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CH - 04 पत्रकारीय लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया
CH - 04 पत्रकारीय लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया
समाचार फीचर
1. समाचार का कार्य पाठको को सूचना 1. फ़ीचर एक सुव्यवस्स्थत, सृजनात्मक और आत्मवनष्ठ लेखन है ।
दे ना होता है 2. इसका उद्दे श्य पाठकोों को सूचना खेल, वशवित करना, और मनोरों ज
करना होता है ।
2. इसका उद्दे श्य पाठकोों को ताज़ी घटना से
अवगत कराना होता है । 3.इसमें शब्द स़ीमा नह़ीों होत़ी। अच्छे फ़ीचर 200 से 2000 तक शब्दोों
3. इसमें शब्द स़ीमा होत़ी है । के होते हैं ।
4. इसमें लेखक के ववचारोों र्ा कल्पना 4. इसमें लेखक क़ी कल्पना और ववचारोों को भ़ी स्थान वमलता है ।
के वलए कोई स्थान नह़ीों होता। 5. अच्छे फ़ीचर के साथ फोटो र्ा ग्रावफक्स होना अवनवार्य है ।
यवशेष ररपोटण :
सामान्य समाचारों से अलग वे यवशेष समाचार जो गहरी छान िीन, यवश्लेषण और व्याख्या के आधार
पर प्रकायशत यकये जाते हैं, यवशेष ररपोटा कहलाते हैं।
यवशेष ररपोटा के प्रकार
1. खोजी ररपोटण- इसमें अनुपलब्ध तथ्यों को गहरी छानिीन कर सावाजयनक यकया जाता है।
2. इन्डेप्र् ररपोटा : सावाजयनक रूप से प्राप्त तथ्यों की गहरी छान िीन कर उसके महत्वपणू ा पक्षों को
पाठकों के सामने लाया जाता है।
3. यवश्लेषणात्मक ररपोटा- इसमें यकसी घटना या समस्या का यववरण सक्ष्ू मता के सार् यवस्तार से यदया
जाता है । ररपोटा अयधक यवस्तृत होने पर कई यदनों तक यकश्तों में प्रकायशत की जाती है।
4. यववरणात्मक ररपोटा- इसमें यकसी घटना या समस्या को यवस्तार एवं िारीकी के सार् प्रस्ततु यकया
जाता है। यवचारपरक लेखन समाचार पत्रों में समाचार एवं फीचर के अयतररि सपं ादकीय लेख, पत्र,
यटप्पणी, वररष्ठ पत्रकारों व यवशेषज्ञों के स्तम्भ छपते हैं। ये सभी यवचारपरक लेखन के अन्तगात आते
हैं।
सपं ादकीय-
• सपं ादक द्वारा यकसी प्रमख ु घटना या समस्या पर यलखे गए यवचारात्मक लेख को, यजसे सिं ंयधत
समाचार पत्र की राय भी कहा जाता है, सपं ादकीय कहते हैं।
• सपं ादकीय यकसी एक व्ययि का यवचार या राय न होकर समग्र पत्र समहू की राय होता है, इसयलए
सपं ादकीय में सपं ादक अर्वा लेखक नाम नहीं यलखा जाता।
स्तम्भ लेखन :
• यह एक प्रकार का यवचारात्मक लेखन है।
• कुछ महत्वपणू ा लेखक अपने खास वैचाररक रुझान एवं लेखन शैली के यलए जाने जाते हैं। ऐसे
लेखकों की लोकयप्रयता को देखकर समाचारपत्र उन्हें अपने पत्र में यनययमत स्तम्भ लेखन की
यजम्मेदारी प्रदान करते हैं।
• इस प्रकार यकसी समाचार पत्र में यकसी ऐसे लेखक द्वारा यकया गया यवयशि व यनययमत लेखन जो
अपनी यवयशि शैली व वैचाररक रुझान के कारण समाज में ख्यायत प्राप्त हो, स्तम्भ लेखन कहा जाता
है।
संपादक के नाम पत्र :
• समाचार पत्रों में संपादकीय पृष्ठ पर तर्ा पयत्रकाओ ं की शरुु आत में संपादक के नाम आए पत्र
प्रकायशत यकए जाते हैं।
• यह प्रत्येक समाचारपत्र का यनययमत स्तम्भ होता है।
• इसके माध्यम से समाचार पत्र अपने पाठकों को जनसमस्याओ ं तर्ा मद्दु ों पर अपने यवचार एवं राय
व्यि करने का अवसर प्रदान करता है |