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बाल नवकास एवां जिक्षािास्त्र

Part – 1
Topic – जिक्षा मनोनवज्ञान ( Education Psychology )

By - नननतन गुप्ता

Hello Friend , I am नननतन गुप्त ा From – Nitin-Gupta.com

दोस्तो आप में से कुछ साथथयों ने मुझसे Child Development and Pedagogy के नोट्स की माांग की
थी ! तो उसी को ध्यान में रखते रृये आज से हम इस PDF में आपको Child Development and
Pedagogy के One Liner Question and Answer उपलब्ध कराऐांगे , जो आपको सभी तरह के
Teaching के Exam जैसे CTET ,UPTET , MP Samvida Teacher , HTET , REET आदद व
अन्य सभी Exams जजनमें कक Child Development and Pedagogy आता है उसमें काम आयेगी !
आज की हमारी पोस्ट Child Development and Pedagogy का पहला पार्ट है जजसमें कक हम जिक्षा
मनोनवज्ञान ( Education Psychology ) से सांबांथधत Most Important Question and Answer
को बताऐांगे ! तो चजलये दोस्तो िुरु करते हैं ! यह पोस्ट हमारी बेबसाइर् पोस्ट पर आधाररत है इसके अन्य पार्ट
व उनकी PDF हमारी बेबसाईर् पर उपलब्ध हैं , तो आप उन्हें भी Download कर सकते हैं

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ु पर संपिक िरें – किकति गुप्ता
बाल नवकास एवां जिक्षािास्त्र से सांब ांथ धत अन्य पार्ट –
 बाल नवकास एवां जिक्षािास्त्र Part – 1 यहाां पढें
 बाल नवकास एवां जिक्षािास्त्र Part – 2 यहाां पढें
 बाल नवकास एवां जिक्षािास्त्र Part – 3 यहाां पढें
 बाल नवकास एवां जिक्षािास्त्र Part – 4 यहाां पढें
 बाल नवकास एवां जिक्षािास्त्र Part – 5 यहाां पढें
 बाल नवकास एवां जिक्षािास्त्र Part – 6 यहाां पढें
 बाल नवकास एवां जिक्षािास्त्र Part – 7 यहाां पढें

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बाल नवकास एवां जिक्षािास्त्र Part – 1
 जिक्षा मनोनवज्ञान आवश्यक है – जिक्षा एवां अथभभावकों के जलए
 जिक्षा मनोनवज्ञान का मुख्य सम्बन्ध जसखने से है l यह कथन है – सॉरे एवां र्े लफ़ोर्ट का
 मनोनवज्ञान की आधारजिला ककस पुस्तक में राखी गई- मनोनवज्ञान के जसद्धान्त
 अमेररका में प्रकाजित ‘Principal of Psychology’ के लेखक हैं – नवजलयम जेम्स
 जिक्षा मनोनवज्ञान का वतटमान स्वरुप है – व्यापक
 गौररसन के अनुसार जिक्षा मनोनवज्ञान का उदेश्य है – व्यवहार का ज्ञान
 कुप्पूस्वामी के अनुसार जिक्षा मनोनवज्ञान के जसद्धाांन्तों का सवोत्तम प्रयोग होता है –
उत्तम जिक्षा एवां उत्तमअथधगम में
 जिक्षा मनोनवज्ञान का प्रमुख उदेश्य कोलेसननक के अनुसार है – जिक्षा की समस्याओां का समाधान करना
 कैली के अनुसार जिक्षा मनोनवज्ञान के उदेश्य हैं – नौ
 स्किनर के अनुसार जिक्षा मनोनवज्ञान के सामान्य उदेश्य हैं – बाल नवकास
 स्किनर के अनुसार जिक्षा मनोनवज्ञान के नवजिष्ट उदेश्य हैं –
बालकों के वाांछनीय व्यवहार के अनुरूपजिक्षा के स्तर एवां उदे श्यों को ननथचत करने में सहायता करना
 जिक्षा मनोनवज्ञान के क्षेत्र में वह सभी ज्ञान और नवथधयाां सम्मम्मजलत हैं जो जसखने की प्रकिया से अथधक
अच्छी प्रकार समझने में सहायक हैं l यह कथन है – ली का
 गेट्स के अनुसार जिक्षा मनोनवज्ञान की जसमा है – अस्थिर एवां पररवतटनिील
 “अविा नविेष के आधार पर ही हमें ककसी को बालक युवा या वृद्ध कहना चादहए l ” यह कथन है –
फ़्रॉबेल का
 हरबर्ट के अनुसार जिक्षा जसद्धान्तों का आधार होना चादहए – मनोनवज्ञाननक
 माण्टेसरी के अनुसार एक अध्यापक द्वारा उस स्थिनत में ही जिक्षण कायट प्रभावी ढां ग से ककया जा सकता है,
जब उसे ज्ञान होगा – मनोनवज्ञान के प्रयोगात्मक स्वरुप का
 वतटमान समय में जिक्षा मनोनवज्ञान की आवश्यकता है – बाल के न्द्र ित जिक्षा
 वतटमान समय में जिक्षा मनोनवज्ञान की आवश्यकता समझी जाती है – सवाांगीण नवकास में
 जिक्षा मनोनवज्ञान का प्रमुख लाभ है – जिक्षक जिक्षाथी मधुर सांम्बन्ध
 कक्षा में छात्रों को उनकी नवथभन्नताओां के आधार पर पहचानने के जलए जिक्षक को ज्ञान होना चादहए –
जिक्षा मनोनवज्ञान का
 समय सरणी में गणणत, नवज्ञान या करिन नवषय के कालाांि पहले क्यों रखे जाते हैं –
मनोनवज्ञान के आधार पर

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 सफल एवां प्रभाविाली जिक्षा अथधगम प्रकिया के जलए आवश्यक है–
जिक्षण अथधगम सामग्री का प्रयोगएवां जिक्षा मनोनवज्ञान के जसद्धान्तों का प्रयोग
 ननदेिन एवां परामिट में ककस नवषय का अथधक उपयोग ककया जाता है – जिक्षा मनोनवज्ञान का
 छात्रों की योग्यता एवां रूथच के आधार पर पठ्यिम ननमाटण में योगदान होता है – जिक्षा मनोनवज्ञान का
 बुथद्ध परीक्षण नवषय है – जिक्षा मनोनवज्ञान का
 जिक्षक मनोनवज्ञान के ज्ञान द्वारा बालकों की –
बुथ द्ध तथा रुथचयों की जानकारी करके जिक्षा दे त ा है ,प्रकृनत को जान कर जिक्षा दे त ा है और आथथि क स्कस्त
थथ तथा पाररवाररक स्थिनत की जानकारी लेकर जिक्षादेता है
 मनोनवज्ञान का जिक्षा के क्षेत्र में योगदान है –
अब जिक्षा बाल केन्द्र ित हो गई है , जिक्षक बालकों सेन नकर् का सांम्पकट िानपत करने का प्रयास करता है
और जिक्षक को छात्रों की आवश्यकता का ज्ञान होसकता है l
 जिक्षा मनोनवज्ञान एक नवज्ञान है – िैज क्षक जसद्धान्तों का
 जिक्षा मनोनवज्ञान की उत्पनत मानी जाती है – वषट 1900
 ‘मनोनवज्ञान’ िब्द के समाांनान्तर अांग्रेजी भाषा के िब्द ‘साइकोलॉजी’ की व्युत्पनत्त ककस भाषा से रृई है –
ग्रीक भाषा से
 जिक्षा मनोनवज्ञान का सम्बन्ध है – जिक्षा से , दिटन से और मनोनवज्ञान से
 जिक्षा का िान्द्रब्दक अथट है – पालन–पोषण करना , सामने लाना और नेक त्रत्व दे ना
 “मनोनवज्ञान वातावरण के सम्पकट में आने वाले व्यनियों के कियाकलापों का नवज्ञान है l ” यह कथन है –
वुर् वथट का
 “मनोनवज्ञान जिक्षा का आधारभूत नवज्ञान है ” यह कथन है – स्किनर का
 जिक्षा मनोनवज्ञान की नवषय – सामग्री कस सम्बन्ध है – सीखना
 जिक्षा मनोनवज्ञान में जजन बालकों के व्यवहार का अध्ययन ककया जाता है, वह है –
मांध बुथ द्ध, नपछड़े रृएऔर समस्यात्मक
 जसखने की प्रकिया के अन्तगटत जिक्षा मनोनवज्ञान अध्ययन करता है –
प्रेर णा व् पुनटब लन के प्रभाव काअध्ययन
 “मनोनवज्ञान मन का नवज्ञान है l ” यह कथन है – अरस्तू का
 “जिक्षा मनोनवज्ञान, अथधयापको की तैयारी की आधारजिला है l यह कथन है – स्किनर का
 आांकड़ों का व्यविापन करने हेतु सांकजलत आांकड़ों के सांबन्ध में ननम्नजलणखत कायट करना होता है –
वगीकरण , सारणीयन, आलेखी ननरूपण
 मनोनवज्ञान जिक्षा के क्षेत्र में सहायता देता है तथा बताता है – जिक्षा के उदे श्य सम्भानवत हैं अथवा नहीं

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 जिक्षा मनोनवज्ञान का अध्ययन अध्यापक को इसजलए करना चादहए , ताकक –
इसकी सहायता से अपनेजिक्षण को अथधक प्रभाविाली बना सके
 “मनोनवज्ञान व्यवहार का िुद्ध नवज्ञान है ल” इस पररभाषा के प्रनतपादक हैं– ई० वार्सन
 अचेतन मन का अध्ययन ककया जाता है– मनोनवश्लेषण नवथधयों द्वारा
 मनोनवश्लेषणात्मक प्रणाली के जन्मदाता हैं – जसिं गमण्ड फ्राइर्
 वतटमान समय में मनोनवज्ञान है– व्यवहार का नवज्ञान
 जिक्षा मनोनवज्ञान का नवषय क्षेत्र नहीं है – िैज क्षक मूल्ाांकन
 ‘जिक्षा ककसी ननश्चित िान पर प्राप्त की जाती है l ‘ यह कथन जिक्षा के ककस अथट में प्रयुि होता है –
जिक्षा का सांकु थचत अथट
 ‘साइकी’ का अथट है – मानवीय आत्मा या मन
 मनोनवज्ञान को व्यवहार का नवज्ञानां कहा– वार्सन ने
 “मनोनवज्ञान मन का वैज्ञाननक अध्ययन है , जजसके अन्तगटत न केवल बौथद्धक, अनपतु सांवेगात्मक
अनुभूनतयों , उत्प्रेरक िनियों तथा कायट या व्यवहार भी सम्मम्मजलत है l ” यह कथन है –
सी० र्ब्ल्यू०वैलर्ें ाइन का
 मनोनवज्ञान – आत्मा का नवज्ञान है ,मन का नवज्ञान है , चेतना का नवज्ञान है
 मानव मन को प्रभानवत करने वाला करक है –
व्यनि की रुथचयााँ , अथभक्षमताए अथभयोग्यताए व्वातावरण है
 मनोनवज्ञान को िुद्ध नवज्ञान मन है – जेम्स ड्रे वर ने
 जिक्षा मनोनवज्ञान – मनोनवज्ञान का एक अांग है
 जिक्षा मनोनवज्ञान की पकृनत से सम्बन्ध में कहा जा सकता है – यह सवटव्यापी है तो सावटभौथमक भी
 मनोनवज्ञान के अांतगटत – मानव का अध्ययन ककया जाता है
 जिक्षा मनोनवज्ञान के अध्य्यन के उदेश्य है –
नवद्याथथि यों द्वारा ककसी बात के सीखे जाने को प्रभानवत करना
 मनोनवज्ञान जिक्षा के क्षेत्र में सहायता देता है तथा स्पष्ट करता है – जिक्षा के उदे श्य की सम्भावना
 जिक्षक को जिक्षा मनोनवज्ञान के अध्य्यन की प्रत्यक्ष आवश्यकता नहीं है – िारीररक सुर् ौलता
 मनोइयााँ का सम्बन्ध प्राणणमात्र के व्यवहार के अध्ययन से है, जबकक जिक्षा मनोनवज्ञान का क्षेत्र –
मानवीयव्यवहार के अध्य्यन से है , िैज क्षक सांस्थ िनतयों में मानव व्यवहार से है
 जिक्षण प्रकिया के अांग है –
जिक्षण के उदे श्य , जिक्षण को साथटक बनाने वाले ज्ञानानुभव , जिक्षण कामूल्ाांकन

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 जिक्षा मनोनवज्ञान का मूल उद्श्श्य है –
नवद्याथथि यों योग्यताओां एवां क्षमताओां को ध्यान में रखते रृए उनके द्वारा ककसी बात को सीखे जाने से सांब
न्धन्धत बात को प्रभानवत करता है
 जिक्षा का सम्बन्ध है – जिक्षा के उदे श्य से और कक्षा पयाटवरण व् वातावरण से
 जिक्षा मनोनवज्ञान का क्षेत्र है – व्यापक
 जिक्षा मनोनवज्ञान के सामान्य उदेश्य है –
बालक के व्यनित्व का नवकास , जिक्षण कायट में सहायता औरजिक्षण नवथधयों में सुधार
 “अवस्ता नविेष के अनुभवों के आधार पर ही हमें ककसी को बालक, युवा एवां वृद्ध कहना चादहए l ” यह
कथन है – फ्रोबेल का
 जिक्षा मनोनवज्ञान का प्रमुख उदेश्य है – बाल के न्द्र ित जिक्षा का नवकास

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तो दोस्तो आप सभी के जलये आगामी प्रनतयोगी परीक्षा के जलये नननतन गुप्ता की तरफ
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कराऐांग े , तो Regular आप हमारी बेब साइर् नबजजर् करते रदहये !

आपका अपना – नननतन गुप्त ा

प्रनतयोगी परीक्षाओां से सांबांथधत सभी प्रकार की PDF एवां समान्य


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