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पाठ - 3

दीवानों की हस्ती

प्रश्न - उत्तर

प्रश्न - 1 कवव ने अपने आने को 'उल्लास 'और जाने को 'आँसू' बनकर

बह जाना क्यों कहा है?

उत्तर- कवव एक स्वतंत्र ववचारों वाला खश


ु मिजाज व्यक्क्त है। वह जहाँ भी जाते हैं सभी को खमु शयाँ प्रदान करते
हैं,परं तु जब वह सभी से दरू होने लगते हैं तो लोग ननराश होकर आँसू बहाने लगते हैं।

प्रश्न - 2 मभखिंगों की दनु नया िें बेरोक प्यार लट


ु ाने वाला कवव ऐसा क्यों कहता है कक वह अपने हृदय पर
असफलता का एक ननशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह ननराश है या प्रसन्न है?

उत्तर- कवव के ददल पर यह बोझ है कक वह संसार िें स्वतंत्र रूप से प्यार लट


ु ाने के बाद भी यहाँ के लोगों की
िानमसकता नहीं बदल पाया। वह भौनतक सुववधाओं को एकत्र करने िें असफल रहा, लेककन सुख-दख
ु को सिान
सिझकर आगे बड़ा इसमलए वह ननराश नहीं है।

प्रश्न - 3 कववता िें ऐसी कौन सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?

उत्तर- कवव का जीवन के प्रनत सकारात्िक दृक्टटकोण अच्छा लगा। क्योंकक ऐसी बातों से हिें जीवन िें हर
कदठनाई का सािना करते हुए ननरं तर आगे बढ़ने की सीख मिलती है।

अनतररक्त प्रश्न

1* दीवानों का लोगों से कैसा संबंध होता है?

उत्तर - दीवानों का लोगों से सिानता का सम्बंध होता है। वे सभी को सिान रुप से दे खते हैं।

2* कववता िें कैसी भाषा का प्रयोग ककया गया है?

उत्तर - कववता िें खड़ी बोली का प्रयोग ककया गया है।

3 * कववता का मशल्प सौन्दयय मलखखए।

उत्तर- खड़ी बोली

सरल दहन्दी

तत्सि शब्दों का प्रयोग

उपिा अलंकार

प्रश्न वाचक शैली


िूल्यपरक प्रश्न

1- सािाक्जक एकता बनाने हेतु आप क्या प्रयास करें गे?

कियाकलाप

सैननक की वेशभष
ू ा धारण कर पाठ से सम्बंधधत िंचीय सािग्री का प्रयोग करते हुए( काव्यपाठ) प्रस्तनु त।

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