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राजभाषा की संवधै ानिक नथिनि पर चचाा करिे से पहले हमें इनिहास के कु छ पृष्ठ पलटिे होंगे।
हम सभी जाििे हैं कक हहंदी हमारे थविंत्रिा संग्राम से बहुि गहराई से जुडी हुई है। महात्मा
गांधी के जि-आंदोलि के साि-साि हहंदी से संपका भाषा के रूप में संपूर्ा भारि के दूर-दराज
के इलाकों िक पहुंच गई। उस समय नवनभन्न राजिैनिक संगठिों, धमों, संप्रदायोंके सामिे के वल
एक ही उद्देश्य िा, थविंत्रिा की प्रानि। इस महाि उद्देश्य के सामिे भाषायी संकीर्ािा ििा
क्षेत्रीयिा महत्वहीि हो गई िी। परं िु थविंत्रिाप्राि होिे ही जब संनवधाि निमाािाओं के समक्ष
थविंत्र देश की एक राजभाषा का निर्ाय करिे का समय आया िो इस नवषय पर कई मिभेद
उभर कर सामिे आिे लगे।थविंत्र भारि के संनवधाि सभा की पहली बैठक 9 कदसंबर, 1946
को हुई और लगािार दो ढाई वषा िक संनवधाि निमाार् का काया चलिा रहा। संनवधाि सभा में
राजभाषा पर िीि कदि िक लंबी बहस के पश्चाि 14 नसिंबर, 1949 को थविंत्र भारि के
संनवधाि में हहंदी को सवासम्मनि से राजभाषा का थिािदे कदया गया। संनवधाि के भाग 17 के
अिुच्छेद 343 से 351 िक राजभाषा संबंधी नवशेष प्रावधाि कदए गए हैं, जो इस प्रकार हैं :-
अिुच्छेद-346- संघ (कें द्र) और राज्य अिवा राज्यों के बीच संचार की भाषा :-
संघ के शासकीय प्रयोजिों के नलए उस समय प्रयुक्त/प्रानधकृ ि भाषा ही राज्य और संघ ििा
राज्यों के बीच संपका भाषा रहेगी। यकद दो या अनधक राज्य अपिी आपसी सहमनि से पत्राचार
में हहंदी का प्रयोग करिा चाहें िो कर सकिे हैं।
नवधाि मंडल में प्रयोग होिे वाली भाषा :- अिुच्छेद 210 :- भाग 17 में ककसी बाि के होिे हुए
भी, ककं िु अिुच्छेद 348 के उपबंधों के अधीि रहिे हुए, राज्य के नवधाि-मंडल में काया राज्य
की राजभाषा में या हहंदी में या अंग्रेजी में ककया जाएगा। परं िु यिानथिनि, नवधािसभा का
अध्यक्ष या नवधाि सभा का सभापनि अिवा ऐसे में काया करिे वाला व्यनक्त ककसी सदथय को,
अपिी मािृ भाषा में सदि को संबोनधि करिे की अिुज्ञा दे सकिा (यह अिुच्छेद जम्मू कश्मीर
पर लागू िहीं है)।जब िक राज्य का नवधाि- मंडल नवनध द्वारा अन्यिाउप बंध ि करें िब िक
इस संनवधाि में प्रारं भ से पंद्रह वषा की कालावनध की समानि के पश्चाि यह अिुच्छेद ऐसे प्रभावी
होगा मािो कक अंग्रेजी में ये शब्द उसमें से लुि कर कदए गए हैं।परं िु नहमाचल प्रदेश, मनर्पुर,
मेघालय और नत्रपुरा के राज्य नवधाि-मंडलों में यह खंड इस प्रकार प्रभावी होगा मािो कक उसमें
आिे वाले ''पंद्रह वषा'' शब्दों के थिाि पर '' पच्चीस वषा'' शब्द रख कदए गए हो।
संनवधाि की आठवीं अिु सूची में सनम्मनलि भाषाएं
(1) असनमया (2) उनडसा (3) उदूा (4) कन्िड
(5) कश्मीरी (6) गुजरािी (7) िनमल (8) िेलग
ु ु
(9) पंजाबी (10) बँगला (11) मराठी (12) मलयालम
(13) संथकृ ि (14) हसंघी (15) हहंदी (16) मनर् पुरी
(17) िेपाली (18) कोंकर्ी (19) संिाली (20) बोडो
(21) डोंगरी (22) मैनिली