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|| जय श्री गणेश ||

|| सह-स्वामित्व ववलेख ||
प्रथिपक्ष (वपता):-
श्री सुखदे व मसिंह वपता श्री मशवपूजन मसिंह ,
आधार निंबर – 9478 3343 6920
मनवासी: 89, विंदना नगर ,छोटा बागिंडदा तहसील व जजला इन्दौर (ि.प्र.)

द्वितीयपक्ष (वववाद्वहत पुत्री):-


श्रीिती प्रमतभा मसिंह पमत श्री अनूप मसिंह
वपता श्री सुखदे व मसिंह
आधार निंबर – 5918 7904 5060
मनवासी: 89, विंदना नगर ,छोटा बागिंडदा तहसील व जजला इन्दौर (ि.प्र.)

यह सह-स्वामित्व ववलेख प्रथिपक्ष एविं द्वितीयपक्ष (प्रथिपक्ष एविं द्वितीयपक्ष सिंबोधन िें
वे स्वयिं, उनके द्वहतग्राही, वैध प्रमतमनमध, मनष्पादक आद्वद का सिावेश है ) के िध्य मनम्नानुसार
मलखा जाता हैं ऐसा द्वक:-

(1) यह द्वक प्रथिपक्ष के स्वामित्व एविं आमधपत्य की अचल सम्पवि, म्युमनमसपल


िकान/प्लाट निंबर – 293, गरीब नवाज़ कॉलोनी , छोटा बागिंडदा तहसील व जजला इन्दौर
(ि.प्र.) यहााँ पर जस्थत है । सदर िकान/प्लाट की तल भूमि (प्लाट) की साईज 10 फीट
गुजणत 50 फीट होकर योग क्षेत्रफल 500 वगगफीट अथागत 46.46 वगगिीटर है । एविं उक्त भूखड
िं
पर द्वटन शेड मनमिगत है उक्त सम्पवि आवासीय क्षेत्र िें जस्थत होकर आवासीय / व्यावसामयक
प्रयोजन एविं मनजी स्वामित्व की है , जजसके मनकास की स्वतिंत्र व्यवस्था कालोनी द्वक जस्थत
सड़क से है । उक्त सम्पवि कायागलय नगर पामलक मनगि इन्दौर के सम्पवि कर ववभाग िें वपन
निंबर / आय डी- 1004355577 पर प्रथिपक्ष के नाि दजग है । उक्त सम्पवि की चतुुःग सीिा
मनम्नानुसार है :-

पूवग िें :- बेक लाइन


पजिि िें :- आि रास्ता
उिर िे :- शुभि रायकवार का िकान
दजक्षण िें :- रािप्रसाद रायकवार का िकान
(2) यह द्वक, प्रथिपक्ष एविं द्वितीयपक्ष आपस िें वपता-पुत्री है । उक्त सम्पवि िें प्रथिपक्ष
स्वेच्छा से प्राकृ मतक स्नेहवश द्वितीयपक्ष को अपनी पुत्री होने से इस लेख के चरण क्रिािंक 1
(एक) िें वजणगत सम्पवि िें सह-स्वािी बनाने की घोषणा करते हैं । द्वितीयपक्ष के िारा इस लेख
पर अपने हस्ताक्षर कर मलजखत सहिमत प्रदान की जा रही है । अब चरण क्रिािंक 1 (एक) िें
उल्लेजखत सम्पवि प्रथिपक्ष व द्वितीयपक्ष के सिंयुक्त स्वामित्व एविं आमधपत्य की हो गई है ।
प्रथिपक्ष उक्त सम्पवि िें द्वितीयपक्ष के आमधपत्य की पुवि करते है ।

(3) यह द्वक, प्रथिपक्ष व द्वितीयपक्ष आज द्वदनािंक से चरण क्रिािंक 1 (एक) िें उल्लेजखत
सम्पवि के सह-स्वािी एविं आमधपत्यधारी हो गये है , जजसका अपनी स्वेच्छानुसार उपयोग -
उपभोग व अिंतरण कर सकेंगे। इसिें अन्य पक्ष को द्वकसी प्रकार की उजर आपवि करने का
अमधकार नहीिं होगा।

(4) यह द्वक, प्रथिपक्ष उक्त चरण क्रिािंक 1 (एक) िें उल्लेजखत सम्पवि के एकिात्र स्वामित्व
एविं आमधपत्यधारी होकर उन्हें द्वितीयपक्ष को उक्त सम्पवि िें सह-स्वािी बनाने का पूणग व
वैधामनक अमधकार प्राप्त है ।

(5) यह द्वक, प्रथिपक्ष एतद् िारा घोवषत एविं मनजित करते हैं द्वक उक्त सम्पवि सिस्त प्रकार
के भार, बोझ, अिंतरण से िुक्त होकर ऐसे द्वकसी भी अिंतरण व भार के मलए प्रथिपक्ष िारा कोई
मलखति आद्वद का मनष्पादन भी नहीिं द्वकया है तथा प्रथिपक्ष के स्वामित्व बाबद् द्वकसी भी प्रकार
का पाररवाररक या न्यायमयक वववाद वतगिान िें न्यायालय इत्याद्वद िें लिंवबत नहीिं है । उक्त
सम्पवि सवगभार िुक्त अवस्था िें है ।

(6) यह द्वक, भववष्य िें उक्त सम्पवि के िालकी बाबद् प्रथिपक्ष का कोई वाररस या हक्कदार
खड़ा होकर द्वितीयपक्ष को सह-स्वािी बनाये जाने बाबद् द्वकसी प्रकार का दावा झगड़ा करे गा या
द्वितीयपक्ष के कब्जे िें द्वकसी भी प्रकार की कोई आपवि लावेगा तो उसका मनराकरण प्रथिपक्ष
अपने स्वयिं के व्यय से करें गे। इस बाबद् प्रथिपक्ष द्वितीयपक्ष को द्वकसी भी प्रकार का कोई
हजाग-खचाग या नुकसानी लगने दे वेंगे नहीिं।

(7) यह द्वक, प्रथिपक्ष ने इजन्ियों के स्वस्थ व जस्थर बुवि की अवस्था िें द्वकसी अन्य के
रूमच द्वदलाने या द्वितीयपक्ष को सह-स्वािी बनाये जाने के मलए उकसाये जाने बगैर उपरोक्त
वजणगत सम्पवि तथा इससे सिंबिंध रखने वाले सिस्त स्वत्व व अमधकारों, सुखामधकारों (इसिेन्ट
राईट्स वप्रववलेजेस) के सद्वहत वबना द्वकसी धनरामश को प्राप्त द्वकये वबना द्वितीयपक्ष को उक्त
सम्पवि िें सह-स्वािी बनाया है । उभयपक्ष के िध्य द्वकसी प्रकार का कोई लेन-दे न नहीिं है ।
(8) यह द्वक, प्रथिपक्ष व द्वितीयपक्ष चरण क्रिािंक 1 (एक) िें उल्लेजखत सम्पवि के सिंयुक्त
स्वािी एविं आमधपत्यधारी होकर वे सदर सम्पवि िें बराबरी के अिंशधारी रहें गे। अतुः वे उक्त
सम्पवि का स्वेच्छानुसार उपयोग, उपभोग व अिंतरण करने के अमधकारी है ।

(9) यह द्वक, उक्त सम्पवि बाबद् दे य सिस्त टे क्सेस आज द्वदनािंक तक के प्रथिपक्ष दे वेंगे
आगे मलए प्रथिपक्ष एविं द्वितीयपक्ष को मिल कर दे ते जावेंगे। अब द्वितीयपक्ष अपना नािान्तरण
प्रथिपक्ष के साथ उक्त सम्पवि पर सिंबिंमधत ववभागों के रे काडग स एविं अमभलेखों आद्वद िें अपने
नाि भी करवा सकेंगे। द्वितीयपक्ष का नाि प्रथिपक्ष के साथ दाजखल होने िें प्रथिपक्ष के
हस्ताक्षर, बयान, उपजस्थमत आद्वद की आवश्यकता होगी प्रथिपक्ष, द्वितीयपक्ष को पूणग सहयोग
सहषग प्रदान करें गे।

(10) यह द्वक, उक्त सम्पवि के मलये उभयपक्ष के िध्य द्वकसी भी प्रकार का आमथगक लेनदे न
नहीिं हुआ है । उक्त सम्पवि के दस्तावेज का पिंजीयन करवाने हे तु िध्यप्रदे श शासन के अध्यादे श
द्वदनािंक 10 िाचग, 2003 पिात सिंशोमधत नवीन अध्यादे श के तहत तथा मनधागररत प्रद्वक्रया के
तहत एविं ¬प्रचमलत ववधानानुसार स्टाम्प ड्यूटी दी गई है ।

(11) यह द्वक, इस लेख िें चरण क्रिािंक 1 (एक) िें उल्लेजखत सम्पवि को सुववधा एविं
सिंजक्षप्तता की दृवि से उक्त सम्पवि शब्द से सम्बोमधत द्वकया जजसका स्पि अमभप्राय चरण क्रिािंक
क्रिािंक 1 (एक) िें उल्लेजखत सम्पवि से रहे गा।

उपरोक्तानुसार यह ववलेख प्रथिपक्ष ने अपनी राजीखुशी से, वबना नशा पानी द्वकये, पूणग होश
हवास िें, वबना धौंस दपट व दबाव के, शरीर एविं िन-िजस्तष्क की स्वस्थ हालत िें मनम्न दो
गवाहदारों के सिक्ष मनष्पाद्वदत कर द्वदया सो सही ताद्वक आवश्यकता पड़ने पर काि आवे।

उपरोक्तानुसार सह-स्वामित्व ववलेख का प्रारूपन प्रथिपक्ष एविं द्वितीयपक्ष ने स्वयिं के िारा


करवाकर सववगस प्रोवाईडर को उपलब्ध करवाया है , तथा प्रथिपक्ष एविं द्वितीयपक्ष के िारा
उपलब्ध करवाई गई जानकारी के आधार पर सववगस प्रावाईडर िारा सिंपदा साफ्टवेयर िें जानकारी
भरी है , तथा उक्त दस्तावेज एविं द्वदये गये अन्य दस्तावेजो को अपलोड़ द्वकया गया है , जजसकी
सिस्त जवाबदारी प्रथिपक्ष एविं द्वितीयपक्ष की रहे गी। उपरोक्त दस्तावेज को प्रथिपक्ष एविं
द्वितीयपक्ष ने उपने हस्ताक्षर से मनष्पाद्वदत द्वकया है , सो सही आवश्यकता पर काि आवे। इमत।
स्थान –इिं दौर

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