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ALAGAR PUBLIC SCHOOL

SOLUTIONS FOR THE IN-TEXT QUESTIONS


CLASS VII

मिठाईवाला

अति लघु - उत्तरीय प्रश्न

Question-1

खिलौनेवाला गमलयों िें घूििे क्या कहिा ?

Ans.

Question-2

Ans.

Question-3

Ans.
Question-4

Ans.

Question-5

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Question-1

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Question-2

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Question-3

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Question-4

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Question-5

Ans.

Question 6:

मिठाईवाला अलग-अलग चीज़ें क्यों बे च ता था और वह िहीनों बाद क्यों आता था?


Answer:

बच्चे एक चीज से ऊब न जाएँ इसमलए मिठाईवाला अलग – अलग चीज़ें बे च ता था। बच्चों ि़ें उत्सु क ता बनाए रखने के मलए वह िहीनों, बाद आता था। साथ ही
चीज़ें न मिलने से बच्चे रोएँ , ऐसा मिठाई वाला नहीीं चाहता था।

Question 7:

खखलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रततक्रिया होती थी ?


Answer:

खखलौने वाले के आने पर बच्चे खखलौने दे ख कर पु ल क्रकत हो उठते थे । बच्चों का झुीं ड खखलौने वाले को चारों तरफ़ से घे र ले ता था। वे पै से ले कर खखलौने का िोलभाव
करने लगते थे । खखलौने पाकर बच्चे खु शी से उछलने – कू दने लगते थे ।
Question 8:

रोहहणी को िु र लीवाले के स्वर से खखलौने वाले का स्िरण क्यों हो आया ?


Answer:

िु र लीवाला भी खखलौने वाले की तरह ही गा-गाकर खखलौने बे च रहा था। रोहहणी को खखलौने वाले का स्वर जाना पहचाना लगा इसमलए उसे खखलौनेवाले का स्िरण हो
आया।

Question-1
Ans.

Question 2:

मिठाईवाले ि़ें वे कौन से गु ण थे जजनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खखींचे चले आते थे ?

Answer:

तनम्नमलखखत कारणों से बच्चे तथा बड़े मिठाईवाले की ओर खखींचे चले आते थे -

(i) मिठाई वाला िादक – िधुर ढीं ग से गाकर अपनी चीजों को बे चता था।

(ii) वह कि लाभ ि़ें बच्चों को खखलौने तथा मिठाइयाँ दे ता था।

(iii) उसके हृदय ि़ें बच्चों के मलए स्ने ह था, वह कभी गु स्सा नहीीं करता था।

(iv) हर बार नई चीज़ें लाता था।

Question 3:

ववजय बाबू एक ग्राहक थे और िु र लीवाला एक वविेता। दोनों अपने -अपने पक्ष के सिथथन ि़ें क्या तकथ पेश करते हैं ?
Answer:

एक ग्राहक के रूप ि़ें ववजय बाबू अपना तकथ पेश करते हु ए कहते है क्रक तु ि लोगों को झुठ बोलने की आदत होती है । सबको एक ही भाव से सािान बे चते
हो ग्राहक को अधधक दाि बताकर उलटा ग्राहक पर ही एहसान का बोझ लाद दे ते हो।
एक वविेता के रूप ि़ें िु र लीवाला अपना तकथ पे श करता हु आ कहता है – आपको चीजों की असली लागत का अींदाजा नहीीं है इसमलए दक ु ानदार चाहे हातन
उठाकर ही चीज़ें क्यों न बे चे पर ग्राहक को हिे शा यही लगता है क्रक हि उन्ह़ें लू ट रहे हैं । ग्राहक को द क
ु ानदार पर ववश्वास नहीीं होता है । िु र लीवाला कहता
है क्रक असली दाि – दो पैसा ही है , िैंने पू री एक हजार बनवाई थी।

Question 4:

क्रकसकी बात सुन कर मिठाईवाला भावु क हो गया था ? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया ?

Answer:

रोहहणी की बात सु न कर मिठाईवाला भावु क हो गया। इस तरह के जीवन ि़ें उसे अपने बच्चों की झलक मिल जाती है । उसे ऐसा लगता है क्रक उसके बच्चे
इन्हीीं ि़ें कहीीं हँ स – खे ल रहे हैं । यहद वो ऐसा नहीीं करता तो उनकी याद ि़ें घु ल -घु ल कर िर जाता, क्योंक्रक उसके बच्चे अब जजींदा नहीीं थे । इसी कारण उसने
इस व्यवसाय को अपनाया।

Question 5:

‘अब इस बार ये पै से न लँ ूगा’-कहानी के अींत ि़ें मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?

Answer:

कहानी के अींत ि़ें रोहहणी द्वारा मिठाई के पै से मिठाईवाले ने ले ने से िना कर हदया क्योंक्रक चुन्नू और िु न्नू को दे खकर उसे अपने बच्चों का स्िरण हो
आया। उसे ऐसा लगा िानो वो अपने बच्चों को ही मिठाई दे रहा है ।

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