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Report Writing – वृत्तान्त लेखन / प्रतिवेदन

रिपोर्ट गध्य (Prose) - लेखन की एक विधा है | रिपोर्ताज फ़्रांसीसी भाषा का एक शब्द है | अंग्रेजी में रिपोर्ट
शब्द इस्तेमाल करते हैं | रिपोर्ट के लिए ‘प्रतिवेदन’ शब्द भी इस्तेमाल कर सकते है | रिपोर्ट किसी घटना को
जैसे घाटी थी वैसे ही उसका तथ्यों के साथ वर्णन किया जाता है |

वृतांत लेखन का अर्थ: किसी घटना का ब्योरेवार या विस्तृत (detailed) और क्रमबद्ध (sequential or
sorted) (सिलसिलेवार) वर्णन, जो किसी को उसकी जानकारी देने के लिए किया जाता है | वृतांत में किसी
सत्य घटना का वर्णन किया जाता हैं | यह वर्णन क्रमबद्ध होता है अर्थात जिस क्रम से पूरी घटना हुई हो उसी
क्रम के अनुसार उसका वर्णन किया जाता है | घटना के प्रसंगों (episodes) में उलटफे र नहीं किया जाता है |
इसके अतिरिक्त वर्णन इतना सजीव (alive) होता है की पाठक के सामने घटना का पूरा चित्र साकार हो जाता
है | भूत अथवा वर्तमान की विशेष घटना, प्रसंग या विषय के प्रमुख कार्यों के क्रमबद्ध और संक्षिप्त विवरण
(short summary) को ‘प्रतिवेदन’ कहते हैं |

सरल शब्दों में वह लिखित सामग्री, जो किसी घटना, कार्य-योजना, समारोह आदि के बारे में प्रत्यक्ष देखकर या
छानबीन करके तैयार की गई हो, ऐसे लेखन को प्रतिवेदन या रिपोर्ट कहलाते है |

वृतांत समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए तैयार किए जाते हैं| किसी विशेष घटना या प्रसंग, शैक्षणिक या
सांस्कृ तिक कार्यक्रम, सम्मेलन या समारोह, दुर्घटना आदि के वृतांत (रिपोर्ताज) हम समाचारपत्रों में अकसर
पढ़ते हैं |

आँखों देखी और कानों सुनी घटनाओं पर भी रिपोर्ट लिखा जा सकता है | कल्पना के आधार पर रिपोर्ट नहीं
लिखा जा सकता है | घटना प्रधान होने के साथ ही रिपोर्ट को कथा तत्व से भी युक्त होना चाहिए | रिपोर्ट
लेखक को पत्रकार तथा कलाकार दोनों की भूमिका निभानी पड़ती है | रिपोर्ताज लेखक के लिए यह भी
आवश्यक है की वह जनसाधारण के जीवन की सच्ची और सही जानकारी रखे | तभी रिपोर्ट लेखक
प्रभावोत्पादक ढंग से जन जीवन का इतिहास लिख सकता है |

रिपोर्ट (प्रतिवेदन) इस विधा के भी अनेक प्रकार हैं और अधिकतर समाचार – पत्रों एवं पत्रिकाओं के लिए
लिखी जाने वाली खास विषयों की रिपोर्ट को इस विधा का मुख्य प्रकार माना जा सकता है | इसके अलावा
पुलिस स्टेशन में दर्ज की जाने वाली दुर्घटना रिपोर्ट , अस्पताल में लिखी जाने वाली मेडिकल रिपोर्ट आदि इस
विद्या के प्रकार माने जा सकते हैं | किसी बड़े कार्यक्रम, सभा, समारोह, उत्सव आदि की भी रिपोर्ट लिखी
जाती है |

रिपोर्ट लेखन के प्रारूप से परिचित होने के लिए निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान दें :-

1. समसामयिक (Contemporary) विषय पर या सभा (meeting), सम्मेलन (conference) आदि


पर रिपोर्ट लिखी जा सकती है |
2. सटीक शीर्षक दें |
3. प्रथम वाक्य में ही दिनांक, स्थान, समय आदि की जानकारी दें |
4. समारोह से संबंधित जानकारी अवश्य दें (जैसा की उद्घाटन, मुख्य अतिथि, धन्यवाद प्रस्ताव आदि की
संक्षिप्त जानकारी क्रमानुसार दें ) |
5. भूतकाल में लिखें |
6. अन्य पुरुष सर्वनाम का प्रयोग करें (वे, उन, इन, इन्होंने, उन्होंने, आदि) |
7. क्रिया का “कर्म वाक्य रूप” (passive voice forms of verbs) लिखें – मनाया गया, पुरस्कृ त
किया गया, प्रस्तुत किया गया आदि |
8. तटस्थ (neutral or unbiased) होकर रिपोर्ट लिखें , कोई भी व्यक्तिगत विचार (personal
ideas or thoughts) न लिखें |
9. पत्र – पत्रिका से संबंधित जानकारी दें जिसके लिए रिपोर्ट लिखी जा रही है |

वृतांत लिखते समय ध्यान में रखने योग्य बातें –

1. वृतांत के विषय को समझना आवश्यक है | विषय समझने के पश्चात घटना क्रम के अनुसार वृतांत
लिखना चाहिए |
2. वृतांत में के वल महत्व की बातों का समावेश होना चाहिए | गौण (सहायक, दूसरे दर्जे
का, अमुख्य, अनुपूरक, अतिरिक्त, तुच्छ, निरर्थक, महत्वहीन) बातें छोड़ देनी चाहिए | घटना के वर्णन
में एकसूत्रता (unison) रहनी चाहिए |
3. वृतांत में दिनांक, समय, स्थान, व्यक्ति–विशेष आदि का स्पष्ट निर्देश होना चाहिए |
4. वृतांत में घटना का सुंदर और सजीव वर्णन करना चाहिए | कहीं भी अस्वाभाविकता (unusual) या
अतिशयोक्ति (exaggeration or hyperbole) नहीं होनी चाहिए|
5. वृतांत में घटनाक्रम (chronological) के अनुसार अनुच्छे द (paragraphs) होने चाहिए |
6. वृतांत को छोटा और आकर्षक शीर्षक (attractive title) देना चाहिए |

-The End-

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