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बाि निकास एिं लिक्षािास्त्र

नपछिी परीक्षाओं में पूंछे गये महत्वपूणण


Question and Answer
Most Important For CTET, MPTET,
UPTET, REET and Other State TET Exams

By - नननतन गुप्ता

Hello Friend , I am नननतन गुप्ता From – Nitin-Gupta.com

दोस्तो आज की हमारी पोस्ट बाि निकास एिं लिक्षािास्त्र से संबंधधत उन प्रश्नों के बारे
में है लजनको नपछ्िेTeaching के Exam जैसे CTET , UPTET , MP
Samvida Teacher , HTET , REET आदद में कहीं न कहीं पूंछा गया है ! और
आंगे आने बािे सभी तरह के Exams , लजनमें कक Child Development and
Pedagogy से संबंधधत प्रश्न पूंछे जाने हैं उनमें द्रारा पूंछे जाने कक पूरी पूरी संभाबना है
तो आप सभी इन प्रश्नों को अच्छे से याद कर िीलजये

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Child Development and Pedagogy Previous
Year Questions
 ककस मनोिैज्ञाननक ने अपने साढे तीन िर्षीय पुत्र पर अध्ययन ककया –
पेस्टोिॉजी
 ननम्न में से निकास की नििेर्षता है – गुणात्मकता
 बािक का निकास होता है – लसर से पैर की ओर
 बािक में संस्कारों का निकास प्रारम्भ कहााँ से होता है – पररिार
 निकास के संदभण में गित कथन है – निलिष्ट से सामान्य की ओर
 खेि के मैदान में कौन सा निकास होता है – िारीररक निकास, मानलसक
निकास, सामालजक निकास
 गभाणधान काि की अिस्था नहीं है – िैििािस्था
 गभण में संतान सिाणधधक प्रभानित होती है – मााँ के पोर्षण से
 ‘मानि जीिन की मनोभौनतक एकता’ कहिाती है – मन तथा िरीर का निकास
 2-5 िर्षण तक की आयु कहिाती है – िैििािस्था
 गभण में सिणप्रथम ननमाणण होता है – लसर
 बािक के लसर एिं मस्तस्तष्क का सिाणधधक निकास ककस अिस्था में होता है –
िैििािस्था
 जन्म के समय लििु के िरीर में हदियााँ होती है – 270
 बीजािस्था कहा गया है – 0-2 सप्ताह
 बािक अपनी मााँ को पहचानना प्रारम्भ कर देता है – 3 माह
 बािक जमीन पर से अपनी पसंद की िस्तु को उठा िेता है , आपके अनुसार उस
बािक की आयु होगी – 8-9 माह
 बािक के जन्म के समय लििु के मस्तस्तष्क का भार होता है – 350 ग्राम
 सीखने का आदिण काि माना गया है – िैििािस्था

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 कल्पना जगत में निचरण होता है – िैििािस्था ि ककिोरािस्था
 बािक मुख्य मुख्य रं गों की पहचान कर िेता है – 5 िर्षण
 धमथ्या पररपक्िता का काि कहा जाता है – बाल्यािस्था
 छोटे -छोटे िाक्यों को बोिना ि तीन पदहयों की साइककि चिाना यह कायण ककस
अिस्था में होता है – िैििािस्था
 कािण सी. गैरीसन ने ककस निधध का अध्ययन ककया था – िम्बात्मक निधध का
 ननम्न में से ककस घटना की ओर बािक सिणव्रथम आकनर्षित होना प्रारम्भ करता
है – प्रकाि
 बािक-बालिकाओं को सिाणधधक समायोजन करना पड़ता है – िय: संधधकाि
 बािक की लजज्ञासा को ककया जाना चादहए – िान्त
 सीखना है, एक जरटि – मानलसक प्रकिया
 भारत में बाि निकास की िुरूआत कब रृई – 1930 में
 निकास प्रारम्भ होता है – गभाणिस्था में
 बालिकाओं की िम्बाई ककस अिस्था में बािकों से अधधक होती है –
बाल्यािस्था में
 ददिास्िप्न एिं भार्षा के कूटकरण की अिस्था है – ककिोरािस्था
 निकास के सम्बन्ध में सही कथन है – निकास सम्पूणण पक्षों में होने िािा
पररितणन।
 निकास केिि एक ओर न होकर चारों ओर से होता है । यह लसद्धान्त बताता है –
ितुणिाकार
 जन्म के समय निजात लििु रोता है – िातािरण में पररितणन के कारण
 िैििािस्था के अंत में ककस ग्रंधथ के प्रभाि के कारण बालिकाएाँ अपने नपता के
प्रनत श्रद्धा भाि रखती है – इिेक्रा
 क्िाकणऔर बीचण ने नर धचम्पांजी के िरीर में – स्त्री हामोन प्रिेि कराये।

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 बािक का निकास िंिानुिम ि िातािरण का है – गुणनफि
 जीिन का सबसे करठन काि है – ककिोरािस्था
 बािक के अस्थाई दााँतों की संख्या है – 20
 मदहिाओं के जनन कोि में अथाणत् अंडाणु (OVUM) में ननम्नांककत में से पाया
जाता है – केिि X गुणसूत्र
 आनुिांलिकता से तात्पयण ननम्नांककत में से ककनसे होता है – गुणसूत्र तथा जीन्स
 पुरूर्षों में सामान्य यौन गुणसूत्र होता है – XY गुणसूत्र
 जन्म के समय बािक का भार होता है – 6-8 पौण्ड
 आनुिांलिकता के िास्तनिक ननधाणरक होते हैं – गुणसूत्र
 बािक के निकास में महत्ि है – िंििम का एिं िातािरण का
 ददिास्िप्न में निचरण करने की कामना अत्यन्त प्रबि होती है – ककिोरािस्था में
 सृजनिीि बािकों का िक्षण है – लजज्ञासा
 िोध संिेग के कारण उत्पन्न प्रिृनि है – युयत्ु सा
 बािक-बालिकाएाँ अपने जीिन में ककसी अन्य को आदिण के रूप में स्िीकार
करते हैं , ककस अिस्था में – ककिोरािस्था में
 समान आयु स्तर के बािक-बालिकाओं का बौधद्धक स्तर धभन्न धभन्न होता है,
यह कथन ककसका है – हरिॉक
 बािक का समालजकृत ननमम्नलिखखत तकनीक से ननधाणररत होता है –
समाजधमनत तकनीक
 बािकों में सौन्दयाणनुभूनत निकलसत करने का आधारभूत साधन है – प्रकृनत
अििोकन
 ककिोरािस्था की प्रमुख नििेर्षता नहीं है – संग्रह की प्रिृनि
 जन्म के समय बािक की स्मरण-िनि होती है – बरृत कम

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 ककस िैज्ञाननक ने माना है कक उधचत िातािरण से बुधद्ध िब्धि में िृधद्ध होती है –
स्टीफन्स
 आत्मगौरि की भािना सिाणधधक पायी जाती है – 13-19 िर्षण
 चररत्र ननमाणण में ननम्नांककत कारक सहायक नहीं है – ननदेि
 बािक का िारीररक, मानलसक, सामालजक और संिेगात्मक निकास ककस
अिस्था में पूणणता को प्राप्त होता है – ककिोरािस्था
 ककस आयु के बािक में समय ददन, ददनांक एिं क्षेत्रफि संबंधधत अिबोध का
निकास हो जाता है – 9 िर्षण
 उत्तर बाल्यकाि का समय कब होता है – 6 से 12 िर्षण तक
 लजस आयु में बािक की मानलसक योग्यता का िगभगपूणण निकास हो जाता है ,
िह है – 14 िर्षण
 ननम्नांककत अिस्था में प्राय: बािकों का आकर्षणण समलििं गी के प्रनत होता है –
बाल्यािस्था
 बािक के सामालजक निकास में सबसे महत्िपूणण कारक कौनसा है – िातािरण
 िड़ककयों के बाह्य पररितणन ककस अिस्था में होने िगते हैं – ककिोरािस्था में
 भार्षा निकास के िम में अंनतम िम (सोपान) है – भार्षा निकास की पूणाणिस्था
 भार्षा निकास के निधभन्न अंग कौन से हैं – अक्षर ज्ञान, सुनकर भार्षा समझना,
ध्िनन उत्पन्न करके भार्षा बोिना
 निकासात्मक बाि मनोनिज्ञान का जनक ककसे माना जाता है – जीन नपयाजे को
 संिेगात्मक स्थिरता का िक्षण है – समायोलजत
 िैमाकण ने अध्ययन ककया था – िंिानुिम
 ‘संिेग’ िब्द का िाब्दिक अथण है – उत्तेजनाया भािों में उथि पुथि
 बािक के समाजीकरण का प्राथधमक घटक है – पररिार

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 इनमें से कौन-सा बाि निकास का एक लसद्धान्त है – निकास पररपक्िन तथा
अनुभि के बीच अन्योन्यकिया की िजह से घरटत होता है ।
 ननम्नांककत में से अिांछनीय संिेग है – दगा
 प्राकृनतक चयन के लसद्धान्त का संबंधहै – डानिि न से
 अब लिक्षा हो गई है – बाि केब्दित
 पैतृक गुणों के हस्तांतरण के लसद्धान्तों को स्पष्ट ककया था – मैण्डि ने
 ”बािक की अधभिृधद्ध जैिकीय ननयमों के अनुसार होती है ।” यह कथन है –
िोगमैन का
 ननम्न में से जो मनोिैज्ञाननक नहीं है , िह हैं – सुकरात
 ननम्न में से जो मानि को सबसे अधधक प्रभानित करता है , िह है – िंि परम्परा
तथा िातािरण
 ‘प्रकृनत-पािन-पोर्षण’ िाद-नििाद के संदभण में ननम्नलिखखत कथनों में से कौन
सा आपको उपयुक्त प्रतीत होता है – िंिानुिम तथा पररिेि अधभन्न रूप से
एक-दूसरे से गुथ
ं े रृए हैं और दोनों निकास को प्रभानित करते हैं ।
 एक अध्यानपका यह सुननश्चित करना चाहती है कक उसके निद्याथी आंतररक रूप
से प्रेररत हैं । इस संदभण में िह करेंगी – अंनतम पररणाम पर ध्यान देने के बजाय
व्यनिगत रूप से बच्चों की अधधगम की प्रकियाओं पर ध्यान देना।
 बाि निकास का अथण है – बािक का गुणात्मक ि पररमाणात्मक पररितणन
 अधधगम का पुनरािृनि का लसद्धान्त ददया है – पैररक पाििि ने
 बािक के खेि के निकास को प्रभानित करते हैं – िारीररक स्िास्थ्य, िातािरण
एिं खािी समय
 खेिों की नििेर्षताएाँ हैं – निीन खेिों के इच्छु क, स्िेच्छानुसार खेि, एिं
निकासिीि खेि

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 ननम्न ग्रंधथ के दोर्षपूणण कायण करने पर व्यनि का िैंककग निकास उधचत रूप से
नहीं हो पाता है – पीननयि ग्रंधथ
 ननम्नांककत में से खेि पर आधाररत निधध है – ककण्डर गाटण न निधध
 अनतररक्त िनि के लसत्रान्त का संबंध है – खेि से
 ननम्न में से कौन मनोिैज्ञाननक नहीं है – जॉन डीिी
 “Psychology from the standpoint of behaviourist” ककसकी
रचना है – िाटसन की
 “a dictionary of Psycholigy” पुस्तक लिखी है – जेम्स ड्रेिर ने
 िंिानुिम का प्रमुख िाहक है – नपत्र्येक (Jeanse)
 मानि व्यिहार की प्रत्येक नििेर्षता है – िंिानुिम ि िातािरण का गुणनफि
 एक बच्चे की िृधद्ध और निकास के अध्ययन की सिाणधधक अच्छी निधध कौन सी
है – निकासीय निधध
 ”हम जो कुछ भी हैं उसके 9/10 भाग जन्मजात (िंिानुिम) है तथा केिि
1/10 भाग की अलजि त होता है ।” यह कथन है – जैि िैज्ञाननक पाकणर
 अधभिृधद्ध िब्द का प्रयोग ककया जाता है – िारीररक निकास के लिए
 बाल्यािस्था में निकास को ”छद्म पररपक्िािस्था” ककसने कहा – जे. एस. रॉस
 ”ककिोरािस्था को जीिन का सबसे करठन काि” ककसने कहा – ककिपैररक ने
 िारीररक निकास की गनत ककस अिस्था में बरृत कम हो जाती है – बाल्यािस्था
में
 ककिोरािस्था की अिधध है – 12-18 िर्षण
 िैििािस्था के तीन िर्षों में बािक का िारीररक निकास होता है – तीव्र
 13 िर्षण की अिस्था तक परृाँचते-परृाँचते बािक का कौन सा निकास िगभग पूरा
हो जाता है – बौधद्धक निकास
 बाि निकास को सिाणधधक प्रेररत करने िािा प्रमुख घटक – खेि का मैदान

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 ककस लसद्धान्त के अंतगणत बािक के िारीररक, मानलसक, संिेगात्मक आदद
पहिुओं का अध्ययन करते हैं – परस्पर संबध
ं का लसद्धान्त
 बाइगोत्स्की के अनुसार, समीपस्थ निकास का क्षेत्र है – बच्चे के द्रारा स्ितंत्ररूप
से ककए जा सकने िािे तथा सहायताके साथ करने िािे कायण के बीच अंतर।
 मानलसक निकास के पक्ष हैं – संिदे ना, बुधद्ध तथा भार्षा
 बाि निकास की प्रकृनत कैसी मानी जाती है – निज्ञानमयी
 बाि अध्ययन का नपता कौन है – स्टे निे हॉि
 बाि निकास की उपयोनगता है – बाि ननदेिन में, बािकों के स्िभाि को
समझने में, बािकों के लिक्षण में
 ककसके अनुसार सीखने का आदिण िैििािस्था है – िेिन्टाइन
 कौन सा संिेग है – प्रेम, िोध, आश्चयण
 ककसने चररत्र को ‘आदतों का पुंज’ कहा है – सेमअ
ु ि
 20िीं िताब्दी को ”बािक की िताब्दी” ककसने कहा – िो एण्ड िो
 समायोजन दूनर्षत होता है – कुण्ठा, संघर्षण
 छात्रों पर िोध का सदुपयोग ककया जा सकता है – आिस्य को भगाने में, रॅढ़
प्रनतज्ञा करने में, बाधाओं को पार करने में
 बाि निकास को ककतने भागों में बॉंटा गया है – 4
 बाल्यािस्था में व्यनित्ि होता है – बदहमुणखी
 पूिण बाल्यािस्था की नििेर्षता क्या है – लजज्ञासा, खखिौनों में रूधच, निीन
पद्धनतयॉं
 ककस अिस्था में काम प्रिृनि ननम्न स्तर पर होती है – बाल्यािस्था
 ककिोरािस्था को िैििािस्था का पुनितणन ककसने कहा है – जॉन्स ने
 कोह्लबगण के लसद्धांत की एक प्रमुख आिोचना क्या है – कोह्लबगण ने प्रस्ताि ककया
कक नैनतक ताककिकता निकासात्मक है ।

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 चार-पांच िब्दों के सरि िाक्य बोिने की िगभग अिस्था है – 3 िर्षण
 मानलसक निकास के रॅधिकोण से जीिन का सबसे महत्िपूणण काि –
िैििकाि
 गभणस्थ लििु में सांस िेने की प्रकिया ककस सप्ताह से िुरू होती है – 16 सप्ताह
 ज्ञानेब्दियों के निश्राम की अिस्था मानी गई है – जन्म के 2 माह
 नििेचना रदहत निचार की अिस्था मानी गई है – 4-7 िर्षण
 बाल्यािस्था प्रनत द्रन्द्रात्मक समाजीकरण है , कथन कहा है – ककिपैररक
 प्राय: बािक चिना ककस िर्षण की अिस्था में सीख िेता है – 112 िर्षण
 एक बािक ककसी को देखकर निचार करता है , कक मैंने इसे कहीं देखा है - िह
कौन सी अिस्था है – अद्धण चत
े न
 बािक श्रेष्ठ आचरण से बुराइयों की ओर िौटाता है - बािक पर मन के ककस
भाग का प्रभाि है – इदम्
 ”बािक में सिणप्रथम भय, िोध तथा प्रेम के संिेग निकलसत होते है ।” कथन है –
िाटसन
 उत्तर बाल्यािस्था की नििेर्षता है – आत्मननभणर होना, धमत्र मण्डिी या समूह
ननमाणण, स्ितंत्र होना।
 िैलक्षकरॅधि से बाि निकास की अिस्थाएाँ हैं – ककिोरािस्था, बाल्यािस्था,
िैििािस्था
 बाि निकास को सिाणधधक प्रभानित करने िािा कारक है – खेिकूद का मैदान
 6-10 िर्षण के आयु िगण के बािकों की नििेर्षता है – बािक स्िाभानिक एिं
सकिय अधधगमकताण होते हैं ।
 ननम्नलिखखत कथनों में से कौन-सा िाइगोत्स्की के द्रारा प्रस्तानित निकास तथा
अधधगम के बीच संबंध का सिणश्रेष्ठ रूप में सार प्रस्तुत करता है – निकास-
प्रकिया अधधगम-प्रकिया से पीछे रह जाती है ।

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 प्रथम बाि ननदेिन केन्र ककसके द्रारा खोिा गया – निलियम दहिी
 ककसकी कियािीिता का संबंध मनुष्य की पाचन किया से भी होता है –
अधभिृक्क ग्रंधथ
 िब्द INDENTICAL ELEMENTS (समान तत्ि) ननम्न से संबंध रखता
है – अधधगम स्थानान्तरण
 बािक द्रारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर लिक्षक तत्काि नहीं दे सकता है ,
लिक्षक की प्रनतकिया क्या होनी चादहए – लिक्षक द्रारा इस प्रश्न का सही उत्तर
बाद में समझकर देना चादहए।
 छोटा लििु खखिौनों तथा अन्य िस्तुओं को फेंककर उसके भागों को अिग-
अिग करके ककस भाि को दिाणता है – लजज्ञासा प्रिृनि
 ‘स्फूनति अिस्था’ कहा जाता है – बाल्यािस्था को
 प्रनतनबम्ब, अिधारणा, प्रतीक एिं संकेत, भार्षा, िारीररक किया और मानलसक
किया अंतननि दहत है – निचारात्मक प्रकिया
 संरचनात्मक अधधगम लसद्धान्त जोर देता है – निद्याधथि यों के द्रारा निीन ज्ञान की
संरचना पर
 ”िातािरण िह बाहरी िनि है , जो हमें प्रभानित करती है ” ककसने कहा था –
रॉस
 बुधद्ध परीक्षण ननमाणण के जन्मदाता है – अल्रेड नबने
 ‘संिेदना ज्ञान की पहिी सीढ़ी है ।’ यह कथन – मानलसक निकास है ।
 निजेज के अनुसार उत्तेजना भाग है – संिग
े ात्मक निकास का
 मानि निकास के सम्बन्ध में कौन-सा कथन गित है – निकास रेखीय होता है ।
 तकण, लजज्ञासा तथा ननरीक्षण िनि का निकास होता है ………… की आयु
पर – 11 िर्षण

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 िारीररक निकास का क्षेत्र है – स्नायुमण्डि, मााँसपेलियों की िृधद्ध, एंडोिाइन
ग्िैण््स
 इस अिस्था में बािकों में नयी खोज करने की और घूमने की प्रिृनिबरृत अधधक
बढ़ जाती है – उत्तर बाल्यकाि
 ननम्न में से कौन सा िंिानुिम का ननयम नहीं है – अधभप्रेरणा
 ………….. की अिस्था तक बािक की रॅधि एिं श्रिण इब्दियााँ पूणण निकलसत
हो चुकती है – 8 अथिा 9 िर्षण
 ’20िी िताब्दी को बािक की िताब्दी कहा जाता है ।’ यह पररभार्षा दी है – िो
ि िो
 गामक निकास से हमारा तात्पयण मााँसपेलियों के निकास से तथा पैरों के उधचत
उपयोग – िनि और गनत
 इस अिस्था को धमथ्या-पक्िता का समय भी कहा जाता है – बाल्यािस्था
 मनुष्य जीिन का आरम्भ मूित: घरटत है – केिि एक कोर्ष
 िैििािस्था की नििेर्षता नहीं है – नैनतकता का होना
 एक अध्यापक की रॅधि में कौन सा कथन सिोत्तम है – प्रत्येक बच्चा सीख
सकता है ।
 मैक्डू गि के अनुसार, मूि प्रिृनि लजज्ञासा का सम्बन्ध संिग
े कौन सा है –
आश्चयण
 िैििािस्था की मुख्य नििेर्षता क्या नहीं है – धचिं तन प्रकिया
 ककस मनोिैज्ञाननक के अनुसार, ”निकास एक सतत् और धीमी-धीमीप्रकिया
है ।” – हरिॉक
 िारेंस कोहिबगण निकास के क्षेत्रमें िोध के लिए जाने जाते हैं – नैनतक
 बािक के िारीररक ि कियात्मक निकास की ददिा होती है – लसर से पैर तथा
िरीर के मध्य से बाहर की ओर

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 नबग ि हे ट ……….. की नििेर्षताओं को सिोत्तम रूप से व्यक्त करने िािा एक
िब्द है ‘पररितणन’। पररितणन िारीररक, सामालजक और मनोिैज्ञाननक होता है –
ककिोरािस्था
 व्यनिगत लिक्षाथी एक दूसरे से …….. में धभन्न होते हैं – निकास की दर
 मानि निकास कुछ नििेर्ष लसद्धान्तों पर आधाररत है , ननम्नलिखखत में से कौन सा
मानि निकास का लसद्धान्त नहीं है – प्रनतिती
 निकास कभी न समाप्त होने िािी प्रकिया है, यह निचार ककससे सम्बब्धित है –
ननरं तरता का लसद्धान्त
 ननचिी कक्षाओं में लिक्षण की खेि पद्धनत मूि रूप से आधाररत है – निकास
एिं िृधद्ध के मनोिैज्ञाननक लसद्धान्तों पर
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन निकास के बारे में सत्य नहीं है – निकास
निलिष्ट से सामान्य की ओर होता है ।
 बािक ााक निकास पररणाम है – िंिानुिम तथा िातािरण की अंत:प्रकिया
का
 निद्याधथि यों में सामालजक निकास निकलसत करने हे तु, एक अध्यापक को चादहए
कक िह जाने – निद्याधथि यों के सभी पक्षों का
 िरीर के आकार में िृधद्ध होती है, क्योंकक – िारीररक और गत्यात्मक निकास
 मानलसकनिकास को प्रभानित करने िािे कारक हैं – िंिानुिम, पररिार का
िातािरण तथा पररिार की सामालजक स्थिनत
 सीखने की प्रोजेक्ट निधध ककस अिस्था के लिए उपयोगी है – बाल्यािस्था, पूिण
िाल्यािस्था, ककिोरािस्था
 िारीररक निकास का क्षेत्र है – स्नायुमण्डि
 बाल्य अिस्था होती है – बारह िर्षण तक
 निकास में िृधद्ध से तात्पयण है – आकार, सोच, समझ, कौििों में िृधद्ध

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 ननमम्नलिखखत में से कौन सी ककिोरािस्था की मुख्य समस्याएाँ हैं – संिग
े ात्मक
समस्याएाँ, िारीररक पररितणनों की समस्याएाँ, समायोजन की समस्याएाँ
 निकास का एक अधधननयम है , कक निकास प्रनतमान के निधभन्न काि में खुिी
धभन्न धभन्न होती है। इस अधधननयम के अनुसार – जीिन का प्रथम िर्षण सबसे
अधधक खुिी एिं िय संधध काि सबसे अधधक दु:खी काि होता है ।
 बाि निकास का सही िम है – बाल्यािस्था-ककिोरािस्था-प्रौढ़ािस्था
 निकास िुरू होता है – पूि-ण बाल्यािस्था से
 बाल्यािस्था में सामालजक निकास के रूप में मुख्य है – बािक ि बालिकाओं में
एक साथ रहनेकी प्रिृनि
 िृधद्ध एिं निकास में क्या सम्बन्ध है – एक-दूसरे के पूरक हैं ।
 पररपक्िता का सम्बन्ध है – निकास
 ननम्नलिखखत में से िंििम सम्बन्धी ननयम है – समानता का ननयम
 िृधद्ध एिं निकास का मुख्य लसद्धान्त है – िैयनिक अन्तर का लसद्धान्त
 ककिोरािस्था की अिधध है – 12 से 19 िर्षण
 निकास कैसा पररितणन है – गुणात्मक
 िृधद्ध का सम्बन्ध ककससे है – आकार ि भार से
 ननम्नलिखखत में से कौन सा निकास का लसद्धान्त है – सभी की निकास दर
समान नहीं होती है ।
 मानि निकास को क्षेत्रों में निभालजत ककया जाता है, जो है – िारीररक,
संज्ञानात्मक, संिग
े ात्मक और सामालजक
 कोह्लबगण के अनुसार लिक्षक बच्चों में नैनतक मूल्यों का निकास कर सकता है –
नैनतक मुद्दों पर आधाररत चचाणओं में उन्हें िाधमि करके।

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 लिक्षण-अधधगम प्रकिया में व्यनिगत रूप से ध्यान देना महत्तिपूणण है ,
क्योंकक – बच्चों की निकास दर धभन्न होती है और िह धभन्न तरीकों से सीख
सकते हैं ।
 ननम्नलिखखत में से कौन सी समस्या समाधान की िैज्ञाननक पद्धनत का पहिा
चरण है – समस्या के प्रनत जागरूकता
 ककस आयुकाि में मानलसक निकास अपनी उच्चतम सीमा पर परृाँच जाता है –
15-20 िर्षण
 ककिोरािस्था में सामालजकनिकासपर लजसका प्रभाि नहीं पड़ता है , िह ननम्न में
से कौन-सी है – असुरक्षा
 ककिोरों में संिेग के ननयंत्रण का सबसे अच्छा उपाय ननम्नलिखखत में से कौन-
सा है – प्रक्षेपण
 ककिोर अिस्था में चररत्र ननमाणण से जो अिस्था संबधं धत है , िह ननम्न में से है –
आधारहीन आत्म चेतना अिस्था
 ककिोर अिस्था की मुख्य नििेर्षता ननम्न में से है – आत्म गौरि
 निकास व्यनि में निीन नििेर्षताएाँ और योग्यताएाँ प्रस्फुरटत करता है , यह कथन
है – हरिॉक
 लजस प्रकिया से व्यनि मानि के लिए परस्पर ननभणर होकर व्यिहार करना
सीखता है , िह प्रकिया है – समाजीकरण
 ककिोरािस्था एक नया जन्म है, इसमें उच्चतर और श्रेष्ठतर मानि नििेर्षताओं
का जन्म होता है , यह कथन देने िािे हैं – स्टे निी हॉि
 ककिोरों की जरटि अिस्था के कारण ककिोरों के अध्ययन का निर्षय होना
चादहए – िरीर तथा मन संबध
ं ी
 ”ककिोरािस्था आदिों की अिस्था है, लसद्धान्तों के ननमाणण की अिस्था है , साथ
ही जीिन का सामान्य समायोजन है”, यह पररभार्षा देने िािे हैं – जीन नपयाजे

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 एक लिक्षक लिक्षाथी के मानलसक निकास का ज्ञान प्राप्त करकेलजसकी योजना
नहीं बना सकता, िह है – िारीररक निकास
 मानलसक निकास का संबंध नहीं है – लिक्षाथी का िजन एिं ऊाँचाई
 ककिोरों को नहीं ददया जाना चादहए – िािच
 मनुष्य के िरी में हदियों की संख्या कम होती है – प्रौढ़ािस्था में
 ककसको प्रलिक्षण द्रारा व्यिहार में संिोधन की प्रकिया माना गया है – अधधगम
 एक बािक सामालजक रूप से पूणणत: निकलसत माना जायेगा यदद िह – निधभन्न
प्रकार के व्यनियों के साथ व्यिहार करना जानता है ।
 ककिोरािस्था की प्रमुख समस्या है – समायोजन की
 ‘संिेदना ज्ञान की पहिी सीढ़ी है ।’ यह – मानलसक निकास है ।
 ‘ककिोरािस्था बड़े संघर्षण, तनाि, तूफान और निरोध की अिस्था है ’ यह कथन
है – ई. ए. ककिपैररक का
 ननम्न में से िैििािस्था की नििेर्षता नहीं है – नैनतकता का होना।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा निकास का एक सामान्य ननयम नहीं है – निकास
एक ननश्चित उम्र के बाद रूक जाता है ।
 जीन नपयाजे के अनुसार संज्ञानात्मक निकास की अिस्थाएाँ है – 4
 कौन से आयु समूह के लिए एररक्सन ने निकास की आठ अिस्थाएाँ प्रस्तानित
की – जन्म से मृत्यु तक
 एररक्सन के अनुसार कौन सी अिस्था में बािक अधधक पहि करता है ,िेककन
बरृत सिक्त भी हो सकता है , जो दोर्ष भािनाओं की ओर िे जा सकता है – 3
से 6 िर्षण तक पहि बनाम दोर्ष अिस्था
 ननम्नलिखखत में से कौन सी संज्ञानात्मक प्रकिया है – धचिं तन
 मानलसक निकास को प्रभानित करने िािा कारक नहीं है – धाधमि क िातािरण
 बािक के भार्षा निकास में मुख्य योगदान देने िािी संस्था है – पररिार

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 नैनतक तकण का अिस्था लसद्धान्त ककसने स्पष्ट ककया – कोहिबगण ने
 कोहिबगण के लसद्धान्त के अनुसार कौन सी अिस्था पर एक व्यनि का ननणणय
दूसरों के अनुमोदन, पाररिाररक आकांक्षाओं,पारं पररक मूल्यों एिं समाज के
ननयमों पर आधाररत है – पारम्पररक
 िंिानुिम से संबधं धत प्रयोग चूहों पर ककसने ककया – मेण्डि ने
 ननम्नलिखखत में से कौन सा भार्षा के निकास को प्रभानित नहीं करता है –
िम्बाई तथा िजन
 कौन सा ऊजाणिान धमत्रित् बािक का िक्षण नहीं है – आसानी से धचढ़नें िािा।
 बािक के ननम्न में से कौन सा सामालजक सम्पकण का स्रोत सबसे प्रारस्तिक और
सबसे अधधक चिने िािा है – पररिार
 ककिोरािस्था आरम्भ होती है – 12 िर्षण की आयु से
 एक बच्चा सदैि दूसरों के प्रनत सहानुभूनत ददखाता है । यह आदत कहिाती है –
भािना संबध
ं ी आदत
 ‘पूणणत: प्रकायणिीि व्यनि का सम्प्रत्यय’ ककसने ददया – कािण रोजसण
 ककसने ‘मूिभूत निश्िास बनाम अनिश्िास, को निकास की प्रथम अिस्था के
रूप में प्रस्तानित ककया है ।’– एररक्सन
 ननम्न में से ककसने बच्चों में िस्तु स्थैतयण के निकास को समझने में सहायता की
है – नपयाजे
 बच्चे का ककस प्रकार का निकास निद्यािय और लिक्षक द्रारा प्रभानित होता है –
मानलसक, सामालजक एिं संिग
े ात्मक
 ‘सूयण बच्चे के साथ-साथ चिता है , उसके मुड़ने का अनुकरणकरता है और बच्चे
की बात सुनता है ।’ यह कथन बािक की ककस िक्षण की ओर इं नगत करता है –
सजीि धचिं तन

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 ननम्न में से ककसका संबंध मूि दु:धचन्ता एिं मूि ित्रुता के सम्प्रत्ययों से है –
केरेन हानी
 ककसने यह दािा ककया कक सभी भार्षाओं में होने िािे कुछ सािणभौधमक गुण
जन्मजात होते हैं – नॉम चॉम्स्की
 कक्षा 4का एक बच्चा सदैि धचन्तित और कुन्तित रहता है , आप – स्ियं
परामिणदाता की भूधमका का ननिाणह करेंग।े
 एक पूिण निद्यािय बािक कहता है ‘सूयण आज उदास है’ बािक ननम्नलिखखत में
से ककस सम्प्रत्यय की अधभव्यनि कर रहा है – सजीि धचन्तन
 रॉयड के अनुसार ननम्न में से कौन सी निकास अिस्था में बच्चे का ध्यान
जननांगों की तरफ जाता है – िैंनगक
 रॉयड के अनुसार ककस अिस्था में कामेच्छाएाँ सापेक्ष रूप से ननन्तिय रहती है –
प्रसुनप्त
 ककसने यह मत ददया कक भार्षा निचार की अंत:िस्तु का ननधाणरण करती है –
व्हाफण
 जब बच्चे के पैर के तििे को ठोका जाता है , तो पैर की अंगुलियााँ ऊपर की ओर
जाती है और कफर आगे की ओर मुड़ जाती है । यह निजात में हो रही ककस प्रकार
की प्रनतितण का उदाहरण है – बेबीन्स्की
 ननम्न में से कौन सा बच्चों हे तुिेश्िर बुधद्ध मापनी की एक ननष्पादन मापनी है –
धचत्रपूनति
 मूतण संकियात्मक अिस्था है – 2 से 7 िर्षण
 बाि मनोनिज्ञान का …………. लसद्धान्त प्रारम्भ के 4-5 िर्षों के अनुभिों पर
आधाररत होता है – मनोनिश्िेर्षणात्मक
 ‘भार्षा की सापेक्षता प्राकल्पना’ ककसने प्रनतपाददत की – व्हाफण
 ‘ए बायोग्राफीकि स्केच ऑफ इनफेन्ट’ ककसने लिखी है – डानिि न

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 ककसे ‘ककिोर मनोनिज्ञान के नपता’ के नाम से जाना जाता है – स्टे निी हॉि
 मानकीकृत परीक्षण का अथण – निश्िसनीयता, िैद्यता, मानक
 प्राक्-संकियात्मक अिस्था है – 2 से 7 िर्षण
 ननम्नलिखखत में से कौन सा आिोचनात्मक रॅधिकोण ‘बरृ-बुधद्ध लसद्धान्त’
(Theory of Multiple Intelligences) से संबंद्ध नहीं है – प्रनतभािािी
निद्याथी प्राय: एक क्षेत्र में ही अपनी निलिष्टता प्रदलिि त करते हैं ।
 औपचाररक संकियात्मक अिस्था है – 11 िर्षण के बाद
 प्रत्याक्षात्मक ि संिेंगीक गनतक गामक दक्षता परीक्षण हे तु आरम्भ में ककसने
निधध का ननमाणण ककया – मोन्टे सरी
 भार्षा-अिबोधन से संबंद्ध निकार है – भार्षाघात (aspeechxia)
 हॉनी के अनुसार मौलिक दुश्चिन्ता के संप्रत्यय का निकास होता है – बाल्यािस्था
में
 बािक निकास का जीन नपयाजे के लसद्धान्त का आधार है – संज्ञानात्मक
निकास
 ‘जीि में निकास तथा िधणन का पूराहोना पररपक्िता कहिाता है ’ पररभानर्षत
ककया – सारटे न ने
 ………….. ने बाि के प्राकृनतक निकास पर बि ददया – मान्टे सरी
 माता की आिाज का निजात के व्यिहार पर प्रभाि का प्रयोग ककसने ककया –
टरमन
 नपयाजे के अनुसार 4 से 8 माह में कौन सा संज्ञानात्मक निकास होता है –
आाँख-हाथ संबध
ं न
 प्राथधमक आिश्यकताओं को ………… आिश्यकता से भी जाना जाता है –
दैदहक
 ‘बाि अध्ययन के नपता’ ककसे कहा जाता है – स्टे निे हॉि को

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 कौन से लसद्धान्त में बाल्यकाि के अनुभि के निकासात्मक आयाम पर बि ददया
गया है – मनोनिश्िेर्षणिाद
 निजात के स्िास्थ्य को जााँचने के लिए प्रयोग में िी जाने िािी मापनी स्केि
है – डब्ल्यू. आई. एस. सी. स्केि
 नपयाजे के अनुसार एक आठ िर्षण का बािक कर सकता है – संरक्षणात्मक
समस्यायें सीखना।
 िरीर के िीर्षण भाग से प्रारम्भ होकर नीचे की ददिा में होने िािी िारीररक िृधद्ध
को जाना जाता है – लसर-पदाधभमुख अनुिम
 कौन सी निधध उपागम में समान प्रयोज्यों का मापन उनके निकास की निधभन्न
अिस्थाओं पर लिया जाता है – दीघणकािीन अध्ययन निधध
 नपयाजे के लसद्धान्त के अनुसार कौन सी अिस्था में बच्चों में उस धचिं तन का
निकास होता है, लजसमेंअनुत्िमणीयता होती है – प्राक संकियात्मक
 ननम्न में से ककसने बच्चों में िस्तु स्थैतयण के निकास को समझने में सहायता
की – नपयाजे
 ननजीि िस्तुओं को सजीि गुण देने िािीप्रकृनत को नपयाजे ने क्या नाम ददया
है – सजीि धचिं तन
 इनमें से कौन सा तथ्य मानलसक निकास को सबसे अधधक मनोिैज्ञाननक रूप से
व्यक्त करता है – यह िनि बािक का निीन पररस्थिनतयों से समाधान करती
है ।
 बािकों का सिाणधधक उधचत काि कौन सा होता है जब िे ‘निस्फोट और तनाि’
में होते हैं – ककिोरािस्था
 बािकों के सिणतोन्मुखी निकास हे तु सिाणधधक उधचत निद्यािय है – खेि का
मैदान

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 प्रगनतिीि लिक्षा के संदभण में ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन जॉन ड्यूबी के
अनुसार समुधचत है – निद्याधथि यों को स्ियं ही सामालजक समस्याओं को
सुिझाने में सक्षम होना चादहए।
 छात्र का िह सोपान जबकक यह सिाणधधक रूप से संिेगों से धघरा रहता है –
ककिोरािस्था
 बािक के निकास में ज्यादा महत्िपूणण क्या है – िंिािम और िातािरण दोनों
 मनोनिज्ञान में सामालजक निकास से क्या अधभप्राय है – दूसरों के साथ अच्छे
संबध
ं ों का निकास।
 निकास की रॅधि से सही िम है – आत्मीकरण,समायोजन, अनुकूिन
 बािकों में संज्ञान निकास की धभन्नता होती है , क्योंकक – उनमें अंतरं ग योग्यताएाँ
धभन्न-धभन्न होती है ।
 नपयाजे के संज्ञानात्मक निकास चरणों में से कौन एक सही नहीं है – पूिणज्ञान
 बािक में तकण की क्षमता निकलसत करने के लिए आप क्या करेंगे – संदभण
बदिते रृए प्रश्न पूछेंग।े
 मैडम मोन्टे सरीने अधधगम पररिेि में सिाणधधक बि ककस पर ददया है –
ज्ञानेब्दियों के उपयोग पर
 मानि बुधद्ध एिं निकास की समझ लिक्षक को ………. के योग्य बनाती है –
निनिध लिक्षाधथि यों के लिक्षण के बारे में स्पष्टता
 ननम्नलिखखत में से कौन सा सत्य है – खेिना संज्ञान और सामालजक दक्षता के
लिए साथणक है ।
 14 िर्षीयदेनिका अपने आप में पृथक, स्िननयंकत्रत व्यनि की भािना को
निकलसत करने का प्रयास कर रही है , िह निकलसत कर रही है –स्िायत्तता
 समाजीकरण है – समाज के मानदण्डों के साथ अनुकूिन

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 लिक्षा के सन्दभण में, समाजीकरण से तात्पयण है – सामालजक िातािरण में
अनुकूि और समायोजन
 राज्य स्तर की एकि-गायन प्रनतयोनगता के लिए निद्याधथि यों को तैयार करते
समय एक निद्यािय िड़ककयों को िरीयता देता है , यह दिाणता है – िैंनगक
पूिाणग्रह
 बाइगोत्स्की बच्चों के सीखने में ननम्नलिखखत में से ककस कारक की महत्िपूणण
भूधमका पर बि देते हैं – सामालजक
 निकास के ककस काि को ‘अत्यधधक दबाि और तनाि का काि’ कहा गया है –
ककिोरािस्था
 इनमें से कौन सा लसद्धान्त यह मत स्पष्ट करता है बच्चे अपनी िृधद्धि निकास हे तु
कठोर अध्ययन करते हैं – मैस्िो
 मानि निकास के सम्बन्ध में कौन सा कथन गित है – यह पररपक्िता तक
चिता है ।
 प्याजे के अधधगम के संज्ञानात्मक लसद्धान्त के अनुसार िह प्रकिया लजसके द्रारा
संज्ञानात्मक संरचना को संिोधधत ककया जाता है, कहिाती है – स्कीमा
 एक ककिोर के िारीररक निकास का मूल्यांकन ककया जाता है – उसके द्रारा
ककयेगये िारीररक कायों के द्रारा
 ककिोरािस्था में संज्ञानात्मक निकास की नििेर्षता है – तकण के साथ समस्याओं
के समाधान की योग्यता में िृधद्ध
 एक ककिोर की अधभरूधचत को प्रभानित करने िािा कारक है – आनुिांलिकी
एिं िातािरण दोनों
 ककसी व्यनि में निकासका प्रनतमान ननम्नलिखखत में से ककस िम का अनुसरण
करता है – िीर्षणपदीय (आपादीय)

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 बािक के िारीररक िृधद्ध ि निकास को प्रभानित करते हैं – िंिानुिम ि
िातािरण दोनों
 आत्म सम्मान की भािना का िक्षण …… प्रकट करती है – ककिोरािस्था
 ‘Adolescence’ पुस्तक के िेखक है – स्टे निे हॉि
 ननम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है – िृधद्ध के साथ निकास भी होता है ।
 एक ददग भ्रधमत का पथ-प्रदिणन ककया जा सकता है – उसके अच्छे व्यिहार की
प्रिंसा करके
 ककस आयुकाि में मानलसक निकास अपनी उच्चतम सीमा पर परृाँच जाता है –
15-20 िर्षण
 ‘दो बािकों में समान मानलसक योग्यताएं नहीं होती है ’ उक्त कथन ककस
मनोिैज्ञाननक का है – हॉरिॉक
 ककिोर अिस्था में सामालजक निकास पर लजसका प्रभाि नहीं पड़ता,िह ननम्न में
से कौन सी है – असुरक्षा
 ककिोर अिस्था में चररत्र ननमाणण प्रकियासे जो अिस्था संबंधधत है , िह ननम्न में
से है – आधारहीन आत्मचेतना अिस्था
 ककिोर अिस्था की मुख्य नििेर्षता ननम्न में से है – आत्म गौरि
 ककिोरािस्था के आकस्मिक निकास का लसद्धान्त कब ककसने ककया – 1904 में
स्टे निे हॉि ने
 ‘सामालजक एिं संिग
े ात्मक निकास साथ-साथ चिते हैं । यह कथन है – हॉि
का
 ‘ककिोर प्रौढ़ो को मागण में बाधा समझता है , जो उसे अपनी स्ितंत्रता का िक्ष्य
प्राप्त करने से रोकते हैं ।’ यह कथन ककसका है – कॉिसननक
 ‘मैं ककसी की परिाह नहीं करता’ ऐसी अधभिृनि िािे बच्चों के व्यिहार को क्या
कहते हैं – अस्िीकरण

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 नैनतक मूल्यों का निकास ककया जा सकता है , यदद अध्यापक – स्ियं उन पर
आचरण करें।
 बी. एफ. स्कीनर के अनुसार बच्चों में भार्षा का निकास ननम्नलिखखत का
पररणाम है – अनुकरण तथा पुनबणिन
 बच्चों की िारीररक िृधद्ध की दर अधधकतम होती है – पूिण बचपन में उत्तर बचपन
की बजाय
 कौन-सा अिसर ककिोरों की आिश्यकता है – िाद-नििाद, तकण तथा चचाण
 ककस अिस्था में स्ि-सम्मान की भािना सबसे अधधक पायी जाती है –
ककिोरािस्था
 अधभिृधद्ध िब्द का प्रयोग ककया जाता है – बािक के सामालजक निकास के
लिए
 व्यनिगत लिक्षण में ननम्नलिखखत निधध नहीं आती है – सामूदहक लिक्षण
 ननम्न में से व्यनिगत निधभन्नता के प्रकार है – िारीररक निधभन्नता, मानलसक
निधभन्नता एिं संिग
े ात्मक निधभन्नता
 व्यनिगत निधभन्नता का आधारभूत कारण है – बंिानुिम
 ”ए सिे ऑफ दी एजुकेिन ऑफ नगफ्टेड धचल्ड्रन” पुस्तक के िेखक है –
है निगहस्टण
 मनोिारीररक असमानताओं को कहा जाता है – व्यनिगत निधभन्नता
 ”मापन ककया जाने िािा व्यनित्ि का प्रत्येक पहिू िैयनिक धभन्नता का अंि
है ।” उपयुणक्त पररभार्षा दी है – स्तिनर ने
 िारीररक रूप से व्यनि के मध्य जो धभन्नता ददखाई देती है , िह कहिाती है –
बाहरी धभन्नता
 बाह्य रूप से दो व्यनि एक समान हैं िेककन िे अन्य योग्यताओं की रॅधि से
समरूप नहीं है , ऐसी व्यनिगत निधभन्नता कहिाती है – आन्तररक निधभन्नता

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 ननम्नलिखखत में से कथन सही है – दो व्यनि समान नहीं होते हैं । िैयनिक
धभन्नताओं का मापन सम्भि है । बैयनिक धभन्नता सािणभौधमक होती है ।
 िड़के मारपीट, झगड़ा, खेिकूद अधधक पसन्द करते हैं , जबकक िड़ककयां िस्त्र
पहनने, गुमऺडया खेिने तथा घरों में काम में ध्यान िगाती है , यह निभेद कहिाता
है – रुधच सम्बन्धी भेद
 एक बरृ-सांस्कृनतक कक्षा-कक्ष में एक अध्यानपका सुननश्चित करेगी कक
आकिन में ननम्नलिखखत में सन्तिलित हो – अपने निद्याधथि यों की सामालजक-
सांिृनतक पृष्ठभूधम
 व्यनिगत धभन्नता होती है – बौधद्धक, िारीररक, चाररकत्रक
 व्यनिगत निधभन्नताओं के आधार पर लिक्षक को सहायता धमिती है – िैलक्षक
ि व्यािसाधयक ननदेिन में, छात्रों के िगीकरण में, लिक्षण निधध के चयन में
 कक्षा में ऊाँचा सुनने िािे तथा कमजोर नजर के छात्रों को बैठाना चादहए – आगे
की पंनि में
 आप कक्षा-8 के गखणत निर्षय के अध्यापक हो। एक बािक आपके निर्षय में
अनुत्तीणण हो जाता है , आप उसे उत्तीणण करिाने हे तु क्या करोगे – व्यनिगत
ननदेिन एिं परामिण
 समािेिी लिक्षा के पीछे मूिाधार यह है कक – समाज में निधभन्नता है और
निद्याियों को निधभन्नता के प्रनतसंिदे निीि होने के लिए समािेिी होने की
आिश्यकता है ।
 एक बािक अपने निचारों एिं भािनाओं को प्रकट नहीं करता है , िह ककस श्रेणी
में रखा जाएगा – दधमत
 ”स्िस्थ िरीर में ही स्िस्थ्य मस्तस्तष्क का ननमाणण ही लिक्षा है ” कथन है – अरस्तु
 आिामक बािकों की आिामकता को कम करने हे तु आप निद्यािय स्तर पर
सिोस्तित उपाय करेंगे – िनि का सदुपयोग

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 ननम्नांककत पद्धनत व्यनिगत भेद को ध्यान में नहीं रखकर लिक्षण में प्रयुक्त की
जाती है – व्याख्यान पद्धनत
 इस पर अत्यधधक िाद-नििाद होता है कक क्या िड़कों एिं िड़ककयों में
योग्यताओं का निलिष्ट समूह उनके आनुिंलिक घटकों के कारण होता है । इस
संदभण में ननम्नलिखखत में से आप सबसे अधधक ककससे सहमत हैं – िड़ककयों
को सेिाभाि के लिए सामालजक रूप से तैयार ककया जाता है जबकक िड़कों को
रोने जैसा संिग
े प्रदलिि त करने के लिए हतोत्सादहत ककया जाता है ।
 एक उच्च प्राथधमक निद्यािय के संरचनात्मक कक्षा-कक्ष में अपने स्ियं के
आंकिन में निद्याधथि यों की भूधमका ननम्नलिखखत में से क्या देखा जाएगा –
निद्याथी अध्यापक के साथ आंकिन के लिए योजना बनाएाँग।े
 व्यनिगत भेद पाये जाते हैं – बुधद्ध स्तर में, अधभिृनि में, गनतिाही योग्यता में
 व्यनिगत भेद में हम पाते हैं – निचिनिीिता, प्रनतमानता
 कौन सा व्यनिगत धभन्नताओं का कारण नहीं है – ननदेिन
 बािकों में प्रभािी अधधगम हे तु ननम्नलिखखत में से कौन सा निकल्प सबसे कम
महत्ति रखता है – अधधगम का दािणननक आधार
 नन:िक्त बच्चों के लिए समेककत लिक्षा की केन्रीय प्रायोलजत योजना का उद्देश्य
…………. में नन:िक्त बच्चों को िैलक्षक अिसर कराना – ननयधमत निद्याियों
 नििेर्ष रूप से जरूरतमंद बच्चों की लिक्षा का प्रबंध होना चादहए – दूसरे सामान्य
बच्चों के साथ।
 ननम्न में से कौन सा निकल्प उपिब्धि में व्यनिगत धभन्नता का प्रतीक नहीं है –
लििं ग में निधभन्नता
 लिक्षा मनोनिज्ञान में लजन बािकों के व्यिहार का अध्ययन ककया जाता है, िे
हैं – समस्यात्मक बािक, कम गनत से सीखने िािे बािक, मंद बुधद्ध बािक

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 नगिफोडण ने अधभसारी धचन्तन (Converfent Thinking) पद का प्रयोग
ककससे समान अथण में ककया है – बुधद्ध
 नन:िक्त बािकों (Disdoilities) की लिक्षा के लिए प्रािधान ककया जा
सकता है – समािेलित लिक्षा द्रारा
 व्यनिगत निधभन्नताओं को ध्यान में रखते रृए निद्याधथि यों के लिक्षण के लिये
प्रायोजना पद्धनत के ननमाणता थे – ककिपैररक
 िैयनिक निधभन्नताओं के आधारपर पाकणहस्टण ने बािकों के लिए लिक्षा पद्धनत
दी – डाल्टन प्िान
 सीमा हर पाठ को बरृत जल्दी सीख िेती है , जबकक िीना उसे सीखने में ज्यादा
समय िेती है , यह निकास ………… लसद्धान्त को दिाणता है – िैयनिक धभन्नता
 एक अध्यापक ककसी भी समूह में समुदाय आधाररत व्यनिगत निधभन्नताओं को
समझ सकता है – भार्षा एिं अधभव्यनि के आधार पर
 ADHD है – अिधान निकृनत
 ननम्न में से कौन सा कारक समस्या समाधान में बाधक हो सकता है – मानलसक
िृनि
 आधुननक लिक्षा में मनोनिज्ञान का अनुप्रयोग आधाररत है – व्यनिगत
निधभन्नताअें पर
 िह प्रकिया लजसके द्रारा िस्तुओं तथा िस्तुननष्ठ तथ्यों को ज्ञानेब्दियों द्रारा जाना
जाता है – प्रत्यक्षीकरण
 व्यनिक धभन्नता पर सिणप्रथम महत्तिपूणण कायण करने िािे व्यनि – रांसीसी
गाल्टन
 छात्रों में सीखने की योग्यता ननभणर करती है – व्यनिगत धभन्नता पर
 ननम्नलिखखत में से कौन सी नििेर्षता बािकों के संिेगों की नििेर्षता है – ये
क्षखणक होते हैं ।

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 ननम्नलिखखत में से कौन सा चोरी का कारण नहीं हो सकता – अधभभािकों का
ननयंत्रण ि अनुिासन
 थस्टण न की अधभिृनि मापनी कहिाती है – सम अंतराि मापनी
 आदतों, ज्ञानतथा अधभिृनियों का अजणन है – अधधगम
 सामूदहक अचेतन का सम्प्रत्यय ककसने प्रनतपाददत ककया – युग

 व्यनिगत निधभन्नता के आधार पर लिक्षा देने हे तु ननम्न में से कौन सा निकल्प
उपयुक्त है – बुधद्ध के स्तर पर आधार पर बािकों का कक्षा निभाजन
 बािकों में व्यनिगत निभेद के मुख्य कारण है – मानलसक गुण
 िाब्दिक व्यिहार-कौिि का महत्ति है – सम्प्रत्यय ननमाणण में
 निद्याियों को ककसके लिए िैयनिक धभन्नताओं को पूरा करना चादहए – यह
समझने के लिए कक क्यों लिक्षाथी सीखने के योग्य या अयोग्य है ।
 लिक्षाधथि यों में िैयनिक धभन्नताओं को सम्बोधधत ककरने के लिए निद्यािय ककस
प्रकार का सहयोग उपिब्ध करिा सकता है – बाि-केब्दित पाठ्यचचाण का
पािन करना और लिक्षाधथि यों को सीखने के अनेक अिसर उपिब्ध करना।
 बच्चों में सीखने और सुनने के लिए अधधगमयोग्य िातािरण के लिए
ननम्नलिखखत में से कौन उपयुक्त है – लिक्षाधथि यों को कुद यह छूट देना कक क्या
सीखना है और कैसेसीखना है ।
 लिक्षाथी िैयनिक धभन्नता प्रदलिि त करते हैं , अत- लिक्षक को – सीखने के
निनिध अनुभिों को उपिब्ध कराना चादहए।
 ‘प्रनतभािािी बािक िह है , जो अपने उत्पादन की मात्रा, दर तथा गुणित्ता में
निलिष्ट होता है ।’ यह कथन ददया गया है – आर डब्ल्यू टे िर द्रारा
 अध्यापन के समय अध्यापक को ननम्नलिखखत में से ककसका सिाणधधक ध्यान
रखना चादहए – िैयनिक धभन्नता
 ननष्पनि परीक्षणों का सबसे अधधक उपयोग है – छात्र िगीकरण में

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 कक्षा में भािी अनुिासन के लिए अध्यापक को चादहए – छात्रों को कुछ
समस्याएाँ हि करने को दें।
 व्यनिगत धभन्नता का ज्ञान अध्यापक को मदद करता है – लिक्षण अधधगम
कियाओं की योजना बनाने में
 कक्षामें निद्याधथि यों के िैयनिक निभेद – िाभकारी हैं , क्योंकक ये निद्याधथि यों की
संज्ञानात्मक संरचनाओं को खोजने में अध्यापकों को प्रिृत्त करते हैं ।
 व्यनिगत निधभन्नताओं का क्षेत्र है – लििं ग भेद, िारीररक संरचना, मानलसक
योग्यताएाँ
 अच्छे मानलसक स्िास्थ्य का संकेतक है – संिग
े ों पर ननयंत्रण रखना।
 मानलसक स्िास्थ्य के सम्प्रत्यय की पूणण जानकारी एक लिक्षक को योग्य बनाती
है – निद्याधथि योंके अिांधछत व्यिहार में गहन सूझ निकलसत करने में।
 व्यनिगत धभन्नता के कारक होते हैं – िंिानुगत एिं िातािरणीय
 कुसमायोलजत व्यनि कहिाते हैं , जो – अधधकतर अनुधचत ढं ग से द्रंद्रात्मक
स्थिनत का सामना करते हैं । समाज निरोधी गनतनिधध में सहभानगता रखते हैं ।
द्रन्द्र को दूर करने में असमथण होते हैं ।
 छात्रों को मानलसक रूप से स्िस्थ्य एिं स्िच्छ बने रहने के लिए निद्यािय
प्रिासन को कौन सा तरीका अपनाना चादहए – ननयधमत स्िास्थ्य परीक्षण
 एक बच्चा सदैि दूसरों के प्रनत सहानुभूनत ददखाता है । यह आदत कहिाती है –
भािना संबध
ं ी आदत
 अच्छी स्मृनत की नििेर्षताएं है – िीघ्र पुन:स्मरण, िीघ्र पहचान, अच्छी धारणा
 अध्ययन की रॅधि से व्यनिगत निधभन्नताओं का महत्ि है – निद्याधथि यों का
समरूप समूहों में िगीकरण।
 निभेदकारी परीक्षण अंतर करता है – कमजोर निद्याधथि यों में, सामान्य निद्याधथि यों
में, प्रनतभािािी निद्याधथि यों में।

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 प्रनतभािािी लिक्षाधथि यों के लिए – लिक्षक को अनुकूिन करना चादहए, जैसे
लिक्षाथी में बदिाि आता है ।
 िंधचत समूहों के निद्याधथि यों को सामान्य निद्याधथि यों के साथ्-साथ पढ़ाना चादहए,
इसका अधभप्राय है – समािेिी लिक्षा
 एक बच्चे को अकेिापन और एकांत पसंद है । यह स्िभाि लजससे संबंधधत है –
सामालजक धभन्नता
 एक बच्चे में बेईमानी और चोरी की आदत निकलसत हो जाती है , बच्चा अन्य
बच्चों से लजस रॅधिकोण से धभन्न है , िह है – नैनतकता
 अन्तमुणखी व्यनित्ि िािे व्यनि रुधच रखते हैं – स्ियं अपने में
 व्यनित्ि एिं व्यनिगत निधभन्नताओं को प्रभानित करने िािे तत्ि हैं –
िंिानुिम तथा िातािरण
 रायड ने व्यनित्ि का िगीकरण ककस आधार पर ककया है – काम प्रिृनि के
आधार पर
 बदहमुणखी बािक की नििेर्षता है – कायण करने की रॅढ़ इच्छा
 जो व्यनि भोजन नप्रय, आराम पसंद एिं सामालजक होते हैं – गोिाकृनत
 ितणमान में सिोत्तम माना जाने िािा व्यनित्ि के प्रकारों का िगीकरण ककसकी
देन है – जुग
ं की
 व्यनित्ि मापन के लिए व्यनि की सम्पूणण सूचनाएाँ प्राप्त करने की निधध है –
व्यनि इनतहास निधध
 ननम्न में से िेल्डन ने व्यनित्ि का प्रकार नहीं बताया है – Pimpy
 व्यनित्ि िब्द का अंग्रेजी रूपान्तरण पसणनेलिटी िब्द मूित:ककस भार्षा के िब्द
से बना है – िेरटन
 परसोना िब्द का िैरटन भार्षा में अथण होता है – बाहरी रूपरं ग या नकिी चेहरा
 व्यनित्ि के ननमाणण का महत्िपूणण साधन है – अनुकरण

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 ‘संगरठत व्यनित्ि’ कहते हैं लजसमें ननम्नांककत पक्षों का निकास रृआ हो –
सामालजक पक्ष, मानलसक पक्ष, संिग
े ात्मक पक्ष
 संगरठत व्यनित्ि की नििेर्षता नहीं है – असामालजकता
 सामालजक आधार पर व्यनित्ि का िगीकरण ककस मनोिैज्ञाननक ने तैयार
ककया – स्प्रेन्गर
 यह िह िनि है, लजसके द्रारा व्यनि अपने बारे में जानता है कक िह क्या है तथा
दूसरे व्यनि उसके बारे में क्या सोचते है – इस िनि का नाम क्या है – आत्म
चेतना
 अंतमुणखी बािक होता है – एकान्त में निश्िास रखने िािा
 व्यनित्ि को मनोिैज्ञाननक रॅधिकोण से ककस मनोिैज्ञाननक ने िगीकृत ककया –
युग

 ननम्न में से जो घटक व्यनित्ि के निकास को प्रभानित करने िािा है – बुधद्ध,
स्िास्थ्य, िैंनगक धभन्नता
 जब ककसी व्यनि का अििोकन ननश्चित पररस्थिनतयों में ककया जाता है तो िह
कहिाता है – ननयंकत्रत अििोकन
 जुंग ने व्यनित्ि का लसद्धांत ददया है – निश्िेर्षात्मक लसद्धांत
 िे बािक / बालिकाएाँ जो पररस्थिनत के आधार पर व्यिहार प्रकट करते हैं –
उभयमुखी
 जुंग ने व्यनित्ि का निभाजन लजस पुस्तक में ककया िह है – Type of men
 अत्यधधक िाचाि, प्रसन्नधचत रहने िािे तथा सामालजक प्रिृनि के धनी व्यनि
का व्यनित्ि होता है – बदहमुख
ण ी
 भारतीय रॅधिकोण से जो बािक काम प्रिृनि के तथा दूसरों का अदहत करने िािे
होते है , उन्हें ककस िगण में रखा गया है – तामलसक
 अचेतन मन का अध्ययन ककया जाता है – मनोनिश्िेर्षण निधधयों द्रारा

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 ननम्न में से व्यनित्ि मापन की निधध नहीं है – एक तत्ि परीक्षण
 समाजधमनत द्रारा अध्ययन करने से बािक के ककस गुण का पता चिता है –
सामालजकता का
 समाजधमनत से सामान्यत: लजन तथ्यों का पता चिता है , िह है – तटस्थता,
नायकगुण, नतरस्कृत
 ननम्न में से व्यनित्ि परीक्षण मापन की प्रक्षेपी निधध नहीं है – मनोनिश्िेर्षण
निधध
 ननम्न में से जो व्यनित्ि परीक्षण की निधध नहीं है, िह है – भ्रमण
 न्यूमैन तथा स्टनण ने व्यनित्ि को ककन भागों में िगीकृत ककया है –
निश्िेर्षणात्मक ि संश्िेर्षणात्मक
 एक संगरठत व्यनित्ि में जो नििेर्षता नहीं पाई जाती है , िह है – झगड़ना
 पसणनेलिटी िब्द की व्युत्पनि िैरटन भार्षा के ककस िब्द से रृई – परसोना
 ”व्यनित्ि, व्यनि में उन मनोिारीररक अिस्थाओं का गनतिीि संगठन है , जो
उसके पयाणिरण के साथ उनका अकद्रतीय सामंजस्य ननधाणररत करता है ।” कथन
है – आिपोटण का
 नालसि लसज्म का सम्बन्ध है – आत्म प्रेम से
 ननम्न में से कौनसी व्यनित्ि मापन प्रक्षेपी निधधयााँ हैं – रोिाण स्याही धब्बा
परीक्षण, प्रासंनगक अंतबोध परीक्षण, बाि संप्रत्यन परीक्षण
 चोरी करना पाप है , अनैननतक है , यह कौन कहता है – सुपर ईगो (परम अहम)
 िरीर रचना पर आधाररत व्यनित्ि के प्रकार ककसने बताए –िेचमर ि िैल्डन ने
 युाँग या जुाँग ने व्यनित्ि के कौन से प्रकार बताए – अंतमुख
ण ी, बदहमुख
ण ीि
उभयमुखी
 रॉयड ने सबसे अधधक बि ककस प्रिृनि पर ददया है – काम प्रिृनि

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 व्यनित्ि को समझने के लिए व्यनित्ि के िीि गुणों का अध्ययन ककस
मनोिैज्ञाननक ने ककया – आिपॉटण
 दहप्पोिेसस ने ककस आधार पर व्यनित्ि का िगीकरण ककया – कफ, नपत्त पर
आधाररत
 दडफेन्स मैकेननज्म (रक्षात्मक तन्त्र) का सम्बन्ध ककससे होता है – अहम्
 िंिानुिम से प्राप्त ननम्नलिखखत कारक व्यनित्ि पर प्रभाि डािते हैं – गि
ग्रंधथ, नपयूर्ष ग्रंधथ, यौन ग्रंधथ
 व्यनित्ि मापन की ननरप्रक्षेपण निधधयााँ बताइए – आत्मकथा
िेखन, प्रश्नाििी, जीिन िृत्त निधध
 उभयमुखी व्यनित्ि िािे व्यनि होते हैं – अंतमुख
ण ी, ि बदहमुणखी
 व्यनित्ि मापन की ककस निधध में ककसी समूह के व्यनियों में से पहिी पसंद का
व्यनि चुनने के लिए कहा जाता है – समाजधमती
 व्यनि के अंतणद्रंद्र के समाधान में प्रमुख स्थान है – उदात्तीकरण
 हमारे मस्तस्तष्क का चेतन भाग होता है – 1/10
 औपचाररक ि अनौपचाररक ककसकी निधधयााँ हैं – साक्षात्कार
 लजस साक्षात्कार के माध्यम से छात्रसे घर तथा आसपास के िातािरण से
सम्बब्धित सूचनाएाँ प्राप्त की जाती है , िह है – ननदानात्मक साक्षात्कार
 व्यनित्ि का ननमाणण प्रारं भ हो जाता है – 0-5 िर्षण में
 ननम्नलिखखत में से कौन सा स्प्रेन्जर के द्रारा ककया गया व्यनित्ि का िगीकरण
नहीं है – सुडौिकाय
 प्रासंनगक अन्तबोध परीक्षण ककसके द्रारा ददया गया – मॉगणन एिं मुरे
 व्यनित्ि का अन्तमुख
ण ता तथा बदहमुणखता के रूप में िगीकरण ददया गया – युग

 ननम्न में से कौन-सा व्यनित्ि का जैनिक ननधाणरक है – आनुिांलिक प्रभाि
 व्यनित्ि का पहिा प्रकारात्मक िगीकरण प्रस्तुत ककया – दहप्पोिेसस नें

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 कैटि द्रारा निश्िेनर्षत ककये गये व्यनित्ि िीिगुणों की संख्या ककतनी हैं – 16
 मुरे ने एक परीक्षण की रचना करके इनतहास रच ददया, िह क्या है – निर्षय
आत्मबोधन परीक्षण
 ननम्न में से प्रश्नाििी व्यनित्ि परीक्षण की कौन सी निधध है – व्यनिननष्ठ
 ननम्न में से ककस मनोिैज्ञाननक का कथन है कक सम्पूणण व्यनियों को उनके
व्यनित्ि के आधार पर दो में से श्रेणी अन्तमुखी अथिा बदहमुणखी में रख सकते
हैं – युग

 व्यनि मापन की िस्तुननष्ठ निधधयों में से कौन सी निधध नहीं मानी जाती है –
अधभज्ञपक प्रश्नाििी
 अन्तमुणखी व्यनित्ि की नििेर्षता है – इसमें सामालजक के गुण कम पाए जाते हैं ।
 व्यनित्ि िब्द की उत्पनि िेरटन भार्षा के ककस िब्द से रृई है – परसोना
 ककिोरािस्था की अिधध है – 12 से 19 िर्षण
 ‘पसणनेलिटी‘ िब्द ककस भार्षा के मूि से लिया गया है – िैरटन
 ‘रोिाण स्याही धब्बा परीक्षण‘ का कौन सा प्रकार है – प्रक्षेपी
 अन्तमुणखी व्यनित्ि की नििेर्षताएाँ हैं – संदेही, िंकािू तथा एकान्तनप्रय रहने
िािे
 ‘ककिोरािस्था बड़े संघर्षण, तनाि ि तूफान की अिस्था है ।‘ यह कथन ककसने कहा
है – स्टे निी हॉि
 िेरटन भार्षा में ‘परसोना‘ का अथण है – मुखौटा
 टी.ए.टी. ( व्यनित्ि ) परीक्षण की कौन सी निधध का प्रकार है – प्रक्षेपी
 ‘िेि लिनप‘ से ककसको पढ़ाना चादहए – अंधे
 सी.ए.टी. व्यनित्ि परीक्षण की कौन सी निधध है – प्रक्षेपी
 अधधगम को प्रभानित करने िािा व्यनिगत कारक है – पररपक्िता एिं आयु
 व्यनित्ि एिं बुधद्ध में िंिानुिम की – महत्िपूणण भूधमका है ।

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 बािक प्रसंग बोध परीक्षण 3 िर्षण से 10 िर्षण की आयु के बािकों के लिए बनाया
गया है । इस परीक्षण में काडण में प्रनतस्थानपत ककये गये हैं – िोगों के स्थान पर
जानिरों का
 ककस मनोिैज्ञाननक ने व्यनित्ि की संरचना के अन्तगणत गत्यात्मकता एिं
स्थिाकृनत पक्ष का अध्ययन ककया – िेनिन ि रायड
 व्यनित्ि स्थायी समायोजन है – पयाणिरण के साथ, जीिन के साथ, प्रकृनत के
साथ
 िांधछत व्यनित्ि होता है – संिग
े ीय स्थिर
 बािक के व्यनित्ि को प्रभानित करने िािा कारक है – िंिानुिम तथा
िातािरण
 ननम्न में से कौन सा कारण बािक के स्िस्थ भािात्मक निकास में सहायक नहीं
है – पररिार एिं निघािय में संिग
े ों का दमन
 ”व्यनित्ि मनोदैदहक व्यिस्थाओं का िह गत्यात्मक संगठन है जो िातािरण के
साथ अपूिण समायोजन का ननधाणरण करता है ।” इन िब्दों में व्यनित्ि की
पररभार्षा दी है – आिपोटण
 छात्र के असामान्य व्यिहारों के अध्ययन के लिए ननम्नांककत में से ककस प्रणािी
का उपयोग सही है – व्यनि इनतहास प्रणािी
 व्यनित्ि के मापन के लिए ननम्न में से कौन सा व्यनि ननष्ठ परीक्षण है – जीिन
कथा परीक्षण
 बच्चों का निकासिीि व्यनित्ि ककसके द्रारा प्रभानित होता है –
ग्रंधथयों, पररिार और निद्यािय में प्राप्त अनुभिों द्रारा
 बदहमुखी व्यनित्ि होता है – प्रबि व्यनि जो सरिता से परेिान हो जाने िािा
नहीं हो।

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 ककसी व्यनित्ि के व्यनित्ि के मापन के लिए व्यनित्ि निधध है – जीिन कथा
या व्यनित्ि निधध या आत्मकथा निधध
 रक्षातंत्र बरृत सहायता करता है – दबाि से ननपटने में
 बदहि मुखी निद्याथी, अन्तमुणखी निद्याथी से ककस नििेर्षता के आधार पर धभन्न होता
है – मन ही मन परेिान होने की अपेक्षा अपनी भािनाओं को अधभव्यक्त करता
है ।
 व्यनित्ि को अन्तमुख
ण ी एिं बदहमुणखी िगो में सबसे पहिे िगीकरण ककसने
ककया – युग

 एकान्त में निश्िास रखने िािा ियनि कहिाता है – अन्तमुणखी
 ननम्न में से कौन सी तकनीक प्रक्षेपण तकनीक नहीं है – व्यनिगत अध्ययन
 व्यनित्ि मापन की एक ‘प्रक्षेपी‘ परीक्षण निधध नीचे दी गई है , पहचाननये –
िब्द साहचयण परीक्षण
 एक सन्तुलित व्यनित्ि िह है लजसमें – इदम् एिं परम् अहम् के बीच सन्तुिन
स्थानपत ककया जाता है ।
 अन्तमुणखी बािक की मुख्य नििेर्षता होती है – एकान्त में रहकर कम बातचीत
करने िािा होता है ।
 मानि व्यनित्ि पररणाम है – आनुिलं िकता और िातािरण की अंतकिया का
 कुछ मनोिैज्ञाननकों के अनुसार व्यनि लजस रूप में व्यिहार करता है , िही
उसका – व्यनित्ि है ।
 व्यनित्ि मापन की व्यनिधनिषष्ठ निधध है – व्यनि इनतहास
 CAT मापता है – व्यनित्ि
 रॉयड ने व्यनित्ि को बााँटा है – इदम्, अहम् तथा परम् अहम् के रूप में।
 मानलसक आरोग्य-निज्ञान से तात्पयण है – संतलु ित एिं व्यिस्थानपत व्यनित्ि का
ननमाणण करना।

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 ईमानदारी के मूल्यांकन के लिए एक अध्यापक कृकत्रमिातािरण सृलजत करता
है , जहााँ बािक पैसा चुरा सकता है । यह एक उदाहरण है – पररस्थिनत परीक्षण
का
 भग्नािा एिं मानलसक द्रन्द्र के कारण है – जैनिकीय एिं भौनतक
कारक, संिग
े ात्मक कारक, सामालजक कारक
 निचारों, भािनाओं तथा अधभिृनियों का संयुक्त जो व्यनि उनके स्ियं के बारे में
रखते हैं , कहिाता है – स्ि-प्रत्तयय
 अिचेतन से प्रयुक्त व्यूह रचना जो अहम को दु:धचन्ता से बचाती है , कहिाती
है – रक्षा युनि
 अंत:स्त्रािी ग्रंधथयााँ व्यनित्ि को प्रभानित करने िािी कैसी कारक है –
आनुिांलिक
 मनो-निश्िेर्षणिाद के लसद्धान्त का प्रनतपादन ककसने ककया – लसग्मण्ड रॉयड
 ननमम्नलिखखत में से ककसने व्यनित्ि निकास में सामालजक अधधगम पर बि ददया
है – बण्डु रा ने
 रोिाण स्याही धब्बा परीक्षण का प्रयोग ककया जाता है – व्यनित्ि मापन के लिए
 मनोनिश्िेर्षणिाददयों के अनुसार मानि व्यिहार का संचािनहोता है – अचेतन
मन द्रारा
 लियोपोल्ड बैिक ने ननम्न में से ककस परीक्षण को निकलसत ककया है – CAT
 प्रक्षेपण निधध द्रारा ककसका अध्ययन ककया जाता है – अचेतन मन का
 व्यनित्ि को उसको सामालजक व्यिहार के आधार पर अंतणमुखी, बदहि मुखी िगों में
निभालजत करने िािा मनोिैज्ञाननक है – युग

 अचेतन मन का अध्ययन ककया जाता है – प्रक्षेपी निधधयों द्रारा
 टी.ए.टी.परीक्षण में काडण की संख्या है – 30
 मानि में गुणसूत्र के ककतने युग्म होते हैं – 23

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 ननम्न में से ककस निकास को राइसोम-21 के नाम से जाना जाता है – डाउन
लसन्ड्रॉम
 ‘सामूदहक अचेतन का सम्प्रत्यय‘ ककसने प्रनतपाददत ककया – युग

 ननम्न में से कौनसी निधध प्रक्षेपी परीक्षण है – टी.ए.टी.
 अंतमुणखी व्यनित्ि के िोग रूधच रखते हैं – स्ियं में
 एक बािक प्रनतददन कक्षा से भाग जाता है , िह बािक है – कुसमायोलजत
 CAT ककसके लिये तैयार ककया गया है – 3-11 िर्षण की आयु िगण के लिए
 मानलसक स्िास्थ्य को अच्छा रखने के लिये ननम्न में से कौन सा तरीका सही
नहींहै – अपनी समस्याएं अपने तक रखें।
 पिायन की मूि प्रिृनि से ननमम्निखखत में से कौन सा संिेग संबंधधत है – भय
 प्रासंनगत अंतणबोध परीक्षण में ननम्नलिखखत में से कौन सी सामग्री का उपयोग
ककया जाता है – धचत्र
 ननमम्नलिखखत में से कौन सा हमारे इब्दिय सुख की इच्छाओं का भण्डार गृह है –
इदम्
 अहम का कायण है – इदम् ि िास्तनिकता के बीच समन्िय की भूधमका ननभाना।
 मनोनिश्िेर्षणिादी लसद्धान्त के जन्मदाता है – रॉयड
 16 पी.एफ.प्रश्नाििी ……….. द्रारा बनाई गई – कैटि
 अत्यधधक िाचाि, प्रसन्नधचत और सामालजकप्रिृनि के व्यनि के व्यनित्ि को
युंग ने नाम ददया – बदहि मुखी
 व्यनित्ि की प्रक्षेपण निधध कौन सी है – रोिाण स्याही धब्बा परीक्षण
 आिपोटण के अनुसार, व्यनित्ि है – अपूिण समायोजन, गत्यात्मक
संगठन, संगरठत मनो-दैदहक तंत्र
 बाि अंतबोध (एपरसेप्िन) परीक्षण का ननमाणण ककसने ककया – बेिोक

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 मादायुग्मक या अण्डाणु में ननम्नांककत में से क्या पाया जाता है –
केिि X गुणसूत्र
 िैल्डन ने व्यनित्ि को ककस आधार पर िगीकृत ककया – िारीररक संरचना
 िेचमर के अनुसार स्थूिकाय प्रकार के व्यनि स्िभाि से होते हैं – प्रसन्नधचत्त
 ननम्नलिखखत में से कौन सा बच्चे के सामालजक निकास में सबसे
महत्तिपूणणभूधमका ननभाता है – खेि
 परामिण साक्षात्कार में सबसे प्रमुख अमौखखक संचार माध्यम है – हािभाि
 सामालजक दूरी मापनी ककसने बनायी – बोगाडणस ने
 ननमम्नलिखखत में से कौन सा व्यनित्ि आकिन की प्रक्षेपण निधध से संबंधधत
है – कहानी रचना
 बच्चे के व्यनित्ि के एक सूत्रीय निकास के लिए मााँ-बाप को चादहए कक िे –
घर में अनुकूि िातािरण प्राप्त करिायें।
 व्यनित्ि का कौन सा भाग समाज के नैनतक मूल्यों और आदिों के आधार पर
निकलसत होता है – परमअहम्
 ननम्न में से कौन व्यिहारिादी नहीं है – लसगमण्ड रॉयड
 ननम्न में से ककसका कोई जैनिकीय आधार नहीं है – संबध
ं न
 ननम्न में से कौन सा व्यनित्ि का भाग ताककिक रूप से ननयंकत्रत है , जो कक
िास्तनिकता के अनयम पर आधाररत है – अहम्
 रॉयड ने ऊजाण का नितरण व्यनित्ि निकास के लजन स्थिों पर ककया है , उनके
नाम है – इदम्, अहम् ि पराहम्
 ककसी छात्र के व्यनित्ि के मूल्यांकन में आप ककसको आधार बनायेंगे – उसके
िारीररक गठन को, उसके मानलसक स्तर को एिं उसके भािात्मक निकास को
 बािक के व्यनित्ि निकास में निद्यािय कब बाधक बन सकता है – जब
निद्यािय प्रिासन आधधकाररक हो।

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 16-PF का प्रयोग ककसके मान हे तु ककया जाता है – व्यनित्ि
 थॉनणडाइक के व्यनित्ि के िगीकरण का आधार है – धचिं तन और कल्पना
 व्यनि जब दूसरे व्यनि को कुछ कायण करते देखकर िह कायण करना सीखता
है , तो यह कहिाता है – अििोकन द्रारा सीखना
 भार्षा निकास में सहयोग करने का कौन सा तरीका गित है – उसकी अपनी
भार्षा के प्रयोग को अमान्य करना।
 अंतमुणखी व्यनित्ि का प्रकार है – मनोिैज्ञाननक प्रकार
 ननम्न में से कौन सी नििेर्षता व्यनित्ि को सीधे प्रभानित करती है – िारीररक
गठन एिं सामालजक व्यिहार, मानलसक एिं आध्यान्तिक योग्यता, संिग
े ात्मक
आयाम तथा अनुभि
 ननम्न में से कौन व्यनित्ि के बुरे प्रबन्धन के लिए लजम्मेदार है – ई्
 ननम्नलिखखत में से कौन सा प्रदत्तकायण प्रनतभािािी निद्याथी के अिए उपयुक्त
है – निधभन्न निर्षयों को ध्यान मे रखते रृए निज्ञान की एक नई आदिाणत्मक
पुस्तक का ननमाणण करना।
 ननम्न में से कौन सा कथन बच्चे के निकास में पररिेि की भूधमका का समथणन
करता है – कुद निद्याथी सूचनाओं का जल्दी प्रिमण करते हैं जबकक उसी
कक्षाकेअन्य निद्याथी ऐसा नहीं कर पाते।
 बाि निकास का अध्ययन क्षेत्र है – बाि निकास की निधभन्न अिस्थाओं का
अध्ययन, िातािरण का बाि निकास पर पड़ने िािे प्रभािों का
अध्ययन, िैयनिक निधभन्नताओं का अध्ययन।
 अपने ऊजाणबि को बाहर की ओर अधभव्यक्त करने िािे व्यनि का प्रकार होता
है – बदहमुख
ण ी व्यनित्ि
 प्रभािी और स्थायी लिक्षा ग्रहण करने के लिए निद्याथी के पास होना चादहए –
योग्यता और अधभप्रेरणा का िांधछत स्तर

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 गाडणनर के बरृ-बुधद्ध के लसद्धान्त के अनुसार, िह कारक जो व्यनि के ‘आत्म-
बोध‘ हे तु सिाणधधक योगदान देगा, िह हो सकता है – अन्त:िैयनिक
 आपकी कक्षा में कुछ बच्चे हैं जो गिनतयााँ करते हैं । इस पररस्थिनत का आपके
निश्िेर्षण के अनुसार इनमें से कौन सा कथन सिाणधधक उपयुक्त है – बच्चों ने
अभी तक संकल्पनात्मक स्पष्टता प्राप्त नहीं की है तथा आपको अपनी लिक्षण
निधध पर धचन्तन करने की आिश्यकता है ।
 बरृतान्तत्वक लसद्धान्त ककसने ददया – थॉनणडाइक
 िे बािक जो अपनी आयु से एक दजाण नीचे के बािक के लिए बनाए गए कायण
को अच्छी तरह सम्पन्न नहीं कर पाते हैं , उन बािकों को ककस श्रेणी में रखा
जाएगा – नपछड़े बािक
 िे बािक लजन्हें अध्यापक के प्रयासों एिं अधभप्रेरणा के माध्यम से सामान्य
बािक की श्रेणी में िाया जा सकता है – नपछड़े
 ककसने कहा कक बुधद्ध सीखने की योग्यता है – बककिंघम
 गैरेट ने बुधद्ध के ककतने प्रकार माने – तीन
 ननम्न में से बुधद्ध के कौन से लसद्धान्त है – एक खण्ड का लसद्धान्त, दो खण्ड का
लसद्धान्त, तीन खण्ड का लसद्धान्त
 िस्तुओं के संग्रहण का काि है – 7-11 िर्षण
 बािक में अमूतण धचिं तन का निकास हो जाता है – 11-15 िर्षण
 बुधद्ध के प्रनतदिण लसद्धान्त का प्रनतपादक है – थॉमसन
 अिाब्दिक सामूदहक परीक्षण है – आमी बीटा परीक्षण
 एक बािक की बुधद्ध िब्धि 85 है तो िह बािक है – मंद बुधद्ध
 बुधद्ध का पदानुिधमक लसद्धान्त का ननमाणण ककसने ककया – बटण ि बनणन
 बुधद्ध की कत्र- निमीय संरचना ककस मनोिैज्ञाननक ने प्रनतपाददत की – नगल्फडण
 ननम्न में से नगल्फडण की संरचना में सन्तिलित निमा नहीं है – मूल्यांकन

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 बुधद्ध िमब्ध ( I.Q.) िब्द का उपयोग सिणप्रथम ककया – टरमन
 बुधद्ध का बरृकारक / बरृतत्ि ककसने प्रनतपाददत ककया – थॉनडाइक
 अल्रेड नबने ककस देि के ननिासी थे – रांस
 बुधद्ध परीक्षणों का जन्मदाता कहा जाता है – नबने
 ककस मनोिैज्ञाननक ने बुधद्ध को असंख्य तत्िों से ननधमि त बताया है – थॉनणडाइक
 ककस मनोिैज्ञाननक ने स्पीयरमैन के सामान्य कारक का खण्डन ककया है –
थॉनणडाइक
 बुधद्ध के कत्रतत्ि लसद्धान्त में स्पीयरमैन ने तीसरा तत्ि (जो उन्होंने अपने कद्रतत्ि
लसद्धान्त में नहीं बताया था) जोड़ा – समूह तत्ि
 बुधद्ध का निभाजन ककन िैज्ञाननकों ने ककया – थानणडाइक ि गैरेट
 व्यनि अनोखे कायण करता है , लजससे समाज में उसकी पहचान बनती है, यह बुधद्ध
का कौन सा कारक है – निलिष्ट
 इं जीननयर अपने कायाणिय में बैठकर ककसी मकान का प्रारूप बनाता है , बुधद्ध के
ककस प्रकार के माध्यम से– अमूतण
 ”अमूतण निचारों के निर्षय में सोचने की योग्यता ही बुधद्ध है”, यह कथन है –
टरमन
 अमूतण बुधद्ध में ककनका प्रयोग अधधक ककया जाता है – िब्दों का, अंको
का, प्रतीकों का
 ”बुधद्ध अमूतण निचारों के बारे में सोचने की योग्यता है ।” यह कथन है – टरमन
 नगिफॉडण का बुधद्ध संबंधी लसद्धान्त है – कत्रआयामी लसद्धान्त
 ”हीरों के लिए हम खुदायी करते है ि स्िणण को िुद्ध करते है ककन्तु प्रनतभा का हम
नाि कर रहे है ।” यह कथन है – के. एन. दत्त.
 एक 5 िर्षाणय बािक की बुधद्ध परीक्षा के आधार पर मानलसक आयु 8 िर्षण लसद्ध
रृई, तो िह बािक ककस िगण में आयेगा – अनत प्रखर बुधद्ध

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 बािक राम को बगीचे में िे जाकर हररयािी से पररधचत करिाया जाता है , राम
को निद्यािय में हररयािी पर ननबंध लिखने को कहा जाता है , यहॉं बुधद्ध का कौन
सा प्रकार कायण करेगा – अमूतण
 बुधद्ध के कौन से प्रकार को मृदुि बुधद्ध कहा जाता है – िामब्दक
 सूक्ष्म समस्याओं को धचिं तन-मनन द्रारा हि करने का कायण ककस बुधद्ध का है –
अमूतण बुधद्ध
 मूतण बुधद्ध को इस नाप से भी जानते हैं – गत्यात्मक, यांकत्रक बुधद्ध
 व्यनि के ननणणय िेने, तकण करने तथा उपयोगी-अनुपयोगी का चयन करने की
योग्यता है – बुधद्ध
 ननम्न में से बुधद्ध की नििेर्षता नहीं है – लििं ग के आधार पर बुधद्ध में भेद होता है ।
 12 िर्षीय निघाथी सोहन की बुधद्ध-िब्धि 75 है । उसकी मानलसक आयु िर्षों में
क्या होगी – 9
 टरमन के अनुसार अत्युत्कृष्ट रखते हैं – 120-125 बुधद्धिब्धि
 बुधद्ध कर कद्रकारक लसद्धांत ककसके द्रारा ददया गया – स्पीयरमैन
 ननम्नलिखखत में से कौन-सा नगिफडण के कत्रनिमीय बुधद्ध लसद्धांत के ‘निर्षय-िस्तु
आयाम‘ का घटक नहीं है – प्रणािी
 मानलसक आयु की अिधारणा को निकलसत ककया था – नबने
 ननम्न में से कौन-सा संिेगात्मक बुधद्ध का तत्ि नहीं है – उद्यमी सामथ्यणता
 बुधद्ध-िब्धि सम्प्रत्यय निकलसत ककया – टमणन ने
 सामान्य तथा निलिष्ट कारक लसद्धान्त का प्रनतपादन ककया था – स्पीयरमैन ने
 लजन बािकों की बुधद्ध-िब्धि है , साधारणत: उन्हें मानलसक न्यूनता ग्रलसत की
श्रेणी में रखते है – 70 से कम
 व्यािहाररक बुधद्ध को कहा जाता है – मूतण बुधद्ध
 बुधद्ध के कत्रआयामी लसद्धांत के अनुसार बुधद्ध के कारक की संख्या है – 120

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 ननम्न में से नगिफोडण ने कौन सा बुधद्ध का लसद्धांत का प्रनतपाददत ककया – बुधद्ध-
संरचना लसद्धान्त
 ननम्न में से बुधद्ध का बरृखंड लसद्धांतप्रनतपाददत ककया – थानणडाइक
 थानणडाइक का बुधद्ध सम्बन्धी लसद्धांत है – बरृतत्ि लसद्धान्त
 बुधद्ध के समूह-कारक (तत्ि) लसद्धांत के प्रणेता (प्रितणक) हैं – थस्टण न
 ‘पुरूर्ष स्तस्त्रयों की अपेक्षा ज्यादा बुधद्धमान होते हैं ।‘ यह कथन – िैंनगक पूिाणग्रह
 एक बािक की आयु 12 िर्षण है । नबने का बुधद्धपरीक्षण करने पर िह 15 िर्षण के
सामान्य बािक के समान अंक प्राप्त कर सका, उसका सही बुधद्ध िब्धि ककस
निकल्प में दी गई है – 125
 एक बािक लजसकी बुधद्धिब्धि 105 है उसे िगीकृत ककया जाएगा – सामान्य
बुधद्ध
 अिाब्दिक बुधद्ध परीक्षणों का प्रयोग ककया जा सकता है – अलिलक्षत के लिए
 आप देखते हैं कक एक छात्र बुधद्धमान है, आप – िह जैसे अधधक प्रगनत कर सके
उस अनुप्ररे रत करेंग।े
 सामान्य बािक का बुधद्ध-िब्धि स्तर क्या होता है – 91-110
 बुधद्धिब्धि मापन के जन्मदाता हैं – टरमन
 जड़ बुधद्ध िािे बािक की बुधद्ध िब्धि ककतनी होती है – 70 से कम
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन सत्य है – बुधद्ध का लििं ग के साथ सम्बन्ध नहीं
है
 एक 11 िर्षीय बािक, लजसकी मानलसक आयु 10 िर्षण है , ककस श्रेणी में
आएगा – औसत बुधद्ध
 एक 16 िर्षीय ककिोर की मानलसक आयु 15 िर्षण है , िह ककस श्रेणी में आएगा –
औसत

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 अधधकांि व्यनियों की बुधद्ध औसत होती है , बरृत कम िोग प्रनतभा सम्पन्न होते
हैं और बरृत कम व्यनि मंद बुधद्ध के होते हैं , यह कथन के प्रनतस्थानपत लसद्धान्तों
पर आधाररत है – बुधद्ध के नितरण
 ई.क्यू. एिं आई. क्यू. उदाहरण हैं – मानक प्रदत्त
 एक 12 िर्षीय बािक की मानलसक आयु 10 िर्षण है , िह ककस श्रेणी में आएगा –
मंद बुधद्ध
 0 से 25 बुधद्ध िब्धि को कहते हैं – जड़ बािक
 नगिफोडण के बुधद्ध सम्बन्धी मॉडि् में ननम्न में से कौन सा आयाम नहीं है –
निलिष्ट तत्ि
 बुधद्ध के बरृकारक लसद्धान्त के प्रनतपादक हैं – थानणडाइक
 नपछड़े बािकों की बुधद्ध िब्धि होती है – 80 से 90 के बीच
 जड़ बािकों की बुधद्ध िब्धि होती है – 25 से कम
 नगिफोडण के बुधद्ध सम्बन्धी लसद्धान्त है – कत्रआयामी लसद्धान्त
 अिधारणाओं का निकास मुख्य रूप से सम्बब्धित है – बौधद्धक निकास से
 मानलसक रूप से निकिांग से ननम्नलिखखत में से कौन सम्बब्धित नहीं है –
असामालजक कायण
 बुधद्ध के कद्र-कारक लसद्धान्त का प्रनतपादन ककसने ककया – स्तियरमैन
 बुधद्धमता का सम्बन्ध ककससे है – केन्रीय धचन्तन से, बरृआयामी धचिं तन
से, सृजनात्मकता से
 निलिष्ट बािक का सम्बन्ध होता है – बुधद्ध से
 ननम्न में से ककसका ननश्चय केिि आनुिंलिकता के आधार पर होता है – बुधद्ध
 भािात्मक बुधद्ध का पाररभानर्षक िब्द देने िािे निद्रान हैं – डेननयि गोिमेन
 भािात्मक बुधद्ध का प्रमुख प्रसंग है – अपने स्ियं की भािनाओं को
जानना, अपने भािों को व्यिस्थित करना, दूसरे की भािनाओं को पहचानना।

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 एक लिक्षाथी की बुधद्ध िब्धि का ज्ञान एक लिक्षक के लिए उपयोगी
है , क्योंकक – लिक्षण कायण को सफि एिं प्रभािी बनाने में
 बुधद्ध-िब्धांक के आधार पर निधभन्न समूहों में निद्याधथि यों का िगीकरण उनकी
स्ि-गररमा को ……… है और उनके िैक्षखणक ननष्पादन को ……. है –
बढ़ाता; बढ़ाता
 िारीररक-गनतक बुधद्ध रखने िािे बच्चे की अंनतम अिस्था ननम्नलिखखत में से
कौनसी हो सकती है – िल्य धचककत्सक
 बरृनिध बुधद्ध लसद्धांत के अनुसार सभी प्रकार के पिुओं, खननजों और पेड़-पौधों
को पहचानने और िगीकृत करने की योग्यता …….. कहिाती है – प्राकृनतक
बुधद्ध
 नगिफोडण के बुधद्ध सम्बन्धी मॉडि में कुि कोष्ठ (खाने) हैं – 120
 ……………… के अनतररक्त बुधद्ध के ननम्नलिखखत पक्षों को स्टनणबगणके कत्रतंत्र
लसद्धान्त में संबोधधत ककया गया है – सामालजक
 हािडण गाडणनर का बुधद्ध का लसद्धान्त ………. पर बि देता है – प्रत्येक व्यनि की
नििक्षण योग्यताओं
 ककसी 10 िर्षीय बािक की मानलसक आयु 14 िर्षण है , िह कहिाएगा –
प्रनतभािािी
 जो बुधद्ध लसद्धान्त बुधद्ध में सन्तिलित मानलसक प्रकियाओं (जैसे परा-घटक) और
बुधद्ध द्रारा लिए जा सकने िािे निनिध रूपों (जैसे सृजनात्मक बुधद्ध) को िाधमि
करता है , िह है – स्टनणबग का बुधद्धमता का कत्रतंत्र लसद्धान्त
 ‘बुधद्ध िह तत्ि है , जो सब मानलसक योग्यताओं में सामान्य रूप से सन्तिलित
रहता है । पररभार्षा इस िताब्दी की सबसे महत्िपूणण मनोिैज्ञाननक खेज का
प्रनतष्ठापन करती है ।‘ यह कथन ककसका है – रेक्स ि नाइट
 अन्तिैयनित्क बुधद्ध से तात्पयण है – निधभन्न व्यनियों को समझने का कौिि

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 बुधद्धिब्धि के संबंध में क्या सत्य है – कािानुिधमक आयु से व्युत्िमी संबधं धत
 बुधद्धका तरि मोजेक मॉडि ककसने ददया था – कैटे ि
 चेस तथा काडण के ननम्न में से ककस में िगीकृत ककया जा सकता है – बौधद्धक
खेि
 ननम्नलिखखत में से कौन सा किया ननष्पादन प्रकार के बुधद्ध परीक्षण का उदाहरण
नहीं है – सरि गखणत समस्याएाँ हि करना।
 एक बािक लजसकी बुधद्धिब्धि 125 है , ककस िगण में आएगा – उच्च प्रखर
 एक व्यनि जो निधभन्न संिेगों की पहचान तथा महसूस करने और संिेगों पर
ननयंत्रण की उच्च योग्यता रखता है, उच्च होगा – EQ पर
 एक बािक लजसकी रॅश्य संसार का िुद्धता से प्रत्यक्षीत करने की क्षमता अधधक
है िह उच्च होगा – स्थाननक बुधद्ध पर
 बुधद्ध के कियात्मक परीक्षण उपयोगी है – बािकों के लिए, गूग
ाँ े और बहरों के
लिए, ननरक्षरों के लिए
 एक दस िर्षण के बािक जो उन पदों पर सफि रहा है लजन पर अधधकांि 6
िर्षीय बािक सफि होते हैं ,की मानलसक आयु मानी जायेगी – 6
 ननम्नलिखखत में से कौन सा बुधद्ध का लसद्धान्त संज्ञानात्मक प्रकिया पर आधाररत
है –नगल्फडण कत्रआयामी लसद्धान्त
 बुधद्ध के सूचना प्रिम (प्रोसेलसिं ग) उपागम का िणणन ककसने ककया – स्टनणबगण
 स्पीयरमेन के अनुसार, सभ संज्ञानात्मक कायों में िाधमि मानलसक ऊजाण या
क्षमता को क्या नाम ददया – जी-कारक
 गाडणनर के अनुसार, अन्य व्यनियों की मनोदिा, स्िभािों, अधभप्रेरणाओं और
इच्छाओं को समझकर उसमें निभेदन करने की योग्यता कहिाती है –
अंति
ण य
ै निक बुधद्ध
 बुधद्ध का कौन सा प्रकार गाडणनर द्रारा नहीं सुझाया गया – सांस्कृनतक

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 अमूतण बुधद्ध ककसी व्यनि की मदद करती है – समस्याएाँ सुिझाने में
 एक सफि इखिरीयर दडजाइनर में ककस तरह की बुधद्ध की प्रबििीिता होती
है – अमूतण बुधद्ध की
 बुधद्ध का कत्रआयामी मॉडि का प्रनतपादन ककसने ककया है – नगिफोडण ने
 गाडणनर ने बुधद्ध के ककतने प्रकार बताये हैं – 9
 पास एिांग टे स्ट का निकास ककसने ककया है – डब्ल्यू पी. एिैक्जेण्डर ने
 ‘बुधद्ध की गुणििा स्नायु तंतुओं की मात्रा पर ननभणर रहती है ।‘ बुधद्ध के मात्रा
लसद्धान्त से संबंधधत यह कथन ककसका है – थॉनणडाइक
 बच्चों हे तु िेश्िर बुधद्ध मापनी के ककस परीक्षण में संख्याओं को बढ़ते िम में
प्रस्तुत कर बािक को भी उसी िम में या उल्टे िम में संख्याओं को दोहराने हेतु
कहा जाता है – अंक निस्तार
 नगिफोडण के अनुसारननम्न में से बुधद्ध का आयाम नहीं है – संज्ञान
 बुधद्ध का िैज्ञाननक मापन सिणप्रथम ककसने प्रारं भ ककया – नबने
 गाडणनर के बरृ-बुधद्ध के लसद्धान्त के अनुसार, िह कारक जो व्यनि के ‘आत्म-
बोध‘ हे तु सिाणधधक योगदान देगा, िह हो सकता है – अंत:िैयनिक
 ननम्नलिखखत में से कौन सा सामूदहक अिाब्दिक बुधद्ध परीक्षण है – आमी बीटा
टै स्ट
 हम सभी अपनी बुद्ध, प्रेरणा, अधभरूधच, आदद के संदभण धभन्न होते हैं । यह
लसद्धान्त संबधं धत है – िैयनिक धभन्नता से
 इनमें से कौन सा कत्रतंत्रीय लसद्धान्त में व्यािहाररक बुधद्ध का अधभप्राय नहीं है –
केिि अपने निर्षय में व्यािहाररक रूप से निचार करना।
 ननरथणक िब्द ननमाणण सिणप्रथम ककसने ककया – एनबिं गहास
 बुधद्धका/के स्त्रोत है – आनुिांलिक, अधधगम का पररणाम, स्ि तथा िातािरण
की अंतकण िया

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 स्पीयरमैन के अनुसार, बुधद्ध का बढ़ना ककस आयु में आकर रूक जाता है – 16
िर्षण
 बुधद्ध के अंतगणत सामान्य योग्यता का कारक कौन से मनोिैज्ञाननक ने बताया –
स्पीयरमैन ने
 सामान्य व्यनि की बुधद्ध िब्धि होती है – 100
 गोिमेन संबंधधत है – सांिने गक बुधद्ध से
 ‘बरृ-बुधद्ध लसद्धान्त‘ को िैध नहीं माना जा सकता, क्योंकक – निधभन्न परीक्षणों
के अभाि में धभन्न बुधद्धयों (different intelligences) का मापन सम्भि
नहीं है ।
 एक बािक की मानलसक आयु 14 ि िास्तनिक आयु 11 िर्षण है , तो उसकी
बुधद्धिब्धि क्या होगी – 127
 कक्षा 6 के बच्चे का औसत आई क्यू होगा – 100
 बुधद्ध का कत्रआयामी लसद्धान्त है – नगिफोडण का
 बुधद्ध-स्तर के मापक को सही रूप में ननमाणण ककया है – टरमन
 बुधद्ध के निर्षय में आधुननक अिधारणा है – निीन पररस्थिनतयों के
प्रनतसमायोजन का गुण।
 बैटरी ननष्पादन परीक्षण रचे गए है – भारटया
 बरृिादी बुधद्ध ज्ञान को अनेक पद्धनतयों से प्रदान कर एक से अधधक कौििों को
प्रकट करती है । यह निचार है – गाडणनर
 आप प्रारं धभक कक्षा के निद्याधथि यों के बुधद्ध परीक्षण के लिए क्या उपयुक्त
समझते हैं – कियात्मक बुधद्ध परीक्षण
 एक अध्यापक के लिए बुधद्ध परीक्षण की क्या उपयोनगता है – अध्यापन एिं
निर्षय परीक्षण में इसे आधार बनाया जा सकता है ।

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 बुधद्ध के सम्बन्ध में ननम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है – बुधद्ध की िम्बित्
बुधद्ध जीिन पयणन्त होती है ।
 कल्पना का लिक्षा में क्या स्थान है – सृजनात्मकता में सहायक
 निधभन्न श्रेणीके मंददत बािकों को दिाणयी गई सही औसत बुधद्ध का चयन
कीलजए – नपछड़ा बािक – 80 से 99
 ‘संिेगात्मक बुधद्ध : बुधद्धिब्धि से अधधक महत्िपूणण क्यों‘, पुस्तक के िेखक हैं –
डेननयि गोिमेन
 एक बािक लजसकी मानलसक आयु 12 िर्षण तथा कािानुिधमक आयु 10 िर्षण
है , उसकी बुधद्धिब्धि होगी– 120
 ननम्न में से ककन मनोिैज्ञाननकों ने संिेगात्मक बुधद्ध पर काम ककया – हािडण
गाडणनर, डेननयि गोिमेन, जॉन डी मेयर ि पीटर साििे
 ‘बुधद्ध इन चार िब्दों में ननदहतहै – ज्ञान, आनिष्कार, ननदेि, आिोचना।‘ यह
कथन ककस मनोिैज्ञाननक का है – अिरेड नबने
 संिेगात्मक बुधद्ध को िोकनप्रय बनाने का श्रेय ककसको जाता है – डेननयि
गोिमैन
 ककसी समुदाय में आसानी से संबंध बनाने ि समायोलजत होने की
क्षमताकहिाती है – सांिने गक बुधद्ध
 पररिार बच्चे को ननम्न प्रकार से लिक्षा देता है – अनौपचाररक रूप से
 नगिफोडण द्रारा प्रनतपाददत बौधद्धकता रचना मॉडि में ककतने तत्िों को सन्तिलित
ककया गया है – 120
 भूख एक चािक है और भोजन एक – उद्दीपक
 अधभप्रेरणा प्रदान करने में कौन महत्तिपूणण भूधमका ननभाता है – लिक्षक
 संप्रेर्षण से आिय है – निचारों का आदन-प्रदान

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 लिक्षक बािक के व्यिहार में ककस तरह पररितणन कर सकता है – पुरस्कार,
प्रसंिा, भत्सणना द्रारा
 लिक्षा में अधभप्रेरणा का महत्त्ि दिाणने िािा नबन्दु नहीं है – खेिकूद
 अधभप्रेरणा का ननम्न में से कौनसा लसद्धान्त नहीं है – उद्दीपन अनुकिया का
लसद्धान्त
 ककसे ‘ज्ञान की प्रथम सीढ़ी’ माना जाता है – संिदे ना
 िेनिन के अनुसार व्यिहार, व्यनि तथा िातािरण कायण हैं । इन्होनें ककस लसद्धान्त
में इस बात को महत्ति ददया है । – क्षेत्रीय लसद्धान्त
 मैं पुस्तक पढ़ना पसंद करता रॄाँ क्योंकक –ननम्न में से आंतररक अधभप्रेरणा का
कथन है – पुस्तक पढ़ने से मुझे आनंद धमिता है ।
 प्रेरकों के िगीकरण में ननम्नलिखखत में से कौनसा सही नहीं है – व्यािहाररक
 अधभप्रेरणा से सम्बब्धित व्यिहार का िक्षण है – उत्सुकता
 स्िधारणा अधभप्रेरक है – चेतािनीपूणण आन्तररक धारणा
 स्िाभानिक प्रेरकक है – अनुकरण
 अधभप्रेरणा को प्रभानित करने िािे कारक है – आिश्यकताएाँ, आकांक्षास्तर एिं
रूधच, संिग
े ात्मक स्थिनत
 िह कारक जो व्यनि को कायण करने के लिए उत्साह बढ़ाता या घटाता है , उसे
कहते हैं – अधभप्रेरणा
 ऐसे प्रेरक जो व्यनि जन्म के साथ ही िेकर आता है , िह है – जन्मजात प्रेरक
 अलजि त प्रेरक के अन्तगणत आते हैं – जीिन िक्ष्य ि मनोिृनियााँ, मद-व्यसन,
आदत की निििता
 कौन सा प्रेरक अलजि त प्रेरक नहीं है – िोध
 निद्यािय में पुरस्कार के िाभ है – आनन्द प्रानप्त, मनोबि की िृधद्ध, उत्साहिद्धण क

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 ‘अधभप्रेरणा अधधगम का सिोत्कृष्ठ राजमागण है ’ अधभप्रेरणा के बारे में यह कथन
है –स्तिनर का
 ननम्न में से जो अधभप्रेरणा का िक्षण नहीं है , िह है – धचिं ता
 प्यास एक तरह की – चिीय आिश्यकता है ।
 ननम्न में से कौन से प्रिम का उपयोग एक अच्छा अध्यापक नहीं करेगा –
प्रिोभन
 मैक्लििैंड का योगदान ननम्नांककत में से ककस क्षेत्र में सबसे प्रमुख है – उपिब्धि
अधभप्रेरक
 ‘मूि प्रिृनि अधभप्रेरणा लसद्धान्त’ के प्रितणक कौन कहिाते हैं – उपिब्धि
अधभप्रेरक
 ”मोटोिेिन” िब्द की उत्पनि ककस भार्षा के िब्द से रृई है – िेरटन
 ऐसा कौन सा अधभप्रेरणाकालसद्धान्त है जो कक संकल्प िनि पर बि देता है –
ऐस्तच्छक लसद्धान्त
 ननम्न में से अधभप्रेरणा का कौनसा स्त्रोत है – आिश्यकता,चािक, उद्दीपन
 ककस निद्रान के अनुसार प्रेरकों का िगीकरण ”जन्मजात ि अलजि त” है – मैस्िो
 मैस्िो के अनतररक्त ककन निद्रानों ने प्रेरकों का िगीकरण ककया – मैरेट ि
थामसन ने
 दण्ड एिं प्रनतस्पधाण के माध्यम से उत्पन्न अधभप्रेरणा का प्रकार है – बाह्य
 िोध एिं भय प्रेरक है – मनोिैज्ञाननक
 ”अधधगम आधाररत प्रकिया में अधभप्रेरणा, किया तथा पुनबणिन ननदहत है ”, कथन
है – सोरेन्सन
 प्रेरक व्यिहार को – ददिा प्रदान करते हैं ।
 दिाएाँ जो कायण करने को प्रेररत करती हैं , उसे कहते हैं – अधभप्रेरणा
 ककस अधभप्रेरणा को ‘बाह्य प्रेरणा’ भी कहते हैं – नकारात्मक प्रेरणा

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 प्राथधमक कक्षा के निद्याधथि यों को अधभप्रेरणा प्रदान करने हे तु उत्तम उपाय है –
पुरस्कार
 कौन सा अधभप्रेरणा का प्रभाि अधधगम को प्रभािी बनाता है – अधभप्रेरक हमारे
व्यिहार को ननदेलित करते हैं । निद्याधथि यों के सीखने में गुणात्मकता बढ़ाती है ।
छात्रों के सीखने की गनत तीव्र होती है ।
 कौन सा अधभप्रेरणा का घटक नहीं है – रटन्तस्मृनत
 ननम्न में से कौन सा उदाहरण अलजि त प्रेरक का है – रूधच
 अधभप्रेरणा िखणि त होती है – भािात्मक जागृनत द्रारा
 सिक्त अधभप्रेरणा सीखने का प्रभाििािी घटक है – िीघ्र सीखता है ।
 कौन सा जैनिक आिश्यकता कम जरूरी है – यौन
 अधधगम तक परृाँचाने के राजमागण को कहते हैं – अधभप्रेरणा
 ‘स्नेह प्राप्त करने की इच्छा’ अधभप्रेरणा संदभण में क्या है – स्िाभानिक अधभप्रेरक
 किया को आरं भ करने, जारी रखने तथा ननयंकत्रत रखने की प्रकिया है –
अधभप्रेरणा
 ननम्नलिखखत में से अधधगम को अधभप्रेररत करने का कौन सा तरीका कम-से-
कम काम में िाना चादहए – पुरस्कार
 मैंने एक बच्चे को एक अिधारणा समझाने का प्रयास ककया, पर िह इसे नहीं
समझ पाया, परन्तु कुछ िर्षों बाद जब उसी बच्चे को इस अिधारणा को समझाने
का प्रयास ककया तो बच्चा तुरन्त समझ गया। ऐसा होने का कारण है –
पररपक्िता
 ननम्न में से उपिधद्ध अधभप्रेरणा पर ककन िोगों ने काम ककया – मैक्लििैंड एिं
एटककन्सन

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 लिक्षा की प्रकिया में प्रेरणा का महत्ि है । इस बात को ध्यान में रखें तो अध्यापक
को ननम्न में से कौन सा कायण नहीं करना चादहए – इनामों का प्रिोभन देकर
बािाकें में प्रनतद्रंकद्रता पैदा करना।
 ननम्न में से कौन सा तत्ि अधभप्रेरणा के स्त्रोत से संबंधधत नहीं है – मूि प्रिृनि
 अधभप्रेरणा के संदभण में ‘प्यास’ है – अन्तनोद
 ककसको अधभप्रेररत लिक्षण का संकेतक माना जाता है – निद्याधथि यों द्रारा प्रश्न
पूछने
 अधभप्रेरणा की व्याख्या जन्मजात मूि प्रिृनियों के आधार पर की जा सकती है ,
ककसने कहा है – मैक्डू गि ने
 ननम्नलिखखत में से कौन सा जन्मजता प्रेरक नहीं है – आदत
 बाह्य अधभप्रेरणा में समािेलित ककया जाएगा – प्रिंसा ि दोर्षारोपण,
प्रनतद्रब्दिता, पुरस्कार एिं दण्ड, पररणाम का ज्ञान
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन सही नहीं है – आिश्यकतािंचना की
िारीररक अिस्था नहीं है ।
 ननमम्नलिखखत में से कौन सा प्रेरणा का स्त्रोत नहीं है – तुधि
 ननम्नलिखखत में से कौन सी नििेर्षता आंतररक रूप से अधभप्रेररत बच्चों के लिए
सही नहीं है – िे हमेंिा सफि होते हैं ।
 पुरस्कार एिं दण्ड है – कृकत्रम प्रेरक
 ननम्नलिखखत में से कौन सा एक अधभप्रेररत लिक्षण का संकेत होता है – बच्चों
द्रारा प्रश्न पूछना।
 मूि प्रिृनियााँ कैसी होती है – जन्मजात
 ननम्नलिखखतमें से जन्मजात अधभप्रेरक कौन सा है – ननरा
 ननम्न में से कौन से प्रेरकों का िगीकरणगैरेट द्रारा ककया गया – दैदहक,
मनोिैज्ञाननक एिं सामालजक

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 अधभप्रेरणा पर ककस कारकका प्रभाि नहीं पड़ता है – भौनतक संरचना
 नगिफोडण के अनुसार संिेगों का प्रकार नहीं है – निीन
 ननम्नलिखखत में से जन्मजात अधभप्रेरक नहीं है – रुधच
 एक अध्यानपका यह सुननश्चित करना चाहती है कक उसके निद्याथी आंतररक रूप
से प्रेररत है । इस संदभण में िह करेगी – अंनतम पररणाम पर ध्यान देने के बजाय
व्यनिगत रूप से बच्चों की अधधगम की प्रकियाओं पर ध्यान देना।
 ककसी व्यनि को सामालजक रॅधि से स्िीकृत कायणकरने हे तु कौन सी प्रेरक प्रेरणा
देता है – स्िीकृनत प्रेरक
 प्रेरक प्राणी में निद्यमान िारीररक एिं मनोिैज्ञाननक दिाएाँ हैं जो उसे ननश्चित
निधधयों के अनुसार कायण करने के लिए उत्तेलजत करती है । प्रेरक की इस
पररभार्षा को देने िािे हैं – गेसस एिं अन्य
 ननम्नलिखखत में से कौन सी प्रेरणा की निधध नहीं है – व्यिहार में पररितणन
करना।
 ननम्न में से कौन सी जन्मजात या आंतररक अधभप्रेरणा नहीं है – उपिब्धि की
आिश्यकता
 अधभप्रेरणा से सम्बब्धित सही िम इं नगत कीलजए – आिश्यकता-प्रणोद-
प्रोत्साहन
 ककिोरािस्था में हदियों में अधधक िृधद्ध होती है – भुजाओं और टााँगों की
 प्रेरकों का िगीकरण अनेक निद्रानों ने ककया मैस्िों द्रारा ककया गया िगीकरण
सही ढं ग से ननम्न में से ककस निकल्प में ददया गया है – जन्मजात एिं अलजि त
 अधभप्रेरणा के संदभण में ‘भूख’ है – अन्तनोद
 सीखने की प्रकिया में अधभप्रेरणा – बच्चों में सीखने के प्रनत रुधच का निकास
करती है ।

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 ननम्न में से कौन सा उदाहरण अधभप्रेरणा का पररणाम नहीं है – जगन ने श्िास
िेने की प्रकिया में रुधच ददखानी प्रारम्भ कर दी।
 प्रेरणा का स्त्रोत ननम्नलिखखत में से कौन सा नहीं है – आदत
 एक अध्यापक को ननम्न में से ककस कथन से सहमत होना चादहए – बाह्य
अधभप्रेरणा तब होती है , जब अधधगमकताण बाह्य पुरस्कार प्राप्त करने के लिए
कायण करते हैं ।
 ननम्न में से कौन सा उदाहरण बान्डु रा के अििोकन आधाररत अधधगम का नहीं
है – स्कूि की घंटीबजने पर अपने बस्ते बंद कर िेना।
 ‘अधभप्रेरणा सामान्य किया-किापों का प्रभाि है , जो प्राणी के व्यिहार को इं नगत
और ननदेलित करता है ।’ यह पररभार्षादी – जॉनसन
 एक निद्याथी मेदडकि कॉिेज में दाखखिा िेने के लिए करठन पररश्रम करता है
ताकक िह प्रिेि परीक्षा में उत्तीणण हो सके। यह निद्याथी …… से अधभप्रेत है –
आंतररक
 आंतररक रूप से अधभप्रेररत निद्याथी – के लिए बाह्य पुरस्कार उसकी अधभप्रेरणा
को बनाए रखने के लिए पयाणप्त नहीं है ।
 उपिब्धि अधभप्रेरणा है – चुनौतीपूणण कायण करने में डटे रहने की प्रिृनि
 ननमम्नलिखखत में से कौन सा मानलसक रूप से स्िस्थ्य व्यनि का िक्षण है –
सहनिीिता, आत्मनिश्िास, संिग
े ात्मक पररपक्िता
 जब पूिण का अधधगम नई स्थिनतयों के सीखने को नबल्कुि प्रभानित नहीं करता,
तो यह ……… कहिाता है – अधधगम का िून्य स्थानांतरण
 कायाणत्मक प्रनतिबद्धता लसद्धांत प्रनतकिया में मुख्य कारक ननम्न में से कौन सा
है – पुनबणिन
 प्रेरणा सीखने के लिए सिणश्रेष्ठ है, ककसने कहा – स्कीनर
 अधभप्रेरणा अधधगम का सिोत्कृष्ट राजमागण है – स्कीनर

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 अधभप्रेरणा को अधधगम का आधार कहा है – सोरेन्सन
 ”एक मदहिा ने भोजन प्राप्त करने के लिए अपने बच्चे को बेच ददया” इस खबर
को …….. के आधार पर अच्छी तरह समझा जा सकता है – पदानुिधमक
आिश्यकताओं का लसद्धान्त
 छात्रों की ननष्पनत ननभणर करती है – स्ि-प्रत्यय, बुधद्ध, अधभरूधच, अधभप्रेरणा
 ननमम्नलिखखत में से कौन सा प्राकृनतक अधभप्रेरणा का उदाहरण नहीं है – प्रनतष्ठा
 ननम्न में से ककसका कोई जैनिकीय आधार नहीं है – संबध
ं न
 ननम्न के अभाि में प्रेरणा की प्रकिया प्रारम्भ नहीं हो सकती – आिश्यकता
 कक्षा में अधभप्रेरणात्मक लसद्धान्तों का प्रयोग ककया जा सकता है –
उपिब्धिप्रेरणा िृधद्ध हे त,ु उच्च स्तरीय स्पधाण टािने हे त,ु तनाि कम करने हे त।ु
 कौन सा प्राथधमक अधभप्रेरक है – प्यास, भूख, काम
 आंतररक अधभप्रेरण का उदाहरण है – कायण में रूधच
 अधभप्रेरणा का मांग लसद्धांत ककसने प्रस्तुत ककया – मॉस्िो ने
 ‘अधभप्रेरणा से तात्पयण छात्र की आंतररक िनि को जागृत करना है ’ यह कथन
है – नगिफोडण
 अध्यापक की प्रभाििीिता ननभणर करती है , इस बात पर कक िह – छात्रों को
मानलसक रूप से ककतना सकिय करता है ।
 अधभप्रेरणा का अधधगम में क्या महत्ति है – इससे अधधगम अधधगमाथी सीखने
के लिए तत्पर हो जाता है ।
 अंतनोद और अधभप्रेरणा में क्या संबंध है – अधभप्रेरणा का संबध
ं िक्ष्य से है ।
अंतनोद उस ओर बढ़ने से गनत देता है ।
 पुरस्कार और दण्ड का अनुधचत प्रयोग अधधगम को बनाता है – प्रभािहीन
 ‘भूख’ और ‘प्यास’ है – जन्मजात प्रेरक
 अधभप्रेरणाके स्त्रोत कौन कौन से हैं – आिश्यकता, चािक, प्रेरक

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 मैस्िो के अधभप्रेरणा लसद्धांत को कहा जाता है – आिश्यकता पदानुिम का
लसद्धांत
 प्रेरणा का िही संबंध उपिब्धि से है , जो अधधगम का ……….. से है – बोध
 पुरस्कार एिं दण्ड ………. का एक प्रकार है – बाह्य प्रेरणा
 उपिब्धि आिश्यकता ककस प्रकार का अधभप्रेरक है – सामालजक
 कक्षा में अधभप्रेरणात्मक लसद्धांतों का प्रयोग ककया जा सकता है – उपिब्धि
प्रेरणा िृधद्ध हे त,ु उच्च स्तरीय स्पधाण टािने हे त,ु तनाि कम करने हे त।ु
 निद्याधथि यों में अधभप्रेरणा निकलसत करने के लिए एक लिक्षक को क्या करना
चादहए – नई तकनीक ि नई निधधयों का प्रयोग करना।
 राजेि गखणत की समस्या को हि करने के लिए पूरी तरह से संघर्षण कर रहा है ।
उसका आंतररक बि जो, उसे उस समस्या को पूरी तरह से हि करने के लिए
नििि करता है , ………….. के रूप में जाना जाता है– प्रेरक
 प्राथधमक आिश्यकताओं को ………….. आिश्यकता से भी जाना जाता है –
दैदहक
 प्रक्षेपण निधध द्रारा ककसका अध्ययन ककया जाता है – अचेतन मन का
 ‘मूि प्रिृनियााँ सम्पूणण मानि व्यिहार की चािक है ।’ यह कथन ककस
मनोिैज्ञाननक का है – मैक्डू गि
 एक छात्र बोडण परीक्षा के लिए करठन पररश्रम कर रहा है । उसके नपता ने उसे
अच्छे अंक आने पर मोटर साइकि देने का िादा ककया है । इसका अथण है – बाह्य
प्रेरणा
 ककिोरािस्था में बािकों को सहयोग देने के लिए आिश्यक है – अधभप्रेरणा
 एक आन्तररक मानलसक दिा जो ककसी व्यिहार को आरम्भ करने तथा बनाए
रखने को प्रिृत्त करती है , कहिाती है – अधभप्रेरणा

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 संिेगों पर ननयंत्रण पाने के लिए बािकों को अभ्यास कराना चादहए – आत्म
ननयंत्रण का
 ननम्न में से कौन अधभप्रेरणा का पक्ष नहीं है – दबाि
 ननम्न में से कौनसा कायण बाह्य प्रेरक है – कनितापाठ एिं दौड़ में भाग िेना।
 सीखने के लिए आकिन – अधभप्रेरणा को बढ़ािा देता है ।
 ननम्न में से कौन सी िब्दाििी प्राय: अधभप्रेरणा के साथ अंत: बदिाि के साथ
इस्तेमाि की जाती है – आिश्यकता
 अधभप्रेरणा का िगीकरण होता है – जन्मजात तथा अलजि त
 ननम्नलिखखत कथनों में से आप ककससे सहमत है – अधधगम एक सामालजक-
सांस्कृनतक पररिेि में घरटत होता है ।
 जीन नपयाजे का बाि निकास िगीकरण ककस लसद्धान्त पर आधाररत है –
संज्ञानात्मक निकास लसद्धान्त
 एक लिक्षाथी-केब्दित कक्षा-कक्ष में अध्यानपका करेगी – इस प्रकार की
पद्धनतयों को ननयोलजत करना लजसमें लिक्षाथी अपने स्ियं के अधधगम के लिए
पहि करने में प्रोत्सादहत हों।
 सीखी गई किया का अन्य पररस्थिनतयों में उपयोग ककया जाना कहिाता है –
अधधगम स्थानान्तरण
 िाइगोत्स्की तथा नपयाजे के पररप्रेक्ष्यों में एक प्रमुख निधभन्नता है – भार्षा एिं
धचन्तन के बारे में उनके रॅधिकोण।
 “an introduction to Social Psychology” के रचधयता थे – निलियम
 पुनबणिन के लसद्धान्त का प्रनतपादन ककया – हि
 व्यनि द्रारा जब ककसी िस्तु को देखकर या स्पिण कर ज्ञान प्राप्त ककया जाता है,
तो िह सीखना कहिाता है – प्रत्यक्षात्मक सीखना।

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 ”सीखने की प्रकिया की एक प्रमुख नििेर्षता पठार है ये उस अिधध को व्यि
करते हैं जब सीखने की किया में कोई उन्ननत नहीं होती है” यह कथन है – रॉस
 अनुबंध के गोचर की िुरूआत ………. के द्रारा की गई थी – पाििाि
 िघु पदों के लसद्धान्त का संबंध है – रेखीय अधभिधमत
 कायाणत्मक प्रनतबद्धता लसद्धान्त प्रकिया में मुख्य कारक कौन सा है – पुनबणिन
 मोहन 7A में पढ़ता है , उसे 7B में नबठाकर पढ़ाया जाता है – अधधगम का कौन
सा अंतरण है – क्षैनतज
 समाजीकरण एक प्रकिया है – मूल्यों, निश्िासों तथा अपेक्षाओं को अलजि त करने
की।
 नपयाजे अनुमोदन करते हैं कक पूिण-संकियात्मक बच्चे याद रखने में असमथण होते
हैं । ननमम्नलिखखत कारकों में से ककसको उन्होनें इस असमथणता के लिए लजम्मेदार
ठहराया है – निचार की अनुत्िमणीयता (पिट न सके)
 नपयाजे के लसद्धान्त के अनुसार, बच्चे ननम्न में से ककसके द्रारा सीखते हैं –
उपयुक्त पुरस्कार ददए जाने पर अपने व्यिहार में पररितणन करना।
 जब पूिण प्राप्त अनुभि निीन समस्या को हि करने में सहायक होता है , िह है –
धनात्मक स्थानान्तरण
 निद्याधथि यों को REET की तैयारी करिाकर NET की परीक्षा िी जाती है –
ऊध्िणअन्तरण
 कक्षा-कक्ष अधधगम के लिए कौन-सी निधध का प्रयोग ककया जा सकता है –
िाद-नििादनिधध, प्रयत्न ि त्रुरट निधध, अििोकन निधध
 कोहिर का अधधगम-लसद्धान्त ननम्नलिखखत नाम से जाना जाता है – अन्तरॅणधि
का लसद्धान्त
 थानणडाइक मनोिैज्ञाननक थे – अमेररका के

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 रीना कक्षा 2 की छात्रा है, उसे अध्यानपका ने डण्डे से पीटा। अगिे ददन िह
अध्यानपका के हाथ में डण्डा देखकर रोना प्रारम्भ कर देती है , अधधगम का अंतरण
है – कद्र-पाश्चविक
 ननम्न में से जो सीखने अथिा अधधगम का ननयम नहीं है – पढ़ने का
 ‘अनुभि के द्रारा व्यिहारगत पररितणन’ है – अधधगम
 तत्परता के ननयम का सम्बन्ध है – अधधगम से
 पूणाणकारिाद के ननयम है – समरूपता, समीपता, संरचनात्मक
 सुरेि को अंग्रेजी भार्षा बोिना लसखाया जाता है, िह अंग्रेजी तो अच्छी बोि िेता
है , परं तु अब दहन्दी िुद्ध नहीं बोि पाता है , अधधगम का स्थानांतरण है –
नकारात्मक
 अधधगम को प्रभानित करने िािे घटक है – उधचत िातािरण, प्रेरणा, पररपक्िता
 पाििॉि था – िरीर किया िैज्ञाननक
 अनुबन्ध प्रयोगों में अनुबंधधत अनुकियायों का नििोपन ककस कारण होता है –
पुनबणिन की अनुपस्थिनत
 ‘अनुभि एिं प्रलिक्षण द्रारा व्यिहार पररितणन को अधधगम कहते हैं ।’ अधधगम की
यह पररभार्षा दी गई – गेसस ने
 एक बािक का हाथ आग से जि जाता है , भनिष्य में िह आग को देखकर ही
जिन महसूस कर िेता है , अधधगम का स्थानांतरण है – कद्र-पाश्चविक
 प्रयासों के आधार पर अधधगम की मात्रा में समान रूप से िृधद्ध होती है – रेखीय
त्िरण िि
 ननम्नांककत में से ककस पररस्थिनत में प्राणी में ननन्तियता सबसे अधधक पायी
जाती है – अलजि त नन:सहायता
 गेस्टाल्ट का अथण है – समग्र के रूप में
 धनात्मक अंतरण का तत्ि ननम्नांककत में कौन-सा है – सीखने का अधधगम

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 कियात्मक अनुबन्धन का लसद्धान्त ककसकी देन माना जाता है – स्तिनर की
 कक्षा-7 का रोहन प्रारस्तिक पाठों को तो तीव्र गनत से सीखता है परन्तु धीरे-धीरे
उसके सीखने की गनत कम हो जाती है , एक समय ऐसा आता है कक ककतने भी
प्रयास करने पर भी िह अधधक नहीं सीख पाता है , यह प्रकिया है – अधधगम
पठार
 सीखने के मुख्य ननयमों के अनतररि एक अन्य ननयम भी है , जो मुख्य ननयमों को
निस्तार देते हैं । यह अन्य ननयम है – ननकटता का ननयम
 पाििि ने अधधगम का जो लसद्धान्त प्रनतपाददत ककया था, िह है – अनुकूलित
अनुकिया
 ननयमैनतक अनुबंध के लसद्धान्त का प्रनतपादक है – स्कीनर
 ननम्न में से पूणण कारक िाद के ननयमों से जो संबंधधत नहीं है , िह है – निरूपता
 यदद गखणत का अधधगम भौनतकी के अधधगम में सहायक हो, तो यह –
सकारात्मक स्थानान्तरण
 निद्याधथि यों को अगिे कायण के लिए तैयार करने हे तु प्रथम पररस्थिनत में प्रदान
ककया पुनबणिन अधभप्रेरण का कायण करता है , यह अधधगम का लसद्धान्त है –
किया प्रसूत अनुबध

 अन्तरॅणधि की पुधि करने के लिए कोहिर ने लजस धचिं पांजी पर प्रयोग ककया,
उसका नाम था – सुल्तान
 उत्तेजना व्यनि को सहायता प्रदान करती है – उद्देश्य प्रानप्त में
 एक निकिांग बािक अत्यधधक पररश्रम करके कक्षा में प्रथम आने का प्रयास
करता है । इसे ककस प्रनतरक्षक प्रणािी में रखेंगे – क्षनतपूनति
 एक छात्र का अधधगम ननम्न में से ककस पर ननभणर नहीं करता – आधथि क स्थिनत
 बािक िरीर के अंगों का संचािन करना सीखता है – ककस प्रकार के अधधगम
के माध्यम से – गत्यात्मक

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 एक बालिका को साईककि चिाना आता है , िह स्कूटी खरीदती है , तो आसानी
से स्कूटी चिाना सीख जाती है, यहााँ अधधगम का कौन सा स्थानांतरण है –
सकारात्मक
 चंचि प्रात: जल्दी उठने के लिए सुबह 4 बजे का अिामण भरती है , बजने पर उठ
जाती है , 3-4 ददन करने पर अिामण बजने से पहिे ही उसकी नींद खुि जाती है ,
यहााँ अधधगम का कौन सा लसद्धान्त है – िास्त्रीय अनुबध
ं न
 सीखना – सम्पूणण जीिन चिता है । नया कायण करना। और व्यनिगत ि
सामालजक दोनों।
 व्यिहार के S-R सम्प्रत्ययन को अस्िीकार कर S-O-R सम्प्रत्यय ककसने
प्रस्तानित ककया – िुडिथण
 पूजा II Grade की तैयारी कर रही है , उसी दौरान उसके REET का पररणाम
आ जाता है तथा िह असफि हो जाती है , िह दु:खी होकर तैयारी बंद कर देती
है , क्िाकण हि के अनुसार उसे आिश्यकता है – पुनबणिन की
 पुनबणिन के लसद्धान्त का प्रनतपादन ककया – हि ने
 3H (हे ड-हटण -है ण्ड) का सम्प्रदाय चिाया – पेस्टािॉजी
 थॉनणडाइक के सीखने का मुख्य ननयम है – प्रभाि का ननयम
 इमिी का नाम िेने से मुाँह में पानी आ जाने के कारण को ननम्नलिखखत में से
कौन-से लसद्धान्त से जानेंग–
े उद्दीपक प्रनतकिया
 अधधगम का मुख्य चािक कहिाता है – अधभप्रेरणा
 व्यिस्थित व्यिहार के लसद्धान्त के प्रितणक है – हि
 एक निद्याथीदो िस्तुओं के मध्य भेद समझ चुका है , िह ककस िैलक्षक उद्देश्य की
प्रानप्त तक परृाँच चुका है – अिबोध
 अधधगम क्या नहीं है – केिि पढ़ाई

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 श्रृंखिा अधभिधमत अनुदेिन सीखने के लजस लसद्धान्त पर आधाररत है – किया
प्रसूतन लसद्धान्त
 निर्षय-िस्तु अधधक होने पर लिक्षण प्रभािी होगा – अंिो में लिक्षण के माध्यम
से
 पुनरािृनि का लसद्धान्त ददया – पाििाि ने
 एक बािक एक बार में आग में जिने के बाद अनि से दूर रहता है – िास्त्रीय
अनुबध
ं न का लसद्धान्त
 ”सीखना आदतों, ज्ञान ि अधभिृनियों का अजणन है ।” कथन है – िो एण्ड िो
 अधधगम की सफिता का मुख्य आधार माना जाता है – िक्ष्य प्रानप्त की उत्कृष्ट
इच्छा
 लिक्षक द्रारा बािकों में ककस प्रकार पाठ्य निर्षय के प्रनत आकर्षणण उत्पन्न ककया
जाए – ध्यान केब्दित करके
 उद्दीपन तथा अनुकिया के मध्य संबंध स्थापना का कायण पुनबणिन नहीं करता है
संबंध स्थापनाका कायण उद्दीपक ि उसके द्रारा की गई अनुकिया के माध्य
समीपता करती है यह ककस मनोिैज्ञाननक का निचार है – गुथरी
 अधधगम के मानितािादी लसद्धान्त के प्रनतपादक है – कािणरोजसण
 अधधगम स्थानान्तरण का सबसे पुराना लसद्धान्त है – मानलसक िनि का
लसद्धान्त
 िेनिन के अनुसार व्यिहार, व्यनि तथा िातािरण कायण हैं । इन्होनें ककस लसद्धान्त
में इस बात को महत्ि ददया है – क्षेत्रीय लसद्धान्त
 संप्रेर्षण से आिय है – निचारों का आदान-प्रदान
 बािक को सीखने के लिए सिाणधधक उत्तम मनोनिज्ञान अध्ययन निधध –
ननरीक्षण
 स्िाधमत्ि अधधगम निधध का प्रनतपादन ककया – ब्िूम

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 बािक के चाररकत्रक निकास के स्तर है – पुरस्कार ि दण्ड, सामालजकता एिं मूि
प्रिृनि
 ननम्न में से अधधगम को प्रभानित करने िािा कारक नहीं है – लििं ग
 लिक्षा में लिक्षण मिीनों और कम्प्यूटर ननदेलित निधधयों को उपयोगी बनाने में
ककस लसद्धान्त की देन है – किया प्रसूत अनुबध
ं न
 छोटे बच्चे को खरगोि के खखिौने की चीख की आिाज के माध्यम से भय से
संबंध ककस मनोिैज्ञाननक ने स्थानपत ककया – िॉटसन
 ”व्यिहार के कारण व्यिहार में पररितणन ही अधधगम है ।” कथन है – नगिफोडण
 जब िरीर के एक पक्ष के अंगो को ददया गया प्रलिक्षण दूसरे अंगों में चिा जाता
है तो उसे कहते है – कद्रपक्षीय अंतरण
 एक बालिका अपने माता-नपता को बड़ों के चरण स्पिण करता देखकर बड़ों के
चरण स्पिण करना सीखती है , अधधगम का कौन सा लसद्धांत है – अनुकरण
 ”लिक्षा एक कत्रमुखी प्रकिया है ।” कथन है – जॉन डीिी
 मनोनिज्ञान निश्िास करता है , कक बािक-बालिकाएाँ सिाणधधक सीखते हैं –
अधभप्रेरणा से
 नबनेरटका योजना निधध है – व्यनिगत लिक्षण
 लिक्षक बािक के व्यिहार में ककस सतह पररितणन कर सकता है – पुरस्कार
द्रारा, प्रिंसा द्रारा, भृत्सणना द्रारा
 अधधगम को अत्यन्त प्रभाििािी बनाने का उत्तम तरीका है – स्िप्रेरणा
 संभािना लसद्धांत के प्रनतपादक कौन हैं – टािमैन
 तिरूप लसद्धान्त के प्रनतपादक कौन है – िेनिन
 सीखने के लिए निर्षय सामग्री का स्िरूप होना चादहए – सरि से करठन
 अधधगम का सूचना प्रकियाकरण लसद्धांत ककसने ददया – धमिर

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 प्रलिक्षण के स्थानान्तरण में समान तथ्यों के लसद्धांत के प्रनतपादक कौन हैं –
थानणडाइक
 सीखने का सूक्ष्म लसद्धांत ककसने प्रनतपादक ककया – कोहिर ने
 मंदबुधद्ध बच्चों के लिए कौन सा अधधगम लसद्धान्त उपयोगी रहे गा – उद्दीपक
अनुकिया
 निज्ञान ि गखणत के सीखने के लिए उपयोगी लसद्धांत है – गेस्टाल्ट
 कोहिर ने ननम्नलिखखत में से कौन सा लसद्धांत नहीं ददया – संबध
ं िाद
 सम्प्रेर्षण / सूचना प्रकिया करण का सही िम है – प्रेर्षक – स्त्रोत – माध्यम –
ग्राही – पृष्ठ पोर्षण
 मानलसक रोनगयों के ननदानात्मक लिक्षण में सिाणधधक उपयोगी लसद्धान्त ककसने
प्रनतपाददत ककया – स्तिनर
 ‘टाई की गांठ बांधना’ ककसके लसद्धान्त के अनुसार व्यनि सीखते हैं – कोहिर
 …………. मस्तस्तष्क की संरचना तथा कृत्यों में निभेद का पररणाम होता है –
दडसिेक्लिया
 पररिेि की िस्तु लजसे प्राणी प्राप्त करने का प्रयास करता है कही जाती है –
उद्दीपक
 ननम्न में से कौन सीखने के सही उत्तर हैं – तथ्य, सूचना, बोध, ज्ञान प्राप्त
करना, बोध, प्रज्ञान
 पररपक्िता इत्यादद से व्यिहार में उत्पन्न पररितणन को भी अधधगम कहा जाता
है – नहीं
 अल्बटण बन्डू रा द्रारा ददए गए अधधगम लसद्धांत को ………….. से भी जाना जाता
है – अििोकनात्मक अधधगम लसद्धांत
 ‘सीखना निकास की प्रकिया है ’, कथन ककसके द्रारा कहा गया – िुडिथण
 ‘अन्तरॅणधि या सूझ द्रारा सीखना’ लसद्धांत ककसने ददया है – कोहिर

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 जब पूिण का अधधगम, नयी स्थिनतयों में सीखने पर ककसी भी प्रकार से कोई
प्रभाि नहीं डािता है , तो यह कहिाता है – अधधगम का िून्य स्थानान्तरण
 स्कीनर द्रारा प्रनतपाददत अधधगम लसद्धांत है – कियाप्रसूत अनुबन्धन
 अधधगम अन्तरण का थॉनणइाइक लसद्धांत कहा जाता है – अनुरूप तत्िों का
लसद्धांत
 समस्या के अचानक समाधान की िकाित करने िािे लसद्धांत का नाम है –
सूझ का लसद्धांत
 ननम्नलिखखत में से कौन S-R अधधगम लसद्धांत से संबंद्ध नहीं है – स्तिनर
 अधधगम का सम्बद्ध प्रनतकिया लसद्धान्त ननम्न में से ककसने प्रनतपाददत ककया –
आई.पी.पॉििाि
 आप अपने जूते एक रैक पर रखते हैं । उस रैक को उस स्थान से हटा ददया है कफर
भी आप जूते रखने उसी स्थान पर जाते हैं जहााँ पर पहिे रैक रखी थी। ऐसा होने
का कारण है – अनुबध
ं न
 िाटसन के अनुसार िैििािस्था में सीखने की सीमा और तीव्रता निकास की
ओर ककसी भी अिस्था की तुिना में अधधक होती है , इस कथन को ध्यान में
रखकर िैििािस्था में लिक्षा के आयोजन हे तु ननम्न में कौन सी किया ननर्षेध
होना चादहए – मूि प्रिृनियों का दमन
 अधधगम सिोत्तम होगा जब – अधभप्रेरणा होगी
 ननम्न में से कौन सा कथन अधधगम की प्रकिया को उधचत ढं ग से प्रस्तुत करता
है – व्यिहार में पररितणन
 साइककि चिाने िािा स्कूटर चिाना िीघ्र ही सीख िेता है , यह है – धनात्मक
स्थानान्तरण
 हि लसद्धान्त ककस प्रकिया से सम्बब्धित है – सीखने की व्याख्या के
सबिीकरण से

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 कोहिर ने अधधगम संबंधी प्रयोग ककए – धचिं पाजी पर
 गेस्टाल्ट का अथण है – पूणाणकार
 सीखने का अन्तरॅणधि लसद्धान्त ककसकी देन है – गेस्टाल्टिाददयों
 गेस्टाल्टिाद के प्रनतपादक हैं – िदीमर
 सीखने की प्रकिया में निद्याथी द्रारा की गई त्रुरटयों के सम्बल्ध में आपकी रॅधि में
ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन सिोत्तम है – त्रुरटयााँ अधधगम प्रकिया का
भाग है ।
 किस्टना अपनी कक्षा को क्षेत्र भ्रमण पर िे जाती है और िापस आने पर अपने
निद्याधथि यों के साथ भ्रमण पर चचाण करती है , यह ……….. की ओर संकेत करता
है – सीखने का आंकिन
 कम गनत से सीखने िािे बच्चों के लिए अध्यापक को क्या करना चादहए –
टोिी-लिक्षण, अनतररक्त ध्यान ि लिक्षण, प्रोत्साहन
 लिक्षण-अधधगम प्रकिया को प्रारम्भ करने से पहिे एक कुिि अध्यापक को
क्या करना चादहए – अधधगम पररस्थियााँ उत्पन्न करनी चादहए।
 िैचाररक किया अिस्था होती है – 7 से 12 िर्षण तक
 अधधगम के प्रिम में अधभ्रप्रेरणा – नए सीखने िािों में अधधगम के लिए रूधच
का सृजन करता है ।
 एक लिक्षक होने के नाते आप सीखने के ककस ननयम को नहीं अपनायेंगे –
प्रिोभन का ननयम
 सीखने की प्रकिया में अधभप्रेरणा – लिक्षाधथि यों में सीखने के प्रनत रूधच का
निकास करती है ।
 अधधगम ननयोग्यता (Learning Disability) का िक्षण है – अिधान संबंधी
बाधा/निकार

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 एक किकेट खखिाड़ी अपनी गेंदबाजी के कौिि को निकालसत कर िेता है पर
यह उसका बल्िेबाजी के कौिि को प्रभानित नहीं करता, इसे कहते हैं – िुन्य
प्रलिक्षण अन्तरण
 अधधगम में िृधद्ध की जा सकती है – प्रोत्साहन देकर
 ननम्न में से कौन से कथन को सीखने की प्रकिया की नििेर्षता नहीं मानना
चादहए – िैलक्षक संस्थान ही एकमात्र स्थान है जहााँ अधधगम प्राप्त होता।
 अनुबंधन के गोचर की िुरूआत ………. के द्रारा की गई थी – पाििॉि
 लजस प्रकिया में व्यनि दूसरों के व्यिहार को देखकर सीखता है , न कक प्रत्यक्ष
अनुभि को, कहा जाता है – सामालजक अधधगम
 पााँच िर्षण का राजू अपनी खखड़की के बाहर तूफान को देखता है , नबजिी चमकती
है और कड़कने की आिाज आती है, राजू िोर सुनकर उछिता है बार-बार यह
घटना होती है कफर कुछ देर बाद िांनत के पश्चात-नबजिी कड़कती है , राजू
नबजिी की गजंना सुनकर उछिता है , राजू का उछिना सीखने के ककस
लसद्धान्त का उदाहरण है – िास्त्रीय अनुबध
ं न
 कौन सा सीखना स्थायी होता है – समझकर
 संकेत अधधगम के अन्तगणत ननम्नलिखखत सीखा जाता है – पारम्पररक अनुकूिन
 कक्षा प्रथम का निद्याथी एक लिक्षक से मार खाने के उपरान्त सभी लिक्षकों से
डरने िगता है , यह उदाहरण है – अनुबधं धत लसद्धान्त का
 अधधगम को प्रभानित करने िािा व्यनिगत कारक है – पररपक्िता एिं आयु
 मनोिैज्ञाननक थानणडाइक ने व्यनित्ि को ककस आधार पर बााँटा गया है – धचन्तन
ि कल्पना िनि के आधार पर
 ‘प्रयास ि त्रुरट’ में सबसे महत्िपूणण क्या है – अभ्यास
 यदद आपकी कक्षा का बच्चा ‘C’ को ‘D’ ि ‘D’ को ‘C’ लिखे/पढ़े तो िह कौन
से रोग से पीमऺडत है – दडसिेक्लिया

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 सीखने से सम्बब्धित तथ्य ननम्नलिखखत में से नहीं है – सीखना केिि निद्यािय
में होता है ।
 कौन सा लसद्धान्त व्यक्त करता है कक मानि मस्तस्तष्क एक बफण की बड़ी चट्टान के
समान है जो कक अधधकांित: धछपी रहती है एिं उसमें चेतन के तीन स्तर है –
मनोनिश्िेर्षणात्मक लसद्धान्त
 लजन इच्छाओं की पूनति नहीं होती, उनका भण्डार गृह ननम्नलिखखत में से कौन सा
है – इदम (ID)
 नपयाजे के संज्ञानात्मक निकास लसद्धान्त के अनुसार संिेदी कियात्मक अिस्था
होती है – जन्म से 2 िर्षण
 सामालजक अधधगम आरं भ होता है – सम्पकण से
 पॉििाि के िास्त्रीय अनुबंधन में – पहिे ध्िनन, तत्पश्चात् भोजन प्रस्तुत ककया
गया।
 बच्चों के संज्ञानात्मक निकास को सबसे अच्छे तरीके से कहााँ पररभानर्षत ककया
जा सकता है – निद्यािय एिं कक्षा में
 सीखने का िह लसद्धान्त जो पूणण रूप से और केिि अििोकनीय व्यिहार पर
आधाररत है , सीखने के …………. लसद्धान्त से सम्बद्ध है – व्यिहारिादी
 बािक की सोच अमूतणता (Abstractions) की अपेक्षा मूतण (Concrete) से
होता है , यह अिस्था है – 7 से 12 िर्षण
 ननम्नलिखखत में से कौन नपयाजे के अनुसार बौधद्धक का ननधाणरक तत्ि नहीं है –
सामालजक, संचरण
 अधधगम के ननम्न लसद्धान्तों में से ककसमें प्रनतकिया होने पर पुनबणिन देने का
सुझाि ददया गया है – किया-प्रसूत लसद्धान्त
 किया-प्रसूत अनुबंधन के लसद्धान्त का लिक्षकों के लिए ननम्नलिखखत में से
ननदहताथण है – उधचत व्यिहार का पुनबणिन ककया जाए

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 सकिय-अनुकिया अनुबंधन लसद्धान्त के अन्तगणत अधधगम सम्बन्ध है –
अनुकिया-उद्दीपक
 अधभिधमत अधधगम सामग्री में िैयनिक निधभन्नताओं का ध्यान रखा जाता है,
इसकी पुधि इस बात से होती है कक – निद्याथी अपनी गनत से सीख सकते हैं ।
 अधधगम का व्यािहाररक लसद्धान्त ननम्नलिखखत है – सम्बद्ध प्रनतकिया का
लसद्धान्त, स्तिनर का किया प्रसूत अधधगम का लसद्धान्त, प्रबिन लसद्धान्त
 सुल्तान नामक धचम्पैंजी पर परीक्षण करने िािे िैज्ञाननक हैं – कोहिर
 समग्रता के लसद्धान्त (Gastalt Theory) के प्रितणक हैं – िदीमर ि अन्य
 पॉििाि के अनुबंधन प्रयोग में भोजन के पूिण उपस्थित ध्िनन को क्या कहते हैं –
अनुबधं धत उद्दीपक
 पॉििाि के प्रयोग में भोजन को अनुबध
ं न की भार्षा में क्या कहा है –
अनानुबधं धत उद्दीपक
 पठन संबंधी निकास ककससे संबधं धत है – दडस्िेक्लिया
 एक कॉिेज जाने िािी िड़की ने फिण पर कोटण फैंकने की आदत डाि िी है ,
िड़की की मााँने उससे कहा कक कमरे से बाहर जाओ और कोटण को खूाँटी पर टााँगों
िड़की अगिी बार घर में प्रिेि करती है , कोटण को हाथ पर रखकर अिमारी की
तरु जा कर कोटण को खूाँटी पर टााँग देती है , यह उदाहरण है – श्रृख
ं िागत अधधगम
 ननम्न में से कौन सा उदाहरण अधधगम को प्रदलिि त करता है – हाथ जोड़कर
अध्यापक का अधभिादन करना।
 सकारात्मक दण्ड का ननम्नलिखखत में से कौन सा उदाहरण है – धमत्रों के द्रारा
उपहास
 नपयाजे के अनुसार, निकास की पहिी अिस्था (जन्म से 2 िर्षण की आयु) के
दौरान बच्चा …………. सबसे बेहतर सीखता है – इब्दियों द्रारा

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 बच्चे दुननया के बारे में अपनी समझ का सृजन करते हैं , इसका श्रेय ………..
को जाता है – नपयाजे
 ‘निीन ज्ञान तथा निीन प्रनतकियाओं का अजणन करने की प्रकिया अधधगम
प्रकिया है ’ यह कथन है – बुडिथण का
 अनुबंधन स्थानपत होने के बाद यदद बार-बार मात्र अनुबंधधत उद्दीपक ही उपस्थित
ककए जाने पर अन्ततोगत्िा अनुबंधधत अनुकिया का बन्द हो जाना, कहिाता है –
नििोप
 नपयाजे के अनुसार संज्ञानात्मक बाि निकास की ककतनी अिस्थाएाँ हैं – 5
अिस्थाएाँ
 नपयाजे के अनुसार बच्चा अमूतण स्तर पर धचिं तन बौधद्धक कियाएाँ और समस्या
समाधान ककस अिस्था में करने िगता है – औपचाररक संकियात्मक अिस्था
(11-16 िर्षण)
 िह अिस्था जब बच्चा ताककिक रूप से िस्तुओं ि घटनाओं के निर्षयों में धचिं तन
प्रारं भ करता है – पूिण संकियात्मक अिस्था
 बच्चों के बौधद्धक निकास के चार सुस्पष्ट स्तरों को पहचाना गया था – नपयाजे
द्रारा
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन सत्य है – घोड़े को तािाब तक िे जाया जा
सकता है , िेककन उसको पानी पीने के लिए बाध्य नहीं ककया जा सकता।
 समग्रता के लसद्धान्त (Gestalt Theory) के प्रितणक हैं – िदीमर एिं अन्य
 बािक अपने व्यिहार की सामालजक स्िीकृनत लजस अिस्था में चाहता है , िह
अिस्था है – ककिोरािस्था
 ननम्नलिखखत में से ककस कथन को ‘सीखने’ के िक्षण के रूप में नहीं माना जा
सकता – व्यिहार की अध्ययन सीखना।

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 लसद्धान्त के रूप में रचनािाद – दुननया के बारे में अपना रॅधिकोण ननधमि त करने
में निद्याथी की भूधमका पर बि देता है ।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन ‘सीखने’ के बारे में सही है – सीखना उस
िातािरण में प्रभािी होता है जो संिग
े ात्मक रूप से सकारात्मक हो और
लिक्षाधथि यों को संतष्ु ट करने िािा हो।
 नपयाजे की औपचाररक संकियात्मक अिस्था बािक की ककस आयु अिधध तक
मानी जाती है – 11-15 िर्षण
 नपयाजे के अनुसार मूतण संकियात्मक अिस्था का समय काि है – 7-11 िर्षण
 ‘सीखना व्यिहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रकिया है ।’ यह कथन है – स्तिनर
 बाइगोत्सकी बच्चों के सीखने में ननम्नलिखखत में से ककस कारक की महत्िपूणण
भूधमका पर बि देते हैं – सामालजक
 ननम्नलिखखत में से कौन सा लिक्षक से सम्बब्धित अधधगम को प्रभानित करने
िािा कारक है – निर्षय िस्तु में प्रिीणता
 ननम्नलिखखत में से कौन सा सीखने का क्षेत्र है – आनुभानिक
 जब बच्चा कायण करते रृए ऊबने िगता है , तो यह इस बात का संकेत है कक –
संभित: कायण यांकत्रक रूप से बार-बार हो रहा है ।
 राजू खरगोि से डरता था। िुरू में खरगोि को राजू से काफी दूर रखा गया।
आने िािे ददनों में हर रोज खरगोि और राजू के बीच की दूरीकम कर दी गई।
अन्त में राजू की गोद में खरगोि को रखा गया और राजू खरगोि से खेिने
िगा। यह प्रयोग उदाहरण है – िास्त्रीय अनुबध
ं न लसद्धान्त का
 राजेि बीमारी के कारण एक महीने तक निद्यािय नहीं गया। जब निद्यािय गया
तो उसे भाग के िम्बे सिािों को करना नहीं आया। कई बार के ननरािाजनक
अनुभिों में असफिता हाथ िगी। िम्बे भाग के सिािों को देखते ही िह

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धचन्तित हो जाता है । िास्त्रीय अनुबंधन लसद्धान्त के मुतानबक संिेगात्मक
स्िाभानिक उत्तेजक है – असफिता/भग्नािा
 अधधगम का िास्त्रीय अनुबंधन लसद्धान्त से सम्बब्धित है – पॉििाि
 सीखने का ‘क्िालसकि कंडीिननिं ग’ लसद्धान्त प्रनतपाददत ककया था – पॉििाि
 पॉििाि के अधधगम का कौन सा लसद्धान्त प्रनतपाददत ककया – अनुकूलित
अनुकिया
 बुरी आदतों को सुधारा जा सकता है – अनुबध
ं न द्रारा
 व्यिहार का करना- पक्ष में आता है – सीखने की गनतक क्षेत्र
 ‘दडस्िेक्लिया’ मुख्य रूप से ………. की समस्या से संबंधधत है – पढ़ने
 बार-बार देाहराने से अधधगम को बढ़ािा धमिता है , ककस ननयम से इसकी पुधि
होती है – अभ्यास का ननयम
 ‘तत्परता का ननयम’ ककसने ददया है – थानणडाइक
 सहयोगी अधधगम में अधधक उम्र के प्रिीण निद्याथी, छोटे और कम ननपुण
प्रनतयोनगयों की मदद करते हैं , इससे –
 जब पूिण का अधधगम नई स्थिनतयों के सीखने का नबल्कुि प्रभानितनहीं करता,
तो यह ……… कहिाता है – अधधगम का िुन्य स्थानान्तरण
 अधधगम एिं पररपक्िता के संबंध में ननम्न में से कौन सा कथन सही है – यदद
मानि निकास केिि पररपक्िता से होता तो मनुष्य केिि ननम्नतम तक ही
सीधमत रह जाता।
 मनोनिश्िेर्षणिादी लसद्धान्त के प्रितणक है – रायड
 उद्दीपक अनुकिया के मध्य साहचयण स्थानपत करने िािे प्रिम को कहते हैं –
अधधगम
 व्यिहारिादी निचारक हैं – िॉटसन
 व्यिहारिाद के जन्मदाता है – िॉटसन

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 सीखने की प्रथम अिस्था में सीखने की गनत होती है – धीमी
 ”अनुभि द्रारा व्यिहार में पररितणन होना ही अधधगम है ।” अधधगम की यह
पररभार्षा ककसने दी है – गेसस ि अन्य
 ननम्न में से कौन सा कारक प्रलिक्षण (अधधगम) के हस्तान्तरण में मदद नहीं
करता है – थकान/थकािट
 अधधगमकताण में बढ़ते रृए िोध को रोकने के लिए अध्यापक को चादहए – कक
उसको अधधक काम दे ताकक उसको िोध करने का समय नहीं धमिे।
 लजस प्रकिया में व्यनि मानि कल्याण के लिए परस्पर ननभणर रहकर व्यिहार
करना सीखता है , िह प्रकिया है – समाजीकरण
 ”स्थानान्तरण एक पररस्थिनत में अलजि त ज्ञान प्रलिक्षण और आदतों का ककसी
दूसरी पररस्थिनत में स्थानान्तरण ककये जाने की चचाण करता है ।” प्रलिक्षण
(अधधगम) के स्थानान्तरण के बारे में कथन सम्बब्धित है – सौरेंसन
 कबीर के दोहे याद कर िेने पर भी एक बािक की रहीम के दोहे याद करने की
िनि में सुधार नहीं होने का ननम्न में से प्रमुख कारण कौन सा है – िून्य
स्थानान्तरण
 पॉििाि के अनुबंधन प्रयोग में केिि ध्िनन के उपस्थित करने पर होने िािी
अनुकिया को कहते हैं – अनुबधं धत अनुकिया
 थानणडाइक के ‘प्रभाि का ननयम’ का िैक्षखणक महत्ि नहीं है – स्मरण िनि में
कमी
 ‘सीखने के ननयम’ के प्रनतपादक हैं – थानणडाइक
 सीखने के प्रयासएिं त्रुरट निधध का सम्बन्ध है – थानणडाइक
 बुडिथण के अनुसार सीखना है – निीन ज्ञान प्राप्त करना।
 लिक्षा िास्त्र (पैडागोजी) की अिधारणा ननम्न में से ककस कथन में प्रनतनबब्धित
नहीं रही है – अमूनति करण एिं सामान्यीकरण का निज्ञान

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 अधधगम से सम्बब्धित मनोनिज्ञान की निचारधाराओं एिं उनके प्रनतपादक के
जोड़े यहााँ ददए गए हैं । इं नगत कीलजए कक कौन सा जोड़ा सही धमिान का है –
व्यिहारिाद- बाटसन एिं गुथरी, फेकल्टी मनोनिज्ञान – बुल्फ एिं रीड, पुनबणिन
– हि एिं स्कीनर
 नीचेअधधगम के लसद्धान्तों और उनके प्रनतपादकों के जोड़े ददये गये हैं ।
इं नगतकीलजए कक ककस जोड़े का धमिान सही है – अन्त:रॅधि सूझ का लसद्धान्त –
िदीमर एिं कोहिर, उद्दीपन अनुकिया लसद्धान्त – थानणडाइक एिं अन्य, पुनबणिन
लसद्धान्त –हि एिं स्तिनर
 नपयाजे के मतानुसार बािकों में िस्तु स्थिरता उत्पन्न होती है – पूिण सकिय
अिस्था में
 अधधगम को प्रभानित नहीं करने िािा कारक है – खोज
 नपयाजे का लसद्धान्त ककसके अििोकन पर आधाररत है – अपने बािक
 नपयाजे के संज्ञानात्मक निकास के चरणों के अनुसार इं दरय गामक (संिेदी
प्रेरक) अिस्था ककसके साथ सम्बब्धित है – अनुकरण, स्मृनत और मानलसक
ननरूपपण
 धचिं तन अननिायण रूप से है एक – संज्ञानात्मक गनतनिधध
 रायड, नपयाजे एिं अन्य मनोिैज्ञाननकों ने व्यनित्ि निकास की निधभन्न
अिस्थाओं के संदभण में व्याख्या की है, परन्तु नपयाजे ने – निधभन्न अिस्थाओं को
समझाने के लिए संज्ञानात्मक बदिाि के बारे में कहा।
 अन्त:रॅधि लसद्धान्त के प्रनतपादक कौन थे – कोहिर
 ”दो बािकों में समान मानलसक योग्यताएाँ नहीं होती हैं ” उक्त कथन ककस
मनोिैज्ञाननक का है – हरिॉक
 िाटसन द्रारा लिखखत एिं िर्षण 1925 में प्रकालित िोकनप्रय पुस्तक है –
व्यिहारिाद

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 ”अधधगम, आदतें, ज्ञान एिं अधभिृनियों को अलजि त करना है ।” उक्तानुसार
अधधगम को ककसने पररभानर्षत ककया है – िो एंड िो ने
 ननम्नलिखखत में से कौन-सी अिस्था सम्प्रत्ययों के सम्पूणण निकास की अिस्था
है ? ”नपयाजे” के अनुसार ननम्न है – अमूतण संकियात्मक अिस्था
 कायाणत्मक प्रनतिद्धता लसद्धान्त प्रकिया में मुख्य कारक ननम्न में से कौन सा है –
पुनबणिन
 ”प्रलिक्षण एिं अनुभि के द्रारा व्यिहार में होने िािे पररितणनको सीखना या
अधधगम कहते हैं ” – गेसस
 एक अच्छे अधधगमकताण की प्रमुख नििेर्षता ननम्न में से कौन सी है – अिधान
 “A mind that found itself” (”ए माइन्ड दैट फाउन्ड इटसेल्फ”) नामक
पुस्तक ककसके द्रारा लिखी गई है – सी. डब्ल्यू बीयसण
 एक प्रभािी लिक्षक अपने अधधगमकताणओं को सामूदहक कियाओं में सन्तिलित
करते हैं , क्योंकक इससे ‘सीखना’ सुगम बनाने के अनतररि यह निकास करता
है – समाजीकरण
 बच्चों के अधधगम को सुगम बनाने के लिए अध्यापकों को एक अच्छे कक्षायी
पररिेि का सृजन करने की आिश्यकता होती है । इस प्रकार के अधधगम पररिेि
का सृजन करने के लिए नीचे ददये गये कथनों में से कौन सा सही नहीं है –
अध्यापकों के अनुसार कायण करना।
 एक बच्चे की कॉपी में लिखने में निपरीत छनियााँ, दपणण छनि, आदद जैसी
गिनतयााँ धमिती है । इस प्रकार का बच्चा िक्षण प्रदलिि त कर रहा है – अधधगम
में अििता के
 निकृत लिखािट से संबंधधतलिखने की योग्यता में कमी ककसका एक िक्षण है –
दडस्ग्राकफया
 अधधगम लजसके नबना संभिनहीं है, िह है – प्रेरणा

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 ज्ञान रचनात्मकता लसद्धान्त आधाररत लिक्षण का आधार है – करके सीखना
 एकाग्रता-समय के साथ मेि बैठाने के लिए एक दत्त कायण को पूरा करने के
लिए आिंरटत समय को घटाना और चरणबद्ध तरीके से इस एकाग्रता-समय को
बढ़ाना ननम्नलिखखत में से ककस प्रकार के निकास से ननबटने के लिए सिाणधधक
उपयुक्त है – एकाग्रता-ह्रास अनतकियािीि निकास
 ननम्नलिखखत कथनों में से कौन सा िाइगोत्स्की के द्रारा निकास तथा अधधगम के
बीच संबंध का सिणश्रेष्ठ रूप में सार प्रस्तुत करता है – निकास प्रकिया अधधगम-
प्रकिया से पीछे रह जाती है ।
 एक कद्रग भ्रधमत ककिोर का पथ-प्रदिणन ककया जा सकता है – उसके अच्छे
व्यिहार की प्रिंसा करके
 इनमें से कौनसी अधधगम अिक्तता िािे बच्चे की एक नििेर्षता है – धाराप्रिाह
रूप से पढ़ने तथा िब्दों पर पिट कर जाने में करठनाई
 लिक्षण अधधगम प्रकिया में व्यनिगत रूप से ध्यान देना महत्िपूणण है , क्योंकक –
बच्चों की निकास दर धभन्न होती है और िे धभन्न तरीकों से सीखते हैं ।
 ककिोरािस्था में ककिोर-ककिोररयााँ अध्ययन के साथ-साथ टी.िी. देखना,
रेदडयो ि ग्रामोफोन सुनना पसंद करते हैं , ये निचार है – बुड
 ‘सूझ द्रारा सीखने के समग्राकृनतिाद’ के प्रितणक थे – िदीमर, कोफ्का एिं
कोहिर
 ननम्नलिखखत में से कौन सी अधधगम की आधारभूत ितण है – संिग्नता
 ननम्न में से कौन अधधगम प्रकिया का पक्ष नहीं है – दबाि
 ननम्न में से कौन सा युग्म सही है – जॉन डीिी – संरचनािाद
 ननम्नलिखखत में से कौन सा िाइगोत्सकी के सामालजक सांस्कृनतक लसद्धान्त पर
आधाररत है – पारस्पररक लिक्षण

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 श्रिण ह्राससे ग्रलसत बच्चे कक्षा में ककससे सबसे अधधक नैराश्य (कुण्ठा) का
सामना करते हैं – दूसरों के साथ संप्रेक्षण करने तथा सूचनाओं को बााँटने में
अक्षमता
 ननम्नलिखखत में से कौन सा निलिष्ट निकिांगता का उदाहरण है – दडसिेक्लिया
 दडस्कैल्कुलिया ककस निर्षय से संबंधधत निकार है – अधधगम अक्षमता
 ‘अधधगमता का स्ि–ननयमन’ का क्या अथण है – अपने सीखने का स्ियं
अनुिीक्षण करने की योग्यता
 ननम्नलिखखत में से कौन सी सामान्यत: सीखने की सामूदहक निधध नहीं है –
प्रेक्षण
 ‘एक मदहिा ने भोजन प्राप्त करने के लिए अपने बच्चे को बेच ददया।’ इस खबर
को ………… के आधार पर अच्छी तरह समझा जा सकता है । – पदानुिधमक
आिश्यकताओं का लसद्धान्त
 एक लिलक्षका अपने लिलक्षका की सदैि इस रूप में सहायता करती है कक िे एक
निर्षय-क्षेत्र से प्राप्त ज्ञान को दूसरे निर्षय-क्षेत्रों के ज्ञान के साथ जोड़ सकें।
इससे ……….. को बढ़ािा धमिता है – ज्ञान के सह संबध
ं एिं अंतरण
 सम्बन्धिाद (साहचयणिाद) के लसद्धान्त से कौन-सा बंध सम्बब्धित है – उद्दीपन
ि प्रनतकिया
 नपयाजे के अनुसार, संज्ञानात्मक निकास के ककस चरण पर बच्चा ‘िस्तु
स्थाधयत्ि’ को प्रदलिि त करताहै – पूि-ण संकियात्मक चरण
 राबटण एम. गेने के अनुसार ननम्न में से कौन-सा अधधगम का प्रकार नहीं है –
अन्तरॅणधि अधधगम
 सीखने की खेि निधध उपयोगी है – बाल्यािस्था के लिए
 अभ्यास के कारण व्यिहार में पररितणन कहिाता है – अधधगम

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 ननम्नलिखखत में से कौन-सा कारक सीखने के अन्तरॅणधि लसद्धान्त को प्रभानित
करने िािा नहीं है – अनुभि
 एक अधधगधमत प्रकिया का िधमक िुप्त होना कहिाता है – नििोपन
 ननम्नलिखखत में से ककसमें ऐस्तच्छक व्यिहार उसके पररणामों या पूनिि कता से
िनििािी या कमजोर होता है – कियाप्रसूत अनुबध
ं न
 अधधगम आधाररत होता है – अभ्यासपर, प्रलिक्षण पर, अनुभि पर
 न्यूटन ने िृक्ष से सेब को नीचे नगरते देखा और अचानक उसने गुरूत्िाकर्षणण के
लसद्धान्त की खोज की। यह उदाहरण है – अंतरॅणधि का
 अधधगम प्रनतफि का तात्पयण है – बािक के व्यिहार में होने िािा पररितणन
 अनुबंधधत प्रनतकिया लसद्धान्त है – अधधगम का लसद्धान्त
 सीखने के लसद्धान्त के प्रनतपादन के लिए आई. पी. पॉििि ने प्रयोग ककया –
कुत्ते पर
 ननम्न में से कौन सी प्रनिधध बािकों को अनुिासन लसखाने के लिए उधचत है –
प्रजातांकत्रक प्रनिधध
 अव्यक्त अधधगम के सम्प्रत्यय का िणणन अपने लसद्धान्त में ककसने ककया –
टॉिमेन
 अनुबंधधत प्रनतकिया लसद्धान्त है – अधधगम का लसद्धान्त
 ननम्न में से सीखने के लसद्धान्तों एिं उनके प्रितणकों में कौन सा मेि सही है –
अंतरॅधि का लसद्धान्त – कोहिर, संबध
ं प्रनतकिया का लसद्धान्त – पॉििाि,
उत्तेजक अनुकिया का लसद्धान्त – थानणडाइक
 संज्ञानिादी निकास लसद्धान्त के प्रितणक कौन थे – जीन नपयाजे
 कोहिर का अधधगम लसद्धान्त ननम्न में से ककस नाम से जाना जाता है – अंतरॅणधि
या सूझ का लसद्धान्त

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 एक बच्चा ककसी डॉक्टर को देखने पर ही भयभीत हो जाता है क्योंकक उसके पूिण
के अनुभि में डॉक्टर के इं जेक्िन की सूई ददये जाने से संबध
ं है , यह उदाहरण
है – प्राचीन अनुबध
ं न का
 ननम्न में से ककस मत के अनुसार बच्चे लसफण अनुबंधनद्रारा ही नहीं अनपतु अन्य
व्यनियों को देखकर ि अनुकरण करके भी सीखते हैं – सामालजक अधधगम
 ननम्न में से कौन व्यिहारिादी नहीं है – लसग्मण्ड रॉयड
 ननम्न में से अनुबंधन का कौन सा प्रकार उद्दीपकों के साथ साथ गरठत होने पर
आधाररत न रहकर व्यिहार के पररणामों के प्रभाि पर ननभणर करता है – किया
प्रसूत अनुबध
ं न
 धीमी गनत से सीखने िािे बािकों के अध्यापन के लिए अधधक उपयोगी
लसद्धान्त है – थॉनणडाइक का लसद्धान्त
 अंतरॅणधि पैदा होने के संबंध में कौन सा कथन सत्य नहीं है – अंतरॅणधि धीरे-धीरे
पैदा होती है ।
 बीजों का अंकुरण संकल्पना के लिक्षण की सबसे प्रभािी पद्धनत है – निद्याधथि यों
द्रारा पौधे के बीज बोना और उसके अंकुरण के चरणों का अििोकन करना।
 एक प्रोफेसर बी. एफ. स्कीनर के ननयमों के आधार पर एक परीक्षण का ननमाणण
कर रहा है । सम्प्रत्यय जो कक इस परीक्षण में केन्र पर होगा, िह है – पुनबणिन
अनुसधू चयााँ
 साइककि सीखने के बाद स्कूटर सीखने में प्रलिक्षण का स्थानांतरण होगा –
धनात्मक स्थानांतरण
 अनुभिों के कारण व्यिहार में होने िािे अपेक्षाकृत स्थायी पररितणनों को कहा
जाता है – अधधगम
 टं कण कायण या कम्प्यूटर पर यदद ननरं तर अभ्यास नहीं करते हैं तो भूि जाते हैं यह
ककस लसद्धान्त के अनुसार है – थानणडाइक के लसद्धान्त के अनुसार

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 गेस्टाल्टिाददयों के अनुसार व्यनि ककसी िस्तु को देखत है – समग्रता के आधार
पर
 धचम्पैंजी पर प्रयोग ककसने ककया – कोहिर
 ‘किया की सफिता से संतोर्ष एिं असफिता से अंसंतोर्ष होता है ।’ थानणडाईक
का कौनसा ननयम यह इं नगत करता है – प्रभाि का ननयम
 ककसी किया को बार-बार दोहराने से उसका संबंध रॅढ़ हो जाता है । उक्त कथन
थानणडाइक के ककस ननयम से संबंधधत है – अभ्यास का ननयम
 ननम्नलिखखत में से कौन सा सीखने का ननयम नहीं है – अधभप्रेरण का ननयम
 अधधगम का उद्देश्यपूणण व्यिहारिाद लसद्धान्त ददया – हि ने
 बाद में सीखी गयी सामग्री यदद पूिण में सीखी गयी सामग्री के धारण में अिरोध
पैदा करे तो इस प्रकिया को कहें गे – पश्चोन्मुखी अिरोध
 ‘सामालजक अधधगम लसद्धान्त’ ककसने ददया – बण्डु रा
 प्रयत्न ि त्रुरट अधधगम ककसने ददया – थानणडाईक
 मानि आिश्यकताओं का पदानुिम ककसने ददया – मॉस्िो
 ‘ज्ञान और अधभिृधद्ध की प्रानप्त अधधगम है ’ अधधगम की उपरोक्त पररभार्षा दी है –
िो एिं िो ने
 अंतरॅधि अधधगम लसद्धान्त ककसने ददया – िरदाईमर, कोहिर, कॉफ्का
 ‘करके सीखना’ का निचार ददया – जॉन डीिी ने
 व्यनि जब दूसरे व्यनि को कुछ कायण करते देख िह कायण करना सीखता है, तो
यह कहिाता है – अििोकन द्रारा सीखना।
 निस्मरण के प्रयोग ककसने स्ियं पर ककये – एनबिं गहास
 मैं अपनी चानबयााँ मेरे टे िीफोन के पास की खूाँटी पर टााँगता था। अब मैंने चानबयााँ
रखने की जगह बदि दी, कफर भी मैं चानबयााँ रखने की जगह बदि दी, कफर भी मैं
चानबयााँ िेने खूाँटी के पास जाता रॄाँ। यह उदाहरण है – अनुबध
ं न का

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 ……… एक प्रकिया है , लजसमें बािक संस्कृनत के तौर-तरीके सीखता है –
समाजीकरण
 ननष्पादन में पररितणन अभ्यास का फिन होता है , कहा जाता है – अधधगम
 सूझ के लसद्धान्त का प्रनतपादन करने िािे मनोिैज्ञाननक थे – गेस्टाल्टिादी
 क्िालसकी अनुबंधन में भोजन के प्रनत िार की अनुकिया है – यू. सी. आर.
 अधधगम के प्रयत्न और भूि लसद्धान्त के प्रितणक है – थानणडाइक
 गेस्टाल्टिाद के अनुसार क्या सबसे ज्यादा जरूरी है – सूझ
 ननम्नलिखखत में से कौन सा अधधगम से प्रत्यक्षत: प्रभानित होता है – निकास
 ADHD है – अिधान निकृनत
 दडस्िेक्लिया में बच्चों को परेिानी होती है – पढ़ने लिखने में
 ननम्नलिखखत में से ककससे ऐस्तच्छक व्यिहार उसके पररणामों या पूनिि कता से
िनििािी या कमजोर होता है – कियाप्रसूत अनुबध
ं न
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कारक अधधगम में बाधक होता है – अधधगधमत
नन:सहायता
 ननम्नलिखखत में से कौन-सा कारक स्मृनत से संबंधधत नहीं है – अनुभनू त
 पाििॉि ने सीखने के अनुबंधन-प्रनतकिया लसद्धान्त का प्रनतपादन …. पर प्रयोग
करके ककया था– कुत्ते
 सीखने के िि – सीखने की प्रगनत के सूचक है ।
 बच्चों में गखणत सीखने संबंधी अक्षमता है – दडस्कैिकुलिया
 अधधगम हे तु कोहिर का प्रयोग ………. पर आधाररत था – धचम्पांजी
 ‘अधधगम और प्रलिक्षण का स्थानांतरण उस सीमा तक संभि होता है जहााँ तक
निीन ि पुराने निर्षयों में समानता पायी जाती है’ उपरोक्त निचार का मुख्य
समथणक कौन है – थॉनणडाइक

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 ‘अधधगम-प्रकिया से तात्पयण बािक में उपयुक्त व्यािहाररक कियाओं द्रारा
व्यिहार पररितणन िाना।’ यह पररभार्षा है – नगिफॉडण
 अधधगम के स्थानान्तरण हे तु सिाणधधक उपयुक्त पररस्थिनत आिश्यक है – समान
घटक
 ‘निद्यािय अधधगम में अधभप्रेरणा के अंतगणत िांधछत व्यिहार उत्पन्न करना, उन्हें
बनाए रखना और उन्हें ददिा देना सन्तिलित होता है ’ – स्तिनर
 गैने ननम्न में से ककससे संबधं धत है – अधधगम का श्रेणीिम
 अधधगम क्या है? सबसे उपयुक्त पररभार्षा बताइए – व्यिहारगत व्यिहार में
पररितणन अधधगम है ।
 अधधगम अंतरण के लिये अध्यापक को करना चादहए – अधधगम का उपयोग
नयी समस्या के समाधान के लिये करिाना।
 अधधगम के ककस कारक को अध्यापक निकलसत नहीं कर सकता – पररपक्िता
 अध्यापन का अधधगम से क्या संबंध है – दोनों एक दूसरे के सहायक है ।
 मैडम मोन्टे सरी ने अधधगम पररिेि में सिाणधधक बि ककस पर ददया है –
ज्ञानेब्दियों के उपयोग पर
 ‘सीखने िािे के समक्ष निर्षय िस्तु उसी समय प्रस्तुत की जाए जब िह
मनोिैज्ञाननक रूप से उसे स्िीकार करने हे तु तैयार है ।’ यह सोच कहिाती है –
सहानुभनू त बोध अिधारणा
 ननम्नलिखखत में से ………… के अनतररक्त सभी के कारण अधधगम अक्षमता
उत्पन्न हो सकती है – लिक्षक की लिक्षण-िैिी
 आपको िगता है कक आपकी कक्षा में कुछ बच्चे बरृत तेज गनत से सीख रहे हैं
और कुछ बरृत धीमी गनत से। इस पररस्थिनत में आप क्या करेंगें – तेज गनत से
सीखने िािे बच्चों की सहायता धीमीगनत से सीखने िािे बच्चों को लसखाने हे तु
िेंग।े

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 लिक्षण अधधगम प्रकिया की रॅधि से एक अच्छा लिक्षक िह है , जो – सोचता है
कक बातचीत को सीखने के संसाधन के रूप में उपयोग ककया जा सकता है ।
 …… के अनतररक्त ननम्नलिखखत सभी के कारण अधधगम अक्षमता उत्पन्न हो
सकती है – सांस्कृनतक कारक
 अधधगम ननयोग्यता – एक चर अिस्था है ।
 ……… के अनतररक्त ननम्नलिखखत समस्या समाधान की प्रकिया के चरण हैं –
पररणामों की आिा करना।
 जब बच्चा ‘फेि’ होता है , तो इसका तात्पयण है कक – व्यिस्था फेि रृई है ।
 लिक्षण से अधधगम पर बि देने िािा पररितणन हो सकता है – बाि-केब्दित
लिक्षा पद्धनत अपनाकर
 ननम्नलिखखत में से कौन सा अधधगम को अधधकतम करने के लिए सिाणधधक
उधचत है – लिलक्षका को अपनी संज्ञानात्मक िैिी के साथ साथ अपने
लिक्षाधथि यों की संज्ञानात्मक िैिी की पहचार करनी चादहए।
 जब एक बािची खाना पकाते समय खाने को चखता है , तो िह ……. के समान
है – सीखने के लिए आकिन
 लिक्षण-अधधगम प्रकिया में व्यनिगत रूप से ध्यान देना महत्तिपूणण है ,
क्योंकक – बच्चों की निकास दर धभन्न होती है और िे धभन्न तरीकों से सीख
सकते हैं ।
 ननम्नांककत में से कौन सी समस्या–समाधान की िैज्ञाननक पद्धनत का पहिा
चरण है – समस्या के प्रनत जागरूकता
 अंतरपरक अनुदेिन है – लिक्षाधथि यों की आिश्यकताओं को पूरा करने के लिए
समूहीकरण के निनिध रूपों का प्रयोग करना।
 अधधगम अक्षमताएाँ – सामान्य या उससे अधधक बुधद्ध-िब्धांक िािे बच्चों में भी
पाई जाती है ।

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 समस्या-समाधान प्राय: उन निद्याियों में सफि है , जहााँ –
पररितणनिीि/िचीिी पाठ्यचयाण है ।
 बच्चे के संज्ञानात्मक निकास हे तु उत्तम स्थान है – निद्यािय एिं कक्षा का
िातािरण
 व्यिहार में होने िािे स्थायी पररितणन, जो अभ्यास के कारण होते हैं , को कहा
जाता है – सीखना (अधधगम)
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कौिि भािात्मक बुधद्ध से संबद्ध नहीं होता है –
भािनाओं का प्रबंधन
 ‘बच्चे कफल्मों में ददखाए गए दहिं सात्मक व्यिहार को सीख सकते हैं ’ यह ननष्कर्षण
ननम्नलिखखत में से ककस मनोिैज्ञाननक द्रारा ककए गए कायण पर आधाररत हो
सकता है – एल्बटण बंडूरा
 लिक्षाथी फैिन िो को देखकर मॉडल्स का अनुकरण करने की कोलिि करते हैं ,
इस प्रकार के अनुकरण को …………… कहा जा सकता है – सामालजक
अधधगम
 यदद लिक्षाथी पाठ के दौरान िगातार गिनतयााँ करते हैं तो लिक्षक को –
अनुदेिन, कायण, समय-सारणी अथिा बैठने की व्यिस्था में पररितणन करना
चादहए।
 …….. के अनतररक्त ननम्नलिखखत कुछ तकनीकें हैं , जो परीक्षा के कारण होने
िािी धचिं ता को दूर करती हैं – पररणाम के बारे में बरृत अधधक सोचना।
 ……… के द्रारा ननपुणता अधभनिन्यास को प्रोत्सादहत ककया जा सकता है –
लिक्षाधथि यों के व्यनिगत प्रयासों पर ध्यान केब्दित करने
 ननम्नलिखखत में से ककसका धमिान उधचत है – सामालजक निकास-िातािरण
 अधधगम प्रकिया में सही कड़ी का चयन कीलजए – िक्ष्य-समायोजन-प्रेरक-
पररितणन

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 एक प्रभािी लिक्षक अपने अधधगमकताणओं को सामूदहक कियाओं में सन्तिलित
करते हैं , क्योंकक इससे ‘सीखना’ सुगम बनाने के अनतररि यह निकास करता
है – समाजीकरण
 ‘लिक्षा मनोनिज्ञान में में ‘सीखना’ िक्ष्य तक परृाँचने के उपायों को ननश्चित करना
है ।’ यह अधधगम की लजस श्रेणी में आता है , िह है – अधधगम प्रकिया
 लजस प्रकिया से व्यनि मानि कल्याण के लिए परस्पर ननभणर होकर व्यिहार
करना सीखता है , िह प्रकिया है – सामालजक पररपक्िता
 उत्तेजक तथा अनुकिया के मध्य सीखने की प्रकिया को प्रभानित करने िािे तत्ि
हैं – व्यनि की िैयनिकता तथा इच्छाएाँ, व्यनि की इच्छाएाँ तथा भािनाएाँ, व्यनि
की की भािनाएाँ तथा क्षमता।
 हम अधधगम का अनुभि नहीं कर सकते हैं , हम केिि यह देख सकते हैं कक िह
ननरन्तर सफितापूिणक आगे बढ़ता है, इसका तात्पयण है – अधधगम समायोजन
है ।
 अधधगम लजसके नबना संभि नहीं है , िह है – प्रेरणा
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन अधधगम की प्रकृनत को सही प्रकार से
ननदेलित करता है – अधधगम प्रकिया एिं उत्पाद दोनों हैं ।
 कौन सा लसद्धान्त अधधगम स्थानान्तरण में सहायक नहीं होता है – तथ्यों की
नििुद्धता
 ननम्न में से कौन सा उद्देश्य के संज्ञात्मक क्षेत्र का नहीं है – अनुिाद करना।
 नििुप्त होना पररणाम है – पुनबणिन का अभाि
 अधधगम के संबंध में उपयुक्त नहीं है – अधधगम पर पररपक्िता का प्रभाि नहीं
पड़ता।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कारक अधधगम को प्रभानित करने िािा नहीं है –
मानि ि भौनतक संसाधन

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 ‘मेस्टाल्टिाद’के जन्मदाता कौन है – बरदाईमर
 रॉबटण गेने ने अधधगम की ककतनी पररस्थिनतयााँ बताई है – 8
 श्रृंखिा अधधगम सम्बब्धित है – गेने
 ननम्न में से कौन सा सही नहीं है – कंकाि आयु
 संज्ञानात्मक निकास पर व्यिस्थित कायण करने िािा मनोिैज्ञाननक था – जीन
नपयाजे
 एक बच्चे को िाि गुिाब का कांटा चुभ गया लजससे उसे काफी चोट परृाँची।
आगे चिकर िह िाि पोर्षाक या िाि ककसी भी चीज को देखकर डरने
िगा/िगी। यह उदाहरण है – उद्दीपन सामान्यीकरण
 नपयाजे द्रारा प्रयुक्त ककया गया नाम खोजे – स्कीमा
 जॉजण स्टे निे हॉि ने ककिोरािस्था को कैसी अिस्था कहा – तुफानी एिं
तनािपूणण
 अध्ययन का उच्चतम स्तर कौन-सा है – समस्या समाधान अधधगम
 अच्छा अधधगम ननभणर करता है – लिक्षक पर, छात्रों की सकिय रुधच पर, उपयुि
लिक्षण निधधयों एिं सहायक सामग्री के उपयोग पर।
 मनोनिज्ञान का कौन-सा सम्प्रदाय, मनोनिज्ञान को नििुद्ध निज्ञान के रूप में
स्थानपत करने पर बि देता है – व्यिहारिाद
 एक लिलक्षका अपनी कक्षा से कहती है , ‘सभी प्रकार के प्रदत्त कायों
(Assignments) का ननमाणण इस प्रकार ककया गया है कक प्रत्येक निद्याथी
अधधक प्रभाििािी ढं ग से सीख सके, अत: सभी निद्याथी नबना ककसी अन्य की
सहायता से अपना कायण पूणण करें।’ िह कोह्लबगण के ककस नैनतक निकास के चरण
की ओर संकेत दे रही है – औपचाररक चरण 4 – कानून और व्यिस्था
 गाडणनर के बरृ-बुधद्ध के लसद्धान्त के अनुसार, िह कारक जो व्यनि के ‘आत्म-
बोध’ हे तु सिाणधधक योगदान देगा, िह हो सकता है – अन्त:िैयनिक

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 आपकी कक्षा में कुछ बच्चे हैं जो गिनतयााँ करते हैं । इस पररस्थिनत का आपके
निश्िेर्षण के अनुसार इनमें से कौन-सा कथन सिाणधधक उपयुक्त है – बच्चों ने
अभी तक संकल्पनात्मक स्पष्टता प्राप्त नहीं की है तथा आपको अपनी लिक्षण-
निधध पर धचन्तन करने की आिश्यकता है ।
 बरृतान्तत्वक लसद्धान्त ककसने ददया – थॉनणडाइक
 िे बािक जो अपनी आयु से एक दजाण नीचे के बािक के लिए बनाए गए कायण
को अच्छी तरह सम्पन्न नहीं कर पाते हैं , उन बािकों को ककस श्रेणी में रखा
जाएगा – नपछड़े बािक
 िे बािक लजन्हें अध्यापक के प्रयासों एिं अधभपेरणा के माध्यम से सामान्य
बािक की श्रेणी में िाया जा सकता है – नपछड़े
 ककसने कहा कक बुधद्ध सीखने की योग्यता है – बककिंघम
 गैरेट ने बुधद्धके ककतने प्रकार माने – तीन
 ननम्न में से बुधद्ध के कौन से लसद्धान्त है – एक खण्ड का लसद्धान्त, कद्रखण्ड का
लसद्धान्त, तीन खण्ड का लसद्धान्त
 िस्तुओं के संग्रहण का काि है – 7-11 िर्षण
 बािक में अमूतण धचिं तन का निकास हो जाता है – 11-15 िर्षण
 बुधद्ध के प्रनतदिण लसद्धान्त का प्रनतपादक है – थॉमसन
 अिाब्दिक सामूदहक परीक्षण है – थॉमसन
 एक बािक की बुधद्ध िब्धि 85 है तो िह बािक है – मंद बुधद्ध
 बुधद्ध का पदानुिधमक लसद्धान्त का ननमाणण ककसने ककया है – बटण ि बनणन
 बुधद्ध की कत्र-निमीय संरचना ककस मनोिैज्ञाननक ने प्रनतपाददत की – नगल्फडण
 ननम्न में से नगल्फडण की संरचना में सन्तिलित निमा नहीं है – मूल्यांकन
 बुधद्ध िब्धि (IQ) िब्द का उपयोग सिणप्रथम ककया – टरमन
 बुधद्ध का बरृकारक / बरृतत्ि ककसने प्रनतपाददत ककया – थॉनणडाइक

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 अल्रेड नबने ककस देि के ननिासी थे – रांस
 बुधद्ध परीक्षणों का जनमदाता कहा जाता है – नबने को
 ककस मनोिैज्ञाननक ने बुधद्ध को असंख्य तत्िों से ननधमि त बताया है – थॉनणडाइक
 ककस मनोिैज्ञाननक ने स्पीयरमैन के सामान्य कारक का खण्डन ककया है –
थॉनणडाइक
 बुधद्ध के कत्रतत्ि लसद्धान्त में स्पीयरमैन ने तीसरा तत्ि (जो उन्होने अपने कद्रतत्ि
लसद्धान्त में नहीं बताया था) जोड़ा – समूह तत्ि
 बुधद्ध का निभाजन ककन िैज्ञाननकों ने ककया – थॉनणडाइक ि गैरेट
 व्यनि अनोखे कायण करता है , लजससे समाज में उसकी पहचान बनती है, यह बुधद्ध
का कौन सा कारक है – निलिष्ट
 इं जीननयर अपने कायर्ाािय में बैठकर ककसी मकान का प्रारूप बनाता है, बुधद्ध
के ककस प्रकार के माध्यम से – अमूतण
 ”अमूतण निचारों के निर्षय में सोचने की योग्यता ही बुधद्ध है” यह कथन है – टरमन
 अमूतण बुधद्ध में ककनका प्रयोग अधधक ककया जाता है – िब्दों का, अंको का,
प्रतीकों का
 ”बुधद्ध अमूतण निचारों के बारे में सोचने की योग्यता है ।” यह कथन है – टरमन का
 नगिफॉडण का बुधद्ध संबंधी लसद्धान्त है – कत्रआयामी लसद्धान्त
 ”हीरों के लिए हम खुदायीकरते हैं ि स्िणण को िुद्ध करते हैं ककन्तु प्रनतभा का हम
नाि कर रहे हैं ।” यह कथन है – के.एन. दत्त
 एक 5 िर्षीय बािक की बुधद्ध परीक्षा के आधार पर मानलसक आयु 8 िर्षण लसद्ध
रृई, तो बािक ककस िगण में आयेगा – अनत प्रखर बुधद्ध
 बािक राम का बगीचे में िे जाकर हररयािी से पररधचत करिाया जाता है राम
को निद्यािय में हररयािी पर ननबंध लिखने को कहा जाता है , यहााँ बुधद्ध का
कौनसा प्रकार कायण करेगा – अमूतण

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 बुधद्ध के कौन से प्रकार को मृदुि बुधद्ध कहा जाता है – िाब्दिक
 सूक्ष्म समस्याओं को धचिं तन-मनन द्रारा हि करने का कायण ककस बुधद्ध का है –
अमूतण बुधद्ध
 मूतण बुधद्ध को इस नाम से भी जानते हैं – गत्यात्मक एिं यांकत्रक बुधद्ध
 व्यनि के ननण्र्ज्ञय िेन,े तकण करने तथा उपयोगी-अनुपयोगी का चयन करने की
योग्यता है – बुधद्ध
 ननम्न में से बुधद्ध की नििेर्षता नहीं है – लििं ग के आधार पर बुधद्ध में भेद होता है ।
 12 िर्षीय निद्याथी सोहन की बुधद्ध िब्धि 75 है । उसकी मानलसक आयु िर्षों में
क्या होगी – 9 िर्षण
 टरमन के अनुसार अत्युत्कृष्ट रखते है – 120-125 बुधद्धिब्धि
 बुधद्ध का कद्रकारक लसद्धान्त ककसके द्रारा ददया गया – स्पीयरमैन
 ननम्नलिखखत में से कौन-सा नगिफडण के कत्रनिमीय बुधद्ध लसद्धान्त के ‘निर्षय-िस्तु
आयाम’ का घटक नहीं है – प्रणािी
 मानलसक आयु की अिधारणा को निकलसत ककया था – नबने
 ननम्न में से कौन सा संिेगात्मक बुधद्ध का तत्ि नहीं है – उद्यमी सामथ्यणता
 बुधद्ध-िब्धि सम्प्रत्यय निकलसत ककया – टमणन ने
 सामान्य तथा निलिष्ट कारक लसद्धान्त का प्रनतपादन ककया था – स्पीयरमैन ने
 लजन बािकों की बुधद्ध-िब्धि ……….. है , साधारणत: उन्हें मानलसक न्यूनता
ग्रलसत की श्रेणी में रखते हैं – 70 से कम
 व्यिहाररक बुधद्ध को कहा जाता है – मूतण बुधद्ध
 बुधद्ध के कत्रआयामी लसद्धान्त के अनुसार बुधद्ध के कारक की संख्या है – 120
 ननम्न में से नगिफोडण ने कौन सा बुधद्ध का लसद्धान्त प्रनतपाददत ककया है – बुधद्ध
संरचना लसद्धान्त
 ननम्न में से बुधद्ध का बरृखंड लसद्धान्त प्रनतपाददत ककया – थानणडाइक

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 थानणडाइक का बुधद्ध सम्बन्धी लसद्धान्त है – बरृतत्ि लसद्धान्त
 बुधद्ध के समूह-कारक (तत्ि) लसद्धान्त के प्रणेता (प्रितणक)है – थस्टण न
 ‘पुरूर्ष स्तस्त्रयों की अपेक्षा ज्यादा बुधद्धमान होते हैं ।’ यह कथन – िैंनगक पूिाणग्रह
को प्रदलिि त करता है ।
 एक बािक की आयु 12 िर्षण है । नबने का बुधद्ध परीक्षण करने पर िह 15 िर्षण के
सामान्य बािक के समान अंक प्राप्त कर सका, उसका सही बुधद्ध िब्धि ककस
निकल्प में दी गई है – 125
 एक बािक लजसकी बुधद्धिब्धि 105 है उसे िगीकृत ककया जाएगा – सामान्य
बुधद्ध
 अिाब्दिक बुधद्ध परीक्षणोंका प्रयोग ककया जा सकता है – अलिलक्षत के लिए
 आप देखते हैं कक एक छात्र बुधद्धमान है, आप – िह जैसे अधधक प्रगनत कर सके
उस तरह उसे अनुप्ररे रत करेंग।े
 सामान्य बािक का बुधद्धिब्धि स्तर क्या होता है – 91-110
 बुधद्ध िब्धि मापन के जन्मदाता है – टरमन
 जड़ बुधद्ध िािे बािक की बुधद्ध िब्धि ककतनी होती है – 70 से कम
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन सत्य है – बुधद्ध का लििं ग के साथ सम्बन्ध नहीं
है ।
 एक 11 िर्षीय बािक, लजसकी मानलसक आयु 10 िर्षण है , ककस श्रेणी में
आएगा – औसत बुधद्ध
 एक 16 िर्षीय ककिोर की मानलसक आयु 15 िर्षण है , िह ककस श्रेणी में आएगा –
औसत
 निधभन्न िैज्ञाननकों ने बच्चों की बुधद्ध िब्धि के आधार पर उनको धभन्न धभन्न
श्रेणी/संिगण की संज्ञा दी है / नीचे इन श्रेखणयों/संिगों के चार अनुिम (समूह)

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ददए गए हैं । इनमें ठीक ि सही अनुिम समूह का चयन कीलजए – जड़ बुधद्ध, मंद
बुधद्ध, श्रेष्ठ उच्च बुधद्ध, प्रनतभािािी
 अधधकांि व्यनियों की बुधद्ध औसत होती है , बरृत कम िोग प्रनतभा सम्पन्न होते
हैं और बरृत कम व्यनि मंद बुधद्ध के होते हैं , यह कथन ………….. के
प्रनतस्थानपत लसद्धान्तों पर आधाररत हैं – बुधद्ध के नितरण
 ई. क्यू. एिं आई. क्यू. उदाहरण हैं – मानक प्रदत्त
 ननम्न में से कौन-सा कथन बुधद्ध के बारे में सत्य नहीं है – यह स्थाई एिं
अपररितणनिीिता की नििेर्षता है ।
 एक 12 िर्षीय बािक की मानलसक आयु 10 िर्षण है , िह ककस श्रेणी में आएगा –
मंद बुधद्ध
 ननम्न में से कौन बुधद्ध परीक्षणों के दुरुपयोग का संकेत देता है – बुधद्ध-िब्धि का
िेिि बािकों पर िगाकर अध्यापक अपनी अकुििता को धछपाते हैं ।
 0 से 25 बुधद्ध िब्धि को कहते हैं – जड़ बािक
 नगिफोडण के बुधद्ध सम्बन्धी मॉडि में ननम्न में से कौन सा आयाम नहीं है –
निलिष्ट तत्ि
 बुधद्ध के बरृकारक लसद्धान्त के प्रनतपादक हैं – थानणडाइक
 नपछड़े बािकों की बुधद्ध िब्धि होती है – 80 से 90 के बीच
 जड़ बािकों की बुधद्ध िब्धि होती है – 25 से कम
 नगिफोडण के बुधद्ध सम्बन्धी लसद्धान्त हैं – कत्रआयामी लसद्धान्त
 अिधारणाओं का निकास मुख्य रूप से सम्बब्धित है – बौधद्धक निकास से
 मानलसक रूप से निकिांग से ननम्नलिखखत में से कौन सम्बब्धित नहीं है –
असामालजक कायण
 बुधद्ध के कद्र-कारक लसद्धान्त का प्रनतपादन ककसने ककया – स्तियरमैन

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 बुधद्धमता का सम्बन्ध ककससे है – केन्रीय धचन्तन से, बरृआयामी धचिं तन से,
सृजनात्मकता से
 निलिष्ट बािक का सम्बन्ध होता है – बुधद्ध से
 ननम्न में से ककसका ननश्चय केिि आनुिंलिकता के आधार पर होता है – बुधद्ध
 भािात्मक बुधद्ध का पाररभानर्षक िब्द (Term) देने िािे निद्रान है – डेननयि
गोनमेन
 भािात्मक बुधद्ध का प्रमुख प्रसंग है – अपने स्ियं की भािनाओं को जानना,
अपने भािों को व्यिस्थित करना, दूसरे की भािनाओं को पहचानना
 एक लिक्षाथी की बुधद्ध िब्धि का ज्ञान एक लिक्षक के लिए उपयोगी है ,
क्योंकक – लिक्षण कायण को सफि एिं प्रभािी बनाने में
 िारीररक-गनतक बुधद्ध रखने िािे बच्चे की अंनतम अिस्था ननम्नलिखखत में से
कौनसी हो सकती है – िल्य धचककत्सक
 बरृनिध बुधद्ध लसद्धांत के अनुसार सभी प्रकार के पिुओं, खननजों और पेड़-पौधों
को पहचानने और िगीकृत करने की योग्यता …….. कहिाती है – प्राकृनतक
बुधद्ध
 नगिफोडण के बुधद्ध सम्बन्धी मॉडि में कुि कोष्ठ (खाने) हैं – 120
 ……………… के अनतररक्त बुधद्ध के ननम्नलिखखत पक्षों को स्टनणबगण के कत्रतंत्र
लसद्धान्त में संबोधधत ककया गया है – सामालजक
 हािडण गाडणनर का बुधद्ध का लसद्धान्त ………. पर बि देता है – प्रत्येक व्यनि की
नििक्षण योग्यताओं
 ककसी 10 िर्षीय बािक की मानलसक आयु 14 िर्षण है , िह कहिाएगा –
प्रनतभािािी

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 जो बुधद्ध लसद्धान्त बुधद्ध में सन्तिलित मानलसक प्रकियाओं (जैसे परा-घटक) और
बुधद्ध द्रारा लिए जा सकने िािे निनिध रूपों (जैसे सृजनात्मक बुधद्ध) को िाधमि
करता है , िह है – स्टनणबग का बुधद्धमता का कत्रतंत्र लसद्धान्त
 ‘बुधद्ध िह तत्ि है , जो सब मानलसक योग्यताओं में सामान्य रूप से सन्तिलित
रहता है । पररभार्षा इस िताब्दी की सबसे महत्िपूणण मनोिैज्ञाननक खेज का
प्रनतष्ठापन करती है ।‘ यह कथन ककसका है – रेक्स ि नाइट
 अन्तिैयनित्क बुधद्ध से तात्पयण है – निधभन्न व्यनियों को समझने का कौिि
 बुधद्धिब्धि के संबंध में क्या सत्य है – कािानुिधमक आयु से व्युत्िमी संबधं धत
 बुधद्धका तरि मोजेक मॉडि ककसने ददया था – कैटे ि
 चेस तथा काडण के ननम्न में से ककस में िगीकृत ककया जा सकता है – बौधद्धक
खेि
 ननम्नलिखखत में से कौन सा किया ननष्पादन प्रकार के बुधद्ध परीक्षण का उदाहरण
नहीं है – सरि गखणत समस्याएाँ हि करना।
 एक बािक लजसकी बुधद्धिब्धि 125 है , ककस िगण में आएगा – उच्च प्रखर
 एक व्यनि जो निधभन्न संिेगों की पहचान तथा महसूस करने और संिेगों पर
ननयंत्रण की उच्च योग्यता रखता है, उच्च होगा – EQ पर
 एक बािक लजसकी रॅश्य संसार का िुद्धता से प्रत्यक्षीतकरने की क्षमता अधधक
है िह उच्च होगा – स्थाननक बुधद्ध पर
 बुधद्ध के कियात्मक परीक्षण उपयोगी है – बािकों के लिए, गूग
ाँ े और बहरों के
लिए, ननरक्षरों के लिए
 एक दस िर्षण का बािक जो उन पदों पर सफि रहा हैं लजन पर अधधकांि 6
िर्षीय बािक सफि होते हैं , की मानलसक आयु मानी जायेगी – 6
 ननम्नलिखखत में से कौन सा बुधद्ध का लसद्धान्त संज्ञानात्मक प्रकिया पर आधाररत
है – नगल्फडण कत्रआयामी लसद्धान्त

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 बुधद्ध के सूचना प्रिम (प्रोसेलसिं ग) उपागम का िणणन ककसने ककया – स्टनणबगण
 स्पीयरमेन के अनुसार, सभी संज्ञानात्मक कायों में िाधमि मानलसक ऊजाण या
क्षमता को क्या नाम ददया– जी-कारक
 गाडणनर के अनुसार अन्य व्यनियों की मनोदिा, स्िभािों, अधभप्रेरणाओं और
इच्छाओं को समझकर उसमें निभेदन करने की योग्यता कहिाती है –
अंति
ण य
ै निक बुधद्ध
 बुधद्ध का कौन सा प्रकार गाडणनर द्रारा नहीं सुझाया गया – सांस्कृनतक
 अमूतण बुधद्ध ककसी व्यनि की मदद करती है – समस्याएाँ सुिझाने में
 एक सफि इखिरीयर दडजाइनर में ककस तरह की बुधद्ध की प्रबििीिता होती
है – अमूतण बुधद्ध की
 बुधद्ध का कत्रआयामी मॉडि का प्रनतपादन ककसने ककया है – नगिफोडण
 गाडणनर ने बुधद्ध के ककतने प्रकार बताये है – 9
 पास एिांग टे स्ट का निकास ककसने ककया है – डब्ल्यू. पी. एिैक्जेण्डर
 ‘बुधद्ध की गुणित्ता स्नायु तंतुओं की मात्रा पर ननभणर रहती है ।’ बुधद्ध के मात्रा
लसद्धान्त से संबंधधत यह कथ ककसका है – थॉनणडाइक
 बच्चों हे तु िेश्िर बुधद्धमापनी के ककस परीक्षण में संख्याओं को बढ़ते िम में
प्रस्तुत कर बािक को भी उसी िम में या उल्टे िम में संख्याओं को दोहराने हेतु
कहा जाता है – अंक निस्तार
 नगिफोडण के अनुसार ननम्न में से बुधद्ध का आयाम नहीं है – संज्ञान
 बुधद्ध का िैज्ञाननक मापन सिणप्रथम ककसने प्रारम्भ ककया – नबने
 गाडणनर के बरृ-बुधद्ध के लसद्धान्त के अनुसार, िह कारक जो व्यनि के ‘आत्म–
बोध’ हे तु सिाणधधक योगदान देगा, िह हो सकता है – अंत:िैयनिक
 ननम्नलिखखत में से कौन सा सामूदहक अिाब्दिक बुधद्ध परीक्षण है – आमी बीटा
टै स्ट

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 हम सभी अपनी बुधद्ध, प्रेरणा, अधभरूधच आदद के संदभण धभन्न होते हैं । यह
लसद्धान्त संबधं धत है – िैयनिक धभन्नता से
 इनमें से कौन सा कत्रतंत्रीय लसद्धान्त में व्यािहाररक बुधद्ध का अधभप्राय नहीं है –
केिि अपने निर्षय में व्यािहाररक रूप से निचार करना।
 ननरथणक िब्द ननमाणण सिणप्रथम ककसने ककया – एनबिं गहास
 बुधद्धका/के स्त्रोत है – आनुिांलिक, अधधगम का पररणाम, स्ि तथा िातािरण
की अंतकण िया
 स्िीयरमैन के अनुसार बुधद्ध का बढ़ना ककस आयु में आकर रूक जाता है – 16
िर्षण
 बुधद्ध के अंतगणत सामान्य योग्यता का कारक कौन से मनोिैज्ञाननक ने बताया –
स्िीयरमैन
 सामान्य व्यनि की बुधद्ध िब्धि है – 100
 गोिमेन संबंधधत है – सांिने गक बुधद्ध से
 ‘बरृ-बुधद्ध लसद्धान्त’ को िैध नहीं माना जा सकता, क्योंकक – निधभन्न परीक्षणों
के अभाि में धभन्न बुधद्धयों(different intelligences) का मापन सम्भि नहीं
है ।
 एक बािक की मानलसक आयु 14 ि िास्तनिक आयु 11 िर्षण है , तो उसकी
बुधद्धिब्धि क्या होगी – 127
 कक्षा-6 के बच्चे का औसत आई क्यू होगा – 100
 बुधद्ध का कत्रआयामी लसद्धान्त है – नगिफोडण का
 बुधद्ध-स्तर के मापकको सही रूप में ननमाणण ककया है – टरमन
 बुधद्ध के निर्षयमें आधुननक अिधारणा है – निीन पररस्थिनतयों के प्रनत
समायोजन का गुण
 बैटरी ननष्पादन परीक्षण रचे गए हैं – भारटया

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 बरृिादी बुधद्ध ज्ञान को अनेक पद्धनतयों से प्रदान कर एक से अधधक कौििों को
प्रकट करती है । यह निचार है – गाडणनर
 आप प्रारस्तिक कक्षा के निद्याधथि यों के बुधद्ध परीक्षण के लिए क्या उपयुक्त
समझते हैं – कियात्मक बुधद्ध परीक्षण
 एक अध्यापक के लिए बुधद्ध परीक्षण की क्या उपयोनगता है – अध्यापन एिं
निर्षय परीक्षण में इसे आधार बनाया जा सकता है ।
 बुधद्ध के सम्बन्ध में ननम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है –बुधद्ध की िम्बित्
बुधद्ध जीिन पयणन्त होती है ।
 कल्पना का लिक्षा में क्या स्थान है – सृजनात्मकता में सहायक
 निधभन्न श्रेणी के मंददत बािकों को दिाणयी गई सही औसत बुधद्ध का चयन
कीलजए – नपछड़ा बािक – 80 से 99
 ‘संिेगात्मक बुधद्ध : बुधद्धिब्धि से अधधक महत्तिपूणण क्यों’, पुस्तक के िेखक
है – डेननयि गोिमेन
 एक बािक लजसकी मानलसक आयु 12 िर्षण तथा कािानुिधमक आयु 10 िर्षण है ,
उसकी बुधद्धिब्धि होगी-120
 ननम्न में से ककन मनोिैज्ञाननकों ने संिेगात्मक बुधद्ध पर काम ककया – हािडण
गाडणनर, डेननयि गोिमेन, जॉन डी मेयर ि पीटर साििे
 ‘बुधद्ध इन चार िब्दों में ननदहत है – ज्ञान, आनिष्कार, ननदेि, आिोचना।’ यह
कथन ककस मनोिैज्ञाननक का है – अिरेड नबने
 संिेगात्मक बुधद्ध को िोकनप्रय बनाने का श्रेय ककसको जाता है – डेननयि
गोिमैन
 ककसी समुदाय में आसानी से संबंध बनाने ि समायोलजत होने की क्षमता
कहिाती है – सांिने गक बुधद्ध
 पररिार बच्चे को ननम्न प्रकार से लिक्षा देता है – अनौपचाररक रूप से

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 नगिफोडण द्रारा प्रनतपाददत बौधद्धकता रचना मॉडि में ककतने तत्िों को सन्तिलित
ककया गया है – 120
 अतीब्दिय बािक होते हैं – भािात्मक
 एक निद्याथी एक प्रकरण में मुख्य नबन्दुओं को रेखांककत करती है , उसका एक
रॅश्यात्मक प्रस्तुतीकरण बनाती है तथा प्रकरण की समानप्त पर अपने ददमाग में
उत्पन्न होने िािे प्रश्नों को प्रस्तुत करती है , िह – निचारों के संघटन के द्रारा
अपने धचन्तन को ननदेलित करने की कोलिि कर रही है ।
 एक अध्यानपका समाज के ‘िंधचत िगों’ से आए बच्चों की आिश्यकताओं के
प्रनत प्रभाििािी तरीके से प्रनतकिया ननम्नलिखखत द्रारा कर सकती है –
निद्याियी व्यिस्था तथा स्ियं के उन तौर-तरीकों के बारे में निचार करना लजनसे
पक्षपात एिं रूमऺढबद्धताएाँ झिकती हैं ।
 सामालजक ननयमों या कानून के निरुद्ध व्यिहार करने िािा बािक कहिाता
है – बाि-अपराधी
 निलिष्ट बािकों के प्रकार कौन से हैं – प्रनतभािािी बािक, नपछड़े बािक, मन्द
बुधद्ध बािक, समस्यात्मक बाि
 प्रनतभािािी बािक की नििेर्षताएाँ है – मानलसक प्रकिया की तीव्रता, दैननक
कायों में निधभन्नता, पाठ्य निर्षयों में अत्यधधक रूधच
 मंद बुधद्ध बािक की नििेर्षताएाँ है – सीखने की धीमी गनत, जीिन में ननरािा का
अनुभि, समाज निरोधी कायों की प्रिृनि
 निलिष्ट बािक का अथण है – सामान्य बािकों की अपेक्षाकम या अधधक गुण
िािा
 प्रनतभािािी बािकों का समायोजन – श्रेष्ठ
 ननम्न में से समस्यात्मक बािक नहीं है – सामान्य

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 सामान्य प्रनतभािािी ि निलिष्ट प्रनतभािािी बािक में ककस आधार पर अंतर
ककया जा सकता है – निलिष्ट योग्यता
 हस्तलिल्प की लिक्षा दी जानी चादहए – मंदबुधद्ध बािकों को
 ”बाि अपराध की पररभार्षा ककसी कानून के उस उल्िंघन के रूप में की जाती है ,
जो ककसी ियस्क द्रारा ककए जाने पर अपराध होता है ।” कथन है – स्तिनर
 कौन सा बाि अपराध है – यौन अपराध, चुनौती देने की प्रिृनि, धूम्रपान
 बािापराध के उपचार की निधध नहीं है – कारािास
 निकिांग बच्चों की सबसे महत्िपूणण समस्या है – समायोजन की
 ”ककिोरािस्था अपराध प्रिृनि के निकास का नाजुक समय है ” कथन है –
िेिण्े टाइन
 ”बाि अपराध निज्ञान का जनक” ककसे माना जाता है –सीजर िाम्िोसो
 मंद बुधद्ध (DULL) बािक की बुधद्धिब्धि होती है – 50 से 70/75 तक
 बािापचार का कौन सा कारण नहीं है – समायोजन
 प्रनतभािािी बािकों को पढ़ाने की सिणश्रेष्ठ निधध है – अनुसध
ं ान / ह्यूरेन्तस्ट /
अन्िेर्षण निधध
 ‘एक बािक प्रनतददन कक्षा से भाग जाता है ।’ िह बािक है – समस्यात्मक
बािक
 ”मापन ककया जाने िािा व्यनित्ि का प्रत्येक पहिू िैयनिक धभन्नता का अंि
है ।” उपयुणक्त पररभार्षा दी है – स्तिनर ने
 जािोटा ने परीक्षण ददया है – सामूदहक बुधद्ध परीक्षण
 मौलिकता का गुण पाया जाता है – सृजनिीि बािकों में
 स्कूि से भागने िािे बािक के अध्ययन की सिाणधधक उपयोगी निधध है – केस
स्टडी

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 ऐसे बािक लजनका प्रमुख कायण लिक्षक तथा छात्रों को परेिान करना है, िे है –
समस्यात्मक
 िाक् दोर्ष ग्रलसत बािक लजसमें तुतिाना, हकिाना, अिुद्ध उच्चारण आदद होते
हैं , को दूर कर सकते हैं – अच्छे अभ्यास द्रारा
 दडस्िेक्लिया संबंधधत है – पठन निकार से
 बाि अपराध का कारण नहीं है – उधचत घरेिू िातािरण
 प्रगनतिीि पररिारों में बच्चों में अपेक्षाकृत कौन सा प्रेरक अधधक प्रबि होता
है – उपिब्धि
 ननम्न में से कौन सा नपछड़ेपन का कारण नहीं है – स्िस्थ िातािरण
 ………. बच्चों में अमूतणमान प्रत्ययों को ग्रहण करने की योग्यता होती है –
प्रनतभािािी
 ननम्न में से कौन सी सामालजकरूप से िंधचतकी समस्या नहीं है – रहने के लिए
स्िस्थ पररिेि
 टोरेन्स के सृजनात्मकता परीक्षण द्रारा ककस तत्ि का मापन नहीं होता है –
ताककिकता
 सृजनात्मकता मुख्य रूप से संबंधधत होती है – अपसारी धचन्तन
 ननम्न में से कौन-सी दडस्िेक्लिया (Dyslexia) की नििेर्षता नहीं है – सीधे या
उल्टे हाथ के प्रयोग के संबध
ं में ननश्चय
 हस्तलिल्प की लिक्षा दी जानी चादहए – मन्दबुधद्ध बािक को
 छात्रों में चोरी करने की आदत को कैसे दूर ककया जा सकता है – उदाहरण देकर
 प्रनतभािान बािकों की पहचान करने के लिए हमें सबसे अधधक महत्ि –
िस्तुननष्ठ परीक्षणों के पररणाम को देना चादहए।
 इनमें से कौन सा कृत्य बाि-अपराध नहीं है – कक्षा में नींद ननकािना।

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 एक बािक जो गखणत के अनतररक्त अन्य निर्षयों में सामान्य है , जबकक गखणत में
बरृत ननम्न उपिब्धि रखता है , ऐसे बािक को ननम्न में से ककस श्रेणी में रखा जा
सकता है – नपछड़े बािक
 प्रनतभािािी बािकों की पहचान ननष्पादन परीक्षणों द्रारा करठन मानी जाती है,
इसका उपयुणक्त कारण ककस निकल्प में ददया गया है – बुधद्ध िब्धि और
ननष्पादन में कोई सम्बन्ध नहीं।
 अध्यापक द्रारा ननरीक्षण के माध्यम से प्रनतभािािी बािक की पहचान ननम्न में
से ककस कारण से करठन है – ननरीक्षण द्रारा भािनात्मक समस्या से ग्रस्त
प्रनतभािािी की पहचान अध्यापकों द्रारा नहीं हो सकती।
 बाि-अपराधधयों की आयु होती है – 18 िर्षण से कम
 मानलसक रूप से नपछड़े बािको के लिए ननम्न में से कौन सी व्यूह रचना कायण
करेगी – कायों को मूतण रूप में समझना।
 पृथक कक्षाओं एिं संिधणन कायणिमों का प्रयोग लिक्षा के लिए ककया जाता है –
प्रनतभािािी बािकों के लिए
 लजन बािकों की िैलक्षक उपिब्धि अपनी आयु के अन्य बािक से ननम्न रहती है ,
कहिाते हैं – नपछड़ा बािक
 प्रनतभािािी बच्चों के लिए आिश्यक है – उन्हें निलिष्ट योग्यता हे तु नििेर्ष
अिसर ददये जाये।
 एक छात्र जो हमेिा नई-नई जानकाररयों के लिए स्त्रोतों की खोज करता रहता है
ि लिक्षकों ि सहपारठयों से तकण नितकण करता रहता है , तो होता है –
प्रनतभािािी बािक
 प्रनतभािािी बच्चों के संदभण में संित्रणन (Acceleration) का अथण है – ऐसे
निद्याधथि यों को ितणमान स्तर/ग्रेड को छोड़कर अगिे उच्च ग्रेड में प्रोन्नत करना।

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 प्रनतभािािी निद्याधथि यों के लिए ननमम्नलिखखत में से कौन सी गनतनिधध
सिाणधधक उपयुक्त है – दी गई संकल्पनाओं के आधार पर मौलिक नाटक
लिखना।
 प्रनतभािािी निद्याधथि यों अपनी क्षमताओं को तब निकलसत कर पाएाँगे जब – िे
अन्य निद्याधथि यों के साथ अधधगम-प्रकिया से जुड़ते हैं ।
 सुधार स्कूि स्थानपत ककए गए हैं – बाि अपराधधयों के लिए
 ननम्नलिखखत में से कौन सा समाज निरोधी बािक के बारे में सत्य नहीं है –
समाज निरोधी बािक में दोर्ष की भािना कम होती है ।
 ननम्न में से कौन से निलिष्ट बािकों की श्रेणी में नहीं आते हैं – िम्बे बािक
 निकिांग बािकों से हम समझते हैं , ऐसे बािक – जो िारीररक दोर्ष से ग्रलसत
हों।
 हकिाने का कारण है – िारीररक ि मनोिैज्ञाननक
 मंददतमना बािकों को लिलक्षत करते समय लिक्षक को यह ध्यान में रखना
चादहए कक िे – व्यिसाय संबध
ं ी कौिि सीख सके।
 प्रनतभािान बािकों की पहचान करने के लिए हमें सबसे अधधक महत्ति देना
चादहए – िस्तुननष्ठ परीक्षणों के पररणाम को।
 ननम्न में से ककसमें न्यूनतम अिधान की आिश्यकता होती है – अधधगम
 बुलिधमया है – भोजन ग्रहण निकृनत
 बाि-अपराध का मनोिैज्ञाननक कारण है – अिरूद्ध इच्छा
 िह परीक्षण लजसमें बच्चों को पारस्तिक नबन्दु से िेकर अंनतम नबन्दु तक सही
रास्ता खोजना होता है , कहिाता है – भूि भूिय
ै ा
 मनस्ताप एिं मनोनिदिता प्रकार है – मानलसक निकार के
 दडस्िेक्लिया में बच्चों को परेिानी होती है – पढ़ने लिखने में

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 बाि अपराध के लिए लजम्मेदार िैलक्षक कारणों में ननम्नलिखखत में से कौन सा
कारण नहीं आता है – खराब संगत
 ननम्न कथनों में से कौन सा सही नहीं है – सृजनिीिता और पररपक्िता के बीच
दूरी का संबध
ं होता है ।
 ननम्नलिखखत में से पररिार संबंधधत बाि अपराध का कारक कौन सा है –
निघरटत पररिार
 यदद एक बािक कक्षा का औसत कायण नहीं कर पाता है , तो िह – नपछड़ा
बािक
 छात्रों में चोरी करने की आदत को कैसे दूर ककया जा सकता है – उदाहरण देकर
 ‘बािक के अपराधी बनने में पाररिाररक पयाणिरण उत्तरदायी होता है ’ यह
मुख्यत: अिधारणा है – है डकफल्उ
 कम गनत से सीखने िािे बच्चों के लिए अध्यापक को क्या करना चादहए –
टोिी लिक्षण, अनतररक्त ध्यान ि लिक्षण, प्रोत्साहन
 असाधारण छात्र िे होतेहैं, जो – सामान्य से पररिनति त हैं ।
 ……….. प्रनतभािािी होने का संकेत नहीं है – दूसरों के साथ झगड़ना।
 ……….. के कारण प्रनतभािालिता होती है – आनुिांलिक रचना ि िातािरणीय
अधभप्रेरणा का संयोजन
 ककिोर अपराध के उपचार हे तु ननम्न में से कौन-सा तरीका सही है – संगी-
साधथयोंके साथ रखा जाए, व्यािसाधयक धचककत्सा दी जाए, बाि कारागार में
भेजा जाए।
 निद्यािय से पिायन करने िािे बािक के अध्ययन की सबसे उपयुणक्त निधध
है – केस स्टडी निधध

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 ननम्न में से कौन नििेर्ष आिश्यकता िािे बािकों के िगण में आता है –
प्रनतभािान, मानलसक रूप से नपछड़े, िारीररक रूप से अक्षम, सामालजक रूप से
अक्षम सभी
 अध्यापक के रॅधिकोण से प्रनतभािीिता ककसका संयोजन है – उच्च योग्यता –
उच्च सृजनात्मकता – उच्च िचनबद्धता
 अंतमुणखी व्यनित्ि िािे व्यनि रुधच रखते हैं – स्ियं अपने में
 प्रत्येक लिक्षाथी स्ियं में निलिष्ट है, इसका अथण है , कक – कोई भी दो लिक्षाथी
अपनी योग्यताओं, रुधचयों और प्रनतभाओंमें एक समान नहीं होते हैं ।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कारकमंद बुधद्ध बािक के लिए आिश्यक नहीं है –
मौलिकता
 ननम्नलिखखतमें से कौन-कौन से नपछड़े बच्चों की समस्याएाँ होती हैं – कम
िैक्षखणक योग्यता, संिग
े ात्मक समस्याएाँ, सामालजक समस्याएाँ
 बच्चे की लजज्ञासा िांत करनी चादहए – तत्काि जब निद्याथी द्रारा लजज्ञासा की
गई है ।
 बाि अपराध का कारण है – माता-नपतामें अनबन (किह) रहना।
 ननम्नलिखखत में से कौन सी मानलसक मंदता की नििेर्षता नहीं है –
अन्तिैयनिक संबध
ं ों का कमजोर होना।
 अंधो बािकों को लिक्षण देने की पद्धनत है – िेि लिनप
 एक लिलक्षका अपनी कक्षा के प्रनतभािािी बच्चों की योग्यताओं (Potential)
की उपिब्धि चाहती है । अपने उद्देश्य की प्रानप्त के लिए उसे ननम्नलिखखत में से
क्या नहीं करना चादहए – उनकी सृजनात्मकता को समृद्ध करने के लिए उन्हें
चुनौती देना।
 निलिष्ट बािकों के अन्तगणत ननम्नलिखखन में से कौन सा बािक आता है –
नपछड़ा बािक, प्रनतभािािी, मंद बुधद्ध

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 ककसी बच्चे में सृजनिीिता निकलसत करने के लिए अध्यापक को नहीं करना
चादहए – बच्चे की कियाओं को प्रनतबंधधत करना।
 बच्चों में सृजनिीिता का मापन करने के लिए ननम्न में से कौन सा एक परीक्षण
नहीं हैं – पहाड़ा लिखना।
 टोरन्स के सृजनात्मकता परीक्षण द्रारा ककस तत्ि का मापन नहीं होता है –
ताककिकता
 सृजनात्मकता मुख्य रूप से संबंधधत होती है – अपसारी धचन्तन
 ननम्नलिखखत में से कौन सा सृजनात्मकता का तत्ि नहीं है – स्मृनतकरण
 एक बािक असंभि प्रतीत होने िािी कल्पना करता है , यह संकेत है , उसकी –
सृजनिीिता
 एक बािक अनुपयोगी प्िान्तस्टक थैलियों से किात्मक िस्तु बनाता है, यह
दिाणता है – सृजनिीिता
 सृजनात्मकता एिं बुधद्ध के सहसंबंध के बारे में ननम्न में से कौन सा कथन सही
है – सृजनात्मक होने के लिए प्राय: औसत से अधधक बुधद्ध होनी चादहए।
 सृजनात्मकता की पहचान के लिए नगिफोडण ने लजन परीक्षणों का ननमाणण ककया,
उनके द्रारा सृजनात्मकता निधभन्न गुणों का मापन करते हैं , ननम्न में से कौन सा
निकल्प केिि उन गुणों को अंककत करता है – ननरं तरता, िोचनीयता,
मौलिकता, निस्तार
 ननम्न में से एक मनोिैज्ञाननक के अिािा बाकक सबने सृजनात्मकता का परीक्षण
नहीं ककया है – बाकर मेंहदी
 सृजनात्मकता लिक्षाथी िह है, जो – पाश्िण (िेरि) धच쵺तन और समस्या
समाधान में अच्छा है ।
 सृजनात्मकता उत्तरों के लिए आिश्यक है – मुक्त उत्तर िािे प्रश्न
 सृजनात्मकता बच्चों का मूि गुण है – िे मौलिक धचिं तन करते हैं ।

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 सृजनिीि बािकों का नििेर्ष िक्षण है – प्रबि लजज्ञासा
 ननम्नलिखखत मे सृजनिीिता का प्रमुख तत्ि क्या नहीं है – अनुिासन
 ननम्नलिखखत में से बच्चों के सृजनात्मकता के निकास में सहायक नहीं है –
भार्षण
 बच्चों में सृजनात्मकता निकलसत नहीं की जा सकती – ककसी जााँच पड़ताि
करने के लिए उनको हतोत्सादहत करके
 ननम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है – सृजनिीिता के लिए धचिं तन आिश्यक
नहीं है ।
 निद्याधथि यों की ककसी समस्या के भािी पररणामों को निश्िेर्षण करने के लिए
उत्सादहत करके, उन पर सृजनिीिता से सम्बब्धित प्रभाि होता है – अपने स्ियं
के सृजनिीिता से सम्बब्धित अपने निचार व्यक्त करने में उनके लिए सहायक
होंगे।
 निीन निचार का सृजन उत्पादन ि मौलिक धचन्तन आिश्यक गुण है –
सृजनात्मकता का
 सृजनात्मकता मुख्य रूप से …………. से सम्बब्धित है – अपसारी (बरृनिध)
 निज्ञान एिं किा प्रदिणननयााँ, संगीत एिं नृत्य प्रस्तुनतयााँ तथा निद्यािय पकत्रका
ननकािना ………… के लिए है – लिक्षाधथि यों को सृजनात्मक मागण उपिब्ध
कराने
 ननम्न में से कौन सा लिक्षाधथि यों में सृजनात्मकता का पोर्षण करता है – प्रत्येक
लिक्षाथी की अन्तजाणत प्रनतभाओं का पोर्षण करने प्रश्न करने के अिसर उपिब्ध
कराना।
 सृजनिीिता के पोर्षण हे तु, एक अध्यापक को अपने निद्याधथि यों को रखना
चादहए – कायण केब्दित एिं िक्ष्य केब्दित

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 सृजनिीिता के पोर्षण के लिए एक अध्यापक को ननमम्निखखत में ककस निधध
की सहायता िेनी चादहए– िेन स्टाधमं ग / निचारािेि
 सृजनात्मकता की पहचान होती है – निीन रचना या उत्पादन से
 सृजनात्मकता संबंधधत है – अपसारी धचन्तन से
 ‘अपूणण रेखाधचत्र के अथणपूणण तथा रूधचकारक धचत्रों को बनाना’ मापन के लिए
एक पद होगा – सृजनात्मकता के
 ननम्न में से कौन सी सृजनात्मक बािक की नििेर्षता नहीं है – कठोर
 सृजनात्मक परीक्षणों में ककन भारतीयों का परीक्षण प्रलसद्ध है – बाकर मेहंदी
और पासी
 बािक में सृजनात्मकता की िनि कहिाती है – अंतननि दहत िनि, निीन क्षमता,
उत्पादक किया सभी िनियााँ
 ननम्नलिखखत में से कौन सा तरीका अध्यानपका के द्रारा एक सृजनात्मकता बच्चे
की पहचान करने के लिए सिाणधधक उपयुक्त होगा – बच्चे का निस्तृत रूप से
अििोकन करना, नििेर्ष रूप से उस समय जब िह समस्याओं को हि करती
है ।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा सृजनात्मकता का तत्ि नहीं है – समस्याएाँ न
सुिझाना
 एक बािक सामान्य िस्तु के नये-नये उपयोग करता है , यह दिाणता है –
सृजनिीिता
 एक बािक अनुपयोगी िस्तुओं से सुन्दर िस्तु बनाता है, यह दिाणता है –
सृजनिीिता
 ननम्न में से समायोजन का तरीका नहीं है , िह है – कुलिक्षा
 निद्यािय में लिक्षक बािकों के समायोजन के लिए कायण नहीं करेगा – कठोर
दण्ड देगा।

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 कुसमायोलजत व्यनित्ि का िक्षण है – मन ि बुधद्ध अस्थिर
 ”भग्नािा का अथण है – ककसी इच्छा या आिश्यकता में बाधा पड़ने से उत्पन्न
होने िािा संिेगात्मक तनाि।” कथन है – गुड
 बािकों के कुसमायोलजत होने के कारण होते हैं – आनुिलं िक कारण,
स्िभािगत या संिग
े ात्मक तथा िारीररक
 ”समायोजन िह प्रकिया है , लजससे द्रारा प्राणी अपनी आिश्यकताओं और इन
आिश्यकताओं की पूनति को प्रभानित करने िािी पररस्थिनतयों में संतुिन रखता
है ।” कथन है – बोररिं ग, िेग्फेल्ड, िेल्ड
 ”एक बािक अपनी दु:खभरी पररस्थिनत को भुिा देता है ”, तो उसे क्या कहते
है – दमन
 ननष्पादन परीक्षण निधध के प्रितणक कौन हैं – हाटण िोनण ि मेय
 सीजोरेननया का सम्बन्ध ककससे है – मनोरोग
 व्यनि के मानलसक तनाि को कम करने की प्रत्यक्ष निधध है – बाधा दूर करना।
 एक समायोलजत व्यनि की नििेिता नहीं है – िैयनिक उद्देिें का प्रदिणन
 भग्नािा की दिा में छात्र का व्यिहार होता है – आिमणकारी व्यिहार,
आत्मसमपणण, गृहत्याग करना।
 समायोजन की प्रकिया है – गनतिीि
 व्यनि का कुसमायोजन प्रकट होता है – झगड़ािु प्रिृनियों में, पिायनिादी
प्रिृनियों में, आिमणकारी के रूप में
 कल्पना की अधधकता के कारण ददिास्िप्न देखने िािों को कहते हैं –
कुसमायोलजत व्यनि
 समायोजन नहीं कर पाने का कारण है – द्रन्द्र, तनाि, कुण्ठा
 निचिनात्मक व्यिहार समायोजन के लिए होता है – अच्छा, बुरा, सहयोगी
 मनस्तापी बािकों की समस्या नहीं है – मौलिकता

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 व्यनित्ि के समायोजन में ननम्न में से जो तत्ि बाधक हैं, िह है – भग्नािा
 ननम्न में से िह कारक जो कुसमायोलजत बािक की पहचान कराने िािा है –
अस्थिर संिग

 अच्छे समायोजनकी नििेर्षता है – सहनिीिता
 ननम्न में से कौन सी रक्षात्मक युनि नहीं है – साहचयण
 व्यनित्ि समायोजन की प्रत्यक्ष निधध है – बाधा-ननराकरण
 ननम्न में से कौन सा तनाि को कम करने का अप्रत्यक्ष ढं ग है – उदातीकरण
 एररक्सन के अनुसार आप अपना व्यनित्ि समायोजन नहीं कर सकत, यदद
आप – यदद आप अपने आपको ननयंकत्रत करने में असमथण है ।
 ननम्न में से कौन सा तरीका प्रत्यक्ष समायोजन का है – िक्ष्यों का प्रनतस्थापन
 कुसमायोजन पररणाम है – कुण्ठा का, तनाि का, संघर्षण का
 तनाि को कम करने का अप्रत्यक्ष ढं ग कौन सा है – उदात्तीकरण
 एक छोटा बािक लजसे उसके एक साथी ने पीटा है, घर िौटने पर उसके छोटे
भाई को िात िगाता है । यह बािक जो प्रनतरक्षा युनि का उपयोग कर रहा है ,
कहिाती है – प्रनतस्थापन
 दमन एिं िमन प्रकार है – रक्षा युनि के
 ननम्नलिखखत में से कौन सा संिेग युयुत्सा के मूि प्रिृनि से संबंधधत है – िोध
 बच्चे जैसा व्यिहार करना एक उदाहरण है – प्रनतगमन
 रोनेननिग परीक्षण मापन करता है – कुण्ठा का
 ककिोरों में द्रन्द्र उभरने का मुख्य कारण है – अिसरों की प्रनतकूिता
 मनोनिश्िेर्षणिाददयों के अनुसार अतृत्प असामालजक इच्छाओं का संबंध है –
इदम् से
 एक व्यनि जो अपने आप को एक कमरे में बंद कर िेता है और ककसी से धमिने
या बात करने से मना कर देता है , िह रक्षा युनि काम में िे रहा है – पिायन

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 ननम्नलिखखत में से कौन सा समाज निरोधी बािक के बारे में सत्य नहीं है –
समाज निरोधी बािक के िक्ष्य यथाथणिादी होते हैं ।
 निद्यािय छोड़ने िािे निद्याधथि यों के ननयंत्रण की दऺधि से सरकारी संगठनों द्रारा
संस्थान के स्तर पर निधभन्न उपाय ककए गए हैं । ननम्नलिखखत में से कौन सा
संस्थाननक स्तर से जुड़ा है लजसके कारण बच्चे निद्यािय छोड़ देते हैं – जो बच्चे
अननिायण पाठ्यचचाण को स्िीकार नहीं कर पाते उनके लिए निकल्पनात्मक
पाठ्यचचाण का न होना।
 एक छोटे कद की िड़की ऊाँची एड़ी के जूते पहन कर िम्बी ददखना चाहती है ।
उसने ननम्न में ककस रक्षायुनि का प्रयोग ककया – क्षनतपूनति
 मानलसक थकान का िक्षण है – ध्यान का केब्दित न होना।
 भग्नािाका सबसे बड़ा आंतररक कारण है – मानलसक संघर्षण
 ”ककसी व्यनि द्रारा अपना अस्तस्तत्ि भूिाकर ककसी दूसरे व्यनि के गुणों ि
अिगुणों का अनुकरण करना कहिाता है – तादात्मीकरण
 जब व्यनि असफिता, दु:ख, पीड़ा को बिपूिणक भूिने का प्रयास करता है , इसे
कहते हैं – दमन
 एक निकिांग बािक अत्यधधक पररश्रम करके कक्षा में प्रथम आने का प्रयास
करता है , इसे ककस प्रनतरक्षण प्रणािी में रखेंगे – क्षनतपूनति
 ननम्नलिखखत में से कौन सा मेि सही नहीं है – युनिकरण – अपना गुस्सा
दूसरों पर उतारना।
 कुछ िोगों का कहना है कक जब बािकों को गुस्सा आता है तो िह खेिने के
लिए चिे जाते हैं जब तक पहिे से अच्छा महसूसनहीं करते हैं उनके व्यिहार में
ननम्नलिखखत में से कौन सा प्रनतरक्षा तंत्र प्रनतिलक्षत है – पृथक्करण
 समायोजन से तात्पयण स्ियं का निधभन्न पररस्थिनतयों में अनुकूिन करना है ताकक
संतुष्ट ककया जा सके – आिश्यकताओं

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 स्कूि से भागने िािे बािक के अध्ययन की सिाणधधक उपयोगी निधध है – केस
स्टडी निधध
 कुछ बािक पुस्तकीय ज्ञान जल्दी सीख िेते हैं । कुछ व्यािहाररक ज्ञान प्राप्त
करने में कुिि होते हैं , यह निभेद कहिाता है – मूि प्रिृनि का भेद
 िह निधध जो ‘देखकर सीखने का लसद्धान्त’ पर आधाररत है – ननरीक्षण निधध
 िैलक्षक प्रकिया के तीन प्रमुख अंग हैं – उद्देश्य ® अध्ययन ® अध्यापन
पररस्थिनतयााँ ® मूल्यांकन
 माध्यधमक लिक्षा आयोग, 1953 द्रारा प्रस्तानित पाठ्यिम के लसद्धान्त हैं –
अनुभिों की सम्पूणत
ण ा का लसद्धान्त, सामुदाधयक जीिन से सम्बन्धता का
लसद्धान्त, अिकाि के क्षणों के सदुपयोग का लसद्धान्त
 ”भारत का भनिष्य उसकी कक्षाओं में ननधमि त हो रहा है ।” यह मत ककस आयोग
का है – कोठारी लिक्षा आयोग
 कक्षा लिक्षण तब अच्छा होता है, जब छात्र – प्रश्न पूछते हैं ।
 अध्यापक की सिाणधधक उपयुक्त उपमा दी जा सकती है – मािी से
 पाठ्यिम ननमाणण की आिश्यकता है – लिक्षा के उद्देश्यों की प्रानप्त हे तु
 दि-लिक्षण का सिणप्रथम प्रयोग ककया गया – अमेररका में
 परम्परागत लिक्षण निधध है – व्याख्यान निधध
 कौन सा गुण िस्तुननष्ठ परीक्षा का नहीं है – व्यनिननष्ठ
 अच्छे प्रश्न-पत्र में गुण होना चादहए – िैघता, निश्िसनीयता, िस्तुननष्ठता
 पाठ्यिम ननमाणण का लसद्धान्त है – कियािीिता का लसद्धान्त, निनिधता का
लसद्धान्त, उपयोनगता का लसद्धान्त
 बािक सिणप्रथम मातृभार्षा को सीखता है – मातृबोिी के रूप में
 राष्रीय पाठ्यचचाण 2005 की कायणिािी आयोलजत की गई – NCERT नई
ददल्िी में

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 निर्षय िस्तु को छोटे -छोटे अंिों में बांटने का लिक्षण लसद्धान्त कहिाता है –
निश्िेर्षण का लसद्धान्त
 NCERT जोर देती है – बाि केब्दित लिक्षा पर
 राष्रीय पाठ्यचचाण 2005 के अनुसार प्रभािी लिक्षकहे तु आिश्यक है – छात्र
केब्दित लिक्षण, रॅश्य-श्रव्य सामग्री, योग्य लिक्षक
 राष्रीय- पाठ्यचचाण 2005 के अनुसार पाठ्यिम ननमाणण का सबसे उपयुणक्त
लसद्धान्त है – बाि केब्दियता का लसद्धान्त, िचीिा पाठ्यिम, कियािीिता का
लसद्धान्त
 जब बच्चा सिणप्रथम नक्िे से पढ़ता है, तब नक्िा – प्रोजेक्टर से ऊपर होना
चादहए।
 पाठ्यचचाण 2005 के अनुसार अध्यापक के गुणों को िगीकृत ककया गया है – दो
िगों में
 अध्यापक का नििेर्ष गुण है – सहनिीि
 राष्रीय पाठ्यचयाण 2005 के अनुसार अध्यापक की भूधमका है – िैलक्षक िक्ष्यों
की प्रानप्त, लिक्षण प्रकिया को प्रभािी बनाना, प्रभािी मूल्यांकन
 लिक्षण में ककसने पााँच औपचाररक पद ददये – हरबटण
 लिक्षण करते समय अध्यापक को ध्यान नहीं रखना चादहए – जानतगत भेदभाि
का
 छात्रों को गृह-कायण ददया जाना चादहए – संतलु ित
 ककिंडर गाटण न पद्धनत में लिक्षक की भूधमका होती है – पथ प्रदिणक
 ककस धारा के अन्तगणत लिक्षकों के लिए अकादधमक उत्तरदाधयत्ि ननधाणररत ककया
गया ककया गया है – 24
 सीखने का सिोत्तम तरीका है – करना।
 खेि पद्धनत के प्रितणक माने जाते हैं – हे नरी कॉडिेि कुक

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 खेि पद्धनत पर आधाररत लिक्षण निधध नहीं है – व्याख्यान
 कियात्मक अनुसंधान ककया जाता है – अध्यापक द्रारा
 लिक्षण प्रकिया में निद्याथी है – आश्चश्रत चर
 NCF 2005 बि देते है ………………. – करके सीखने पर
 NCF 2005 में किा लिक्षा को निद्यािय में जोड़ने का उद्देश्य है – सांस्कृनतक
निरासत की प्रिंसा करना, छात्रों के व्यनित्ि और मानलसक स्िास्थ्य को
निकलसत करना।
 कायणसूचक किया ‘पररभानर्षत करना’ ककस उद्देश्य से सम्बब्धित है – ज्ञान
 निज्ञान लिक्षण की िह निधध लजसमें निद्याथी को एक खोजी के रूप में कायण करने
का अिसर ददया जाता है , कहिाती है – ह्यूररन्तस्टक निधध
 जब एक छात्र गखणत की समस्या को स्ियं हि कर सकता है , तो लिक्षण के
ककस उद्देश्य की पूनति कर रहा है – ज्ञानोपयोग
 निद्याथी निज्ञान में धचत्र बनाना सीखते हैं या नहीं, इसका पता िगाने के लिए
बनाए गए प्रश्न ननम्नलिखखत उद्देश्य से सम्बब्धित होंगे – कौिि
 आगमन निधध में छात्र अग्रसर होता है – निलिष्ट से सामान्य की ओर
 ननम्नांककत में से पाठ योजना का अंग नहीं है – जााँच कायण
 हरबटण की पंचपदीय प्रणािी में पररगखणत पद नहीं है – मूल्यांकन
 दिीय लिक्षण पद्धनत का प्रारम्भ रृआ – अमेररका
 सूक्ष्म लिक्षण का समय है – 5-10 धमनट
 साहचयण निधध का आनिष्कार ककया – मांटेसरी
 लिक्षा की ककडर गाटण न पद्धनत का प्रनतपादन ककया – रोबेि
 पररिार एक साधन है – अनौपचाररक लिक्षा
 व्यनिगत निधभन्नताओं को ध्यान में रखते रृए निद्याधथि यों के लिक्षण के लिए
प्रायोजना पद्धनत के ननमाणता थे –ककिपैररक

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 प्रोजेक्ट निधध का प्रयोग सबसे पहिे सामालजक निज्ञान में ककसने ककया –
ककिपैररक
 मानलसक निप्िि करने के लिए आप क्या करेंगे – मानलसक उद्रे िन
 राष्रीय सामालजक अध्ययन लिक्षण का राष्रीय पाठ्यिम बनाया गया – 2005
 भारतिर्षण में सामालजक निज्ञान पढ़ाने के लिए पाठ योजना ककस आधार पर बनती
है – हरबटण की पंचपदीय प्रणािी
 लिक्षण को रोचक तथा साथणक बनाने के लिए सबसे अधधक महत्िपूणण है –
श्रव्य-रॅश्य सामग्री
 अध्यापक के व्यािसाधयक उन्नयन के लिए उपयोगी है – ननरोपचाररक लिक्षा
 लिक्षण में ककतने प्रकार का सहसम्बन्ध्ा धमिता है – 3
 लिक्षण में पढ़ाते समय सबसे पहिे क्या बनाया जाता है – इकाई योजना
 प्रस्तािना, प्रस्तुतीकरण, तुिना और संबंध, सामान्यीकरण और प्रयोग सोपान
है – हरबटण
 सतत् एिं व्यापक मूल्यांकन का प्रमुख उद्देश्य है – गुणात्मक, ननदानात्मक,
पररणामात्मक
 योजना निधध के मुख्य सोपान है – समस्या की पहचान – आाँकड़ों का संकिन
– ननष्कर्षण – समाधान
 प्राथधमक स्तर पर पयाणिरण अध्ययन के लिए कौन सी निधध प्रभाििािी है –
कहानी निधध
 ज्ञानात्मक पक्ष का अंनतम स्तर क्या है – मूल्यांकन
 लिक्षण प्रकिया में ककसे आश्चश्रत चर कहा जाता है – छात्र
 डाल्टन लिक्षण निधध का निकास ककसने ककया – धमस हे िेन पाकणहस्टण
 आधुननक लिक्षण अधधगम प्रकिया में, लिक्षक की भूधमका है – सीखने हे तु एक
अच्छे सुिभकताण की

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 लिक्षा का अनत महत्िपूणण उद्देश्य है – बच्चों का सिांगीण निकास करना
 लिक्षण अधधगम प्रकिया को प्रारम्भ करने से पहिे एक कुिि अध्यापक को
क्या करना चादहए – अधधगम पररस्थिनतयााँ उत्पन्न करना।
 ननम्नलिखखत में से आगमन निधध का कौनसा पद नहीं है – पररकल्पनाओं का
ननमाणण
 हरबटण उपागम पर आधाररत गखणतीय पाठ योजना का दूसरा पद है –
प्रस्तुतीकरण
 एन. सी. एफ. 2005 के अनुसार गखणत लिक्षण होना चादहए – बािकेब्दित
 निभाजन, तुिना आिोचना इत्यादद कियाएाँ, िैलक्षक उद्देश्यों के ज्ञानात्मक पक्ष
के कौन से स्तर से सम्बब्धित है – निश्िेर्षण
 अंधे बािकों को लिक्षण देने की पद्धनत है – िेिलिनप
 राष्रीय पाठ्यचचाण की रूपरेखा, 2005 में बातचीत की गई – ज्ञान स्थायी है ि
ददया जाता है से ज्ञान का निकास होता है और इसकी संरचना होती है ।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन लिक्षण के बारे में सत्य नहीं है – लिक्षण
अनुदेिन है ।
 ननम्न कक्षाओं में लिक्षण की खेि निधध आधाररत है – निकास ि िृधद्ध के
मनोिैज्ञाननक लसद्धान्तों पर
 भारत के संनिधान की क्या नििेर्षताएाँ है – यह प्रश्न है – ज्ञान परक
 राष्रीय पाठ्यचचाण रूपरेखा, 2005के अन्तगणत परीक्षा सुधारों में ननम्नलिखखत में
से ककस सुधार को सुझाया गया है – खुिी पुस्तक परीक्षा, सतत् / ननरन्तर एिं
व्यापक मूल्यांकन, सामूदहक कायण मूल्यांकन
 राष्रीय पाठ्यचयाण रूपरेखा, 2005 में गुणित्ता आयाम िीर्षणक के अन्तगणत
अधधक महत्ि ददया गया है – बािकों के लिए संरधचत अनुभि एिं पाठ्यिम
सुधार को

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 बषण 2019 – 20 में चचाण में रही िवीििम पुस्िके एवं उिके िेखक
 वषण 2019 – 2020 में होिे वािी प्रमुख राष्ट्रीय व अंिराणष्ट्रीय नियुनियां
 Most Important Government Schemes 2014 to 2019
 प्रमुख योजिा / अधभयाि व संस्थाओं के ब्ांर् एंबस
े र्र की सूची 2019
 संयक्
ु ि सैन्य अभ्यास
 प्रमुख योजिा / अधभयाि व संस्थाओं के ब्ांर् एंबस
े र्र की सूची
 नवधभन्ि ररपोटण / सूचकांक 2019 – 2020

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 राष्रीय पाठ्यचयाण रूपरेखा, 2005 में ननम्नलिखखत में से ककस परीक्षा सम्बन्धी
सुधारों को सुझाया गया है– कक्षा 10 की परीक्षा ऐस्तच्छक हो।
 राष्रीय पाठ्यचयाण रूपरेखा, 2005 के आधारभूत लसद्धान्तों में ननम्नलिखखत में से
कौन सा भाग लसन्तिलित नहीं हैं – रटने को महत्ि प्रदान न करना।
 राष्रीय पाठ्यचयाण रूपरेखा, 2005 के अनुसार गखणत लिक्षण का मुख्य उद्देश्य
है – बच्चों में ताककिक धचिं तन तथा समस्या समाधान योग्यता को निकलसत
करना।
 नन:िक्त बच्चों के लिए समेककत लिक्षा की केन्रीय प्रायोलजत योजना का उद्देश्य
है …….. में नन:िक्त बच्चों को िैलक्षक अिसर उपिब्ध कराना – ननयधमत
निद्याियों
 छोटे लिक्षाधथि यों में ननम्नलिखखत में से कौन सा िक्षण ‘पठन-करठनाई’ का नहीं
है – िब्दों और निचारों को समझने में करठनाई
 लिक्षाधथि यों का ‘आत्म-ननयम’ ………. की ओर संकेत करता है – अपने सीखने
का स्ियं पयणिक्ष
े ण करने की उनकी योग्यता
 प्रत्येक लिक्षाथी स्ियं में निलिष्ट है । इसका अथण है कक – कोई भी दो लिक्षाथी
अपनी योग्यताओ, रूधचयों और प्रनतभाओं में एक समान नहीं होते।
 एक बरृ-सांस्कृनतक कक्षा-कक्ष में एक अध्यानपतका सुननश्चित करेगी कक
आकिन में ननम्नलिखखत में से सन्तिलित हो – अपने निद्याधथि यों की
सामालजक-सांस्कृनतक पृष्ठभूधम
 लिक्षाथी जो पहिे सीख चुके हैं उसकी पुनरािृनि और प्रत्यास्मरण में लिक्षाधथि यों
की मदद करना महत्तपूणण है क्योंकक – नई जानकारी को पूिण जानकारी से
जोड़ना सीखना को समृद्ध बनाता है ।
 सृजनात्मक उत्तरों के लिए आिश्यक है – मुक्त-अत्तर िािे प्रश्न

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 लिक्षाधथि यों को ……….. के लिए प्रोत्सादहत नहीं करना चादहए – लिक्षक जो
पूछ सकते हैं उन सभी प्रश्नों के उत्तर याद करने
 ननम्नलिखखत में से कौन सा रचनात्मक आकिन (Formative
Assessment) के लिए उधचत उपकरण नहीं है – सत्र परीक्षा
 निद्याधथि यों के सीखने में जो ररनियााँरह जाती है उनके ननदान के बाद ………
होना चादहए। – समुधचत उपचारात्मक कायण
 भारतीयसमाज की बरृभानर्षक नििेर्षता को ………. देखा जाना चादहए –
निद्याियी जीिन को समृद्ध बनाने के संसाधन के रूप में
 स्मिथ ने लिक्षण की कत्रध्रुिी प्रकिया में कायणिाहक माना है – लिक्षक को
 ‘पाठ्यिम’ ननम्नलिखखत में से लिक्षण के कौन से चर में आता है – मध्यस्थ
 राष्रीय पाठ्यचयाण रूपरेखा, 2005 में िांनत लिक्षा को बढ़ािा देने के लिए कुछ
कियाओं की अनुिस
ं ा की गई, पाठ्यिमरूपरेखा में ननमम्नलिखखत में से ककसे
सूचीबद्ध ककया गया है – मदहिाओं के प्रनत आदर एिं लजम्मेदारी का रॅधिकोण
निकलसत करने के लिए कायणिम आयोलजत ककए जाए।
 राष्रीय पाठ्यचयाण रूपरेखा, 2005 में बरृभार्षी को एक संसाधन के रूप में
समथणन ददया गया है क्योंकक – यह एक तरीका है लजसमें प्रत्येक बािक सुरलक्षत
महसूस करें।, भार्षागत पृष्ठभूधम के कारण कोई भी बािक पीछे न छूट जाए।,
यह बािकों को अपने निश्िास के लिए प्रात्साहन देगा।
 ननगमन प्रणािी का तात्पयण है – पहिे ननयम बताना कफर उसकी व्याख्या
करना।
 ‘एक राष्र के निद्यािय उसके जीिन के अंग है , लजनका नििेर्ष कायण है , उसकी
आध्यान्तिक िनि रॅढ़ बनाना। उसकी ऐनतहालसक ननरन्तरता को बनाये रखना,
उसकी भूतकाि की सफिताओं को सुरलक्षत रखना और उसके भनिष्य की
गारण्टी करना।” उक्त कथन ककसके द्रारा ककया गया है – जॉन डीिी

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 ननम्न में कौन-सा लसद्धान्त लिक्षण साधनों के चयन में मागणदिणक नहीं है –
भौनतक ननयंत्रण का लसद्धान्त
 निधभन्न श्रव्य- रॅश्य सामनग्रयों के संबंध को प्रदलिि त करने के लिए अनुभिों का
िंकु देनेिािे निद्रान है – एडगर डेिे
 ननदेिन, अधधगमकताण के मानलसक स्िास्थ्य को सुधारने में सहायक हैं ,
क्योंकक – यह अधधगमकताण के आगामी व्यिहार तथा रॅधिकोण को अच्छी
सहायता प्रदान करता है ।
 लिक्षण प्रनतमान के तत्ि हैं – िक्ष्य एिं उद्देश्य, उद्देश्य एिं संरचना, सामालजक
प्रणािी एिं मूल्यांकन
 आधुननक अधभिधमत अनुदेिन की उत्पनि का कारक है – अधधगम का
मनोनिज्ञान ि तकनीकी
 िघु पदों के लसद्धान्त का संबंध है – रेखीय अधभिधमत
 यह अधधगम तथा मूल्यांकन को जोड़ता है , यह स्िाधधगम तथा स्िमूल्यांकन का
प्रकार है , अत: इसके द्रारा सीखना है – व्यनिगत
 प्रत्येक अधधगमकताण एक समान रास्ते का अनुकरण करता है – अिरोह
अधभिधमत
 निद्याधथि यों से प्रनतकिया प्राप्त करने का आदिण ‘प्रतीक्षा समय’ ………….. के
सही अनुपात में होना चादहए – प्रश्न का करठनाई स्तर
 मान िीलजए आप निद्यािय लिक्षा बोडण के अध्यक्ष हैं ,आप अपने अधधकार क्षेत्र के
अंतगणत आने िािे निद्याियों की लिक्षा की सम्पूणण गुणित्ता को सुधारने के लिए
क्या योजना बनाएाँग?े इस प्रकार का प्रश्न ………… का एक उदाहरण है –
उच्च स्तरीय अपसारी
 सीखने ………….. आकिन, आकिन और अनुदेिन के बीच ………… के
रॅढ़ीकरण द्रारा सीखने को प्रभानित करता है – के लिए; संबध
ं ों

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 सतत् और व्यापक मूल्यांकन की योजना में ‘व्यापक’ िब्द ………. के अिािा
ननम्नलिखखत के द्रारा समधथि त ककया जाता है – जे.पी. नगिफोडण का बुधद्ध
संरचना का लसद्धान्त
 कक्षा-कक्ष में लिक्षक और लिक्षाथी ककस प्रकार जेंडर को ………. करते हैं , यह
सीखने के िातािरण ………… – रूपांतररत, को क्षुब्ध करता है ।
 निज्ञान के प्रयोगों में, सामान्यत: िड़के उपकरणों का ननयंत्रण अपने हाथों में िेते
हैं और िड़ककयों से आाँकड़ों को ररकॉडण करने अथिा बतणनों को धोने के लिए
कहते हैं । यह प्रिृनि यह दिाणती है कक – पुरुर्ष और स्त्री की रूमऺढबद्ध भूधमकाएाँ
निद्यािय में भी होती है ।
 सी. बी. एस. ई. द्रारा प्रस्तानित समूह-पररयोजना गनतनिधध ………….. का
एक सिक्त साधन है – सामालजक भागीदाररता को सुगम बनाने
 रेिन का प्रोग्रेलसि मैररलसज परीक्षण ……….. परीक्षण का उदाहरण है –
संस्कृनतमुक्त बुधद्ध िब्धांक
 ननम्नलिखखत में से कौन सा लसद्धान्त पाठ योजना में िाधमि नहीं है – योजना
की ढृढ़ता
 जॉन डयूबी द्रारा समधथि त ‘िैब निद्यािय’ के उदाहरण है – प्रगनतिीि निद्यािय
 िॉरेंस कोह्लबगण के द्रारा प्रस्तानित ननम्नलिखखत चरणों में से प्राथधमक निद्याियों
के बच्चे ककन चरणों का अनुसरण करते हैं – आज्ञापािन और दण्ड-
उन्मुखीकरण, अच्छे अंत: िैयनिक संबध

 एक निद्याथी कहता है , ‘उसका दादा आया है ।’ एक लिक्षक होने के नाते आपकी
प्रनतकिया होनी चादहए – अच्छा, उसके दादाजी आए हैं ।
 …………. के अिािा ननम्नलिखखत घटना / िृतांत ररकाडण की नििेर्षताएाँ हैं –
यह व्यिहार का व्यनिननष्ठ साक्ष्य है और इसलिए यह िैक्षखणक क्षेत्र के लिए
प्रनतपुधि (फीडबैक) उपिब्ध नहीं करता।

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 धमश्चश्रत आयु-िगण के निद्याधथि यों की कक्षा से व्यिहार रखने िािे लिक्षक के लिए
…………. का ज्ञान सिाणधधक है – निकासात्मक अिस्थाओं
 प्रनतभािािी बच्चे – नबना ककसी की सहायता के अपने सामथ्यण का पूणण निकास
करते हैं ।
 संकल्पनाओं की व्यस्थित प्रस्तुनत निकास के ननम्नलिखखत ककन लसद्धान्तों के
साथ संबधं धत हो सकती है – निकास सापेक्ष रूप से िधमक होता है ।
 बाि-केब्दित लिक्षा का समथणन ननम्नलिखखत में से ककस निचारक द्रारा ककया
गया – जॉन डयूबी
 एकि अधभभािक िािे बच्चे को पढ़ाते समय लिक्षक को – इस तथ्य को
अनदेखाकरना चादहए और ऐसे बच्चे के साथ अन्य बच्चों के समान व्यिहार
करना चादहए।
 निज्ञान एिं किा प्रदिणननयााँ, संगीत एिं नृत्य प्रस्तुनतयााँ तथा निद्यािय-पकत्रका
ननकािना, ………….. के लिए है – लिक्षाधथि यों को सृजनात्मक मागण उपिब्ध
कराने
 एक लिलक्षका अपने निद्याधथि यों को अनेक तरह की सामूदहक गनतनिधधयों में
व्यस्त रखती है , जैसे- समूह-चचाण, समूह-पररयोजनाएाँ, भूधमका ननिाणह आदद।
यह सीखने के ककस आयाम को उजागर करता है । – सामालजक गनतनिधध के
रूप में अधधगम
 जब एक लिलक्षका रॅधिबाधधत लिक्षाथी को कक्षा के अन्य लिक्षाधथि यों के साथ
सामूदहक गनतनिधधयों में िाधमि करती है , तो िह – समािेिी लिक्षा की भािाना
के अनुसार कायण कर रही है ।
 एक लिलक्षका अपने लिक्षण में रॅश्य-श्रव्य सामनग्रयों और िारीररक गनतनिधधयों
का प्रयोग करती है क्योंकक – इनमें अधधकतम इं दरयों का उपयोग सीखने को
संिधद्धतकरता है ।

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 कोह्लबगण के अनुसार, सही और गित प्रश्न के बारे में ननणणय िेने में िाधमक
धचन्तन-प्रकिया को कहा जाता है – नैनतक तकणणा
 एक निद्याथी अपने समकक्ष व्यनियों के समूह के प्रनत आिामक व्यिहार करता
है और निद्यािय के मानदण्डों को नहीं मानता। इस निद्याथी को ………….. में
सहायता की आिश्यकता है – भािात्मक क्षेत्र
 लिक्षकों को यह सिाह दी जाती है कक अपने लिक्षाधथि यों को सामूदहक
गनतनिधधयों में िाधमि करें क्योंकक सीखने को सुगम बनाने के अनतररक्त, ये
………. में भी सहायता करती है – समाजीकरण
 समािेिी लिक्षा उस निद्याियी लिक्षा व्यिस्था की ओर संकेत करती है – जो
उनकी िारीररक, बौधद्धक, सामालजक, भानर्षक या अन्य निधभन्न योग्यता
लसथनतयों को ध्यान में रखे बगैर सभी बच्चों को िाधमि करती है ।
 लिक्षकों को अपने निद्याधथि यों की त्रुरटयों का अध्ययन करना चादहए क्योंकक िे
प्राय: ……… की ओर संकेत करती है – आिश्यक उपचारात्मक युनियों
 सीमा हर पाठ को बरृत जल्दी सीख िेती है जबकक िीना उसे सीखने में ज्यादा
समय िेती है । यह निकास के ……….. लसद्धान्त को दिाणता है – िैयनिक
धभन्नता
 ननम्नलिखखत में से ………….. के अनतररक्त सभी िातािरणीय कारक निकास
को आकार देते हैं – िारीररक गठन
 कक्षा-कक्ष में लिक्षक ि निद्याधथि यों के मध्य सम्प्रेर्षण होना चादहए – उद्देश्य
केब्दित
 यदद कोई बच्चा निद्यािय में हमेिा देर से परृाँचता है , तो आप क्या करेंगे– बच्चे
से बातचीत करके कारण जानने का प्रयास करेंग।े
 ितणमान समय में लिक्षा का सबसे उपयुक्त उपगम कौन सा है – सृजनिादी
उपागम

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 ननम्नलिखखत में से कौन सी आकिन पद्धनत निद्याधथि यों की सिोत्तम क्षमता को
पोनर्षत करेगी – जब संकल्पनात्मक पररितणन तथा निद्याधथि यों के िैकस्मिक
समाधानों को आकिन की निधभन्न निधधयों के द्रारा आकलित ककया जाता है ।
 परीक्षा में निद्याधथि यों से ककस प्रकार के प्रश्न पूछने चादहए – समझ एिं
अनुप्रयोग आधाररत
 एक कक्षा में बरृभार्षी निद्याथी हैं, यह स्थिनत उत्पन्न करती है – सीखने के समृद्ध
संसाधन
 यदद कक्षा में पढ़ाते समय आपको महसूस होता है कक अचानक सभी बच्चे पढ़ने
में रुधच नहीं िे रहे हैं , तो आप क्या करेंगे – कारण जानने की कोलिि करेंग।े
 ननष्पनि िब्धि (AQ) का सूत्र होता है –
 उच्च प्राथधमक स्तर पर लिक्षक को कियात्मक िोध का ज्ञान होना चादहए
क्योंकक िे – इसके माध्यम से बच्चों की समस्या की पहचान कर सुधार करने
का कौिि निकलसत कर पाएाँग।े
 यदद आपकी कक्षा का कोई बच्चा चुप रहता है , तो आप क्या करेंगे – उसके चुप
रहने के कारण को जानने का प्रयास करेंग।े
 सतत् एिं व्यापक मूल्यांकन से तात्पयण है – सीखने की प्रकिया के दौरान िैलक्षक
एिं सह-िैलक्षक क्षेत्रों को ननयधमत रूप से आंकलित करना।
 बािक केब्दित लिक्षा के अंतगणत क्या सन्तिलित नहीं है – गृह कायण प्रदान
करना।
 बच्चों को सीखने-सीखाने की प्रकिया के दौरान, िे उस कायण को ककस प्रकार से
कर रहे हैं , इसकी जानकारी इन्हें – कायण करते समय सतत्रूप से दी जानी
चादहए।

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 यदद आपकी कक्षा में कोई बच्चा अधधगम अक्षम हो, तो आपक क्या करेंगे –
उसकी अक्षमता ककस प्रकार की है यह जानकर उसको लसखाने का प्रयास
करेंग।े
 ितणमान समय में लिक्षक की भूधमका है – सुगमकताण की
 ‘प्रयोजना निधध’ के प्रनतपादक है – ककिपेररक
 मूल्यांकन प्रकिया के जीन महत्िपूणण नबन्दु हैं – उद्देश्य, अधधगम अनुभि ि
मूल्यांकन के उपकरण
 कक्षा-कक्ष का िातािरण होना चादहए – धमत्रतापूणण
 कठोर लििप उपागम ककस लसद्धान्त पर आधाररत है – इं जीननयररिं ग
 ककिोरािस्था में बच्चे ककस प्रकार की समस्या का सामना करते हैं – िारीररक
एिं मानलसक पररितणन से समायोजन करना।
 ननम्न में से कौन सा िक्षण ककसी मापक उपकरण के लिए सिाणधधक िांछनीय
है – निश्िसनीयता
 प्रधानाध्यापक का िररष्ठ लिक्षक के लिए निद्यािय में कौनसी नेतृत्ि िैिी
बेहतर है – प्रजातांकत्रक नेतत्ृ ि
 कक्षा में जेंडर रुमऺढबद्धता से बचने के लिए एक लिक्षक को – िड़के-िड़ककयों
को एक साथ अ-पारम्पररक भूधमकाओं में रखना चादहए।
 सतत् और व्यापक मूल्यांकन………. पर बि देता है – सीखने को ककस प्रकार
अििोककत, ररकॉडण और सुधारा जाए इस पर
 निद्यािय आधाररत आकिन – पररधचत िातािरा में सीखने में सभी लिक्षाधथि यों
की मदद करता है ।
 एक लिलक्षका की कक्षा में कुछ िारीररक निकिांगता िािे बच्चे हैं , ननम्नलिखखत
में से उसके लिए क्या कहना सबसे उधचत होगा – मोहन खेि के मैदान में जाने
के लिए आप अपनी बैसाखखयों का प्रयोग क्यों नहीं करते।

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 एक समािेिी निद्यािय – लिक्षाधथि यों की क्षमताओं की परिाह ककए नबना सभी
के अधधगम-पररणामों को सुधारने के लिए प्रनतबद्ध होता है ।
 एक लिक्षक(को) – जब लिक्षाथी निचारों को सम्प्रेनर्षत करने की कोलिि कर
रहे हों, तो उन्हें ठीक नहीं करना चादहए।
 सीमा परीक्षा में A+ ग्रेड प्राप्त करने के लिए अनत इच्छु क है , जब िह परीक्षा
भिन में दाखखि होती है तथा परीक्षा प्रारम्भ होती है , िह अत्यधधक निणस हो
जाती है , उसके पााँि ठं डे पड़ जाते हैं, उसके रॆदय की धड़कन बरृत तेज हो जाती है
और िह उधचत तरीके से उत्तर नहीं दे पाती, इसका मुख्य कारण हो सकता है –
िायद यह अकस्मात् संिग
े ात्मक आिेग का सामना नहीं कर सकती।
 ननम्नलिखखत में कौन सी संज्ञानात्मक किया दी गई सूचनाके निश्िेर्षण के लिए
प्रयोगमें िाई जाती है – अंतर करना।
 राजेि अनत िोिुप पाठक है , िह अपने कोसण की पुस्तकें पढ़ने के अनतररक्त
पाय: पुस्तकािय जाता है और धभन्न प्रकरणों पर पुस्तकें पढ़ता है , इतना ही नहीं,
राजेि भोजन-अिकाि में अपने पररयोजना कायण करता है । उसके परीक्षाओं के
लिए पढ़ने के लिए अपने लिक्षकों अथिा अधभभािकों द्रारा कभी भी कहने की
जरूरत नहीं हैं और िास्ति में सीखने का आनंद िेता नजर आता है , उसे
……….. के रूप में सिाणधधक बेहतर रूप में िखणि त ककया जा सकता है –
आंतररक रूप से अधभप्रेररत लिक्षाथी
 समािेिी लिक्षा – कक्षा में निनिधता का उत्सि मनाती है ।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा िस्तुननष्ठ प्रश्न है – सत्य या असत्य
 ननम्नलिखखत में से कौन सी प्रगनतिीि लिक्षा की नििेर्षता है – बार-बार िी
जाने िािी परीक्षाएाँ

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 एक लिक्षक प्रश्न-पत्र बनाने के बाद, यह जााँच करता है कक क्या प्रश्न परीक्षण
के निलिष्ट उद्देश्यों की परीक्षा िे रहे हैं , यह मुख्य रूप से प्रश्न-पत्र की/के
……….. के बारे में धचिं नतत हैं – िैधता
 नििेचनात्मक लिक्षािास्त्र का यह रॅढ़ निश्िास है कक – लिक्षाधथि यों के अनुभि
और प्रत्यक्षण महत्िपूणण होते हैं ।
 निद्यािय-आधाररत आकिन मुख्य रूप से ककस लसद्धान्त पर आधाररत होता
है – बाह्य परीक्षकों की अपेक्षा लिक्षक अपने लिक्षाधथि यों की क्षमताओं को
बेहतर मानते हैं ।
 एक लिलक्षका अपने लिक्षाधथि यों की निधभन्न अधधगम-िैलियों को संतुष्ट करने
के लिए िैनिध्यपूणण कायों का उपयोग करती है िह ………… से प्रभानित है –
गाडणनर के बरृबुधद्ध लसद्धान्त
 एक लिलक्षका अपने आप से कभी प्रश्नों के उत्तर नहीं देती, िह अपने निद्याधथि यों
को उत्तर देते के लिए,समूह चचाणएाँ और सहयोगात्मक अधधगम अपनाने के लिए
प्रोत्सादहत करती है , यह उपागम …………. के लसद्धान्त पर आधाररत है –
सकिया भागीदाररता
 ननम्नलिखखत में से कौन सा लिक्षक से संबंधधत अधधगम को प्रभानित करने िािा
कारक है – निर्षय-िस्तु में प्रिीणता
 कोह्लबगण के अनुसार, लिक्षक बच्चों में नैनतक मूल्यों का निकास कर सकता है –
नैनतक मुद्दों पर आधाररत चचाणओं में उन्हें िाधमि करके
 छोटे लिक्षाधथि यों को कक्षा-कक्ष में समियस्कों के साथ अंत:कियाकरने के लिए
प्रोत्सादहत प्रोत्सादहत करना चादहए लजससे – िे एक-दूसरे से प्रश्नों के उत्तर
सीख सकें।

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 जब एक ननयोग्य बिा पहिी निद्यािय आता है, जो लिक्षक को क्या करना
चादहए – बच्चों की ननयोग्यता के अनुसार उसे नििेर्ष निद्यािय में भेजने का
प्रस्ताि देना चादहए।
 जब बच्चा कायण करते रृए ऊबने िगता है , तो यह इस बात का संकेत है कक –
संभित: कायण यांकत्रक रूप से बार-बार हो रहा है ।
 प्राय: लिक्षाधथि यों की त्रुरटयााँ ……………. की ओर संकेत करती है – सीखने की
अनुपस्थिनत
 एक अध्यापक / अध्यानपका ने पाया कक एक निद्याथी िगण बनाने में करठनाई
अनुभि कर रहा है , उसने अनुमान िगाया कक िह हीरे (Diamond) का धचत्र
बनाने में भी करठनाई अनुभि करगा, उसने ननम्नलिखखत में से ककस लसद्धान्त पर
आधाररत होकर यह अनुमान िगाया – निकास एक व्यिस्थित िम में होने की
प्रिृनि से सम्बद्ध है ।
 योग्यता ि योग्यता समूहीकरण के पररप्रेक्ष्य में ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन
सत्य है – निधभन्न योग्यता िािे समूहों को ग्रहण करने के लिए अध्यापकों को
बरृ-स्तरीय लिक्षण को अपनाना चादहए।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन सत्य है – रचनात्मक आकिन कभी-कभी
संकिनात्मक हो सकताहै एिं इसी प्रकार निपरीतत:
 एक अध्यापक / अध्यानपका निद्याधथि यों को ककसी निर्षय की अपनी
अिबोधनात्मकता को प्रनतनबब्धित करते रृए संकल्पनात्मक मानधचत्र
(Concept map) का ननमाणण करने को कहता / कहती है , िह है –
रचनात्मक आकिन कर रहा /रही है ।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा ब्िूम के पुनसंिोधधत िगीकरण में ‘मूल्यांकन’
(Evaluating) के क्षेत्र को प्रदलिि त करता है – एक समाधान की ताककिक
सुसग
ं तता का परीक्षण करना।

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 िंधचत लिक्षाधथि यों के साथ व्यिहार करने के संदभण में अध्यानपका / अध्यापक
को ननम्नलिखखत मूल्यों में से ककसमें निश्िास व्यि करना चादहए – छात्रों की
सफिता हे तु व्यनिगत उत्तरदाधयत्ि
 ननम्नलिखखत में से ककस पद्धनत का उपयोग करते रृए हकिाने (Stuttering)
की समस्या से ननपटा जा सकता है – प्रिधद्धित िाक् (Prolonged speech)
 सीखने में अिक्त (Disabled) बच्चों के संदभण में तत्काि सम्बद्धता प्रदान
करना, सहयोग पर बि देना तथा गैर-अधधगमनात्मक तकनीकी, जैसी तत्काि
सूचनात्मकता, बुधद्धपूिणक गन्िेर्षणा तथा सामग्री प्रबंधन, का उत्तोिन
(Leveraging) ननम्नलिखखत में से ककस प्रारूप से सम्बद्ध है – संग्रधथत
अधधगम(Embedded Learning)
 एक समािेिी कक्षा िह है , जहााँ – अध्यापक प्रत्येक अधधगमकताण के लिए
िैनिध्यपूणण ि साथणक अधधगमनात्मक अनुभिों हे तु पररिेि का ननमाणण करते हैं ।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा प्रदत्तकायण (Assignment) प्रनतभािािी निद्याथी
के लिए उपयुक्त है – निधभन्न निर्षयों (themes) को ध्यान में रखते रृए
निज्ञान की नई आदिाणत्मक पुस्तक का ननमाणण करना।
 निद्यािय छोड़ने िािे निद्याधथि यों के ननयंत्रण की रॅधि से सरकारी संगठनों द्रारा
संस्था के स्तर पर निधभन्न उपाय ककए गए हैं , ननम्नलिखखत में से कौन सा कारण
सांस्थाननक स्तर से जुड़ा है लजसके कारण बच्चे निद्यािय छोड़ देते हैं – जो बच्चे
अननिायण पाठ्यचचाण को स्िीकार नहीं कर पाते उनके लिए नबकल्पात्मक
पाठ्यचचाण का न होना।
 बच्चों के व्यिहार के समझने के लिए निद्याधथि यों के घर के िातािरण का
महत्िपूणण स्थान है तथा इससे प्राप्त सूचना को प्रभाििािी लिक्षा-िास्त्र के
ननमाणण से जोड़ा जा सकता है , िह तथ्य अधधगम के ककस लसद्धान्त से सम्बद्ध
है – पाररस्थिनतक (Ecological)

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 कक्षा में ध्यान न देने िािे बच्चे से व्यिहार करने के लिए कौन सा उपाय
सिाणधधक िाभकारी हो सकता है – बच्चे को उस जगह बैठाना जहााँ सबसे कम
ध्यान भंग हो सके।
 ब्िूम की टै क्सोनॉमी ………. की पदानुिधमक व्यिस्था है – संज्ञानात्मक
उद्देश्यों
 अ, ब, स तीन निद्याथी हैं जो अंग्रज
े ी पढ़ते हैं , ‘अ’ को यह निर्षय रोचक िगता है
और िह सोचता है कक यह उसके भनिष्य में सहायक होगा। ‘ब’ अंग्रेजी इसलिए
पढ़ती है , क्योंकक िह कक्षा में पहिा स्थान प्राप्त करना चाहती है , ‘स’ अंग्रेजी
निर्षय इसलिए पढ़ता है , क्योंकक उसका प्राथधमक सरोकार उत्तीणण होने िािे
ग्रे्स प्राप्त करना है , अ, ब और स के उद्देश्य िमि: है – ननपुणता, ननष्पादन,
ननष्पादन-उपेक्षा
 हािांकक यह स्पष्ट रूप से उनकी सुरक्षा आिश्यकताओं के उल्लंघन में था,
कैप्टन नििम बत्रा अपने देि को बचाने के दौरान कारनगि युद्ध में मारे गए,
संभित: उन्हें ……… था /थी – आत्म लसद्ध की प्रानप्त
 एक समािेिी निद्यािय …………. के अनतररक्त ननम्नलिखखत सभी प्रश्नों पर
मनन करता है – क्या हम नििेर्ष बािक को बेहतर देखभाि उपिब्ध कराने के
लिए उधचत तरीके से उनहें सामान्य से अिग करते हैं ।
 ददए गए िाक्य को पूरा करने के लिए ननमम्नलिखखत में से कौन सा युग्म
सिाणधधक उधचत निकल्प होगा –जब बच्चे उन गनतनिधधयों में िाधमि होते हैं जो
………. होती है , तब िे जल्दी ……….. करते हैं – िास्तनिक जीिन में
उपयोगी, सीखा
 सी. बी. एस. ई. लिक्षाधथि यों के लिए व्यनिगत गनतनिधधयों के स्थान पर
सामूदहक गनतनिधधयों की संस्तुनत करती है , ऐसा करने के पीछे निचार हो सकता

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है – व्यनिगत प्रनतस्पधाण के प्रनत नकारात्मक संिग
े ात्मक प्रनतकियाओं से
उबारना जो सम्पूणण अधधगम पर सामान्यीकृत हो सकती है ।
 भारत सरकार ने प्राथधमक निद्याियों के लिए मध्यान्ह भोजन योजना प्रारम्भ की
है , ननम्नलिखखत में से कौन सा अधभप्रेरणात्मक लसद्धान्त इस योजना का समथणन
करता है – मानिीय
 राष्रीय पाठ्यचचाण की रूपरेखा 2005 की संस्तुनतयों के संबंध में कौन सा कथन
सत्य नहीं है – निश्ि निद्याियों को राजनीनत से मुक्त रखना।
 बच्चों के भार्षायी निकास के लिए जरूरी है कक – उनको अधधक-से-अधधक
अपने निचार व्यक्त करने के अिसर देने चादहए। भार्षायी कौििों के निकास हे तु
गनतनिधधयााँ आयोलजत की जानी चादहए। लिखना, पढ़ना, बोिना तथा सुननेका
अभ्यास करना चादहए।
 कक्षा-कक्ष में बैठक व्यिस्था कैसी होनी चादहए – कक्षा-कक्ष में कराई जा रही
गनतनिधधयों के अनुरूप
 ज्ञान रचनात्मकता लसद्धान्त आधाररत लिक्षण का आधार है – करके सीखना।
 कक्षा-कक्ष पररस्थिनत में श्रव्य-रॅश्य सहायक सामनग्रयााँ प्रयोग में िेते समय
लिक्षण का ननम्नलिखखत में से कौन सा सूत्र सन्तिलित होता है – मूतण से अमूतण
 ननम्नलिखखत में से कौन से लिक्षण मॉडि (लिक्षणप्रनतमान) का उद्देश्य तथ्यों
एिं सम्प्रत्ययों का अिबोध (समझना) करना है – अनग्रम संगठक
 प्रकिया सामग्री (सॉफ्टिेयर) उपागम का उदाहरण है – अनुदेिक
 कौन सा अधधगम के ननधमि त कारण का लसद्धान्त नहीं है – अधधगम तात्कालिक
है ।
 ‘िैज्ञाननक पूछताछ (पररपृच्छा)’ मॉडि (प्रनतमान) के प्रनतपादक हैं – ररचडण
सचमैन

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 ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन ननधमि तिाद के संदभण में सही है – अधधगमकताण
के अंदर ज्ञान का ननमाणण होता है ।
 ननम्न में से कौनसा परीक्षण जो जीिन पयणन्त चिने िािे अनौपचाररक अधधगम
द्रारा प्राप्त सूचनाओं पर केब्दित है – व्यनित्ि परीक्षण
 ककसी आदिण के अनुरूप व्यिहार को ढािने की प्रकिया को कहा जाता है –
लिक्षण प्रनतमान
 लिक्षण प्रनतमान के तत्ि है – िक्ष्य एिं उद्देश्य, उद्देश्य एिं संरचना, सामालजक
प्रणािी एिं मूल्यांकन
 आधुननक अधभिधमत अनुदेिन की उत्पनि का कारक है – अधधगम का
मनोनिज्ञान ि तकनीकी
 लिक्षण अधधगम प्रकिया में व्यनिगत रूप से ध्यान देना महत्िपूणण है , क्योंकक –
इससे प्रत्येक लिक्षाथी के अनुिालसत करने के लिए लिक्षकों को बेहतर अिसर
धमिते हैं ।
 ननम्न में से ककस लिक्षण व्यूहरचना का संबंध जनतांकत्रत व्यूह रचनाओं से नहीं
है – मस्तस्तष्क उद्द्द्रे िन व्यूहरचना
 लिक्षण में उत्तम प्रणािी िह है लजसमें – अध्यापक और छात्र दोनों प्रश्न पूछें।
 कौन से आव्यूह को सुकराती निधध भी कहा जाता है – प्रश्नोत्तर आव्यूह
 ननदेिन ददया जाना चादहए – आजीिन
 ननधमि तिाद के अनुसार ननम्न में से कौन सा कथन गित है – ज्ञान के हस्तांतरण
का उत्तरदाधयत्ि लिक्षक का है ।
 लिक्षण का िह प्रनतमान लजसका सिाणधधक प्रयोग भार्षा ि व्याकरण लिक्षण हे तु
उपयोगी है – पृच्छा प्रलिक्षण प्रनतमान
 बािक को कक्षा में ननयधमत आने के लिए प्रेररतकरने का उपयुक्त सुझाि है –
प्रोत्साहन

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 एक अध्यापक श्रृव्य रॅश्य लिक्षण सामग्री के प्रयोग से अपने अध्यापन को –
सरि बनाता है ।
 ननम्न में से कौन सा अधधगम का ननधमि तिाद उपागम है – छात्र जो निीन सूचना
की निस्तार से निश्िेर्षण करता है , व्याख्या करता है और पूिज्ञ
ण ान से जोड़कर
सीखता है ।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा एक अन्य निकल्पों से संबद्ध नहीं है – स्ि-आकिन
के कौिि को प्रनतमाननत करना।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा प्रश्न अपने निलिष्ट क्षेत्र से ठीक तरह से धमिा रृआ
है – ननधाणररत कीलजए कक ददए गए मापकों में से कौन सा मापक आपको उत्तम
पररणामों को पाने में सिाणधधक प्रिृत्त कर सकता है –निश्िेर्षण
 ननम्नलिखखत में से कौन सी सिाणधधक प्रभािकारी निधध हो सकती है , जो आपकी
इस अपेक्षा को पूरी कर सके कक िंधचत निद्याथी अपनी भागीदाररता द्रारा सफि
हो सके – आप उनकी सफिता हे तु उनकी क्षमता में निश्िास को अधभव्यि
करें।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा निकासात्मक निकार का उदाहरण नहीं है – पर-
अधभघातज तनाि (Post-traumatic stress)
 बरृलिक्षण-िास्त्रीय तकनीकें, िगीकृत अधधगम सामग्री, बरृ-आकिन तकनीकें
तथा पररितणनीय जरटिता एिं सामग्री का स्िरूप ननम्नलिखखत में से ककससे
सम्बद्ध है – निभेददत अनुदेिन
 निद्याियों में समािेिन मुख्यत: केब्दित होता है – निलिष्ट श्रेणी िािे बच्चों के
लिए सूक्ष्मानतसूक्ष्म प्रािधानों के ननमाणण पर
 बच्चों में सीखी गई ननस्सहायता का कारण है – इस व्यिहार को अलजि तकर िेना
कक िे सफि नहीं हो सकते।

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 यदद एक निद्याथी निद्यािय में िगातार ननम्नतर श्रेणीप्राप्त करती है , तो उसके
अधभभािक को उसकी सहायता हे तु परामिण ददया जा सकात है कक – िह
अध्यापकों की घननष्ठ संगनत में कायण करें।
 ननम्नलिखखत में से समस्या-समाधान को क्या बाधधत नहीं करता –
अंतरॅणधि (Insight)
 एक लिलक्षका पाठ को पूिणपरठत पाठ से जोड़ते रृए बच्चों को सारांि लिखना
लसखा रही है, िह क्या कर रही है – िह बच्चों की पाठ समझने की स्ििैिी
निकलसत करने में सहायता कर रही है ।
 एक बच्चा अपनी मातृभार्षा सीख रहा है ि दूसरा बच्चा िही भार्षा कद्रतीय भार्षा
के रूप में सीख रहा है , दोनों ननम्नलिखखत में से कौन सी समान प्रकार की त्रुरट
कर सकते हैं – निकासात्मक
 परीक्षा में तनाि ननष्पनि को प्रभानित करता है , यह तथ्य ननम्नलिखखत में से ककस
प्रकार के संबंध को स्पष्ट करता है – संज्ञान भािना
 एक अध्यापक उस बच्चे के साथ परामिण करते हैं लजसकी ननष्पत्यात्मक प्रगनत
एक दुघणटना के पश्चात अनुकूि नहीं है , ननम्नलिखखत में से कौन सी प्रकिया
निद्ययाियमें परामिण के लिए सबसे बेहतर हो सकती है – यह अपने निचारों
द्रारा खोज करने हे तु िोगों में आत्मनिश्िास का ननमाणण करता है ।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा तत्ि कक्षा में अधधगम हे तु सहायक हो सकता है –
अध्यापकों द्रारा बच्चों की स्िायत्तता को बढ़ािा ि सहायता देना।
 पररपक्ि निद्याथी – अपने अध्ययन में कभी-कभी भािनाओं की सहायता चाहते
हैं ।
 पूिण-निद्यािय में पहिी बार आया बच्चा मुक्त रूप से धचल्िाता है , दो िर्षण
पश्चात् िही बच्चा जब प्रारस्तिक निद्यािय में पहिी बार जाता है , तो अपना
तनाि धचल्िाकर व्यक्त नहीं करता, अनपतु उसके कन्धे ि गदणन की पेलियााँ तन

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जाती है , उसके इस व्यािहाररक पररितणन का क्या सैद्धान्तिक आधार हो सकता
है – निभेद ि एकीकरण निकास के िक्षण है ।
 ननम्नलिखखत में से कौन सा कथन सत्य है – आनुिांलिक बनािट व्यनि की,
पररिेि की गुणित्ता के प्रनत, प्रत्युत्तरात्मकता को प्रभानित करती है ।
 के. मा. लि. बो. (CBSE) द्रारा अपनाए गए प्रगनतिीि लिक्षा के प्रनतमान में
बच्चों का समाजीकरण लजस प्रकार से ककया जाता है, उससे अपेक्षाकी जा
सकती है कक – िे सामूदहक कायण में सकिय भागीदाररता का ननिाणह करें तथा
सामालजक कौिि सीखें।
 मूल्यांकन का उद्देश्य है – सापेक्ष
 मूल्यांकन है – उद्देश्य प्रानप्त की सुननश्चितता
 ककसी िस्तु या प्रकिया का मूल्य ननश्चित करना मूल्यांकन है । ये कहा है –
टारगसणन तथा एडम्स ने
 घटना-िृत्त प्रपत्र है – एनेक्डोटि आिेख
 मूल्यांकन की प्रमुख नििेर्षताएाँ हैं – िैधता, निश्िसनीयता, िस्तुननष्ठता
 रेल्फ टॉयिर ने मूल्यांकन को बताया है – िैलक्षक उद्देश्यों की प्रानप्त की सीमा
ननधाणरण प्रकिया
 मूल्यांकन की प्रकिया को कत्रकोणात्मक रूप से ककसने प्रस्तुत ककया – डॉ. बी.
एस. ब्िूम
 मूल्यांकन की मुख्य युनियााँ है – परीक्षाएं, ननरीक्षण, प्रश्नाििी
 ‘कोई िस्तु कैसीहै ’इसका ननणणय ककया जाता है – मूल्यांकन से
 सामालजक अध्ययन में मूल्यांकन का प्रमुख प्रयोजन है – कक्षा-लिक्षण में सुधार
ि कायण ननष्पादन को प्रमाखणत करना।

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 राष्रीय पाठ्यिम रूपरेखा, 2005 में सामालजक अध्ययन में ननम्न में से ककन
मुद्दों को िाधमि करने की अनुिंसा की गई – सभी स्तरों के निद्याधथि यों के
िैंनगक एिं स्िास्थ्य सम्बन्धी
 ककसी परीक्षण की निश्िसनीयता लजतनी अधधक होती है, उसकी िैधता होगी
उतनी ही – अधधकतम्
 मूल्यांकन का मुख्य उद्देश्य होना चादहए – सीखने में होने िािी कधमयों का
ननदान एिं उपचार
 बच्चों का मूल्यांकन होना चादहए – सतत् एिं व्यापक मूल्यांकन द्रारा
 सतत् एिं व्यापक मूल्यांकन में, व्यापक मूल्यांकन िब्दाििी से तात्पयण है –
िैलक्षक एिं सह िैलक्षक क्षेत्र का मूल्यांकन
 एक प्रमाणीकृत परीक्षण में होता है – निश्िसनीयता एिं िैधता
 मूल्यांकन ककया जाना चादहए – बच्चों के सीखने के स्तर का ज्ञान होता है ।
 मूल्यांकन का उद्देश्य है – बच्चों को उत्तीणण / अनुत्तीणण घोनर्षत करना, बच्चा
क्या सीखता है जानना, बच्चे के सीखने में आई करठनाईयों को जानना।
 परीक्षा के स्थान पर सतत् और व्यापक मूल्यांकन गुणित्ता मूिक लिक्षा के लिए
अधधक उपयुक्त, क्योंकक इसमें – संज्ञानात्मक क्षेत्र का मूल्यांकन ककया जाता है ,
सहसंज्ञानात्मक क्षेत्र का मूल्यांकन ककया जाता है , मूल्यांकन सतत् एिं व्यापक
क्षेत्रों का होता है ।
 सतत् एिं व्यापक मूल्यांकन की एक तकनीक है – ननदानात्मक मूल्यांकन
 एक अच्छे परीक्षण की कौन सी नििेर्षता नहीं है – उत्तीणण करना।
 छात्रों में रटने की प्रिृनि को रोकने हे तु कैसे प्रश्न पूछने चादहए – िस्तुननष्ठ
 उपचारात्मक लिक्षण की सफिता ननभणर करती है – समस्याओंके कारणों की
सही पहचान

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 सृजनात्मकता का निकास करने में कौन सा सहायक नहीं है – प्रश्नों के उत्तर
लिखना।
 मूल्यांकन का अथण है – ननणणय करना।
 मूल्यांकन का उद्देश्य है – अधधगम की करठनाईयों ि समस्या िािे क्षेत्रों का पता
िगाना।
 िे प्रश्न लजनके उत्तर हे तु हााँ / नहीं में से एक का चयन करना हो, उन्हे िगीकृत
ककया जा सकता है – िस्तुननष्ठ
 िस्तुननष्ठ प्रश्न की सबसे बड़ी नििेर्षता है – उसका एक ही उत्तर होता है ।
 योगात्मक मूल्यांकन का उद्देश्य है – समय नििेर्ष एिं निधभन्न कायों पर एक
निद्याथी ने ककतना अच्छा ननष्पादन ककया है , का पता िगाना।
 ननमाणणात्मक मूल्यांकन का उद्देश्य है – प्रगनत पर गौर करना एिं उपचारात्मक
अनुदेिन की योजना
 एक निलिष्ट अधधगम अनुभि प्रदान करने के पश्चात् अधधगम ककस स्तर तक
रृआ है , यह मापने हे तु ननम्न में से कौन सा परीक्षण उपयुणक्त है – उपिब्धि
परीक्षण
 उत्तम परीक्षा के मुख्य गुण है – िैधता, िस्तुननष्ठता, निश्िसनीयता
 दो व्यनियों के मध्य होने िािी प्रनतकिया जो व्यनि के मानलसक स्िास्थ्य में
सुधार िाती है , िह कहिाती है – परामिण
 ननदान का अथण – अधधगम संबंधी करठनाईयों और कधमयों के स्िरूप का
ननधाणरण। यह कथन है – िाउन
 उपिब्धि ननभणर करती है – योग्यता एिं प्रेरणा दोनों पर
 उपिब्धि परीक्षणोंका प्रमुख उपयोग होता है – अधधगम उत्पाद जााँच, िैक्षखणक
मागणदिणन, उपचारात्मक लिक्षण
 उपिब्धि परीक्षण भाग है – मनोनिज्ञान

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 ननम्न में से कौन सा बच्चों हे तु िेश्िर बुधद्ध मापनी की एक ननष्पादन मापनी है –
धचत्र पूनति
 सतत् और व्यापक मूल्यांकन ………. पर बि देता है – सीखने को ककस प्रकार
अििोककत, ररकॉडण और सुधारा जाए इस पर।
 उपिब्धि परीक्षणों का प्रमुखउपयोग होना चादहए – छात्रों के मूल्यांकन में
 मानकीकृत परीक्षण का अथण है – निश्िसनीयता, िैधता, मानक
 ननम्न में से िैलक्षक मनोनिज्ञान का क्षेत्र नहीं है – खेिों का प्रलिक्षण
 ननम्नलिखखत में से ककस प्रकार के प्रश्नों को मूल्यांकन करते समय िस्तुननष्ठता
बनाया रखना करठन है – ननबंधात्मक प्रश्न
 ननदेिन एिं अधधगम के बीच समानता है – दोनों छात्र केब्दित है ।
 अनुदेिन का प्रणािी उपागम है – समस्या केब्दित
 ननदेिन ददया जाना चादहए – आजीिन
 ननम्नलिखखत में से ककस अनुदेिन सामग्री की अधधकता होती है – संसाधन
इकाई
 निद्याथी और लिक्षक के बीच की एक संिादात्मक प्रकिया जो उनके सीखने के
िातािरण में बदिाि िाती है , िह है – मूल्यांकन एिं आकिन
 अधधगम में आकिन ककसलिए आिश्यक होता है – प्रेरणा के लिए
 अधधगम का लिक्षा में योगदान है – व्यिहार पररितणन में, निीन अनुभि प्राप्त
करने में, समायोजन में
 निद्याधथि यों की उपिब्धि का मूल्यांकन करने के लिए िािाओं में उपयोग में आने
िािी निधधयााँ हैं – पररमाणात्मक एिं गुणात्मक निधध
 कक्षा-परीक्षणों में अच्छा प्रदिणन करने में एक बच्चे की असफिता हमें इस
निश्िास की तरफ िे जाती है , कक – पाठ्यिम, लिक्षण-पद्धनत तथा आकिन
प्रकियाओं पर निचार करने की आिश्यकता है ।

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 एक उच्च प्राथधमक निद्यािय के संरचनात्मक कक्षा-कक्ष में अपने स्ियं के
आकिन में निद्याधथि यों की भूधमका में ननम्न में से क्या देखा जाएगा – निद्याथी
अध्यापक के साथ आकिन के लिए योजना बनाएाँग।े
 सतत् एिं व्यापक मूल्यांकन ककसलिए आिश्यक है – यह समढने के लिए कक
अधधगम का ककस प्रकार अििोकन ककया जाता है , दजण ककया जाता है ि सुधार
ककया जा सकता है ।
 कियात्मक अनुसंधान ककया जाता है – अध्यापक द्रारा
 लिक्षा के क्षेत्र में कियात्मक अनुसंधान को व्यिहाररक बनाने का श्रेय है –
स्टीफेनएम. कोरे
 कियात्मक अनुसंधान ककस मनोनिज्ञान की उपज है – सामालजक मनोनिज्ञान
 ‘भारत के भाग्य का ननमाणण उसकी कक्षा-कक्ष में हो रहा है ।’ कथन है – कोठारी
आयोग
 कियात्मक अनुसंधान के प्रितणक हैं – स्टीफन एम. कोरे
 कियात्मक अनुसंधान मूल्यांकन है – आन्तररक मूल्यांकन
 कियात्मक अनुसंधान ककया जाता है – लिक्षण कायण करते समय
 ”लिक्षा में कियात्मक अनुसंधान, कायणकत्ताणओं द्रारा ककया जाने िािा अनुसंधान
है ताकक िे अपने कायो में सुधार कर सकें।” यह कथन ककसका है – कोरे
 अनुसंधान में धचिं तन प्रकिया होती है – परािनति त धचिं तन, िैज्ञाननक
धचिं तन, निकेन्रीय धचिं तन
 कियात्मक अनुसंधान उपयोगी है – अध्यापकों ि प्रधानाध्यापकों में िैज्ञाननक
रॅधिकोण के निकास में, निद्यािय कायणनिधध में सुधार के लिए, छात्रों की
अध्ययन सम्बन्धी समस्याओं को हि करने में।

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 कियात्मक अनुसंधान के महत्ि के बारे में ननम्न में से कौन सा कथन सही नहीं
है – समस्याओं का हि अभ्यास में िे आया जाता है और उसका मूल्यांकन नहीं
ककया जाता है ।
 अनुसंधान जो सामालजक समस्या से संबंधधत होता है तथा निद्यािय की
जनिनि के द्रारा निद्यािय में कियाकिापों के सुधार हे तु संचालित ककया जाता
है , कहिाता है – कियात्मक अनुसध
ं ान
 कियात्मक अनुसंधान मौलिक अनुसंधान से धभन्न है, क्योंकक यह – अध्यापकों,
िैलक्षक प्रबंधनों एिं प्रिासकों द्रारा ककया जाता है ।
 कियात्मक अनुसंधान में – कियात्मक उपकल्पनाओं, का ननमाणण समस्याओं के
कारणों पर आधाररत है ।
 ननम्न में से कौन सा िोध का चरण िोध को कियात्मक अनुसंधान बनाता है –
प्रोग्राम का ककयान्ियन एिं अंनतम मूल्यांकन
 ननम्न में से कौन सी समस्या कियात्मक अनुसंधान के लिए उपयुक्त नहीं है –
परम्परागत निधध के ऊपर कम्प्यूटर सहायनतत अनुदेिन का प्रभाि
 कियात्मक अनुसंधान का उद्देश्य है – निद्यािय तथा कक्षा की िैलक्षक कायण
प्रणािी में सुधार िाना।
 कियात्मक अनुसंधान के संबंध में कौन सा कथन सही नहीं है – स्थानीयस्तर पर
रोजमराण की समस्याओं के समाधान के लिए कियात्मक अनुसध
ं ान ककया जाता
है ।
 कियात्मक अनुसंधान का प्रमुख कायण है – स्थानीय समस्याओं का समाधान
करना।
 कियात्मक अनुसंधान का केन्र नबन्दु है – संदभणगत समयबद्ध

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 एक अध्यापक/ अध्यानपका को ककसी निर्षय की अपनी अिबोधनात्मक को
प्रनतबंधधत करते रृए संकल्पनात्मक मानधचत्र का ननमाणण करने को कहता /
कहती है , िह है – रचनात्मक आकिन कर रहा / रही है ।
 राजस्थान नन:िुल्क एिं अननिायण बाि लिक्षा अधधकार ननयम 2010 के तहत
पड़ोस की सीमा लजसमें निद्यािय स्थानपत ककया जाना है – 1 से 5 तक कक्षाओं
के लिए 1 ककमी पैदि दूरी।
 बाि लिक्षा अधधकार अधधननयम 2009 के अन्तगणत केन्र और राज्यों सरकारों
के मध्य कोर्ष का साझेदारी अनुपात है – 65:35
 नन:िुल्क एिं अननिायण बाि लिक्षा अधधकार अधधननयम 2009 के अनुसार,
200 बािकों पर लिक्षकोंकी संख्या होगी – 5
 नन:िुल्क एिं अननिायण बाि बाि लिक्षा अधधकार अधधननयम 2009 का
निस्तार ककस राज्य में नहीं है – जम्मू कश्मीर
 संनिधान के ककस संिोधन द्रारा पूिण में भी बािकों को अननिायणऔर मुफ्त लिक्षा
प्रदान ककया जाना आिश्यक ककया गया था – 86िााँ संिोधन, 2002
 प्रारस्तिक लिक्षा में कक्षा सन्तिलित है – 1 से 8 तक
 नन:िुल्क एिं अननिायण बाि लिक्षा अधधकार अधधननयम 2009 को िोकसभा
में पाररत ककया गया – 4 अगस्त, 2009 को
 बाि लिक्षा अधधकार अधधननयम 2009 के तहत ननजी निद्याियों को ककतनी
प्रनतित सीटे आरलक्षतकरना आिश्यक होगा – 25 %
 नन:िुल्क और अननिायण बाि लिक्षा अधधकार अधधननयम 2009 की कौनसी
धारा राज्य सरकार को ननयम बनाने की िनि देती है – धारा-38
 25% आरलक्षत सीटों पर 6-14 िर्षण के बच्चों की फीस िसूिने पर ननजी स्कूिों
पर जुमाणना िगेगा – फीस का 10 गुना

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 आरटीई-2009 के तहत अधभभािकों के इन्टरि्यू या बच्चों की स्िीननिं ग पर
क्या सजा होगी – 25 हजार नगद
 आरटीई 2009 के तहत आम नागररक को क्या अधधकार ददये गये हैं – ऐसे
स्कूिों की लिकायत का अधधकार जो बच्चों को लिक्षा देने से मना कर रहे हैं ।
 निद्यािय प्रबंध सधमनत की कायणसधमनत की बैठकों के लिए गणपूनति उसके कुि
सदस्यों की होगी – 3/4
 आरटीई 2009 के तहत ककतने िर्षण के बािकों को नन:िुल्क एिं अननिायण लिक्षा
का अधधकार प्राप्त हो गया है – 6-14 िर्षण
 नबना आरटीई 2009 के तहत नबना सरकारी मान्यता िािे स्कूिों के लिए क्या
सजा ननधाणररत है – पहिी बार एक िाख रूपये जुमाणना
 ककसी ग्रामीण या िहरी क्षेत्र में निद्यािय नहीं है तो बच्चों को लिक्षा की
लजम्मेदारी होगी – सरकार की
 कक्षा 1 से 5 तक के बािकों के संबंध में निद्यािय आसपास से ककतने
ककिोमीटर की दूरी के भीतर स्थानपत ककया जायेगा – 1
 आरटीई 2009 के तहत अध्यापकों के प्रलिक्षण के लिए मानको का निकास ि
िागू करने का अधधकार ककसे होगा – केन्र सरकार
 निीकरण, अनुसंधान योजना ननमाणण हेतु राज्य सरकार को तकनीकी ि संसाधन
कौन उपिब्ध करिायेगा– केन्रीय सरकार
 कक्षा 6 से 8 तक के बािकों के संबंध में निद्यािय आसपास से ककतने
ककिोमीटर की दूरी के भीतर स्थानपत ककया जायेगा – 3 ककमी
 आरटीई2009 के तहत सरकार के कतणव्य है – 6 से 14 िर्षण के प्रत्येक बािक
को नन:िुल्क ि अननिायण प्राथधमक लिक्षा उपिब्ध कराना, आसपास में
निद्यािय की उपिब्धता कराना, सरकार धारा 4 में निननददि ष्ट नििेर्ष प्रलिक्षण
सुनिधा उपिब्ध कराना।

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 आरटीई के तहत ककस कक्षा तक बािक को रोकाया ननष्कानर्षत नहीं ककया जा
सकता – 8
 आरटीई 2009 के अनुसार निद्यािय प्राप्त अनुदान का ककतना प्रनतित
नन:िुल्क ि अननिायण लिक्षा पर व्यय करेगा – 25%
 आरटीई-2009 के अन्तगणत प्रिेि रोकने एिं ननष्कासन सम्बन्धी प्रनतर्षेध है –
ककसी बािक की आयु का सबूत नहीं होने के कारण निद्यािय प्रिेि से
िंधचतनहींककया जा सकेगा। प्रिेि प्राप्त निद्याथी को ककसी कक्षा में रोका नहीं
जायेगा ना ही प्राथधमक लिक्षा पूरी होने तक ननष्कालसत ककया जा सकेगा।
 लिक्षाका अधधकार की प्रकृनत है – संिध
ै ाननक
 आरटीई-2009 में िारीररक दण्ड एिं मानलसक उत्पीड़न का क्या प्रनतर्षेध है –
िारीररक एिं मानलसक उत्पीडन पूणण रूप से प्रनतबंधधत है ।
 निद्यािय प्रबंधसधमनत का पुनगणठन ककतने िर्षण पश्चात होगा – 2
 आरटीई-2009 के पूिण प्रारम्भ निद्यािय को मान और मानकों को पूराकरने की
अिधध ननधाणररत की गई है – प्रारम्भ की तारीख से 3 िर्षण
 आरटीई-2009 के तहत गरठत होने िािी निद्यािय प्रबंध सधमनत के लिए क्या
प्रािधान है – सधमनत में 3/4 सदस्य माता-नपता या संरक्षक होंगे। सधमनत
की 50% सदस्य मदहिाएाँ होगी।
 लिक्षा का अधधकार अधधननयम – 2009 के तहत अध्यापकों के लिए प्रनत
सप्ताह कायण घंटों की न्यूनतम संख्या ननधाणररत की गई है – 45 लिक्षण घण्टे
 आरटीई-2009 के तहत अध्यापको के कतणव्य है – निद्यािय में ननयधमत ि
समय पर उपस्थित होना, पाठ्यिम संचािन और उसे पूरा करना, ऐसे अन्य
कतणव्यों का पािन करना जो निदहत ककये जायें।
 आरटीई-2009 के तहत निद्यािय में ररक्त पद कुि स्िीकृत पदों का
ककतनाप्रनतित अधधकतम हो सकता है – 10%

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 आरटीई-2009 के तहत प्रारस्तिक लिक्षा हे तु पाठ्यिम ि उसकी मूल्यांकन
प्रकिया अधधकाधधक की जायेगी – सरकार द्रारा, अधधसूचना द्रारा, लिक्षा
प्राधधकारी द्रारा
 आरटीई-2009 के तहत पाठ्क्िम ननधाणरण हे तु क्या ननदेि है – संनिधान के
अनुरूप है , उससे बािक का सिांगीण निकास हो, लिक्षा का माध्यम यथा
सम्भि मातृ भार्षा हो।
 लिक्षा का अधधकार अधधननयम-2009 के तहत कक्षा 1 से 5 तक 150 से
अधधक बािकों के प्रिेि पर अध्यापक-छात्र अनुपात ननदेलित ककया गया है – 5
अध्यापक ि एक प्रधानाध्यापक
 200 बािकों से अधधक पर छात्र-अध्यापक अनुपात होगा – 40:1
 लिक्षा का अधधकार अधधननयम2009 के तहत कक्षा एक से पााँचिी तक एक
िैक्षखणक सत्र में ककतने कायण ददिस ननधाणररत ककये गये हैं – 200
 लिक्षा का अधधकार अधधननयम-2009 कक्षा 6 से कक्षा 8 तक ककतने कायण
ददिस ननधाणररत है – 220
 आरटीई एक्ट -2009 के अनुसार लिक्षक हे तु प्रनत सप्ताह कायण घंटे है – 45
घंटे
 बािकों का मुफ्त एिं अननिायण लिक्षा का अधधकार, 2009 देि में िागू रृआ –
1 अप्रैि 2010
 लिक्षा का अधधकार अधधननयम, 2009 में एक अध्यापक के लिए न्यूनतम कायण
घण्टे प्रनत सप्ताह ननधाणररत ककये गये हैं – 45 घंटे
 लिक्षा का अधधकार अधधननयम, 2009 में एक अध्यापक को ननम्नलिखखत में से
दाधयत्ि पूरा करना होगा– पाठ्यिम का संचािन कर पूरा करना होगा।

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 लिक्षा का अधधकार अधधननयम, 2009 में ननददि ष्ट ककया गया है कक कक्षा 1 से
5िीं तक यदद प्रिेि ददये गये निद्याधथि यों की संख्या 200 से अधधक है, तो
निद्याथी अध्यापक आिश्यक अनुपात होगा – 40
 भारतीय संनिधान के अनुच्छे द 41 ि 46 ककसके कल्याण से सम्बब्धित है –
आधथि क रूप से नपछड़े व्यनियों से
 भारत के संनिधान में ककसके लिए नन:िुल्क अननिायण लिक्षा है -14 िर्षण तक
सभी बच्चों के लिए
 लिक्षा का अधधकार संनिधान संिोधन के द्रारा ककस िर्षण में समिती सूची में
डािा गया – 1976
 नामांकन बढ़ाने, उनकी उपस्थिनत बनाए रखने एिं बच्चों का पोर्षण स्तर सुधारने
हे तु प्राथधमक लिक्षा के लिए राष्रीय पोर्षण सहयोग कायणिम (मध्यान्ह भोजन
योजना) कब िुरू ककया – 26 जनिरी, 2008
 संनिधान (86िााँ) संिोधन अधधननयम, 2002 के भाग तृतीय में लजस नई धारा
को जोड़कर 6-14 िर्षण आयु िगणके सभी बच्चों को मुफ्त एिं अननिायण लिक्षाको
मूिभूत अधधकार बनाने की बातें कहीं है, संनिधान की िह धारा है – 21 ए
 ‘लिक्षा का अधधकार’ भारतीय संनिधान में ककस मूि अधधकार में िाधमि है –
स्ितन्त्रता का अधधकार
 बच्चों के लिए नन:िुल्क एिं अननिायण लिक्षा का अधधकार अधधननयम,2009 के
लिए िागू है – 6-14 िर्षण
 6-14 िर्षण के सभी बच्चों को मुफ्त एिं अननिायण लिक्षा अधधननयम (लिक्षा का
अधधकार अधधननयम, 2009) कब से िागू रृआ – 1 अप्रैि, 2010
 प्राथधमक स्तर पर न्यूनतम कायणददिस है – 200
 प्राथधमक स्तर पर िैक्षखणक घण्टे ननधाणररत हैं – 800
 ननजी स्कूिों में गरीब बच्चों के लिए सीटें आरलक्षत हैं – 25

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 ‘नन:िुल्क एिं अननिायण लिक्षा का अधधकार-2009’ में ‘अननिायण’ िब्द का अथण
है – उधचत सरकारें दाखखिे, उपस्थिनत और प्रारस्तिक लिक्षा की पूणत
ण ा को
सुननश्चित करेंगी।
 लिक्षा का अधधकार अधधननयम 2009 के कियान्ियन के बाद कक्षा-कक्ष –
आयु के अनुसार अधधक समजातीय है ।
 नन:िुल्क एिं अननिायण लिक्षा का अधधकार अधधननयम 2009 के अंतगणत ककसी
भी अध्यापक को ननम्न में से ककस कायण के लिए नहीं िगाया जा सकता – पल्स
पोलियो कायणिम में
 आर.टी.ई. एक्ट 2009 के अनुसार प्राथधमक निद्यािय में लिक्षकों के प्रनत
सप्ताह कुि ककतने घंटे की योजना बनाकर कायण करता है – 45 घंटे
 लिक्षा का अधधकार अधधननयम 2009 ने 6 से 14 िर्षण आयु के निद्यािय कभी न
गए अथिा निद्यािय लिक्षा अधूरी छोड़ने िािे बच्चों को लिक्षा की मुख्य धारा से
जोड़ने हे तु – नििेर्ष प्रलिक्षण िागू करने पर जोर ददया है ।
 मई, 1998 में ककसकी स्थापना की गई – राष्रीय साक्षरता धमिन

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