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अनुसन्धान में साहित्य-समीक्षा स्वरूप उद्देश्य एवं प्रक्रिया
अनुसन्धान में साहित्य-समीक्षा स्वरूप उद्देश्य एवं प्रक्रिया
व्यापक अर्थ में अनुसन्धान (Research) क्रकसी भी क्षेत्र में 'ज्ञान की खोज करना' या
'हवहधवत गवेषणा' करना िै। वैज्ञाहनक अनुसन्धान में वैज्ञाहनक हवहध का सिारा लेते हुए
हजज्ञासा का समाधान करने की कोहिि की जाती िै। नवीन वस्तुओं की खोज और पुरानी
वस्तुओं एवं हसद्धान्तों का पुनः परीक्षण करना, हजससे क्रक नए तथ्य प्राप्त िो सकें , उसे िोध
किते िैं। िोध की प्रक्रिया में बोधपूवथक तथ्यों का संकलन कर व्यवहस्र्त व सावधानीपूवथक
सूक्ष्म बुहद्ध से तथ्यों का अवलोकन कर नए तथ्यों या हसद्धांतों का उदघाटन क्रकया जाता िै।
एक बार जब िोध समस्या की पिचान िो जाती िै और उसका पररसीमन िो जाता
िै , तो साहित्य की समीक्षा की जाती िै जो समस्या की पिचान में मदद करती िै।
अनुसंधान की प्रक्रिया में संबंहधत साहित्य का अध्ययन करना इस उपिम का वैज्ञाहनक तर्ा
मित्वपूणथ चरण िै क्योंक्रक व्यहि अपने अतीत से संहचत एवं आलेहखत ज्ञान के आधार पर
नवीन ज्ञान का सृजन करता िै। के वल मानव िी ऐसा प्राणी िै जो सक्रदयों से एकत्र ज्ञान का
लाभ उठा सकता िै। मानव ज्ञान के तीन पक्ष िैं-
यि तथ्य िोध में हविेष मित्वपूणथ िै क्योंक्रक वास्तहवकता के समीप आने में उपलब्ध ज्ञान
सक्रिय भूहमका हनभाता िै। व्याविाररक आधार पर संपूणथ मानव ज्ञान पुस्तकों तर्ा पत्र-
पहत्रकाओं में संहचत रिता िै। मानव की प्रत्येक पीढी उस संहचत ज्ञान को प्राप्त कर चचंतन
कर, पररष्कृ त कर अर्वा पूणथ व आंहिक पररवतथन करके हनरं तर हवकहसत करने का प्रयास
करती िै। क्रकसी भी िोधकायथ की सफलता के हलए आवश्यक िै क्रक िोधकताथ पुस्तकालय का
उपयोग करे। अपनी समस्या से संबंहधत हजतना भी यर्ा संभव उपलब्ध पुस्तकें , ग्रंर्, पहत्रकाऐं
व गत वषों में एकहत्रत क्रकये गये अनुसंधानों के संतोषप्रद हववरण से अपने को पूवथ पररहचत
करे हजससे यि ज्ञात िोता िै क्रक समस्या से संबहं धत क्रकस पर् पर या क्रकस पक्ष पर कायथ िो
चुका िै। उसमें िोध की कौनसी प्रहवहध प्रयुि की गई और समस्या का कौनसा पक्ष ऐसा
िै, हजस पर अध्ययन निीं क्रकया गया िै। सम्बहन्धत हवषय पर पूवथ में सम्पन्नकायों को जानने
का आधार िो साहित्य समीक्षा।
साहित्य समीक्षा या सवेक्षण उस आधार को किते िैं हजसपर क्रकसी भी सामाहजक
अर्वा भाषा–साहित्यगत अनुसंधान पररयोजना का हनमाथण क्रकया जाता िै। िोध हवषय से
संबंहधत साहित्य समीक्षा के आधार पर िोधकताथ िोध-हवषय के संदभथ में अपने हवचारों को
स्र्ाहपत करने में सक्षम िो पाता िै। वि िोधकताथ को यि सीखने को हमलता िै क्रक संबंहधत
िोध क्षेत्र में अन्य िोधार्र्थयों ने क्रकस प्रकार िोध क्रकया िै। इस प्रकार वि अपने िोध
पररयोजना में संबंहधत साहित्य समीक्षा के हनहितार्थ पर आलोचनात्मक हवहध से सोचना
आरम्भ करता िै। साहित्य समीक्षा एक करठन कायथ िै क्योंक्रक क्रकसी भी हवषय पर पुस्तकें ,
आलेख, िोध-पत्र एवं अन्य दस्तावेजों प्रचुर मात्रा में उपलब्ध िोते िैं हजसे िोधकताथ को पढ़ना
िोगा। साहित्यसमीक्षा का आरम्भ िोध के बारे में हचन्तन एवं इसकी तैयारी से िी माना जाता
िै और यि िोध हवषय के हवकास, अनुसंधान, अहभकल्प (Research design) का हनणथय,
आँकडों का संकलन एवं हवश्लेषण तक जारी रि सकता िै। साहित्य समीक्षा एक ऐसी प्रक्रिया
िै हजसमें सामान्यत: चार चरण िोते िैं ।
बोगथ के िब्दों में- ‘‘संबंहधत साहित्य का अध्ययन क्रकसी भी िोधार्ी को इस योग्य बना देता
िै क्रक वि क्रकये गये िोधकायथ को ढू ंढ सके । उसका अध्ययन कर सके । संबंहधत साहित्य के
आधार पर अनुसध ं ानकताथ अपने िोध की हवहधयां उपकरणों आक्रद का चयन करने में संबंहधत
साहित्य की सिायता ले सकता िै।’’
र्ाॅ. ढौक्रढयाल तर्ा फाटक के िब्दों में-‘‘समस्या से संबंहधत साहित्य का पुनरावलोन
अनुसंधान का प्रार्हमक आधार िै तर्ा अनुसंधान के गुणात्मक स्तर के हनधाथरण में मित्वपूणथ
कारक िै।’’
कु छ समय पिले तक संभवतः किा जाता रिा क्रक साहित्य प्रकाहित हलहखत िब्द िै अर्ाथत
इसका अर्थ र्ा क्रक वैसा कु छ जो कागज पर मुक्रित (printed) िै। इसके अंतगथत पुस्तकें , जनथल्स,
न्यूजपेपर इत्याक्रद की चचाथ िोती िै लेक्रकन आज के पररप्रेक्ष्य में इसमें इलेक्राहनक स्रोत एवं
दृश्य (visual) श्रव्य (audio) मीहर्या को भी िाहमल क्रकया जाता िै। साहित्य एक पेचीदा
एवं समावेिी पद (term) िै जो एक हवस्तृत सूची बनाती िै। इसकी प्रक्रिया काफी लंबी िै
और बहुत जल्दी पुरानी िो जाती िै। इसके मुख्य संघटक तत्व िैं:
इनके अहतररि i) िोध ररपोटथ, ii) िोध पत्र, iii) संदभथ पुस्तकें , iv) िोध के हवषयों से संबंहधत
मुद्दों को कवर करने वाली पहत्रकाएँ, v) सरकारी नीहत नोट्स और हवषयों से संबंहधत मुद्दों
पर ररपोटथ, vi) प्रासंहगक कानून, के स कानून और कानूनी घोषणाएं, vii) हवद्वतापूणथ पाठ्य
पुस्तकें , आक्रद। साहित्य प्रकाहित या अप्रकाहित (लेक्रकन प्रमाहणत िोना चाहिए), स्र्ानीय,
राष्ट्रीय और वैहिक, व्यहिगत या संगठनात्मक, आवहधक या एक बार इत्याक्रद भी िोध
सम्बन्धी साहित्य िो सकता िै।
Why Review of the Literature (साहित्य समीक्षा क्यों)
कारण (Reason) – आलोचनात्मक साहित्य समीक्षा करने के पीछे अनेक कारण िैं। साहित्य
समीक्षा िोधार्ी की िोध पररयोजना में हनम्नहवहध से सिायक िो सकती िै।
2) इसके द्वारा िोधकताथ यि जान पाते िैं क्रक संबंहधत िोध क्षेत्र में क्या कु छ ज्ञात िै।
सामान्यतः िोधकताथ उस िोध कायथ की पुनरावृहि निीं करना चािता िै जो पिले िो चुका
िै। साहित्य समीक्षा का लक्ष्य यि देखना िोता िै क्रक जो िोध पररयोजना प्रस्ताहवत िै उसमें
ज्ञान की वतथमान हस्र्हत क्या िै, क्या कु छ िो चुका िै और भहवष्य में क्या कु छ पूरा क्रकया
जाना िेष िै। कभी-कभी िोधकायथ की कहमयाँ देखी जाती अर्ाथत िोधकायथ की अवहध में कु छ
ऐसे मित्वपूणथ तथ्य जो क्रक भूत में इसकी अनदेखी हुई। साहित्य समीक्षा में जो तथ्य िोध में
छू ट गये िैं उन पर हवचार करने अवसर हमलता िै ताक्रक िोधकताथ स्वयं को ज्ञान की वतथमान
हस्र्हत से पररहचत करा सकें ।
(3.) साहित्य समीक्षा के माध्यम से िोधकताथ को पूवथ में उपयोग में लाए गए हवहभन्न हसद्धांतों
एवं पद्धहतयों (Methodology) को जानने का अवसर हमलता िै। सार् िी सार् हवचार करने
में सुहवधा िोती िै क्रक िोध क्रकतना सफल रिा ताक्रकभहवष्य में गलहतयाँ निीं दुिरानी पडे।
4) साहित्य समीक्षा के माध्यम से दूसरे िोधकतीओं के द्वारा िोध कायथ में प्रयुि हवश्लेषणात्मक
ढाँचे (Analytical framework) एवं रणनीहत को जानने का अवसर हमलता िै और िोधकताथ
यि हनणथय करने की हस्र्हत में िोता िै क्रक उपलब्ध सामग्री उसके िोधकायथ में क्रकस सीमा
तक उपयुि िै ।
5.) साहित्य समीक्षा के के द्वारा हविेषज्ञों की राय एवं हवहभन्न स्रोतों के बीच तुलना करने
का अवसर हमलता िै।
7) िोध प्रश्नों को पररभाहषत करने एवं इसपर हवस्तृत रूप से सोचने का अवसर हमलता िै।
अन्य प्रश्नों / मुद्दों की पिचान की जा सकती िै जो क्रक हजसका क्रक अन्वेषण (investigation)
क्रकया जा सके ।
8.) साहित्य समीक्षा व्यविार एवं हसद्धांत के बीच संबंधों की पिचान में मदद करता िै (यि
िोध क्षेत्र पर हनभथर करता िै।
िोध का यि मित्वपूणथ चरण िै। इसके अंतगथत िोधकताथ के हलए यि आवश्यक िै क्रक वि चुने
गए िोध हवषय के संबंध में उन सभी हवचारों, पद्धहतयों, करठनाइयों एवं हनष्कषों का अध्ययन
करें जो उससे पूवथ के अध्ययनकताथओं द्वारा क्रकए गए िो। िोध चािे सामाहजक क्षेत्र से संबंहधत
िो तर्ा भौहतक हवज्ञानों से, यि कायथ सभी िोधकताथओं के हलए बहुत आवश्यक िोता िै।
साधारणतया िोधकताथ अपने अध्ययन हवषय से संबंहधत साहित्य का पुनरावलोकन क्रकए
हबना िी िोध की रूपरेखा को तैयार कर लेते िैं तर्ा अध्ययन क्षेत्र का हनधाथरण करने में अहत
िीघ्रता प्रदर्िथत करते िैं। इसके फलस्वरूप िोध की संपूणथ प्रक्रिया दोषपूणथ िो जाती िै तर्ा
अक्सर िोध कायथ बीच में िी रुक जाता िै। िोध से संबंहधत साहित्य का आरं भ में िी अध्ययन
कर लेने से िोधकताथ के हलए न के वल एक क्रदिा हमल जाती िै
बहल्क वि उन उपागमों से भी पररहचत िो जाता िै हजनकी सिायता से िोध कायथ को
व्यवहस्र्त रूप से पूरा क्रकया जा सके । िोध से संबंहधत साहित्य अनेक प्रकार के प्रलेखों, लेखों,
पत्रों, पुस्तकों तर्ा प्रहतवेदनों से प्राप्त िो सकता िै। पी.वी. यंग का कर्न िै क्रक िोध हवषय
से संबंहधत साहित्य का अध्ययन करने से अध्ययनकताथ को अनेक लाभ िोते िैं- सवथप्रर्म, इससे
अध्ययनकताथ को ऐसी अंतदृहथ ि हमल जाती िै हजससे वि सिी प्रश्न करके उिरदाताओं से
सूचनाएं प्राप्त कर सके । दूसरा, साहित्य के अध्ययन से अनेक ऐसी पद्धहतयों और प्रहवहधयों का
ज्ञान िो जाता िै हजन पर िो सकता िै क्रक अध्ययनकताथ ने पिले हवचार ना क्रकया िो। तीसरा,
इससे अवधारणाओं को समझने में सिायता में हमलती िैं तर्ा अनेक मान्यताओं का सत्यापन
करने के तरीकों का ज्ञान िो जाता िै। अंत में, साहित्य के अध्ययन से तथ्यों की आवश्यक
पुनरावृहत की संभावना कम िो जाती िै तर्ा अध्ययन किीं अहधक व्यवहस्र्त बन जाता िै
साहित्य की समीक्षा करके िोधार्ी एक प्रहतवेदन(ररपोटथ) तैयार करता िै ।िोध ररपोटथ
की समीक्षा यि जानने के हलए की जाती िै क्रक िोधकायथ से संबंहधत हवषयों या क्षेत्रों पर पिले
से िी क्या िोध कायथ क्रकए गए िैं, उनके द्वारा अपनाई गई पद्धहत, उनके द्वारा तैयार और
परीक्षण की गई पररकल्पनाएं और हनष्कषथ, आगे के िोध के हलए सूचीबद्ध सम्भावनायें
तलािी जाती िैं। यि िोधार्ी के वतथमान कायथ के हलए प्रमुख मुद्दों, पररकल्पनाओं , र्ेटा संग्रि
के उपकरणों , कायथप्रणाली, हनष्कषथ और उनके हनहितार्थ को जानने का उपकरण िै। साहित्य
की समीक्षा से वतथमान िोध को बेितर ढंग से समझने में मदद हमलती िै। वास्तव में, साहित्य
की समीक्षा िोध के हलए उपयुि हवषय के िोध से िुरू िोती िै और वतथमान िोध कायथ के
अंहतम चरण तक जारी रिती िै।
अनुसहन्धत साहित्यसमीक्षा के उद्देश्य–: साहित्य समीक्षा के हनम्नहलहखत उद्देश्य िैं:
1. िोध कायथ के दोिराव से बचने के हलए, यक्रद वतथमान कायथ जैसा लगभग समान कायथ
पिले िी क्रकसी व्यहि द्वारा क्रकया जा चुका िै।
2. यक्रद क्रकसी कारणवि लगभग वैसा िी कायथ करना पडे जैसा क्रक पिले िी क्रकया जा
चुका िै तो अध्ययन की वैकहल्पक पद्धहत अपनाना।
3. पिले के िोधकताथओं द्वारा पूरी तरि से जांच निीं क्रकए गए उद्देश्यों को िाहमल करके
अनुसंधान में अंतराल को भरना।
4. प्रभावी ढंग से, पिले के िोध कायों के हनष्कषों या सरकारों की नीहत घोषणा या
वैधाहनक हवकास के आलोक में पररकल्पना तैयार करना।
5. पिले के कायों में सुझाए गए कारथ वाई के तरीकों की प्रभावकाररता का परीक्षण करना।
6. उन पद्धहत संबंधी समस्याओं या परे िाहनयों को दूर करने के हलए हजनका सामना
पिले के िोधकताथओं को करना पडा िोगा।
7. पूवथ कायों द्वारा या उसके हलए सुझाए गए सुधार के आलोक में अनुसंधान की पद्धहत
को पररष्कृ त करना।
8. पिले के िोध कायों या हवद्वानों के िोध पत्रों या कानूनी घोषणाओं या जांच या अन्य
ररपोटों की हसफाररिों के आधार पर क्रकसी अध्ययन में िोध के नए आयाम जोडना।
9. दूसरों द्वारा उपयोग क्रकए जाने वाले हवश्लेषण के हवहवध उपकरणों का एक हवचार प्राप्त
करना और हजनका उपयोग वतथमान िोध के हलए क्रकया जा सकता िै।
10. क्रकसी हसद्धांत के हनमाथण के हलए साहित्य की समीक्षा की आवश्यकता िोती
िै। वतथमान कायथ के हनष्कषों को पिले के कायथ के हनष्कषों के सार् क्रफट करना और
उसके आधार पर एक हसद्धांत हवकहसत करना संभव िो जाता िै।
11. पिले के िोध कायों की समीक्षा से िोध ररपोटथ की प्रभाविाली संरचना
हवकहसत करने में भी मदद हमलती िै । पिले के कायों में अपनाई गई संरचनाओं से
इस पिलू पर प्राप्त ज्ञान के आधार पर, ररपोटथ की सिी संरचना पर काम क्रकया जाता
िै।
जा̆न र्ब्ल्यू. बेस्ट के िब्दों में- ‘‘यद्यहप संबंहधत साहित्य एवं हवषय सामग्री को ढू ंढना तर्ा
अध्ययन करना एक लम्बा तर्ा र्का देने वाला कायथ िै तर्ा इसमें काफी समय भी लग जाता
िै, क्रकन्तु िोध कायथ में इसका अपना हविेष मित्व िे। इससे िोधार्ी लाभ उठाकर अपने क्षेत्र
व सीमाओं का ज्ञान प्राप्त करता िै।’’
2.) समीक्षा के क्षेत्र का हनधाथरण– (Decide on the scope of Review) क्रकतने अध्ययनों
को देखने की जरूरत िै? इसे क्रकतना हवस्तृत (comprehensive) िोना चाहिए तर्ा इसको
पूरा करने में क्रकतना समय चाहिए? यि इस वि पर हनभथर करता िै क्रक आपके िोध की
योजना पर हनभथर करे गा तर्ा क्रकन-क्रकन स्रोतों की इसमें जरूरत पडेगी ?
िोध अध्ययन के सारांि (abstract) की समीक्षा करना ताक्रक आपके िोध से संबंहधत सामग्री
का पता चल सके और समय की बचत िो सके । िोध अध्ययन की संदभथ सूची (bibliography)
एवं संदभथ (References) का उपयोग करना चाहिए।