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िहं दी व्याकरण एवं सािहत्य

िहं दी व्याकरण एवं सािहत्य

कुछ उदाहरण िनम्निलिखत हैँ–


वाक्यांश या शब्द–समूह -- शब्द
• हाथी हाँकने का छोटा भाला— अंकुश
• जो कहा न जा सके— अकथनीय
• िजसे क्षमा न िकया जा सके— अक्षम्य
• िजस स्थान पर कोई न जा सके— अगम्य
• जो कभी बूढ़ा न हो— अजर
• िजसका कोई शत्रु न हो— अजातशत्रु
• जो जीता न जा सके— अजेय
• जो िदखाई न पड़े— अदृश्य
• िजसके समान कोई न हो— अिद्वतीय
• हृदय की बातेँ जानने वाला— अन्तयार्मी
• पृथ्वी, ग्रहोँ और तारोँ आिद का स्थान— अन्तिरक्ष
• दोपहर बाद का समय— अपराह्न
• जो सामान्य िनयम के िवरुद्ध हो— अपवाद
• िजस पर मुकदमा चल रहा हो/अपराध करने का आरोप
हो/अिभयोग लगाया गया हो— अिभयुक्त
• जो पहले कभी नहीँ हुआ— अभूतपूवर्
• फेँक कर चलाया जाने वाला हिथयार— अस्त्र
• िजसकी िगनती न हो सके— अगिणत/अगणनीय
• जो पहले पढ़ा हुआ न हो— अपिठत
• िजसके आने की ितिथ िनिश्चत न हो— अितिथ
• कमर के नीचे पहने जाने वाला वस्त्र— अधोवस्त्र
• िजसके बारे मेँ कोई िनश्चय न हो— अिनिश्चत
• िजसका भाषा द्वारा वणर्न असंभव हो— अिनवर्चनीय
• अत्यिधक बढ़ा–चढ़ा कर कही गई बात— अितशयोिक्त
• सबसे आगे रहने वाला— अग्रणी
• जो पहले जन्मा हो— अग्रज
• जो बाद मेँ जन्मा हो— अनुज
• जो इं िद्रयोँ द्वारा न जाना जा सके— अगोचर
• िजसका पता न हो— अज्ञात
• आगे आने वाला— आगामी
• अण्डे से जन्म लेने वाला— अण्डज
• जो छूने योग्य न हो— अछूत
• जो छु आ न गया हो— अछूता
• जो अपने स्थान या िस्थित से अलग न िकया जा सके—
अच्युत
• जो अपनी बात से टले नहीँ— अटल
• िजस पुस्तक मेँ आठ अध्याय होँ— अष्टाध्यायी
• आवश्यकता से अिधक बरसात— अितवृिष्ट
• बरसात िबल्कुल न होना— अनावृिष्ट
• बहुत कम बरसात होना— अल्पवृिष्ट
• इं िद्रयोँ की पहुँ च से बाहर— अतीिन्द्रय/इं द्रयातीत
• सीमा का अनुिचत उल्लंघन— अितक्रमण
• जो बीत गया हो— अतीत
• िजसकी गहराई का पता न लग सके— अथाह
• आगे का िवचार न कर सकने वाला— अदू रदशीर्
• जो आज तक से सम्बन्ध रखता है— अद्यतन
• आदेश जो िनिश्चत अविध तक लागू हो— अध्यादेश
• िजस पर िकसी ने अिधकार कर िलया हो— अिधकृत
• वह सूचना जो सरकार की ओर से जारी हो— अिधसूचना
• िवधाियका द्वारा स्वीकृत िनयम— अिधिनयम
• अिववािहत मिहला— अनूढ़ा
• वह स्त्री िजसके पित ने दू सरी शादी कर ली हो— अध्यूढ़ा
• दू सरे की िववािहत स्त्री— अन्योढ़ा
• गुरु के पास रहकर पढ़ने वाला— अन्तेवासी
• पहाड़ के ऊपर की समतल जमीन— अिधत्यका
• िजसके हस्ताक्षर नीचे अंिकत हैँ— अधोहस्ताक्षरकत्तार्
• एक भाषा के िवचारोँ को दू सरी भाषा मेँ व्यक्त करना—
अनुवाद
• िकसी सम्प्रदाय का समथर्न करने वाला— अनुयायी
• िकसी प्रस्ताव का समथर्न करने की िक्रया— अनुमोदन
• िजसके माता–िपता न होँ— अनाथ
• िजसका जन्म िनम्न वणर् मेँ हुआ हो— अंत्यज
• परम्परा से चली आई कथा— अनुश्रुित
• िजसका कोई दू सरा उपाय न हो— अनन्योपाय
• वह भाई जो अन्य माता से उत्पन्न हुआ हो— अन्योदर
• पलक को िबना झपकाए— अिनमेष/िनिनर् मेष
• जो बुलाया न गया हो— अनाहूत
• जो ढका हुआ न हो— अनावृत
• जो दोहराया न गया हो— अनावतर्
• पहले िलखे गए पत्र का स्मरण— अनुस्मारक
• पीछे –पीछे चलने वाला/अनुसरण करने वाला— अनुगामी
• महल का वह भाग जहाँ रािनयाँ िनवास करती हैँ—
अंतःपुर/रिनवास
• िजसे िकसी बात का पता न हो— अनिभज्ञ/अज्ञ
• िजसका आदर न िकया गया हो— अनादृत
• िजसका मन कहीँ अन्यत्र लगा हो— अन्यमनस्क
• जो धन को व्यथर् ही खचर् करता हो— अपव्ययी
• आवश्यकता से अिधक धन का संचय न करना— अपिरग्रह
• जो िकसी पर अिभयोग लगाए— अिभयोगी
• जो भोजन रोगी के िलए िनिषद्ध है— अपथ्य
• िजस वस्त्र को पहना न गया हो— अप्रहत
• न जोता गया खेत— अप्रहत
• जो िबन माँगे िमल जाए— अयािचत
• जो कम बोलता हो— अल्पभाषी/िमतभाषी
• आदेश की अवहेलना— अवज्ञा
• जो िबना वेतन के कायर् करता हो— अवैतिनक
• जो व्यिक्त िवदेश मेँ रहता हो— अप्रवासी
• जो सहनशील न हो— असिहष्णु
• िजसका कभी अन्त न हो— अनन्त
• िजसका दमन न िकया जा सके— अदम्य
• िजसका स्पशर् करना विजर् त हो— अस्पृश्य
• िजसका िवश्वास न िकया जा सके— अिवश्वस्त
• जो कभी नष्ट न होने वाला हो— अनश्वर
• जो रचना अन्य भाषा की अनुवाद हो— अनूिदत
• िजसके पास कुछ न हो अथार्त् दिरद्र— अिकँचन
• जो कभी मरता न हो— अमर
• जो सुना हुआ न हो— अश्रव्य
• िजसको भेदा न जा सके— अभेद्य
• जो साधा न जा सके— असाध्य
• जो चीज इस संसार मेँ न हो— अलौिकक
• जो बाह्य संसार के ज्ञान से अनिभज्ञ हो— अलोकज्ञ
• िजसे लाँघा न जा सके— अलंघनीय
• िजसकी तुलना न हो सके— अतुलनीय
• िजसके आिद (प्रारम्भ) का पता न हो— अनािद
• िजसकी सबसे पहले गणना की जाये— अग्रगण
• सभी जाितयोँ से सम्बन्ध रखने वाला— अन्तजार्तीय
• िजसकी कोई उपमा न हो— अनुपम
• िजसका वणर्न न हो सके— अवणर्नीय
• िजसका खंडन न िकया जा सके— अखंडनीय
• िजसे जाना न जा सके— अज्ञेय
• जो बहुत गहरा हो— अगाध
• िजसका िचँ तन न िकया जा सके— अिचँ त्य
• िजसको काटा न जा सके— अकाट्य
• िजसको त्यागा न जा सके— अत्याज्य
• वास्तिवक मूल्य से अिधक िलया जाने वाला मूल्य—
अिधमूल्य
• अन्य से संबंध न रखने वाला/िकसी एक मेँ ही आस्था
रखने वाला— अनन्य
• जो िबना अन्तर के घिटत हो— अनन्तर
• िजसका कोई घर (िनकेत) न हो— अिनकेत
• किनष्ठा (सबसे छोटी) और मध्यमा के बीच की उँ गली—
अनािमका
• मूलकथा मेँ आने वाला प्रसंग, लघु कथा— अंतःकथा
• िजसका िनवारण न िकया जा सके/िजसे करना आवश्यक
हो— अिनवायर्
• िजसका िवरोध न हुआ हो या न हो सके— अिनरुद्ध/
अिवरोधी
• िजसका िकसी मेँ लगाव या प्रेम हो— अनुरक्त
• जो अनुग्रह (कृपा) से युक्त हो— अनुगृहीत
• िजस पर आक्रमण न िकया गया हो— अनाक्रांत
• िजसका उत्तर न िदया गया हो— अनुत्तिरत
• अनुकरण करने योग्य— अनुकरणीय
• जो कभी न आया हो (भिवष्य)— अनागत
• जो श्रेष्ठ गुणोँ से युक्त न हो— अनायर्
• िजसकी अपेक्षा हो— अपेिक्षत
• जो मापा न जा सके— अपिरमेय
• नीचे की ओर लाना या खीँचना— अपकषर्
• जो सामने न हो— अप्रत्यक्ष/परोक्ष
• िजसकी आशा न की गई हो— अप्रत्यािशत
• जो प्रमाण से िसद्ध न हो सके— अप्रमेय
• िकसी काम के बार–बार करने के अनुभव वाला— अभ्यस्त
• िकसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा— अभीप्सा
• जो सािहत्य कला आिद मेँ रस न ले— अरिसक
• िजसको प्राप्त न िकया जा सके
• जो कम जानता हो— अल्पज्ञ
• जो वध करने योग्य न हो— अवध्य
• जो िविध या कानून के िवरुद्ध हो— अवैध
• जो भला–बुरा न समझता हो अथवा सोच–समझकर काम
न करता हो— अिववेकी
• िजसका िवभाजन न िकया जा सके— अिवभाज्य/अभाज्य
• िजसका िवभाजन न िकया गया हो— अिवभक्त
• िजस पर िवचार न िकया गया हो— अिवचािरत
• जो कायर् अवश्य होने वाला हो— अवश्यंभावी
• िजसको व्यवहार मेँ न लाया गया हो— अव्यवहृत
• जो स्त्री सूयर् भी नहीँ देख पाती— असूयर्पश्या
• न हो सकने वाला कायर् आिद— अशक्य
• जो शोक करने योग्य नहीँ हो— अशोक्य
• जो कहने, सुनने, देखने मेँ लज्जापूण,र् िघनौना हो—
अश्लील
• िजस रोग का इलाज न िकया जा सके— असाध्य रोग/
लाइलाज
• िजससे पार न पाई जा सके— अपार
• बूढ़ा–सा िदखने वाला व्यिक्त— अधेड़
• िजसका कोई मूल्य न हो— अमूल्य
• जो मृत्यु के समीप हो— आसन्नमृत्यु
• िकसी बात पर बार–बार जोर देना— आग्रह
• वह स्त्री िजसका पित परदेश से लौटा हो— आगतपितका
• िजसकी भुजाएँ घुटनोँ तक लम्बी होँ— आजानुबाहु
• मृत्युपयर्न्त— आमरण
• जो अपने ऊपर िनभर्र हो— आत्मिनभर्र/स्वावलंबी
• व्यथर् का प्रदशर्न— आडम्बर
• पूरे जीवन तक— आजीवन
• अपनी हत्या स्वयं करना— आत्महत्या
• अपनी प्रशंसा स्वयं करने वाला— आत्मश्लाघी
• कोई ऐसी वस्तु बनाना िजसको पहले कोई न जानता हो—
आिवष्कार
• ईश्वर मेँ िवश्वास रखने वाला— आिस्तक
• शीघ्र प्रसन्न होने वाला— आशुतोष
• िवदेश से देश मेँ माल मँगाना— आयात
• िसर से पाँव तक— आपादमस्तक
• प्रारम्भ से लेकर अंत तक— आद्योपान्त
• अपनी हत्या स्वयं करने वाला— आत्मघाती
• जो अितिथ का सत्कार करता है— आितथेय/मेजबान
• दू सरे के िहत मेँ अपना जीवन त्याग देना— आत्मोत्सगर्
• जो बहुत क्रूर व्यवहार करता हो— आततायी
• िजसका सम्बन्ध आत्मा से हो— आध्याित्मक
• िजस पर हमला िकया गया हो— आक्रांत
• िजसने हमला िकया हो— आक्रांता
• िजसे सूँघा न जा सके— आघ्रेय
• िजसकी कोई आशा न की गई हो— आशातीत
• जो कभी िनराश होना न जाने— आशावादी
• िकसी नई चीज की खोज करने वाला— आिवष्कारक
• जो गुण–दोष का िववेचन करता हो— आलोचक
• जो जन्म लेते ही िगर या मर गया हो— आजन्मपात
• वह किव जो तत्काल किवता कर सके— आशुकिव
• पिवत्र आचरण वाला— आचारपूत
• लेखक द्वारा स्वयं की िलखी गई जीवनी— आत्मकथा
• वह चीज िजसकी चाह हो— इिच्छत
• िकन्हीँ घटनाओँ का कालक्रम से िकया गया वणर्न—
इितवृत्त
• इस लोक से संबंिधत— इहलौिकक
• जो इन्द्र पर िवजय प्राप्त कर चुका हो— इं द्रजीत
• माँ–बाप का अकेला लड़का— इकलौता
• जो इिन्द्रयोँ से परे हो/जो इिन्द्रयोँ के द्वारा ज्ञात न हो—
इिन्द्रयातीत
• दू सरे की उन्नित से जलना— ईष्यार्
• उत्तर और पूवर् के बीच की िदशा— ईशान/ईशान्य
• पवर्त की िनचली समतल भूिम— उपत्यका
• दू सरे के खाने से बची वस्तु— उिच्छष्ट
• िकसी भी िनयम का पालन नहीँ करने वाला— उच्छृंखल
• वह पवर्त जहाँ से सूयर् और चन्द्रमा उिदत होते माने जाते हैँ
— उदयाचल
• िजसके ऊपर िकसी का उपकार हो— उपकृत
• ऐसी जमीन जो अच्छी उत्पादक हो— उवर्रा
• जो छाती के बल चलता हो (साँप आिद)— उरग
• िजसने अपना ऋण पूरा चुका िदया हो— उऋण
• िजसका मन जगत से उचट गया हो— उदासीन
• िजसकी दोनोँ मेँ िनष्ठा हो— उभयिनष्ठ
• ऊपर की ओर जाने वाला— उध्वर्गामी
• नदी के िनकलने का स्थान— उद्गम
• िकसी वस्तु के िनमार्ण मेँ सहायक साधन— उपकरण
• जो उपासना के योग्य हो— उपास्य
• मरने के बाद सम्पित्त का मािलक— उत्तरािधकारी/वािरस
• सूयोर्दय की लािलमा— उषा
• िजसका ऊपर कथन िकया गया हो— उपयुर्क्त
• कुँए के पास का वह जल कुंड िजसमेँ पशु पानी पीते हैँ—
उबारा
• छोटी–बड़ी वस्तुओ ँ को उठा ले जाने वाला— उठाईिगरा
• िजस भूिम मेँ कुछ भी पैदा न होता हो— ऊसर
• सूयार्स्त के समय िदखने वाली लािलमा— ऊषा
• िवचारोँ का ऐसा प्रवाह िजससे कोई िनष्कषर् न िनकले—
ऊहापोह
• कई जगह से िमलाकर इकट्ठा िकया हुआ— एकीकृत
• सांसािरक वस्तुओ ँ को प्राप्त करने की इच्छा— एषणा
• वह िस्थित जो अंितक िनणार्यक हो, िनिश्चत— एकांितक
• जो व्यिक्त की इच्छा पर िनभर्र हो— ऐिच्छक
• इं िद्रयोँ को भ्रिमत करने वाला— ऐँद्रजािलक
• लकड़ी या पत्थर का बना पात्र िजसमेँ अन्न कूटा जाता है
— ओखली
• साँप–िबच्छू के जहर या भूत–प्रेत के भय को मंत्रोँ से झाड़ने
वाला— ओझा
• जो उपिनषदोँ से संबंिधत हो— औपिनषिदक
• जो मात्र िशष्टाचार, व्यावहािरकता के िलए हो—
औपचािरक
• िववािहता पत्नी से उत्पन्न संतान— औरस
• हिड्डयोँ का ढाँचा— कंकाल
• दो व्यिक्तयोँ के बीच परस्पर होने वाली बातचीत—
कथोपकथन
• बतर्न बेचने वाला— कसेरा
• िजसे अपने मत या िवश्वास का अिधक आग्रह हो— कट्टर
• िजसकी कल्पना न की जा सके— कल्पनातीत
• ऐसा अन्न जो खाने योग्य न हो— कदन्न
• हाथी का बच्चा— कलभ
• कमर् मेँ तत्पर रहने वाला— कमर्ठ
• एक के बाद एक— क्रम
• कान मेँ कही जाने वाली बात— कानाबाती/कानाफूसी
• सरकार का वह अंग जो कानून का पालन करता है—
कायर्पािलका
• शृंगािरक वासनाओँ के प्रित आकिषर् त— कामुक
• जो दुःख या भय से पीिड़त हो— कातर
• अपनी गलती स्वीकार करने वाला— कायल
• दू सरे की हत्या करने वाला— काितल
• बाल्यावस्था और युवावस्था के बीच की अवस्था—
िकशोरावस्था
• जो बात पूवर्काल से लोगोँ मेँ सुनकर प्रचिलत हो—
िकँवदन्ती/जनश्रुित
• अपने काम के बारे मेँ कुछ िनश्चय न करने वाला—
िकँकतर्व्यिवमूढ़
• वृक्ष लता आिद से ढका स्थान— कुञ्ज
• िजस लड़के का िववाह न हुआ हो— कुमार
• ऐसी लड़की िजसका िववाह न हुआ हो— कुमारी
• बुरे कायर् करने वाला— कुकमीर्
• बुरे मागर् पर चलने वाला— कुमागीर्
• िजसकी बुिद्ध बहुत तेज हो— कुशाग्रबुिद्ध
• जो अच्छे कुल मेँ उत्पन्न हुआ हो— कुलीन
• वह व्यिक्त िजसका ज्ञान अपने ही स्थान तक सीिमत हो—
कूपमंडूक
• िकए गए उपकार को मानने वाला— कृतज्ञ
• िकए गए उपकार को न मानने वाला— कृतघ्न
• जो धन को अत्यिधक कंजूसी से खचर् करता हो— कृपण
• िजसने संकल्प कर रखा है— कृतसंकल्प
• जो केन्द्र से हटकर दू र जाता हो— केन्द्रापसारी
• जो केन्द्र की ओर उन्मुख हो— केन्द्रािभसारी/केन्द्रािभमुख
• सपर् के शरीर से िनकली हुई खोली— केँचुली
• जो क्षमा िकया जा सके— क्षम्य
• िजसका कुछ ही समय मेँ नाश हो जाए— क्षणभंगुर
• जहाँ धरती और आकाश िमलते हुए िदखाई देते हैँ—
िक्षितज
• जो भूख िमटाने के िलए बेचैन हो— क्षुधातुर
• भूख से पीिड़त— क्षुधातर्
• वह स्त्री िजसका पित अन्य स्त्री के साथ रात को रहकर
प्रातः लौटे— खंिडता
• आकाशीय िपँ डोँ का िववेचन करने वाला— खगोलशास्त्री
• जो व्यिक्त अपने हाथ मेँ तलवार िलए रहता है—
खड् गहस्त
• नायक का प्रितद्वन्द्वी— खलनायक
• जहाँ से गंगा नदी का उद्गम होता है— गंगोत्री
• शरीर का व्यापार करने वाली स्त्री— गिणका
• जो आकाश को छू रहा हो— गगनस्पशीर्
• पहले से चली आ रही परम्परा का अनुपालन करने वाला—
गतानुगितक
• ग्रहण करने योग्य— ग्राह्य
• गीत गाने वाला/वाली— गायक/गाियका
• गीत रचने वाला— गीतकार
• हर पदाथर् को अपनी ओर आकृष्ट करने वाली शिक्त—
गुरुत्वाकषर्ण
• जो बात गूढ़ (रहस्यपूण)र् हो— गूढ़ोिक्त
• जीवन का िद्वतीय आश्रम— गृहस्थाश्रम
• गायोँ के खुरोँ से उड़ी धूल— गोधूिल
• जब गायेँ जंगल से लौटती हैँ और उनके चलने की धूल
आसमान मेँ उड़ती है (िदन और राित्र के बीच का समय)—
गोधूिल बेला
• गायोँ के रहने का स्थान— गौशाला
• घास खोदकर जीवन–िनवार्ह करने वाला— घिसयारा
• शरीर की हािन करने वाला— घातक
• जो घृणा का पात्र हो— घृिणत/घृणास्पद
• िजसके िसर पर चंद्रकला हो (िशव)— चंद्रचूड़/चंद्रशेखर
• वह कृित िजसमेँ गद्य और पद्य दोनोँ होँ— चंपू
• चक्र के रूप मेँ घूमती हुई चलने वाली हवा— चक्रवात
• ब्याज का वह प्रकार िजसमेँ मूल ब्याज पर भी ब्याज
लगता है— चक्रवृिद्ध ब्याज
• िजसके हाथ मेँ चक्र हो— चक्रपािण
• चार भुजाओँ वाला— चतुभुर्ज
• कायर् करने की इच्छा— िचक्कीषार्
• लंबे समय तक जीने वाला— िचरंजीवी
• जो िचरकाल से चला आया है— िचरंतन
• जो बहुत समय तक ठहर सके— िचरस्थायी
• िचँ ता (िचँ तन) करने योग्य बात— िचँ तनीय/िचँ त्य
• िजस पर िचह्न लगाया गया हो— िचिह्नत
• चार पैरोँ वाला— चौपाया/चतुष्पद
• जो गुप्त रूप से िनवास कर रहा हो— छद्मवासी
• दू सरोँ के केवल दोषोँ को खोजने वाला— िछद्रान्वेषी
• पत्थर को गढ़ने वाला औजार— छै नी
• एक स्थान से दू सरे स्थान पर चलने वाला— जंगम
• पेट की अिग्न— जठरािग्न
• बारात ठहरने का स्थान— जनवासा
• जो जल बरसाता हो— जलद
• जो जल से उत्पन्न हो— जलज
• वह पहाड़ िजसके मुख से आग िनकले— ज्वालामुखी
• जल मेँ रहने वाला जीव— जलचर
• जनता द्वारा चलाया जाने वाला तंत्र— जनतंत्र
• उम्र मेँ बड़ा— ज्येष्ठ
• जो चमत्कारी िक्रयाओँ का प्रदशर्न करता हो— जादू गर
• िजसने आत्मा को जीत िलया हो— िजतात्मा
• जानने की इच्छा रखने वाला— िजज्ञासु
• इिन्द्रयोँ को वश मेँ करने वाला— िजतेिन्द्रय
• िकसी के जीवन–भर के कायोर्ँ का िववरण— जीवन–चिरत्र
• जो जीतने के योग्य हो— जेय
• जेठ (पित का बड़ा भाई) का पुत्र— जेठोत
• िस्त्रयोँ द्वारा अपनी इज्जत बचाने के िलए िकया गया
सामूिहक अिग्न-प्रवेश— जौहर
• ज्ञान देने वाली— ज्ञानदा
• जो ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा रखता हो— ज्ञानिपपासु
• बहुत गहरा तथा बहुत बड़ा प्राकृितक जलाशय— झील
• जहाँ िसक्कोँ की ढलाई होती है— टकसाल
• बतर्न बनाने वाला— ठठे रा
• जनता को सूचना देने हेतु बजाया जाने वाला वाद्य—
िढँ ढोरा
• जो िकसी भी गुट मेँ न हो— तटस्थ/िनगुर्ट
• हल्की नीँद— तन्द्रा
• जो िकसी कायर् या िचन्तन मेँ डूबा हो— तल्लीन
• ऋिषयोँ के तप करने की भूिम— तपोभूिम
• उसी समय का— तत्कालीन
• वह राजकीय धन जो िकसानोँ की सहायता हेतु िदया
जाता है— तक़ाबी
• िजसमेँ बाण रखे जाते हैँ— तरकश/तूणीर
• जो चोरी–िछपे माल लाता ले जाता हो— तस्कर
• िकसी को पद छोड़ने के िलए िलखा गया पत्र— त्यागपत्र
• तकर् करने वाला व्यिक्त— तािकर्क
• दैिहक, दैिवक और भौितक सुख— तापत्रय
• तैर कर पार जाने की इच्छा— िततीषार्
• ज्ञान मेँ प्रवेश का मागर्दशर्क— तीथर्ँकर
• वह व्यिक्त जो छु टकारा िदलाता है/रक्षा करता है— त्राता
• दुखान्त नाटक— त्रासदी
• भूत, वतर्मान और भिवष्य को जानने/देखने वाला—
ित्रकालज्ञ/ित्रकालदशीर्
• गंगा, जमुना और सरस्वती नदी का संगम— ित्रवेणी
• िजसके तीन आँ खे हैँ— ित्रनेत्र
• वह स्थान जो दोनोँ भृकुिटओँ के बीच होता है— ित्रकुटी
• तीन महीने मेँ एक बार— त्रैमािसक
• जो धरती पर िनवास करता हो— थलचर
• पित और पत्नी का जोड़ा— दंपती
• दस वषोर्ँ की समयाविध— दशक
• गोद िलया हुआ पुत्र— दत्तक
• संकुिचत िवचार रखने वाला— दिक़यानूस
• धन जो िववाह के समय पुत्री के िपता से प्राप्त हो— दहेज
• जंगल मेँ फैलने वाली आग— दावानल
• िदन भर का कायर्क्रम— िदनचयार्
• िदखने मात्र को अच्छा लगने वाल— िदखावटी
• जो सपना िदन (िदवा) मेँ देखा जाता है— िदवास्वप्न
• दो बार जन्म लेने वाला (ब्राह्मण, पक्षी, दाँत)— िद्वज
• िजसने दीक्षा ली हो— दीिक्षत
• अनुिचत बात के िलए आग्रह— दुराग्रह
• बुरे भाव से की गई संिध— दुरिभसंिध
• वह कायर् िजसको करना किठन हो— दुष्कर
• दो िविभन्न भाषाएँ जानने वाले व्यिक्तयोँ को एक–दू सरे की
बात समझाने वाला— दुभािषया
• जो शीघ्रता से चलता हो— द्रुतगामी
• िजसे किठनाई से जाना जा सके— दुज्ञेर्य
• िजसको पकड़ने मेँ किठनाई हो— दुरिभग्रह/दुग्राह्य
• पित के स्नेह से वंिचत स्त्री— दुभर्गा
• िजसे किठनता से साधा/िसद्ध िकया जा सके— दुस्साध्य
• जो किठनाई से समझ मेँ आता है— दुबोर्ध
• वह मागर् जो चलने मेँ किठनाई पैदा करता है— दुगर्म
• िजसमेँ खराब आदतेँ होँ— दुव्यर्सनी
• िजसको मापना किठन हो— दुष्पिरमेय
• िजसको जीतना बहुत किठन हो— दुजेर्य
• वह बच्चा जो अभी माँ के दू ध पर िनभर्र है— दुधमुँहा
• बुरे भाग्य वाला— दुभार्ग्यशाली
• िजसमेँ दया भावना हो— दयालु
• िजसका आचरण बुरा हो— दुराचारी
• दू ध पर आधािरत रहने वाला— दुग्धाहारी
• िजसकी प्रािप्त किठन हो— दुलर्भ
• िजसका दमन करना किठन हो— दुदर्मनीय
• आगे की बात सोचने वाला व्यिक्त— दू रदशीर्
• देश से द्रोह करने वाला— देशद्रोही
• देह से सम्बिन्धत— दैिहक
• देव के द्वारा िकया हुआ— दैिवक
• प्रितिदन होने वाला— दैिनक
• धन से सम्पन्न— धनी
• जो धनुष को धारण करता हो— धनुधर्र
• धन की इच्छा रखने वाला— धनेच्छु
• गरीबोँ के िलए दान के रूप मेँ िदया जाने वाला अन्न–धन
आिद— धमार्दा
• िजसकी धमर् मेँ िनष्ठा हो— धमर्िनष्ठा
• िकसी के पास रखी हुई दू सरे की वस्तु— धरोहर/थाती
• मछली पकड़कर आजीिवका चलाने वाला— धीवर
• जो धीरज रखता हो— धीर
• धुरी को धारण करने वाला अथार्त् आधारभूत कायोर्ँ मेँ
प्रवीण— धुरध
ं र
• अपने स्थान पर अटल रहने वाला— ध्रुव
• ध्यान करने योग्य अथवा लक्ष्य— ध्येय
• ध्यान करने वाला— ध्याता/ध्यानी
• िजसका जन्म अभी–अभी हुआ हो— नवजात
• गाय को दुहते समय बछड़े का गला बाँधने की रस्सी जो
गाय के पैरोँ मेँ बाँधी जाती है— निव
• जो नया–नया आया है— नवागंतुक
• िजसका उदय हाल ही मेँ हुआ है— नवोिदत
• जो आकाश मेँ िवचरण करता है— नभचर
• सम्मान मेँ दी जाने वाली भेँट— नजराना
• िजस स्त्री का िववाह अभी हुआ हो— नवोढ़ा
• ईश्वर मेँ िवश्वास न रखने वाला— नािस्तक
• पुराना घाव जो िरसता रहता हो— नासूर
• जो नष्ट होने वाला हो— नाशवान/नश्वर
• नरक के योग्य— नारकीय
• वह स्थान या दुकान जहाँ हजामत बनाई जाती है—
नािपतशाला
• िकसी से भी न डरने वाला— िनडर/िनभीर्क
• जो कपट से रिहत है— िनष्कपट
• जो पढ़ना–िलखना न जानता हो— िनरक्षर
• िजसका कोई अथर् न हो— िनरथर्क
• िजसे कोई इच्छा न हो— िनस्पृह
• रात मेँ िवचरण करने वाला— िनशाचर
• िजसका आकार न हो— िनराकार
• केवल शाक, फल एवं फूल खाने वाला या जो मांस न
खाता हो— िनरािमष
• िजससे िकसी प्रकार की हािन न हो— िनरापद
• िजसके अवयव न हो— िनरवयव
• िबना भोजन (आहार) के— िनराहार
• जो यह मानता है िक संसार मेँ कुछ भी अच्छा होने की
आशा नहीँ है— िनराशावादी
• जो उत्तर न दे सके— िनरुत्तर
• िजसके कोई दाग/कलंक न हो— िनष्कलंक
• िजसमेँ कोई कंटक/अड़चन न हो— िनष्कंटक
• िजसका अपना कोई शुल्क न हो— िनःशुल्क
• िजसके संतान न हो— िनःसंतान
• िजसका अपना कोई स्वाथर् न हो— िनस्स्वाथर्
• व्यापािरक वस्तुओ ँ को िकसी दू सरे देश मेँ भेजने का कायर्
— िनयार्त
• िजसको देश से िनकाल िदया गया हो— िनवार्िसत
• िबना िकसी बाधा के— िनबार्ध
• जो ममत्व से रिहत हो— िनमर्म
• िजसकी िकसी से उपमा/तुलना न दी जा सके— िनरुपम
• जो िनणर्य करने वाला हो— िनणार्यक
• िजसे िकसी चीज की लालसा न हो— िनष्काम
• िजसमेँ िकसी बात का िववाद न हो— िनिवर् वाद
• जो िनन्दा करने योग्य हो— िनन्दनीय
• िजसमेँ िकसी प्रकार का िवकार उत्पन्न न हो— िनिवर् कार
• जो लज्जा से रिहत हो— िनलर्ज्ज
• िजसको भय न हो— िनभर्य
• जो नीित जानता हो— नीितज्ञ
• रंगमंच पर पदेर् के पीछे का स्थान— नेपथ्य
• आजीवन ब्रह्मचयर् का व्रत करने वाला— नैिष्ठक
• जो नीित के अनुकूल हो— नैितक
• जो न्यायशास्त्र की बात जानता हो— नैयाियक
• घृत, दुग्ध, दिध, शहद व शक्कर से बनने वाला पदाथर्—
पंचामृत
• पक्षपात करने वाला— पक्षपाती
• पदाथर् का सबसे छोटा कण— परमाणु
• िजतने की आवश्यकता हो उतना— पयार्प्त
• महीने के दो पक्षोँ मेँ से एक— पखवाड़ा
• नाटक का पदार् िगरना— पटाक्षेप/यविनकापतन
• अपनी गलती के िलए िकया हुआ दुःख— पश्चाताप
• केवल अपने पित मेँ अनुराग रखने वाली स्त्री— पितव्रता
• पित को चुनने की इच्छा वाली कन्या— पितम्वरा
• उपाय/मागर् बताने वाला— पथ-प्रदशर्क/मागर्दशर्क
• अपने मागर् से च्युत/भटका हुआ— पथभ्रष्ट
• अपने पद से हटाया हुआ— पदच्युत
• जो भोजन रोगी के िलए उिचत है— पथ्य
• घूमने–िफरने/देश–देशान्तर भ्रमण करने वाला यात्री—
पयर्टक
• केवल दू ध पर िनभर्र रहने वाला— पयोहारी
• दू सरोँ पर िनभर्र रहने वाला— परािश्रत/पराश्रयी
• परपुरुष से प्रेम करने वाली स्त्री— परकीया
• पित द्वारा छोड़ दी गई पत्नी— पिरत्यका
• दू सरे का मुँह ताकने वाला— परमुखापेक्षी
• जो पहनने लायक हो— पिरधेय
• जो मापा जा सके— पिरमेय

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