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सार
यह शोध पत्र ब्रिदटश औपनिि़ेसशक शािि ि़े भारत की स्ितंत्रता िंघर्ष में अम़ेररका द्िारा निभाई गई
बहुआयामी भूसमका का अन्ि़ेर्ण करता है । यह तीि प्रमुख पहलुओं पर विचार करता है : कूटिीनतक
आयाम, अम़ेररकी राजिीनतक िलों क़े विचारधाराओं का प्रभाि , और भारतीय अम़ेररकी प्रिािी िमुिाय क़े
योगिाि।
यह शोध पत्र इि बात का अध्ययि करता है कक द्वितीय विश्ि यद्
ु ध क़े िौराि रणिीनतक आिश्यकताओं
और बिलत़े िैश्श्िक पररदृश्य क़े प्रभाि ि़े कैि़े अम़ेररकी िरकार का भारत की आजािी क़े प्रनत रुख
बिला। यह ररपश्ललकि और ड़ेमोक्ऱेदटक पादटष यों क़े विपरीत दृश्टटकोणों का भी विश्ल़ेर् ण करता है , श्जि
पर उिकी क्रमशः रुद़ििािी और उिारिािी विचारधाराओं का प्रभाि था, और इिका कक उन्होंि़े विनिमश्ुष तत
और भारत की स्ितंत्रता िंघर्ष क़े प्रनत अपि़े दृश्टटकोणों को कैि़े आकार दिया।
इिक़े अलािा, यह शोध गिर पाटी जैि़े भारतीय अम़ेररकी कायषकताषओं, अम़ेररकी बद्
ु धधजीवियों और िंगठिों
द्िारा निभाई गई महत्िपूणष भूसमका पर प्रकाश डालता है , श्जन्होंि़े अम़ेररका में िमथषि जुटाया, क्रांनतकारी
विचारों का प्रिार ककया और भारतीय स्ितंत्रता आंिोलि क़े िाथ एकजुटता को ब़िािा दिया। िैमुएल
स्टोति और विसलयम ज़ेनिंग्ि िायि जैि़े प्रमुख अम़ेररककयों की आिाजों पर भी विचार ककया गया है ,
श्जन्होंि़े जिमत और भारत क़े कारण क़े िमथषि में अपिी भसू मका ऱे खांककत की।
अंत में , यह शोध पत्र भारत की स्ितंत्रता आंिोलि में अम़ेररका क़े विविधतापण
ू ष और बहुआयामी योगिाि
को ऱे खांककत करता है , श्जिमें भू-राजिीनत, विचारधारा और राटरीय िीमाओं ि़े पऱे िकक्रय भागीिारी की
जदटलता अंतनिषदहत है।
पररचय
िंयुतत राज्य अम़ेररका की भारत क़े स्ितंत्रता िंग्राम में भागीिारी और रुधच िमय क़े िाथ धीऱे -धीऱे
विकसित हुई। शुरुआत में , अम़ेररकी मुख्य रूप ि़े भारत क़े बाऱे में ब्रिदटश आख्याि और दृश्टटकोण ि़े
अधधक पररधचत थ़े। हालांकक, जैि़े-जैि़े 20िीं ििी आग़े ब़िी, कुछ प्रगनतशील अम़ेररकी भारत की राजिीनतक
श्स्थनत और उिक़े स्ितंत्रता िंग्राम क़े बाऱे में जागरूक होि़े लग़े।
द्वितीय विश्ि युद्ध की शुरुआत ि़े अम़ेररकी िीनतगत विचारों में भारत क़े स्ितंत्रता क़े मुद्ि़े को िबि़े
आग़े ला खडा ककया। अम़ेररकी प्रशािि ि़े युद्ध प्रयािों में भारतीय भागीिारी क़े महत्ि को महिूि ककया।
हालांकक, उि िमय अंग्ऱेज भारतीय राटरिादियों को कोई ररयायतें ि़े ि़े को तैयार िहीं थ़े, श्जिि़े अम़ेररककयों
क़े सलए एक िीनतगत िवु िधा पैिा हो गई।
इिि़े निपटि़े क़े सलए, अंग्ऱेज, अम़ेररका और भारत क़े बीच िीसमत राजिनयक िंबंध स्थावपत करि़े पर
िहमत हुए। िर धगरजा शंकर बाजपाई को िासशंगटि में एजेंट-जिरल क़े रूप में नियुतत ककया गया,
जबकक थॉमि विल्िि िई दिल्ली में अम़ेररकी आयुतत बि़े।
राटरपनत फ्रैंकसलि डी. रूजि़ेल्ट भारत क़े िाथ ब़ेहतर िंबंधों क़े प्रबल दहमायती थ़े। दििंबर 1941 में
अम़ेररका क़े द्वितीय विश्ि यद्
ु ध में प्रि़ेश करि़े क़े बाि, उन्होंि़े विंस्टि चधचषल क़े िाथ भारत क़े मामल़े
को लगातार उठाया। हालांकक, चधचषल भारत को राजिीनतक स्ितंत्रता या स्िायत्तता ि़े ि़े क़े बाऱे में अड़े रह़े ।
अंग्ऱेजों को मिाि़े क़े अपि़े प्रयािों में , रूजि़ेल्ट ि़े िो ित
ू ों, लुई जॉििि और विसलयम किसलप्ि को
नियुतत ककया, श्जन्होंि़े भारतीय राटरिािी ि़ेताओं क़े िाथ व्यापक रूप ि़े जुडाि ककया। उिकी ररपोटें
भारतीय कारण क़े प्रनत िहािुभूनतपूणष थीं और ब्रिदटश इरािों क़े सलए आलोचिात्मक थीं। अम़ेररकी
जििंचार माध्यम भी आम तौर पर भारतीय राटरीय आंिोलि क़े िमथषक थ़े, और महात्मा गांधी एक
प्रसिद्ध व्यश्तत थ़े।
हालांकक, द्वितीय विश्ि युद्ध की जदटलताओं क़े कारण, अम़ेररका भारत की स्ितंत्रता क़े सलए ब्रिट़े ि पर
पयाषप्त िबाि िहीं डाल िका। 1942 में भारतीय राटरीय कांग्ऱेि क़े "भारत छोडो आंिोलि" शुरू करि़े क़े
िैिल़े ि़े एक महत्िपण
ू ष मोड ला दिया, श्जिि़े रूजि़ेल्ट प्रशािि को ब्रिट़े ि और भारत क़े बीच चयि करि़े
क़े सलए मजबरू कर दिया।
द्वितीय विश्ि युद्ध क़े बाि, रूजि़ेल्ट क़े निधि और ब्रिट़े ि में ल़ेबर पाटी क़े उिय क़े िाथ, भारत को
ित्ता हस्तांतरण निश्श्चत लगि़े लगा। युद्ध क़े बाि क़े मुद्िों ि़े जूझ रह़े अम़ेररका शुरू में 1946 तक
िक्षिण एसशयाई श्स्थनत ि़े अलग रहा। जैि-़े जैि़े युद्ध िमाप्त हुआ, अम़ेररका शीत युद्ध की ओर अग्रिर
हुआ। भारत िामररक महत्ि का केंद्र बि गया तयोंकक यह िोवियत िंघ क़े प्रभाि ि़ेत्र को रोकि़े क़े सलए
महत्िपूणष था। 1947 में भारत की स्ितंत्रता क़े बाि, अम़ेररका और भारत िोिों ि़े शीत युद्ध की राजिीनत
क़े िायऱे में अपि़े िंबंधों को किर ि़े पररभावर्त ककया।
इिक़े अलािा, भारत में ब्रिदटश उपनिि़ेशिाि क़े प्रनत अम़ेररकी रिैय़े आधथषक दहतों ि़े भी प्रभावित हुए।
एक उभरती औद्योधगक और िाणणश्ज्यक शश्तत क़े रूप में , अम़ेररका िैश्श्िक बाजारों और कच्च़े माल तक
पहुंच चाहता था। कुछ अम़ेररकी िीनत निमाषताओं ि़े भारत क़े िंिाधिों और बाजारों पर ब्रिदटश नियंत्रण
को अम़ेररकी आधथषक विस्तार और व्यापार क़े सलए एक बाधा मािा ।
1815 में राटरपनत ज़ेम्ि म़ेडडिि को सलख़े एक पत्र में , विि़े श मंत्री ज़ेम्ि मुिरो ि़े सलखा, "हमारी व्यापाररक
िीनत का प्रमुख उद्ि़े श्य हमाऱे व्यापार क़े सलए िबि़े बडा ि़ेत्र खोलिा और उिक़े विपरीत कम ि़े कम
बाजार बंि करिा होिा चादहए।" मुिरो क़े शलि अम़ेररकी ि़ेताओं द्िारा मुतत व्यापार को ब़िािा ि़े ि़े और
आधथषक विकाि क़े सलए बाधाओं को िरू करि़े, श्जिमें भारत में ब्रिदटश उपनिि़ेशिाि द्िारा लगाई गई
बाधाएं भी शासमल हैं, पर दिए गए जोर को िशाषत़े हैं।
िंिाि की स्थापिा करती हैं। ररपोटें ि़े अम़ेररकी िािषजनिक राय को आकवर्षत ककया, जो भारतीय आकांिाओं
क़े प्रनत अधधक िहािुभूनत थी।
युद्ध क़े अंत ि़े िैश्श्िक राजिीनतक पररदृश्य में महत्िपूणष पररितषि लाए। 1945 में ब्रिट़े ि में ल़ेबर पाटी
की शश्तत का उिय ब्रिदटश उपनिि़ेशि िीनत में पररितषि का िंक़ेत था । यह पररितषि रूजि़ेल्ट की भारत
क़े सलए दृश्टट क़े िाथ अच्छी तरह ि़े म़ेल खाता था। हालांकक, 1945 में रूजि़ेल्ट की अचािक मौत ि़े
इि िए पररदृश्य में किर ि़े िया मोड लाया। िए राटरपनत हैरी एि. ट्रुमि ि़े भारतीय स्ितंत्रता को
निश्श्चत माित़े हुए, शांनतपूणष ित्ता क़े शांनतपूणष हस्तांतरण पर ध्याि केंदद्रत ककया। िंयुतत राज्य ि़े
अंग्ऱेजी-भारतीय िाताष को िवु िधाजिक बिाि़े क़े सलए प्रोत्िाहि दिया, िोिों पिों को िमझौत़े की ओर
प्ऱेररत ककया। िंयत
ु त राज्य ि़े िीध़े ब्रिट़े ि को तत्काल स्ितंत्रता क़े सलए िबाि िहीं डाला, परं तु भारतीय
आकांिाओं का िमथषि कर क़े निश्श्चत रूप ि़े िहायक भूसमका निभाई। द्वितीय विश्ि युद्ध ि़े भारत
क़े प्रनत अम़ेररकी िीनत में पररितषि क़े सलए एक प्ऱेरक क़े रूप में कायष ककया। रूजि़ेल्ट क़े लगातार प्रयािों,
अम़ेररकी ित
ू ों क़े किं डडंग, और पररिनतषत िैश्श्िक राजिीनतक पररदृश्य िभी ि़े िंयुतत राज्य क़े
प्राथसमकताओं में पररितषि को लाभाश्न्ित ककया।
भारत की आजािी की लडाई क़े प्रनत अम़ेररकी राजिीनतक िलों क़े विचारधारात्मक झुकाि को आकार ि़े ि़े
में औपनिि़ेसशक विरोधी भाििा एक महत्िपूणष भूसमका निभाई। ररपश्ललकि और ड़ेमोक्ऱेदटक िोिों पादटष यों
क़े भीतर ऐि़े गुट मौजूि थ़े जो औपनिि़ेसशक विरोधी आंिोलिों ि़े िहािुभूनत रखत़े थ़े और लोगों क़े
स्िायत्तता क़े अधधकार की िकालत करत़े थ़े। उिाहरण क़े सलए, प्रगनतशील ररपश्ललकि िीि़ेटर विसलयम
बोरा भारत क़े स्ितंत्रता आंिोलि क़े उग्र िमथषक थ़े और तकष ि़े त़े थ़े कक अम़ेररका को अपिी विि़े श िीनत
को स्ितंत्रता और लोकतंत्र क़े सिद्धांतों क़े िाथ िंऱेणखत करिा चादहए। इिी प्रकार, ड़ेमोक्ऱेदटक पाटी में ,
एल़ेिोर रूजि़ेल्ट जैिी हश्स्तयां माििाधधकारों की लडाई की हामी भरती थीं, श्जिि़े पाटी क़े मंचों और
िीनतयों को प्रभावित करती थीं। उिारिािी और रुद़ििािी विचारधाराएं भी भारत की आजािी क़े प्रनत पाटी
क़े रुख को प्रभावित करती थीं, हालांकक अलग-अलग तरीकों ि़े। अम़ेररकी राजिीनतक िलों क़े भीतर
विचारधारात्मक धाराओं ि़े भारत की आजािी की लडाई क़े प्रनत उिक़े रुख को आकार ि़े ि़े में महत्िपूणष
भूसमका निभाई।
इि प्रकाशिों क़े माध्यम ि़े, गिर पाटी ि़े भारतीय प्रिासियों की आकांिाओं को असभव्यतत ककया और
औपनिि़ेसशक उत्पीडि क़े विरुद्ध प्रनतरोध की िंगठिा क़े सलए एक मंच प्रिाि ककया।
अम़ेररका क़े भारतीय छात्र और बुद्धधजीिी भारतीय राटरीय आंिोलि क़े ि़ेताओं जैि़े महात्मा गांधी,
जिाहरलाल ि़ेहरू और रिीन्द्रिाथ टै गोर ि़े निकट िंपकष में रह़े । उन्होंि़े भारतीय राटरिादियों और अम़ेररका
में श्स्थत प्रिािी िमुिायों क़े बीच विचारों, िंिाधिों और िूचिाओं क़े आिाि-प्रिाि को िुविधाजिक
बिाया। इिक़े अलािा, अम़ेररका क़े भारतीय छात्रों ि़े भारतीय स्ितंत्रता आंिोलि क़े सलए िमथषि जुटाि़े
और राजिीनतक पैरिी करि़े में िकक्रय भूसमका निभाई। उिक़े प्रयािों ि़े अंतरराटरीय एकजुटता को िशतत
ककया गया और भारत में औपनिि़ेसशक विरोधी आंिोलि की िमस्याओं क़े प्रनत जागरूकता ब़िी। इिक़े
अलािा, उिक़े अम़ेररका में ल़ेखि और भार्ण ि़े भारतीय स्ितंत्रता आंिोलि क़े बाऱे में जागरूकता ब़िाि़े
और अम़ेररकी जिता ि़े िमथषि प्राप्त करि़े में मिि की।
जैिी हश्स्तयों ि़े अपि़े िादहश्त्यक कृनतयों का उपयोग ब्रिदटश शािि क़े तहत भारतीयों की िि
ु ष शा को
उजागर करि़े और भारत की स्ितंत्रता क़े सलए िमथषि जुटाि़े क़े सलए ककया।
जैि़े-जैि़े िैमुएल स्टोति और अन्य व्यश्ततयों ि़े भारतीय कारण ि़े एकजुटता व्यतत की, उन्होंि़े अम़ेररकी
जिता क़े बीच जागरूकता ब़िाई और िहािभ
ु नू त पैिा की। उिक़े कायों और शलिों ि़े अम़ेररकी िमाज में ,
भारत की आजािी की आकांिाओं क़े प्रनत एक अधधक अिुकूल माहौल तैयार ककया। इिक़े अलािा, अम़ेररकी
मीडडया ि़े भी िूचिा प्रिाररत करि़े और जिमत को आकार ि़े ि़े में महत्िपूणष भूसमका निभाई। अखबारों
क़े ल़ेख, िंपािकीय और अम़ेररकी ल़ेखकों एिं पत्रकारों क़े िादहश्त्यक कृनतयों ि़े भारत में ब्रिदटश शािि
की िास्तविकताओं को िामि़े लाया, अन्यायों को उजागर ककया और स्ि-शािि की िैध मांगों पर प्रकाश
डाला। अम़ेररकी जिमत और मीडडया िमथषि क़े प्रभाि को कम करक़े िहीं आंका जा िकता। इिि़े ि
क़ेिल िंयुतत राज्य क़े भीतर भारतीय कारण क़े सलए िहािुभूनत और एकजुटता पैिा की, बश्ल्क विश़ेर्
रूप ि़े द्वितीय विश्ियुद्ध क़े बाि भारत की स्ितंत्रता आकांिाओं का िमथषि करि़े क़े सलए अम़ेररकी
िरकार पर भी िबाि डाला।
उपसंहार
भारत क़े स्ितंत्रता िंग्राम में िंयुतत राज्य अम़ेररका ि़े बहुआयामी भूसमका निभाई, जो कूटिीनतक विचारों,
िैचाररक धाराओं और भारतीय अम़ेररकी प्रिािी िमि
ु ाय क़े योगिािों ि़े निसमषत हुई थी। अम़ेररकी िरकार
का आधधकाररक रुख शुरुआती ितकषता ि़े विकसित होकर अंततः िमथषि की ओर ब़िा। अम़ेररकी
राजिीनतक िलों ि़े अपि़े-अपि़े िैचाररक प्रिनृ तयों क़े अिुरूप िीनतयााँ अपिाईं।
गिर पाटी जैि़े िंगठिों तथा छात्रों एिं बुद्धधजीवियों क़े प्रयािों क़े माध्यम ि़े भारतीय अम़ेररकी िमुिाय
ि़े िंयुतत राज्य अम़ेररका क़े भीतर भारतीय स्ितंत्रता पर होि़े िाली चचाष को महत्िपूणष रूप ि़े प्रभावित
ककया। उिकी िकक्रयता, प्रकाशिों और बौद्धधक प्रयािों ि़े एकजट
ु ता को ब़िािा दिया, क्रांनतकारी विचारों
का प्रिार ककया और प्रिािी भारतीयों को भारत में स्ितंत्रता क़े व्यापक िंघर्ष ि़े जोडा।
िैमुअल स्टोति और विसलयम ज़ेनिंग्ि िायि जैि़े उल्ल़ेखिीय व्यश्ततयों ि़े अम़ेररका क़े लोकतांब्रत्रक
आिशों और उपनिि़ेशिाि विरोधी भाििाओं को गुंजायमाि करत़े हुए, िािषजनिक राय को आकार ि़े ि़े और
भारत क़े सलए िकालत करि़े में महत्िपूणष भूसमका निभाई।
भारत क़े स्ितंत्रता आंिोलि में िंयत
ु त राज्य अम़ेररका क़े शासमल होि़े का स्थायी प्रभाि आज भी मजबत
ू
भारत-अम़ेररका िंबंधों और लोकतंत्र, स्ितंत्रता और स्ि-निणषय क़े िाझा मूल्यों में ि़े खा जा िकता है , जो
िोिों ि़े शों क़े बीच द्विपिीय िाझ़ेिारी को मजबूत करत़े हैं।
अंततः अम़ेररका का िमथषि भारत क़े स्ितंत्रता िंग्राम क़े सलए अप्रत्यि ल़ेककि महत्िपूणष था। अम़ेररकी
िरकार का िमथषि िीसमत था, ल़ेककि व्यश्ततगत अम़ेररककयों, भारतीय प्रिािी िमह
ू ों और मीडडया ि़े
भारत की स्ितंत्रता क़े सलए जागरूकता ब़िाि़े और अंतराषटरीय िमथषि जुटाि़े में महत्िपूणष भूसमका
निभाई।
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