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अभ्यास 1: प्रश्न 1–6

‘सरोजि्नी ्नया्डू’ आलेख को ध्या्नपूरक


्व पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

सरोजिनी नायडू, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अधयक्ष और स्वतंत्र भारत में उत्तर प्रदरे श की राजयपाल बननरे
्वालरी पहलरी महहला थीं। उनका िनम 13 फर्वररी, 1879 को हुआ था, पपता अघोरनाथ चट्ोपाधयाय एक
्वैज्ाननक और है दराबाद करे ननजाम कॉलरेि करे संसथापक थरे तथा माँ बरदा संद ु ररी दरे ्वी प्रससद्ध बंगालरी क्वनयत्री
थीं। 16 साल की उम्र में ्वरे छात्र्वपृ त्त लरेकर ककंगस कॉलरेि, लंदन और ग््ट न कॉलरेि, कैजब्रिि में अधययन
करनरे करे सलए गईं। एक रािनीनतक काय्टकता्ट होनरे करे अला्वा ्वह एक प्रससद्ध क्वनयत्री और गीतकार भी
थीं। उनहोंनरे बचचों की कप्वताएँ सलखनरे करे साथ हरी दरे शभज्त, रूमाननयत और त्रासदरी िैसरे प्वषयों पर गंभीर-
सं्वरेदनापर
ू ्ट कप्वताएँ भी सलखीं।

प्रससद्ध लरेखखका, सश ु ीला नैयर नरे भारत करे पन


ु िा्टगरर पर सलखी अपनी पस ु तक में सरोजिनी नायडू को ‘एक
िनमिात कप्व और अंग्रेजी भाषा में अतयंत सक्षम’ बताया। उनकरे कप्वता संग्ह ‘द गोलडन थ्रेशोलड’, ‘द बड्ट
ऑफ ्ाइम’ और ‘द रिोकन प्वंग’ को अतयंत प्रशंसा समलरी। उनकी कप्वताओं और गीतों करे सलए महातमा गाँ्धी
नरे उनहें ‘नाइह्ंगरेल ऑफ इंडडया’ की उपाध्ध दरी। सरोजिनी करे साथ सश ु ीला नैयर की पहलरी मलु ाकात आग़ा
ख़ान महल करे िरेल-सशप्वर में हुई थी िहाँ सरोजिनी और महातमा गाँ्धी रािनीनतक बंदरी थरे। िरेल-सशप्वर में
सरोजिनी की हदनचया्ट सब ु ह करे भोिन की वय्वसथा करकरे सभी को ठीक सरे खाना खखलानरे की थी। उसकरे बाद
्वरे सनान करकरे बरामदरे में बैठकर बगीचरे की दरे खररे ख करतीं ताकक ्वरे प्रकृनत का आनंद लरे सकें। उनका मानना
था कक हदनचया्ट का पालन करनरे सरे मनोबल बनाए रखनरे में मदद समलती है ।

िरेल-सशप्वर में बबताए 21 महरीनों की अ्वध्ध में सरोजिनी नरे महातमा गाँ्धी करे साथ आतमीयता सथापपत की।
्वरे अ्सर उनहें ‘समकी माउस’ पक ु ारती थीं। महातमा गाँ्धी सरे िरेल में हुई पहलरी मलु ाकात का ्वर्टन करतरे हुए
उनहोंनरे सलखा, ‘मंड ु रे ससर ्वाला एक छो्ा आदमी, िरेल करे फश्ट पर बबछरे एक कालरे कंबल पर बैठ कर काठ करे
क्ोररे सरे पपसरे हुए ्मा्र और िैतन ू का तरेल खा रहा था। उसकरे चारों ओर भन ु ी हुई मंग
ू फलरी करे कुछ डडबबरे
थरे और सख ू रे कचकरेलरे करे आ्रे करे स्वादहरीन बबसकु्। एक ऐसरे प्रससद्ध नरेता करे इस मनोरं िक और अप्रतयासशत
रूप पर सहि रूप सरे मरेररी हँसी फू् पड़ी जिनका नाम हमाररे दरे श में पहलरे सरे हरी एक घररे लू शबद बन चक ु ा था।’

्वरे स्वतंत्रता संग्ाम करे सबसरे प्रमख


ु नरेताओं में सरे एक थीं। उनकरे गरु ु गोपाल कृष्र गोखलरे नरे उनकरे अंदर
दरे श करे सलए लड़नरे का प्रोतसाहन और दरे शभज्त की आग प्रज्वसलत की। उनकरे कथन, ‘ससतारों, पहाडड़यों और
ग्वाहों करे साथ मरेररे साथ यहाँ खड़ी रहो और उनकी उपजसथनत में अपनरे िी्वन, अपनी प्रनतभा, अपनरे गीत,
अपनरे भाषर, अपनी सोच और अपनी साँसों सरे मातभ ृ सू म का असभषरेक करो’, को सरोजिनी नरे अपनरे िी्वन का
लक्य बनाया।

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1 सरोजिनी नायडू की रािनीनतक उपलजब्ध ्या थी?

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2 उनहोंनरे अपनी माँ करे ककस गुर का अनुसरर ककया?

..................................................................................................................................................... [1]

3 सरोजिनी नायडू िरेल में अपना मनोबल बनाए रखनरे करे सलए ्या करती थीं?

..................................................................................................................................................... [1]

4 महातमा गाँ्धी सरे उनकी भरे् कहाँ और कैसरे हुई थी?

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..................................................................................................................................................... [2]

5 सरोजिनी नायडू को दरे श सरे्वा की प्ररेररा ककससरे समलरी?

..................................................................................................................................................... [1]

6 सरोजिनी नायडू करे संसमरर सरे ग़ाँ्धी िी करे वयज्तत्व की ककन 2 प्वशरेषताओं पर प्रकाश पड़ता है ?

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..................................................................................................................................................... [2]

[पूराांक 8]

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अभ्यास 2: प्रश्न 7–15

‘कृत्रिम बद
ु ्धि’ आलेख को ध्या्नपर
ू क
्व पढ़िए और पछ
ू े गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

A कृबत्रम बदु ध्ध या एआई मशीनों को मान्व बद ु ध्ध की तरह सोचना और काम करना ससखाती है । यह संज्ा
उन मशीनों पर लागू होती है जिनमें मनष्ु य की तरह सीखनरे और समसया सल ु झानरे का कौशल होता है ।
कृबत्रम बुदध्ध इस ससद्धांत पर आ्धाररत है कक मान्व बुदध्धमत्ता को कुछ ऐसरे सूत्रों में ढाला िा सकता है
जिनकी नकल करकरे मशीनें सरल काययों सरे लरेकर अतयंत िह्ल काययों तक को आसानी सरे ननष्पाहदत कर
सकती हैं। कृबत्रम बुदध्ध करे िररए कंपयू्र या मशीनों को इस तरह सरे बनानरे की कोसशश की िा रहरी है
कक ्वरे इंसानों द्वारा ककए िानरे ्वालरे काय्ट आसानी सरे कर सकें और उनकी तरह ननर्टय लरेनरे, सहरी-ग़लत
की समझ, इंसानों की पहचान करना इतयाहद काय्ट आसानी सरे कर सकरे। अथा्टत इन मशीनों को इंसानों
िैसा हदमाग हदया िा रहा है ताकक ्वरे इंसानों की तरह ननर्टय भी लरे सकें।

B कृबत्रम बुदध्ध करे आप्वष्कारक अमररीकी कंपयू्र और बो्ध ्वैज्ाननक िॉन मैकाथथी थरे। उनहोंनरे 1955 में
अपनरे सहकमथी माप्व्टन समनसकी, हब्ट््ट साइमन और एलरेन नरे्वरेल करे साथ समलकर कृबत्रम बुदध्ध सरे िुड़रे
अनस ु ं्धान की सथापना करकरे सन 1956 में डा््ट माउथ कॉलरेि में इस प्वषय पर काय्टशाला का आयोिन
ककया था। उनकरे द्वारा शरू ु ककया गया काय्ट ्वैज्ाननकों नरे अभी तक िाररी रखा है और िॉन मैकाथथी
की सोच को एक नया आयाम हदया है । 1955 में िॉन नरे िब इस पर काय्ट शुरू ककया था उस समय
तकनीक में इतना प्वकास नहरीं हुआ था। लरेककन अब उननत एलगोररदम, कंपयूह्ंग पा्वर और स्ोररे ि
में सु्धार करे कारर कृबत्रम बुदध्ध को लोकपप्रय और कामयाब बनाया िा सका है । कृबत्रम बुदध्ध को
प्रौदयौधगकी की प्रगनत करे रूप में पररभापषत करनरे ्वालरे प्रारं सभक मानक अब पुरानरे हो गए हैं।

C कृबत्रम बद ु ध्ध हमाररी िी्वन-शैलरी बदल सकती है । स्वास्थय-दरे खभाल, न्व ननमा्टर, खरेल, अंतररक्ष स्रे शन
और बैंककंग िैसरे हर क्षरेत्र में कृबत्रम बद ु ध्ध करे प्रयोग हो रहरे हैं। इस तकनीक की मदद सरे हरी आि
मान्व-रहहत गाड़ी या प्वमान चलना संभ्व हो पाया है । धचककतसा और स्वास्थय करे क्षरेत्र में सबसरे अध्धक
बदला्व आनरे ्वाला है । बीमाररयों की समय सरे पहलरे पहचान, बरेहतर ननदान, द्वाओं का प्वकास और शलय
धचककतसा िैसरे िह्ल तकनीकी क्षरेत्रों का कायाकलप होगा। कृबत्रम बद ु ध्ध पर आ्धाररत एक उपकरर बचचों
करे चरेहररे करे धचत्रों को दरे खकर त्वचा और आँखों करे रोग सहहत नबबरे तरह की बीमाररयों का ननदान कर
सकता है । इसी प्रकार आँख करे धचत्रों की शख ं ृ ला करे आ्धार पर मोनतयाबबंद और आँख की अनय बीमाररयों
की आशंका करे बाररे में ्वषयों पहलरे बताया िा सकता है । डरेनमाक्ट करे डॉ््रों नरे एक ऐसा सॉफ््वरेयर बनाया
है जिससरे ्वरे ्रे लरीफोन पर वयज्त की आ्वाज सन ु कर बता सकतरे हैं कक उसको हदल का दौरा पड़ा होगा
या पड़ रहा है । धचककतसा करे क्षरेत्र की तरह खरेलों में कृबत्रम बद ु ध्ध का उपयोग खरेल-क्षरेत्र की जसथनत और
ररनीनत को अनक ु ू ल बनानरे में ककया िाता है । खरेल को बरेहतर ढं ग सरे खरेलनरे करे साथ-साथ कोच को खरेल
की ररनीनत करे बाररे में सझ ु ा्व भी हदए िातरे हैं। इसकरे अला्वा अंतररक्ष सरे िड़ु ी खोिों में भी इस तकनीक
का इसतरेमाल ककया िा रहा है ।

D यह सच है कक कृबत्रम बुदध्ध की ्विह सरे ऐसी मशीनरे बन सकेंगी िो साररे काम तरेज गनत सरे करकरे
इंसान का काम आसान कर दें गी। पर इसका नकारातमक प्रभा्व लोगों की आिीप्वका पर होगा। अगर इस
तरह की मशीन बनाई िाती है , िो लोगों की तरह सोचनरे की क्षमता रखती है और बबना थकरे कोई भी
काय्ट कर सकती है तो ऐसी जसथनत में यरे मशीनें लोगों की िगह लरे लेंगी। मशीनों पर ननभ्टरता वयज्त
को एक ओर आलसी बना दरे गी और दस ू ररी ओर उसकी सोचनरे की क्षमता पर असर डालरेगी। यहद कृबत्रम
बुदध्ध मान्व की सा्धारर बुदध्ध सरे आगरे ननकल गई तो मान्व करे सलए उस पर ननयंत्रर करना कहठन
या असंभ्व भी हो सकता है ।

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्नीचे ढ़दए गए प्रश्नों (7–15) के उत्तर दे ्ने के ललए उ्नके ्नीचे ढ़दए गए अ्नुचछे दों (A से D) में से सही अ्नुचछे द
च्न
ु कर उसके सयाम्ने के कोष्ठक में सही कया न्नशया्न लगया कर बतयाएँ कक कौ्न सया अ्नुचछे द ककस रकतव् से
समबबं्धित है । अ्नुचछे दों को एक से अ्धिक बयार चु्नया िया सकतया है ।

उदयाहरण:

कृबत्रम बद
ु ध्ध करे आप्वष्कारक िॉन मैकाथथी थरे।

A B 3 C D

7 कृबत्रम बुदध्ध करे अनुप्रयोग सरे िी्वन करे सभी क्षरेत्र प्रभाप्वत हो रहरे हैं।

A B C D [1]

8 प्रौदयौधगकी करे प्वकास करे साथ कृबत्रम बुदध्ध की पररकलपना में बहुत प्वकास हुआ है ।

A B C D [1]

9 कृबत्रम बुदध्ध की मशीन सरे सरल सरे लरेकर कहठन काम तक ककए िा सकतरे हैं।

A B C D [1]

10 कृबत्रम बद
ु ध्ध पर अनतशय ननभ्टरता इंसान करे बौदध्धक प्वकास में बा्धक हो सकती है ।

A B C D [1]

11 कृबत्रम बुदध्ध करे उपयोग बीमाररयों करे उपचार में सहायक हैं।

A B C D [1]

12 इंसान करे सलए आ्वशयक है कक ्वह कृबत्रम बुदध्ध का सरे्वक नहरी स्वामी बना रहरे ।

A B C D [1]

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13 मशीनरे अब इंसान की तरह सहरी ग़लत का ननर्टय कर सकती हैं।

A B C D [1]

14 मशीनीकरर सरे बरेरोजगाररी की समसया बढ़नरे की संभा्वना है ।

A B C D [1]

15 खरेल करे मैदान में कृबत्रम बुदध्ध नरे खखलाडड़यों की सोच को प्रभाप्वत ककया है ।

A B C D [1]

[पूराांक 9]

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अभ्यास 3: प्रश्न 16–19

‘प्रदष
ू ण के नछपे ख़तरे ’ के बयारे में छपे इस लेख को ध्या्न से पिें ।

प्रदपू षत ह्वा करे प्वषय में चचा्ट करतरे समय हम अ्सर वयसत सड़कों पर चलनरे ्वालरी गाडड़यों और कारख़ानों
सरे ननकलनरे ्वालरे ्धए ु ँ करे बाररे में सोचतरे हैं। लरेककन कुछ सबसरे ननक्सथ खतररे हमाररी चारदरी्वाररी करे भीतर
पाए िातरे हैं। आमतौर पर ्वाय-ु प्रदष ू र यातायात और कारखानों करे कारर माना िाता है । लरेककन घरों और
काय्टसथलों करे अंदर का प्रदष ू र उतना हरी हाननकारक हो सकता है । घर करे अंदर कई तरह करे प्रदष ू र होतरे हैं।
हाल करे दशकों में , आ्धनु नक घरों में कृबत्रम भ्वन-ननमा्टर सामग्ी करे बढ़तरे उपयोग करे कारर कई रसायन
पायरे िातरे हैं। इसकरे अला्वा, अध्धकाध्धक ऊिा्ट-संरक्षक इमारतों को प्राथसमकता दरे नरे सरे घर करे अंदर की ्वायु
की गर ु ्वत्ता पर नकारातमक प्रभा्व पड़ा है । िैसरे-िैसरे इमारतों में ्वायस
ु ंचार करे रासतरे बंद होतरे िातरे हैं, प्रदष
ू क
तत्व घर करे बाहर नहरीं ननकल पातरे हैं। स्वसथ रहनरे करे सलए घर करे अंदर की ह्वा की गर ु ्वत्ता पर धयान दरे ना
जरूररी है ।

हम अपना लगभग 85% समय घर करे अंदर बबतातरे हैं िहाँ ताप, खाना पकानरे, ्वायस ु ंचार की कमी, सीलन,
कृबत्रम ननमा्टर सामग्ी करे रसायन, ्वाहनों सरे ननकलनरे ्वालरे ्धएु ँ, ्धल
ू करे कर और फफँू द िैप्वक तत्वों सरे
्वायु प्रदपू षत होती है । ्धलू करे कर और अनय िैप्वक प्रदष ू क एज्िमा िैसरे त्वचा रोग और दमा िैसरे श्वास
रोग करे कारर बन सकतरे हैं। हाल हरी में एक पया्ट्वररीय अधययन करे तहत पाया गया कक घर करे अंदर सक् ू म
्धल
ू करों का सतर बाहर की तल ु ना में औसतन साढ़रे तीन गनु ा अध्धक होता है । उसकरे पररराम स्वरूप हुए
्वायु प्रदषू र को कई स्वास्थय संबं्धी समसयाओं करे सलए जिब्मरेदार ठहराया िा सकता है । यह दरे खतरे हुए कक
घर करे अंदर ककतना अध्धक समय बबताया िाता है , अंदर करे ्वायस ु तर पर गंभीरता सरे प्वचार स्वास्थय-संबं्धी
बातचीत का महत्वपर ू ्ट हहससा बनाना आ्वशयक है । यह बाहररी ्वायु प्रदषू र सरे कुछ हद तक अलग है ्योंकक
लब्बरे समय तक प्वसभनन रसायनों करे संपक्ट में रहना वयसत सड़क पर कुछ समय करे सलए चलनरे करे िोखख़म
सरे कहरीं अध्धक है ।

स्वसथ रहनरे करे सलए अपनरे रहनरे की िगह को स्वचछ रखना आ्वशयक है । लरेककन अपनरे परर्वरेश को साफ
रखनरे करे सलए रासायननक सप्ररे की बोतल उठानरे सरे पहलरे उसकरे भीतर करे समशर की िानकाररी लरेना आ्वशयक
है । घरों करे दै ननक सफ़ाई उतपादों और गददरे , मोमबपत्तयां, कालरीन, फनथीचर और रं ग आहद पदाथयों में ्वाय्व ु ाहहत
रसायन पाए िातरे हैं। सफ़ाई उतपादों का उपयोग कर हम अनिानरे में अपनरे घरों में उन रसायनों को प्रप्वष््
करतरे हैं। उनसरे उतसजि्टत गैसें घरों या काया्टलयों में िमा होकर ्वायु को प्रदपू षत कर सकती हैं। ्वैज्ाननकों
का मानना है कक इन रसायनों का समशर परु ु ष प्रिनन क्षमता और महहला कैं सर का कारर बन सकता है ।
हम रसायनों सरे जिस प्रदपू षत ्वायु में हर समय श्वास लरेतरे हैं, उसकरे बाररे में कभी नहरीं सोचतरे। घर करे भीतर
करे ्वाता्वरर सरे संबंध्धत कानन ू भी सशधथल हैं। यदयपप अभी इसका ततकाल और प्रतयक्ष प्रभा्व न भी हदखरे
पर इसकरे दरू गामी दष्ु प्रभा्व अ्वशयंभा्वी हैं। इस प्वषय की परू री िानकाररी प्रापत करना न करे्वल स्वयं करे सलए,
बजलक आनरे ्वालरी पीढ़री करे प्रनत भी एक उत्तरदानयत्वपर ू ्ट कदम होगा।

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घर करे अंदर उपजसथत ्वायु प्रदष ू र, ्धूलकर आहद सरे बचचों को सबसरे जयादा ख़तरा होता है । यह तब शुरू
होता है िब एक छो्ा बचचा फश्ट पर घु्नों चलना सीखता है । ्वह सफाई करे सलए इसतरेमाल होनरे ्वालरे इन
सभी रसायनों में श्वास लरेता है । गभा्ट्धान सरे लरेकर कैशौय्ट अ्वसथा तक फरेफड़रे और मजसतष्क िैसरे प्रमुख
अंगों का प्वकास िाररी रहता है । ऐसरे में यरे अंग प्रदष ू र करे प्रभा्वों करे प्रनत प्वशरेष रूप सरे सं्वरेदनशील होतरे है ।
उनकरे स्वसथ और सब्यक प्वकास करे सलए प्रदष ू क तत्वों करे संपक्ट में आनरे सरे बचा्व आ्वशयक है । बचचों करे
स्वास्थय करे सलए यह सबसरे महत्वपूर्ट है । उनहें खुलरी िगह में लरे िाना चाहहए ताकक उनकरे फरेफड़ों को ताजी
ह्वा पोपषत कर सकरे। इन हदनों बचचरे शाररीररक रूप सरे कम सकरिय होतरे हैं और अध्धकतर घर की चारदरी्वाररी
में बंद िी्वन िीतरे हैं। उनकरे मनोरं िन करे पप्रय सा्धन कब्पयू्र और ्वीडडयो गरेम भी उनहें शाररीररक रूप सरे
ननजष्रिय बनातरे हैं। इसका एक कारर यह हो सकता है कक उनकरे आसपास कोई सा्व्टिननक उदयान या खरेलनरे
करे सलए कोई खुलरी िगह न हो या ्वरे सुरक्क्षत महसूस नहरीं करतरे हों। भीतररी प्रदष ू र करे हाननकारक प्रभा्वों सरे
बचनरे करे सलए हमें ्वायु-प्रदपू षत करनरे ्वालरे रासायननक द्रवयों सरे यु्त पदाथयों करे बदलरे प्राकृनतक पदाथ्ट खोिनरे
होंगरे और स्ववोपरर अपनी सोच बदलनी होगी।

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अभ्यास 3: प्रश्न 16–19

‘प्रदष
ू ण के नछपे ख़तरे ’ आलेख के आधियार पर ्नीचे ढ़दए गए प्रत्ेक शीष्वक (16–19) के अबंतग्वत सबंक्षिपत ्नोट
ललखें।

16 प्रदष
ू र करे बाररे में अलग-अलग सोच

• .................................................................................................................................

• ............................................................................................................................ [2]

17 घर करे अंदर प्रदष


ू र करे कोई 3 कारर

• .................................................................................................................................

8 • .................................................................................................................................

• ............................................................................................................................ [3]

18 छो्रे बचचों पर रासायननक समशरों करे दरू गामी दष्ु प्रभा्व और उनसरे बचनरे करे उपाय

• .................................................................................................................................

• .................................................................................................................................

• ............................................................................................................................ [3]

19 घर को स्वचछ रखनरे करे सलए रासायननक समशर करे प्वकलप

• ............................................................................................................................ [1]

[पूराांक 9]

अभ्यास 4 में आप आलेख और अप्ने ्नोटस के आधियार पर उसकया सयारयाबंश ललखेंगे।

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अभ्यास 4: प्रश्न 20

अभ्यास 3 के आलेख ‘प्रदष ू ण के नछपे खतरे ’ में बयाहरी रयातयाररण की अपेषिया घर के अबंदर उपज्थित प्रदष
ू क-ततरों
की ओर ध्या्न ढ़दलया्या ग्या है । अभ्यास 3 के आलेख और अप्ने ब्नयाए ्नोटस के आधियार पर उसके कयारणों और
दषु प्रभयारों सढ़हत आलेख कया सयारयाबंश ललखें।

आपका सारांश अध्धकतम 100 शबदों में होना चाहहए।

आप यथासंभ्व अप्ने शबदों में सलखें।

आपको अबंतर्व्तु के ललए अध्धकतम 4 अंक और सटीक एरबं सबंक्षिपत भयाषया-शैली के ललए अध्धकतम 6 अंक हदए
िाएंगरे।

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[पूराांक 10]
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अभ्यास 5: प्रश्न 21

आपके शहर में रषया्व ्न हो्ने से िल-सबंकट हो्ने की सबंभयार्नया है । पया्नी बचया्ने के ललए कोई ती्न उपया् सझ
ु याते हुए
एक ्नोट ललखें। आपके ्नोट में न्नम्नललखखत बयातें सजममललत हो्नी चयाढ़हए:

1 ्वषा्ट करे अभा्व की ्वत्टमान जसथनत


2 इसकरे संभाप्वत पररराम
3 िल-संरक्षर करे उपाय

आपकया ्नोट लगभग 120 शबदों में हो्नया चयाढ़हए।

आपको 3 अंक अबंतर्व्तु के ललए और 5 अंक सटीक भयाषया एरबं शैली करे सलए हदए िाएँगरे।

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अभ्यास 6: प्रश्न 22

लशषिया कया उददे श् केरल अचछे रोज़गयार ्नहीबं बज्क बौद्धिक वरकयास है ।

आप कहाँ तक इस मत सरे सहमत हैं? अपनरे प्वचारों को समझातरे हुए सकूल पबत्रका करे सलए अपना लरेख लगभग
200 शबदों में सलखखए। आपका लरेख प्वषय सरे सब्बंध्धत िानकाररी पर करेजनद्रत होना चाहहए।

लशषिया अचछे रोज़गयार तक लशषिया बौद्धिक वरकयास


पहुँच्ने की सीिी में सहया्क

ऊपर दी गई ढ़टपपखण्याँ आपके लेख्न के ललए ढ़दशया प्रदया्न कर सकती हैं। इ्नके मयाध्म से आप अप्ने
वरचयारों को वर्तयार दीजिए।

सलखखत प्रसतुनत पर अबंतर


्व ्तु करे सलए 8 अंक तक और सटीक भयाषया के ललए भी 8 अंक तक हदए िाएँगरे।

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