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केरल: भगवान का अपना देश

राजनी क केरला

नारयी जयन केरल के व मान


मु मं , जो 25 मई 2016 से सेवा
र ।केरल का गठन 1 नवंबर 1956 को
आ था। केरल उ री तरफ क टक से
रा आ , पू और द णी तरफ
त लना और प मी तरफ अरब सागर
से रा आ । केरला का फल
38,863 व लोमीटर ।
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केरला का इ हास

केरल श को पहली बार मगध के स ट अशोक रा


तीसरी शता ईसा पू रॉक लालेख केटलापुटो
(चेरस) के प द या गया था अशोक के समय
द ण भारत चार तं रा थे- मगध, चोल, पां
और स पु चे ने सभी मुख भूम और लाल सागर
के बंदरगा के साथ-साथ सु र पू के साथ अरब
सागर पार संबं पना करके केरल को
एक अंतररा य पार बदल या। प सी
चो और रा कू के बार-बार आ मण के बाद चेरस
का पतन आ।
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केरल का मुख भोजन

केरल का मुख भोजन चावल । मलयाली साग-स याँ,


मछली, मांस, अंडा इ से बनी स से लाकर
चावल खाना पस करते । गे , मैदा आ भी केरल को
य । यहाँ ऐसे पकवान य जो भाप पकाये जाते
या र तेल तले जाते । मीठी खीर भी यहाँ पस
जाती । कंदमू को पकाकर बनाये जाने वाले खा भी
यहाँ खाये जाते । आजकल केरल के खा पदा , खा
सं तथा पाक कला ऐसा प व न आया जो भारत
के अ के भाव का प णाम , ओप वे कता के
प णाम प शी भाव भी इसका कारण ।
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केरला पोशाक

केरल रा रहने वाले पु का पारंप क प धान


कसाव मुं । यह पोशाक मीण या रदराज के ब त
लोक य । यह पोशाक शम से बने कप का एक क ,
जो शम सीमा से 3 से 4 मीटर लंबा । पु ष लुग
ं ी या केली
भी पहनते , जो एक अनौपचा क पोशाक के प काम
करता ।केरल म लाओं रा पहना जाने वाला पारंप क
ं म ने यथम ।मुलायम रंग के कप पहने, केरल
प धान मुड
पारंप क पोशाक मुं , जो मूल प से एक कम कप के प
पहना जाने वाला एक यू से कप ।
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केरला सं
केरला सं ब त शाल Iइस कई
नृ , गीत और भाषाएं शा ल । केरल के
नृ कई पारंप क के साथ-साथ आ वासी नृ
भी शा ल । कथकली, मो नीअ म। इनके
अलावा केरल थेयम, कूथू, कृ ना म और
कू याटम का भी अ स या जाता । केरला के
गीत कथकली संगीत, मलयालम
संगीत, मा ला ख ऊ, कनाया लोक
गीत, ओटामथुललाल गीत, मलयालम पॉप
ु न ख ऊ, मं र संगीत । के ला 16
संगीत, पुलव
भाषाएं बोली जाती । इन से कुछ अरबी मलयालम,
क   कणी, मलयालम, त ल, तुल ु I
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केरल जलवायु
केरल जलवायु शेषता शीतल म
हवा और भारी व । मुख व काल
इडव अथवा प मी मानसून । सरा
व काल तुलाव म अथवा उ री-प मी
मानसून । क व करीब 120 से लेकर
140 नव होती । औसत वा क व
3017 ली मीटर मानी जाती । भारी व से
बा आती और जन-धन हानी भी होती ।
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केरल के लो का जीवन

केरल लोग पारंप क री - वा , सं ,ध ,


अनु और थाओं के ब त सुर क ।
मलया को अपनी समृ रासत और सं पर
ब तग । मलयाली लोग एक सरल, खुश और सीधी
जीवन शैली जीने को श करते । केरलवासी
हमेशा , और ता पर जोर ते ।
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र्मों
इस प योजना भाग लेने वाले

• मांशु
• तेश ठाकुर
• मांशु साबत
• ईशान वा व
• ईशान चौबे
• श जय घानी
• गौरेश मोटवानी
• सेन त मोर
सिं
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श्री
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स्त्री

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ध वाद !!
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