You are on page 1of 218

दो टे ट

चेत न भगत ने पांच बे टसे लंग नॉवल िलखे ह—फाइव पॉइं ट समवन (2004), वन नाइट @ द कॉल सेटर (2005),
द ी िम टे स ऑफ़ माय लाइफ़ (2008), 2 टेट्स : द टोरी ऑफ़ माय मै रज (2009) और रे वॉ युशन 2020
(2011)
चेतन क कताब अपनी रलीज़ के बाद से ही बे टसेलस क सूची म बनी ई ह। उन पर फ म भी बनाई गई
ह। द यूयॉक टाइ स ने उ ह ‘भारत के इितहास म सबसे यादा िबकने वाला अं ेजी नॉवेिल ट’ बताया है। टाइम
पि का ने उ ह 'दुिनया के सौ सवािधक भावशाली लोग ’ क फे ह र त म शािमल कया है और अमे रका क फा ट
कं पनी ने उ ह 'दुिनया के शीष सौ रचना मक लोग ’ म से एक माना है।
चेतन भारत के शीष अं ेजी और हंदी अख़बार म िलखते ह और उनका फोकस युवा और देश क िवकास
संबंधी सम या पर रहता है। वे मो टवेशनल पीकर भी ह।
चेतन ने वष 2009 म अपने इं टरनैशनल इं वे टमट ब कं ग कै रयर को अलिवदा कह दया, ता क अपना पूरा
समय लेखन और देश म बदलाव लाने क कोिशश के िलए दे सक। वे मुंबई म अपनी प ी अनुषा, जो उनक
आईआईएम-ए क ए स- लासमेट ह, और दो जुड़वा बेट याम और ईशान के साथ रहते ह।
चेतन के बारे म और जानने के िलए www.chetanbhagat.com देख या उ ह info@chetanbhagat.com पर
ईमेल कर।

Downloaded from Ebookz.in


Text copyright © 2016 by Chetan Bhagat

All rights reserved. No part of this book may be reproduced, or stored in a retrieval system, or
transmitted in any form or by any means, electronic, mechanical, photocopying, recording, or
otherwise, without express written permission of the publisher.

Published by Amazon Publishing, Seattle

www.apub.com

Amazon, the Amazon logo, and Amazon Publishing are trademarks of Amazon.com, Inc., or its
affiliates.

eISBN: 9781503945951

Downloaded from Ebookz.in


शायद कताब के इितहास म ऐसा पहली बार हो रहा होगा, फर भी:

मेरे ससुरालवाल के िलए*

*ले कन इसका यह मतलब नह क म द बू या जो का गुलाम ँ या मेरे पु ष व म कोई कमी है।

Downloaded from Ebookz.in


आभार
दुिनया म कोई भी सृजन कसी एक ि का काम नह होता। यह कताब भी अपवाद नह है। ा ट क ज़ेरॉ स
कॉपी बनाने वाले ि से लेकर इस कताब को दुकान तक प चं ाने वाले िडिलवरी वॉय तक, सभी क इसम
अपनी एक भूिमका है। फर भी, म इन लोग का शु या अदा करना चा गं ा:

• मेरे पाठक , यानी आपका, िज ह ने मुझे आज इस मुक़ाम पर प च


ं ाया। िपछली बार मने कहा था क म भारत का
सबसे लोकि य लेखक बनना चाहता — ँ और आप लोग ने इसे संभव कर दखाया है। शु या। कृ पया अपना
सहयोग जारी रख और य द मुम कन हो तो अपने दल म मुझे एक छोटी-सी ले कन थायी जगह दीिजए।
• ई र का, उनके ेम और आशीवाद के िलए।
• शाइनी एंटनी का, जो मेरी हर कताब क पहली पाठक और संपादक ह। वे मुझे यह बताती ह क के वल कताब
म ही नह , बि क िज़ दगी म भी, या कारगर है और या नह ।
• अिभषेक कपूर का, उनके अ भुत सुझाव के िलए। तीक धवन, शांभवी करावंत, रितका कौल-हकसर और
अनुषा भगत का, कताब क पांडुिलिप पर बेहतरीन ट पिणयां करने के िलए।
• मेरे काशक पा एंड कं पनी का, मेरी कहािनय को देश पर म प च
ं ाने के िलए।
• कॉलेज के दो त , दोयचे बक और गो डमैन सैश के सािथय और मुंबई के मौजूदा िम का।
• उन अख़बार का, जो मेरे कॉलम छापते ह और मुझे एक ऐसे नए गितशील भारत के बारे म अपने िवचार
पाठक से साझा करने का मौक़ा देते ह िजसका म लगातार सपना देखता ।ं
• उन फ़ मकार का, िज ह ने मेरी कहािनय से े रत होकर उ ह परदे पर जीवंत करने के िलए साल मेहनत क ।

म कु छ अ य बात भी प करना चा ग ं ा। पहली बात यह क कहानी मेरे अपने जीवन और पा रवा रक अनुभव से
े रत है, ले कन इस कताब को फ शान क तरह ही देखा जाना चािहए। ामािणकता के िलए मने कु छ वा तिवक
थान , ि य और सं थान के नाम का भी उपयोग कया है, य क वे मौजूदा समय के सां कृ ितक तीक का
ितिनिध व करते ह और वे मेरी कहानी म भी मदद करते ह। इसके पीछे मेरी और कोई मंशा नह है। म सभी
दि ण भारतीय से भी कहना चा ग ं ा क म उनसे ेम करता ।ं मेरी प ी इसे मािणत कर सकती है। अगर मने
आपके और पंजािबय के साथ थोड़ा-ब त मज़ाक़ करने क छू ट ली है तो इसक वजह यही है क म आपको अपना
मानता ।ं हम के वल उ ह लोग के साथ थोड़ी हँसी- ठठोली करते ह, िजनक हम फ़ करते ह।
इसी के साथ, म दो टेट म आपका वागत करता ।ं

Downloaded from Ebookz.in


तवना
‘मुझे यहां य भेजा गया है? म िबलकु ल ठीक ,ं ’ मने कहा।
उसने कोई ित या नह क । बस इशारे से बताया क म अपने जूते िनकालकर काउच पर बैठ जाऊं। उसका
द तर कसी डॉ टर के द तर जैसा ही था, बस उसम दवाइय क गंध, सद लापन और ख़तरनाक औज़ार नह थे।
वह इं तज़ार करती रही क म और कु छ क ।ं म थोड़ा िझझका और फर बोलने लगा। 'मुझे प ा पता है क
लोग यहां बड़ी-बड़ी मुसीबत के बोझ तले दबे आते ह। लड़ कयां अपने बॉय ड् स डंप कर देती ह, ले कन इसका यह
मतलब नह क इसके िलए कसी दमाग़ के डॉ टर को दखाया जाए। आपको या लगता है, म साइको ?ं '
‘नह , साइको म ।ं साइकोथैरेिप ट, टु बी ि साइस। य द तु ह हज़ न हो तो म दमाग़ के डॉ टर क तुलना म
साइकोथैरेिप ट कहलाना यादा पसंद क ं गी, 'उसने कहा।
‘सॉरी,’ मने कहा।
‘इट् स ओके ,’ उसने कहा और कु स से टककर बैठ गई। उसक उ तीस से यादा न रही होगी। उसे देखकर
लगता नह था क वह दमाग़ क डॉ टर, सॉरी, साइकोथैरेिप ट होगी। दीवार पर टॉप अमे रक यूिनव स टय के
स ट फके ट कु छ यूँ शान से सजे थे, जैसे िशका रय के घर बाघ के िसर सजे होते ह। जी हाँ, एक और साउथ इं िडयन ने
एके डेिम स क दुिनया म अपना झंडा गाड़ दया था। डॉ नीता अ यर, वेलिड टो रयन, व सार कॉलेज।
‘म हर घंटे का पाँच सौ पया चाज लेती ,ं ’ उसने कहा। 'अब यह तुम पर है, चाहो तो दीवार को घूरते रहो
या मुझसे बात करो।'
म िबना कसी नतीजे पर प च ँ े बारह िमनट यानी सौ पए ख़च कर चुका था। म सोचने लगा क अगर म
जाना चा ँ तो या वह थोडी-सी फ़ स लेकर मुझे जाने देगी?
‘डॉ. अ यर...
‘आप मुझे नीता कह सकते ह,’ उसने कहा।
‘ओके , नीता, मुझे नह लगता मेरी ॉ लम इतनी सी रयस है। पता नह डॉ. रामचं न ने मुझे यहां य भेज
दया है।'
उसने डे क से मेरी फ़ाइल उठाई। 'देखते ह। डॉ. राम ने मुझे यह ीफ़ कया है—मरीज़ को न द नह आती,
िपछले एक ह ते से उसने कसी से संपक नह कया है, वह कु छ खा भी नह रहा है और उसने ख़दकु शी करने के
बेहतरीन तरीक़ के बारे म गूगल-सच क है।’ वह क और भ ह उठाते ए मेरी तरफ़ देखा।
‘म गूगल पर हर तरह क चीज़े सच करता ,ं ’ मने बुदबुदाते ए कहा, ' या आप ऐसा नह करत ?'
‘ रपोट कहती है क महज़ उसके नाम, उसके आस-पड़ोस के लोग या उससे जुड़ी कसी भी चीज़, जैसे उसक
फ़े वरे ट िडश का िज़ भर होने पर ही आपके भीतर कई तरह क भावनाएँ उमड़ती ह। आंसू, गु सा, झ लाहट...
कसी भी तरह क कोई भी भावना।'
‘मेरा ेक-अप आ है। ऐसे म आप और या उ मीद कर सकती ह?’ अब म असहज होने लगा था।
‘यक़ नन, अन या से ेक-अप, जो मयलापुर म रहती है। उसक फ़े वरे ट िडश या है? कड राइस?'
म सीधे उठ खड़ा आ। 'ड ट, 'मने कमज़ोर-से वर म कहा। मेरा गला ं ध रहा था, ले कन म अपने आंसू पी
गया। 'ड ट,’ मने फर कहा।
‘ड ट या?’ नीरा ने मुझे कु रे दते ए पूछा, 'माइनर ॉ लम, है ना?'
‘माइनर क ऐसी-तैसी। यहां मेरी जान पर बन आई है।’ म हैरान-परे शान-सा खड़ा रहा।
‘ या तुम साउथ इं िडयंस समझते भी हो क इमोशंस या होती ह?'
‘म इस न लवादी कमट को नज़रअंदाज़ कर रही ।ं तुम खड़े-खडे बात कर सकते हो, ले कन य द तु हारी
कहानी लंबी है तो तुम काउच पर आराम से बैठकर भी बोल सकते हो। म पूरी कहानी सुनना चाहती ,ं ’ उसने कहा।
म अपने आँसु को नह रोक सका। 'आिखर यह मेरे साथ ही य आ?’ मने सुबकते ए कहा।
उसने एक टशू आगे बढ़ाया।
‘कहा से शु क ं ?’ मने कहा और काउच पर ऐहितयात से बैठ गया।
‘वह से, जहाँ से हर ेम कहानी शु होती है। जब तुम उससे पहली बार िमले थे, ‘उसने कहा।
उसने परदे ख च दए और एयर-कं डीशनर चालू कर दया। मने बोलना शु कर दया। अब म अपने पैस का
सही इ तेमाल कर रहा था।

Downloaded from Ebookz.in


अंक 1 : अहमदाबाद

Downloaded from Ebookz.in


1
वह आईआईएमए मेस क लंच लाइन म मुझसे दो कदम आगे खड़ी थी। मने आँख के कोने से उस पर नज़र डाली। म
सोच रहा था क आिखर इस साउथ इं िडयन लड़क के इतने चच य ह।
उसने जैसे ही कसी भूखे र यूजी क तरह अंगुिलय से टील क लेट पर थप कयां देनी शु क , कमर तक
आने वाले उसके बाल लहराने लगे। मने ग़ौर से देखा। उसक गोरी-सी गदन के पीछे वाले िह से म तीन काले धागे
थे। देश के सबसे पढ़ाकू बी- कू ल म एक लड़क ऐसी भी थी, िजसे सजने-संवरने से कोई ऐतराज़ न था।
‘अन या वामीनाथन– े शर बैच क बे ट गल,’ सीिनयस पहले ही डोम बोड पर उसका नामकरण कर चुके
थे। दो सौ टू डट् स क बैच म के वल बीस लड़ कयां थ । उनम भी गुड लु कं ग लड़ कयां इनी-िगनी ही थ । आिखर
आईआईएम म लड़ कय का चयन उनके लु स के आधार पर नह होता। उनका चयन इसिलए होता है, य क वे
देश क 99.9 फ़ सदी आबादी क तुलना म यादा तेज़ गित से मै स क ॉ ल स सुलझा लेती ह और सीएटी पास
कर लेती ह। आईआईएम क अिधकांश लड़ कयां मेक-अप, फ टंग कपड़े, कॉ टै स लसेस, फ़े िशयल हेयर रमूवल,
बॉडी ऑडर जैसी तु छ चीज़ से परे होती ह। ऐसे म य द भूल से अन या जैसी कोई लड़क आईआईएम म आ जाए
तो वह पु ष यौन हॉम स से भरपूर और ी यौन हाम स क क लत से जूझ रहे हमारे कै पस के िलए फ़ौरन
सपन क रानी बन जाती है।
मने क पना क क िमस वामीनाथन को िपछले एक ह ते म लड़क क िजतनी अटशन िमली होगी, उतनी
उसे पूरे जीवन म नह िमली होगी। िलहाज़ा, मने मान िलया क वह पहले ही ब त उखड़ी ई होगी और ऐसे म उसे
इ ोर करना ही ठीक होगा। टू डट् स ऑटो-पायलट पर इं च-दर-इं च आगे सरक रहे थे। ऊबे ए कचन टाफ़ को इस
बात क कतई फ नह थी क वे क़ै दय को खाना परोस रहे ह या आने वाले कल के सीईओज़ को। वे एक के बाद
एक करिछयां भरकर वह तरल पदाथ टू डट् स क लेट म उड़ेले जा रहे थे।
ज़ािहर है, िमस बे ट गल को थोड़ी तव ो क ज़ रत महसूस हो रही थी।
‘यह रसम नह है। यह और चाहे कु छ भी हो, ले कन यह रसम तो क़तई नह है। और वह या है, वह गढ़ा
पीला पदाथ?'
‘सांभर,’ मेस वकर ने लगभग गुराते ए कहा।
‘ऊह, कतना गंदा लग रहा है! तुमने यह कै से बनाया है?’ उसने पूछा।
‘तु ह सांभर चािहए या नह ?’ मेस वकर ने कहा। उसक दलच पी रे सीपी पर बहस करने से यादा अपना
काम ख़ म करने म थी।
मैडम सोचती रह । हमारे बीच खड़े दो लड़क ने काउं टर क ओर लेट बढ़ा द , िबना कोई टीका- ट पणी कए
खाना िलया और आगे बढ़ गए। अब म उसके ठीक पीछे था। मने कनिखय से उसे देखा, यक़ नन, वह औसत से
बेहतर थी। वा तव म वह औसत से कह बेहतर थी। वा तव म आईआईएमए के टड स से वह कह ऊपर थी।
उसके फ़ चस पेरफ़े ट थे। आख, नाक, ह ठ कान सभी सही आकार के थे और सही जगह पर थे। आिखर कसी ि
को ये चीज़ ही तो ख़ूबसूरत बनाती ह–उसके शरीर के सामा य िह से– फर भी कु दरत अ सर इसम गड़बड़ य कर
जाती है? उसके माथे पर सजी छोटी-सी नीली बंदी उसक आसमानी और सफ़े द सलवार कमीज़ से मेल खा रही
थी। वह ी देवी क माट किज़न जैसी लग रही थी।
मेस वकर ने वह पीला पदाथ मेरी लेट म परोस दया।
‘ए स यूज़ मी, म इनसे पहले ,ं ’ उसने मेस वकर को अपनी बड़ी-बड़ी आ मिव ास से भरी आँख से बेधते
ए कहा।
‘आप चाहती या ह?’ मेस वकर ने भारी साउथ इं िडयन लहज़े के साथ कहा। 'आप रसम को रसम मानने को
तैयार नह ह। आप मेरे सांभर को देखकर मुंह बना रही ह। म सैकड़ टू डट् स को खाना िखलाता है, वे तो कभी कोई
िशकायत नह करते।'
‘और इसीिलए तुमम कोई इं ूवमट नह है। शायद उ ह िशक़ायत करनी चािहए,’ उसने कहा।
मेस वकर ने सांभर क देगची म कड़छी पटक और हाथ फकते ए बोला, 'आप चाहती ह क मेरी िशक़ायत
क जाए? जाइए, मेस मैनेजर के पास जाइए और मेरी िशकायत कर दीिजए... आजकल के टू डट् स को तो देखो,’ मेस
वकर ने सहानुभूित क अपे ा के साथ मेरी तरफ़ देखा।
मने लगभग िसर िहलाकर सहमित जताई।
उसने मेरी तरफ़ देखा। ' या तुम यह खा सकते हो?’ वह जानना चाहती थी। 'कोिशश करो।'
मने च मचभर सांभर िलया। गम और नमक न, वह यक़ नन ब त लज़ीज़ नह था, ले कन य द आपके पास
और कोई िवक प न हो तो आप उससे अपना काम चला सकते थे। म लंच के तौर पर उसका इ तेमाल कर सकता था,
आिखर म हो टल म चार साल जो रहा था।
बहरहाल, मने उसके चेहरे क ओर देखा। उसके चेहरे पर गुलाबी रं गत आ गई थी और वह अब और ख़ूबसूरत
लग रही थी। मने पचास-एक साल उ वाले मेस वकर से उसक तुलना क । मेस वकर ने लुंगी पहन रखी थी और
उसक छाती पर सफ़े द बाल देखे जा सकते थे। संशय क ि थित म ख़ूबसूरत लड़ कयां हमेशा सही िवक प होती ह।
‘वाक़ई, ब त ख़राब है,’ मने कहा।
‘देखा,’ उसने ब सरीखे उ साह से कहा।
मेस वकर ने मुझे घूरकर देखा।
‘ले कन म इससे अपना काम चला सकता ,ं ’ मने उसे सां वना देने क कोिशश करते ए आगे जोड़ दया।
मेस वकर धीमे-से कु छ बुदबुदाया और लेट म ढेर सारा चावल उड़ेल दया।
‘आपको जो पसंद हो, वह ले लीिजए,’ मने उससे नज़र बचाते ए कहा। िपछले कु छ दन म पूरा कै पस उसे
आंख फाड़-फाड़कर देख चुका था, म उन सबसे अलग नज़र आना चाहता था।
‘मुझे रसगु ले दे दो,’ उसने िमठाई क ओर इशारा करते ए कहा।
‘िमठाई खाने के बाद िमलेगी,’ मेस वकर ने कहा।
‘तुम या मेरी मां हो? मेरा लंच हो गया। मुझे दो रसगु ले चािहए,’ उसने ज़ोर देते ए कहा।
‘एक टू डट को एक ही रसगु ला िमलेगा,’ उसने उसक लेट म रसगु ले वाली कटोरी रखते ए कहा।
‘ओह, कम ऑन, इस गंदे सांभर के िलए िलिमट नह है, ले कन जो इकलौती चीज़ खाने लायक़ है, उस पर
पाबं दयां ह,’ उसने कहा। क़तार लंबी होती जा रही थी, ले कन क़तार म खड़े लड़क को कोई ऐतराज़ न था। आिखर
उ ह बैच क सबसे ख़ूबसूरत लड़क को िनहारने का एक जायज़ मौक़ा जो िमल रहा था।
‘मेरा रसगु ला भी इ ह दे दो,’ मने कह तो दया, ले कन कहते ही मुझे ज़रा-सा अफ़सोस भी आ। वह तु हारे
साथ कभी डे टंग नह करे गी, उ टे तु हारा एक र सगुला भी ज़ाया हो जाएगा, मने ख़द को कोसते ए कहा।
‘म तु ह एक रसगु ला दे रहा ,ं ’ मेस वकर ने मेरी लेट म िमठाई परोसते ए िवजयी भाव से कहा।
मने अपनी कटोरी उसक ओर बढ़ा दी। उसने दो रसगु ले िलए और क़तार से बाहर चली गई।
ओके बडी, ि टी गल अपने रा ते और िबना रसगु ले वाला लूज़र अपने रा ते। बैठने के िलए कोई कोना तलाश
लो, मने ख़द से कहा।
वह मेरी ओर मुड़ी। उसने मुझे अपने साथ बैठने को तो नह कहा, ले कन उसे देखकर लग रहा था क य द म
उसके पास जाकर बैठ जाता ं तो उसे कोई ऐतराज़ न होगा। उसने अपनी न ही-सी अंगुली से एक टेबल क ओर
इशारा कया और हम आमने-सामने बैठ गए। पूरा मेस हम घूर-घूरकर देख रहा था। वे सोच रहे थे क आिखर मने
ऐसा कौन-सा तीर मार दया, जो वह मेरे साथ बैठी है। म उ ह बताना चाहता था क मने कतनी बड़ी कु बानी दी
है–मेरा एक रसगु ला।
‘आई एम श,’ मने सांभर म च मच घुमाते ए कहा।
‘आई एम अन या। ऊंह, कतना ख़राब है ना? ‘सांभर चखने के बाद मेरे ारा मुंह बनाने पर उसने कहा।
‘म हो टल के खाने का आदी ,ँ ’ मने कं धे उचकाते ए कहा, 'मने इससे भी बदतर खाना खाया है।'
‘इससे भी बदतर क तो क पना करनी ही मुि कल है,’ उसने कहा।
एक हरी िमच कु तरने के कारण मुझे खांसी आ गई। उसके पास पानी का जग रखा था। उसने जग उठाया, आगे
झुक और मेरे िगलास म पानी पड़ेल दया। मुझे लगा जैसे पूरे मेस ने आह भरी हो। हम दोन सभी के िलए मै टनी
शो बन चुके थे।
उसने चार कौर म दोन रसगु ले ख़ म कर दए। 'मुझे अब भी भूख लग रही है। मने आज ना ता भी नह
कया है।'
‘या तो बे वाद खाना खाओ या भूखे मरो, हो टल लाइफ़ का मतलब ही यही है क जो आसानी से िमल जाए,
वही सही’, मने कहा।
‘तुम कह बाहर जाना चाहते हो? मुझे प ा य़क न है क इस शहर म ख़ूबसूरत रे टोरट् स ह गे,’ उसने कहा।
‘अभी?’ एक घंटे बाद हमारी एक लास थी। ले कन िमस बे ट गल ने अपनी पेटपूजा के िलए ही सही, पर मेरे
सामने बाहर चलने का ताव रखा था। और जैसा क सभी जानते ह, लड कय का दजा हमेशा पढ़ाई से ऊपर ही
होता है।
'अब मुझे यह मत कहना क तुम ले चर अटड करने के िलए बेचैन ए जा रहे हो,’ उसने कहा और मुझे
चुनौती देते ए उठ खड़ी ई।
मने च मच म थोड़े-से चावल िलए।
उसने अपना पैर पटका। 'यह गंदी चीज़ छोड़ो।'
जब म आईआईएमए म पॉपुलर वोट से बे ट गल मानी गई िमस अन या वामीनाथन के साथ मेस से बाहर
िनकला, तब चार सौ आख हमारा पीछा कर रही थ ।

‘तु ह िचकन पसंद है?’ उसने मुझसे पूछा। मेनू उसक नाक पर टका आ था। हम टोपाज़ म आए थे: एक मामूली,
ख़ाली-ख़ाली-सा, ले कन एयर कं डीशंड रे टोरट, जो कै पस से आधा कलोमीटर के फ़ासले पर था। सभी िमड-रज
भारतीय रे टोरट् स क तरह यहां भी पुराने हंदी गान के बो रं ग इं मटल वजन बज रहे थे और टेबल पर कतरे ए
मसालेदार याज़ सजे थे।
‘मने तो सोचा था क अहमदाबाद वेिजटे रयन है,’ मने कहा।
‘ लीज़, नह तो म मर ही जाऊंगी।’ वह वेटर क ओर मुड़ी और माली रो टय के -साथ हाफ़ तंदरू ी िचकन
का ऑडर कया।
‘ या यहाँ बीयर िमलेगी?’ उसने वेटर से पूछा।
वेटर ने मानो दहशत म अपना िसर िहलाया और वहां से चला गया।
‘हम गुज़रात म ह। यहां शराब पर पाबंदी है,’ मने कहा।
‘ य ?'
‘गांधीजी का ज म थान', मने कहा।
‘ले कन गांधीजी ने तो हम आजादी दलाई थी,’ उसने याज क कतरन के साथ खेलते ए कहा। 'अगर
पाबं दय ही लगाई जानी ह तो आजादी का या मतलब?’
‘पॉइं ट तो है, 'मने कहा। 'तो, आप रसम और सांभर क ए सपट ह। या आप साउथ इं िडयन ह?'
‘तिमल, लीज़ बी ि साइस। इन फक, तिमल ा ण, जो क तिमल से ब त अलग होते ह। यह हमेशा याद
रखना।’ वेटर ने खाना परोसा, तो वह पीछे हट गई। उसने दांत से िचकन क लेग को काटकर अलग कर दया।
‘और तिमल ा ण ए ज़ै टली कतने अलग होते ह?'
‘वेल, सबसे पहली बात तो यह क नो मीट एंड नो ड़ं कं ग,’ उसने िचकन लेग से हवा म ॉस का िनशान
बनाते ए कहा।
‘िब कु ल,’ मने कहा।
वह हँस पड़ी। मने यह नह कहा क म एक ैि ट संग तिमल ा ण ।ं ले कन तु ह यह पता होना चािहए क
मेरा ज म शु तम और उ तम जाित समुदाय म आ है। और तुम, कॉमनर? '
‘म पंजाबी ,ं हालां क म कभी पंजाब म नह रहा। मेरी परव रश द ली म ई। और मुझे अपनी जाित के
बारे म कु छ नह पता है, ले कन हम िचकन खाते ह। ख़राब सांभर के िलए मेरी पाचन शि तिमल ा ण से
बेहतर है,’ मने कहा।
‘यू आर फ़नी,’ उसने मेरा हाथ थपथपाते ए कहा। मुझे वह थपथपाहट अ छी लगी।
‘तो तुम हो टल म कहां रहे थे?’ उसने कहा। ' ली़ज़, आईआईटी मत कहना, अभी तक तुमने यादा ग़लितयाँ
नह क ह।'
‘आईआईटी म या ग़लत है?'
‘कु छ नह , या तुम आईआईटी से हो? ‘उसने एक घूंट पानी पीते ए कहा।
‘हाँ, आईआईटी द ली से। कोई ॉ लम? '
‘नह , ‘वह मु कु रा दी,’ ‘अभी तक तो नह । '
‘ए स यूज़ मी?’ मने कहा। उसके े ता बोध से अब म असहज महसूस करने लगा था।
‘कु छ नह , ‘उसने कहा।
हम चुप रहे।
‘ या बात है? या कसी आईआईटीयन ने तु हारा दल तोड़ दया है?'
वह हँस पड़ी। 'नह , हक़ कत इससे उलटी है। शायद मने ही कु छ आईआईटीयंस के दल तोड़े ह अलब ा इसम
मेरा कोई क़सूर नह '
‘ या आप मुझे इसका मतलब समझाएंगी।'
‘ कसी से कहना मत, ले कन मुझे यहां आए एक ह ता ही आ है और मुझे दस लड़के पोज़ कर चुके ह। वे
सभी आईआईटीयंस थे।'
तो मेरा अनुमान सही था, उस पर ब त सारे लड़क क नज़र थी। ले कन म चाह रहा था क इन लड़क म
मेरे लोग शािमल न ह ।
‘ कस बात का पोज़ल? '
‘अरे वही, बाहर घूमने जाना, दो ती करना, वग़ैरह-वग़ैरह। और हा आईआईटी चे ई के एक लड़के ने तो
शादी का पोज़ल ही रख दया।'
‘वाक़ई?’
‘हाँ, उसने कहा क यह ह ता उसके िलए ब त ख़ास रहा है। उसने आईआईएमए जॉइन कया और अब उसे
उसक लाइफ़ पाटनर भी िमल गई। हो सकता है म ग़लती कर रही होऊं, ले कन मेरे याल से उसने कु छ वेलरी भी
पहन रखी थी।'
मने अपना िसर पीट िलया। नह , मेरे अपने यार-दो त ऐसा नह कर सकते, चाहे कसी भी तरह के हालात
य नह।
‘अब तुम समझे क मुझे तु हारे आईआईटीयन होने को लेकर इतनी फ य हो रही थी,’ उसने एक िचकन
े ट उठाते ए कहा।
‘ओह, तो यह नेचरल रए शन है। य द म आईआईटी से ,ँ तो म तु ह दस िमनट के भीतर पोज़ कर ही
दूँगा?'
‘मने यह तो नह कहा।'
‘ले कन तु हारा यही मतलब था।'
‘आई एम सॉरी।'
‘इट् स ओके । मने तु हारे बारे म कु छ यही उ मीद क थी। लेट मी गैस–अमीर माता-िपता क इकलौती
संतान?'
“ग़लत, ग़लत, मेरा एक छोटा भाई है। और मेरे पापा चे ई म बक ऑफ़ बड़ौदा म काम करते ह। सॉरी, तुमने
मेरे बारे म या उ मीद क थी?'
‘कु छ लड़ कयाँ ब त यादा अटशन हडल नह कर पाती ह। महज़ दो दन क पॉपुलै रटी के बाद उ ह लगता
है क कॉलेज के हर लड़के को उनके सामने अपना िसर झुकाना चािहए।'
‘यह सच नह है। या म तु हारे साथ बाहर नह आई?’ उसने बड़े करीने से िचकन क हड् िडयां दूसरी लेट म
रख द ।
‘ओह, यह तो ब त बड़ी बात है। मेरे जैसे कॉमनर के साथ घूमने आना। िबल कतना आ? म अपना िह सा
चुकाकर चला जाता ’ं म खड़ा हो गया।
‘हे,’ उसने कहा।
‘ हाट?'
‘आई एम सॉरी। लीज़ बैठ जाओ।'
वैसे भी बातचीत म मेरी अब कोई दलच पी नह रह गई थी। य द एक ख़ूबसूरत लड़क से यादा आकषक
और कु छ नह हो सकता तो एक नकचढ़ी लड़क से यादा बुरा भी कु छ नह हो सकता।
म बैठ गया और अगले दस िमनट तक खाने और उस नीरस इं मटल यूिज़क पर यान क त करता रहा। म
उस ा ण लड़क को नज़रअंदाज़ कर रहा था, िजसने मेरे कॉलेजमेट्स को एक आम ेणी म लाकर खड़ा कर दया
था।
‘ या अब सब ठीक है?’ उसने िहच कचाहट के साथ मु कु राते ए कहा।
‘तुम मेरे साथ य आई? अपने कोर को यारह तक प च ं ाने के िलए?'
‘तुम वाक़ई जानना चाहते हो?'
‘हाँ।'
‘मुझे यहाँ कु छ दो त क ज़ रत है। तुम मुझे एक सेफ़-ज़ोन लड़के क तरह लगे। एक ऐसे लड़के क तरह, जो
कसी लड़क के साथ के वल दो ती तक सीिमत रह सकता है, राइट?'
िब कु ल नह , मने सोचा। आिखर कोई लड़का कसी लड़क के साथ दो ती तक ही सीिमत य रहना चाहेगा?
यह तो कसी चॉकलेट के क के पास रहकर उसे न खाने जैसा होगा। यह तो कसी रे संग कार म बैठकर उसे ाइव न
करने जैसा होगा। ऐसा तो के वल भ दू ही करते है।
‘आई एम नॉट योर,’ मने कहा।
‘तुम हडल कर सकते हो। मने तु ह पोज़ स के बारे म बताया, य क तुम देख सकते हो क वे कतने टु िपड
ह।'
‘वे टु िपड नह ह। वे आईआईटीयंस ह। बात के वल इतनी है क वे अभी तक यह नह जानते क लड़ कय से
कै से बात क जाती ह,’ मने कहा।
‘जो भी हो। ले कन तु ह पता है लड़ कय से कै से बात क जाती ह। और म तुमसे दो ती करना चा ग
ं ी। ज ट
ड् स, ओके ?’ उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया। मने अनमने ढंग से उससे हाथ िमलाया।
‘लेट्स शेयर, दोन साठ-साठ देते ह,’ िबल आने पर उसने कहा।
ठीक है, ‘ज ट ड् स’ शेयर िब स। म उसके साथ के वल दो ती तक ही सीिमत नह रहना चाहता था, ले कन
म यारहवाँ शहीद भी नह होना चाहता था।
मने अपना िह सा चुकाया और कै पस लौट आया। मुझे अपनी ज ट ड से ज द ही फर िमलने म कोई
दलच पी नह थी।
2
‘यू ओके ?’ मने अपनी ज ट ड के पास जाते ए कहा। वह अपनी सीट पर बैठी थी और उसक आंखो से फर आंसू
फू ट पड़े थे। आिखरी ले चर ख़ म हो चुका था और लास म ख़ाली था।
िपछले ह ते के लंच के बाद से मेरी अन या से यादा बात नह ई थी। ख़ूबसूरत लड़ कयाँ तभी अ छे-से पेश
आती ह, जब आप उ ह नज़रअंदाज़ कर। (यक़ नन, उ ह यह ज़ र पता होना चािहए क आप उ ह इ ोर कर रहे ह,
नह तो उ ह आपके बारे म कु छ पता ही न चलेगा।)
ले कन आज मुझे उससे बात करनी पड़ी। वह लास म रोई थी। हमारे लास म ऑिडटो रयम क तरह
सेमी-सकु लर क़तार वाले थे, िलहाज़ा हर कोई हर कसी को देख सकता था। टू डट् स अ फ़ाबे टकल म म बैठते थे।
चूं क अन या का नाम ए से शु होता था, िलहाज़ा इस अ र से शु होने वाले हर अभागे टू डट क तरह उसे भी
पहली पंि म बैठना पड़ता था। वह अंकुर और आ द य के बीच बैठी थी। दोन आईआईटीयंस थे और उसे पोज़ कर
चुके थे, िबना यह सोचे क कसी लड़क ारा रजे ट कए जाने और फर साल भर उसी के पास बैठने पर कै सी
श मदगी महसूस होती है। म तीसरी पंि म बैठा था। मेरे एक तरफ़ थी क या ी, जो कसी मेहनती कोट ाि क टर
क तरह नोट् स लेती थी और मेरे दूसरी तरफ़ पाँच मोिहत थे, जो देश के अलग-अलग िह स से आए थे। ले कन न
तो अंकुर, न आ द य, न क या ी और न ही पांच मोिहत का यान अन या के आंसु पर गया था। के वल मने देखा
क उसने एक पीले दुपट् टे से अपनी आंख क कोर प छी है। दुपट् टे म छोर पर छोटी-छोटी घं टयाँ बंधी थ और जब
भी वह िहलती, घं टयाँ खनकने लगती थ ।
िपछले ह ते मने अन या से अपने संपक को हर सुबह महज़ एक सरसरे अिभवादन और दन ख़ म होने पर
एक बेपरवाह वेव तक ही सीिमत रखा था। लासेस के दौरान हम टीचर क बात को यान से सुनना पड़ता था,
य क हम लास पा टिसपेशन और एकाध इं टेलीजट ट पणी करने के भी मा स िमलते थे। अिधकांश
आईआईटीयंस कभी कु छ नह कहते थे, जब क ग़ैर साइं स पृ भूिम के टू डट् स सरपट बोलते थे।
माइ ो इकोनॉिम स लास के तेइसव िमनट म ोफ़े सर ने लैकबोड पर एल के आकार का यू टिलटी कव
बनाया। वे दस सेकंड तक अपने कव को िनहारते रहे और फर टू डट् स क ओर मुड़े।
‘यहां इकोनॉिम स के कतने ेजुएट् स ह?’ आईआईएमए म दो दशक से पढ़ा रहे व र ोफ़े सर चटज ने
पूछा।
से शन ए के स र टू डट् स म से पं ह ने हाथ खड़े कर दए। इनम अन या भी थी। चटज अन या से मुख़ाितब
ए। ‘आप इस कव को पहचानती ह, िमस वामीनाथन? ‘उ ह ने उसक नेम लेट पर उसका नाम पढ़ते ए पूछा।
‘द बेिसक मा जनल यू टिलटी कव, सर,’ अन या ने कहा।
‘तो, िमस वामीनाथन, आप इस कव को गिणतीय प म कै से तुत करगी?’
‘अन या खड़ी हो गई। उसक आंखो से साफ ज़ािहर हो रहा था क उसे इस बारे म कु छ पता नह है। शेष
चौदह इकोनॉिम स ेजुएट् स ने अपने हाथ नीचे कर िलए।
‘येस, िमस वामीनाथन?’ चटज ने कहा।
अन या ने अपने दुपट् टे क घं टय को मुट्ठी म भ च िलया, ता क वे न खनखनाएँ।
‘सर, यह कव गुड्स के अलग-अलग बंड स को दखाता है, िजनके ित ाहक उदासीन है। यानी, कव के हर
वॅाइं ट पर, ाहक के पास एक बंडल के थान पर अ य को चुनने के समान अवसर ह।'
‘ले कन यह मेरे सवाल का जवाब नह है। मेरा सवाल यह है क गिणतीय फ़ॉमूला या है?’
‘मुझे नह पता। वैसे भी, वह के वल एक कॉ से ट ही है।’
‘ले कन या आपको वह पता है?'
‘नह , ले कन म वा तिवक जीवन क एक भी ऐसी ि थित के बारे म क पना नह कर सकती, जहां इस तरह
का गिणतीय फ़ॉमूला कारगर सािबत होगा,’ अन या ने कहा। ोफ़े सर ने उसक बात को काटने के िलए अपना हाथ
उठाया। ‘ श...’ उनके चेहरे पर एक कु टल मु कु राहट थी। ‘पूरी लास नो टस करे । देश म इकोनॉिम स क पढ़ाई
क यह हालत है। टॉप ेजुएट् स को बेिस स भी नह पता ह। और फर भी यह सवाल पूछा जाता है क आिखर
भारत आ थक प से िपछड़ा आ य है?'
ोफ़े सर ने अपनी बात ख़ म करने के बाद टेबल पर चॉक िगरा दया। उ ह ने उस सम या का समाधान खोज
िनकाला था, िजसके सामने देश के नीित िनमाता दशक से लाचार थे। अन या वामीनाथन देश के िपछड़ेपन के
िलए िज़ मेदार थी।
अन या ने शम से िसर झुका िलया। कु छ आईआईटीयंस के चेहरे िखल उठे । आईआईटी म माइ ोइकोनॉिम स
एक इलेि टव कोस था और िजन टू डट् स ने इसक पढ़ाई क थी, उ ह फ़ॉमूला पता था। वे अपने ान का दशन
करने के िलए बेक़रार हो रहे थे।
‘ कसी और को फ़ॉमूला पता है?’ ोफ़े सर ने पूछा तो अंकुर ने हाथ उठा दया।
‘येस, बताओ। िमस वामीनाथन, आपको अपने पड़ोिसय के साथ थोड़ी और बोलचाल बढ़ानी चािहए। और
अगली बार जब म इकोनॉिम स ेजुएट् स के बारे म पूछूँ तो अपना हाथ मत उठाइएगा,’ ोफ़े सर ने कहा।
वे बोड क तरफ़ बढ़े और उस पर ख़ूब सारे ीक िस बॉ स और कै लकु लस इ े शंस िलख डाले। कोस क
शु आत छोटी-छोटी यूट चीज़ से ई थी, जैसे लोग चाय और िबि कट म से कसी एक का चयन कै से करते ह।
ले कन इसके बाद डरावने समीकरण सामने आने लगे, जो ए ज़ा स के िलहाज़ से ब त ज़ री थे। लास पागल क
तरह नोट् स लेती रही। क या ी तो इतने स त हाथ से िलखती थी क मुझे उसके पेन क न ही-सी िनब से भूकंप के
झटक का अहसास होता था।
मने नज़र चुराकर अन या क ओर देखा। अंकुर कसी आ मतु ि क तरह बोड पर अपने श द को
उतरते ए देख रहा था, अन या के बाँए हाथ क अंगुिलय उसके पीले दुपट् टे को मसल रही थ । फर उसने वह हाथ
अपने चेहरे क ओर बढ़ाया और हौले-से अपने आँसु को प छ िलया। ओहो, तो िमस बे ट गल के कलेजे म एक दल
भी है, मने सोचा। और शायद अब मुझे अपनी रणनीित बदलकर लास के बाद उससे बात कर ही लेनी चािहए।
‘यू ओके ?’ मने फर पूछा।
उसने आँसू प छते ए िसर िहलाया। उसक आँख नीचे क ओर ताक रही थ ।
‘म टोपाज़ को िमस करता ,ं ’ मने िवषय बदलने के िलए कहा।
‘मने अपने जीवन म कभी इतना अपमािनत महसूस नह कया,’ उसने कहा।
‘कोई परवाह नह करता। सभी ोफ़े सस उ लू के पट् ठे ह। यही शा त स य है,” मने कहा। ‘कम से कम, जहाँ
से म आया ,ं वहां तो यही शा त स य था।'
‘तुम मेरी इकोनॉिम स क िड ी देखना चाहते हो? म तु ह अपनी ेड्स दखाऊंगी।'
‘नह , ‘मने कहा।
‘म द ली युिनव सटी म तीसरे नंबर पर आई थी। इं जीिनयर बनने क कोिशश करने वाले इन ोफ़े सस ने
इकोनॉिम स को एक बेहतरीन िलबरल आट िवषय से बदलकर ीक िस बॉ स क कू ड़ेगाह बना डाला है,’ उसने
बोड पर िलखे फ़ॉमूल क ओर इशारा करते ए कहा।
म चुप रहा।
‘तुम आईआईटी से हो। शायद तु ह इन इ े शंस से यार हो,’ उसने कहा और फर मेरी ओर देखा। वह आँसु
के बावजूद ख़ूबसूरत लग रही थी।
मने लैकबोड क ओर देखा। हां, मुझे बीजगिणत पसंद है। इसम शम करने क कोई बात नह । ले कन यह
बात कहने के िलए यह सही व त नह था। ‘नह , म बीजगिणत का कोई ख़ास शंसक नह ।ँ ीक िस बॉ स हर
िवषय का मज़ा ख़राब कर देते ह।
‘ए ज़ै टली, ले कन ये ोफ़े सस ऐसा नह सोचते। अगले ह ते होने वाले टे ट म यही इ े शंस ह गी। म फ़े ल हो
जाऊंगी और वे मुझे िशि त ले कन अ ानी भारतीय िव ा थय का एक नमूना बनाकर खड़ा कर दगे। मुझे पूरा
यक़ न है क म अभी टाफ़ म िड कशन का िवषय बनूँगी।'
‘ये सभी ोफ़े सस टेरटेड ह,’ मने कहा। ‘हम उ म उनसे आधे ह, ले कन दो साल बाद हम उनसे दोगुना
कमा रहे ह गे। य द कोई यारह साल का ब ा तुमसे दोगुनी कमाई कर रहा होता, तो या तुम भी उससे नफ़रत
नह करत ?'
वह मु कु रा दी।
‘तु ह यह दुपट् टा सुखाने के िलए धूप म टौग देना चिहए,’ मने कहा। वह थोड़ा और मु कराई।
हम लास से बाहर चले आए। हमने तय कया था क आज कै पस म लंच नह लगे और बाहर सड़क के
कनारे रामभाई के यहां चाय िपएँगे और ऑमलेट खाएँगे।
‘वे माइ ोइकोनॉिम स म मेरी बड बजा दगे। शायद उ ह ने पहले ही मेरे नाम के आगे गोला लगाकर उसके आगे डी
िलख दया है,’ उसने कहा। उसने गम चाय के लास से अपनी अंगुिलयाँ बचाने के िलए उसे दुपट् टे से लपेट रखा था।
‘ चंता मत करो। देखो, तुम मेरे साथ पढ़ाई कर सकती हो। मुझे भी ये इ े शंस पसंद नह ह, ले कन म इ ह
अ छे-से कर सकता ।ं हम आईआईटी म चार साल तक यही करते रहे थे।'
वह कु छ पल तक मेरी ओर देखती रही।
‘अरे , मेरी नंबर यारह बनने म कोई दलच पी नह है। म के वल पढ़ाई के िलए ऐसा कह रहा ।ं '
वह हँस पड़ी। ‘ए चुअली, अब कोर तेरह हो गया है।'
‘आईआईटीयंस?'
‘नह , इस बार एनआईटी वाले। अब वे भी आ गए ह मैदान म।'
‘हाँ, मुझे पता है, हम आईआईटीयंस हर मामले म िपछड़ रहे ह। ख़ैर, म नंबर चौदह भी नह होना चाहता।
मुझे लगा शायद म तु ह पढ़ा सकता .ं ..'
उसने मुझे रोक दया, ‘म तुमसे इकोनॉिम स नह सीख सकती। म इकोनॉिम स म यूिनव सटी टॉपर ,ं तुम
इं जीिनयर हो।'
‘तो फर गुड लक,’ मने कहा और पे करने के िलए खड़ा हो गया।
‘तुम समझे नह । मने कहा क तुम मुझे पढ़ा नह सकते, ले कन हम साथ-साथ पढ़ ज़ र सकते ह।'
मने उसक ओर देखा। वह अ छी लग रही थी। म अपनी क़ मत आज़माने क कोिशश करने वाले उन तेरह
लड़क को कु सूरवार नह ठहरा सकता था।
‘आठ बजे मेरे म पर? कभी ग स डोम म आए हो?'
‘म यहाँ हर चीज़ पहली बार ही कर रहा ,ं ’ मने कहा।
‘कू ल, अपने साथ ख़ूब सारी कताब लाना, ता क यह लीयर हो जाए क तुम वहां या करने आए हो,’
अन या ने ि लयर देते ए कहा।

Downloaded from Ebookz.in


3
म ठीक आठ बजे डॉम प च ं गया। मेरे साथ छह टेलीफ़ोन डायरे टरी िजतने के स मटै रयल थे। मने उसके दरवाज़े
पर द तक दी।
‘एक सेकड, म चज कर रही ,ं ’ भीतर से उसक दबी ई आवाज़ सुनाई दी।
उसने तीन सौ सेकड बाद दरवाज़ा खोला। उसने लाल-सफ़े द ैकसूट पहन रखा था।
‘सॉरी,’ उसने अपने बाल को जूड़े क तरह बाँधते ए कहा। ‘भीतर आ जाओ। हम फ़ौरन शु कर देना
चािहए, ब त काम करना है।'
उसने अपनी टडी चेयर मुझे दी और ख़द िब तर पर बैठ गई। लाल रं गत वाली बेडशीट खूनी ट क दीवार
से मेल खा रही थी। उसने चाट पेपर से एक नो टस बोड बनाया था। और उस पर हर जगह अपने प रवार क त वीर
लगा रखी थ ।
‘देखो, यह मेरा प रवार है। ये ह डैड, ही इज़ सो यूट,’ उसने कहा।
मने ग़ौर से देखा। सलीक़े से कं घी कए गए बाल वाला एक अधेड़ ि नपे-तुले अंदाज़ म मु कु रा रहा था।
उ ह ने अिधकांश त वीर म आधी आ तीन क कमीज़ और धोती पहन रखी थी। वे उन पड़ोिसय क तरह लग रहे
थे, जो आपको तेज़ वॉ युम म युिज़क बजाने से रोक देते ह। नह , उनम ऐसी कोई बात न थी क उ ह यूट कहा
जाए। मने यौहार , शादी समारोह , ज म दन आ द अवसर पर उतारी गई अ य त वीर पर एक नज़र डाली। एक
त वीर म अन या का पूरा प रवार अटशन क मु ा म समु तट पर खड़ा था। आप बड़ी आसानी से बैक ाउं ड म
रा गीत बजने क क पना कर सकते थे। ‘यह चे ई का मरीना बीच है। तु ह पता है यह दुिनया का दूसरा सबसे
बड़ा िसटी बीच है?'
मने उसके भाई को देखा। वह कोई चौदह साल का रहा होगा। तेलचुपड़े बाल, गीकनुमा चेहरे और च म के
कारण वह कोई आईआईटीयन ाणी ही लग रहा था। उसके उदासीन ए स ेशंस देखकर मुझे लगा क एक दन वह
आईआईटीयन ज़ र बनेगा। ‘और ये मॉम ह?’ मने पूछा। अन या ने िसर िहलाकर हामी भरी।
अन या क मॉम क तुलना म उसके िपता और भाई सौ य ही लग रहे थे। फ़ोटो म भी उनके चेहरे पर ऐसा
िख भाव था क आप उ ह देखकर सोच म पड़ सकते थे क कह आपने कु छ ग़लत तो नह कर दया। वे मुझे अपने
कू ल क स त से स त टीचस क याद दला रही थ । मुझे उनक बेटी के कमरे म होने के कारण फ़ौरन अपराध बोध
क अनुभूित ई। इस िवचार से तो मेरे हाथ म झुरझुरी ही पैदा हो गई क वे अभी फ़ोटो से िनकलगी और एक लर
से मेरी मर मत कर दगी।
‘मॉम और म,’ अन या ने िब तर पर घुटन के बल बैठकर एक ठं डी सांस लेते ए कहा। ‘ हाट?’ म एक शादी
समारोह का फ़ोटो देख रहा था, िजसम उसके सगे-संबंधी नज़र आ रहे थे। उनके गहरे सांवले रं ग के कारण उनके
दांत कु छ यादा ही चमक रहे थे। सभी बुज़ग मिहला ने िजतना हो सकता था, उतना सोना पहन रखा था और
उनक िस क क सािड़याँ रोड र ले टस क तरह चमक ली थ ।
‘कु छ नह , काश मने अपनी मॉम के साथ और अ छा समय िबताया होता,’ अन या ने कहा। ‘अरे , तु हारे पास
अपनी फ़ै िमली क त वीर ह?'
मने िसर िहलाकर ना कहा। मेरा प रवार इतना िबखरा-िबखरा था क वह कभी एक जगह ककर एक सही
ल हे के िलए पोज़ नह कर पाया। मुझे याद नह आता क हमारे पास कोई कै मरा भी था।
‘तु हारी फ़ै िमली म कौन-कौन ह?’ उसने इकोनॉिम स के नोट् स लेने के िलए के स मटै रयल क छानबीन करते
ए पूछा।
‘मॉम डैड और म। बस।‘ मने कहा।
‘मुझे और बताओ। वे या करते ह? तुम कनके यादा क़रीब हो?'
‘हम यहाँ पढ़ाई करने के िलए साथ बैठे ह, मने कहा और माइ ोइकोनॉिम स क बुकलेट को अंगुिलय से
थपथपाने लगा।
‘ऑफ़ कोस, हम पढ़ाई करगे। मने तो के वल बात शु करने के िलए पूछा था। य द तुम नह बताना चाहते तो
मत बताओ,’ उसने कहा और अपनी पलक झुका ल । इतने डरावने पैरेट्स इतनी ख़ूबसूरत लड़क को कै से एट कर
सकते है?
‘ठीक है, बताता ।ं ले कन उसके बाद, हम के वल पढ़ाई करगे। एक घंटे तक कोई गपशप नह ,’ मने िहदायत
भरे लहज़े म कहा।
‘ योर, म तो पहले ही कताब खोलकर बैठी ,ं ’ उसने कहा और िब तर पर ॉस-लेग बैठ गई।
‘ओके , मेरी माँ हाउसवाइफ़ ह। म उनके क़रीब ,ं ले कन ब त यादा नह । इसी से मुझे याद आया क मुझे
उ ह कॉल करना है। ठीक है, इसके बाद म एसटीडी बूथ जाऊंगा।'
‘और डैड? म तो अपने डैड के ब त क़रीब ।ं '
‘चलो पढ़ाई करते है,’ मने कहा और कताब खोल ली।
‘तुम अपने पापा के लॉज़ नह हो?'
‘तुम फ़े ल होना चाहती हो? '
‘ श,’ उसने मेरी बात मानी और ह ठ पर अंगुली रखकर चुप हो जाने का इशारा कया। हम अगले दो घंटे
तक चुपचाप पढ़ाई करते रहे। वह कभी-कभी िसर उठाकर ऊपर देखती और िपलो कवर बदलने या अपनी टडी लप
को ठीक जगह रखने जैसी बेमानी चीज़ करती रहती। म यह सब नज़रअंदाज़ करता रहा। म पहले ही अपनी िज़ दगी
के कई शु आती साल आईआईटी म गंवा चुका था। शायद कसी सीएटी कं यूटेशन एरर के कारण मुझे आईआईएमए
म एक मौक़ा िमल गया था और म इसका पूरा फ़ायदा उठाना चाहता था।
‘वॉव, तुम तो वाक़ई मन लगाकर पढ़ते हो,’ उसने एक घंटे बाद कहा। ‘दस बज गए ह, अब एसटीडी कॉ स के
रे ट्स कम हो चुके ह।'
‘अरे हाँ, मुझे अब चलना चािहए, ‘मने कहा।
‘म तु हारे साथ चलती ।ं मुझे भी घर पर कॉल करना है,’ उसने कहा और अपने ि लपस पहनने के िलए
िब तर से कू दकर बाहर आ गई।

‘सेरी, सेरी, सेरी अ मा... सेरी!’ उसका हर सेरी पहले से ऊंची आवाज़ म था और उसके साथ ही मेरी झ लाहट भी
बढ़ रही थी। उसने घर फ़ोन लगाया था। स ती दर के कारण एसटीडी बूथ पर कई टू डट् स क़तार म खड़े थे। बूथ
हमारे कै पस से महज़ पांच िमनट क वॉक पर था। कई टू डट् स अपने साथ अपने माइ ोइकोनॉिम स के नोट् स भी
ले आए थे। अन या क बात हो जाने के बाद मने उसे कु छ चज देकर उसक मदद क ।
‘ या वह उसके साथ डेट कर रहा है? ‘मने एक टू डट क फु सफु साहट सुनी। वह अपने दो त से बात कर रहा
था।
‘लगता तो नह , वह तो उसे भैया क तरह ीट कर रही है,’ उसके दो त ने हँसते ए कहा।
मने उनके कमट् स को अनसुना कर दया और बूथ म चला गया।
‘हर लड़क एक आईआईटीयन भैया चाहती है, इससे पढ़ाई म आसानी जो हो जाती है,’ पहले टू डट ने कहा
तो उसके इद-िगद खड़े अनेक लड़के हँस दए।
मने उ ह तमाचा जड़ देने क अपनी इ छा पर क़ाबू पाया और घर का नंबर घुमा दया। ‘हैलो?’ चार रं ग
जाने के बाद पापा क आवाज़ सुनाई दी।
म चुप रहा। मीटर ने िगनती शु कर दी।
‘हैलो? हैलो?’ पापा लगातार कहते रहे।
मने फ़ोन रख दया। ंटर से िबल बाहर िनकला।
‘िम ड कने शन, आपको भुगतान करना होगा,’ शॉपक पर ने कहा।
मने िसर िहलाकर हामी भरी और फर डायल कया। इस बार मॉम ने फ़ोन उठाया।
‘मॉम,’ म ज़ोर से चीखा। ‘मने कहा था ना क दस बजे के बाद फ़ोन के आसपास ही रहना।'
‘सॉरी बेटा। म कचन म थी। वो तुमसे बात करना चाहते थे, इसिलए उ ह ने फ़ोन उठाया। पहले उ ह हैलो
कहो और फर मुझसे बात करो।'
‘मेरी उनसे बात करने म कोई दलच पी नह है।'
‘ठीक है, छोड़ो। तुम कै से हो? वह जगह कै सी है?'
‘ठीक है। ले कन यहां और यादा पढ़ाई करनी पड़ती है।'
‘खाना कै सा िमलता है?'
ब त ख़राब। म हो टल म ।ं हो टल म और कै सा खाना िमलेगा?'
‘म तु हारे िलए अचार िभजवाऊंगी।'
‘यहां कु छ अ छे रे टोरट् स ह।'
‘वहां िचकन िमलता है?’ उ ह ने पूछा। उनक आवाज़ से ऐसी चंता झलक रही थी, मानो वे िचकन नह ,
िबजली-पानी जैसी बुिनयादी सुिवधा के बारे म पूछ रही ह ।
‘कु छ जगह पर।'
‘एफ़एमएस बेहतर था। पता नह तुमने द ली य छोड़ी।'
‘मॉम, म अपने कै रयर के ऑ शंस इस बुिनयाद पर नह तलाश सकता क कहाँ िचकन िमलता है और कहाँ
नह ,’ मने कहा और फर मीटर क ओर देखा। म अठारह पए ख़च कर चुका था। ‘अब म फ़ोन रखता ।ं '
‘कु छ और बताओ ना। तुमने कु छ नए दो त बनाए?'
‘नॉट रयली, सॉट ऑफ़...’ मने बूथ के बाहर खड़ी अन या के चेहरे को देखा। उसने मेरी ओर देखा और
मु करा दी।
‘कौन ह तु हारे दो त? उनके नाम या ह?'
‘अन... अनंत।'
‘पंजाबी?'
‘मॉम!’
‘आई एम सॉरी। मने सोचा क शायद तु हारा कोई ऐसा दो त हो, िजसके खाने क पसंद तुमसे िमलती हो।
इट् स ओके । हम ब त मॉडन ह। तुम तो जानते ही हो न?’
‘हां। म आपसे बाद म बात करता ।ं कल मेरा एक टे ट है।'
‘ओह रयली? ए ज़ाम से पहले ाथना करना, ओके ?’
‘ योर, ले कन पहले म पढ़ाई तो कर लूँ।'
मने फ़ोन रख दया और प ीस पए चुकाए।
‘तुमने पहली बार फ़ोन य रख दया था? तु हारे डैड ने फ़ोन उठाया था ना?’ जब हम लौटकर जा रहे थे,
तब अन या ने मुझसे पूछा।
म क गया। ‘तु ह कै से पता?'
‘बस यूं ही अंदाज़ा लगा िलया। जब म मॉम से गु सा हो जाती ,ं तब म भी यही करती ।ं ले कन म फ़ोन
रखती नह ।ं हम लाइन पर बने रहते ह, ले कन कु छ कहते नह ।'
‘और िबल?'
‘हां, यह एक-दूसरे के ित अपनी नाराज़गी ज़ािहर करने का ख़ासा मंहगा तरीक़ा तो है। ले कन ऐसा कभी-
कभी ही होता है।'
‘म कभी अपने िपता से बात नह करता,’ मने कहा।
‘ य ?’ अन या ने मेरी ओर देखते ए पूछा।
‘लंबी कहानी है। आज रात को नह सुनाऊंगा। या कसी भी रात को नह सुनाऊंगा। म इसे अपने तक ही
रखना चा ग ं ा।'
‘ योर,’ उसने कहा।
हम कु छ देर चुपचाप चलते रहे। फर बातचीत शु कर दी। ‘तो तु हारे पैरट् स को तुमसे ख़ूब उ मीद ह? तुम
कौन-सा जॉब करोगे? फ़ायनस? माक टंग? आईटी? '
‘इनम से कोई नह , ‘मने कहा। ‘हालाँ क म पैसे के िलए पहले कोई एक जॉब कर लूंगा।'
‘तो तुम या बनना चाहते हो? लाइक रयली?’ वह सीधे मेरी आँख म झाँककर देख रही थी।
म झूठ न बोल सका। ‘म लेखक बनना चाहता ,ं ’ मने कहा।
मने उ मीद क थी क वह यह सुनकर ज़ोर से ठहाका लगाएगी, ले कन उसने ऐसा नह कया। उसने िसर
िहलाया और चहलक़दमी जारी रखी। ‘ कस तरह के लेखक?’ उसने पूछा।
‘ऐसा लेखक, जो मज़ेदार कहािनयां सुनाता है, ले कन जो समाज म बदलाव भी लाना चाहता है। क़लम
तलवार से भी यादा ताकतवर होती है, यह बात हमने ब त पहले सीखी थी ना?'
उसने िसर िहलाकर हामी भरी।
‘लेखक बनने वाली बात सुनकर हँसी आती है?'
‘नह तो,’ उसने कहा।
‘हाऊ अबाउट यू? तुम या बनना चाहती हो?'
वह हँस पड़ी। ‘वेल, पता नह । माँ को तो पहले ही लगता है क म ब त मह वाकां ी और वतं ।ँ इसिलए
म यादा दूर तक सोचने क कोिशश नह करती ।ँ जहां तक अभी का सवाल है तो म बस के वल ज़ म अ छा
दशन कर माँ को खुशी देना चाहती ।ँ हालां क ये दोन ही काम ब त मुि कल ह,’ उसने कहा।
हम उसके म पर प च ं े और अगले दो घंटे तक यूमे रक स क ैि टस करते रहे। ‘मुझे ब त खुशी है क तुम
यहाँ हो। नह तो म यह नह कर पाती,’ जब मने उसके िलए एक मुि कल यूमे रकल सॉ व कर दया तो उसने
कहा।
‘तुम मुझे यूज़ तो नह कर रही हो ना?'
‘ए स यूज़ मी?’
‘यानी तुम मुझसे इसिलए दो ती कर रही हो, य क म आईआईटी से ,ँ ता क म पढ़ाई म तु हारी मदद कर
सकूँ ?'
‘तुम मज़ाक कर रहे हो?’ ऐसा लगा, जैसे उसे झटका प च ं ा हो।
‘म आईआईटीयन भैया नह बनना चाहता, ‘मने कहा।
‘ या? जो भी हो, तुम आईआईटीयन भैया नह हो। हम दो त ह, राइट?'
उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया। मने उसक आँख म देखा। नह , वे आँख कसी का भी इ तेमाल नह कर
सकती थ ।
‘गुड नाइट,’ मने कहा और उससे हाथ िमलाया।
‘अरे श,’ जैसे ही म मुड़ा, उसने कहा।
‘ या?’
‘वो जो तुम कह रहे थे, बदलाव लाने वाला लेखक बनना। इट् स रयली कू ल। स ी,’ उसने कहा।
म मु कु रा दया।
‘गुड नाइट,’ उसने कहा और दरवाज़ा लगा दया। कु छ लड़ कयाँ डोम म अपने नोट् स के साथ टहल रह थ ।
उ ह ने मुझे संदेहभरी नज़र से देखा।
‘म के वल पढ़ाई करने ही आया था,’ मने कहा और तेज़ क़दम से डोम से बाहर चला गया। पता नह , मुझे यह
सफ़ाई देने क ज़ रत य महसूस ई।

Downloaded from Ebookz.in


4
वह अपने माइ ोइकोनॉिम स ज़ रज़ ट के साथ रसच अिस टट के कमरे से बाहर आई। क़तार म खड़े टू डट् स
को पीछे छोड़ते ए वह मेरी तरफ़ बढ़ । तब तक कै पस म सभी को हमारी दो ती के बारे म पता चल चुका था।
उसने पंक टी-शट और डेिनम शॉ स पहन रखे थे। उसका यह पहनावा इं जीिनय रं ग कॉलेज के लड़क का कु छ
यादा ही यान ख च रहा था।
‘बी- लस, कहते ह यह एक अ छी ेड है’ , उसने हाथ म अपनी आंसर शीट थामे ए कहा।
‘तु हारी शॉ स ब त छोटी ह,’ मने कहा।
‘मुझे अपनी ेड दखाओ,’ उसने मेरे हाथ से पेपर छीनते ए कहा। ‘ए माइनस, वॉव, तुमने ए माइनस े क
कया! '
मने कोई ित या नह क । हम अपने डोम क ओर चहलक़दमी करने लगे।
‘तुम इकोनॉिम स म मुझसे यादा कोर कै से कर सकते हो। मुझे तो यक़ न ही नह हो रहा है,’ उसने कहा।
‘तुम मैकेिनकल इं जीिनयर हो। म इस िवषय म यूिनव सटी गो ड मेडिल ट ।ं '
‘अपना मेडल ोफ़े सर चटज को दखाओ,’ मने गंभीर लहज़े म कहा।
‘हे, तुम ठीक तो हो?'
म चुप रहा।
‘एनीवे। तुम मुझसे एक ीट लेने का हक रखते हो। तु हारे यूमे रक स ने ही मेरी जान बचाई है। तु ह भूख
लग रही है?'
मने िसर िहला दया। जो लोग हो टल म रहते ह, वे हमेशा भूखे रहते ह।
‘चलो, रामभाई के यहाँ चल,’ उसने कहा।
‘तुम इस तरह रामभाई के यहाँ नह चल सकत ,’ मने कहा।
‘इस तरह यानी कै से?'
‘यानी इन शॉ स म,’ मने कहा।
‘ए स यूज़ मी। यह द ली क बीमारी है या पंजाब क ? लड़ कय को या पहनना चािहए और या नह , ये
पाबं दयां?'
‘यह कॉमन सस क बात है। हम कै पस के बाहर जाना है। लोग घूर-घूरकर देखते ह,’ मने कहा।
‘कै पस के भीतर भी काफ़ लोग घूरकर देखते ह। आई एम फ़ाइन। लेट्स गो,’ उसने कहा और कै पस गेट्स क
ओर चल पड़ी।
‘मुझे ीट नह चािहए। इट् स फ़ाइन,’ मने कहा और दूसरी तरफ़ अपने डोम क ओर मुड़ गया।
‘आर यू सी रयस? तुम नह आ रहे हो?’ उसने कहा।
मने अपना िसर िहला दया।
‘जैसी तु हारी मज़ ।'
म उसे इ ोर कर चलता रहा।
‘ या तुम आज रात पढ़ाई के िलए आओगे?'
मने कं धे उचका दए, िजसका मतलब था ‘देखते ह’ ।
‘मेरे िलए कोई ेस कोड?'
‘तुम मेरी गल ड नह हो। जो चाहे पहनो। मुझे या परवाह?’ मने कहा।

शाम को जब म उसके म पर प च ं ा तो मने दोपहर क घटना के बारे म कोई बात नह क । अब उसने चज करके
काले ैक पट् स और बड़ी फु ल लीव काली टी-शट पहन ली थी। वह इतनी ढंक ई थी क अब उसके साथ
अफ़गािन तान तक क सैर भी क जा सकती थी। म उसक शॉ स को एक तरह से िमस ही कर रहा था, ले कन अगर
उसने शॉ स नह पहनी थ , तो इसका िज़ मेदार भी म ही था। मने माक टंग के स खोला, िजसक हम अगले दन के
िलए तैयारी करनी थी।
‘िनद ष–िनकोटीन- िसगरे ट्स,’ मने शीषक पढ़ा।
‘यह कस कमब त को चािहए? मुझे तो एक रयल मोक क ज़ रत महसूस हो रही है।,’ उसने कहा। मने
उसे एक डट लुक दी।
‘ हाट? या मुझे अब इस तरह बोलने क भी इजाज़त नह है? या या मने मोक करने क इ छा जताई है,
इसिलए?'
‘तुम या सािबत करना चाहते हो?’ कु छ नह । म बस इतना ही चाहती ँ क तुम इस बारे म सोचो क
लड़ कयां भी इं टेलीजट होती ह। और इं टेलीजट लोग यह पसंद नह करते क उ ह बताया जाए क उ ह या पहनना
है और या करना है, ख़ासतौर पर तब, जब वे वय क ह । या तु ह इसम कोई तुक नज़र आती है?'
‘ओवर- माट मत बनो,’ मने कहा।
‘और तुम मेरे डैड बनने क कोिशश मत करो,’ उसने कहा।
‘लोग का यान आक षत करने के िलए छोटे कपड़े पहनने के अलावा और भी कई तरीक़े ह,’ मने कहा।
‘मने लोग का यान आक षत करने के िलए ऐसा नह कया था। म शॉ स इसिलए पहनती ,ँ य क मुझे
ऐसा करना पसंद है।'
‘ या हम पढ़ाई कर सकते ह?’ मने फर के स खोला।

हम आधे घंटे तक चुप रहे और अपनी कताब म खोए रहे।


‘म लोग का यान ख चने क कोिशश नह कर रही थी,’ उसने ऊपर देखते ए फर कहा।
‘मुझे इससे कोई फ़क नह पड़ता,’ मने कहा।
‘ या तुम चलते हो?'
‘ या तुम मज़ाक़ कर रही हो?’ मने तपाक से कताब बंद करते ए कहा।
‘नह , म तो बस चेक कर रही थी। चलो पढ़ते ह,’ उसने कहा। वह फर कताब पढ़ने लगी। उसके चेहरे पर
मु कु राहट खेल रही थी।
मने उस पर िपलो फका। वह हँसी और उसे मेरे िसर पर दे मारा। एक-दूसरे से हाथ िमलाने के अलावा यह
हमारा पहला कांटै ट पोट था।
5

हम अगले एक महीने तक साथ-साथ पढ़ाई करते रहे। हालां क म ‘ज ट ड् स’ वाली बात के साथ सहज होने का
दखावा कर रहा था, ले कन भीतर ही भीतर वह मुझे परे शान कर रही थी। हर बार जब म कताब से िसर उठाकर
ऊपर देखता, उसका चेहरा मुझे नज़र आता। हर बार मेरा जी करता क उसके चेहरे को अपने हाथ म थाम लूँ और
चूम लूँ। ऐसे म पढ़ाई पर फ़ोकस करने का मेरे सामने एक ही तरीक़ा था: म क पना करने लगूँ क ोफ़े सर चटज भी
हमारे साथ कमरे म ह।
बात के वल टडी सेशंस तक ही सीिमत नह थी। जब भी म कसी लड़के को उसके साथ बात करते या हँसते
देखता, एक आवेग मेरे पेट से उठता और मेरे चेहरे तक प च
ं जाता। कभी-कभी वह मुझे बताती क से शन ए म
फलां लड़का कतना फ़नी है या से शन बी म फलां लड़का कतना यूट है और तब मेरा जी करता क मशीनगन
लेकर यूट ए और बी म जाऊं और दोन को शूट कर दूं।

‘ हाट? उ ह एडवरटाइ जंग कै पेन म पूरा ज़ोर लगा देना चािहए, है ना?’ उसने माक टंग के स के बारे म कहा।
म उसके ह ठ को िनहार रहा था और उसे चूमने के अलग-अलग तरीक़ के बारे म सोच रहा था। ‘ ह ं ? येस,
आई ए ी िवद यू,’ मने कहा।
‘तु हारा दमाग़ कह और लगा आ है। या सोच रहे हो?’ उसने अंगुिलयाँ चटकाते ए कहा।
‘कु छ नह , सॉरी। म सोच रहा था क तुम... तुम माक टंग म कतनी इनसाइटफु ल हो?'
‘थक यू,’ वह मेरी बात पर भरोसा करते ए मु कु रा दी। ‘हाँ, मुझे यह िवषय पसंद है। मुझे लगता है म
माक टंग जॉब म अ छा परफ़ॉम क ँ गी। तो, म कल तु हारी इस तारीफ़ के साथ ही लास म जाऊँगी।'
हमने आधी रात को के स पूरा कर िलया। म जाने के िलए उठ खड़ा आ।
‘चाय?’ उसने पूछा। उसका इशारा था क हम रामभाई के यहाँ चल सकते ह।
‘नह , चाय पीने के बाद मुझे न द नह आती,’ मने कहा।
‘मैगी? ऊपर प ी है, म झट से मैगी बना लाऊंगी।'
‘नह , मुझे चलना चािहए।'
वह मुझे छोड़ने दरवाज़े तक आई। ‘तुम इन दन ब त गंभीर-से लगते हो। तुम कस बारे म सोचते रहते हो?
ेड्स?'
‘अब म तु हारे साथ पढ़ाई नह कर सकता,’ म िबना जाने-बूझे कह गया।
‘ या?’ उसने हैरान होते ए कहा।
‘हमने पढ़ाई म अपनी-अपनी रदम पा ली है। अब हम साथ-साथ पढ़ने क कोई ज़ रत नह है।'
‘हाँ, ले कन हम साथ-साथ पढ़ना अ छा लगता है। कम से कम मुझे तो... या बात है? या मुझसे कोई भूल
ई?
‘तुमसे नह , मुझसे,’ मने कहा।
‘मुझसे ऐसे बात मत करो,’ अन या ने चीखते ए कहा।
उसक आवाज़ ने अगले कमरे म सो रही एक लड़क को जगा दया, जो ब ी बुझाकर सो रही थी।
‘हम डे टंग नह कर रहे ह, ओके ? इस तरह िबहेव मत करो क हमारा ेक-अप होने जा रहा है,’ मने
फु सफु साते ए कहा। ‘और हां, अब तुम सो जाओ, कल कोई ज़ नह है।'

अगले दन लास म मने उससे बात नह क । वह दो बार मेरे पास आई। एक बार मेरा पेन लौटाने के िलए, िजसे म
उसके कमरे म छोड़ आया था और दूसरी बार िमड-मॉ नग ेक के दौरान मुझसे यह पूछने के िलए क या म चाय
पीना चाहता ।ँ अगर आप कसी को पसंद करने लगते ह तो महज़ उसक मौजूदगी ही आपके भीतर गमाहट पैदा
कर देती है। म देर तक इस अहसास से लड़ता रहा था, ले कन आिखर उसने मुझे हरा दया।
‘म अगली लास के िलए कु छ पढ़ाई करना चा ग ँ ा। चाय तुम पी लो,’ मने कहा। उसने ज़ोर नह दया और
कमरे से बाहर चली गई। उसने एक लंबा क थई कट और ह के भूरे रं ग का टॉप पहन रखा था। म चाहता था क वह
मुड़े और मुझे देखे, ले कन उसने ऐसा नह कया। वह अपनी डोम मेट्स के साथ चाय पीने चली गई।
म अगले पाँच दन तक उससे कतराता रहा। म लास म देरी से आता और ज दी चला जाता, इसिलए हमारे
पास एक-दूसरे को ीट करने का भी कोई समय नह होता।
‘तुम उससे बात नह कर रहे हो?’ मेरे ऐन पड़ोस म बैठने वाले मोिहत ने मुझसे पूछा, जब क शेष चार मोिहत
गदन आगे बढ़ाए सुनने क कोिशश करते रहे। यहाँ तक क क या ी ने भी अपनी िनरं तर नोट-टे कं ग को िवराम
दया और मेरी तरफ़ दस िड ी घूम गई।
‘तु ह ख़ासी फ हो रही है ना?’ मने कहा। सभी फर से अपना-अपना काम करने लगे।
6
रात नौ बजे अन या ने मेरे दरवाज़े पर द तक दी। म िडनर के बाद पढ़ने के िलए बस बैठा ही था। लड़ कयाँ वायज़
डॉम म कभी-कभार ही आती थ । वह इससे पहले मेरे म पर के वल एक बार आई थी। इससे मेरे डॉम मेट्स इतने
ए साइटेड हो गए थे क उ ह ने ताबड़तोड़ कॉ रडोर म एक बी मैच रख िलया और तेज़ आवाज़ म युिज़क
बजाने लगे।
‘वह तो िब कु ल भा य ी जैसी लगती है,’ एक लड़क ने मेरे कमरे के बाहर ज़ोर से कहा। इस पर म भी अपनी
मु कु राहट रोक नह सका। इसके बाद उस लड़के ने मैने यार कया फ म का एक गाना लगा दया, िजसम एक
लड़क एक कबूतर से यह आ ह कर रही थी क वह उसके संदेशवाहक क भूिमका िनभाए।
‘ब त आ। अब हम फर कभी तु हारे डॉम म पढ़ाई नह करगे,’ उसने गु से म भुनभुनाते ए अपनी कताब
समेट ल । जब उसने दरवाज़ा खोला, तब आठ लड़के कॉ रडोर म बी खेल रहे थे।
‘तुम लोग क जानकारी के िलए, म भा य ी को पसंद नह करती,’ उसने कहा और तेज़ कदम से बाहर चली
गई।
ले कन उस दन वह फर आई थी। और वह इतनी दृढ़ता के साथ चलकर आई थी क मेरे डॉम मेट्स कोई
हरकत करने क िह मत नह जुटा पाए और अपने-अपने कमर म गुम हो गए।
मने दरवाज़ा खोला। वह वही नीला-सफ़े द सलवार पहने बाहर खड़ी थी, जो उसने उस दन पहना था, जब
मने उसे पहली बार देखा था। जब आप कै पस म होते ह, तो लोग के कपड़ के सेले शान म एक पैटन तलाश सकते
ह। उसक उस नीली सलवार कमीज़ का नंबर हर तीसरे ह ते आता था।
वह अपने साथ दो ू टीज़ लेकर आई थी। ‘ या म भीतर आ सकती ?ँ या म पढ़ाई कर रहे कॉलर को दस
िमनट के िलए िड टब कर सकती ?ँ '
उसके म के िवपरीत मेरे म म कोई ए थे टक अपील नह थी। मने लाल ट को खुला छोड़ रखा था और
वो क़ै दख़ाने क दीवार क तरह लगती थ । आईआईटी हो ट स म एिसड म धोए जाने के बाद मेरी सफ़े द बैड-शीट
का रं ग मटमैला हो गया था। मेरी डे क पर के वल कताब थ , जब क अन या क डे क पर हमेशा कै पस लॉन से तोड़े
गए फू ल या कला मक धूपदान या इसी तरह क अ य चीज़ होती थ , िज ह लड़के कभी अपनी शॉ पंग िल ट म
जगह नह देते।
‘ज़रा को,’ मने कहा। मने कमरे पर ज दी से एक नज़र डाली। नह , कह भी कोई अंडरिवयर या बदबूदार
मोज़े या पोन मैगज़ीन या पुरानी लेड नह थी। मने दरवाज़ा खोल दया।
‘म गंग अवे?’ उसने िब तर पर बैठते ए पूछा।
‘नो चॉइस।’ ‘मने अपनी टडी चेयर ख चते ए कहा।
‘अब चूं क तुम मेरे साथ पढ़ाई नह कर रहे हो तो तु हारी ेड्स तो इं ूव होना ही है।'
‘ऐसी कोई बात नह है मने कहा।
‘तो फर कै सी बात है? यह या बचपना है? तुम तो आजकल लास म मुझे हैलो भी नह कहते।'
मने उससे नज़र नह िमला ।
‘आई कॉ टै ट लीज़'
मने उसक ओर देखा। मने उसे इतना िमस कया था क मेरा जी कर रहा था क अपने म को लॉक कर दूँ
और उसे कभी अपने से दूर नह जाने दूँ।
‘म नह कर सकता।'
‘ या नह कर सकते?'
‘म के वल तु हारा दो त बनकर नह रह सकता। मुझे पता है कु छ लड़के ऐसे होते ह, जो लड़ कय के के वल
दो त बनकर रह सकते ह। ले कन म ऐसा नह कर सकता। तु हारे साथ तो िब कु ल नह ।'
‘ या? ‘वह खड़ी हो गई।
‘म जानता ँ क म तु हारे बराबर नह ँ और म तु हारे लायक नह ँ और वग़ैरह-वग़ैरह... '
‘तुम या बात कर रहे हो? ‘वह कं यूज़-सी लगी।
‘फ़ारगेट इट। ू टी के िलए शु या,’ मने कहा। मने एक लंबा गड़गड़ाहट भरा िसप िलया और एक ही सांस म
ू टी को पूरा पी गया। फर मने उसके ख़ाली िड बे को टेबल पर इस तरह पटका, जैसे हंदी फ म का कोई बांका
हीरो वीएटी69 क आिखरी घूंट पीने के बाद बोतल फकता है। हाँ, मुझे अके ला छोड़ दो और म अपनी त हाई को
मगो जूस म डु बो दूंगा, मने सोचा।
‘हे।‘ उसने मेरे कं धे को छु आ।
‘मेरे कं धे पर अपना हाथ मत रखो,’ मने कहा। उसक छु अन ने मेरे शरीर म िसहरन पैदा कर दी थी।
‘ओके , पीस।‘ उसने अपना हाथ ख च िलया। ‘ले कन यह ठीक नह है। हमारी डील ई थी।'
‘डील क ऐसी-तैसी,’ मने कहा और ू टी के िड बे को तोड़-मरोड़कर ड टिबन म फक दया।
हमारी नज़र िमल । एक िमनट तक चु पी छाई रही।
‘तुम या चाहते हो? उसने पूछा।'
‘आई वांट अस टु बी अ कपल,’ मने कहा। ‘और यह कोई पोज़ल नह है। म िम टर नंबर फ़ॉ टन नह होना
चाहता।'
वह आँख फाड़कर मुझे देखती रही। म भी आँख फाड़कर उसे देखता रहा, यह जताने के िलए क मुझ पर उसके
इस तरह देखने का कोई असर नह पड़ा है। ‘यह पोज़ल नह तो और या है?'
‘तुम मेरे कमरे पर आई। तुमने मुझसे पूछा क म या चाहता ।ँ यह अलग बात है।'
‘ले कन तुम चाहते हो क हम कपल बन। उसक आवाज़ अब भी िनडर थी।
मने िसर िहलाकर हामी भरी।
‘हम ैि टकली कपल ही थे। हम साथ-साथ पढ़ते थे, साथ-साथ एसटीडी बूथ पर जाते थे, मेस म साथ-साथ
खाना खाते थे।'
‘वह तो कसी के भी साथ कया जा सकता है,’ मने कहा।
‘तुम बेतुक बात कर रहे हो,’ उसने कहा।
‘ओके , म ए स लेन करता ,ँ ’ ‘मने कहा और उठ खड़ा आ। ‘म इस तरह ए स लेन करता ं क मेरी बात
बेतुक न लग। तु हारे साथ बैठकर पढ़ने का मतलब है से फ़ कं ोल क डबल ए सरसाइज़। एक तो मुझे इन बो रं ग
के सेस पर यान क त करना पड़ता है, दूसरे मुझे हर संभव यह कोिशश करनी पड़ती है क मेरी नज़र तु हारे चेहरे
पर न जाए, य क जब भी मेरी नज़र तु हारे चेहरे पर पड़ती है, मेरा जी करता है क तु ह कस कर लूं। ले कन
हमारे बीच यह टु िपड ‘ज ट ड् स’ डील ई है और तुम तो इसको लेकर कू ल हो, ले कन मुझे अपने दमाग़ को यह
समझाने के िलए ख़ूब मश क़त करनी पड़ती है क म िनको टन- िसगरे ट के बारे म पढ़ाई क ँ और तु हारे ह ठ
और उस छोटे-से ितल के बारे म न सोचूँ, जो तु हारे िनचले ह ठ के ठीक नीचे है।'
‘तु हारा यान इस ितल पर चला गया? यह तो ब त छोटा है।‘ उसने उस ितल को छू ते ए कहा।
‘यह ितल छोटा ज़ र हो सकता है, ले कन मेरे माइं ड के पेस म इसका फ़ टी परसट माकट शेयर है। ले कन
म तो के वल दो त ।ँ मुझे वह ितल कहाँ िमलने वाला है, मुझे तो के वल फु ल टॉ स िमलगे।'
वह हँस पडी।
‘म कोई मज़ाक़ नह कर रहा ।ँ तुम लड़ कय को या पता क लड़क पर या बीतती है।'
‘तु हारे ह ठ ब त बक-बक करते ह ना,’ उसने कहा।
मुझे जैसे पाला मार गया हो। ले कन िमस वामीनाथन को पाला नह मारा। वह मेरे पास आई और पलभर
बाद ही ू टी से सने उसके ह ठ मेरे ह ठ पर थे। हमने तीन सेकंड लंबा कस कया।
‘और अब, इससे पहले क मने जो अभी- अभी कया है उसक टु िपिडटी को रयलाइज़ क ं मुझे यहां से
रफ़ू च र हो जाना चािहए,’ उसने कहा और दरवाज़ा खोल दया। म काठ क मूरत क तरह अपनी जगह खड़ा रहा।
अन या ने जैसे ही दरवाज़ा खोला, मेरे डॉम के चार लड़क ने दरवाज़े से अपने कान हटा िलए।
‘हम तो बस अपनी बी ढूढ
ं रहे थे,’ उनम से एक ने कहा।
‘तब तो वह इस म म नह िमलने वाली, यह लड़का के वल पढ़ाई म ही मन लगाना चाहता है,’ उसने कहा
और डॉम से बाहर चली गई।
म पाँच िमनट तक अपनी जगह से टस से मस न आ। उसके ह ठ का अहसास दो िमनट तक मेरे ह ठ पर
रहा। बाक़ तीन िमनट यह रयलाइज़ करने म बीत गए क कै पस क सबसे हॉट लड़क ने अभी-अभी मुझे कस
कया था। मुझे नह पता मने या सही कया था। ले कन मुझे इसक परवाह भी न थी। शायद वह भी मुझे िमस कर
रही थी। शायद उसके िलए यह इतनी बड़ी बात न थी। या शायद यह सब मेरी क पना म आ था और वा तव म
ऐसा कु छ आ ही न था। शायद मुझे कसी टु िपड क तरह सपने देखना छोड़कर दौड़ते ए उसके म पर जाना
चािहए। या शायद मुझे ऐसा नह करना चािहए, य क मुझे िब कु ल नह पता था क जब म उससे िमलूंगा, तब
मुझे या करना चािहए। शायद मुझे आज क रात गुज़र जाने देनी चािहए और कल उससे लास म बात करनी
चािहए।

‘अब बार-बार उस बात का िज़ मत करो,’ उसने कहा। तेरह घंटे और बाईस िमनट पहले जो ह ठ मेरे ह ठ पर थे,
वे अभी लास ेक के दौरान चाय क चुि कयां ले रहे थे।
‘येस, योर, ओके ...’ म उसे अब तक सात बार थक कर चुका था। मने िवषय बदल दया। ‘नॉमल
िडि यूशन पूरी तरह ओवररे टेड है,’ मने टे टि ट स क लास के बारे म कहा, िजसे हमने अभी-अभी अटड कया
था।
‘और इससे यादा क उ मीद मत करना,’ अन या ने कहा।
‘ यादा या?’ मने कहा। अब उसने वह िवषय छेड़ दया था।
‘ यादा का मतलब अब और नह । तुम अभी- अभी नॉमल कव के बारे म या कह रहे थे?’ उसने कहा।
‘सॉरी, बस एक लै र फके शन। अब और नह से तु हारा या मतलब है: अब और कसेस नह या क संग से
यादा और कु छ नह ?'
‘तुम चुप करोगे? अभी हमारी लास ख़ म नह ई है। '
‘ले कन यह मेरे िलए िज़ दगी और मौत का सवाल है। लीज़, बताओ ना।'
‘ या तुम लड़के लोग यही सब सोचते रहते हो? हम आज रात को इन सभी नॉमल कव ॉ ल स के बारे म
पढ़ाई करनी है।'
मने उसक ओर देखा और मु कु रा दया।
‘अगर तुमने क स के बारे म और कोई जोक कया तो म तु हारी जान ले लूंगी,’ लास क घंटी बजते ही उसने
कहा।

Downloaded from Ebookz.in


7
कहने क ज़ रत नह , एक चीज़ के बाद दूसरी चीज़ होती चली गई और दो ह ते बाद ही हमारे बीच से स हो चुका
था। य द एक लड़का और एक लड़क एक ही म म ह और उनके साथ ढेर सारी बो रं ग कताब ह , तो यह तो होना
ही है।
‘ये मेरा फ़ ट टाइम है,’ हमारे बीच से स होने के बाद उसने कहा और फर दरवाज़े पर अपनी माँ क त वीर
क ओर इशारा करते ए, ‘अगर उ ह यह पता चल जाए तो शामत ही आ जाए।'
‘हम यह करने के दौरान इन त वीर को ढंक देना चािहए। दे क मी आउट,’ मने उसके प रजन क त वीर
पर नज़र दौड़ाते ए कहा।
वह हँस पड़ी। ‘ या तु हारा भी यह फ़ ट टाइम था?'
‘म इस बारे म कु छ भी नह क ग ँ ा,’ मने कहा।
‘ या आईआईटी म तु हारी कोई गल ड थी? ‘वह अपना टॉप पहनने के िलए उठ बैठी। म चुप रहा।
‘ या तु हारा कोई बॉय ड था? ‘अन या ने अपनी भ ह तानते ए पूछा।
‘नह ,’ म ज़ोर से चीखा और उठ कर खड़ा हो गया। ‘तुम टु िपड हो? तुम मुझसे पूछ रही हो क या म गे ।ँ ‘
‘मने सुना है रै गंग म हर तरह क चीज़ करवाई जाती ह।'
‘नह , इतना बुरा भी नह होता है। मेरी गल ड थी।'
‘ रयली?’ उसने पलक झपकाते ए पूछा। ‘तुमने मुझे कभी बताया य नह !
‘‘म उस बारे म बात नह करना चाहता। दो साल पहले जब मने कॉलेज छोड़ा था, तभी वह अफ़े यर ख़ म हो
गया था।'
‘ य ? कौन-थी वह? टू डट?'
‘ ोफ़े सर क बेटी।'
‘माय, माय, माय! वी हैव अ टड िहयर।‘ फर उसने कहा, ‘वह ख़ूबसूरत थी? मुझसे भी यादा?'
मने अन या क ओर देखा। आिखर लड़ कयाँ लु स के आधार पर एक-दूसरे का इतना आकलन य करती ह?
‘तु हारे जैसी ही थी, अलब ा तुम यादा माट हो? ‘मने कहा।
‘मेरे जैसी?'
‘ओके , तुम उससे यादा ख़ूबसूरत हो,’ मने कहा। जो लड़क यह पूछती है, क या वह सबसे ख़ूबसूरत है, वही
हमेशा सबसे यादा ख़ूबसूरत होती है।
‘थक यू’ उसने अपने ैक पट् स पहनने के िलए िब तर से उतरते ए कहा। ‘वह कहानी कै से ख़ म ई थी?'
‘मेरी उसके िपता से एक तरह क डील ई थी।'
‘उसके िपता से? या उ ह ने तु ह फ मी टाइल म लैक चेक देकर अपनी बेटी क िज़ दगी से दूर चले जाने
को कहा था?’ उसने हँसते ए कहा।
‘नह , उ ह ने मुझे अपनी िड ी सही व त पर हािसल करने दी थी। इसी वजह से आज म यहाँ ।ँ ले कन इस
डील का असल मतलब यह था क म यादा दूर के सपने न देखूँ, उनके प रवार का िह सा बनने के बारे म न सोचूँ।'
अपनी िपछली गल ड के बारे म सोचते ए मेरा गला सूख आया। वा तव म अपनी ए स गल ड से आपका
र ता कभी पूरी तरह ख़ म नह हो पाता। आप बस उसके िवचार को यहाँ-वहाँ धके लना सीख जाते ह, बशत कोई
आपको फर उसे याद करने के िलए न उकसाने लगे। ‘ या अब हम इस िवषय को यह छोड़ सकते ह?'
‘अभी वह कहाँ है? कै पस म?'
‘नह , उसके िपता एमआईटी म सीिनयर फ़ै क टी पो ट के िलए अमे रका चले गए थे। उसे वहाँ अपनी ही
क मुिनटी का एक गीकनुमा लड़का िमल गया। छह माह म सगाई सालभर म शादी। इसके बाद या आ, म नह
जानता। अब, इसके बावजूद क हम दोन चंद ल ह पहले नेकेड थे, मुझे लगता है क म तुम पर अपनी ाइवेसी के
उ लघंन का के स लगा सकता ।ँ '
‘वेल, इस कहानी से मेरा भी नाता है। इन के स, य द तुम अब भी उसके साथ इनवॉ व हो तो।'
‘नह , ऐसा नह है। मुझे उस सबसे बाहर आने म लंबा व त लगा, ले कन अब म िब कु ल भी इ वॉ ड नह
।ँ '
‘ या तुम उसे चाहते थे'
‘हाँ। और मुझे बुरा लगता है क मुझम इतना साहस न था क उसके िपता से लड़ाई लड़ सकूँ । और अब लीज़,
उस बारे म िब कु ल बात नह ,’ मने कहा। मेरी ए स गल ड और मेरे िपता, ये दो ऐसे िवषय थे, जो मेरा मूड ख़राब
कर सकते थे।
‘आिखरी सवाल। या वह साउथ इं िडयन है?'
‘तु ह कै से पता? '
‘तुमने आईआईटी, एमआईटी, गीकनुमा सॉ टवेयर ो ामर का िज कया, अंदाज़ा लगाना क ठन नह था।'
म हँस पड़ा।
‘मेरे पैरट् स भी ज़रा कं ज़व टव ह,’ उसने अपनी इलेि क के टल चालू करते ए कहा।
‘हमने अभी तक शादी क ला नंग नह क है।'
उसने मुझे घूरकर देखा। मने सोचा क या मने कोई ग़लत बात कह दी है। म तो एक फ़ै चुअल बात ही कर
रहा था।
‘तुम सही हो। हम थोड़े बेने फ़ स के साथ के वल दो त ह राइट? या फर शायद फ़क बडीज़?’
वह अपसेट नज़र आई। बड़ी अजीब बात है क से स होने के बाद लड़ कयाँ र त को लेकर कतनी
संवेदनशील हो जाती ह।
‘अरे , हम तो... '
ले कन उसने मुझे रोक दया, ‘सॉरी, आई एम कं ग आउट। चाय लोगे?’ उसने चाय क एक याली मेरी
तरफ़ बढ़ाई। म दो िमनट तक उसके हडल के साथ खेलता रहा। से स क गुंजाइश के बावजूद हम पढ़ाई करनी थी।
‘ या हम एचआर के स खोलना चािहए? यह एक होटल म हड़ताल के बारे म है।’ मने अपना फ़ो डर खोलते
ए कहा।
उसने मुझसे नज़र िमलाए िबना सहमित म िसर िहलाया। मने दमाग़ पर ज़ोर डालते ए सोचा क आिखर म
उससे ऐसा या क ँ क वह अ छा महसूस करने लगे। ‘आई लव यू,’ मने कहा।
उसने ऐहितयात से के स मटे रयल बंद कए और मेरी तरफ़ देखा। ‘ या वाक़ई?’ उसने कहा। उसक आँख नम
थ।
‘हां,’ मने कहा।
‘तुम यह के वल इसीिलए तो नह कह रहे हो क तुम एक बार फर मेरे साथ से स कर सको?'
‘नह । ले कन या तुम यह कहना चाह रही हो क... '
‘म कु छ भी नह कहना चाह रही ।ँ या तुम के वल यह तक सोच सकते हो?'
‘हम साथ-साथ पढ़ते ह, साथ-साथ खाना खाते ह, साथ-साथ घूमने जाते ह, दनभर लास म बैठकर एक-
दूसरे को ताकते रहते ह, हम एक-दूसरे से के वल तभी अलग होते ह जब म सोने जाता ,ँ या जब मुझे टॉयलेट यूज़
करना होता है। तो,’ म क गया।
‘तो या?'
‘आई लव यू, डैम इट! तु ह इतनी-सी बात समझ नह आती? ‘मने िच लाते ए कहा।
‘दैट्स बेटर। अब तुम थोड़े कं वं संग लग रहे हो, ‘वह मु कु रा दी।
‘और तुम?’ मने पूछा।
‘म इस बारे म सोचूंगी।'
‘ए स यूज़ मी?'
‘वेल, हो सकता है क म के वल से स के िलए तु हारा इ तेमाल कर रही ,ँ ’ उसने कहा।
‘ए स यूज़ मी?’ मने इस बार और ऊँची आवाज़ म कहा।
वह हँस पड़ी। मने उस पर एक िपलो फका।
‘मने तु ह कहा था ना, मुझे इस बारे म सोचना पड़ेगा।'

िमस वामीनाथन ने मुझसे कभी ‘आई लव यू’ नह कहा था, फर भी वह मेरे साथ रहने आ गई। जब वह रात के
कपड का एक बैकपैक लेकर मेरे म पर चली आई तो म हैरान रह गया था। म उसके यहाँ रहना यादा पसंद
करता। म नह चाहता था क वह पु ष यौन हाम न से लबालब भरे बीस लड़क के डॉम म अके ली लड़क हो।
फर भी, उसके साथ होना अ छा था। वह अपने साथ अपनी इलेि क के टल, मीठी मु कान और मैगी बनाने
का नर भी ले आई थी। हम पहले भी साथ-साथ पढ़ाई कया करते थे, ले कन अब उसम और अनुशासन आ गया।
जब आपक ज़ंदगी म कोई लड़क आती है तो चीज़ अपने आप वि थत होने लगती ह।
हम सुबह-सवेरे उठ जाते थे। वह मुझसे आधा घंटा पहले जाग जाती थी। वह नहाने के िलए सौ मीटर दूर
अपने डॉम जाती थी। इस दौरान म तैयार होकर उसके साथ मेस म ेकफा ट करने प च ं जाता था।
‘यह तु हारा असाइनमट है और यह मेरी ट वकशीट है।‘ वह रात को हमारे ारा कए गए काम के ढेर को
िनकाल लेती और मेस म बैठकर हम उसे आपस म बाँट लेते। हम साथ-साथ लास जाते और य द क या ी अ छे
मूड म होती तो वह दनभर के िलए अन या के साथ अपनी जगह क अदला-बदली कर लेती। नह तो, हम अपनी
रोज़ाना क ही जगह पर बैठ जाते और पूरी लास के दौरान एक-दूसरे को ताकते रहते। पाँच मोिहत पहले-पहले
इस ि थित से ब त रोमांिचत ए थे, ले कन बाद म उ ह ने इससे एडज ट कर िलया। हाँ, य द ले चर बो रं ग हो
जाता तो वे मुडकर हम देख लेते। वा तव म उसका मेरे यहाँ रहने चले आना कै पस म एक छोटे-मोटे कडल क ही
तरह था। जैसा क हमेशा होता है, मुझे ‘ टड’ का तमगा िमला और उसे ‘ टु िपडली-इन-लव’ से लेकर ‘ लट’ तक
पुकारा गया। ले कन इससे उसे कोई फ़क नह पड़ता था, य क शायद वह वा तव म ‘ टु िपडली-इन-लव’ थी। रोज़
लास म वह मेरे िलए एक नोट पास करती। ‘आई िमस यू। लास जाने कब ख़ म होगी और हम एक-दूसरे क बांह
म ह गे, ‘नोट म िलखा होता और वह नोट अंकुर, अनूप, िबिपन, भूिपन, भानु, दस अ य टू डट् स और क या ी से
होता आ मुझ तक प च ं ता था। हम साथ-साथ रहते थे, फर भी वह लास म मुझसे छह क़तार दूर बैठी मुझे िमस
कया करती थी।
‘ लास म ऐसे नोट् स मत भेजा करो। लोग उ ह खोलकर पढ़ लगे,’ मने उसे सतक करते ए कहा।
‘तुम बड़े बो रं ग हो,’ उसने ढेर सारी सैड माइलीज़ के साथ जवाब िभजवाया। नोट पास करते समय िबिपन
मु कु रा दया। ओके , तो लास का मनोरं जन हो रहा था।
‘तुम टॉप टेन म आने से थोड़ी ही दूर हो। टे टि ट स फ़ाइनल ए ज़ाम म एक और ‘ए ‘और तुम टॉप टेन म
होगे,’ मेरे साथ तीन माह रहने के बाद एक रात उसने कहा। ‘मुझे तो यक़ न ही नह हो रहा है क म इतनी पढ़ाई
कर रहा ।ँ आईआईटी म तो हम रातभर गपशप ही करते रहते थे। ‘मने ब ी बुझा दी।
‘हम भी रातभर गपशप कर सकते ह,’ उसने कहा। हम रज़ाई के भीतर सरक गए। ‘ कस बारे म? और य ?
हम हमेशा साथ-साथ ही तो रहते ह। अपनी न द य कु बान कर?'
‘ फर भी, हम बात कर सकते ह। यूचर ला स वग़ैरह-वग़ैरह।'
‘ यूचर’ और ‘फ़ मे स’ का कांिबनेशन बड़ा ख़तरनाक होता है। फर भी एक िबज़नेस कू ल म यूचर का
मतलब के वल लेसमट ही हो सकता है। ‘हमारी ेड्स अ छी ह। तुम आसानी से एचएलएल म सेले ट हो जाओगी।
वह सबसे अ छा माक टंग जॉब है। है ना? और म ड लूपीएम के िलए कोिशश क ं गा।'
‘ड लूपीएम?’
‘ वेवर पेज़ मोर, ता क म ज दी से ज दी ख़ूब सारे पैसे बचा सकूँ ,’ मने खीस िनपोरते ए कहा।
‘तुम अब भी लेखक बनने को लेकर सी रयस हो, है ना?’ उसने मेरे बाल म अपनी अंगुिलयां घुमा ।
‘हां, ले कन म अब भी सोच रहा ं क आिखर म िलखूँगा कस बारे म,’ मने जमुहाई ली।
‘ कसी भी चीज़ के बारे म िलखो। जैसे तु हारी वह गल ड।'
‘अन या, हमने तय कया था क हम अब उस बारे म बात नह करगे।'
‘सॉरी, सॉरी, तुमने कहा था क तुमने ेड्स के िलए ोफ़े सर से डील क थी तो मुझे लगा क शायद यह एक
दलच प कहानी सािबत हो।'
‘गुड नाइट, माय ेटेिज ट।‘ मने उसे चूमा और लेट गया।
‘आई लव यू,’ उसने कहा।
‘ या वाक़ई?’
‘हां।'
‘तुमने यह अब जाकर ही य कहा?'
‘मने इस बारे म ब त सोचा। मने यह अब कहा है, ले कन यह मेरे मन म जाने कब से था। गुड नाइट,’ उसने
कहा।
डे ढ साल बाद

‘ या सोच रहे हो? या तुम लव मे कं ग के बाद बात करना पसंद नह करते?’ वा तव म म ऊपर घूमते पंखे को
देखना पसंद करता ।ं या छोटी-सी एक झपक ले लेना चाहता ।ं आिखर लड़ कयाँ हर व त बात य करना
चाहती ह? हम मेरे कमरे म थे। स दय क बादल भरी दोपहर थी और हम गम कपड़ से लदे ए थे।
‘मुझे बात करना अ छा लगता है,’ मने ऐहितयात से कहा। ‘ या तु हारे मन म कु छ है?'
‘ लेसमट म एक ह ता है और म नवस हो रही ,ँ ’ उसने कहा।
‘ चंता मत करो, हर कं पनी ने तु ह शॉट-िल ट कर रखा है। यू िवल िहट द जैकपॉट।'
‘म जॉब ऑफ़र को लेकर नवस नह हो रही ।ँ म सोच रही ँ उसके बाद या होगा?'
‘उसके बाद? फ़ायनली, हमारे बक म पैसा होगा। फर हम रे टोरट् स म ऑडर करते समय अपनी जेब नह
देखनी पड़ेगी, िथएटर म आगे क सीट् स पर नह बैठना पड़ेगा, ेन म सेकंड लास म सफ़र नह करना पड़ेगा।
कॉलेज लाइफ़ मज़ेदार ज़ र होती है, बट सॉरी, मने अपने िह से क कॉलेज लाइफ़ पूरी कर ली है। ज़रा सोचो, तुम
हर महीने शॉ पंग कर सकती हो!'
‘मुझे शॉ पंग पसंद नह ।'
‘फ़ाइन, तब तो तुम ख़ूब सारी बचत कर सकती हो। या ए जॉ टक ज़गह पर घूमने जा सकती हो।'
वह और सोच म डू ब गई।
‘तुम ठीक तो हो?’ मने पूछा।
‘ या तु ह अंदाज़ा है क चार ह त बाद हमारा कै पस है?'
‘िनजात िमलने वाली है। नो मोर म गंग एंड ेड्स। उ मीद करता ँ इनसे जीवनभर के िलए छु टकारा िमल
जाएगा,’ मने कहा।
उसक आवाज़ मंद पड़ गई। ‘हमारे बारे म या?'
‘हमारे बारे म?’ मने पु ष के उस मूखतापूण, कं यू ड ए स ेशन के साथ कहा, िजसका उपयोग वे तब करते
ह, जब उ ह मिहला के सामने समझदारी भरा वहार करना पड़ता है।
वह उठकर बैठ गई और टॉप पहन िलया। बाक़ कपडे पहनने के िलए उसे िब तर से उठना पड़ा। सी रयस मूड
के बावजूद म ख़द को यह नो टस करने से नह रोक पाया क जब लड़ कयाँ चज करती ह तो कतनी ख़ूबसूरत लगती
ह। ‘म अपने म म जा रही ,ँ तुम अपनी झप कय का मज़ा लो,’ उसने कहा।
‘हे,’ मने हाथ बढ़ाकर उसे रोक िलया। ‘ या बात है? म तुमसे बात कर रहा ँ ना?’
‘हां, तुम बात कर रहे हो, ले कन बेवकू फ़ क तरह। चार ह त बाद हम अलग-अलग शहर म ह गे। िज़ दगी
फर कभी ऐसी नह हो पाएगी।'
‘कभी नह से तु हारा या मतलब है?’ मने कहा। मेरा मुँह खुला आ था।
‘पहले कपड़े पहनो। मुझे तुमसे सी रयस िड कशन करनी है।'
कपड़े पहनने तक वह चुप रही। फर हम िब तर पर ॉस लेग बैठ गए।
‘तो डील यह है,’ मने अपने िवचार को एकजुट करते ए कहा, ‘तु हारा फ़ोकस कै रयर पर है, ले कन म यह
पैस के िलए कर रहा ।ँ तो म उसी शहर म जॉब पाने क कोिशश क ं गा, जहां तुम जॉब करती हो। ले कन ॉ लम
यह है क हम अभी तक यह नह जानते क तुम कस शहर म होगी। तो म उस बारे म अभी कु छ कै से कर सकता ?ँ '
‘और तुम अगले ह ते भी या करोगे? हम सभी एक ही समय ले ड ह गे। तुम मेरे जॉब पाने तक इं तज़ार
नह कर सकते।'
‘तब तो सब कु छ क़ मत के हाथ म है,’ मने कहा।
‘और हमारे यूचर के बारे म या? या सॉरी, मुझे पूछना चािहए क या हमारा कोई यूचर है भी? '
‘म अभी उस बारे म कोई बात नह कर सकता,’ मने कहा।
‘ओह रयली, या तुम मुझे यूचर म कोई ऐसा टाइम दे सकते हो, जब हम यूचर के बारे म बात कर
सकगे?'
म चुप रहा।
‘छोड़ , म जा रही ,ँ ’ उसने कहा और दरवाज़े क ओर बढ़ी।
‘मुझे सोचने के िलए समय चािहए,’ मने कहा।
‘दो साल काफ़ नह थे? '
म चुप रहा।
‘यू नो, मुझे यह बात हैरान कर देती है,’ अन या ने कहा, ‘ क तुम लड़क को कसी किमटमट के बारे म सोचने
के िलए कतने समय क ज़ रत होती है, ले कन कसी लड़क के साथ सोने से पहले तुम िब कु ल नह सोचते।
‘अन या,’ मने के वल दरवाज़ा ज़ोर से बंद होने क आवाज़ सुनी।

‘सब ठीक हो जाएगा,’ उसने मुझे पाँचवी बार कहा। हमने कै पस से नवरं गपुरा तक का चार कलोमीटर का सफ़र
पैदल तय कया। म उस पागलपन से ब त दूर हो जाना चाहता था। डे ज़ीरो या लेसमट का पहला दन ख़ म हो
चुका था और मुझे कोई जॉब नह िमला था।
‘मुझे लगा था क जैसी मेरी ेड्स ह, उस िहसाब से तो म पहले ही दन कामयाबी हािसल कर लूंगा,’ मने
कहा।
‘कोई बात नह ? लेसमट के िलए अभी छह दन और ह,’ उसने कहा।
हम एक चाटवाले के पास पाव-भाजी खाने के । उसने कम बटर वाली दो लेट ऑडर क । ‘सब ठीक हो
जाएगा। देखो, माक टंग कं पिनयाँ तो कल ही शु करगी। मेरा एचएलएल का िबग इं टर ू है, ले कन म िब कु ल
तनाव म नह ।ँ '
‘यू िवल गेट इन। म एक भी ऐसी कं पनी के बारे म नह सोच सकता, जो तु ह ना कह सकती हो,’ मने कहा।
उसने मेरी ओर देखा और मु करा दी। ‘हर कोई मुझे तु हारी तरह यार नह करता।'
‘तु हारी ेड्स अ छी ह और तुमम माक टंग के िलए पैशन है। यू आर सो एचएलएल क म इसे तु हारे चेहरे
पर देख सकता ।ं '
‘कल तु हारे िलए दो और बके ह।'
‘आई वोट िसटीबक,’ मने कहा। ‘मेरे पास “आई लाइक द मनी” से बेहतर जवाब होने चािहए। मुझे इं टर ूज़
म और बेहतर तरीक़े से झूठ बोलना चािहए।'
वेटर ने पाव भाजी सव क । उसने पाव का एक और टु कड़ा मुझे िखलाया। ‘ले कन पैसा ही तो इकलौती ऐसी
वजह है िजसके िलए कोई भी बक म काम करना चाहेगा, है ना?'
‘हां, ले कन इं टर ू लेने वाले यह महसूस करना पसंद करते ह क वे कु छ मी नंगफ़ू ल काम कर रहे ह। जैसे क
वे मदर टेरेसा फाउं डेशन या ऐसी ही कसी सं था के िलए काम कर रहे ह ।'
‘वेल, तु ह इस तरह कहना चािहए–आई वांट िसटीबक, य क म चाहता ँ क भारतीय को िव तरीय
फ़ाइनिशयल सेवाएँ िमल। और साथ ही '‘एनॉमस ोथ” और '‘ ेटेिजक पोटिशयल” जैसे श द का इ तेमाल करना
मत भूलना,’ उसने कहा।
‘मुझे यह सब कहना पड़ेगा?'
‘और हाँ, याद रखना, द िसआंटी नेवर ली स। तो कहना क तुम खूब मेहनत करोगे,’ उसने कहा।
‘म इतना झूठ नह बोल सकता,’ मने कहा।
वह मेरे मुंह के कोने पर लगी भाजी साफ़ करते ए हँस पड़ी। मने सोचा क म कतना लक ,ँ जो वह मेरे
साथ ह। शायद कु छ हां साल म एचएलएल क कमांन उसके हाथ म होगी, ले कन आज उसक ाथिमकता यह थी
क वह मेरे टु िपड चेहरे से भाजी साफ़ करे । मुझे अपराध बोध महसूस आ। उसे यूचर के बारे म मुझसे एक सीधा
जवाब पाने का हक़ ह। डू इट, लूज़र, मने ख़द से कहा। डू इट नाऊ। फर भले हां तु ह यह नवरं गपुरा के एक
कामचलाऊ पाव कॉनर म हां य न कहना पड़ रहा हो। मने बोलने का साहस जुटाया।
‘ या? तुम कु छ कहना चाहते हो?'
‘तु ह और पाव चािहए? ‘मने कहा।

‘तीसरा नंबर तु हारा ह,’ लेसमट म सहयोग करने वाले फ़ ट ईयर के एक वालं टयर टू डट ने मुझसे कहा। म
इं टर ू म के बाहर सात अ य किडडेट्स के साथ टू ल पर बैठ गया। हम कसी ड ट ट के लीिनक के बाहर बैठे
मरीज़ क तरह लग रहे थे, ले कन हम उनसे भी यादा तनाव से भरे ए थे।
पास हां के एक म म एचएलएल के इं टर ूज़ चल रहे थे। अन या के सभी राउं ड हो गए थे और वह आिखरी
कॉल का इं तज़ार कर रही थी। म सोचने लगा क पहले दन मुझसे या ग़लती ई थी। ओके , म के वल पैसे के िलए
जॉब चाहता था, ले कन जब उ ह ने मुझसे पूछा तो म यह बात छु पा गया। तो फर य म कल पाँच बक म जॉब
पाने क िलए मश क़त करता रहा? या होगा य द िसआंटी भी मुझे सेले ट न करे ? मने सोचा। मेरे मांथे पर पसीने
क बूंद छलक आ । या भगवान मेरे साथ नह ह? फर मने सोचा क या मने इस बात के िलए कोई तक दए ह
क भगवान मेरे साथ य नह ह। मने दूर से एचएलएल म देखा। अन या उसके बाहर खड़ी थी मोरपंिखया रं गत
वाली नीली साड़ी म वह ख़ूबसूरत लग रही थी। शायद भगवान तब तक मेरे भिव य का कोई फ़ै सला नह करे गा,
जब तक क म उसे उसके भिव य के बारे म कोई प जवाब न दे दूँ।
‘ श मलहो ा,’ टू डट वालं टयर ने मेरा नाम पुकारा।
म मन हां मन ाथनाएं पढ़ते ए उठ खड़ा आ। मने अपनी टाई क गांठ और क़मीज़ क कॉलर चेक क । याद
रखो, तु ह इस जॉब क ज़ रत ह, मने ख़द से कहा। बक दोगुना पे करती ह। म अपने मन का कै रयर चुनने के िलए
इतनी देर म दो बार कॉप रे ट कै रयर छोड़ सकता ।ं मने गहरी सांस ली और छोड़ी।
‘वेलकम, टेक योर सीट,’ शानदार कोला सूट पहने एक ि अपनी कु स पर बैठे-बैठे बोला। वह रोले स
वॉच पहनना अफ़ोड कर सकता था। और मुझसे बात करते समय मेरी तरफ़ नह देखना भी। उसने एक ढेर म से मेरा
रे यूमे छाँटकर िनकाला।
‘गुड आ टरनून,’ मने अपना हाथ आगे बढ़ाया। मने अपनी बांह क मांसपेिशय को कस िलया, य क लोग
कहते ह क मज़बूती से हाथ िमलाना आ मिव ास का तीक होता ह और इस बात का भी क आपम दुिनया पर छा
जाने क कािबिलयत ह।
‘रा ल आ जा, मैने जंग डायरे टर, कॉप रे ट फ़ाइनस,’ उसने कहा और मुझसे हाथ िमलाया। फर उसने दांई
ओर बैठे अपने सहयोगी क ओर इशारा करते ए कहा,’ और ये ह देवेश शमा, वाइस ेिसडट इन एचआर।'
मने देवेश क ओर देखा। तीसेक साल का ए ज़ेलूज़ टव जो इस क़दर सहमां आ-सा था, मानो तीन साल का
ब ा हो। मुझे लगा वह उन लोग म से ह, िज ह वाइस ेिसडट कहा जाने के बावजूद लितयाया जाता रहता ह। ख़ैर,
मने सुना था क िसटीबक म चार सौ वाइस ेिसडट ह, जो हर साल उसे जॉइन करने वाले सकड़ एमबीए के कै रयर
और इगो का यान रखते ह। ज़ािहर ह, इससे इस टाइ टल का तबा ज़ र ख़ म हो जाता ह, ले कन कम से कम
इतना तो ह हां क य द आपको वाइस ेिसडट के प म इं ोड् यूस कराया जाए, तो उसका यादा भाव पड़ता ह।
रा ल ने देवेश को शु हो जाने का इशारा कया।
‘सो श, मने नो टस कया ह क अंडर ेजुएट् स म आपक ेड्स ख़राब ह,’ देवेश ने कु छ ऐसी ज़नाना आवाज़
म कहा क कॉलेज म होने वाले ाम म हांरोइन के रोल के िलए उसे आसानी से चुना जा सकता था।
‘आपने काफ़ ग़ौर से देखा ह,’ मने कहा।
‘ए स यूज़ मी?’ देवेश ने ज़रा हरान होते ए कहा।
अपनी ज़बान पर लगाम लगाओ, मने ख़द से कहा।’ न थंग,’ मने गला खंखारा।
‘तो, या हो गया था?'
गल ड, मौज-म ती करने वाले दो त, अ कोहल, चरस और सिड़यल ोफ़े सस, म कहना चाहता था। ले कन
अन या ने मुझे िब कु ल सहां जवाब बताया था।’ ए चुअली, िम टर शमा,’ मने उसके नाम पर ज़ोर देते ए कहा,
ता क वह अपने बारे म अ छा महसूस करे ,’ जब म आईआईआंटी प च ँ ा, तब म इस बात को समझ नह पाया था क
वहाँ के िस टम ारा कतनी स ती बरती जाती ह। और अगर एक बार े डंग म आपक शु आत ख़राब हो जाए, तो
वापसी करना ज़रा मुि कल हो जाता ह। िपछले सेमे टर म मुझे अ छी ेड्स िमली थ और मेरी आईआईएमए
ेड्स भी अ छी ह। तो, जैसा क आप देख सकते ह, बाद म मने िहसाब बराबर कर दया।'
इसके बाद बीस िमनट तक टु िपड सवाल का दौर चलता रहा, जैसे ‘ या भारत म े िडट का स बेहतर
दशन कर पाएंगे?’ या ‘ या भारत अपनी ब कं ग सेवा म सुधार ला सकता ह?’ , िजनके जवाब म आप बड़ी
आसानी से वे बात कह सकते ह, जो वे सुनना चाहते ह, जैसे क जी हां, े िडट का स का भिव य उ वल ह और
ब कं ग सेवा म बड़े पैमांने पर सुधार आ सकता ह। अंतत : उ ह ने सबसे बड़ा सवाल पूछा,’ िसटीबक हां य ?'
िसटीबक इसिलए य क बाक़ पाँच बैक मेरे िलए बेकार सािबत ए। मने अपने टु िपड िवचार को एक
गहरी सांस के साथ िनगल िलया। बीएस टाइम, बडी, मने सोचा, तु हारे कै रयर क दशा तय करने वाले दस सेकड
शु होते ह अब...
‘िम टर आ जा, सवाल यह नह ह क िसआंटी य । असल सवाल यह ह क एक युवा मह वाकां ी ि
कह और य जाना चाहेगा? यह दुिनया क सबसे बड़ी ाइवेट बक ह, इसक एक ित ा ह, यह भारत के ित
ितब ह और बक के लगभग हर े म अ छे मौके ह। यह बक नह , िवकास क मशीन ह।'
म थोड़ी देर को का। म देखना चाहता था क कह मेरी बात उनके िसर के ऊपर से तो नह िनकल ग ।
ले कन रा ल ग़ौर से सुन रहा था और देवेश सहमित म िसर िहला रहा था। येस, मेरी बात असर कर रही थ ।
‘और अि टमेटली, सबसे बड़ी वजह तो यही ह, रा ल,’ मने उससे अपनी नज़दीक जताने के िलए उसका नाम
लेते ए कहा,’ म वा तव म उन लोग के साथ काम करना चाहता ,ँ जो मुझे े रत करते ह। जब म तु ह देखता ,ं
तो म तु हारी तरह बनना चाहता ।ं और िसआंटी मुझे इसका एक बेहतरीन मौका देती ह।'
रा ल गव क भावना से भर गया।’ तुम... मेरा मतलब ह क तु ह यह कै से पता चलता ह क तुम मेरे जैसा
होना चाहते हो?'
लोग चाहे िजतने हां नपे-तुले य न हो जाएं, वे कभी अपनी तारीफ़ सुनने का मौका नह गंवाना चाहते।’ मने
तु ह ी- लेसमट टॉक म देखा था। मने दजन टॉ स अटड क ह, ले कन िजस तरह से तुमने ख़द को ेज़ट कया,
उसम कसी भी अ य क तुलना म िवचार क लै रआंटी यादा थी। मुझे लगता ह यह िसटीबक से जुड़ी कोई बात
ह। तुम लोग म एक अलग हां कां फडस होता ह। ह ना, देवेश?'
देवेश ने मेरी ओर कु छ हरानी के साथ देखा।’ ए चुअली, हम यूमन रसोसस वाले बे ट टैलट चुनने क
कोिशश करते ह,’ उसने शायद कसी िनयम पुि तका का एक वा य तोत क तरह दोहरा दया।
‘एचआर कु छ भी नह करता। म जॉब के िलए पसनली सभी का चयन करता ,ं ’ रा ल ने कहा। अब वे दोन
मेरा यान आक षत करने क कोिशश कर रहे थे।
‘वह तो ज़ािहर ह,’ मने कहा।
रा ल ने अपनी कु स पीछे धके ल दी और खड़ा हो गया।’ िलसन श, आई लाइक यू। तो म तुमसे ईमांनदारी
से बात करना चा ग ँ ा। र ू टमट का काम लगभग पूरा हो चुका ह और अब के वल एक हां जगह बची ह। ले कन
हमांरा अंद नी मांपदंड यह ह क नए र ू टमट करने के िलए हम अंडर ेजुएट म सेवन- वाँइंट ेड चािहए।'
बेड़ा ग़क। मेरे पुराने पाप मेरा पीछा नह छोड़ने वाले। शायद इसीिलए उन पाँच बक ने मुझे रजे ट कर
दया था।
‘और यह िम ड सेमे टर...?’ उसने मेरी अंडर ेजुएट ेड शीट को थपथपाते ए कहा।
‘ रसच सेमे टर, सर,’ ‘मने सुधार करते ए कहा।
‘मुझे इस बारे म कु छ पता नह । देवेश?'
एचआर म काम करने वाले हर ि क तरह देवेश ने भी अपने जीवन म कभी कोई वा तिवक िनणय नह
िलया था।’ यह एक िबज़नेल कॉल ह, सर,’ उसने कहा।
‘िबज़नेस का हेड म ,ं ’ रा ल ने कहा।
‘हाँ, ले कन शायद तु ह कं ी मैनेजर से बात करनी चािहए,’ देवेश ने कहा। वह सुझाव देने से डर रहा था।
‘म उससे सीिनयर ।ं म यूयॉक से आया ।ं वह अभी-अभी आया ह। इसीिलए वह कं ी मैनेजर ह। तुम
जानते हो ना?'
‘सर, ले कन ेड के िहसाब से...’ देवेश कहते-कहते क गया और दोन मेरी ओर देखने लगे।
‘ या तुम हम पाँच िमनट का समय दे सकते हो?’ रा ल ने कहा।
‘ योर, म बाहर वेट करता ,ं ’ मने खीस, िनपोरते ए कहा।
‘थ स, हम तु ह बुलाते ह। सो, अब अगला किडडेट मत भेजना।’
8
म िसटी इं टर ू म से बाहर िनकला। मने नो टस बोड पर बाक़ कं पिनय के नाम पर नज़र डाली। वे सभी
िसटीबक से आधा ही पे करती थ । म एक ख़ाली टू ल पर बैठ गया और आँख बंद कर ाथना करने लगा। मेरे सामने
भगवान कट ए।
‘हैलो भगवान,’ मने कहा,’ आज मने उस इं टर ू म एक भी स ी बात नह कही। ले कन लीज़ मुझे वह जॉब
चािहए।'
‘वे लोग सच सुनना चाहते भी नह । इसिलए कोई बात नह ,’ भगवान ने कहा।’ ले कन तु ह कसी और चीज़
के बारे म फ़ करनी चािहए।'
‘कौन-सी?'
‘तुम दो साल से एक लड़क के साथ रह रहे हो।'
‘म उससे यार करता ,ं भगवान,’ मने कहा।
‘ यार करना ही काफ़ नह । तुम जानते हो तु ह या करना चािहए।'
‘म क ं गा, मुझे के वल समय चािहए।'
‘तुम अपना समय पूरा कर चुके हो। चार िमनट बाद तुम बक जॉब पाने का आिखरी मौका भी गंवा सकते हो,’
भगवान ने कहा।
‘नह भगवान, मुझे िसटीबक चािहए।'
‘ले कन म चाहता ँ क तुम पहले सही काम करो।'
‘कै से?'
मने अपनी आख खोल और एचएलएल म क ओर देखा। अन या म के भीतर जा चुक थी। मने अपनी
आँख फर बंद कर ल ।’ कै से?’ मने दोहराया।’ अभी उसका इं टर ू चल रहा ह। म वादा करता ँ क िसटीबक जॉब
िमलने के बाद म वह सही काम कर दूंगा।'
मने अपनी आख खोल और एचएलएल म क ओर देखा। अन या म के भीतर जा चुक थी। मने अपनी
आँख फर बंद कर ल ।’ कै से?’ मने दोहराया।’ अभी उसका इं टर ू चल रहा ह। म वादा करता ँ क िसटीबक जॉब
िमलने के बाद म वह सही काम कर दूंगा।'
‘म तुम पर भरोसा नह करता। अब फ़ै सला तु हारे हाथ म ह। य द तुम मेरी बात नह मानोगे, तो म भी
तु हारी नह सुनूंगा,’ भगवान ने कहा।
मने अपनी आँख खोल । मेरे पास तीन िमनट थे। य द म उस म म चला जाता तो अन या मेरी जान ले
लेती। ले कन मेरे भीतर क कसी आवाज़ ने मुझे बताया क य द मने ऐसा नह कया तो िसआंटी कं ी मैनेजर या
रा ल या देवेश ऐसा फ़ै सला ले सकते ह, जो मेरे िलए नुकसानदेह हो। यक़ नन, मेरा दमांग मुझसे कह रहा था क म
बेवक़ू फ़ जैसी बात सोच रहा ।ं इन दोन बात का आपस म कोई नाता न था। ले कन यही हमारे दमांग क सीमां
भी ह। शायद, घटना और कम का आपस म कोई नाता हो। म एचएलएल म क ओर दौड़ा।
‘ए स यूज़ मी,’ दरवाज़े पर खड़ी वालं टयर ने मेरा रा ता रोकते ए कहा।
‘मुझे भीतर जाना ह,’ मने कहा,’ अजट।'
‘अंदर इं टर ू... '
ले कन म जबरन भीतर घुस गया। लास म म एचएलएल इं टर ूज़ का आिखरी दौर चल रहा था। लास
क आगे क पंि म कं पनी टाफ़ बैठा था, जब क किडडेट को ोफ़े सर क कु स पर बैठाया गया था।
अन या पाँच बुजुग क पेनल के सामने बैठी थी। वह अपने हाथ को उ साह से िहलाते ए कु छ बोल रही थी
‘ रल मांकट को नए उ पाद नह चािहए। उ ह अफोडिबिलआंटी क ज़ रत ह...’ मुझे देखकर वह बीच म ही क
गई। उसक भ ह हरत से तन ग ।
‘येस?’ तक़रीबन साठ साल के एक बुज़ग स न मेरी ओर मुड़े।
अन या के चेहरे क रं गत पहले गुलाबी और फर लाल हो गई। यह कलर कांिबनेशन पहले शम और फर
ग़ से के कारण बना था।
‘मुझे अन या से बात करनी ह,’ मने कमरे म मौजूद सभी लोग के चेहरे पर एक नज़र डालते ए म म
आवाज़ म कहा।
‘ या आप कु छ देर इं तज़ार कर सकते ह?’ बुज़ग स न ने कहा,’ अन या का आिखरी इं टर ू चल रहा ह।
हमांरा पूरा सीिनयर मैनेजमट यहाँ मौजूद ह।'
‘ए चुअली, मुझे अभी बात करनी ह,’ मने कहा।
‘सब ठीक तो ह?’ दूसरे पैनिल ट ने पूछा।
‘जी, मुझे के वल एक िमनट चािहए,’ मने कहा और अन या को बाहर आने का इशारा कया।
‘ या बात ह? जो कहना ह यह कहो,’ उसने मुझे एक डट लुक देते ए कहा।
मुझे पेनिल ट के क यूज़ चेहरे नज़र आए। म अन या क ओर बढ़ा।
‘ हाट?’ उसने धीमे से फु सफु साते ए कहा,’ पागल हो गए हो या?'
म उसके क़रीब घुटन के बल बैठ गया। मेरा मुँह उसके कान के क़रीब था।’ सॉरी, इं टर ू कै सा चल रहा ह?’
मने भी धीमे से फु सफु साते ए कहा।
‘ श मलहो ा, यह ब त इं पोटट इं टर ू ह। बात या ह?’ फु सफु साहट के बावजूद उसक आवाज़ इतनी तेज़
थी क पेनिल ट उसक बात सुन सकते थे।
‘अन या वामीनाथन, म, श मलहो ा, तुमसे दलो-जान से यार करता ँ और म हमेशा तु हारे साथ
रहना चाहता ,ं ऑफ़ कोस, ऑ फस के टाइम को छोड़कर। तुम मुझसे शादी करोगी?'
अन या का मुँह खुला का खुला रह गया। उसक नज़र पेनिल ट और मेरे बीच ठहरी ई थ ।’ श,’ उसने
कहा। उसने बोलने क कोिशश क , ले कन वह कु छ कह नह पाई।
करीने से आई-लाइन क ई उसक आंख से आंसू क एक बूंद ढुलक पड़ी।’
एवरी थंग ओके ?’ अन या को ऐसी ि थित म देखकर एक पैनेल मबर ने पूछा।’ आई होप, कोई बुरी ख़बर नह
ह।'
अन या ने उसके सामने रखे िगलास से एक घूंट पानी पीते ए अपना िसर िहलाया।
‘नह , क़तई बुरी ख़बर नह ह।’ अ छी ख़बर ह।'
‘अन या,’ मने फर धीमे-से कहा। लास म के स त लोर के कारण मेरे घुटने दद करने लगे थे।
‘अब या ह?'
‘ या तु हारा जवाब हां ह? या तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी?’ मने पूछा।
उसने हँसी छु पाने के िलए अपने ह ठ को कसकर भ च िलया।’ हाँ, यू इिडयट। म हमेशा तु हारे साथ ही
र गं ी। ले कन अभी नह । अभी जाओ यही से!'
9
‘वॉव, दस फ़ स पेशल,’ अन या ने कहा।
उसने रामभाई के यहाँ अपने एचएलएल ऑफ़र लेटर को तीसरी बार खोला। मुझे एक दन पहले हां अपना
िसटीबक ऑफ़र लेटर िमल गया था और सेलेरी कं फ़म करने के बाद मने उसे अपनी कबड म फक दया था।
‘यह नौकर बनने का योता ह, इतना ए साइटेड होने क ज़ रत नह ,’ मने समोसा सडिवच ऑफ़र करते ए
कहा।
‘ऊंह, इस तरह सोचने क कोई ज़ रत नह ह। वे मुझे हायर करके रोमांिचत ह। एचएलएल क एक गंभीर
साउथ इं िडयन नीित ह।'
रामभाई के यही काम करने वाले एक लड़के ने हम चाय सव क । लेसमट के दौरान उसे खूब ़ शीश िमली
थी।
‘तुम कू ल जाते हो?’ अन या ने हम चाय परोसने वाले उस तेरह साल के लड़के से पूछा।’ हाँ, रामभाई हम
कू ल भेजते ह,’ लड़के ने कहा।
‘गुड, अगर वे तु ह कू ल न भेज तो पुिलस म उनक रपोट कर दो,’ अन या ने कहा और लड़के को पचास
पए का नोट थमां दया।
‘वे तु हारी पो टंग साउथ इं िडया म कसी ऐसी जगह पर करगे, िजसका नाम भी नह िलया जा सकता और
जहाँ कोई एसआंटीडी कोड भी न हो,’ मने कहा।
‘नह , वे ऐसा नह करगे। और य द वे ऐसा करते भी ह तो मेरे पितदेव आकर मुझे वहाँ से ले जाएंगे,’ उसने
अिख मांरते ए कहा।
‘अन या, तुम मेरी बात समझी नह । शादी करने का फ़ै सला हमने िलया ह, ले कन हमारे पैरट् स ने अभी तक
मंजू़री नह दी ह,’ मने उसे याद दलाया।
‘कमऑन, मेरे पैरट् स ज़रा कं ज़व टव ज़ र ह, ले कन हम उनका नाम रोशन करने वाले ब े ह, द अ टीमेट
िमिडल लास फटेसी कड् स। उ ह कोई ऐतराज़ य होगा?
‘ य क वे पैरट् स ह। ब े िबि कट से लेकर शादी तक कु छ भी चाह, पैरट् स को ॉ लम होती ह,’ मने कहा।
‘तु हारे पैरट् स को मुझसे ॉ लम होगी?’ अन या ने अपने बाल को पीछे करते ए उनका एक ढीला-सा जुड़ा
बना िलया। उसने एक िपन दांत म दबाकर रखी थी।
‘उ ह हर उस लड़क से ॉ लम होगी, िजसे म अपने िलए चुनूंगा। और तुम साउथ इं िडयन हो, यह भी एक
ॉ लम होगी। ठीक ह, यह दूसरे धम क लड़क से शादी करने िजतना बुरा नह ह, फर भी यह तक़रीबन वैसी हां
बात ह।'
‘ले कन मने अ छी पढ़ाई क ह। मने आईआईएमए म एमबीए कया ह और म एचएलएल के िलए जॉब करती
।ँ और हाँ, ड ग हाँकने के िलए सॉरी, ले कन म दखने म भी ठीक-ठाक ।ँ '
‘इन सब बात से कोई फ़क नह पड़ता। तुम तिमल हो। म पंजाबी।'
अन या ने ऑफ़र लेटर को फ़ो ड कर बैग म रख िलया और बैग को फर जमांने लगी।
‘कु छ कहो ना।'
‘म इस बैकवड बातचीत का िह सा नह बन सकती,’ उसने कहा।’ लीज़, अपने पंजाबी िबरादर से इस बारे
म बात करो।'
वह जाने के िलए उठ खड़ी ई। मने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर ख च िलया।’ कमऑन अन या, जब
तु हारे पैरट् स को पता चलेगा क तु हारा एक पंजाबी बॉय ड ह तो या वे भी नाराज़ नह ह गे?'
‘नह । मुझे तो ऐसा नह लगता।'
‘तुमने उ ह इस बारे म बताया ह?'
‘नह ।'
‘ य ?'
‘म सहां व त का इं तज़ार कर रही ।ं कं वोके शन दो ह ते बाद है। वे लोग यहाँ आएँगे। म तु ह उनके सामने
इं ोड् यूस क ं गी। उ ह यह बताने के बजाय क तु हारे पूवज कहाँ ज मे थे, तुम यह बताना क तुमने िज़ दगी म या
कया ह? वे तु हारे पैरट् स से भी िमल सकते ह। वे आ रहे ह ना?'
‘माँ आ रही ह। िपताजी के बारे म नह पता।'
‘ या बात ह?'
‘इस बारे म बात न कर, तो हां अ छा ह।'
‘तुम अपनी होने वाली प ी को भी नह बताओगे? तुमने उ ह इनवाइट कया ह?'
‘नह ।'
वह उठ खड़ी ई। म भी उठ गया।’ चलो, एसआंटीडी बूथ पर चलते ह,’ उसने कहा।
‘अभी?’
‘तु हारी अपने पापा से लड़ाई अब ब त आगे बढ़ रही ह।'
‘अभी पीक ऑवर रे ट्स ह।'
‘आई ड ट के यर।'
हम िवजय चार रा ता के क़रीब एसआंटीडी बूथ तक प च ं े। मने घर का नंबर िमलाया।
‘हाय मॉम, म बोल रहा ।ं '
‘ श, हम टकट बुक करा लेने चािहए। म आ रही ।ं िश ा मांसी आना चाहती ह। र ी मांमां और कमला
आंआंटी भी।'
‘मॉम, डैड आ रहे ह?'
‘नह ,’ उ ह ने कहा और चुप हो ग ।
‘यह मेरा कं वोके शन ह,’ मने कहा।
‘वे कह रहे ह क उ ह कु छ काम ह।'
‘वे रटायर हो चुके ह। कै सा काम?’ मीटर बढ़कर बीस पए तक प च ं गया।’ तुम उनसे बात करो, शायद वे
पसनल इि वटेशन चाहते ह ,’ माँ ने कहा।
‘म उनसे बात नह क ँ गा। वे ख़द नह आना चाहते?'
‘नह , तुम उनसे आने को य नह कहते?’ उ ह ने ज़ोर देते ए कहा।
‘मॉम, नह । अगर वे नह आना चाहते तो म उनसे बात नह करना चाहता।'
‘ठीक ह। मांसी और मांमां तो आ सकते ह ना?'
‘ र तेदार को साथ लेकर मत आओ,’ मने अनुरोध करते ए कहा।
‘ य ? वे तु ह कतना चाहते ह। वे तु ह देखना चाहते ह... '
‘मॉम, म आपको कसी से िमलाना चाहता ।ं '
‘कौन?'
‘आप ख़द देख लगी,’ मने कहा।
म बूथ से बाहर चला आया और अन या के साथ वापस लौट आया। आिखर ऐसा कौन-सा बाप होगा, िजसे
अपने बेटे के कं वोके शन पर आने के िलए उससे इं िवटेशन चािहए? मने ख़द से कहा।
‘तुमने उ ह इनवाइट कया?’ अन या ने पूछा।
‘डैड नह आ रहे ह,’ मने कहा।
‘ य ?'
‘अन या, हमारे बीच कसी तरह का कोई संबंध नह ह। इसे कभी फ़ स करने क कोिशश मत करना, ओके ?’
‘ले कन आ या?'
‘म इस बारे म बात नह करना चाहता।'
‘ फर वहां जवाब।'
‘तुमने भी तो फर वहां सवाल पूछा था।'
‘तु ह उनक फ़ ह। तुम अपसेट हो।'
‘म पीक ऑवर रे ट्स का िबल चुकाने को लेकर अपसेट ।ं अब सुनो, मने जैसे-तैसे अपनी मांसी और आंटी को
आने से रोका ह। के वल माँ आ रही ह। तुमने कु छ सोच रखा ह ना?'
वह आगे बढ़ गई।’ यह दोन प रवार क बेहतरीन पहली मुलाक़ात होगी। हम कु छ ख़ास करना चािहए।'
‘जैसे क एक-दूसरे को शूट कर देना?'
‘शट अप। सब कु छ ठीक-ठीक रहेगा। उ ह यह जानकर ब त अ छा लगेगा क मेरा बॉय ड आईआईआंटी से
ह।'
‘वे मेरी ेड्स तो नह पूछगे ना?'
‘पूछ सकते ह। बट के यस। तुम ज द हां िसटीबक जॉइन करने वाले हो। सुनो, या हम उनके साथ कह
बाहर घूमने चलने का ो ाम बनाना चािहए?'
‘म योर नह ँ क हमारे प रवार एक-दूसरे के साथ इतना समय िबताना चाहगे।'
‘ऑफ़ कोस, दे वुड। तुम बस मुझ पर छोड़ दो। इस मुलाक़ात के बाद तु हारी मॉम मुझे तुमसे भी यादा यार
करने लगगी,’ उसने कहा। हम कै पस के गेट्स तक प च
ं चुके थे।

क वोके शन से एक दन पहले मने माँ को अहमदाबाद रे वे टेशन पर रसीव कया। अन या के पैरट् स लाइट से
आए थे। उसके िपता ने एलटीसी का इ तेमांल कया था, िजसके कारण उ ह हर चार साल म एक बार लाइट का
उपयोग करने क सुिवधा िमलती ह। माँ दो सूटके स लेकर आई थ । एक म उनके कपड़े थे तो दूसरे म द ली क
अलग-अलग दुकान क िमठाइयां।
‘मुझे कॉलेज म पाँच दन और िबताने ह। इतनी िमठाइयां य ?’ मने उनसे पूछा। हम एक ऑटो म बैठकर
कै पस आ रहे थे।
‘िमठाइयां हमारे िलए। और उन लोग के िलए, जो हमसे िमलगे। लोग कहगे क मेरा बेटा ेजुएट हो रहा ह
तो या म उनका मुंह मीठा न कराऊंगी? म तो खाना भी पैक करा लाती। म मीठी गुजराती दाल नह खाना चाहती।
या गुजराती दाल वाक़ई ब त मीठी होती ह?'
‘इतनी मीठी भी नह होती। ख़ैर, म तु ह कसी से िमलाना चाहता ं मॉम,’ मने कहा। हमांरा ऑटो रे वे
टेशन के क़रीब संकरी गिलय से िनकलने क ज ोजहद कर रहा था।’ कससे?'
‘एक लड़क ह,’ मने कहा।
‘तु हारी गल ड ह? गल ड?’ उ ह ने कु छ इस तरह कहा, जैसे क मने एड् स के साथ कोई कां ै ट कर िलया
हो।
‘एक ब त अ छी दो त,’ मने उ ह थोड़ा शांत करने के िलए कहा।
‘अ छी दो त? या तु हारे बुरे दो त भी ह?'
‘नह मॉम। हम साथ-साथ पढ़ते थे। हमने कई ोजे स साथ-साथ कए।'
‘ओके । या उसे अ छा जॉब िमला?'
‘एचएलएल। वहां कं पनी, जो सफ़ बनाती ह। और रन और लाइफ़बॉय और कसान साँस भी।’ म इस उ मीद
म एचएलएल के ोड स के नाम लेता गया क शायद उनम से कसी से वे भािवत हो सक।
‘और कसान जैम भी?’ उ ह ने तीस सेकंड सोचने के बाद कहा।
‘येस, वह मांक टंग म ह। यह मांक टंग का सबसे मह वपूण जॉब ह।'
‘तो या उसे जैम िमलगे?'
‘शायद,’ मने यह सोचते ए कहा क आिखर बातचीत को वापस पटरी पर कै से लाया जाए।’ ले कन पॉइं ट यह
नह ह।'
‘हां, यह तो ह। तो, या हम तु हारे कॉलेज जाने से पहले कह रा ते म लंच करना होगा या खाना वह
िमलेगा? भैया, यही कोई अ छे रे टोरट ह?’ उ ह ने ऑटो ाइवर से पूछा।
‘मॉम, टॉप इट। म एक ज़ री बात कर रहा ।ं '
ले कन मां ने कहा,‘ऑटो ाइवर को हमेशा अ छी जगह पता होती ह।'
‘कह कने पर ए ा चाज लगेगा, मैडम,’ ऑटो ाइवर ने सड़क के हर पीड ेकर क हां तरह मुझे भी
इ ोर करते ए कहा।
म मां का यान अपनी ओर ख चने के िलए उ ह टकटक लगाकर देखने लगा। उ ह ने मुझे देखकर कहा,’
या?'
‘उसका नाम अन या ह। उसके पैरट् स भी आए ह। म चाहता ं क आप उनसे िमल और उनसे अ छी तरह पेश
आएं।'
‘तुम िजससे कहोगे, म उसी से िमलूंगी। और ये बताओ क म भला कब कसी से अ छी तरह पेश नह आती
?ं '
‘मॉम...’ मने कहा, ले कन उ ह ने मुझे बीच म हां रोक दया।
‘रा ते से कु छ िबि कट लेते चलते ह। चाय के साथ िबि कट अ छे लगते ह।’ ‘मॉम,’ ‘मने िच लाते ए कहा।’
म यही तो नह चाहता। म चाहता ं क आप उनसे इ मीनान से िमल और खाने या ै स या चाय को लेकर यादा
ऑ से ड न रह। उन पर अ छा इं ेशन पड़ना चािहए।'
मां ने मुझे एक डट लुक दी। मने कोई ित या नह क ।
‘भैया, ऑटो घुमाओ। म वापस जा रही ,ं मां ने कहा।’ म द ली से यही तु हारा कं वोके शन अटड करने आई
ं और अपने साथ चार अलग-अलग दुकान क
िमठाइयां लाई ं और तुम कह रहे हो क मेरा अ छा इं ेशन नह पड़ेगा। ठीक ह, य द मेरे होने से अ छा
इं ेशन नह पड़ता तो म जाऊंगी हां नह ।'
मां धीमे-धीमे बड़बड़ाती रह । वे ऑ फिशयली अपने ामा मोड म आ गई थ । ाइवर ने ऑटो रोक दया।
‘ या आ? तुमने ऑटो य रोक दया?’ मने तैश म आकर पूछा।
‘मैडम वापस जाने को कह रही ह।'
‘मॉम,’ मने खीझभरे लहज़े म कहा।
‘अ छा, तो तु ह यह याद ह क म तु हारी मां ?ं म तो समझी थी क तु ह के वल अपनी दो त के पैरट् स क
चंता ह।'
मां क आवाज़ म गु सा भरा आ था। मुझे आपातकालीन क़दम उठाने थे।
‘यही पास म हां एक जगह ब त अ छी पाव-भाजी िमलती ह। भैया, हम लॉ गाडन ले चलो।'
‘मुझे भूख नह ह,’ मां ने कहा।
‘के वल टे ट करने के िलए,’ ‘मने कहा। मने ऑटोवाले का कं धा थपथपाया। वह लॉ गाडन क ओर मुड़ गया।
मने ए ा बटर वाली पाव-भाजी और ल सी ऑडर क ।
कसी भी पंजाबी का गु सा शांत करने के िलए डेयरी ोड स से बेहतर कु छ और नह हो सकता।
‘ये लड़क कौन ह?’ उ ह ने ल सी पीने के बाद कहा।
‘कोई ख़ास नह । जब मने उसे बताया क आपने मुझे कतनी मुि कल से बड़ा कया ह, तो उसने कहा क वह
आपसे िमलना चाहती ह,’ मने झूठ बोलते ए कहा।
ए ा बटर शायद मेरी बात म था। मां शांत हो ग ।’ तुमने उसे सब कु छ बता दया?’ उ ह ने पूछा।
‘नह , सब नह । बस थोड़ा-ब त। हां, उसके पैरट् स थोड़े फ़ॉमल ज़ र हो सकते ह। इसीिलए मने अ छे
इं ेशन वाली बात कहां थी। नह तो, आपसे िमलकर कसे खुशी नह होगी?'
‘गुजराती मीठे म या लेते ह? या वे सारी श र खाने म हां डाल देते ह?’ मां ने फर अपना वहां राग
अलापना शु कर दया था।
10
अगली सुबह दो सौ े श एमबीए ेजुएट् स और उनके हद से यादा गौरवाि वत पैरट् स लुई कान लाज़ा लॉ स म
कॉ वोके शन के िलए बैठे थे। मु य अितिथ चांदी का च मच मुंह म लेकर पैदा होने वाला एक युवा उ ोगपित था,
िजसने टू डट् स से कड़ी मेहनत करने और टॉप पर आने का आ वान कया। िड ी बांटने और दो सौ टू डट् स के साथ
फ़ोटो खंचवाने का मुि कल िज मा भी उसे हां स पा गया था। हम मैनेजमट म अपना पो ट ेजुएट िड लोमा लेना
था, जो क ताउ मोटी तन वाह पाने का टकट था। अन या चाहती थी क हर चीज़ पेरफ़े ट हो। वह लॉन म आधा
घंटा पहले हां प चं गई थी ता क अपने और मेरे प रवार के िलए छह सीट रोक सके ।
मां ने अपनी सबसे बेहतरीन साड़ी पहनी। मने ेजुएशन रोब पहना, िजसे म तीस पए म कराये पर लाया
था।
‘मॉम, ये अन या ह। अन या, ये मेरी मॉम,’ काय म म प च ं ने पर मने कहा।
अन या ने मां से हाथ िमलाने के िलए अपना हाथ बढ़ाया। ऐसा लगा जैसे मां शॉ ड रह गई ह । अन या मां के
पैर छू ती तो ब त हां अ छा होता, ले कन कम से कम उसे नम ते तो करना हां चािहए था। हाथ िमलाने जैसी मॉडन
चीज़ पैरट् स को ब त नह जंचत ।
‘हलो आंटी। मने आपके बारे म ब त कु छ सुना ह,’ अन या ने कहा।
‘ए चुअली, जब से म आई ,ं तब से म भी तु हारे बारे म हां सुन रही ।ं ’ मां ने मु कराते ए कहा, िजससे
उनके लहज़े म छु पा कटा छु प गया।
‘चलो बैठ जाते ह। अन या, तु हारी फ़ै िमली कहां ह।?’ मने कहा। हम सभी बैठ गए।’ मां को साड़ी पहनने म
ब त समय लगता ह। इसिलए म पहले यही चली आई ता क अ छी सीट रोक सकूं ।'
अन या ने वहां मोरपंिखया साड़ी पहनी थी, जो उसने एचएलएल इं टर ू वाले दन पहनी थी। उसने मुझे
अपनी ओर देखते पाकर एक लाइं ग कस दया। ग़नीमत थी क इस पर मां का यान नह गया। मने िसर िहलाकर
अन या से अनुरोध कया क वह डेकोरम का यान रखे।
अन या के पैरट् स दस िमनट बाद आए। उसके िपता ने झक सफ़े द क़मीज़ पहनी थी, जैसी क िडटजट के
िव ापन म दखाई जाती है। उसक मां क मैजटा-गो डन कांजीवरम साड़ी लॉन के कसी भी कोने से देखी जा
सकती थी। उ ह देखकर लगता था क वे गो डन पट के कसी म म िगर गई थ । उनके पीछे चौदह साल का
एक च मीश लड़का चल रहा था, मानो वह इस शाम िड ी पाने वाले कसी एमबीए का िमिनएचर हो।
‘हलो मॉम,’ अन या ने कहा और खड़ी हो गई। उसक आवाज़ पुलक से भरी ई थी।
‘से टी िपन इ ला सम थंग सम थंग,’ उसक मां ने जवाब दया। मां और बेटी तिमल म बितयाने लगे।
अन या के िपता ने कै मरा िनकाला और हमारे इद-िगद मौजूद हर चीज़ जैसे लॉन, टेज, कु सयां, माइक वग़ैरह क
त वीर लेने लगे। उसके छोटे भाई के पास करने को कु छ न था, िसवाय अपने नए बटन-डाउन कॉलर शट म असहज
नज़र आने के । मां ने उनक बात सुन तो उनका मुंह खुला का खुला रह गया।
मने धीमे-से कहा,’ चलो हम अपने को इं ोड् यूस करते ह।'
‘ये लोग म ासी ह?’ मां ने पूछा। वे शॉ ड थ ।
‘ श, तिमल,’ मने कहा।
‘तिमल?’ मां ने मेरे श द को दोहराते ए कहा। अन या हम इं ोड् यूस कराने लगी।
‘मां, ये श ह, और ये ह श क मां।'
‘हलो,’ अन या क मां ने कहा। वे भी उतनी हां त ध नज़र आ रही थ , िजतनी मेरी मां थ ।
‘इज़ंट दस कू ल? हमारे प रवार पहली बार एक-दूसरे से िमल रहे ह,’ अन या ने चहकते ए कहा, ले कन
सभी ने उसक इस बात को इ ोर कर दया।
‘ श के िपता नह आए ह?’ अन या के िपता ने पूछा।
‘उनक तिबयत ठीक नह ह,’ मां ने ब त कोमल वर म कहा।’ वे हाट पेशट ह। उ ह डॉ टर ने यादा सफ़र
नह करने क िहदायत दी ह।'
मां ने इतनी सफ़ाई से झूठ बोला क म भी उनके िलए सहानुभूित महसूस करने लगा। अन या के पैरट् स ने
सहमित म िसर िहलाया। उ ह ने एक-दूसरे से तिमल म धीमे से कु छ कहा और फर अपनी-अपनी जगह बैठ गए।
‘मुझे जाना चािहए, मेरा नाम पहले आएगा,’ अन या ने िखलिखलाते ए कहा और टू डट् स क क़तार म
शािमल होने चली गई।
म अपनी मां और अन या क मां के बीच सडिवच क तरह बैठा रहा।
‘आप अन या क मां के क़रीब बैठना चाहगी?’ मने अपनी मां से पूछा।
‘ य ? ये लोग कौन ह?’ उ ह ने मुझे घुड़कते ए कहा।
‘नाराज़ मत होओ, मॉम। म तो के वल इसिलए पूछ रहा था, य क मुझे भी ज द हां उस क़तार म शािमल
होना ह।'
‘तो जाओ। म यही तु ह देखने आई ,ं म ािसय के पास बैठने के िलए नह । और अब मुझे चुपचाप देखने दो,’
उ ह ने कहा।
मु य अितिथ ने िड लोमा िडि यूशन शु कर दया था। लोग ने तािलय क गड़गड़ाहट के साथ टू डट् स
का अिभनंदन कया। ले कन शु आती टू डट् स के बाद वे ऊब गए और कॉ वोके शन ोशस से ख़द को पंखा झलने
लगे।
‘हम उनसे जान-पहचान बढ़ानी चािहए। शायद हम साथ-साथ लंच करने जाएंगे,’ मने कहा।
‘तुम जाओ उनके साथ लंच करने, म अके ले हां लंच कर सकती ,ं ’ मां ने कहा।
‘मॉम...’ मने बोलना शु हां कया था क अनाउं सर ने अन या का नाम पढ़ा। अन या टेज पर प च ं ी। शायद
वह इकलौती ऐसी टू डट थी, जो फ़ोटो ख चने लायक़ थी। म खड़ा हो गया और तािलयां बजाने लगा।
मां ने मुझे एक डट लुक दी।’ बैठ जाओ, उसके पैरट् स तक खड़े नह ए ह।‘ म मने नह कहा। म बैठ गया।
अन या के पैरट् स इ मीनान से तािलयां बजाते रहे और अ छी तरह देख पाने के िलए गदन उचकाकर देखते रहे।
अन या क मां ने मुझे संदेहभरी नज़र से देखा। मने रयलाइज़ कया क मने अभी तक उनसे बात नह क थी।
बातचीत शु करो, इिडयट, मने ख़द से कहा।
‘आपक बेटी तो टार ह। आपको ब त गव का अनुभव हो रहा होगा,’ मने कहा।’ हम इसक आदत ह। वह
कू ल के दन से हां पढ़ाई म ब त अ छी रही ह,’ उ ह ने जवाब दया।
फर मने उसके िपता से बात करने क कोिशश क ।’ आप यही कतने समय के िलए ह, अंकल?'
अंकल ने मुझे ऊपर से नीचे तक कु छ इस तरह देखा, जैसे मने उनक सी े ट पसनल फटिसय के बारे म कु छ
पूछ िलया हो।
‘हम परस चले जाएंगे, य ?’ उ ह ने कहा।
कु छ ‘ य ’ ऐसे होते ह, िजनका कोई जवाब नह हो सकता, िसवाय इस त य के क म तो महज़ बातचीत
करने क कोिशश कर रहा था।’ न थंग, अन या और
म सोच रहे थे क या आप शहर घूमना चाहगे? हम एक कार शेयर कर सकते ह,’ मने कहा।
अन या क मां हमारे बीच बैठी थ और वे मेरे एक-एक श द को सुन रही थ । उ ह ने अपने पित से तिमल म
कु छ कहा।’ सम थंग सम थंग गांधी आ म सम थंग रकमड सम थंग।'
‘गाधी आ म ब त अ छी जगह ह। मेरी मां भी उसे देखना चाहती ह।‘ मने कहा।
‘ या?’ मां ने अपनी सीट से कहा।’ तु ह टेज पर नह जाना ह श? तु हारी बारी आने वाली ह।'
‘हां,’ मने कहा और खड़ा हो गया। गांधी आ म दोन प रवार के िलए अ छी शु आत हो सकता ह। गांधीजी
शांित और रा ीय अखंडता के तीक थे, शायद इससे हम सभी को कु छ ेरणा िमल सके ।
‘तो जाओ,’ मां ने कहा।
‘ को,’ मने कहा और उनके पैर छू ने के िलए झुका।
‘थक गॉड क तु ह यह याद था। मुझे तो लगा था क तुम अन या क मां के पैर छु ओगे,’ उ ह ने कहा।
मां क आवाज़ अन या क मां के कान तक प च ं ने के िलए काफ़ थी। उ ह ने एक-दूसरे को कु छ इस तरह देखा
क बैक ाउं ड म एके -47 बुलेट्स क ठांय-ठांय सेट क जा सकती थी। यक़ नन, कोई मोहनदास करमचंद गौधी ही
उनम मेल-िमलाप करवा सकता था।
‘मॉम, कं ोल,’ मने धीमे-से कहा।
‘म तो कं ोल म ही ।ं ले कन ये साउथ इं िडयंस नह जानते क अपनी बे टय को कै से कं ोल म रखा जाए।
हेमा मािलनी से लेकर ीदेवी तक, सभी क सभी पंजाबी मद के पीछे पड़ी ई ह।'
मेरी मां ने यह बात इतने ज़ोर से कही थी क पूरी क़तार ने यह सुन िलया। चंद ल ह के िलए लोग का यान
कॉ वोके शन सेरेमनी से हटकर हमांरी ओर क त हो गया। अन या क मां ने अपने पित को ह के से कोहनी मारी। वे
खड़े हो गए अन या के म रयल-से भाई को बीच म ख चा और पाँच क़तार दूर एक ख़ाली जगह पर जाकर बैठ गए।
‘मॉम, ये आप या कर रही ह?’ मने िसर पर ेजुएशन कै प को संभालते ए कहा।
‘क या ी बैनज ,’ अनाउं सर ने माइक पर कहा और म समझ गया क म ब त लेट हो चुका ।ं म अपना
िपछला कॉ वोके शन इसिलए िमस कर गया था, य क उस सुबह मेरी न द देरी से खुली थी। म यह कॉ वोके शन
िमस नह करना चाहता था।
‘आिखर मने ऐसा या कह दया? यह तो फ़ै ट ह,’ ‘मां ने कहा। वे बात तो मुझसे कर रही थ , ले कन वे मानो
हर उस ि को संबोिधत कर रही थ , िजसका यान हमांरी बातचीत पर था। हमांरी बातचीत कसी भी उबाऊ
िड ी िडि यूशन सेरेमनी पर भारी पड़ सकती थी।
‘ श...’ ‘अपना नाम सुनते ही मने दौड़ लगा दी। पाँच मोिहत टेज के नज़दीक मेरा इं तज़ार कर रहे थे। म
टेज चढ़ते समय उ ह देखकर मु करा दया। मु य अितिथ ने मुझे मेरा िड लोमा दया।
मां खड़े होकर तािलयां बजा रही थ ।’ आई लव यू,’ उ ह ने चीखते ए कहा। म उनक ओर देखकर मु करा
दया। िपछले दस साल से मेरे िपता उ ह कह रहे थे क उनका बेटा िज़ दगी म कु छ भी हािसल नह कर पाएगा।
मने अपना िड लोमा उठाया और ऊपर देखकर भगवान का शु या अदा कया।
‘मूव, अगले टू डट क भी बारी आने दो,’ अनाउं सर ने कहा, य क म भावुक होकर बार-बार मु य अितिथ
को ध यवाद दए जा रहा था। जैसे ही म नीचे प च ं ा, मुझे अन या के पैरट् स दखाई दए। मेरे िलए तािलयां बजाना
तो दूर, उ ह ने मेरे टेज पर प चं ने पर कोई ित या तक नह क थी। म अपनी सीट पर लौट आया। अन या
हमांरी क़तार के एं स पर खड़ी थी और वह ब त परे शान लग रही थी।’ म दो त के साथ कु छ फ़ोटो खंचवाने म
पीछे रह गई थी। मेरे पैरट् स कहा ह?'
‘पाँच क़तार पीछे,’ मने कहा।
‘ य ? या आ?'
‘कु छ नह । वे सेरेमनी को यादा क़रीब से देखना चाहते थे,’ मने कहा।
‘मने कार बुक कर ली ह। सेरेमनी ख़ म होने के बाद हम सभी घूमने जा रहे ह, राइट?’ '
‘अन या, अपने पैरट् स के पास जाओ,’ मां को अपनी तरफ़ ताकते देखकर मने दृढ़ता के साथ उससे कहा।
11
‘हम पहले ही टै सी के िलए पैसे दे चुके ह,’ मने कहा।’ तो, आप हमारे साथ चल सकती ह। यह एक बजट
ए सरसाइज़ ह।'
म और मां कै पस के बाहर टै सी टड क ओर चले जा रहे थे। मां क क़तई मंशा नह थी क िम टर गांधी के
रहने क जगह देख। शहर के बाहर ि थत साबरमती आ म हमेशा पयटक के आकषण का क रहता था। अन या ने
टोपाज़ से छोटे-छोटे पैकेट म लंच पैक करवा िलया था। उसके अनुसार साबरमती नदी के क़रीब कह िपकिनक
मनाना एक बेहतरीन कोडाक मोमट था। िनि त ही, उसे उस िम ड कोडाक मोमट के बारे म कु छ नह पता था, जब
मेरी मां ने कु छ साउथ इं िडयन अिभनेि य के बारे म कु छ इनसाइटफु ़ल कमट् स कए थे।
‘हमने एक ािलस बुक कराई थी,’ मने ाइवर से कहा, जो एक इं िडका के क़रीब खड़ा था। अन या और
उसका प रवार पहले ही टै सी टड पर प च ं चुका था उसक मां को देखकर लग रहा था, जैसे उ ह ने अभी-अभी
कसी पर भुनभुनाते ए अपनी भड़ास िनकाली हो, ले कन शायद यह उनका नेचरल ए स ेशन था।
‘ ािलस इले शन ड् यूटी पर गई है। हमारे पास के वल यही ह,’ ाइवर ने हथेली पर खैनी रगड़ते ए कहा।
‘इसम हम सब कै से आ सकते ह?’ मने पूछा।
‘हम इससे दोगुने पैसजर भी इसी म ले जाते ह,’ ाइवर ने कहा।
‘चलो ऑटो कर लेते ह,’ मने कहा।
‘म कसी ऑटो-वॉटो म नह जा रही ,ं ’ मां ने बेकसीट पर बैठते ए कहा।’ आप आगे बैठ सकते ह और मैडम
को अपने पास बैठा सकते ह,’ ाइवर ने अन या क ओर इशारा करते ए कहा। अन या क मां ने ाइवर को कु छ यूं
घूरकर देखा क यह उसे दनभर चुप कराने के िलए काफ़ था।
‘मॉम, या आप ऑटो से आ सकती ह?’ अन या ने अपनी मां से अनुरोध भरे वर म कहा।
‘ य , हमने भी इसके िलए पैसा दया ह,’ उ ह ने कहा।’ सम थंग सम थंग इ ला इ ला!'
‘सेरी, सेरी, अ मा,’ अन या ने कहा।
आिखर हम कसी नतीजे पर प च ं े। अन या के िपता आगे बैठे और अन या उनके पास बैठी। अन या क मां
पीछे बैठ और अपने बेटे को गोद म बैठा िलया। मेरी मां पहले ही ाइवर के पीछे एक वंडो सीट ले चुक थ । म
दोन मिहला के बीच जैसे-तैसे अपनी जगह बनाकर बैठ गया।
साबरमती आ म कै पस से आठ कलोमीटर दूर था। रा ते म सभी चु पी साधे रहे और इस वजह से बीस
िमनट क ाइव भी एक घंटे क लगी। अन या ने अपने पैरट् स से बात करने क कोिशश क , ले कन वे उसक बात
को अनसुनी करने का दखावा करते रहे और िखड़क से बाहर िसर िनकालकर बैठे रहे। मेरी मां ने नाइस िबि कट् स
का एक पैकेट िनकाला और कसी को भी ऑफ़र कए िबना उ ह खाना शु कर दया। अलब ा उ ह ने मां का हक
जताते ए मेरे मुंह म ज़ र एक िबि कट ठूं स दया। ज़ािहर ह, म मना नह कर सकता था।

‘सब लोग इतने चुप य ह,’ अन या ने मुझसे पूछा। हम आ म के टकट काउं टर पर जा रहे थे।
‘मेरी मां ने कं वोके शन के दौरान एक िसली कमट कया था,’ मने कहा। म उ मीद कर रहा था क अन या
यादा िडटेल म नह पूछेगी।
‘ या कहा था उ ह ने?’ अन या ने छह टकट के िलए पैसे िनकालते ए कहा।’ उ ह ने या कहा, यह ज़ री
नह ह, ले कन उसी के बाद तु हारे पैरट् स वहां से चले गए थे।'
‘उ ह ने ए ज़ै टली या कहा था?’ अन या ने ज़ोर देते ए पूछा।
‘कु छ नह , बस यही क साउथ इं िडयन औरत कु छ लूज़ होती ह वग़ैरह-वग़ैरह। कोई ख़ास बात नह ।'
‘ या?’ अन या ने मेरी ओर देखा। वह शॉ ड थी।
‘यह मने नह कहा, यह उ ह ने कहा। िसली कमट था। इ ोर कर दो।'
‘मुझे समझ नह आ रहा ह क या क ,ं ’ अन या ने कहा।
‘कु छ नह । बस कु छ ऐसा करो क सभी म फर से बातचीत शु हो जाए,’ मने कहा। अब हम मेन एं स क
ओर बढ़ रहे थे।
हम आ म के भीतर चले आए। गांधीजी यही 1915 से 1930 तक रहे थे। उनक मश र डांडी या ा भी इसी
आ म से शु ई थी। अन या ने एक गाइड को अपॉइं ट कया। इसक एकमा वजह यही थी क उसक बात सुनने
के िलए ही सही, ले कन सभी एक साथ चलते रह। हम दशनी से होकर गुज़रे , जहां गांधीजी क कई त वीर,
प टं स, प और लेख द शत थे।
‘और जब िम टर गौधी ने 1930 म डांडी या ा शु क , तो उ ह ने कसम खाई क वे तब तक इस आ म म
लौटकर नह आएंगे, जब तक भारत को वतं ता नह िमल जाती,’ गाइड ने सु िशि त नाटक य वर म कहा।’
और उस दन के बाद वे कभी लौटकर नह आए।'
‘ या देश को आज़ादी िमलने के बाद वे यही आए थे?’ अन या क मां ने पूछा।
‘आह,’ गाइड ने आह भरी,’ नह , वे नह आ सके । देश को आज़ादी िमलने के छह माह के भीतर ही उ ह गोली
मार दी गई।'
मेरी मां सवाल पूछने म कसी से पीछे नह रहना चाहती थ । उ ह ने गाइड से पूछा,’ डांडी या ा का यह नाम
या इसिलए पड़ा क वे अपने हाथ म एक डांडी लेकर चलते थे? '
गाइड हँस पड़ा। उसक तमांम हरकत क तरह उसक हँसी भी नाटक य थी।’ भारत के महानतम ि के
बारे म हम कतना कम जानते ह। नह मैडम, डांडी एक जगह का नाम ह। वह यही से पाँच सौ कलोमीटर दूर ह,’
गाइड हम एक न शे के पास ले गया और एक समु तटीय क बे क ओर इशारा कया।
अन या क मां अपने पित क ओर मुड़ी और तिमल म कु छ कहा।’ सम थंग सम थंग इ ला नॉलेज पंजाबी
पीपुल सम थंग।'
‘सेरी, सेरी,’ अन या के िपता ने सरसरी तौर पर कहा। वे न शे को ग़ौर से देख रहे थे।
अन या क मां ने अपनी बात जारी रखी,’ इं टेले चुअली, क चरली ज़ीरो। सम थंग सम थंग ास
अनएजुकेटेड सम थंग।'
मुझे नह पता क अन या क मां को यह पता था या नह क वे बीच म कु छ अं ेज़ी के श द भी बोल रही थ
या शायद उ ह ने जानबूझकर उन श द का इ तेमांल कया था। उ ह ने वापसी कर ली थी। मेरी मां ने उनक बात
सुन और मेरी ओर देखा। गाइड के चेहरे पर चंता क लक र नज़र आने लग । उसक ब शीश ख़तरे म थी।
‘सो यू सी, गांधीजी को यह दृढ़ िव ास था क देश के सभी लोग एक ह। ख़ैर, चिलए अब गांधीजी क िनजी
चीज़ देखते ह। इधर आइए, लीज़,’ गाइड ने बीच म दख़ल देते ए कहा। दोन मांएं एक-दूसरे को सद िनगाह से
देख रही थ ।
हम आ म प रसर म एक पेड़ के नीचे लंच करने बैठे, ले कन ऐसा लग रहा था जैसे सभी को पाला मार गया
हो। सभी चुपचाप खा रहे थे क अन या ने यह ख़बर सुनाई : ‘हम एक-दूसरे को पसंद करते ह।'
सभी ने एक-दूसरे क ओर कं यूज़न म देखा। इस ुप म अिधकांश लोग ऐसे थे, जो एक-दूसरे को पसंद नह
करते थे।
‘ श और म, हम एक-दूसरे को पसंद करते ह,’ अन या ने मु कराते ए कहा।
‘मने कहा था ना। मुझे लग रहा था क कोई िखचड़ी पक रही ह...’ मां ने अपनी चपाती तोड़ते ए कहा।
‘ चंता करने क कोई बात नह ह। हम तो अपनी खुिशया आपसे बांटना चाहते थे। हम एक-दूसरे से यार
करते ह,’ अन या ने कहा।
‘शट अप, अन या!’ अन या क मां ने उसे ग़ से से घूरते ए कहा। मुझे लगा कह वे उसे तमांचा न जड़ द।
मुझे यह भी लगा क कह अन या अपना दूसरा गाल न आगे कर दे। आिखर हम गांधी आ म म जो बैठे थे।
‘म साउथ इं िडयन लड़ कय के बारे म ठीक यही कहना चाह रही थी। अके ले द ली म ही इस तरह के कई
मामले देखे जा सकते ह,’ मेरी मां ने कहा। वे फर से अन या क मां पर हावी होने के िलए बेताब थ ।
‘मॉम, िचल,’ मने कहा।
‘ या मने कु छ कहा?’ मां ने पूछा।
‘उठ जाओ’ अन या क मां ने अपने पित से कहा और वह रमोट से चलने वाली टीवी क तरह उनका आदेश
मानकर खड़े हो गए। उ ह देखकर अन या का भाई भी उठ गया।
‘हम ऑटो से वापस लौट जाएंगे,’ अन या क मां ने कहा।
अन या हरान–सी पेड़ के नीचे बैठी रही।
‘तुम चलोगी या इन लोग के ही साथ रहोगी?’ अन या क मां ने पूछा।
‘मॉम, लीज़!’ अन या क आवाज़ सुनकर लगा जैसे वह अभी रो पड़ेगी।
अन या क मां उसे अपने साथ ख चकर ले ग । गाइड ने उ ह जाते ए देखा ले कन उसे माजरा समझ नह
आया। मने उसे पे कया और मां के पास चला आया। उ ह ने टोपाज़ का बचा-खुचा पनीर ट ा मसाला ख़ म कया।
‘वे लोग चले गए,’ मने कहा।
‘गुड। अब कार म यादा जगह िमलेगी,’ ‘उ ह ने कहा।

Downloaded from Ebookz.in


अंक 2: द ली

Downloaded from Ebookz.in


12
‘इतने यान से या पढ़ रहे हो?’ मां ने डाइ नंग टेबल पर भंडी कतरते ए पूछा।’ िसटीबक का ए लाई फ़ाम। मुझे
पचास पेज भरने ह गे। वे सबकु छ जानना चाहते ह, जैसे तु हारी मां का ज म कहां आ था।'
‘लाहौर से द ली के रा ते पर। तु हारी दादीमां ने मेरी िडलेवरी पंजाबी बाग के करीब एक कामचलाऊ टट म
कराई थी।'
‘म द ली िलख देता ,ं ’ मने कहा।
िसटीबक जॉइन करने से पहले म दो महीने क छु ट् टी पर घर आया था। अभी अ ैल ही चल रहा था, ले कन
द ली का तापमान अभी से चालीस िड ी सटी ेड पार कर चुका था। मेरे पास करने को कोई ख़ास काम न था,
िसवाय अन या को दन म एक बार कॉल करने या उसके कॉल का इं तज़ार करने के । म मां के पास बैठा था। वे खाना
पका रही थ । पापा अभी तक घर नह लौटे थे और कसी को भी ठीक से पता नह था क वे कहा ह, या शायद कसी
को परवाह भी न थी।
‘ या इसी फ़ाम म लोके शन क चॉइस भी भरनी ह?’ मां ने पूछा।
मने उनके हाथ को देखा। जब मने कॉलेज जॉइन करने के िलए घर छोड़ा था, तब क तुलना म अभी उनके
हाथ यादा झुर दार थे। उ ह ने एक भंडी क टोपी और पूंछ आंटी और उसे बीच से चीर दया।
‘हां,’ मने कहा।
‘तुमने द ली को ही चुना ह ना? '
म चुप रहा।
‘ या?’
‘हां, म द ली को ही चुनूंगा,’ मने कहा।
फ़ोन क घंटी घनघनाई। म दौड़कर फ़ोन उठाने प च ं ा। रिववार का दन था और स ते एसटीडी रे ट्स के
कारण तय था क अन या दोपहर को ही कॉल करे गी।
‘हाय, मेरे हनी बंच,’ अन या ने कहा।
‘ज़ािहर ह, अभी तु हारी म मी तु हारे इद-िगद नह ह,’ मने कहा। म धीमी आवाज़ म फु सफु सा रहा था,
य क मेरी मां क आंखे भले ही भंडी पर थ , ले कन उनके कान मेरी आवाज़ पर लगे ए थे।
‘यक़ नन नह । कल वषा पो पु पूजा ह और मां उसके िलए सामान ख़रीदने गई ह।’
‘वषा या? '
‘वषा पो पु, तिमल यू ईयर। तु ह नह पता?'
‘ऊंह, पता य न होगा। ह पी यू ईयर,’ मने कहा।
‘और तुमने अपना िसटीबक फ़ाम भरकर भेज दया ह ना?'
‘नह , फ़ाम म अभी कु छ और आइटम भरने ह,’ मने कहा।
‘तुमने चे ई को ही अपनी टॉप लोके शन चॉइस िलखा ह ना?'
‘म चे ई ही िलखूंगा... वेट।'
मने फ़ोन उठाया और मां से उतनी दूर चला गया, िजतनी दूर लडलाइन का घुमांवदार तार मुझे जाने दे
सकता था।’ मां को उ मीद ह क म द ली िलखूंगा,’ मने फु सफु साते ए कहा।
‘और तुम या चाहते हो? एचएलएल ने मुझे चे ई म लेस कया ह। मने तु ह कई ह त पहले ही बता दया
था। इस तरह कै से होगा?'
‘हो जाएगा। ले कन य द म चे ई गया तो वे जान जाएंगी क म तु हारी वजह से वहां जा रहा ।ं '
‘फ़ाइन, तो उ ह बता दो।'
‘कै से?'
‘मुझे नह पता। उ ह ने मुझे कोई चॉइस नह दी, नह तो म ही द ली चली आती। आई िमस यू वीट् स, अ
लॉट। लीज़, बेबी, ज दी आ जाओ।'
‘म कसी और का भी बेबी ।ं और वे मुझे देख रही ह तो अब मुझे फ़ोन रख देना चािहए।'
‘आई लव यू कहो ना लीज़।’
‘आई डू ।’
‘नह , यार से कहो ना।’
‘अन या!'
‘बस एक बार। तीन श द, एक साथ।'
मने मां क ओर देखा। उ ह ने भंिडय का आिखरी ढेर उठाया और उ ह एक गीले कपड़े से प छ दया। उनके
हाथ म चमक ला चाक़ू , जो क मेरी लव टोरी म उनक मौजूदा ि थित का तीक था, शाम क रोशनी म चमक
उठा।
‘मूवीज़ आई लव। तु ह भी देखनी चािहए।'
‘आ आ, दैट्स नॉट फ़े यर,’ दूसरे छोर पर अन या ने झूठ-झूठ क रोनी आवाज़ िनकालते ए कहा।
‘बाय,’ मने कहा।
‘ओके लव यू। बाय,’ उसने फ़ोन काट दया।
म डाय नंग टेबल पर लौट आया। मने अपराध बोध से भरकर कु छ भंिडयां उठा और उ ह गीले कपड़ से
प छने लगा।
‘म ासी लड़क ?'
‘अन या,’ मने कहा।
‘उससे दूर रहो। वे लोग ेनवॉश करना ब त अ छी तरह जानते ह।'
‘मॉम, म उसे पसंद करता ।ं इन फ़ै ट, म उससे यार करता ।ं '
‘देखो, मने तु ह पहले ही कह दया ह। वे तु ह अपने जाल म फं सा रहे ह,’ मां ने घोषणा करते ए कहा।
‘मुझे कसी ने नह फं साया ह, मॉम,’ मने एक भंडी को टेबल पर पटकते ए कहा।’ वह ब त अ छी लड़क
ह। वह माट ह, इं टेलीजट ह, गुड-लु कं ग ह। उसके पास ब त अ छा जॉब ह। उसे कसी को भी फं साने क ज़ रत
भला य होगी?
‘उ ह नॉथ इं िडयन पु ष अ छे लगते ह।'
‘ य ? भला नॉथ इं िडयन पु ष म ऐसा या ख़ास ह?'
‘ य क वे गोरे -िचट् टे होते ह। यह तिमल का कॉ ले स ह।'
‘अ कॉ ले शन कॉ ले स?’ मने धीरे -से हँसते ए कहा।
‘हां, ब त यादा,’ मां ने कहा।
‘मॉम, उसने आईआईएमए म पढ़ाई क ह, वह भारत क सबसे माट लड़ कय म से एक ह। आप या बात
कर रही ह? और आपने तो उसे देखा ह, उसका रं ग तो मुझसे भी साफ़ ह।’
‘गोरी साउथ इं िडयन लड़ कयां ही सबसे यादा ख़तरनाक होती ह। ीदेवी और हेमा मािलनी।'
‘मॉम, अन या क तुलना ीदेवी और हेमा मािलनी से करना बंद करो,’ मने ज़ोर से कहा और टेबल पर रखे
भंडी से भरे याले को अपनी बांह से आगे सरका दया। याले क ठोकर से उसके पास रखा चाकू मां क अंगुली से
जा टकराया। दद के कारण उनके चेहरे पर िशक़न आ ग और उनके दाएं हाथ क अंगुिलय से ख़ून के क़तरे बहने
लगे।
‘मॉम, आई एम सॉरी,’ मने कहा।’ आई एम सो सॉरी।'
‘ठीक ह। मुझे मार डालो। उस लड़क के िलए मुझे मार डालो,’ उ ह ने अपना रोना-धोना शु करते ए कहा।
‘मॉम, म...’ ख़ून क एक बूंद मेरे िसटीबक फ़ाम पर िगर पड़ी। या यह अपनी मां के साथ िव ासघात करने
का समय है, यू इिडयट, मने सोचा।
‘म फ़ाम म द ली िलखने जा रहा ,ं ’ मने कहा।
‘ या?’
‘कु छ नह । बड-एड् स कहां ह? चंता मत करो, भंडी म बना दूंगा। मुझे मसाला दे दो।'
मने मां को बडेज लगाई और उ ह एक सोफे पर बैठा दया। फर मने टीवी चालू कर दी। म कसी चैनल पर
एक ऐसा सी रयल ढूढ ं ना चाहता था, िजसम ब को अपने मांता-िपता के साथ बदतमीज़ी करते ए नह दखाया
जा रहा हो। इसके बाद एक घंटे तक म भंिडय म मसाला भरता रहा।
‘तु ह पता है गैस कै से ि वच ऑन क जाती है?’ िल वंग म से मां क आवाज़ आई। म कचन म मािचस खोज
रहा था।
‘मुझे पता ह, चंता मत करो।'
‘म तु ह दूध क तरह गोरी पंजाबी लड़ कयां दखा सकती ,ं ’ ‘उ ह ने कहा। उनका वॉ युम टीवी से भी तेज़
था। मने नज़रअंदाज़ कर दया और कबड म एक बतन ढूढ ं ने लगा।’ या हम मै मोिनयल िव ापन देना चािहए?
नीचे रहने वाली वमा आंटी ने िव ापन दया था। उ ह पचास र पांस िमले, जब क उनका बेटा डोनेशन कॉलेज से
ह। तु ह तो पाँच सौ र पांस िमलगे,’ मां ने कहा।
‘रहने भी दो, मॉम,’ मने कहा।
मने गैस टोव जलाया और उस पर पैन रख दया। फर उसम थोड़ा-सा खाने का तेल डाला और जीरा ढूढ ं ने के
िलए ाअर खोला। जीरा वह था। सात साल पहले जब मने कॉलज के िलए घर छोड़ा था, तब भी जीरा वह आ
करता था।
‘ए चुअली, एक लड़क ह मेरे मन म। तुमने प मी आंटी क बेटी को देखा ह?'
‘नह , और म देखना भी नह चाहता,’ मने कहा।
‘ को,’ मां ने कहा। अचानक वे हरकत म आ गई थ । मने उ ह अपने बेड म म गोदरे ज कबड खोलते सुना। वे
कचन म एक वे डंग ए बम ले आ ।’ लेम कम करो, तुम उसे जला डालोगे। और तुमने ए ज़ॅा ट चालू य नह
कया?’ उ ह ने मेरे हाथ से चमचा छीना और काम म जुट ग । वे स त हाथ से भंडी चलाने लग और
फर उ ह ने कहा ‘यह ए बम खोलो। बारात म घोड़े के पास नाच रही इस लड़क को देखो। वह िजसने
गुलाबी लहंगा पहना ह।'
‘मॉम,’ मने िवरोध भरे वर म कहा।
‘कभी-कभी मेरी भी सुन िलया करो। या म तु हारी र े ट पर जयलिलता के प रवार से नह िमली थी?'
‘ या?’
‘कु छ नह । फ़ोटो देखो।'
मने ए बम खोला। वह मेरी किज़न डंक क शादी का ए बम था। ए बम के शु आती पाँच पेज दू हा-दु हन
के चेहरे के शॉट् स से भरे पड़े थे, िज ह तरह-तरह के कै लाइडो कोिपक कांिबनेशन म और दल के आकार क े स म
दखाया गया था। म ए बम के प े पलटता गया और वहां प च ं गया, जहां घोड़े के साथ वाली त वीर थ । मने
गुलाबी लहंगे वाली लड़क को देखा। उसके िछतराए बाल के कारण उसका चेहरा बमुि कल ही नज़र आ रहा था।
वह कोई डांस टेप कर रही थी। उसके हाथ ऊपर उठे थे और उसक तजनी आकाश क ओर तनी ई थी।
‘ह ना सुंदर?’ मां ने दूसरा गैस टोव जलाया और रो टयां बनाने के िलए उस पर तवा रख दया। फर वे आटा
गूंथने लग ।
‘म ठीक से देख नह पा रहा ,ं ’ मने कहा।
‘तु ह उससे िमलना चािहए। और हां, जब तक म रोटी बनाऊं, तुम भंिडय को चलाते रहना,’ उ ह ने मेरे
हाथ म चमचा थमाते ए कहा।
‘म कसी से िमलना नह चाहता।'
‘बस एक बार।'
‘उसम ऐसा या ख़ास ह?'
‘उनके छह पे ोल प प ह।'
‘ या?’
‘उसके िपता। उनके छह पे ोल प प ह। और सबसे अ छी बात यह ह क उनक के वल दो बे टयां ह। यानी हर
दामांद को तीन-तीन िमलगे। ज़रा सोचो तो।'
‘ या?’ मने क पना क क म गैस टेशन म बैठा ।ं
‘हां, वे लोग ब त पैसेवाले ह। पे ोल प प नगद िबकते ह। ख़ूब सारा काला धन।'
‘और लडक या करती ह? या वो पढ़ी-िलखी ह?'
‘लड़क कु छ कर रही ह। आजकल तो प ाचार से भी ेजुएशन कया जा सकता ह।’
‘ओह, तो वह कॉलेज भी नह जाती ह? '
‘कॉलेज क िडि य तो बड़ी आसानी से िमल जाती ह। उनके पास पैसे क कोई कमी नह ह।’
‘मॉम, पॉइं ट यह नह ह। म तो िव ास भी नह कर सकता क आप मेरी शादी कसी बारहव पास से
करवाना चाहती ह... फारगेट इट। ए बम रख दो। और रो टयां बन गई ह या? मुझे भूख लग रही ह।’
‘हम एजुकेटेड पंजाबी लड़ कयां भी देख सकते ह। तु ह डॉ टस पसंद ह?'
‘नह , मुझे कोई भी पंजाबी लड़क पसंद नह ह।’
‘तु हारी मां भी पंजाबी ह,’ मां ने अपसेट होते ए कहा।
‘ये बात नह ह, मॉम,’ मने कहा और दही िनकालने के िलए ज़ खोला। ‘म कोई भी लड़क नह देखना
चाहता। मेरी पहले ही एक गल ड ह।’
‘तुम उस म ासी लड़क से शादी करोगे?’ मां ने पूछा। अन या के बारे म जानने के बाद से वह पहली बार
इतनी यादा शॉ ड लग रही थ ।
‘म उससे शादी करना चाहता ।ं समय आने पर, ऑफ़ कोस।’
मां ने तवे पर रोटी पटक और अपना माथा पीट िलया।
‘चलो, खाना खा लेते ह,’ मने िनराशा के इस दशन को नज़रअंदाज़ करते ए कहा। हमने िल वंग म म
कॉफ टेबल पर खाना रखा और टीवी के सामने खाने बैठ गए। दरवाज़े क घंटी दो बार बजी।
‘ओह नो, तु हारे पापा आ गए,’ मां ने कहा। ‘टीवी बंद कर दो।’
‘इट् स ओके ,’ मने कहा।
मां ने मुझे स त नज़र से देखा। मने अनमने ढंग से टीवी बंद कर दी। मां ने दरवाज़ा खोला। पापा भीतर आए
और मुझे देखा। म मुड़ा और टेबल क ओर चला आया।
’ लंच?’ मां ने पूछा।
पापा ने कोई जवाब नह दया। वे डाइ नंग टेबल तक आए और खाने का मुआयना कया। ‘तुम इसे खाना
कहती हो?’ उ ह ने कहा।
मने उ ह घूरकर देखा। ‘मां को यह बनाने म तीन घंटे लगे ह,’ मने कहा।
मां ने उनके िलए एक लेट िनकाली।
‘म यह खाना नह खाना चाहता,’ पापा ने कहा।
‘आप यह य नह कहते क आप पहले ही कह और खा चुके ह?’ मने फर दख़ल दया।
अब पापा ने मुझे घूरकर देखा और फर वे मां क ओर मुड़े। ‘यह तु हारी परव रश का नतीजा ह। सभी
िडि य जाएं भाड़ म आिखर म तु ह बस यही िमलना ह।
‘यही, और साथ म िसटीबक म जॉब भी, िजसक बदौलत मुझे शु आत म ही आपसे तीन गुना तन वाह िमल
रही ह, म यह कहना चाहता था, ले कन कहा नह । मने अपना िसटीबक फ़ाम अपनी तरफ़ ख च िलया।
पापा ने टीवी के ऊपरी िह से को छू कर देखा। ‘यह गम ह। टीवी कौन देख रहा था?'
‘म देख रहा था। कोई ॉ लम?’ मने कहा।
‘म उ मीद करता ं क तुम ज द हां घर से चले जाओगे,’ पापा ने कहा।
और म उ मीद करता ं क आप ज द ही दुिनया से चले जाएंगे, मने मन ही मन कहा और अपनी लेट उठाकर
कमरे से बाहर चला आया।

रात को म अपने िब तर पर लेटा न द का इं तज़ार कर रहा था। मेरा मन भटक रहा था। एक तरफ़ मुझे कै पस के वह
ख़ूबसूरत दन याद आ रहे थे, जब म अन या के साथ होता था। और उसके बाल मेरे चेहरे को सहलाते रहते थे।
दूसरी तरफ़ मुझे शाम को पापा से ई बहस याद आ रही थी। मां कमरे म आ और उ ह ने लाइट जला दी।
‘मने बात कर ली ह। परस हम प मी आंटी के यही जाएंगे।’
‘मॉम म नह ... '
‘ चंता मत करो, मने उ ह के वल यही कहा ह क हम चाय पर आ रहे ह। देखना, तु ह देखने के बाद वे ही
पहले बात चलाएंगे।’
‘मेरी कोई दलच पी नह ह,’ म अपने िब तर पर उठ बैठा।
‘अरे के वल ै स के िलए ही चलो। वे लोग ब त पैसे वाले ह। मांमूली मेहमांन को भी काजू- कशिमश
परोसते ह।’
‘मॉम, मुझे वहां जाने क ज़ रत ही या ह? '
‘ य क इससे मुझे अ छा लगेगा। या यह वजह काफ़ नह ?’ उ ह ने कहा। मने उनके झुर दार हाथ को
देखा, िजस पर बडेज बंधी थी।
‘ओके ,’ मने कं धे उचकाते ए कहा और िब तर म पसर गया। ‘अब मुझे सोने दो।’
‘ब त अ छे,’ उ ह ने कहा और ब ी बुझाकर कमरे से बाहर चली ग । म फर अपनी साउथ इं िडयन लडक
के याल म खो गया।
13
प मी आंटी पीतमपुरा म रहती थ , जहां अ छी-ख़ासी तादाद म पंजािबय का डेरा था। इस इलाक़े क हर गली म
ताजमहल से यादा संगमरमर था। हर कू चे से टमाटर के साथ पकाए जा रहे पनीर क महक आती थी। हमने ऑटो
बुलवा िलया, य क पापा ने हम कार ले जाने क इजाज़त नह दी थी। मां ने ऑटो ाइवर से कु छ घर आगे ही क
जाने को कहा। हम प मी आंटी को यह नह बता सकते थे क हम कार से नह आए ह।
‘उनक एक मी टंग थी। उ ह ने हम बाहर ॉप कया और चले गए,’ जब प मी आंटी दरवाज़े पर हम लेने
आ तो मां ने उनसे कहा।
‘उ ह थोड़ी देर के िलए तो आना था। एक को ड ंक पीकर ही चले जाते,’ प मी आंटी ने कहा और हम भीतर
ले ग । प मी आंटी का वजन अमूमन उनके दशक के अनु प रहता आया था और यह िसलिसला न बे के मौजूदा
दशक तक चला आया था। सतीस साल पहले वे िमस चंडीगढ़ रह चुक थ । यह िखताब जीतने के फ़ौरन बाद एक
अमीर कारोबारी ने उनसे शादी कर ली और उ ह ए ा शान-शौक़त और ए ा कै लोरीज़ वाली एक िज़ दगी
िमली। आज उनका वज़न सतीस साल पुरानी िमस चंडीगढ़ पधा क तीनो फ़ायनिल ट के कु ल वज़न से भी यादा
था।
हम पांच सी ढ़यां चढ़कर उनके िल वंग म प च ं े। प मी आंटी को सी ढ़यां चढ़ते समय परे शानी ई थी।
आिखरी क़दम उठाते समय उ ह ने बुदबुदाते ए कहा: ‘आह, मेरे घुटने।’
‘तुम आजकल मॉ नग वॉक के िलए जा रही हो या नह ?,’ मां ने पूछा।
‘कहां किवता-जी, गम कतनी ह। फर सुबह स संग भी तो होते ह। बैठो,’ प मी आंटी ने हमसे कहा और
अपनी नौकरानी को खास शरबत लाने को कहा।
हम लाल मखमली सोफ़े म धस गए। उसका पंज बेस दो फट गहरा रहा होगा।’
‘ए चुअली, य द तुम स संग तक भी पैदल जाओ तो यह अ छी ए सरसाइज़ हो सकती ह,’ मां ने कहा।
‘छह कार ह, किवता-जी। ाइवर फ़ालतू बैठे रहते ह। ऐसे म पैदल चलना भला कै से होगा?’ प मी आंटी ने
कहा। वे एक बेहतरीन पंजाबी नर का दशन कर रही थ –बात -बात म अपनी धन-दौलत का बखान कर देना।
मां ने मेरी ओर मुड़कर उनके श द को दोहराया।’ छह कार? श, सुना तुमने, इनके पास छह कार ह?'
मुझे कु छ समझ नह आया क या क ।ं शायद मुझे यहां उनके पास छह कार होने क सराहना करनी चािहए
थी। ले कन चूं क वे लगातार मेरी तरफ़ देखे जा रही थ , इसिलए म के वल इतना हां कह पाया, ’ कौन सी कार?'
‘मुझे तो पता नह । मेरे हसबड को पता ह। िपछले ह ते ही उ ह ने एक ह डा ख़रीदी ह।’
‘ कतने म?’ मां ने पूछा। पंजािबय के िलए यह भी लगभग एक िश ाचार ह क अपनी धन-दौलत क ड गे
हांक रहे कसी ि को और ड गे हांकने के िलए े रत कया जाए।
‘सात लाख। लस तीस हज़ार पए टी रयो चज करवाने,’ के प मी आंआंटी ने कहा।
‘वॉव! मां ने कहा। ‘इसका भी िसटीबक म जॉब ह, चार लाख पया सालाना तन वाह ह।’
कसी भी ग़ैर-पंजाबी को मां क यह बात बेतुक लग सकती थी। ले कन कसी पंजाबी के िलए यह िबलकु ल
तकसंगत बात ह। आिखर लाख म बात जो हो रही थी।
‘गुड। तु हारा बेटा तो ब त लायक़ िनकला ह,’ उ ह ने कहा।
मुझे लगा क पैसे कमा लेना ही लायक़ का पैमाना ह, य क उ ह ने मेरे आई यू के बारे म कु छ नह पूछा था।
‘सब आपका आशीवाद ह, प मी-जी,’ मां ने कहा।
‘ना, ना,’ प मी आंटी ने कहा, मानो मेरे ारा जॉब पाने म अपनी संभािवत भूिमका पर कु पा हो रही ह ।
हम अगले एक िमनट तक एक-दूसरे को देखकर मु काते रहे। फर प मी आंटी ने पूछा, ‘ड़ाय ू ट् स? '
‘अरे नह नह , प मी-जी। आप भी या तक़ लुफ़ करने लग ?’ मां ने आनाकानी करते ए कहा।
‘रानी, ज़रा काजू और दुबई वाले िपडू खजूर ले आना,’ प मी-जी ने िच लाते ए कहा। मेरी मां ने
अंतररा ीय मेव क सराहना म अपना िसर िहलाया। ‘हमांरी डॉली कहां ह?'
मां ने पूछा। तीन गैस टेशन क माल कन पर अपना हक़ जताने से वे ज़रा भी नह िझझक ।
‘और कहां होगी? यह ह। डॉली!’ प मी आंटी इतनी ज़ोर से चीख क उनक आवाज़ बड़ी आसानी से
हाइ ोकॉबन-फं डेड मशन क ऊपरी मंिजल पर प च ं गई होगी। नौकर को म दया गया क वे डॉली को नीचे
बुला लाएं।
‘उसे नहाकर तैयार होने म एक मु त लग जाती ह,’ प मी आंटी ने झूठ-मूठ का गु सा जताते ए कहा। उ ह ने
मुट्ठी भर काजू उठाए और मेरे हाथ म ज़बद ती थमा दए।
‘प मी-जी, अगर हमांरी बेटी सजना-संवरना पसंद करती ह तो उसे ऐसा करने से रो कए नह ,’ मां ने कहा।
जी हां, डॉली ऑलरे डी हमारी हो चुक थी।
‘कौन जानता ह क वह कसका घर रोशन करे गी? हमांरी तो बस दो ही बे टयां ह। हमांरा सब कु छ उ ह का
ह,’ प मी-जी ने कहा। ‘सब कु छ’ कहते समय उ ह ने अपनी बांह फै ला दी थ । हां, सोफ़े मांबल कॉफ़ टेबल,
कलाकृ ितयां, पंखे, एयर कं डीशनस–यह सब उनक बे टय के भावी पितय का ही तो था। मुझे मानना पड़ेगा क
पलभर को मुझे भी लगा क मुझे इस पूरे घर के आधे िह से का मािलक बनाने का मां का िवचार कह सही ही तो
नह । ले कन अगले ही पल अन या को गंवा देने का िवचार मेरे मन म आया। नह , म दुिनयापर के काजु और
नगद रकम क क़ मत पर भी अन या को नह गंवा सकता। काश, प मी आंटी मुझे अन या के साथ इसी घर म रहने
क इजाज़त दे द।
डॉली तेज़ कदम से नीचे उतरी। उसके आने के तीन सेकंड पहले ही उसके पर यूम क खुशबू हम तक प च ं ी
थी। ‘हलो आंटी-जी,’ डॉली ने कहा और मेरी मां को कसकर गले लगा िलया।
‘हमांरी िब टया कतनी ख़ूबसूरत हो गई ह!’ मां ने अचरज जताते ए कहा।
डॉली और मने ह के से िसर िहलाकर एक-दूसरे का अिभवादन कया। उसने वाइन-रे ड सलवार कमीज़ पहन
रखी थी, िजस पर खड़ी सुनहरी धा रयां थ । वह बेहद गोरी थी और मेरी मां सही थी, य क उसे देखकर मुझे दूध
का याल आया। वह भरे -पूरे बदन वाली लड़क थी, अलब ा उसे मोटी नह कहा जा सकता था। उसक भारी
छाितयां प मी आंटी क ही तरह थ और उसे देखकर म सोचने लगा क ये मिहलाएं आिखर कस तरह अपने ब
का दम घ टे िबना उनका दूध छु ड़ा पाती ह गी।
‘डॉली, आजकल तुम या कर रही हो?’ मां ने पूछा।
‘बीए पास कर िलया ह आंटी, प ाचार से।’
‘यह भी बताओ ना क तुम कं यूटर कोस भी कर रही हो,’ प मी आंटी ने कहा और फर मेरी मां क ओर मुड़ते
ए कहा,’ और ै स चािहए?'
डॉली कु छ कहना चाहती थी, ले कन उसे नज़रअंदाज़ कर दया गया, य क बात अब एक यादा दलच प
िवषय पर क त हो चुक थी और वह था खान-पान।
‘नह , प मी-जी। इतना काफ़ ह,’ मां ने कहा। ज़ािहर ह क वे एक तरह से हम और ै स परोसे जाने क
चुनौती दे रही थ ।
‘ या कह रही ह आप? आप लोग खाने के समय नह आए थे इसिलए मने ज़रा हवी ना ते का इं तजाम करवा
दया ह। राजू, ना ता ले आओ। और हां, लाल और हरी दोन तरह क चटिनयां लाना मत भूलना!’ उ ह ने ऊंची
आवाज़ म अपने नौकर को म सुनाया।
राजू और दूसरे नौकर एक िवशालकाय े लेकर आए, िजसम समोसे, चलेिबयां, छोले-भटू रे, िम क के क,
कचौ रयां और यक़ नन लाल और हरी चटिनयां भी थ । टेबल पर बीस हज़ार कै लोरीज़ पसरी ई थ ।
‘अरे , आपको इतना तक़ लुफ़ नह करना चािहए था!’ मां ने कहा। साथ हां उ ह ने नौकर को उनक तरफ़
जलेिबयां बढ़ाने को भी कहा।
‘कु छ नह जी, यह सब तो के वल चखने के िलए ह। आपको तो िडनर के व त आना चािहए था।’
मुझे लगा क य द मने अब भी डॉली से बातचीत नह क तो मुझे ल लू समझा जाएगा। ‘आप कौन-सा
कं यूटर कोस कर रही ह?'
‘माइ ोसॉ ट वड, पॉवर पॉइं ट, ईमेल, पता नह , अभी तो बस शु हां कया ह। सब कु छ ब त हाई-फ़ाई
लगता ह।’
‘िनि त ही, ये सारे ो ाम तो ब त चैल जंग जान पड़ते ह,’ मने कहा और यह कहते ही मुझे अपने श द के
पीछे िछपे कटा के िलए खेद का अनुभव आ।
‘मेरे सभी दो त कर रहे थे, तो मने सोचा म भी कर लेती ।ं य द ब त मुि कल लगा तो छोड़ दूंगी। आप तो
ये सारी चीज़ जानते ह ना?'
‘थोड़ी-ब त,’ मने कहा।
डॉली और मेरी बात शु होते ही मां और प मी आंटी क बातचीत क गई थी। ले कन जैसे ही डॉली और मुझे
महसूस आ क उन दोन क नज़र हम पर ही जमी ई ह, हम चुप हो गए।
‘अरे भई, तुम दोन तो अपनी बात जारी रखो,’ मां ने मु कराते ए कहा और प मी-जी क ओर देखा। दोन
एक-दूसरे को देखकर कु टल ढंग से मु करा । फर उ ह ने एक-दूसरे को कु छ इशारा कया, हाथ बांधे और ई र का
शु या अदा करने के िलए ऊपर देखने लग ।
डॉली ने मेरी मां को देखा और मु करा दी। ‘आंटी-जी, आप चाय लगी? ‘उसने पूछा। ‘नह जी, हम तो अपनी
िब टया से कोई काम नह करवाएंगे,’ मेरी मां ने कहा। यहां काम से उनका आशय था गला फाड़कर नौकर को म
देना।
‘राजू, चाय लाना,’ डॉली ने ज़ोर लगाकर कहा। मेरी मां ने उसे ेहभरी नज़र से िनहारा। मां आिखर अन या
को एक बार भी ऐसी नज़र से य नह िनहार पाई थ ? बेटा, चाय लोगे?’ प मी आंटी ने मुझसे पूछा। मने िसर
िहला दया। ‘म जानती ं आजकल के लड़के -लड़ कयां चाय के बजाय कॉफ़ यादा पसंद करते ह। कॉफ़ बुलवाऊं?
एक िमनट, अरे डॉली िडि ट सटर पर वह जो नई कॉफ़ शॉप खुली ह, उसका या नाम ह? अरे वह , जहां ब त
महंगी कॉफ़ िमलती ह? बरसात?'
‘ब र ता, मॉम।’ डॉली ने बड़े अं ेज़ीदां अंदाज़ म कहा। आिखर उसे कसी डी चीज़ के बारे म बताने का
मौक़ा जो िमल रहा था।
‘हां वहां। ज़रा इ ह अपनी ह डा से वहां ले जाओ। देखो जी, ए चुअली, हम लोग ज़रा मॉडन ह,’ उ ह ने
कहा।
‘मॉडन होना तो बड़ी अ छी बात ह, जी। हम कौन-से ओ ड फ़ै शंड ह। जाओ श, एंजॉय,’ मां ने कहा।
यक़ नन, तिमल से नफ़रत करना तो िब कु ल ओ ड फ़ै शंड नह था।
म उठ गया। इसक बड़ी वजह तो यही थी क म यहां से पीछा छु ड़ाकर नई ह डा क सवारी करना चाहता था।
‘डॉली, यही आओ,’ प मी-जी ने डॉली को अपने पास बुलाया और वह कया, िजसके बारे म मने सोचा भी
नह था। उ ह ने अपने लाउज म हाथ डाला, मानो वह एटीएम हो और नोट क एक गड् डी बाहर िनकाली। म
सोचने लगा क या उ ह ने वहां े िडट का स भी रखे ह गे।
डॉली ने गड् डी ले ली और उसे िबना िगने अपने गो डन हडबैग म रख िलया। उसने नौकर पर िच लाते ए
कहा क वह ाइवर से िच लाते ए कहे क वह िस यो रटी गाड पर िच लाते ए उसे दरवाज़ा खोलने क िहदायत
दे, ता क ह डा को बाहर ले जाया जा सके ।
हम िडि ट सटर प च ं े, जहां हर तरफ़ सलवार-कमीज़ क दुकान, यूटी पालर और एसटीडी बूथ थे। डॉली
अपने फ़े वरे ट बू टक पर जाने क िजद करती रही। वह आधे घंटे तक अपने िलए कपड़े पसंद करती रही। मने सोचा
क कसी एसटीडी बूथ से अन या को कॉल करना ठीक रहेगा या नह । फर मने यह िवचार याग दया। म दुकान म
ही टहलता रहा और पंजाबी मां को अपनी बे टय के साथ दजन सलवार-कमीज़ ख़रीदते देखता रहा। सभी
बे टयां छरहरी और सभी मांएं थुलथुल थ । इस बू टक क ख़ािसयत यही थी क यहां हर साइज़ के कपड़े िमल जाते
थे।
‘हे दी फगर क रज इधर है,’ एक से समैन ने एक मां को सही दशा क ओर इशारा करते ए कहा।
डॉली ने तीन सूट िलए और अपनी नोट क गड् डी म से भुगतान कया।
‘अ छे सूट ह ना?’ उसने अपना बैग खोलकर दखाते ए कहा।
‘नाइस,’ मने कहा। हम ब र ता प च ं े। बाहर सूय तमतमा रहा था और तापमान चालीस िड ी सटी ेड के
आंकड़े को छू रहा था। ब र ता क एयर कं डीश नंग और सुक़ूनदेह यूिज़क से राहत िमली।
‘एक को ड कॉफ़ िवद आइ क म,’ डॉली ने ऑडर कया। ‘आप या लगे?’
मने भी यही ऑडर कर दया। हम एक काउच पर बैठे ए थे, ले कन हम कोिशश कर रहे थे क हमारे बीच
यादा से यादा दूरी रहे। हमारे सामने टीवी पर कोई यूिज़क चैनल चल रहा था। हम चुपचाप उसे देखते रहे।
‘मने इससे पहले कभी कसी आईआईटीयन से बात नह क ,’ कु छ देर बाद उसने कहा।
‘इसम अफ़सोस करने वाली कोई बात नह ,’ मने कहा।
उसने अपनी बैठने क जगह बदली तो कपड़ का बैग नीचे िगर गया। उसने उसे उठा िलया।
‘सॉरी, म हाई-फ़ाई लोग के सामने नवस हो जाती ,ं ’ उसने कहा।
‘नवस मत होओ,’ मने कहा। ‘अपनी कॉफ़ का मज़ा लो। '
‘तु हारी एक गल ड है ना? साउथ इं िडयन?'
‘ या?’ म अपनी सीट से उछल पड़ा। ‘तु ह कसने बताया?'
‘ कट् टू ने,’ उसने कहा।
कट् टू मेरी फ़ ट किज़न और िश ा मासी क बेटी थी। कट् टू के िपता प मी आंटी के किज़न थे। इन मायन म,
डॉली मेरी तीसरी या चौथी किज़न थी, हालां क हमारा ख़ून का नाता नह था।
‘ कट् टू ? उसे कै से पता चला?'
‘उसे िश ा मासी ने बताया होगा। और िश ा मासी को तु हारी म मी ने बताया होगा।'
‘और अब पूरा ख़ानदान यह जानता होगा,’ मने अनुमान लगाते ए कहा।
‘शायद।'
‘तुम उसके बारे म और या जानती हो? '
‘कु छ नह ,’ डॉली ने कहा और अपनी आंख दूसरी तरफ़ घुमा ल ।
‘बताओ ना? '
‘अरे , थोड़ा-ब त। यह क वह ब त लड़ाकू और होिशयार है और तुम पूरी तरह उसके क ज़े म हो। ले कन
साउथ इं िडयन लड़ कयां तो ऐसी ही होती ह। है ना?’
‘तुम कसी साउथ इं िडयन लड़क को जानती हो?'
‘नह ।’ डॉली ने अपनी ॉ को घुमाते ए कहा। ‘सॉरी, म तु ह यह बताना नह चाहती थी। वैसे तुम लोग
सी रयस हो या बस टाइम-पास?'
मने अपने ग़ से पर काबू पाने क कोिशश क । ‘हाऊ अबाउट यू? आपका कोई बॉय ड है?'
‘अरे नह । कभी नह , ‘उसने लगभग सौगंध खाते ए कहा।
‘टाइम-पास भी नह ?'
उसने मेरी ओर देखा। म डलीनेस दखाने के िलए उसे देखकर मु कु रा दया।
‘बस कॉलोनी का एक लड़का है। ले कन लीज़ मॉम को मत बताना। अपनी म मी या कट् टू को भी मत
बताना। '
‘म नह बताऊंगा।'
‘उसने वैलटाइन डे पर मुझे एक टेडी िबयर दया था।'
‘ यूट,’ मने कहा।
‘ या तुमने कभी कसी को कस कया है?’ उसने पूछा। ‘जैसे क उस साउथ इं िडयन लड़क को? '
मने ख़ूब सोचा क म िबना उसके सवाल का जवाब दए यह सच कै से बता दूं क म अन या के साथ हो टल के
एक छोटे-से कमरे म दो साल तक रहा ।ं
‘नह ,’ मने कहा।
‘ओके , य क यह लड़का बार-बार मुझसे उसे कस करने को कह रहा है। ले कन म ैगनट नह होना चाहती।'
‘तुम उससे कै से िमल ?'
‘यह एक ब त वीट कहानी ह। एक बार उसका हमारे यहाँ र ग नंबर लग गया था और फर हम बात करने
लगे। म उससे के वल एक बार हां िमली ।ं ’
‘तु हारा एक ऐसे लड़के से अफ़े यर चल रहा ह, िजसका तु हारे यहां र ग नंबर लग गया था?'
‘मने उसे अभी तक अपना बॉय ड नह बनाया ह। ले कन यू नो, लुिधयाना म हमारी एक दीदी ह, िजनक
शादी ऐसे ही एक लड़के से ई ह, िजसका उनके यहां र ग नंबर लग गया था। अब उनके दो ब े ह।’
‘वॉव,’ मने कहा। मने सोचा क या मुझे अपनी कॉफ़ ज दी से गटक जानी चािहए, ता क हम यहां से ज दी
से िनकल सक।
‘ या म तु ह अ छी लगती ?ं ’ डॉली ने पूछा।
या?
‘तु ह पता ह हम य यहां भेजा गया ह? मैच मे कं ग के िलए।’
‘डॉली, म अन या के अलावा कसी और से शादी नह कर सकता।’
‘अ छा तो ये ह उसका नाम। यारा नाम ह।’
‘थ स, और वह भी ब त यारी ह। म उसके साथ इ वॉ व ।ं सॉरी, मेरी म मी मुझे तु हारे यहां ख च लाई
थी।’
‘ले कन तुमने तो कहा था क तुमने उसे कस नह कया ह।’
‘मने झूठ कहा था। हम दो साल तक साथ-साथ रहे ह। ले कन लीज़ यह कसी को मत बताना।’
‘साथ म रहे थे?’ उसक भ ह तन ग । ‘मतलब साथ म? तु हारा मतलब ह क तुम सब कु छ कर चुके हो?'
‘इस बारे म बात करना ज़ री नह ह। मने तु ह यह के वल इसीिलए बताया ता क मेरे ारा तुमम दलच पी
नह लेने पर तुम बुरा महसूस न करो।’
‘दो साल? वह ैगनट नह ई?'
‘डॉली, टॉप। कॉफ़ के िलए थ स।’
‘ले कन म उसे भूलने म तु हारी मदद कर सकती ’ं डॉली ने अपने बाल खोलते ए कहा, जो क उसक कमर
तक आते थे।
‘ या?’
‘मुझे पता ह क लड़के या चाहते ह।
‘नह , तु ह नह पता ह। और रॉ ग नंबस से हमेशा दूर रहने क कोिशश करना।’ हम ब र ता से िनकले और
उसक लंबी-चौडी ह डा म सवार हो गए। मने सोचा
क यह ह डा मेरी हो सकती थी, बशत यार जैसी टु िपड चीज़ म मेरा भरोसा नह होता।
‘म अपनी मां से या क ?ं ’ डॉली ने पूछा।
‘कह देना क म तु ह पसंद नह आया।’
‘वे पूछेगी य ? '
‘ कसी आईआईआंटीयन म मीन-मेख िनकालना बड़ा आसान ह। कह देना क म गीक, बो रं ग, लेचरस वग़ैरह-
वग़ैरह ’ं मने कहा।
‘वे यह सब नह समझत ,’ डॉली ने कहा।
‘ओके , तो उ ह यह कह दो क श बक म जॉब नह करना चाहता। वह कु छ ही साल बाद लेखक बनने के
िलए जॉब छोड़ देगा।’
‘लेखक? '
‘हां।’
‘तुम तो मेरे िलए ब त ही हाई-फ़ाई हो,’ जैसे ही हम घर प च
ं े, उसने कहा।
14
‘मुझे तो िव ास ही नह हो रहा ह क तुमने डॉली को ना कह दया,’ मां ने कहा। इसक कोई वजह तो होनी
चािहए? '
वे तीन दन म बीस बार यह बात कह चुक थ । पापा देर से घर आने वाले थे, इसिलए मां ने अपनी बहन को
लंच पर बुलाने का जोिखम उठा िलया था। कु छ भारतीय पु ष ऐसे होते ह, जो अपनी प ी को खुश नह देख सकते,
फर भले ही उसे यह खुशी अपने भाई-बहन से िमलकर ही य न िमल रही हो।
‘प मी अगली गली म एक और घर ख़रीद रही ह। उसने मुझे बताया क यह उसक बेटी के िलए ह,’ िश ा
मासी ने मां के ज़ म पर नमक िछड़कते ए कहा। मां ने िनराशा से िसर झुका िलया।
‘तुम फर से वहां गलती दोहरा रही हो। तुमने शादी के िलए आम के एक ि को चुना था। तु हारा कहना
था क आम वाले कु बानी देना जानते ह। ले कन हम देख चुके ह क वे कतनी कु बानी दे सकते ह। तुमने अपनी पूरी
िज़ दगी दु:ख और ग़रीबी म गुज़ारी ह।’
मां ने अपनी बड़ी बहन क बात सुनकर िसर िहला दया। िश ा मासी क शादी एक समृ ि से ई थी।
उनके पित सेिनटरी- फ़ टंग का िबज़नेस करते थे और टॉयलेट्स बना-बनाकर उ ह ने ख़ूब पैसा कमांया। मेरी मां ने
गुण, िश ा, काम क कृ ित जैसी टु िपड बात को ाथिमकता देते ए पापा से िववाह कया था और नतीजे म उ ह
दुख ही िमला। िश ा मासी का मानना था क म भी ऐसी ही भूल करने जा रहा ।ं
‘वह म ासन कतना कमांती ह?’ िश ा मासी ने पूछा। ’ डॉली आती तो तु हारा घर भर जाता। आिखरी बार
तुमने कोई नई चीज़ कब ख़रीदी थी? देखो, तु हारी तो डाय नंग टेबल के भी अि थपंजर ढीले हो रहे ह।’
िश ा मासी ने सुझाया। ‘ या सोच रही हो?’ उ ह ने एक िमनट ककर कहा। ‘तु ह पता ह प मी ने एक ऐसा
फ़ोन खरीदा ह, िजससे चलते- फरते भी बात क जा सकती ह? '
‘कॉडलेस...?’ मां ने कहा।
‘नह कॉडलेस नह , एक नया फ़ोन, िजसक क़ मत बीस हज़ार पए ह। तुम उसे चाहो तो द ली म कह भी
ले जा सकती हो। ज़रा मुझे वह अचार देना,’ िश ा मासी ने कहा। वह झटपट खाने लग , ता क बातचीत करने म
ज़ाया ए व त क भरपाई कर सक। भारत म हाल ही म सेलफ़ोन का आगमन आ था। एक िमनट के टॉकटाइम का
ख़च एक लीटर पे ोल से भी अिधक था। कहने क ज़ रत नह , द ली के पंजािबय के िलए सेलफ़ोन शान-शौक़त
दखाने का एक और िखलौना बन गया था।
‘और ये लेखक बनने वाली बात का या मतलब ह? डॉली कह रही थी क तुम लेखक बनने के िलए बक क
जॉब भी छोड़ देना चाहते हो।’
‘ या?’ मां का दल धक से रह गया।
‘अभी नह , व त आने पर। जब म अपने िलए थोड़ा पैसा भी बचा लूंगा,’ मने कहा और कचन म जाने के िलए
अपनी लेट उठा ली।
‘ब को यादा पढ़ाने का यहां नतीजा होता ह,’ मासी ने कहा।
‘मुझे तो िब कु ल पता नह था क यह लेखक बनने क मुराद भी पाले ए ह। यह नया रोग कब से लगा?’ मेरे
कचन से लौटते ही मां ने पूछा।
‘हो न हो, ये बीमारी उस साउथ इं िडयन लड़क क ही दी ई ह। ये लोग कताब को ब त पसंद करते ह,’
िश ा मासी ने कहा।
मने टेबल पर ज़ोर से मु ा मांरा। उसक टांगे फर लड़खड़ा ग । शायद हम इसक जगह एक नई टेबल ले
लेनी चािहए थी।
‘लेखक बनने का िवचार मेरा ख़द का ह, यह कसी ने मेरे दमाग़ म नह डाला। वैसे भी, िश ा मासी, तु हारा
इससे कोई लेना-देना नह ह।’
‘ज़रा देखो तो, लगता ह उन काले-कलूटे लोग ने इस पर काला जादू कर दया ह,’ िश ा मासी ने कहा।
‘बेवकू फ़ मत बनो किवता, जाकर प मी से कह दो क यह िसटीबक म ही काम करे गा और खूब पैसा कमांएगा। ज़रा
इसक सही क़ मत वसूलो।’
मने सभी को घूरकर देखा, िल वंग म म रखे सोफ़े तक गया और अख़बार उठा िलया। मै मोिनयल पेज
खुला था। मने िख होकर उसे फक दया।
‘चलो कु छ एजुकेटेड लड़ कयां तलाशते ह। तुम एजुकेटेड लड़ कयां देखना चाहोगे? ‘मां ने मुझे शांत करने क
कोिशश करते ए कहा।
‘म एक एजुकेटेड लड़क को पसंद कर चुका ।ं उसके पास एक जॉब ह। वह सुंदर ह, स य ह, मेहनती और
िन ावान ह। आपक ॉ लम या ह?'
‘बेटा,’ िश ा मासी ने कहा, उनका वर अब ज़रा कोमल पड़ गया थ।, ‘यह सब ठीक ह। ले कन हम तु हारी
शादी एक म ासी लड़क से कै से कर द? कल से तु हारे किज़न कसी गुजराती लड़क से शादी करना चाहगे।’
‘या असिमया?’ मां ने कहा।
‘हे भगवान!’ िश ा मासी ने कहा।
‘तो या आ? या ये सभी भारतीय नह ह? या वे अ छे इं सान नह हो सकते?’ मने कहा।
िश ा मासी मेरी मां क ओर मुड़ी। ‘तु हारा बेटा अब हाथ से जा चुका ह। माफ़ करना, ले कन अब यह
जयलिलता का बेटा हो गया ह।’
दरवाज़े क घंटी दो बार बजी। पापा व त से पहले घर आ गए थे। घर म खलबली मच गई। हालां क मने कभी
अपने िपता के घर आने पर उनका वागत नह कया, ले कन इस बार म इसिलए खुश था य क उनके आने का
मतलब था क िश ा मासी को अब जाना पड़ेगा।
‘हलो जीजा-जी,’ पापा के भीतर घुसते ही िश ा मासी ने कहा।
पापा ने कोई जवाब नह दया। उ ह ने फ़श से अख़बार उठाया और उसे फ़ो ड कर दया।
‘मने कहा हैलो जीजा–जी,’ िश ा मासी ने कहा और मु करा द । वे आसानी से हार नह मानने वाली थ ।
‘मुझे आपक हैलो से यादा गुडबाय अ छी लगती ह पापा ने जवाब दया। घ टया हरकत करने म उनसे कोई
जीत नह सकता था।
‘मुझे मेरी बहन ने बुलाया था,’ िश ा मासी ने कहा।
‘फ़ालतू लोग फ़ालतू लोग को िमलने बुला लेते ह,’ पापा ने कहा।
िश ा मासी मां क ओर मुड़ । ‘म यहां अपनी बेइ ज़ती करवाने नह आई। इ ह के वल तुम बदा त कर सकती
हो। तु हारी िज़ दगी का सबसे ख़राब फ़ै सला,’ िश ा मासी ने बड़बड़ाते ए कहा। वे जाने के िलए अपना हडबैग पैक
कर रही थ ।
‘य द तुम हमारे घरे लू मामल म दख़ल न दो तो अ छा होगा,’ पापा ने कहा और उ ह एक भूरा बैग थमां
दया। इस बैग म िमठाइयां थ , जो िश ा मासी हमारे िलए लाई थ । दोन ने एक-दूसरे को तीखी िनगाह से देखा।
‘इसे अपने साथ ले जाओ, नह तो म इसे कू ड़ेदान म फक दूंगा,’ पापा ने कहा। म पापा से बहस करने को उठ
खड़ा आ, ले कन मां ने मुझे चुप रहने का इशारा कया। िश ा मासी दरवाज़े तक प च ं । म भी उनके साथ दरवाज़े
तक गया। फर मने झुक कर उनके पैर छू िलए, स मान के कारण नह , बि क था के कारण।
‘बेटा, अपनी मां जैसी ग़लती मत करना। एक अ छी पंजाबी लड़क से शादी कर लो, इससे पहले क सब
लोग को तु हारे पापा के बारे म पता चल जाए। डॉली अ छी लड़क ह।’
पापा के कान उनक ज़बान क ही तरह तेज़ थे। ‘ये या चल रहा ह? कौन ह डॉली’ उ ह ने चीखकर पूछा।
िश ा मासी ने दरवाज़ा बंद कया और चली ग । कसी ने कोई जवाब नह दया। ‘ या तुम इसके िलए
लड़ कयां देख रही हो?’ पापा ने मां से जवाब क मांग क । मां चुप रह ।
‘तुम लड़क देखने गए थे?'
‘हां,’ मने कहा। पापा को ग़ से म तमतमाते देखकर मुझे इस बात क खुशी हो रही थी क म डॉली को देखने
गया था।
‘म तु ह...’ उ ह ने चीखते ए मां पर अपना हाथ उठाया।
‘ऐसी कोई हरकत करने के बारे म भूलकर भी मत सोचना!’ म उनके क़रीब आ गया।
‘इस घर म सारे फ़ै सले म लेता .ं ’ पापा ने कहा। उ ह ने एक टल लास उठाया और उसे फ़श पर पटक
दया। आिखर उ ह कसी न कसी पर तो अपना गु सा िनकालना ही था।
‘हां, आपको देखकर लगता ह क आप इतने मै योर तो ह ही क फ़ै सले ले सक मने कहा और कचन म चला
गया।
‘नंगे पैर मत चलो,’ मां ने कहा। फर वे झुक और टू टे ए कांच क करच चुनने लग । मेरे भीतर गु सा उभर
आया। के वल पापा पर ही नह , बि क मां पर भी। जो कु छ आ, उसे वे इतनी आसानी से भुलाकर आिखर चुपचाप
फ़श क सफ़ाई कै से कर सकती थ ?
‘पता नह , म इस घर म य चला आया,’ पापा ने कहा।
‘म भी यहां सोच रहा था,’ मने कहा।
‘बा टड, ज़बान संभाल के !’ वह मुझ पर ऐसे िच लाए, जैसे दस साल पहले फ़ौज के जवान पर िच लाते थे।
‘ श, दूसरे कमरे म जाओ,’ मां ने कहा।
‘म तब तक नह जाऊंगा, जब तक यह पागल इं सान यहां से नह चला जाता,’ मने कहा।
‘यह मेरी औलाद नह हो सकता। कोई भी अपने बाप से इस तरह बात नह करता ह।’
‘और कोई भी बाप इस तरह िबहेव नह करता ह,’ मने कहा।
मां ने मुझे बेड म क ओर धके ल दया। पापा ने इस उ मीद म इधर-उधर देखा क उ ह तोड़ने के िलए एक
और चीज़ या िच लाने के िलए एक और वजह िमल जाए, ले कन उ ह कु छ नह िमला। वे मुड़े और ज़ोर से दरवाज़ा
लगाकर बाहर चले गए। उनके जाते ही पूरे घर ने राहत क सांस ली।

िल वंग म को ठीक से जमाकर मां मेरे कमरे म आ और मेरे पास आकर बैठ ग । मने उनक ओर नह देखा।
उ ह ने मेरी ठोड़ी पकड़ी और मेरे चेहरे को उनक ओर घुमां दया।
‘पापा यह सब इसिलए करते ह,’ य क आप उ ह ऐसा करने देती ह। आपको उनके सामने फ़श साफ़ करने क
या ज़ रत थी?’ मने नाराज़ होते ए कहा।
‘ य क वे शीशे का दूसरा सामान भी तोड़ दगे और हमारे पास मेहमांन के िलए कु छ नह बचेगा,’ मां ने
कहा।‘ चंता मत करो, म उ ह संभाल लूंगी।’
मने मां क ओर देखा। एक आंसू उनक आँख से ढुलक पड़ा। मुझे लगा मेरी आंख भी नम हो गई ह।
‘तु ह अब उनसे दूर हो जाना चािहए,’ मने कु छ देर बाद कहा। हम अब ज़रा शांत हो गए थे।
‘ये इतना आसान नह ह,’ उ ह ने कहा।
‘अब म कमाने वाला हो गया ,ं ’ मने कहा।
‘म ठीक ।ं न बे फ़ सदी व त तो वो घर पर रहते ही नह ह। वह आम मेस चले जाते ह या अपने पाटनर से
िमलने चले जाते ह, िजनके साथ वे अपनी िबज़नेस क योजना पर बात करते ह।’
‘ या? जैसे क िस यो रटी एजसी?’ मने उनक हँसी उड़ाते ए कहा।
‘हाँ। ले कन वो तो पहली मुलाक़ात म ही क टमस से झगड़ा मोल लेते ह। क टमस सुरि त तो नह ही महसूस
करते ह गे,’ मां ने कहा।
मै हँस पड़ा।
‘म उ ह हडल कर सकती ।ं बस तु ह उनसे उलझ जाते हो,’ मां ने कहा।
‘शु आत वे करते ह। िश ा मासी क बेइ ज़ती करने क या ज़ रत थी? '
‘वो अब नह बदलगे। अब तो िश ा भी आदी हो चुक ह। मुझे इस बात क चंता है क अगर तुम द ली म
जॉब करोगे तो उनके साथ कै से रहोगे। शायद तु ह कं पनी ारा दए गए लैट म रहना पड़े।’
‘या यह भी संभव ह क द ली म जॉब ही न क ं ।’
‘ या कह रहे हो?'
‘म उ ह बदा त नह कर सकता।’
‘ फर तुम कहा जाना चाहते हो?'
‘पता नह , मां। म के वल िसटीबक को अपनी चॉइस बता सकता ।ं ले कन कोई गारं टी नह ह। फर दो साल
बाद कह और पो टंग कर दी जाती ह।’
‘तुमने द ली को ही चुना ह ना?'
मने कोई जवाब नह दया। द ली म रहने और दन म पंजाबी लड़ कय और रात म पापा से दो-चार होने
का िवचार मुझे ब त ए साइ टंग नह लग रहा था।
‘जहां भी म जाऊं। तुम भी मेरे साथ चलो,’ मने कहा।
‘ले कन कहां ? म द ली नह छोड़ सकती। मेरे सभी सगे-संबंधी यह ह। तुम दनभर द तर म रहोगे, म नए
शहर म अके ली या क ं गी? '
‘म चे ई जाना चाहता ’ं मने कहा।
‘हे भु!’ मां का मूड पलभर म बदल गया। वे उठ बैठ । ‘तु हारे पापा से भी यादा मुि कल ह तु ह हडल
करना। तुम पागल हो गए हो या?'
‘नह , म अन या को पसंद करता ।ं म चाहता ं क हमांरी रलेशनिशप और आगे बढ़े।’
‘तुम म ासी बन जाओगे?'
‘म कु छ भी नह बनूंगा। म वही के वल रहने जा रहा ।ं वैसे भी िसटीबक हर दूसरे साल ांसफ़र कर देती ह।’
‘मुझे कसी योितषी से िमलना चािहए। पता नह , तुम पर कौन-सी दशा चल रही ह।’
‘दशा नह , म कसी से यार करता ।ं ’
‘ यार- ार कु छ नह होता, बेटा,’ मां ने मेरे गाल को थपकाया और कमरे से बाहर चली ग ।
मने आिखरी तारीख़ तक िसटीबक का फ़ाम सबिमट नह कया। मेरा पेन बार-बार लोके शन ि फ़रस वाले
कॉलम तक जाकर क जाता। वहां तीन िवक प दए गए थे। ले कन म उसे भर नह पा रहा था।
‘तुमने फ़ाम भेज दया?’ अन या ने फ़ोन पर पूछा।
‘ज द ही भेज दूंगा। लगभग तैयार ह,’ मने कहा।
‘आर यू े ज़ी? आज आिखरी तारीख़ ह। तुमने चे ई ही िलखा ह ना? '
‘हां’ मने कहा और फ़ोन रख दया।
मने फ़ाम पर आिखरी बार िनगाह डाली। फर मने िसर उठाकर भगवान क ओर देखा और उनसे ाथना क
क वे मेरी ेम-कहानी का कु छ फ़ै सला कर। मने फ़ाम भर दया:

लोके शन ि फ़रस
1. चे ई या द ली (ई ल ि फ़रस)
2.—
3.—

मने फ़ाम को सीलबंद कया और उसे बक ांच म डाल आया। िब तर म जाकर म अन या का प पढ़ने लगा।
यह प मुझे िपछले ह ते िमला था, ले कन म इसे रोज़ सोने से पहले पढ़ता था।

हलो मेरे पंजाबी शेर,


मुझे िमस कया? म तो तु ह ब त िमस करती ।ँ म िमस करती ं यार से एक-दूसरे म
िसमट जाना, कै पस म चहलक़दमी करना, साथ-साथ पढ़ना और फर आधी रात के बाद चाय
पीने जाना। म ब त िमस करती ं श करने के िलए सुबह-सुबह अपने डोम तक भागकर
जाना, तु हारे साथ चार रा ता पर पाव-भाजी खाना, लाइ ेरी म फु टसी खेलना। ब त याद
आता ह लास म नज़र बचाकर एक-दूसरे को िनहारना, ख़राब ेड्स िमलने पर मेरी आंख से
िनकल आने वाले आंसु को तु हारे ारा प छना, मुझे हँसाने के िलए तु हारे ारा क जाने
वाली हरकत। मुझे याद आता ह कस तरह तुम मेरे बाल के साथ खेलते थे, और जब म आई-
लाइनर लगाती थी तो तुम कस तरह यान से मुझे देखा करते थे। मुझे याद आता ह... उफ,
या- या बताऊं, बस इतना समझ जाओ क मैने तु ह ब त-ब त याद कया।
म ठीक ।ं मां हमेशा क तरह चीखती-िच लाती रहती ह, पापा हमेशा क तरह शांत
रहते ह और मेरे भाई के हाथ म हमेशा क तरह फिज स, के िम ी या मै स क कोई कताब
रहती ह। दूसरे श द म, सब कु छ नॉमल ह। मैने एक बार फर म मी के सामने तु हारा िज़
कया था। उ ह ने घर पर एक पुजारी को बुलवाया और उसने मुझे एक ऐसा ताबीज़ दया, िजसे
पहनकर म तु ह भूल जाऊं। वॉव, मैने कभी नह सोचा था क मेरे पैर स तु ह लेकर इस तरह
रए ट करग।. ख़ैर, तु ह भूलने के िलए महज़ एक ताबीज़ काफ़ नह था, फर भी मैने उसे
मरीना बीच पर बंगाल क खाड़ी म फक दया। उसके बाद से मैने उनके सामने तु हारा नाम भी
नह िलया ह, यो क मुझे पता ह क तुम चे ई आओगे और उनका दल जीत लोगे, जैसे तुमने
मेरा दल जीत िलया था।

बाय, माय लव,

अन या।

पो ट ि ट: अरे हां, मैने बताया क नह , म से स को भी िमस करती ।ं

मने प को दस बार पढ़ा। और उसके आिखरी वा य को तो मने सौ बार पढ़ा होगा। म ठीक उसी समय उसके पास
चला जाना चाहता था। मने महसूस कया क म फ़ाम म बड़ी आसानी से चे ई िलख सकता था, ले कन म प रवार
के िलए अपनी िज़ मेदारी और अपराध बोध क क ह धुंधली भावना के कारण अपनी लव-लाइफ़ के साथ एक
खेल खेलता आ रहा था। फर मने सोचा क कह िसटीबक को द ली म यादा लोग क ज़ रत तो नह होगी।
आिखर, कसी तिमल क तुलना म कसी पंजाबी ारा िवदेशी बक खाता खुलवाने क संभावना यादा ही ह। और
चूं क म पंजाबी ,ं इसिलए वे मुझे द ली म लेस कर सकते ह। मुझे लगा जैसे मेरे भीतर से कोई तीखी-सी आवाज़
आई हो। म अन या के प को फर पढ़ने लगा और तब तक पढता रहा, जब तक क मेरी आंख नह लग गई।

एक ह ते बाद घर पर मेरे िलए एक कॉल आया। मां ने फ़ोन उठाया और मुझे कहा क कसी लड़के का फ़ोन ह,
िजसक आवाज़ लड़ कय जैसी ह।
‘हलो?’ मने कहा।
‘हाय श, इट् स देवेश ॉम िसटी एचआर।’
‘ओह, हाय देवेश। कै से हो?'
‘गुड, मने बस तु ह तु हारी जॉइ नंग डेट और लोके शन बताने के िलए फ़ोन कया ह।’ मेरा दल तेजी से
धड़कने लगा। ‘हां,’ मने कहा। म नवस भी था और ए साइटेड भी।‘तो तु ह 1 जून से शु करना ह।’
‘ओके ।’
‘और हम आपको चे ई म लेस कर रहे ह।’
द ली के आकाश म का पिनक आितशबािज़यां छू टने लग । िज़ दगी म पहली बार मुझे देवेश, एचआर
िडपाटमट और िसटीबक के िलए स े यार का अहसास आ।

Downloaded from Ebookz.in


अंक 3: चे ई
15
मेरी लाइट शाम सात बजे चे ई म लड ई। हम द ली म छह घंटे लेट हो गए थे, य क कसी साइको ने
एयरपोट फ़ोन करके कह दया था क लेन म बम ह। चे ई म क वेयर बे ट पर मेरे बै स को आने म और एक घंटा
लगा। इस दौरान म अपने आसपास के लोग को देखता रहा। जो पहली चीज़ मने नो टस क , वह यह थी क, कृ पया
मेरे इस सतहीपन के िलए मुझे माफ़ कर, ले कन लगभग न बे फ़ सदी लोग का रं ग गहरा सावला था। इनम से
अ सी फ़ सदी लोग ने अपने पर इतना टै कम पावडर लगा रखा था क इससे उनक वचा क रं गत े हो गई थी।
म समझ गया क फ़े यर एंड लवली का आिव कार य कया गया था, ले कन म यह न समझ पाया क लोग गोरा
होने के िलए इतना तरसते य ह?
क वेयर बे ट पर अिधकतर मिहलाएं अन या क मां जैसी लग रही थ । म उनम अंतर नह कर पा रहा था।
उन सभी ने टन सोना पहन रखा था, ले कन प मी आंटी के नेकलेस म लगे महंगे र और बेडौल ाय ू स क
तरह उनसे लटक रहे मोितय क तुलना म वे फर भी कमतर ही लग रहे थे।
म एयरपोट से बाहर चला आया। मुझे ऑटो पकड़ना था। मने कागज क एक पच तलाशने के िलए अपनी ज़ेबे
टटोल । इस पच म मेरा नया पता था। जब मुझे अपनी ज स म कोई पच नह िमली तो म लगभग घबरा गया। म
चे ई म टी नगर को छोड़कर कसी और जगह को नह जानता था। और टी नगर को भी म इसिलए जानता था,
यो क एक ज़माने म मने ि िलयंट ट् यूटो रय स से पढ़ाई क थी। ले कन मुझे नह लगता था क वे अपने लाख
टू डट् स म से एक, इस आठ साल पुराने टू डट को आसरा देना चाहगे।
ले कन जब मने अपना पस खोलकर देखा तो मुझे वही पते क पच िमल गई। मने राहत क सांस ली। म ऑटो
टड पर आया। अगले पैसजर को लेकर चार ाइवर आपस म बहस कर रहे थे।
‘एंगा?’ एक ाइवर ने बाक़ के तीन ाइवर को पीछे धके लते ए मुझसे पूछा।‘एंगा होटल?'
‘नो होटल,’ मने कहा और अपना पस बाहर िनकाल िलया। जैसे ही मने पस खोला, ाइवर को सौ-सौ के वे
दस नोट नज़र आए, जो मां ने द ली छोड़ते समय मुझे दए थे। उसने चटखारा भरा। मने वह पच बाहर िनकाल
ली, िजस पर पता िलखा था।‘इं ि लश इ ला,’ उसने कहा।
मने आसपास देखा। कोई भी ऐसा नज़र नह आ रहा था, िजसक अं ेजी अ छी हो। मने पता पढ़ने क कोिशश
क।
‘नुंगा-बा-का-मा-मा?’ मने कहा।
‘नुंगमब म?’ ाइवर ने हँसते ए कहा, जैसे क यह उ ारण करने के िलए दुिनया का सबसे आसान श द हो।
‘हां,’ मने कहा और देवेश ारा बताए गए एक लडमांक को याद कया।‘लोयोला कॉलेज के पास। तुमने
लोयोला कॉलेज देखा ह?'
‘सेरी, सेरी’ ाइवर ने कहा।
मने लगेज गाड़ी म चढ़ाया।‘मीटर?'
वह फर हँस पड़ा, मानो मने कोई भ ा जोक सुनाया हो।
‘ या?’ मने मीटर थपथपाते ए कहा।
‘मीटर इ ला,’ ाइवर ने ऊंचे वर म कहा। एयरपोट से बाहर िनकलने के बाद से ही उसका ि व और
आ ामक होता जा रहा था।
‘ कतना आ?’ मने कहा।
‘ईधुवुम,’ उसने कहा।
‘मुझे यह भाषा समझ नह आती। को कतना आ?'
न उसने गाड़ी रोक और न ही कोई जवाब दया। मने उसके कं धे को थपकाया। उसने पीछे मुड़कर देखा। मने
उसे अपने हावभाव से यह समझाने क कोिशश क क म उससे पूछ रहा ं ‘ कतना आ, मेरे यार?'
ले कन वह गाड़ी चलाता रहा। दस सेकड बाद उसने अपनी दा हथेली उठाई और अपनी पांच अंगुिलयां
फै ला द ।
‘पांच या? '
उसने फर अपनी अंगुिलयां िहला ।
‘पचास? '
उसने िसर िहलाकर सहमित दी।
‘ओके ,’ मने कहा। वह इस श द को समझता था।
‘वोके ,’ उसने कहा और हाथ िमलाने के िलए अपना हाथ आगे बढ़ाया। मने उससे हाथ िमलाया तो वह हँस
पड़ा और फर चे ई के सूया त म कह गुम हो गया।
मने शहर को देखा। यहां ऑटो, खचाखच भरी बस, परे शांहाल ै फ़क जवान और कराना, फल बतन, कपड़े
नॉव टी का सामान बेचने वाली छोटी-छोटी दुकान जैसी चीज़ थ , िज ह हर भारतीय शहर म पाया जा सकता ह।
फर भी उसम कु छ अलग था। पहली बात तो यह क सभी दुकान पर लगे बोड म तिमल म कु छ िलखा था। तिमल
के अ र उन ऑि टकल म जैसे लगते ह, िज ह य द देर तक देखते रह तो आपको िसरदद हो सकता ह। सभी
तिमल मिहला ने बाल म फू ल लगा रखे थे। शहर क दीवार फ मी पो टर से पटी पड़ी थ । हीरो क त वीर
देखकर लगता था क आपके अंकल भी फ़ मी हीरो बन सकते थे। हीरो थुलथुल, अधगंजे और घनी मूंछ वाले थे
और उनके सामने उनक हीरोइन मोहक सुंदर क या क तरह लगती थ । जब मेरी मां ने कहा था क तिमल
मिहलाएं उ र भारतीय पु ष क ओर आक षत होती ह तो शायद उनक बात म कु छ हद तक स ाई रही होगी।
‘अरे , ये तो आईआईटी ह? ‘आईआईटी चे ई का बोड देखते ही म ज़ोर से िच लाया।
‘ गंडी, गंडी,’ ऑटो ाइवर ने ऐसे श द का इ तेमांल कया क य द वह द ली म होता तो मुि कल म पड़
सकता था।
आईआईटी कै पस क दीवार एक कलोमीटर तक हमारे साथ दौड़ती रही। म उसे िनहारता रहा। ाइवर
ऑटो चलाने के साथ ही जगह के नाम भी बताता जा रहा था, जैसे आद्यार, सयदापेट, मंबलम और ऐसे ही अनेक
नाम, िजनका उ ारण करना टेढ़ी खीर था। मुझे यह सोचकर इन े म रहने वाल के िलए सहानुभूित का अनुभव
आ क फ़ाम म ए ेस कॉलम म उ ह अपना पता िलखने म उनका कतना समय ज़ाया होता होगा। नुंगमब म
प चं ते ही हम एक िवशालकाय पचास फ़ ट ऊंचे फ़ म पो टर के पास से गुजरे । ाइवर ने ऑटो रोका। फर उसने
ऑटो क िखड़क से अपनी गदन बाहर िनकाली और हाथ बांध िलए।
‘ या आ?’ मने इशारे से पूछा।
‘थलाइवर?’ उसने पो टर क ओर इशारा करते ए कहा।
मने बाहर देखा। वह पडाय पा नामक कसी फ म का पो टर था। मने अिभनेता -अिभनेि य के चेहरे देखे
और उनम से के वल एक को पहचान पाया– रजनीकांत।
ऑटो ाइवर खीस िनपोरने लगा। आिखर मने शहर का एक लडमांक पहचान िलया था। हम नुंगमब म क
घनी गिलय म चलते रहे और आिखरकार लोयोला कॉलेज प च ं े। मने कई थानीय िनवािसय से िचन पा टॉवस के
बारे म पूछा और उन सभी ने सही िब डंग क ओर इशारा कया।
म ऑटो से िनकला और ाइवर को सौ पए का नोट दया। फर म सोचने लगा क या मुझे उसके मै ीपूण
वहार के िलए दस पए क टप देनी चािहए?
‘अंजू’ ाइवर ने कहा और अपनी हथेली फर खोल दी। मुझे कु छ समझ न आया। ले कन जब उसने तीन बार
इशारा कया, तब जाकर म कु छ समझ सका।
‘तु ह पाँच सौ पए चािहए? पागल हो गए हो या?'
‘इ ला मैड,’ ाइवर ने ऑटो का रा ता रोकते ए कहा, ता क म अपना लगेज न िनकाल पाऊं।
मने वीरान रा ते पर नज़र डाली। अभी नौ ही बजे थे, ले कन लग रहा था, जैसे रात के दो बज गए ह । इसी
दौरान दो ऑटोवाले हमारे पास से गुजरे । मेरे ाइवर ने उ ह रोका। एक ऑटो म दो ाइवर थे और दोन ही आगे
क सीट पर बैठे थे। वे चार एक-दूसरे से तिमल म बितयाते रहे। उनक आवाज़ कभी-कभी ऊंची हो जाती।
‘पाँच सौ,’ एक ाइवर, जो थोड़ी-ब त अं ेजी बोल लेता था, ने मेरी ओर मुड़ते ए कहा।‘पाँच सौ नह ।
पचास, पचास,’ मने कहा।
‘अई,’ एक अ य ाइवर ने िच लाते ए कहा। इसके बाद चार ाइवर ने मुझे इस तरह घेर िलया, जैसे
बॉलीवुड क कसी लो-बजट फ म म गुंडे कसी भले आदमी को घेर लेते ह।
‘ हाट? मेरा लगेज लौटाओ और मुझे जाने दो,’ मने कहा।
‘इ ला लगेज। पेमट... मेक... यू,’ ाइवर म से कसी शे सिपयर ने मुझसे कहा।
वह धीमे-धीमे मेरे इद-िगद घूमने लगे। म सोचने लगा क आिखर म द ली के कसी एयर कं डीशंड ऑ फ़स म
काम करने का मौक़ा गंवाकर यहां य चला आया।
‘चलो पुिलस टेशन चलते ह,’ मने मन ही मन अपने पंजाबी ख़ून क कसम खाकर दलेरी के साथ कहा।
‘इ ला पुिलस,’ मेरा ाइवर िच लाया, जब क महज़ बीस िमनट पहले ही वह मुझसे हाथ िमला रहा था।
‘ दस चे ई... िहयर पुिलस इज़ माय पुिलस... दस नो नॉथ इं िडया... इ ला पुिलस, ए ोडा पूला ऊ बूडा,’
अं ेज़ी-भाषी ाइवर ने कहा।
उनके सफ़े द दांत रात म चमक रहे थे। जैसे ही मने अपनी पीठ पर एक ाइवर क थपक महसूस क , वैसे ही
मेरे मन से यह याल जाता रहा क तिमल लोग डरपोक होते ह। यह याल अन या के िपता के कारण उपजा था।
‘धत्,’ ाइवर को अपनी जेब से कु छ िनकालता आ पाकर मने मन ही मन कहा। क़ मत क बात थी क
उसने कोई चाक़ू नह िनकाला, बि क मांिचस और िसगरे ट के पैकेट िनकाले। उसने तिमल फ म क टाइल म एक
ख़ास अंदाज़ म िसगरे ट जलाई। मने मदद के िलए सड़क क ओर देखा। काश कोई मुझे इस मुसीबत से बचा पाए।
तभी पास क एक इमांरत से एक आदमी िनकलकर आया। मने उसे देखा तो भरोसा ही न कर पाया। उसने पगड़ी
पहन रखी थी। चे ई म कसी सरदार-जी को देखना ऐसा ही था, जैसे द ली म कसी ुवीय भालू को देख लेना।
वह अपनी कार पर कवर चढ़ाने बाहर आया था। मने राहत क सांस ली। ौपदी क र ा करने भगवान कृ ण
अवत रत हो चुके थे।
‘अंकल!’ म पूरी ताकत लगाकर िच लाया।
अंकल ने मेरी ओर देखा। मुझे ऑटो से िघरा देखकर वे फौरन पूरी िसचुएशन समझ गए। वे हमारी तरफ़ आए।
ाइवर उनक ओर बढ़े। वे उनका मुकाबला करने के िलए भी तैयार थे।
‘ए ा?’ अंकल ने कहा।
ाइवर ने उ ह उस पूरी कहानी का अपना वज़न सुनाया। अंकल उनसे धारा वाह तिमल म बात कर रहे थे।
कसी सरदार-जी को तिमल बोलते देखना बड़ा िविच और रोमांचक अनुभव था। ठीक सन टीवी के अ फ़ा टीवी म
िवलय क तरह।
‘कहां से आ रहे हो?’ उ ह ने पूछा।
‘एयरपोट।’
‘एयरपोट से यहां तक आने के पांच सौ पए नह लग सकते। यादा से यादा सौ पए।’ उ ह ने कहा।
चार ाइवर एक साथ बोलने लगे। वे ‘इ ला’ श द का ब त यादा इ तेमाल कर रहे थे। बहरहाल, अंकल
क फराटेदार तिमल के कारण वे ज़रा नम ज़ र पड़ गए थे। पाँच िमनट बाद हम सौ पए पर राज़ी हो गए।
ाइवर ने हम घूरकर देखा। मेरे ाइवर ने मेरा लगेज िनकाला और उसे सड़क पर पटकने के बाद अपनी गाड़ी
लेकर वहां से चला गया।
‘थ स, अंकल,’ मने कहा। ‘आप चे ई म लंबे समय से ह?'
‘ब त लंबे समय से। ले कन तुम लीज़ इतने समय यहां मत रहना,’ अंकल ने मेरा लगेज िल ट तक ले जाने
म मेरी मदद करते ए कहा। ‘पंजाबी हो? '
मने िसर िहलाकर हां कहा।
‘कभी ंक करने या िचकन खाने क इ छा हो तो मेरे घर चले आना। ले कन ज़रा सावधान रहना, तु हारी
िब डंग वेिजटे रयन ह। ड़ं कं ग पर भी पाबंदी ह।’
‘वाक़ई?’
‘हां, यहां के लोग ऐसे ही ह। ऐसा कोई मज़ा नह ह, िजससे उ ह अपराध बोध का अहसास न हो,’ उ ह ने
कहा। िल ट के दरवाज़े बंद हो गए।

मने अपने नए साथी क डोरबेल बजाई। रात के दस बज चुके थे। एक उन दे-से लड़के ने दरवाज़ा खोला। अपाटमट
अंधेरे म डू बा आ था।
‘हाय,’ मने कहा।‘ द ली से श। म कं यूमर फ़ायनस म ।ं ’
‘ ह
ं ,’ उसने कहा।‘अ छा, तो तुम वो हो। िसटीबक चे ई के इकलौते नॉथ इं िडयन ेनी। अंदर आ जाओ। तुम
ब त लेट हो गए हो।’
‘ लाइट िडले हो गई थी,’ मने कमरे म घुसते ए कहा।
उसने ड़ाइं ग म क ब ी चला दी।‘म रामानुजन ,ं आईआईएमबी से,’ उसने कहा। मने उसक ओर देखा।
वह अभी-अभी िब तर से उठकर आया था फर भी उसके बाल म तेल लगा था और वह ठीक से कं घी कए ए थे।
उसे देखकर ही लगता था क यह इं सान बक क नौकरी ब त मज़े से करे गा। जब क ऑटो ाइवर से ई झड़प के
बाद मेरा बेतरतीब िलया देखकर लगता था क म एक बक अकाउं ट भी नह खोल सकता।
‘यह सिडल का म ह और यह अ पा लंगम का।’
फर उसने मुझे अपना कमरा दखाया।
‘घर म खाने को कु छ ह?’ मने पूछा।
‘पता नह ,’ उसने कहा और ज खोलकर देखा।‘थोड़ा-सा दही-चावल ह।’ उसने भगोनी को बाहर िनकाल
िलया। उसे देखकर लगता नह था क वह खाने क कोई िडश ह। उसे देखकर यहां लगता था जैसे चावल कसी
दुघटनावश दही म िगर पड़े ह ।
‘कु छ और? पास म कह कोई रे टोरट खुला होगा? '
उसने िसर िहलाकर ना कहा और फर मेरी तरफ़ दो िलफ़ाफ़े बढ़ा दए। ‘ये तु हारे िलए कु छ प आए ह।
नौकर ने बताया क कोई लड़क िमलने आई थी।’
मने िलफ़ाफ़ो को देखा। एक तो िसटीबक क ओर से वेलकम लेटर था। दूसरे पर अन या के ह ता र थे। मने
एक बार फर दही चावल क ओर देखा और मन ही मन यह क पना करने क कोिशश क क यह कोई ब त ही
लिज़ज़ पकवान ह ले कन म उसे खाने का साहस न जुटा पाया।
म अपने कमरे म चला आया और िब तर पर पसर गया। रामानुजन ने घर क बाक़ सभी बि यां बुझा द
और फर सोने चला गया।
‘ या हम तु ह सुबह जगा द?’ अपने कमरे म जाने से पहले उसने पूछा।
‘ऑ फ़स का टाइम या ह?'
‘नौ, ले कन ेनीज़ से उ मीद क जाती ह क वे आठ बजे तक प च ं जाएंगे। हम साढ़े सात का टारगेट बनाकर
चलते ह, इसिलए सुबह पाँच बजे उठ जाते ह।’
मने द ली म िबताए अपने दो महीन के बारे म सोचा, जहां सुबह नौ बजे जाग जाने का मतलब था ज दी
उठ जाना। ‘सुबह पाँच बजे तक उजाला हो जाता ह? ‘‘लगभग। हम तु ह उठा दगे। गुड नाइट।’
मने अपना दरवाज़ा बंद कर दया और अन या क िचट् ठी खोली।
हे चे ई बॉय ,
म तुमसे आई थी। तुमने कहा था क तुम दोपहर तक आ जाओगे, ले कन तुम प चे नह
थे। ख़ैर, अब म यादा देर तक इतंजार नह कर सकती, यो क मॉम सोच रही होगी क म
राधा िस स शॉप पर अपने दो त के साथ ।ं मुझे जाना होगा। घर पर थोड़ा-ब त नाटक चल
रहा ह, ले कन म तु ह अभी उसम नह उलझाना चाहती। ड ट वरी, हम ज द ही िमलगे।
तु हारा आ फ़स अ ा सलाई म ह और वह मेरे आ फ़स से ब त दूर नह ह। ले कन एचएलएल
मुझसे पूरे तिमलनाडु के च र लगवा रहा ह। मुझे टोमैटो के चप बेचना पड़ रहा ह। मुि कल
काम ह, ख़ास तौर पर तब, जब म सोचती ं क के चप म न तो इमली पड़ती ह और न ही
ना रयल!
अ छा तो म चलती ।ं गेस वॅाट, आज मैने बाल म जै मीन के फू ल लगाए ह! इटी रयस
म िडशनल लुक ही ठीक रहती ह। मैने कु छ पंखुिड़यां तोड़कर इस प म रख दी ह। उ मीद
करती ,ं वे तु ह मेरी याद दलाएंग ।

लव एड कसेस,
अन या।

मने प क तह को खोला। जै मीन क पंखुिड़या मेरी गोद म िगर पड़ । वे ब त कोमल थ और उनक गंध अ त ु
थी। आज के दन क यह इकलौती ऐसी चीज़ थी, िजससे मुझे खुशी िमली थी। इसने मुझे फर यह याद दलाया क
आिखर म यहां य और कसके िलए आया ।ं
16
जब आप अपने जॉब के पहले दन पहले ही घंटे म उससे घृणा करने लग तो समिझए यह आपके िलए एक बुरी ख़बर
ह। ऐसा नह था क िसटीबक ने कु छ ऐसा कया हो, िजससे मने असहज महसूस कया हो। उ ह ने तो अपनी ओर से
पूरी कोिशश क क म सहज और वाभािवक महसूस क ं । मुझे एक यूिबकल और एक कं यूटर असाइन कर दया
गया था। म एक ऐसे समूह म था, जो ‘ ाय रटी ब कं ग’ लाइं स के िलए काम करता था। ाय रटी ब कं ग लाइं ट्स
वा तव म ‘अमीरज़ादे ाहक ’ के िलए एक पॉिल टकली करे ट श द था। इस तरह के ाहक को ाथिमकता सूची
म आने के िलए नोट के बंडल लहराने के िसवाय कु छ भी नह करना था। ाथिमकता सूची म शािमल ाहक को
िवशेष सेवाएं िमलती थ , िजसका मतलब था वे टंग ए रया म कु सय के बजाय सोफ़े और बक र ज़टे ट ज़ ारा
उनक जेब कतरने, माफ़ क िजए, उ ह अ छी िनवेश योजनाएं बताने के दौरान मु त गमागम चाय। और सबसे बड़ी
सुिवधा थी क टमर स वसेस मैनेजस तक सीधी प च ं । ये मैनेजस शीष एमबीए कू स से िनकले ऐसे फ़ायनिशयल
िवज़ा स थे, िजनम आपक िव ीय नीितय को एक नए तर तक ले जाने क मता थी। जी हां, म इ ह मैनेजस म
से एक था। ज़ािहर ह, ाहक स बात करते समय कभी इस तरह क बात का िज़ नह कया जाता था क उनका
क टमर स वस मैनेजर अपने जॉब से घृणा करता ह या वह यह काम के वल पैस के िलए कर रहा ह या वह इस शहर
म के वल इसीिलए काम करने आया ह, य क उसक गल ड यहां रहती ह।
मुझे आठ बक र जटे ट ज़ को सुपरवाइज़ करना था। बक र जटे ट ज़ युवा थे। वे या तो सामां य ेजुएट् स
थे या फर कसी ऐरे -गैरे सं थान से िनकले एमबीए। और चूं क म आईआईएम से िनकला था और इसीिलए यह
माना जा सकता था क मेरे पास कु छ िविश अिधकार ह गे, इसिलए ज़ािहर तौर पर म उनसे ऊपर था। म तिमल
नह बोलता था और ब कं ग के बारे म भी कु छ नह जानता था। फर भी मुझे यह दखावा करना था क मुझे पता ह
क म या कर रहा ।ं कम से कम मेरे बॉस बालकृ णन के सामने, िज ह बाला भी कहा जाता था।
‘वेलकम टु द फ़ै िमली,’ बाला ने मुझसे हाथ िमलाते ए कहा।
मुझे लगा क कह वह अन या के कोई र तेदार तो नह ।’ फ़ै िमली?'
‘द िसटीबक फ़ै िमली, और ऑफ़ कोस, द ाय रटी ब कं ग फ़ै िमली। तुम ब त लक हो। इस ुप से अपना
कै रयर शु करने के िलए नए एमबीए या कु छ नह कर गुजरगे।’ म मु करा दया।
‘आर यू ए साइटेड, यंग मैन?’ बाला ने ऊंची आवाज़ म पूछा।
‘सुपर-ए साइटेड,’ मने कहा। म सोच रहा था क चूं क यह मेरा पहला ही दन था, इसिलए या आज मुझे
ज दी छु ट् टी िमल जाएगी।
वह मुझे ाय रटी ब कं ग ए रया म ले गया। आठ र ज़टे ट ज़, िजनम चार लड़के और चार लड़ कयां थ , ने
रसच रपोट और इस बारे म िविभ िवभाग क ट स पढ़ी क आज वे या बेच सकते थे। म सभी से िमला,
अलब ा उन सभी के एक जैसे साउथ इं िडयन नाम को म याद नह कर पाया।
‘क टमस दस बजे से आने लगगे यानी अब से दो घंटे बाद,’ बाला ने कहा ‘और तभी हमारी वा तिवक लड़ाई
शु होगी। हमारा मानना ह क ेनीज़ काम करने के दौरान ही सबसे अ छी तरह से सीखते ह। तो जंग के िलए
तैयार हो? '
मने उसक ओर देखा। उसे देखकर ही बताया जा सकता था क इसने अपनी पूरी िज़ दगी िसटीबक म िबता दी
ह। उसक उ चालीस साल के क़रीब थी, िजसम से शायद बीस साल वह बक म कु बान कर चुका था।
‘रे डी? कोई सवाल, चै प?’ बाला ने फर पूछा।
‘जी हां, मुझे ए ज़ै टली या करना होगा? '
बाला ने मुझे िनराश िनगाह से देखा। यह उसक आगामी अनेक िनराश िनगाह म से पहली थी। फर उसने
एक र ज़टे ट ज़ से डेली रसच मंगवा । ‘तु ह दो चीज़ करनी ह गी, ए चुअली दो नह तीन,’ बाला ने मुझे मेरी
डे क तक ले जाते ए कहा, ‘पहली यह क रोज़ इन रपो स को पढ़ और देखो क तुम लाइं ट्स को इनम से कौन-
सी इं वे टमट् स रकमड कर सकते हो। जैसे क यह।’ उ ह ने इ टीज़ ुप से एक रपोट िनकाली। वह इं टरनेट
कं पिनय के शेयर रकमड कर रही थी, य क उनक वै यू िगरकर आधी हो चुक थी।
‘ले कन या डॉट कॉम का ग़ बारा फू ट नह रहा ह?’ मने कहा। ‘ये कं पिनयां कभी पैसा नह बना पाएंगी।’
बाला ने मेरी तरफ़ कु छ ऐसे देखा, जैसे मने उससे पंजाबी म कु छ कह दया हो। ‘देखो, हमारी रसच कहती ह
क यहां इसे ख़रीदना चािहए। यह िसटीबक क ऑ फिशयल रसच ह,’ बाला इस तरह बोल रहा था, मानो वह
बाइिबल म से कोई वा य कोट कर रहा हो। शायद वह ऑ फिशयल रसच कसी ऐसे हंग-ओवर एमबीए ने िलखी
होगी, िजसे िबज़नेस कू ल छोड़े तीन साल हो गए ह गे।
‘फ़ाइन, इसके अलावा और या,'
‘दूसरा मह वपूण जॉब ह रलेशनिशप डेवलप करना। तिमिलयंस एजुकेटेड लोग को पसंद करते ह। तुम
आईआईटी और आईआईएम से आए हो। तु ह उनके साथ रलेशनिशप डेवलप करनी होगी।’
मने िसर िहलाकर हामी भरी। म ाय रटी ब कं ग के इस िचिड़याघर म एक ऐसी िवलु हो रही जाित का
जीव था, िजसे क टमस देखने और उसक ओर के ले उछालने आ सकते थे।
‘अब, तु हारे िलए यह ज़रा मुि कल होगा, य क तुम एक...?’ बाला बोलते-बोलते क गया, जैसे क उसे
कोई शपथ लेनी हो।
‘पंजाबी हो?'
‘हां, ले कन या तुम तिमिलयंस से दो ती कर सकते हो? '
‘म कोिशश कर रहा ।ं मुझे करना ही होगा,’ मने कहा। म सोच रहा था क म अन या को उसके घर के
अलावा और कहां फ़ोन कर सकता था। काश, इन कमब त सेलफ़ोन क क़ मत तेज़ी से घट जाएं।
‘गुड। और आिखरी बात यह क,’ बाला आगे बढ़ा और फु सफु साते ए कहा,’ ये र जटे ट ज़ ज़रा क़ािहल
क म के ह। इन पर नज़र रखना। य द कोई ठीक से काम न कर रहा हो तो मुझे बताना।’ उसने मुझे आंख मारी और
जाने के िलए खड़ा हो गया।’ और ऑ फ़स ज़रा ज दी आया करो।’
‘म साढ़े सात बजे आ गया था। ऑ फ़स का टाइम तो नौ बजे ह ना?'
‘हां, ले कन जब म तु हारे लेवल पर था, तो म सात बजे आता था। य द तुम मेरे जैसा बनना चाहते हो तो वेक
अप, सोलर,’ बाला ने कहा और अपने जोक पर ख़द ही हँस पड़ा। तिमल सस ऑफ़ यूमर, अगर इस तरह क कोई
चीज़ होती हो तो, वा तव म दूसर को देखकर सीखी गई कोई चीज़ होती ह।
ले कन म बाला जैसा नह बनना चाहता था। वा तव म म यहां होना भी नह चाहता था। मने उसके जाने के
बाद गहरी सांस ली और अपने सैलेरी पैकेज को याद कया। तुम यह पैसे के िलए कर रहे हो, मने ख़द से कहा। चार
लाख पया सालाना, यानी तैतीस हज़ार पए ितमाह, मने मन ही मन यह मं दोहराया। मेरे िपताजी तीस साल
से आम म काम कर रहे थे और इसके बावजूद उनक सैलेरी मुझसे आधी भी नह थी। मुझे बस बबल टॉ स को पुरा
करना था और उसके बाद सारा पैसा सीधे मेरी जेब म था। िज़ दगी आिखरकार इतनी बुरी भी नह , मने ख़द से
कहा।
‘सर, या म टॉयलेट जा सकती ?ं ’ एक र ज़टे ट ज़ ने मुझसे पूछा।
या?
वह परिमशन के िलए मेरी ओर देख रही थी।
‘तु हारा नाम या ह?'
‘ ी।‘
‘कहां से हो? '
‘कोयंबटू र,’ उसने कॉकरोच कलर के बॉडस वाले अपने बड़े-से च मे को ठीक करते ए कहा। चे ई म फै शन
का यादा बोलबाला नह ह।
‘तुमने कॉलेज म पढ़ाई क ह?'
‘येस सर। कोयंबटू र यूिनव सआंटी। िड टं शन, सर।’
‘गुड। फर तुम मुझसे परिमशन य मांग रही हो? '
‘बस ऐसे ही, सर,’ उसने कहा।
‘टॉयलेट जाने के िलए मुझसे परिमशन लेने क ज़ रत नह ह,’ मने कहा।
‘थक यू, सर।’
म अगले दो घंटे तक रपो स पढ़ता रहा। इन सभी रपो स म उन अितउ साही एमबीएज़ के फ़ाइनिशयल
मॉड स थे, िजनक दलच पी इ े शंस सुलझाने म यादा थी, बिन वत यह सवाल पूछने के क वे या कर रहे थे।
एक टेबल म इं टरनेट कं पिनय क वै यू क तुलना उनक साइट पर जाने वाले िविज़टस क सं या से क गई थी।
रकमडेड कं पनी क आईबॉल रे िशयो के िलए सबसे कम वै यू थी। आईबॉल रे िशयो िव ेषक ारा गढ़ा गया एक
डी टम था। महज़ इसी आधार पर रपोट म मोटे अ र म िलखा था: ‘ख़रीद लो!’ ज़ािहर ह, िव ेषक ने कभी यह
सवाल नह पूछा था क कोई भी साइट िविजटर कभी कसी इं टरनेट कं पनी को पैसा नह चुकाता था। ‘यह हर
िलहाज़ से एक स ता सौदा होगा!’ रपोट िव मय िच न के साथ कहती थी।
‘सर, मेरे क टमर आए ह। म उ ह आपके पास ले आऊं?’ ी ने टॉयलेट से लौटते ही कहा।
‘ योर,’ मने कहा।
‘सर, ये ह िमस ीिनवास,’ ी ने कहा। पचासेक साल क एक अधेड़ मिहला मेरे यूिबकल म आई, िजसक
सोने क चूिड़यां हथकिड़य से भी मोटी थ । हम सोफ़ा ए रया म चले आए ता क क टमर को लूटते-खसोटते समय
उसे एक पसनल िल वंग म फ़ल दे सक।
‘आप आईआईटी से ह?’ उसने मेरी तरफ़ देखते ए कहा।
‘हां,’ मने कहा। म उसे कोई लॉस-मे कं ग कं पनी ख़रीदने को राज़ी करने के िलए तैयार हो रहा था।
‘मेरा पोता भी आईआईटी के िलए तैयारी कर रहा ह,’ उसने कहा। उसके बाल तेल से सने होने के कारण
चमक रहे थे।
‘आपक उ देखकर लगता नह क आपका पोता आईआईटी क तैयारी कर रहा होगा,’ मने कहा।
िमस ीिनवास मु करा द । ी ने भी खीस िनपोर द । जी हां, हमने चूहद े ानी सजा दी थी और उसम पनीर
का टु कड़ा भी सजा दया था। वॉक इन, बेबी।
‘अरे नह , मेरी तो अब उ हो चली। अलब ा मेरा पोता अभी छठी लास म ही ह।’
‘मैडम का बैलस कतना ह? ‘मने पूछा।
‘एक करोड़ बीस लाख, सर,’ ी ने जवाब दया।
मने मन ही मन अंदाज़ा लगाया। इतने पैसे कमाने के िलए मुझे तीस साल तक यह नौकरी करनी पड़ेगी। मुझे
लगा क उससे कु छ पए खसोट लेने म कोई बुराई नह ह।
‘मैडम, या आपने कसी टॉक म इं वे ट कया ह?’ इं टरनेट टॉ स आजकल स ते ह,’ मने कहा।
िमस ीिनवास ने मुझे चंितत नज़र से देखा। ‘ टॉ स? ना बाबा। और मेरा बेटा िवदेश म एक इं टरनेट कं पनी
म ही काम करता ह। वह कहता ह क कं पनी बंद हो सकती ह।’
‘वह अमे रका ह, मैडम। यह इं िडया ह। हमारी एक अरब क आबादी ह या दूसरे श द म कह तो हमारे यहां
दो अरब आईबॉ स ह। ऐसे म ज़रा इं टरनेट क संभावना क क पना क िजए और हमारा यूचुअल फ़ं ड ह िलहाज़ा
आपको कसी भी एक कं पनी म इं वे ट करने क ज़ रत नह होगी।’
हम पांच िमनट तक िमस ीिनवास को बहलाते-फु सलाते रहे। मने बातचीत म ब त सारे एमबीए ट स फके ,
जैसे क ेटेिजक एडवांटेज, बॉटम लाइन वसस टॉप लाइन, टॉप डाउन वसस बॉटम अप। इन श द के कारण म
बड़ा इं टेलीजट मांलूम हो रहा था। िमस ीिनवास और ी मेरी हर बात पर िसर िहलाती रह । आिखरकार, िमस
ीिनवास एक छोटा-सा इं वे टमट करने के िलए राजी हो ग ।
‘दस लाख से शु आत करते ह,’ मने बात को ख़ म करने के िलए कहा।
‘पाच, लीज़, पाच,’ िमस ीिनवास ने लगभग याचना के वर म कहा, जब क पैसा उ ह का लग रहा था।
मने पाँच लाख पर बात तय क । ी तो मारे खुशी के उछल ही पड़ी। म उसका फ़े वरे ट क टमर स वस मैनेजर
बन गया था।
बाला मुझे संगीताज़ नाम के एक डोसा रे टोरट म लंच कराने ले गया।
‘यहां कतनी वैरायआंटी के डोसा ह?’ मने वेटर से पूछा।
‘हमारे यहां चौरासी क म के डोसा िमलते ह,’ वेटर ने बोड क ओर इशारा करते ए कहा। िजतनी तरह क
ट फ़ं ग क क पना क जा सकती थी, उतनी ही क म के डोसा यहां मुहय ै ा थे।
‘ि पनाच डोसा ाय करके देखो। और उसके बाद वीट बनाना डोसा,’ बाला ने मेरी तरफ़ कु छ इस तरह
मु कराते ए कहा, जैसे क वह मुझे बाप का वह यार देना चाह रहा हो, जो मुझे कभी नह िमला। ‘तो अपना
पहला इं वे टमट पाकर कै सा लग रहा ह? दल खुशी के मांरे उछल रहा ह? '
मेरा दल उछल नह रहा था, के वल दुख रहा था। मुझे चे ई आए पं ह घंटे हो गए थे और म अभी तक
अन या से बात भी नह कर पाया था। म ज द ही एक सेलफ़ोन खरीदना चाहता था। एक नह , दो।
‘म तुमम अपनी झलक देखता ।ं तुम मेरी ही तरह हो।’ बाला ने अपने डोसे का पहला टु कड़ा सांभर म डु बोते
ए कहा। मुझे िब कु ल नह पता था क वह इस नतीजे पर कै से प च ं ा था।
मेरे पास अन या का लडलाइन नंबर था। ले कन वह शाम सात बजे के पहले घर नह प च ं ती थी। चूं क
उसका से स फ़ ड जॉब था, इसिलए ऑ फ़स का भी कोई तय नंबर नह था। मुझे याद आया क कस तरह हम
कै पस म लंच के बाद एक-दूसरे से सटकर अपनी दोपहर क झपक ले िलया करते थे। इट इज़ ऑ फिशयल, कॉलेज
के बाद िज़ दगी क राह बदल जाती ह।
‘मज़ेदार ह ना? ‘बाला ने कहा। ‘मुझे बीस साल हो गए, ले कन बक आने का उ साह ख़ म नह आ। वॉव।
मुझे आज भी वह दन याद ह, जब मेरे बॉस मुझे पहली बार लंच कराने ले गए थे। अरे या सोच रहे हो? काम क
बात बाद म सोचना, अभी लंच-टाइम चल रहा ह।’
‘ऑफ़ कोस,’ मने ख़द को संभालते ए कहा। ‘यहां से एचएलएल ऑ फ़स कतनी दूर ह? '
‘ य ? कोई पोटिशयल लाइं ट ह?’ बाला ने कु छ इस तरह पूछा, मानो इस धरती पर अवत रत होने के पीछे
लोग का यही उ े य होता ह क वे ाय रटी ब कं ग क टमस बन जाएं।
‘मुम कन ह,’ मने कहा। ब कं ग के बारे म सबसे अ छी चीज़ यह ह क आपको झूठ बोलने के बाद क़तई बुरा
महसूस नह होता।
‘एचएलएल ऑ फ़स नुंगमब म म ह। अपे स लाज़ा,’ उसने कहा।
वेटर ने हम कड़छीभर सांभर और दे दया। साथ ही बनाना डोसा भी परोस दया। बनाना डोसा का वाद
पैनके क क तरह था और वह वाक़ई अ छा था। ‘अ छा, वही जगह, जहां म ठहरा आ ?ं '
‘येस, और मेरा घर भी वह ह,’ वह आगे झुका और मेरी पीठ थपथपा दी। शायद मुझे एक अ छा बॉस िमला
था। मुझे अ छा महसूस करना चािहए था, ले कन ऐसा नह आ। म सोच रहा था क मुझे पहले एचएलएल म कॉल
करना चािहए या सीधे वही प च ं जाना चािहए।
दोपहर को म अपनी डे क पर लौट आया। वहां म कु छ क टमस से िमला, ले कन उनम से अिधकांश के पास
यादा कने का समय नह था। िमस ीिनवास ने मुझे एक लक ेक दे दया था, ले कन कं ज़व टव तिमल को
इं वे टमट के िलए राज़ी करना आसान नह था।
‘ फ ड िडपॉिजट। मुझे फ ड िडपॉिजट पसंद ह,’ इं वे टमट क ाथिमकता के बारे म पूछे जाने पर एक
क टमर ने जवाब दया।
दोपहर के तीन बज रहे थे। मेरे िलए एक कॉल आया।
‘आपके िलए ह, सर,’ ी ने मेरे ए सटशन पर लाइन ांसफ़र करते ए कहा।
‘हाय, म अपने हॉट-शॉट से सी बकर के साथ एक ाय रटी अकाउं ट खुलवाना चाहती ।ं ’
‘अन या?’ मेरी आवाज़ से खुशी छलक पड़ी थी, ‘तुम कहां हो? हम कब िमलगे? म एचएलएल चला आऊं?
आई एम सॉरी, मेरी लाइट... '
‘इज़ी, इज़ी। म कांचीपुरम म ।ं ’
‘ये कहां ह? '
‘चे ई से तीन घंटे दूर, ले कन म ज दी लौट आऊंगी। तुम मेरे घर िडनर पर य नह आते?'
‘घर पर? तु हारे घर पर? तु हारे मॉम और डैड के साथ? '
‘हां, य नह । तु ह उनसे जान-पहचान तो करनी ही होगी ना। मॉम इन दन ज़रा ठीक नह ह, ले कन दैट्स
ओके । '
‘वे ठीक य नह ह? हमारे कारण? '
‘नह , उनके पास दुखी होने के िलए दूसरी भी वजह ह। क़ मत क बात है क इस बार वे मुझसे जुड़ी कसी
चीज़ के कारण दुखी नह ह। '
‘अन या, कह बाहर चलते ह ठीक है? '
‘आज नह । कनाडा से मेरी आंटी आई ह। तुम रात आठ बजे चले आना? ‘उसने मुझे अपना पता दया। मने
पता नोट कया, ले कन उससे तीन बार पे लंग पूछी। ‘पाँच घंटे बाद िमलते ह उसने कहा और फ़ोन रख दया।
मने इस उ मीद म घड़ी क ओर देखा क इससे उसक गित तेज़ हो जाएगी। शाम छह बजे र ज़टे ट ज़ चले
गए, ले कन िसटीबक क महान क चर के मुतािबक एमबीएज़ आठ बजे तक द तर म ही रहते थे।
म भारत क अथ व था पर रपोट पढ़कर समय काटता रहा। इ ह माट लोग ने िलखा था और उ ह ने कु छ
इतने आ मिव ास से अगले दस साल क जीडीपी का पूवानुमान लगाया था क यह बुिनयादी त य छु प जाता था
क आिखर तुम अभी से कै से बता सकते हो, भैया?
साढ़े सात बजे म जाने के िलए उठ खड़ा आ। बाला मेरे पास आया। ‘जा रहे हो?’ उसने ऐसे पूछा, जैसे क म
हाफ़ डे लीव ले रहा ।ं
‘ही,’ मने कहा। ‘अभी यहां मेरे िलए करने को कु छ ख़ास नह है। '
‘एक और टप, अपने बॉस से पहले कभी मत जाओ उसने कहा और मुझे आख मारी। फर वह हँस पड़ा, ले कन
मुझे उसक बात कह से भी फ़नी नह लगी थी। म जानना चाहता क आिखर कोई तिमल जोक बुक कै सी होती
होगी?
‘आप कस समय जाते ह?’ मने थकान भरे वर म पूछा।
‘ब त ज दी, ए चुअली म जा ही रहा ।ं कु सुम इं तज़ार कर रही होगी। तुम िडनर के िलए मेरे घर चलना
चाहोगे? '
‘नह , थ स, ‘मने कहा।
उसने मुझे दूसरी बार िनराशा भरी िनगाह से देखा।
‘मुझे अपने एक दूर के र तेदार के यहां जाना है मने कहा।
‘ओह उसने कहा। उसक आवाज़ म अब भी उदासी थी।
आई एम सॅारी, डू ड, ले कन म के वल इसीिलए अपनी िज़ दगी का रमोट तु हारे हवाले नह कर सकता
यो क तुम मेरे बॉस हो, मने सोचा।

Downloaded from Ebookz.in


17
‘ वामीनाथन, ‘अन या के छोटे अलग-थलग-से घर के बाहर लगी नेम लेट पर घुमावदार अ र म यह िलखा आ
था। मने दरवाज़े क घंटी बजाई, हालां क ाइं डर क घरघराहट के कारण उसे साफ़ तरह नह सुना जा सकता था।
‘येस?’ अन या के िपता ने हैरत के भाव के साथ दरवाज़ा खोला। मुझे पूरा यक़ न है क वह मुझे पहचान गए
थे, ले कन वे मुझे न पहचान पाने का दखावा करते रहे। उ ह ने आधी आ तीन क सफ़े द बंडी पहन रखी थी, िजसम
आगे क तरफ़ ज़ेब थ । साथ ही उ ह ने चे ड नीली-सफ़े द लुंगी पहन रखी थी।
‘ श, सर, अन या का ड, ‘मने कहा। पता नह य , ले कन म जब डरा आ होता ं तो लोग को सर
कहकर संबोिधत करने लगता ।ं म अपने साथ िबि कट् स का एक िग ट पैक ले आया था, य क मेरी पंजाबी
तहजीब ने मुझे यही िसखाया था क जहां भी जाओ अपने साथ म कम से कम इतनी कै लोरीज़ तो लेकर ही जाओ,
िजतनी तुम वहां ख़द हज़म करने वाले हो।
मने एक बार फर अपना प रचय दोहराया। तब उ ह ने कहा, ‘ओह, अंदर आ जाओ। ‘म भीतर आया और
उ ह िग ट पैक दे दया।
‘जूते!’ उ ह ने खे वर म कहा, जब क म ‘थ स ‘क उ मीद कर रहा था।
‘ या? ‘मने कहा।
उ ह ने घर के बाहर शू रै क क ओर इशारा कया।
मने अपने जूते िनकाले और जुराब को चेक कया क कह उनम से बू तो नह आ रही या कह कोई छेद तो
नह है। फर मने तय कया क मुझे जुराब भी िनकाल देनी चािहए। म भीतर चला आया।
‘रं गोली पर पैर मत रखो, ‘उ ह ने चेतावनी भरे लहज़े म कहा।
मने नीचे देखा। मेरे दाएं पैर के नीचे चावल के आटे से बनाई गई फू ल क िडज़ाइन थी। ‘सॉरी, आई एम
रयली सॉरी, सर, ‘मने कहा और रं गोली ठीक करने झुक गया।
‘इट् स ओके । अब उसे ठीक नह कया जा सकता, ‘उ ह ने कहा और मुझे िल वंग म म ले आए। लंबा
आयताकार कमरा कु छ ऐसा नज़र आ रहा था, जैसे क पंजाबी ाइं ग म कसी डकै ती के बाद नज़र आते। सोफे
सादे थे। कु शंस भारतीय रे लवे के लीपस से भी पतले थे। प मी अंटी के लाल मखमल के सोफ़ से वे िब कु ल अलग
थे। दीवार पर ह के हरे रं ग का िड टपर फिनश था। पूरे कमरे म िभ -िभ कार के साउथ इं िडयन देवी-देवता
के िच थे। डाय नंग ए रया म फ़श पर बैठक व था थी। एक कोने म, एक डेबेड पर तंबूरा रखा था (जो देखने म
िसतार जैसा लगता था)। वहां एक बुज़ग ि बैठे थे। मने सोचा क कह अन या के पैरट् स ने िडनर के िलए लाइव
यूिज़क का आयोजन तो नह करवाया है।
‘बैठ जाओ, ‘अन या के िपता ने सोफ़े क ओर इशारा करते ए कहा।
हम एक-दूसरे के सामने बैठ गए। जीवन म पहली बार म अन या के िपता के ठीक सामने था। मने दमाग पर
ज़ोर डाला, ता क म बातचीत शु करने के िलए कोई अ छा-सा िवषय सोच पाऊं। ‘नाइस लेस, ‘मने कहा।
‘ या ख़ाक़ नाइस। इस ए रया म तो पानी ही नह है अंकल ने यूजपेपर उठाते ए कहा।
मने िसर झुका िलया, मानो मयलापुर म पानी क सम या के िलए माफ़ मांग रहा होऊं। अंकल ने पेपर खोला,
िजससे उनका चेहरा िछप गया। मुझे पता नह , उ ह ने ऐसा जानबूझकर कया था या नह । म चुप रहा और तंबूरे
वाले ि क ओर मुड़ा। म मु कराया, ले कन उसने कोई ित या नह दी। घर म एक अजीब क़ म क ख़ामोशी
थी। एक पंजाबी घर कभी इस तरह ख़ामोश नह होता, तब भी नह , जब रात को सब लोग सो रहे ह ।
मने आगे झुककर देखा क अंकल वा तव म पेपर पढ़ रहे ह या महज़ मुझसे बचने के िलए उ ह ने ऐसा कया
है। उ ह ने द हंद ू का एिडटो रयल पेज खोल रखा था। वे एआईएडीएमके से संबंिधत एक लेख पढ़ रहे थे, िजसम
सरकार से यह मांग क जा रही थी क नेवी मुख को बखा़ त करने वाले र ा मं ी पर इं ायरी िबठवाए। बड़ा
भारी-भरकम क़ म का लेख था। मेरे प रवार म कसी ने, करे यान, मेरे पूरे ख़ानदान म कभी कसी ने अख़बार के
एिडटो रयल पेज नह पढ़े थे, एआईएडीएमके के बारे म कोई लेख तो दूर क बात है।
अंकल ने मुझे ताक-झांक करते देख िलया। उ ह ने भुनभुनाते ए कहा, ‘ या है?'
‘कु छ नह मने कहा। पता नह मुझे इतने अपराध बोध का अनुभव य हो रहा था। अंकल पाँच िमनट तक
पढ़ते रहे। जब उ ह ने पेज पलटा तो मुझे बात करने का एक और मौक़ा िमला। ‘घर पर कोई नह है या, सर? '
‘इस व त घर के लोग और कहां ह गे?’
‘कोई नज़र नह आ रहा था।’
‘वे खाना पका रहे ह। तु ह ाइं डर क आवाज़ सुनाई नह दे रही है? ‘उ ह ने कहा। पता नह अन या के िपता
वाभािवक प से ऐसे ही थे या आज ही वे कु छ यादा िख थे। शायद, मेरे यहां आने के कारण वे भुनभुना रहे है
मैने सोचा।
‘पानी? ‘उ ह ने पूछा।
‘नह सर, ‘मने कहा।
‘ य ? तु ह पानी य नह चािहए?’
मेरे पास इसका कोई जवाब नह था, िसवाय इसके क मुझे इस घर म डर लग रहा था और कु छ अजीब-सा
महसूस हो रहा था। ‘ठीक है पानी दे दीिजए, ‘मने कहा।
‘राधा, ‘अंकल ज़ोर से बोले। ‘ट ती!’
‘ या वे अन या के दादाजी ह मने उस बुज़ग ि क ओर इशारा करते ए कहा।
‘नह , ‘उ ह ने कहा।
अन या के िपता ने उतना ही जवाब दया था, िजतना मने पूछा था। इसिलए मने धीरे -से पूछा: ‘वे कौन ह?’
‘वे राधा के कना टक तुड़क टीचर ह, जो उसक लास लेने आए थे। ले कन वह कचन म तु हारे िलए खाना
बना रही है। अब या कर?’
मने िसर िहला दया।
िल वंग म म अन या क मां आ । उनके हाथ म एक टेर थी, िजसम पानी का िगलास और एक लेट नमक न
था। भूरे रं ग के घुमावदार ै स सांप के जीवा म क याद दला रहे थे।
‘हैलो टी, ‘म खड़ा हो गया।
‘हैलो श, ‘उ ह ने कहा।
‘आई एम सॉरी, म ग़लत समय पर चला आया, ‘मने टीचर क ओर देखते ए कहा।
‘इट् स ओके । तु ह अन या ने इनवाइट कया है। और यह उसक आदत है क वह मुझसे पूछे िबना कु छ भी
करती रहती है अन या क मां ने कहा।
‘टी, हम सभी बाहर चल सकते ह मने कहा।
‘इट् स ओके । खाना लगभग तैयार है, ‘उ ह ने कहा और अपने पित क ओर मुड़ी।
‘मुझे गु जी के साथ बैठने के िलए आधे घंटे का समय दो। ‘ फर वे गु जी क ओर चली ग और उनके पैर
छु ए। गु जी ने उ ह आशीवाद दया। अन या क मा ने तंबूरा उठाया और वे कमरे से बाहर चले गए।
‘तो, िसटीबक ने तु ह चे ई म लेस कया है? ‘अंकल ने पहली बार बातचीत क शु आत करते ए कहा।
‘येस, सर, ‘मने कहा। अन या ने उ ह बताया था क बक ने मेरा ांसफ़र कया है।
‘वे नॉथ इं िडयंस को यहां य भेजते ह?’
‘पता नह , सर? '
‘बेकार लोग, ‘उ ह ने बुदबुदाते ए कहा और फर अपने अखबार म खो गए। मने गला खंखारा और
आिखरकार पूछने का साहस जुटाया: ‘अन या कहौ है?’
अंकल ने मेरी ओर कु छ इस तरह देखा, जैसे मने उनसे पूछा हो क उ ह ने अपना पोन कले शान कहौ रखा है।
‘वह नहाने गई है। वह शाम क ाथना के बाद ही आएगी। ‘मने िसर िहला दया। अहमदाबाद म अन या ने कभी
शाम क ाथना नह क थी। दूसरे कमरे से आवाज आ रही थ । ऐसा लग रहा था, जैसे कोई गला फाड़कर रो रहा
हो। मुझे हैरत म देखकर अंकल ने मुझे देखा।
‘कना टक तुड़क, ‘अंकल ने कहा। ‘तु ह पता है?’
मने िसर िहला दया।
‘ फर तु ह या पता है?’ उ ह ने कहा और मेरे जवाब के िलए के िबना ही फर से द हंद ू म अपना िसर घुसा
िलया।
मेरा जी आ क इस घर से भाग जाऊं। आिखर म इस पागलखाने म या कर रहा ?ं मुझे बाहर कोई आहट
सुनाई दी।
‘सॉरी, ‘अन या ने भीतर आते ए कहा।
म उसे देखने के िलए मुड़ा। म उसे दो महीने बाद देख रहा था। उसने म कलर क कॉटन साड़ी पहन रखी
थी, िजस पर पतली सुनहरी बॉडर थी। जब मने उसे आिखरी बार देखा था, तब से वह यादा ख़ूबसूरत नज़र आ
रही थी। म उसे अपनी बौह म भ चकर उसके ह ठ को कसकर चूम लेना चाहता था। चूं क मेरे सामने िम टर द
हंद-ू एिड ट िचड़िचड़े वामी बैठे ए थे, इसिलए ज़ािहर है ऐसा नह हो सकता था।
‘हाय अन या, गुड टु सी यू ‘मने इस तरह उसे ीट कया, जैसे हम साथ-साथ काम करते ह । मने अपने हाथ
को अपने तक ही सीिमत रखा था।
‘काट, िगव मी अ हग, ‘उसने कहा, तब जाकर अंकल का यान द हंद ू से हटा।
‘अन या, यहां बैठो उ ह ने कहा और पेपर को इस तरह ऐहितयात से तह करके रख दया, जैसे क वे िज़ दगी
भर हर रोज उठकर उसी को पढ़गे।
‘हाय डैड, ‘अन या ने कहा और अपने िपता को गाल पर कस कया। मुझे ई या ई।
‘ओह मॉम गा रही ह उसने अपनी मां क ककश आवाज़ सुनकर कहा।
‘ही, आिखरकार, ‘अन या के िपता ने कहा। ‘बता सकती हो कौन-सा राग है?’ अन या ने यान से सुनने के
िलए आख बंद कर ल । वह ख़ूबसूरत लग रही थी, ले कन मुझे कह और देखना पड़ा, य क अंकल मेरी हर हरकत
पर नज़र रखे ए थे।
‘यह म हार है यक़ नन म हार, ‘उसने कहा।
अंकल ने सराहना के साथ अपना िसर िहलाया।
‘राग कतने होते ह?’ मने बीच म घुसने क कोिशश करते ए कहा।
‘एक हजार, है ना डैड? ‘अन या ने कहा।
‘कम से कम। तुम कना टक संगीत नह सुनते हो? ‘अंकल ने मुझसे कहा।
' यादा नह , ले कन यह सुनने म अ छा लग रहा है मने कहा। िनि त ही, यहां पर यह कहना शायद ठीक
नह होता क मुझे कतई अंदाज़ा नह है क आप लोग कस बारे म बात कर रहे ह।
‘जब डैड क कोलकाता म पो टंग थी, तब मॉम ने तिमल संगम म दो चिपयनिशप जीती थ , ‘अन या ने
गवभरे वर म कहा।
‘ले कन चे ई आने के बाद उसने गाना बंद कर दया है, ‘अंकल ने कहा और हाथ फै ला दए।
‘ य ?’ मने पूछा।
‘कई कारण ह अन या ने कहा और फर धीरे -से मुझे इशारा कया क म यह िवषय बदल दूं।
‘तु हारी टी यहां ह?’ मने कहा।
‘ही, शोभा अथाई कचन म ह। वे डैड क बड़ी बहन ह।’
मने मन ही मन ाथना क क शोभा औटी का ि व उनके भाई जैसा न हो। कमरे म फर खामोशी िघर
आई। मने खाने के िलए एक ैक उठाया। मेरे मुंह म उसक हर चरमराहट क आवाज़ को साफ सुना जा सकता था।
मुझे बातचीत जारी रखनी थी। मने कु छ समय पहले एक कताब पढ़ी थी, िजसम दो त बनाने क तरक़ ब बताई गई
थ । उसम िलखा था क लोग के काम म दलच पी लो और बातचीत म बार-बार उनका नाम लाते रहो।
‘तो आप देशभर म काम कर चुके ह िम टर वामीनाथन?’ मने कोिशश क ।
‘कु छ जगह पर, ले कन फर म बस यह उलझकर रह गया,’ उ ह ने कहा।
‘उलझकर? म तो समझा था क आप चे ई को पसंद करते ह। यह आपका होमटाउन है,’ मने कहा।
अंकल ने मुझे एक डट लुक दी। मने सोचा क मने कह कोई ग़लत बात तो नह कह दी।
‘म शोभा को ले आता ।ं चलो पहले ज दी से खाना खा लेते ह, अंकल ने कहा और कमरे से बाहर चले गए। म
अन या से उसके पापा के बारे म पूछना चाहता था, ले कन सबसे पहले तो म उसे अपनी बांह म भर लेना चाहता
था।
‘िब कु ल नह ,’ अन या ने मेरे इराद को भांपते ए कहा।
‘ या?’
‘िहलो मत। मुझसे तीन फ़ट क दूरी बनाए रखो,’ उसने कहा।
‘आर यू मैड? यहां कोई भी नह है।
‘कोई नह है? पास के ही कमरे म मेरी मां गा रही ह। '
‘तुम इसे गाना कहती हो?'
‘शट अप,’ उसने िखलिखलाते ए कहा। ‘म तो यही सजे ट क ं गी क तुम थोड़ा-ब त कना टक यूिज़क सीख
लो। नो, टॉप, सोफ़े से मत उठो।‘ उसने मुझे एक लाइं ग कस दया और म फर सोफ़े पर बैठ गया।
‘बक म पापा का बुरा समय चल रहा है,’ अन या ने धीमे–से कहा। ‘उ ह मोशन नह िमली। वे बक ऑफ़
बड़ोदा के िडि ट हेड बनने के लायक ह, ले कन गंदी राजनीित के कारण उ ह हेड नह बनाया गया और पापा
राजनीित से स त नफ़रत करते ह। '
मने यह नह बताया क अभी कु छ देर पहले वे कतने चाव से एआईएडीएमके का आ टकल पड़ रहे थे।
‘तु हारा भाई कहां है? '
‘सो गया है। वह पढ़ाई के िलए सुबह ज दी उठ जाता है। '
हमने कसी के कदम क आहट सुनी।
‘शोभा आंटी के सामने ज़रा सावधान रहना। कम से कम बोलने क कोिशश करना,’ उसने कहा।
‘ य ?’ मने कहा, ले कन तभी अन या क मां िल वंग म म चली आ । वे और उनके गु मु य ार तक गए।
आंटी के चेहरे से िनराशा झलक रही थी।
‘इ ला ैि टस?’ गु जी ने बुदबुदाते ए कहा। अन या क मां उनसे तिमल म बात कर रही थ ।
गु जी ने िसर िहलाया और चले गए।
‘ या आ?’ अन या ने उनसे पूछा।
‘कु छ नह । तु हारे अ पा और अथाई कहा ह? चलो खाना खा लेते ह,’ अन या क मां ने गंभीर लहज़े म कहा।
अन या के िपता और आंटी िल वंग म म आए। उनके हाथ म इतनी िडशेस थ क वे उनके संभाले नह संभल
रही थ । म उनक मदद करने को खड़ा हो गया। ‘हैलो आंटी, या म कु छ ले सकता ?ं '
‘पहले अपने हाथ धो आओ,’ अंकल ने कहा और कचन क ओर इशारा कया।
िडनर के िलए हम फ़श पर बैठे। अन या ने मुझे के ले का एक प ा दया। म सोचने लगा क मुझे इसे खाना है
या इससे अपने हाथ प छने ह।
‘इसे नीचे िबछा दो, यह लेट है,’ अन या ने फु सफु साते ए कहा।
‘राधा,’ शोभा आंटी ने अपने प े क ओर इशारा करते ए स त लहज़े म कहा। उसके एक तरफ़ कु छ गंदगी
लगी ई थी।
‘ओह सॉरी, सॉरी; राधा आंटी ने कहा और उसे बदल दया। यह ठीक उसी तरह था, जैसे िश ा मासी मेरी मां
क ग़लती िनकालने क कोिशश करती रहती थ । दुिनया क हर सं कृ ित म आपको इस तरह के नमूने नाते- र तेदार
िमलगे।
मने अन या क देखादेखी प े पर चावल िलया, फर उसम सांभर िमलाया और अजीब-सी दखने वाली दो
सि जया ल । दो तरह के ाउन पाउडस को देखकर म क गया। ‘यह या है?’ मने पूछा।
‘गनपाउडर, खाकर देखो,’ उसने कहा।
मने उसे चखा। उसका वाद िमच िमले लकड़ी के बुरादे क तरह था।
‘अ छा है ना?'
मने अन या क ओर देखकर िसर िहला दया। पहले तो सभी ने अपने-अपने प े पर सफ़ाई से ंजन रखे और
बाद म उन सभी को िमलाकर घालमेल कर दया।
‘और अ छे-से िम स करो,’ अन या ने कहा, जब क म तो अपने भिव य के ससुरालवाल क ही नक़ल करने
क कोिशश कर रहा था।
‘तुम अन या के लासमेट हो?’ शोभा आंटी ने पहली बार कु छ कहा।
‘हां, हम आईआईएम म साथ थे,’ मने कहा।‘आईआईटी टू डट हो? '
मने हामी भरी। अन या ने मुझे बताया था क मेरा आईआईटीयन होना उसके प रवार म मेरी एकमा ख़ूबी
मानी जाती थी।
‘सुशील क किज़न भी आईआईटी से है। राधा, मने तु ह बताया था ना? हरीश सैन िस को म रहता है।'
‘कौन-सी बैच?’ मने पूछा।
‘वह आईआईटी म ास म थी, तु हारे कॉलेज म नह ,’ शोभा आंटी ने कहा। वे मेरे ारा बीच म दख़ल दए
जाने से नराज़ लग रही थ ।
म चुप हो गया और तरह-तरह क सि जय को देखने लगा। म उ ह पहचानने क कोिशश कर रहा था। मने
बी स और गोभी को हैलो कहा।
‘हरीश के पैरट् स उसक शादी कर देना चाहते ह। तु हारे पास अन या के न म ह?’ शोभा आंटी ने कहा।
‘नह , अभी तो नह , ‘अन या क मां ने कहा।
‘ या, वामी? तु हारी वाइफ़ को एक अ छा दामाद तलाशने म कोई दलच पी नह है?’ म िव ास ही नह
कर पाया क वे लोग ये बात मेरी मौजूदगी म कर रहे थे। ‘ज़रा चावल िमलेगा?’ मने इस उ मीद म कहा क
बातचीत का ख़ कह ओर मोड़ा जा सके । ‘राधा, तु ह शोभा क बात माननी चािहए। उसे सब अ छी तरह पता
है,’ अन या के िपता ने कहा। भारतीय पु ष अपनी बहन के सामने प ी को िझड़कते ए िब कु ल भी नह
िहच कचाते।
अन या क मां ने िसर िहला दया। शोभा आंटी ने अब तिमल म बोलना शु कर दया। अन या के िपता और
मां भी तिमल म ही जवाब दे रहे थे। अपने सामने रीजनल ल वेज क यह फ म चलती देखकर म ब त खीझ रहा
था।
पाँच िमनट बाद मने कहा : ‘ए स यूज़ मी? '
‘ या है?’ अन या के िपता ने कहा।
‘आप लोग इं ि लश म बात करगे? म आपक बात समझ नह पा रहा ,ं ’ मने कहा। अन या ने हैरत से मेरी
ओर देखा। उसक आंख कह रही थ क म चुप र ।ं
‘तो तिमल सीख लो,’ अन या के िपता ने कहा।
‘येस सर,’ मने आ ाकारी क तरह कहा।
‘वैसे भी, हम या बात कर रहे ह इससे तु हारा कोई सरोकार नह है,’ उ ह ने आगे कहा। मने िसर िहला
दया। मुझे कई टे ोलॉजी कं पिनय और लड़क के नाम सुनाई दे रहे थे। मेरा जी कर रहा था क अपनी लेट उठाकर
शोभा आंटी के चेहरे पर दे मां ।
िडनर के फ़ौरन बाद म चला आया। अन या मुझे बाहर तक छोड़ने आई। जैसे ही हम सूनी सड़क़ तक प च ं े,
अन या ने मेरी बांह थाम ली।
‘मुझे तुमसे बात नह करनी,’ मने कहा और अपनी बांह छु ड़ा ली।
‘ या?’ उसने कहा।
हम एक बंगले के पास से गुज़रे , िजसके बग़ीचे म ना रयल के पेड़ थे।
‘वे तु हारी शादी क ला नंग कर रहे ह। ये न म या होता ह? ‘मने कहा।
‘ये एक ए ोलॉिजकल चाट होता ह। वे लोग तो यूं ही बात कर रहे ह। म तु हारे िसवाय कसी और से शादी
नह क ं गी।’
उसने मेरा हाथ थामा और उसे चूम िलया। मने उसे फर छु ड़ा िलया। मने एक ऑटो वाले को बुलाया। अन या
ने उससे तिमल म भाव-ताव कया, वरना मुझसे तो वह दोगुना भाड़ा ले लेता।‘म इन लोग को कै से राज़ी कर
पाऊंगा? यह तो नामुम कन लगता ह। तु हारे पापा के साथ बैठना तो ऐसा ही ह जैसे कसी ब े को ंिसपल के
ऑ फ़स म बुला िलया गया हो।’
अन या हँस पड़ी।
‘म मज़ाक़ नह कर रहा ।ं ’
‘यह थोड़ा-ब त मज़ाक़ ही ह। और मेरी मॉम के बारे म या याल ह?'
‘कै पस म म उनक त वीर से ही डरा आ रहता था तो रयल लाइफ़ क तो बात ही छोड़ दो। उ ह तो
देखकर ही लगता ह क वे मेरी जान ले लगी।’
‘उनक त वीर तु ह डराती थ ? '
‘हां, इसीिलए तो म कभी तु हारे कमरे म तु ह यार नह करता था। तु हारी मॉम क त वीर देखकर मेरे
होश फ़ा ता हो जाते। म क पना करता था क मुझे तु ह यार करते देखकर वे कहगी, तुम मेरी बेटी के साथ या कर
रहे हो?'
अन या फर हँस पड़ी। ‘य द हम मयलापुर म नह होते तो म तु ह कस कर लेती। तुम ब त यूट हो,’ उसने
कहा।
‘ये सारी बात छोड़ो, अन या, तु हारा या लान ह? तुम मॉम से बात करोगी? ‘‘मां अभी ज़रा तनाव म ह।
उनके कना टक टीचर ने उ ह पढ़ाने से मना कर दया ह।’
‘ य ?'
‘म तु ह बाद म बताऊंगी।’
‘ या हम कल कह बाहर िमल सकते ह? लीज़,’ मने कहा।
‘कल छह बजे मुझे मरीना बीच पर िमलो,’ उसने कहा।
‘म छह बजे नह आ पाऊंगा। मेरा बॉस बाला ख़द आठ बजे तक बैठा रहता ह।’
‘मने यह नह कहा क शाम के छह बजे।’
‘तो या सुबह के छह बजे?’ मने थूक िनगलते ए कहा।
तब तक अन या ऑटो ाइवर से बात करने लगी थी।
‘नुंगमब म, ट् वटी पीज़। ए स ा इ लई, ओके ?’
18
मरीना बीच का ख़ूबसूरत सूय दय सुबह पांच बजे से शु हो जाता ह। वेक-अप कॉल। सकड़ लोग मील लंबे समु
तट के कनारे - कनारे मॉ नग वॉक करते ह।
‘तु ह पता ह यह एिशया का सबसे बड़ा िसटी बीच ह?’ अन या ने कहा। हम पुिलस हेड ाटर िब डंग के
बाहर िमले थे।
‘तुमने मुझे बताया था,’ मने कहा।
‘तुम फ़ाम स पहनकर य आए हो?'
‘मुझे यहां से सीधे काम पर जाना ह। ेनीज को सुबह साढ़े सात बजे तक ऑ फ़स प च ं जाना होता ह,’ मने
जूते िनकालते ए और पट ऊपर चढ़ाते ए कहा, ता क हम बीच पर चल सक।
‘इतनी ज दी य ? '
‘बॉस क ल लो-च पो करने के िलए। य द आप यह अ छी तरह से कर पाए तो बॉस आपको ल लो-च पो के
नए लेवल पर मोट कर देगा। वेलकम टु कॉप रे ट लाइफ़,’ मने कहा।
‘मेरा तो अभी इससे सामना नह आ ह। मुझे हर ह ते के चप क एक हज़ार बोतल बेचनी ह। अपने टारगेट्स
से ब त पीछे चल रही ।ं ’
‘तु हारे िलए अ छा होगा क तुम ज दी से '‘कै च अप” करो,’ मने कहा।
‘फ़नी,’ उसने कहा और मुझे धीमे-से एक चपत लगाई। तभी उसने साइ कल पर एक आदमी को आते देखा।
उसके पास बा के ट भरके इडिलया थ । ‘ना ता करोगे?’ उसने पूछा।
‘उसके पास टो ट नह ह?'
‘बेकार क बात मत करो,’ उसने कहा। हमने चार इडिलयां ल और समु कनारे बैठ गए। ‘गु जी ने मां को
िश या के प म वीकार नह कया। उ ह लगा क वे संगीत के ित यादा सम पत नह ह।’
‘ले कन वे तो ब त अ छा गाती ह,’ मने कहा, अलब ा िपछली रात को मने जो ककश चीख-पुकार सुनी थी,
उसके आधार पर तो म ऐसा नह कह सकता था।
‘वे चे ई के टड स से अ छी नह ह। डैड क पो टंग तिमलनाडु के बाहर अलग-अलग क ब म होती रहती
थी। मॉम वही क तिमल क युिनटी म टार बन गई थ । यहां वे बस ठीक-ठाक ह। चे ई का कना टक यूिज़क सीन
कु छ अलग ह।’
मने इस तरह िसर िहलाया, जैसे क म उसक बात समझ गया ।ं
‘मेरे डैड ब त उ साह के साथ चे ई आए थे, ले कन उ ह मोशन नह िमली। घर पर हमेशा मुसीबत क
तरह नाते- र तेदार आते रहते ह। और इस सबके बीच उनक बेटी एक ग़ैर ा ण, ग़ैर तिमल, पंजाबी लड़के को
उन पर थोप देना चाहती ह। ज़ािहर ह, वे परे शान तो ह गे ही। हम धीरज रखना होगा। म उ ह भी ब त यार
करती ,ं श,’ उसने कहा और चुप हो गई।
सुबह क ताज़ी हवा हमारे चेहर को सहला रही थी। उसने मेरे बांए कं धे पर अपना िसर टका दया। म उसके
बाल पर थप कयां देता रहा। बंगाल क खाड़ी से सूय पूरी तरह िनकल आया था, पहले-पहल तो कोमल लाल और
फर नारं गी रं ग के एक गम गोले म त दील होता आ। मने अन या को अपनी बांह म भर िलया। मने टाई और
पतलून पहन रखी थी और म एक ऐसे से समैन क तरह लग रहा था, जो अपनी गल ड को कह घुमाने नह ले जा
सकता।
‘तुम मेरे घर म िनयिमत प से आते-जाते रहो, इसका एक ही रा ता ह,’ अन या ने एक िमनट तक ि ितज
को ताकते रहने के बाद कहा।
‘ या?’
‘मेरे भाई के िलए आईआईटी ूश स। वे इसके िलए कु छ भी कु बूल कर लगे,’ उसने कहा।
मने उसे छोड़ा और उठकर सीधा बैठ गया। ‘आर यू के जी? मने आठ साल पहले आईआईटी ए ज़ाम क तैयारी
क थी। म उसे नह पढ़ा सकता।’
‘तुम कु छ नोट् स रवाइज़ करने के बाद उसक मदद कर सकते हो। मेरे पैरट् स का तु हारे साथ क फ़टबल
होना ज़ री ह। के वल तभी म उनसे तु हारे बारे म गंभीरता से सोचने को कह सकती ।ं ’
मने अपनी इडली को ना रयल क चटनी म डु बोया और उसे खा गया। मुझे ना ते म मां के हाथ के पराठ क
याद आ रही थी।
‘डू यू लव मी?’ उसने मेरे ह ठ पर लगी चटनी प छते ए कहा।
मने उसे चूम िलया। म उसे दो माह बाद चूम रहा था। मने उसे एक िमनट तक थामे रखा। इस के िम ी के
िलए म खुशी-खुशी आईआईटी क के िम ी रवाइज़ कर सकता था।
‘एई! ‘हमारे पीछे कोई फटी ई आवाज़ म िच लाया।
मने पीछे मुड़कर देखा। एक त दू तिमल पुिलसवाला, जो दखने म पुिलस से यादा िवलेन लग रहा था, तेज़
क़दम से हमारी तरफ़ चलकर आया। ‘ये या लगा रखा ह?’ उसने कहा और बच पर अपनी छड़ी दे मारी। हम दोन
उठ खड़े ए। अन या मेरे पीछे छु प गई।
‘ओह फ़क,’ अन या ने कहा।
पुिलसवाले ने िच लाकर मुझसे तिमल म कु छ कहा। म उसे समझने म असहाय था, इसिलए मने अन या से
उसक बात का अनुवाद करने को कहा।
‘वह हम पुिलस टेशन ले जाना चाहता ह। वह कह रहा ह हम लोग ब त िह मतवाले रहे ह गे, तभी तो
पुिलस हेड ाटर के ठीक सामने यह सब कर रहे थे?’
‘इन लोग ने समु के सामने पुिलस हेड ाटर य बनाया?’ मने कहा।
‘शट अप और कु छ देकर इसे रफ़ा-दफ़ा करो,’ उसने फु सफु साते ए कहा।
मने पस म से बीस पए िनकाले।
‘इ ला इ ला...’ पुिलसवाला िच लाता रहा और उसने मेरी बांह पकड़ ली। मने पचास पए िनकाले। उसने
मेरी और अन या क ओर देखा।’ वा नग,’ उसने नोट लेते ए कहा।
उसके जाते ही अन या ज़ोर से हँस पड़ी।
‘इसम हँसने वाली या बात ह,’ मने जूते पहनते और पट ठीक करते ए कहा।
‘ या हम मेरे हो टल म िमल सकते ह, लीज़?'
‘कु छ समय बाद। म रोज़ चे ई से बाहर जाती ं और देर से लौटती ,ं ’ उसने कहा।
‘वीकड म?'
‘म कोिशश क ं गी,’ उसने कहा।‘तुम मुझे िचकन िखलाओगे? म नॉनवेज खाने के िलए तरस रही ।ं और हां,
बीयर भी।’
‘ओके ,’ मने वादा कया। मेरी िब डंग म के वल वेजीटे रयन खाने का ही िनयम था, ले कन य द म बाहर से
लाऊं तो उ ह भला कै से पता चलेगा?
हम अपने-अपने ऑटो म बैठ गए। उसने अपनी साइड वंडो म से झांकते ए मुझसे कहा: ‘और म ट् यूशंस के
बारे म अपने पैरट् स से बात क ं गी। ह ते म दो बार पांच बजे?'
‘सुबह पांच बजे? ‘आिखर इस शहर म सब लोग इतनी ज दी उठने को तैयार य रहते ह! ‘ य क सभी
लोग इसी समय ट् यूशन क पढ़ाई करते ह,’ उसने कहा और उसका ऑटो चल दया।

दो ह ते के लंबे इं तज़ार के बाद अन या एक शिनवार मेरे हो टल पर लंच के िलए आई। एक वीकड को अन या क


मां बीमांर पड़ गई थ और उसे मां क ओर से एक िग ट- प का सामना करने के बाद घर के िलए खाना बनाना
पड़ा था। खाना ब त अ छा नह बना था, य क खाना बनाने के नाम पर अन या को के वल मैगी बनाने और लॉथ
आइरन से पापड़ सकने (जी हां, यह जुगत कारगर सािबत होती ह) तक ही महारत हािसल थी। इस वजह से अन या
क मां को शोभा आंटी क ओर से िग ट प का सामना करना पड़ा। वह उ ह अपनी बेटी क ठीक से परव रश नह
करने के िलए बुरा-भला कहने लग । इसका खािमयाजा भी आिखरकार अन या को ही भुगतना पड़ा और उसे अगले
वीकड शोभा आंटी को वेलरी और सािड़य क शॉ पंग करवाने ले जाना पढ़ा। इस दौरान म ि िलयंट ट् यूटो रय स
जाकर आईआईटी ए ज़ाम गाइड् स ले आया था। कोस मटै रयल इतना क ठन था क एकबारगी तो म िव ास ही
नह कर पाया। शायद म इतने क ठन कोस क पढ़ाई इसीिलए कर पाया था, य क मने ख़द को अपने पैरट् स के
लड़ाई-झगड़ से दूर रखा था। मने अपनी पहली लास क तैयारी करने के िलए के िम ी को रवाइज़ कया।
म पड़ोस म सरदार-जी के घर भी गया, ता क पता लगा सकूं क िचकन और बीयर को हो टल ले जाने का
सबसे अ छा उपाय या हो सकता ह।
‘कौन आ रहा ह? तु हारे पंजाबी दो त?’ उ ह ने पूछा।
‘द तर के लोग,’ मने कहा, ता क वे कह ख़द को ही मेरे यहां इनवाइट न कर ल।
‘िल ट से िचकन और बीयर ऊपर ले जाते समय सावधान रहना,’ उ ह ने कहा। म उनके बताए मुतािबक़
नुंगमब म ि थत द ली ढाबे पर प च ं ा, जो मेरे हो टल से बामुि कल आधा कलोमीटर दूर होगा। मने तंदरू ी
िचकन को पल पैक करवाया, ता क कसी तरह क गंध न आए। फर म एक सरकारी अनुमित ा शराब क
दुकान पर गया, जहां उ ह मेरी उ तय करने को लेकर थोड़ी अड़चन ई। ‘ या तुम प ीस से ऊपर हो?'
‘नह , ले कन ज द ही हो जाऊंगा,’ मने कहा।
‘तब तो हम तु ह शराब नह दे सकते,’ दुकानदार ने कहा।
‘य द म हर बोतल के ए ा दस पए दूं, तब भी नह ?'
यह वाक़ई गजब ह क आिखर पैसा कस तरह देशभर म कह भी िनयम-कायद क पकड़ ढीली कर सकता ह।
दुकानदार ने भूरे काग़ज़ म तीन बोतल बंध और मने उ ह एक लाि टक बैग म रख िलया, ता क बाहर से देखकर
कोई अंदाज़ा न लगा सके क उसम या ह।
‘इसम या ह?’ िल टमैन ने मुझसे पूछा। पैकेट को फ़श पर रखते ही बोतल के कारण ट -सी आवाज़ आई
थी।
‘लेमन ववश,’ मने कहा।
‘तु ह इसके बजाय ना रयल पानी पीना चािहए,’ िल टमैन ने कहा।
मने िसर िहलाकर हामी भरी और अपने अपाटमट चला आया। रामानुजन ने मुझे ज म बॉटल जमाते ए
देखा।‘ये या ह?’ उसने लुंगी पहन रखी थी। ले कन उसने ऊपर कु छ नह पहना था, िसवाय एक सफ़े द धागे के , जो
उसके कं धे से िलपटा आ था।
‘बीयर,’ मने कहा।
‘ड् यूड, इस िब डंग म अ कोहल लाना मना ह,’ उसने कहा।
‘मेरी गल ड मुझसे िमलने आ रही ह। उसे यह पसंद ह,’ मने कहा।
‘तु हारी गल ड ह? ‘रामानुजन ने कु छ ऐसे कहा, मानो मेरी दस बीिवयां ह । मेरे कसी भी लैटमेट क
गल ड् स नह थ । वे सभी गुणवान, अ छी तन वाह पाने वाले तिमल िसटीबकस थे और उनके पैरट् स ज द ही
उनक बोली लगवाने क तैयारी कर रहे थे।
‘हां, हम कॉलेज म साथ थे,’ मने कहा।
‘मेरे दूसरे ममेट्स भी िल वंग म म चले आए। उनम से कसी ने क़मीज़ नह पहन रखी थी। मने ज बंद
कर दया, य क म नह चाहता था क अ कोहल के बारे म हमारी बात आगे बढ़े।
‘वो चे ई आ रही ह?’ सिडल ने पूछा।
‘ या वो यह रहेगी वो यहां नह रह सकती,’ अ पा लंगम ने कहा।
‘वह चे ई म ही रहती ह,’ मने कहा।
लड़क ने एक-दूसरे क ओर देखा, मानो मन ही मन तय कर रहे ह क िब ली के गली म घंटी बांधने जैसा
सवाल कौन पूछेगा।
‘तिमल? ‘रामानुजन ने पूछा।
‘हां,’ मने कहा, ‘तिमल ा ण।’ मने बाद म ये दो श द भी इसिलए जोड़ दए, ता क उ ह ज़ोर का झटका
ज़ोर से ही लगे।
‘वॉव!’ उन सभी ने एक सुर म कहा।
‘वह बीयर पीती ह?’ रामानुजन ने पूछा।
‘हां,’ मने कहा और देगची म िचकन उड़ेल दया।
‘और िचकन भी? यह कै सी ा ण ह?’ सिडल ने कहा। ‘और ड् यूड, इस घर म नॉन-वेज लेकर मत आओ।’
‘यह घर मेरा भी तो ह,’ मने कहा।
‘ले कन िनयम तो िनयम ह,’ उसने कहा।
इस शहर के लोग या तो िनयम को चाहते थे या िनयम का पालन करना चाहते थे, बशत आप कोई
पुिलसवाले या शराब क दुकानवाले या ऑटो ाइवर न ह ।
‘छोड़ो भी, सिडल,’ रामानुजन ने कहा।
‘थ स,’ मने कहा और िचकन को ज म रख दया। ‘और हां, जब वो यहां आए तो लीज़ तुम सब शट पहन
लेना।’

अन या दो बजे आई। मने िल वंग म म िवन ता से उसका वागत कया। जब उसने मेरे लैटमेट्स का अिभवादन
कया तो वे सभी लजाते ए एक-दूसरे को देखने लगे। सिडल ने उससे तिमल म बात क । तिमल यह पसंद करते ह
क वे ग़ैर-तिमल भािषय के सामने के वल तिमल म बात करके उ ह इ रटेट कर। आमतौर पर दिमत और द बू
तिमल का यही एक ख़ामोश िव ोह होता ह। आिखरकार जब वह मेरे कमरे म आई तो मने उसे पीछे से पकड़ िलया।
‘पहले कु छ खाते ह? मने एक महीने से िचकन नह खाया ह।’
‘मने चार महीने से से स नह कया ह,’ मने कहा, ले कन वह बाहर चली गई और ज खोल िलया।
‘अरे वाह, तु हारे पास तो बीयर भी ह। सुपब!’ उसने बीयर क बोतल िनकाली और मेरे लैटमेट्स को ऑफ़र
क । उ ह ने इनकार कर दया। हम खाना और बीयर अपने कमरे म ले आए। म नही चाहता था क मेरे साथी इस
पाप के सा ी बन क हम दोन अके ले ही एक पूरा िचकन और दो बीयर सफ़ाचट कर रहे ह।
‘और अब मीठे क बारी,’ मने कहा और उसके क़रीब चला आया।
‘य द मुझे डकार आ जाए, तब भी मुझे यार करते रहना,’ उसने कहा। उसके ह ठ मेरे ह ठ के क़रीब आ गए।
मुझे डकार आ गई। उसने मुझे एक तमाचा जमाया। हमने एक-दूसरे को कस कया, और कस कया, फर
थोड़ा और कस कया। इस बार हमारी लवमे कं ग और इं टस थी। के वल इसीिलए नह क हमने ब त समय बाद
ऐसा कया था, बि क इसिलए भी य क हम इस बंद-बंद-से शहर म ऐसा पहली बार कर रहे थे।
‘िम टर िसटीबकर, तु ह कोई ेन नह पकड़नी ह। अगली बार ज़रा धीरे और इ मीनान से,’ हमारी लवमे कं ग
के बाद अन या ने कहा। मने आह भरी। म उन दा-सा हो रहा था। कमरे के बाहर रामानुजन तिमल यूिज़क बजा
रहा था।
‘अरे , कु छ कहो भी? लड़क को तो बस से स से ही मतलब ह,’ उसने कहा और मेरे पैर पर एक कक जमाई।
‘हां, इसीिलए तो म तु हारे भाई को सुबह पांच बजे पढ़ाने के िलए भी राज़ी हो गया। तुम मेरे के िम ी नोट् स
देखना चाहती हो?’ म उठ बैठा, कपड़े पहने और ड़ाँअर से ट् यूटो रय स िनकाले। ‘कल रात म चार घंटे तक इसक
पढ़ाई करता रहा,’ मने कहा। ‘सो वीट,’ उसने कहा और मेरे गाल को चूमने के िलए आगे बढ़ी। ‘ड ट वरी। मेरे
पैरट् स ज द ही समझ जाएंगे क तुम कतने अ छे हो। और फर वे भी तु ह ऐसे ही यार करगे, जैसे म करती ।ं ’
‘ या वे भी मेरे साथ सोएंगे?’ म उसके पास लेट गया।
उसने मेरे पेट म कु हनी मारी।
‘दैट हट,’ मने कहा।
‘अ छा ह।’ उसने मेरी आंख म देखा। उसक नज़र म ज़रा कोमलता आ गई। ‘म जानती ं क ूश स
क ठन ह। मेरे पैरट् स भी अजीबो-ग़रीब ह। ले कन तुम हार तो नह मानोगे ना?'
‘िब कु ल नह ।’ मने उसके बाल को सहलाते ए कहा।
‘यह इं टीमेसी कतनी अ छी लगती ह ना। या यह से स से भी बेहतर नह ?’ ‘आई एम नॉट योर,’ मने कहा
और पंखे क पीड बढ़ाने के िलए हाथ आगे बढ़ाया।
‘घर पर हम कभी बात नह करते। मॉम और डैड बामुि कल ही कु छ कहते ह। वे यूज, खाना, मौसम हर बारे
म बात कर सकते ह, ले कन हम कभी आपस म अपनी फ़ लं स के बारे म बात नह करते। म इस तरह क बात
के वल तुमसे करती ,ं ’ उसने कहा। म चुप रहा। वह कपड़े पहनने के िलए उठ बैठी। फर उसने फ़श से िपलो उठाया
और उ ह िब तर पर जमा दया। मने उसक बांह ख ची और फर अपने पास िबठा िलया।‘तुम मुझे कभी अपने साथ
भाग चलने को य नह कहते?’ उसने पूछा।
‘तुम ऐसा चाहती हो? अगर म तुमसे कह भाग चलने को क ं तो या करोगी?’
‘पता नह । म मॉम और डैड को हट नह करना चाहती। एक पंजाबी लड़के से दो ती करके म पहले ही उ ह
हट कर चुक ,ं ले कन मुझे लगता ह क हम उनका दल जीत लगे। म चाहती ं क मेरी शादी के दन उनके चेहरे
पर मु कराहट हो। म बचपन से अपनी शादी क ऐसी ही क पना करती आ रही ।ं तुम या सोचते हो?'
मने एक िमनट सोचा और फर कहा: ‘म भागकर शादी नह करना चाहता।’
‘ य ?'
‘वह ब त आसान ह। इससे कोई बड़ा ल य हािसल नह होता।’
अन या उठी और बचा-खुचा खाना ले आई। उसने िचकन का टु कड़ा उठाया और उसे खाते ए कहा: ‘बड़ा
ल य?'
‘हां, इन टु िपड प पात और भेदभाव के कारण ही आज हमारे देश क ये हालत ह। हम तिमल पहले होते
ह, भारतीय बाद म। पंजाबी पहले होते ह, भारतीय बाद म। इसका कोई अंत नह ह।’ अन या ने मेरी ओर देखा।‘गो
ऑन,’ उसने शरारत भरे लहज़े म कहा।
मने अपनी बात जारी रखी।’ हमांरा नेशनल एंथम ह, नेशनल करसी ह, नेशनल टीम ह, इसके बावजूद हम
अपने ब क शादी अपने टेट से बाहर नह करते। इस तरह हमारा देश कै से आगे बढ़ेगा?'
अन या मु करा दी।‘ये िचकन का कमाल ह, बीयर का या फर से स का? ऐसी कौन-सी चीज़ ह, िजसने तु ह
इतना चाज कर दया ह? चलो मेरा मन रखते ए कह दो ये से स का ही कमाल ह। कम ऑन, कहो ना,’ उसने कहा।
‘म सी रयस ं अन या। यह बुलिशट ख़ म होनी चािहए।’
‘और ऐसा कै से होगा? '
‘हमारे ब क क पना करो।’
‘म कई बार उनक क पना कर चुक ।ं म चाहती ं क उनक श ल-सूरत मेरे जैसी हो। तु हारे जैसी के वल
आंख होनी चािहए,’ उसने कहा।
‘नह , यह नह । यह सोचो क वे न तिमल ह गे, न पंजाबी। वे के वल भारतीय ह गे। वे इस सब बकवास से
ऊपर ह गे। य द सभी युवा अपनी क मुिनटी से बाहर ही शादी कर तो देश के िलए अ छा होगा। यही ह वह बड़ा
ल य।’
‘ओह, तो तुम देश के िलए मुझे यार करते हो,’ उसने कहा।
‘वेल, कु छ मायन म हां।’ म मु करा दया।
उसने िपलो उठाया और मेरे िसर पर हमला बोल दया। और फर, अपने देश क ख़ाितर हमने एक बार फर
यार कया।

‘दरवाज़ा खोलो, श,’ रामानुजन क घबराहट भरी आवाज़ और दरवाज़े पर ज़ोर क द तक से मेरी झपक आंटी।
19
अन या मेरे क़रीब सो रही थी और बीयर के कारण मेरा िसर दुख रहा था। रामानुजन दरवाज़ा बजाए जा रहा था।
‘ या आ?’ मने दरवाज़ा खोलते ए पूछा।
‘म पांच िमनट से दरवाज़ा बजाए जा रहा ं ‘रामानुजन ने कहा। ‘बाहर आओ, मकान मािलक आए ह।’
‘मकान मांिलक? '
‘हां, उनसे अ छे-से पेश आना। यह नुंगमब म का आिखरी हो टल ह। म नह चाहता क मुझे लात मारकर
यहां से बाहर िनकाल दया जाए।’
‘ या आ?’ मने पूछा।
‘पहले बाहर तो आओ।’
मने दरवाज़ा लगाया और अपने बाक़ के कपड़े पहने।
‘अन या,’ मने कहा।
‘बेबी, म सो रही ,ं ’ उसने मुझे फर से िब तर म खीचने क कोिशश करते ए कहा।
‘मेरे मकान मािलक आए ह,’ मने कहा। म उसे पागल क तरह िहलाता रहा, फर भी उसने कोई जवाब नह
दया।
‘बाहर तु हारे अ पा ह,’ मने कहा।
वह उचककर बैठ गई।’ या?'
‘बाहर आ जाओ। मेरे मकान मािलक आए ह,’ मने कहा।
म िल वंग म म चला आया। मेरे लैटमेट्स डाइ नंग टेबल पर बैठे थे। साठ साल से यादा उ के हमारे
मकान मािलक िम टर पु ू सबसे बड़ी कु स पर बैठे थे। उनके चेहरे पर हमेशा ही उदासी मंडराती रहती थी।
म उनके क़रीब जाकर बैठ गया। कोई कु छ नह बोला।
‘हाय गाइज़,’ पांच िमनट बाद अन या बाहर आई। ‘चाय चािहए? म बना देती ।ं ’ वह कचन क ओर जाने
लगी।
‘अन या, हम बाद म िमलते ह,’ मने कहा।
अन या ने मेरी ओर देखा। वह शॉ ड थी और अब वह डाइ नंग टेबल के मूड के अनु प लग रही थी।’ अ छा
म चलती ।ं ’ उसने अपना बैग उठा िलया।
अन या के जाने के बाद िम टर उठ खड़े ए। फर वे कु छ सूंघने क कोिशश करने लगे। उ ह ने मेरे कमरे म
झांककर देखा और यौ रया चढ़ाते ए कहा: ‘िचकन? ‘मने कोई जवाब नह दया। िब तर के पास क टेबल पर
बीयर क बोतल रखी थ ।
‘लेडीज?’ उ ह ने पूछा।
‘वह एचएलएल म काम करती ह,’ मने कहा, ले कन म समझ नह पा रहा था क आिखर यहां उसके कॉप रे ट
टेटस के बारे म बताने म या तुक ह।
‘िचकन, बीयर, लेडी ड-ये सब या हो रहा ह?’ उ ह ने कहा।
म कहना चाहता था मौज-म ती हो रही ह और या, ले कन चुप रहा। आिखर आदमी इन तीन चीज़ के िलए
ही तो जीता ह।
सभी चु पी साधे रहे। म सोच रहा था क यह ख़बर मकान मांिलक तक कै से प च ं ी। मेरे लैटमेट्स ड
मटै रयल तो नह थे, ले कन न जाने य मने यह उ मीद नह क थी क वे ऐसी हरकत करगे। शायद वॉचमैन ने
यह काम कया हो।
‘मुझे तुम लड़क से यह उ मीद नह थी,’ पु ू ने भारी तिमल लहज़े म कहा।’ यह मेरी ग़लती ह। म ही अपनी
गल ड के िलए िचकन और बीयर लाया था,’ मने कहा।
‘गल ड?’ पु ू ने कु छ इस तरह कहा मानो मने शु सं कृ त का कोई श द कह दया हो।
‘वह मेरी बैच-मेट ह और ब त अ छी लड़क ह,’ मने कहा।
िम टर पु ू पर इस जवाब का कोई भाव नह पढ़ा।
‘वह तिमल ा ण ह मने कहा।
‘और तुम?'
‘पंजाबी,’ मने कहा और मेरा िसर अपने आप ज़रा-सा झुक गया।
‘अगर वह तुम जैसे लड़के के साथ घूम रही ह तो वह अ छी लड़क कै से हो सकती ह? '
िम टर पु ू ने पूछा।
उनक बात पते क थी। मने िवषय बदलने के बारे म सोचा।’ िम टर पु ू यह कोई बो डग कू ल नह ह। हम
सभी ोफे शन स ह और हम अपने घर म या करते ह...?’ िम टर पु ू ने टेबल पर ज़ोर का मु ा मारा।’ यह मेरा
घर ह उ ह ने मेरी ग़लती को दु त करते ए कहा।
‘हां, यह आपका ही घर ह, ले कन यह आपने हम कराये पर दया ह। टे ीकली, हमारे पास यह अिधकार ह
क हम आपको अपनी संपि म दख़लअंदाजी न करने द।’
िम टर पु ू ह े -ब े रह गए। मामले को संभालने के िलए रामानुजन को आगे आना पढ़ा।’ इसे अभी कु छ पता
नह ह िम टर पु ू । यह यहां पर नया ह। हम इसे बताना चािहए था क यह वेज िब डंग ह और यहां अ कोहल
पीने क भी अनुमित नह ह।’
‘एक बूंद भी नह ,’ िम टर पु ू ने कहा।’ मने अपने पूरे जीवन म शराब क एक बूंद भी नह छु ई।’
िम टर पु ू को देखकर लग रहा था क उ ह ने अपने जीवन म न तो शराब छु ई और न ही कसी लड़क को
छु आ ह ले कन उ ह इसक स त ज़ रत थी।
‘मांफ मागो रामानुजन ने मुझसे कहा।
मने आसपास देखा। तिमल मेरे इद-िगद िलट् टे क तरह घेरा बनाकर खड़े थे। मेरे सामने कोई िवक प नह
था।’ आई एम सॉरी,’ मने कहा।
‘आगे से यहां कोई लेडीज नह ।’ िम टर पु दू ने अपनी एक अंगुली लहराते ए कहा।
‘और बीयर और िचकन भी नह ?’ मने कहा।
‘वह तो पहले से ही अलाउड नह था,’ सिडल ने कहा। मेरे इद-िगद खड़े सभी लड़क ने िसर िहला दया।
उ ह एक धुंधला-सा अहसास आ क उनके िलए ये िनयम तय कए जा रहे ह क वह अपनी िज़ दगी कै से िजएं।
और म सोच रहा था क अगली बार अन या को कहां ले जाऊंगा।
20
‘मेरी के िम ी ब त अ छी ह, ले कन फिज स म मुझे मदद क ज़ रत होगी,’ अन या के भाई मंजूनाथ, जो क
आगे चलकर एक खूब पढ़ाकू ले कन असामािजक इं सान बनने जा रहा था ने कसी मुग सरीखीस ऊजा के साथ कहा।
जब वह बोलता था तो उसक भ ह भी ऊपर-नीचे होती थ और इसी के साथ उसके माथे पर भ म से ख ची गई
तीन रे खाएं भी नाचती रहती थ ।
म अपनी पहली लास के िलए आया था। एक रात पहले ही अन या अपनी ह तेभर क से स प के िलए
मदुरई चली गई थी। सुबह ज दी उठ जाने के कारण मेरा िसर दुख रहा था। अन या क मां ने मंजू के कमरे म कॉफ
िभजवाई ले कन उससे कोई फ़ायदा न आ।
और इस बात से भी कोई फ़ायदा नह आ क मने के वल के िम ी क ही तैयारी क थी।
‘चलो फर भी उसे एक बार रवाइज़ करते ह मने कहा और अपनी शीट् स खोल ।
‘हाइ ोकॉबन? ‘उसने मेरे नोट् स को देखते ही कहा। ‘म इसे तीन बार कर चुका ।ं ’ मने उसके सामने एक
सवाल रखा और उसने उसे दो िमनट म सुलझा दया। मने थोड़ा और मुि कल सवाल पूछा, ले कन उसने उसे भी
इतने ही समय म सुलझा दया। बाजू के कमरे म एक टेप बज रही थी और उसे सुनकर ऐसा लग रहा था जैसे
मिहला का एक समूह फ़ौज क ओर बड़े जा रहा ह।
‘एम एस सुझल मी, ‘मंजू ने मेरे चंितत ए स ेशंस देखकर कहा।’ भि संगीत।’ मने िसर िहलाया और
के िम ी बुक को खंगालने लगा। म एक ऐसा सवाल खोज लेना चाहता था, जो इस छु टकू आइं टीन के िलए
चुनौतीपूण हो।
‘यह भि संगीत हर तिमल घर म सुबह-सुबह बजता ह? ‘मने पूछा।
मने सोचा क या हमांरी शादी के बाद अन या इसे हमारे घर म भी बजाएगी। यह संगीत सुनकर तो मेरी मां
को गहरा सदमां प च ं सकता ह। हर गुज़रते िमनट के साथ भजन क आवाज़ तेज़ होती जा रही थी।
‘आईआईटी कै सा होता ह?’ उसने पूछा।
मने उसे अपने पूव कॉलेज के बारे म बताया, ले कन इस दौरान मेरे जीवन म जो भी मसालेदार घटनाएं घटी
थ , उ ह मने सावधानी से अलग कर दया।
‘म एरोनॉ ट स करना चाहता ं ‘मंजू ने कहा। जब म उसक उ का था, तब मने यह श द भी नह सुना था।
एक घंटे बाद उसने अपनी फिज स क टे हबुक िनकाली। उसने मुझे एक सवाल दया और मने उसे सुलझाने
के िलए उससे समय मंगा। उसने हामी भरी और अगला चै टर पढ़ने लगा। यहां पर तो ट् यूटर क ही ट् यूशन ली जा
रही थी।
अगला एक घंटा मने मंजू से फिज स सीखते ए िबताया। फर म वही से जाने के िलए खड़ा हो गया। म
िल वंग म म प च ं ा, जहां अन या के डैड द हंद ू को आिह ते-आिह ते पड़ रहे थे। अन या ने मुझे िहदायत दी थी
क म यादा से यादा समय उसके िपता के साथ िबताने क कोिशश क ं । म दस िमनट तक इं तज़ार करता रहा,
जब तक क उ ह ने अपना लेख पूरा नह कर िलया।
‘येस? '
‘कु छ नह , ‘मने कहा।’ लास पूरी हो गई।’
‘गुड,’ उ ह ने कहा और अख़बार का पेज पलट दया।
‘बक कै सी ह अंकल? '
उ ह ने तिनक आ य के साथ अख़बार से िसर बाहर िनकालकर देखा। ‘कौन-सी बक?'
‘आपक बक।’ मने गला साफ़ करते ए कहा। ‘आपका जॉब कै सा चल रहा ह?'
‘काट? ‘उ ह ने कहा, मानो वे इस बेवकू फ भरे सवाल से िख हो गए ह ।’ जॉब म या होगा? जॉब हमेशा
क तरह चल रहा ह?'
‘जी ही, यक़ नन,’ मने कहा।
म अगले पाँच िमनट तक चुपचाप बैठा रहा। मुझे समझ नह आ रहा था क अब या करना चािहए। म द हंद ू
से मुकाबला नह कर सकता था, य क वह रोज नया आता था।
‘अ छा तो म चलता ं अंकल मने कहा।
‘ओके उ ह ने कहा।
म दरवाज़े तक प च ं ा ही था क पीछे से उनक आवाज़ आई ‘ ेकफा ट? '
‘म ऑ फ़स म कर लूंगा।
‘तु हारा ऑ फ़स कहां ह?'
‘अ ा सलाई मने कहा।
‘मेरी बक के रा ते म ही ह। म साढ़े आठ बजे बक जाता ं और तु ह ॉप कर सकता ं ‘उ ह ने कहा।
साढ़े आठ का मतलब था अपने बॉस से एक घंटा लेट प च ं ना ले कन अन या के
डैड से िल ट लेने का मतलब था इस घर म दो घंटे और िबताना और अपने होने वाले ससुरजी के साथ कार म
अके ले होना।
‘दैट्स पेरफ़े ट। मुझे भी साढ़े आठ बजे ही ऑ फ़स प च ं ना ह मने कहा।
‘गुड,’ उ ह ने कहा और फर से अपने अख़बार म खो गए।
हम साढ़े सात बजे ेकफा ट के िलए बैठे। अन या के डैड ाथना करने मं दर-घर म गए और मांथे पर भ म
क तीन रे खाएं लगाकर लौटे। मने सोचा क मुझे भी ाथना करने जाना चािहए ले कन यह सोचकर क गया क म
ऑ फ़स म अपने माथे पर भ म क तीन रे खा और देरी से आने के बारे म या क ग ं ा।
ेकफा ट म इडिलयां थ । अन या क मॉम ने मेरे सामने ढेर इडिलया रख द । हम चुपचाप खाते रहे।
अन या ने मुझे बताया था क उसके पैरट् स यादा बात नह करते थे इसिलए मेरे िलए भी सबसे अ छा यहां था क
म अपने मुंह पर ताला लगाए रखूं। ‘चटनी और चािहए?’ अन या क मां का यह सवाल और मेरे ारा िसर िहलाकर
ना कहना ही खाने के दौरान ई हमारी एकमां बातचीत थी।
अंकल ने गैरेज से अपनी फएट िनकाली। वे बार-बार कार क िखड़क से झांककर मुझे देखते रहे। म समझ
नह पा रहा था क वे मुझे नज़रअंदाज़ करना चाहते थे या मुझे कार से ट र मार देना चाहते थे।
‘बैठ जाओ,’ अंकल ने कहा। म उनके पास बैठने के िलए घूमकर उनके पास आया। अपनी गल ड के पापा के
साथ कार म बैठने ने मेरे मन म पुरानी बुरी याद ताजा कर द । मने गहरी सांस ली। यह एक अलग िसचुएशन ह
शांत रहो, मने ख़द से अनेक बार कहा।
अंकल दस क पीड पर गाड़ी चलाते रहे। म सोच रहा था क म अपने बॉस के सामने दो घंटे देरी से आने के
िलए या बहाना बनाऊंगा। ऑटो, कू टर और यहां तक क र यो जैसे वाहन भी हम ओवरटेक करने क कोिशश
करते रहे।
म बात करना चाहता था, ले कन मुझे ऐसा कोई िवषय नह सूझा, िजसके बारे म बात करने का कोई जोिखम
न हो। मने अपना ऑ फ़स बैग खोला, िजस पर ‘िसआंटी नेवर ली स ‘का लोगो िलखा आ था और अपनी रपो स
िनकालकर पढ़ने लगा। िपछले ह ते डॉट कॉम के 25 फ़ सदी टॉ स का नुकसान आ था। िजन िव ेषक ने अनुमान
लगाया था क इन टॉ स म हर घंटे ितगुनी बढ़ोतरी होगी, वे अब यह कह रहे थे क मांकट से फ़-करे ट मोड म
चला गया ह। से फ़-करे ट-यह श द इतना इं टेलीजट और चतुराईभरा लगता था क यह अपने जीवनभर क
जमांपूंजी गंवा देने वाले लोग का दुख दूर कर देता था। य द आप पूछ क मांकट पहले से फ़-करे ट य नह था तो
यह सवाल बेवकू फ़ भरा भी लग सकता ह। या अगर आप और साफ़ श द म पूछ क वैसे से फ़-करे ट से आपका या
मतलब ह? आज ऐसे दो लाइं ट मुझसे िमलने आने वाले थे, जो दस-दस लाख पए गंवा चुके थे। चूं क मेरे पास
आईआईएमए िड ी थी, इसिलए मुझे कोई ऐसी जुगत िभड़ानी थी क उ ह वह घाटा नज़र आना बंद हो जाए।
एक लालब ी के पास जाकर कार क गई।
‘ये रपो स तुमने िलखी ह?’ अंकल ने पूछा।
मने िसर िहलाकर इनकार कया।‘ये हमारे रसच ुप ने िलखी ह मने कहा। ‘ फर तुम बक म या करते हो?’
उ ह ने पूछा।
‘क टमर स वस,’ मने कहा, हालां क मुझे पता नह था क जो कु छ म करता था, उसे कस तरह क स वस का
नाम दया जाए। लोग से कहना क वे अपनी जमांपूंजी हम दे द और फर उ ह उससे मह म कर देना तो स वस
नह ह।
‘तु ह पता ह ये रपो स कै से िलखीस जाती ह?’ उ ह ने कहा।
हमारे पीछे खड़ी कार हॉन बजाने लगी थ । फएट टाट नह हो रही थी। अंकल ने दो बार असफल कोिशश
क।
‘इ ला स व संग ािलटी,’ उ ह ने अपनी कार को कोसते ए कहा। उ ह ने चोक ख चा। मने रपो स भीतर
रख ल और कार को ध ा लगाने क तैयारी करने लगा, ले कन मेरी खुशनसीबी थी क तीसरी कोिशश म कार टाट
हो गई।
‘वैसे म भी इस तरह क रपो स िलख सकता ं य ?’ मने कु छ देर पहले पूछे गए उनके सवाल का जवाब
देते ए कहा।
‘कु छ नह । मेरी बक ने टु िपड जॉइं ट वचर कया ह। अब वे चाहते ह क हम एक िबज़नेस लान सबिमट कर।
और जीएम ने मुझसे यह करने को कहा ह।’
‘म आपक मदद कर सकता ं ‘मने कसी काउट लड़के क तरह िच लाते ए कहा।
‘रा कल,’ उ ह ने कहा।
‘जी?'
‘अरे वह जीएम वमा। मने बक म अपनी तीस साल क नौकरी म कभी एक रपोट नह बनाई। अब मुझे
िपनपॉइं ट ेजटेशन भी बनाना पड़ रहा ह।’
‘पॉवरपाइं ट ेजटेशन?’ मने कहा।
‘हां, वही। वह रा कल मुझे जान-अकर ऐसे काम देता ह, िज ह म समझ ही नह पाता,’ अंकल ने कहा।
‘म आपक मदद कर सकता ’ं मने कहा। शायद मुझे अंकल के दल म जगह बनाने का एक रा ता िमल गया
था।
‘कोई ज़ रत नह ,’ अंकल ने गंभीर वर म कहा। वे समझ गए थे क वे मेरे सामने ज़ रत से यादा ही खुल
गए था।
‘तुम यहाँ उतर जाओ,’ अंकल ने कहा और सड़क के कनारे गाड़ी खड़ी कर दी।’ िसटीबक यहां से मुि कल से
सौ मीटर दूर होगी।’
म कार से बाहर िनकल आया। मने तीन बार थ स कहा और हाथ िहलाकर उ ह गुडबाय कया। उ ह ने कोई
र पास नह दया। उनका हाथ िगयर-िश ट पर था।
‘अन या से यादा िमला-जुला मत करो। हम सीधे-सादे लोग ह और यादा बात नह करते। ले कन हमांरी
क मुिनटी म उसके नाम पर बट् टा मत लगाओ,’ उ ह ने कहा।
‘अंकल ले कन... '
‘मुझे पता ह क अन या और तुम लासमेट्स हो और तुम मंजू क भी मदद कर रहे हो। इसके िलए हम तु हारे
आभारी हो सकते ह। हम अ छे-से तु हारी आवभगत कर सकते ह ले कन हम अन या को तुमसे शादी नह करने दे
सकते।’
म ै फक इं टरसे यान पर खड़ा रहा। ऑटो एक-दूसरे पर हॉन बजाते रहे, जैसे क ग़ से म एक-दूसरे से बितया
रहे ह । यह कतई वह जगह नह थी, जहां खड़े होकर कसी को उसक िज़ दगी के सबसे ज री फ़ै सले के बारे म
कं वंस कया जाए।’
अंकल ले कन... ‘मने फर कहा।
अंकल ने ए सीलेरेटर दबाने से पहले अपने हाथ बांध िलए। कार धीरे -धीरे आगे बढ़ने लगी। बेड़ा ग़क, बंधे
हाथ पर म या ित या दूं? मने सोचा। अंकल मुझे छोड़कर आगे बढ़ गए। मने एक हारे ए इं योरस से समैन क
तरह अपना बैग उठाया और बक क ओर चल दया।
21
‘वेलकम सर, वेलकम टु टेट बक ऑफ़ इं िडया,’ बाला ने कहा। उसक आवाज़ के लहज़े से इतनी साफ़ तरह से गु सा
झलक रहा था क उसक बात म छु पा कटा बेअसर हो गया। वह मेरी डे क पर बैठा था और ठीक इसी खुशी भरे
ण क ती ा कर रहा था क म आऊं और वह मुझे मसलकर रख दे।
‘आई एम रयली सॉरी, मेरे ऑटो का ए सीडट हो गया था,’ मने झूठ बोल दया।
‘तु हारे हो टल का नौकर तो कह रहा था क तुम सुबह पाँच बजे ही घर से िनकल गए थे,’ उसने कहा।
‘आपने मेरे हो टल पर फ़ोन लगाया था? अभी तो बस नौ ही बजे ह वैसे भी ऑ फिशयल टाइम तो यहां ह ना?
'
‘नह , यह िसटीबक ह कोई पि लक से टर बक नह ,’ उसने कहा।
‘तो या जो लोग यहां काम करते ह उनक कोई िज़ दगी नह हो सकती ह मने बुदबुदाते ए कहा।
या?
‘कु छ नह । आज दस बजे िमस ीिनवास आने वाली ह मने कहा।
‘और तुमने इसके िलए तैयारी नह क ह। तुमने रपो स पढ़ी ह?'
‘जी हां, मने रपो स पढ़ी ह। ले कन मुसीबत यह ह क वे अपने दस लाख पए गंवा चुक ह और ऐसा
इसिलए, य क उ ह ने इन रपो स पर भरोसा कया था। तो म इन रपो स क चाहे िजतनी अ छी पढ़ाई कर लूं?
ले कन वे अब इन पर भरोसा नह करगी। या म अपनी कु स पर बैठ सकता ?ं ’ मने पूछा।
बाला ने मेरी ओर देखा। वह मेरे अ खड़पन से हरत म था। म अपनी कु स पर बैठ गया।’ आपने मुझसे कहा
था क इन टॉ स को पुश क ं और आज हमारे घइं ट्स ख़राब ि थित म ह। िमस ीिनवास बुज़ग मिहला ह। वे
घबरा जाएंगी। म चाहता ं क आप तैयार रह।’
‘तैयार? कस बात के िलए तैयार?'
‘इस बात के िलए क वे और उनके जैसे दूसरे घइं ट्स अपने संदेस दूसरी जगह पर ले जा सकते ह?'
‘कै से? वे ऐसा कै से कर सकते ह? यह िसटीबक ह,’ बाला ने कहा।
‘ य क भले ही िसटी कभी सोती न हो, ले कन हमारी वजह से हमारे ाहक ज़ र रोते ह।’

िमस ीिनवास का पैिनक मोड इतना मनोरं जक था क उसके कारण दूसरे सु स के बकस भी हमारे ए रया म चले
आए। सबसे पहले तो वे मुझसे दो िमनट तक तिमल म बोलती रह । ले कन जब उ ह लगा क म उनक भाषा नह
समझ सकता तो वे अं ेजी म बोलने लग ।
‘तुम, तु ह ने कहा था ना क मेरा पैसा डबल हो जाएगा। अभी यह सेवंटी परसट डाउन हो गया ह िमस
ीिनवास ने कहा।
‘ए चुअली मैडम मांकट से फ़-करे यान मोड म चला गया ह मने कहा। अब जाकर म समझा था क क ठन
रसच ट स का या मतलब था। िजन उलझनभरे सवाल का कोई जवाब नह होता, उ ह वे दूसरी तरफ़ मोड़ देते
ह।
‘ले कन मुझे दस लाख पए का घाटा आ ह। दस लाख! ‘उ ह ने चीखते ए कहा।
‘मैडम टॉक मांकट ऊपर-नीचे होता रहता ह। हमारे पास कु छ ऐसे ोड ट भी ह जो कम र क ह म उनके
दुख का फ़ायदा उठाने क कोिशश करते ए कु छ और बेचने का यास करने लगा।
‘फॉरगेट इट। िसटीबक म मेरा खाता ख़ म हो गया। मने तु ह फ़ स िडपॉिजट करने को कहा था, ले कन तुमने
नह कया। अब म ासा बक म अपना अकाउं ट खुलवा रही ।ं ’
मेरे से स र जटे ट व उनके िलए खूब सारे ै स और को ड ड़ँ स लाए, ले कन िमस ीिनवास को मनाया
नह जा सका।
‘मैडम ले कन िसटीबक ासा क तुलना म कह बड़ा नाम ह,’ मने कहा।
‘मुझे अकाउं ट लो जंग डॉलूज़मट् स दो,’ िमस ीिनवास ने कहा। हमारे पास अब और कोई चारा न था।
ऑ फ़स के पहले घंटे म ही हम अपना एक क टमर गंवा चुके थे। रसेशन पर लगी टीवी म सीएनबीसी चैनल बता
रही थी क उस दन इं टरनेट टॉ स को और पांच फ़ सदी का नुकसान प च ं चुका था।
अगले दो ह त म हमारे सबसे भरोसेमंद ाहक जो क इसी कारण हमारे ारा सबसे आसानी से उ लू
बनाए जा सकने वाले ाहक भी थे को कु ल दो करोड़ पय का नुक्सान आ। हमने उ ह ऐसी कं पिनयां भी टका दी
थ , िज ह ने एक वेबसाइट बनाने के अलावा और कु छ नह कया था। मेरी दो लेडीज क टमर को ही नुकसान उठाना
पढ़ा था, य क म इस तरह क कं पिनय को कभी अ छे से बेच नह पाया था। ले कन बाला, िजसके माट लोग के
सा ा य का काम अमीर को लूटना-खसोटना भर था, को मुंबई हेड ाटर म इसका जवाब देना था।
‘मेरे पास सात िशक़ायत आई ह क टमर स वस ुप के कं ी हेड ने एक कां ेस कॉल म कहा।
‘सर, यह के वल बाजार क अि थरता का ओवर रए यान ह बाला ने कहा।
‘ रसच रपोट म कहां गई बात को मत दोहरा। उ ह मने भी पढ़ा ह कं ी हेड ने कहा।
कॉल ख़ म आ। बाला का चेहरा पीला पड़ गया था। बॉस लोग ने चे ई ांच म िविजट करने का मन बना
िलया था। बाला यह ख़बर सुनते ही थरथराने लगा। मुंबई हेड ाटर कह रहा था क हम इं िडिवजुअल इं वे टस को
इं टरनेट टॉ स नह बेचने थे और हाउसवाइ को तो कतई नह । ज़ािहर ह जब कमीशन िमल रहा था, तब उ ह ने
कभी कोई िशकायत नह क । ले कन अब पाँच क टमस ने अपना खाता बंद करवा िलया था और एक ने तो यूयॉक
म िसटीबक के सीईओ को लेकर भी िलख दया था।

अपनी वीकली से स मी टंग म मने अपने से स र ेजे टे ट व से कहा क वे चे ई के क टमस को फ़ स िडपॉिजट,


सोना और सािड़य के िसवा और कु छ न बेचे।
‘सर, हम सािड़यां नह बेचते मेरी एक र ज़टे ट ज़ ने साफ़ कया।
‘सॉरी, म तो बस मज़ाक़ कर रहा था। हम सोना भी कहां बेचते ह ह ना? '
‘नह सर, हम बेचते ह। गो ड- लंक िडपॉिजट, सर,’ उसने कहा।
हां, मुझे अपने ुप के ोड स के बारे म ही नह पता था। वा तव म मुझे यह भी नह पता था क म यह जॉब
य कर रहा ।ं मने िसर िहलाया और मु करा दया। य द आप क टमर स वस म ह तो आपको कसी टू थपे ट कं पनी
के मॉडल से भी यादा मु कराना पड़ता ह।
‘ या यह सच ह क िमस ीिनवास को दस लाख का घाटा आ ह?’ मेरी एक और लेडी क टमर बक म आ ।
फर वे कु डु कुड़ाते ए पूरा लो-डाउन पाने के िलए से स र ज़टे ट ज़ के पास बैठ ग । ले कन बुरी बात यह थी क
गोपनीय कारण से हम उ ह िडटे स नह दे सकते थे। हम रट स ऑफ़र नह कर सकते थे, ले कन हम थोड़ी-ब त
गपशप ज़ र कर सकते थे। शायद उसके ज रये हम अपने क टमस को थोड़ा फु सला सकते।
‘ श, यहां आओ,’ शाम को सात बजे बाला मेरे पास आया। उसे देखकर लग रहा था, जैसे क वह काठ का हो
गया हो।
म अपना ‘िसटी नेवर ली स ‘बैग पैक कर चुका था, ता क घर जाकर सो जाऊं। दो दन बाद हमारे बॉसेस
आने वाले थे। मने िपछली कु छ रात उनके िलए जटेशन बनाते ए गुजारी थ । यह तिमलनाडु का सबसे घ टया
और बैकलेस जॉब था। मने अपनी घइड् स चाहे कतनी ही बेहतरीन य न बनाई ह , ले कन नंबस इतने बुरे थे
क यह तय था क हम बॉसेस क चली-कआंटी सुनने को िमलेगी। िपछली रात म तीन बजे घर प च ं ा था और पाँच
बजे फर जाग गया था, य क मुझे अपने साले बाबू को पढ़ाना था। इस व त मुझे बाला नह कसी त कये क
ज़ रत थी।
‘बाला, म...?’ म अपनी बात कहते-कहते बीच म ही क गया, य क मने देखा क बाला यह उ मीद करते
ए पहले ही अपने के िबन क ओर मुड़ गया था क म उसके पीछे-पीछे आऊंगा।
म बाला के के िबन म गया। उसने ब त धीमे-से दरवाज़ा बंद कया। फर उसने परदे ख च दए और फ़ोन का
रसीवर उठाकर रख दया। मने सोचा क या तो वह मुझे मार डालना चाहता ह या मेरा यौन शोषण करना चाहता
ह।
‘काम कै सा चल रहा ह?’ उसने फु सफु साते ए पूछा, हालां क इतने धीमे बोलने क ज़ रत नह थी य क
द तर के लोग पहले ही जा चुके थे।
‘फ़ाइन। मने आपको ेजटेशन भेजा था। आपने उसे अ ूव कर दया ह, राइट? ‘मने कहा। बाला ने दोपहर म
उसे ओके कर दया था। म एक रात और जागकर काम करना नह चाहता था।
‘येस, दैट्स फ़ाइन। िलसन, बडी, मुझे तुमसे एक मदद चािहए।’
बाला ने इससे पहले मुझे कभी बडी कहकर नह बुलाया था। कमरे म ना रयल और मछली क बू थी।
ना रयल क बू बाला के बाल से आ रही थी और मछली क बू उसके अनकहे इराद से।
‘कै सी मदद?’ मने िबना मु कराते ए पूछा।
‘देखो श, यह जॉब, मेरा कै रयर, यह मेरे िलए सब कु छ ह। मने इस बक को अपनी पूरी िज़ दगी दे दी ह।’
मने िसर िहलाया। मु े क बात करो, बडी, मने सोचा।
‘और, जैसा क तुम ख़द भी कबूल करोगे या तुम भी इसम इतने ही इ वॉ व नह हो, िजतना म ?ं मेरी बात
को ग़लत ढंग से मत लेना।’
वह सौ फ़ सदी सही था। ले कन जब कोई ि आपसे यह कहता ह क इस बात को ग़लत ढंग से मत लेना,
तो आपको उसे ग़लत ढंग से लेना ही पड़ता ह। इसके अलावा, मने िपछली तीन रात कड़ी मेहनत करते ए िबता दी
थ , जब क मेरा साथ देने के िलए के वल एटीएम गाड़से ही मौजूद थे। म इससे बेहतर के लायक़ था। ‘यह सौ फ़ सदी
ग़लत ह,’ मने कहा। ‘म काम कर-करके मरा जा रहा ।ं म वही करता ं जो आप चाहते ह। मने वे कड़ा इं टरनेट
टॉ स इसिलए बेचे... '
‘ईजी, ईजी,’ बाला ने मुझे चुप कराते ए कहा।
‘यहां कोई भी नह ह। हम कसी जे स बॉ ड िमशन क तैयारी नह कर रहे ह क हम फु सफु साते ए बात
करनी पड़े,’ मने कहा।
कॉप रे ट टाइ स यह दखावा करना पसंद करते ह क उनक िज़ दगी रोमांच से
भरपूर ह। फु सफु साहट, मु यां भ च लेना, हाथ लहराना वग़ैरह-वग़ैरह कु छ ऐसे जे चस थे, िजनक मदद से
वे अपने जॉब िडि कएान को ऊंचा उठा देना चाहते ह जब क वे एक ऐसे लक से यादा कु छ नह होते िजसे ज़ रत
से यादा तन वाह िमलती ह।
‘म तु हारी मेहनत पर शक नह कर रहा ।ं ले कन देखो कॉप रे ट लाइफ़ म हम एक-दूसरे का याल रखना
पड़ता ह।’
‘ या? कै से?’ मने सोचा क अब अगर बाला दो िमनट म मु े क बात पर नह आया तो म उसे एक तमांचा
रसीद कर दूंगा। वा तव म म मन ही मन ऐसा कर चुका था।
‘म तु हारा बॉस ं तो म तु हारा याल रखूंगा ही। ले कन आज तु हारे पास मेरा याल रखने का एक मौका
ह।’
म चुप रहा।
‘कं ी मैनेजर आ रहे ह। वे पूछगे क हाउसवाइ को इं टरनेट टॉ स कै से बेच दए गए। मुझे इन सब बात
का जवाब तो देना ही पड़ेगा, ले कन य द तुम... ‘‘म या? ‘मने उसे उकसाया, ता क वह ज दी से असल बात पर आ
जाए ले कन ऐसा नह आ।
‘आप चाहते ह क म सारा दोष अपने िसर ले लूं?’ मने एक अनुमान लगाने का जोिखम उठाया।
उसने सहमित म धीमे-से िसर िहला दया।
‘वॉव देइस अनिबलीवेबल बाला। म देनी ।ं वे मेरा भरोसा वैसे भी य करगे? '
‘तुम आईआईएमए से हो। यह मान िलया जाएगा क तुम शु आत म ही कं पनी म एक मह वपूण भूिमका म
आ गए थे।’
‘और य द म ऐसा कह देता ं तो मेरा कै रयर चौपट हो जाएगा।’
‘नह , तुम ेनी हो। तु हारी मोशन मुझे रकमड करनी ह। मान लो क मने तु हारी मोशन रकमड कर
दी। ले कन य द मुझे िज मेदार ठहराया गया तो मुझे कभी कोई मोशन नह िमलने वाली।’
‘िज मेदार तो आप ही ह मने उसक आंख म झांकते ए कहा।
‘ लीज़, श,’ बाला ने कहा।
बॉस-सबऑ डनेट का संबंध बदल चुका था। बाला मुझसे मदद क भीख मांग रहा था। म समझ रहा था क
य द मने उसक बात मान ली, तो मुझे कतनी पॉवस िमल सकती ह। म सभी क तरह आराम से ऑ फस आ सकता
था। म काम से ज दी घर जा सकता था। म अपनी डे क पर बैठकर झपक ले सकता था। ओके तो य द िसटी
ओवरपेड ल स लब म मेरे कै रयर को नुकसान प च ं ता है, तो भी या?
म तभी हा कह सकता था, ले कन म चाहता था क बाला कु छ और देर मुझसे िम त करता रहे। म चुप रहा।
‘वैसे भी कं ी मैनेजर मुझे पसंद नह करता। वह नॉथ इं िडयन है। वह एक बार तु ह माफ़ कर देगा, ले कन
मुझे नह ,’ बाला ने कहा। मुझे लगा क कह वह रोने न लगे। म और देर तक इस तमाशे का मज़ा ले सकता था,
ले कन म घर जाकर आराम भी करना चाहता था।
‘म देखता ं क म या कर सकता ।ं ‘ म खड़ा हो गया।
‘ या म इसे हा समझूं?’ बाला ने कहा। उसक आंख उ मीद से भरी थी।
‘गुड नाइट, सर,’ मने आिखरी श द पर ज़ोर देते ए कहा।
22
पापा मुझे कभी कॉल नह करते। पता नह , उस रात उ ह ने मुझे य कॉल कया। म चाहता था क ऑ फस और
ूशंस का टंटा फर शु हो, उससे पहले न दभर सो लूं। ले कन रात को यारह बजे रामानुजन ने मेरे दरवाज़े पर
द तक दी।
‘ या है?’ मने पूछा। िजस दन अन या मुझसे िमलने आई थी, तब से मने बामुि कल ही अपने कसी लैटमेट
से बात क थी।
‘तु हारा फ़ोन है। '
‘कौन है?’ इस व त तो मुझे अन या भी फ़ोन नह करती थी।
‘तु हारे पापा। या तुम उ ह कह सकते हो क इस व त फ़ोन न कर?’ रामानुजन ने जमुहाई लेते ए कहा।
पापा का नाम सुनते ही जैसे मुझ पर पाला पड़ गया। मने मन ही मन ाथना क क मॉम ठीक ह । उ ह ने मुझे
फ़ोन य लगाया होगा? ‘हैलो?'
‘ या म अपने बेटे से बात कर रहा ?ं '
मुझे ज़रा अजीब लगा क उ ह ने मुझे अपना बेटा कहकर पुकारा। िपछले तीन साल से हमने आपस म ठीक से
बात नह क थी।
‘ श बोल रहा ,ं ’ मने कहा।
‘तब तो म अपने बेटे से ही बात कर रहा ,ं है ना? '
‘य द आपको ऐसा लगता है तो,’ मने कहा।एसटीडी क दो प स बीत ग । चु पी छाई रही।‘म सुन रहा ,ं ’
उ ह ने कहा।‘ या सुन रहे ह?'
‘वही, जो मेरा बेटा मुझसे कहना चाहता है। '
‘अब कहने को कु छ बाक़ नह रह गया है। आपने मुझे इतनी रात गए फ़ोन य लगाया?’ मने गु सेभरी
आवाज़ म पूछा।
‘तुमने मॉम को अपना पहला सैलेरी चेक भेजा? '
‘हां,’ कु छ देर के बाद मने कहा।
‘इसके िलए तु ह बधाइयां,’ उ ह ने कहा।
‘मॉम ठीक तो ह ना? आई होप, आप मुझे अपनी कसी िग ट प के िलए फ़ोन नह कर रहे ह, य क य द
मॉम ठीक नह ह तो... ‘मने अपने श द को अंतराल से अलगाते ए कहा।
‘तु हारी मां ठीक ह। उ ह तुम पर नाज़ है,’ उ ह ने कहा।
‘और कु छ? '
‘तु हारे या हाल ह?'
‘इससे आपका कोई लेना-देना नह है,’ मने कहा।
‘ या अपने बाप से बात करने का यही तरीक़ा है?’ उ ह ने चीखते ए कहा।
‘य द अपने ग़ौर न कया हो तो बता दूं,’ मने कहा,’ क आपसे कभी बात नह करता ।ं '
‘और म यहां तुमसे बात करने क कोिशश कर रहा ,ं ’ उ ह ने कहा। उनक आवाज़ अब भी तेज़ थी। म उसी
व त फ़ोन रख देता, ले कन म नह चाहता था क वे मॉम पर गु सा िनकाल। वे गु से म बड़बड़ाते रहे क मने कस
तरह उनक उ मीद पर पानी फे र दया है और कस तरह म एक नालायक बेटा सािबत आ ,ं ले कन म चु पी
साधे रहा। उ ह ने ऐसी कोई बात नह कही, जो उ ह ने िपछले बीस साल म नह कही थी। म यह भी जानता था
क एक बार उनका एकालाप शु हो गया तो उ ह चुप होने म ख़ासा व त लगेगा। मने फ़ोन टेबल पर रख दया
और ज खोला। उसम से एक सेब और पानी क एक बोतल िनकाली। कचन म गया, सेब को छोटे-छोटे टु कड़ म
काट दया और लौट आया। दो कौर खाए और एक िगलास पानी गटक गया। फ़ोन के रसीवर से कटी-फटी आवाज़
आ रही थी।
आधा सेब खाने के बाद मने फ़ोन उठाया।
‘तुमम ऐसा कोई गुण नह है, िजस पर गव कया जा सके । ये िडि यां बेकार ह। मां को पैसा भेज देने भर से ही
तुम तुरम खां नह बन जाते। मुझे लगता है क तु हारे जैसा लड़का ‘वे बोले चले जा रहे थे, ले कन मने फ़ोन फर
टेबल पर रख दया। मने उसे के वल तभी उठाया, जब म अपना सेब पूरा खा चुका था।
‘आई सेड, तुम मेरी बात सुन रहे हो या नह ?’ उनक आवाज़ काप रही थी।
‘सुन रहा ,ं ’ मने कहा। ‘ब त देर हो चुक है। आपका िबल भी ब त बढ़ गया होगा। या म सोने जा सकता
?ं '
‘तु हारे मन म अपने बाप के िलए कोई इ ज़त नह है। '
‘आप यह बात पहले भी कह चुके ह। अब आप भी सो जाइए और मुझे भी सोने दीिजए। गुड नाइट,’ मने कहा।
‘गुड नाइट,’ उ ह ने कहा और फ़ोन रख दया। फ़ौज म काम करने वाले लोग चाहे कतने ही पागल य न ह ,
ले कन वे हमेशा सौज य और िश ाचार म िव ास रखते ह। मुझे प ा िव ास है क एक-दूसरे को गोली से उड़ा देने
से पहले भारत और पा क तान के अफसर भी एक-दूसरे का अिभवादन करते ह गे।
म अपने कमरे म औट आया। म अपनी लाइफ़ म फर से डैड का चे टर नह चाहता था। कोई भी िपता एक बुरे
िपता से बेहतर नह होता। इसके अलावा अभी मेरा पाला एक और ऐसे िपता से पड़ रहा था, िज ह ने मुझे अपनी
बेटी से दूर करने के िलए हाथ बांध िलए थे। साथ ही मेरी िज़ दगी म मेरा बॉस बाला और मेरे लूज़र लैटमेट्स और
मेरा सनक मकान मािलक भी मौजूद थे। मेरी िज़ दगी सांभर क उस गंध से भरी ई थी, जो क इस शहर म हर
जगह फै ली थी। सोने से पहले दजन आवारा िवचार मेरे जेहन म मंडराते रहे। ये िवचार बेडौल मछिलयां क तरह
यहां-वहां तैर रहे थे और मेरा बेचारा छोटा-सा दमाग़ िम त मांग रहा था–गाइज़, मुझे आराम क स त ज़ रत है।
या तु ह कोई ॉ लम है? ले कन िवचार क मछिलय क आवाजाही कम नह ई। हर मछली को अटशन
डे फिसट िडसऑडर था यानी उस पर यान दया जाना ज़ री था।
बाला के िवचार के साथ मुझे दख रहा था क म कसी नुक ली चीज़ से उस पर वार कर रहा ।ं अन या के
डैड के िवचार के साथ मुझे क़रीब एक दजन बात याद आ रही थ , जो म उनसे तब कह सकता था जब उ ह ने अपने
हाथ बांध िलए थे–ले कन म उससे यार करता ं सर, ले कन आपको पहले मुझे अ छी तरह समझ लेना चािहए
अंकल, आप यह बात य नह समझ रहे है क हम दोन भागकर भी शादी कर सकते ह, यू द हंद-ू री डंग लूज़र।
कु छ लोग लक होते ह। वे िब तर पर लेटते ह, आंख बंद करते ह और दुबई क इं पोटड डॉ स क तरह सो जाते
ह। ले कन मुझे एक-एक कर अपने दमाग़ म पचास चैनल बंद करनी पड़ती ह। एक घंटे बाद मने इस आिखरी
िवचार क चैनल बंद क क म कै से यह क ग ं ा क हाउसवाइ ज को रे िडयोएि टव टॉ स के साथ खेलना मने ही
िसखाया था।

Downloaded from Ebookz.in


23
‘रे डी?’ सुबह-सुबह बाला ने मुझे कॉफ़ पेश करते ए मुझे खुश करने क कोिशश क । जी हां, िम टर बालाकृ णन,
ौच हेड ऑफ़ क टमर स वसेस, मेरे िलए मग म कॉफ़ लेकर आए थे। कतनी बुरी बात है क वे मग को े म रखकर
नह लाए।
‘अपने आपको एक टु िपड के प म पेश करने के िलए यादा तैयारी क ज़ रत नह होती,’ मने कहा और
कॉफ़ ले ली। मने देखा क मग नीचे से गीला था। बाला ने फ़ौरन मुझे अपने डे क से टशू उठाकर दया। शायद मुझे
ज द ही इस सबक आदत हो जाएगी, मने सोचा।
हम दो घंटे बाद कां स म म िमले। बाला ने जटेशन तैयार कया। अपने कै रे टर के मुतािबक उसने
टाइ टल लाइड से मेरा नाम हटा दया। भारत के हर बक के हर िडपाटमट के जटेशन क तरह यह जटेशन भी
1991 के उदारीकरण और उसके कारण देश को िमले अवसर के िववरण से शु हो रहा था।
‘जैसा क आप देख सकते ह, िपछले तीन महीन म आईटी पेस म ख़ासी अि थरता रही है,’ बाला ने ाफ़ क
ओर इशारा करते ए कहा, जो क के वल नीचे क ओर ही जा रहा था।
हमारे कं ी हेड अिनल माथुर पहली लाइट पकड़कर चे ई आए थे। उनके दन क शु आत ही ख़राब रही
थी, य क उ ह आिखरी िमनट पर िबज़नेस लास सीट नह िमली थी और उ ह आम लोग के साथ कं धे रगड़ते ए
आना पड़ा था। जटेशन के दौरान उनका िचड़िचड़ापन बढ़ता रहा।
अिनल क उ चालीस साल के क़रीब थी और उ ह एक युवा तुक क तरह देखा जाता था। िसटी टार िस टम
को पसंद करती थी और वह उसी के सहारे फल-फू ल भी रही थी। अिनल को इस तरह इं ोड् यूस कया जाता था :
‘ दस इज़ अिनल, एमडी। ही इज़ अ टार परफ़ॉमर। '
ले कन कसी भी बक म करने को ऐसा कु छ नह होता, िजसे टारडम कहा
जाए। वा तव म हमारे ज म क नीरसता को कम करने के िलए यह िसटी क एक और जुगत थी। बहरहाल,
जैसे ही अिनल म म आए, कु छ चे ई बकस क आंख चमक उठ , ठीक वैसे ही, जैसे रजनीकांत का पो टर देखकर
ऑटो ड़ाइवर क आंख चमक उठती ह।
‘और सं ेप म, ये ही वे कारण थे, िजनके कारण आज हम इस ि थित म ह,’ बाला ने अपनी एक घंटे क पीच
ख़ म करते ए कहा। मुझे तब भरोसा ही नह आ, जब उसने अपनी पीच को छोटी-सी कहा।
अिनल ने कोई ित या नह क । उसने कमरे म नज़र घुमाई। चे ई के ेनीज़ यूं भी आई कॉ टै ट से बचते ह,
ख़ासतौर पर तब, जब सामने कोई बड़ा अिधकारी हो। उसने बाला क ओर देखा और बाला ने मुझे देखा। मने िसर
िहलाया। आज म सुसाइड िमशन पर था।
अिनल का सेलफ़ोन बजा। उसने जेब से फ़ोन िनकाला। मुंबई से उसक से े टरी का फ़ोन था।
‘वॅाट डु यू मीन क िबज़नेस लास के िलए वे टंग िल ट है? म इन म ािसय से िजस तरह रगड़ाते ए आया
था, उसी तरह लौटकर जाना नह चाहता।'
मुझे और अिनल को छोड़कर म म बैठे हर श स को इस बात से ठे स प च ं ी। ले कन चूं क अिनल बॉस था,
इसिलए उसक इस बात पर सभी इस तरह मु करा दए, जैसे क उसने कोई यूट रोम टक जोक सुनाया हो।
अिनल फ़ोन पर बात करते-करते खड़ा हो गया। ‘और मुझे लेने के िलए ह डा िसटी य भेजी जाएगी? उ ह
बताओ क य द उनके पास मस डीज़ नह है तो म बीएमड यू के िलए एिलिजबल .ं .. येस, ऑफ़ कोस, आई एम,’
उसने कहा और फ़ोन रख दया।
उसने ज़ोर से ठं डी सांस छोड़ी और चेहरे को रगड़कर प छा। जी हां, कसी को रोज़ अपने बुिनयादी हक के
िलए संघष करना पड़े तो उसक िज़ दगी मुि कल ही होगी। ‘ओके , फ़ोकस, फ़ोकस,’ उसने ख़द से कहा और कमरे म
बैठे सभी लोग ने अपनी कमर सीधी कर ली।
‘सर, जैसा क म कह रहा था...’ बाला ने फर अपनी बात शु क । अिनल को चार घंटे बाद वाली लाइट से
लौटना था। मुझे लगा क शायद बाला यह उ मीद कर रहा था क वह जटेशन देता रहे और अिनल के पास उससे
कु छ स त सवाल पूछने का समय ही न बचे।
‘बाला, तुम ब त बोल चुके हो,’ अिनल ने कहा। ‘मुझे के वल इस बात से मतलब है क तुमने एक महीने म
सात बड़े क टमस कै से गंवा दए, जब क हम हर दूसरे बाज़ार म आगे बढ़ रहे ह?’
हम सभी िसर झुकाकर ज़मीन को ताकते रहे।
‘दो करोड़? रटेल क टमस को दो करोड़ का नुकसान कै से हो सकता है? वे बक म पैसे जमा कराने आते ह,
गंवाने नह ,’ अिनल ने कहा। उसे इन कारण से ही बक म एक टार का दजा िमला था।
‘सर, जैसा क आप जानते ह क सारा घाटा इं टरनेट टॉ स म आ है,’ बाला ने कहा।
उसक आवाज़ से लग रहा था, मानो वह िम त कर रहा हो।
‘तो, यह कसका िबग आइिडया था क इन लेडीज़ को नेट टॉ स बेचे जाएं?’ अिनल ने पूछा।
‘सर,’ बाला ने कहा और मेरी ओर देखा। सभी क नज़र मेरी ओर घूम ग । उनके एक साथ इस तरह देखने
भर से ही म दोषी बन गया था।
‘तुम?’ अिनल ने पूछा।
‘ श, सर,’ मने कहा।
‘तुम चे ई से हो?’ अिनल ने पूछा। वह मेरे लहज़े के कारण सोच म पड़ गया था, जो बाक लोग से मेल नह
खाता था।
‘नह , म द ली से ।ं ’
‘तुम पंजाबी हो? '
मने िसर िहलाकर हामी भरी।
अिनल ने कोई जवाब नह दया। वह बस हँस पड़ा। वह एक सैिडि टक हँसी थी मानो कोई मछली को पानी से
बाहर तड़पता आ देखकर हँस रहा हो। ‘ या आ था? एचआर क गड़बड़ी?’ अिनल ने कहा। उसका फ़ोन फर
बजा। उसक से े टरी ने कं फ़म कया क वह िबज़नेस लास म ही सफ़र करे गा और एयरपोट पर उसे िपकअप करने
बीएमड यू भी आएगी। अिनल ने से े टरी से कहा क वह यह सुिनि त करे क बीएमड यू कम से कम फ़ाइव-
सीरीज क तो होनी ही चािहए।
‘टाटा आंटी डील याद है, जो हमने बकएम के साथ क थी?’ म बकएम से उस इिडयट एमडी के साथ आया था
और कार कं पनी ने मेरे िलए टोयोटा और उसके िलए फ़ाइव-सीरीज़ िभजवाई थी। कै न यू इमेिजन मुझ पर या बीती
थी?’ अिनल ने फर ज़ोर देते ए कहा। से े टरी ने कं फ़म कया क वह उनके िलए ऐसी कोई कार िभजवाने का
बंदोब त नह करे गी, िजसक क मत एक पूरे अपाटमट से कम हो। अिनल का मूड अ छा होते ही पूरे कमरे ने राहत
क सांस ली।
‘अ छा, तो म कहां था?’ अिनल ने कहा और मेरी ओर देखा। वह फर हँस पड़ा। ‘तुम कस कॉलेज से हो? '
‘आईआईएमए,’ मने कहा।
‘सै यूट, सर,’ अिनल ने सै यूट करने क नकल उतारते ए कहा।
‘मने शेखी बघारने के िलए कॉलेज का नाम नह िलया था, यू एसहोल,’ म कहना चाहता था।
‘मने आईआईएमसी से पढ़ाई क है। म आईआईएमए के िलए वेटिल ट म था, ले कन उ ह ने मुझे कॉल नह
कया। आई गेस, म तु हारी तरह माट नह था,’ अिनल ने कहा।
मुझे नह पता था क इस सवाल का जवाब कै से दूं। म म बैठा एक और ेनी आईआईएमसी से था और उसने
ख़द को इं ोड् यूस कया। उ ह ने हाई-फ़ाइव कया। इसके बाद अिनल फर मुझसे मुख़ाितब आ।
‘बट के यस, तु हारे कई आईआईएमए सीिनयस कं ी मैनेजर नह बन पाए, जब क म बन गया,’ अिनल ने
कहा और मुझे देखकर आंख मारी।
ज़ािहर है। तु ह अभी तक उस बात का अफ़सोस है, िघनौने, इनिस योर बेवकू फ़, मने मन म कहा, जब क
बाहर से म मु करा रहा था। मन म बोले जाने वाले डॉयलाग के िबना िज़ दगी म भला या मज़ा रह जाएगा?
‘तो यह तु हारा आइिडया था क हाउसवाइ ज़ को इं टरनेट टॉ स बेचना ब त फायदे का सौदा होगा?’
अिनल ने कहा। ‘और बाला, तुमने इसे रोका भी नह ?’
‘सर, म हमेशा यंग टैलट् स को इनकरे ज करने क कोिशश करता ।ं लस, आईआईएमए, मने सोचा, उसे पता
होगा,’ बाला ने कहा। अब वह मेरे िति त इं ि टट् यूट के ित अिनल क नाराज़गी का फ़ायदा उठाने क कोिशश कर
रहा था। ‘आईआईएमए, येस राइट,’ अिनल ने कहा। ‘तु हारी वजह से बक को इतना नुकसान प च ं ा है क तुम पांच
साल म भी उसक भरपाई नह कर पाओगे।’
म सोचने लगा क या मुझे बाला से अपनी डील किसल करके सब कु छ सच-सच बता देना चािहए। अब तो
मुझे बाला ारा पेश क जाने वाली कॉफ़ का भी कोई मोल नज़र नह आ रहा था।
‘वॉट अबाउट मॉिनट रं ग? बाला, जब घाटा होना शु आ, तब तुमने मॉिनटर भी नह कया?’
‘मुझे यादा िबज़नेस िमल रहा था, सर,’ बाला ने कहा।
लंच ेक हो गया। मने सबके साथ खाना नह खाया। पहला कारण यह क मुझे अगली सुबह अपने साले साहब
क लास के िलए आईआईटी ीगोनोमे ी क तैयारी करनी थी। दूसरा कारण यह क अब म और फटकार नह सुन
सकता था। और तीसरा कारण यह क खाने म साउथ इं िडयन पेशल था और अब तक म इस खाने से नफ़रत करने
लगा था। मुझे प ा पता था क अिनल क भी यही हालत होगी।
लंच के बाद अिनल ने ज दी से मी टंग ख़ म क । ‘मुझे अ छे क टमर नंबस चािहए। या तो उन क टमस को
वापस लेकर आओ या नए क टमस बनाओ, मुझे इससे मतलब नह । एंड लीज़, अगली बार बेहतर खाने का
बंदोब त करना। '
‘हम ऐसा ही करगे, सर, हम सुपर–हाड मेहनत कर रहे ह,’ बाला ने कहा।
सभी ेनीज़ ने िसर िहलाया। आईआईएमसी के ेनी को छोड़कर उनम से कसी ने भी पूरी मी टंग के दौरान
एक श द भी नह कहा था।
‘आई कै न टेल यू, इं टरनेट िडबेकल के कारण पूरी बक म लेऑफ़ ह गे। और य द हमने चे ई को बॉटम म देखा
तो समझो सभी क छु ट् टी हो जाएगी,’ अिनल ने कहा और उसके आिखरी श द के कारण पैदा ई दहशत हर चेहरे
पर नज़र आई।
‘एंड यू एचआर एरर,’ अिनल ने मेरे कं धे को थपथपाते ए कहा। ‘यू नीड टु बक अप िबग टाइम। '
अिनल और उसके साथ ही हमारी चंता को ले जाने के िलए बीएमड यू आ गई। जब हम अपनी-अपनी
सीट् स पर लौट आए तो बाला मेरी डे क पर आया। ‘थ स बडी, मुझे तु हारा यह एहसान याद रहेगा,’ उसने कहा।
‘िबग टाइम, बडी, िबग टाइम,’ मने कहा।
24
जब मने अन या के कचन म कसी चीज़ को तले जाने क ख़ूब आवाज़ सुन तो मने अनुमान लगाया क यह कोई
िवशेष अवसर होगा। म मंजू को दो माह से ट् यूशन पड़ा रहा था और वह क लान और बोनिवटा के िव ापन म
दखाए जाने वाले ब से भी यादा माट हो गया था। म अपनी एक महीने क ऑ टर टै स, पीएफ़ और एचआरए
सैलेरी दांव पर लगाकर कह सकता था क मंजू आईआईटी, मेिडकल या मनु यमा को ात कोई भी क ठन परी ा
ै क कर देगा। इसके िलए यादातर तो उसक मेहनत ही िज मेदार होगी और मेरे हर सुबह पांच बजे उठने से
इसका यादा ता लुक नह ही होगा।
‘ या माज़रा है?’ मने पूछा और दो बार छ क दया। चली ई िमच क गंध ने मेरी नाक म खलबली मचा दी
थी।
‘ पेशल गे स के िलए पेशल कु कं ग,’ मंजू ने अपनी फिज़ स क यूमे रक स करते ए कहा।
‘कौन? '
‘हरीश, खाड़ी देश से,’ मंजू ने कहा।
‘हरीश कौन? '
टोव पर एक और कड़ाही चढ़ चुक थी। इस बार भुनी ई राई, कड़ीप ा और याज क गंध हम तक प च ं ी।
य द यह कोई पुर कार िवजेता भारतीय उप यास होता तो म उस ख़शबू का बखान करने म ही दो पेज बबाद कर
चुका होता। ले कन उसका मुझ पर के वल यही असर पड़ा क मुझे ख़ासी का एक दौरा पड़ा और मेरी आंखो से आंसू
िनकल आए।
‘तुम ब त ससे टव हो,’ मंजू ने मेरी ओर अफ़सोस भरी नज़र से देखते ए कहा। फर वह खड़ा आ और
दरवाज़े पर चला गया। ‘अ मा, ए ज़ॉ ट फ़ै न ि वच ऑन कर दो,’ उसने िच लाते ए कहा और दरवाज़ा लगा
दया।
अन या क मां कड़ाही म कड़छी घुमाती रही। ‘ओके , अब तुम नहाने चले जाओ। वे लोग आते ही ह गे,’
अन या क मा ने कहा और फर अपनी आवाज़ का वॉ यूम सबसे तेज़ करते ए अन या को पुकारने चली ग ,
‘अन या, तुम तैयार हो?'
‘हरीश कौन है?’ मने मंजू से फर पूछा।
‘न म नह िमले, इसिलए वे लोग यहां आ रहे ह। ओके , तो जी 9.8 मीटर पर सेकंड है और ट ऑफ़...’ मंजू
बात करते-करते फर अपनी जानी-पहचानी दुिनया म चला गया था और मुझे अपनी दुिनया म अके ला छोड़ गया
था। एक ऐसी दुिनया, िजसम एक लड़का मेरी गल ड के िलए आ रहा था, ता क उसे अपनी प ी बना सके । मने मंजू
से उसक नोटबुक छीन ली।
‘अ यो, हाट?’ मंजू ने हैरत से मुझे देखते ए कहा।
‘हरीश वाला मामला या है? मुझे अभी बताओ, नह तो म तु हारी मां को बता दूंगा क तुम पोन देखते हो,’
मने कहा।
मंजू हैरान रह गया। ‘म पोन नह देखता ,ं ’ उसने डरी ई आवाज़ म कहा।
‘मुझसे झूठ मत बोलो,’ मने कहा। मुझे पता था क हर लड़का पोन देखता है।
‘मने तो बस एक बार... अपने दो त के यहां लू फ म देखी थी, बाय िम टेक,’ उसने हकलाते ए कहा।
‘कोई लड़का बाय िम टेक लू फ म कै से देख सकता है? '
‘वह मेरे दो त के डैड क फ म थी। लीज़, अ मा को मत बताना। '
उसका चेहरा और यहां तक क उसका च मा भी डरा आ नज़र आ रहा था। मने उसक कताब बंद कर द ।
‘मुझे हरीश के बारे म सब कु छ बताओ। यह सब कै से आ? '
मंजू ने मुझे हरीश के बारे म बताया, जो क एक पेरफ़े ट तिमल दू हे का पो टर बॉय था। राधा आंटी िपछले
दो साल से हरीश से बात तय करने क कोिशश कर रही थ । वह भारतीय पैरट् स ारा तय कए जाने वाले हर
मापदंड पर खरा उतरता था, िजस वजह से वह अन या के िलए एक सही ि माना जा सकता था। वह तिमल
था, ा ण था, और अ यर था। (अगर कसी म ये तीन ख़ूिबयां नह ह तो इतने भर से ही उसका नाम ख़ा रज कर
दया जा सकता था।) उसने आईआईटी चे ई म पढ़ाई क थी और 9.45 का जीपीए कोर कया था। (जी हां,
वामीनाथन प रवार तक उसक इस उपलि ध का बखान भी प च ं चुका था।)
इसके बाद उसने फु ल कॉलरिशप के साथ एमएस कया और फलहाल वह एक उभरती ई िसिलकॉन वैली
कं पनी िस को िस ट स म काम कर रहा था। वह कभी शराब नह पीता था, या मांस नह खाता था, या मो कं ग
नह करता था। (यानी उसने िज़ दगी म कभी कोई मज़ा नह कया था।) उसे कना टक संगीत और भरतनाट् यम को
अ छा ान था। उसक आधा इं च घनी पूरी मूंछ थ , सैन ांिस को के एक उपनगर इलाक़े म उसका अपना एक घर
था। उसके पास सफ़े द ह डा अकॉड कार थी और उसके टॉक ऑ शंस, य द िपछले तीन महीन को छोड़ द, तो हर
बारहव िमनट म डबल होते रहे थे। उसके पास एक टेली कोप भी था, िजससे वह स ाहांत के दन म आकाशगंगा
को िनहारता रहता था ( य क म आपको पहले ही बता चुका ं क मौज-म ती से उसका कोई नाता नह था)। मंजू
इस बात को लेकर ब त उ सािहत था क उसे टेली कोप से देखने का मौक़ा िमलेगा और उसे लगता था क महज़ इस
वजह से ही हरीश से उसक बहन क शादी हो जानी चािहए।
‘उसने कहा क टेली कोप से शिन क रं स के रं ग को भी देखा जा सकता है,’ मंजू ने उ साह भरे वर म कहा।
‘तुमने उससे बात क ? '
‘उसने दो बार मुझे फ़ोन लगाया था,’ मंजू ने कहा।
‘अन या ने उससे बात क थी? '
‘नह । वह तब फ़ोन लगाता था, जब वह घर पर न हो। वैसे भी, जब तक न म न िमल जाएं, तब तक
लड़का और लड़क एक-दूसरे से बात नह कर सकते। '
‘न म या?’ मने पूछा। मुझे लगा क शादी करने से पहले मेरे िलए िजन तिमल चीज़ के नाम जानना
ज़ री है, उनक फ़े ह र त अब ब त-ब त लंबी होती जा रही है। ‘होरो कोप। यह तो ब त ज़ री है। य द न म
न िमल तो लड़का और लड़क के प आपस म बात नह करते। ले कन अ ा और हरीश के न म िमल गए ह।’
मने अपने प रवार के बारे म सोचा। जब हम कसी लड़क को देखने जाते ह तो हम के वल एक ही न म के
बारे म सोचते ह, और वो यह क लड़क के खाते म कौन-सा पे ोल प प आएगा।
‘तुम साइं स िवज़ कड हो और शिन क रं स देखना चाहते हो, इसके बावजूद तुम इस बात म यक़ न रखते हो
क िजन लोग के न म न िमल, उ ह आपस म बात भी नह करनी चािहए?’ मने पूछा।
‘हमारी क चर यही है,’ मंजू ने कहा। उसके हाथ अपनी वकबुक पाने के िलए मचल-से रहे थे। मने उसे उसके
नोट् स दे दए।
‘और अब वो आ रहा है?’ मने कहा।
‘ही, ना ते पर। और लीज़ अब फर मेरी नोटबुक मत छीनना। '
‘सॉरी,’ मने कहा और खड़ा हो गया। म इस बारे म अन या से बात करना चाहता था। िनि त ही, अब तक
उसे हरीश के आने के कारण म बारे म पता चल गया होगा। ले कन अभी तो म बस यहां से चला जाना चाहता था।
‘बाय मंजू,’ मने कहा और मुड़कर जाने लगा।
‘ श भैया, म आपसे एक बात पूछ सकता ?ं ’ उसने कहा।
‘ या?’ मने कहा।
या लू फल स देखने से कु छ बुरा हो सकता है?'
मने उसे नज़र तरे रकर देखा।
‘म अब नह देखूंगा, आई ोिमस। म तो बस जानना चाह रहा था,’ उसने कहा। ‘के वल देखने से? '
‘के वल देखने... और,’ उसने िझझकते ए कहा, ‘य द हम उसके बाद कु छ और कर तो? '
‘तुम अपने अ पा से य नह पूछते?'
‘अ यो, आप या कह रहे ह '
‘ऐसा करने से तुम अंधे हो सकते हो,’ मने गंभीर मु ा म कहा।
‘ रयली?’ उसने कहा, ‘ऐसा कै से संभव है? '
‘बी के यरफु ल,’ मने उसे आंख मारकर कहा और वहां से चला गया।

‘वेलकम, वेलकम,’ म घर से बाहर िनकल पाता, इससे पहले ही वेश ार पर वागत-स कार शु हो गया।
मु य ार पर मानो अ छी-खासी भीड़ जमा थी। अन या के डैड और मॉम, शोभा अथाई, कांजीवरम सािड़य
म िलपट तीन अ य आंटीज़ और सफ़ारी सूट पहने दो अंकल इस वेलकम पाट म शािमल थे। उ ह ने हरीश क
आवभगत कु छ इस तरह क , मानो वह भारत के पहले चं अिभयान से लौटा कोई ए ॉनॉट हो। बड़े-बुज़ग युवा
के मामले म के वल तभी रोमांिचत होते ह, जब उनक शादी होने वाली होती है, य क वे तभी पूरी तरह से
ि थितय को अपने िनयं ण म रख सकते ह। म अनेक बार अन या के घर आया था, ले कन मुझे कभी कसी के बल
मनी कले ट करने वाले से अ छा वेलकम नह िमला। ले कन हरीश के िलए पलक-पाँवड़े िबछाए जा रहे थे। आंटीज़
उसक ओर कु छ ऐसे ेह से देख रही थ , जैसे क वह कोई दो साल का ब ा है, जब क वो कसी दो साल के ब े से
पचास गुना बड़ा था और उसक मूंछ कसी भी दो साल के ब े को दहशत म डाल देने के िलए काफ़ थ । उसने धूप
का च मा पहन रखा था, िजसक कोई ज़ रत नह थी, ( य क अभी सुबह के सात ही बजे थे) िसवाय इसके क वह
अपनी इस बेतुक टाइल का दशन करना चाहता था। उसके साथ उसके पैरट् स भी आए थे। एक आ मतु तिमल
प रवार, िजसने अपनी उपलि धय क गव भरी भावना के साथ कमरे म वेश कया। ग़नीमत थी क सोफ़े पर
बैठने से पहले हरीश ने अपना च मा िनकाल िलया।
अन या के िपता ने देखा क मेरे चेहरे पर कं यूजन के भाव थे।
‘अंकल, म जा रहा था,’ मने कहा। ‘सॉरी, म मंजू क ट् यूशन के िलए आया था। '
‘ना ता कया?’ उ ह ने पूछा।
‘नह ,’ मने कहा।
‘तो बैठ जाओ,’ उ ह ने कहा। उनका वर इतना दृढ़ था क मने फ़ौरन उनक आ ा का पालन कया। म यहां
से दूर चला जाना चाहता था, ले कन मेरे भीतर एक िह सा ऐसा भी था, जो यह तमाशा देखना चाहता था। अब
अंकल का यान नए मेहमान पर चला गया। शायद उ ह ने जान-बूझकर मुझे रोका था। वे मुझे दखा देना चाहते थे
क अन या कसके लायक है और म कभी वैसा नह हो सकता। म एक ऐसे घरे लू नौकर क तरह कोने क एक कु स म
बैठ गया, िजसे कभी-कभी टीवी देखने क इजाज़त िमल जाया करती हो।
टै सी ड़ाइवर अपने पैस के भुगतान के िलए भीतर आया। हरीश के िपता उसके साथ बाहर चले गए। वे टै सी
ड़ाइवर ारा बताए गए िबल का भुगतान करने को तैयार नह थे और धीरे -धीरे उनक बहस गरमाने लगी। हरीश
के डैड पांच पए के िलए अड़े ए थे, जब क दूसरी तरफ़ उसक मां कसी से अपने बेटे क उपलि धय का बखान
कर रही थ ।
‘एमआईटी उसे बुला रहा है, उससे र े ट कर रहा है क वह उनके कॉलेज से पीएचडी करे । '
कमरे म मौजूद सभी मिहला को मानो िमनी ऑग म हो गया हो। पंजािबय के िलए जो मह व माबल के
फ़श का है, तिमल के िलए उतना ही मह व फ़ॉरन िड ी का है। ‘ले कन उसके िस को के बॉस ने कहा क तुम हम
छोड़कर कह नह जाओगे,’ हरीश क मां ने कहा। इस दौरान हरीश पूरे समय मु कराता रहा।
मंजू कमरे म आया और मुझे बुलाया।
‘ या आ?’ मने पूछा। मुझे डर था क कह वह फिज़ स का कोई और सवाल लेकर न आ गया हो।
म उसके कमरे म चला गया। अन या उसके िब तर पर बैठी थी। मोरपंिखया साड़ी म वह बला क ख़ूबसूरत
लग रही थी। िजस दन मने उसे पोज़ कया था, तब भी तो उसने यही साड़ी पहनी थी।
‘जाओ, जाओ, बाहर तु हारा दू हा तु हारा इं तज़ार कर रहा है,’ मने कहा।
‘मंजू, कमरे से बाहर जाओ,’ उसने कहा।
मंजू पहले ही पढ़ाई करने बैठ चुका था। ‘अ यो, अब म कहां जाऊं?'
‘जाओ और मेहमान से िमलो। या कचन म अ मा क मदद करो,’ अन या ने कहा। मंजू अपनी फिज़ स
गाइड के साथ िल वंग म म चला गया।
मने अन या क ओर से अपना मुंह फे र िलया।
‘आई एम सॉरी,’ उसने कहा।
‘ये सॉरी श द क ईजाद कमब त कसने क होगी? आिखर हर बात का जवाब के वल एक श द कै से हो सकता
है? कल तुम बाहर बैठे िम टर सन लासेस से शादी कर लोगी और आकर मुझे कहोगी सॉरी। तब म या क ं गा? '
‘ओवर रए ट मत करो। म यह सब के वल शोभा आंटी को भुलावे म रखने के िलए कर रही ।ं मने अभी तक
इस र ते के बारे म अपना फ़ै सला नह सुनाया है। म ना ही क ग ं ी।’
‘तुमने मुझे य नह बताया?
‘ य क इसम बताने जैसा कु छ है ही नह । तुम भी पे ोल प प वाली लड़क को देखने गए थे ना? '
‘हां, ले कन मने बाद म तु ह बता दया था। वैसे भी कोई फ़ॉमल बातचीत नह थी। मेरी म मी प मी आंटी से
बस िमलने के िलए ही गई थी। '
‘और यह भी कोई फ़ॉमल बातचीत नह है। मेरे पैरट् स ने मुझे कहा है क हरीश के वल एक कै जुअल िविजट के
िलए आ रहा है। '
‘ओह, तो होरो कोप का िमलान के वल कै जुअली हो जाता है?'
‘यह के वल फ़ ट टेप है और वह भी शोभा आंटी का कया-धरा है। श, मेरी बात सुनो...?'
‘अन या?’ तिमल लहज़े वाली एक ज़ोर क पुकार सुनाई दी।
‘आई लव यू,’ उसने कहा, ‘और अब मुझे जाना होगा,’ वह मेरे क़रीब से सरसराते ए िनकली।
‘तुमने इतनी ख़ूबसूरत साड़ी य पहनी है?’ मने दरवाज़े क िचटखनी पर हाथ रखकर उसका रा ता रोक
िलया।
‘ य क मां ने मेरे िलए यह साड़ी चुनी है। अब म जाऊं या तुम चाहते हो क अ पा यहां आ जाएं?'
‘चलो कह भाग चलते ह, मने कहा।
‘इतनी ज दी िह मत मत हारो,’ उसने कहा और अपने पंज के बल खड़े होकर मुझे चूम िलया। ॉबेरी िलप-
लॉस क खुशबू मेरे ह ठ पर ठहर गई।
पांच िमनट बाद म बाहर आया। हरीश को लेकर मची हायतौबा अब थोड़ी कम हो गई थी। पु ष ने अख़बार
खोल िलए। मिहलाएं बैले डांसर क तरह एक-दूसरे को देखकर औपचा रक ढंग से मु कराती रह । दू हे ने अपना
लेटे ट मोटोरोला टारटैक मोबाइल फ़ोन िनकाला और मैसेजेस चेक करने लगा। अन या क मां ने हमेशा क तरह
सांप के जीवा म जैसे ै स परोसे। कोई कसी से बात नह कर रहा था। य द कसी पंजाबी घर म इस तरह का
स ाटा पसर जाए तो यह मान िलया जाएगा क कोई ब त ही भयानक हादसा हो गया–जैसे क या तो कसी क
मौत हो गई है या कसी तरह का कोई ॉपट िववाद है या फर कोई काली दाल म म खन डालना भूल गया है।
ले कन अन या के घर का तौर-तरीक़ा यही था। मेहमान से गमजोशी से िमलो, उ ह बे वाद ै स परोसो और फर
अख़बार खोलकर चु पी साधे बैठ जाओ।
मेरी री-एं ी के कारण सभी का यान मेरी ओर चला गया था। अन या क मां को मुझे देखकर हैरानी-सी ई
थी। अन या उनके क़रीब बैठकर हरीश के पैरट् स से बात कर रही थी। म अपनी कोने क कु स म धंस गया था।
‘मंजू के ट् यूटर,’ अन या क मां ने कहा। सभी क नज़र मेरी तरफ़ घूम ग । कॉप रे ट सूट पहनकर पढाने आया
एक ट् यूटर।
‘ये अन या अ ा के लासमेट ह,’ मंजू ने मेरा थोड़ा-ब त स मान रखते ए कहा।
‘तुम भी आईआईएमए से हो?’ मेरे कई दो त तु हारे सीिनयस ह,’ हरीश ने कहा।
‘ रयली? दैट्स नाइस,’ मने कहा। म मूंछ से ढंक उसक नाक म घुमावदार ै स घुसेड़ देना चाहता था,
ले कन म िड लोमै टक ढंग से मु कराता रहा।
अन या के िपता हरीश के िपता से तिमल म बात करने लगे। ‘सम थंग सम थंग िसटीबक चे ई पो टेड
सम थंग। सम थंग सम थंग पंजाबी फ़े लो। '
सभी ने िसर िहलाया और राहत महसूस क , य क पंजाबी होने के कारण म एक सुरि त आउटसाइडर था।
‘अन या, बात करो,’ अन या क मां ने फु सफु साते ए उससे कहा।
‘तुम यहां कतने समय के िलए आए हो?’ अन या ने कहा। उसक चूिडयां खनक उठ । उसे चूिड़यां पहनने क
भी कोई ज़ रत नह थी।
‘दो ह ते। फर मुझे बाली म हमारी एनुअल कां स के िलए जाना है,’ हरीश ने कहा।
‘बाली?’ अन या क आंटीज़ म से एक ने पूछा।
‘बाली इं डोनेिशया का एक ीपसमूह है। यहां से वाया संगापुर आठ घंटे का लाइं ग टाइम है,’ हरीश क मां ने
कहा।
सभी ने िसर िहलाया। आिखर उ ह ना ते से भी पहले एक मह वपूण ानव क जानकारी जो िमल गई थी।
अन या का प रवार ान का ेमी था, चाहे वह ान कभी उनके कोई काम न आए।
हम डाइ नंग टेबल क ओर बड़े या बेहतर होगा अगर कह डाइ नंग लोर क ओर। अन या क मां पहले ही
के ले के प े िबछा चुक थी। मने पाया क के ले के प े सामा य से यादा हरे -भरे थे। शायद उनम मेरी जलन झलक
रही थी।
आंटीज़ ने हरीश क लेट म खूब सारा खाना रख दया।
‘यह तो ब त यादा है,’ हरीश ने अपनी लेट म रखी छह इडिलय क ओर इशारा करते ए कहा। ‘ कसी को
एक चािहए?’ उसने एक इडली उठाई और अन या क लेट म रख दी।
‘वॉव!’ सभी आंटीज़ एक सुर म िच ला ।
‘देखो तो, वो अभी से उसका कतना याल रख रहा है। यू आर सो लक , अन या,’ एक आंटी ने कहा। म के ले
के प े का एक टु कड़ा तोड़कर खाते-खाते बचा।
मने देखा क बीच बीच सांभर से भरी एक पतीली रखी ई थी। मेरा जी कया क उसे उठाकर हरीश के िसर
पर उड़ेल दूं। इिडयट, वह अपनी इडिलयां खुद ले सकती है। तुम बाली म डू ब य न मरे , मने सोचा।
हरीश को लगा यह वाक़ई मज़ेदार होगा क वह उसे परोसी जाने वाली हर चीज़ से कु छ िह सा अन या को
देता रहे। वह अपनी प ल से थोड़ी-थोड़ी उपमा, प गल, चटनी और के ले क िच स उसक ओर बढ़ाता रहा। रयली
हरीश, या तु ह कसी ने बताया नह क एक बैड जोक को यादा दूर तक नह ख चते है? और आं टय , या तुम
खी-खी करना बंद करोगी, यो क इससे इस इिडयट को इनकरे जमट िमल रहा है?
‘हम यूएस हॉिलडे कै लडर को यान म रखकर तारीख़ तय करनी चािहए,’ शोभा आंटी ने कहा तो मुझे लगा
क वे कु छ यादा ही तेज़ गित से चल रही ह।
‘ईज़ी, आंटी, ईज़ी,’ अन या ने कहा।
थ स अन या मैडम, सो नाइस ऑफ़ यू क आिखरकार आपने इन सब लोग के बीच म एक समझदारी भरी
बात कही। ‘तुम ठीक तो हो ना?’ मंजू ने मुझे एक इडली देते ए कहा। म उसे दो महीने से पढा रहा था। अगर मेरे
मन म कह कोई उथल-पुथल मची हो तो वह इसे समझ सकता था।
‘म ठीक ,ं ’ मने कहा।
ना ता चलता रहा। और फर अन या क मां ने कु छ ऐसा कया क एक-दूसरे क ओर इडिलयां बढ़ाने जैसी
हरकत और तारीख तय करने जैसी ट पिणयां एकदम से थम ग । वे रोने लग ।
‘अ मा?’ अन या ने कहा और उठकर अपनी मां क ओर चली गई।
अ मा ने अपना िसर िहलाया। मंजू ने उनक ओर देखा, ले कन खाना जारी रखा। तमाम अंक स ऐसा दखाते
रहे, मानो कु छ आ ही न हो।
‘राधा, या आ?’ सु िच आंटी ने अ मा के कं धे पर हाथ रखते ए कहा।
‘कु छ नह , म ब त खुश ।ं ये खुशी के आंसू ह,’ उ ह ने कु छ इतने भावना मक ढंग से कहा क मुझे लगा जैसे
मेरा गला भी भर आया हो। सभी आं टय क आख नम हो आ । हरीश क मां ने अन या क मां को गले से लगाया।
मने अन या क ओर देखा। उसने आंख फे र ल ।
‘हमारे ब े कतनी ज दी बड़े हो जाते ह,’ एक आंटी ने कहा, ले कन उ ह ने इस छोटे-से त य को अनदेखा कर
दया क ब े जहां बड़े होते जा रहे ह, वह वे भी तो बुढाती जा रही ह।
म तुम सबको देख लूंगा, तुम सभी को, मैने हाथ धोते ए कसम खाई।
25
‘तुम उ ह बता य नह देत ! ज़ािहर है, धीरे -धीरे आगे बढ़ने क हमारी रणनीित कारगर सािबत नह हो रही है,’
मने मेनु खोलते ए कहा।
हम एमेिथ ट म आए थे। यह ख़ूबसूरत टीहाउस अं ेज के जुमाने के एक बंगले म मौजूद था। इस शहर क कु छ
सबसे अ छी बात म यह टीहाउस भी शािमल था। एक एकड़ इलाक़े म फै ले इस बंगले म बाहर क तरफ़ शानदार
बरामदे थे, िजसम बत का फ़न चर और बड़े-बड़े प वाले पौध के गुलदान थे। टीहाउस म जामुन आइ ट टी और
मंट एंड जंजर कू लस जैसी नई-नवेली चीज़ परोसी जाती थ । भेड़ के दूध के पनीर से बन िडशेस ख़ासी महंगी
होती थ । यह टीहाउस बंगला चे ई क टाइिलश मिहला और यार म पूरी तरह से डू बे उन ेिमय का पसंदीदा
ठकाना था, िज ह लगता था क जामुन िम स िवद सोडा के सामने भला चंद सौ पय क या िबसात है।
‘मुझे जामुन आइ ट और िचकन सडिवच लाना, और कु छ िबि कट और म भी लीज़।’ अन या ने कहा।
‘और थोड़ा पानी, लीज़,’ मने वेटर से कहा।
‘ि टल वाटर या पाक लंग वाटर, सर?’ वेटर ने पूछा।
‘वह पानी, िजससे तुम आज सुबह नहाए थे,’ मने कहा।
‘सर?’ वेटर ने हैरत से कहा, ‘नल का पानी, सर।’
‘ठीक है, वही ले आओ,’ मने कहा।
‘ऑफ़ कोस, मने उ ह बताया है। वे राज़ी नह ह,’ अन या ने िवषय पर लौटते ए कहा।
‘तो या िम टर हरीश बीते कल क बात हो चुके ह?’
‘फ़ाइनली, हालां क शोभा अथाई को ओके होने म साल लग जाएंगे। वे कहती ह क मुझे हरीश म एक ख़राबी
बता दो। '
‘वह अपने दम पर कसी लड़क को नह पटा सकता,’ मने कहा।
‘शट अप, श,’ अन या ने कहा। ‘तु ह पता है मने हरीश का चै टर कै से बंद कराया?'
‘तुमने उसे मेरे बारे म बता दया? '
‘कु छ-कु छ। '
‘कु छ-कु छ?’ मने तेज़ आवाज़ म कहा। ‘म कोई िम टर कु छ-कु छ नह ।ं म एक अ छा-भला इं सान ।ं '
‘हां, ले कन म उसे सब कु छ तो नह बता सकती थी ना। कै सा लगता? जब वह मुझे देखने आया था तो मेरा
बॉय ड भी मेरे साथ म बैठा आ था। '
‘ज़रा सोचो, मुझ पर या बीती होगी। ख़ैर, तुमने उससे या कहा? '
‘उसने मुझसे पूछा, या क ं क उसने इशारे म पूछा क या म अब तक व जन
।’
‘ या, उसने यह पूछा?! म उस बा टड क जान ले लूंगा,’ मने कहा। मेरा चेहरा तमतमा रहा था।
अन या हँस पड़ी। ‘वैसे कसी को चलते-कु ढ़ते देखकर मज़ा तो आता है,’ उसने कहा। ‘फ़नी। '
‘उसने कहा था... को मुझे याद कर लेने दो। हां, उसने कहा था क या तुम अब भी योर हो या नह ,’ उसने
िखलिखलाते ए कहा।
‘ हाट अ लूज़र। उसे कस चीज़ क तलाश है–घी?’ मने कहा।
अन या पेट पकड़कर हँस पड़ी। ‘ को तो, मेरा जवाब सुनोगे तो तुम हँसते-हँसते मर ही जाओगे। '
‘और वह या है?'
‘मने उससे कहा–हरीश, य द व जिनटी क कोई एं स ए ज़ाम हो तो म िनि त ही उसम टॉप नह क ं गी,’
अन या ने कहा।
‘तुमने ऐसा कहा! फर या आ? '
‘और फर द िस को बॉय ने फ़ोन रख दया। हरीश का चै टर लॉज़। राधा आंटी कहती ह क अब तो हरीश
भी मुझे पसंद नह करता। िय पी! '
वेटर हमारी ं स ले आया। ं स को देखकर लग रहा था, जैसे कसी ने पानी म ख़ूब सारे पट श डु बो दए
ह । जामुन टी का वाद ज़रा अलग था, अलब ा अलग होने का मतलब यह ज़ री नह क वह ब त अ छा ही हो।
एमेिथ ट अपने माहौल के िलए जाना जाता था, उसक िडशेज़ के पौि क त व के िलए नह ।
‘अन या, हम ज द से ज द कोई कदम उठाना होगा। तु हारे पैरट् स से मेरी पटरी नह बैठ पा रही है। हो
सकता है मंजू के साथ मेरा थोड़ा मेलजोल आ हो, ले कन बाक़ लोग तो मुझे ना के बराबर वीकार कर पाते ह। '
‘नह , ऐसा नह है। इन फ़ै ट, मने तु ह आज यहां इसीिलए बुलाया है। तु हारे पास एक मौका है क डैड को
इं ेस कर लो। '
‘म नह कर सकता। मने तु ह बताया था ना क उ ह ने मेरे सामने अपने हाथ बांध िलए थे। '
‘वे अपने ेज़टेशन को लेकर ब त पेरशान ह। बक ऑफ़ बड़ौदा म इससे पहले कभी कसी ने िबज़नेस लान
नह बनाया। उ ह कं यूटर चलाना भी नह आता है। वे ब त मुि कल म ह। '
‘मने तो उनके सामने मदद का ताव रखा था। उ ह ने इनकार कर दया। '
‘ले कन अब वे ना नह कहगे। म भी उनक मदद कर सकती ,ं ले कन मुझे ब त ेवल करना पड़ रहा है। य द
तुम उनक मदद करो तो बात बन सकती है। '
‘बात बन सकती है बड़ी आसानी से ‘बात नह बन सकती है’ भी हो सकता है,’ मने कहा।
‘कोिशश करो,’ अन या ने कहा और मेरे हाथ पर हाथ रख दया। शायद यह चे ई का अके ला ऐसा रे टोरट
था, जहां वह इस तरह का टंट कर सकती थी। यहां ऐसा करना ओके था।
‘पहले तु हारा भाई और अब तु हारे पापा। और कु छ नह तो म तु हारा फ़ै िमली ट् यूटर तो बन ही जाऊंगा,’
मने बची-खुची चाय क चुि कयां लेते ए कहा।
‘और मेरे लवर,’ अन या ने आंख मारते ए कहा।
‘थ स। और तु हारी मां के बारे म या?’ म उनक आँख म खुशी के आंसू कै से ला पाऊंगा, जैसे यो रटी क
खोज करने वाले हरीश के कारण आए थे?’
अन या ने हाथ फकते ए कहा, ‘मुझसे मॉम के बारे म कु छ न पूछो। पहली बात तो यह वे हरीश का नाम
लेकर मुझे रोज़ दोषी ठहराती रहती ह। दूसरी बात यह क कना टक संगीत म मािहर न होने के कारण चे ई ने उ ह
उनक सही जगह पर ला दया है। उ ह ने गाना पूरी तरह छोड़ दया है। इससे वे और परे शान हो जाती ह। वे ख़द
को दोष देने लगती ह और फर बात मुझ तक आ जाती है और यह च र इसी तरह चलता रहता है। इस मामले म
तो म भी उनक मदद नह कर सकती। तुम फलहाल पापा के दल म ही जगह बनाने क कोिशश करो।’
मने िसर िहला दया। अन या सांस लेने के िलए क गई।
‘मेरी बात बदा त करने के िलए शु या,’ उसने कहा और मुझे म म िलपटा एक िबि कट िखलाया। उसक
अंगुिलय पर भी कु छ म लग गई थी, िजसे मने आिह ते से चाट िलया। इस तरह क छोटी-छोटी चीज़ ही मेरा
हौसला बनाए ए थ ।
‘ईज़ी, यह पि लक लेस है,’ उसने कहा।
वेटर िबल लेकर आया। उसने अपने हाथ वापस ख च िलए। मने भुगतान कया और टप के िलए इतने पए
छोड़ दए, जो मेरे एक दन के लंच बजट से भी यादा थे।
‘सुनो, तुम डांस करने चलोगे?’ उसने पूछा।
‘डास? यहां रात आठ बजे के बाद क यू** लग जाता है। हम डांस के िलए कै से जा सकते ह?'
‘ य क चे ई म हम दोपहर म डांस करने जाते ह। चलो ना, शेराटन के यहां ब त अ छा डीजे है। '
‘दोपहर तीन बजे? '
‘हां, सभी इसी समय जाते ह। नाइट लब पर बैन लग गया है, इसिलए अब ऑ टरनून लब चलने लगे ह। '
हम एक ऑटो करके शेराटन प च ं े। म मज़ाक़ नह कर रहा ,ं कम से कम सौ यं टस पाट के कपड़े पहने
बाहर धूप भरे बरामदे म इं तज़ार कर रहे थे। दस िमनट बाद िड को खुला। सभी भीतर चले गए और बि यां बुझा
दी ग । बार का कारोबार शु हो गया। डीजे ने लेटे ट रजनी तिमल ैक लगा दए। मुझे छोड़कर सभी उसे सुनकर
दीवाने हो गए।
अन या ने यूिज़क क रदम पर िथरकना शु कर दया। वह ब त अ छा नाच रही थी, उन सभी लड़ कय
क तरह, िज ह ने छोटी उ से ही भरतनाट् यम सीखना शु कर दया था।
‘नान ओ ाई काडािलकारन,’ उसने तिमल म आई लव यू कहा। मने उसे अपनी बांह म ले िलया।
मने चार ओर देखा। यं टस वह सब कर रहे थे, िजस पर उनके पैरट् स से लेकर सरकार तक ने पाबंदी लगा
रखी थी।
हां, य द दोपहर म िड को हो सकता है तो एक पंजाबी लड़का भी एक तिमल लड़क से शादी कर सकता है।
आिखरकार िनयम इसीिलए तो बनाए जाते ह क उ ह तोड़ने के तरीक़े खोजे जा सक।
‘अंकल अन या ने मुझे बताया था क आपको अपना िबज़नेस लान तैयार करने म मुि कल आ रही है। '
अंकल ने कार को इस तरह ेक लगाया, जैसे उ ह शॉक लगा हो। हम कभी फएट म बात नह करते थे। यह
हमारी अनकही र म थी। म अपनी रपो स पढ़ता रहता था, वे ै फक और शहर क सड़क को कोसते रहते थे। बीस
िमनट म हम िसटीबक के समीप ै फक िस ल तक प च ं जाते थे, जहां वे मुझे उतार देते थे। म उ ह थक कर देता
था, वे अपना िसर िहला देते थे, ले कन हम कभी नज़र नह िमलाते थे। अन या और मेरी एमेिथ ट डेट के एक ह ते
बाद मने अपनी ओर से पहल क थी। अन या काम के िसलिसले म पांच दन के िलए तंजौर गई थी। वहां के मं दर
देखने के िलए अन या क मां भी उसके साथ गई थ । अन या ने मुझसे कहा था क मदद का ताव रखने के िलए
यह पेरफ़े ट समय होगा। उसके िपता को यह भी नह लगेगा क म अन या के िलए घर आना चाहता था। इसके
अलावा, वे मुझसे मदद ले सकते थे, िजसके बारे म उनक प ी और उनक बेटी को कु छ पता न चलता।
‘वो तुमको यह सब य बता रही है?’ उ ह ने टीय रं ग हील को कसकर भ चते ए कहा।
‘ए चुअली, मने अपने बॉस क भी िबज़नेस लान बनाने म मदद क थी,’ मने झूठ बोलते ए कहा।
‘ रयली?’ उनका लहज़ा ज़रा नम पड़ा और उ ह ने मेरी ओर देखा।
‘म टीनेशनल कॉप रे शन बक हमेशा ेज़टेशंस ही बनाती ह,’ मने कहा।
अंकल ने ेक से पैर हटाया। कार फर चल पड़ी।
‘अगर म आपक मदद करना चा ं तो आपको ऐतराज़ तो न होगा?’ िसटीबक िस ल के क़रीब प च ं ते ही मने
कहा।
‘तुम पहले ही मंजू को ूशन पढ़ा रहे हो। आिखर तुम हमारी इतनी मदद य कर रहे हो?'
मने खूब सोचा क इस सवाल का या जवाब दूं। ‘चे ई म मेरा अपना कोई नह है। कोई पुराने दो त नह ,
प रवार भी नह ,’ मने कहा।
प रवार श द सुनते ही उनक भौह तन ग ।
‘ज़ािहर है, आपका प रवार भी मेरा अपना प रवार तो नह है,’ मने कहा। उनका चेहरा फर सहज हो गया।
‘ फर भी अ छा लगता है क अपने घर जैसा कु छ हो।’
मेरा िस ल आ गया था। मने धीमे-से दरवाज़ा खोला, ता क उनके पास जवाब देने को पया समय हो।
‘य द तु हारे पास व त हो तो शाम को आओ। म तु ह दखाऊंगा क मने या कया है। '
‘ओह, ओके , म रात को आता ,ं मने कहा। अंकल गाड़ी चलाकर आगे बढ़ गए। उनक फएट अपने पीछे कॉबन
मोनोऑ साइड का एक ताज़ा झ का छोड़ गई थी।
26
‘मेरे याल से यह एक बेहतरीन आइिडया है,’ बाला ने कहा। हम अपनी ाय रटी ब कं ग ुप टीम मी टंग म बैठे थे।
मुंबई ने देशभर के हमारे ाइवेट लाइं ट्स के िलए एक ‘रज ि प रट् स’ िडनर का ताव रखा था। मंदी के बावजूद
उ ह ने सभी बड़े सटस के िलए बजट अ ूव कया था। चूं क चे ई ने अपने लाइं ट्स को एडवचर ब कं ग से जोड़ा
था, इसिलए उसे सबसे यादा बजट क दरकार थी।
‘तो, हम यहां इस बारे म दमाग खपाने के िलए बैठे ह क चे ई के क टमस के िलए कौन-सा इवट सबसे
कारगर सािबत होगा,’ बाला ने कहा।
‘आट ए ज़ीिबशन,’ एक ए ज़ी यू टव ने कहा।
‘अगेन, हम कु छ बेच रहे ह,’ एक अ य ए ज़ी यू टव ने कहा। ‘फ़ोकस मौज-म ती पर रहना चािहए। '
‘फ़ै शन शो,’ पहले वाले ए ज़ी यू टव ने कहा।
‘यह हमारे माकट के िलए ब त यादा बो ड होगा,’ जवाबी ित या आई।
दस िमनट तक यह िड कशन चलता रहा। मूवी-नाइट से लेकर कॉलीवुड के कसी िसतारे को बुलाने और
लिज़ज़ खाना तैयार करने के िलए कसी शेफ़ को बुलवाने तक हर िवचार पर बात क गई।
बहरहाल, कसी न कसी कारण हर िवचार नाकाम रहा। चूं क मने कु छ भी नह कहा था, इसिलए मुझे लगा
क मने मी टंग म अपनी ओर से कोई योगदान नह दया है। ले कन मुझे नह पता था क चे ई के क टमस के िलए
या चीज़ कारगर सािबत हो सकती है, िसवाय इसके क उ ह उनका पैसा लौटा दया जाए।
‘ श, तु ह या लगता है,’ बाला ने मुझे सपने से जगाते ए कहा। म सपने म अन या का हाथ थामे चला जा
रहा था और उसने मोरपंिखया साड़ी पहनी थी।
‘ हं ?’ मने कहा। मने पाया क सभी क नज़र मेरी ओर घूम गई थ ।
‘तुम भी अपनी ओर से कोई आइिडया देना चाहोगे?’ बाला ने कहा। हालां क उसने मुझे अब थोड़ी छू ट देकर
रखी थी, फर भी उसके भीतर का अ याचारी बॉस कभी-कभी बाहर िनकल आता था।
‘ यूिज़क, हाट अबाउट यूिज़क?’ एक यूिज़कल नाइट रख लेते ह?’ मने सुझाव दया। पूरे कमरे म रोमांच
भरे वर सुनाई देने लगे। आिखरकार, एक ऐसा िवचार सामने रखा गया था, िजसके िवरोध म कोई भी ठोस तक
नह दए गए। अलब ा, यूिज़क म ही दजनभर और नए िवचार पेश कर दए गए।
‘कचेरी, चलो कचेरी करवा लेते ह,’ एक ने कहा।
‘ये या होता है?’ मने सर वती क ओर मुड़ते ए कहा।
सर वती परं परागत तिमल एजट थी, जो साल म के वल एक बार बोलती थी और अपनी बांह को कभी वै स
नह करती थी। (म वीकारता ं क यह बंद ु यहां अ ासंिगक है, ले कन इस तरह क चीज़ पर यान न जाए, यह
बड़ा मुि कल है।) ‘कचेरी कना टक संगीत का एक कं सट होता है,’ सर वती ने कहा और फर पहले क तरह चु पी
साध ली।
‘हे, मने सोचा था क हम कोई मज़ेदार इवट करवाना चाहते ह,’ मने कहा।
‘कना टक संगीत भी मज़ेदार होता है,’ एक अ य सुपरवाइज़र रिव ने कहा।
हां, उतना ही मज़ेदार होता है, िजतने क भीड़भरी ेन म गला फाड़कर रोते ब े, म कहना चाहता था, ले कन
चुप रहा। चे ई म पॉिल टकल करे टनेस ज़ री है, ख़ासतौर पर तब, जब हर कोई आपको बाहरी इं सान मानकर
आपसे नफ़रत करता हो। म बाला से मुख़ाितब आ। ‘हम हौसला बढ़ाना चाहते ह। या कना टक संगीत ब त
गंभीर नह ? पॉपुलर यूिज़क क शाम य न आयोिजत क जाए? गुड पॉपुलर यूिज़क। '
‘एआर रहमान, य ना एआर रहमान का शो रखवा ल?’ एक ि ने कहा।
‘या फर इलैयाराजा का,’ दूसरे ने कहा।
बाला ने िसर िहलाया और अपने हाथ को लहराकर ‘ना’ कह दया। ‘हम इतने बड़े नाम के साथ काय म
नह कर सकते। हमारे पास इतना बजट नह है। और इस तरह के लोग ेस को अपनी ओर ख चते ह। कह ऐसा न
हो क काय म म कोई क टमर ेस से कह दे क उसे कतना घाटा आ है और हम इस तरह के कं स स** म पैसा
बरबाद कर रहे ह। मुंबई ऑ फस तो मेरी जान ही ले लेगा। '
दो घंटे के िवचार-मंथन के बाद लंच ेक हो गया, ले कन हम अपने इवट के संबंध म कु छ नतीज तक प च ं
चुके थे। कं सट का आयोजन फशरमै स कोव पर तय कया गया, जो क शहर के बाहरी इलाक़े म ि थत एक
अपमाकट रज़ॉट था। तीन से पांच तक ऐसे संगस को बुलाना तय कया गया, िजनका अ छा-ख़ासा नाम हो, बशत
हम दो लाख पए के बजट के भीतर ही यह इवट करवा ल।
‘तो तय आ,’ बाला ने कहा। जब हमारी मी टंग ख़ म ई, तब शाम के छह बज गए थे। मुझे लगा क अब
मुझे चलना चािहए। आिखर, आज मेरी िबग डैडी के साथ िबग डेट जो थी।
27
‘तो, या यह लगभग पूरा हो चुका है?’ मने कहा। अंकल ने मुझे अपने काम क एक सीडी दी थी। मने उसे अपने
लैपटॉप पर अपलोड कर िलया। लाइड् स म कसी तरह का कोई पैटन नह था। कह भी बुलेट पॉइं ट्स का इ तेमाल
नह कया गया था और फ़ ट साइज़ आठ से लेकर बह र तक थी।
‘हां, मने इस पर तीन ह ते मेहनत क है,’ उ ह ने कहा।
हम िल वंग म म एक वक-टेबल पर बैठे थे। मंजू भीतर पढ़ाई कर रहा था। घर म और कोई नह था।
लैपटॉप क न देखने के िलए म और अन या के पापा एक-दूसरे से सटकर बैठे ए थे।
‘इनम कह भी फगस नह ह, चा स नह ह, पेिस फक पॉइं ट्स भी नह ह...’ मने उनके ेज़टेशन के ित कम
आलोचनापूण होने का यास करते ए कहा। साथ ही म सच कहने क भी कोिशश कर रहा था।
‘ फगस यहां ह,’ अंकल ने अपना ीफ़के स खोलते ए कहा। ‘मुझे पॉवरपाइं ट म वह फ़ चर अभी सीखना है। '
उ ह ने तीन मोटी-मोटी फ़ाइल िनकाल , िजन पर गंदे भूरे कवर चढ़े थे और सभी के भीतर दो सौ से कम
शीट् स न थ ।
‘यह या है? '
‘हमारा िपछले साल का िबज़नेस डाटा,’ उ ह ने कहा।
‘आप यह सब लान म नह डाल सकते,’ मने कहा। लान कब सबिमट करना है?'
‘वह रा कल वमा एक ह ते के भीतर लान चाहता है,’ अंकल ने कहा।
अन या के िपता िजस गित से चल रहे थे, उस तरह तो वे इसे एक साल म भी सबिमट नह कर पाते।
‘एक ह ता? यह तो िपछली परफ़ॉमस का डाटा है। आपको अगले साल का लान भी तो बनाना होगा। '
‘म ज द ही वह भी बनाने वाला था,’ उ ह ने थूक िनगलते ए कहा।
मेरे बाएं हाथ क कोहनी टेबल पर और हथेली मेरे माथे पर ही रही। फर म लाइड् स को रवस ऑडर म
पलटाने लगा, ता क पहली तक प च ं सकूं ।
‘ या जो मने कया, उसम कु छ ग़लत है?’ उ ह ने कहा।
म उनक ओर मुड़ा और ह के -से मु कराते ए कहा, ‘जी नह , बस थोड़ा-सा फिन शंग टच देना बाक़ है। '
‘और वह कै से होगा?'
‘सबसे पहले तो आप मुझे बताइए क आप बक म ए ज़ै टली या करते ह। फर मुझे इन फ़ाइल के बारे म
बताइये। '
मने लैपटॉप बंद कर दया। अगले तीन घंट तक म समझता रहा क एक पि लक से टर बक म एक िड टी
िडि ट मैनेजर या करता है। वा तव म, काम ब त था, जब क म यही सोचता था क गवनमट बक टाफ़ कु छ भी
करता-धरता नह है। ले कन, ब त सारा काम रपो टग, अ ूव स और रकॉड मटेनस से संबंिधत था। यह िबज़नेस
से यादा यूरो े सी थी।
वे बताते रहे क कस तरह उनके एगमोर िडि ट म से फ़- रकू टंग ोसेस चलती है। मुझे उबासी आ गई।
फर मने दीवार पर टंगी घड़ी क ओर देखा। साढ़े नौ बज चुके थे।
‘सॉरी, मने तुमसे िडनर के बारे म भी नह पूछा।’ िम टर वामीनाथन ने कहा।
‘इट् स ओके , क प गोइं ग। म मुंह धोकर आता ,ं ’ मने कहा और अपनी कु स पीछे ख च ली।
म बाथ म से लौटा, तब तक अंकल टील क दो लेट और लेमन राइस का एक बॉउल ले अए थे। उ ह ने
खाना गम करने के िलए बॉउल को माइ ोवेव म रख दया। ‘सॉरी, आज खाना ठीक-ठाक नह है। मने मेड से सादा
खाना बनाने को कह दया,’ उ ह ने कहा।
‘इट् स फ़ाइन,’ मने उनसे लेट लेते ए कहा। म कचन म गया। दही और पानी िलया। मुझे च मच नज़र आ ,
ले कन म उ ह िलए िबना चला आया।
‘मंजू कहां ह?’ मने टेबल पर लौटकर पूछा।
‘उसने खाना खा िलया है। वह सुबह चार बजे उठ जाता है, इसिलए अभी वह सो गया है,’ अंकल ने कहा।
हम चुपचाप खाते रहे। मुझे इस घर म पहली बार ऐसा लगा, जैसे मेरा वागत आ हो। िनि त ही, मुझे ह ते
म तीन दन काम करने के िलए ना ता और ऑ फस तक क िल ट िमलती थी, ले कन आज क बात कु छ और थी।
जब मने अपनी लेट म रखा खाना खा िलया तो अंकल ने मुझे थोड़ा और दे दया। मेरे िगलास म पानी ख़ म हो जाने
पर उ ह ने उसम पानी भी उड़ेल दया। िडनर के बाद हम तब तक काम करते रहे, जब तक क न द के मारे अंकल
क आख नह मुंदने लग ।
‘साढ़े यारह बज चुके ह। अब मुझे चलना चािहए,’ मने कहा। मने अपना लैपटाप बंद कया और सभी काग़ज
जमा िलए।
‘हां,’ अंकल ने अपनी घड़ी क ओर देखते ए कहा। ‘मुझे अंदाज़ा नह था क इतना काम होगा। '
म दरवाज़े तक आया। मने मन ही मन काम का एजडा सोच िलया था।
‘ लान यह है क,’ मने कहा, ‘कल हम एक चर बनाएंगे, ता क हमारे पास कम से कम सभी पं ह
लाइड् स के िलए एक टाइ टल हो। अगले दन हम टे ट पर काम करगे। उसके अगले दन हम फगस और चा स
पर काम शु कर दगे। '
हम घर से बाहर चले आए।
‘ब त देर हो गई है। म तु ह छोड़ आऊं?’ अंकल ने पूछा।
‘नह , मेन रोड से ऑटो िमल जाएंगे। गुड नाइट अंकल। मंजू से कह दीिजएगा क म उससे परस िमलता ।ं '
‘थक यू, श,’ अंकल ने मुझे हाथ लहराकर गुडबाय करते ए कहा।
‘एनीटाइम,’ मने कहा।
28
मने अगली तीन शाम िम टर वामीनाथन के साथ िबता । बक ऑफ़ बड़ौदा का एगमोर िडि ट िबज़नेस लान
मेरी िज़ दगी का मक़सद बन गया था। म अंकल का थोड़ा काम अपने द तर म भी ले आया और दोपहर म उस पर
काम करता रहा।
‘तुम या कर रहे हो?’ बाला ने मुझसे पूछा। म कॉमन ऑ फस ंटर पर अंकल के ज़टेशन के ंटआउट लेने
आया था, जहां मुझे बाला िमल गया।
‘पसनल रसच,’ मने कहा और शीट् स को भ चकर अपने डे क पर चला आया।
पता नह ऐसा कै से होता था, ले कन म फ़ोन क घंटी सुनकर ही बता सकता था क अन या का कॉल आया है।
‘हाय हॉटी। या चल रहा है?'
‘तु ह पता है चार साल पहले बक ऑफ़ बड़ोदा के पास कोई एटीएम नह था, ले कन आज अके ले एगमोर म
ही दजन एटीएम ह,’ मने ेज़टशन क बारहव लाइड खोलते ए कहा।
‘ या?’ उसने कहा।
‘और दो साल बाद उनक सं या बढ़कर तीस तक प च ं जाएगी,’ मने कहा।
‘तुम या बात कर रहे हो? '
‘म ऑ फस म तु हारे डैड के ेज़टेशन पर काम कर रहा ,ं ’ मने कहा और मॉिनटर से दूर होने के िलए अपनी
कु स घुमा ली।
‘इसीिलए तो म तु ह वीटी कहती ,ं ’ उसने कहा।
‘म एक टैलटेड एमबीए के समय का दु पयोग इन ेज़टेशन म कर रहा ,ं िजसे िसटीबक तन वाह देती है।
मुझे इसके िलए जेल भी भेजा जा सकता है,’ मने कहा।
‘हाऊ ए साइ टंग! मेरा लवर मेरे िलए जेल जाने को भी तैयार है,’ उसने िखलिखलाते ए कहा। ‘मंजू ने मुझे
बताया था क तुम हर शाम देर तक मेरे घर पर रहते हो और आज तुमने मंजू क सुबह क ट् यूशन भी ली थी। अपना
याल रखो। '
‘आई एम फ़ाइन। म ऑ फस म आराम कर लेता ।ं ज़टेशन आज रात को ही पूरा हो जाना चािहएं’
‘कू ल। और अ पा के साथ तु हारी पटरी बैठ रही है या नह ? '
‘वेल, यह तो िबज़नेस-लाइक मामला है। हां, ले कन म यह ज़ र कहना चा ग ं ा क मने उ ह मु कराते ए
देखा। मने िडनर के समय एक पूरी िमच चबा डाली थी और फर म दौड़कर पानी के िलए कचन क ओर भागा था।
जब म लौटा तो वे पूरे तीन सेकंड तक मु कराए। यह सब मने जान-बूझकर कया था। '
‘मेरे डैड के िलए तीन सेकंड ब त ही यादा ह,’ अन या ने कहा। ‘वह अपनी कसी भी वे डंग िप चर म नह
मु करा रहे ह। '
‘उ ह तु हारी मॉम से जो शादी करनी पड़ रही थी,’ मने कहा।
‘शट अप,’ अन या ने कहा।
िपयून मुझे यह कहने आया क बाला ने मेरे ए सटशन पर फ़ोन लगाया था, ले कन मेरा फ़ोन इं गेज था। मने
अन या से हो ड करने को कहा।
‘उ ह कह दो क म एक ो पेि टव यू लाइं ट से बात कर रहा ं और उ ह कं सट म बुलाने क कोिशश कर
रहा ,ं ’ मने कहा। िपयून ने िसर िहलाया और चला गया।
‘कं सट?’ अन या ने कहा।
‘एक ाइवेट लाइं ट इवट है। फशरमै स कोव पर,’ मने कहा।
‘ फशरमै स कोव ब त अ छी जगह है। या म भी आ सकती ?ं ’ उसने कहा।
‘य द तु हारे पास दस लाख पए ह तो,’ मने कहा।
‘ योर, मेरे हसबड कै श िभजवा दगे,’ अन या ने कहा।
‘हां, मेरे ारा बक डकै ती करने के फ़ौरन बाद। ओके , या म अब तु ह यूं ही बहलाता र ं या फर कु छ ऐसा
क ं क पांच दन बाद तु हारे डैड क िख ली न उड़ाई जाए? '
मने कहा।
‘डैडी फ़ ट,’ उसने कहा। ‘वैसे भी म तीन दन बाद आ रही ।ं '
‘तंजौर कै सा लगा? '
‘मं दर, तिमिलयंस और तुनकिमज़ाज मां। आना चाहोगे?’ उसने कहा।
‘ फर कभी। उनक तुनकिमज़ाजी क वजह या है?'
‘म, म और के वल म,’ अन या ने कहा और हँस पड़ी। ‘जैसा क हमेशा से रहा है।’ ‘ रयली?’ तुमने अब कौन-
सा गुनाह कर दया? '
‘वह कहती ह क मेरे पास उनके िलए व त नह है, जो क सच भी है, य क म दन भर पूरे िडि ट म
मी टं स म शािमल होती ।ं ऑफ़ कोस, उ ह यह भी लगता है क हरीश को ना कहना नोबेल पुर कार ठु कराने क
तरह है। ले कन वे िजस एक बात क रट लगाए रहती ह, वह यह है क उ ह ने मुझे आगे पढ़ाने का जो फ़ै सला कया
था, मने उसका ग़लत फ़ायदा उठाया। इतना कहते-कहते उनक आंख से गंगा-जमुना बहने लगती है। मुझे अगले
ह ते पांिडचेरी जाना पड़ेगा, ले कन म अब उ ह अपने साथ नह ले जाऊंगी। '
‘तु ह जाना पड़ेगा?’
‘बस एक दन के िलए। '
‘सुनो, फशरमै स कोव पांिडचेरी के रा ते पर ही है ना?’ मने कहा।
‘हां, य ?'
‘गुड, मुझे वह जगह देख आनी चािहए। म उस दन तु हारे साथ जाऊंगा,’ मने कहा। ऑ फस के पचड़े से बचने
के िलए म कु छ भी कर सकता था।
‘ओह, कू ल,’ उसने कहा।
िपयून फर आया।
‘येस,’ मने अन या को हो ड करने को कहा और िपयून क ओर मुड़कर पूछा।
‘सर पूछ रहे ह कौन-सा लाइं ट?’ िपयून ने कहा।
मने चार ओर देखा। ऑ फस क िखड़क के बाहर कई हो ड स लगे थे। एक हो ड स आितशबाजी का था।
‘ टडड फ़ायरव स, िशवकाशी। ओके ।?’ मने कहा।
िपयून ने िसर िहला दया।
‘बाय वीटी, म तु ह िड टब कर रही ं ना? '
‘हां, ले कन अगर हम अ छे लोग िड टब न कर तो फर िज़ दगी का मतलब ही या,’ मने कहा।
‘थक यू। लव यू,’ अन या ने कहा।
‘आई लव यू टू , मने कहा और फ़ोन रख दया। िप मेरे सामने खड़ा था। मेरे अंितम श द सुनने के बाद उसक
आख फै ल गई थ ।
‘तुम अभी तक यहां या कर रहे हो?’ मने कहा।
‘सॉरी, सर,’ िपयून ने कहा और चला गया।

अंकल का ेज़टेशन फिनश करने के िलए म ऑ फस से ज दी चला आया। हम आिखरी पड़ाव पर प च ं चुके थे और
अब के वल फ़ाइनल फ़ॉम टंग ही बाक़ थी। मयलापुर म मेरी नज़र एक सीडी टोर पर पड़ी। ेज़टेशन पूरा करने के
बाद थोड़ा यूिज़क सुनना अ छा रहेगा, मने सोचा और सीडी टोर के भीतर चला गया।
‘आप या चाहते ह, सर?’ शॉपक पर ने कहा।
मने चार तरफ़ नज़र घुमाकर देखा। सभी अलमा रयां तिमल सीडीज़ से भरी पड़ी थ , िजनके रं ग-िबरं गे
चमक ले कवर ाइम नॉव स क याद दला रहे थे। ‘आपके यहां नॉन-तिमल सीडीज़ कौन-सी ह?’ मने पूछा।
उसेन िसर िहलाकर ना कहा। ‘नॉन-तिमल के िलए आपको नुंगमब म जाना पड़ेगा, सर।’ शॉपक पर ने कहा,
हालां क शॉप अटडट अपने कले शान म कोई नॉन-तिमल सीडी खोजने लगा।
‘ओके िहयर,’ उसने तीन सीडीज़ िनकालते ए कहा।
पहली सीडी नॉन- टॉप हंदी रीिम स क थी। उसके कवर पर भड़क ली मु ा वाली लड़ कयां थ । मुझे उसे
रजे ट करना पड़ा। दूसरी सीडी रोम टक लव सॉ स का कले शन थी, िजसका कवर दल के आकार का था। तीसरी
सीडी अं ेज़ी म नसरी राइ स क थी।
‘मुझे लव सॉ स वाली सीडी दीिजए,’ मने कहा।
शॉपक पर िबल बनाने लगा। मने कना टक यूिज़क के एक से शन क ओर देखा।
‘कना टक यूिज़क क कु छ अ छी सीडीज़ ह?’ मने पूछा।
‘अ छी यानी कौन-सी, सर?’ उसने मेरी लाल रं ग क सीडी पैक करते ए कहा। मने सीडीज़ के कवस क ओर
देखा। उनम से अिधकांश पर अधेड़ तिमल पु ष और मिहला के िच थे। ‘ या आपके पास कना टक यूिज़क का
कोई ेटे ट िहट् स कले शान है?’ मने कहा।
शॉपक पर अचरज म पड़ गया। मने िनराशा म हाथ झटक दए। ‘मुझे कु छ पता नह है, म शु आत करना
चाहता ,ं ’ मने कहा।
‘नाथ इं िडयन? उसने पूछा।
मने िसर िहलाकर हां कहा।
‘ फर आप कना टक संगीत य सीखना चाहते ह?'
मने कोई जवाब नह दया।
शॉपक पर ने मुझे दो सीडीज़ द । एक के कवर पर एक मिहला तंबूरा थामे बैठी थी। दूसरे के कवर पर कसी
बुज़ग ि का िच था। उस पर सब कु छ तिमल म िलखा था। म उलट-पुलटकर देखता रहा।
‘टीआर सु मिणयना नाइस,’ एक अधेड़ उ क मिहला ने मेरे हाथ क सीडीज़ देखकर कहा। वे अभी-अभी
शॉप म आई थ ।
‘जी हां, माय ऑल टाइम फ़े वरे ट,’ मने सीडीज़ अपने बैग म रखते ए कहा और शॉप से बाहर चला आया।

म साढ़े छह बजे अन या के घर प च ं ा। अंकल पहले ही टेबल पर िवराजमान हो चुके थे।


उ ह ने नज़र का च मा पहन रखा था और वे ेज़टेशन के ंटआउट् स पर करे शन कर रहे थे। टेबल पर
गमागम वड़े लाल, हरी और सफ़े द चटिनय के साथ रखे थे। ‘एक वड़ा लो। हमारे ऑ फस के पास वड़े क एक फ़े मस
शॉप है। म ये तु हारे िलए लाया ,ं ’ अंकल ने कहा।
मने उनक ओर देखा और एक वड़ा उठा िलया। हमने पहली बार एक-दूसरे से नज़र िमलाई थ । मने ग़ौर
कया क य द झु रय दार चेहरे और नज़र के च मे को नज़रअंदाज़ कर दए जाए, तो उनक आख अन या क आँख
क तरह ही थ ।
‘तो, आज चाहे िजतनी देर हो जाए, हम यह काम ख़ म करके ही उठगे,’ मने फ़ाइल खोलते ए कहा।
अंकल ने िसर िहला दया। उ ह ने क न देखने के िलए अपनी कु स मेरे पास सरका ली।
‘ओके , तो अब एक-एक कर सभी लाइड् स देखते ह। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते जाएंगे, म फ़ॉमट करता
जाऊंगा,’ मने कहा।
पहली पांच लाइड् स पूरी करने म एक घंटे का समय लगा।
‘अंकल, य द म थोड़ा यूिज़क लगा लूं तो आपको कोई ऐतराज़ तो न होगा? फ़ॉम टग ब त थकाऊ है,’ मने
कहा। मने अपने लैपटॉप म सीडी लेयर खोला।
‘ टी रयो म बजाओ,’ अंकल ने कहा और िल वंग म िड ले कै िबनेट म रखे हाई-फ़ाई िस टम क ओर
इशारा कया। मने अपने ऑ फस बैग से सीडीज़ िनकाल । म िस टम कने ट करने के िलए उठा। अंकल भी मेरी मदद
करने के िलए उठ गए। वे वायर सुलझा रहे थे क तभी मेरी नज़र िशवास रीगल ि ह क क एक लीटर क अनखुली
बोतल पर पड़ी। वह टी रयो िस टम के पास रखी थी।
मने मौक़ा देखकर उनसे पूछ िलया,’ आप ि ह क लेते ह?'
‘नह , बस कभी-कभार सद लगने पर एकाध पैग ले लेता ।ं मुझे यह बड़ी-सी बॉटल हरीश ने दी थी। अब
यह साल चलेगी,’ उ ह ने कहा।
म चुप रहा।
‘तुम हरीश को जानते हो ना? वही लड़का, जो अन या को देखने आया था। '
मने िसर िहलाकर हां कहा।
‘ रयली गुड बॉय,’ उ ह ने कहा।
अंकल ने टी रयो चालू कर दया। मने उ ह अपने बैग से िनकालकर दल के आकार वाली सीडी दी।
अंकल उसे कु छ देर तक उलट-पुलटकर देखते रहे।
‘मयलापुर क शॉप म बस कु ल-िमलाकर यही था,’ मने धीमी आवाज़ म कहा। ‘और कौन-सी सीडीज़ ह?'
मने उ ह बाक़ दोन सीडीज़ भी दखा द ।
‘टीआर सु मिणयन और एमएस शीला? तुम यह कसके िलए लाए हो? '
‘अपने िलए। '
‘तुम कना टक संगीत समझ लेते हो?'
‘नह , ले कन म सीखना चाहता ।ं मने सुना है क यह संगीत का सबसे शु प है,’ मने कहा।
अंकल ने अपना िसर िहला दया। म सोचने लगा क उ ह मेरी बात सही लगी या नह । उ ह ने सीडीज़ फर से
मेरे बैग म रख द । ‘कभी-कभी, म सोचता ं क काश मने राधा को कना टक संगीत के िलए इनकरे ज न कया
होता। इससे उसे के वल तकलीफ़ ही प च ं ी है। '
मने भी िसर िहला दया। मुझे समझ नह आ रहा था क उनक इस बात पर या ित या दूं। अंकल पहली
बार मुझसे कोई पसनल बात कर रहे थे। कतना अजीब है क दो लोग लैपटॉप के साथ महज़ पांच दन म एक-दूसरे
के कतने क़रीब आ सकते ह। हम फर अपनी-अपनी कु सय पर जा बैठे और मने छठी लाइड पर काम शु कर
दया। कमरे क हवा म मडी मूर का रोम टक ैक तैरने लगा।
आई वाना बी िवद यू
इफ़ ओनली फ़ॉर द नाइट
पचास साल के एक तिमल अधेड़ और चौबीस साल के एक पंजाबी लड़के के बीच हो रही एक वक-डेट के िलए
यह गाना ज़रा अजीब ज़ र था, ले कन ख़ामोशी से तो यह फर भी बेहतर ही था। मुझे टे ट बॉ सेस, टेब स,
चा स और िल स को सही जगह पर लेस करते ए हर लाइड को साफ़-सुथरा और सलीक़े दार बनाने म मज़ा आ
रहा था। अंकल हर पॉइं ट को पढ़ते और फगस को चेक करते रहे। गाना चलता रहा।
टु बी द वन इज़ इन योर आ स
हो स यू टाइट
जब सीडी तीन बार बज चुक , तब जाकर म आधा काम पूरा कर पाया। दस बजे हम िडनर के िलए बैठे।
अंकल कचन गए और अपने साथ दो लेट टोमैटो राइस ले आए।
‘तुम तो साउथ इं िडयन खाने से बोर हो गए ह गे?’ उ ह ने कहा।
‘नह , अब मुझे इसक आदत हो गई है। अब यह घर के खाने जैसा ही लगता है,’ मने कहा।
‘गुड,’ उ ह ने कहा। फर वे िड ले कै िबनेट क ओर चले गए।
म ‘गुड’ तक तो प च ं चुका था, ले कन हरीश क तरह ‘ रयली गुड’ क ेणी तक प च ं ने म मुझे अभी समय
है, मने सोचा।
‘अब ेज़टेशन अंडर कं ोल है। तुम ंक लोगे?’ अंकल ने पूछा।
‘ योर,’ मने कहा।
अंकल ने िड ले कै िबनेट के ॉकरी रै क से दो िगलास िनकाले। उ ह ने मुझसे कहा क म कचन से एक च मच
और आइस ले आऊं। उ ह ने बॉटल खोली।
‘मेरे िलए पांच च मच काफ़ ह,’ उ ह ने अपनी ंक बनाते ए कहा। ‘और तु हारे िलए? '
‘हम च मच से शराब नह नापते,’ मने कहा। म थोड़ा उ ेिजत हो रहा था। म िपछले एक ह ते से उनके िलए
जी तोड़ मेहनत कर रहा था और अब भी उनके िलए हरीश ही ‘ रयली गुड बॉय’ था। फ़क यू, हरीश, तु हारी
िशवास रीगल तो मेरे ही नाम होगी। मने वह सुनहरी शराब अपने िगलास म चार अंगुल उड़ेल दी।
‘तुम या कर रहे हो?’ उ ह ने हैरत से कहा।
‘अपने िलए एक रयल ंक बना रहा ।ं िचयस,’ मने कहा और अपना िगलास उठा िलया।
‘ए चुअली, राधा ही मुझे यादा नह पीने देती है,’ अंकल ने कहा और मुझसे बॉटल लेते ए मेरे िजतनी ही
ंक अपने िलए भी बना ली।
‘िचयस,’ उ ह ने कहा, ‘एंड थक यू। तुम आईआईटीयंस ब त माट होते हो। तुमने मेरे िलए या जबद त
ेज़टेशन बनाया है। '
‘यू आर वेलकम,’ मने कहा।
रात साढ़े दस बजे हमने अपना िडनर और पहली ंक पूरी क । म ि ह क बॉटल लैपटॉप के पास ले आया।
मने अपने िलए दूसरी ंक बनाई और अंकल को ऑफ़र क । उ ह ने मना नह कया। सीडी पर गाना बदल गया।
अब ला ट समस बज रहा था। अंकल टी रयो के पास गए और वॉ यूम बढ़ा दया। ‘आई गेव यू माय हाट,’ अंकल
ने गाने के साथ गाते ए कहा और अंगुिलयां चटकारने लगे। फर वे मेरे पास आकर बैठ गए।
मने एक अ भूत नजारा देखा था। एक तिमल ा ण ने पहली बार अपने को बंधन से मु कर दया था।
मुझे ेज़टेशन पर काम करना था, नह तो म उ ह इस हालत म िनहारता ही रहता। अभी मुझे बस इतना ही याद है
क अगले दो घंटे म हम आिखरी लाइड और ि ह क क बोतल के एक-ितहाई माक तक प च ं चुके थे।
‘एंड थक यू,’ मने आिखरी लाइड पढ़ते ए कहा। ‘लीिजए, हो गया काम पूरा?’ मने फ़ाइल सेव कर ली।
‘दो बार सेव करो,’ अंकल ने कहा।
मने एक बार फर सेव क और टाइम देखा। रात के एक बज चुके थे। तीन घंटे बाद मंजू के जागने का समय हो
जाता।
‘तो अब आप इसे ेज़ट करने के िलए पूरी तरह से तैयार ह?’ मने कहा।
‘ ेज़ट? म? नह -नह , इसे वमा ‘ ेज़ट: करे गा। मेरा काम था इसे पूरा करना और अब मेरा काम पूरा हो गया
है। '
‘अंकल,’ मने कहा, मेरी आवाज़ ि ह क के कारण कठोर हो गई थी, ‘ये आपको ही ेज़ट करना होगा। अगर
इसे आपके बजाय कोई और ेज़ट करे गा तो इस पर एक ह ते तक पसीना बहाने का फ़ायदा ही या। '
‘मने कभी वह ोजे टर ऑपरे ट नह कया,’ अंकल ने कहा।
‘इसम कोई बड़ी बात नह है। आपका आईटी िडपाटमट उसे सेट कर देगा। आपको अगली लाइड दखाने के
िलए के वल फ़ॉरवड बटन दबाना पड़ेगा। '
‘पता नह ।’ उ ह ने कहा और चु पी साध ली।
मने लैपटॉप िलया और अपना िसर िहलाया। ‘ दस इज़ अनिबलीवेबल। इतना अ छा ेज़टेशन बनकर तैयार
आ है। आपके कं ी मैनेजर वहां मौजूद रहगे। और आप के वल इतना ही करना चाहते ह क एक कोने म चुपचाप बैठ
जाएं। वमा सारा े िडट ले जाएगा। '
‘ रयली?’ उ ह ने कहा।
‘सभी बॉस यही तो करते ह। एक भी इससे अलग नह है,’ मने कहा।
‘ लडी नॉथ इं िडयन फ़े लो,’ अंकल ने कहा।
म जाने के िलए उठ खड़ा आ।
‘न द आ रही है?’ उ ह ने पूछा।
‘आ तो रही है, ले कन आपसे कम। आप रात दस बजे सो जाते ह। राइट?’ मने कहा।
‘इसने मेरी न द उड़ा दी है,’ अंकल ने अपनी ंक क ओर इशारा करते ए कहा। ‘एक और चािहए?’
‘अंकल, ब त देर हो गई है, मुझे ऑटो पकड़ना होगा। '
‘तुम यह य नह क जाते?’ उ ह ने कहा।
‘ए स यूज़ मी’ मने कहा।
‘हां, म तु ह नाइट- लॉ स दे दूंगा। मेरे कपड़े तु ह फट बैठने चािहए,’ उ ह ने कहा। इससे पहले एक बार मुझे
अपनी गल ड के िपता के कपड़े पहनने का बुरा अनुभव हो चुका था। यह कोई ब त अ छा आइिडया नह हो
सकता, मने सोचा।
इससे पहले क म कु छ कहता, अंकल ने हम दोन के िलए एक और ंक तैयार कर दी।
‘चाहो तो यूिज़क चज कर दो,’ उ ह ने कहा।
म दराज म अन या क टे स टटोलने लगा। मुझे पंक लॉयड का एक ए बम िमला तो म ख़द को रोक न
पाया। शराब का नशा लॉयड क मांग कर रहा था।
शाइन ऑन योर े ज़ी डायमंड का लंबा और अ भुत ओप नंग नोट कमरे म गूंजने लगा।
अंकल धीमी बीट् स पर अपने एक पैर से धीमे-धीमे थप कयां देने लगे। म सोचने लगा क या वे इतनी मा ा
म अ कोहल बदा त कर पाएंगे। मेरी इ छा ई क म मोक क ं । नह , मो कं ग के बारे म सोचना भी मत, मेरे
दमाग़ ने मुझे सलाह दी। ऐसा मत सोचना क तुम अभी अन या के साथ हो। अपना व ट-के स इमरजसी लान
तैयार रखो। सोचो क य द अंकल ग़श खाकर िगर गए तो या होगा? तुम चे ई म एंबुलस कै से बुलाओगे? तुम
अन या क मां को यह सब कै से समझाओगे?
ख़ैर, लग तो यही रहा था क अंकल मज़े म ह। वे सोफ़े पर बैठ गए और अपने पैर टेबल पर रख दए। ‘वमा ने
मुझसे एक बात ऐसी कही थी, िजसे म कभी भूल नह पाऊंगा,’ उ ह ने कहा।
मने िसर िहला दया।
‘वमा ने कहा था: “ वामीनाथन, तु ह पता है उ ह ने तु ह िड टी जीएम य बनाया और मुझे जीएम बनाकर
य भेजा?’ ”
‘ य ?’ मने पूछा। म इतनी शराब पी चुका था क अब अपने को रोककर नह रख सकता था।
‘उसने कहा, “ य क साउथ इं िडयंस टॉप लास नंबर टू ऑ फसर होते ह, ले कन नंबर वन क पोिजशन पर
कभी क़ामयाब नह हो सकते”,’ अंकल ने एक बड़ा िसप लेते ए अपना िसर िहलाया। नशे क हालत म भी उनके
भीतर का दद झलक रहा था। मुझे कु छ सूझा नह क म या क ।ं
‘ या तुम उसक बात से सहमत हो?’ उ ह ने पूछा।
‘ओह, पता नह । मेरे बॉस साउथ इं िडयन ह,’ मने कहा।
‘हां, ले कन तुमने अभी शु आत ही क है। शायद, वह सही है। हम साउथ इं िडयंस लाइमलाइट म आना पसंद
नह करते। म जानता ं क यह लान मुझे ही ज़ट करना चािहए, ले कन म ऐसा करना नह चाहता।’
‘ य ?'
‘ य क नॉलेज दखावे क चीज़ नह है। य द म अ छा काम करता ं तो लोग का यान मेरे काम पर जाना
चािहए। म उस बेशम वमा क तरह अपना िव ापन नह कर सकता। '
मने िसर ज़ र िहलाया, ले कन उनसे सहमत होने से यादा उ ह यह बताने के िलए क मने उनक बात सुन
ली है। नशे म डू बे दो लोग से बेहतर बुि म ा का ोत और कोई दूसरा नह हो सकता।
‘ठीक है ना? '
‘िडपड करता है,’ मने कहा।
‘ कस चीज़ पर?'
‘जब उ ह ने आपको जीएम नह बनाया तो या आपको बुरा लगा था?’ मने कहा। अंकल कु छ सेकड तक मेरी
ओर देखते रहे। वे मेरे क़रीब आने के िलए आगे क ओर झुके। ‘म तु ह एक बात बताता ।ं तु हारा नाम या है?’
उ ह ने कहा।
ज़ािहर है, म अभी तक कसी भी मायने म उनके क़रीब नह था। ‘ श,’ मने कहा।
‘ऑफ़ कोस, सॉरी, ये ि ह क ... एनीवे, श, मुझे ऑफ़स थे। दस साल पहले मुझे म टीनेशनल ब स से ऑफ़र
िमले थे। ले कन म अपनी बक के ित वफादार बना रहा। और म धैय रखकर जीएम बनने का इं तज़ार कर रहा था।
अब, मेरे रटायरमट म पांच साल बचे ह और उ ह ने इस रा कल नॉथ इं िडयन को भेज दया। '
‘यानी आपको बुरा लगा था,’ मने कहा।
‘मुझे आज भी बुरा लगता है। मने यह अपनी वाइफ़ तक को नह बताया। शायद आज मने कु छ यादा ही पी
ली है,’ उ ह ने कहा।
‘इट् स ओके । पॉइं ट यह है क य द आपको अब भी बुरा लगता है तो आपको नंबर वन बनने क कोिशश करनी
चािहए और...’ मने अपने आपको रोक िलया।
‘ या? कहो ना,’ उ ह ने कहा।
‘और य द आपम माक टंग ि क स नह ह, तो बेहतर होगा क इसे वीका रए, ान और नैितकता का हवाला
मत दीिजए। अगर आपने अ छा काम कया है तो पूरी दुिनया को यह पता चलना चािहए। इसम चीपनेस और
बेशम या है?'
अंकल ने कोई जवाब नह दया।
‘आई एम सॉरी,’ मने अपने आपको संभालते ए कहा।
‘नह , तुम सही हो। म बेकार आदमी ,ं ’ उ ह ने कहा। उनक आवाज़ कांप रही थी। मुझे डर लगने लगा क
कह वे रो न पड़े।
‘मेरा वह मतलब नह था, देिखए, यह हमने बनाया है?’ मने अपने लैपटॉप क ओर इशारा करते ए कहा।
‘तु ह लगता है इसे मुझे ेज़ट करना चािहए? या म ऐसा कर पाऊंगा?’ उ ह ने पूछा।
‘यू िवल कक एस,’ मने कहा।
‘ या?’
‘सॉरी, म कह रहा था क या आपको आइस चािहए?'
उ ह ने अपना िसर िहला दया।
‘वमा से कह दीिजए क आप ही इसे ेज़ट करं गे। उसे एक कॉपी भी मत दीिजएगा। '
‘ या मुझे उससे लड़ाई करनी पड़ेगी? '
‘हां, अगर आपको यह लड़ाई लगती है तो यही सही,’ मने कहा। ‘और आगे से याद रिखएगा क लोग को यह
पता चलना चािहए क आप या काम कर रहे ह। मेरे बॉस बाला को देख लीिजए। वह हर मामले म कं ी मैनेजर को
रपोट करता है। अगले महीने हम एक टु िपड लोकल कं सट करने जा रहे ह। बाला ने कं ी मैनेजर को उसका फ़ू ड
मेनु तक अभी से बता दया है। काम करना ज़ री नह है, ले कन काम का दखावा करना ब त ज़ री है। कॉप रे ट्स
इसी तरह काम करते ह। सभी को पता है। '
अंकल ने िसर िहलाया और गहरी सोच म डू ब गए। मने समय देखा। रात के दो बज चुके थे। म अपने आपको
एक उबासी लेने से नह रोक पाया।
‘ओके , अब सो जाना चािहए,’ अंकल ने कहा और खड़े हो गए। ‘ को।’ वे अपने साथ एक लुंगी और एक बंडी
ले आए। ‘इससे काम चलेगा? '
आप मज़ाक़ तो नह कर रहे, म कहना चाहता था, ले कन मने कहा: ‘पेरफ़े ट।’ अंकल ने मुझे गे ट म
दखाया। म नाइट लॉ स अपनी गोद म रखकर िब तर पर बैठ गया।
अंकल मुझे म म छोड़कर जा रहे थे क तभी दरवाज़े पर प च ं कर उ ह ने पलटते ए मुझसे पूछा: ‘तुम या
बनना चाहते हो? िसटीबक का एमडी? '
‘राइटर,’ मने कहा।
‘ए स यूज़ मी,’ उ ह ने कहा और उनका थका आ शरीर एक बार फर सतक हो गया।
‘एमडी, कं ी मैनेजर, आई ड ट के यर। वो मेरी दुिनया नह है,’ मने कहा।
‘ या तुम बक छोड़ दोगे? '
‘एकदम से नह । पहले म कु छ साल के िलए बचत करना चाहता ।ं '
‘और उसके बाद?’ तु हारे पैरट् स के बारे म या?’ उ ह यह मंजूर है?'
‘देखा जाएगा। अब आपको सो जाना चािहए, अंकल। आपको कल एक ज़ री ेज़टेशन देना है,’ मने कहा।
‘अंकल ने मेन लाइट बंद क और बाहर चले गए। म बाथ म गया, ले कन लुंगी बांधने म मुझे ब त अड़चन
ई। आिखरकार मने उसे अपने बे ट से मेरी कमर पर बांध दया और िब तर पर लेट गया। मेरी पीठ को अठारह
घंट बाद आराम िमल रहा था। मने राहत क सांस ली। '
अंकल ने मेरा दरवाज़ा खटखटाया। वे भीतर आए और ब ी फर चला दी।
म फ़ौरन अपने िब तर पर उठ बैठा। ‘ या?'
‘पानी,’ अंकल ने कहा और मेरे िब तर के पास पानी क एक बॉटल रख दी। ‘इसे पी जाओ, नह तो कल
द तर म तु हारा िसर दद करे गा। '
‘थ स,’ मने कहा।
‘इस लुंगी क वजह से तु ह कोई अड़चन तो नह हो रही है? मदद चािहए?’
‘जी नह , म ठीक ,ं ’ मने कहा और बे ट को कसकर भ च िलया।
‘गुड नाइट,’ अंकल ने एक बार फर ब ी बुझाते ए कहा।
‘गुड नाइट, सर,’ मने कहा और फर अगले दस िमनट तक म खुद को कोसता रहा क आिखर मने उ ह सर
य कहा।
29
‘तीन लाख!’ कं सट टीय रं ग कमेटी क मी टंग के दौरान बाला मानो एक झटके से उछल ही पड़ा। जी हां, बाला के
अनेक बेहतरीन वै यू एिडश स म से एक यह भी था क हर चीज़ के बारे म इस तरह बात करो, जैसे वह ब त
मह वपूण हो। सीएससी या कं सट टीय रं ग कमेटी भी उसी ने बनाई थी और यह नाम इतना मह वपूण लगता था
क म इसे अपने रे यूमे म भी दज कर सकता था।
ले कन फलहाल हमारे सामने एक सम या थी। जब संगस के िलए इं चाज िनयु क गई मिहला ने अपनी
रपोट दी तो सभी चु पी साधे रहे। ‘आप तीन सेलेि टी संगर चाहते ह, सर,’ माधवी ने कहा, जो क थुलथुल बदन
वाली एक च मीश थी और उसे देखकर लगता था मानो वह कसी कू ल िनरी क और आईसीयू नस क िमली-जुली
पैदावार हो।
‘ले कन उ ह इतना यादा पेमट कै से कया जाएगा?’ बाला ने कहा। जाने य , बाला को लगता था क
ज़ रत से यादा पेमट पाने का हक़दार के वल वही है, और कोई नह । ‘उनका एक बड होता है, सर, और उनके साथ
बैक-अप संगस भी होते ह,’ माधवी ने कहा।
कमरे म मौजूद सभी लोग ने सहमित म िसर िहला दया।
ले कन बाला ने असहमित म िसर िहलाया। ‘हम बैक-अप संगस य चािहए? या कं सट के दौरान मेन
संगस ग़श खाकर िगर पड़गे? '
कोई नह हँसा।
‘बैक-अप का मतलब है कोरस, सर,’ माधवी ने कहा।
बाला पर इसका कोई असर नह आ।
‘कोरस वह लोग होते ह, जो लव साॅ स म आ आ आ करते ह, सर,’ एक अ य एजट रे णुका ने कहा।
‘मुझे पता है कोरस या होता है,’ बाला ने मेज़ पर मु ा मारते ए कहा। ‘ले कन यह ब त यादा है। '
‘हम फ़ू ड म कटौती कर सकते ह,’ एक एजट ने कहा। उसे इतनी सारी डट लु स िमल , िजतनी बस म लड़क
छेड़ने वाले कसी शोहदे को भी न िमलती ह गी। उसने फ़ौरन अपना सुझाव वापस ले िलया।
‘हम कम मश र संगस को य नह बुला सकते?’ मने पूछा।
‘ले कन यह िसटीबक का इवट है। य द हम बी- ेड संगस को बुलवा लगे और कल से एचएसबीसी ए- ेड
संगस के साथ एक इवट कर लेगा तो हमारा तो बेड़ा ही ग़क हो जाएगा ना,’ बाला ने कहा।
‘सर, वे यू...’ एक एजट, जो अपने पूरे कै रयर के दौरान कभी कसी बैठक म नह बोला था, ने अपना मुंह
खोला ही था क उसक बात को बीच म ही काट दया गया।
‘वे यू फ़ाइव- टार ही होना चािहए,’ बाला ने कहा।
‘इन तीन म से टॉप संगर कौन है?’ मने पूछा।
‘ह रहरन,’ एक एजट ने कहा।
‘नह , एसपी बालासु म यम,’ दूसरे ने कहा।
आमतौर पर शांिति य तिमल के बीच जंग िछड़ गई। अगर बात संगीत क हो तो वे एक-दूसरे क जान लेने
को भी उता हो सकते थे।
‘कोई हैिसयत नह । एसपी के सामने ह र क कोई हैिसयत नह है,’ माधवी भावुक होकर िच लाई।
‘सुिच ा? आप सुिच ा को भूल ग ?’ एक अ य एजट ने अपनी मौजूदगी दज कराई। बाला उठ खड़ा आ।
दुिनयाभर म होने वाली कॉप रे ट मी टं स क तरह यह मी टंग भी िबना कसी नतीजे पर प च ं े ख़ म हो गई थी। ‘म
सीधी-सीधी बात कह रहा ं क हम इतना ख़चा नह कर सकते। वे यू, फ़ू ड और एडवरटाइ जंग पर पहले ही चार
लाख पया ख़च हो रहा है,’ बाला ने कहा।
‘एडवरटाइ जंग?’ मने पूछा।
‘हम द हंद ू म आधे पेज का एड दे रहे ह,’ बाला ने कहा।
एजट् स ने अपनी-अपनी फ़ाइल ब द कर ल और जाने के िलए तैयार होने लगे।
‘यह इं िवटेशन-ओनली इवट है। है ना?’ मने कहा।
‘ए ज़ै टली। एड म यही बताया जाएगा। इवट म के वल हमारे क टमस को ही इनवाइट कया जाएगा।
बहरहाल, एड से यह भी होगा क उनके दो त और नाते- र तेदार को जलन होगी। '
‘और यही िसटी का एडवाटेज है,’ मने कहा।
‘ए ज़ै टली।’ बाला ने मेरी पीठ थपथपाते ए कहा।

‘तो, डैड खुश ह ना?’ मने ऑटो म अन या से पूछा।


‘यू बेट। डैड रोज़ िडनर के समय ेज़टेशन क ही बात करते ह। और अब वे हेड ऑ फस म यही ेज़टेशन देने
द ली गए ह। कै न यू िबलीव इट?’ अन या ने कहा।
‘वॉव!’ मने कहा। ऑटो ने हम अपने मुक़ाम पर प च ं ा दया था।
हम टी नगर म र ा टोस म आए थे। मुझे अपने हो टल के िलए टील क लेट्स ख़रीदनी थ । मुझे चार
लेट्स चािहए थ और र ा टोस म चालीस लाख लेट्स ह गी। इस इमारत क हर दीवार, छत कोना, शे फ़, रै क
वग़ैरह-वग़ैरह टील के चमक ले बतन से लदी ई थी। य द टोर म सीधे धूप घुस जाए तो आप उसम उसी तरह
जलकर राख हो सकते थे, जैसे मै ीफ़ाइं ग लास के नीचे कसी च टी का भुता बन जाता है। म सोचने लगा क
आिखर यह टोर कस तरह अपने सामान का िहसाब- कताब रखता होगा।
‘तुम इनम से अपने िलए लेट्स कै से चुन सकती हो?’ लेट्स से शन के क़रीब प च ं ने पर मने अन या से पूछा।
अन या ने एक अटडट को अपने हाथ से इशारा करके बताया क उसे कतनी लंबी-चौड़ी लेट्स चािहए।
‘सी रयसली, डैड क मदद करने के िलए थ स। मुझे लगता है वे अब तु ह पसंद करने लगे ह,’ उसने कहा।
‘ले कन उतना नह , िजतना वे हरीश को पसंद करते ह। अलब ा मने उसक ि ह क ज़ र पी डाली। '
‘ या?’ अन या ने कहा।
मने अन या को हमारे ंक सेशन के बारे म बताया।
‘तुमने िब तर म उनक या पहनी थी?’ मेरी कहानी ख़ म होने पर उसने हैरानी से पूछा।
‘लुंगी,’ मने कै िशयर के काउं टर पर भुगतान करते ए कहा। ‘इसम इतना हैरान होने वाली या बात है। लुंगी
ब त कं फ़टबल होती है। '
अन या क भ ह तन ग ।
‘ले कन मने यह सब तु हारे िलए कया।’ मने उसक आँख म झांकते ए कहा। वह आगे बढ़ी और इसके
बावजूद क हमारा र ले शन आसपास के पांच सौ ाइं ग पै स म देखा जा सकता था, उसने मुझे चूम िलया। टोर
म मौजूद सभी तिमल हाउसवाइ ज़ ने हैरत से हमारी ओर देखा।
‘अन या,’ पीछे से एक मिहला क आवाज़ आई।
अन या ने पीछे मुड़कर देखा। ‘फ़क, िच ा आंटी,’ अन या ने अपना चेहरा छु पाने के िलए टील क एक बड़ी-
सी े उठाते ए कहा। ले कन तब तक देर हो चुक थी और िच ा आंटी हमारी ओर चली आ रही थ ।
‘िच ा कौन?’ मने पूछा।
‘िच ा आंटी हमारी लेन म रहती ह। वे मॉम के साथ कना टक गायन करती ह,’ अन या ने े के पीछे से कहा।
‘वैसे, मने कना टक संगीत क सीडीज़ भी ख़रीदी थ ,’ मने कहा।
‘ या?’ उसने कहा।
‘नेवर माइं ड, हैलो आंटी,’ मने िच ा आंटी से कहा, जो तब तक हमारे क़रीब आ चुक थ ।
‘ श,’ अन या ने कहा। ‘कॉलीग? '
‘ रयली, कस तरह का कॉलीग?’ िच ा आंटी ने दलेरी से पूछा।
‘अब मुझे चलना चािहए,’ मने कहा और अपनी लेट्स उठा ल । ‘हम िडनर से पहले इनक ज़ रत होगी। '
देर रात को अन या ने मुझे फ़ोन लगाया। तब तक म टील क नई लेट्स म अपना पहला िडनर कर चुका था।
‘सब कु छ ओके ?’ मने पुछा।
‘थोड़ा-ब त,’ अन या ने कहा। ‘ले कन वे मॉम को ज़ र बताएंगी। वैसे भी उनके बीच म कांपी टशन है।
गु जी ने िच ा आंटी को अपनी िश या बना िलया था, ले कन मॉम को नह । '
‘और फर? '
‘कु छ नह । म मां से कह दूंगी क वे बढ़ा-चढ़ाकर कह रही ह। या म इतनी पागल ं क र ा टोस म कसी
को कस क ं गी?’ उसने कहा।
‘तुम इतनी पागल तो हो,’ मने हँसते ए कहा।
‘हां, ले कन के वल तुम यह जानते हो। '
‘मने ब त मेहनत करके तु हारे डैड का िव ास जीता है, म अपनी मेहनत को बबाद नह होने दे सकता,’ मने
कहा।
‘अब तु ह के वल मॉम क फ करनी है। मंजू और डैड अब ओके ह। '
‘कै से? '
‘पता नह । मने मॉम को कह दया है क तुम कल िडनर के िलए आ रहे हो।’
‘ य ?'
‘एक ज़ािहर वजह तो ये है क तुमने डैड क जो मदद क , उसके िलए हम तु ह थक करना चाहते ह। हम िच ा
आंटी से पहले ही मॉम को बता दगे क हम र ा टोस गए थे। ऑफ़ कोस, हम कु छ बात गोल कर जाएंगे। '
‘तु ह वहां मुझे कस नह करना चािहए था। तुमने ऐसा य कया? '
‘ य क म ख़द को रोक नह पाई। कभी-कभी तु ह देखकर म ख़द को क़ाबू म नह रख पाती ,ं ’ अन या ने
कहा।
अन या क यह बात सुनकर एक पल को मेरा दल धक से रह गया। ऑल राइट, िमसेज़ वामीनाथन, अगर
आपक बेटी मुझे देखकर ख़द को क़ाबू म नह रख पाती तो आप भी मेरे जादू से बच नह पाएंगी।

Downloaded from Ebookz.in


30
‘ए सीलट ेज़टेशन, द ली म डैड से बोड ने यही कहा। अब उ ह ने सभी जोनल ऑ फसेस से कहा है क वे भी ऐसे
ही ेज़टेशन बनाएं,’ अन या ने उ साह भरी आवाज़ म कहा।
हम िडनर के िलए फ़श पर बैठे थे। अन या क मा चु पी साधे रह । वे रसम
क एक पतीली म कड़छी घुमा रही थ । उ ह ने एक भी श द कहे िबना मुझे रसम परोसा।
‘आप ठीक तो ह ना, मॉम?’ अन या ने कहा।
‘ या तुम इसके साथ र ा टोस गई थ ?’ अन या क मां ने मेरी ओर इशारा करते ए कहा।
‘ओह िशट, िच ा आंटी एक दन भी स न रख पा ,’ अन या ने कहा। उसके हाथ दाल और चावल को िम स
कर रहे थे।
‘अ ा, िडनर टेबल पर गंदे श द का यूज़ मत करो,’ मंजू ने कहा।
‘मंजू, तुम चुपचाप खाओ। म मॉम से बात कर रही ,ं ’ अन या ने कहा।
‘वह सही कह रहा है। इस घर म हम इस तरह बात नह करते। हम इस तरह क हरकत नह करते, जैसी तुम
करती हो,’ अन या क मां ने कहा। फर वे अपनी प ल के चावल म सि जया डालकर उसे गु से से चूरने लग ।
‘मने या कया, मॉम? श को टील लेट्स चािहए थ । उसे कै से पता चलता क अ छी टील लेट्स कहां
िमलती ह, तो म उसे र ा टोस ले गई। '
‘और टोर म जाकर तुमने चीप हरकत क ?’ अन या क मां ने कहा।
‘कौन-सी चीप हरकत, मॉम?’ मंजू ने पूछा।
‘मंजू, जाओ अपनी फिज स क कताब पढ़ो,’ अन या ने म सुनाते ए कहा।
‘ले कन म पहले ही फिज स को रवाइज़ कर चुका ,ं ’ मंजू ने कहा।
‘तो मै स या के िम ी पढ़ो, ले कन फ़ॉर गॉड् स सेक, यहां से जाओ।’ अन या क गु सेभरी िनगाह कारगर
सािबत । मंजू ने अपनी प ल उठाई और उसे अपने कमरे म ले गया।
‘सम थंग सम थंग चीप सम थंग...’ अन या क मां कु छ कह रही थ क अन या ने उ ह टोक दया।
‘मॉम, श को तिमल नह आती। लीज़, अं ेज़ी म बात करो,’ अन या ने कहा।
अन या क मां कु छ देर क और फर उ ह ने बोलना शु कर दया: ‘तुम अपने भाई को य बाहर भेज रही
हो जब क तु ह खुद सबके सामने चीप हरकत करने म शम नह आती? '
‘मने कोई चीप हरकत नह क । '
‘तो या िच ा झूठ बोल रही है? '
‘मने बस श को एक छोटा-सा कस कया था। '
‘ क संग!’ अन या क मा ने कु छ यूं कहा, जैसे अन या ने कसी नशीली दवाई का नाम ले िलया हो।
‘मॉम, इतनी हायपर मत होओ। ये मेरा बॉय ड है। यू अंडर टड? '
‘और तुम मेरी बेटी हो, डू यू अंडर टड? तुम क मुिनटी म हमारे नाम पर बट् टा लगा रही हो, डू यू अंडर टड?
मने तु ह पाला-पोसा, तु ह पढ़ाया, तु हारे िलए जाने कतनी कु बािनया द , डू यू अंडर टड? '
पता नह , मां और बेटी कु छ समझ पाई या नह , ले कन म ज़ र यह समझ गया क यहां से िखसकने का समय
आ गया है। म उठ खड़ा आ।
‘कहां जा रहे हो?’ अन या ने मुझसे पूछा।
‘हाथ धोने,’ मने सबूत के तौर पर दही म लथपथ अपने हाथ दखाते ए कहा।
‘मेरे हाथ भी तो ख़राब हो रहे ह। यह को,’ अन या ने आदेश सुनाया।
‘तु ह पता नह , तु हारे कारण मुझे या झेलना पड़ा है,’ अन या क मां ने कहा। वे एकदम से उठ , अपनी
प ल उठाई और कमरे से बाहर चली ग ।
अन या ने ठं डी सांस छोड़ी।
‘रसम अ छा बना था: तीखा और ज़ायके दार,’ मने कहा।
‘आपने तो कहा था क आप मेरा अहसान कभी न भूलगे,’ मने कहा। म बाला के ऑ फस म बैठा था। उसक दोन
कोहिनयां डे क पर टक ई थ और वह अपनी सभी दस अंगुिलयां अपने तेल सने बाल म फरा रहा था।
‘ले कन कै से?’ बाला ने कहा।
‘आपने कहा था क आपका बजट िबगड़ रहा है। मेरे पास एक संगर है। ।’
म पेपरवेट से खेलता रहा। जब म बाला के साथ अके ला होता था तो म उससे बराबरी से ही पेश आता था।
‘कौन?’ उसने कहा।
‘राधा वामीनाथन, उभरती गाियका। '
‘ रयली? कभी उ ह सुना तो नह ,’ बाला ने कहा
‘वे अभी परदे के पीछे ही ह। उ ह ने कना टक संगीत क िश ा ली है। '
‘ले कन ये तो पॉपुलर यूिज़क का कं सट है। इसम गाने के साथ डांस भी होगा। '
‘बाला, कना टक संगस के िलए पॉपुलर गाना बाएं हाथ का खेल है। आप यह जानते ह। '
‘वे अ छा गाती ह? तुमने सुना है उ ह?'
‘थोड़ा-ब त। '
‘यानी? '
‘हां, सुना है। वे अ छा गाती ह। फर हमारे पास पहले ही ह रहरन और एसपी ह, हम बाजी मार लगे।’
बाला खड़ा हो गया और अपनी िखड़क के पास चला गया।
‘इज़ शी हॉट?’ बाला ने पूछा, ‘देखने म गुड-लु कं ग है? '
‘वो मेरी गल ड क मां ह। मुझे उनक बेटी ज़ र गुड-लु कं ग लगती है। '
‘ या?’
‘मेरे िलए यह ब त ज़ री है बाला। मेरी लव लाइफ़ मुि कल दौर से गुज़र रही है। य द मने ज द ही कु छ
ख़ास नह कया, तो मुझे हमेशा-हमेशा के िलए अपनी गल ड को गुडबाय कस करना होगा। िस को का एक लड़का
पहले ही उसके िलए लाइन लगाए ए है, ताज़े ना रयल तेल क तरह शु । '
‘तु हारी गल ड तिमल है?'
‘हां, ा ण। '
‘आयंगर या... '
‘अ यर, ले कन या इससे कोई फ़क पड़ता है?'
‘नह , बाला ने कहा और अपनी सीट पर लौट आया। ‘अब म समझा क तुम चे ई य आए। '
‘य द इस पॉइं ट को छोड़ दया जाए क म आपके सरीखे एक फ़ाइनेिशयल िवज़ाड के साथ काम करने के िलए
मरा जा रहा था तो,’ मने कहा।
‘ या?’
‘कु छ नह । तो या आप ऐसा करगे? '
‘ या?’
‘ संगस के नाम फ़ाइनल करना: ह रहरन, एसपी और यू टैलट राधा। '
‘एजट् स या कहगे? हमारी एक कमेटी है। '
‘कमेटी म बैठा हर आदमी आपके िलए काम करता है। '
‘ले कन फर भी,’ बाला ने कहा। वह गहरी सोच म डू बा आ था।
‘आप सोिचए,’ मने कहा। ‘मुझे थोड़ा काम है। मने एक अरसे से अपना मेलबॉ स
साफ़ नह कया है। मेरे पास अब भी आपके वे ईमे स ह, िजनम आपने मुझे उन इं टरनेट टॉ स को खपाने के
िलए कहा था। मुझे उ ह िडलीट कर देना चािहए, है ना?’ बाला मुझे देखता रह गया। म बाहर जाने के िलए मुडा।
‘देिखए, यह पसनल नह है,’ मने कहा, ‘ले कन यह मेरे होने वाले ब का सवाल ज़ र है। '
31
‘आंटी, म आ सकता ?ं मने कहा।
अन या क मां ने मुझे जालीदार दरवाज़े से देखा। उ ह ने नाइटी पहन रखी थी और उनक आख उन दी थ ।
मने उनक दोपहर क न द िड टब कर दी थी।
मने अपने एजट् स से कह दया था क म लंच के समय बाहर र ग ं ा और मुझे देर हो जाएगी। उनके घर पर
आने से पहले म ड वीट् स पर का था और वहां से दो कलो मैसूर पाक बंधवा लाया था।
आंटी ने दरवाज़ा खोल दया। म भीतर चला आया। वे कपड़े चज करने भीतर चली ग । जब तक वे लौटत , म
द हंद ू के प े पलटता रहा।
‘अंकल लौट आए ह?’ मने पूछा।
‘वे िपछली रात ही लौटे।’ उ ह ने जमुहाई लेते ए कहा। ‘ले कन अभी वे ऑ फस म ह। '
‘आपक न द म खलल डालने के िलए सॉरी,’ मने कहा और िमठाइय का िड बा उनक ओर बढ़ा दया।
‘यह या है? '
‘उस रात िडनर के दौरान जो कु छ आ, म उसके िलए माफ़ मांगना चाहता था। ‘आंटी चुप रह और कॉफ़
टेबल को ताकती रह ।
‘म र ा टोस वाली घटना के िलए भी माफ़ मांगता ।ं ले कन म आपको यक़ न दलाता ं क हमने कोई
चीप हरकत नह क थी,’ मने कहा।
‘िच ा के पेट म कोई बात नह टकती,’ उ ह ने कहा। ‘उसने अभी तक पूरे मयलापुर को बता दया होगा। '
‘म समझ सकता ।ं हम पंजािबय म भी कु छ लोग ऐसे होते ह, जो दूसर क ज़ंदगी म दख़लअंदाज़ी करने के
िलए हमेशा तैयार रहते ह। '
आंटी ने मेरी बात पर यान नह दया। वे िमठाइय को ज म रखने के िलए भीतर चली ग । वे अपने साथ
एक िगलास पानी और फ़ै िमली िडश लेकर लौट । वही स त, ख ता और घुमावदार ैक, िजसम कोई वाद नह
था।
मने एक ैक िलया। उसे चबाने क कोिशश म मेरे दांत दद करने लगे। मने चुपके से उसे अपने मुंह से िनकाला
और मुंह चलाने का अिभनय करने लगा, ता क उ ह लगे क म उनक िडश खा रहा ।ं एक अजीब-सी चु पी भरा
एक िमनट बीता।
‘आंटी, म आपको ये दखाना चाहता था,’ मने कहा और अपना बैग खोला। मने कना टक यूिज़क क सीडीज़
िनकाल और उ ह द ।
‘टीएस सु मिणयन? ये कसक ह?'
‘मेरी। '
‘ या?’
‘म अपना टे ट डेवलप करने क कोिशश कर रहा ।ं म कना टक यूिज़क सीख रहा ,ं ले कन ब त क ठन है।
उसम वर, राग होते ह, ुितयां होती ह। '
‘तुम ुितय के बारे म जानते हो?'
‘के वल बुिनयादी बात। म आपक तरह ए सपट तो ं नह । '
उ ह ने मेरी सीडीज़ लौटा द और एक टेढ़ी मु कान मु करा द । ‘चे ई म मेरी कोई हैिसयत नह है। यहां तो
िच ा भी मुझसे आगे है। हालां क लोग कहते ह क वह चे ई के कॉप रे टर को अ छी तरह जानती है। उसी ने गु जी
से कहा था क वे िच ा को अपनी िश या वीकार। कॉप रे टर के पास कचेरी के आयोजन थल का चाज है, इसिलए
गु जी को उसक बात माननी ही पड़ी। तुम सोच भी नह सकते वह कतनी िछछोरी मिहला है। '
‘दूसरे गु भी तो ह गे,’ मने कहा।
‘म भी एक बेहतर गु से सीखने के िलए तैयार थी। एनीवे, आई एम सॉरी। उस दन मने ओवर रए ट कर
दया था। '
‘नह , नह , आपको माफ़ मांगने क ज़ रत नह है। माफ़ मांगने तो म आया था। और साथ ही एक छोटी-सी
र े ट करने भी। '
‘ र े ट? तुम मुझसे या र े ट करोगे, तुम नौजवान लोग तो जो मन आए वही करते हो, ख़ैर। '
‘नह , म अन या और मेरे बारे म नह , हमारे िसटीबक के कं सट के बारे म बात कर रहा ।ं '
अगले आधे घंटे तक म उ ह उस इवट के बारे म समझाता रहा। मने उ ह फशरमै स कोव के बारे म बताया।
मने उ ह बताया क चे ई के कौन-कौन-से लोग वहां मौजूद रहगे। साथ ही मने उ ह यह भी बताया क दो घंटे के
कं सट म तीन लोग गाएंगे और म चाहता ं क उनम से एक वे ह ।
‘म?’ वे शॉ ड रह ग ।
‘जी हां,’ मने कहा।
‘मने कभी पॉपुलर गाना नह गाया,’ उ ह ने कहा।
‘देिखए, आपने संगीत क िश ा ली है। एमटीवी चालू क िजए और देिखए लेटे ट चाटब टस कौन-कौन-से ह।
तीन गाने कॉलीवुड के , तीन गाने बॉलीवुड के , बस हो गया काम। '
‘ले कन म ही य ?’ उ ह ने पूछा। वे अब भी रोमांिचत थ ।
‘वा तव म हम अ छे संगस क स त ज़ रत है। हम तीन संगस चािहए थे, ले कन हम के वल दो ही िमले।
अब मुझे यह िज़ मेदारी स पी गई है क म तीसरे संगर को खोजूं। ऐसे म मेरी तर क अब आपके ही हाथ म है। '
‘बाक़ दो संगस कौन ह?'
‘वे ज़रा जाने-माने संगस ह, इसिलए भी हम चाह रहे थे क तीसरी आवाज़ नई और ताज़ी हो, ता क कं सट म
बैलस रहे। '
‘कौन ह वे जाने-माने संगस?'
‘ह रहरन और एसपी बालासु मिणयम,’ मने कहा।
आंटी का मुंह खुला का खुला रह गया। वे उठ और कमरे से चली ग । म भी उनके पीछे-पीछे कचन म चला
आया। ‘आंटी, ये ब त आसान है? यह कोई पि लक कं सट नह है। '
आंटी ने कु छ नह कहा। उ ह ने टोव पर एक ाइं ग पैन रख दया और उसम तेल डाल दया। तेल गम होने
पर उ ह ने उसम राई और कड़ी प े डाल दए। तड़के क गंध पूरे कमरे म फै ल गई। म दो बार खांसा।
‘देखो, म दन भर यही करती ।ं खाना पकाना। म परफ़ॉम नह करती। म अभी एमे योर ।ं म ह रहरन और
एसपी के सामने बैठ भी नह सकती, उनके साथ टेज शेयर करना तो दूर क बात है। '
‘ये एक फ़न इवट है, कांपी टशन नह । वे दोनो आपके बाद ही गाएंगे। '
उ ह ने कतरे ए याज़ पैन म डाल दए। मेरे गले के साथ ही मेरी आख भी चलने लग । ‘आंटी, आपने इससे
पहले कभी टेज पर परफ़ॉम कया है?'
‘नह । अरे हां, जहां-जहां अन या के पापा क पो टंग होती थी, वहां के तिमल संगम इवट् स म मने दो-एक
बार गाया है। ले कन ये तो फ़ाइव टार होटल है, हाई सोसायटी, ह रहरन... ह रहरन जैसा गायक तु हारे िलए गा
रहा है, तु ह मेरी ज़ रत भला य आन पडी। '
‘ ोफ़े शनल संगस हमारे इवट को ब त कॉम शयल बना दगे। हम अपने लाइं ट्स को होम फ़ लंग देना
चाहते ह। आपके होने से तो उ ह और अ छा लगेगा,’ मने कहा।
आंटी ने िसर िहला दया। म उ ह तब तक राज़ी करने क कोिशश करता रहा, जब तक क उ ह ने पूरा िडनर
नह तैयार कर िलया: टोमेटो रसम, लेमन राइस और ाइड भंडी। म उ ह खाना बनाते देख रहा था और अब म
भी रसम बना सकता था। ख़ैर, म अभी तक उ ह राज़ी नह कर पाया था।
‘तुम यह सब य कर रहे हो? तुमने माफ़ मागी थी और मने तु ह माफ़ कर दया था। है ना?'
‘म इसके िलए यह नह कर रहा ।ं '
‘ फर य ?’ उ ह ने लेट्स से िडशेस ढांक द ।
‘म ऐसा इसिलए कर रहा ,ं य क मुझे लगता है क आप ब त अ छा गाती है।'
‘तु ह कै से पता? '
‘ य क मुझे यह अन या ने बताया है। उसने मुझे यह भी बताया क आप लंबे समय से संगीत का िश ण
लेती आ रही ह। और म उसक बात पर भरोसा करता
।ं ’
उ ह ने मेरी ओर देखा।
‘अब मुझे यह मत किहएगा क यह आइिडया आपको ए साइट नह कर रहा है। ज़रा-सा भी नह ।’ मने कहा।
हम फर िल वंग म म चले आए थे।
‘ऑफ़ कोस, यह मेरे िलए ब त स मान क बात है, ले कन म ऐसा नह कर सकती।’
‘ऐसा मत किहए क आप नह कर सकत । कम ऑन। हम इसे सर ाइज़ रखगे। हम अंकल को नह बताएंगे।
हम अन या को भी नह बताएंगे, य द आप चाह।’
हम सोफ़े पर बैठ गए। मने ि ह क बॉटल को देखा। उसम उतनी ही शराब थी, िजतनी हमने उस रात छोड़ी
थी।
‘ओके , एक डील करते ह। आप अभी तो हां कह दीिजए। जब अंकल और अन या घर पर न ह तो आप गाने क
तैयारी क िजए। य द कं सट के दन भी आप कहगी क म नह गाना चाहती तो म कोई दूसरा बंदोब त कर लूंगा।
और य द आप गाना चाहती ह तो एक बार कोिशश करके तो देिखए। ठीक है?'
‘म अंत म घबराहट के मारे ना ही क ग ं ी,’ उ ह ने कहा।
‘म एक चांस लेता ।ं लीज़,’ मने कहा।
उ ह ने दस सेकंड का समय िलया और फर अंत म धीमे से िसर िहलाकर हां कह दया। म उ साह म सोफ़े से
उछल पड़ा। ‘कू ल। तो आपक ैि टस शु होती है अब,’ मने कहा और टीवी चालू कर उसम एमटीवी लगा दया।
‘ये कौन-से गाने ह?’ उ ह ने एमटीवी पर चल रहे गाने को देखकर पूछा। गाने म दो सौ साउथ इं िडयन डांसस
चीन क दीवार पर नाच रहे थे।
‘म आपको बाद म सब कु छ समझा दूंगा। ले कन अभी मुझे ऑ फस चलना चािहए,’ मने कहा। ‘द िसटी नेवर
ली स, ले कन िसटी को ऑ फस बंक भी नह करना चािहए।’ अन या के घर से िनकलते ही मने मारे खुशी के हवा म
ज़ोर से मु ा लहरा दया।
32
जो लोग आपके ब त क़रीब होते ह, वे ही आपको सबसे यादा िड टब कर देने क ताक़त भी रखते ह। मुझे पापा के
उस प को फाड़कर फक देना था, ले कन इसके बजाय मने उसे तीन बार पढ़ा।
बेटे,
म जानबूझकर तु ह यारे बेटे नह िलख रहा ,ं यो क मुझे नह लगता क म अब तु ह
अपना यारा बेटा कह सकता ।ं िजस दन तुमने अपने बाप क इ ज़त करनी बंद कर दी, उसी
दन म समझ गया था क तुम ग़लत रा ते पर आगे बढ़ रहे हो। मुझे पूरा यक़ न है क तु ह वह
दन याद होगा। तब से आज तक तुमने मुझसे कोई बात नह क है।
मुझे पता चला है क चे ई म एक लड़क के साथ तु हारा च र चल रहा है। मुझे पूरी
बात तो नह पता। मुझे तु हारी मां क बात से बस इतना ही पता चल सका, जो क वे अपने
नाकारा नाते- र तेदार को बता रही थ ।
तु हारे िलए लड़क ढूढ़
ं ना हमारा काम होना चािहए, तु हारा ख़द का नह । य क तुम
एक ऐसे रा ते पर आगे बढ़ रहे हो, जहां आगे चलकर तुम लो कै रे टर के इं सान बनने वाले हो।
तु हारी मां और उनके सगे-संबंिधय से तु ह ऐसे सं कार िमले है क तु ह शायद यह पता नह
चल पाएगा क तु हारी हरकत कतनी घ टया और वािहयात ह।
ले कन तुमने अपने इरादे मुझसे छु पाए, इससे तो यही पता चलता है क कह न कह
अपनी हरकत के िलए तुम भी खुद को शा मदा महसूस करते हो।
बदनसीबी से,
तु हारा बाप।

मने दसव बार अपनी सोने क पोिजशन बदली। म सो जाना चाहता था, ले कन न द मेरी आँख से कोस दूर थी।
भूल जाओ, वे बस तु ह उकसाना चाहते ह, मने एक बार फर खुद से कहा। ज दी से सो जाओ, अभी!-मने अपने
आपको फटकारते ए कहा। न द के साथ एक िविच बात यह है क आप जान-बूझकर सो नह सकते। आपका
दमाग़ सभी त य को जानता है और वह बार-बार आपके कान म फु सफु साता रहता है क देर हो चुक है, महज़
पांच घंटे बाद तु ह फर उठ जाना है तु ह आराम क ज़ रत है। आपके दमाग़ पर सोचने के िलए लाख िवक प भी
हमेशा मौजूद रहते ह जैसे , साफ़ आकाश म टम टमाते तारे , नुंगमब म लॉवर शॉप के ख़ूबसूरत फू ल, अन या के
घर म अगरब ी क महक, आपक बे ट बथडे पाट । मनु य के दमाग़ म कु छ सकारा मक िवचार हमेशा मौजूद
रहते ह, ले कन जाने य ऐसा होता है क मा एक बुरा िवचार उन सभी अ छे िवचार को रफ़ा-दफ़ा कर देता है।
शायद हमारे दमाग़ का मैकेिन ही कु छ इस तरह है ता क हम मौजूदा मुसीबत पर यान द और के वल अ छी-
अ छी बात म ही न खोए रह। ले कन इससे िज़ दगी बड़ी क ठन हो जाती है, य क अ छी बात और याद क
अपनी जगह है। और भला, चंता के मारे न द गंवा देने से भी या होगा? मेरे िपता ने िजस दन क ओर इशारा
कया था, उसक याद मेरे दमाग़ म बार-बार च र काटती रह । जब म उ ह अपने मै रज- लान के बारे म
बताऊंगा, तब वे या ामा करगे? मने सोचा। सो जाओ, इिडयट। महज़ चार घंटे बाद तु ह फर जाग जाना है मेरे
दमाग़ ने मुझे िझड़कते ए कहा।
ले कन मुझे चैन कहौ। रात दो बजे म िब तर से उठा और घर पर फ़ोन लगाया। ‘हैलो?’ मां क उन दी आवाज़
सुनाई दी।
‘सॉरी, म बोल रहा ।ं ’
‘ श? सब ठीक तो है ना?’ उनक आवाज़ से घबराहट झलकने लगी थी।
‘हां, सब ठीक है,’ मने कहा।
‘ या आ?’
‘डैड ने एक लेटर भेजा है। उससे म ब त िड टब ।ं ’
‘ओह रयली? या िलखा है उ ह ने?’
‘कु छ ख़ास नह । वे अन या के बारे म जानते ह।’
‘तु हारी दो त? हां, तो या आ?’
‘मॉम, वो मेरी के वल दो त ही नह है। म उससे शादी करना चाहता ।ं ’
‘ओह श, अब इतनी रात गए वो रामायण फर से मत शु करो। वो तु हारी गल ड है तो ठीक है। तुम
चे ई म जो करना चाहो, करो। ले कन उसे हम पर थोपने क कोिशश मत करो।’
‘म उसे थोप नह रहा ।ं म आपको बता रहा ं क मने कस लड़क को अपना साथी बनाना चाहा है,’ मने
कहा। मेरी आवाज़ ज़रा तेज़ थी।
‘िच लाओ मत।’
‘आई एम सॉरी।’
‘अगर इतना ही ज़ोर है तो अपने िपता पर िच लाओ।’
‘म तो उनसे बात ही नह करता ।ं आप जानती ह क म उनक क़तई परवाह नह करता।’
‘ फर उस लेटर से इतने परे शान य हो रहे हो? ’
म चुप रहा।
‘हैलो?’ पांच सेकंड बाद मां ने कहा।
‘हां, म सुन रहा ,ं ’ मने कहा। मेरी आवाज़ अब नम पड़ गई थी।
‘तुम ठीक हो?’
मेरी आँख म आंसू छलक आए, ले कन मने मां को यह ज़ािहर नह होने दया।
‘म अके ला महसूस कर रहा ,ं मॉम मुझे पापा से इस तरह के िबहेिवयर क ज़ रत नह है।’
‘तो उस लेटर को फाड़कर फक दो।’
‘वैसे भी म यहां अन या के माता-िपता को राज़ी करने के िलए जूझ रहा ।ं यह बड़ा अजीब शहर है। ऐसी
कोई जगह नह है, जहां मुझे लगता है क मेरा वागत कया जा रहा हो। और आप कह रही ह क म आप पर कसी
को थोपने क कोिशश कर रहा ,ं ’ मने कहा और खुद को रोक न पाया। म फ़ोन को कसकर पकड़े रहा और रो पड़ा।
‘चुप हो जाओ श, रोओ मत,’ मां ने कहा।
मने ख़द को संभाला और अपने बाएं पैर से ज खोला। उसम से पानी क एक बोतल िनकाली और पी गया।
‘म या क ं ?’ थोड़ी देर बाद मने कहा।
लौट आओ। तुम अपना ां फ़र द ली करवा लेने क अज य नह देते?’
‘म यहां के वल छह महीने पहले ही आया ।ं ’
‘कह दो क तु ह पा रवा रक सम या है। कह दो क म बीमार ।ं ’
‘मॉम, लीज़?’
‘य द नौकरी छोड़ने क नौबत आए तो छोड़ दो। हम दूसरा जॉब ढूढ़ ं लगे। हमारे घर के पास ही कै नेरा बक है।’
‘मॉम, म िसटीबक म ।ं ये एक म टीनेशनल कॉप रे शन है।’
‘ठीक है, तो हम कोई म टीनेशनल ढूढ़ ं लगे। मेरी क़सम खाकर कहो क तुम ांसफ़र के िलए बात करोगे।
काले-कलूटे लोग के उस शहर म फं सकर मत रह जाओ।’
‘मॉम, यहां सभी लोग बुरे नह ह।’
‘मुझे इससे कोई मतलब नह । य द तुमने ांसफ़र के िलए अ लाई नह कया तो म तु हारे बॉस को एक लेटर
िलख दूंगी। म उससे क ग ं ी क म बूढ़ी मिहला ं और आपको इं सािनयत के नाते मेरे अनुरोध पर िवचार करना
होगा।’
‘मॉम, तु ह मेरी क़सम है तुम ऐसा कु छ नह करोगी,’ मने कहा और उनके श द के चयन पर मु करा दया,
जो क भारत के सरकारी द तर म इ तेमाल क जाने वाली भाषा से े रत थे।
‘ठीक है तो तुम अज़ दे देना।’
‘म दे दूंगा, मॉम पहले मुझे यहां कु छ काम पूरे करने ह। म अपनी मंिजल के लगभग क़रीब प च ं चुका ,ं ’ मने
कहा। मेरा मन अब शांत हो चुका था।
‘ओके , तुम अब ठीक हो ना?’ उ ह ने कहा।
‘हां, म एकदम ठीक ।ं ’
‘गुड। और इन म ािसय क कोई फालतू बात बदा त मत करना। ऐसा हो तो पलटकर जवाब देना। ये लोग
ब त ज दी डर जाते ह।’
‘ओके मॉम।’
‘और उस लड़क को लेकर ब त यादा सी रयस मत होना।’
मॉम, उस मामले म तो अब ब त देर हो चुक है मने सोचा। ‘गुड नाइट, मॉम,’ मने कहा।
‘आई लव यू। गुड नाइट,’ उ ह ने कहा और फ़ोन रख दया।
म अपने िब तर पर लौट आया और उस लेटर को कचरे के िड बे म फक दया। मां से बात करने के बाद म
थोड़ा ह कापन महसूस कर रहा था और महज़ पांच िमनट म मुझे न द आ गई। अगर दुिनया म मौएं न होत तो या
होता?
33
‘बाइक?’ अन या ने चहकते ए कहा। म उसे लैक यामाहा आरए स 100 से लेने आया था।
‘बाला क बाइक है,’ मने कहा।
अन या िपछली सीट पर बैठ गई। उसने म न रं ग क सलवार कमीज़ पहन रखी थी। अपने सफ़े द दुपट् टे से
उसने अपने िसर और चेहरे को ढौक रखा था। इस िलये म वह वीर पन क गग क कोई मबर लग रही थी।
प िडचेरी चे ई से कोई एक सौ चालीस कलोमीटर दूर ई ट को ट रोड या ईसीआर पर बंगाल क खाड़ी क
ओर है। फशरमै स कोव इसी रा ते पर चे ई िसटी से बीस कलोमीटर दूर पड़ता है।
हम अभा सलाई ि थत अन या के ऑ फस से चले। वह गाड़ी क िपछली सीट पर बैठी थी और उसने
साइडबास को मज़बूती से पकड़ रखा था। जैसे ही लै टस ि ज रोड आया और शहर पीछे छू ट गया, उसने साइडबास
को छोड़कर अपने हाथ को मेरे कं धे पर रख दया। हमने ओ ड महाबिलपुरम रोड पकड़ा, जो क हम सीधे ईसीआर
पर ले जाता। ‘ब त ख़ूबसूरत है,’ समु को देखते ही मने कहा।
‘मने तु ह कहा था ना?’ अन या ने मेरी गदन पर एक कस करते ए कहा।
हम फशरमै स कोव पर जाकर के , जहां हमारी कै ट रं ग मैनेजर से भट ई। िसटीबक इवट के िलए हर चीज़
िनय ण म लग रही थी। हम रज़ॉट से चले आए और फर ईसीआर पर िनकल पड़े। एक घंटे क सवारी के बाद हम
महाबिलपुरम प च ं चुके थे। यहां समु के कनारे चट् टान को काटकर बनाए गए मं दर थे।
‘वॉव, ये मं दर तो अ भुत ह,’ मने कहा। हवा मेरे बाल को सहला रही थी।
महाबिलपुरम से एक घंटे और चलने के बाद ईसीआर ख़ म हो गया। सड़क अब संकरी हो गई थ । रा ते म कई
छोटे-छोटे क़ बे पड़े, िजनके लंबे-लंबे नाम थे और जो धान के खेत से पटे पड़े थे। कु छ जगह पर मुझे बैलगािड़य ,
गांव के कू ली ब और बक रय के रे वड़ को िनकल जाने देने के िलए कना भी पड़ा। हम दोपहर तक प िडचेरी
प च ं े और उसे पहले-पहल देखकर मुझे िनराशा ही ई।
‘बस, यही है प िडचेरी?’ क़ बे के मेन चौक म प च ं कर मने कहा। प िडचेरी भारत के कसी अ य क़ बे जैसा
ही था: धूल और कोलाहल से भरा आ, िजसक उबड़-खाबड़ दीवार पर कोला के िव ापन पुते ए थे।
‘प िडचेरी क ख़ास जगह भीतर ह : च ाटर और अर बंदो आ म अन या ने कहा।
मने एक अंधे मोड़ पर गाड़ी को संभालने क कोिशश क , जहां से हमारे साथ ही पचास अ य टू - हीलर और
चार क भी िनकलने क कोिशश कर रहे थे।
यहां मुझे च के नाम पर अंडरिवयर का एक िबलबोड ही नज़र आया, िजसका ौड च था।
‘मुझे यहां ड़ाँप कर दो,’ कु ड् डालोर रोड प च
ं ते ही अन या ने कहा। यहां एचएलएल क एक फ़ै टरी थी।
अन या क लंच मी टंग लंबी खंचने वाली थी, िजसका मतलब यह था क मुझे इस मालगुडी टाउन म तीन
घंटे का समय काटना था। हमने तय कया क हम चार बजे कॉफ के िलए ला ओ रयंट होटल म िमलगे।
म फै टरी कं पाउं ड से बाहर िनकला और साइन बो स का पीछा करते ए रयू दे ला मरीन ि थत अर बंदो
आ मप च ं ा। आ म क िब डंग समु कनारे ि थत कसी ख़ामोश हो टल जैसी लग रही थी। म रसेशन पर
प च ं ा। आ म क लॉबी म भारतीय से यादा िवदेशी थे।
काउं टर पर साड़ी और मनक क माला पहने एक वे टन मिहला बैठी थी। उसक उ कोई चालीस साल रही
होगी। ‘आपको या काम है?’ उसने मुझसे पूछा।
कु छ मेरे आ म म होने और कु छ उसके पूछने के तरीक़े से मुझे ऐसा लगा क जैसे उसके इस सवाल म कोई
गहरा अथ है। मने उसक ओर देखा। उसक आख नीली थ , िज ह झु रय ने घेर रखा था। ‘म यहां पहली बार आया
,ं ’ मने वीकारा।
उसने मुझे आ म के ोशर दए। एक और ि आया और उसने भोजन के िलए टकट् स ख़रीदे।
‘ या यहां लंच िमल सकता है?’ मने पूछा।
‘हां, आ म डाय नंग हॉल म उसने कहा और मुझे कू पन बुकलेट दखाई। मने अपने िलए एक कू पन खुरीद
िलया।
‘चलो, म भी वह जा रही ,ं ’ उसने मेरे साथ चलते ए कहा। हम आ म से जुड़ी एक लेन पर साथ-साथ
चलते रहे। डाय नंग हॉल आधा कलोमीटर दूर था। उसने मुझे कहा क उसका नाम डायना था और वह फनलड से
आई थी । वह पहले एक वक ल आ करती थी, ले कन अब उसे नो कया के िलए पेटट सुरि त करने से अिधक संतोष
आ म म वालटीयर के प म काम करके िमल रहा था ।
‘म िसटीबक म काम करता ं ‘मने कहा । म चाहता था क उसे बताऊं क म लेखक बनना चाहता ं ले कन
फर मुझे लगा क म अभी उसे इतनी अ छी तरह से नह जानता ं ।
‘ या तुम कु छ खोज रहे हो या यहां के वल टू र ट क तरह आ गए हो?’ उसने मुझे अपना कू पन थमाते ए
कहा ।
‘कु छ खोज रहा ं मतलब?’
‘मतलब या तुम कोई रा ता खोजना चाहते हो या कसी खास सवाल का जवाब चाहते हो?’
‘सच क ं तो म यहां अपनी एक दो त के साथ आया था िजसे यहां कु छ काम था । म बस एक दन के िलए
अपने द तर से दूर रहना चाहता था ।’
डायना हँस पड़ी । हम डाय नंग हॉल प च ं े और अपनी-अपनी टेनलेस टील क लेट्स उठा ल । फर हम
ई टंग ए रया म घुसे, जहां सभी फ़श पर बैठे ए थे । लंच सीधा-सरल था । चावल दाल और गाजर-मटर क स जी

‘ओके तो य द म कसी जवाब क तलाश कर रहा होऊं तो मुझे वह कै से िमलेगा?’
‘जवाब हमारे भीतर है । लोग कु छ ह त तक आ म म रहते ह, यान-मनन करते ह, स संग म शािमल होते
ह और कसी गु से पूछते ह । तु हारे पास कतना समय है?’
‘मुझे दो घंटे बाद कॉफ के िलए अपनी गल ड से िमलना है और फर चे ई लौट जाना है ।’
डायना मु कराई और अपना िसर िहला दया । ‘जीवन के अबूझ सवाल का जवाब खोजने के िलए तो यह
बड़ी स त डेडलाइन है ।’
‘शायद तब तो मुझे कोिशश भी नह करनी चािहए,’ मने कहा ।
‘ को, वहां उन स न को देखो उसने कहा और हमसे दो क़तार आगे सफ़े द चोगा पहने बैठे स र साल के एक
बूढ़े क ओर इशारा कया । ‘वे हमारे गु ह । शायद म तु ह उनसे िमलवा सकती ं ।’
‘नह , नह , लीज़ ऐसा मत क िजए मने कहा ।
‘ य नह ? अगर वे त ह तो वह ख़द ही ना कह दगे ।’
‘ णाम गु जी,’ डायना ने कहा और उनके पैर छु ए । मने भी उसका अनुसरण करते ए उनके पैर छु ए ।
उ ह ने मुझे आशीवाद दया । ‘गु जी, ये मेरा दो त है । इसका नाम है डायना ने कहा और क गई ।’
‘ श ।’
‘हां, और इसके पास के वल दो घंटे का समय है, ले कन यह कसी सम या का हल पाना चाहता है डायना ने
कहा ।
‘के वल दो घंटे ही य ?’ गु जी ने पूछा । उनक आवाज़ शांत थी ।
‘इसे इसक गल ड से िमलना है डायना ने रोमांच के साथ गल ड श द पर ज़ोर देते ए कहा ।
‘तो ज़ािहर है क गल ड ॉ लम से यादा ज़ री है,’ गु जी ने मु कराते ए कहा ।
‘ए चुअली, गल ड ही तो ॉ लम है मने कहा ।
डायना ने मुझे हैरतभरी नज़र से देखा ।
‘नह , नह , वह नह । मेरा प रवार, उसका प रवार,’ मने कहा ।’ इट् स ओके । मुझे पता है यह सम या
सुलझाने के िलए मेरे पास अभी यादा व त नह है ।’
‘इसे पं ह िमनट के िलए मेरे घर पर भेजो,’ गु जी ने कहा और चले गए ।
34
गु जी के घर म घुसने से पहले म घर के खुले दरवाज़े के आसपास मंडराता रहा । ‘भीतर आ जाओ, श,’ गु जी ने
कहा । वे अपने िल वंग म म एक डंडे-बेड पर बैठे थे । मने सोचा था क म प िडचेरी के च कै फे ज म भटकता
र गं ा, ले कन मने यह कभी नह सोचा था क म कसी गु के घर प च ं जाऊंगा । उनके इस छोटे-से घर म न के
बराबर फ़न चर था ।
‘शायद तु ह यह अजीब लगे क तुम यहां कै से प च ं गए, ले कन मुझे लगता है क तु हारी क़ मत म मुझसे
िमलना िलखा था,’ गु जी ने कहा ।
‘ या आप माइं ड री डंग करते ह?’ मने जानना चाहा ।
‘म लोग को पड़ता ं । तु हारी नवसनेस ज़ािहर है । बैठ जाओ उ ह ने कहा और अपनी सफ़े द दादी को
सहलाया ।
म फ़श पर आलथी-पालथी बनाकर उनके सामने बैठ गया ।
‘तु ह कस बात क फ़ सता रही है?’
‘मेरी गल ड तिमल है म पंजाबी ं । हमारे प रवार हमारी शादी के िखलाफ़ ह । म अपनी ओर से पूरी
कोिशश कर रहा ं ले कन यह ब त क ठन है ।’
‘ह भ गु जी ने कहा ।’ ‘अपनी आख बंद करो और जो तु हारे मन म आए, वह कहो ।’
‘म उससे यार करता ं ‘मने कहा,’ और हम एक-दूसरे के साथ खुश रहते ह ले कन य द हमारी खुशी कई
लोग के िलए दुख का कारण बन जाए तो या ऐसा करना ठीक होगा?’
म और कु छ देर तक इसी तरह बड़बड़ाता रहा । गु जी चु पी साधे रहे । चूं क मेरी आख बंद थ , इसिलए मुझे
यह भी पता नह था क वे यहां मौजूद भी ह या नह ।’ वही मेरा आने वाला कल है,’ म इतना कहकर चुप हो गया ।
‘बस इतना ही?’
‘आप यहां मौजूद ह?’ मने आख खोले िबना पूछा ।
‘ या तु ह प ा पता है क तु ह के वल यही एक सम या परे शान कर रही है?’ ‘ या मतलब है आपका?’
‘तु हारे भीतर... ब त सारी तकलीफे , ब त सारी अनसुलझी सम याएं ह । तुम अपना आने वाला कल
बनाओ इससे पहले तु ह अपने बीते ए कल को दु त कर लेना चािहए ।’
‘आप कस बारे म बात कर रहे ह?’ मने अपनी आख खोल द । गु जी मेरे सामने थे, ले कन उनक आख बंद
थ ।
‘अपनी आख बंद करो?’
‘ठीक है,’ मने कहा और अपनी आख फर बंद कर ल ।
‘तुम रात को य जागते रहते हो?’
म चुप रहा ।
‘ या तु ह सोने म लंबा समय लगता है?’ उ ह ने मुझे कु रे दते ए पूछा ।
‘ही,’ मने कहा ।
‘ऐसा य होता है?’
‘कई कारण ह । काम है जो मुझे ब त पसंद नह । अन या से अपने संबंध क अिनि तता है । मेरे िपता ह ।’
‘िपता क वजह से या द त है?’
‘मामला ज़रा पेचीदा है,’ मने कहा ।
‘और उसक वजह से तु हारे दमाग़ पर ब त भारी बोझ है है ना?’
मने गहरी सांस भरी ।
‘बोझ को उतार दो,’ गु जी ने कहा ।
‘म ऐसा नह कर सकता । म करना नह चाहता । मने कभी इस बारे म कसी से बात तक नह क है ।’
‘म सुन रहा ं ‘गु जी ने कहा । वे आगे झुके और मेरे माथे पर अपनी हथेली रख दी । मने एक नए क म का
ह कापन महसूस कया । मुझे लगा जैसे म एक नई दुिनया म चला गया ं । जैसे मेरी आ मा का मेरी देह से नाता
ख़ म हो गया हो । ‘गु जी, मुझे वह सब बताने के िलए मजबूर मत करो मने लगभग िम त मांगते ए कहा । म वह
सब फर से याद करने के कारण हाने वाली तकलीफ़ से बचना चाहता था ।
‘सुनाओ, म सुन रहा ं ‘गु जी ने कहा ।
35
तीन साल पहले

िपता आधी रात को घर आए थे। म घंट से उनका इतंजार कर रहा था। मेरे पास समय नह था और मुझे उनसे
उसी रात बात करनी थी। उ होने हाथ लहराकर खाना खाने से मना कर दया और अपने जूते िनकालने के िलए
िल वंग म के सोफे पर बैठ गए।
‘डैड?’ मैने दबी ई आवाज़ म कहा। मैने शॉ स और एक सफ़े द टी-शट पहन रखी थी। टी-शट के कं धे पर एक
छोटा-सा छेद था।
‘ या है?’ वे मेरी ओर मुड़े।’ तुम घर म इसी तरह के कपड़े पहनते हो?’
‘ये मेरे नाइट लॉ स है ‘मैने कहा।
‘तु हारे पास का के नाइट लॉ स नह है?’
मैने िवषय बदल दया। ‘डैड म आपसे एक बात करना चाहता ।ं ’
‘ या?’
‘म एक लड़क को पसंद करता ।ं ’
‘ज़ािहर है तु हारे पास बरबाद करने के िलए ब त सारा समय है ‘उ हांने कहा।’ ऐसी बात नह है। वह ब त
अ छी लड़क है। एक आईआईटी ोफ़े सर क बेटी ।’
‘ओ तो अब जाकर पता चला क तुम आईआईटी म या कर रहे थे।’ ‘मैने ेजुएशन कर िलया है। मेरे पास
एक जॉब है। म एमबीए क तैयारी कर रहा ।ं ॉ लम या है?’
‘मुझे कोई ॉ लम नह है। बात तुम करना चाहते थे ‘उ होने मेरी ओर देखे िबना कहा।
‘लड़क के िपता उसे अपने साथ िवदेश ले जा रहे है। वे कसी और से उसक इं गेजमट कर सौ ’
‘ओह तो उसके िपता को यह र ता मंजूर नह है।’
‘नह ।’
‘ य ?'
म नज़र झुकाए खड़ा रहा। ‘मेरी और मेरे दो त क उनसे कु छ ॉ लम हो गई थी |’
कस तरह क ॉ लम? िडिसि लनेरी इशूज़?
‘हां,’ मन कहा।
‘शॉ क़ग ।एक आम ऑ फसर के बेटे के साथ िडिसि लनेरी इ चू थे। मैने जो भी नाम कमाया था, तुमने िमट् टी
म िमला दया।’
‘वे सारे इशूज़ अब पुराने हो गए है।’
‘तो फर उ ह भला या सम या है? तु हारी मां इस बारे म जानती है?’
‘हां,’ मैने कहा।
‘उसने मुझे य नह बताया? किवता! ‘वे ज़ोर से िच लाए।
मां गहरी न द म सोई ई थ । आवाज़ सुनकर वे बाहर चली आ ।’ या आ?’ ‘मुझे इस लड़क के बारे म
पहले य नह बताया गया?’ उ हांने चीखते ए ‘३-, अ कु छ ह त पहले ही बताया,’ मां ने कहा।
‘और तुमने ये बात मुझसे छु पाई, िबच ‘पापा ने कहा।
‘मां से इस तरह बात मत कर,’ मैने तपाक से कहा। म और भी ब त कु छ कह जाता, ले कन उस दन मुझे
उनक ज़ रत थी।
मां क आंखो से आसू छलक आए। मामला िबगड़ता ही जा रहा था।
‘डैड लीज़। मुझे आपक मदद क जु रत है। य द आप उसके िपता से िमल तो वे मेरे बारे म फर से िवचार
कर सकते है।’
‘म भला कसी से य िमलूं?’ उ ह ने कहा। ‘ य क म उस यार करता ं और उससे दूर नह होना चाहता।’
‘ यार नह , तुम बहके ए हो।’
‘रहने दो श। ये नह सुनगे? तुमने देखा ना ये मुझसे कस तरह बात करते है। तु ह पता नह जब तुम
हो टल म थे, तो मैने यहां कै से दन गुजारे ।’
मेरे िपता मां क ओर बड़े और उ ह मारने के िलए हाथ उठाया। मैने मां को अपने पीछे ख च िलया।’ नह ,
ऐसा मत करना,’ मैने कहा।
‘तुम मुझे रोकने वाले कौन होते हो?’ उ हांने मेरे गाल पर ज़ोर से तमाचा जड़ा, मै डाय नंग म चेयर पर बैठ
गया।
‘हम छोड़ दो और यहां से चले जाओ। आप यहां आए ही य ?’ मां ने िपता के हाथ जोड़ते ए कहा।
‘हाथ मत जोड़ो मॉम ‘मैने कहा। मेरा गला ँ धा आ था और म अपने आंसु को पीने क कोिशश कर रहा
था। मेरे िपता एक बार पहले मेरे आसु के िलए मेरा मज़ाक़ उड़ा चुके थे। उनके मुतािबक के वल कमज़ोर लोग ही
रोते है।
‘ज़रा इसक आवाज़ तो सुनो, लड़ कय सरीखी,’ िपता ने मेरा मखौल उड़ाते ए कहा। फर उ होने मुझे
मृणाभरी नज़र, से देखा और चेज करने बाथ म म चले 1
सो जाओ, बेटा,’ मां ने कहा।
‘वे अगले ह ते उसे यहां से भेज रहे है ‘मैने कहा।
‘तुमने भी अपने आपको कस लड़क के फे र म उलझा िलया? अभी तु हारी उ ही या है ‘मां ने कहा।
‘म उससे कल ही तो शादी नह कर रहा ं ना?’
‘वो पंजाबी है?’ मां ने पूछा।
‘नह ?’ मैने कहा।
‘ या?’ उ ह मेरी बात सुनकर इस तरह झटका लगा, मानो मैने कह दया हो क वह लड़क इसान ही नह है।
‘आप बस एक बार उसके िपता से िमल लीिजए?’
िपता बाथ म से िनकले। उ हांने मेरे अितम श द सुन िलए थे।’ तुम कह भी जाने क िह मत मत करना,
किवता,’ उ हांने कहा। उनक आंखो से अंगारे फू ट रहे थे। मैने उ ह घूरकर देखा।
‘अपने कमरे म जाओ,’ उ हांने कहा।
म अपने िब तर पर चला आया। मॉम और पापा के कमरे से आवाज आ रही थ ।
म सो नह पा रहा था। म उठा और उनके कमरे क तरफ़ चला गया। म ईतन?◌ाई? ब? र उ ह झगड़ते ए
सुन चुका था क अब मुझे इसक यादा परवाह नह होती थी, फर भी उस दन म उनक बात सुनने क कोिशश
कर रहा था। मैने उनके दरवाज़े पर अपना कान लगा दया।
‘वह बड़ा हो रहा है ‘मां ने कहा।
‘ले कन गलत वे यूज के साथ। वह लड़ कय के बारे म अभी भला या जानता है? वह मेरा बेटा है वह
आईआईटी से है देखना सही व त आने पर म उसके िलए या करता ।ं ’
यही सच था। पापा के तमाम उसूल के बावजूद म उनके िलए एक ॉफ से बढ्कर कु छ नह था, िजसे वे
बाजार म सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेच देना चाहते थे।
‘उसक गलत परव रश के िलए तुम िज मेदार हो,’ वे मॉम पर िच लाए। मैने एक िगलास के दीवार से
टकराकर चूर-चूर हो जाने क आवाज़ सुनी।
‘मेरा या कसूर है? म तो इस लड़क के बारे म जानती तक नह थी... '
चट् वह,.. पापा के तमाच ने मां को आगे बोलने न दया। म दरवाज़ा खोलकर भीतर घुस गया। मैने देखा क
मां अपने चेहरे को हाथ से ढांके ए थ । कांच का एक टु कड़ा लग जाने के कारण उनक बांह से खून िनकल रहा था।
पापा मेरी ओर मु ।े ’ तुमम कोई मैनस नह है या? तुम न क नह कर सकते ??? आप मुझे मैनस िसखाने क
कोिशश मत क िजए,’ मैने कहा।
‘दफा हो जाओ यहां से ‘उ हांने कहा।
मैने देखा क मां क आंखो से आसू बह रहे है। मेरा चेहरा गु से से तमतमा गया। वे िपछले प ीस साल से यह
सब बदा त करती आ रही थ । और म जानता ं य : मुझे पाल-पोसकर बड़ा करने के िलए। मुझे पता नह उ हांने
ऐसा कै से कया।
पापा ने मुझे मारने के िलए अपना हाथ उठाया। मैने िबना जाने-बूझे उनक कलाई कसकर पकड़ ली।
‘ओ तो अब तुम अपने बाप पर भी हाथ उठाना चाहते हो,’ उ हांने कहा।
मैने उनक बांह मरोड़ दी।
‘उ ह छोड़ दो। इससे वे बदल नह जाएंगे,’ मां ने हांफ़ते ए कहा।
मैने उनक बात सुनकर िसर िहला दया। म अपने िपता को घूरकर देख रह था। फर मैने उ ह एक तमाचा
जड़ दया। एक बार, फर दूसरी बार। फर मैने अपनी अंगुिलय को भीचेकर मु ा बनाया और उनके चेहरे पर ज़ोर
से एक पंच मार दया।
मेरे िपता शॉ छ रह गए। वे जवाबी हमला भी न कर पाए। उ ह इसक उ मीद नह थी। बचपन से लेकर अब
तक घर म उनका दबदबा रहा था और हम इस वजह से कई मुसीबत उठानी पड़ी थ । आज बात के वल टू टे शीशे क
ही नह थी, बात यह भी नह थी क म िजस लड़क को यार करता था, वह अब हमेशा के िलए मुझसे दूर हो
जाएगी। यह दो दशक के बुरे बरताव क ित या थी। या कम से कम म अपने बचाव म यही कह सकता ं यो क
आप अपने िपता पर हाथ उठाने के िलए और कौन-सी सफाइयां पेश कर सकते है? उस वका म ख़द को रोक नह
पाया। म उनके िसर पर तब तक मु े जमाता रहा, जब तक क वे फ़श पर न िगर पड़े मुझे याद नह आता इससे
पहले म कब इतना िहसंक हो गया था। म मन लगाकर पढ़ाई करने वाला लड़का था, जो जीवन भर कताब से
िचपका रहा था। ले कन आज शायद यह क़ मत क ही बात थी क घर म कोई बंदक ू नह थी। पांच िमनट बाद मेरा
यह पागलपन ख़ म हो गया। मेरे िपता ने मुझसे नज़र नह िमला; वे फ़श पर बैठे रहे और अपनी उस बांह को
मसलते रहे, िजसे मैने मरोड़ दया था। उ हांने मां को घूरते ए देखा, मानो कह रहे ह : ‘देखा, मैने कहा था ना?’
मां िब तर पर बैठी थ और अपने ज ात पर क़ाबू पाने क कोिशश कर रही थ । हमने एक-दूसरे क ओर
देखा। हम एक प रवार का िह सा थे ले कन वह प रवार िबखर रहा था। मैने एक झाडू उठाई और कांच के टु कड़ को
एक अख़बार म समेट िलया। मैने अपने िपता क ओर देखा और कु सम खाकर कहा क आज के बाद म उनसे कभी
बात नह क ं गा। मैने कांच के टु कड़ वाला अख़बार उठाया और कमरे से बाहर चला गया।
36
‘बस इतना ही, गु जी,’ मने कहा । मेरे चेहरे पर बनी मू. क लक र अब सूख चुक थ ।
‘मने इससे पहले कभी कसी से इतना शेयर नह कया ।’
समु म लहर के थपेड़ क आवाज़ सुनी जा सकती थी । समु क लहर मेरे जेहन म मंडरा रहे िवचार क
ही तरह थ ।
‘अपनी आख खोल दो गु जी ने कहा ।
मने धीमे-धीमे अपनी पलक उठा ।
‘आओ, पीछे बा कनी है, हम वहां चलते ह गु जी ने कहा ।
म उनके पीछे-पीछे चला आया । बा कनी घर के िपछले िह से म थी । सूय क तिपश के बावजूद समु ी हवा
ठं डक का अहसास दे रही थी । वहां दो टू ल रखे थे । म उनम से एक पर बैठ गया । वे भीतर गए और दो िगलास
और एक कताब के साथ लौटे ।
‘यह ना रयल पानी है । और यह है गीता । तुम गीता के बारे म तो जानते हो ना?’ ‘ही,’ मने कहा,’ थोड़ा-
ब त ।’ मने एक घूंट ना रयल पानी िपया ।
‘ या जानते हो?’
‘यही क यह ब त अ धृत कताब है । इसम जीवन के बारे म सभी समझदारी भरी बात समाई ई ह । कम
कए जाओ, ले कन फ़ल क इ छा मत करो । राइट?’
‘तुमने गीता को पड़ा है?'
कु छ-कु छ । अ छी कताब है ले कन ज़रा... '
‘बो रं ग है?’
‘ए चुअली, नह , बो रं ग तो नह । ले कन हर चीज़ पर गीता के उपदेश को लागू करना ज़रा क ठन है ।’
‘म तु ह के वल एक श द देता ं िजसे तु ह अपने जीवन पर लागू करना होगा ।’
या?
मा ।
‘मतलब? आप चाहते ह क म अपने िपता को माफ़ कर दूं । म नह कर सकता ।’
‘ य नह कर सकते?’
‘ य क उ ह ने जो कु छ कया, वह ब त ग़लत था । उ ह ने मेरी मा का जीवन बबाद कर दया । उ ह ने मुझे
कभी बाप का यार नह दया ।’
‘म यह नह कह रहा ं क उ ह ने जो कु छ कया, ठीक कया । म इतना ही कह रहा ं क तुम उ ह मा कर
दो ।’
‘ य ?'
‘तु हारे अपने भले के िलए । मा कर देने से वह ि अ छा महसूस करे या न करे िजसे मा कया गया है
ले कन मा करने वाला ज़ र अ छा महसूस करता है ।’
म उनके श द के बारे म सोचने लगा ।
‘अपनी आख फर बंद करो गु जी ने कहा ।’ क पना करो क तु हारे िसर पर पोटिलया रखी ई ह । ये
पोटिलया गु से दुख और हार क ह । कै सा लग रहा है?’ ’ ब त भारी,’ मने कहा ।
‘अब एक-एक कर उ ह िसर से उतार दो,’ गु जी ने कहा ।’ क पना करो क तुम एक मोटा-सा लबादा पहने
ए हो और उसके बोझ तले दबे जा रहे हो । दूसर ने तु ह जो नुक़सान प च ं ाया, उसके िलए उ ह माफ़ कर दो । जो
कु छ आ, उसे भूल जाओ । तु ह आज जो बात परे शान कर रही है, वह है तु हारी आज क चंताएं, जो तु हारे िसर
पर रखे इस भारी बोझ के कारण उपजी ह । उसे उतार दो ।’
गु जी क बात अजीब थ ले कन म मन ही मन उनके ारा बताई बात का पालन करने से ख़द को रोक न
पाया । मुझे लगा जैसे मेरे िसर से कोई बोझ उतर गया हो ।
‘और ई र के सामने समपण कर दो,’ वे कहते रहे ।’ तु हारा कसी चीज़ या कसी ि पर कोई िनयं ण
नह है ।’
‘म समझा नह ,’ मने कहा ।
‘ या तु हारा अपनी िज़ दगी पर िनयं ण है? तु हारी िज़ दगी इस बात पर िनभर करती है क तु हारे शरीर
के भीतरी अंग सही तरह से अपना काम करते रह । ले कन तु हारा उन पर कोई िनयं ण नह है । य द तु हारे फे फ़ड़े
तु हारा साथ छोड़ द कडनी ३फ़े ल हो जाए या तु हारा दल धड़कना बंद कर दे तो सब कु छ ख़ म हो जाएगा । तुम
यह इसी व त नीचे िगर पड़ोगे और तु हारी जान चली जाएगी । ई र ने तु ह जीवन का उपहार दया है इसे उ ह
को सम पत कर दो ।’
उ ह ने मुझे अगले कु छ और िमनट तक यान क ि थित म रखा ।
‘और अब, तुम जहां चाहे वहां जा सकते हो,’ गु जी ने मु कराते ए कहा ।
मने आख खोल । दोपहर क तेज़ धूप गु जी के चेहरे पर चमक रही थी । वे भीतर गए और एक छोटा-सा
याला ले आए िजसम जुरा-सी भ म थी । उ ह ने अपनी तजनी उसम डाली और मेरे माथे पर टीका लगा दया ।
‘ध यवाद,’ मने कहा । उ ह ने मेरे िसर पर हाथ रखकर मुझे आशीवाद दया ।
‘तु हारा वागत है उ ह ने कहा ।’ मुझसे और कसी मदद क ज़ रत है?'
‘ही, होटल ला ओ रयंट कस तरफ़ है?'
‘अ छा, यह वाली मदद,’ गु जी ने हँसते ए कहा,’ वह रयू रो यौ रोल पर है । यहां से एक कलोमीटर दूर
।’
म चार बजे ला ओ रयंट प च ं ा । -ऐस पर अन या मेरा इं तज़ार कर रही थी । वह होटल एक हे रटेज िब डंग
थी, िजसका रनोवेशन कया गया था । जब प िडचेरी ांसीिसय का उपिनवेश आ करता था तब यह िब डंग
िश ा िवभाग का द तर आ करती थी । ला ओ रयंट के भीतरी खुले गन म एक छोटा-सा रे टोरट था । हमने कॉफ
के साथ ही जंजर के क क एक लाइस और क टड साँस ऑडर कया ।
‘यह जगह यारी है ना?’ अन या ने गहरी सांस लेते ए कहा ।
मने िसर िहला दया । म अब भी सोच म डू बा आ था ।
‘तो, बताओ तुमने या कया? और तुमने अपने माथे पर यह टीका य लगा रखा है?'
‘मने अपने िपता पर हाथ उठाया था ।’
या?
‘ब त समय पहले । तु ह याद है ना, म कै पस म हर बार अपने िपता के बारे म बात करने से कतराता रहता
था?’
‘ही, और इसीिलए मने उसके बाद कभी तुम पर ज़ोर नह डाला क तुम मुझे अपने िपता के बारे म बताओ,’
उसने कहा ।’ ले कन तुम या कह रहे हो?’
मने उस रात क कहानी एक बार फर दोहरा दी ।
वह हैरत से मेरा मुंह ताकती रह गई ।
‘ओह िडयर, मुझे नह पता था तु हारे पैरट् स के बीच ऐसी ॉ लम है ।’
‘मने ही तु ह कभी नह बताया । इट् स फ़ाइन ।’
‘तुम ठीक तो हो ना?’ उसने कहा और मुझे पकड़ने के िलए अपना हाथ आगे बढ़ाया ।
‘ही, म ठीक ं । और मेरी एक गु जी से भट ई िज ह ने मुझे एक अ छी सलाह दी ।’
‘ या? कौन-से गु जी, कौन-सी सलाह?’ अन या ने कहा ।
‘गु जी को तो म नह जानता । ले कन इससे कोई फ़क भी नह पड़ता । कभी-कभी िज़ दगी म ऐसा होता है
क हमारी कसी ऐसे ि से मुलाकात होती है या हम कोई ऐसी बात सुन लेते ह, जो हम सही रा ता बता देती है
। फर वह सलाह हमारे िलए सबसे अ छी सलाह बन जाती है । हो सकता है, जो बात हमसे कही गई हो, वह
िब कु ल कॉमन सस क हो, ले कन वह हम इतनी ती ता से बताई जाती है क वह हमारे भीतर क कसी चीज़ से
टकराकर एक गूंज क तरह लौट आती है । वह
कोई नई बात नह होती है, ले कन चूं क वह हमसे जुड़ी ई होती है, इसिलए हमारे िलए वह ब त मायने
रखती है ।’
मने ये सारी बात कु छ इस इं टिसटी से कही क अन या को चंता होने लगी ।
‘तुम ठीक तो हो ना, बेबी? मुझे तु ह अके ला नह छोड़ना था ।’
‘म ठीक ं । मुझे खुशी है क मेरे पास इतना समय था । अब म बेहतर महसूस कर रहा ं ।’
‘आई लव यू ‘उसने मेरे चेहरे पर उड़ आई मेरे बाल क एक लट को सहलाते ए कहा ।
‘आई लव यू टू ‘मने कहा और उसके हाथ को मजबूती से जकड़ िलया ।
हमारा ऑडर आ गया । उसने के क को दो भाग म काटा और एक एक िह सा मेरी ओर बढ़ा दया । म अब
बातचीत का िवषय बदल देना चाहता था । उसने मेरे मन क बात समझ ली ।
‘तो मुझे इस िसटीबक इवट के बारे म बताओ । तुमने बताया था उसम एक कं सट होगा ।’
‘ही,’ मने कहा,’ ले कन के वल घइं ट्स के िलए ।’
‘मुझे आने क इजाज़त है?’
‘ऑफ़ कोस, म तु हारी फ़ै िमली के िलए पास का इं तजाम करवा दूंगा ।’
‘कं सट म कौन परफ़ॉम कर रहा है?'
‘एसपी बालासु मिणयम, ह रहरन और...’ म क गया ।
‘वॉव, ये तो ब त बड़े नाम ह । तीसरा कौन?’
‘एक नया संगर ।’
‘कू ल, आई एम योर मॉम और डैड को वहां जाकर ब त अ छा लगेगा ।’
मने िसर िहला दया । कॉफ क कु छ चुि कयां लेने के बाद मने कहा,’ अन या, मने अपनी ओर से काफ़
कोिशश कर ल । अब म लौट जाना चाहता ं ।’
मने उसे अपनी मां से ई बात के बारे म बताया, िजसम उ ह ने मुझे द ली ांसफ़र करवा लेने को कहा था ।
‘तुम कहना या चाहते हो?’ उसने दूध से मेरे मुंह पर बन आई को प छते ए कहा ।
‘म पूरी िज़ दगी चे ई म काम नह कर सकता । म कु छ और ह ते इं तज़ार क ं गा और फर तु हारे पैरट् स को
कह दूंगा क वह तु हारे िलए मेरे बारे म सोचना शु कर द ।’
‘कु छ ह ते? और उ ह ने ना कह दया तो?’
‘तब जो होगा, देखा जाएगा। वैसे भी अब मने सब कु छ ई र को सम पत कर दया है।’
‘ या?’
‘कु छ नह । छोड़ा इसे। म अंधेरा होने से पहले यहां से चल देना चाहता ।ं ’ मने अपना हेलमेट उठा िलया।

Downloaded from Ebookz.in


37
‘आंटी, आपको परे शान करने के िलए सॉरी, ले कन कं सट अगले ह ते है,’ मने फ़ोन पर कहा।
मने दोपहर को ऑ फस से अन या क मां को फ़ोन लगाया था। अख़बार के िव ापन क िडज़ाइन मेरे दमाग़
म थी।

िसटीबक ायट ब कं ग अपने लाइं ट्स को फशरमै स कोव पर एक मन मोह लेने वाली यूिज़कल शाम के िलए
िनमंि त करते ए ब त खुशी का अनुभव कर रहा है।
फ़ च रं ग द गज कलाकार:
एसपी बालासु मिणयम
ह रहरन
और यू टैलट, राधा
कं सट के बाद िडनर होगा।
के वल आमंि त के िलए।
(पास के िलए अपने क टमर र ेज़टे टव या कसी भी ांच से संपक कर।)
नोट: कं सट से पहले अकाउं ट खुलवाने वाले यू अकाउं ट हो डस को भी िनमंि त कया जाएगा।

मुझे यह आिखरी लाइन ब त ख़राब लग रही थी, ले कन बाला चाहता था क इसे एड म ज़ र रखा जाए।
‘हैलो, आंटी? यू देयर’ मने कहा।
‘तुमने भी मुझे कहां फं सा दया?’ अन या क मा ने अपना दुखड़ा रोते ए कहा।
‘आप ैि टस कर रही ह ना?’
‘हाँ, ले कन...’
‘ले कन या? आपने कहो ना यार है का कोई गाना तैयार कया? आजकल उसके गाने ब त चल रहे ह,’ मने
कहा।
‘हां, कया है। फ मी गाने आसान होते ह। चंता क असल वजह है... मेरा का फडस।’
‘सब ठीक हो जाएगा। आज म अख़बार म एड दे रहा ।ं उसम नाम भी होगा, ले कन आपका सरनेम नह
होगा, जैसा क आपने कहा था। यह एड संडे को छपेगा, िजस दन कं सट है।’
‘नह , नह , मेरा नाम मत दो। य द म नही आई तो?’ उ ह ने ज़रा घबराते ए पूछा।
‘ठीक है। चे ई म कई राधा ह। कसी को भी पता नह चलेगा क कौन-सी वाली राधा का नाम एड म था,’
मने कहा।
‘मेरी वजह से तु ह नीचा देखना पड़ेगा,’ उ ह ने कहा।
‘नह , ऐसा नह होगा,’ मने कहा।
‘एड म से मेरा नाम कब तक हटाया जा सकता है?’
‘शिनवार। ले कन लीज़, नाम वापस लेने के बारे म मत सोिचए,’ मने कहा।
‘ओके , म तो बस जानना चाह रही थी,’ उ ह ने कहा।
‘फ़ाइन, और इक पल का जीना वाले गाने क अ छी ैि टस करना। अभी यह गाना चाट म नंबर वन बना
आ है,’ मने कहा।

‘मने कहा था ना क मेरा नाम मत देना,’ अन या क मां ने रिववार क सुबह छह बजे फ़ोन करके कहा।
‘आपने अभी से एड देख िलया?’ मने आख मलते ए कहा। फर मने हो टल के -एं स डोर के नीचे से द हंद ू
उठाया और संडे स लीमट मे ो लस खोला।
‘हां, मने देख िलया,’ उ ह ने फु सफु साते ए कहा।’ यह या है?’
उ ह ने तब फ़ोन लगाया था, जब अंकल नहाने गए थे। अन या अभी उठी नह थी और मंजू अपने सबसे अ छे
दो त फिज स, के िम ी और मै स के साथ अपने कमरे म था।
‘म आपका नाम नह हटवा पाया,’ मने कहा और एक मनगढ़ंत कहानी सुनाने लगा,’ अख़बार ने मुझे बताया
क मे ो लस दो दन पहले ेस म चला जाता है। एक रात पहले तो के वल मेन पेपर म ही चज कया जा सकता है।’
‘तो, अब हम या कर?’
िपछली सुबह उ ह ने मुझे फ़ोन कर उनका नाम हटवाने को कहा था, ले कन मने अख़बार को कोई भी बदलाव
करने को नह कहा।
‘कु छ नह , हम कह दगे क राधा जी बीमार पड़ ग ,’ मने कहा।
वे चुप रह । ‘इससे ऑ फस म तु हारा नाम ख़राब होगा ना?’ कु छ देर बाद उ ह ने पूछा।
‘हाँ, होगा तो, ले कन पहली बार नह । म मैनेज कर लूंगा। एनीवे, आप सभी कं सट म आएंगे ना?’ मने कहा।
‘ओके सुनो, य द मुझे परफ़ॉम करना हो तो मुझे कब और कहां प च ं ना होगा?’ मेरा दल तेजी से धड़कने
लगा। वे गाने का मन बना रही थ । ‘आंटी, सब कु छ अ छी तरह से ऑगनाइज़ कया गया है। कं सट गाडन के पास म
ही एक म है जो हमारा ीन म होगा। कं सट से तीन घंटे पहले यानी शाम चार बजे तक वहां प च ं ना है। ओके ?’
‘ठीक है,’ उ ह ने कहा।
‘थ स आंटी,’ मने कहा।
‘थ स तो मुझे तु ह कहना चािहए। मने अभी तक घर म कसी को बताया नह ।’
‘गुड, बस कोई बहाना बनाकर घर से िनकल जाइएगा। सी यू।’
38
‘म इनम से कौन-सी पहनूं?’ अन या क मां ने पूछा। िजस कॉटेज को हमने ीन म बना दया था, वे उसम एक
कं गसाइज़ िब तर पर बैठी थ । मेक-अप आ ट स, साउं ड इं जीिनयस और ह रहरन और एसपी के टाफ़ मबस
पहले ही प च ं चुके थे। दोन मु य गायक काय म शु होने से थोड़ी देर पहले ही प च
ं ने वाले थे। ले कन आंटी
ज दी आ गई थ । उ ह ने मुझे तीन कांजीवरम िस क सािड़यां दखाते ए मुझसे पूछा क उ ह इनम से कौन-सी
साड़ी पहननी चािहए।
‘सभी ख़ूबसूरत ह,’ मने कहा।
पहली साड़ी पपल और गो ड, दूसरी येलो और गो ड और तीसरी ऑरज और गो ड रं ग क थी।
‘टच-अप, मैडम?’ मेकअप मैन अन या क मा क ओर आया।
‘अब मुझे यहां से चलना चािहए,’ मने कहा। हालां क मेरे इद-िगद आधा दजन लोग थे, ले कन इसके बावजूद
मुझे अपनी होने वाली सासु मां को म कारा लगाते देखकर अजीब-सा लग रहा था।
‘म इतनी तनाव म ं क म सही का चयन ही नह कर पा रही ,ं ’ उ ह ने माथे से पसीना प छते ए कहा।
मेक-अप मैन ने अन या क मां के गाल पर फ़ाउं डेशन लगाया। मने कोिशश क क म उधर ना देखूं।
‘ऑरज वाली साड़ी लीिजए, वह ब त अ छी और चमकदार है।’
‘यह मेरी वे डंग साड़ी है। उस दन के बाद से आज तक मने इसे न के बराबर पहना है।’
‘आज का दन भी तो ब त खास है।’
‘पपल कै सी रहेगी? '
‘वह भी ब त ख़ूबसूरत है मने कहा।
मेक-अप मैन ने आंटी के माथे पर वाटर े कया और उसे प छ दया।
‘म बाहर ।ं टेज पर िमलते ह।’
उ ह ने आंख बंद कर ल और ाथना क मु ा म हाथ जोड़ िलए।
म खाने का इं तजाम देखने के िलए बाहर आया। शाम छह बजे मने अन या को फ़ोन लगाया, ता क वे सही
समय पर वहां से रवाना हो सक।
‘तुम तो अब मेरी जान ही ले लोगे,’ अन या ने कहा।
‘ य ?’ मने पूछा।
‘मॉम नह आ रही ह।’
‘ य ?’ मने नाराज़गी ज़ािहर करने क कोिशश करते ए पूछा।
‘उ ह ने कहा क ित कु डयूर म मेरी नानीमी बीमार पड़ गई ह और लंच के बाद वे वहां चली ग ।’
‘ये ित कु डयूर कहा है? '
‘चे ई से छह घंटे का सफ़र है। वे कं सट म नह आ पाएंगी।’
‘और तुम लोग?’
‘हम लगभग तैयार ह। म मॉम क ऑरज कांजीवरम साड़ी पहनना चाहती थी, ले कन वह मुझे कह िमल ही
नह रही। आई होप, उ ह ने वह साड़ी गुमा न दी हो। वे उसे अपने साथ तो नह ले गई ह गी, य क जहां वे गई ह
वहां वह साड़ी पहनने का कोई मतलब नह है।’
‘अन या, ज दी करो नह तो अ छी सीट नह िमलगी,’ मने कहा।
‘ओके , ओके , बाय,’ उसने कहा और फ़ोन रख दया।

बाला शाम साढ़े छह बजे कं ी मैनेजर अिनल माथुर के साथ आया। अिनल मुंबई से उड़ान भरकर यहां प चं ा था।
बाला ने बंदोब त कया था क एक मस डीज़ गाड़ी अिनल को सीधे वे यू तक ले आए। बाला उसके साथ कु छ इस
तरह िचपका आ था, जैसे तिमल फ म म िवलेन के साथ उसके गुग िचपके ए होते ह। वह उ ह पूरा अरजमट
दखा रहा था और पूरे काय म का े िडट खुद लेने क कोिशश कर रहा था।
‘और ये रहा बार। और देिखए उसके पीछे िसटीबक का बैनर है। आज मने द हंद ू म ब त बड़ा एड भी दया
है। चे ई का नंबर वन यूज पेपर,’ बाला ने कहा।
मने बाला को ीट कया, ले कन वह मुझे नज़रअंदाज़ कर आगे बढ़ गया।
‘हे तुम तो वही इं टरनेट क गड़बड़ वाले हो अिनल ने मुझे पहचानते ए कहा।
‘गुड ईव नंग, सर,’ मने कहा। म बक म लूज़रडम का पो टर बॉय बन गया था।
‘तुम यहां इकलौते पंजाबी हो ना?’ वह हँस पड़ा। ‘मुझे लगता है यह सज़ा ही काफ़ है। य , बाला?’
बाला ने एक ठहाका लगाया, जब क वा तव म वह जोक उसके बारे म था। या शायद उसके शहर के बारे म।
‘ द ली जाने के बारे म सोच रहे हो?’ कं ी मैनेजर ने कहा।
‘म आपसे इस बारे म बात क ं गा, सर,’ मने कहा।
‘तुम पहले मुझे इस बारे म बताना,’ बाला ने आिखरकार मेरी तरफ़ यान देते ए कहा।
‘म इसक मदद क ं गा सर।’
कं ी मैनेजर ने मेरा कं धा थपथपाया और आगे बढ़ गया।
अन या सवा सात बजे पर अपने िपता और भाई के साथ आई। ‘हम देर तो नह हो गई?’ उसने हांफते ए
पूछा। उसने एक शानदार िशफ़ॉन साड़ी पहन रखी थी,
िजस पर बारीक़-सी िस वर बॉडर थी। उसने िस वर का नेकलेस और मै चंग ईयर रं स पहन रखी थ ।
‘हां, ले कन कं सट अभी शु नह आ। आओ,’ मने कहा। म गाडन म लगी अनेक राउं ड टेबल म से एक पर
उ ह ले गया। मने एक ऐसी टेबल का चयन कया था, जो टेज के क़रीब हो।
‘खाना इधर है, और अंकल बार उस तरफ़ है,’ मने कहा।
‘म ड़ंक नह करता,’ अंकल ने अन या क ओर देखते ए कहा।
‘ योर,’ मने कहा।
सभी अठारह टेबल क भी दस सीट ज द ही लाइं ट्स से भर ग । हर टेबल पर एक या दो बक एजट अपने
लाइं ट्स के साथ बैठे थे। मने अन या के प रवार को उस टाफ़ टेबल पर बैठाया था, जो मु यत: चे ई के जूिनयर
िसटीबकस के िलए थी। बाला और कं ी मैनेजर क अलग टेबल थी और वे हमारे सबसे बड़े लाइं ट्स के साथ बैठे थे।
ऐसे लाइं ट्स, िजनक संपि पाँच करोड़ या इससे भी अिधक थी। मुझे इन लाइं ट्स पर तरस आ रहा था। सच क ं
तो म ऐसा अमीर नह होना चाहता था, िजसे सीिनयर बकस के साथ बैठकर िडनर करने क तकलीफ झेलनी पड़े।
साढ़े सात बजे ब ी म म हो गई। राउं ड टेबल पर हो रही गपशप बंद हो गई। बाला टेज पर आया। उसने
सूट के नीचे म कलर क चमकदार िस क शट पहन रखी थी और उसे देखकर लग रहा था मानो वह कोई ेनी
दलाल हो।
‘वेलकम एवरीवन, या शानदार शाम है! मेरा नाम है बाला, ायट ब कं ग ुप का रीजनल मैनेजर,’ उसने
कहा और अपने चेहरे से पसीना प छा।
‘तु हारा बॉस?’ अन या ने मेरे कान म फु सफु साते ए पूछा।
मने िसर िहलाकर हां कहा।
‘उसक शट तो देखो।’
‘ श,’ मने कहा। मंजू और अन या के िपता यान से बाला को सुनते रहे।
‘म एक पेशल पसन को टेज पर बुलाना चाहता ं ‘बाला ने कहा।
लोग ने तािलयां बजानी शु कर दी, य क उ ह लगा क ह रहरन या एसपी म से कोई टेज पर आने वाला
है।
‘ लीज़ वेलकम िम टर अिनल माथुर, कं ी मैनेजर एंड एमडी, िसटीबक इं िडया।’ लोग ने एक साथ िनराशा
के साथ आह भरी।
अिनल टेज पर आया और उसे यह महसूस हो गया क कसी को भी उसक परवाह नह थी। उसने एक जोक
सुनाने क कोिशश क । ‘हैलो एवरीवन, भला
कसने सोचा था क हमारे कु छ सबसे बड़े लाइं ट्स डोसा और इडली क धरती के ह गे?’
लोग इतने चुप हो गए क समीप के समु तट क लहर क आवाज़ सुनाई देने लगी। अन या ने शॉ ड होकर
मेरी ओर देखा। मने कं धे उचका दए। उस पर मेरा कोई िनयं ण नह था।
अिनल समझ गया क उसका जोक टांय-टांय- फ स हो गया है। उसने अपने बचाव के िलए कहा,’ यू सी, बॉ बे
म इडली और डोसा को संपल ै स माना जाता है।’
‘यह तो पूरा बेड़ा गक कए जा रहा है,’ अन या ने कहा।
‘हां, गनीमत है क उसे के वल पाँच िमनट ही बोलना है।’
अिनल समझ गया क उसका सस ऑफ़ ाूमर के वल उ ह लोग पर कारगर रहता है जो उसके नीचे काम
करते ह। िलहाज़ा उसने फ़ौरन वह करना शु कर दया, जो बकस सबसे अ छी तरह से कर सकते ह : बो रं ग
पॉवरपॉइं ट लाइड ेजट करना।‘तो देखा आपने, जब हम चे ई आए थे तब हमने एक छोटे-से कदम से शु आत क
थी और आज हम एक वटवृ बन गए ह। हम एक छोटी-सी इडली से पेपर डोसा बन गए ह,’ अिनल ने अपने हाथ से
दोन िडश का आकार बनाते ए कहा।’ लीज़, कोई जाकर इसको चुप कराए,’ अन या ने दुखी मन से कहा।
‘हम इसको चुप नह करा सकते। यह सबसे बड़ा बॉस है मने कहा।
अिनल ने अपनी पीच ख़ म क और टाफ़ ने जोर से तािलयां बजाई। दो रसच एनािल स टेज पर आए
और कां फडस के साथ अगले दस साल के लोबल कॉप रे ट आउटलुक के बारे म बताने लगे, हालां क उ ह ख़द नह
पता था क वे या बोल रहे ह। लोग धैय से उनक बात ख़ म होने का इं तज़ार करते रहे।
‘य द हम मान क हमारी जीडीपी िवकास दर सात फ़ सदी तक प च ं जाएगी तो त वीर कु छ ऐसी नज़र
आएगी,’ एनािल ट ने कहा। कसी ने नह पूछा क हम य मान ल क िवकास दर सात फ़ सदी रहेगी। ले कन
एनािल ट के पास ब त सारे चा स थे और वह बताता रहा क वा तव म सात फ़ सदी िवकास दर के साथ या हो
सकता है।
ेजटेशन साढ़े आठ बजे ख़ म आ। बाला फर टेज पर आया। लोग अब बेचैन होने लगे थे।’ नह , अब और
नह ,’ लोग के मन म आए इस िवचार को लगभग सुना जा सकता था।
‘और अब, यूिज़क कं सट का संचालन करने के िलए म टेज पर बुलाता ं िमस टीएस ि मता को,’ बाला ने
कहा।
लोग ने तािलया बजाकर इस घोषणा का वागत कया। भारी-भरकम व वाली ि मता टेज पर आई।
उसने एक लो-कट लाउज़ पहन रखा था और िसटीबक के िलहाज़ से वह कु छ यादा ही लो-कट था।
‘वेलकम, लेडीज एंड जटलमेन,’ ि मता ने हाथ म माइक थामे कहा।’ आर यू है वंग अ गुड टाइम?’
कसी ने कोई र पांस नह कया।
‘इसने या पहन रखा है?’ अन या ने इस तरह पूछा क हमारी पूरी टेबल ने सुना और सभी खी-खी कर हँसने
लगे।
‘हां, उसने थोड़ी भड़काऊ ेस पहन रखी है,’ मने कहा।
‘उसक छाितय के बीच इतनी जगह है क वह माइक को वहां भी फं साकर रख सकती है। हड् स- ,’ अन या
ने मेरे कान म फु सफु साते ए कहा।
‘शट अप, अन या,’ मने अपनी मु कान को दबाते ए कहा।
‘आज हमारे िलए तीन टैलटेड संगस परफ़ॉम करगे,’ ि मता ने कहा। मेरा दल जोर से धड़कने लगा। ‘ऑफ़
कोस, हम सभी अपने द गज संगस का इं तज़ार कर रहे ह। ले कन हमारी पहली संगर ह, यू एंड -बेरी टैलटेड,
राधा। लीज़, टेज पर उनका वागत क िजए।’
लोग ने तािलयां बजा । म गदन उचकाकर टेज क ओर देखने लगा। अन या क मां अॅा रज साड़ी म टेज
पर आ ।
‘ये तो मॉम ह,’ सबसे पहले मंजू ने उ ह पहचाना और वह उठकर खड़ा हो गया।
39
‘ या?’ अन या के िपता भी खड़े हो गए।
अन या ने पहले टेज क ओर देखा और फर मुझे देखा।’ श, ये सब... ‘‘ श यान से सुनो,’ मने ह ठ पर
अंगुली रखकर उसे चुप कराते ए कहा। राधा ने हाथ म माइक िलया।
‘मॉम! ‘मंजू ज़ोर से िच लाया।
अन या क मां ने हमारी ओर देखा और मु करा द ।
‘आप हमारे िलए सबसे पहले या गाने वाली ह राधा?’ ि मता ने एक खास अदा के साथ पूछा।
‘ फ म कहो ना यार है का गीत इक पल का जीना,’ अन या क मां ने शमाते ए जवाब दया।
जैसे ही गीत का इं ो बजना शु आ, लोग ने तािलय क गड़गड़ाहट से उसका वागत कया।
राधा आंटी अ छा गा रही थ । मने देखा क कई लाइं ट्स के पैर िथरकने लगे थे या वे संगीत क धुन के साथ
िसर िहला रहे थे। तिमल न द म भी बता सकते ह कौन-सा संगर अ छा है, ठीक वैसे ही, जैसे पंजाबी पलभर म
बता सकते ह क अ छा बटर िचकन कौन-सा है। ोता म से कोई भी ऐसा नज़र नह आ रहा था, जो राधा आंटी
के गायन को सराह नह रहा हो।
‘राधा यहां तक कै से प च
ं ी?’ अन या के िपता ने शॉक से रकवर होने के बाद कहा।
‘ज़ािहर-सी बात है डैड, यह सब श ने अरज कया है। या आप अनुमान नह लगा सकते?’ अन या ने कहा।
‘उसने मुझे भी नह बताया,’ अंकल ने कहा ले कन उनक आख गव से चमक रही थ ।
‘मॉम कतना अ छा गा रही ह अन या ने मंजू से कहा। मंजू ने िसर िहलाकर हामी भरी और तरह-तरह के
ै स लेकर फे री लगाने वाले वेटस के पास प च ं गया। अन या आगे झुक और मेरे गाल पर एक प पी दे दी। उसके
िपता का यान हम पर नह गया, य क उनक आख टेज पर जमी ई थ । अलब ा कु छ एजट् स ने ज़ र यह देख
िलया। म झपते ए मु करा दया।
‘अन या, ये ऑ फस का इवट है मने फु सफु साते ए कहा।
‘ऑफ़ कोस, इसीिलए तो मॉम अभी टेज पर ह उसने अपने पैर से मेरे पैर के साथ खेलते ए कहा।
इसके बाद आंटी रजनीकांत क फ म का लेटे ट तिमल िहट गाना गाने लग । ोता का रोमांच और बढ़
गया। यह एक धीमा बैलेड था और इसे गाने के िलए आवाज़ के खासे उतार-चढ़ाव क दरकार थी। आंटी ने गीत के
एक मुि कल िह से को पूरी सफाई से गाया तो तािलय क गड़गड़ाहट गूंज उठी।
जैसे ही अन या क मां ने एक ही पंि म तीन स क बदले, अन या के िपता के मुंह से िनकल पड़ा,’ लवली,
यूटीफु ल!!’
अन या क मां ने इसके बाद चार और गीत गाए। हर गीत को ोता का भरपूर यार िमला।
ि मता फर टेज पर आई।
‘दैट वाज़ वंडरफु ल, राधा। और इससे पहले क आप टेज छोड़े, म हमारे अगले संगर िम टर एस पी
बालासु मिणयम को टेज पर बुलाना चा ग ं ी, जो आपके बारे म कु छ कहना चाहते ह।’
साउथ इं िडया के महानतम गायक म से एक एसपी के टेज पर प च ं ते ही ोता ने अपनी जगह पर खड़े
होकर उनका अिभवादन कया। राधा आंटी ने हाथ जोड़कर झुकते ए उ ह णाम कया।
एस पी ने कहा ‘गुड इव नंग, चे ई एंड थक यू िसटीबक। इससे पहले क म अपनी परफॉमस शु क ं म
राधाजी के अ भुत गायन के िलए उनक सराहना करना चाहता ।ं उ ह ने जो गीत गाए, वे पॉपुलर थे, ले कन मने
पाया क शा ीय संगीत पर राधाजी क अ छी पकड़ है। या आप अ सर गाती ह राधा? '
‘नह , इस तरह के काय म म यह पहली बार था।’
‘वेल, आपको और गाना चािहए। है ना, चे ई?’
सभी ने मेज़़ थपथपाते ए एसपी क बात का समथन कया। अन या क मां ने झुककर दशक का अिभवादन
वीकार कया। जब उ ह ने िसर उठाया तो उनक आख नम हो चुक थ ।
‘तो, आप आगे भी गाएंगी ना?’ एसपी ने राधा क ओर माइक बढ़ाते ए कहा।’ जी ही, म गाऊंगी। सर, म यह
भी कहना चाहती ं क आज मेरी िज़ दगी का सबसे खुशीभरा दन है। म आपके साथ टेज पर खड़ी ।ं ’
ोता ने तािलया बजा । राधा आंटी बड़ी मुि कल से अपने आसु को बहने से रोक पा और टेज से चली
ग ।
‘और मुझे लगता था क मां के जीवन का सबसे बड़ा खुशीभरा दन वह था, जब म ज मी थी,’ अन या ने
बुदबुदाते ए कहा। उसक तािलयां कने का नाम नह ले रही थ ।
शाम जवां होती चली गई और एसपी और ह रहरन ने अपनी आवाज़ के जादू से ोता को मं मु ध कर
दया। सभी के िलए वा तिवक शो क शु आत अब जाकर ई थी, ले कन मेरे िलए वा तिवक शो ख़ म हो चुका था।
दस िमनट बाद अन या क मां हमारे साथ टेबल पर थ ।
‘आपका गायन अ भुत था,’ समीप क एक टेबल पर बैठी एक मिहला ने अन या क मां से कहा।
अन या के िपता ने शमाते ए अपनी प ी क ओर देखा। एसपी फ म एक दूजे के िलए का गीत गा रहे थे :
तेरे मेरे बीच म। मने अन या क ओर देखा। हमारी कहानी इस फ़ म क कहानी से िमलती-जुलती थी, ले कन म
उ मीद कर रहा था क हमारी कहानी का अंत इस फ़ म क तरह न हो।
एक घंटे बाद बाला मेरी टेबल पर आया।
‘ श, मेरे साथ आओ। म तु ह मश र वेलर िम टर मु गु पा से िमलवाना चाहता ं ‘बाला ने कहा।
‘ या?’ मने कहा।
‘आओ तो वह दस करोड़ का एक अकाउं ट खुलवाना चाहता है। उसे िसटी के बारे म कु छ बताओ। मुझे अिनल
को ॉप करने एयरपोट जाना है।’
‘सर मेरे साथ मेरे मेहमान ह मने कहा। अन या ने मेरी दुिवधा को भाप िलया।’ इट् स फ़ाइन, हम मैनेज कर
लगे। िडनर उस तरफ़ है ना?’ अन या ने कहा।
‘ओह तो ये ही ह वो?’ बाला ने अन या क ओर मुड़ते ए कहा।
‘लेट्स गो, बाला,’ मने कहा।
म िम टर मु गु पा से िमला। पचासेक साल का एक थुलथुल आ मतु ि ।’ पंजाबी? तिमल इ ले?’ उसने
कहा और मुझे अपना काड दया।
‘तो आप ही वेलरी कं ग ह?’
‘ कं ग? कं ग नह एंपरर! चे ई म हमसे आगे कोई नह ।’
‘सर जहां तक आपके अकाउं ट का संबंध है कहते-कहते मने दूर से अन या के प रवार को देखा। वे हँसते-खेलते
िडनर कर रहे थे। अन या क मां को बधाई देने कई लोग आ रहे थे। मने सोचा क सही व त अब आ प च ं ा है।
‘िम टर मु गु पा, ए चुअली, शायद मुझे ही कु छ वेलरी क ज़ रत पड़ सकती है मने कहा और उ ह अपने
साथ िडनर टेबल पर ले आया।
40
‘ओह, मेरा भरोसा करो, वे उस दन के बाद से सातव आसमान पर ह। उ ह थ स कहने के िलए िडनर देने क कोई
ज़ रत नह है,’ अन या ने फ़ोन पर कहा।
हम अपने-अपने ऑ फस म थे। मने अन या के प रवार को िडनर पर िनमंि त कया था।
‘ले कन हमने तो उ ह कं सट के िलए पे भी नह कया। कम से कम म उ ह िडनर पर तो बुला ही सकता ं ‘मने
कहा।
‘तुम पहले ही ब त कर चुके हो,’ अन या ने कहा।
‘मेरा यक़ न करो, िडनर कु छ खास है मने कहा।
‘ रयली? या बात है?’
‘अगले शु वार रे न ी पर तु ह ख़द पता चल जाएगा। आठ बजे िमलते ह,’ मने कहा।

रे न ी रे टॉरट िब ी रोड पर ताज कॉनेमारा होटल म है। आउटडोर रे टॉरट पेड़ के एक शािमयाने तले था। पेड़ क
शाखा पर बि यां लगी थ और टेबल पर मोमबितयां सजी ई थ । एमेिथ ट के अलावा यह शहर क एक और
ऐसी जगह थी, जहां सुकून के पल िबताए जा सकते थे।
म एक आउटडोर टेबल पर अन या के प रवार के साथ बैठ गया। मेरी जेब गम थी।’ दस इज़ ट नंग,’ अन या
ने छोटी-छोटी बि य को देखते ए पूछा। उसने सफ़े द रं ग क पोशाक पहन रखी थी, िजस पर िसतारे थे। शाम के
धुंधलके म वे िसतारे चमक रह थे।
‘आप लोग इससे पहले यहां कभी नह आए?’ मने पूछा।
‘नह , हम यहां पहले कभी नह आए। है ना, डैड? '
अंकल ने िसर िहलाकर हामी भरी। वे हमारे सामने पि य के एक गु छे को िनहार रहे थे। वद म सजे-धजे
वेटस ने वेलकम ड़ंक के प म हमारे सामने ताजे पुदीने के साथ ना रयल पानी पेश कया। वह हमारी टेबल पर मेनु
काड छोड़ गए। यह रे तरां चेट्टीनाड फू ड के िलए जाना जाता था। फू ड का यह नामकरण तिमलनाडु के दि ण म
ि थत एक े के नाम पर कया गया था। चेट् टनाड फू ड अपने तीखे मसाल और ज़ायके के साथ ही नॉन-वेज क
लंबी रज के िलए मश र था।
‘सर, कॉकटेल के िलए म कोथाम ली मेरी रकमड क ं गा,’ वेटर ने कहा।
‘कोथा- हॉट?’ मने पूछा।
‘सर, यह लडी मेरी क तरह है टोमैटो जूस और वोदका, ले कन चेट् टनाड मसाल के साथ।’
मने अंकल क ओर देखा। अपनी धमप ी के सामने अ कोहल के िलए हामी भरने से वे िझझक रहे थे।
‘मुझे एक चािहए,’ अन या ने कहा।
अन या क मां ने उसे तीखी नज़र से देखा।
‘कम ऑन, के वल एक कॉकटेल,’ अन या ने कहा।
मने मेनु खोला। म िडशेस के लंबे-लंबे नाम का उ ारण नह कर पा रहा था। पेशल िडशेस म कु विप लई
येरा और कोिझ मेलगु चेट् टनाड शािमल थे। मने बाक़ के बारे म पढ़ने क जेहमत नह उठाई।
‘इस फू ड के बारे म आप अ छी तरह जानते ह लीज़ आप ही ऑडर क िजए,’ मने कहा।
अन या के पैरट् स ने अनेक बार मेनु को ऊपर से नीचे तक पड़ा।
‘यह तो ब त महंगा है,’ अन या क मां ने कहा।
‘इट इज़ फ़ाइन,’ मने कहा।’ अन या, लीज़।’
अन या ने मेनु िलया और सभी के िलए ऑडर कया। ऑडर म कोझाकट् टाई मसाला पिनयरम, अिवकल,
कं धार पम सीयम और अ ठरसम शािमल था। यक़ नन, मुझे कतई नह पता था क ये कौन-सी िडशेस थ और ये
कस साम ी से बनाई गई थ । मने सोचा क कम से कम उनम से एक तो खाने लायक होगी। वेटर ने हम यह भी
सुझाव दया क हम इिडया पम ऑडर कर। यह राइस नूड स था, िजसे कसी िचिड़या के घ सले के आकार म
बनाया जाता था।
‘आईआईटी क तैयारी कै सी चल रही है मंजू?’ वेटर के जाने के बाद मने पूछा।
‘गुड। म मयलापुर मॉक आईआईटी टे ट म दसव नंबर पर आया,’ मंजू ने कहा। मने िसर िहला दया।’ तो,
कोई और साइ नंग ऑफ़स?’ मने आंटी क ओर मुड़ते ए पूछा।
आंटी मु करा द ।’ मुझे श मदा मत करो। ही, ले कन मुझे एक नए गु जी ज़ र िमल गए, जो कना टक संगीत
को आधुिनक तरीक़े से िसखाते ह।’
म अन या के डैड क ओर मुडा।’ बक म काम कै सा चल रहा है, अंकल?
‘गुड, सब लोग आज भी तु हारे उस ेजटेशन के बारे म बात करते ह।’
खाना आ गया: मसालेदार, तीखा और लिज़ज़।
‘ दस इज़ ेट,’ मने मसाला पिनयरम को चखते ए कहा। यह िडश इडली क ही नाते- र तेदार थी, ले कन
उसका आकार गद क तरह गोल था और वह उससे अिधक वा द थी।
रे न ी टाफ़ एक ॉली ले आया, िजसम दस चटिनयां थ । हम उनम से अपने िलए चटिनयां चुननी थ ।
‘म कसम खाकर कहता ं द ली को एक बार यहां आकर इसे चखना चािहए। हम लोग अभी तक पनीर
मसाला डोसा से आगे नह बढ़ पाए ह मने इिडय यम के साथ एक च मच भर टमाटर-इमली चटनी लेते ए कहा।
‘तु ह यह अ छी लगती है? म इसे तु हारे िलए घर पर भी बना सकती ं ‘अन या क मां ने कहा।
मुझे महसूस आ क सही व त अब ब त क़रीब है। शायद मीठे के दौरान, मने ख़द से कहा। हमने मीठे के मेनु
पर नज़र दौड़ाई। अन या के िपता ने ना रयल आइ क म चुनी। साउथ इं िडयंस को ना रयल बेइंतहा पसंद है। हम
आइस म हरे ना रयल के गोले म ही परोसी गई।
‘सुपब,’ अन या के िपता ने कहा। मने इसे रे डी, गेट सेट गो के िस ल क तरह िलया।
‘म आपसे एक जु री बात करना चाहता ं ‘मने कहा।
अन या के िपता ने आइ क म खाते ए नज़र उठाकर देखा।
‘य द आपको इससे कोई परे शानी न हो तो?’ मने साथ म यह भी जोड़ दया। अंकल ने िसर िहलाकर हामी
भरी। अन या क मां ने अन या और मेरी ओर देखा।
‘मंजू तुम भी,’ मने कहा। उसने अपना चेहरा आइ क म बॉउल से इतना िसमटाकर रखा था क उसके च म
पर आइ क म लग गई थी।
सभी का यान मेरी ओर था।’ हाय,’ मने गला साफ़ कया। ‘अंकल, आंटी, मंजू म यहां छह महीने पहले आया
था। यह कोई राज़ क बात नह है क मने अपनी पहली पो टंग के प म चे ई को य चुना था। ख़ैर, म यहां पूरी
िज़ दगी नह रह सकता। आज से लगभग तीन साल पहले म अन या से िमला था और हमारी पहली लड़ाई को छोड़
द तो तब से आज तक म उसे यार करता आ रहा ।ं ’
टेबल के नीचे अन या ने मेरा हाथ अपने हाथ म ले िलया।
‘और हमने सोचा था क एक-दूसरे के साथ शादी करने के िलए हमारा यार ही काफ़ होगा। हमने सोचा था
क कं वोके शन म हमारे पैरट् स िमलगे और उसके बाद सब कु छ ठीक-ठीक होगा। वेल हम ग़लत थे।’
वेटर आइ क म क लेट्स लेने आया। मने उसे कहा क वह पाँच िमनट बाद आए। ‘हम भागकर शादी कर
सकते थे। हम अपने फै सले को आप पर थोप सकते थे। ले कन अन या ने मुझे कहा क उसका सपना है क हमारी
शादी के दन हम दोन के पैरट् स मु कराते ए वहां मौजूद रह। और इसीिलए, म यह देखना चाहता ं क या हम
ऐसा करने म कामयाब हो सकते ह। बात यह भी है क मुझे नह लगता क हमने ऐसा कु छ ग़लत कया हो, िजसके
िलए हम भागकर शादी करनी पड़े।’
अन या के पैरट् स चु पी साधे रहे। या तो वे ब त यान से मेरी बात को सुन रहे थे या आइ क म कु छ यादा
ही ठं डी थी।
‘और िजस दन से म चे ई आया ं उस दन से म यही कोिशश करता आ रहा ं क आप मुझे वीकार कर ल।
म यह उ मीद तो नह करता क आप लोग मुझे उस तरह यार करगे, िजस तरह आप हरीश को करते ह ले कन कम
से कम आप मुझे वीकार तो सकते ह।’
अन या क मां कु छ कहना चाहती थ । मने इशारे से उ ह अभी चुप रहने को कहा। ‘और हो सकता है क आप
मुझे यार न कर, ले कन म यह भी नह चाहता क आप मुझे चुपचाप बदा त करते रह। इन दोन के बीच म ही वह
बात है िजसे म वीकार करना कहता ।ं ’ मने अपना सीधा हाथ अपनी पतलून क जेब म डाला और उसम रखे चार
छोटे-छोटे बॉ स को अपनी अंगुिलय से पकड़ िलया।
‘इन सब बात को यान म रखते ए, आपक बेटी क खुशी के बारे म िवचार करते ए और आप मेरे बारे म
जो कु छ जान पाए ह उसके म न े ज़र,’ मने कहा और सांस लेने के िलए पल भर को का। मने चार छोटे-छोटे लाल
बॉ स बाहर िनकाले और उ ह टेबल पर रख दया। सभी बॉ सेस पर िलखा था: ‘मु गु पा वेलस ‘। मने चार
बॉ स को खोला सभी म सोने क अंगूठी थी। म अपनी कु स से उठा और फ़श पर घुटन के बल बैठ गया।
‘म श मलहो ा, आप सभी को पोज़ करना चाहता ।ं या आप सभी मुझसे शादी करगे?’ मने कहा और
चार बॉ स अपनी हथेली म रख िलए।
अन या के पैरट् स बार-बार अन या और मुझे देखते रहे। मंजू का मुंह खुला का खुला रह गया। उसके मुंह म
कोकोनट आइ क म साफ़ देखी जा सकती थी।
अन या के िपता ने अन या को इशारा कया क अब या करना है।
‘मॉम और डैड, आपके बाद,’ अन या ने कहा,’ और मंजू र तुम भी।’
मंजू ने अपना बॉ स उठा िलया। ‘नाइस रयल गो ड?’ उसने पूछा।
मने िसर िहलाकर हां कहा।
‘अॉरम, एटॉिमक नंबर सेवंटी-नाइन,’ मंजू ने अपनी रं ग उठाते ए कहा।
‘अंकल?’ मने कहा। कां ट के लोर पर मेरे घुटने दद करने लगे थे।
‘य द तुम वादा करो क तुम मेरी बेटी का याल रखोगे,’ अन या के िपता ने कहा,’ तो मेरी तरफ़ से हां है।’ वे
आगे झुके और अपना बॉ स उठा िलया।
अन या ने अपने िपता को गले लगा िलया।’ थ स, डैड,’ उसने कहा,’ आई लव
यू
अन या के िपता ने उसके िसर पर हाथ रखकर उसे आशीष दया।
अन या क मा ने कहा,’ ऐसी बात नह है क हम तु ह पसंद नह करते। ले कन हमारी क मुिनटीज़... '
‘मॉम, कम ऑन,’ अन या ने उ ह बीच म ही टोकते ए कहा।
अन या क मां ने जवाब देने म एक िमनट का समय िलया।’ मुझे पता है क श तु हारा याल रखेगा।
ले कन या श के पैरट् स भी मेरी बेटी के साथ स मान से पेश आएंगे? '
‘हम उस मामले म कोई न कोई हल िनकाल लगे,’ मने कहा। म जानता था क द ली म एक और चुनौती मेरी
राह तक रही है।’ य द मेरे पैरट् स अन या के साथ स मान से पेश आएं तो? '
‘तो मेरी ओर से भी हां है अन या क मां ने कहा।
अन या खुशी से उछल पड़ी। आंटी ने रं ग ले ली और अन या ने उसके माथे पर एक चुंबन जड़ दया।
‘अ ा, तुमने अपनी रं ग नह उठाई है,’ मंजू ने कहा। मां-बेटी का यार जारी रहा। जब वे दोन अलग तो
दोन क आंखो म आंसू थे।
‘ओह ऑफ़ कोस, ये रही मेरी रं ग।’ अन या ने अपनी रं ग उठाते ए कहा। म अपनी सीट पर लौट आया।
‘सर, आपको खाना अ छा लगा?’ वेटर ने लेट्स उठाते ए कहा।
‘यक़ नन,’ मने वेटर को िबल से भी यादा टप देते ए कहा।
41
‘म तु ह िमस क ं गा,’ बाला ने अपने ऑ फ़स म मुझे ासफ़र पेपस थमाते ए कहा।
‘काश, म भी यही कह सकता,’ मने कहा। बाला का मुंह लटक गया। ‘अरे , म तो मज़ाक कर रहा ।ं चीयर
अप। अब यहां आपको लैकमेल करने वाला कोई नह रहेगा,’ मने कहा।
मेरे लैकमेल के कारण ही बाला ने अिनल माथुर से बात कर मेरा ांसफ़र द ली करवाया था। इस पूरी
कारवाई म दो महीने लगे। म ज द से ज द घर जाना चाहता था। आिखर, चे ई म मेरा जो काम था वह पूरा हो
गया था। हां, हम अभी द ली म कु छ और लड़ाइयां जीतनी थ । अन या का पंजािबय क फ़ु ल फ़ोस से सामना होने
वाला था।
ख़ैर, िज़ दगी म एक समय पर एक मुसीबत से जूझना ही ठीक रहता है।
हम ऑपरे शन द ली कम समय म िनपटाना था। अन या ने अपने बॉसेस को कं वंस कर िलया था क वे उसे
एक ह ते के िलए द ली भेज। अन या ने कहा था क आिखर हर एचएलएल मैनेजर को नॉथ इं िडया का ए सपोज़र
िमलना ही चािहए। अन या के पैरट् स हम एयरपोट तक छोड़ने आए। अन या क मा द ली के बारे म सोचकर चंता
कर रही थी। आिखर, द ली को लड़ कयां छेड़ने के मामले म पूरी दुिनया क राजधानी होने का िखताब जो िमला
है।
‘मॉम, एचएलएल गे ट हाउस सेफ़ है। म यादा समय बाहर नह र ग ं ी,’ अन या ने कहा।
अन या के डैड को भी कु छ चंताएं थ । ‘याद रखो, हमने हां ज़ र कह दया है ले कन अभी तुम दोन क
शादी नह ई है। ऐसा कु छ मत करना िजससे हम श मदा होना पड़े अंकल ने हम गुडबाय कहते ए कहा।
‘ऑफ़ कोस अंकल मने कहा। म समझने क कोिशश कर रहा था क वे या कहना चाह रहे ह। शायद नो से स।
अन या और म ट मनल म चले आए। जैसे ही उसके पैरट् स नज़र से ओझल ए, उसने मेरी बांह ज़ोर से पकड़
ली। लाइट ने टेक ऑफ़ कया। मने अन या को हमारे अगले क़दम के बारे म समझाने के िलए नोटबुक िनकाली:
ऑपरे शन द ली।
‘यानी, मुझे हर बात पर तु हारी मॉम से सहमत होना पड़ेगा। हर बात यानी हर बात अन या ने कहा।
लाइट को टेक ऑफ़ कए बीस िमनट हो चुके थे और हम हवा म तीस हजार फ ट क ऊंचाई पर थे।
एयर टर यूलस के कारण हवाई जहाज़ म उथल-पुथल ई।
‘हां, हर बात से,’ मने अपनी सीट-बे ट को टाइट करते ए कहा,’ और तु हारी प क टाइ मंग इससे बेहतर
नह हो सकती थी। अगले ह ते मेरी किज़न िस टर मंटी क शादी हो रही है। तुम शादी म आओगी, सभी से
िमलोगी, बस, हो गया काम।’
अन या ने मेरी बांह को कसकर पकड़ने के िलए आमरे ट उठा दया।’ आई एम योर, जब तक म तु हारे साथ
ं सब ठीक ही होगा।?’
‘देखो तु ह के वल मॉम का दल जीतना है। पापा कभी इस र ते के िलए राज़ी नह ह गे, इसिलए वे हमारे
लान का िह सा भी नह ह। बस मा को खुश कर दो ओके
‘आमरे ट नीचे कर दीिजए, यह सेफ़ नह है,’ हमारे पास से गुज़र रही लाइट अटडट ने स त लहज़े म कहा।
जब कपल एक-दूसरे के साथ होते ह, तो वे कभी इस बात को नह समझ पाते क एक-दूसरे के िलए उनका
यार दूसर को कतना भ ा लग सकता है।
‘वह अपने आपको समझती या है?’ अन या ने तमतमाते ए कहा।
‘कौन, मेरी मा? '
‘अरे नह , ये एयरहो टेस। और इतनी सारी रे ड िलपि टक लगाने क या ज़ रत है? वह लाइट अटडट है
या कोई आइटम गल?’
मुझे नह पता, लड़ कय को दूसरी लड़ कय के अिपयरस पर कमट करने म इतना मज़ा य आता है। मेरे
पास एक गंजा बैठा था, जो लाइट के दौरान लगातार खराटे भर रहा था, ले कन मेरा यान उस पर कतई नह
गया।
‘फ़ोकस अन या। तु हारा पाला एक पंजाबी सासु मां से पढ़ने वाला है। तुमने इस तरह के हालात का सामना
इससे पहले कभी नह कया होगा,’ मने कहा।
Downloaded from Ebookz.in
अंक 4: द ली एक बार फर

Downloaded from Ebookz.in


42
‘मेरी बांह छोड़ो,’ मने कहा।
‘ य ?’ अन या ने पूछा।
‘मुझे सामने मां नज़र आ रही ह।’
मां अराइव स ए रया म मेरा इं तज़ार कर रही थ । वे उन दस हजार ड़ाइवर के बीच खड़ी थ , जो लगभग
हर पंजाबी नाम क त ती िलए खड़े थे। अब यहां कह भी वकट या रामा वामी नज़र नह आ रहे थे, हर तरफ़
के वल अरोरा और ख ा ही थे।
जब लोग चे ई हवाई अड् डे पर लड करते ह तो वे एक-दूसरे को देखकर मु कराते ह और शालीनता के साथ
कार पाक क ओर बढ़ चलते ह। ले कन द ली हवाई अड् डे पर तो जैसे ै फक जाम ही हो जाता है। लोग तब तक
एक-दूसरे को गले लगाते रहते ह जब तक उनका दम न घुटने लगे। मां ने मुझे कसकर गले लगाया और मुझे यह
अ छा लगा। चे ई म छह महीन के दौरान मुझे कसी ने इस तरह गले नह लगाया था (अन या को छोड़कर, ऑफ़
कोस, ले कन वह यार क एक दूसरी कै टेगरी है)। हम ऑटो टड क ओर बढ़ चले। अन या ने मां को नम ते कया,
ले कन उ ह ने उसे नज़रअंदाज़ कर दया।
‘तुमने खाना खाया?’ मां ने मुझसे सबसे जु री सवाल पूछा।
मने िसर िहलाकर हां कहा।
‘उ ह ने या सव कया था?’ मने ग़ौर कया क वे अन या को पूरी तरह नज़रअंदाज़ करने क कोिशश कर
रही ह।
‘पनीर मसाला और राइस,’ मने कहा।’ मॉम आप अन या से िमल चुक ह याद आया?’ मा ने अन या को एक
फ़े क माइल दी और फर मुझसे बात करने लग । ‘रो टयां नह दी? '
‘मॉम, अन या द ली ऑ फस म एक ह ते काम करने आई है।’
‘वह के गी कहा?’ मा ने पूछा। उनक आवाज़ से झलक रहा था क वे चंितत हो रही ह।
‘कं पनी के गे ट हाउस म,’ अन या ने कहा।
‘हां, ले कन वह सोमवार तक ही वहां जा पाएगी। मने सोचा क अगर वह वीकड के िलए घर पर आती है तो
ब त अ छा होगा।’
‘ कसके घर?’ मां ने हैरान होते ए पूछा।
‘हमारे घर और कसके ,’ मने कहा। ऑटो टड पर मने ॉली से हमारे बै स उतारे । मां खामोश हो ग । मने
ी-पेड टड पर पैसा चुकाया। हम अपने बै स के साथ ऑटो म ठसाठस बैठ गए। म बीच म बैठा था। अन या मेरे
दांई और मां बाइं ओर बैठी थ ।
‘ मंटी क शादी क तैया रयां हो ग ?’ मने कहा।
‘ मंटी क शादी ब त अ छे लड़के से हो रही है,’ मां ने कहा।
‘ रयली? ब त अ छा लड़का है या?’ मने पूछा।
‘ओह हां, सो गुड-लु कं ग। दूध क तरह गोरा,’ मां ने कहा। ‘और ज़रा क पना करो शादी का बजट कतना
होगा? '
मने कं धे उचका दए।
‘र ी मामा के वल पाट पर ही पाँच लाख ख़च कर रहे ह। साथ ही शगन पर लड़के के िलए एक बड़ा
सर ाइज़ िग ट भी देने वाले ह।’
‘लड़के का नाम या है?’ मने पूछा।
अन या ने हमारी बातचीत म कोई िह सा नह िलया। वह चुपचाप बैठी िखड़क से बाहर का नजारा देखती
रही। हवा म उसके बाल उड़ रहे थे और कभी-कभी मेरे चेहरे को सहला जाते थे।
‘मुझे उसका रयल नेम तो याद नह , ले कन सभी उसको ड् यूक बोलते ह।’
‘ड् यूक? लाइक ि टश रॉय टी ड् यूक?’ मने कहा।
‘हां, उसने कसी डोनेशन कॉलेज से इं जीिनय रं ग क है। अभी वह ए कॉ स सॉ टवेयर म काम कर रहा ह
और उसके पैरट् स तो इतने भले ह क बस कु छ न पूछो,’ मां ने कहा।’ वे िजतनी बार तु हारे मामा-जी से िमले,
उतनी ही बार मेरे िलए भी कु छ न कु छ लाए। वे ऑलरे डी मुझे तीन सािड़या भट कर चुके ह।’
‘अमे जंग,’ मने कहा।
‘तु ह देखना चािहए क वे मेरी कतनी इ ज़त करते ह। लड़का हर बार मेरे पैर छू ता है।’
मने िसर िहला दया। म यह िवषय ख़ म करना चाहता था, ले कन मा फ़ु ल फॉम म थ । ‘मने र ी मामा से
पूछा क वे इतना ख़चा य कर रहे ह। पता है उ ह ने या जवाब दया?’
‘ या?’ मने पूछा।
‘उ ह ने कहा, दीदी आजकल अ छे लड़के िमलते ही कहौ ह?’ तो मने कहा,’ य द ड् यूक को इतना िमल रहा है
तो श को कतना िमलेगा? '
म चुप रहा। मां ने अपनी रामायण जारी रखी। ‘उ ह ने कहा य द ड् यूक का बजट पाँच लाख है तो तु हारा
बजट तो दस लाख होना चािहए। िग ट अलग।’
‘मेरी क मत लगाने के िलए शु या,’ मने कहा।
‘म तो बस इतना ही कह रही थी... ‘मा ने कहा।
अगले पाँच िमनट तक हम चुप रहे। जगह क तंगी होने के कारण मां अपनी सीट पर िसमटकर बैठ ग ।
‘आप कार बुक करा सकती थ । म पेमट कर देता,’ मने कहा।
‘मुझे पता नह था क तुम चे ई से ए ा बैगेज लेकर आओगे,’ मां ने जवाब दया।
मने अन या को गे ट- म दखाया। उसने एक भी श द कहे िबना बाथ म म जाने के िलए नए कपड़े िनकाले।
‘हे मां क बात के िलए आई एम सॉरी। वे ज़रा बातूनी ह ले कन दल क भली ह।’
‘मडरस भी दल के भले होते ह। मने सोचा था क तुमने उ ह मेरे यहां आने के बारे म बता दया होगा।’
‘म उ ह सर ाइज़ देना चाहता था,’ मने कहा।
‘फ़क ऑफ़ अन या ने मुझे कमरे से बाहर धके लते ए कहा।
मेरे िपता एक िबज़नेस मी टंग के िसलिसले म कह बाहर गए थे। आम छोड़ने के बाद से ही वे कई अलग-
अलग काम म हाथ आज़माते रहे थे। इ ह म ॉपट डीलरिशप, िस यो रटी एजसी और े ट फ़ॉरव डग एजसी का
काम भी शािमल था, ले कन कोई भी कारगर सािबत न आ। उनका मानना था क बेईमान पाटनस और
अफ़सर के कारण ऐसा आ, ले कन मेरा सोचना यह था क उनक नाकामी क वजह था उनका गु सा और आम
अफ़सर क मु ा से बाहर नह िनकल पाना। जब आपको इस बात क आदत हो क सैकड़ लोग आपको दनभर
सलाम ठ क रहे ह तो फर आपके िलए यह क ठन हो जाता है क आप जािहल िब डस के साथ पटरी बैठा पाएं। ख़ैर,
मेरे िपता एक नाकामी से दूसरी नाकामी क ओर बढ़ते रहे। इसी कारण वे यादा समय घर से बाहर ही रहते थे।
कु छ लोग तो यह भी कहते
थे क कह पर उनक कोई िम ेस भी है, हालां क मुझे नह लगता क कोई और औरत उ ह बदा त कर
सकती थी।
अन या घर पर आने के बाद से ही अपने कमरे से बाहर नह िनकली थी। शाम छह बजे मां अपनी रोज़ क सैर
पर िनकल ।
‘तुम भीतर य हो? बाहर आ जाओ, मां वॉक करने गई ह।’
उसने दरवाज़ा खोला। वह अब भी अपसेट नज़र आ रही थी।
‘चलो यार कर?’ मने उसे आख मारते ए कहा।
‘अपनी क़ मत मत आजमाओ िम टर म हो ा। मुझे गु सा आ रहा है।’ उसने मुझे एक तरफ़ कया और
िल वंग म म चली आई। उसने आंटीवी चालू कर िलया।
‘इस तरह के ए टट् यूड से कै से काम चलेगा, अन या? तु ह तो मेरे प रवार का दल जीतना है मने कहा।
‘ दल नॉमल लोग का जीता जाता है, बदतमीज और इससे टव लोग का नह , जो अपने मेहमान क
बेइ ती करते ह उसने कहा।
‘तो या तुम कमरे के भीतर ही बैठी रहोगी और गु से से अपना खून चलाती रहोगी? '
मने आंटीवी बंद कर दया।
‘मुझे समझ नह आ रहा है या क ं उसने कहा।
‘य द तुम मेरी बात यान से सुनो तो तुम उनके दल म जगह बना सकती हो।’ ‘बताओ, म सुन रही ं ‘उसने
खे मन से कहा।
‘िडनर,’ मने कहा।
‘िडनर हॉट? तुम लोग खाने के अलावा और कसी चीज़ के बारे म नह सोचते या? और वे या पूछ रही
थ ? लेन म तु ह खाने को या दया था? तु हारे द ली प च ं ने के बाद यह उनका पहला सवाल था।’
मने ज खोला और उसम से दो ू आंटीज़ िनकाल । उसम से एक मने उसे दे दी।
‘वे वॉक से लौटकर िडनर क तैयारी शु कर दगी। तुम उनसे कहो क तुम उनक मदद करना चाहती हो। यह
एक अ छी शु आत होगी।’
‘उनक मदद?’ उसने ू टी म ज़ोर से ॉ घुसाते ए कहा।
‘यू नो, एकाध िडश बनाओ। या य द तुम सीधे उनके दल म बस जाना चाहती हो तो आज का पूरा िडनर तुम
ही बनाओ।’
‘काट? आर यू के जी? मने आज तक कभी पूरा खाना नह बनाया।’
‘ रयली?’ मने ू टी सुड़कते ए कहा।
‘अब इस तरह ‘ रयली’ मत कहो। या तु ह खाना बनाना आता है?’
‘नह , ले कन म पूरे समय पढ़ाई करता रहता था।’
‘आईआईएमए तो म भी गई थी।’
‘हां ले कन,’ मने कहा और चुप हो गया।
‘हां ले कन या? चूं क म लड़क ं इसिलए मुझे टफ़ लक कहो और कचन का रा ता दखा दो, य ?’ उसने
कहा और ू टी के िड बे को टेबल पर फक दया।
‘अन या, म तो के वल तु ह यह बताने क कोिशश कर रहा ं क तुम कस तरह मेरी मां का दल जीत सकती
हो। तु ह ने तो कहा था क इसके िलए तु ह चाहे जो करना पड़े, तुम करोगी।’
‘फ़ाइन, या मुझे एक और ू टी िमल सकती है? मुझे भूख लग रही है।’
मने अन या को एक और ू टी दी। दरवाज़े क घंटी बजी। अन या अपने कमरे म जाने के िलए उठ खड़ी ई।
‘अभी को,’ मने कहा और दरवाज़ा खोल दया।
43
मां सि जय से भरी लाि टक क दो थैिलयां लेकर लौटी थ । मने सि जया कचन तक ले जाने म उनक मदद क ।
उ ह ने सि जयां रखने के िलए ज खोला।
‘ ू टीज़ कहां ग ?’ मां ने पूछा।
‘मने पी ली। अन या ने भी पी।’
‘तीन ू टीज़ गायब ह। उसने दो पी ल ?’ उ ह ने कहा।
म चुप रहा।
हम िल वंग म म चले आए। मां एक बड़ी-सी फू लगोभी, एक त तरी और एक चाकू ले आ । फर वे चाकू से
गोभी काटने लग ।
‘आंटी, या म मदद कर सकती ?ं ’ अन या ने कहा।
‘मदद?’ मां ने पूछा।
‘हां, िडनर बनाने म अन या ने कहा।
‘हां मॉम आज अन या को ही िडनर बनाने दो ना?’ मने मु कराते ए सुझाव दया। अन या ने मेरी ओर
घूरकर देखा। मदद करना एक बात है और पूरा िडनर तैयार करना दूसरी बात। ले कन य द अन या को मां को
इ ेस करना था तो के वल सि जयां धोकर रख देने से बात नह बनती।
मां ने अन या क ओर देखा।
‘ योर आंटी, हाय नॉट? ब त मज़ा आएगा,’ अन या ने कहा।
मां ने कं धे उचका दए। फर उ ह ने अन या क ओर त तरी बढ़ा दी। ‘ श को गोभी आलू पसंद है। हम काली
दाल, भंडी, रायता और सलाद भी बनाएंगे। बस, यादा कु छ नह । संपल िडनर।’
‘मॉम,’ मने कहा ता क वे मेनु को बढ़ाती न चली जाएं।
‘गैस टोव के नीचे एक िड बे म आटा रखा है। रो टय के िलए थोड़ा-सा आटा गूंध दो,’ मां ने कहा। ‘ठीक है
ना, श?’
‘आप अन या क मदद करना चाहोगी, ता क िडनर ज दी तैयार हो जाए?’ मने कहा।
‘य द वह चाहे तो अके ली ही पूरा िडनर तैयार कर सकती है। वैसे भी मुझे अभी यादा भूख नह लग रही है।
समय लगता है तो लगने दो,’ मां ने कहा और टीवी चालू कर दया।
अन या ने अपनी गोद म गोभी को ऐसे रखा, जैसे वह कोई नवजात िशशु हो। वह उसे ब त सफ़ाई से नह
काट पा रही थी। वह गोभी के फू ल को एक-एक कर काट रही थी और चाकू का इ तेमांल कसी आरी क तरह कर
रही थी।
मां खी-खी कर हँस पड़ी। मने उ ह एक डट लुक दी। ‘मेरा िसर दुख रहा है। म तो अपने कमरे म जाकर
आराम क ं गी। जब िडनर बन जाए, तो मुझे बुला लेना,’ मां ने कहा और वहां से चली ग ।
‘अन या, तु ह मदद चािहए,’ मने पूछा।
‘लीव मी अलोन,’ अन या ने गोभी से नज़र उठाए िबना कहा।
‘अपने अंगूठे का इ तेमांल कर काटो, इस तरह,’ मने कहा और उसे अपने हाथ से इशारा कर स ज़ी काटने का
सही तरीक़ा बताया।
अन या ने कोिशश क । दो फू ल काटने के बाद उसने अपना हाथ काट िलया।
‘आउच।’ वह िच लाई
‘ या आ?’
‘कु छ नह ,’ उसने एक िससक भरते ए कहा। ‘तुम जाओ और अपनी मां के साथ आराम करो।’
‘तु ह खून आ रहा है?’ मने कहा। ‘यू आर हट!’
‘इट् स ओके । मने कहा था ना क मुझे जो भी करना हो, क ं गी। फर थोड़ा खून या चीज़ है?’
‘इस कट म मेरी मां क कोई गलती नह है,’ मने कहा।
‘शट-अप और मुझे एक बड-एड लाकर दो। और हां, ज से भंडी भी लेते आना,’ उसने कहा।
एक घंटे बाद हम अलग—अलग िडशेस के िलए गोभी, भंडी, याज़, अदरक, टमांटर, खीरा और हरी िमच
काट चुके थे। अगर हम कभी खुद खाना नह बनाएं तो हम कभी पता ही न चले क हमांरी मांएं रोज़ खाना बनाने म
कतनी मेहनत करती ह।
हम कचन म गए। मने एक बॉउल म आटा िनकाला।
‘मुझे आटा गूंधना नह आता,’ उसने कहा।
‘कोई बात नह । मने अपनी मां को आटा गूंधते ए देखा है। म कोिशश करता ं ‘मने कहा और बडल म पानी
डाल दया।
‘और याज़ को ाय भी कर दो... इसम?’ अन या ने बतन क अलमांरी से एक कढ़ाई िनकालते ए कहा।
‘ठीक है,’ मने कहा और गैस जला दी। मने मसाल का िड बा खोला, ले कन अन या को पता नह था क इन
मसाल का या उपयोग कया जाए।
‘हर पंजाबी िडश म पड़ने वाले पाँच िनयिमत मसाल को हमेशा याद रखो: नमक, ह दी, लाल िमच, िपसा
धिनया और गरम मसाला,’ मने कहा।
अन या स ज़ी पकाती रही, जब क म आटा गूंधने क कोिशश करता रहा। पानी यादा हो जाने के कारण मुझे
दो बार फर से आटा लेना पड़ा। तभी कचन म धुंआ उठने लगा। हम दोन खांसने लगे।
‘तुमने या कया?’ मने पूछा।
‘पता नह ...’ अन या ने खांसने ए कहा।
मां कचन म चली आ । ‘ये तुम या कर रही हो?’ वे दौड़कर टोव के पास प च ं और उसक आच म म कर
दी।’ इतनी आच पर भला कौन पकाता है? देखा, मसाले जल गए ह।’
अन या टोव से पीछे हट गई।
‘और तुम? तुम यहां या कर रहे हो?’ मां ने पूछा।
‘म... म तो बस कु छ चलने क बू सूंघकर यहां आया था,’ मने कहा।
‘और तु हारे हाथ अपने आप आटे से सन गए?’ उ ह ने गीले आटे म लथपथ मेरे हाथ और अंगुिलय क ओर
इशारा करते ए कहा।
म चुप रहा।
‘देखना, शादी के बाद यह इसी तरह तुमसे काम लेगी। इसे तो रो टयां बनानी भी नह आत ।
अन या कचन से बाहर चली गई। म उसके पीछे-पीछे जाना चाहता था, ले कन मॉम क मौजूदगी म ऐसा
करना मुझे ठीक नह लगा। मने अपने आटे सने हाथ िनराशा म झटक दए।
‘वह साउथ इं िडयन है मॉम आप, उससे कै से उ मीद कर सकती हो क... ’
‘तुमने ही तो कहा था क वह िडनर बनाना चाहती है। ओके , उसे कहो क य द वह चाहे तो डोसा बना दे। वह
डोसा तो बना सकती है ना?’
‘येस, आई एम योर। ले कन उसके िलए ाइं डर क ज़ रत होगी...’
अन या कचन म चली आई। ‘नह आंटी, मुझे डोसा बनाना नह आता,’ उसने कहा। ‘मुझे रो टयां बनानी भी
नह आत । इन फ़ै ट, मुझे कु छ भी ठीक से पकाना नह आता है।’
‘मेरे बेटे को फांसने के िलए खाना बनाने के अलावा और या योजना बना रखी है तुमने,’ मां ने कहा।
दोन ने एक-दूसरे क ओर ऐसी नज़र से देखा, मांनो वे जंग के मैदान म आमने-सामने ह । अन या नाराज़
होकर कचन से बाहर चली गई।
‘मॉम! ‘मने झ लाते ए कहा।
‘ या? यह झांसा नह तो और या है?’ मां ने कहा। ‘उसने तुम पर जादू चला रखा है। तुम उसे अपने घर लाते
हो। उसके िलए आटा गूंधते हो। तुम उसे दो ूं टीज़ िपला देते हो जो मने मेहमांन के िलए रखी थ । तु ह उसक तो
ब त फ है, ले कन कभी तुमने मेरी कोई चंता क है?’
‘आपक ॉ लम या है, मॉम?’
‘वो यहां या कर रही है?’
‘मॉम, आपक आवाज़ उस तक प च ं रही है।’
‘देखा, तु ह के वल उसी क चंता है। तो जाओ, उसी के साथ रहो।’
मां ने कचन म लेट्स फर से जमां द । हमने जो मसाला पकाया था, उसे उ ह ने फक दया और नया तैयार
करने लग । म वहां से बाहर चला आया।
‘मुझे गे ट हाउस ले चलो। म यहां एक पल को भी नह कना चाहती,’ अन या ने कहा। उसका चेहरा आंसु
के कारण गीला हो चुका था।
‘नह ,’ मने उसके आंसु को प छते ए कहा। ‘तुम ऐसा नह कर सकत ।’
‘म ऐसा नह कर सकती,’ उसने कहा। ‘मने तो सोचा था क मेरे पैरट् स को कं वंस करना ही काफ़ होगा।
तुमने कहा था क तु हारी मां वीट ह। वीट? य द वे वीट ह तो िहटलर तो एक यारा-सा िखलौना होगा।’
‘अन या, एक शॉवर ले लो,’ मने कहा। ‘चलो साथ म िडनर करते ह।’
हम िडनर के िलए साथ-साथ बैठे। मां ने मुझे खाना परोसा, ले कन अन या ने अपना खाना खुद िलया।
‘मुझे वहां रोज़ जाना पड़ेगा,’ मां ने खाना खाते ए कहा। ‘पूजा होगी, फर संगीत होगा। ऑफ़ कोस, सबसे
जु री काय म शगन और शादी ह, जो अगले शु वार और रिववार को ह गे। तुम आओगे, ना?’
‘शगन और शादी, ऑफ़ कोस। म अन या को भी अपने साथ लाऊंगा।’
मां ने मुझे घूरकर देखा। वे अन या क मौजूदगी म इस बारे म बात नह करना चाहती थ ।
‘मॉम, इस बात से बचने क कोिशश मत करो। म अन या को यहां इसीिलए लाया ं क आप और हमांरा
प रवार इससे जान-पहचान बढ़ा सके ।’
‘म इतना तो जान ही चुक ं क इसे िडनर पकाना नह आता,’ मां ने कहा।
‘आई एम सॉरी, आंटी,’ अन या ने कहा। मुझे अन या से इस मांफ क उ मीद नह थी, ले कन उसके ऐसा
करने से मुझे राहत ज़ र िमली।
‘इट् स फ़ाइन, आजकल क लड़ कयां ऐसी ही होती ह। इसीिलए म चाहती थी क श क शादी...’
‘मॉम, म अन या से शादी करना चाहता ,ं ’ मने कहा, ‘इन के स, अगर अभी तक आपको यह साफ़ नह आ
हो तो।’
मां ने रोटी का कौर फर से अपनी लेट म रख दया और उठने के िलए अपनी कु स पीछे िखसका ली।
‘मॉम, लीज़ यहां से मत जाओ। म आपसे बात करना चाहता ,ं ’ मने कहा।
‘भला म य बात क ं ? तुम तो फर भी वही करोगे, जो तु हारा मन कहेगा। अभी मं दर जाओ और इससे
शादी कर लो।’
‘आंटी, हम चाहते ह क आप हमांरे र ते को लेकर खुश ह ,’ अन या ने कहा।’
वेल, म खुश नह ।ं तुम मुझे खुश होने के िलए मजबूर नह कर सकते। हर कोई मंटी क मां के फै सले क
तारीफ़ कर रहा है। मने अपने बेटे को पाल-पोसकर बड़ा करने के िलए साल तकलीफ़ झेल । मुझे भी ऐसी ही खुशी
य नह िमल सकती? म अपने बेटे क शादी धूम-धड़ाके से करना चाहती ।ं म चाहती ं क लड़क के मौ-बाप
मेरी इ ज़त कर। म चाहती ं लड़क को मेरे भाई और बहन भी पसंद कर।’
‘वे अन या को पसंद करगे। वह इं टेलीजट है, एजुकेटेड है और...’
‘और साउथ इं िडयन है,’ मां ने मेरी बात को बीच म ही काटते ए कहा।
‘तो या आ? देखना आपके भाई-बहन अन या के बारे म या कहते ह। यह शादी एक ब त अ छा मौक़ा
सािबत होगी।’
‘और म लोग को या बताऊंगी क यह कौन है?’ मां ने स ती से पूछा।
‘कह देना क यह श क लासमेट है और इसने पहले कोई पंजाबी शादी नह देखी थी, इसिलए यहां चली
आई,’ मने कहा।
मां चुप रह । उ ह ने अपना रोटी का कौर उठाया और फर खाने लग ।
‘आंटी, आई एम सॉरी क म िबन बताए चली आई। मुझे लगा था क श ने आपको मेरे आने के बारे म बता
दया होगा।’
‘यह मुझे कभी कु छ नह बताता। यह ब त लापरवाह लड़का है,’ मां ने कहा।’
आई ए ी, श कभी भी अ छी तरह से क युिनके ट नह करता है,’ अन या ने कहा।
‘देखा,’ मां ने मुझसे कहा।
वे दोन मेरे िव लामबंद हो रहे थे, फर भी मने उ ह ऐसा करने दया। म चाहता था क वे एक-दूसरे से
सहमत ह , फर चाहे वह कोई भी िवषय हो।
‘दाल ब त अ छी बनी है, आंटी, आपको मुझे ऐसी दाल बनाना िसखानी चािहए,’ अन या ने कहा।
‘ फर िगलह रय क तरह थोड़ा-थोड़ा य खा रही हो? जी भर कर खाओ,’ मां ने कहा।
‘म मंटी से बात क ं गा,’ मने बीच म अपनी बात रखते ए कहा।’ आई एम योर, य द म शादी म कसी को
अपने साथ दो त क तरह लाता ं तो उसे कोई ऐतराज़ नह होगा।’
‘के वल एक दो त क तरह मां ने कहा।
‘थ स, मॉम,’ मने कहा और उ ह गले से लगा िलया।
‘तु हारे डैड ने मुझे कभी कु छ नह दया, ले कन कम से कम तुम तो मुझसे वह खुशी मत छीनो िजसक म
हक़दार ं ‘मां ने कहा।
‘अंकल कहा ह?’ अन या ने पूछा।
‘भगवान जाने?’ मां ने कहा।’ वे देर से आएंगे। तुम उनसे सुबह ही िमल पाओगी। तुम गे ट म म सोओगी
और श अपने कमरे म, है ना? '
‘ऑफ़ कोस, मॉम,’ मने कहा।
मां ने िडनर पूरा कया। अन या ने कहा क लेट्स वह साफ कर लेगी। मां ने कहा क यह काम करने के िलए
सुबह मेड आ ही रही है। ले कन अन या िज़द करती रही। मां अपने कमरे म चली ग ।
‘ओके , िमस ांड मैनेजर आर यू योर क आपको मदद क ज़ रत नह है?’ मने कचन क दीवार से परे
झुकते ए कहा।
अन या ने एक वायर मेश से लेट्स पर िवम लगाया।’ नह , म नह चाहती क मुझ पर फर ंस ऑफ़ पंजाब
को झौसे म लेने का इ लाम लगे,’ अन या ने कहा और बेरहमी से कढ़ाई को रगड़ने लगी।
‘चलो, म लेट्स सुखा देता ं ‘मने कहा।
‘परे हटो, आई बेग यू ‘उसने मुझे कचन से बाहर धके लते ए कहा।
44
‘गुड मॉ नग, अंकल अन या ने िल वंग म म आते ए कहा। उसने अपना नाइट-सूट पहन रखा था। सुबह के साढ़े
सात बज रहे थे। पापा अपनी आम क आदत के मुतािबक अभी तक नहाकर तैयार हो चुके थे। उ ह ने अख़बार से
िसर उठाकर देखा, ले कन कोई ित या नह क ।
‘म अन या ं श क दो त।’
‘गुड,’ पापा ने कहा और फर अख़बार म खो गए। वे चुपचाप रहे। म जानता था क अन या के जाने के बाद वे
आसमान िसर पर उठा लगे। म िल वंग म म चला आया, ले कन मने उन पर कोई यान नह दया।
‘अन या, तैयार हो जाओ, इससे पहले क ै फक बड़े हम यहां से िनकल जाना चािहए।’
‘कहौ जा रहे हो?’ पापा ने पूछा।
मने कोई जवाब नह दया। पापा खड़े हो गए और कचन क ओर चले गए।
‘ या बड़ से इसी तरह बताव कया जाता है?’ उ ह ने मां पर िच लाते ए कहा।
‘ या आ?’ मां ने कहा। मेरे कान कचन म हो रही बातचीत पर लगे ए थे।’ मने उससे पूछा क वह कहा जा
रहा है तो उसने कोई जवाब नह दया। और वह लडक कौन है?’
‘वह अन या को उसके गे ट हाउस म ाप करे गा और फर ऑ फ़स चला जाएगा। या बात है?’ मां ने कहा।
‘इतना भर कहने म उसका या िबगड़ रहा था? और तुमने मुझे बताया य नह क हमारे घर म कोई आ
रहा है?’
‘मुझे ख़द नह पता था,’ मां ने कहा।
‘तुम फर झूठ बोल रही हो,’ पापा ने िच लाते ए कहा।
अन या के चेहरे पर हवाइया उड़ रही थ ।
‘वेलकम टु माय व ड मने कहा,’ चलो, यहां से रफा-दफा हो जाते ह।’

म काम से घर लौटा तो पाया क घर म मरघटी शौित पसरी थी। ज़ािहर है पापा घर पर थे। वे मां के साथ डाय नंग
टेबल पर बैठे थे।
‘ श, तु हारे पापा तुमसे बात करना चाहते ह मा ने कहा।
‘उनसे कह दो म उनसे बात नह करना चाहता,’ मने कहा।
‘वे कह रहे ह क य द तुमने उनसे बात नह क तो वे मंटी क शादी म नह जाएंगे,’ मा ने कहा। हम पापा क
सबसे यादा ज़ रत तभी महसूस होती थी, जब मां के खानदान म शादी- याह का कोई काय म हो। मा चाहती थ
क घर म सब कु छ सामा य रहे। य द पापा शादी म अपनी श ल दखा द तो ह त तक कइय क जुबान बंद हो
जाएंगी। मेरे सामने कोई और िवक प नह था। म उनके पास जाकर बैठ गया।
‘तो अब आप लैकमेल पर आमादा हो गए ह किहए या कहना चाहते ह मुझसे?’ मने कहा।
‘यह लैकमेल नह है। जब मेरा प रवार मुझसे बात ही नह करना चाहता तो म भी... ‘उ ह ने कहा।
‘जो भी हो। बताइए, या बात है?’
‘वह लड़क कौन है?’
‘अन या वामीनाथन, '
‘तुम उसे कै से जानते हो? '
‘वह कॉलेज म मेरी लासमेट थी और अब मेरी गल ड है।’
‘देखा किवता,’ पापा ने कहा,’ और तुम कह रही थ क वे दोन के वल दो त है।’
‘मुझसे बात क िजए। आप हर बात के िलए मां को भला-बुरा य कहते ह?’
‘उसके यहां आने का मक् सद या है?’ पापा ने पूछा।
‘वह एक वक असाइनमट पर आई है। मंटी ने उसे शादी म भी बुलाया है। आपको कोई ॉ लम है? '
‘तुम शादी के िलए ख़द कोई लड़क नह चुन सकते, म तु हारे िलए सही लड़क चुनूंगा पापा ने कहा।
‘आप मुझे बेच देना चाहते ह। और अब जब क आप मोल-भाव कर ही रहे ह तो बता भी दीिजए क आपने
मेरी या क मत लगाई है?’
‘किवता यह लड़का '
‘यह लड़का यहां है। मुझसे बात क िजए।’
‘म मंटी क शादी म नह जाने वाला,’ पापा ने घोषणा क ।
‘ लीज़, ऐसा मत क िजए। श, ठीक से बात करो,’ मा ने िम त करते ए कहा।
‘नह मॉम ये नह आना चाहते तो न आएं। हम कह दगे क वे बीमार ह। दमागी प से।’
‘जुबान संभाल के पापा ने कहा और हाथ उठा िलया।
‘हाथ उठाने क िह मत मत करना,’ मने कहा और खड़ा हो गया। फर म अपने कमरे म चला गया, ले कन
उनक आवाज मुझे सुनाई पड़ रही थ ।
‘किवता म शादी म नह जाऊंगा,’ पापा ने कहा। फर एक त तरी क छनछनाहट क आवाज़ सुनाई दी।
शायद, पापा ने उसे डाय नंग टेबल से उठाकर फक दया था।
म िब तर म लेट गया। म सोच रहा था क आिखर हम एक प रवार क तरह साथ य रहते ह। मने कभी नह
सोचा था क ऐसा होगा, ले कन म चे ई को िमस कर रहा था। ही, यह सच है क वहां के लोग से म जुड़ाव महसूस
नह करता था, ले कन कम से कम वहां कोई मुझे भीतर तक ध ा तो नह प चं ाता था। मने सोचा क अन या को
कॉल करता ं ले कन म उसे अपने ख़राब मूड म शािमल नह करना चाहता था। या म अन या को अपने प रवार
का एक िह सा बनाकर ठीक कर भी रहा ?ं वह मेरे बारे म या सोचेगी? या उसका मन मुझसे हट जाएगा?
दमाग म रोज़ रात को ऊधम मचाने वाले इन टु िपड िवचार के कारण म पूरी रात िब तर म करवट बदलता रहा।
45
मंटी क शगन क र म धौला कु आ म ताज पैलेस होटल म ई। सच क ं तो हमारे खानदान के िलए यह ब त बड़ी
बात थी। हम इससे पहले कई आलीशान शा दयां देख चुके थे ले कन इससे पहले हमारे खानदान म कभी कसी क
इं गेजमट सेरेमनी कसी पाँच िसतारा होटल म नह ई थी। ताज क बु कं ग कराते ही र ी मामा हमारे सभी सगे-
संबंिधय पर भारी पड़ गए थे।
िजस हॉल म ीितभोज होना था, उसके वेश ार पर यह िलखा था :

तलरे जा प रवार आपका हा दक अिभनंदन करता है


अपनी यारी िब टया
मनोरमा (िमटी)

डै शंग जेटलमैन
धमवीर (ड् यूक) बी टेक
के साथ शगन सेरेमनी म।

‘हँसो मत मने अन या से कहा, जब क म ख़द अपनी हँसी दबाने क कोिशश कर रह था।


‘कं ोल नह हो रहा है उसने िखलिखलाते ए कहा। उसने पाँचव बार अपनी बॉटल ीन और गो ड साड़ी
का प ठीक कया।
‘वेलकम-जी, वेलकम र ी मामा ने मुझे और मेरी मा को गले लगाते ए कहा।
हम हॉल म चले आए िजसम दो सौ लोग थे। मेन टेज पर दो सजी-धजी कु सय थ , िज ह मानो कसी राजा
के महल से चुराया गया हो। उनके पास िमठाई के पचहतर िड बे और फल क पाँच बड़ी-बड़ी बा के ट् स थ ।
अिधकतम मिहलाएं चाट और जूस कॉउं टर पर खड़ी थ । सभी पु ष बार पर खड़े थे। मने अपनी फ मेल
किज स क वोदका पाने म मदद क । मने वोदका का अपना िगलास उ ह दे दया, िजसे उ ह ने अपने जूस म उड़ेल
दया।
‘तो, ये रहे र ी मामा, ल पा मामा, िश ा मासी और तु हारी मां-एक-एक कर, है ना?’ अन या ने कहा।
‘ही, और चूं क मेरी मां उनम से सबसे छोटी है इसिलए उ ह अपने जीवन म कु छ भी करने से पहले उन सभी
से इजाज़त लेनी पड़ती है,’ मने कहा।
‘फ़ाइन, चलो मुझे ठीक से समझ लेने दो। मंटी और रोहन र ी मामा के ब े ह अन या ने कहा और एक
नोटपैड िनकाल िलया।’ और वह लड़क कौन है, िजसे तुमने वोदका दी थी? '
‘वह टंक है और उसक एक छोटी बहन भी है िन । दोन कॉलेज म पड़ती ह। वे ल पा मामा क बे टया ह।
और िश ा मासी को एक बेटा और एक बेटी है िबट् टू और कट् टू । बस। मेरी मां क इकलौती संतान म ।ं ’
‘ओके ओके अन या ने नोट् स लेते ए कहा।
‘ श, यहां आओ मा ने मुझे पुकारा। वे टेज के पास खड़ी थ ।
‘लेट्स गो,’ मने अन या को अपने साथ ले चलते ए कहा।
अन या पहले तो िहच कचाई ले कन फर मेरे साथ चल दी। मां अ सी साल क एक मिहला के साथ बैठी थ ,
िजसने सोने का नेकलेस पहन रखा था। नेकलेस का पडट ओ लंिपक गो ड से भी बड़ा था।
‘ये वरन आंटी ह मेरी मासी,’ मा ने कहा।
कु छ साल पहले मेरी नानी क मौत हो गई थी। वरन आंटी हमारे प रवार क सबसे बुज़ग मिहला थ और
शादी- याह जैसे मांगिलक अवसर पर उ ह सभी को आशीवाद देने के िलए लाया जाता था।
म उनके पैर छू ने को झुका। मने अन या को इशारा कया। उसने भी मेरे साथ उनके पैर छु ए।
‘किवता तेरी नू है?’ वरन आंटी ने पंजाबी म मां से पूछा क या यह लड़क उनक ब है।
मा ने उ ह समझाया क वह मेरी ड है।
‘ ड या होता है?’ वरन आंटी ने मुझसे पूछा।
‘आंटी, आपको चाट चािहए?’ मने बात पलटते ए कहा।
‘ही, मुझे कोई भी कु छ नह लाकर दे रहा है,’ उ ह ने िशकायत भरे लहज़े म कहा। म चाट क एक लेट ले
आया। अन या वरन आंटी और मां के पास बैठी थी।
‘लड़क म ासी है?’ वरन आंटी ने इतनी तेज़ आवाज़ म कहा क उससे उनक उ का अंदाज़ा लगा पाना
मुि कल था।
‘तिमल,’ अन या ने कहा।
‘ले कन लड़क का रं ग तो साफ है।’ वरन आंटी ने कं यूज्न म कहा। उनक उ के बावजूद उनक नज़र अभी
ख़राब नह ई थ ।
जेवर से लदी िश ा मासी पास से गुजरी। उ ह ने जो कु छ पहन रखा था-कपड़े गहने, हडबैग और जूते वग़ैरह-
उसम कम- यादा मा ा म असल सोना था।
‘िश ा, देखो गोरी म ासन,’ आंटी ने िच लाते ए कहा।
‘हैलो किवता, कै से हो श? '
‘फ़ाइन आंटी। मेरी दो त अन या से िमिलए।’
‘ओह हम सभी जानते ह क यह तु हारी कस तरह क दो त है। अरे ही, यह तो गोरी है।’
िश ा मासी ने र ी मामा और ल बा मामा क बीिवय कमला और रजनी को बुलाया।’ आओ, श क दो त
को देखो। अरे वही म ासन, िजसके बारे म किवता ने हम बताया था,’ िश ा मासी ने चीखते ए कहा।
रजनी आंटी और कमला आंटी आ । हमने िवन तापूवक एक-दूसरे का अिभवादन कया। मा उ ह समझाने
लग क मेरे िपता को वायरल बुखार हो गया है और वे आ न सके । सभी को सच मालूम था, ले कन इसके बावजूद वे
यही जताते रहे क मां क इस बात पर उ ह यक़ न है। िश ा मासी ने तो कु छ दवाइय के नाम भी सुझा डाले।
‘अन या वामीनाथन, आंटी,’ अन या ने कमला आंटी को अपना नाम एक बार फर बताया। वे पहली बार म
उसका नाम समझ नह पाई थ ।
‘तुम इतनी गोरी हो। तुम हैड़ेड परसट साउथ इं िडयन हो?’ कमला मामी ने पूछा। वह आईआईएमए
पासआउट और एचएलएल क ौड मैनेजर भी है म कहना चाहता था, ले कन ये ऐसी चीज़ ह िजनके बारे म चे ई
म बात क जा सकती है द ली के ताज पैलेस म तलरे जा प रवार क शगन सेरेमनी के दौरान नह ।
‘साउथ इं िडयन क तुलना म तो यह ब त सुंदर है िश ा आंटी ने समझदारी भरी बात कही।
‘पता है, नह तो वे लोग कै से काले-कलूटे और भ े होते ह कमला आंटी ने कहा।
अन या को छोड़कर सभी हँस पड़े। वह अभी तक मु कराने क कोिशश कर रही थी, ले कन अब उसके ह ठ से
मु कराहट गायब हो गई। म उसके पास चला गया और उसक पीठ पर ह के -से थपक दी। म नह चाहता था क वह
कोई ित या करे । म चाहता था क वह बेअ ल क तरह मु कराने लगे, य क मेरे प रवार म
उसे वीकारे जाने के अवसर इसी तरह उजले हो सकते थे। कई बार यार बड़े अजीब ढंग से हमारी परी ा
लेता है।
‘लड़के वाले आ गए ह!’ मेरा सबसे छोटा किज़न कट् टू इस तरह दौड़ता आ भीतर आया मानो अिमताभ
ब न राह भूलकर हमारे यहां चले आए ह ।
‘चलो, चलो,’ कमला आंटी ने सभी मिहला को हाकते ए कहा। मिहलाएं सोने के िसतार से चमकते अपने
बैग वरन आंटी के पास छोड़ ग । चलने- फरने से लाचार होने के कारण वरन आंटी सबके िलए एक ब त अ छा
सामानघर बन गई थ ।
‘तो, सर ाइज़ िग ट या है?’ मा ने कमला आंटी से पूछा।
‘आप ब त ज दी देख लगी, जी। ले कन शादी के खचा ने हमारी कमर तोड़ दी। मंटी के डैडी को तो लोन
लेना पड़ा।’
‘इट् स ओके , आिखर आप लोग क एक ही तो िब टया है िश ा मासी ने कहा। सभी मिहलाएं बाहर चली ग ।
पंजाबी आंटी गग के जाते ही अन या ने राहत क सांस ली।
‘तुम ठीक तो हो न?’ मने कहा।’ नो, लेट मी गैस, तुम ठीक नह हो।’
‘मुझे ड़ंक क ज़ रत है। चलो बार पर चलते ह अन या ने कहा।
‘चलो, ले कन बार से थोड़ी दूर पर क जाना। म तु हारे िलए ड़ंक ऑडर कर दूंगा,’ मने कहा।
हम बार तक प च ं े। टंक और िन दौड़ती ई हमारे पास आ । उ ह ने लहंग को हाथ से ऐिड़य तक उठा
रखा था।
‘ श भैया, नीट वोदका का एक फु ल लास लेते आना। मेरे कॉलेज के दो त आ गए ह।’
‘लड़ कयां ख़द ड़ं स य नह ले सकत ?’ अन या ने कहा।
टंक और िन ने हैरत से अन या क ओर देखा। उ ीस और स ह साल क ये लड़ कयां अपने िडज़ाइनर
कपड़ म कु छ यादा ही लदी-फदी लग रही थ ।
‘ टंक , िन , ये अन या है मने कहा।
‘अ छा तो तुम ही हो वो टंक ने कहा।
‘वो यानी कौन?’ मने पूछा।
‘ये आपक गल ड ह ना, श भैया?’ िन ने कहा।
मने कोई जवाब नह दया।
‘आप शरमा रहे ह टंक ने कहा और अन या क ओर मुड़ी।’ मुझे आपक ईयर रं स ब त अ छी लग रही ह।
ये आपको कहा से िमल ? '
‘कोयंबटू र,’ अन या ने कहा।
‘ये कहा है?’ टंक ने पूछा।
‘तिमल नाडु म। म भी तो वह क ं ‘अन या ने कहा।
‘ टु िपड, तुमने िजयो ाफ क पढ़ाई नह क थी या?’ िन ने अपनी बहन को िझड़कते ए कहा। फर वह
मेरी ओर मुड़ी,’ आपक गल ड ब त सुंदर है। और उनक साड़ी भी ब त अ छी है।’
‘थ स,’ अन या ने कहा।’ तुम दोन भी ब त अ छी लग रही हो। म चाहती ं क मेरे पास भी तु हारे जैसा
लहंगा हो।’
मने बार से एक पूरा िगलास भरकर वोदका ली और उसे तीन िगलास म उड़ेल दया। फर मने उसम साइट
िमला दी और लड़ कय के िलए ले आया।
‘म ड़ंक नह करती। मने तो के वल बाद म डीजे के िलए मागी थी,’ टंक ने सफाई देते ए कहा।’ वैसे, म अब
अठारह साल क हो चुक ।ं ’
‘तुम आईआईएमए म थ ना? तब तो तुम ब त इं टेलीजट होओगी। या लड़ कयां भी आईआईएम म जा
सकती ह?’ िन ने पूछा।
‘ऑफ़ कोस, य नह ? लड़क होने से भला या फ़क पड़ता है अन या ने कहा। म आगे बढ़ गया। लड़ कयां दस
िमनट तक बितयाती रह । कम से कम अन या मेरे प रवार क नौजवान लड़ कय से तो घुल-िमल गई थी। ले कन
बड़े लोग का दल जीतना इतना क ठन य सािबत हो रहा था?
‘कहौ हो तुम?’ मां क गु से भरी आवाज़ ने मेरा यान भंग कर दया।’ सेरेमनी शु होने वाली है।’
मने लड़ कय को बुलाया और फर हम टेज क ओर बढ़ चले। मंटी टेज के लोर पर बैठी थी और ड् यूक
उससे आगे बैठा था। उनके पास ही एक पुरोिहत जी थे। मेरी आ टया तो यही कहत क ड् यूक सेहतमंद है। ले कन
अन या ने उसे देखते ही तपाक से कहा,’ यह तो मोटा है।’
‘शट अप, कोई सुन लेगा,’ मने कहा।
‘ओह इधर के लोग वाक़ई इस बात को लेकर ब त सावधान रहते ह क कौन या कह रहा है,’ अन या ने
कहा। उसक बात म कटा उसी तरह चमक रहा था, जैसे उसके लाउज पर िसतारे ।
‘कम ऑन अन या, ये लोग तो जानते भी नह ह गे क उनके वहार से कसी
को ठे स प चं रही है। जैसे-जैसे तुम उ ह समझने लगोगी, तुम उ ह पसंद करने लगोगी।’
‘ लीज़, मुझे तो तु हारी किज़न अ छी लग , म उ ह के साथ रहती ं ‘अन या ने कहा। वोदका के कारण
उसके बोलने का लहजा बदल गया था।
‘हमको भी ये अ छी लगती ह िन और टंक ने अन या से िलपटते ए अपनी ओर से भी यह सबूत दे दया
क वे उसे पसंद करती ह। लड़क क ही तरह लड़ कयां भी अ कोहल के बाद यादा मै ीपूण हो जाती ह।
ड् यूक यक़ नन दूध क तरह गोरा था। उसके गोलमटोल शरीर और गोरे रं ग के कारण उसे देखकर लगता था
जैसे बड़ा हो जाने के बाद भी उसक परव रश के वल सेरेलेक पर ही हो रही हो। उसने चमक ला म न कु ता पहना
था। शायद, उसका कु ता उसी कपड़े से बना था, िजससे अन या क मां क कोई एक साड़ी बनी होगी। धत् म यहां भी
अन या क मां को याद कर रहा था। फोकस, मने ख़द से कहा।
मंटी ने ऑरज कलर का लहंगा पहना था, जो वारो मोितय और ऐसे ही महंगे लाल-जवाहर से सज़ा था।
मां कह रही थ क अके ला यह लहंगा ही बीस हजार पए का था, जब क शादी का जोड़ा तो तीस हजार का था। मेरे
दमाग़ ने एक ऊलजुलूल-सा िहसाब लगाया क शादी का दस फ़ सदी ख़च तो अके ले दु हन के कपड़ पर ही हो
गया। पुरोिहत ने मं का जाप शु कर दया। मंटी ने अपनी किज स क ओर इशारा करके पूछा क वह कै सी लग
रही है।
िन ने अंगूठे और तजनी को िमलाते ए इशारा कया क वह ब त ख़ूबसूरत लग रही है। फर िन ने
अपने माथे पर अंगुली रखकर इशारा कया क मंटी को बंदी ठीक करने क ज़ रत है। मंटी उसके इं यास का
पालन करते ए अपनी बंदी ठीक करने लगी, जब क उसके दाएं हाथ पर पुरोिहत जी एक धागा बौध रहे थे। इससे
मुझे मिहला के बारे म तीन बात पता चल : (1) वे हमेशा यह यान रखती ह क वे कै सी लग रही ह (2) वे चाहे
जैसे हो इं टास देकर एक-दूसरे क मदद करती ह और (3) वे एक साथ कई काम कर सकती ह। ज़ािहर ह म
सेरेमनी पर यान क त नह कर पा रहा था। म यही सोच रहा था क आिखर मेरा प रवार अन या को कै से पसंद
करने लगे। ड् यूक ने अपने कु त क जेब से इं गेजमट रं ग िनकाली। उसने कै मर के सामने रं ग दखाई। जैसे ही
मिहला को पता चला क वह मिण वाली अंगूठी है उनके मुंह से एक साथ आह िनकल गई।
‘कम से कम डेढ़ कै रे ट क होगी,’ िश ा मासी ने फ़ौरन अनुमान लगाते ए कहा। ड् यूक ने मंटी को अंगूठी
पहनाई तो तािलयौ गूंज उठ । मंटी ने शमाहट भरी मु कान
िबखेरते ए अपनी अंगूठी िनकाली। वह एक सादी-सी सोने क अंगूठी थी। उसने ड् यूक को अंगूठी पहना दी।
‘ कतनी यारी लग रही है ना टंक ने कहा और दोन बहन एक-दूसरे से िलपट ग । उनक आख नम थ ।
मिहला के पास ज़ रत से यादा ही भावनाएं होती ह और उ ह मू. बहाने के िलए कसी बड़ी घटना क ज़ रत
नह होती।
रं ग सेरेमनी के बाद ड् यूक का प रवार अपे ा भरी नज़र से कसी चीज़ का इं तज़ार करने लगा। र ी मामा
ने अपनी कमीज़ क जेब से एक छोटा-सा बॉ स िनकाला और उसे ड् यूक क ओर बढ़ा दया। ड् यूक ने उसे लेने से
तीन बार इनकार कया, ले कन र ी मामा तब तक ज़ोर देते रहे जब तक क उसने उसे ले नह िलया। ड् यूक ने
लैक बॉ स खोला। उसम एक चाबी थी, िजस पर िलखा था: ड ं ई मोटस।
इस बार मिहला के साथ ही पु ष क भी आह िनकल गई। जी ही, र ी मामा ने मिण क अंगूठी को भी
पीछे छोड़ दया था।
‘उ ह ने लड़के को कार दी है िश ा मासी ने कहा। वे चाहती थ क य द कसी को समझ न आया हो क आ
या है तो उस तक भी यह खबर प च ं जाए।
दोन प के बड़े लोग ने अपने-अपने िमठाई के िड बे खोले और जबरन एक-दूसरे का मुंह मीठा कराने लगे।
हम सभी एक-एक कर टेज पर गए और वर-वधू को बधाई दी। मंटी के पैरट् स ने ड् यूक के सभी अंकल और आ टय
को िग ट दी। ड् यूक के पैरट् स ने भी उ ह भट दी। मा और िश ा मासी को एक-एक साड़ी िमली।
‘तु हारी साड़ी दखाओ िश ा मासी ने मां से कहा। गनीमत है क दोन को एक जैसी ही सािड़य िमली थ ।
ड् यूक के पैरट् स पर भेदभाव का आरोप नह लगाया जा सकता था। सभी ने र ी मामा के मा टर ोक िग ट के
िलए उनक सराहना क । वे फू लकर कु पा हो गए।
‘अंकल डीजे चालू करो,’ िन ने र ी मामा से कहा।
र ी मामा ने डांस लोर क ओर इशारा कया। राजौरी गाडन का डीजे पुसीकै ट् स इस ल हे के िलए घंट से
इं तज़ार कर रहा था। डीजे म दो मुटाए लड़के शािमल थे। उ ह ने ढोल बीट् स से शु आत क । सभी नौजवान किज स
डांस लोर पर चले गए। अंक स को अभी वहां तक प च ं ने के िलए कु छ और फे स और आ टय को अपने ब क
कु छ और मनुहार क दरकार थी।
‘उ ह ने लड़के को कार दी है?’ अन या ने शॉ ड आवाज़ म कहा। िन उसे डांस लोर पर ले जाने के िलए
ख च रही थी।
‘हां, िस वर स ो,’ िन ने कहा,’ आओ ना, दीदी।’
अन या लड़ कय के साथ चली गई। अपनी साल क भरतनाट् यम क है नंग के कारण वह डांस लोर पर
बे ट परफ़ॉमर सािबत ई। उसने पंजाबी टे स ब त ज दी सीख ल और मेरी किज स को कु छ इं ोवाइ ड टे स
भी िसखा । वह अपनी गहरी कांजीवरम साड़ी म ब त ख़ूबसूरत लग रही थी। कसी इिडयट क तरह मुझे उससे
एक बार फर यार हो गया।
‘तुमने खाना खाया?’ मा ने मेरे पास आकर पूछा।
‘अम्... नह ,’ मने अपनी आंखो को लोर से बड़ी मुि कल से हटाते ए कहा।’ तो ज दी से खा लो, नह तो
हम घर जाने के िलए ऑटो नह िमलेगा,’ मा ने कहा।
‘हम ज द ही एक कार खरीद लगे,’ मने कहा।
‘जैसे क तु हारे पापा हम खुरीदने दगे। एनीवेज, हम कार खुरीदने क या ज़ रत है। कमला कह रही थी क
तु हारी शादी होने तक हम कोई भी बड़ी खरीदारी नह करनी चािहए। हम डु लीके ट आइट स नह चािहए।’
‘मॉम,’ मने िवरोध जताते ए कहा।
‘ज दी करो, पनीर ख़ म हो जाएगा। और अपनी दो त से भी कह दो क वह भी कु छ खा ले।’
मने अन या को इशारा कया क वह आकर मेरे साथ कु छ खा ले। मेरे साथ बेफे तक जाने म वह हौफने लगी।
मने अपनी लेट म काली दाल, शाही पनीर और रो टयां ल । अन या ने पीली दाल और चावल िलया।
‘बस इतना ही? '
‘मुझे इस सबम से बस इतना ही भाता है उसने कहा।
बार से हो-ह ले क आवाज आने लग । ड् यूक और उसके दो त बाटडर से लड़ रहे थे।
‘ या आ?’ मने पूछा।
‘वे लोग बड़े शो नह बना रहे ह। इस बात पर ड् यूक के दो त का उनसे झगड़ा हो गया,’ एक ि ने मुझे
बताया।
र ी मामा ने बीच-बचाव कया। होटल टाफ़ ने भांप िलया था क ि ह क ख़ म हो सकती है, इसिलए वे
छोटे शो बना रहे थे। इस होटल म भी उस ौड क कोई और ए ा बोतल नह थ । र ी मामा ने नोट क एक
गड् डी िनकालते ए होटल टाफ़ को दी। ि ह क लाने के िलए एक वेटर को द ली बॉडर तक भेजा गया।
जैसा क हमेशा होता है, पैसे क चमक देखते ए सब कु छ शांत हो गया और लोग पहले क तरह ज मनाने
लगे।
‘यह शादी है?’ अन या ने कहा।
‘ऑफ़ कोस। सभी शा दयां ऐसी ही होती ह। तु हारे यहां ऐसी शा दय नह होत ?’ मने पूछा।
‘शत लगा लो,’ अन या ने कहा।
हमने र ी मामा और कमला आंटी को अलिवदा कहा। जब म मा और अन या के साथ वहां से बाहर िनकल
रहा था, तभी िश ा मासी ने हम पुकारा।
‘जी, आंटी,’ मने उनके पास जाते ए कहा।
‘याद रखना क तुम हमारे प रवार के ग़ौरव हो। कोई भी बेवकू फ भरा कदम मत उठाना। इन म ािसय ने
तु ह फं साने के िलए जाल िबछाया है।’
‘गुड नाइट, आंटी,’ मने कहा।
‘देखो, म तो तु हारे भले के िलए ही यह कह रही ।ं तु हारी मा को ब त तकलीफ झेलनी पड़ी ह अब उसे
खुशी दो। तु ह ऐसी लड़ कयां िमल सकती ह जो तु हारा घर तोहफ से पर दगी।’
म नीचे झुक गया। जब आपके नाते- र तेदार पर कोई और जुगत कारगर सािबत नह होती तो यही कया जा
सकता है क उनके चरण छू िलए जाएं।
‘िश ा मासी या कह रही थ ?’ अन या ने मुझसे पूछा।
‘वे कह रही थ म इस बात का यान रखूं क अन या ठीक से अपने घर प च ं जाए,’ मने एक ऑटो रोकते ए
कहा।
46
म वसंत िवहार म अन या से पंजाबी बाय नेचर म िमला। अन या क मौजूदा मानिसक ि थित को देखते ए मुझे
इससे बेहतर नाम वाली कसी जगह क तलाश करनी चािहए थी। बहरहाल, यह जगह ब त आरामदेह थी और
यहां खाना भी ब त अ छा िमलता था।’ मुझे समझ नह आता क इसम या तुक है क म इन फ़ै िमली इवट् स को
अटड क ं मुझे वहां बड़ा अजीब लगता है अन या ने शु करते ए कहा।
‘बस एक और सेरेमनी है-ए चुअल वे डंग। चंता मत करो, कल जब मेरी आ टया तुमसे िमलगी तो वे तुमसे
पहले क तुलना म यादा प रिचत होकर िमलगी। एक बार मेरी मां ने उ ह तु ह कु बूल करते ए देख िलया तो उ ह
भी देर-सबेर ही करनी ही पडेगी।’
‘मुझे तो लगता है क वे कसी क रजामंदी से यादा एक कार क चािबय का गु छा चाहती ह,’ अन या ने
कहा।
‘नह , मेरी मा ऐसी नह है। वे कार नह चाहत , वे यह चाहती ह क उनके भाई-बहन इस बात क सराहना
कर क उ ह ने कार पाने म कामयाबी हािसल क । बात समझ ? '
‘नह ,’ अन या ने िसर िहलाते ए कहा।
वेटर ऑडर लेने आया। हमने एक परौठा मंगवाया। पराठे म इतना म खन था क वह कसी के भी हाट को
फ़ौरन फ़े ल कर देने के िलए काफ़ था। हमने अपने अगले कदम के बारे म सोचते ए खाना खाया।
‘सर या आप वोदका के साथ हमारे गोलग पे आजमाना चाहगे?’ वेटर ने पूछा।’ या?’ अन या ने कहा।
‘नो थ स,’ मने वेटर से कहा और फर अन या से मुखाितब आ।’ यह एक िगिमक है। भरोसा करो। पंजाबी
ऐसा अ सर नह करते।’
‘म दो दन बाद चे ई जा रही ं ‘अन या ने कहा।
‘जानता ।ं ले कन म मा से बात क ं गा। ज़ रत ई तो शादी के बाद अपने अंक स से भी। म इस मामले को
अब प ा कर देना चाहता ं ‘मने कहा।
‘और तु हारे डैड के बारे म या?’ अन या ने पूछा।
‘वे कभी राजी नह ह गे। हम उनके िबना ही शादी करनी पड़ेगी। या मां के प के लोग काफ़ नह ह?’
‘वे तो ज़ रत से यादा ह। उनका हर इं सान मेरे दस सगे-संबंिधय से यादा बोलता है। फर भी।’
‘अन या, िज़ दगी म हम हर चीज़ नह पा सकते। तु हारे पैरट् स, मेरी मा उनके संबंधी-हमारे पास अ छी-
ख़ासी मा ा म आशीवाद होगा। पापा क ज़ रत ही नह होगी।’
‘ फर भी तु ह उनसे बात करनी चािहए। वे तु हारे िपता ह अन या ने कहा।
‘खाना अ छा है ना?’ मने अपने पराठे पर म खन लगाते ए कहा।

Downloaded from Ebookz.in


47
मंटी क शादी ने तो धूम-धड़ाके वाली शा दय को नए मायने दे डाले। वेश ार पर सचमुच के हािथय और बफ
क प रय ने हमारा वागत कया। वर प के
लोग अभी तक नह आए थे। मेहमान फू ल क पंखु रय के थाल िलए धैय से बैठे थे। मेन पाट ए रया तक
प च ं ने के िलए हम बगीच और डॉि फन शे ड दो दजन फौवार को पार करना पड़ा। कै टरर ने व ड थीम चुनी थी।
फू ड टी स पर आठ तरह का खाना परोसा जा रहा था: पंजाबी, चाइनीज, होम- टाइल इं िडयन, थाई इटैिलयन,
मैि सकन, गोअन और लेबनीज, और हर शैली के कम से कम पाँच ंजन थे। इनके अलावा चाट के दो टील थे। एक
रे गुलर ईटस के िलए तो दूसरा हे थ कौिशयस मेहमान के िलए। रे गुलर काउं टर पर समोसा और ट परोसी जा
रही थी तो हे थ काउं टर पर अंकु रत दान से भरे गोलग पे। मेरी आ टय ने दोन ही क म क चाट खा : एक
जायके के िलए तो दूसरी सेहत के िलए।
दो बार भी थे। पहले बार म जॉनी वॉकर लैक लेबल मै म का एक बड़ा-सा पीपा था। सभी अंक स यहां
एकजुट ए और वेटस उनके िलए पनीर ट ा और हरा-भरा कबाब लाते रहे। दूसरा वाला बार मॉकटेल बार था।
इसे लेडीज बार िनकनेम दया गया था। इस बार का िड ले शे फ तरह-तरह के आकार वाले दो दजन िगलास से
सज़ा था। िगलास म रं ग-िबरं गी फू ट ड़ं स थी।
‘ब त अ छे र ी, तुमने हमारे खानदान का नाम रोशन कर दया,’ मां ने दु हन के टेज क पु प स ा को
सराहते ए कहा।
‘ये ऑ कड् स थाईलड से मंगवाए गए ह। ये बकॉक से अभी दो घंटा पहले ही यहां प चं े ह र ी मामा ने कहा।
‘पचास हजार पए तो बस फू ल पर ही ख़च ए ह,’ िश ा मासी ने कहा। हमने इस बात पर हैरत जताने के
िलए अपनी-अपनी भौह तान द ।
तभी मेरा किज़न रोहन दौड़ते ए आया और उसने सभी को यह सूचना दी क बारात आन प च ं ी है। हम
बाहर चले गए और बारात का वागत करने के िलए हािथय के पास जाकर खड़े हो गए। रोहन ने मुझे एक गुलाबी
पगड़ी दी। इसे दू हे का वागत करने वाले दु हन के सभी भाइय और करीबी पु ष संबंिधय को पहनना होता है।
‘तुम वरट लग रहे हो,’ अन या ने िखलिखलाते ए कहा।
सभी पगड़ीधारी पु ष ने ड् यूक के प से आए अपने समक के साथ त वीर खंचवा । मने ड् यूक के किज़न
ंस के साथ फ़ोटो खंचवाया। मंटी के िपता ने खीस िनपोरते ए ड् यूक के िपता को गले लगाया और उनके साथ
फ़ोटो खंचवाया। ड् यूक के िपता क यौ रय चढ़ी ई थ ।
‘लड़के का बाप इतना गु से म य है?’ अन या ने पूछा।
‘शायद उसे भूख लग रही है मने कहा। हम ज द ही पता चल गया क म ग़लत था। ड् यूक का प रवार भीतर
नह आया और वह सोफे पर बैठ गया। उ ह ने कु छ भी खाने से इनकार कर दया।
‘वन को ड ड़ंक-जी,’ कमला मामी ने ड् यूक क मां क िम त करते ए कहा। उ ह ने िसर िहलाकर ना कह
दया।
‘हम भूख नह है,’ ड् यूक के िपता ने कहा। ड् यूक उसके माता-िपता और उसके दजन अ य सगे-संबंधी टेज के
पास सोफे पर बैठे थे। चूं क लड़का प के लोग ने कु छ भी खाने से इनकार कर दया था, इसिलए आधा दजन वेटस
टेर िलए खड़े थे।’ ै स गम नह ह जाओ जाकर गम वाले ै स ले आओ,’ मंटी के िपता ने वेटस पर िच लाते ए
कहा। उनका गु सा जायज नह था, य क लड़के वाल ने खाना खाने से इसिलए मना नह कया था य क वह
ठं डा था।
‘पूछो, बात या है? कु छ न कु छ तो गड़बड़ है िश ा मासी ने कहा।
‘ले कन पूछेगा कौन?’ र ी मामा ने कहा,’ वे लोग तो कु छ भी नह कह रहे ह।’ कमला आंटी के चेहरे पर
चंता के भाव बने रहे। दस िमनट बीत गए।
‘यहां या हो रहा है?’ अन या ने पूछा।
‘मने कं धे उचका दए। िश ा मासी ने मेरे किज स को कहा क वे भीतर चले जाएं। फर उ ह ने हाथ जोड़े और
ड् यूक के िपता के पास चली ग । उ ह ने नज़र फे र ल ।
अन या और म कु छ मीटर पीछे हट गए। अब हम सब लोग को देख सकते थे, ले कन सुन नह सकते थे।
मां और उनके दोन भाई ड् यूक के माता-िपता के सामने हाथ जोड़े थे। वे उसी तरह उनके जवाब का इं तज़ार
कर रहे थे जैसे भूिमहीन कसान जम दार के सामने खड़े होकर करते ह। कु छ िमनट बाद ड् यूक क आ टय म से एक
ने मेरी मां से बात क । मां यान से उनक बात सुनती रह और िसर िहलाती रह । ड् यूक क आंटी क बात ख़ म
होने पर मां आ और अपने भाई-बहन को एकजुट कर िलया।
‘यह तो ब त ड़ामा हो रहा है कु छ पता तो चले क आिखर हो या रहा है?’ अन या ने कहा।
म मा को एक तरफ़ ले आया।
‘स ो के कारण गड़बड़ ई है मां ने कहा।
‘ या? गाड़ी टाट नह हो रही है या? '
‘बी सी रयस, श।’
‘सॉरी, या आ? '
‘कु छ ग़लतफहमी ई है। जब र ी ने ड ं ई क चािबयौ द तो ड् यूक के माता-िपता को लगा क उ ह डं ई
ए सट दी जा रही है ले कन उ ह िमली ड ं ई स ो। ए सट पाँच लाख क आती है जब क स ो के वल तीन लाख क ।’
‘मेरे याल से वह एक िग ट थी,’ अन या ने कहा।
मा को हमारे पा रवा रक मसले म अन या का दखल देना अजीब लगा, ले कन अन या इस बात को लेकर
गंभीर थी।
‘ही, वह तो सर ाइज़ िग ट थी ना?’ मने कहा।
‘ श, तु ह या लगता है? यह कोई बथडे पाट है? सभी को इस सर ाइज़ के बारे म पता था। ड् यूक के पैरट् स
ने पहले ही अपने प रवार को बता दया था क उ ह ए सट िमलने वाली है। वे ख़द को अपमािनत और ठगा आ
महसूस कर रहे ह।’ बड़ी अजीब बात है हािथय ारा वागत कए जाने के बावजूद लोग ख़द को अपमािनत कै से
महसूस कर सकते ह।
‘अब या?’ मने कहा।
‘कु छ नह । वे लोग कह रहे ह क जब तक कार नह बदली जाएगी, शादी नह होगी।’
‘ऐसा हो सकता है?’
‘शादी के खचा से पहले ही र ी क कमर टू ट चुक है। ले कन अब उसके सामने भला या चारा रह गया है?
उसने वादा कया है क वह उ ह ए सट देगा।’
‘ फर वे लोग वहां मुंह लटकाए य बैठे ह?’ मने पूछा।
‘उ ह गारं आंटी चािहए। ड् यूक के िपता चाहते ह क दोन गािड़य म जो दो लाख पए का फ़क है वह उ ह
अभी कै श दया जाए।’
‘अभी?’ मने कहा।
अन या क भौह धनुष क तरह तन ग । उसे समझ नह आ रहा था क इस पर कस तरह रए ट करे । िश ा
मासी ने फर मेरी मां को बुलाया और बड़े-बुजुग क मी टंग फर गहमागहमी से शु हो गई।
‘जो कु छ हो रहा है उसके बारे म म या क ?ं मुझे तो कु छ समझ नह आ रहा अन या ने कहा।
‘म भी तु हारी ही तरह शॉ ड ं ‘मने कहा।
हम लेडीज बार म गए और दो मॉकटेल डाय करीस का ऑडर कया।
‘वे िड कस कस बारे म कर रहे ह? वे पुिलस को य नह बुलाते?’ अन या ने कहा।
‘अन या,’ मने कहा,’ आर यू टु िपड?’ मने उसे एक िगलास दया।
‘नह , म कु छ अपरािधय को जेल भेजना चाहती ।ं या यह बेवकू फ है?’
‘ही, य द तु ह मंटी क रे खुटेशन क चंता है तो, उ ह ने ये जो इतना सारा खचा कया है उसका या होगा?’
मने अलग-अलग टॉ स क ओर इशारा करते ए कहा।’ ओह, और इस बात से कोई फ़क नह पड़ता क तु हारी
बहन ऐसे वािहयात लोग के प रवार म याही जा रही है?’
‘ऐसी चीज़ होती रहती ह। बड़े लोग िमलकर मामला सुलझा लगे,’ मने कहा।
‘हम इस समय प रवार के साथ होना चािहए अन या ने अपना िगलास नीचे रखते ए कहा।
हम फर उस जगह पर चले आए, जहां ड़ामा हो रहा था। र ी मामा ने अपनी गुलाबी पगड़ी ड् यूक के पैरट् स
के पैर पर रख दी थी, ले कन वे उ ह नज़रअंदाज़ कर रहे थे। उ ह ने एक चेक देने क पेशकश क , ले कन ड् यूक के
पैरट् स ने उसे ठु करा दया। इतने कम समय म कोई भी इतनी बड़ी रकम लेकर नह आ सकता था। इसी दौरान नए
मेहमान भी पाट म आने लगे थे। र ी मामा अपनी तकलीफ छु पाकर मु कराकर और गले लगाकर उनका वागत
करते जा रहे थे। ले कन हमारे प रवार क मिहलाएं एक अजीबोरारीब लान बना चुक थ ।
‘ज दी करो, किवता, अपनी वेलरी उतारो िश ा मासी ने अपना नेकलेस उतारते ए कहा। मां अपनी
चूिड़या उतारने लग । कमला और रजनी मामी ने भी अपनी वेलरी उतार ली।
िश ा मासी ने सभी गहन को एक लाि टक बैग म रखा और उ ह र ी मामा को दे दया।’ यह उ ह दे दो।
उ ह कहो क जब तक नई कार नह आ जाती, तब तक वे इसे अपने पास रख,’ उ ह ने कहा।
र ी मामा िश ा मासी के पैर म िगर पड़े।
‘पागल हो गए हो या? तुम मेरे छोटे भाई हो, मंटी हमारी भी िब टया है िश ा मासी ने कहा। सभी भाई-
बहन क आख नम हो ग । ड् यूक के िपता अब भी सोफे पर जमे ए थे। वे अपनी आख के कोने से हम देख रहे थे।
‘अब जाओ,’ िश ा मासी ने कहा।
‘म पहले उनसे बात कर आता ं ‘र ी मामा ने कहा। वे ड् यूक के िपता के पास गए।
‘आई काट िबलीव दस,’ अन या ने कहा।
‘ श, ज द ही सब कु छ नॉमल हो जाएगा,’ मने कहा।
र ी मामा ड् यूक के माता-िपता से मी टंग कर लौटे।
‘िश ा दीदी, वे लोग वेलरी को िस यो रआंटी के प म रखने को तैयार हो गए ह र ी मामा ने कहा।
र ी मामा ने िश ा मासी से बैग ले िलया।
‘अंकल कए अन या ने कहा।
सभी क आख उसक ओर घूम ग । इस सबका तुमसे कोई लेना-देना नह है अन या म उससे कहना चाहता
था।
‘इससे पहले क आप यह उ ह द अन या ने कहा ‘ या म आपको एक सुझाव दे सकती ?ं ’
‘ या?’ मां ने हैरत से पूछा।
‘आंटी, घर के बड़े लोग ने इस सम या को सुलझाने के िलए इतनी सारी मी टंग कर ल । अब या घर के छोटे
किज स ड् यूक से बात कर सकते ह?’ अन या ने कहा।
‘अन या, यह बड़ का मामला है मने कहा।
‘शादी ड् यूक क है। हम उससे एक बार बात करनी चािहए,’ अन या ने कहा।’ हम वेलरी देने को तैयार ह
फर य ? कमला मामी ने कहा।
‘ लीज़ अंकल, िश ा मासी, लीज़। आिखर इसम बुराई या है?’ अन या ने कहा। िश ा मासी ने एक गहरी
सांस छोड़कर अपनी सहमित दी।
टंक , िन , रोहन, कट् ट-िबट् टू और हम दोन बड़ से दस मीटर दूर कु सय पर बैठ गए। अन या ड् यूक के
प रवार क ओर गई जहां उसने बीस साल के एक लड़के को पहचान िलया।’ तुम ड् यूक के किज़न हो ना?’
‘येस, मायसे फ़ ौजल उसने कहा।
‘गुड, या आप ड् यूक के सभी किज स को इकट् ठा कर यहां ला सकते ह, जहां मंटी के किज स बैठे ह अन या ने
हमारे मुप क ओर इशारा करते ए कहा।
‘ये या हो रहा है?’ ड् यूक के िपता ने कहा।
‘अंकल प रवार के हम छोटे सद य एक मी टंग करना चाहते ह। कम ऑन, ांजल, उ ह ज दी से ले आओ
अन या ने कहा।
‘ये लड़क कौन है?’ ड् यूक क मां ने कहा।
‘म लड़क वाल क फ़ै िमली ड ं ‘अन या ने कहा और दू हे से मुखाितब होते ए कहा,’ ड् यूक, या आप
हमारे साथ बातचीत म शािमल हो सकते ह?’
ड् यूक ने अन या को हैरानीभरी नज़र से देखा। अन या तब तक ड् यूक क ओर देखती रही, जब तक क वह
श मदा होकर उठ न गया। उसने उससे कहा क वह उसके पीछे-पीछे आए।
‘ श, मंटी को यहां बुला लाओ,’ अन या ने कहा।
‘ मंटी?’ मने िच लाते ए कहा।
‘म उसे ले आती ं ‘ टंक ने कहा और दौड़कर भीतर चली गई।
48
मंटी और ड् यूक के अलावा हम कोई बारह लोग थे। हमने एक सकल बना िलया। प रवार के बड़े हम संदेह भरी
नज़र से दूर से देखते रहे। वे उ सुक थे क आिखर ये लोग या करना चाहते ह ले कन अन या ने इस बात का यान
रखा था क हम सभी क पीठ बड़ क तरफ़ हो।
‘हम उ ह ऐसा नह करने देना था,’ ड् यूक क मां ने कहा।
‘ऑफ़ कोस जी, टू िमनट जी,’ र ी मामा ने ड् यूक के पैरट् स क ही म हा िमलाते ए कहा।
‘हैलो एवरीवन,’ अन या सभी को संबोिधत करने के िलए उठ खड़ी ई। म उसके पास बैठा था।
सभी ने जवाब म िनरीह-सी आवाज़ म ‘हाय ‘कहा।
‘यहां जो कु छ हो रहा है या आपको लगता है, वह सही है?’ अन या ने पूछा। ड् यूक और उसके किज स नीचे
देखने लगे। वे हमसे नज़र िमलाने से बच रहे थे। मेरे किज़न मंटी के क़रीब बैठे थे और उसे शांत रखने क कोिशश
कर रहे थे।
‘तुम या कर रही हो?’ िश ा मासी ने अन या से कहा,’ य द बारात लौट गई तो मंटी का जीवन बबाद हो
जाएगा।’
‘मुझे लगता है क य द ऐसा ही चलता रहा तो उसक िज़ दगी बबाद हो जाएगी। आंटी, लीज़, हम थोडी-सी
ाइवेसी चािहए। आप के वल इतना यान रिखए क ड् यूक के पैरट् स हमसे दूर रह अन या ने कहा।
िश ा मासी के जाते ही अन या ड् यूक क ओर मुड़ी।’ येस, यू य द आप खड़े हो सकते ह तो खड़े हो जाइए।’
ड् यूक खड़ा हो गया। वह अन या से छह इं च ऊंचा था और उसका वजन अन या के वजून से दोगुना था। ज़ािहर
है, ये शारी रक त य मेरी पागल गल ड को िडगा नह सकते थे।
‘ड् यूक, आप या करते ह?’ अन या ने पूछा।
‘म सॉ टवेयर इं जीिनयर ,ं ’ उसने कहा।
‘आप कतना कमा लेते ह? अन या ने पूछा।
ड् यूक चुप रहा।
‘बताइए,’ अन या ने ऊंची आवाज़ म कहा।
‘दस हजार पया महीना,’ उसने भारी पंजाबी लहज़े म कहा।
‘ ेट, मुझे प ीस हजार पया महीना तन वाह िमलती है। ले कन या आप मुझे बता सकते ह क आपने ऐसा
या कया है जो आप इतनी आलीशान शादी के लायक बन गए ह? आपने ऐसा या कया है जो आप भट म िमली
एक कार के हक़दार हो गए ह?’
‘म म... लड़के वाल क तरफ़ से ,ं ’ ड् यूक ने हकलाते ए कहा।
‘तो? आपने मंटी को देखा है?’ अन या ने कहा।
ड् यूक ने िसर िहलाकर ही कहा।
‘आपक शादी हो रही है, इसीिलए आपको ऐसी लड़क िमल रही है। य द आपको उसे पटाना पड़ता तो या
कभी सपने म भी सोच सकते थे क आपक ऐसी गल ड होगी?’
ड् यूक चुप रहा और अपने शरीर के भारी वज़न को एक पैर से दूसरे पैर पर िश ट करता रहा।
‘ या?’ अन या ने कहा।
‘ दस इज़ टू मच,’ ड् यूक ने कहा।
‘आई एम टू मच,’ अन या ने सहमित जताते ए कहा और ड् यूक को भरतनाट् यम टाइल म घूरकर देखा।
इसके बाद वह फर बोलने लगी।
‘ या आपको पता है आपके िलए यह शादी रचाने के िलए मंटी के माता-िपता को या- या कर गुज़रना पड़ा
है? वह कार आपक ढाई साल क तन वाह के बराबर है, िम टर ड् यूक! इन दोन पा टय ने उ ह कज म झ क दया
है। अब आपको ए सट चािहए? ले कन वह आपक ए सट नह होगी, वह एक ऐसी चीज़ होगी, िजसे आपने एक
असहाय िपता से छीन िलया है, य क वह नह चाहता था क उसक बेटी के याह पर ामा हो और उसक शादी
एक कडल बन जाए।’
ड् यूक क समझ के िहसाब से ये श द ब त थे। अपने सभी किज़ स क ही तरह वह भी त ध रह गया, ले कन
इसक वजह अन या ारा कही जाने वाली बात से यादा उसका आ मिव ास और उसक फराटेदार अं ेजी थी।
‘बैठ जाइए,’ अन या ने कहा। ड् यूक ने फ़ौरन उसक आ ा का पालन कया। अन या सभी से मुखाितब होते
ए बोली, ‘ड् यूक के सभी भाइय और बहनो, सुन । कोई ए सट नह दी जाएगी। प रवार के बड़ ने अपना असली
रं ग दखा दया ह इसिलए अब पूरा बीड़ा ड् यूक और आप लोग को ही उठाना है। य द ड् यूक स मानपूवक मंटी से
िववाह करना चाहते ह तो उ ह यही बात कहनी चािहए। य द वे ऐसा नह कहते ह तो वे नासमझ ह और हम यह
शादी नह चाहते।’
‘अन या बेटा...?’ हमारी मी टंग को लंबा खंचते देख र ी मामा चले आए।
‘अंकल हमारी मी टंग तक़रीबन पूरी हो चुक है अन या ने कहा। ‘बस पाँच िमनट और बचे ह ड् यूक। ज दी से
कोई फ़ै सला क िजए।’
सभी चुप हो गए। ौड मैनेजर एचएलएल, एमबीए, आईआईएमए म पॉपुलर वोट से बे ट गल घोिषत क
गई और मेरे वोट के कारण बे ट गल ड आक गई अन या वामीनाथन ने ड् यूक के प रवार के युवा को सोचने पर
मजबूर कर दया था।
49
समय बीतता रहा, ले कन किज़ स चु पी साधे रहे। ड् यूक कु छ कहना चाहता था, ले कन उसने दूर से अपने माता-
िपता के तने ए चेहरे देखे तो वह चुप रह गया। फर वह अपने किज़ स क ओर मुड़ा और वे एक-दूसरे के कान म
कु छ फु सफु साने लगे। चार िमनट बाद वह फर खड़ा हो गया और अन या को संबोिधत करते ए बोला,’ ‘ए स यूज़
मी, मैडम।’
‘मेरा नाम अन या है। किहए?’
‘ या हम बड़े-बुजुग के पास जा सकते ह? म मां से बात करना चाहता ।ं ’
‘ कस बारे म?’ अन या ने उसका रा ता रोकते ए कहा।
‘तुम इतनी सूरमा य बन रही हो? जाने दो मुझे।’
‘चलो, सभी चलते ह,’ अन या ने कहा।
सभी किज़ स अपनी-अपनी कु सय से उठ खड़े ए और बड़ क ओर चल पड़े। ड् यूक अपनी मां के पास गया।
‘म मी, म मंटी से शादी करना चाहता ।ं ’
ड् यूक क मां ने अपने बेटे को हैरत से देखा।
‘ले कन उ ह ने हमारे साथ धोखाधड़ी क है बेटा,’ ड् यूक के िपता ने कहा।
र ी मामा एक बार फर उनके पैर म िगर पडे। अन या ने उ ह रोका।
‘डैडी, म ब त देर तक चुप बैठा रहा। है ना? हर चीज़ आप ही ने तय क । अब चाहे जो हो ले कन मेरी शादी
म रोड़े मत डािलए।’
‘बेटा, ले कन उ ह ने हमसे वादा कया था,’ ड् यूक क मां ने कहा।
‘म मी, ब त आ! और उन लोग क वेलरी लेने का यह नाटक कसिलए? आपको या लगता है म अपने
पैसे से एक कार नह ख़रीद सकता? '
‘पाँच िमनट पूरे ए,’ अन या ने कहा,’ हम पैक अप कर या फर... '
‘तुम कै सी लड़क हो? तुम तो मुझे अपने माता-िपता को कं वंस करने का समय भी नह दे रही हो ड् यूक ने
अन या से कहा।
ड् यूक के अंक स म से एक उठ खड़े ए। ‘चिलए, शु क िजए-जी। हम अपने ब े क खुिशय को हण नह
लगाना चािहए। जयमाला सेरेमनी के िलए समय िनकला जा रहा है।’
‘सब ठीक तो है ना?’ र ी मामा ने ड् यूक के माता-िपता क ओर देखते ए कहा। ‘ चंता मत क िजए।
ग़लतफ़हिमयां होती रहती ह। हम जीवन भर के एक र ते को बबाद नह करना चािहए,’ ड् यूक के अंकल ने सभी
संबंिधय को उठने का इशारा करते ए कहा।
‘कृ पया सभी लोग ै स का मज़ा ल,’ ड् यूक ने कहा। ड् यूक का इतना कहना था क सभी नाते- र तेदार वेटस
पर टू ट पड़े। शादी के दौरान पंजािबय को खाने से दूर रखना ब त यादती है, ख़ास तौर पर तब, जब दू हे को
िमलने वाली कार से उ ह कोई फ़ायदा न होने वाला हो।
लड़क वाल ने लड़के के माता-िपता को गले लगाया। जवाब म उ ह ने लड़क वाल को गले नह लगाया,
ले कन उ ह दूर भी नह धके ला। र ी मामा िमठाई का एक िड बा ले आए और ड् यूक के माता-िपता का मुंह मीठा
कराया। श र क िमठास ने उनके हावभाव बदले। डीजे ने यूिज़क बजाना शु कर दया। शादी फर पटरी पर आ
गई।
सभी लोग सोफ़े से उठकर टेज क ओर चल दए, ले कन एक लड़क वह खड़ी रही। वह साउथ इं िडयन
लड़क थी, जो मेरे साथ चे ई से यहां तक आई थी।
‘उसने उन लोग से या कहा?’ िश ा मासी ने मुझसे पूछा। वे सभी को अपनी-अपनी वेलरी लौटा चुक थ ।
मने कं धे उचका दए।
‘तुम ब त समझदार लड़क हो,’ कमला आंटी ने अन या को गले लगाते ए कहा।’ थक यू बेटा, तुमने हमारी
इ ज़त रख ली।’
‘ले कन एक बात बताओ तुम वाक़ई प ीस हजार पया महीना कमाती हो?’ रजनी आंटी ने वह सवाल पूछा,
जो सभी पूछना चाहते थे।
मा आ और उ ह ने मु कराकर अन या क ओर देखा। मां ने भले ही कु छ न कहा हो, ले कन म जानता था क
अन या का यह काम उनके िलए ब त मायने रखता था।
‘लड़क इतनी बुरी नह है जयमाला के दौरान िश ा मासी ने मां से कहा।
‘गल तुमने आधी बाज़ी मार ली है, तुम भी यह बात जानती हो,’ मने अन या से कहा। हम ड् यूक और मंटी
पर फू ल क पंखुिड़यां उछालते रहे।
50
‘तो, मॉम मने कहा,’ जैसा क म कह रहा था।’ हम कचन म थे।
‘तुम यह चार बार कह चुके हो। तु ह कु छ कहना भी है या नह ?’ मा ने कहा। उ ह ने उबलती ई चाय टोव
से हटाई।
‘अन या कल जा रही है।’ मने कहा।
‘ठीक है,’ मां ने कहा। उ ह ने मेरी ओर चाय का एक याला बढ़ाया।
‘जाने से पहले मने उसे कु छ बात करने घर बुलाया है।’
‘और,’ मां ने कहा।
‘हम आपके फ़ै सले के बारे म जानना चाहते ह,’ मने कहा।
‘यह तु हारा फ़ै सला है,’ उ ह ने कहा।
‘ठीक है, हम आपक राय जानना चाहते ह जो क मेरे फ़ै सले के िलए ब त जु री है।’
‘उ फ़, तुम और तु हारे एमबीए ट स,’ मा ने कहा।
अन या दोपहर तक घर आई। हम डाय नंग टेबल पर बैठे थे। मां ने एक खरबूज़ा काटा। ‘ मॉम, जो न सोचा
था, वह हो गया। आपके र तेदार अन या को पसंद करने लगे ह। या, अब मुझे उससे शादी करने के िलए आपक
अनुमित िमल सकती है?’
‘तु ह मेरी अनुमित क ज़ रत नह है,’ मां ने मेरी ओर खरबूज़े क एक फांक बढ़ाते ए कहा।
‘अनुमित नह तो सहमित। या हम आपक सहमित िमलेगी?’ मने कहा।
उ ह ने कु छ फांक अन या क ओर बढ़ाई।
‘ या इसे म हा समझूं?’ मने कहा।
‘कमला और र ी इसे ब त पसंद करने लगे ह,’ मां ने कहा।
‘ या आप भी मुझे पसंद करती ह, आंटी? य द नह तो मुझे बता दीिजए,’ अन या ने कहा।
‘ऑफ़ कोस, बेटा, म तु ह पसंद करती ,ं ’ मा ने अन या के िसर पर हाथ रखते ए कहा। ‘ले कन दूसरे लोग
भी ह जैसे तु हारे प रवार के लोग।’
‘मेरे प रवार के लोग श को ब त पसंद करते ह!’
‘हां, ले कन या दोन प रवार एक-दूसरे को पसंद करते ह? तुम दोन खुश हो सकते हो, ले कन घर के बड़े भी
तो अपने संबंिधय के साथ खुश होने चािहए। साबरमती आ म वाली घटना याद है ना? '
‘धैय रखो, मॉम। समय के साथ दोन प रवार एक-दूसरे के कु रीब आ जाएंगे,’ मने कहा। जाने से पहले अन या
ने एक बार फर मेरे िपता का िज़ कया। ‘ श के डैड राज़ी नह ह गे?’ उसने पूछा।
मां एक टेढ़ी मु कान मु करा दी। ‘वे हम टीवी तक तो देखने नह देते, श रा अपनी पसंद क लड़क से
शादी करना तो दूर क बात है। ले कन ठीक है, अगर मेरे भाई-बहन राज़ी ह तो अ छी बात है। नह तो, ऐसा कभी
नह हो सकता था,’ मां ने कहा।
अन या ने िसर िहला दया। मां अपने कमरे म ग और सोने क दो चूिड़या ले आ । ‘नह आंटी,’ अन या ने
कहा, ले कन मां ने उसे वे चूिड़या पहना द और उसका माथा चूम िलया।
हवा म गुलाब क पंखुिडय क तरह खुशी तैरने लगी और मने क पना क क मने हवा म तीन बार मु ा
लहराया है।
......

‘तो ने सट टेप या होगा? शादी क तारीख?’


अन या और म अपने-अपने ऑ फ़स के फ़ोन पर बितया रहे थे।
‘यू नो, तु हारी मा सही ह। एक गैप तो है,’ अन या ने कहा।
‘कौन-सा गैप?’ मने कहा।
‘’ मेरे पैरट् स तु ह पसंद करते ह। तु हारी मां मुझे पसंद करती ह। ले कन ये दोन तो एक-दूसरे को पसंद नह
करते। अहमदाबाद म जो कु छ आ, उसे कै से भुलाया जा सकता है?’ अन या ने कहा।
‘हां ले कन,’ मने कहा। ‘ओह मैन, म तो सोच रहा था क हमारा काम पूरा हो गया।’
‘नह , दोन प रवार को एकजुट होना ही पड़ेगा। यक़ न मानो ऐसा होना ब त जु री है। हम उ ह आपस म
िमलवाना चािहए,’ उसने कहा।
‘ले कन कहा? या म मां को लेकर चे ई आऊं?’ मने कहा।
‘नह , चलो कसी यू ल वे यू पर चलते ह जहां हमारे और कोई नाते- र तेदार न ह ।’
‘गुड पॉइं ट। म कु छ बंदोब त करता ं ‘मने फ़ोन रख दया।
म काम करने लगा। िसटीबक द ली म अभी तक मेरा कोई फ स िडवीजन या बॉस नह था। म िडपाटमट् स
के बीच घूमता रहता था और यह दखावा करने क कोिशश करता था क म उनके िलए उपयोगी ।ं म े िडट का स
िडवीजन म कु छ समय काम कर चुका था। मुझे एक े िडट काड मोशन लान तैयार करना था, ले कन न तो ऐसा
करने म मेरी कोई दलच पी थी और न ही मुझे इसम कोई िवशेष ता हािसल थी। मने अपने े िडट काड क टमस के
िलए ऑफ़स का एक मौजूदा ोशर खोला। गोवा पैकेज पर एक पेशल डील थी।
मने फ़ोन उठाया और अन या का नंबर लगाया। ‘गोवा,’ मने कहा। ‘चलो सभी गोवा चलते ह। दो प रवार
को एकजुट करने के िलए समु धूप और रे तीले तट से बेहतर और कु छ नह हो सकता। फर वहां हम भी ब त मज़ा
आएगा। तो या कहती हो अगले महीने?’
‘वह तो ब त महंगा होगा उसने कहा।
‘ले कन यार से अ छा इं वे टमट और या होगा?’ मने कहा और देवल एजट को फ़ोन लगाने के िलए का स
उलट-पुलटकर देखने लगा।

Downloaded from Ebookz.in


अंक 5 : गोवा

Downloaded from Ebookz.in


51
‘म तु ह पहले ही बता दे रही ।ं मुझे उसक मा िब कु ल पसंद नह -घमंडी औरत,’ मां ने कहा। हम टै सी टड पर
खड़े थे। अन या और उसके पैरट् स से दो घंटा पहले म और मां गोवा के डाबोिलम एयरपोट पर उतर गए थे। मने
कोिशश क थी क दोन लाइट् स के गोवा प च ं ने के बीच कम से कम फ़ासला हो।
‘नह मा, ऐसी बात नह है। वे शांत लोग ह,’ मने कहा।
‘उन लोग के यादा बहकावे म मत आओ,’ मा ने कहा।
‘ऐसा नह है। लो, वे आ गए। याद रखना, उनका मु कराकर वागत करना,’ मने कहा। अन या के पैरट् स क
दूसरी बार मेरी मा से आमने-सामने भट ई।
‘हैलो किवता-जी,’ अन या के िपता ने कहा। उ ह ने एक-दूसरे का अिभवादन कया। इतनी गमजोशी के साथ
नह , जैसा द ली हवाई अड् डे पर कया जाता है ले कन पूरी तरह ठं डा भी नह ।
मने एक ािलस बुलवा ली थी। म अन या के बै स कार म रखने म ड़ाइवर क मदद करने लगा। मां ने मुझे
हैरतभरी नज़र से देखा।
‘ या आ?’ मने पूछा।
उ ह ने अपना िसर िहलाया।
म गाड़ी म सबसे आगे बैठ गया। अन या का प रवार बीच क सीट पर बैठा था।’ म तो सबसे पीछे बैठंू गी,’ मा
ने कहा।
म समझ गया क यह गड़बड़ वाली ि थित है। ‘नह , मॉम म पीछे क सीट पर बैठंू गा,’ मने कहा। ले कन मां ने
इनकार कर दया, य क वे पहले ही अपनी जगह पर िवरािजत हो चुक थ ।
‘पाक हेयट,’ मने कहा। ाइवर ने कार को दि णी गोवा क ओर घुमा िलया। मां ने अपने बैग से लाि टक का
पैकेट िनकाला। ‘यह लीिजए, यह आपके िलए है,’ मां ने कहा और अन या क मां क ओर एक साड़ी बढ़ा दी।
अन या क मां पीछे मुड़ी और पैकेट ले िलया। ‘थक यू ‘उ ह ने कहा।
‘यह तुषार िस क है मा ने कहा,’ मने इसे असम ए पो रयम से िलया है।’
‘िस क साउथ म भी ब त पॉपुलर है हमारे यहां कौजीवरम सािड़य िमलती ह। अन या क मां ने कहा और
साड़ी बैग म रख ली।
रज़ॉट तक प च ं ने तक हमारे बीच यादा बात नह ।
होटल टाफ़ ने फू ल क माला और फू ट-पंच वेलकम ड़ंक के साथ हमारा वागत कया। हमम से कोई भी
इससे पहले कसी फाइव टार होटल म नह ठहरा था।’ यह महंगी तो नह है?’ मा ने कहा।
‘उ ह ने मुझे एक डील दी है। मने उनसे ॉिमस कया है क िसटीबक क एनुअल कां ेस यह करवाऊंगा,’ मने
कहा।
‘वेलकम, िम टर श, हमने आपके िलए दो गाडन ू स बुक कए ह रसे शिन ट ने कहा। ‘और मेरे पास
एक अ छी खबर भी है। एक म को हमने एक बड़े सी- ू म के म म अप ेड भी कया है।’
‘वॉव अन या ने कहा,’ म इससे पहले कभी कसी सी- यू म म नह ठहरी।’
ज़ािहर है अन या और मुझे अलग-अलग रहना था। मुझे मां के साथ और अन या को अपने पैरट् स के साथ म
शेयर करना था। और चूं क वे लोग तीन थे, इसिलए मने अपना म भी चुन िलया।
‘अन या, तु हारी फ़ै िमली बड़ा म ले सकती है। मॉम और म दूसरा कमरा ले लगे,’ मने कहा।
बेल-बॉय हमारे कमरे म लगेज ले आया। ‘नाइस लेस, है ना?’ मने मा से कहा। हम एक लॉवर गाडन से
गुज़रे ।
मा ने कोई जवाब नह दया।
‘सब ठीक तो है ना?’ मने पूछा।
मा ने धीमे से िसर िहला दया। जब तक हम म म नह प च ं गए, वे चुप रह । ‘ब त खे लोग ह,’ मां ने
कहा।
‘कौन? होटल टाफ़ वाले?’ मने गाडन ू देखने के िलए परदे खोलते ए कहा।
‘शट अप, ये लोग, िज ह तुम अपने ससुराल वाला बनाना चाहते हो। ये तु हारे ससुराल वाले ह? वे अपने
दामाद से अपने लगेज उठवा रहे ह?’
‘अरे , कब? '
‘एयरपोट पर। या तु ह यह भी पता नह क तुम उनके नौकर बन गए हो?’
‘म...’ मने जवाब क तलाश करते ए कहा, ‘म तो के वल उनक मदद करना चाहता था।’
‘बकवास। और उ ह ने सी- यू वाला कमरा य िलया? लड़के वाले तो हम ह।’
‘ य क वे लोग सं या म हमसे यादा ह। इसके अलावा, गाडन भी तो कतना सुंदर है।’
‘जो भी हो, ले कन तुमने उनक सबसे बड़ी ग़लती पर यान दया?’ उ ह ने कहा।
‘ या?’
‘वे लोग कु छ समझ ही न पाए। मने उनक बेआंटी को दो चूिड़या द । उ ह थोड़ी शम आनी चािहए।’
पंजािबय के िलहाज से अन या के पैरट् स ने भारी भूल कर दी थी। लड़के वाल से कभी ख़ाली हाथ नह िमला
जाता है।
‘और मने उसे दो हजार पए क िस क साड़ी दी और उसने उसक तारीफ़ भी नह क ।’
‘उ ह ने तारीफ़ तो क थी।’
‘नह , वह अपनी साउथ इं िडयन सािड़य को लेकर ड ग हाक रही थी,’ मा ने कहा।
शादी करने के सबसे बड़े नुक्सान म से एक यह भी है। लड़क को सािड़य और सोने के जेवर के बारे म होने
वाली बातचीत म शािमल होना पड़ता है।
‘मॉम, हम यहां पर उ ह अ छी तरह जानने-समझने के िलए आए ह। लीज़, पहले से कु छ तय मत करो। और
िडनर के िलए तैयार हो जाओ।’
‘तुम तो हमेशा उनक ही साइड लोगे। तुम उनके झांसे म जो आ चुके हो।’ उ ह ने बड़बड़ाते ए कहा ‘बेवकू फ
लड़का, इसे अपनी ही क मत नह पता है।’
52
पंजािबय और तिमल के बीच के अंतर को बुफे भोजन िजस तरह उजागर कर सकता है वैसे और कोई नह कर
सकता। तिमल के िलए यह साधारण-सी बात है। वे सबसे पहले सफ़े द चावल का ढेर लगा लगे और फर उसम दाल
दही या कोई भी ऐसी चीज़ डाल दगे, िजसम राई के दाने, ना रयल और कड़ी प ा ह ।
ले कन पंजािबय का भोजन से एक भावुक जुड़ाव होता है ठीक वैसे ही, जैसे संगीत से उनका भावुक संबंध
होता है। पंजािबय के िलए बुफे म उपल ध िडशेस क संखला फलाहाम िनक ऑक ा क तरह है। वे यह चाहते ह
क एक ही लेट
म यादा से यादा तादाद म कै लोरीज़ जमा कर ल, य क ब तेरे पाट कै टरर उपयोग क गई लेट क
सं या के आधार पर िबल बनाते ह। साथ ही मा बचपन से ही मुझे यह भी समझाती आ रही थ क पाट म कभी भी
कोई ऐसी चीज़ न लो, िजसे आसानी से घर पर भी बनाया जा सकता हो या िजसम इ तमाल क गई साम ी स ती
हो, जैसे पीली दाल, गोभी आलू या सलाद। पंजािबय का यान िचकन पर क त रहता है। या फर ऐसी िडशेस पर,
िजसम ख़ूब सारे मेवे ह । या फर, रसीली िमठाइय पर।
‘मॉम, यहां एक लेट से यादा खाना िलया जा सकता है,’ मने कहा। वे मुझे तीन बार बटर िचकन परोस चुक
थ।
‘ रयली? नो ए ा चाज?’ उ ह ने कहा।
हम अपनी टेबल पर लौट आए। ‘आप लोग राइस ले रहे ह?’ मां ने अन या के पैरंट्स क लेट्स देखकर पूछा।
अन या के पैरट् स ने िसर िहला दया। वे च मच से खा रहे थे ले कन उनक अंगुिलयां दही और दाल को
चावल म िमलाकर खाने के िलए मचल रही थ । अन या ने उ ह च मच से खाने को कहा था, ता क मेरी मा को
यादा शक न प च ं े।
‘िचकन ब त अ छा बना है। आपने िलया?’ मां ने उनके िलए एक पीस उठाते ए कहा।
‘हम लोग वेजीटे रयन ह अन या क मा ने ठं डे भाव से कहा। उनके सामने िचकन क टल हवा म टंगी ई थी।
‘ओह मा ने कहा।
‘इट् स ओके आंटी, म ाय करती ं ‘अन या ने कहा।
हम चुपचाप खाते रहे, के वल खाना चबाने क मचमच आवाज़ होती रही।
‘अ मा, सम थंग सम थंग,’ अन या ने तिमल म फु सफु साते ए कहा। वह उ ह कु छ बोलने के िलए उकसा रही
थी।
‘आपके हसबड नह आए?’ अन या क मां ने पूछा।
‘नह , उनक तबीयत ठीक नह है। डॉ टर ने उ ह हवाई या ा करने से मना कया है मा ने कहा।
‘ द ली से गोवा तक सीधी ेन भी तो है,’ अन या के िपता ने कहा। अन या ने अपने िपता को देखते ए एक
इशारा कया, िजसका मतलब था के वल खाने पर ही यान क त क िजए।
‘हम लोग ेन से सफ़र नह करते मा ने झूठ बोलते ए कहा। पता नह य । वे बोलती रह ।’ ए चुअली,
पंजाबी ब त दलवाले लोग होते ह। हम शानदार िज़ दगी जीना पसंद करते ह। जब हम लोग से िमलते ह तो उ ह
अ छे-अ छे-से िग ट देते है।?’
‘मॉम, आप मीठे म कु छ लगी। यहां मगो आइ म है मने कहा।
उ ह ने मुझे नज़रअंदाज़ कर दया।’ ही, हम लोग कभी कसी से ख़ाली हाथ नह िमलते। और लड़के वाल से
ख़ाली हाथ िमलने के बारे म तो सोचा भी नह जा सकता,’ मां ने कहा। मने धीमे-से उनके पैर को एक ध ा दया।
‘ओके मने कल साइटसीइं ग के िलए एक कार बुक कर ली है। लीज़, सात बजे तक कॉफ शॉप प च ं जाइएगा,’
मने कहा।
‘इ ला साइटसीइं ग,’ अन या क मां ने बुदबुदाते ए कहा।
‘ योर, हम लोग प च ं जाएंगे,’ अन या ने कहा।
खाने के बाद अन या और म पाक हेयट के ाइवेट बीच पर िमले।
‘मेरे पैरट् स अपसेट ह अन या ने कहा तु हारी म मी को ठीक से बातचीत करना सीखना चािहए।’
समु क लहर थपेड़े खा रही थ । कई टू र ट कप स हमारे सामने हाथ म हाथ डाले घूम रहे थे। म दावे के
साथ कह सकता था क वे अपने होने वाले सांस-ससुर के बारे म बात नह कर रहे थे।
‘और तु हारे पैरट् स को सीखना चािहए क ठीक से िबहेव कै से कया जाता है मने कहा।
हम भारत क सबसे रोम टक जगह म से एक पर थे ले कन हमारे बीच अनबन हो रही थी। एक भारतीय लव
मै रज म जब तक ेमी- ेिमका शादी कर पाते ह तब तक पता नह , दोन के बीच कतना यार बाक़ रह पाता है।
‘वे इससे अ छा िबहेव और या करगे?’ उसने कहा।
‘म तु ह बताता ।ं ले कन तु ह ठीक वही करना होगा, जो म तु ह क ग ं ा,’ मने कहा।
‘य द तु हारी बात समझदारी भरी ई तो,’ मेरी समझदार गल ड ने कहा।
‘ टेप वन, मेरी मां के िलए एक महंगा-सा िग ट खुरीदो।’
‘ रयली? '
‘येस, टेप टू कल जब हम गोवा घूमने जाएंगे तो हमेशा ख़द पे करने को तैयार रहो।’
‘हर जगह? '
‘हां, रे टॉरट, टै सी, हर जगह। और जब तुम लोग पे करने को कहोगे तो वे ना कहगी, फर भी तुम लोग िजद
करो क पे तुम ही करोगे। य द हो सके तो मां से उनका पस छीन लो ता क वे ख़द पेमट न कर सक। पंजािबय को यह
अ छा लगता है। न के वल अ छा, बि क यारभरा।’
अन या का मुंह उतर गया।
‘ टेप थी, जब सभी लोग आसपास ह तो मुझे कोई काम मत करने दो। उदाहरण के िलए, ेकफा ट टेबल पर
अपनी मा को बोलो क वे मेरे िलए टो ट लाएं।’
उसने गहरी सांस छोड़ी।
‘मेरी मां यही अपे ा रखती ह। ऐसा ही करो,’ मने कहा।
उसके चेहरे को देखकर लग रहा था क वह कभी ये बात नह मानेगी।
‘और कु छ?’ उसने पूछा।
‘हां, टेप फोर। बीच पर मुझे यार करो।’
‘नाइस ाय, ि टी पंजाबी बॉय। ले कन सॉरी, अब जब तक हम आिखरी मंिजल तक नह प च ं जाते तब तक
कु छ नह ।’
‘अन या, कम ऑन,’ मने उसे फु सलाते ए कहा।
‘पहले हम इस फ़ै िमली िसचुएशन को फ स करना होगा। म इतने तनाव म ं क कसी और बात के बारे म
सोच भी नह सकती,’ अन या ने कहा।
‘ओके य द कल सब कु छ ठीक रहता है तब या हम बीच पर यार कर सकते ह? हम उसे ऑपरे शन बीच पैशन
कहगे।’
‘देखते ह। बीच पैशन,’ वह मु कराई और मेरे िसर पर एक थपक लगाई।’ चलो, चलते ह डैड मेरा इं तज़ार
कर रहे ह।’

गोवा का डे टू र िबना कसी धमाके के ख़ म हो गया। इसका ेय जाता था हमारे खुशिमजाज गोवन टू र गाइड को।
हम गोवा के सबसे पुराने चच बोम जीसस बैिसिलका म भी गए थे।
‘ कसी ऐसे इं सान के साथ कडल जलाओ िजसे तुम यार करते हो गाइड ने कहा था। मुझे अन या और मेरी मां
के बीच चुनाव करना था। या ा क नाजुक ि थित को देखते ए मने मां को चुना।

हम डोना पॉउला भी गए। फ म एक दूजे के िलए का लाईमै स यह फ माया गया था।


‘यह पर वह मश र फ म फ माई गई थी। उ र भारत क लड़क , दि ण भारत का लड़का। दोन शादी
नह कर सकते थे, इसिलए उ ह ने जान दे दी,’ गाइड ने कहा।
‘इसके अलावा और हो भी या सकता था?’ मा ने बनावटी हँसी हँसते ए कहा। म चुप रहा।
अन या के पैरट् स शॉ पंग के िलए पंिजम म ही क गए।
53
हम अन या के पैरट् स से िडनर के समय िमले। पाक हेयट पर सभी बुफे मील पैकेज का ही एक िह सा थे। वे तीन बड़े
ाउन बै स के साथ कॉफ शॉप प च ं े।
‘किवता-जी, यह आपके िलए है,’ अन या के िपता ने मेरी मां क ओर बै स बढ़ाते ए कहा।
‘नह , नह , इसक या ज़ रत थी?’ मां ने बनावटी मु कराहट के साथ भट वीकारते ए कहा।
पहले बैग म तीन सािड़य थ । दूसरे बैग म मेरे िलए चार शट थ । तीसरे म िमठाइया, नमक न ै स और
गोवा के काजू थे।
म अन या के साथ बुफे काउं टस तक गया।
‘इतना काफ़ है या उ ह और भी चािहए?’ अन या ने कहा।
‘इट् स कू ल। िब कु ल इसी क ज़ रत थी,’ मने कहा।
हम सभी टेबल पर बैठ गए और चुपचाप खाते रहे। मुझे हमेशा अन या क फ़ै िमली के साथ खाना खाते समय
डर लगता था। वे लोग इस तरह खाते थे जैसे कसी मातम म बैठे ह । ले कन जहां इस तरह चुपचाप खाना मुझे
अजीब लगता था, वह मेरी मा तो इसे बदा त ही नह कर सकती थ । वे सीट म बार-बार बेचैनी से अपनी जगह
बदलती रह । खाने के समय आने वाली इकलौती आवाज़ लेट्स से च मच टकराने क ही थी। पांच िमनट बाद मां
बोल । ‘देिखए ना, समय कतना बदल गया है। अब हमारे ब े पहले फ़ै सला ले लेते ह और फर हम एक-दूसरे से
िमलना पड़ता है।’
‘हां, पहले-पहल तो हम बड़ा शॉक लगा था। ले कन श चे ई म छह माह रहा। जैसे ही हम उसे जानने लगे
सब ठीक हो गया,’ अन या क मां ने अपनी वाभािवक स त आवाज़ म कहा।
‘ठीक या? आप लोग तो भीतर ही भीतर ब त खुश हो रहे ह गे। आपको इस जैसा कािबल लड़का और कहा
िमलता?’ मा ने कहा। मने मन ही मन ाथना क क अन या क मां इस बात का जवाब देने क कोिशश न कर।
ले कन उ ह ने जवाब दया।
‘ए चुअली, हम कािबल लड़क क कमी नह थी। तिमल लोग एजुकेशन को ब त मह व देते ह। अन या के
सभी अंक स इं जीिनयस या डॉ टस ह। अन या को अमे रका से कई र ते आए थे।’
‘हां, ले कन वे तो सभी काले-कलूटे लड़के ह गे। या उनम से कोई भी श जैसा गोरा-िचट् टा रहा होगा?
लु स क बात कर तो तिमल पंजािबय का मुकाबला नह कर सकते मां ने बड़े आराम से कहा। उनके लहज़े से ऐसा
नह लग रहा था क वे कोई ब त कठोर बात कह रही ह, ले कन मुझे पैगेटी खाते-खाते एक ध ा-सा लगा।
‘मॉम, आज मीठे म कु छ नया है मने खौसते ए कहा,’ आप ेड पु डंग पसंद करगी? '
‘और मेरे भाई भी ब त अ छी पोिजशन म ह मां ने कहा।’ अन या से पूिछए, कै सी आलीशान पाट दी थी।
उ ह ने दू हे को एक स ो कार दी है। आपने मेरा बेटा हिथया िलया, इसका मतलब यह नह क उसक कोई वै थू
नह है।’
अन या कसी त ध गो ड फश क तरह चुपचाप देखती रही। मने उसे देखकर िसर िहलाया, मानो मा क
इस बात क जवाबदेही लेने से बच रहा होऊं।
‘हमने कसी को नह हिथयाया है अन या क मा ने आिखरकार जवाब दया।’ आपका लड़का ही हमारे घर के
च र काटता रहता था। हम भले लोग ह, इसिलए हम ना नह कह पाए।’
‘मॉम,’ अन या ने कहा।
‘म भला य चुप बैठंू और झूठे इ लाम सहती र ?ं हमने कसी को झौसे म नह िलया। या हम दुख नह हो
रहा है? हम सभी जानते ह क श के िपता इसके िखलाफ ह। हमारे रले ट ज़ पूछगे तो हम या जवाब दगे? फर
भी हम इस र ते के िलए राज़ी ए ह अन या क मां ने कहा।
‘आप लोग या राज़ी ए ह? आप तो मेरे बेटे के लायक भी नह ह मां ने ऊंची आवाज़ म कहा।
‘ लीज़ िच लाइए मत। हम एजुकेटेड लोग ह अन या के िपता ने कहा।
‘ या आप यह कहना चाहते ह क हम लोग एजुकेटेड नह ह?’ मा ने चुनौती देते ए कहा।
‘उनका मतलब था “हम” यानी हम सभी, ठीक है ना, अंकल? हम सभी एजुकेटेड ह मने ज दी से बीच म
दखल देते ए कहा।
‘ या तुम हमेशा इ ह लोग क साइड लेते रहोगे और जब तु हारी मा क बेइ ती होगी तो बैठकर तािलया
बजाओगे?’ मा ने कहा।
‘नह , मॉम,’ मने कहा, म सोच रहा था मने भला कसक साइड ली। ‘ऐसा नह होगा।’ अन या क फ़ै िमली
एक-दूसरे से तिमल म बितयाने लगी। अंकल ख़ास तौर पर नाराज दख रहे थे और उनक सास तेज़ चल रही थ ।
‘पापा क तबीयत ठीक नह है। हम अपने म म जा रहे ह अन या ने कहा। मने उनक ओर चंता के साथ
देखा।
‘ श, हम तुमसे बाद म िमलते ह अन या ने कहा।
‘मॉम,’ उनके जाने के बाद मने िवरोध के वर म कहा।
‘ या? आज ेड पु डंग बनी है ना। चलो थोडी-सी मंगवा लेते ह उ ह ने कहा। म मां के साथ अपने कमरे म
चला आया। वे यह दखावा कर रही थ , मानो कु छ आ ही न हो।
‘यह रमोट कै से काम करता है? मुझे सी रयल देखना है मा ने कहा।
‘मॉम, आप वहां थोड़ा बेहतर वहार कर सकती थ ,’ मने कहा।
मा ने श द म जवाब नह दया। उ ह ने परमाणु श का इ तेमाल कया। उनके गाल पर मू. लुढ़कने लगे।
‘ओह लीज़,’ मने कहा।
मा ने कु छ नह कहा। उ ह ने अपना पसंदीदा आंटीवी सी रयल लगा िलया, िजसम बेटा अपने बूढे माता-िपता
को घर से िनकाल बाहर कर रहा था। मां टीवी के उन माता-िपता के साथ रोती रह । वे अपनी िसचुएशन को उनसे
जोड़कर देख रही थ । वे पाक हेयट म थ और उ ह ने मीठे म चार तरह क आइ म और ेड पु डंग ली थी, ले कन
ज़ािहर है दुिनया का हर बेटा िवलेन होता है। वह अपनी बीवी के हाथ क कठपुतली होता है।
‘य द आप यह टु िपड सी रयल देखती रहगी तो हम बात कै से करगे,’ मने कहा।
‘यह टु िपड नह है। यह सौ फ़ सदी स ाई है,’ उ ह ने जवाब दया।
मने टीवी बंद कर दी। मा ने मेरे सामने हाथ जोड़ िलए। ‘ लीज़, मुझ पर रहम करो उ ह ने कहा।’ मुझसे इस
तरह का बरताव मत करो।’
दरवाज़े क घंटी बजी। मने दरवाज़ा खोला। बाहर अन या खड़ी थी। उसका चेहरा भी आसु से भीगा आ
था। जब आप पर चार तरफ़ से परमाणु आँख से हमला होता है तो आप यादा कु छ नह कर सकते।
‘ या आ?’ मने कहा।
‘डैड के सीने म दद हो रहा है,’ अन या ने अपने मू. रोकते ए कहा।
‘म डॉ टर को बुलाऊं?’ मने कहा।
‘नह , अब वे बेहतर ह ले कन कोई और चीज़ है िजससे उ ह आराम िमल सकता है।’
‘ या?’ मने पूछा।
‘तु हारी मॉम भीतर ह? म उनसे बात कर सकती ?ं ’ उसने कहा।
‘ योर।’ म पीछे हट गया।
अन या भीतर आई। मा िब तर पर बैठी थ । उसने उनसे कहा,’ आंटी, मुझे लगता है आपको मेरे पैरट् स से
माफ मांगनी चािहए।’
‘हां, रालती तो हमेशा मेरी ही होती है ना,’ मां ने मुंह बनाते ए कहा। फर उ ह ने समथन के िलए मेरी ओर
देखा।
‘आंटी, लीज़ ऐसी बात मत क िजए। आज हम पंिजम म चार घंटे तक आपके िलए िग ट खुरीदते रहे। मेरे
माता-िपता ने वही कया, जो श ने हमसे करने को कहा था।’
‘ या?’ मां ने कहा।
‘आंटी, आपने उनका अपमान कया है। उ ह ने कसी को झौसे म नह िलया। वे तो शु से ही श के िखलाफ
थे। और अब जब उ ह ने श को वीकार कर िलया तो वे ज़रा शालीन वहार क उ मीद रखते ह।’
‘म नह ... ‘मां ने अपनी बात शु क ।
‘ओके इनफ़ मने कहा।
दोन मिहलाएं मेरी ओर मुड़ी।
‘अपने पैरट् स को भी यहां ले आओ,’ मने कहा,’ चलो, अब सीधे-सीधे ही बात करते ह। सभी ने सभी का
अपमान कया है।’
‘नह श आज मेरे पैरट् स ने कु छ नह कया है अन या ने कहा।
मा बाथ म म चली ग ।
‘अन या, समझने क कोिशश करो,’ मने फु सफु साते ए कहा।’ तुम मेरी मा को एक तरफ़ करती जा रही हो।
इससे हालात और बदतर हो जाएंगे। चलो दोन प एक-दूसरे से माफ मांग लेते ह।’ म अन या के साथ दरवाज़े
तक प च ं ा।
‘मुझे यह अ छा नह लग रहा है अन या ने दरवाज़े पर खड़े होकर कहा।
‘सभी को यहां ले आओ, लीज़ मने कहा।
म म म चला आया। मां अपना मुंह धो चुक थ ।
‘मने सभी को यहां बुलाया है। चलो सीधे-सीधे श द म बात कर लेते ह मने कहा। वे चुप रह ।
‘ या बात है, मॉम? कु छ कहो तो मने कहा। म चाहता था क अन या और उसके पैरट् स के आने से पहले मां
कु छ कह।
‘तुमने अन या को देखा? तुमने कभी कसी लड़क को अपनी सांस से इस तरह बात करते ए देखा है?’ मां ने
पूछा।
‘वह ज़रा फे िमिन ट टाइप क है, म वीकारता ं ‘मने कहा।
‘वह मुझसे कह रही है क म माफ मां!। या तुम कभी क पना कर सकते हो क मंटी ड् यूक क मा से ऐसा
कह सकती है? '
‘वह अलग तरह क लड़क है। यह का फडट, इं िडपडट और इं टेलीजट है। ले कन वह सबको साथ लेकर चलने
वाली और संवेदनशील भी है।’
‘वह ज़ रत से यादा इं टेलीजट है इतनी क वह एक अ छी ब नह बन सकती।’
मुझे नह पता था क म इस बात का या जवाब दूं ले कन मुझे उ ह शांत करना था।’ वह इतनी इं टेलीजट भी
नह है मॉम,’ मने उ ह समझाते ए कहा।’ उसने इकोनॉिम स क पढ़ाई क है ले कन मने उसे उसके ही स जे ट म
पछाड़ दया था।’
‘पंजािबय क ब चाहे िजतनी ही हाई- ोफ़ाइल य न हो, ले कन ऐसी कभी नह होती। हम अपनी ब
को सीधे रखना आता है,’ मां ने कहा।
‘हम भी उसे सीधे ही रखगे,’ मने उ ह शौत करने क कोिशश करते ए कहा।’ वह क़ाबू से बाहर हो चुक है।’
‘मॉम, वो यहां अपने पैरट् स के साथ है ले कन म के वल उससे शादी कर रहा ।ं एक बार वह हमारे घर आ
जाए, फर हम उसे क़ाबू म कर लगे। तुम एक बार ना कह दो और वह कु छ नह बोलेगी। ये साउथ इं िडयन द यू और
डरपोक होते ह म वही सब कह रहा था, जो मेरी मां सुनना चाहती थ ।
‘म नह चाहती क मेरी ब मेरे सामने अपनी आवाज़ ऊंची करे या मुझे पलटकर जवाब दे। उसे मेरे अंगूठे के
नीचे रहना चािहए।’
‘ठीक है, ऐसा ही करना ‘मने कहा ‘ले कन अब नॉमल हो जाइए।’
‘मने सब कु छ सुन िलया है,’ अन या ने कहा। उसका चेहरा गु से से तमतमा रहा
था। वह अपने पैरट् स के साथ खड़ी थी। बेड़ा गक म उसके जाने के बाद दरवाज़ा बंद करना भूल गया था।
‘अन या, मुझे पता नह था क तुम यहां हो मने कहा।
‘और मुझे भी नह पता था क म या कर रही ।ं तो, शादी के बाद मुझे अंगूठे के नीचे रखा जाएगा। ब त
ख़ूब, श तो तुम भी अपनी मा क ही तरह हो,’ अन या ने कहा।
‘अन या, म... ‘दोन मिहलाएं आसू से भरी आंखो के साथ मुझे देख रही थ और अपने अि टमेट इमोशनल
लेजुर हिथयार का उपयोग करने के िलए पूरी तरह तैयार थ ।
अन या के िपता ने अपनी प ी के कं धे पर थपक दी, िजसका मतलब था क यहां से बो रया-िब तर बौधकर
घर चलो।
‘मने अपने पैरट् स को कहा था क तु हारी मां उनसे माफ मांगगी, ले कन यहां तो तुम लोग और भी बड़ी
ला नंग कर रहे थे,’ अन या ने कहा और अपने पैरट् स के साथ कमरे से बाहर चली गई।
म दौड़कर अन या के पास गया।’ को, कहौ जा रही हो?’
‘सब कु छ ख़ म हो गया उसने कहा। उसका गला ँ धा आ होने के बावजूद उसके श द दृढ़तापूण थे।
‘ या मतलब है तु हारा?
‘सब कु छ ख़ म हो गया,’ अन या ने प करते ए कहा,’ तु हारे और मेरे बीच म।’
‘तुम मुझसे ेक अप कर रही हो? या? अन या, पागल हो गई हो या? म तो अपनी मां को के वल फु सला रहा
था, ता क वे शांत हो जाएं।’
‘मुझे बहलाने-फु सलाने से नफ़रत है, श, और मुझे ऐसे लोग से और भी यादा नफ़रत है, जो ऐसा करते ह,’
अन या ने कहा। उसक आंखो से मू. क धार बह िनकली।
अन या के िपता आगे बड़े और अन या का हाथ थाम िलया।’ सवाल क युिनटीज़ का नह है। सवाल यह है क
हम कस तरह के लोग के साथ अपना नाता जोड़ना चाहते ह उ ह ने कहा।
अन या का प रवार वहां से चला गया। म कॉ रडोर म अके ला खड़ा रहा। मुझे लग रहा था जैसे मेरे पैर के
नीचे धरती धंस रही हो।
कहने क ज़ रत नह क उस रात हम अपने ऑपरे शन बीच पैशन को अंजाम नह दे पाए।

Downloaded from Ebookz.in


अंितम अंक: द ली और चे ई और द ली और चे ई

Downloaded from Ebookz.in


54
गोवा के बाद म वक होिलक हो गया। म दन म चौदह-चौदह घंटे पागल क तरह ऑ फ़स म काम करता रहता। म
कं पनी का लैपटॉप भी घर ले आता और घर पर भी काम म जुटा रहता। मने अपने वक टारगेट से दोगुना काम कर
दखाया। मने लोग से िमलना-जुलना बंद कर दया, फ म देखना बंद कर द और रे तरा म जाना भी बंद कर
दया।
‘तु हारा भिव य उ ल है मेरे नए बॉस रणिवजय ने मुझसे कहा।
जब िसटीबक आपका भिव य उ ल देखती है तो इसका मतलब यह होता है क आपक िज़ दगी म आज का
कोई मुक़ाम नह रह गया है। ‘थ स, रणिवजय,’ मने कहा।’ हालां क तु ह शेव बनवा लेनी चािहए। ये नया लुक
भला य ? दादी य बढ़ा रहे हो? और तुम थोड़े कमज़ोर भी लग रहे हो... भई अपनी सेहत का याल रखो।’
गोवा से लौटने के बाद मने कई बार अन या से बात करने क कोिशश क । य द म घर पर फ़ोन लगाता तो
उसके पैरट् स अन या को फ़ोन नह देते और य द म ऑ फ़स म फ़ोन लगाता तो रसेएािन ट मुझे कह देती क वह
अभी मी टंग म ह। कभी जब म उससे बात कर पाने म कामयाब हो जाता तो वह कोई बहाना बना जाती और मुझसे
बात नह करती। अब उसने एक सेलफ़ोन रखना शु कर दया था, ले कन वह द ली से आने वाला कोई फ़ोन अटड
नह करती थी। एक बार हमारे ऑ फ़स म िसटीबक मुंबई से कोई िविजट पर आया। मने उससे अनुरोध कया क
या म उसके फ़ोन से एक कॉल लगा सकता ।ं
‘हैलो अन या ने फ़ोन उठाया।
‘हाय, फ़ोन मत रखना, म बोल रहा ं ‘मने कहा।
‘ श, लीज़ ये कसका फ़ोन है? '
‘मुंबई ऑ फ़स का एक कॉलीग। िलसन, म एक बार फर माफ मौगता ।ं तु हारी रसे बािन ट को पता होगा
क मने इससे पहले तुमसे बात करने क कतनी कोिशश क ।’
‘ श, सवाल माफ मांगने का नह है।’
‘तो फर यह नाराजगी कसिलए।’
‘म नाराज नह ।ं म वही कर रही ं िजसम सभी क खुशी है।’
म सोचने लगा क इस कपाट-िवजन क म क बात पर या जवाब दूं।’ और तु हारी और मेरी खुशी का या?
'
‘मेरी खुशी इसम है क मुझे अपने पैरट् स को बेइ ज़त होते नह देखना पड़े।’
‘तुम मुझे िमस नह करत ?’ मने पूछा।
वह चुप रही। मने फ़ोन चेक कया। चार िमनट हो चुके थे। मेरा कॉलीग मुझे उलझन भरी नज़र से देख रहा
था क आिखर मुझे उसका फ़ोन इ तेमाल करने क ज़ रत य आन पड़ी।
‘अन या, मने पूछा तुम मुझे िमस नह करत ? '
‘इस बात म भला अब या तुक है? मान लो क मने तु ह माफ कर दया, ले कन उससे या फ़क पड़ेगा। या
तु हारी मा बदल जाएंगी? या मेरे बारे म साउथ इं िडयंस के बारे म लड़क वाल के बारे म उनका नज़ रया बदल
जाएगा? '
‘वे दल क भली ह अन या। मेरी बात का यक़ न करो मने कहा।
‘ओह रयली, तो फर वे आकर मेरे पैरट् स से माफ य नह मांगती?’ उसने कहा। अब चुप रहने क मेरी
बारी थी।
‘देखा,’ उसने कहा।
‘अब वे हर चीज़ को लेकर ब त सिस टव हो गई ह।’
‘नह , बात यह है क उ ह लड़के क मां होने का गु र है।’
मने ठं डी सांस छोड़ी।’ अन या, चलो कह भाग चलते ह मने कहा।
‘और हम जाएंगे कहा? मेरी के य रं ग यारी सासू मा के पास?’ अन या ने कहा,’ नह , म ऐसे घर म शादी
करना चाहती ं जहां मेरे पैरट् स को बराबरी का दजा िमले।’
‘तब तो तु ह एक लड़के के प म पैदा होना चािहए था,’ मने कहा।
‘यह तो बड़ी बकवास बात है य द तुम न होते तो इस बात पर म फ़ोन रख चुक होती।’
‘यानी तु ह मेरी परवाह है। यानी तुम मुझे यार करती हो। या हमारा यार हर चीज़ से ऊपर नह है? '
‘ग़ैर ावहा रक सवाल मत पूछो,’ उसने कहा। उसक आवाज़ भारी थी।
‘ या म कु छ कर सकता ?ं कु छ भी?’ मने कहा।
‘आगे से मुझे कभी फ़ोन मत करना। इस सबसे बाहर आने म मेरी मदद करो,’ उसने कहा।
‘आई लव यू ‘मने कहा।
‘बाय, श।’
म घर चला आया और आंटीवी के सामने बैठ गया। िबखर रहे प रवार के िलए आंटीवी से बड़ा कोई दूसरा
वरदान नह । य द यह इले ॉिनक चुंबक नह होता तो लाख भारतीय प रवार टू टकर िबखर चुके होते।
तुड़क चैन स पर अमर ेम क दा तां सुनाने वाले गाने बज रहे थे। गान म नायक-नाियका ब त खुश नज़र
आ रहे थे। शायद वे सभी एक ही टेट, एक ही धम एक ही जाित और एक ही सं कृ ित के थे और उनके पैरट् स भी
एक-दूसरे को पसंद करते थे। वरना, आिखर भारत म यार करना कै से संभव है? हमारे घर के कसी न कसी बड़े-
बुज़ग को हमारे चुनाव पर हज़ तो होना ही है।
मां कभी गोवा के बारे म बात नह करती थ । न ही उनके हावभाव देखकर लगता था क उ ह कसी तरह का
पछतावा है। ही, उ ह मेरे ख़राब मूड पर ज़ र अफसोस होता था, ले कन इसका ायि वे रोज़ पनीर क िडशेस
बनाकर करती थ ।
‘आज मने पनीर भुज बनाई है। तुम इसके साथ पराठे लोगे?’ उ ह ने कहा। मने कोई जवाब नह दया।
उ ह ने इसे मेरी मौन सहमित समझा। बीस िमनट बाद वे िडनर बनाकर ले आ । ‘तु ह सफ़े द म खन चािहए?’
उ ह ने पूछा।
मने िसर िहला दया।
‘ऑ फ़स म ब त काम है? घर के पास ही कै नेरा बक है। म वहां जाकर मैनेजर से तु हारे जॉब के िलए बात
क ं ?’
‘नह , मुझे ऑ फ़स म कोई परे शानी नह है मने कहा।
मने खाने क कोिशश क , ले कन िनवाला गले से नीचे नह उतार पाया। मने तीन दन से कु छ नह खाया था।
मने मा क नज़र बचाकर पराठ को लैपटॉप बैग म छु पा दया।
‘िश ा मासी ने एक और लड़क के बारे म बताया है। उनका शालीमार बारा म एक बंगला है। तुम उससे
िमलना चाहोगे?’ उ ह ने कहा।
मने मा क ओर देखा।
‘ या आ?’ उ ह ने कहा।
‘लड़क देखने क कोई ज़ रत नह । तुम चाहती हो तो म उसी से शादी कर लूंगा। ठीक है?’ मने कहा।
‘ श, ऐसी बात मत करो। मने भला तु ह कब फोस कया है? '
‘आिखर इन लड़ कय को देखने से फ़ायदा या है? म एक घंटे म आिखर ऐसा या जान लूंगा? उसका रं ग-
प? उसका फगर? वह दुबली है या मोटी? उसके घर म लगा माबल असली है या नह ? जब हम कसी इं सान के
साथ पूरी िज़ दगी िबतानी होती है तो इनम से कोई भी चीज़ मायने नह रखती। तो बेहतर यही होगा क व त
बबाद न कया जाए। पैरट् स आपस म िमल ल। िजस भी लड़क के माता-िपता आपके अंहकार को यादा सहला
पाएं, उसे ही कह दीिजए।’
‘तु ह हो या गया है? ये म टीनेशनल कं पिनयां तु हारा खून चूस रही ह मां ने कहा।
‘ या आप अन या के माता-िपता से माफ मौग सकती ह?’ मने पूछा।
मा ने कोई जवाब नह दया। वे सोफे से उठ और कचन म चली ग ।
म उनके पीछे-पीछे चला आया।’ आप ऐसा य नह कर सकत ?’ मने कहा। उ ह ने कोई जवाब नह दया।
उ ह ने एक पंज पर िडशवॉ शंग िडटजट लगाया और बतन मौजने लग । फर वे बड़बड़ाने लग , मानो कसी
का पिनक ि से बितया रही ह : ‘पहले नाकारा पित िमला, अब नाकारी औलाद। मने तो सोचा था बेटे के याह
के बाद मुझे मान-स मान िमलेगा। मने उसक पसंद क लड़क के िलए ही भी कर दी, ले कन कम से कम लड़क
वाले तो लड़क वाल क तरह पेश आएं। अब मेरा बेटा चाहता है क म उनके पैर म िगरकर नाक रग,। आिखर इस
लड़क म ऐसे कौन-से सुरखाब के पर लगे ह? िश ा सच कहती है, सभी मतलबी ह।’ ‘बस करो मॉम, म आपसे उनके
सामने िगड़िगड़ाने को नह कह रहा ।ं आप फ़ोन पर भी खेद जता सकती ह।’
‘खेद कस बात के िलए? जो मेरा हक है उसक उ मीद करना या ग़लत है? या मने तु हारी दादी मा क
उनक मौत तक देखभाल नह क थी? '
‘ या अन या ने भी ड् यूक के प रवार को समझाने म मदद नह क थी? या आपने भी इसीिलए उसके िलए
हा नह कही थी? '
‘म ग़लत थी। म तब तक उसके पैरट् स से नह िमली थी। म अपने जीवन म कभी ऐसे खे-सूखे लोग से नह
िमली। खाना खाते ह तो ऐसे मुंह लटकाकर, जैसे खाने क सज़ा िमली हो। अन या क मा को या तुमने कभी हँसते
ए देखा है? भीतर से भी काली, बाहर से भी काली।’
दरवाज़े क घंटी बजी। िपता अपने एक और बेरंग कारोबारी अिभयान से लौटकर आए थे। मने टीवी बंद कया
और दरवाज़ा खोल दया। मने उ ह गोवा के बारे म
आधी-अधूरी बात ही बताई थ । मने उ ह कहा था क गोवा म एक ऑ फिशयल कां ेस है और म मां को घुमाने
ले जा रहा ।ं गोवा से लौटने के बाद म चुप-चुप-सा रहने लगा था। और अब मेरी पापा से झगड़ने म भी कोई
दलच पी नह रह गई थी। वे भीतर आए तो मा और मेरे बीच पसरी खामोशी को उ ह ने भाप िलया। उन दन घर
म ऐसी अनेक शाम गुज़रती थ , जब कोई कसी से एक श द भी नह कहता था।’ तो या अब तुमने अपनी मा से भी
बात नह करने क कु सम खा ली है?’ पापा ने सोफे पर बैठकर अपने जूते िनकालते ए कहा।
इससे आपको कोई सरोकार नह होना चािहए, म हमेशा क तरह यही जवाब देना चाहता था। ले कन म इस
दुिनया से पया झगड़ा कर चुका था। एक और बहस से अब कोई फ़क नह पड़ सकता था।
‘हमारे बीच सब ठीक हो जाएगा,’ मने कहा। म मन ही मन दुआ कर रहा था क मां ज द ही उनके िलए िडनर
ले आएं।
‘ या तु हारा काम म मन नह लग रहा है?’ पापा ने पूछा।
‘काम तो ब ढ़या चल रहा है। वे लोग कहते ह क मेरा भिव य ब त उ ल है मने कहा। पता नह , मने यह
आिखरी वाली बात य कही थी। शायद म इस बात क ज़ रत महसूस कर रहा था क म अपने िपता को बताऊं म
कतना अ छा काम कर रहा ।ं
‘तु हारी अपनी मां से अनबन य हो गई है?’ उ ह ने पूछा।
अब ब त हो चुका था।’ इससे आपका कोई सरोकार नह ,’ मने कहा।
‘ या तुम मुझे यह कहना चाहते हो क मेरा अपने प रवार से कोई सरोकार नह है?’ उ ह ने कहा।
‘डैड, ब त हो चुका। म ब त थक चुका ।ं ’
मा उनके िलए खाना ले आ और म फर अपने कमरे म चला गया। मने अन या क त वीर िनकाल ल । फर
म देर तक िब तर पर इस ऊहापोह म करवट बदलता रहा क अब या कया जाए। जब हम न द नह आती है, तब
हमारा दमाग़ अजीबो-रारीब क म क योजनाएं बनाता रहता ह। म फ़ोन पर उन तमाम बात को अमल म नह
ला सकता था, इसके िलए मुझे उससे पसनली िमलना जु री था। म सुबह चार बजे उठा और नहा िलया।
‘तुम इस व त ऑ फ़स जा रहे हो?’ मा ने मुझे तैयार होते देखकर पूछा।
‘मुझे एक ेजटेशन देना है। म शाम को भी देर से आऊंगा मने कहा।
म ऑटो पकड़कर सीधे एयरपोट गया और अपनी महीने भर क तन वाह से पूरे देश को नापने वाली खुिशय
क उड़ान का टकट ले िलया।
‘सेम डे रटन टकट टु चे ई लीज़,’ इं िडयन एयरलाइं स के काउं टर पर मने कहा।
55
अपनी इस दूसरी या ा पर मुझे चे ई इतना जाना-पहचाना लग रहा था क मुझे ज़रा अजीब महसूस होने लगा। म
बड़ी आसानी से तिमल िनयम-फायद का पालन कर पा रहा था और ऑटो वाल से मोल-भाव कर पा रहा था। मुझे
सभी मु य सड़क पता थ । म यारह बजे अन या के द तर प च ं ा।
‘हाय, आई एम श,’ मने रसेएािन ट से कहा।
‘ओह दैट श,’ उसने कहा और सीधे अन या का नंबर िमलाया।
अन या बाहर आई। म उसे गले लगाने के िलए अपनी बौह खोलने ही वाला था क उसने आकर मुझसे हाथ
िमलाया।
‘म दनभर के िलए यहां आया ं ‘मने कहा। हम एचएलएल के कै फे टे रया म बैठे थे।
‘तु ह यहां नह आना चािहए था,’ उसने कहा।’ और यह दादी वाला लुक कसिलए? और तुम इतने कमज़ोर
य लग रहे हो? बीमार पड़ गए थे या? '
‘म तु हारे पैरट् स से िमलना चाहता ं ‘मने कहा।
‘इससे कोई फ़ायदा नह होने वाला। तुम अब चाहे जो कर लो, ले कन अब वे तुम पर भरोसा नह करगे,’
अन या ने कहा।
‘ या तुम मुझ पर भरोसा करती हो? '
‘यह एक बेकार सवाल है उसने कहा।
‘म तु हारे घर जाऊंगा,’ मने कहा।
‘ऐसा मत करना। हरीश के पैरट् स चे ई आए ए ह। वे आज मेरे पैरट् स से िमलने आ रहे ह।’
मने ख़द को क़ाबू म रखने के िलए गहरी सांस ली।’ कम से कम तुम तो आज का दन मेरे साथ िबता मने कहा।
‘ऐसा नह हो सकता। मुझे काम है। इसके अलावा तुमसे िमलना मेरे पैरट् स क ित ा के िलए ठीक नह
होगा।’
मेरा चेहरा लाल हो गया।’ कौन-सी ित ा? अहमदाबाद को भूल ग ? वे दन भूल ग , जब तुम चे ई म
मुझसे िमलने के िलए उनसे झूठ बोला करती थ ? रला टोस को भी भूल ग ?’ मेरी आवाज़ उतनी ही तेज़ थी,
िजतना मेरा शरीर थका आ था।
वह उठ खड़ी ई।’ लीज़ मेरे ऑ फ़स म सीन एट मत करो।’
‘और तुम लीज़ मेरी िज़ दगी के साथ िखलवाड़ मत करो।’
‘म कु छ नह कर रही !ं थोड़ा मजूबूत बनो, आगे क सोचो,’ उसने कहा।’ यह मेरे िलए भी आसान नह है
इसिलए कम से कम मुझे तो यूं न सताओ।’
वह अपने ऑ फ़स म चली गई। म वह बैठा रहा। थकान से मेरा बदन टू ट रहा था, ले कन गु से के कारण मेरे
शरीर म आग-सी लगी ई थी। मने दस दन से शेव नह क थी। कै फे टे रया म दूसरी लड़ कयां मुझसे दूरी बनाए
ए थ । म टॉलीवुड के कसी िवलेन क तरह लग रहा था, जो कभी भी, कह भी, कसी का भी रे प कर सकता था।
मेरी रटन लाइट शाम को थी। मुझे आधा दन काटना था, ले कन मेरी जेब पूरी तरह ख़ाली थी। एक लूजर क
तरह मने तय कया क म िसटीबक जाकर बाला से िमल आता ।ं

‘ श! ‘बाला ने कहा। वह मेरे िलये और अचानक यहां चले आने से त ध रह गया था।
‘हाय, साउथ के चैि पयन के या हाल ह? '
‘म तो ठीक ं ले कन तु हारा िलया देखकर लगता है, जैसे तु हारे बारह बज चुके हो।’
‘हां, ऐसा ही आ है मने कहा और उसके सामने लड़खड़ाकर कु स पर िगर पड़ा। बाला ने हम दोन के िलए
कॉफ ऑडर क । फर उसने अपनी कु स आगे बढ़ाई। वह दूसरे ऑ फ़स के गॉिसप सुनने के िलए उ सुक नज़र आ रहा
था।
‘ या तु हारी यह हालत िसटीबक द ली ने कर दी है? कह तुम वापस यहां तो नह आना चाहते?’
‘बाला, छोड़ो भी, तु ह या लगता है िसटीबक मेरी यह हालत कर सकता है?’ मने कहा।
‘िसटीबक नह तो कसी और ने तु हारी यह हालत क है। ब चू र अपनी आख तो देखो। तु ह कं जि टवाइ टस
तो नह हो गया?’
मने अपना िसर िहलाकर ना कहा। उसने मेरी बौह छु ई।
‘डू ड, तु ह तो ब त तेज़ बुखार है। तुम कसी डॉ टर से िमलना चाहोगे? '
‘म ड़ंक करना चाहता ।ं या तुम मुझे एक ंक लाकर दे सकते हो?’ मने कहा।
‘अभी? अभी तो लंचटाइम भी नह आ है।’
मुझे उकाई आ रही थी, ले कन रानीमत है क मने कै नह क और बाला का द तर पहले क तरह साफ-सुथरा
ही रहा।
‘तु हारी तबीयत ठीक नह लग रही है। मेरा एक किज़न डॉ टर है म उसे बुलाता ।ं वह पास ही क ीट म
िसटी हॉि पटल म काम करता है।’
‘लड़ कय को या लगता है क हम उनके िबना जी नह सकते?’ मने बड़बड़ाते ए कहा। मुझे यक़ न नह हो
रहा था क म बाला के सामने अपने दल का बोझ ह का कर रहा था, ले कन मुझे कसी हमदद क ज़ रत थी। चाहे
वह कोई भी हो।
बाला ने मुझे उसके किज़न डॉ रामाचं न या डॉ राम के ि लिनक पर ड़ाँप कर दया। डॉ राम दो साल पहले
यूएस से आए थे। वे यूएस म जनरल सजन क हैिसयत से ैि टस कर रहे थे और साथ ही कसर रसच पर काम करते
ए अनेक शीष िडि य भी हािसल कर रहे थे। उ ह ने मुझसे कहा क म उनके ए जािमनेशन बेड पर चला जाऊं
जब क वे अपने उपकरण लेने चले गए।
‘म तुमसे बाद म िमलता ं ‘बाला ने कहा।
‘तुम साउथ इं िडयंस के पास दमाग़ तो ब त बड़ा होता है ले कन दल छोटा होता है मने बाला से कहा। वह
बाहर चला गया।
‘मने तु हारी बात सुन ली है डॉ राम ने बाहर आते ए कहा। उ ह ने छाती पर एक ठं डा टेथे कोप रख दया।
‘तो मामला लड़क का है?’ डॉ राम ने पूछा।
‘कौन-सी लड़क ? '
‘तुमने आिखरी बार खाना कब खाया था?’ उ ह ने पूछा।
‘याद नह ,’ मने कहा।
‘यह बू कै सी आ रही है?’ डॉ टर ने कहा। उ ह ने मेरे लैपटॉप बैग को टटोला। वह बू बासी पराठ से आ रही
थी।’ यह या है? '
‘िपछली रात का िडनर,’ मने कहा।’ ओह मेरा लैपटॉप, आई होप वह ठीक होगा।’
मने अपना लैपटॉप खोला और पॉवर ऑन कया। वह ठीक-ठीक था।
‘ या म इसे देख सकता ?ं ’ डॉ राम ने मेरे कं यूटर क ओर इशारा करते ए कहा।
‘येस योर, या आप कोई लैपटॉप खरीदना चाहते ह?’ मने कहा।
उ ह ने कोई जवाब नह दया। उ ह ने मेरे कं यूटर को पाँच िमनट चलाया और फर उसे मुझे लौटा दया।
‘ या आ?’
‘तु ह आराम करना चािहए और अ छी खुराक भी लेनी चािहए। ले कन तु ह एक बार कसी मनोिव ेषक से
भी िमल लेना चािहए।’
‘ या? य ?’ मने कहा। िनि त ही, म थोड़ा-ब त पागल ,ँ ले कन म इसे ज़ािहर नह होने देना चाहता था।
‘लड़क का नाम या है?’ डॉ राम ने कहा।
‘कौन-सी लड़क ? म लड़ कय को पसंद नह करता।’
‘बाला ने मुझे बताया था क लड़क तिमल है। अन या वामीनाथन, जो मयलापुर म रहती है राइट?’ उ ह ने
कहा।
‘म तिमल को पसंद नह करता,’ मने िच लाते ए कहा। ‘और मेरे सामने उसका नाम मत लो, न ही उसके
रहने क जगह का िज़ करो।’
‘गुड, य क म तु ह िजस मनोिव ेषक के पास भेज रहा ं वह एक तिमल लड़क है। डॉ अ यर ऊपर के माले
पर बैठती ह। उनसे िमल आइए।’
‘डॉ टर, मुझे एक लाइट पकड़नी है। म पूरी तरह से ठीक ।ं ’
म जैसे-तैसे उठा। मेरी टौग ऐसी हो रही थ , जैसे कसी ने उनका पूरा खून सोख िलया हो। म संतुलन खो बैठा
और फश पर िगर पड़ा।
डॉ राम ने उठने म मेरी मदद क ।
‘मुझे या हो गया है? ‘मने कहा। मुझे पहली बार अपनी सेहत को लेकर फ़ हो रही थी।
उ ह ने मुझे पेशिल ट रे फरल लेटर थमा दया और फर कहा ‘तु हारी बीमारी के िलए कोई एक सटीक
मेिडकल टम तो नह है, ले कन कु छ लोग इसे नवस ेकडाउन के शु आती संकेत बता सकते ह। '
56
‘तो ये है मेरी कहानी। मने आपको सब कु छ बता दया है, ‘मने कहा। मेरी कहानी ख़ म होते ही डॉ नीता अ यर ज़ोर
से हँस पड ।
‘यह तो बड़ी अजीब बात है। आपको मेरी ैजेडी कॉमेडी लग रही है? ‘मने िचढ़ते ए कहा।
ले कन उनक हँसी नह थमी।
‘म आपको इस बात क फ़ स दे रहा ं क आप मेरा इलाज कर, ‘मने कहा और घड़ी देखी। ‘और मुझे बीस
िमनट म एयरपोट के िलए िनकलना है।’
तब जाकर मुझे समझ पड़ा क म उससे चार घंट से बात कर रहा था और मेरे पास उसे देने के िलए इतना
पैसा नह था।
‘सॉरी,’ उसने कहा, ‘तु ह देखकर मुझे अपने पहले बॉय ड क याद आ गई। वह नॉथ इं िडयन था। '
‘तुमने उससे शादी नह क ? '
‘वह कसी बंधन म बंधना नह चाहता था, ‘उसने िसर िहलाते ए कहा।
‘ओह सॉरी, ‘मने कहा।
‘इट् स ओके । अब म उस सबको पीछे छोड़ चुक ।ं '
‘ऑफ़ कोस आप एक थैरेिप ट जो ह। य द और कु छ नह तो आप अ छे से अपना इलाज तो कर ही सकती ह। '
वह िखड़क क ओर चली गई। ‘आह श, ऐसा नह होता है। एक टू टे ए दल को जोड़ना सबसे मुि कल
होता है। '
मने आह भरी। ‘आप िसटीबक े िडट का स ए से ट करती ह?’ मने अपना पस खोलते ए पूछा।
‘इट् स फ़ाइन। मुझे बाद म एक चेक भेज देना, ‘उसने कहा। ‘तुम दोन को एक-दूसरे के साथ भाग जाना
चािहए था। '
‘हम लगा था क हम अपने पैरट् स को मना लगे। य द हमारे पैरट् स ही खुश न ह तो हम शादी करने क खुशी
भला कै से होगी।?’ मने कहा।
वे मेरे पास आ और मेरा कं धा थपथपाया।
‘तु ह जाना है। ऐसे म म तु हारे िलए भला या कर सकती ?ं तु ह दवाई चािहए? ‘उ ह ने कहा।
‘आपका मतलब है एंटी-िड ेशन दवाइयां? वे तो हमारी सेहत के िलए बुरी होती ह ना? '
‘ही, ले कन यह इस पर िनभर करता है क हम अभी कतना बुरा अनुभव कर रहे ह। म नह चाहती क तुम
आ मह या करने के तरीक़ा के बारे म ाल सच करो। '
‘म ऐसा नह क ं गा, ‘मने कहा, ‘शायद म उसके िबना ही एक दन ख़ म हो जाऊंगा। इन दवाइय से बेहतर
और कोई िवक प है या? '
‘थैरेपी है। इस तरह के सेशंस। हालां क इसम कु छ महीने लग सकते ह। म द ली म तु हारे िलए कोई अ छा-
सा थैरेिप ट ढूढ ं सकती ।ं '
‘नह , य द मेरे पंजाबी प रवार को यह पता चल जाए तो कबाड़ा हो जाएगा। वे तो मुझे पागल ही घोिषत कर
दगे। '
‘तुम पागल नह हो। ले कन एक चीज़ है जो तुम ज़ र कर सकते हो। '
या?
‘जब तुमने मुझे अपनी कहानी सुनाई तो गु जी वाली उस घटना का िज़ य कया? '
‘अर बंदो आ म वाली घटना?'
‘ही और हालां क इससे अन या या उसके पैरट् स का कोई संबंध नह है ले कन या तु ह अ छी तरह याद है
उ ह ने या कहा था? '
‘ही, उ ह ने मा करने के बारे म कु छ कहा था। '
‘ही, वह बात तु हारे िलए ज़रा मह व क हो सकती है उसने कहा।
म चुप रहा। उसके कमरे क घड़ी ने बताया क अब मेरे यहां से जाने का समय हो गया है। म वहां से चला
आया।
‘एयरपोट, वगामा, ‘मने एक ऑटो वाले को बुलाते ए कहा।
57
मुझे पता था क मुझे भोजन क दरकार है मेरा दमाग़ यह जानता था, ले कन मेरा शरीर उसक बात सुनने को
तैयार नह था। चे ई से लौटने के बाद मने के वल ऑ फस म सूप िलया। घर पर आकर मने कह दया क म िडनर
कर चुका ।ं मां ने पूछा क म शेव कब क ं गा। वे मुझे कसी नई लड़क से िमलवाना चाहती थ । मने उ ह कह दया
क अब म ताउ दादी बढ़ाए रखूंगा। उ ह ने मुंह बनाया और कमरे से बाहर चली ग । पापा दस बजे घर आए। वे
कु छ यादा थके ए लग रहे थे। आमतौर पर वे शट इन रखते थे, ले कन आज वह भी बाहर िनकली ई थी। उनके
बाल रोज क तरह कशीदे से काई ए नह थे। वे मेरे सामने बैठ गए।
‘मने िडनर कर िलया है, ‘उ ह ने मा से कहा।
‘पता नह म खाना कसके िलए बनाती ं ‘मां ने बड़बड़ाते ए कहा और वहां से चली ग ।
‘िपछली रात तुम देर से घर आए थे पापा ने कहा। एयरपोट से घर तक प च ं ने म आधी रात हो गई थी।
‘ऑ फस म यादा काम था, ‘मने कहा।
‘सब ठीक तो है ना? ‘उ ह ने पूछा।
मने िसर िहला दया।
‘मेरा दन तो ब त ही ख़राब बीता, ‘उ ह ने कहा। ‘मेरे पशन के कागज सरकारी द तर म अटक गए ह।
कमब त कामचोर कह के । '
मने उनक तरफ़ यान दए िबना िसर िहला दया। मेरे दमाग़ म िवचार िबखरे -िबखरे ए थे। मुझे अन या
क ब त ज़ रत भी महसूस हो रही थी और उसके ित मेरे मन म घृणा के भाव भी आ रहे थे। म मां से भी ब त
नाराज था। मेरी सम याएं रटायरमट क उन फाइल से कह बड़ी थ , जो कसी सरकारी द तर म उलझी ई थ ।
‘अब वे मुझसे कह रहे ह क मुझे तीन अलग-अलग लेटस सबिमट करने ह गे। मुझे उ ह कल टाइप करवाना
होगा, ‘पापा ने कहा।
जब पापा को मुसीबत का सामना करना पड़ता था तो वे यह भूल जाते थे क दूसर को मुसीबत म डाल देना
उनका शाल है। घर आने के बाद वे एक बार भी िच लाए नह थे। ‘तु ह कोई ऐसी जगह पता है, जहां ये लेटर टाइप
करवाए जा सक? तु हारे पास कं यूटर है ना?’ उ ह ने कहा।
‘ही, है मने कहा।
पापा मेरी ओर उ मीद भरी नज़र से देखते रहे।
‘ओके म उ ह अभी टाइप कर देता ं और कल ऑ फस से ंट आउट िनकाल
लूगा
मने कहा। वैसे भी म मन लगाने के िलए यादा से यादा काम करना चाहता था। मने अपना लैपटॉप खोला।
‘थक यू ‘उ ह ने कहा। मुझे पता नह था क उ ह ये श द भी पता ह।
मने आधे घंटे म उनके तीन प टाइप कर दए।
‘तु हारी दो त कै सी है?’ उ ह ने मुझसे कहा।
‘कौन-सी दो त?’ मने कहा।
‘वह लड़क , जो शादी म शािमल होने के िलए चे ई से यहां आई थी, ‘उ ह ने कहा। अन या के िज़ ने मेरी
भावना म उफान ला दया। मुझे लगा जैसे कसी ने मेरे पेट म मु ा दे मारा हो। शायद, मुझे वे एंटी-िड ेशन िप स
ले लेनी चािहए, मने सोचा।
‘पता नह । ठीक ही होगी, ‘मने एक िमनट कने के बाद कहा।
‘तुम उसके संपक म नह हो?'
‘डैड, सभी अपनी-अपनी िज़ दगी म त रहते ह मने कहा। ‘आपके लेटस हो गए ह, म कल ंटआउट ले
आऊंगा। ‘मने अपना कं यूटर शट डाउन कर दया। ‘यह अ छा होगा क हम कभी-कभी आपस म बात कर िलया
कर, ‘उ ह ने कहा।
‘गुड नाइट, डैड, ‘मने कहा और अपने कमरे म चला गया।
म जाकर िब तर म लेट गया और िड ेशन ने मुझे पूरी तरह अपनी िगर त म ले िलया। डॉ अ यर ने ठीक ही
कहा था, अभी मुझ पर जो कु छ बीत रही थी, कोई भी दवाई उससे बदतर नह हो सकती थी। म िबना िहले-डु ले
लेटा रहा। मुझे लग रहा था क म इस िब तर से कभी उठ नह पाऊंगा। म अपने जीवन म शािमल हर इं सान के बारे
म सोच रहा था। एक-एक कर म उनके नाम याद कर रहा था और सोच रहा था क वे सभी कस तरह मुझसे नफ़रत
करते ह। य द म कल इस दुिनया म न र ं तो वे सभी खुश हो जाएंगे। मुझे जीने क कोई वजह नज़र नह आ रही
थी। ऐसा कोई नह था, िजसे म अपनी हालत के बारे म बता पाता, िसवाय पाँच सौ पया ित घंटा फ़ स लेने वाली
कसी मनोिव ेषक के । मुझे पैस से नफ़रत हो रही थी, मुझे िसटीबक से नफ़रत हो रही थी, मुझे अपने काम से भी
नफ़रत हो रही थी। म पूरी दुिनया के िलए नफ़रत का अनुभव कर रहा था।
शांत हो जाओ श यह सब ज द ही गुज़र जाएगा, मने ख़द से कहा। मेरे भीतर का कोई समझदार िह सा यह
बात कह रहा था। नह ब द, इस बार तु हारी कु छ ऐसी बारह बजी है क अब तुम िज़ दगी भर ऐसा ही महसूस
करते रहोगे, मेरे भीतर के कसी बद दमाग़ िह से ने कहा। नॉनसेस। िज़ दगी म जो भी बुरा होता है हम उससे उबर
सकते है हम उसके आदी हो सकते है। तुम दुिनया के पहले इसान नह हो, जो ेक-अप क तकलीफ़ झेल रहा है,
समझदार िह से ने कहा।हां ले कन कोई भी इस तरह यार नह करता है जैसे म करता ं इसिलए कोई भी इस तरह
क तकलीफ महसूस नह कर सकता, जैसी म कर रहा ,ं बद दमाग़ िह से ने कहा। ही, ठीक है समझदार िह से ने
कहा, हम अब सो जाना चािहए। तुम तो जानते ही हो, तु ह अ छी न द क कतनी ज़ रत है।
पागल हो गए हो? ऐसे म तुम सो कै से सकते हो, जब क हम रात भर जागकर इस बारे म सोच सकते है
बद दमाग़ िह से ने कहा।
दुिनया का सबसे समझदार इं सान और सबसे नासमझ इं सान दोन हमारे भीतर रहते ह ले कन सबसे बड़ी
क ठनाई यह है क हम कभी यह नह बता सकते क समझदार कौन है और नासमझ कौन।
58
‘डैड कहा है? ‘मने मां से पूछा ‘उ ह ने बताया नह क उ ह कतनी कॉपीज चािहए। ‘हालां क म ऑ फस जाने से
पहले ना ता करने बैठा था, ले कन मने के वल दूध िलया। ठोस चीज़ को पचा पाना अब भी मेरे बस के बाहर था। म
ज दी से ऑ फस प च ं कर ख़द को काम म उलझा देना चाहता था, इससे पहले क मेरा दमाग़ फर से अवसाद के
लैक-होल म धंस जाए।
‘मॉ नग वॉक, ‘मा ने कहा।
‘वे मोबाइल य नह रखते?’ मने जूते पहनते ए कहा।
‘हर लेटर क चार-चार कॉपीज् िनकाल लो, फर देखा जाएगा, ‘मां ने कहा।
यह कोई बड़ी बात नह थी, ले कन इन दन मुझे परे शान कर देने के िलए बड़ी बात क ज़ रत नह थी।
‘जैसे क मेरे पास ऑ फस म करने को कोई और काम ही नह है मने कहा। ‘सारे तुनकिमजाज लोग मेरे ही घर
म आ गए ह चलो अब जाओ, ‘मा ने मेरे सामने हाथ जोड़ते ए कहा। ‘पता नह , तुम उसे कब भूलोगे। '
‘और मुझे भी पता नह क आप अपना यह ड़ामा कब ख़ म करगी, ‘मने कहा। ‘यह लड़क ‘मा ने बात शु
करते ए कहा।
‘बाय, ‘मने कहा और ज दी से घर से बाहर िनकल गया।
म रात को देरी से घर प च ं ा। मने पूरा दन जूस और दूध पर ही िबताया था।
‘आज भी िडनर नह ? तुम आजकल खाना कहां खा लेते हो? अपनी हालत तो देखो कतने दुबले ए जा रहे
हो। और लीज़ शेव करा लो मा ने कहा।
‘डैड आ गए ह?’ मने कहा, ‘ये रहे उनके पेपस। '
मने ंटआउट् स िनकाले और टेबल पर रख दए। मां ने िसर िहलाते ए बताया क वे दनभर से घर नह
आए ह।
‘ लीज़, उ ह दे देना, ‘मने कहा।
म अपने कमरे म गया और िब तर पर लेट गया। अवसाद के अंधेरे के डर से मने ब ी भी नह बुझाई। म
अखबार पढ़ने लगा और अपने दमाग को त रखने के िलए हर लेख को ब त यान से पढ़ने लगा। एक आइटम
गल, िजसने िब कनी पहन रखी थी, कह रही थी क वह चाहती है क उसे सी रयसली िलया जाए। मुझे उसक
र े ट ब त जायज लगी।
पापा आधी रात को आए।
‘आपको लगता है यह कोई होटल है?’ मने दरवाज़ा खोलते ए कहा। िपछले कई ह त से मेरी उनसे लड़ाई
नह ई थी, लगता है अब उसका समय आ गया था। पापा ने कोई जवाब नह दया।
‘ये रहे आपके ंटआउट् स। मुझे पता नह था क आपको कतनी कॉपीज् क ज़ रत होगी। '
‘थ स, ‘पापा ने कहा।
‘आप इतनी देर रात तक बाहर या करते ह? आपक रीयल ए टेट एजसी का काम तो इतनी देर तक नह
चल सकता, ‘मने कहा।
‘तु ह जवाब देना मेरी मजबूरी नह है पापा ने कहा।
‘और इसीिलए हमारा प रवार ऑ फिशयली एक बरबाद प रवार है मने कहा। म अपने कमरे म चला आया।
मने दरवाज़ा बंद कया और अपने दमाग म मौजूद शैतान के साथ संघष क एक और रात िबताने के िलए तैयार
होने लगा। मने ख़द से वादा कया क म सुबह डॉ अ यर को फ़ोन लगाऊंगा और खुिशय क उन दवाइय का
ि ि कएान लूंगा। साइड इफे स क ऐसी क तैसी। म अपने दमाग के इन शैतान से और लड़ाई नह लड़ सकता
था।
रात तीन बजे मुझे झपक लगी। फ़ोन क घं टय से मेरी न द खुल गई। मने घड़ी देखी। सुबह के पाँच बज रहे
थे। इस व त कमब त कौन फ़ोन लगा रहा होगा? मेरे िसर म दद हो रहा था। म जैसे-तैसे उठा और िल वंग म तक
प चं ा। मने फ़ोन उठाया। म उस ि पर ज़ोर से िच लाने वाला था िजसने इतनी सुबह मेरी न द ख़राब करने क
ज़ रत समझी है।
‘हैलो एक लड़क क आवाज़ मेरे कान म पड़ी।
‘अन या? ‘मने कहा। म उस आवाज़ को ब त अ छे-से पहचानता था।
‘थ स वीटी, थक यू सो मच, ‘अन या ने कहा। मने सोचा कह उसने ग़लत नंबर तो नह लगा दया।
‘ या? ‘मने कहा। म अभी तक पूरी तरह समझ नह पा रहा था क हो या रहा है।
‘तुमने सब कु छ ठीक कर दया। थक यू सो मच, ‘उसने कहा। उसक आवाज़ म रोमांच क खनक थी।
‘भला मने या कया? ‘मने अपनी उन दी आख िमचिमचाते ए कहा।
‘अब नाटक मत करो! तु ह कम से कम मुझे तो इस बारे म बता ही देना चािहए था। '
‘ या बता देना था? '
‘यही क तु हारे डैड चे ई आ रहे ह अन या ने कहा।
‘ या? ‘मने कहा। मेरी न द काफू र हो गई भी।
‘अब यादा बनने क कोिशश मत करो। कल तु हारे डैड ने मेरे पैरट् स के साथ सात घंटे िबताए। उ ह ने उ ह
कं वंस कया क उनके घर म मेरे साथ बेटी क तरह ही बरताव कया जाएगा और उ ह ने िपछली तमाम बात के
िलए माफ भी मांगी। ‘‘मेरे डैड?’ मुझे िव ास नह हो रहा था।
‘ही, उनसे िमलने के बाद मेरे पैरट् स ब त बेहतर अनुभव कर रहे ह। इन फक, उ ह ने तो मुझसे यह भी पूछा
क या मने कोई तारीख सोच रखी है। कै न यू इमेिजन? ‘अन या इतनी तेजी से बोल रही थी क उसके हर श द को
समझ पाना मुि कल था।
‘ रयली? ‘मने कहा।
‘अरे , पहले ठीक से जाग जाओ और फर मुझे फ़ोन लगाना। आई लव यू बेबी। परस वाली बात के िलए सॉरी,
म ब त िड टब थी। '
‘म भी, ‘मने कहा।
‘म भी या? तुम भी मुझे यार करते हो या तुम भी ब त िड टब थे? '
‘दोन , ‘मने कहा, ‘ले कन को, या वाक़ई मेरे डैड तु हारे घर आए थे? '
‘तु ह सच म कु छ नह पता था? '
‘नह , ‘मने कहा।
‘वॉव उसने कहा, ‘ लीज़ उ ह मेरी ओर से थ स कह देना। '
म अपने पैरट् स के कमरे म गया। दोन अभी सो ही रहे थे। पता नह य मने एक पागलपन कया। म सीधे
उनके पास गया और दोन को अपनी बौह म भर िलया। पलभर म मुझे गहरी न द आ गई।
म पाँच घंटे बाद जागा। सुबह के दस बज रहे थे। मेरे पैरट् स म म नह थे। म फ़ौरन उठा। मुझे लगा क आज
म ऑ फस के िलए ब त लेट हो जाऊंगा। म बाहर आया। ‘डैड कहा ह?’ मने मा को देखते ही उनसे पूछा।
‘बालकनी म मा ने कहा।
पापा कु स पर बैठे थे और एक गमले के िलए िमट् टी खोद रहे थे। उ ह ने मुझे देखा, ले कन चुप रहे। मुझे समझ
नह आ रहा था क उनसे या क ।ं मने एक और कु दाली उठाई और उनके साथ खुदाई करने लगा।
‘डैड, आप चे ई गए थे?'
‘आजकल ख़ूबर ब त तेजी से फै लती ह उ ह ने कहा, ले कन गमले से नज़र नह उठा ।
‘ य ? मेरा मतलब है कै से?'
‘मेरे बेटे को मदद क ज़ रत थी, ‘पापा ने िमट् टी से घास-फू स िनकालते ए कहा। उनक आवाज़ सीधी-
सपाट थी, ले कन इसके बावजूद मेरा गला ँ ध गया।
उ ह ने गमले म एक पौधा रोपा और खोदकर िनकाली गई ताजा िमट् टी उसके आसपास िबछा दी। म उनके
पास जाकर बैठ गया और िमट् टी को अपने अंगूठे से दबाने लगा।
‘आपको कै से पता चला?’ मने पूछा।
उ ह ने आख उठा । उ ह ने कहा ‘ य क म तु हारा िपता ।ं बुरा िपता ही सही, ले कन फर भी म तु हारा
िपता ।ं '
उ ह ने अपनी बात जारी रखी, ‘और इसके बावजूद क तु ह लगता है क तु ह मुझसे अभी तक िनराशा ही
िमली है, मुझे लगा क अब मुझे अपनी िज मेदारी िनभानी चािहए। हम एक जीवन साथी क ब त ज़ रत होती है।
अन या अ छी लड़क है। तु ह उसे खोना नह चािहए था। '
‘शु या, डैड, ‘मने अपने आसु को रोकते ए कहा।
‘यू आर वेलकम उ ह ने कहा। फर उ ह ने मुझे गले लगा िलया। ‘म पेरफ़े ट इं सान नह ं ले कन िज़ दगी के
इन आिखरी साल म मुझे मेरे बेटे से दूर मत करो, ‘उ ह ने कहा। मने भी उ ह गले लगा िलया। अब म ख़द पर क़ाबू
नह रख पाया और मेरी लाई फू ट पड़ी। दुिनया मा और बेटे के र ते के बारे म ब त बात करती है, ले कन हम
िपता क भी स त ज़ रत होती है।
मने अपनी आख बंद कर ल और गु जी को याद कया। म एक हरे -भरे पहाड़ क चोटी पर खड़े होकर
ख़ूबसूरत सूय दय देख रहा था। जैसे ही मने पापा को गले लगाया, मेरे िसर से एक भारी बोझ िगर पड़ा। मने ख़द को
फर ह का अनुभव कया।
‘ले कन म तु हारी शादी म नह आ पाऊंगा उ ह ने कहा।
‘ य ?’ मने हैरत से पूछा।
‘तु हारी मा अपने नाते- र तेदार के िबना जाएंगी नह और मुझे पता नह म उ ह देखकर या कर गुज । '
‘आप अपने बेटे क शादी म नह आएंगे? ‘मने कहा।
‘अन या तो हमारे घर ही आ रही है ना, ‘उ ह ने कहा।
म इस वका उनके ित इतनी कृ त ता का अनुभव कर रहा था क म उन पर नाराज नह हो सकता था।
‘आपको आना ही होगा। मुझे काम म देरी हो रही है ले कन म आपको बाद म राजी कर गा, ‘मने कहा।

Downloaded from Ebookz.in


59
‘जैसा क मने कहा, हमारे िलए यादा सरल तो यही होगा क तुम अपने नाते- र तेदार को लेकर चे ई आ जाओ
अन या ने कहा।
‘म उन सबको लेकर कै से आऊंगा? म इतने सारे एयर टकट् स अफोड नह कर सकता, ‘मने कहा।
यह शादी के बंदोब त को लेकर कए गए हमारे बेिहसाब कॉ स म से एक था। ‘वे अपने ख़च पर यहां नह आ
सकते?’ अन या ने पूछा।
‘आर यू के जी?? जब तक बारात तु हारे यहां नह प चं जाती, तब तक उसका याल रखना हमारी
िज मेदारी है। '
‘इन पंजाबी रीित- रवाज को तो के वल तुम ही समझ सकते हो अन या ने कहा।
‘तु ह भी इ ह समझने क कोिशश करनी चािहए, ‘मने कहा।
‘शादी तिमल शैली म होगी, ‘अन या ने कहा।
‘ या? ‘मने कहा।
‘ही, तुम चे ई म और या उ मीद कर सकते हो? वैसे भी, या तु हारे नाते- र तेदार एक िडफट क म क
शादी नह देखना चाहगे?
‘सच पूछो तो नह , ‘मने कहा।
‘देखते ह तुम टेरन से भी चे ई आ सकते हो। राजधानी ए स ेस को द ली से चे ई प च ं ने म अठाईस घंटे
लगते ह। '
‘मेरे नाते- र तेदार के साथ सफ़र करने के िलहाज से यह ब त लंबा समय होगा, ‘मने कहा।
‘ले कन तुमने इस दन के िलए कतना लंबा इं तज़ार कया है। यह दन बार-बार तो नह आता ना? ‘अन या
ने कहा और फ़ोन रख दया।

‘आप सच म नह आएंगे? मने आपक टकट बुक करा ली है। '


पापा चुप रहे। डाइ नंग टेबल पर मां मेरे पास बैठी थ ।
‘ले कन दोन म से कसी एक ि थित को चुनने क नौबत ही भला य आनी चािहए? ऐसा य नह हो
सकता क मॉम अपने संबंिधय के साथ आएं और साथ म आप भी आएं?’ मने कहा। आिखर हम के वल एक बार के
िलए एक नॉमल फ़ै िमली य नह हो सकते? मने सोचा। फर मुझे लगा क दुिनया म नॉमल फ़ै िमली जैसी कोई
चीज़ नह होती। सभी साइको ह और जो सभी साइको म से एवरे ज होता है उसे हम नॉमल कहते ह।
‘इ ह लगता है क मेरे संबंिधय ने बीते व त म इनका अपमान कया है मां ने कहा।
‘और या पापा ने उनका अपमान नह कया है?’ मने कहा ‘ले कन आिखर इस सबका मेरी शादी से या
नाता है? डैड, कु छ तो किहए। '
‘मेरा आशीवाद तु हारे साथ रहेगा। ले कन वहां मेरे मौजूद रहने क उ मीद मत करो पापा ने कहा।
‘इनका ड़ामा कभी ख़ म नह होता, ‘मा ने कहा। ‘ये ख़द चे ई गए और उन म ािसय को हा बोलकर आए।
वरना यह शादी नह हो सकती थी। और अब जब मेरे प रवार म हर कोई शादी का बेस ी से इं तज़ार कर रहा है तो
ये उ ह आने से रोक रहे ह। भला य ? य क ये उ ह खुश नह देख सकते। और सबसे बड़ी बात तो यह है क ये मुझे
खुश नह देखना चाहते। ‘मां क आँख से मू. फू ट पड़े।
‘डैड, या ऐसी बात है?'
‘नह , मने तो तु हारे सामने एक चॉइस रखी है, ‘उ ह ने कहा।
‘आिखर ऐसा कौन-सा बेटा होगा, जो यह चाहेगा क उसक शादी म उसके िपता न शरीक ह ?’ मां ने कहा
‘यह कोई चॉइस नह है, यह तो लैकमेल है।’
‘तुम इसे चाहे जो कहो ले कन अगर यह शादी हो रही है तो मेरी वजह से, इसिलए मेहमान को चुनने का हक
भी मेरा होना चािहए।’
‘नह डैड, ‘मने कहा, ‘मॉम को भी इतना ही हक है। मुसीबत तो यही है क मुझ पर आप दोन का बराबर का
हक है। '
‘तो तु ह फै सला करो, ‘पापा ने कहा।
मॉम और डैड ने मेरी ओर देखा। म कमरे म दस िमनट तक चहलक़दमी करता रहा।
‘डैड, मॉम के संबंधी तो आएंगे। आप जो करना चाह, कर, ‘मने कहा और कमरे से बाहर चला गया।

र ी मामा ने हजरत िनजामु ीन टेशन पर दो ढोल कय को बुलवा िलया था। मने राजधानी ए स ेस के कं पाटमट
म अपने नाते- र तेदार के िलए सतीस टू - टयर एसी बथ रजव करवाई थ । मा क दो चचेरी बहन ने ऐन वका
पर चलने का मन बनाया तो हम उ ह भी एडज ट करना पड़ा। पापा के बारे म मां ने यह कहानी गढ़ ली क उ ह
वायरल फ वर है जो क मले रया भी हो सकता है। सभी को स ाई पता थी और सच पूछ तो अन या के पैरट् स के
सामने झूठ बोलने से हम जो असहजता महसूस होती, उसे छोड़ द तो पापा के न आने से सभी को राहत ही थी।
उनके आने से कोई भी शादी का मज़ा न ले पाता।
‘य द तु हारे पित महोदय आते तो हम आधी बात भी नह कर पाते िश ा मासी ने मां से कह ही दया।
म बोगी म खड़ा सभी बथ से उनके टकट िमला रहा था। र ी मामा मुझे बाहर ख च लाए। ‘तु ह थोड़ा
नाचना नह चािहए? अरे भाई बारात जा रही है, ‘उ ह ने कहा। शाम के चार बजे लेटफॉम पर मौजूद सैकड़ ऊबे
ए पैसजर ने मेरे प रवार ारा मुहय ै ा कराए गए मु ा मनोरं जन का मज़ा िलया। ढोल कए टेरन के साथ-साथ चल
रहे थे और पेमट को लेकर र ी मामा से उलझ रहे थे। ले कन टेरन के पीड पकड़ लेने के कारण वे उनसे यादा पैसा
नह ठ सके ।
म अपने कं पाटमट म चला आया, िजसे मिहला ने साड़ी क दुकान बना डाला था। नीचे क सभी बथ म वे
पोशाक फै लाकर दखाई जा रही थ , िज ह शादी के दौरान पहना जाना था।
‘यह वाली ब त सुंदर है, ‘स र साल क मेरी दूर क एक टी ने असली सोने के काम वाली एक मैजटा साड़ी
दखाते ए कहा। सािड़य को सराहने के िलए मिहला के सामने उ क कोई मजबूरी नह होती।
अगले कं पाटमट म मेरे किज स ने कला जमा रखा था। लड़ कय क मेक-अप कट् स खुली थ । वे म कारा
शेयर करने के बारे म बात कर रही थ । अब जाकर मुझे समझ आया था क शादी का नाम सुनते ही प रवार के सभी
लोग उ सािहत य हो जाते ह। आिखर इसम सभी के िलए कु छ न कु छ जो होता है।
म कं पाटमट के दरवाज़े पर खड़ा होने के िलए बाहर आया। अगले कु छ घंट म टेरन दनदनाते ए आगरा,
वािलयर और झांसी को पार कर गई। हमारा सफ़र अभी काफ़ लंबा था। टेरन हमारे िवशाल देश के उन अलग-
अलग टेट क सरहद को चीरते ए आगे बढ़ रही थी, िजनसे िपछले एक साल से म लड़ाई लड़ रहा था। ये टेट्स
िमलकर हमारे देश को बनाते ह ले कन ये हमारे देश को बौट भी देते ह। और कभी-कभी ये टेट्स हमारी लव लाइफ़
म तूफान भी खड़ा कर देते ह।
िडनरटाइम पर टेरन भोपाल प च ं ी। म भीतर चला आया। जब मेरे नाते- र तेदार को पता चला क
राजधानी ए स ेस म मु ा खाना दया जाता है तो वे अपना रोमांच छु पा न पाए।
‘नॉन-वेज लेना म ासी तो तु ह नॉन-वेज िखलाने से रहे िश ा मासी ने सभी को सलाह दी।
‘ओके टी, अगले तीन दन तक वे म ासी नह तिमल ह मने कहा।
िश ा मासी ने फ़ाइल से िचकन िनकाला। ‘ही, ही, मुझे पता है तिमल नाडु एक रा य है। ले कन हम तो म ास
ही जा रहे ह ना? टकट पर चे ई य िलखा है?’ ’ दोन एक ही ह। जैसे दे ही और द ली एक ही ह कमला टी ने
अपना िचकन वीट कॉन सूप सुड़कते ए कहा।
‘ या यह बात सच है क उनक मु यमं ी पहले फ मी हीरोइन थी? ‘मा क किज़न ने पूछा।
‘येस-जी, ‘एक अ य टी ने कहा, ‘ये साउथ इं िडयन औरत ब त चालाक होती है। '
‘भगवान ने उ ह दमाग के अलावा और कु छ नह दया है!’ एक और यू कमट आया। मेरा मन कर रहा था
क टेरन से बाहर कू द जाऊं।
60
अन या के िपता ने पूरी बारात को मयलापुर क संगीता रे िसडसी म बीस कमर म ठहराया था। कमरे सीधे-सरल
ले कन साफ और एयर कं डीशंड थे। ‘तु हारे पापा को या हो गया? अभी-अभी तो हम उनसे िमले थे, ‘उ ह ने पूछा।
‘उ ह वायरल फ वर है, जो क मले रया म त दील हो सकता है मने कहा।
‘ या ऐसा हो सकता है?'
‘ द ली म हो सकता है। ख़ैर, शेड्यूल या है?’ मने बातचीत का ख दूसरी दशा म मोड़ते ए कहा।
‘कल दोपहर पूजा है। शाम को फर पूजा होगी। वे डंग मु तम परस सुबह का है उ ह ने कहा।
‘अंकल डीजे और पाट नह है? ‘मने अपने नाते- र तेदार के बारे म सोचते ए कहा।
‘परस रसेशन है, वह सब लोग मौज-म ती कर लगे, ‘उ ह ने कहा और मां क ओर मुड़े। ‘किवता जी, िश ा
जी, या म एक सेकड के िलए आपसे बात कर सकता ?ं ’ मां, िश ा मासी और अन या के िपता मुझसे और अ य
नाते- र तेदार से थोड़ा दूर चले गए। वे पाँच िमनट तक बितयाते रहे। फर मां मेरे पास आ ग और िश ा मासी
अपनी चािबयां लेने होटल के रसेशन पर चली ग ।
‘ या आ?’ मने पूछा। हम सी ढय से अपने कमर क ओर जा रहे थे।
‘कु छ नह , ‘मा ने कहा।
‘यह मेरी शादी है। मुझे जानने का अिधकार है। '
‘उ ह ने मुझसे पूछा क या मुझे कोई िवशेष भट चािहए, ‘मां ने कहा। शायद, अन या ने अपने पैरट् स को
मंटी क शादी वाला क सा सुना दया था।
‘और? आपने या कहा? ‘मने मां को अिव ास भरी नज़र से देखते ए कहा। ‘मुझसे इस तरह बात मत करो,
‘मां ने कहा।
‘मॉम, आपने एजै टली कहा या? ‘मने कहा। मेरा लहजा अब और भी ख़राब हो गया था। ‘ या? कह आपने
कसी को कोई कार खुरीदने या उनका बक खाता तुड़वाने तो नह िभजवा दया? '
‘तुम मेरे बारे म यही सोचते हो? है ना? ‘मां ने कहा। हम फ़ ट लोर पर प च
ं चुके थे। वे सांस लेने के िलए
पलभर क ।
िश ा मासी क महंगी सड स क आवाज़ उनके आने से चार सेकंड पहले सुनी जा सकती थी। वे भी फ़ ट
लोर पर आ प च ं ।
‘ज़रा मेरी नादान बहन को तो देखो। इसने कह दया क इसे कोई भी बड़ी भट नह चािहए, ‘िश ा मासी ने
मुझसे कहा।
‘आपने ऐसा कया? ‘मने मां से कहा।
मा ने मेरी ओर देखा।
‘तुम यह कभी नह समझ पाओगे क म तु ह कतना यार करती ं ‘मां ने कहा। शम से मेरा िसर झुक गया।
मां ने मेरे िसर के पीछे एक ह क -सी चपत लगाई जब क म एक ज़ोरदार तमाचा खाने के लायक था।
िश ा मासी ने अपने हाथ लहराते ए कहा, ‘तुम और तु हारी मां, दोन ही एक जैसे ह-अ ावहा रक। इसने
उ ह कहा क मने अपने बेटे को एमबीए करने भेजा था, बदले म मुझे दो एमबीए िमल रहे ह। अन या से अ छी भट
भला और या होगी, ‘िश ा मासी ने कहा, ‘ठीक है लड़क अ छा पैसा कमाती है ले कन किवता, जब कोई देने को
ही राजी हो तो फर भला लेने से ना य करना। '
‘ य क हम उस तरह के लोग नह ह िश ा मासी, ‘मने कहा और मां को गले लगा िलया। ‘मां बोलती ब त
ह, ले कन वा तव म वे कभी ड् यूक क मा जैसी हरकत नह कर सकत । कभी नह , ‘मने कहा।

म अपने होटल म म चला आया, जहां मेरे िब तर पर दस किज स छह औटीज और चार अंक स बैठे ए थे। जगह
क क लत के कारण म लोर पर ही बैठ गया, जब क हम पूरे बीस कमरे दए गए थ मेरे नाते- र तेदार को जगह
क क लत मंजूर थी, ले कन वे रसीली गपशप करने का मौक़ा नह गंवा सकते थे।
मेरे छोटे किज स टीवी के रमोट के िलए लड़ रहे थे। मने अपनी आ टय के सामने शेड्यूल दोहराया।
‘ये लोग तो बड़े नीनस ह। भला दन भर पूजा कै से क जा सकती है? ‘कमला मामी ने कहा।
‘उ ह ने तो संगीत काय म भी नह रखा है?’ मा ने कहा।
‘मुझे तो लगता है वे लोग पैसा बचाने क कोिशश कर रहे ह िश ा मासी ने कहा।
‘ले कन पूजा कस भाषा म होगी? म ासी? ‘एक अ य औटी ने कहा।
‘तिमल म या शायद सं कृ त म मने कहा।
‘तब तो म पूजा म नह आऊंगी, ‘मा ने कहा।
मने मा क ओर नज़र तरे रकर देखा।
‘खाना कहां पर होगा? ‘एक टी ने वह सवाल पूछा, जो सभी के मन म था।
‘खाना वे डंग वे यू पर ही एक डाय नंग हॉल म होगा। चलो अब सो जाते ह, कल सुबह हम ज दी उठना है,
‘मने कहा।
हमने सुबह साढ़े सात बजे होटल लॉबी म िमलने क योजना बनाई थी, ले कन हम िनकलते-िनकलते नौ बजे
गए।
‘पता या है?’ र ी मामा ने पूछा।
मने कागज का वह टु कड़ा िनकाला, जो अन या के पापा ने मुझे दया था।
‘म तो इसे नह पड़ सकता, ‘र ी मामा ने कहा।
मने कागज वापस ले िलया। उस पर िलखा था:
अ लिमगु कपाली वरार कपताबल ित मना मंडपम
16, वेकंटेश अ ाहरम ीट, मयलापुर चे ई
इसे पढ़ने क तीन बार कोिशश करने के बाद मेरा िसर दद करने लगा। मने अ र िगने। मेरे वे डंग वे यू के
नाम म पचास अ फाबेट थे। द ली म चीज़ कभी इतनी कॉि लके टेड नह होत । मेरी एक किज़न क शादी ब ा
बै े ट म ई थी। एक और किज़न क शादी बावा हॉल म ई थी।
आयोजन थल तक प च ं ने से पहले हम मयलापुर क सड़क पर बीस िमनट तक भटकते रहे। गनीमत थी क
थानीय लोग ने इस जगह के नाम को छोटा करते ए एके के टी मंडपम कर दया था। बात चाहे अिभनेता क हो
या राजनीितक दल या शादी के मंडप क , तिमल पहले तो लंबे-लंबे नाम रखना पसंद करते ह और फर उ ह को
छोटा कर देते ह।
‘ना ता ख़ म हो गया है से तु हारा या मतलब है? ‘िश ा मासी ने कहा।
‘इ यघ, इ ला, ‘एक त दू र काले-कलूटे, बाल से भरी काया वाले शेफ ने कहा और अपना िसर िहलाया।
उसने लुंगी और शेफ क टोपी पहन रखी थी। य द उसने टोपी इसिलए पहन रखी थी क खाने म कोई बाल न िगर
जाए, तब तो उसे अपने पूरे शरीर पर िगलाफ पहनना चािहए था, य क उसक बौह और छाती पर भी बाल ही
बाल थे।
‘ओ िनिमशुम, ‘मने कहा, ‘ या आ? '
‘तु हारा बेटा तिमल बोलता है?’ िश ा मासी ने मां से कहा।
मा ने अपनी आख घुमा ।
‘नह , मुझे तिमल नह आती। यह तो एक सेकंड को के िलए एक कॉमन तिमल श द है, ‘मने कहा।
‘अब ये लड़का पूरी तरह उन लोग का हो गया है। वे लोग जो चाहगे, इससे करवाएंगे, ‘मा ने ज़ोर से दुख
मनाते ए कहा।
‘मॉम, लीज़। मुझे यह सम या सुलझाने दो, ‘मने कहा।
‘तुम भला या सम या सुलझाओगे। देखना, अब हम अपना खाना भी ख़द ही पकाना पड़ेगा, ‘मा ने कहा।
‘सभी लोग, लीज़ डाय नंग हॉल म बैठ जाइए मने कहा और फर म शेफ क ओर मुड़ा। ‘ या कु छ पका सकते
हो? '
‘तो फर ट फन कौन बनाएगा? हम यारह बजे ट फन सव करना है शेफ ने कहा। मने घड़ी देखी। साढ़े नौ
बज रहे थे। य द मेरे प रवार के लोग को इतनी देर तक भूखा रहना पड़े तो उ ह मेिडकल इमजसीज हो जाएं।
‘हम अभी कु छ चािहए, ‘मने कहा, ‘कु छ भी ज दी से। '
‘ फर ट फन का या होगा? ‘शेफ ने कहा।
‘ ट फन को मारो गोली। हम लंच देर से लगे। '
‘लड़क वाल को ट फन चािहए। वे सुबह साढ़े छह बजे ेकफा ट के िलए आए थे, ‘शेफ ने कहा।
र ी मामा मेरे पास आए। ‘इसे थोडी-सी पूस िखला दो उ ह ने मेरे कान म फु सफु साते ए कहा।
मने सोचा क अपनी ही शादी म अपने ना ते के िलए पूस देने म भला कौन-सी नैितकता होगी।
‘वोके अब म जाता ं म ब त िलखी ं ‘शेफ ने कहा और फर मन ही मन बड़बड़ाते ए कहा, ‘पुंडई मगाने,
थायोली कु ी। '
‘अ ा, को मने कहा।
शेफ ने मेरी ओर हैरत से देखा। आिखर द ली के लहज़े म बोलने वाला कोई ि तिमल के एकाध श द कै से
बोल सकता है?
मने हाथ म सौ पए का नोट रखा और उससे हाथ िमलाया। उसने उलझनभरी नज़र से नोट को देखा।
‘हम तु ह यह खुशी से दे रहे ह अंकल ने कहा।
‘म ज दी से उपमा बना सकता ं ‘शेफ ने कहा।
‘उपमा या होती है? ‘अंकल ने कहा।
‘नमक न हलवा। नह , उपमा नह । या तुम डोसा बना सकते हो? ‘मने कहा। ‘डोसा एक-एक कर बनाना
पड़ता है और हमारे पास इसके िलए टाफ़ नह है। फर इससे लंच म भी देरी हो जाएगी, ‘शेफ ने मुंह बनाते ए
कहा।
आिखरकार हम इडली पर राजी ए। सांभर का बंदोब त तो ख़ैर तब भी नह हो पाया, अलब ा शेफ के पास
कन तर भरकर ना रयल क चटनी थी। इतनी चटनी से तो सडक रं गी जा सकती थ ।
मेरा प रवार डाइ नंग हॉल म बैठ गया। उनके सामने के ले के प े रख दए गए। ‘अब या हम के ले के प े
खाएंगे? ‘िश ा मासी ने कहा, ‘इ ह ने हम समझ या रखा है? गाय? '
‘यह लेट है? ‘मने कहा, ‘और के ले के प े के अलावा हम और कोई कटलरी नह िमलेगी। '
‘इन लोग का तो शादी म कोई खचा ही नह होता, हाऊ लक , ‘कमला टी ने कहा।
हम चालीस लोग कम से कम दो सौ इडिलयां चट कर गए।
जब हम ना ता कर चुके थे, तब जाकर अन या के पापा आए। ‘ना ते का बंदोब त नह हो पाया था? आई एम
सॉरी, ‘उ ह ने कहा।
‘इट् स फ़ाइन, ‘मने कहा ‘हम लोग ही देर से यहां प चं े थे। '
‘हैलो किवता-जी, ‘अन या के पापा ने हाथ जोड़ते ए कहा। अन या ने उ ह िहदायत दी थी क जब भी लड़के
वाल से िमल हाथ जोड़कर िमल। उ ह ने परोसने वाल से इडली क बा टी ली और एक इडली मेरी मां को परोसी।
‘हैलो मा ने उनके हैलो का जवाब देते ए कहा। उनक आवाज़ से गव क भावना झलक रही थी। आिखर,
लड़क के िपता उनके भाई-बहन के सामने उनक सेवा जो कर रहे थे। लगता है, हमारे बड़े-बुज़ग यही दन देखने के
िलए जीते ह य क वे यूं भी अपनी िज़ दगी म ब त यादा मौज-मज़ा नह कर पाते ह।
‘ श के िपता अब कै से ह?’ अन या के पापा ने पूछा।
‘अब वे बेहतर ह। कल रात उ ह ने सूप िलया था और आज सुबह उ ह ने थोड़ा-सा दिलया िलया। अब वे
आराम कर रहे ह। उ ह ने अपनी ओर से शादी क शुभकामनाएं भेजी ह मां ने कहा।
अन या के पापा ने िसर िहलाया, ले कन उनके चेहरे से चंता झलक रही थी। ‘अंकल आज कौन-कौन-से
काय म होने वाले ह?’ मने अपने संबंिधय के िलए अन या के पापा से पूछा।
‘सबसे पहले तो वृतम होगा, जो क िववाह के ारं भ म होने वाली ाथना है। फर िन याथम होगा, जो क
औपचा रक सगाई समारोह है। शादी का पिव मु त इसी समारोह म तय कया जाएगा और करीबी र तेदार को
भट दी जाएंगी, ‘अन या के पापा ने कहा।
मेरी आ टय का यान के वल अंत के श द पर क त था।
हम मु य हॉल म आए, जहां अगले दो दन तक शादी क मु य र म होने वाली थ । हॉल के बीचोबीच एक
अि वेदी थी और वह पंजाबी शा दय से ब त अलग नह थी। हालां क, हमारे यहां होने वाली शा दय म लोग
के वल भोज के बाद ही आग के समीप आया करते थे ले कन यहां सभी लोग पहले ही आग के पास मौजूद थे। म फश
पर बैठ गया। चार पुरोिहत ने मं जाप शु कया। मेरे साथ ही मेरे चार करीबी संबंधी भी फश पर बैठे थे, जब क
बाक़ र तेदार पीछे क क़तार म कु सय पर बैठे थे। वृतम के दौरान पुरोिहत ने इतने ज़ोर से मं जाप कया क
मेरे कु छ छोटे किज़न डर के मारे रोने लगे और इस वजह से लोग के िलए आपस म बात कर पाना भी तक़रीबन
नामुम कन हो गया। मेरे पीछे मेरी आ टय ने कई बार अपनी पोिजशन बदली।
‘इसके बाद हम िसटी टू र पर चल?’ कमला टी ने कहा।
‘चे ई म आिखर देखने लायक है या? य द म ािसय को ही देखना है तो इस कमरे म ही काफ़ ह िश ा
मासी ने कहा।
मने अन या के संबंिधय क ओर देखा। उनम से कु छ आ टय को मने पहचान िलया। अन या के किज स िवदेश
से आए थे। वे अपनी परं परागत तिमल पोशाक पहने हाथ म िमनरल वाटर क बोतल थामे बैठे थे।
‘अन या दीदी, ‘अन या के भीतर आते ही मंटी ने कहा। उसने म टड येलो-गो ड बॉडर वाली म न
कौजीवरम साड़ी पहन रखी थी। उसके कसकर गुंथे बाल को देखकर लग रहा था मानो वह कोई वरट कू लगल हो।
उसने चेहरे पर मेकअप लगा रहा था और वह तिमल फ म के पो टर पर अवत रत होने वाली तमाम हीरोइन से
अिधक ख़ूबसूरत लग रही थी। उसने आँख म काजल लगा रखा था और इस कारण उनम एक अजीब क म क
गहराई आ गई थी। कु छ पल तक तो म पहचान ही नह पाया क वह मेरी अन या है। या यही वह लड़क है, जो
मुझे मेस क लाइन म िमली थी और जो सांभर के िलए झगडू रही थी?
हमारी आख थोड़ी देर के िलए िमल । वह धीमे-से मु करा दी, मानो मुझसे पूछ रही हो क वह कै सी लग रही
है।
मने िसर िहला दया। ही, इससे यादा ख़ूबसूरत वह आज तक कभी नह लगी। अगले एक घंटे तक ाथनाएं
चलती रह । कमरे म धुंआ भर गया। पुरोिहत अि म घी-लकिड़या डालते ए हवन करते रहे। अन या और मेरी
नज़र कई बार िमल और हम कई बार मु कराए। या यह सब वा तव म हो रहा है? या वाक़ई आिखरकार मेरी
शादी हो रही है और या इसके िलए हर वह श स राजी था, िजससे मेरा डीएनए मेल खाता है?
पुरोिहत ने कहा दू हे के िपता को बुलाइए। मा ने कहा उनक तबीयत ठीक नह है। मने फर पापा के बारे म
सोचा। आिखर ये बड़े लोग इतने उलझे ए य होते ह? ‘तु हारे दादा-दादी कौन-से गांव के थे? ‘अन या के िपता ने
मुझसे पूछा। पुरोिहत को िन याथम क र म के िलए इस जानकारी क ज़ रत थी।
मुझे इसका जवाब नह पता था। मने मा क ओर देखा। मां ने मेरी आ टय क ओर देखा। फर मेरी आ टया
राय-मशिवरा करने लग क कौन-सा जवाब ठीक रहेगा। ‘लाहौर, ‘उनका राय-मशिवरा ख़ म होने के बाद मां ने
कहा।
‘पा क तान वाला लाहौर? ‘अन या के िपता ने पूछा।
वे ज़रा चंितत लग रहे थे। मुझे डर लगा क कह उनका मन फर न बदल जाए।
‘मेरे दादा-दादी बंटवारे के बाद द ली चले आए थे मने ए स लेन कया। उ ह ने िसर िहला दया।
‘अंकल शादी क तमाम र म कब तक पूरी हो जाएंगी? यानी िजसके बाद हमारा र ता अटू ट हो जाए और
कोई भी उस पर आपि न कर सके ?'
‘तुम या कहना चाहते हो? ‘उ ह ने कहा।
‘कु छ नह , ‘मने कहा। पुरोिहत ने मुझे दि णा देने को कहा।
मने उसे सौ पए का एक नोट दया। उसने लेने से इ ार कर दया।
‘उ ह सीधे पए मत दो, इसे थैबूलम म रख दो, ‘अन या के िपता ने पूजा क थािलय क ओर इशारा करते
ए कहा।
मने पए थाली म रख दए। फर मने उसे के ले और पान के प और सुपारी से सजाया। इसके बाद मने उसे
पुरोिहत को दया और इस बार पुरोिहत ने उसे वीकार कर िलया। फर पुरोिहत ने शादी के योर क घोषणा क ,
िजसम आयोजन थल का लंबा-चौड़ा नाम शािमल था और साथ ही उसम ल म न और कल क तारीख भी
शािमल थी।
‘साढ़े छह बजे का मु तम है, ‘पुरोिहत ने कहा।
‘सुबह के साढ़े छह बजे? ‘र ी मामा ने कहा। वे शॉ ड थे। मु त तय होने पर अन या के सगे-संबंिधय ने एक-
दूसरे को शुभकामनाएं दी। ले कन मेरे सगे-संबंधी भ चक थे।
‘यह शादी है या टॉचर? यह तो सुबह-सुबह क घइट पकड़ने क तरह है कमला टी ने कहा।
सौभा यवश, अन या क मां ने हमारे प रवार क सभी मिहला को शांत कर दया। वे दस बैग भरकर भट
ले आ ।
‘िमसेज कमला, ‘उ ह ने पहले बैग को पढ़ते ए कहा। हर बैग पर भट पाने वाले का नाम था। साथ ही उससे
मेरा संबंध और भट का कोड वड भी बताया जा रहा था।
‘म?’ कमला टी ने कहा और अपना हाथ इस तरह उठा दया, जैसे कोई ब ा लास म अटडस दज करवाने के
िलए हाथ उठाता है। भट-तोहफ म कु छ ऐसी बात ज़ र होती है जो हम सभी को ब ा बना देती है।
‘हम इ ह अपनी होटल म खोलगे, ‘भट िवतरण काय म ख़ म होने के बाद िश ा मासी ने कहा।

और अब, हम लोग लंच करगे। अन या के िपता ने हम सभी को डाइ नंग हॉल म भात सांभर, रसम, सि जय दही
और पायसम के भोज के िलए िनमंि त करते ए कहा। ‘हमारे साथ तो धोखाधड़ी हो गई। खाने म पनीर है ही नह ,
‘कमला टी ने कहा। हम पनीर-िवहीन डाइ नंग हॉल म दािखल ए।
61
‘तो आज रात के िलए या लान है?’ होटल प च ं ने पर र ी मामा ने कहा।
‘आठ बजे डाइ नंग हॉल म िडनर होगा ‘मने कहा।
‘ लीज़, अब म और भात नह खा सकती, ‘िश ा मासी ने कहा। मिहला ने भट मे िमल कांजीवरम सािड़य
खोल ली थ । मने अन या से कहा था क वह सािड़य पर से ाइस टैग न हटाए। जैसे ही मेरे सगे-संबंिधय ने देखा
क हर साड़ी तीन हजार पय क थी तो उनके मन म अन या के ित सराहना का भाव और बढ़ गया।
‘िडनर के बाद या?’ र ी मामा ने कहा।
‘सुबह साढ़े छह बजे का मु तम है इसिलए हम सभी ज दी सो जाएंगे।
‘देखो किवता, तु हारा बेटा कस तरह म ासी बन गया है ‘कमला टी ने कहा और सभी हँस पड़े, मानो उ ह ने
दुिनया का सव े जोक सुनाया हो।
मने मुंह बनाया।
‘ज दी कै से सो जाएं, भई तु हारी शादी है ‘कमला टी ने मेरे गाल ख चते ए कहा।
‘तो, या करना चाहती ह आप? ‘मने कहा।
‘हम पाट करगे। मंटी के डैडी, चलो चलते ह कमला टी ने कहा और वे बाहर चले गए।
‘और तुम फे िशयल करवाने यूटी पालर जाओ ‘मा ने कहा।
‘म ''
‘ही, ले कन यान रखना। यहां के यूटी पालर तु ह दखने म काला-कलूटा भी बना सकते ह ‘िश ा मासी ने
कहा और मेरे सगे-संबंिधय को उस तरह बु ा फाड़कर हँसने का एक और बहाना िमल गया, िजस तरह के वल
पंजाबी ही हँस सकते ह। म यह तो नह कह सकता क र ी मामा ने जो पाट रखी थी, वह बैचलस पाट थी,
ख़ासतौर पर तब जब मेरी सभी आ टया वहां मौजूद थ । बहरहाल, मेकिश ट बंदोब त कु छ ऐसा कया गया था क
यह पाट कसी कुं आरे लड़के ारा मनाया जा रहा ज जान पड़ती थी। र ी मामा ि ह क क दो बोतल वोदका क
एक बोतल और बीयर का एक के ट लेकर आए थे। कमला टी भी मिहला के िलए िच स और जूस लेकर आई थ ।
‘ य न आज रात मिहलाएं भी ड़ंक कर र ी मामी ने कहा तो कई आ टय ने डर जाने का दखावा कया, ले कन
मेरी किज स पहले ही वोदका बोतल बुक कर चुक थ । ‘आइस ‘र ी मामा ने होटल के वेटर को कहा और उसे सौ
पए का नोट थमाया। वह बा टीभर बफ लेकर लौटा।
‘तु हारे पास यूिजक िस टम है? ‘र ी मामा ने वेटर से पूछा। वेटर ने कहा क य द उसे सौ पए और िमल
तो वह अपने दो त से यूिजक िस टम लेकर आ सकता है। अलब ा तुझक म या बजाया जाए, यह तय करना बड़ी
चुनौती थी और हम ख़द को ‘रोजा ‘और ‘जटलमैन ‘जैसी फ म के साउं ड ै स तक ही सीिमत करना पड़ा। गान
के बोल तिमल म थे ले कन कम से कम धुन तो जानी-पहचानी थ । दो ड़ंक के बाद हम तिमल श द भी समझने
लगगे, र ी मामा ने कहा।
पु ष ने म नंबर 301 चुना, जो क मेरा म था। मिहलाएं म नंबर 302 म चली ग , जब क मेरे किज स
म नंबर 303 म थे। तेरह से कम उ वाले ब को म नंबर 304 दे दया गया, जहां वे के बल टीवी पर काटू न
चैनल देख सकते थे और पाँच साल से कम और पचह र साल से यादा उ वाल को म नंबर 305 म भेज दया
गया, िजसम पचह र साल से यादा वाल क िज मेदारी यह थी क वे पाँच साल से कम वाल का याल रख।
र ी मामा म नंबर 301 और 302 के बीच आवाजाही करते रहे। म नंबर 302 म वे मिहला से गपशप
करते और फर 301 म लौटकर पु ष से टॉ स और रयल ए टेट के बारे म बात करने लगते।
‘ यारह बज गए ह मने अपने नाते- र तेदार को याद दलाया, ‘अब हम सो जाना चािहए। '
‘अरे , चुप कर, ‘र ी मामा ने कहा और मुझे खुशी-खुशी गले लगा िलया। ‘य द हम अभी सो गए तो सुबह उठ
न सकगे, इसिलए चलो सुबह तक मौज-म ती करते ह। '
पाट जारी रही और म नंबर 301 302 और 303 िड कोथेक म त दील हो गए। ‘इं िडयन ‘ फ म का
साउं ड ैक पाँच बार बजाया गया। मुझे लगा क अगर अब भी मेरे नाते- र तेदार नह सोए तो वे सुबह शादी म
हरिगज शािमल न हो पाएंगे। आधी रात के बाद म लॉबी म चला गया।
‘पुिलस को बुलाओ, ‘मने ं ट डे क से कहा।
‘ या? ‘मैनेजर ने कहा, ‘तुम तो दू हे हो। '
‘ही, और सुबह साढ़े छह बजे मेरी शादी का मु तम है। मुझे अपने सभी नाते- र तेदार को लेकर सुबह पाँच
बजे वहां प चं ना है। ले कन ये लोग आराम करने के मूड म नह नज़र आ रहे। '
मैनेजर हँस पड़ा। र ी मामा ने उसे भी पूस िखला रखी थी। ‘ड ट वरी, सर, म उ ह आधे घंटे बाद रोक दूंगा।
'
तभी होटल के बाहर एक कार क और उसम से एक ि बाहर िनकला। अंधेरे के बावजूद म पहचान गया
क वह ि कौन था। म तेजी से सी ढ़या चढ़कर ऊपर प च ं ा। मेरा दल जोर से धड़क रहा था। म नंबर 302 म
र ी मामा ‘रोजा ‘ फ म के एक सैड सॉना पर कमला टी के साथ लॉज़-डा संग कर रहे थे।

‘डैड आ गए ह मने घोषणा क ।


महज़ दो िमनट म ही हमारा नाइट लब इस तरह बंद हो गया, जैसे क पुिलस का छापा पड़ा हो। सभी अपने-
अपने कमरे म सोने चले गए। जब तक डैड थड लोर तक प च ं ते कॉ रडोर म स ाटा छा गया था।
‘डैड, ‘मने कहा।
हम चंद सेकंड तक एक-दूसरे क ओर देखते रहे। आिखरकार, उ ह ने आने का फै सला कर ही िलया था। म
इससे आगे कु छ सोच नह पा रहा था। मने उन पर आने के िलए ब त ज़ोर नह डाला था। वे भी मेरे जैसे ही थे हम
भारतीय पु ष अपनी भावनाएं द शत करने के मामले म ब त अ छे नह होते।
‘तुम अभी तक सोए नह ? चंद घंट बाद तु हारी शादी होने वाली है ना? ‘उ ह ने धीमे-से पूछा।
मने कोई जवाब नह दया। वे म नंबर 301 क ओर बड़े। मने उ ह रोक दया। म नह चाहता था क वे मेरे
मामा को नशे म धु देख।
‘ऊपर और भी स ह। इस म म अभी कु छ मर मत का काम होना है, ‘मने कहा और उ ह अगले लोर पर
ले गया। फर मने उ ह वहां अके ला छोड़ दया, ता क वे चज कर सक। मा म नंबर 301 म थ और ज द से ज द
उसे साफकरने क कोिशश कर रही थ ।
‘इट् स फ़ाइन, वे ऊपर ह मने कहा।
‘वे वहां या कर रहे ह?’ मां ने कहा, ‘वे यहां हमारे िलए मुसीबत पैदा करने आए ह या? '
‘नह , मने कहा ‘वे िब कु ल ठीक ह। वे यहां मेरी शादी अटड करने आए ह। ‘‘अब? वे अब जाकर आए ह?'
‘इट् स ओके मॉम तुम जाकर सो जाओ। म उ ह कह दूंगा क आप सो चुक ह मने कहा। फर मने उनके गाल पर
कस कया और ऊपर चला गया।
पापा ने चज करके सफ़े द कु ता पायजामा पहन िलया था।
‘थक यू डैड, ‘मने कहा।
‘डट बी िसली, ‘उ ह ने कहा। ‘तु हारी मां कहा है? '
‘सभी लोग ज दी सो गए थे। हम सुबह चार बजे उठना है ना, ‘मने कहा।
‘ओह तब तो म तु हारी न द ख़राब कर रहा ।ं या तुम यह सोओगे? '
मने िसर िहलाकर ही कहा और बि यौ बुझा द । फर म उनके क़रीब ही लेट गया, शायद िपछले बीस साल
म पहली बार।
‘आई लव यू बेटा, ‘उ ह ने कहा। उनक आख मुंदी ई थ ।
मेरा गला भर आया। मेरे िलए इन श द के वही मायने थे जो अन या ारा मुझसे पहली बार कहे गए इन
श द के थे।
‘म भी आपको यार करता ं ‘मने कहा और सोचने लगा क आिखर म कौन-सी ेम कहानी सुना रहा था।
62
मुझे अपने प रवार वाल को उठाने के िलए उन पर मग भरके पानी उड़ेलना पड़ा। र ी मामा को तगडा हगओवर
था। म के वल तीन घंटे सोया था और दद के मारे मेरा िसर फटा जा रहा था। हमने म स वस को पल टरथ कॉफ
सव करने के िलए कहा।
‘यह तो अमानवीय है, आिखर यह भी कोई व त है शादी करने का, ‘मां ने कहा। उ ह ने सूटके स से इस अवसर
पर पहनने के िलए अपनी नई साड़ी िनकाली।
अन या के िपता ने मा दो सौ मीटर के सफ़र के िलए भी हमारे होटल तक बस िभजवाई थी। म बाहर खड़ा
इं तज़ार करता रहा। मेरे प रवार क सभी मिहलाएं अपने बाल को लो-ड़ाई कर रही थ और िलपि टक लगा रही
थ । साढ़े पाँच बजते ही पैिनक कॉ स शु हो गए।
‘पुरोिहत ने अि विलत कर दी है। मं जाप शु हो गया है अन या के िपता ने कहा।
‘दो और बुज़ग मिहलाएं तैयार हो रही ह हम ज द से ज द प च ं रहे ह मने कहा और फ़ोन रख दया।
साढ़े पाँच बजे हम मंडपन् म प च ं े। अन या के नाते- र तेदार पहले ही सबसे अ छी सीट पर कला जमा चुके
थे। पुरोिहत तक प च ं ने के िलए मुझे ठसाठस भरे नाते- र तेदार के बीच से जगह बनाकर गुज़रना पड़ा।
दू हे क मां यहां बैठगी, पुरोिहत ने कहा, और य द िपता न आए ह तो कोई भी व र पु ष संबंधी...
‘मेरे िपता यहां मौजूद ह मने कहा।
अन या के पैरट् स अपनी सीट पर से उछल पड़े। ‘वेलकम अन या के िपता ने कहा, ‘अब आपका बुखार कै सा
है?'
‘बुखार? कै सा बुखार? ‘पापा ने अपनी जगह संभालते ए कहा।
पुरोिहत जोशोखरोश से मं ो ार करते रहे। र ी मामा अपने सभी संबंिधय क ओर सेरेडॉन ि स बढ़ाते
रहे य क सभी के िसर म दद हो रहा था। दूसरी तरफ़ अन या के अंक स एक-दूसरे क ओर द हंद ू क ितय
बढ़ाते रहे। शादी के दौरान भी वे नॉलेज पाने का मौक़ा नह छोड़ना चाहते थे।
‘ श, आ जाओ, ‘अन या के िपता ने पाँच िमनट क ाथना के बाद कहा।
या?
‘तु ह चज करना होगा। म तु हारी मदद करता ं ‘उ ह ने बड़े सहज भाव से कहा। मने मे न रं ग का नया
रे शमी कु ता-पायजामा पहन रखा था, जो मा ने मेरे िलए खरीदा था। ‘इससे काम नह चलेगा, ‘मने पूछा।
अन या िखलिखलाकर हँस पड़ी। अन या के िपता ने अपना िसर िहलाया और खड़े हो गए। म उनके पीछे-पीछे
मु य हॉल के पास ि थत एक म म चला गया। उ ह ने दरवाज़ा लगा दया। ‘अपने कपड़े उतारो उ ह ने कहा।
‘ या? ‘मने कहा। उ ह ने अपनी अंगुली से मेरे कु त क ओर इशारा कया।
‘जी, म ख़द िनकाल लूंगा, ‘मने िझझकते ए कहा और अपना कु ता उतार दया।
‘पायजामा भी, ‘उ ह ने कहा। मुझे कॉलेज के दन म ई अपनी रै गंग क याद आ गई। ‘ या यह जु री है?
‘मने कहा। म सोच रहा था क या इस अव था म शादी के मंडप म जाने से मं का असर यादा होगा।
उ ह ने कोई जवाब नह दया। उनका हाथ मेरे पायजामे के नाई क ओर बढ़ ही रहा था क मने तय कया
मुझे ख़द ही शम-हया छोड़कर यह काम करना होगा। मने सफ़े द अंडरिवयर पहनी थी, िजस पर कई िमक -माउस
उछलकू द मचा रहे थे।
‘ये तुमने या पहन रखा है?'
मने छह िड ी थी द अंडरिवयस का पूरा पैक खरीदा था। मने सोचा था क अब चूं क अन या से मेरी शादी
होने जा रही है और उसे काटू न कै रे टस ब त अ छे लगते थे, इसिलए शायद वह इसे पसंद करे गी। ज़ािहर है, म
अपने ज द ही होने वाले ससुरजी को अंडरिवयर पहनने का यह कारण नह बता सकता था।
‘मुझे या पता था क शादी म मेरी अंडरिवयर का भी िड ले होगा? ‘मने कहा। अन या के िपता के चेहरे पर
चंता क लक र थ ।
‘ य या आ? ‘मने पूछा।
‘तु ह यह वे ठी पहनी होगी, ‘अन या के िपता ने कहा और मुझे एक साफ म रं ग क लुंगी दी। वह ‘राम
तेरी गंगा मैली ‘म मंदा कनी ारा झरने के नीचे नहाने वाले सीन म पहने गए कपड़ क तरह थी।
‘मुझे यह पहनना होगा? कै से? ‘मने लुंगी को उठाकर देखा। सुबह क करण उसम से छनकर आ रही थ ।
‘चलो, म तु ह दखाता ं ‘अन या के िपता ने कहा और मेरी हैरत का तब कोई ठकाना नह रहा, जब उ ह ने
मेरी अंडरिवयर म अपना आधा हाथ घुसा दया। म सोचने लगा क या कोई दू हा अपने ससुर पर यौन उ पीड़न
का मुकदमा दायर कर सकता है?
‘ लीज़, पहले म कोिशश करता ं ‘मने कहा। यक़ नन, नवसनेस के कारण म फोकस नह कर पा रहा था।
वे ठी बार-बार फसल जा रही थी और िमक माउस अंडरिवयर पहनकर खड़ा म आसा आ जा रहा था।
‘लाओ म कर देता ं के वल एक िमनट लगेगा अन या के िपता ने उदारता दखाते ए कहा, ठीक वैसी ही
उदारता जो डॉ टर कसी ब े को इं जे यान लगाने से पहले दखाता है।
मने अपनी आख बंद कर ल । अपने यार को हािसल करने के िलए यह आिखरी अपमान मुझे सहना ही पड़ेगा,
मने सोचा। बस चंद घंटे और, उसके बाद यह सब ख़ म हो जाएगा। वे ठी को फट बैठाने के िलए एक बार अंकल के
हाथ उस जगह तक भी जा प च ं े, जहां उ ह नह प च ं ना था। कु छ लोग कहते ह क यह रसम इसिलए रखी गई है
ता क यह पता लगाया जा सके क दू हे के साजो-सामान सही-सलामत ह या नह । अगर वाक़ई ऐसा है तो अंकल ने
इस र म को ब त सफाई-से अंजाम दया था।
‘हो गया? ‘जब अंकल ने मेरी लुंगी क आिखरी चु ट भी ठीक कर द , तब मने पूछा। मने अपने आपको आइने
म देखा। दुिनया से मेरी पहली टॉपलेस मुलाकात चंद ल ह म होने जा रही थी। मेरी पारदश वे ठी म से िमक
माउस िखलिखलाते ए झांक रहे थे। कोई द त नह , बस कु छ देर क ही तो बात है मने ख़द से कहा।
‘देखो, अब तु हारी शादी क सभी त वीर म िमक माउस भी आ जाएंगे, ‘अंकल ने कं फम करते ए कहा क
अपमान के ये ल हे महज़ कु छ देर ही नह रहगे, ये िज़ दगीभर मेरा पीछा करते रहगे।
‘तुम अंडरिवयर बदलना चाहोगे? तुम मेरी पहन सकते हो। हम अदला-बदली कर?’ उ ह ने कहा।
मने उनक ओर देखा। म सोच रहा था क उ ह ने अभी-अभी जो कहा था, या वाक़ई वह उ ह ने ही कहा था।
‘चिलए, चलते ह। मेरी शादी का मु त िनकला जा रहा है। ‘हम बाहर आए और मुझे देखते ही मेरे किज स बु ा
फाड़कर हँस पड़े। ‘िमक माउस, ‘मेरी पाँच साल क किज़न िच ला पड़ी। िनि त ही, अब कोई भी िमक माउस को
नज़रअंदाज़ नह कर सकता था।
अन या नौ गज लंबी गहरे लाल रं ग वाली एक रे शमी साड़ी म बैठी थी। उसने हीरे और सोने का कं ठहार पहन
रखा था। उसे देखकर लग रहा था, मानो वह कोई अ सरा हो, जो मेरी प च ं से ब त दूर नह है।
‘इस तरह क अंडरिवयर पहनने क भला या ज़ रत थी? ‘उसने मेरे कान म फु सफु साते ए कहा।
‘मने यह तु हारे िलए ली थी... मेरा मतलब है हम दोन के िलए, ‘मने कहा।
‘ए स यूज़ मी? ‘उसने कहा। पुरोिहत ने हम इस तरह मंडप म बितयाने के िलए िझड़क दया और अपनी
ाथना पर यान क त करने को कहा। कसी ने मेरी आँख पर काफ बौध दया, ता क म अगले दस िमनट तक
कु छ न देख पाऊं। शायद यह शादी के दौरान दु हन से बितयाने क सजा थी, ले कन मुझे कसी ने नह बताया क
ऐसा य कया गया। मेरी आँख से काफ हटा िलए जाने के बाद भी ाथनाएं जारी रह ।
‘ठीक है अब आप काशी या ा के िलए जाइए, ‘एक घंटे बाद पुरोिहत ने कहा। उसने मुझे एक छाता और गीता
क एक ित दी।
‘इसका मतलब? ‘मने कहा।
अन या के िपता ने मुझे समझाया। मुझे खड़े होकर यह कहना था क मेरी शादी म कोई िच नह है और म
साधु बनने के िलए काशी या वाराणसी जा रहा ।ं पता नह मुझे छाता य दया गया था, ले कन मुझे उसे खोलकर
अपने िसर पर तान देना था। इसके बाद अन या के िपता को मेरे पास आकर मुझे राजी करना था क म साधु बनने के
बजाय उनक बेटी से याह कर लूं।
मने तय कया क म इस र म को ब त अ छे-से िनभाऊंगा, य क वे ठी पहनने वाली र म क तो म पहले
ही बारह बजा चुका था। म खड़ा हो गया, अन या के पैरट् स क ओर मुंह बनाकर देखा और हॉल से बाहर चला गया।
अन या के िपता मेरे पीछे आए ले कन म तेज़ हदम से चलता आ उनसे दूर चला गया। म हॉल के बाहर मेन रोड
पर आ चुका था। एक ऑटो वाले ने मुझे देखा और मेरे पास चला आया।
‘ हेयर, हेयर? ‘उसने पूछा, उसका इं िजन अब भी फ़ ट िगयर म गड़गड़ा रहा था।
‘काशी? ‘मने कहा।
‘काशी कहां है?’ उसने पूछा।
‘वाराणसी, यूपी म मने कहा।
‘स ल टेशन? स र पया लगेगा, सर, ‘उसने कहा।
मने िसर घुमाया और अन या के िपता को मुझसे बीस मीटर के फासले पर देखा। चूं क हम िज़ दगी म के वल
एक बार ही शादी करते ह इसिलए म तय कर चुका था क काशी या ा क र म को सबसे बेहतरीन तरीक़े से
िनभाऊंगा।
म ऑटो म बैठ गया। ऑटो तेज़ गित से चल पड़ा।
‘हे अन या के िपता फु ल वॉ यूम म िच लाए।
‘वे कौन ह?’ ऑटो ड़ाइवर ने पूछा।
‘कोई नह , ‘मने कहा ‘अब क जाओ। '
म ऑटो से बाहर िनकला। अन या के िपता दौड़ते ए मेरे पास आए।
‘ये तुम या कर रहे हो? ‘उ ह ने हांफते ए पूछा।
‘काशी जा रहा ं ‘मने कहा और मु करा दया, ‘आपने मुझे यह तो बताया ही नह क मुझे कना कब है। '
उ ह ने मेरी बौह जोर से भ च ली। ‘अंदर चलो उ ह ने मुझे भीतर मंडपन् क ओर ख चते ए कहा।
‘अरे , आप मुझे अपनी बेटी से याह करने के िलए राजी नह करगे? ‘मने कहा।

इसके बाद हमारी शादी म कु छ और तिमल रह. । हमने मालाई मा ाल कया, िजसम पंजाबी जयमाला क ही
तरह वर-वधू एक-दूसरे से फू लमालाएं बदलते ह। इस र म के दौरान अन या के नाते- र तेदार ने उसे ऊपर उठा
िलया था और वह मेरी प च ं से बाहर हो गई थी। मेरे नाते- र तेदार ने इसे एक चुनौती माना और मुझे उससे भी
ऊपर उठा दया। र ी मामा को यह समझने म थोड़ा समय लगा क यह सब महज़ खेल है और वे अन या के एक
अंकल से तक़रीबन झगडू ही पड़े। इसके बाद ऊंजल क र म ई िजसम म और अन या एक झूले म बैठे और उसके
संबंिधय ने हम दूध म डू बे के ले के छोटे-छोटे टु कड़े िखलाए। आिखरकार हम फर अि वेदी के पास जा बैठे और
उसके संबंिधय ने हम दूध म डू बे के ले के छोटे-छोटे टु कड़े िखलाए। आिखरकार हम फर अि वेदी के पास जा बैठे।
क यादान क अंितम र म के िलए अन या अपने िपता क गोदी म बैठी थी।
‘ही, ‘मने ख़द से कहा ‘मने अपनी मंिजल को तक़रीबन पा िलया है। '
अन या और मने ह दी के लेप म डू बे ना रयल को थाम रखा था। अन या क मा ने उस पर जल डाल दया।
अन या अपने आसु को नह रोक पाई। मने उसके गले म सोने का मंगलसू बौधा, िजसम एक आयताकार पडट
था। इस पडट को मांग यधारणम् क ताली कहा गया था।
पुरोिहत ने हम स पदी के िलए उठ खड़े होने को कहा। अन या और मुझे सात पिव क़दम साथ चलने थे।
अन या क साड़ी और मेरी वे ठी के छोर क गौठ बौध दी गई। और हम एक-दूसरे का हाथ थामने को कहा गया।
मने कई महीन बाद अन या के पश को महसूस कया था।
‘तुम ठीक तो हो ना? ‘मने अन या से कहा। वह िसस कयौ भर रही थी।
‘तुम लड़क नह हो, तुम नह समझोगे, ‘अन या ने कहा और इसी के साथ पूरी ज़ंदगी चलने वाले ‘तुम नह
समझोगे ‘क शु आत ई िजसे िववािहत पु ष को हर रोज सहन करना पड़ता है।
मने अन या के पैर के नीचे अपने पैर जमा दए और अि वेदी के इद-िगद सात क़दम चलने म उसक मदद
क । म उसके पंज पर चौदी क अं इठयौ डालता जा रहा था।
जैसे ही सात कदम पूरे ए, सभी ने तािलयां बजा ।
‘ या आ?’ मने पूछा।
‘शादी क र म पूरी हो ग । अब कमरे म जाकर सभी से आशीवाद लो, ‘मु य पुरोिहत ने कहा।
मने िम टर वामी और उनक प ी क ओर देखा। अब वे अन या के माता-िपता नह , मेरे सांस-ससुर थे। मने
कर दखाया था। दो टेट एक हो गए थे।
‘दो नम कारन् पुरोिहत ने हम िनदश देते ए कहा। अन या और मने सभी बुज़ग संबंिधय के सामने सा ौग
लेटकर उनके आशीवाद िलए। यह दुिनया क एकमा ऐसी शादी क र म थी, िजसम कसरत भी करनी पड़ती थी।
‘मेरा आशीवाद हमेशा तु हारे साथ है, ‘अन या के िपता ने हम सा ौग णाम करने से रोकते ए कहा।
‘भगवान तु हारा भला करे , ‘िश ा मासी ने मेरे चरण पश के उ र म कहा, ‘ले कन अब मुझे न द आ रही है,
हम होटल चलना चािहए। '
63
‘वे कु छ कहना चाहते ह?’ मने कहा। अन या और म हमारे रसेशन म शाही कु सय पर बैठे थे। कम से कम यह
काय म मेरे नाते- र तेदार को जाना-पहचाना लग रहा था, य क उ ह खुले बगीचे म फू ड टॉ स नज़र आ रहे
थे। हम म ास बोट लब म थे। पेड़ से रं गीन बि यौ िलपटी ई थ । धुए-ं -से भरे मंडपन् के बाद झील के कनारे
इस लब म हम राहत महसूस हो रही थी।
‘ही, वे पॉवरपॉइं ट करना चाहते थे, ले कन मने उसे रोका। वे तु ह अपनी पीच दखाने के िलए होटल भी
आए थे। '
‘कब? ‘मने कहा, ‘म वह पर तो था। '
‘थे तो, ले कन दन भर सो रहे थे, ‘अन या ने कहा, ‘वह के वल तु हारे खराटे ही सुन पाए। '
‘तुम नह सो मने पूछा।
‘सवाल ही नह उठता हमारे यहां इतने सारे मेहमान बाहर से आए थे। म िपछली दो रात से सोई नह ।ं '
‘इसके बावजूद तुम इतनी ख़ूबसूरत कै से लग रही थ ? ‘मने कहा।
वह शरमा गई। उसक शरमाहट उसके कपड़ के रं ग से मेल खा रही थी। उसने इस शाम के िलए गुलाबी
लहंगा पहन रखा था, िजस पर सोने-चौदी का खासा काम था। यह न के वल मेरे नाते- र तेदार बि क अन या क
अपनी आ टय को भी हैरान कर देने वाली बात थी। बहरहाल, अब ब त देरी हो चुक थी। अन या क शादी हो
चुक थी। मेरे साथ। उस दूध के घुले हरीश क ऐसी-तैसी, मने सोचा और फर म ख़द को कोसने लगा क आिखर म
इस दन उसके बारे म य सोच रहा ।ं
‘कॉ यूलेशंस, ‘कोई अप रिचत ि टेज पर हमसे िमलने आया और हम कै मरे के सामने सौव बार
मु कराए।
िडनर नॉथ इं िडयन था, ले कन जायका दमदार नह था।
‘इन लोग ने गोभी-आलू को ना रयल तेल म पकाया है मंटी ने िशकायत भरे वर म कहा।
‘कल हम सब जा रहे ह मने कहा, ‘तु ह ज द ही अपने पराठे फर िमलने वाले ह। अब मुंह मत बनाओ और
आइ क म खाओ। '
‘हम के क कब काटगे? ‘मेरे छोटे किज स म से एक ने गाडन के बीचो-बच रखे ए एक के क क ओर इशारा
करते ए कहा, िजसे िबना अंड के बनाया गया था। के क के पास एक छोटा-सा चबूतरा था, िजसके इद-िगद कु सय
लगी ई थ । एक वेटर ने हड-बेल बजाकर पीच और के क-क टंग सेरेमनी क घोषणा क । सभी लोग पास आए और
कु सय पर बैठ गए। तिमल और पंजाबी एक-दूसरे क ओर देख रहे थे। लोग मेरी शादी अटड करने नह आए थे, वे
दूसरी क मुिनटी के लाइव कू इज्यम को देखने आए थे।
‘ले कन डीजे कब शु होगा? ‘मेरी एक किज़न ने पूछा।
‘धीरज रखो मने कहा।
अन या और म के क के पास खड़े हो गए। अन या ने पहले बोलने के िलए माइक िलया। ‘यहां आने के िलए
सभी को शु या। म आप सभी क शु गुजार ं क आप हमारी खुिशय म शरीक ए। ही, हमारी शादी ज़रा हटके है
और हम इस मकाम तक प च ं ने म खासा व त लगा। इस वजह से यह शादी हमारे िलए और भी पेशल हो गई।
अब म चा ग ं ी क मेरे यारे पापा आपसे कु छ श द कह। '
अन या ने तािलयां बजाकर अपने िपता का वागत कया। और लोग ने भी उनका अिभवादन कया।
मेरे पापा और मा साथ बैठे थे और उनके चेहरे पर मु कराहट िखली ई थी। कम से कम आज क रात तो
उ ह ने एक-दूसरे के साथ होने का फै सला कया।
‘हैलो एवरीवन, ‘अन या के िपता ने कहा। ‘म चा ग ं ा क लड़के वाल क ओर से भी कोई आए और कु छ कहे।
'
उ ह ने पापा क ओर देखा। पापा ने हाथ जोड़कर ना कह दया।
‘म बोलूंगा र ी मामा ने कहा और अपना हाथ उठा दया। ज़ािहर है, वे बोट लब बार से होकर आए थे।
‘वेलकम, एवरीवन, ‘अन या के िपता ने शु आत करते ए कहा। ‘मुझे भाषण देना कभी अ छा नह लगा,
ले कन िपछले साल अपने दामाद क मदद से मुझम सावजिनक प से बोलने का आ मिव ास आ गया है। '
सभी क नज़र मेरी ओर घूम ग । ठीक है, ऑ फस जटेशन देना एक बात है और अपने समुदाय के लोग के
सामने मन क बात कह डालना दूसरी बात है। मने मन ही मन यह उ मीद क क अन या के िपता को यह पता हो
क वे या कर रहे ह।
‘म जानता ं क पाट म आप सभी लोग एक ही िवषय के बारे म सबसे यादा बात कर रहे ह गे: आिखर
वामी अपनी बेटी क शादी नॉथ इं िडयन लड़के से य कर रहा है? म जानता ं य क अगर हम आपक जगह
होते तो हम भी यही बात कर रहे होते। '
सभी लोग खी-खी कर हँस पड़े।
‘इन फक, जब अन या ने हम सबसे पहले श के बारे म बताया, तो हम लोग ब त अपसेट थे। जैसा क सभी
तिमल जानते ह हम अपनी सं कृ ित पर ब त गव है। हम यह भी सोचते थे क हमारी िब टया लाख म एक है।
उसका िववाह हमारी क मुिनटी के सबसे अ छे लड़के से होगा। फर उसने एक पंजाबी लड़के को य ?' चुना
पाट म कौजीवरम साड़ी पहने हर मिहला ने िसर िहलाया। ले कन पंजािबय म कोई हलचल नह ई।
‘हमने अन या का मन बदलने क हरसंभव कोिशश क । हमने श के साथ भी ब त अ छा बताव नह
कया, जब क वह हमारे िलए ही चे ई आया था। हमने अन या को तिमल लड़के भी दखाए। ले कन आजकल के
ब को तो आप जानते ही ह वे अपने मन क ही करके रहते ह। '
इस बार सभी ने समझदार क तरह िसर िहलाया।
‘ फर आिखर पैरट् स को ऐतराज़ य लेना चािहए? ‘उ ह ने कहा और अपने च मे को ठीक कया। ‘सवाल
के वल दूसरी क मुिनटी का ही नह है बात यह भी है क हमारी बेटी ने अपने िलए एक जीवनसाथी का चयन कया
है। पैरट् स होने के तौर पर हम इससे िनराश ए थे। हम लगा क जैसे हम दर कनार कर दया गया हो। हम अपने
ब को पाल-पोसकर बड़ा करते ह फर वे इस तरह हम नज़रअंदाज़ कै से कर सकते ह? हमारी सारी झ लाहट गु से
के प म बाहर िनकलती है। हम ेम िववाह से कतनी नफ़रत करते ह, है ना? '
अन या क आ टया मु करा द ।
‘ले कन हम यह भूल जाते ह क ऐसा इसिलए आ है, य क आपका ब ा दुिनया म कसी को यार करना
चाहता है। या यह वा तव म इतनी बुरी बात है? आिखर ब े यार करना कनसे सीखते ह? हम से ना? आिखर, वे
िज़ दगी म सबसे पहले अपने माता-िपता को ही तो यार करते ह। '
अन या ने मेरी बौह को कसकर थाम िलया। लोग यान लगाकर सुन रहे थे।
‘वा तव म बात बड़ी सरल है। जब आपका ब ा कसी नए इं सान से यार करता है तो आप या तो इसे कसी
से नफ़रत करने का एक और मौक़ा मान सकते ह। उस इं सान से, िजसे आपके ब े ने चुना है और उसके प रवार से।
हमने भी कु छ समय तक यही कया। ले कन आप इसे कु छ और लोग को यार करने का एक अवसर भी मान सकते
ह। और, यादा से यादा लोग को यार करने म भला कौन-सी बुराई है? '
वे एक िगलास पानी पीने के िलए के और फर बोलने लगे। ‘ही, मेरे भीतर का तिमल ज़ र ज़रा िनराश है
ले कन मेरे भीतर का भारतीय ब त खुश है। और इससे भी बढ्कर बात यह क मेरे भीतर का इं सान तो सबसे
यादा खुश है। आिखर हमने इस मौके का इ तेमाल ऐसे लोग को हमसे जोड़ने के िलए कया है िजनसे हम यार कर
सक। '
उ ह ने माइक झुका िलया। अन या ने उ ह कसकर गले लगा िलया। तािलया गूंज उठ । अन या और मने
तािलय क गड़गड़ाहट के बीच के क काटा। हमने एक-दूसरे को और अपने-अपने प रवार वाल को के क िखलाया।
कै मरामैन ने दोन प रवार को एक मुप फ़ोटो के िलए एकजुट कया।
‘अन या, देखो हम दोन के पैरट् स मु करा रहे ह मने कहा।
र ी मामा उठ खड़े ए और पीच देने के िलए माइक संभाल िलया।
‘ मंटी के डैडी को रोको, वे छह शो लगा चुके है कमला औटी ने कहा।
ले कन तब तक र ी मामा क पीच शु हो चुक थी। उ ह ने अपना हाथ उठाते ए कहा, ‘लेडीज एंड
जटलमैन। '
म उनके पास गया।
‘र ी मामा, बस क िजए। आपके जैसा कू ल इं सान बो रं ग पीच नह दे सकता, ‘मने उनके कान म
फु सफु साते ए कहा।
‘ रयली? या हम उ ह जवाब नह देना चािहए?’ उ ह ने कहा।
‘यह कोई कांपी टशन तो है नह , ‘मने कहा।
ले कन उ ह ने बोलना शु कर दया, ‘लेडीज एंड जटलमेन ऑफ़ तिमल नाडु , थक यू -बेरी मच, अब म
आपको डीजे पर कु छ पंजाबी टाइल डा संग के िलए इनवाइट करता ।ं '
मेरे किज स झट से उठे और दौड़कर डांस लोर पर जा प च ं े।
सॉना कले शान हंदी और तिमल फ मी संगीत का िम ण था। उनके पास पंजाबी तुड़क क भी एक सीडी
थी, िजसे र ी मामा ने लूप म बजाने क िहदायत दी थी। डांस लोर पर मेरे प रवार के लोग का बोलबाला था,
ले कन अन या ने अपनी आ टय और अंकल से कहा क वे भी वहां जाकर नाच म शािमल ह । मेरे याल से अब वे
लोग भी मेरा प रवार ही थे।
र ी मामा मेरे नए प रवार के सद य को इं ेस करने के िलए एक मुि कल भांगड़ा-के क डांस मृज्न टेप
करने के च र म िगरते-िगरते बचे। मेरे किज स ने मुझे और अन या को एक लॉज़ डांस के िलए धके ल दया। मने
अन या को बौह म थाम िलया। हम डांस लोर पर प च ं े।
‘अन या, ‘मने उसके कान म फु सफु साते ए कहा।
‘ या? ‘उसने धीमे-से पूछा।
‘म तु ह यार करता ं और तु हारे िपता, तु हारी मां, तु हारे भाई और तु हारे सभी सगे-संबंिधय को भी,
‘मने कहा।
‘और म भी तु ह और तु हारे सभी नाते- र तेदार को यार करती ं ‘उसने कहा। हमने एक-दूसरे को चूम
िलया। तिमल और पंजाबी हमारे इद-िगद नाच रहे थे।
‘तो, हमने जो ल मण रे खा ख ची थी, आज हमने उसे भी पार कर िलया है। तुमने कहा था ना क हम यह
तभी करगे, जब तक क हम अपनी मंिजल को न पा ल मने कहा।
तुम पु ष लोग या हमेशा इसी बारे म सोचते रहते हो? ‘उसने कहा।

Downloaded from Ebookz.in


उपसंहार
कु छ साल बाद

‘ या मेरा यहां होना ठीक है? ‘मैने िडलीवरी म म लेटी अन या से पूछा। बीच मे खंचा आ एक परदा उसके
शरीर के ऊपरी और िनचले िह से को अलग कर रहा था। डॉ टर ने उसे हाफ-बॉडी एने थे टक दया था, िजसक
वजह से वह सी-से यान के दौरान भी जागी ई रह सकती थी। परदे के दूसरी तरफ़ पेशिल ट क एक टीम उसके
पेट को काट रही थी।
‘उनके पास चाकू है ‘मैने डॉ टर क ओर झांकते ए कहा। मेरा िसर चकरा रहा था।
‘मुझे हैरान मत कर, कसी और चीज़ के बारे म बात कर, ‘उसने कहा। ‘ कताब का काम कै सा चल रहा है? '
‘बेल, कल पांचव पि लशर ने भी रजे ट कर दया, ‘मैने कहा और परदे के उस तरफ़ झांकने के िलए फर उठ
खड़ा आ। ‘एट ला ट, अब म छठे पि लशर के पास तो जा सकता .ं .. वॉ देयर इज़ लड। '
‘य द तुम यह सब देखना बदा त नह कर सकते तो बैठ जाओ, और इतना डरो मत। एिपड् यूरल के कारण
मुझे कोई तकलीफ़ नह हो रही है ‘उसने कहा। डॉ टर ने िबना जनरल एने थेिसया के सीजे रयन क िसफा रश क
थी।
‘काश तुम देख पाती, ‘मैने कहा, ‘विव मुझे एक लेग दखाई रही है। यह तो एिलयन 3 क तरह है। '
‘शट अप, ‘उसने कहा।
‘हे ये तो लड़का है ‘मैने कहा।
‘ या वह मेरे जैसा दखता है? '
‘? त? नह अँ अभी तक उसका चेहरा नह देखा है। मैने तो के वल वही चीज़ देखी है। तुम जानती हो या। '
डॉ टर ने पूरे ब े को बाहर िनकाला।
‘थैक यू डॉ टर थैक यू सो मच, ‘मैने भावना म बहते ए कहा और उनसे हाथ िमलाने के िलए आगे बढ़ा।
‘अभी को, ‘डॉ टर ने कहा। उनका मुह मा क के पीछे छु पा आ था।
‘ या आ? ‘अन या ने पूछा।
‘पता नह , ‘मैने कहा। ‘ओह वेट एक और लेगा विव, एक और लड़का। '
‘जुड़वां? ‘उसने कहा। उसे यक़ न ही नह हो रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे वह अभी राश खा जाएगी।
‘ये ‘डॉ टर ने कहा, ‘कॉ ते ूलेशंस। '
नस ने दोन ब को धो-पोछकर मेरे हवाले कर दया।
‘ऐहितयात से ‘उसने कहा। मैने दोन ब को अपनी दोन बांह म थाम िलया।
‘आप दोन दो अलग-अलग टेट्स से है ना? तो फर, ये ब े कस टेट से हां?? ‘नस ने कहा और मुह दबाकर
हँस पड़ी
‘वे एक ही टेट से होगे, िजसका नाम है भारत, ‘मैने कहा।

Downloaded from Ebookz.in


िवशेष सूच ी
अंक 1 : अहमदाबाद
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
अंक 2: द ली
12
13
14
अंक 3: चे ई
15
16
17
18
19
20
21
22
23
24
25
26
27
28
29
30
31
32
33
34
35
36
37
38
39
40
41
अंक 4: द ली एक बार फर
42
43
44
45
46
47
48
49
50
अंक 5 : गोवा
51
52
53
अंितम अंक: द ली और चे ई और द ली और चे ई
54
55
56
57
58
59
60
61
62
63
Downloaded from Ebookz.in

You might also like