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Sanskrit Comm MS
Sanskrit Comm MS
् षणाधारितम)्
संस्कृतम (सम्प्रे
कक्षा : १० (कोड - १२२)
MARKING SCHEME (2017-18)
COMMUNICATIVE SANSKRIT
Class : X (Code - 122)
खण्डः कः (Section A)
्
अपरितांर्-अिबोधनम /अपरित-अिबोधन (१० अंङ्काः)
Unseen Reading Comprehension (10 Marks)
II पूणिश ाक्येन उत्तित : (दो प्रश्न, प्रत्येक भाग के रिए २ अंक) 2×2=4
(i) ु
मनष्याणां जीिने कतशव्यपािनेन ैि सिशदा उन्नरतभशिरत।
(ii) यः मानिः कतशव्यपिायणः भिरत स एि समतस्य िक्षकः आदिभूतश्च भिरत।
III ्
प्रदत्त रिकल्पेभ्यः उरचतम उत्तिं रचत्वा रिखतः (चाि प्रश्न, प्रत्येक भाग के रिए ½ अंक) ½×=4
(i) (अ) सूयःश
(ii) (ब) ु
सखमयम ्
(iii) (अ) सततम ्
(iv) (अ) ु
सखमयम ्
3. रचत्रिणशनम -् 2×5=10
ु ता देखी जाए। इस प्रश्न का
बच्चों से सिि एिं सरिप्त िाक्य/िाक्यपूर्षत अपेरक्षत है। के िि िाक्य की र्द्ध
ु उद्देश्य िाक्य-िचना है। िाक्य िघ ु अथिा दीघश हो यह महत्वपूण श नहीं। व्याकिरणक दृरि से र्द्ध
प्रमख ु होने पि पूण-श
अंक रदए जाएँ। मञ्जूषा में रदए गए र्् सहायताथ श हैं , बच्चे र्् चनेंु अथिा नहीं - आिश्यक नहीं है। िे स्वयं र््ों
का प्रयोग कि िाक्य-रनमाशण कि कसते हैं । बच्चे स्वयं भी मञ्जूषा में रदए गए र््ों की रिभरक्तयाँ आरद भी बदि सकते
हैं अतः अंक रदए जाएँ। त्ररु टयों के अंक अंर्तः काटे जाएँ। पूणतश या र्द्ध
ु होने पि ही १० अंक रदए जाएँ। प्रत्येक
िाक्य के रिए २ अंक हैं ।
अथिा (Or)
ु दिेखनम -्
अनच्छे
यह रिकल्प सभी प्रकाि के छात्रों के रिए है। बच्चे स्वयं भी मञ्जूषा में रदए गए र््ों की रिभरक्तयाँ आरद बदि सकते
हैं । अंक रदए जाएँ। इस प्रश्न के भी १० अंक ही हैं । प्रत्येक िाक्य के रिए २ अंक हैं ।
खण्डः गः (Section C)
ु
ु क्त-व्याकिणम
अनप्रय /् अनप्रय ु व्याकिण (२५ अंङ्काः)
ु क्त
Applied Grammar (25 Marks)
4. सरधः/सरधच्छेदः - (आंरर्क दृरि से सही उत्ति के रिए आंरर्क अंक अिश्य रदए जाएँ। प्रत्येक के रिए
१ अंक) 1×4=4
(i) नािित ु
(ii) अद्य+एि
(iii) तरु+छायायाम ्
(iv) कोऽरप
5. समासः/रिग्रहः - (इस प्रश्न का मूि उद्देश्य ’समस्तपद’ अथिा रिग्रह की समझ है। प्रत्येक भाग के रिए १
अंक है) 1×4=4
(i) (अ) नीिकण्िकः
(ii) (स) ्
र्रक्तम अनरतक्रम्य
(iii) (अ) िामश्यामौ
(iv) (अ) पञ्चना पात्राणां समाहािः
6. प्रकृ रत-प्रत्ययः - (इस प्रश्न में बच्चे के िि उत्ति रिख सकते हैं । अतः पूण श अंक रदए जाएँ) 1×4=4
(i) (अ) कत्तशव्यः
(ii) (ब) क्रीडतः
(iii) (ब) िमणीय+ति ्
(iv) (अ) िौरकक+ङीप ्
7. िाच्य-परिितशनम -् (इस प्रश्न का उद्देश्य छात्रों को िाच्य-परिितशन की क्षमता एिं समझ को पिखना है। छात्रों से पूण श
ु िेखन अपेरक्षत है तथारप नहीं रिखने पि भी पूण श अंक रदए जाएँ। प्रत्येक भाग हेत ु १ अंक है) 1×3=3
संिाद का पनः
(i) ग्रन्थः
(ii) िरिणा
(iii) रक्रयते
11. इस प्रश्न का मूि उद्देश्य अिबोधन पिीक्षण है। बच्चे पयाशयिाची र््ों का प्रयोग कि सकते हैं । पूण श अंक रदए जाएँ।
आंरर्क उत्ति सही होने पि आंरर्क अंक रदए जाएँ :-
(अ) गद्यार्ः
I) एकपदेन उत्तित :- 1×2=2
(i) बािकान ्
(ii) गतशसङ्कुिे
II) पूणिश ाक्येन उत्तित :- 2×1=2
(i) उद्दण्डः बािकः अिदत ् - "अरय भो! यद्येिं तर्षह कथं भिन्तौ सपथं
ु परित्यज्य अनेन
्
कुपथेन गन्त ु प्रिृतौ? अरप इदं श्रेयस्किम?"
III) ् भ्यः चयनम)्
भारषक-कायशम (रिकल्पे ½×4=2
क) (iii) बािकः
ख) (ii) ु
सपथम ्
ग) (ii) बाल्के भ्यः
घ) (i) उद्दण्डः
(आ) पद्यांर्ः
I) एकपदेन उत्तित :- 1×2=2
(i) अधः
(ii) बरधिः
(इ) नाट्ांर्ः
I) एकपदेन उत्तित :- 1×2=2
(i) द्रौरणः
(ii) द्रौणेः
II) एकिाक्येन उत्तित :- 2×1=2
(i) यदा श्रीकृ ष्णः द्रौरणने चक्रम ् अयच्छत, ् तदा सः सव्येन पारणना चक्रं गृहीतिान, ् रकन्त ु
् ं स्वस्थानात सञ्चािरयत
सः तत चक्र ् ्
मु अरप समथ शः न अभित।्
III) ् भ्यः चयनम)्
भारषक-कायशम (रिकल्पे ½×4=2
क) (iii) ु
असन्तिः
ख) (ii) सण्येन
ग) (i) तमु नु ्
घ) (iii) द्रौरणः
12. प्रश्नरनमाशणम -् (इस प्रश्न में बच्चे के िि प्रश्निाचक र्् रिख सकते हैं । ितशनी आरद की दृरि से अनपाततः
ु अंक काटे
ु है तथा रिकल्पात्मक उत्ति हो सकते हैं ।
जाएँ न रक पूण।श इस प्रश्न में अिबोधन प्रमख 1×4=4
(i) कः
(ii) कास ु
(iii) का/रकम ्
(iv) कदा
14. र््ाथ शः - (इस प्रश्न में बच्चे उत्ति की क्रमसङ्ख्या भी रिख सकते हैं । ितशनी आरद रक दृरि से अंक अंर्तः ही काटे
जाएँ। प्रत्येक भाग के रिए १ अंक है।) 1×4=4
(क) (ii) प्रमथनर्ीिम ्
(ख) (i) रनिन्तिम ्
(ग) (iii) प्रासादाः
(घ) (i) नौका
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