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2/14/2020 सोलह कलाएं | धम र ित रि तः

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धम र ित रि तः
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सामािजक पूजा योग साधना ान िहं दी िह दू सं ृ त भाषा काली माँ ॉग जीवन आ ा िवकाश टोने टोटके टोटका उपाय धन वशीकरण
राजनीित इलाज के बारे म वेद िनवारण र ा श ु समाचार कौल दु गा उपचार कवच कज मु भा उदय वंश संतान ल ी भगवान् भगवती
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शिनवार, 12 िसतंबर 2015 Pages


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सोलह कलाएं

सोलह कलाएं - Social

1. ी संपदा : ी कला से संप के पास ल ी का थायी िनवास होता है । ऐसा आ क प से धनवान


होता है । ऐसे के पास से कोई खाली हाथ वापस नहीं आता। इस कला से संप ऐ यपूण जीवनयापन करता
है ।

2. भू संपदा : िजसके भीतर पृ ी पर राज करने की मता हो तथा जो पृ ी के एक बड़े भू-भाग का ामी हो, वह भू
कला से संप माना जाता है । सद ता ल
3. कीित संपदा : कीित कला से संप का नाम पूरी दु िनया म आदर स ान के साथ िलया जाता है । ऐसे लोगों की
संदेश
िव सनीयता होती है और वह लोकक ाण के काय म बढ़ चढ़कर िह ा लेते ह।
िट िणयाँ
4. वाणी स ोहन : वाणी म स ोहन भी एक कला है । इससे संप की वाणी सुनते ही सामने वाले का ोध शां त
हो जाता है । मन म ेम और भ की भावना भर उठती है ।
ॉग आकाइव
5. लीला : पां चवीं कला का नाम है लीला। इससे संप के दशन मा से आनंद िमलता है और वह जीवन को ई र
के साद के प म हण करता है । ► 2016 (11)

6. कां ितः िजसके प को दे खकर मन अपने आप आकिषत हो जाता हो, िजसके मुखमंडल को बार-बार िनहारने का मन ▼ 2015 (116)
करता हो, वह कां ित कला से संप होता है । ► October (29)

7. िव ाः सातवीं कला का नाम िव ा है । इससे संप वेद, वेदां ग के साथ ही युद्घ, संगीत कला, राजनीित एवं ▼ September (87)
कूटनीित म भी िसद् घह होते ह। रातरानी:
शमी :
8. िवमलाः िजसके मन म िकसी कार का छल-कपट नहीं हो और जो सभी के ित समान वहार रखता हो, वह िवमला
कला से संप माना जाता है । पीपल
अनार :
9. उ िषिण श ः इस कला से संप म लोगों को कम करने के िलए े रत करने की मता होती है । ऐसे
म इतनी मता होती है िक वह लोगों को िकसी िवशेष ल की ा के िलए े रत कर सकता है । यिद धन संचय नहीं हो रहा हो
घर के माहौल को पिव बनाने के िलए
10. नीर- ीर िववेक : इससे संप म िववेकशीलता होती है । ऐसा अपने िववेक से लोगों का माग श कर
सकने म स म होता है । वा ु शु के सरल उपाय
कौिडय़ां - सम ा का समाधान-
11. कम ताः इस कला से संप म यं कम करने की मता तो होती है । वह लोगों को भी कम करने की ेरणा
दे सकता है और उ सफल बना सकता है । कै रयर म सफलता के िलए

12. योगश ः इस कला से संप म मन को वश म करने की मता होती है । वह मन और आ ा का फक िमटा धन ा के िलए


योग की उ सीमा पा लेता है । घर म आमदनी अ ी होने के बावजुद भी
हमेशा धन की क...
13. िवनयः इस कला से संप म न ता होती है । ऐसे को अहं कार छू भी नहीं पाता। वह सारी िव ाओं म
टोटका
पारं गत होते ए भी गवहीन होता है ।
वशीकरण / स ोहन
14. स -धारणाः इस कला से संप म कोमल-कठोर सभी तरह के स ों को धारण करने की मता होती है । ऐसा
ह पीडा िनवारन के िलये हनुमत साधना
स वादी होता है और जनिहत और धम की र ा के िलए कटु स बोलने से भी परहे ज नहीं करता।
नवरा ों पूजा के साथ साथ दे वी मां की हवन
का िविशष...

ि े ो ो
vitalbreathe.blogspot.com/2015/09/blog-post_29.html ि े ो ै े 1/4
2/14/2020 सोलह कलाएं | धम र ित रि तः
15. आिधप : इस कला से संप म लोगों पर अपना भाव थािपत करने का गुण होता है । ज रत पड़ने पर वह अ िस याँ
लोगों को अपने भाव की अनुभूित कराने म सफल होता है ।
नवराि म कैसे कर दे वी मां की पूजा
16. अनु ह मताः इस कला से संप म िकसी का क ाण करने की वृि होती है । वह ुपकार की भावना से पाप कहां कहां तक
संचािलत होता है । ऐसे के पास जो भी आता है , वह अपनी मता के अनुसार उसकी सहायता करता है ।
र े और ह-न
हमारे ंथों म अब तक ए अवतारों का जो िववरण है उनम नशा िनयं ण योग

म ,क प और वराह म एक-एक कला, नृिसंह और वामन म दो-दो और परशुराम मे तीन कलाएं बताई गई ह। सवा र िनवारण ो
माँ कामकलाकाली का ग सह नाम
ी राम ने बारह कलाओं के साथ अवतार िलया था।
कामे री ुितः
भगवान ीकृ ही सोलह कलाओं के ामी माने जाते ह।
िवशेष आपदा म
माँ तारा बारह कलाओ से यु है वही भगवान राम जी की बारह कलाये है । सदािशव ासादा म कवच -

माँ काली सोलह कलाओ से यु व् भु ी कृ जी सोलह कलाओ से यु है .. ह बाधा से शां ित


ल ी ा साधना
ुतकता Unknown पर 10:41 am
भैरवीकवचम्
लेबल: कलाएं सोलह 16 आिद श दे वी
क ूरी
िति याएँ :  funny (0) interesting (0) cool (0)
गृ सी (साइिटका) का सफल इलाज:
िवभीषणकृतं हनुमद् वडवानल ो ं
गभ न ठहरता हो तो
कोई िट णी नही ं:
आ ा कामकला दि ण महाकाली नमो ुते..

एक िट णी भेज चैत महा भु


वष म ५ बार नवरा े आते ह
ी हनुमान चालीसा
Learn more...
ह -मु ा
बीजमं ों के ारा ा -सुर ा
महाकाली
पूवज एवं पुनज
चाण के 15 अमर वा
िह दू शा
कालिवनािशनी काली
किलयुग म धम, पिव ता , दया,शार रक बल
तथा र...
षोडशी ी लिलताि पुरा सुंदरी ( ीिव ा) :
सृि नाटक का रचियता और िनदशक कौन है
?
ी महा-िवपरीत- ंिगरा ो
ि काल-दशक गौरी-िशव म
परम ानी अ ाव
ीकु कात े दु गाकवचम्
ी उमा महे र ो ं
इस संदेश के िलए िलंक
॥ ीरामर ा ो म् ॥
एक िलंक बनाएँ
अल ी दे वी हमारी सभी तकिलफो को दू र
करे
॥ भैरवीकवचम् ॥
माता ि पुर सुंदरी की आराधना
नई पो मु पृ पुरानी पो
●► दु गा स शती - स शती ो माला ●►
जािनए िहं दू धम को
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मिहषासुरमिदिन ो म्
ी णाकषण भैरव ो
ी बटु क भैरव ो
(खुद से खुद के िमलन हे तु – काल भैरव
साधना)
कौल माग म ितन दे वी की उपासना िकया
जाता है

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2/14/2020 सोलह कलाएं | धम र ित रि तः
ी राम ने रामे रम ने जब िशविलंग की
थापना की ...
वंश को बढाने वाला िद दु गा परा ा कवच.
सवा र िनवारण ो म्
िशव तो अहं कार के िवनाशक है
भूत- ेत बाधा :
कम का फल तो झेलना पड़े गा
िस कुंिजका ो म्
िशव ुितः -
सोलह कलाएं
|| ी नारायण कवच ||
।। ीपीता राबगला शाबर श पाठ।।
िन ू िमच ों लटकाया जाता है :
कजा मु के उपाय
भूत- ेत बाधा :
कम का फल तो झेलना पड़े गा
पंचवटी वािटका ::
आप भी जप यह मं ज ी बन सकते ह
धनवान -
भा चमकाने के िलए उपासना कर सूय
नारायण की -
सौभा ,धन,स ान,िव ों के नाश व् मो
ा ...
िशव तो अहं कार के िवनाशक है
तुलसी के पास दीपक जलाएं , लेिकन जल न
चढ़ाएं :
घर की सुख शां ित के िलए
~क ाणकारी सरल त योग ~
ॐ नमः िशवाय

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