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Bans 184 Hindi
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BANS-184
B.A.N.S - 184
{ सावजिनक ा और महामारी िव ान }
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answers as these are based on the knowledge and the capability of the private teacher.
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the questions given in the assignment. As these solutions are prepared by the private
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स ीय काय -1
िन िल खत म ेक के उ र 500 श ों म द ।
उ र. 'महामारी िव ान' श तीन ीक श ों से िलया गया है िजनका नाम 'एिप' (ऑन), 'डे मो'
(लोग) और लोगो ( डी) सामूिहक प से 'लोगों पर अ यन' से है। िव ान की यह शाखा मानव
ा और रोगों के सभी पहलुओं का अ यन करती है । महामारी िव ान को " ा से संबंिधत
रा ों या िनिद आबादी म घटनाओं और घटनाओं, और ा सम ाओं की रोकथाम और िनयं ण
के िलए इस अ यन के आवेदन" के िवतरण और िनधारकों के अ यन के प म प रभािषत िकया
गया है ।
वेधशाला अ यन :- अवलोकन अ यनों म, बीमा रयों या मौतों की आवृि और िवतरण समय
(वष / माह / स ाह / िदन / घंटे / मौसम), थान (दे श / शहरी- ामीण / सं थानों / अ तालों /
वृ ा म / ू लों) ारा सू िचत िकए जाते ह। जनसां कीय िवशेषताएं (आयु / िलंग / आय / िश ा /
वसाय / वैवािहक थित, धम / जाित)। अवलोकन अ यनों को दो कारों म वग कृत िकया गया
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है- (i) वणना क और (ii) िव े षणा क अ यन। वणना क अ यनों म, रोग के बारे म केवल
वणन (केस रपोट / केस सीरीज़) िकया जाता है जबिक िव ेषणा क अ यनों म (पा र थितक /
केस-कॉ े ल / ॉस-से नल / कोहॉट) सं बंधों के साथ वेरब (सं बंध कारक) का वणन िकया गया है।
2) केस रपोट :- जब नई नैदािनक सं थाएं / नए मामले या सामा िवशेषताओं के साथ मौत होती
ह, तो ल ण या सं केत एकल या िचिक कों के समूह ारा सं किलत िकए जाते ह जो उ केस ृंखला
हो सकते ह। वे नए मामलों की प रभाषा के िलए उपयोगी ह, ल णों और संकेतों के े म को
समझने के िलए, जब रोिगयों की मृ ु तक पीछा िकया जाता है जो बीमारी के ाकृितक इितहास की
जांच करने के िलए उपयोगी होते ह। डे टा आमतौर पर िचिक कों से और कभी-कभी आबादी से
प रभािषत भौगोिलक े के भीतर अचानक ई मौतों के मामले म एक िकया जाता है। केस सीरीज़
के डे टा का इ े माल जगह, समय, धम, न , मौसम और सामािजक-आिथक थित के आधार पर
बीमारी के िवतरण को जानने के िलए िकया जा सकता है । ए ायड इ ून डे िफिशएं सी िसंडोम को
नई बीमारी के प म प रभािषत िकया जाता है , जोयुं ग पु षों के केस सीरीज के काशन के बाद
ूमोिस स का रनीनी िनमोिनया और कपोसी के सरकोमा के साथ होता है। केस सीरीज़ डे टा का
इ ेमाल प रक ना तै यार करने , इक ा करने म आसान, भावी और ज ी उपल होने के िलए
िकया जा सकता है । कोस-सीरीज़ डे टा का उपयोग बीमारी की दरों की गणना करने के िलए नही ं
िकया जा सकता है ोंिक कोई भाजक उपल नही ं है , इसम कोई तु लना नही ं है। समूह, नमूना
िभ ता से पीिड़त ह और केवल चु िनं दा मामलों की भत करते ह। समिमतीय ए ोकैटरोडमा
(डमटोिसस) पर उदाहरण के मामले ृंखला।
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आं कड़ों और ू मर रिज यों से आयु िवतरण और रोग की थित पर िववरण ा कर सकते ह।
उदाहरण: भारत म कु रोग का थािनक सार।
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प रणाम इस आबादी के िलए अित र ह। इन अ यनों को चलन अ यन भी कहा जाता है। यिद
मानक आबादी के डे टा का उपयोग करके चलन को मानकीकृत िकया जाता है , तो चलन की तुलना
अ आबादी के साथ की जा सकती है । इस कार के अ यनों म रोग और िनधारक दोनों का
अ यन िकया जा सकता है । नमूना पू वा ह से बचने के िलए, या क नमूनाकरण तकनीकों का
उपयोग िकया जाता है जैसे ओएस सरल, व थत, गु े दार, रीकृत, म ी े ज और िमि त। हर
आमतौर पर जो खम वाली आबादी या अ यन की गई कुल आबादी है। चलन एक ितशत
या ित 1000 िवषयों पर ुत िकया जाता है । चिलत अ यन तीन कार के होते ह, िजसम
शािमल समय होता है। वे िबं दु, अविध और जीवनकाल की ापकता ह।
बीमारी के ाकृितक इितहास का अ यन करने और घटना का अनु मान लगाने के िलए सार अ यन
उपयु नही ं ह। इन अ यनों म मृतक या गं भीर बीमारी वाले िवषय छूट गए ह। यह प रभािषत
करना संभव नही ं है िक जो खम कारक या ए पोज़र प रणाम / बीमारी से पहले होता है या
ए पोज़र के प रणाम प प रणाम तैयार होता है । यिद अ ेषक उन िवषयों का िव ास हािसल
करने म िवफल रहता है , िजनके प रणाम प उ गै र िति या दर होती है , िजसके
प रणाम प चयन प पात होता है । इस तरह का अ यन िडजाइन दु लभ बीमा रयों के िलए
उपयु नही ं है । लॉिज क र ेशन एनािलिसस नामक एक सां कीय तकनीक का उपयोग
जो खम कारकों और बीमारी के बीच सहयोग को खोजने के िलए िकया जा सकता है। उदाहरण:
ित पित शहरी आबादी म कोरोनरी धमनी रोग और कोरोनरी जो खम कारकों की ापकता।
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दी ा से पहले प रणाम) और िमि त (अ यन की दी ा से पहले आ प रणाम जो आगे सं भािवत प
से मू ां कन िकया जाता है )। अगर एक ही कोहट के िनयं ण के साथ तुलना म कोहॉट अ यन म
नए पहचाने गए मामलों को ने े ड केस-कंटोल अ यन कहा जाता है । पि म बंगाल, भारत की
ामीण आबादी म अिधक वजन और मोटापे के सं भािवत सहसंयोजक अ यन के िलए उदाहरण और
पूव ापी सहवास अ यन के उदाहरण केरल के िवषयों म गभकालीन मधुमेह के मातृ और नवजात
प रणाम ह; िमि त सेहोट अ यन का उदाहरण एचआईवी से रो थित और घटना िनमोिनया बी पर
पूव ापी और संभािवत कोहोट अ यन है।
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a) भारत म सावजिनक े की ा दे खभाल :- भारत म ाथिमक ा दे खभाल
ा णाली की रीढ़ बनती है , िवशेष प से ामीण े ों म। ाम र पर, इसम ाम ा
मागदिशकाएँ , िशि त डे स और आं गनवाड़ी कायकता (एकीकृत बाल िवकास योजना से) शािमल ह।
यह उप-क ों और ाथिमक ा दे खभाल क ों ारा समिथत और पयवे ण / सम त है।
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सामा बीमा रयों / चोटों का उिचत उपचार, आव क दवा की आपू ित, िविभ रा ीय ा
काय मों को लागू करना और पयवे ण करना और रे फरल से वाएं शािमल ह। PHC म िचिक ा
अिधकारी, ाफ नस, निसग सहायक, फामािस और अ सहायक कमचारी होंगे।
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जो संघीय (क ीय) सरकार को िवशेष िश ण, कौशल िवकास, आर एंड डी समथन दान करता है।
इं िडयन काउं िसल फॉर चाइ वेलफेयर, वॉलंटरी हे एसोिसएशन ऑफ इं िडया, ऑल इं िडया
ाइं ड रलीफ सोसाइटी आिद, कुछ अ मह पूण सं गठन ह जो ा के े म अपनी सेवाएं
दान करते ह।
स ीय काय -2
िन िल खत ों के ेक उ र 250 श ों म दीिजए ।
क- भारत म जन ा का िववरण द ।
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अपया पानी, ता और ता (ड ूएएसएच) से वाओं का लगभग सभी के जीवन पर एक
लहर भाव पड़ता है । यूिनसेफ के अनु सार "कुछ साल पहले, 2015 म, लगभग 568 िमिलयन लोगों
की आबादी म से लगभग आधी आबादी को शौचालयों तक प ं च नही ं होने के कारण खेतों, जंगलों,
पानी के िनकायों, या अ सावजिनक थानों पर शौच करने की ललक का सामना करना पड़ा। भारत
अकेले दि ण एिशया के 90 ितशत लोगों और दु िनया के 1.2 िबिलयन लोगों म से आधे लोगों के खाते
खुले म शौच करते ह। 2019 तक, नवीनतम अनुमानों के अनु सार, शौचालय तक प ं च वाले लोगों की
सं ा म काफी कमी आई है। अनु मािनत 450 िमिलयन लोग। एक जबरद उपल , केवल
भारत िमशन (एसबीएम) ( भारत अिभयान) के कारण सं भव है, "हालां िक एसबीएम को यूिनसेफ
जैसे अं तरा ीय सं गठनों ारा एक बड़ी सफलता के प म दे खा जाता है , िशशु और ब े पर इसका
वा िवक भाव ा को पू री तरह से समझा जाना अभी बाकी है ।
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NGOS िवदे शी फंड, सरकारी अनु दान, कॉप रे ट सामािजक िज ेदारी फंड, NGOS के यं के फंड
जनरे िटं ग संसाधन और अ परोपकारी / गत धमाथ दान से धन उ करते ह। हालांिक
समय के साथ गितिविधयों का प और फोकस बदल गया है, एनजीओएस ने ा दे खभाल
सिहत सामािजक जीवन के ापक े म म मुखता ा की है । िव ा संगठन ने सरकारी
काय मों को पू रक बनाने और ा से वा आव कताओं और अपे ाओं के संबंध म भावी लोगों
की आवाज बनाने के िलए मा ता बढ़ाने के मामले म एनजीओएस को ीकार िकया है ।
िनवारक दे खभाल भारत म एनजीओ े ारा दान की जाने वाली सबसे आम गितिविध है ।
ादातर रा ों म, केरल और मिणपु र के अलावा अ िनिधयों को िनवारक दे खभाल के िलए
िनदिशत िकया जाता है । केरल म िनिधक दे खभाल के िलए अिधकतम धनरािश खच की जाती है
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िजसम िनवारक दे खभाल दू सरी सबसे अिधक है । मिणपुर म, बं धन और िव के संदभ म ा
णाली सहायक से वाएं अ खच पर हावी ह।
से वा कनाटक जैसे कुछ रा ों को छोड़कर पुनवास दे खभाल के िलए य मह पूण नही ं ह। मोिनका
दास गु ा (PHFI, 2016) के अनु सार, भारत म गै र-सरकारी संगठन (एनजीओ) की ा
गितिविधयों को मोटे तौर पर नौ समूहों म वग कृत िकया गया है:
िचिक ा िश ा
अ ताल की से वाएं
पुनवास ीिनकों की
आउट पेशट ीिनक लैब और ए रे
नॉन ॉिजकल मेिडकल सपोट जैसे हे िस म
लि त आबादी के िलए ा बीमा
िनवारक दे खभाल के िलए आउट-ए गितिविधयां जो िचिक ा अनुसंधान म संल ह
iv) एनजीओएस और ा े :
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ा उपल यां मह पू ण अंतरा ीय िवकास ल ह। वै ीकरण नए ान और कौशल िवकिसत
करने म मदद कर रहा है ; नीित सु संगतता को बढ़ावा दे ना। यह ा के िलए ोबाई सावजिनक
व ु ओं म योगदान दे ता है , ा के िलए वैि क ा कोष, अं तरा ीय मानक / िनयम िवकिसत
िकए जाते ह।
हालाँ िक, वै ीकृत दु िनया म कुछ िविश िचंताएं िजनका ा पर /अ भाव ह:
1) खा सुर ा
2) पयावरणीय िगरावट और ा पर इसका भाव
3) औषिधयों तक प ं च
4) ा दे खभाल से वा उपल ता
5) उभरते मु ों जैसे आनु वंिशक प से सं शोिधत खा पदाथ का ा पर भाव
6) बढ़ती जीवन शै ली रोग बोझ
िन िल खत म ेक का उ र 150 श ों म दीिजए ।
ख - सं ामक रोग
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उ र. जॉन मरे अंितम (1988) महामारी िव ान के श कोश म सं ामक रोगों को "एक िविश
सं ामक एजट या उसके िवषा उ ाद के कारण होने वाली बीमारी के प म प रभािषत िकया
गया है , िजसके प रणाम प सं िमत , जानवर, या जलाशय से उस एजट या उसके उ ादों
के सं चरण का प रणाम होता है । एक अितसंवेदनशील मेजबान के िलए, या तो सीधे या अ प
से एक म वत पौधे या पशु मेजबान, वे र या िनज व वातावरण के मा म से। एक सं ामक रोग
एजट, मेजबान और पयावरणीय कारकों की बातचीत के कारण होता है । एजट (जीवाणु, वायरस,
ोटोजोआ, कवक और हे ंथ)। आमतौर पर सू जीव है जो सं मण पैदा करने म स म है;
मेजबान (पशु, प ी, मानव और आ पोड् स) एक ऐसा जीव है जो एक सं ामक ouss एजट है और
पयावरण म पानी, भोजन, दू ध, कपड़े , र , कटली, पै रटे रल समाधान और िचिक ा शािमल हो सकते
ह। औजार या यं s, COVID-19, और हे पेटाइिटस B.
उ र. इस िविध म, पॉपुलेशन मबस (यूिनट् स) को रडम या लॉटरी टाइप मैकेिन ारा सपल म
शािमल िकया जाता है । यह सद ों को अ यन म भत करने म गत पूवा ह को रोकता है ।
यह िन िन ष िनकालने का सबसे अ ा तरीका है ।
घ . पयावरण ा
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को शािमल िकया जाता है , िजसम जीवन की गुणव ा शािमल है , जो भौितक, जैिवक, सामािजक ारा
िनधा रत होती है । और पयावरण म मानिसक-सामािजक कारक। यह पयावरण म उन कारकों का
आकलन, सु धार और रोकथाम करने के िस ां त और वहार को भी संदिभत करता है जो वतमान
और भिव की पीिढ़यों के ा पर ितकूल भाव डाल सकते ह। '
उपरो प रभाषाएं तीन कार के वातावरणों पर कि त ह: घर, काम और मनोरं जन। ये सभी एक-
दू सरे से अलग ह और इसिलए इस तरह के तनाव या चु नौितयां भी अलग-अलग ह। कुल िमलाकर,
िकसी भी के जीिवत वातावरण म, जैिवक जै से तनाव वाले। रासायिनक, शारी रक, सामािजक
और मनोवै ािनक ा की थित को भािवत करते ह।
च - टी - टे
छ . िलंग और
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