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कक्षा : नवीं

प्रथम सत्र परीक्षा (2021-22)


विषय : हिंदी
विषय कोड : (085)
समय : 90 मिनट                                   पूर्णांक : 40
सामान्य निर्देश :
1. प्रश्न पत्र में तीन खंड है । खंड 'क', 'ख' और 'ग'|        
2. खंड 'क' में कुल 2 प्रश्न पूछे गए हैं। दोनों प्रश्नों के कुल 20 उपप्रश्न दिए गए हैं।दिए गए
निर्देशों का पालन करते हुए कुल 10 उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए | 
3. खंड 'ख' में व्यावहारिक व्याकरण से संबंधित 16 प्रश्न हैं तथा निर्देशानुसार सभी 16 प्रश्नों के
उत्तर दीजिए।        
4. खंड 'ग' में पाठ्य पुस्तक से संबंधित कुल 3 प्रश्न हैं तथा 14 उपप्रश्न सम्मिलित हैं। सभी
उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।

खंड 'क' अपठित गद्यांश (10 अंक)


प्रश्र -1 नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं, जिनमें से किसी एक गद्यांश को ध्यानपर्व
ू क पढ़कर पछ
ू े गए
प्रश्नों के उत्तर विकल्पों से चनि
ु ए -
संस्कृत में एक कहावत है कि दर्ज
ु न दस
ू रों के राई के समान मामूली दोषों को पहाड़ के समान बड़ा
बनाकर दे खता है और अपने पहाड़ के समान बड़े पापों को दे खते हुए भी नहीं दे खता। सज्जन या
महात्मा ठीक इससे विपरीत होते हैं। उनका ध्यान दस
ू रों की बजाए केवल अपने दोषों पर जाता है ।
अधिकांश व्यक्तियों में कोई न कोई बरु ाई अवश्य होती है । कोई भी बरु ाई न होने पर व्यक्ति दे वता
की कोटि में आ जाता है । मनुष्य को अपनी बुराइयों को दरू करने का प्रयत्न करना चाहिए, न कि
दस
ू रों की कमियों को लेकर छींटाकशी करने या टीका-टिप्पणी करने का। अपने मन की परख को
पवित्र करने का सबसे उत्तम साधन है - आत्मनिरीक्षण। यह आत्मा की उन्नति का सर्वश्रेष्ठ मार्ग
है । महात्मा कबीर ने कहा है कि “जब मैंने मन की पड़ताल की, तो मुझे अपने जैसा कोई बुरा न
मिला।“ महात्मा गाँधी ने कई बार स्पष्ट रूप से कहा था- “मैंने जीवन में हिमालय जैसी बड़ी भल
ू ें
की हैं।" अपनी भल
ू ों पर ध्यान दे ना या उन्हें स्वीकार करना आत्मबल का चिह्न है । जो लोग दस
ू रों
के सामने अपनी भल
ू नहीं मानते और न ही अपने को दोषी स्वीकार करते हैं , वे सबसे बड़े कायर
हैं। जिसका अंतःकरण शीशे के समान उजला है , उसे झट अपनी भूल महसूस हो जाती है । मन तो
दर्पण है । मन में पाप है , तो पाप दिखाई दे ता है । पवित्र आचरण वाले अपने मन को दे खते हैं, तो
उन्हें लगता है कि अभी इसमें कोई कमी रह गई है , इसलिए वे अपने मन को बरु ा कहते हैं। यही
उनकी नम्रता की साधना है ।

P-1
1. दस
ू रों के राई के समान दोषों को पहाड़ के समान कौन दे खता है ?

(क) सज्जन 

(ख) महात्मा 

(ग) दर्ज
ु न 

(घ) दे वता 

2. महात्माओं का ध्यान किसके दोषों की तरफ़ जाता है ?

(क) सभी लोगों के 

(ख) सारे संसार के 

(ग) केवल दस
ू रों के 

(घ) केवल अपने 

3. लेखक के अनस
ु ार, अपने मन की परख को पवित्र किया जा सकता है - 

(क) आत्मनिरीक्षण द्वारा 

(ख) आत्मबल द्वारा 

(ग) आत्मविस्मति
ृ द्वारा

(घ) आत्मसम्मान द्वारा

4. जिन्हें अपनी भूल तुरंत महसूस हो जाती है , उनका अंतःकरण होता है - 

(क) पत्थर के समान 

(ख) शीशे के समान 

(ग) हिमालय के समान 

(घ) दे वताओं के समान 

5) कोई भी बुराई न होने पर व्यक्ति किस कोटि में आ जाता है ? 

(क) सभ्यों की कोटि में   

(ख) दे वता की कोटि में  

(ग) महापुरुषों की कोटि में  

(घ) समझदारों की कोटि में  

अथवा

यह संतोष और गर्व की बात है कि दे श वैज्ञानिक और औद्योगिक क्षेत्र में आशातीत प्रगति कर 
P-2
रहा है । विश्व के समद्ध
ृ अर्थव्यवस्था वाले दे शों से टक्कर ले रहा है और उनसे आगे निकल 
जाना चाहता है , किन्तु इस प्रगति के उजले पहलू के साथ एक धुध
ँ ला पहलू भी है जिससे हम 
छुटकारा चाहते हैं। वह है नैतिकता का पहलू। यदि हमारे हृदय में सत्य, ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा
और मानवीय भावनाएँ नहीं है ; दे श के मान-सम्मान का ध्यान नहीं है ; तो सारी प्रगति निरर्थक
होगी। आज यह आम धारणा है कि बिना हथेली गर्म किए साधारण-सा काम भी नहीं हो सकता।
भ्रष्ट अधिकारियों और भ्रष्ट जनसेवकों में अपना घर भरने की होड़ लगी है । उन्हें न समाज की
चिंता है , न दे श की। समाचार-पत्रों में अब ये रोज़मर्रा की घटनाएँ हो गई हैं। लोग मान बैठे हैं कि
यही हमारा राष्ट्रीय चरित्र है , जबकि वह सच नहीं है । नैतिकता मरी नहीं है , पर प्रचार अनैतिकता
का हो रहा है । लोगों में यह धारणा घर करती जा रही है कि जब बड़े लोग ही ऐसा कर रहे हैं तो
हम क्या करें ? इसलिए समाज की उन्नति के लिए सबसे पहले तो इस सोच से मुक्ति पाना
जरूरी है , और उसके बाद यह दृढ़ संकल्प लेना है कि भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाएँगे, उन्हें
बेनकाब करें गे जो दे श के नैतिक चरित्र को बिगाड़ रहे हैं।

(6) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयक्


ु त शीर्षक होगा
(क) समाचार पत्र 
(ख) औद्योगिक क्षेत्र 
(ग) नैतिकता का पहलू
(घ) उपरोक्त कोई नहीं

(7) दे शवासियों के लिए गर्व की बात क्या है ?


(क) दे श वैज्ञानिक क्षेत्र में प्रगति कर रहा है ।
(ख) दे श औद्योगिक क्षेत्र में प्रगति कर रहा है ।
(ग) दे श समद्ध
ृ अर्थव्यवस्था वाले दे शों से टक्कर ले रहा है । 
(घ) उपरोक्त सभी

(8) नैतिक चरित्र से लेखक का क्या आशय है ?


(क) सद्भावना से
(ख) ईमानदारी से
(ग) कर्तव्यनिष्ठा से
(घ) सभी से 

(9) प्रगति के उजले पहलू के साथ कौन-सा एक धुध


ँ ला पहलू भी है ?

P-3
(क) नैतिकता कम हो रही है
(ख) कर्तव्यनिष्ठा है
(ग) ईमानदार लोग हैं
(घ) दे श में दे शभक्त हैं
(10) समाज अनैतिक पहलू से कैसे मक्ति
ु पा सकता है ?
(क) धनी बनकर
(ख) दृढ़ निश्चयी बनकर
(ग) ऊँचा सामाजिक पद पाकर
(घ) उपरोक्त सभी

प्रश्र -2 नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं, जिनमें से किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए
प्रश्नों के उत्तर विकल्पों से चुनिए -
वास्तव में , योग मनुष्य को अनेक बीमारियों से तो मुक्त रखता ही है , साथ ही उनमें बेहतर सोच
एवं सकारात्मक ऊर्जा भी पैदा करता है | आज की भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में विज्ञान की प्रगति के
कारण मानव-जीवन जिस तरह मशीनों पर निर्भर रहने लगा है , उसके लिए शारीरिक एवं मानसिक
तौर पर स्वस्थ रहना किसी चुनौती  से कम नहीं | मशीनों पर निर्भरता  एवं व्यस्तता के कारण
आज मानव-शरीर तनाव, थकान, बीमारी इत्यादि का घर बनता जा रहा है , उसने हर प्रकार की
सख
ु - सवि
ु धाएँ हासिल कर लीं, किन्तु उसके सामने शारीरिक एवं मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने
की चन
ु ौती पर्व
ू वत ही है । यद्यपि चिकित्सा एवं आयर्वि
ु ज्ञान के क्षेत्र में मानव ने अत्यधिक प्रगति
कर अनेक प्रकार की बीमारियों पर विजय प्राप्त कर ली है , लेकिन इससे उसे पर्याप्त मानसिक
शांति भी प्राप्त हो गई, ऐसा कहना पूर्णत: सही नहीं होगा, किन्तु भारतीय संस्कृति की एक प्राचीन
विद्या योग ने मानव को शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मन की शांति के संदर्भ में
रोशनी की एक ऐसी किरण प्रदान की है , जिससे न केवल तनाव, थकान, बीमारी एवं अन्य
समस्याओं का समाधान संभव है , बल्कि मानव मन को शांति प्रदान करने में भी उसकी भूमिका
अहम है और यह योग है ।
(11) योग मनुष्य को अनेक बीमारियों से मुक्त रखने के साथ-साथ और क्या करता है ?
(क) बेहतर सोच एवं सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है
(ख) मानसिक तौर पर अस्वस्थ रखता है
(ग) बीमारियों से ग्रसित करता है
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

(12) मानव जीवन मशीनों पर निर्भर क्यों रहने लगा है ?


(क) थकान के कारण

P-4
(ख) तनाव के कारण
(ग) विज्ञान की प्रगति के कारण
(घ) उपरोक्त सभी
(13) आज मनष्ु य के सामने कौन-सी चन
ु ौती है ?
(क) बेरोजगारी की चन
ु ौती 
(ख) कम जनसंख्या की चुनौती 
(ग) शारीरिक एवं मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने की चुनौती 
(घ) भ्रष्टाचार वद्धि
ृ की चुनौती 
(14) मानव ने किस क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति कर अनेक प्रकार की बीमारियों पर विजय प्राप्त कर
ली है ?
(क) चिकित्सा एवं आयुर्विज्ञान के क्षेत्र में
(ख) सुख-सुविधाओं के क्षेत्र में
(ग) विज्ञान के क्षेत्र में
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
(15) दिए गए गद्यांश का उचित शीर्षक होगा –
(क) विज्ञान की प्रगति
(ख) चिकित्सा एवं आयुर्विज्ञान का क्षेत्र
(ग) शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य
(घ) योग की आवश्यकता / महत्त्व
अथवा

पाटलिपुत्र पहुँचकर यूनानी दत


ू मेगास्थनीज आचार्य विष्णग
ु ुप्त से भें ट करने के लिए नगर की सीमा
से बाहर स्थित उनकी कुटिया पर जब पहुँचा, उस समय शाम ढलने ही वाली थी, अँधेरा छाने लगा
था। मेगास्थनीज ने बाहर से ही दे खा कि आचार्य अपने आसन पर बैठे कुछ काम करने में लगे हुए
हैं। प्रकाश की व्यवस्था के लिए वही रखी एक तिपाई पर दिया जल रहा था। मेगास्थनीज के द्वार
के निकट पहुंचने पर आचार्य ने उसे भीतर आकर स्थान ग्रहण करने का संकेत किया और स्वयं
अपने कार्य में तल्लीन रहे । कुछ समय के उपरांत उन्होंने अपना कार्य समाप्त करके प्रकाशमान
दीपक को बझ
ु ा दिया और पास ही रखा एक अन्य दीपक जला दिया । मेगास्थनीज सोचने लगा
कि जब एक दीपक जल ही रहा था तो आचार्य ने उसे बुझा कर दस
ू रा दीपक क्यों जलाया ? उससे
रहा नहीं गया और उसने आचार्य से इसका कारण पूछ ही लिया । आचार्य ने सहजता से कहा, तम

जब यहां आए, तब मैं जो काम कर रहा था, वह राज-व्यवस्था से संबंधित था और तब जो दीपक
जल रहा था, उसका खर्च शासन तंत्र उठाता है । लेकिन अब क्योंकि वह कार्य समाप्त हो गया,

P-5
इसलिए मैंने वह दीपक बुझा दिया । अभी जो दीपक मैंने जला रखा है उसके खर्च का वहन मैं
अपनी आय से करता हूं । मैं अपने व्यक्तिगत कार्य के लिए राज्य के संसाधन का दरु
ु पयोग कैसे
कर सकता हूं? मेगास्थनीज ने नैतिक जवाबदे ही का ऐसा उदाहरण और कहीं नहीं दे खा था । वह
समझ गया कि मौर्य- शासन का भविष्य उज्ज्वल है ।

(16) आचार्य विष्णुगुप्त कहाँ रहते थे?


(क) पाटलिपत्रु के भव्य भवन में ।
(ख) गाँव की एक मामल
ू ी झोपड़ी में ।
(ग) नगर की सीमा से बाहर कुटिया में ।
(घ) गंगातट पर बने आश्रम में ।
(17) मेगास्थनीज क्या दे खकर सोच में पड़ गया?
(क) विष्णुगुप्त का कुटिया में निवास करना
(ख) विष्णुगुप्त अत्यंत व्यस्त रहना ।
(ग) विष्णग
ु प्ु त का अपने कार्य को समय पर निबटाना।
(घ) विष्णुगुप्त का एक दीपक बुझाकर अन्य दीपक जलाना।
(18) मेगास्थनीज ने आचार्य से क्या पूछा?
(क) उनके स्वास्थ्य की कुशलता ।
(ख) दस
ू रा दीपक जलाने का कारण ।
(ग) राज्य-व्यवस्था के बारे में ।
(घ) राज्य की प्रजा के विषय में ।
(18) दीपक की घटना संदेशवाहक है -
(क) प्रशासक (राजा) की कर्मठता की।
(ख) प्रशासक (राजा) की नैतिक जवाबदे ही की।
(ग) प्रशासक (राजा) की कुशल प्रशासन शैली की।
(घ) राज्य के प्रति निष्ठा और नैतिक जवाबदे ही की।
(20) दरु
ु पयोग 'शब्द में उपसर्ग है -
(क) द ु
(ख) दरु ्
(ग) दरु

(घ) दरू

खंड - ख व्यवहारिक व्याकरण (16 अंक)

P-6
प्रश्र – 3 निर्देशानुसार उत्तर दें -

(21) इनमें से ‘चाँदनी’ शब्द का पर्यायवाची कौन-से हैं। 


(क) ज्योत्सना,चंद्रिका,चंद्रप्रभा
(ख) चंद, चंद्रप्रभा, कौमद
ु ी
(ग) श्री, शशि, जुन्हाई
(घ) कौमद
ु , अंबिका, अंबा
(22) निम्नलिखित में से 'आभूषण' शब्द का पर्यायवाची शब्द नहीं है । 
(क) गहना
(ख) अलंकार
(ग) विभूषण
(घ) कंु तल
(23) 'संपन्न' शब्द का विलोम है ।
(क) अमीर
(ख) दरिद्र 
(ग) असुविधा
(घ) असंपन्न 
(24) निम्नलिखित में से कौन-सा जोड़ा सही है ।
(क) आविर्भाव - पराभव
(ख) आविर्भाव - पराधीन
(ग) समभाव - अभाव
(घ) आलोक - अंधकार

(25) राम का..........……...हम सब के लिए आदर्श है ।उनकी तरह हमारे .........…….. पर आंच नहीं
आनी चाहिए। रिक्त स्थान के लिए सही श्रुतिसम शब्द चुनिए।
(क) चरित्र, चरित
(ख) चरित्र, चाल
(ग) व्यवहार, आदर्श
(घ) चरित, चरित्र

(26) निम्नलिखित में से कौन-सा जोड़ा सही है ?


(क) अंश - कंध
P-7
(ख) दीन - दिवस
(ग) अंश - हिस्सा 
(घ) ओर - तथा
(27) 'अभिजात' में कौन-सा उपसर्ग है ?
(क) अभ 
(ख) अभि
(ग) अ 
(घ) अभी
(28) शब्दांश जो किसी शब्द के आरं भ में जड़
ु कर उसके अर्थ में परिवर्तन ला दे ते हैं,
उन्हें ..........................कहते हैं।
(क) प्रत्यय
(ख) उपसर्ग
(ग) दोनों
(घ) कोई भी नहीं
(29) 'ईला' प्रत्यय से बना कौन सा शब्द नहीं है ?
(क) नीला
(ख) जहरीला
(ग) शर्मिला
(घ) हठीला
(30) 'झगड़ालू' शब्द में मल
ू शब्द और प्रत्यय है -
(क) झगड़ा + लू
(ख) झगड़ा + लु
(ग) झगड़ा + आलू
(घ) झगड़ा + आलु
(31) 'वह बहुत ज़ोर से हँस रहा है ।' वाक्य में अर्थ की दृष्टि से कौन सा भेद है –
(क) विधान वाचक वाक्य
(ख) संदेह वाचक वाक्य
(ग) प्रश्न वाचक वाक्य
(घ) आज्ञा वाचक वाक्य

(32) 'तम
ु कितने अच्छे लग रहे हो।' वाक्य को विस्मयादिवाचक वाक्य में  लिखा जाएगा –
(क) तुम अच्छे नहीं लग रहे हो।

P-8
(ख) तुम शायद अच्छे लग रहे हो।
(ग) अरे ! तुम कितने अच्छे लग रहे हो।
(घ) तम
ु कितने अच्छे क्यों लग रहे हो?
(33) निम्नलिखित शब्दों में से उस शब्द को चनि
ु ए, जिसमें उचित स्थान पर अनन
ु ासिक का
प्रयोग हुआ है –
(क) साँतवा
(ख) ध्वनिंया
(ग) ओंठ
(घ) अँश
(34) निम्नलिखित शब्दों में से अनुस्वार के उचित प्रयोग वाले शब्द को चुनिए –
(क) कंपन
(ख) कचनं
(ग) कगंन
(iv) कन्ठ
(35) शब्द और पद के विषय में कौन-सा कथन सत्य है ?
(क) पद और शब्द स्वतंत्र इकाई हैं।
(ख) शब्द के मेल से पद बनते हैं ।
(ग) वाक्य में प्रयक्
ु त शब्द पद कहलाता है ।
(घ) ‘ख’ और ‘ग’ दोनों सही
(36) रं जन कक्षा में प्रथम आया क्योंकि वह परिश्रमी है । रे खांकित पद है –
(क) सर्वनाम पद
(ख) क्रिया पद
(ग) क्रियाविशेषण पद
(घ) विशेषण पद

खंड - ग पाठ्य पुस्तक (14 अंक)


प्रश्र - 4 निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पछ
ू े गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्प में से चुनिए -

लोपसांग अपनी स्विस छुरी की मदद से हमारे तंबू का रास्ता साफ करने में सफल हो गए थे और
तुरंत ही अत्यंत तेजी से मुझे बचाने की कोशिश में लग गए। थोड़ी-सी भी दे र का सीधा अर्थ था -
मत्ृ यु । बड़े-बड़े हिमपिंडो को बड़ी मुश्किल से हटाते हुए उन्होंने मेरे चारों तरफ की कड़े जमे बर्फ
की खुदाई की और मुझे उस बर्फ की कब्र से निकाल बाहर खींच लाने में सफल हो गए। सुबह तक
सारे सरु क्षा दल आ गए थे और 16 मई को प्रातः 8:00 बजे तक हम प्रायः सभी कैं प-

P-9
दो पर पहुँच गए थे। जिस शेरपा की टाँग की हड्डी टूट गई थी, उसे एक खुद के बनाए स्ट्रे चर पर
उठाकर नीचे लाए। हमारे नेता कर्नल खुल्लर के शब्दों में , "यह इतनी ऊंचाई पर सुरक्षा-कार्य का
एक जबरदस्त साहसिक कार्य था।"

(37) लेखिका को बर्फ की कब्र से किसने निकाला?


(क) लोपसांग ने 
(ख) कर्नल खुल्लर ने
(ग) एक शेरपा कुली ने
(घ) ‘ख’ और ‘ग’ दोनों सही
(38) दल के सदस्य कैंप-दो पर कब पहुँच गए थे?
(क) रात को
(ख) 16 मई सुबह 8:00 बजे 
(ग) 16 मई रात 8:00 बजे 
(घ) अगली सब
ु ह 
(39) लेखिका के चारों तरफ की कड़े जमे बर्फ की खुदाई किससे की गई? 
(क) फावड़े की मदद से
(ख) स्विस छुरी की मदद से
(ग) चाकू की मदद से 
(घ) ‘क’ और ‘ख’ दोनों सही 
(40) इस घटना में कौन घायल हो गया था?
(क) दल के सदस्य
(ख) लोपसांग
(ग) एक शेरपा कुली 
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(41) लोपसांग बर्फ की कब्र से किसे निकाल पाने में सफल हुए?
(क) लेखिका को
(ख) शेरपा को
(ग) दल के नेता को
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं

प्रश्र – 5 निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पछ


ू े गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्प में से चुनिए -

P-10
ज़िंदा आदमी नंगा भी रह सकता है , परं तु मुर्दे को नंगा कैसे विदा किया जाए? उसके लिए तो
बजाज की दक
ु ान से नया कपड़ा लाना ही होगा, चाहे उसके लिए मां के हाथों के छन्नी-ककना ही
क्यों न बिक जाएं? भगवाना परलोक चला गया। घर में जो कुछ चूनी-भूसी थी सो उसे विदा करने
में चली गई। बाप नहीं रहा तो क्या, लड़के सब
ु ह उठते ही भख
ू से भी बिलबिलाने लगे । दादी ने
उन्हें खाने के लिए खरबज
ू े दे दिए लेकिन बहू को क्या दे ती? बहू का बदन बख
ु ार से तवे की तरह
तप रहा था। अब बेटे के बिना बुढ़िया को दअ
ु न्नी-चवन्नी भी कौन उधार दे ता। बुढ़िया रोते-रोते
और आँखें पोंछते-पोंछते  भगवाना के बटोरे हुए खरबूजे डलिया में समेट कर बाजार की ओर चली-
और चारा भी क्या था ? बढ़ि
ु या खरबूजे बेचने का साहस करके आई थी,परं तु सिर पर चादर
लपेटे,सिर को घट
ु नों पर टिकाए हुए फफक-फफक कर रो रही थी।

(42) लेखक ने समाज की किस प्रथा का उल्लेख किया है ?


(क) ज़िंदा आदमी नंगा भी रह सकता है ।
(ख) मुर्दे को नंगा विदा नहीं किया जाता।
(ग) ‘क’ और ‘ख’ दोनों
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(43) लड़के की मत्ृ यु के दस
ू रे दिन ही बढ़ि
ु या खरबूजे बेचने क्यों जाना पड़ा?
(क) उसके घर में खाने को कुछ भी नहीं था।
(ख) उसके पोता-पोती भख
ू से बिलबिला रहे थे।
(ग) उसकी बहू बख
ु ार से तप रही थी
(घ) उपर्युक्त सभी 
(44) किसकी मत्ृ यु के पश्चात ् बढ़ि
ु या के परिवार का पालन-पोषण करने वाला कोई नहीं था?
(क) लेखक की
(ख) पड़ोसी की
(ग) भगवाना की
(घ) इनमें से कोई नहीं
(45) बुढ़िया को दअ
ु न्नी-चवन्नी उधार मिलने की आशा क्यों नहीं थी? 
(क) बेटे की मत्ृ यु के बाद किसी को उधार वापस मिलने की उम्मीद नहीं थी।
(ख) बढ़ि
ु या किसी से उधार माँगना अपना अपमान मानती थी।
(ग) लोग उधार दे ना पसंद नहीं करते।
(घ) पहले उधार लेकर उसने वापस नहीं किया था।
(46) कपड़े से मँह
ु छिपाए सिर को घुटनों पर रखकर कौन रो रही थी?
(क) सब्जी बेचने वाली

P-11
(ख) बर्तन बेचने वाली
(ग) खरबूजे बेचने वाली
(घ) कपड़े बेचने वाली
प्रश्र - 6 निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पछ
ू े गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्प में से चनि
ु ए -
ऐसी लाल तझ
ु बिनु कउनु करै ।
गरीब निवाजु गुसाईआ मेरा माथै छत्रु धरै ।।
जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ।
नीचउ ऊँच करै मेरा गोबिंद ु काहू ते न डरै ।।
नामदे व कबीरू तिलोचनु सधना सैनु तरै ।
कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै ॥
(47) भगवान ् किसका कल्याण बिना भेदभाव के करते है ?
(क) अमीरों का
(ख) अछूत मनुष्यों का
(ग) अमीर भक्तों का
(घ) इनमें से किसी का नहीं 
(48) रै दास ने अपने ‘लाल’ की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है ?
(क) दयालु और गरीबों का उद्धारक 
(ख) अछूतों पर दया करने वाला, रं क को राजा बनाने वाला
(ग) किसी से न डरने वाला
(घ) उपर्युक्त सभी
(49) रै दास’ ने अपने स्वामी को किन-किन नामों से पुकारा है ?
(क) लाल, गरीब निवाजु, गुसईआ, गोबिंद ु
(ख) लाल, गरीब निवाज,ु गस
ु ईआ, नामदे व
(ग) नामदे व, त्रिलोचन, सधना
(घ) नामदे व, कबीर,त्रिलोचन, सधना
(50) इस पद में कवि ने उस समय की किस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है ?
(क) बाल विवाह
(ख) अशिक्षा
(ग) छुआछूत 
(घ) गरीबी

P-12

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