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College website- www.jppgc.com
Name of course – B.A I year 2nd paper
Subject – Education
Title of paper – Education psychology
Topic- Method of psychology

Dr. Mohan Pandey


Asst.Professor
Department of Education
Jagatpur PG College Jagatpur Varanasi
Mo-9453799224 Email-Mohanpaney.edu@gmail.com
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Dr. Mohan Pandey


Department of Education
Jagatpur PG College, Jagatpur- Varanasi
TOPIC NO-2

िश ामनोिव ानकीिविधयां

िश ामनोिव ानको वहा रकिव ानकी े णीमरखाजाने लगाहै ।िव ानहोने केकारणइसकेअ यनमभीअने किविधयों
कािवकास#आ।येिविधयां वै ािनकह% ।जाज& एलु )बग&केश+ोंम
‘‘सामािजकवै ािनकोंमयहिव,ासपूण&होगयाहै िकउनकेसामने जोसम0ाऐंहैउनकोहलकरने केिलएसामािजकघटनाओं
केिन5 एवं व67थतिनरी ण, स:ापन,
वग;करणतथािव<ेषणका>योगकरनाहोगा।ठोसएवंसफलहोने ककारणऐसेAिBकोणकोवै ािनकपCितकहाजाताहै ।
’’ िश ामनोिव ानमअ यनऔरअनु संधानकेिलएसामाEFपसेिजनिविधयोंका>योगिकयाजाताहै उनकोदोभागोंम
िवभािजतिकयाजासकताहै:-

१. आIिनJिविधयॉ

आIिनरी णिविध

गाथावण&न&निविध

२. वMु िनJिविधयॉ

>योगाIकिविध

िनरी णिविध

जीवनइितहासिविध

उपचाराIकिविध

िवकासाIकिविध

मनोिव<ेषणिविध

तुलनाIकिविध

सां 6Oकीिविध

परी णिविध

सा ाPारिविध

>Qावलीिविध

िवभे देदाIकिविध
मनोभौितकीिविध

आIिनरी णिविध (अS् तदश& निविध)

आIिनरी णिविधकोअS् तदश& न, अUिन& री णिविधभीकहतेहै।Vाउटकेअनु सार


‘‘अपनामानिसकिWयाओंकाWमबCअ यनहीअUिन& री णकहलाताहै । ’’

वुडवथ&नेइसिविधकोआIिनरी णकहाहै ।इसिविधम◌ं 6ZकीमानिसकिWयाएं आIगतहोतीहे ।आIगतहोने केकार


णआIिनरी णयाअUद& श&निविधअिधकउपयोगीहोतीहै ।

लॉककेअनु सार - म !"ाराअपनी$यंकीि%याओंकािनरी ण। ’’

1. प)रचय :-
पूव&कालकेमनोवै ािनकअपनीम6M[िWयाओंऔर>ितिWयाओंका ान>ा\करने केिलयेइसीिविधपरिनभ&रथे ।वेइस
का>योगअपने अनु भवोंकापुन: ]रणऔरभावनाओंकामू ^ां कनकरने केिलयेकरतेथे।वेसुख, दु ख, Wोधऔरशा6U,
घृणाऔर>ेमकेसमयअपनीभावनाओंऔरमानिसकदशाओंकािनरी णकरकेउनकावण&नकरतेथे।

’’
2. अथ, :-अUद& श&नकाअथ& है- ‘‘अपने आपमदे खना। इसकी ाOाकरते#एबी.एन. झाने िलखाहै
‘‘आIिनरी णअपने aयंकेमनकािनरी णकरने की>िWयाहै।यहएक>कारकाआIिनरी णहै िजसमहमिकसीमानिस
किWयाकेसमयअपने मनमउbcहोने वालीaयंकीभावनाओंऔरसब>कारकी>ितिWयाओंकािनरी ण,
िव<ेषणऔरवण&नकरतेहै। ’’

3. गु ण- मनोिव ानके ानम.वृ 0:- डगलसवहालै)केअनुसार -


‘‘मनोिव ाननेइसिविधका>योगकरकेहमारे मनोिव ानके ानमवृ6Cकीहै ।’’

4. अ1िविधयोंम.सहायक :- डगलसवहालै)केअनु सार


‘‘यहिविधअEिविधयोंdारा>ा\िकयेगयेतeोंिनयमोंऔरिसCां Uोंकी ाOाकरने मसहायतादे तीहै । ’’
5. यं3वसाम4ीकीआव6कता :- रॉसकेअनु सार
‘‘यहिविधखच;लीनहींहैfोंिकइसमिकसीिवशेषयंgयासामhीकीआवiकतानहींपड़तीहै । ’’

6. 8योगशालाकीआव6कता :-
यहिविधब#तसरलहै ।fोंिकइसमिकसी>योगशालाकीआवiकतानहींहै।रॉसकेश+ोंम
‘‘मनोवै ािनकोंकाaयंकाम6M[>योगशालाहोताहै औरfोंिकवहसदै वउसकेसाथरहताहै इसिलएवहअपनीइkानु
सारकभीभीिनरी णकरसकताहै । ’’
जीवनइितहासिविधया; <अ=यनिविध

6Zअ यनिविधका>योगमनोवै ािनकोंdारामानिसकरोिगयों,


अपरािधयोंएवंसमाजिवरोधीकाय&करने वाले 6Zयोंकेिलयेिकयाजाताहै ।
‘‘जीवनइितहासdारामानव वहारकाअ यन। ’’ ब#धामनोवै ािनककाअने क>कारके 6Zयोंसेपालापड़ताहै ।इ
नमकोईअपराधी, कोईमानिसकरोगी, कोईझगडालू,
कोईसमाजिवरोधीकाय&करने वालाऔरकोईसम0ाबालकहोताहै ।मनोवै ािनककेिवचारसे 6Zकाभौितक,
पा रवा रकवसामािजकवातावरणउसममानिसकअसंतुलनउbcकरदे ताहै ।िजसकेफलaFपवहअवां छनीय वहार
करने लगताहै ।इसकावाMिवककारणजानने केिलएवह 6Zकेपूव&इितहासकीकिड़योंकोजोड़ताहै ।इसउnे iसेवह
6Zउसकेमातािपता, िश कों, संबंिधयों, पड़ोिसयों,
िमgोंआिदसेभटकरकेपूछताछकरताहै ।इस>कारवह 6Zकेवंशानु Wम, पा रवा रकऔरसामािजकवातावरण,
Fिचयों, िWयाओं, शारी रकaाo,
शै ि कऔरसंवेगाIकिवकासकेसंबंधमतeएकgकरताहै िजनकेफलaFप 6Zमनोिवकारोंकािशकारबनकरअनु
िचतआचरणकरने लगताहै ।इस>कारइसिविधकाउnे i 6ZकेिकसीिविशB वहारकेकारणकीखोजकरनाहै ।Wोव
Wोने िलखाहै ‘‘जीवनइितहासिविधकामु Oउnे iिकसीकारणकािनदानकरनाहै । ’’
वMु िनJिविधयां

बिहद& pश& न&नयाअवलोकेकनिविध -


बिहदश& निविधकोअवलोकनयािनरी णिविधभीकहाजाताहै ।अवलोकनयािनरी णकासामाEअथ& है-
ानपूव&कदे खना।हमिकसीके वहारआचरणएवंिWयाओं,
>ितिWयाओंआिदकोबाहरसे ानपूव&कदे खकरउसकीआं त रकमन:67थितकाअनुमानलगासकतेहै।

उदाहरणाथ&:- यिदकोई 6Zजोर-


जोरसेबोलरहाहै औरउसकेने gलालहै तोहमजानसकतेहैिकवहWुCहै ।िकसी 6Zकोहं सता#आदे खकरउसकेखु शहोने
काअ नु मानलगासकतेह%।िनरी णिविधमिनरी णकता& ,
अ यनिकयेजाने वाले वहारकािनरी णकरताहै औरउसीकेआधारपरवहिवषयकेबारे मअपनीधारणाबनाताहै। वहा
रवािदयोंनेइसिविधकोिवशेषमहqिदयाहै ।

कोलेसिनककेअनु सारिनरी णदो8कारकाहोताहै (1) औपचा रकऔर (2)


अनौपचा रक।औपचा रकिनरी णिनयंिgतदशाओंमऔरअनौपचा रकिनरी णअिनयंिgतदशाओंमिकयाजाताहै ।इनम
सेअनौपचा रकिनरी ण,
िश ककेिलयेअिधकउपयोगीहै ।उसेक ाऔरक ाकेबाहरअपने छाgोंके वहारकािनरी णकरने केिलएअने कअवसर
>ा\होतेहै।वहइसिनरी णकेआधारपरउनके वहारके>ितमानोका ान>ा\करकेउनकोउपयुZिनदr शनदे सकताहै

>Qावली

गुडतथाहै टकेअनु सार -’’सामाEत: >Qावलीशा6+क>Qोंकेउsर>ा\करने कीिविधहै ,


िजसम 6Zकोaयंही>ाFपमभरकरदे नेहोतेह%।इसिविधम>Qोंकेउsर>ा\करकेसम0ासंबंधीतeएकgकरनामु O
होताहै ।>Qावलीएक>कारसेिल6खत>QोंकीयोजनाबCसूचीहोतीहै ।इसमसtािवतउsरोंकेिलएयातो7थानरखाजाताहै
यासtािवतउsरिलखेरहतेह%।

सा ा@ार

इसिविधम 6Zयोंसेभटकरकेसम0ासंबंधीतeएकिgतकरनामु Oहोताह% इसिविधकेdारा 6Zकीसम0ाओंतथागु


णोंका ान>ा\िकयाजाताहै।इसमदो 6Zयोंमआमने-सामनेमौ6खकवाता& लापहोताहै,
िजसकेdारा 6Zकीसम0ाओंकासमाधानखोजने तथाशारी रकऔरमानिसकदशाओंका ान>ा\करने का>यासिक
याजाताहै ।गुडएवंहैटकेश+ोंम - ‘‘िकसीउnे iसेिकयागयागtीरवाता& लापहीसा ाPारहै ।

8योगिविध

‘‘पूव&िनधा& रतदशाओंममानव वहारकाअ यन। ’’


िविधम>योगकता& aयंअपने dारािनधा& रतकी#ईप र67थित
योंयावातावरणमिकसी 6Zके वहारकाअ यनकरताहैयािकसीसम0ाकेसंबंधमतeएकgकरताहै ।

मनोिचिकAीय िविध
‘‘ 6Zकेअचेतनमनकाअ यनकरकेउपचारकरना। ’’
इसिविधकेdारा 6Zकेअचेतनमनकाअ यनकरके,
उसकीअतृ\इkाओंकीजानकारी>ा\कीजातीहै।तदु परां तउनइkाओंकाप र[ारयामागा& Uीकरणकरके 6Zका
उपचारिकयाजाताहै औरइस>कारइसके वहारकोउsमबनाने का>यासिकयाजाताहै।

6Zगतिभcताकाताbय& िकuी द
ं ो 6Zयोंके 6Zqएवं िWयाओंमअUरसे है।
(1) शत>ितशतस:✔ (2) 50: स:
(3) अस: (4) ातनही ं

2. बार-बारAढ़तापू व&किनयमोंकाउwं घनकरने सेताbय& –


(1) आचरणिवकृित✔ (2) अितिWयाशीलता
(3) दोनों 1, 2 (4) कोईनही ं

3. मानिसकरेचनdारािकसे कमिकयाजासकताहै –
(1) परोपकार (2) आWामकता✔
(3) सहानु भू ित (4) नै ितकिवकास

4. सम0ाIकबालकिकसे कहते ह% –
(1) कुसमायोिजतको✔
(2) िनxबु 6Cल6yवाले को
(3) एकां कीको
(4) सम0ासमाधानकरने वाले को
5. िकसMरकीबौ6Cक मताहोने परबzोंमसम0ा वहारपायाजाताहै –
(1) ती{बौ6Cकयो|ता
(2) मं दबौ6Cकयो|ता
(3) ती{एवं म}बौ6Cकयो|ता✔
(4) कोईनही ं

6. एक 6Zकादू सरेसे अंतरएकसाव& भौिमकघटनाजानपङतीहै कथनहै –


(1) पु रे(2) टे
लरवबट& ले
)✔
(3) िस•सन (4) वु डवथ&

Bibliography

1) Pro PD Pathak
2) Pro KP Pandey

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