You are on page 1of 7

पाठ-1

शीतयुद्ध का दौर और गट
ु निरपेक्षता

द्वितीय विश्ि युद्ध के गुत


मित्र राष्ट्र
ब्रिटे न, संयुक्त राज्य अिेररका, फ्ांस तथा सोवियत संघ
धुरी राष्ट्र
जिमनी, इटली तथा जापान
प्रथि विश्ि युद्ध 1914 से 1918 तक चला था
दस
ू रा विश्ि युद्ध 1939 से 1945

शीत यद्
ु ध:- द्वितीय विश्ि युद्ध के बाद 1945 से 1990 तक की िह तनािपूर्म
अन्तरामष्ट्रीय राजनीततक स्थथतत जो संयक्
ु त राज्य अिेररका और सोवियत संघ के
सह्योगगयो{sahyogiyo} के बीच रही उसे शीत यद्
ु ध कहते है

विचारधाराएं

अिेररका- पूँज
ू ीिाद ,उदार लोकतंत्र

सोविएत संघ – सिाजिाद साम्यिाद

द्वितीय विश्ि युद्ध (1939-1945) अिेररका, सोवियत संघ, ब्रिटे न और फ्ांस की


अगि
ु ाई िें मित्र दे शों की सेनाओं द्िारा जिमनी, इटली और जापान के नेतत्ृ ि िाली
अक्ष शस्क्तयों की हार के साथ सिाप्त हुआ।इसने शीत युद्ध की शरु
ु आत को
गचस्ह्नत ककया।

दस
ू रा विशि यद्
ु ध कैसे सिाप्त हुआ

अगथत 1945 िें हहरोमशिा और नागासाकी के जापानी शहरों पर संयुक्त राज्य


अिेररका ने दो परिार्ु बि गगराए, तब जापान ने आत्िसिपमर् कर हदया।

हहरोमशिा- मलहटल बॉय 6 अगथत, 1945

नागासाकी ऑन - फैट िैन 9 अगथत 1945


1. द्वितीय विश्ियद्
ु ध के बाद दो िहाशस्क्तयाूँ अिरीका और सोवियत संघ उभरकर
सािने आए,
2. शीतयुद्ध, युद्ध न होते हुए यद्
ु ध की पररस्थथततयाूँ थीं; स्जसिें िैचाररक घर्
ृ ा,
राजनीततक अविश्िास, कूटनीततक जोड़-तोड़, सैतनक प्रततथपधाम, जासस
ू ी, प्रचार,
राजनीततक हथतक्षेप, शथत्रों की दौड़ जैसे साधनों का प्रयोग ककया गया था।
3. शीतयुद्ध काल िें नाटो, मसएटो तथा िारसा पैक्ट जैसे सैतनक गुटों का तनिामर्
ककया गया।

विकासशील या नि थितंत्र राष्ट्रों ने शीतयुद्ध से अलग रहने के मलए गुटनिरपेक्षता की


नीतत अपनाई।


 क्यब
ू ा मिसाइल संकट
 क्यब
ू ा सोवियत संघ का एक सहयोगी था और उससे राजनतयक और वित्तीय
सहायता प्राप्त करता था। अप्रैल 1961 िें , सोविएत संघ के नेता गचंततत थे कक
संयक्
ु त राज्य अिेररका कम्यतु नथट शामसत क्यब
ू ा पर आक्रिर् करे गा और उसके
राष्ट्रपतत कफदे ल काथत्रो को उखाड़ फेंकेगा।
 1962 िें सोवियत संघ के नेता तनककता ख्रुश्चेि ने क्यूबा िें 40 परिार्ु
मिसाइलों लगा दी और क्यब
ू ा को रूसी बेस िें पररिततमत कर हदया

 तीन हफ्ते बाद, अिेररकी इससे अिगत हुए। अिेररकी राष्ट्रपतत जॉन एफ कैनेडी
और उनके सलाहकारों ने पूर्म पैिाने पर परिार्ु युद्ध से बचने के मलए एक
सिाधान खोजने की कोमशश की। लेककन िे क्यब
ू ा से मिसाइलों और परिार्ु
हगथयारों को हटाने के मलए ख्रुश्चेि को िनाने के मलए दृढ़ थे।

 कैनेडी ने अिेररकी यद्
ु धपोतों को यए
ू सएसआर को चेतािनी दे ने के एक राथते के
रूप िें क्यूबा जाने िाले ककसी भी सोवियत जहाजों को रोकने का आदे श हदया।
यूएसए और यए
ू सएसआर के बीच इस टकराि को क्यूबा मिसाइल संकट के रूप िें
जाना जाता ह



 पस्श्चिी यरू ोप के दे शों ने अिेररका का पक्ष मलया और इस प्रकार, पस्श्चिी
गठबंधन के रूप िें जाना जाने लगा।
 पूिी यूरोप के दे श सोवियत मशविर िें शामिल हो गए और उन्हें 'पूिी गठबंधन' के
रूप िें जाना जाने लगा। '
 पस्श्चिी गठबंधन ने खुद को एक संगठन, उत्तरी अटलांहटक संगध संगठन
(NATO) िें गहठत ककया। यह अप्रैल 1949 िें बारह राज्यों के साथ अस्थतत्ि िें
आया।
 नाटो ने घोषर्ा की कक यूरोप या उत्तरी अिेररका िें उनिें से ककसी एक पर सशथत्र
हिले को उन सभी पर हिला िाना जाएगा।
 पूिी गठबंधन, स्जसे िॉरसॉ संगध के रूप िें भी जाना जाता है , सोवियत संघ के
नेतत्ृ ि िें था। इसकी थथापना 1955 िें हुई थी। इसका मसद्धांत कायम यरू ोप िें
नाटो की सेनाओं का िक ु ाबला करना था।
 पूिम और दक्षक्षर् पूिम एमशया और पस्श्चि एमशया (िध्य पूि)म िें , संयुक्त राज्य
अिेररका ने दक्षक्षर्-पूिम एमशयाई संगध संगठन (SEATO) और केंद्रीय संगध संगठन
(CENTO) नािक एक गठबंधन प्रर्ाली का तनिामर् ककया।
 िैराग्य का तकम
 िैराग्य का तकम का ितलब है जब दोनों पक्षों के पास ककसी हिले के खखलाफ
प्रततकक्रया दे ने और इतना विनाश करने की क्षिता हो कक दोनो पक्ष यद्
ु ध शरू
ु न
कर सकें।
शीत यद्
ु ध के क्षेत्र
उन क्षेत्रों का उल्लेख करते हैं जहां संकट और युद्ध हुआ या गठबंधन
प्रर्ामलयों के बीच होने की धिकी दी गई लेककन कुछ सीिाओं को पार नहीं
ककया।
शीत यद्
ु ध कई शूहटंग यद्
ु धों के मलए भी स्जम्िेदार था।
दो िहाशस्क्तयों को कोररया िें प्रत्यक्ष िुठभेड़ (1950-53), बमलमन के मलए
तैयार ककया गया था
(1958-62), कांगो (1960 के दशक की शुरुआत िें )
महाशक्ततयों को छोटे दे शों से लाभ-

1. छोटे दे शों के प्राकृततक संसाधन प्राप्त करना।


2. सैन्य हठकाने थथावपत करना।
3. आगथमक सहायता प्राप्त करना।
4. भ-ू क्षेत्र (ताकक िहाशस्क्तयाूँ अपने हगथयारों और सेना का संचालन कर सके।)

शीतयुद्ध के दायरे (वििाद क्षेत्र)-

 1948 - बमलमन की नाके बन्दी


 1950 - कोररया संकट
 1954 - िें वियतनाि िें अिेररका हथतक्षेप
 1962 - क्यब
ू ा मिसाइल संकट
 1971 - भारत-पाक युद्ध
 1979 - अपफगातनथतान िें सोवियत संघ का हथतक्षेप

दो ध्रुिीयता को चुिौती:-

 गुटनिरे पेक्षता- भारत के जिाहर लाल नेहरू, मिस्र के अब्दल


ु गिाल नामसर,
यग
ु ोथलाविया के टीटो, इण्डोनेमशया के सक
ु र्ों, घाना के िािें एनक्रुिा ने 1961 िें
युगोथलाविया के बेलग्रेड िें 25 सदथयों के साथ इस संगठन की थथापना की।
जल
ु ाई 2009 िें गुट तनरपेक्ष दे शों का 15िां सम्िेलन मिस्र िें हुआ स्जसिें इसकी
सदथय संख्या 118 तथा 15 दे श पयमिेक्षक है | पयमिेक्षक संगठनों की संख्या 9 है ।
 िि अन्तरााष्ट्रीय आर्थाक व्यिस्था- गुट तनरपेक्ष दे शों ने 1972 िें संयक्
ु त राष्ट्र के
व्यापार और विकास से सम्बंगधत सम्िेलन (UNCT AD) िें विकास के मलए ‘एक
नई व्यापार नीतत की ओर’ एक प्रथताि प्रथतत
ु ककया ताकक विकमसत दे शों तथा
बहुराष्ट्रीय कंपतनयों द्िारा गरीब दे शों का आगथमक शोषर् सिाप्त हो सकें।
 भारत ि शीत यद् ु ध- भारत ने नि थितंत्र दे शों की अगुिाई की। भारत ने USA
तथा USSR से अच्छे संबंध रखने की कोमशश राष्ट्रीय हहतों की प्राथमिकता के
साथ की।
 17 िें गुटतनरपेक्ष मशखर सम्िेलन का आयोजन िेनेजए
ु ला के 'भागामररता द्िीप िें
मसतम्बर, 2016 की ककया गया। ितमिान िें इस आंदोलन के सदथयों की संख्या
120 है । साथ ही साथ ितमिान से इसके 17 दे श तथा 10 अंतरामष्ट्रीय संगठन
पयमिेक्षक है इस मशखर सम्िेलन िें आतंकिाद, संयक्
ु त राष्ट्र सध
ु ार, पस्श्चि
एमशया की स्थथतत, संयक्
ु त राष्ट्र शांतत अमभयानों, जलिायु पररिमतन, सतत
विकास शारर्ाथी सिथया और परिार्ु तनशथत्रीकरर् जैसे िद्
ु दों पर चचाम हुई।
 नि अन्तरामष्ट्रीय आगथमक व्यिथथा (N.I.E.O) 1972 िें U.N.O के व्यापार एिि ्
विकास आंदोलन (UNCTAD) िें विकास के मलए एक नई व्यापार नीतत का
प्रथताि प्रथतत
ु ककया गया ताकक धनी दे शों द्िारा नि थितन्त्र गरीब दे शों का
शोषर् न हो सके।
टुिार्डमस अ न्यू रे ड पॉमलसी फॉर डेिलेपिें ट (विकास के मलए नई व्यापाररक नीतत
की ओर) एक ररपोटम प्रथतुत की गई।

शस्त्र नियन्त्रण संक्न्ध-

 L.T.B.T. – Limited Test Ban Treaty 05-10-1963, जल, िायि


ु ण्डल, बाह्य
अंतररक्ष िें परिार्ु परीक्षर् प्रततबन्ध ्।
 N.P.T – Nuclear Non – Proliferation Treaty 01-7-1968, इसिें जनिरी
1967 से पूर्म परिार्ु शस्क्त सम्पन्न राष्ट्र के अलािा कोई अन्य दे श परिार्ु
हगथयार हामसल नहीं करे गा।
 SALT – Strategic Arms Limitation Talk-I-िई 1972 ि SALT-II-जन
ू 1972,
घातक प्रततरक्षा हगथयार पररसीिन।
 START – Strategic Arms Reeducation Treaty I-July 1991 and STAR-
II-January 1993 - सािररक अथत्र पररसीिन न्यन
ू ीकरर् सस्न्ध |

िए स्ितंत्र दे श (तीसरी दनु िया) िे गुट निरपेक्षता की िीनत का अिुसरण ककया तयोंकक-

 नि-थिाधीन राष्ट्र जानते थे कक सैतनक गुट उनकी थिाधीनता ि शांतत के मलए


गंभीर खतरा पैदा कर दें गे।
 नि-थिाधीन राष्ट्र जानते थे कक सैतनक संगठनों को बढ़ािा दे ने से अथत्र-शथत्र के
तनिामर्ों को बढ़ािा मिलेगा, स्जससे विश्ि शांतत को खतरा पैदा होगा।
 इन दे शों के सािने सािास्जक और आगथमक पन
ु तनमिामर् की एक भारी स्जम्िेदारी थी
और इस कायम को यद्
ु ध एिं तनािों से िुक्त िातािरर् िें ही पूरा ककया जा सकता
था।
 शस्क्त संगठन का सदथय बनने से उन्हें संगठनों के बनाए गए तनयिों पर चलना
पड़ता, इसमलए तटथथ रहे ।

शीतयद्
ु ध का घटिाक्रम-

1. 1947- साम्यिाद को रोकने के मलए अिरीकी राष्ट्रपतत ट्रूिैन का मसद्धान्त।


2. 1947-52- िाशमल प्लान-पस्श्चिी यूरोप के पुनतनमिामर् िें अिरीका की सहायता।
3. 1948-49- सोवियत संघ द्िारा बमलमन की घेराबंदी। अिरीका और उसके साथी
दे शों ने पस्श्चिी बमलमन के नागररकों को जो आपतू तम भेजी थी, उसे सोवियत संघ ने
अपने वििानों से उठा मलया
4. 1950-53- कोररयाई युद्ध
5. 1954- वियतनामियों के हाथों दायन बीयन फू िें फ्ांस की हार; जेनेिा पर
हथताक्षर: 17िीं सिानांतर रे खा द्िारा वियतनाि का विभाजन और मसएटी
(SEATO) का गठन।
6. 1954-75- वियतिान िें अिरीकी हथतक्षेप।
7. 1955- बगदाद सिझौते पर हथताक्षर (बाद िें इसका नाि सेन्टो (CENTO) रख
हदया।
8. 1956- हं गरी िें सोवियत संघ का हथतक्षेप।
9. 1961- क्यब
ू ा िें अिरीका द्िारा प्रायोस्जत 'बे ऑफ़ वपग्स' आक्रिर्।
10. 1961- बमलमन दीिार खड़ी की गई।
11. 1962- क्यब
ू ा का मिसाइल संकट।
12. 1965- डोमितनकन ररपस्ब्लक िें अिरीकी हथतक्षेप।
13. 1968- चेकोथलोिाककया िें सोवियत हथतक्षेप।
14. 1972- अिरीकी राष्ट्रपतत तनक्सन का चीन दौरा।
15. 1978-89- कंबोडडया िें वियतनाि का हथतक्षेप।
16. 1985- गोबामचि
े सोवियत संघ के राष्ट्रपतत बने; सुधार की प्रकक्रया आरं भ
की।
17. 1989- बमलमन की दीिार गगरी; पूिी यूरोप की सरकारों के विरुद्ध लोगों का
प्रदशमन।
18. 1990- जिमनी का एकीकरर्।
19. 1991- सोवियत संघ का विघटन; शीत युद्ध की सिास्प्त।

You might also like