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भैरव साधना :-

यह मंत्र आपको ककिस ीस ुभी मभरर् मम ं कत्की करके जाप ुभर कर िकरे ह ैसिे रो ेिे िि ् एक राकत्र ीसरै यंत्र के िामीे जपीे िे
ीस ििध्द हो जारा हस क र ीस आप कीस ीस ेिे जप िकरे हेि िानीा को पूै् या दकक् िदुा मम मभह करके कर िकरे ह मा्का रद्ाक
कत या का्कस हकतक मा्का ंतम होरस हस ै त्र का्के या ्का्क पही िकरे ह या ्का्क या का्का ााै्क ्कपेा िकरे ह ेि िानीा के दौराी
कभत् को ज्केबस या ्कडडू खि्काीा चाकहए . िानीा रात्रस के 11 बजे िे िभबह के 4 बजे के बसच करीा चाकहए.

साधना अवधध- िानक के िंकलप अीभिार,7 ,11,21 िदी

सामग्री-प्रा्प्रकरषष्ठिर ीसरै यंत्र,या अष्ट ीसरै यंत्र

ेीकत पूजा मम ंडद और ंडद िे बीस ै रभएं जसिे ह्कैा, ंडद ीजजए कबीा ीमक के, दहस बडे आिद ुाषम्क होरे हंचमे्कस के ू ्क ीा हो रो
कोई ीस ंप्कबन ू ्क ंपयोग करमं

श्रीबटु्र क्र-भैरव-वववनयोगः - ॐ अ य शसआपपदार्-बाभ कीसरैमनत्र य बृहदारणयक ऋकषि कत्रष्टभ प् छनदि शसबाभ कीसरैो दे ैरा ह् बसजं ैाहा
ुिकि ीसरैि कत्ककं मम् नमा्््-काम-मोका्र शसबाभ कीसरै प्रस य्र जपे कैकीयोगि ं
ऋष्यादद-न्यासः- बृहदारणयक ऋषये ीमि िुरिि, कत्रष्टभ प् छनदिे ीमि मभिे, शसबाभ कीसरैो दे ैरायस ीमि ददये, ह् बसजाय ीमि गभेे, ैाहा
ुकये ीमि पादयो, ीसरैि कत्ककाय ीमि ीाीौ, मम् नमा्््-काम-मोका्र शसबाभ कीसरै प्रस य्र जपे कैकीयोगाय ीमि िैारगे ं
कर-नयािि- ॐ हां ैां अंगभष्ठिाठयां ीमि, ॐ ह् ै् रज्ीसठयां ीमि, ॐ हं ैूं मध्यमाठयां ीमि, ॐ ह ै अीाषमकाठयां ीमि, ॐ हौ ैौ ककीषष्ठिकाठयां
ीमि, ॐ हि ैि करर्क-कर-पृष्ठिाठयां ीमि ं

षडङ-न्यासः- ॐ हां ैां ददयाय ीमि, ॐ ह् ै् िुरिे ैाहा, ॐ हं ैू िुिायस ैषा् , ॐ ह ै कैचाय हम्, ॐ हौ ैौ ीेत्र-त्रयाय ैौषा् , ॐ हि
ैि अ त्राय ा् ं मनत्र-नयािि- (कर-नयाि एैं षड ् -नयाि) ॐ हां ह् अंगभष्ठिाठयां ीमि (ददयाय ीमि), ॐ ह् बाभ काय रज्ीसठयां ीमि (िुरिे
ैाहा), ॐ हं आपपदार्ाय मध्यमाठयां ीमि (िुिायस ैषा् ), ॐ ह कभर कभर अीाषमकाठयां ीमि (कैचाय हम्), ॐ हौ बाभ काय ककीषष्ठिकाठयां
ीमि (ीेत्र-त्रयाय ैौषा् ), ॐ हि ह् करर्क-कर-पृष्ठिाठयां ीमि (अ त्राय ा् ) ं

ध्यानः- िात ैक बाभ क ीसरै िानीा ध्याी

ैनदे बा्कं िाक-िदृुम्, कभनर्कोल्कािि-ैक्त्रम्ं िदव्याकलपसी्ै-मक्-मयसि, ककंकक्स-ीूपभराढसिंं दीपराकारं कैुद-ैदीं, िभप्रिन्नं कत्र-ीेत्रम्ं
ह राबजाठयां बाभ कमकीुं, ुू्क-दणडौ दनाीम्ंं

अ्ा्र् ीगैाी् शसबाभ क-ीसरै बा्कक ैरप हंीसरै के बा्क िाक के िमाी कातनरमाी ुरसर, घभँघरा्के केु् िे ंीका चेहरा प्रदीपर हसं
कभणड्क् के दारा दस दीईपयमाी मभि,ीैसी मक् जषडर ककंक्स र्ा पायजेब िे िजे हए चर्,कीम््क ै त्र प्रिन्नषचर एैं कत्रीयी ह ैे हा् मम
ुू्क और दणड को नार् ककए हए हं ीगैाी शसबाभ क-ीसरै के ेि िात ैक ध्याी िे िीस प्रकार कत अप-मृ यभ का ीाु होरा हस, आपदाओं का
कीैार् होरा हस, आयभ कत ैृजद होरस हस, आरोग्य और मभिक-पद ्काी होरा हसं
ेि ररह ध्याी करीे के बाद ीसरै यंत्र िामीे रिकर,िामगस चढ़ाकर मू्क मंत्र िे जप ुभर करीा चाकहए

और अष्ट ीसरै यंत्र कत पूजा दारा आठ ीसरै के मंत्र बो्कीा चाकहए

ऊँ अििरांग ीसरैाय ीमि, ऊँ र र ीसरैाय ीमि, चणड ीसरैाय ीमि,ऊँ कोन ीसरैाय ीमि, ऊँ ंनमत ीसरैाय ीमि, ऊँ कपाि्कीसरैाय ीमि, ऊँ
ीसष् ीसरैाय ीमि, ऊँ िंहार ीसरैाय ीमि

ेिके बाद मू्क मंत्र का जाप करम11 मा्का,21 मा्का जजरीा ीस िंकलप ि्कया हस

जप-मनत्रि- ....ॐ ह् बाभ काय आपपदार्ाय कभर कभर बाभ काय ह् ...

जप िंखया पूरस करीे के बाद हैी मम घस,िसर ुक्कर जसिस षमठाई चढाकर और हैी िामकगय् िे हैी करम, और पू्ा्हकर ीाररय्क मम
्का्कचंदी िे कर्कक कर ्का्क ू ्क का ंपयोग करके िभिे ीाररय्क के अंदर छे द करके षमठाई, िसर,घस,प्रिाद िामगस ्ोडस िस ीरकर हैी मम
चढ़ा दम ,यिद यह िानीा पशमी् िे िभरका के ि्कए कर रहे ह रो ीाररय्क चढातरे िमय ुत्रभओं के ीाु कत प्रा््ीा करम
ककिस ीस ुभक््क पक के रकैैार को रात्रस मम ग्ेु और गभर पूजी करम क र ीसरै यंत्र के िामीे ेि मंत्र का जाप करम 51 मा्का और िभबह
होीे िे पह्के ीसरै यंत्र को ्का्क कपडम मम ्कपेाकर घर के मभखय दार पर बांन दे ीा ,ेिके बाद िमझीा कत ैयं ीसरै जस आपके घर कत
रका करमगे और जसिे जसिे हैा ेि कपडे िे ाकरा कर घर के अंदर आड़गस घर िे ीकारा मक प्रीाै ि म होरा जाड़गा {र नी िभि
बढरा जाड़गा ,ककिस ीस प्रकार का राकत्रंक प्रयोग आपके पररैार के ककिस ीस िद य पर ीह् होगा ,ीा ीजर ्कगेगस,हर िा्क ीया कपडा
बांन दे और एक राकत्र कत िानीा ंिस यंत्र िे हर िा्क मम एक बार कररे रहम , यंत्र प्रा्प्रकरष्ठिा अनय यंत्र् के जेिे हस होगस मा्का आप रद्ाक
कत ंपयोग कर िकरे ह 51 मा्का जाप करीे पर ्कगीग 5 मा्का हैी 1 मा्का रप््,11 बार माज्ी और 1 ब्राह्म् या कनया को ीोजी
कराये या िसने मंिदर मम दाी करम .जय शस कृष्

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