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Agro 5211 Lecture 1 Intro फसल परिचय
Agro 5211 Lecture 1 Intro फसल परिचय
Tomar,Professor
(Agronomy),CARS,Mahasamund (CG) for BSc Ag.(Hons.) IInd Year
Lecture-1
लवलभन्न प्रकाि की फसलों को उनकी वृलि एवं परिपक्विा के ललए अलर्ग-अलर्ग िापक्रम,आर्द्भिा औि
प्रकाश की आवश्यकिा होिी है।मौसम सम्बन्धी लविमिाओं के कािण मौसम के आधाि पि ककया र्गया
वर्गीकिण सम्पूणभ देश में समान रूप से लार्गू नहीं होिा है, कफि भी उत्ति भािि के मैदानी क्षेत्रों के ललए जहां
िीन प्रकाि की ऋिुएं होिी है, यह वर्गीकिण लवशेि प्रचललि है।
(a)खिीफ की फसल (Kharif crops): इस वर्गभ की फसलों को बोिे समय र्गमभ औि िि (hot and humid)
जलवायु िथा पकिे समय अपेक्षाकृ ि कम िाप औि शुष्क वािाविण की आवश्यिा होिी है। इन फसलों को
उत्ति भािि में जून-जुलाई में बोिे हैं औि ये फसलें अक्टूबि-नवम्बि में पककि कटाई के ललए िैयाि हो जािी
है। दलक्षण भािि में मौसम नम िहने के कािण इस वर्गभ की कु छ फसलों को लसिम्बि-अक्टूबि माह में बोया
जािा है। इस वर्गभ की फसलें अलधकिि अल्प प्रकाशपोिी (short day plants) होिी है. धान, ज्वाि,बाजिा,
कोदों,कु टकी,िार्गी, उड़द,मूंर्ग, मूंर्गफली, सोयाबीन,लिल, कपास,जूट आकद इस ऋिु की प्रमुख फसलें हैं.
(b)िबी की फसल (Rabi crops): इन फसलों को बोआई के समय कम िापमान िथा पकिे समय शुष्क औि
र्गमभ वािाविण की आवश्यकिा होिी है। कम िापमान, कम आर्द्भिा, अल्प दीलप्तकाल (short day condition)
िहने पि इन फसलों की प्रािलम्भक वृलि अच्छी होिी है। पिन्िु फसल की परिपक्विा (maturity) के समय दीधभ
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Class Notes on Agro-5211:Lecture-2 & 3 :Paddy Written By Dr.G.S.Tomar,Professor
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दीलप्तकाल (long day condition) आवश्यक है। ये फसलें अक्टू बि-नवम्बि में महीनों में बोई जािी हैं िथा
माचभ-अप्रैल में पककि िैयाि हो जािी है. र्गेहू , जौ, चना,मटि, मसूि, सिसों,अलसी,बिसीम, आलू आकद इस
ऋिु की प्रमुख फसलें हैं।
(c)जायद की फसल (Zaid crops): इस मौसम की फसलों को अपेक्षाकृ ि अलधक िापक्रम की आवश्यकिा
होिी है. इन फसलों में िेज र्गमी औि शुष्क हवाओं को सहन किने की अच्छी क्षमिा होिी है। ये फसलें माचभ-
अप्रैल में बोई जािी है। इन फसलों की वृलि एवं परिपक्विा के ललए दीधभ दीलप्तकाल (long day condition)
अच्छी िहिी है। ििबूज,खिबूजा, ककडी, खीिा, टटंडा आकद इस ऋिु की प्रमुख फसलें हैं।
2.सस्य वैज्ञालनक या आर्थभक उपयोर्ग के आधाि पि वर्गीकिण
यह एक सर्वभकदि िय य है की भूलम की सिह पि उर्गने वाले सभी पौधे उपयोर्गी है िथा आर्थभक महत्त्व
िखिे है पिन्िु कु छ पौधे या फसलें आर्थभक दृलि से आलधक उपयोर्गी है लजन्हें लवलभन्न सस्य प्रयोजनों के ललए
उर्गाया जािा है. आर्थभक उपयोर्ग के आधाि पि फसलों को लनम्न वर्गों में बांटा जा सकिा है.
1.आनाज की फसलें (Cereal crops): इस वर्गभ की फसलों के दानों (grains) को खाध्य पदाथभ के रूप में
उपयोर्ग ककया जािा है िथा इनका बचा हुआ भार्ग पशुओं के चािे (straw) के ललए प्रयोर्ग में आिा है. ये फसलें
पोयेसी कु ल के अंिर्गभि आिी है।उदाहिण धान.मक्का.ज्वाि,बाजिा, कोदों, कु टकी िार्गी,र्गेंहू, जौ आकद.अनाज
फसलों को दानों के अनुसाि लनम्नलललखि िीन उपवर्गों में लवभालजि ककया जा सकिा है
(i) प्रमुख खाद्यान्न (Major Cereals): इसके अंिर्गभि र्गेहूं (Wheat), धान (Paddy )िथा जौ (Barley) को
सलम्मललि ककया जािा है ।
(ii) मोटे खाद्यान्न (Millets/ Minor Cereals): इसके अंिर्गभि मक्का (Maize), ज्वाि (Sorghum) , बाजिा
(iii) लघु खाद्यान्न (Smaller Cereals) : इनके अंिर्गभि मडु आ या िार्गी (Finger millet), कोदों (Kodon),
सांवा (Sava), काकु न (Kakuna), कु टकी आकद सलम्मललि ककये जािे हैं.
2.दलहनी फसलें (Pulse crops): इन फसलों के दानों में भिपूि मात्रा में प्रोटीन पाई जािी है औि प्रायः
इनका प्रयोर्ग दाल के रूप में ककया जािा है। इस वर्गभ की फसलें लैग्युलमनेसी कु ल के अंिर्गभि आिी है. इनके पौधों
की जड़ों में र्गांठे पाई जािी है। इन र्गांठों में पाए जाने वाले जीवाणु पौधों की जड़ों में वायुमंडल की नाइट्रोजन
को लस्थि किने का कायभ कििे है। अिः भूलम की उवभििा बढ़ाने में इन फसलों का लवशेि महत्त्व है.
3.लिलहनी फसलें (Oilseed crops): इस वर्गभ की फसलों के बीजों से िेल लनकाला जािा है लजसका प्रयोर्ग
खाध्य पदाथभ िैयाि किने एवं लवलभन्न उत्पाद बनाने में ककया जािा है. उदाहिण-िाई-सिसों,
मूंर्गफली,सोयाबीन, कु सुम,सूिजमुखी,अलसी,लिल,िामलिल,अिं डी आकद ।
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4.िे शे वाली फसले (Fibre crops): इस वर्गभ की फसलों को उनसे प्राप्त होने वाले िेशों (fibre) के ललए उर्गाया
जािा है। िे शे से कपड़े एवं अन्य उपयोर्गी जैसे िस्सी, बोिी, दिी आकद सामग्री िैयाि की जािी है. उदाहिण
कपास,पटसन,जूट,सनई आकद ।
5.औिधीय फसलें (Medicinal crops): कु छ पौधों में लवशेि औिधीय र्गुण पाए जािे है लजनका प्रयोर्ग
लवलभन्न िोर्गों के उपचाि हेिु औिलध लनमाभण में ककये जािा है।उदाहिण पौदीना,िुलसी,हल्दी, स्टीलवया,नींबू
घास,अदिक आकद ।
6.शाक-भाजी की फसलें(Vegetable crops): इस वर्गभ के पौधों की जड़ें,िना,पलत्तयां औि फल कच्ची अवस्था
में अथवा सब्जी बनाकि प्रयोर्ग ककये जािे है। उदाहिण आलू, टमाटि,मूली,र्गोभी,लभन्डी,िोिई,सेम आकद ।
7. मसाले वाली फसलें (Spices and condiments): इस वर्गभ की फसलों का प्रयोर्ग सब्जी,चटनी िथा अचाि
में स्वाद एवं सुर्गंध आकद के ललए सूक्ष्म मात्रा में प्रयोर्ग ककया जािा है। उदाहिण लमचभ,धलनयााँ,जीिा,अजवायन,
मैंथी,सौंफ,इलाइची,िेजपाि आकद ।
8.चािे की फसलें (Forage crops): इन फसलों का प्रयोर्ग पशुओं के चािे के रूप में ककया जािा है।जैसे ज्वाि
चिी,नैलपयि,बिसीम, लुसनभ,जई आकद ।
9.शकभ िा फसलें (Sugar crops): इस वर्गभ की फसलों को चीनी प्रालप्त के उद्देश्य से उर्गाया जािा है। उदाहिण
के ललए र्गन्ना,चुकंदि ।
10.फलदाि फसलें (Fruit crops): इस वर्गभ में फलदाि वृक्ष आिे है, जैसे आम,लीची,के ला,अमरुद,पपीिा,
नींबू,संििा, अंर्गूि आकद ।
11.जड़ िथा कन्द वाली फसलें (Root and Tuber crops): इन फसलों की जड़े एवं िनों का उपयोर्ग खाने
औि लवलभन्न उत्पाद िैयाि किने में ककया जािा है।जैसे चुकंदि, मूली, र्गाजि,शलजम,शकिकं द,सूिन आकद।
12.उद्दीपक फसलें (Stimulant crops): इस वर्गभ में ऐसी फसलें आिी है लजनका प्रयोर्ग शिीि में उत्तेजना पैदा
किने या नशे वाले पदाथभ जैसे बीडी,लसर्गिे ट आकद िैयाि किने के ललए ककया जािा है. जैसे िम्बाकू , भांर्ग,र्गांजा
आकद।
13.पेय पदाथभ प्रदान किने वाली फसलें (Beverage crops): इन फसलों के उत्पाद से लवलभन्न पेय पदाथभ
बनाये जािे है। जैसे चाय,काफी,कहवा,कोको आकद।
14.िं र्ग वाली फसलें(Colour crops): इस वर्गभ की फसलों के पौधों से िं र्ग िैयाि ककया जािा है.जैसे
नील,कु सुम,आकद।
15.उिेिा या पैिा फसलें: लनचली भूलमयों में बोई र्गई धान की खड़ी फसल में भूलम की अवशेि नमीं का
उपयोर्ग किने के ललए लिवड़ा (lathyrus),अलसी,मसूि,बिसीम आकद की बुवाई किना उिेिा खेिी है.
16.सहायक फसलें (Augmenting crops): जब मुख्य फसल की उपज बढ़ाने के ललए अन्य र्गौण फसलें उसके
साथ लमलाकि बोई जािी है, उसे सहायक फसलें कहिे है. जैसे बिसीम के साथ सिसों की बुवाई किने से हिे
चािे की पैदावाि बढ़ जािी है।
3.फसलों के लवशेि उपयोर्ग (Special use of crops)के आधाि पि वर्गीकिण
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लवलभन्न फसलों के लवशेि उपयोर्ग िथा फसलों के लवशेि लक्षण के आधाि पि भी लवलभन्न वर्गों में
लवभालजि ककया जा सकिा है। कु छ प्रमुख वर्गीकिण लनम्न है।
1.हिी खाद की फसलें(Green manure crops): हिी खाद के ललए प्रयोर्ग की जाने वाली एवं इसी उद्देश्य से
उर्गाई र्गयी फसलों को हिी खाद की फसलें कहिे हैं।
2.अंििविी फसल(Catch or inter crops):कभी-कभी खेि में फसल बोने के बाद पानी जमाव कम होिा है
अथवा दीमक या अन्य कीड़ों-मकोड़ों के प्रकोप के कािण फसल सूख जाने से खेि में उस फसल के स्थान पि
दूसिी कम अवलध की फसल बोई जािी है। यह फसल एक फसल की कटाई औि दूसिी फसल की बोआई के बीच
में उर्गाई जािी है। इस वर्गभ में चना, सांवा, मूंर्ग, उदभ आकद फसलें आिी हैं।
3.नकदी फसलें (Cash crops) :इन फसलों को ककसान अलधक आर्थभक लाभ प्राप्त किने के उद्देश्य से उर्गािा है।
इन फसलों के उत्पादन का थोड़ा भार्ग अपनी घिे लू आवश्यकिा की पूर्िभ हेिू िखकि बाकी बाजाि में बेच देिा
है। आलू, र्गन्ना , कपास, िंबाकू , सोयाबीन, सिसों ,मूंर्गफली इस वर्गभ के प्रमुख उदाहिण हैं।
4.आिक्षी फसलें (Cover crops): ये फसलें विाभ िथा वायु द्वािा भूलम के कटाव को िोकने के उद्देश्य से उर्गाई
जािी हैं। इन फसलों की पयाभप्त वानस्पलिक वृलध्द होने के कािण ये भूलम को अच्छी प्रकाि ढक लेिी है लजससे
धिािल पि जल का प्रवाह अथवा वायु का प्रवेर्ग कम हो जािा है। इस वर्गभ में लोलबया सेम, कु ड्जूवाइन, मूंर्ग,
उदभ आकद फसलें आिी हैं।
5.कीट आकिभक फसलें (Trap crops):जब ककसान मुख्य फसल को कीट पिंर्गों से बचाने के उद्देश्य से मुख्य
फसल के चािों ििफ या एक ककनािे पि दूसिी फसल उर्गा लेिे हैं जो प्रमुख फसल के कीट पिंर्गों को अपनी ओि
आकर्िभि किके बचािी हैं। जैसे कपास की फसल को लाल कीड़ों से बचाने के ललए कपास के खेि के चािों ििफ
लभण्डी की फसल उर्गािे हैं।
6.िक्षक फसल(Guard crops): जब मुख्य फसल को पशुओं िथा मनुष्यों से बचाने के उद्देश्य से मुख्य फसल के
चािों ििफ दूसिी फसल उर्गािे हैं िो उसे िक्षक फसल कहिे हैं। जैसे र्गन्ने या मक्के की फसल के ककनािे कु सुम की
फसल उर्गािे हैं।
4.भूलम की ककस्म (Soil type)के आधाि पि फसलों का वर्गीकिण
फसलोत्पादन के दृलिकोण से भूलम फसल सामंजस्य की जानकािी अत्यंि आवश्यक है। भूलम के आधाि पि
फसलों को लनम्न प्रकाि से वर्गीकिण कि सकिे हैं।
1.भािी भूलमयों की फसलें(Crops of heavy soils) जैसे धान, कपास, चना आकद ।
2.दोमट भूलमयों की फसलें(Crops of loam soils): इस भूलम में प्रायः सभी फसलें उर्गाई जा सकिी हैं।
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3.बलुअि दोमट भुलम की फसलें(Crops of sandy loam soils):जैसे आलू, र्गाजि, मूली, मूंर्गफली, शकिकं द
आकद।
4.बलुअि भूलम की फसलें(Crops of sandy soils):जैसे खिबूजा, ििबूज, ककड़ी आकद।
5.क्षािीय भूलम की फसलें (Crops of alkali soils): जैसे धान, कपास, जौ, ढेचा, बिसीम, पालक, र्गोभी,
6.अम्लीय भूलम की फसलें(Crops of acid soils): जैसे िाई , वकह्रीट(टाऊ) ,जौ आकद।
सािणी-2 : भािि में खिीफ की लवलभन्न फसलों के अंिर्गभि क्षेत्र,उत्पादन एवं उत्पादकिा 2017-18
क्षेत्राच्छादन उत्पादन उत्पादकिा ससंलचि क्षेत्रफल (%)
क्र. (Area) (Production) (Productiviy)
फसलें (Crops)
S.No.
लमललयन हेक्टेयि लमललयन टन ककग्रा/हेक्टेयि
1 चावल 43.79 112.91 2578 60.09
2 ज्वाि 4.96 4.95 998 9.90
3 बाजिा 7.38 9.13 1237 9.52
3 मक्का 9.47 28.72 3032 26.63
4 िार्गी 1.14 1.82 1601 NA
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सािणी-2 :छत्तीसर्गढ़ में लवलभन्न खिीफ फसलों का क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकिा-विभ 2017
क्षेत्राच्छादन (Area) उत्पादन (Production) उत्पादकिा (Productiviy)
क्र. . फसलें (Crops)
हजाि हेक्टेयि हजाि टन ककग्रा/हेक्टेयि
1 /kku ¼pkaoy½ 3880.28 5749.07 1482