उन् न ं े सुन यलए थे त य ग में क्तस्थत ह कर यफर
से दे खने की क्या आिश्यकता थी? और प्रश्न 9 में
बताया गया है यक श्री राम और उनके पररिार की
हं सी और अन्य बातें भी िाल्मीयक ही ने जान ली
थी। यफर य ग में क्तस्थत ह कर क्या दे खा? और
क्या ये संभि है यक य ग बल से भूतकाल में घयटत
िररत्र ं क दे खा जा सके? क्या ये बात
अिैज्ञायनक नही ं लगती?

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प्रश्न 10- तीसरा सगण के श्ल क संख्या 5 में कहा


गया है यक दशरथ उसी प्रकार अय ध्या में यनिास
करते थे जैसे इन्द्र स्वगण में बसते हैं । त कृपया ये
बताइए यक ये इन्द्र कौन हैं , स्वगण कहां है , और
इसमें यकस प्रकार इन्द्र बसते हैं ?

प्रश्न 11- िौथे सगण के श्ल क संख्या 8 में कहा है


यक अय ध्या नगरी में क ई भी िणण संकर नही ं
था। त कृपया बताएं िणण संकर कौन ह ता है ?

प्रश्न 12- छटे सगण के श्ल क संख्या 5 में कहा है


यक यियध रयहत यज्ञ करने िाला समाप्त ह जाता
है । त कृपया बताएं यक यज्ञ की यकस यियध क
न करने से यज्ञ करता नष्ट ह जाता है ? क्य यं क
आयण समाज के अनुसार त यज्ञ िायुमंडल की
शुक्तद्ध के यलए यकया जाता है । यफर उसमें यियध
क्या? और उस यियध का पालन न करने से यज्ञ
कताण कैसे नष्ट ह ता है ?
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प्रश्न 13- छटे सगण के श्ल क संख्या 6 में कहा है


यक अनादर से यदया गया दान दाता क नष्ट कर
दे ता है । त कृपया बताएं यक ये कैसे संभि है ?

प्रश्न 14- नौिें सगण के श्ल क संख्या 15 में राम जी


और उनके भाइय ं क िेद ं क जानने िाला,
शूरिीर, पर पकारी और ज्ञानी बताया है । त यही
गुण त ब्राह्मण ं में भी ह ते हैं जैसे द्र णािायण,
परशुराम आयद में। यफर राम जी और उनके
भाइय ं क ियत्रय क्य ं कहा गया, ब्राह्मण क्य ं
नही ं?

प्रश्न 15- दसिें सगण के श्ल क संख्या 5 में कहा


गया है यक यिश्वायमत्र जी से यमलने के यलए
महाराज दशरथ जी ऐसे िले यजस प्रकार ब्रह्मा
जी से यमलने इं द्र जाते हैं । त कृपया ये बताएं यक
इं द्र और ब्रह्मा कौन हैं और इं द्र कब ब्रह्मा जी से
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यमलने गए? और ये भी बताएं यक क्या ये िही इं द्र


और ब्रह्मा हैं यजनके बारे में हमने पहले भी प्रश्न 5,
7 और 10 में पूछा है ?

प्रश्न 16- ग्याहरिें सगण के श्ल क संख्या 7 में


यिश्वायमत्र जी कह रहे हैं यक श्री राम की ख्यायत
तीन ं ल क (जल, स्थल, नभ) में ह जाएगी। त
कृपया ये बताएं यक जल और नभ में उनकी
ख्यायत करने िाले कहााँ से आएं गे? क्या जल और
नभ में मनुष्य रहते हैं ?

प्रश्न 17- बाहरिें सगण के श्ल क संख्या 2 के


रे फरे न्स दे ते हुए आपने नीिे तुलसीदास जी की
रामिररतमानस की िौपाई डाली हुई है । ये कहााँ
तक उयित है यक यजन तुलसीदास जी क राहुल
आयण जैसे िीयडय बना कर गायलयां दे ते ह ,ं उन्ी ं
के ग्रन्थ की िौपाई आप ल ग अपनी रामायण में

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डाल ? इसे त थूक के िाटना कहते हैं । इतना


द गलापन कहााँ से लाते ह ?

प्रश्न 18- बाहरिें सगण के श्ल क संख्या 7 में कहा


गया है यक ज प्रयतज्ञा करके उसक पूरा नही ं
करता उसके अश्वमेध आयद यज्ञ और अन्य पुण्य
कमों का फल नष्ट ह जाता है । त कृपया ये बताएं
यक अश्वमेध यज्ञ करने से कौन सा फल यमला
करता है और अन्य पुण्य कमों से भी क्या फल
यमलता है ?

प्रश्न 19- बाहरिें सगण के श्ल क संख्या 8 में


अयििक्र और अमृत से यिश्वायमत्र और राम जी
की उपमा दी गयी है । त कृपया ये बताएं यक
अयििक्र यकस प्रकार अमृत की रिा करता है
और ये अमृत है कहााँ ?

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प्रश्न 20- तेहरिें सगण के श्ल क संख्या 6 से लेकर


13 तक यिश्वायमत्र जी राम जी क बला और
अयतबला नाम की मंत्रसमुह रूपी यिद्याएं दे रहे हैं
यजनकी प्राक्तप्त से न त क ई र ग लगता है , न
भूख प्यास सताती है , न थकािट ह ती है , न ही
बुढ़ापे आयद के कारण रूप यबगडता है और
व्यक्ति अयत बलिान ि बुक्तद्धमान ह जाता है । त
कृपया ये बताएं यक इस तरह की यिज्ञान यिरुद्ध
यिद्या कैसे सम्भि है और ि भी मन्त् ं से ?

प्रश्न 21- पंद्रहिें सगण के श्ल क संख्या 10 में यलखा


है यक दे िल क के समान धन धान्य सम्पन्न दे श
बसे हुए थे। त कृपया ये बताएं यक ये दे िल क
कहााँ है और उसका ऐसा कैसा िैभि है ?

प्रश्न 22- पंद्रहिें सगण के श्ल क संख्या 11 ि 12 में


ताडका क ययिणी कहा है और उसमें अनेक
हायथय ं के यजतना बल बताया गया है। त कृपया
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ये बताएं यक ये ययिणी का क्या अथण ह ता है ?


और यकसी मनुष्य में अनेक हायथय ं के यजतना
बल कैसे आया? क्या ये यिज्ञान यिरुद्ध नही ं?

प्रश्न 23- पंद्रहिें सगण के श्ल क सङ्ख् ख्या 21 और


22 में इं द्र, यिष्णु, भृगु आयद का यिक्र है । ये इं द्र,
यिष्णु कौन हैं ? क्या आपके पास िे सब कथाएं हैं
यजस सम्बन्ध में यहां उनका िणणन आया है ?

प्रश्न 24- उन्नीसिें सगण के श्ल क संख्या 14 में


यलखा है यक रािस ं क मारने के बाद राम जी
ऋयषय ं द्वारा ऐसे पूयजत हुए जैसे असुर ं क
मारने के बाद इं द्र पूयजत हुए थे। त कृपया ये
बताएं ये कौन से इं द्र हैं और इन् न
ं े कब असुर ं
क मारा और कैसे पूयजत हुए ?

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प्रश्न 25- बाईसिें सगण के श्ल क संख्या 9 में यलखा


है यक इं द्र ने माता यदयत की सेिा की थी। त
कृपया इस इं द्र के बारे में बताइये और माता यदयत
के बारे में भी बताइये।

प्रश्न 26- तेइसिें सगण के श्ल क संख्या 7 से 13


तक िणणन आया है यक इं द्र ने अयहल्या के साथ
संभ ग यकया। त कृपया ये बताएं यक ये इं द्र कौन
है और ययद ये श्रेष्ठ मनुष्य है त इस तरह का
अनैयतक कायण करना यकसी श्रेष्ठ पुरुष क कैसे
श भा दे ता है ? और यफर हम ल ग उसे श्रेष्ठ कैसे
कहें ?

प्रश्न 27- िौबीसिें सगण के श्ल क संख्या 7 में


जनक जी यिश्वायमत्र जी की स्तुयत करते हुए कह
रहे हैं यक आपके दशणन से मुझे यज्ञ का फल प्राप्त
ह गया। त कृपया ये बताइये यक यज्ञ करने से

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क्या फल यमला करता है और ि यकस प्रकार एक


मनुष्य के दशणन से प्राप्त ह सकता है?

प्रश्न 28- बत्ीसिें सगण के श्ल क संख्या 23 के


ररफरे न्स आप ल ग ं ने नीिे यग्रक्तिथ मह दय की
पुस्तक से यदया है । मैं पूछता हाँ यक एक यिदे शी
की यलखी पुस्तक से हमारी संस्कृयत की कथाय ं
का ररफरे न्स दे ना कहााँ तक उयित है ? क्या भारत
के सन् ं के यलखी पुस्तक ं पर आप ल ग ं क
यिश्वास नही ं? क्या ये उयित है यक यजन दुष्ट
अंग्रेज ं ने हमारे दे श क लूटा, उन्ी ं की यकताब ं
से आप ल ग हमारे ईश्वर की कथा यलखते हुए
रे फरे न्स दे रहे ह ? क्या आप ल ग आज भी
अंग्रेज ं के गुलाम ह ?

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