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Rahul Maheshwari - 7566722730

TOPIC - मानसिकता/स्व्भाव

रासि के तत्व -

असि तत्व -

मेष ,सििंह और धनु रासि असि तत्व की रासियााँ है | ये रासियााँ एक दूिरे को


ककिी भी अन्य रासियों की अपेक्षा बेहतर िमझ िकती है ,और इनमे परस्वपर
आकषषण भी देखा जाता है | असि तत्व की रासियााँ अपने नाम के िमान क्रोधी
होती है | परन्तु उतने ही सविाल ह्रदय के िाथ क्षमा का गुण भी रखते है ये बहुत
ही िाहिी होते है जोसखम उठाने को हरदम तैयार रहते है इनकी ऊजाष ककिी भी
अन्य रासि िे असधक होती है | ये उत्तम स्ववास्व्य के स्ववामी होते है | ये
आदिषवादी होते है | ये िमाज में िदैव एक जागरूक व्यसि की भूसमका सनभाते
है | ये ककिी भी कीमत पर गलत बदाषश्त नहीं करते और ककिी के भी सखलाफ
उठ खड़े होते है |

पृ्वी तत्व -

बृष , कन्या और मकर पृ्वी तत्व की रासियााँ है | इनका आपिी तालमेल अन्य
ककिी भी रासि की अपेक्षा असधक अच्छा होता है | ये रूकिवादी होते है और
भौसतकता और प्रकृ सत प्रेमी होते है | हर तरह की पररसस्वथसत में सस्वथर सित्त रहते
है | और अपनों का िाथ सनभाने में कभी पीछे नहीं हटते |

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जल तत्व -

ककष ,वृसिक और मीन रासि जल तत्व की रासियााँ है , और इनका आपिी


तालमेल िबिे बेहतर होता है | ये बहुत असधक ििंवद े निील होते है और भावुक
होते है | ये अच्छी स्वमरणिसि के स्ववामी होते है ये दूिरे व्यसियों को िहज
वातावरण देने में सनपुण होते है | ये कई रहस्वयों को अपने ह्रदय में िमेटे रहते है |
ये अपनी कसमयों को आिानी िे स्ववीकार कर लेते है | ये ककिी घटना या बात
का सवस्वतृत वणषन करते और िमझते है | ये जड़ो िे असधक जुड़े रहते है और
ककिी अन्य की अपेक्षा अपने पररवार को असधक महत्व देते है ।

वायु तत्व -

समथुन ,तुला और कु म्भ वायु तत्व की रासियााँ है और इनका भी आपिी तालमेल


अन्य ककिी रासि की अपेक्षा बेहतर होता है | ये लोगो के अनुिार स्ववयिं को
ढालने में सनपुण होते है ककन्तु इनका अपना स्ववभाव और पहिान कभी नहीं
बदलती | ये िरीर की अपेक्षा मानसिक रूप िे असधक मजबूत होते है | ये
कल्पनािील होते है | ये कलात्मक एविं तार्कष क होते है | ये िदा प्रयत्निील रहते
है अच्छे सििंतक एविं मैनजे मेंट की अच्छी िमझ रखते है | ये कई प्रसतभाओं के
स्ववामी होते है | ये अच्छे िलाहकार भी होते है |

*रासि के स्ववभाव*

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िर रासि:- िलायमान, एक जगह रटकना पिन्द नही, गसतमान रहना, लम्बी


अवसध वाले कायष पिन्द नही, धैयष की कमी, बदलाव लाने वाली, हर ककिी िे
प्रभासवत हो जाती है , नए सविारों look इनमे जल्द आता है, यह लोग िेयर,
ट्रेस िंग, जल्दबाज़ी वाले काम पिन्द करते है सजिमे गसत असधक हो ररजल्ट फ़ास्वट
आये वो िब िर ही है ।

सस्वथर रासि:- रटकाऊ, सस्वथरता, एक ही काम मे लम्बे िमय तक जुड़े हुए,एक ही


जगह पर रहना पििंद करते है , बदलाव बार बार पिन्द नही है, धीर गम्भीर,
fixed decision, ररस्वक नही लेत,े जवाबदारी वाले लोग होते है ।

सिस्ववभाव:- यह रासि दोहरी मानसिकता वाली, जल्द सनणषय बदलने वाली,


ककिी भी काम को बीि में छोड़ने वाली, इिमे िर ओर सस्वथर रासि दोनो के गुण
मौजूद रहते है ।

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ककिी भी व्यसि के बारे में िमझने के सलए हमे यह िीररयल िे 3 स्वटेप आकलन
करना िासहए जातक के मासनिक सस्वथसत , स्व्भाव ओर िररत्र के बारे में बताने
के सलए काफी है ।

(स्वटेप-1) मासनिक सस्वथसत - *ििंद्र* हमारी मानसिक सस्वथसत का कारक होता


है , ििंद्र िे ककिी भी व्यसि सविेष की मानसिकता का सविार करना बेहतर है ,
मन और मसस्वतष्क िे ििंद्र का िबिे गहरा िम्बन्ध होता है , मानसिक सस्वथसत के
बाद हमे ककिी भी िाटष में व्यवहाररक सस्वथसत और स्व्भाव का आकलन करना
िाइये.....!!

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(स्वटेप -2) स्ववभाव/व्यवहार - *बुध/िुक्र* यह दोनों इिंटनषल प्लेनटे होते है ,


आिंतररक ग्रह ककिी भी व्यसि का अिंदर का स्ववभाव और व्यवहार बताने के सलए
काफी होते है , बुध पहला इिं टनषल ग्रह व्यवहाररकता ओर स्ववभाव का आकलन
बुध िे ही करना िाइये , वही िुक्र ककिी भी आिंतररक रूप िे कलात्मक ओर
भावनात्मक सविेषता देता है , बुध और िुक्र िे व्यसि के अिंदर की सविेषता ,
स्ववभाव , व्यहार भावना , ककिी के प्रसत प्रेम या घृणा िब कु छ यह इिं टनषल प्लेनटे
िे ही देखते है।

(स्वटेप -3 ) हमारा िरीर - *लि* हम िभी जानते है जो कु छ भी अच्छा या


बुरा लि को ही होता है िरीर िे हम अपना व्यवहार और स्ववभाव या
मानसिकता का प्रदिषन करते है , भाव-1 ककिी भी व्यसि िाररसत्रक गुण और
सविेषता देखने के महत्वपूणष भाव माना जाता है , मानसिक सस्वथसत , स्व्भाव के
बाद तीिरे स्वटेप में हमको लि को देखना िासहए यह 3 स्वटेप ककिी भी व्यसि के
बारे में काफी कु छ कह जाते है ।

ककिी भी ग्रह की पूरी जानकारी के सलए हमे 4 step को follow करना है:-

(1) ग्रह की रासि(तत्व/स्ववभाव)।

(2) ग्रह िे युसत ओर दृसि िम्बन्ध ।

(3) सत्रकोणीय िम्बिंध ।

(4) िूिक-कॉसम्बनेिन ।

FOUR STEP RULE ~

(1) ग्रह की रासि(तत्व/स्ववभाव)।

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(2) ग्रह िे युसत ओर दृष्ट्री िम्बन्ध :- ककिी भी ग्रह का आकलन हम कर रहे है


तो अमुक ग्रह की युसत ओर दृष्ट्री देखना बहुत जरूरी है , उि युसत दृष्ट्री वाले ग्रह
िे पूरी तरह वो जुड़ा हुआ रहता है ।

(3) सत्रकोणीय िम्बिंध:- सत्रकोणीय िम्बद्ध वही है जो हमने पहले पड़ा है कक


एक ही कदिा में बैठे हुए ग्रह एक दूिरे के िहयोगी या समत्र बनते है ।

1-5-9 (मेष, सििंह, धनु) पूवष कदिा

2-6-10 दसक्षण कदिा

3-7-11 पसिम कदिा

4-8-12 उत्तर कदिा

तो कहने का मतलब है कक सत्रकोण में बैठे हुए ग्रह का भी प्रभाव एक दूिरे ग्रह
पर होता है ।

(4) िूिक कॉसम्बनेिन ।


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Example Chart --
16-03-1989 , 18:45 , Mandsour , Male .

ििंद्र ग्रह का 4 स्वटेप आकलन –

Step -1 वायुतत्व/सिस्ववभाव

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वायु तत्व - हर हालत िे अपने आप को ढालने वाला , बकिया तालमेल िभी िे ,

सिस्ववभाव - स्ववभाव में पररवतषन , दोहरी मानसिकता , एक काम लगातार नही


कर िकता

Step -2 िसनिं िे दृष्ट्री

िसन िे दृिी - जातक को आलस्वय , छोटे मन का या किं जूि प्रवसत्त देता है ।

Step -3 िुक्र िे सत्रकोणीय िम्बन्ध

िुक्र िे सत्रकोणीय ििंबद्ध है और स्ववयिं गुरु के नक्षत्र में है दोनो गुरुओ की ताकत
िन्द्र के पाि व्यसि िमझदार ओर िही और गलत को बखूभी िमझने वाला
होगा ।

Step -4 (4,7,9,10&11)

4,9&11 - उच्च सिक्षा , मजबूत मानसिकता ।

7,10&11 - व्यापारी माइिं ।

9&11 - बड़े असधकाररयों िे लाभ ।

4&11 - प्रोपेटी िे लाभ ।

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िारािंि - जातक हर हाल में अपने को ढालने वाला , बकिया तालमेल , दोहरी
मानसिकता वाला , अलिी ओर किं जूि के िाथ िमझदार लोगो का िम्मान
रखना बखूभी जानता है , िूिक मजबूती वाले है जातक का िन्द्र मजबूती के
घोतक है सिसक्षत गुणी िमझदार इिं िान होगा ।

*बुध* ग्रह का 4 स्वटेप आकलन -

Step -1 वायुतत्व/सस्वथर स्ववभाव

Step -2 राहु िे युसत ,िसनिं िे दृष्ट्री

Step -3 ------------------

Step -4 (1,6&10)

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*Result -*

बुध - स्ववभाव/व्यवहार

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*Step -1* कल्पना िील , हर जगह िेट होने वाले , बौसद्धक रूप िे मजबूत
*(read -वायु तत्व)*

दृिता , जवाबदार , सस्वथर व्यवहार , िभी को िमानता िे देखने और िमझने


वाला *(read -सस्वथर स्व्भाव)*

*Step -2* राहु िे युसत के कारण राहु का स्ववभाव बुध ले लेगा , जातक बहुत
खोजी , होसियार , रीििषर माइिं , कदमागी श्रमता अद्भुत ।

िसन िे दृिी के कारण स्व्भाव में थोड़ा सिड़सिड़ापन , किं जूि कभी कभी हो
जाता होगा ।

*Step -3* ---------------

*Step -4* 1,6&10

1- स्ववयिं ।

6- मेहनत का धन , स्ववयम के प्रयाि िे कमाया गया धन ।

10- गु सवल , कमष , अथषसत्रकोंन का मुख्य सपल्लर ।

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अथषसत्रकोंन िे जुड़े हुए भाव है जातक का वायु तत्व का माइिं राहु िे िम्बद्ध
वाला बुध सिफष पैिे कमाने के बारे में ही िौिने वाला , बुध 6&10 के कारण
जातक को बहुत ज्यादा मेहनती बनाता है......

*िारािंि - जातक बुसद्धमान , कल्पना िील , जवाबदार इिं िान ओर धन कमाने में
इिं टरे स्वट रखता है मेनहत करने िे घबराता नही है , पैिा कमाने में होसियार
लेककन किं जूि , खोजी ओर रहस्वयमय अपना राज ककिी को नही देता (राहु के
कारण) ।*

यह गणना बुध की हुई है मतलब व्यसि के स्ववभाव/व्यवहार की हुई है । ☝�☝�

ििंद्र ओर बुध िारा कै िे भी 6 , 8 &12 में दो भाव मजबूत िूिक िारा आ जाते
है तो व्यसि की मासनिक सस्वथसत ओर स्ववभाव या बुसद्ध ज्यादा मजबूत नही होती
वह कमजोर या छोटी मानसिकता वाला होता है ।

Rahul Maheshwari, MANASA Dist - Neemuch (MP) Falit


Jyotish -Research
rahuljhanwar5@gmail.com
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Contact:-7566722730

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