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मुहावरे

अंग छू ना – कसम खाना।

अंग टू टना – शरीर म दद होना।

अंग धरना – धारण करना।

अंग लगना – काम म आना।

अंग लगाना – लपटना।

अंग से अंग चुराना – संकु चत होना।

अंग-अंग ढ ले होना – थका होना।

अंगार सर पर रखना – क सहना।

अंगारे उगलना – कठोर बात कहना।

अंगारे बरसना – तेज धूप पड़ना।

अंगार पर लोटना – ई या से जलना।

अंगठ
ु ा चुसना – खुशामद करना।

अंगठ
ू ा दखाना – तर कारपूवक मना करना।

अंगरू ख े होना – ा त न होने पर उस व तु को बेकार बताना।

अंचल पसारना – न ता से मांगना।

अंजर पंजर ढ ले होना – अ भमान न होना अंट बाज – दगाबाज।

अंट म रखना – छपाकर रखना।

अंधा बनना – जान-बूझकर कसी बात पर यान न दे ना।

अंधे के हाथ बटे र लगना – अनायास ही मनचाही व तु मल जाना।

अंधे के हाथ बटे र लगना – बना यास भारी चीज पा लेना।

अंधे को चराग दखाना – मूख को उपदे श दे ना।

अंधेर खाता – अ व था।

अंधेर नगरी – जहां कोई नयम व था न हो।

अंधेरे मुंह – पौ फटते।


अ€ ल का अंधा – मूख, बेवकूफ अ€ ल का मन – मूख।

अ€ ल का पूरा – मूख।

अ€ ल के घोड़े दौड़ाना – तरह-तरह क क पना करना।

अ€ ल के पीछे लठ लए फरना – मूखता का काम करना।

अ€ ल चरने जाना – बु का न होना।

अ€ ल चरने जाना – समय पर बु का काम न करना।

अ€ ल ठकाने लगना – होश ठ क होना।

अ र से भट न होना – अनपढ़ होना।

अदब करना – स मान करना।

अपना उ लू सीधा करना – वाथ स करना।

अपना हाथ जग ाथ – वा धकार होना।

अपनी क चोट – सामने क चोट।

अपनी खचड़ी अलग पकाना – सबसे अलग रहना।

अपनी न द सोना – इ छानुसार काय करना।

अपने मुंह मयां म ठू बनना – अपनी बड़ाई आप करना।

अर य रोदन – न फल नवेदन।

अरमान नकालना – मन का गुबार पूरा करना।

आंख का तारा होना – ब त य होना आंख फेर लेना – तकूल होना।

आंख बछाना – ती ा करना।

आंख लगना – सो जाना।

आंख का पानी ढलना – नल ज बन जाना।

आंख पर परदा पड़ना – बु होना।

आंख म धूल झ कना – धोखा दे ना।

आंख म रात कटना – रात-भर जागते रहना।

आंख म समाना – दल म बस जाना।


आंच न आने दे ना – थोड़ी भी हा न न होने दे ना।

आंचल फैलाना – अ त वन ता पूवक ाथना करना।

आंचल म गांठ बांधना – अ छ तरह याद कर लेना।

आंधी उठना – हलचल मचना।

आंधी के आम होना – ब त स ती व तु मलना।

आकाश का फूल – अ ा य व तु।

आकाश कुसुम – अनहोनी बात।

आकाश-पाताल एक करना – क ठन य न करना।

आग का पुतला – ब त ोधी।

आग के मोल – ब त महंगा।

आग पर लोटना – बेचन
ै होना।

आग बुझा लेना – कसर नकालना।

आग म झ कना – अ न म डाल दे ना।

आग लगने पर कुआं खोदना – पहले से कोई उपाय न कर रखना।

आग से खेलना – जानबूझकर मुसीबत म फंसना।

आग-बबूला होना – गु सा होना।

आटे के साथ घुन पसना – दोषी के साथ नद षी क भी हा न होना।

आड़े हाथ लेना – खरी-खरी सुनाना।

आना-कानी करना – न करने के लए बहाना करना।

आपे से बाहर होना – अ य धक ोध से काबू म न रहना।

आसमान के तारे तोडऩा – असंभव काय करना।

आसमान सर पर उठाना – ब त शोर करना।

आसमान से बात करना – ऊंची क पना करना।

इ जत बेचना – पैसा लेकर अपनी इ जत लुटाना।

ट का जवाब प थर से दे ना – के साथ ता का, कठोर के साथ कठोरता का वहार करना।


ट से ट बज जाना – सवनाश हो जाना।

ईद का चांद होना – ब त अरसे बाद दखाई दे ना।

ईमान बेचना – झूठा वहार करना, बेईमानी करना।

उंग लय पर गने जा सकना – सं या म ब त कम होना।

उंग लय पर नचाना – इ छानुसार काम कराना।

उंगली उठना – नदा होना।

उंगली उठाना – लांछन लगाना।

उंगली पकडक़र प हचा पकड़ना – थोड़ा-सा सहारा पाकर वशेष क ा त के लए यास करना।

उंगली पर नचाना – अपनी इ छानुसार चलाना।

उड़ती च ड़या पकड़ना – रह य क बात त काल जानना।

उड़ती च ड़या पहचानना – कसी क गु त बात जान लेना।

उड़न-छू हो जाना – चला जाना, गायब हो जाना।

उधेड़बुन म रहना – फ म रहना, चता करना।

उ ीस बीस का अंतर होना – ब त कम अंतर होना।

उ ढलना – यौवनाव था का उतार।

उलटे छु रे से मूड़ना – कसी को उ लू बनाकर उससे धन ठना या अपना काम नकालना।

उलटे पांव लौटना – तुरंत बना ठहरे ए लौट जाना।

उ ट गंगा बहाना – नयम के व काय करना।

उ ट प पढ़ाना – बहकाना।

उ ट माला फेरना – बुरा सोचना।

उ लू का प ा – नपट मूख।

उ लू बनाना – मूख बनाना।

उ लू सीधा करना – वाथ स करना।

ऊंच-नीच समझाना – भलाई-बुराई, लाभ-हा न समझाना।

ऊंट के मुंह म जीरा – अ धक आव यकता वाले के लए थोड़ा सामान।


एक आंख न भाना – त नक भी अ छा न लगना।

एक आंख से दे खना – सबको बराबर समझना।

एक और एक ‚यारह होना – मेल म श होना।

एक कान सुनना, सरे से नकालना – कसी बात पर यान न दे ना।

एक क दो कहना – थोड़ी बात के लए ब त अ धक भला-बुरा कहना।

एक घाट का पानी पीना – एकता और सहनशीलता होना।

एक तीर से दो शकार करना – एक यु या साधन से दो काम करना।

एक न चलना – कोई यु सफल न होना।

एक मु अ को तरसना – गरीब होना।

एक लाठ से हांकना – सबके साथ समान वहार करना।

एक ही थैली के च े -ब े – एक ही कार के लोग।

एक ही नौका म सवार होना – एक समान प र थ त म होना।

एड़ी-चोट का जोर लगाना – पूरी श लगाकर काय करना।

ठ चबाना – ोध कट करना।

ओखली म सर दे ना – जानबूझकर वप त म फंसना।

धी खोपड़ी – बु हीनता।

कंघी-चोट करना – ृंगार करना, बनाव- सगार करना।

कंचन बरसना – ब त अ धक लाभ होना।

कंठ का हार होना – अ यंत य होना।

कंधे से कंधा मलाना – पूरा सहयोग करना।

क चा चबाना – कठोर दं ड दे ना।

क चा च ा खोलना – छपे ए दोष बताना।

क ची गोली खेलना – अनाड़ीपन, ऐसा काम करना जससे वफलता हाथ लगे।
कट जाना – ब त ल जत होना।

कट पतंग होना – नरा त होना।

कटे पर नमक छड़कना – खी को और खी करना।

कठपुतली क तरह नचाना – सर से अपनी इ छा के अनुसार काम कराना।

कड़वे घूंट पीना – क दायक बात सहन कर जाना।

क ी काटना – बचकर नकल जाना।

कबाब म ह ी – सुखोपभोग म बाधक होना।

क म पांव लटकाना – मौत के नकट आना।

कमर कसना – तैयार होना।

कमर टू टना – हतो सा हत होना।

करम फूटना – अभागा होना, भा य बगड़ना।

कलई खुलना – पोल खुलना।

कलई खुलना – रह य कट होना।

कलेजा छलनी होना – ब त खी होना।

कलेजा ठं डा होना – संतोष होना।

कलेजा थामना – ख सहने के लए कलेजा कड़ा करना।

कलेजा नकालकर रख – सब कुछ सम पत कर दे ना दे ना।

कलेजा पसीजना – दया आना।

कलेजा बैठना – घोर ख होना।

कलेजा मुंह को आना – घबरा जाना।

कलेजे का टु कड़ा – अ य धक य होना।

कलेजे पर प थर रखना – चुपचाप सहन करना।

कलेजे पर सांप लोटना – ई या से जलना।

कलेजे म आग लगना – ख दे ना।

कसौट पर कसना – अ छ तरह जांच करना।


कहा-सुनी हो जाना – झगड़ा होना।

कह का न रखना – नरा य कर दे ना।

कांटा नकालना – बाधा या खटका र करना।

कांटा बोना – बुराई करना।

कांटे बछाना – माग म बाधा पैदा करना।

कांट म घसीटना – ब त ख दे ना।

कागज क नाव – न टकने वाली व तु।

कागजी घोड़े दौड़ाना – ब त प वहार करना।

काटो तो खून नह – तŽध हो जाना।

काठ का उ लू – महामूख।

कान कतरना – ब त चतुर होना।

कान का क चा – हर कसी बात पर व ास करने वाला।

कान खड़े होना – सावधान होना।

कान पर जूं न रगना – असर न होना।

कान भरना – चुगली करना।

कान म फूंक मारना – भा वत करना।

कान म अंगल
ु ी डालना – सुनने क इ छा न होना।

कान म तेल डालना – यान न दे ना।

काया पलट होना – प, गुण, दशा, थ त आ द का पूरी तरह बदल जाना।

का ं का खजाना – अतुल धनरा श।

काला धन – बेईमानी से कमाया आ धन।

काले कोस – ब त र।

कला फतह करना – अ यंत क ठन काम करना।

कसी के आगे पानी भरना – कसी क तुलना म फ का पड़ना।

कसी को न गनना – सबको कमतर समझना।


कसी खूंटे से बांधना – कसी के साथ ववाह करना।

कसी पर बरस पड़ना – एकाएक कसी से ोधपूवक बात करना।

कसी पर हाथ छोड़ दे ना – मारना-पीटना।

क मत का फेर – अभा य, भा य, जमाने का उलट-फेर।

क ड़े काटना – बेचन
ै ी होना।

कुएं का मेढ़क – कम अनुभवी ।

कुएं म बांस डालना – ब त र तक खोज करना।

कुएं म भांग पड़ना – सब क बु मारी जाना।

कु ा काटना – पागल होना।

कृपा होना – ब त स ा होना।

कोढ़ म खाज – संकट पर संकट।

कोर-कसर न रखना – हर संभव यास करना।

कोरा जवाब दे ना – साफ इंकार करना।

को का बैल – कड़ी मेहनत करते रहने वाला।

कौ ड़य के मोल बकना – ब त कम दाम पर बकना।

खटाई म पड़ना – काम म कावट आना।

खाक छानना – दर-दर भटकना।

खाक फांकना – इधर-उधर मारा-मारा फरना।

खाक म मलना – न हो जाना।

खाक म मलाना – न कर दे ना।

खचड़ी पकाना – गु त प से ष ं रचना।

खीस नपोरना – कृपा क ाथना करना।

खुदा क पनाह – ई र बचाए।

खून का घूट पीना – ोध को अंदर ही अंदर सहना।

खून के आंसू लाना – ब त अ धक सताना।


खून खौलना – जोश म आना।

खून सफेद हो जाना – दया न रह जाना।

खून सूखना – डर जाना।

खून-ख चर होना – लड़ाई-झगड़ा होना।

खून-पसीना एक करना – ब त प र ाम करना।

खोद-खोदकर पूछना – अनेक सवाल पूछना।

खोपड़ी भन भनाना – तंग आना।

याली पुलाव बनाना – कपोल क पनाएं करना।

गंगा नहाना – कत और दा य व पूरा करके न त होना, सब झंझट से छु टकारा पाना।

ग चा खाना – धोखा खाना।

गज भर क छाती होना – ब त उ साह होना।

गड़े मुद उखाड़ना – पछली बुरी बात याद करना।

गदन पर सवार होना – पीछे पड़े रहना।

गले का हार – अ यंत य।

गले पड़ना – पीछे पड़े रहना।

गले बांधना – इ छा के व स पना।

गहरा पेट – जसका भेद न मले।

गांठ का पूरा – धनी।

गांठ खोलना – अड़चन र करना।

गांठ बांधना – याद रखना।

गागर म सागर भरना – थोड़े म ब त कुछ कहना।

गाजर-मूली समझना – तु छ समझना।

गाढ़ कमाई – कड़ी मेहनत से कमाया आ धन।

गाढ़ छनना – घ न म ता।

गाल बजाना – बढ़-चढ़कर बात करना।


गर गट क तरह रंग बदलना – अपना मत, वहार, वृि ा बदलते रहना।

गीदड़ भभक – दखावट धमक ।

गुड़-गोबर करना – बना बनाया काम बगाड़ दे ना।

गुदड़ी का लाल होना – छु पी ई तीभा।

गु घंटाल – का नेता।

गुल खलाना – ऐसा काय करना जो सर को उ चत न लगे।

गूग
ं े का गुड़ – वह सुख का अनुभव जसका वणन न कया जा सके।

गूलर का क ड़ा – अ प ा ।

गूलर का फूल – लभ का या व तु।

गे ं के साथ घुन पसना – दोषी के साथ नद ष पर भी संकट आना।

गोबर गणेश – नरा मूख।

घड़ी म तोला घड़ी म माशा – अ थर च वाला ।

घड़ पानी पड़ना – ब त ल जत होना।

घर फूंककर तमाशा – खुद का नुकसान करके दे खना मौज करना।

घर म गंगा बहाना – बना क ठनाई के कोई अ छ व तु पास म ही मल जाना।

घाट-घाट का पानी पीना – ब त अनुभवी होना।

घाव पर नमक छड़कना – खी को और ख दे ना।

घाव हरा होना – भूला आ ख फर याद आ जाना।

घास खोदना – थ समय गंवाना।

घास न डालना – सहायता न करना।

घी के दये जलाना – ब त खु शयां मनाना।

घुटने टे क दे ना – हार मान लेना।

घूंघट का पट खोलना – अ ान का परदा र करना।

घोड़ा बचकर सोना – न त होना।

चं मा बलवान होना – भा य अनुकूल होना।


चट कर जाना – सबका सब का जाना।

च पा-च पा छान मारना – हर जगह ढूं ढ लेना।

चरण क धूल – कसी क तुलना म अ यंत नग य ।

चलता करना – भगा दे ना।

चलती च€क म रोड़ा अटकाना – काय म बाधा डालना।

चांद कटना – खूब लाभ होना।

चांद का जूता – घूस का धन।

चांद होना – लाभ ही लाभ होना।

चादर तानकर सोना – न त होना।

चादर दे खकर पांव फैलाना – आय के अनुसार य करना।

चादर से बाहर पैर पसारना – आमदनी से अ धक खच करना।

चार चांद लगना – स दय क वृ करना।

चार दन क चांदनी – अ थायी वैभव।

चकना घड़ा होना – कोई भाव न पडऩा।

चकनी-चुपड़ी बात करना – चापलूसी करना।

च ड़या का ध – अ ा य व तु।

चराग तले अंधेरा – सर को उपदे श दे ना ले कन खुद अ छा आचरणा नह करना।

च ट के पर नकलना – न होने के करीब होना।

चु टया हाथ म होना – वश म होना।

चु लू भर पानी म डू ब मरना – ल जा का अनुभव करना।

चू ड़यां पहनना – कायर बनना।

चूना लगाना – ठग लेना।

चूना लगाना – धोखा दे ना।

चेहरे पर हवाइयां उड़ना – घबरा जाना।

चैन क बंशी बजाना – सुख से रहना।


चोट का – सव म।

चौदहव का चांद – ब त सुंदर।

छ€ के छु ड़ाना – बुरी तरह हरा दे ना।

छठ का ध याद आना – घोर संकट म पड़ना।

छ पर फाड़कर दे ना – अचानक लाभ होना।

छाती पर प थर रखना – चुपचाप ख सहन करना।

छाती पर मूंग दलना – ब त परेशान करना।

छाती पर सांप लोटना – ब त ई या करना।

छू मंतर होना – गायब हो जाना।

छोटे मुंह बड़ी बात करना – अपनी है सयत से यादा बात कहना।

जंगल म मंगल होना – उजाड़ म चहल-पहल होना।

जबान पर चढ़ना – याद आना।

जबान म लगाम न होना – बेमतलब बोलते जाना।

जमीन आसमान एक करना – सब उपाय कर डालना।

जमीन पर पैर न रखना – अ धक घमंड करना।

जलती आग म कूदना – वप म पड़ना।

जलती आग म घी डालना – और भडक़ाना।

जहर उगलना – कड़वी बात करना।

जहर का घूंट पीना – अस बात सहन कर लेना।

जान के लाले पड़ना – गंभीर संकट म पड़ना।

जान पर खेलना – मुसीबत म रहकर काम करना।

जान हथेली पर रखना – ाण क परवाह न करना।

जी का जंजाल – थ का झंझट।

जी चुराना – कसी काम से र भागना।

जीती म€ खी नगलना – जानबूझकर बेईमानी करना।


जू तय म दाल बांटना – लड़ाई झगड़ा हो जाना।

जोड़-तोड़ करना – उपाय करना।

झक मारना – थ प र म करना।

झाड फराना – सब कुछ बबाद कर दे ना।

झोली भरना – अपे ा से अ धक दे ना।

टका-सा जवाब दे ना – खा जवाब दे ना या मना करना।

टका-सा मुंह लेकर रह जाना – ल जत हो जाना।

टांय-टांय फस हो जाना – काम बगड़ जाना।

टू ट पड़ना – सहसा आ मण कर दे ना।

टे ढ़ उंगली से घी नकालना – श से काय स करना।

टे ढ़ खीर – क ठन काम।

टोपी उछालना – अपमान करना।

ठं डा पड़ना – ोध शांत होना।

ठ करा फोड़ना – दोष लगाना।

ठोकर खाना – हा न उठाना।

डंका बजाना – भाव जमाना।

डंके क चोट कहना – प कहना।

डकार जाना – माल पचा जाना।

ढाई दन क बादशाहत – थोड़े दन क मौज।

ढढोरा पीटना – सबको बताना।

ढोल म पोल होना – सारहीन।

तार-तार होना – पूरी तरह फट जाना।

तारे गनना – रात को न द न आना।

ततर- बतर होना – बखर कर भाग जाना।

तल का ताड़ करना – बढ़ा चढ़ाकर बात करना।


तीन का तेरह होना – अलग-अलग होना।

तूती बोलना – खूब भाव होना।

तेवर चढ़ाना – गु सा होना।

थाह लेना – पता लगाना।

दमड़ी के लए चमड़ी उधेड़ना– मामूली सी बात के लए भारी दं ड दे ना।

दांत उखाड़ना – कड़ा दं ड दे ना।

दांत काट रोट होना – घ न म ता।

दांत ख े करना – हराना।

दांत पीसना – ोध करना।

दांत फाड़ना – हंसना।

दांत तले उंगली दबाना – आ य करना।

दाना-पानी उठना – जगह छोडऩा।

दाल न गलना – सफल न होना।

दाल म काला होना – संदेहपूण होना।

दा हना हाथ होना – अ व ासपा बनना।

दन नी रात चौगुनी होना – ब त ज द -ज द होना।

दन म तारे दखाई दे ना – अजीब हालत होना।

दन-रात एक करना – खूब प र म करना।

ध का ध और पानी का पानी – उ चत याय करना।

ध का धुला होना – नद ष या न कलंक होना।

ध के दांत न टू टना – ान और अनुभव का न होना।

फेरना – अ स होना।

दो दन का मेहमान – ज द मरने वाला।

दो नाव पर पैर रखना – एक साथ दो ल य को पाने क चे ा करना।

दौड़-धूप करना – कठोर म करना।


ध जयां उड़ाना – न - करना।

धरती पर पांव न पड़ना – अ भमान म रहना।

धूप म बाल सफेद करना – अनुभवहीन होना।

धूल फांकना – थ म भटकना।

नमक मच लगाना – बढ़ा-चढ़ाकर कहना।

नाक कटना – बदनामी होना।

नाक का बाल होना – कसी के यादा नकट होना।

नाक पर म€ खी न बैठने दे ना – अपने पर आंच न आने दे ना।

नाक म दम करना – ब त तंग करना।

नाक रखना – मान रखना।

नाक रगड़ना – द नता दखाना।

नाक चने चबाना – ब त तंग करना।

नानी याद आना – क ठनाई म पड़ना।

न यानव के फेर म पड़ना – पैसा जोड़ने के च€कर म पड़ना।

नीला-पीला होना – गु से होना।

नौ दन चले अढ़ाई कोस – ब त धीमी ग त से काय करना।

नौ दो‚ यारह होना – भागना।

पगड़ी उछालना – बेइ जत करना।

पहाड़ टू ट पडऩा – भारी वप आ जाना।

पांच उंग लयां घी म होना – सब ओर से लाभ होना।

पांव उखड़ना – हारकर भाग जाना।

पानी का मोल होना – ब त स ता।

पानी फेर दे ना – नराश कर दे ना।

पानी भरना – तु छ लगना।

पानी-पानी होना – ल जत होना।


पीठ दखाना – भाग जाना।

पेट काटना – खुद पर थोड़ा खच करना।

पेट बांधकर रहना – भूखे रहना।

पेट म चूहे दौड़ना – भूख लगना।

पेट म दाढ़ होना – दखने म सीधा, ले कन चालाक होना।

पैर चूमना – खुशामद करना।

पैर जमीन पर न टकना – ब त स होना।

पैर तले से जमीन खसक जाना – होश उड़ जाना।

पौ बारह होना – खूब लाभ होना।

ाण हथेली पर लए फरना – जीवन क परवाह न करना।

फूंक-फूंककर कदम रखना – सावधानी बरतना।

फूट आंख न सुहाना – अ छा न लगना।

फूलकर कू पा होना – ब त खुश या ब त नाराज होना।

फूला न समाना – अ य धक खुश होना।

ब खया उधेड़ना – भेद खोलना।

ब ा लगना – कलंक लगना।

बांए हाथ का खेल – ब त सरल काम।

बांछे खल जाना – अ यंत स होना।

बाजार गम होना – धंधा तेज होना।

बात का धनी होना – वचन का प€का होना।

बाल क खाल नकालना – ब त तक- वतक करना।

बाल बांका न होना – कुछ भी नुकसान न होना।

ब ली के ग ले घंट बांधना – खुद को मुसीबत म डालना।

बेपद लोटा – प बदलने वाला।

भंडा फोडऩा – भेद खोल दे ना।


भाड़ झ कना – समय थ खोना।

भाड़े का ट टू – पैसे लेकर काम करने वाला।

भीगी ब ली बनना – सहम जाना।

भस के आगे बीन बजाना – मूख आदमी को उपदे श दे ना।

मन के ल डू – क पना करना।

मन हारना – ह मत हारना।

म का माधो – ब कुल बु धू।

म खराब करना – बुरा हाल करना।

म म मल जाना – बबाद होना।

मुंह उतरना – उदास होना।

मुंह खून लगना – आदत पड़ जाना।

मुंह ताकना – कसी पर आ त होना।

मुंह म पानी भर आना – खाने क इ छा होना।

मु गम करना – र त दे ना।

मु म होना – वश म होना।

मोहर लगा दे ना – पु करना।

रंग उडऩा – घबरा जाना।

रंग बदलना – प रवतन होना।

रंग म भंग पड़ना – आनंदपूवक काय म बाधा पड़ना।

राई का पहाड़ बनाना – बात को बढ़ा-चढ़ाकर तुत करना।

र गटे खड़े होना – डर से रोमां चत होना।

रोड़ा अटकाना – बाधा डालना।

रोम-रोम खल उठना – स होना।

लंगोट म फाग खेलना – गरीबी म आनंद लूटना।

लक र का फक र होना – परंपरावाद मानना।


लक र पीटना – पुरानी री त पर चलना।

लड़ाई मोल लेना – झगड़ा पैदा करना।

ल का घूट पीना – अपमान सहन करना।

लु टया डु बोना – काम बगाड़ना।

लेने के दे ने पड़ना – लाभ के थान पर हा न होना।

लोहा मानना – कसी क ताकत वीकार करना।

लोहे के चने चबाना – मु कल काम करना।

वष उगलना – ष
े पूण बात करना।

शैतान क आंत – लंबी बात।

शैतान के कान कतरना – ब त चालाक होना।

ीगणेश करना – शु करना।

सŽ ज बाग दखाना – कोरा लोभ दे कर बहकाना।

सांप को ध पलाना – क र ा करना।

सांप सूघ
ं ् जाना – चुप हो जाना।

सांप-छछू ं दर क ग त होना – वधा क दशा होना।

सर आंख पर रखना – आदर स हत आ ा मानना।

सर उठाना – व ोह करना।

सर ओखली म दे ना – जान-बूझकर मुसीबत मोल लेना।

सर चढ़ाना – अ धक लाड़ लड़ाना।

सर धुनना – पछताना।

सर नीचा करना – ल जत करना।

सर पर कफन बांधना – ब लदान के लए तैयार होना।

सर पर खून सवार होना – मरने-मारने को तैयार होना।

सर पर चढ़ाना – मनमानी करने क छू ट दे ना।

सर पर पांव रखकर भागना – तेजी से भागना।


सर पर भूत सवार होना – धुन लगाना।

सर पर हाथ होना – सहारा होना।

सर मढ़ना – ज मे लगाना।

सर मुंड़ाते ओले पड़ना – काम शु होते ही बाधा आना।

सर से पानी गुजरना – सहनशीलता समा त होना।

स ग काटकर बछड़ म मलना – बूढ़े होकर भी ब चो क तरह काम करना।

सोने पर सुहागा होना – अ छ व तु का और अ धक अ छा होना।

हथेली पर जान लए फरना – मरने क परवाह न करना।

हथेली पर सरस उगना – कम समय म बड़ा काम करना।

हवा का ख पहचानना – अवसर पहचानना।

हवा पलटना – समय बदल जाना।

हवा से बात करना – ब त तेज दौड़ना।

हवाई कले बनाना – कोरी क पना करना।

हाथ का मैल – साधारण चीज।

हाथ को हाथ न सूझना – घना अंधकार होना।

हाथ खाली होना – पया-पैसा न होना।

हाथ ख चना – साथ न दे ना।

हाथ डालना – शु करना।

हाथ धोकर पीछे पड़ना – पीछा न छोड़ना।

हाथ पे हाथ धरकर बैठना – बना काम के बैठे रहना।

हाथ फैलाना – मांगना।

हाथ मलना – पछताना।

हाथ म करना – अपने वश म करना।

हाथ साफ करना – चोरी करना।

हाथ-पांव फूलना – घबरा जाना।


हाथ-पांव मारना – को शश करना।

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