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नातको र उपािध काय म

एम.ए.सं कृत
(एम.एस.के .)

काय म दिशका

मानिवक िव ापीठ
इि दरा गांधी रा ीय मु िव िव ालय
नई िद ली -110068
ई-मेल : soh@ignou.ac.in, masanskrit@ignou.ac.in
इंिदरा गाँधी रा ीय मु िव िव ालय
नई िद ली
एम.ए.सं कृत काय म

1. तावना
सं कृ त का अ ययन-अ यापन वतमान िव क आव यकता है । सं कृ त भाषा और सािह य का अ ययन बौि क और
वै ािनक चेतना से स प न भारतीय मनीषा क मेधा और ान परंपरा को आ मसात करना है । इ नू के मानिवक िव ापीठ
ारा इस मह र उ े य के साथ एम.ए.सं कृ त का काय म ार भ िकया जा रहा है । इस काय म का उ े य िव ािथय को
सं कृ त भाषा तथा सािह य का िव तृत और िवशेष तापणू ान दान करना है । इसके अ ययन के फल व प िव ािथय
को सं कृ त भाषा, सािह य, याकरण, दशन,वेद और भारतीय सं कृ ित और स यता का स यक बोध होगा । िव ाथ िवषय
के आ वादन के साथ ही सं कृ त क ान परंपरा से जड़ु कर भारतीय सं कृ ित और जीवन मू य का भी अवगाहन कर सकगे ।

2. वेश के िलए यो यता


िकसी मा यता ा िव िव ालय से िकसी भी िवषय म नातक क उपािध ।
3. काय म अविध
यनू तम 2 वष और अिधकतम 4 वष ।
4. शु क िववरण
परू े काय म के िलए 12000/- , .6000/- ितवष
5. िश ण मा यम
यह पाठ्य म िह दी मा यम म उपल ध कराया जा रहा है ।
6. े िडट प ित
एम.ए.सं कृ त काय म म अ ययन हेतु े िडट प ित अपनाई गई है । 2 वष के इस काय म के िलए 64 े िडट के पाठ्य म
िनधा रत िकए गए ह । िव ाथ अपने अ ययन के येक वष म 32 े िडट अिजत कर सकता है ।
7. काय म सरं चना
64 े िडट का यह पाठ्य म दो िश ण वष म िवभािजत है । येक वष के िलए अ ययन हेतु 32 े िडट का पाठ्य म
उपल ध कराया गया है । इन पाठ्य म को िनधा रत अविध म पणू करना िश ािथय के िलए अिनवाय है ।
8. िश ण िविध
एम.ए.सं कृ त काय म क िश ण णाली छा ो मख
ु ी दूर िश ा प ित पर आधा रत है । इस काय म म िश ण हेतु
िन निलिखत मा यम का योग िकया जाएगा –
I. मुि त साम ी –
एम.ए.सं कृ त काय म क मु य पाठ्य-साम ी आपको मुि त प म भेजी जाएगी, साथ ही सॉ ट कॉपी के प म
ई- ानकोश के मा यम से उपल ध कराई जाएगी । िनधा रत पाठ्य मानसु ार िवषय के ल ध ित िव ान ारा
िलखे गए पाठ (इकाइय ) को िविभ न पु तक (खंड ) के प म मिु त कर व-अ ययन साम ी के प म भेजा
जाएगा । येक इकाई क परेखा इस तरह तैयार क गई है िक वह आपके अ ययन म सहायक िस हो । इन
इकाइय म म से उ े य, तावना,मु य भाग,सारांश और अंत म अ यास िदये गए ह । इकाई का
एका तापवू क अ ययन क िजये और मिु त पृ क खाली जगह का नोट्स लेने के िलए आव यकतानसु ार
उपयोग क िजये । िवषय से संबि धत सभी िब दओ
ु ं को सरल प म इकाई म समझाया गया है, िजससे आपको
िकसी तरह क कोई किठनाई न हो । िफर भी यिद िकसी िब दु पर आपको कोई किठनाई हो तो आप प ीकरण के
िलए अ ययन के के परामश स का उपयोग कर सकते ह ।
II. ऑिडयो/वीिडयो काय म –
अनपु ूरक अ ययन साम ी के प म िव िव ालय ऑिडयो और वीिडयो काय म का िनमाण करता है, जो
अ ययन के के परामश स , ानदशन चैनल, ानवाणी चैनल और ई- ानकोश पर उपल ध ह । इनका उपयोग
आपके अ ययन के ि ितज को िव तृत करे गा ।
III. परामश स –
िव िव ालय के अ ययन के ारा आयोिजत िकए जाने वाले परामश स िव ािथय के मागदशन और
सम याओ ं के समाधान के िलए अ यंत उपयोगी ह । इसके अित र िव िव ालय के मु यालय, नई िद ली म
ि थत ‘संचार क ’ ारा टेलीकॉ िसंग,एडुसेट, ान दशन और रे िडयो चैनल ानवाणी के मा यम से भी
परामशस आयोिजत िकए जाएंगे, जहां आप टेलीफोन/ई-मेल ारा उपि थत अ यापक/िवशेष से संवाद कर
सकते ह और अपने पछू सकते ह ।
9. परी ा योजना –
िव ािथय का मू यांकन दो कार से िकया जाता है :-
I. स ीय काय के ारा सतत मू यांकन –
इ नू ारा अपने िश ण काय म के िलए सतत मू यांकन प ित को अपनाया गया है । येक िश ण स म
िनधा रत स ीय काय और स ांत परी ा के मा यम से सतत मू यांकन िकया जाता है । स ीय काय के िलए 30
ितशत और स ातं परी ाओ ं के िलए 70 ितशत अंक िनधा रत िकए गए ह । स ीय काय म आप जो अक
ं ा
करगे उसे आपके परी ाफल के अंक म जोड़ िदया जाएगा । यह स ीय काय िनधा रत समय पर पोटल पर
उपल ध करा िदया जाएगा, जहां से ा करके आप उसे िदये गए ा प म तैयार कर अपने अ ययन के पर
जमा कर सकते ह ।
II. स ांत परी ा –
स ांत परी ा मू यांकन प ित का अिभ न अंग है । स ीय काय के िलए 30 ितशत और स ांत परी ाओ ं के
िलए 70 ितशत अंक िनधा रत िकए गए ह ।

काय म सयं ोजक


ो.स यकाम, आचाय, मानिवक िव ापीठ
समकुलपित, इिं दरा गाध
ं ी रा ीय मु िव िव ालय, नई िद ली

ई-मे ल :
masanskrit@ignou.ac.in
soh@ignou.ac.in
सपं क : 011-29572784, 011-29572753
िनधा रत पाठ्य म
एम.ए. सं कृत काय म
(एम.एस.के .)

थम वष
म स.ं पाठ्य म कोड पाठ्य म का शीषक े िडट
1. MSK 01 सं कृ त सािह यशा एवं सािह य 8
2. MSK 02 याकरण 8
3. MSK 03 दशन : याय-वैशेिषक, वेदा त, सां य और मीमासं ा 8
4. MSK 05 वैिदक वा य एवं भारतीय सं कृ ित और स यता 8

ि तीय वष
म स.ं पाठ्य म कोड पाठ्य म का शीषक े िडट
5. MSK 04 आधिु नक सं कृ त सािह य और सािह यशा 8
6. MSK 06 भाषा िव ान,अनुवाद एवं िनबंध लेखन 8
7. MSK 07 सािह य शा : का य काश, व यालोक और 8
दश पक
8. MSK 08 सं कृ त सािह य : ग , प एवं नाटक 8
एम.ए.सं कृत काय म पाठ्य िववरण

इस काय म म आपको िन निलिखत पाठ्यचया का अनपु ालन करते हये अ ययन करना है । इससे सबं ि धत व-अ ययन साम ी
आपको खडं वार िवभािजत इकाइय (पाठ ) के प म उपल ध कराई जाएगी –

पाठ्य म 1 MSK 01 : सं कृत सािह यशा एवं सािह य 8 े िडट

सं कृ त सािह य का इितहास, सािह य शा : सािह यदपण ( थम से ष प र छे द पय त), मेघदूत : महाकिव कािलदास


(पूवमेघ ोक 1 से 63 और उ रमेघ ोक 1 से 52 पय त), मृ छकिटक : शू क (सभी अंक से चयिनत ोक)

पाठ्य म 2 MSK 02 : याकरण 8 े िडट

सबु त करण, कारक करण : िस ा त कौमदु ी, ितङ त करण : भू धातु (पर मैपद), ितङ त करण : एध् धातु (आ मने
पद), ितङ त ि या, कृ दतं करण, ति त करण
नोट : येक अि वित से पिसि और सू क या या पछू ी जाएगी ।

पाठ्य म 3 MSK 03 : दशन : याय-वैशेिषक, वेदा त, सां य और मीमांसा 8 े िडट

भारतीय दशन, तकसं ह (अ नं भ ), वेदा त सार (सदानंद) भाग-1,वेदा त सार (सदानंद) भाग-2, सां यका रका
(ई रकृ ण), अथसं ह (लौगाि भा कर)

पाठ्य म 4 MSK 05 : वैिदक वा य एवं भारतीय सं कृित और स यता 8 े िडट

वैिदक सािह य का इितहास, वेदागं , वैिदक सू , िन (अ याय 1 और अ याय 2 का थम पाद), वैिदक याकरण, भारतीय
सं कृ ित और स यता

पाठ्य म 5 MSK 04 : आधुिनक सं कृत सािह य और सािह यशा 8 े िडट

आधुिनक सं कृ त सािह य का इितहास, जानक जीवनम् (अिभराज राज िम ) – थम स , मीरालहरी – पंिडता माराव,
उपा यानमािलका – राधाव लभ ि पाठी, का यालंकारका रका – महामहोपा याय रे वा साद ि वेदी

पाठ्य म 6 MSK 06 : भाषा िव ान,अनुवाद एवं िनबंध लेखन 8 े िडट

भाषािव ान एवं भाषा, विनिव ान, विनिवचार, विन-प रवतन एवं विन-िनयम, पद, वा य एवं अथ िव ान, भाषाओ ं का
वग करण एवं भाषा प रवार, भाषाशा एवं िलिप का इितहास, अनुवाद और िनबंध लेखन
पाठ्य म 7 MSK 07 : सािह य शा : का य काश, व यालोक और 8 े िडट
दश पक

का य काश (म मट)- 1-4 और 7-10 उ लास, व यालोक (आनंदवधन) – थम एवं चतुथ उ ोत, दश पक (धिनक
एवं धनंजय) – थम, ि तीय और तृतीय काश, सं कृत का यशा का सव ण : मख
ु आचाय और सं दाय

पाठ्य म 8 MSK 08 : सं कृत सािह य : ग , प एवं नाटक 8 े िडट

नै षधीयच रतम् ( ीहष)- थम सग, काद बरी (बाणभ )- महा ेतावृ ा त, उ ररामच रत(भवभूित), नलचंपू
(ि िव मभ )- थम उ वास (वषा-वणन पय त)

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