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राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिधनयम 2001


(संशोधित 2023 तक)
एवं
राजस्थान सहकारी सोसाइटी धनयम 2003
Note: ACT and Rules याधन अधिधनयम एं ड धनयम एक साथ जुड़े हुए है धजन्हें
एक साथ पढ़कर ही समझा जा सकता है.... rules को समझा जाये तो एक्ट का
धवस्तार या उसे आगे बढ़ाने का एक तरीका है ....सािारण भाषा में कहां जाये तो
Act/ िारा को रूल्स पढ़े धबना पू रा नही ं समझा जा सकता.....

हमने पू रा एक्ट इसी तरह से पढाया धजससे कई जगह दोनों में अगर अंतर भी आ
रहा हो तो उसे आपके समक्ष रख सके

अध्याय-3
सहकारी सोसाइधटयों के सदस्य और उनके
अधिकार तथा दाधयत्व

15. सदस्यता- (1) निम्ननिखित को नकसी सहकारी सोसाइटी के सदस्य के रूप में
सखिनित नकया जा सकेगा, अर्ाा त् :

(क) भारत का कोई भी िागररक जो

(i) 18 वर्ा की आयु पूरी कर िेता है ;

(ii) स्वस्र्नित्त का है ;
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(iii) तत्समय प्रवृत्त और उस पर िागू नकसी नवनि द्वारा संनवदा करिे से निरनहत िहीं है ;

(iv) सोसाइटी की सेवाओं का उपयोग करिे का इच्छु क है ; और ि

(v) ऐसी सदस्यता से सं बद्ध उत्तरदानयत्ों और दानयत्ों को स्वीकार करिे के निै तै यार
है ;

(ि) कोई भी अन्य सहकारी सोसाइटी;

(ग) राज्य सरकार; या

(घ) ऐसा कोई भी अन्य व्यनि, निकाय या स्र्ािीय प्रानिकारी, जो नवनहत नकया जाये:

परन्तु कोई व्यनि भूनम नवकास बैंक से नभन्न नकसी नवत्तीय बैंक या नकसी ऐसे वगा की
सहकारी सोसाइटी की सदस्यता का पात्र िहीं होगा जो इस निनमत्त नवनहत नकया जाये:

परन्तु यह और नक नकसी नवद्यािय या महानवद्यािय के छात्रों के फायदे के निै अिन्य


रूप से बिाई गई नकसी सोसाइटी में आयु संबंिी शता िागू िहीं होगी:

परन्तु यह भी नक ऐसी नकसी सोसाइटी की, जो मनहिाओं के फायदे के निै अिन्य


रूप से बिायी गयी हो, उपनवनियां पुरुर् व्यनियों की सदस्यता को निबानित कर सकेंगी।

(2) नकसी सहकारी सोसाइटी के सदस्य रूप में सखिनित होिे के निै आवेदि उस
सहकारी सोसाइटी की सनमनत को नकया जा सकेगा। ऐसी सनमनत आवेदि प्राखि से तीस
नदि की कािावनि के भीतर-भीतर आवेदि पर नवनिश्चय करे गी और अपिे नवनिश्चय से
आवेदक को संसूनित करे गी और जहां आवेदि िामंजूर कर नदया जाये वहां उक्त
कािावनि के भीतर-भीतर ऐसी िामंजूरी के कारणों से आवेदक को संसूनित करिा भी
सनमनत के निै आवश्यक होगा।

(3) यनद सनमनत-

(i) सदस्य के रूप में सखिनित होिे के आवेदि को िामंजूर करती है तो ऐसी िामंजूरी
के नवरुद्ध अपीि रनजस्ट्रार को हो सकेगी जो उस सोसाइटी को सुिवाई का युखक्तयुक्त
अवसर दे िे के पश्चात् इस अनिनियम और नियमों तर्ा उपनवनियों के उपबंिों के
अिुसार आवेदि पर नवनिश्चय करे गा और उसका नवनिश्चय अखन्तम तर्ा उस सोसाइटी
पर आबद्धकर होगा;

(ii) उप-िारा (2) के अिीि अपिा नवनिश्चय या िामंजूरी के कारण उसमें नवनिनदा ि समय
के भीतर-भीतर संसूनित करिे में नवफि रहती है तो आवेदक ऐसे समय की समाखि से
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साठ नदि की कािावनि के भीतर-भीतर अपिे आवेदि पर नवनिश्चय के निै रनजस्ट्रार


को समावेदि कर सकेगा, नजसका निपटारा उसी रीनत से नकया जायेगा मािो वह िण्ड
(i) के अिीि कोई अपीि है ।

16. सदस्यता की समाप्ति- (1) कोई व्यखक्त , सोसाइटी की सदस्यता से अपिा


त्यागपत्र दे िे पर उसकी स्वीकृनत पर या उसकी मृत्यु पर , सदस्यता से हटाये जािे या
निष्कासि पर या इस अनिनियम , नियमों या सोसाइटी की उपनवनियों में नवनिनदा ि
नकन्ीं निरहा ताओं से ग्रस्त होिे पर, उसका सदस्य िहीं रहे गा। सदस्यता की ऐसी
समाखि पर सोसाइटी, सोसाइटी की शे यर पूूँजी में ऐसे सदस्य का शे यर या नहत, उसके
निै ऐसी रीनत से, जो नवनहत की जाये, अविाररत मूल्य का संदाय करके अनजात कर
सकेगी।

(2) ऐसा कोई सदस्य, नजसका कारोबार सोसाइटी के कारोबार के नवरुद्ध या प्रनत्परिाा
में है या जो सािारण निकाय की बैठक में िगातार तीि वर्ा तक नकसी भी युखक्तयुक्त
कारण के नबिा उपखस्र्त िहीं हुआ है या जो अपिे दे यों का संदाय करिे में बारबार
व्यनतक्रम कर रहा है या जो सोसाइटी की सेवाओं का न्यू ितम आवश्यक उपयोग करिे
के संबंि में या सोसाइटी के सार् अन्य व्यवहार करिे के संबंि में उपनवनियों के उपबंिों
का पािि करिे में नवफि रहा है या नजसिे , सनमनत की राय में, सोसाइटी को बदिाम
नकया है या ऐसा कोई अन्य काया नकया है जो सोसाइटी के नहत या समुनित कायाकरण
के निै अनहतकर है तो, उस प्रयोजि के निै बुिाये गये सािारण निकाय के समक्ष उसे
अपिा मामिा अभ्यावेनदत करिे का अवसर दे िे के पश्चात् ऐसे सािारण निकाय की
बैठक में नवनहत रीनत से पाररत नवशे र् संकल्प द्वारा, सदस्यता से हटाया या निष्कानसत
नकया जा सकेगा।

17. नाममात्र का तथा सहयुक्त सदस्य- (1) िारा 15 में अन्तनवाि नकसी बात के होते
हुै भी, कोई सहकारी सोसाइटी-

(i) व्यखक्तयों के नकसी नवनहत वगा या नवनहत नकसी स्र्ािीय प्रानिकारी या नकसी
स्वसाहाय्य समूह को िाममात्र के सदस्य के रूप में ; या

(ii) सोसाइटी के नकसी नवनहत वगा के नकसी सदस्य की पत्नी/पनत को सहयुक्त सदस्य के
रूप सखिनित कर सकेगी।
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(2) िाममात्र का या सहयुक्त सदस्य ि तो सोसाइटी की आखस्तयों या िाभों में नकसी भी


प्रकार के नकसी भी शे यर का हकदार होगा, ि उसे सोसाइटी के कायाकिापों में मत दे िे
का अनिकार होगा; नकन्तु उसे नकसी सदस्य के ऐसे अन्य अनिकार होंगे और वह ऐसे
दानयत्ों के अध्यिीि होगा जो इस अनिनियम, नियमों या सोसाइटी की उपनवनियों में
नवनिनदा ि नकये जायें और सदस्यता से संबंनित इस अनिनियम, नियमों और उपनवनियों
के समस्त उपबंि उस पर िागू होंगे।

18. दे य का संदाय न धकये जाने तक सदस्य द्वारा अधिकारों का प्रयोग न धकया


जाना- सहकारी सोसाइटी का कोई भी सदस्य, सदस्य के अनिकारों का प्रयोग तब तक
िहीं करे गा जब तक नक उसिे सोसाइटी को सदस्यता के संबंि में ऐसे संदाय ि कर
नदये हों या सोसाइटी में ऐसा नहत अनजात ि कर निया हो जो उपनवनियों में नवनिनदा ि
नकया जाये।

19. सदस्यों के मत- नकसी सोसाइटी के, िाममात्र के और सहयुक्त सदस्य से नभन्न,
प्रत्येक सदस्य को ैक मत दे िे का हक होगा।

20. मत प्रयोग की रीधत - (1) सहकारी सोसाइटी का प्रत्येक सदस्य अपिे मत का


व्यखक्तश: प्रयोग करे गा और नकसी भी सदस्य को परोक्षी से मत दे िे की अिुज्ञा िहीं दी
जायेगी।

(2) उप-िारा (1) में अन्तनवाि नकसी बात के होते हुै भी,

(क) नकसी सहकारी सोसाइटी का, जो नकसी अन्य सहकारी सोसाइटी का सदस्य हो,
इस अनिनियम के अिीि बिाये गये नकन्ीं नियमों के अध्यिीि रहते हुै, उस अन्य
सोसाइटी के कायाकिाप में उसकी ओर से मत दे िे के निये प्रनतनिनित् उसके अध्यक्ष
द्वारा या, उसकी अिुपखस्र्नत में उपाध्यक्ष या [इस अनिनियम के तहत] नियुक्त प्रशासक
द्वारा नकया जाैगा ;

(ि) जहां सरकार या कोई स्र्ािीय प्रानिकारी या कोई निकाय नकसी सहकारी सोसाइटी
का सदस्य है वहां वह ऐसी सोसाइटी के कायाकिापों में अपिी ओर से मत दे िे के निै
कोई प्रनतनिनि िामनिनदा ि कर सकेगा।
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21. शेयर िारण करने पर धनबबन्धन- नकसी सहकारी सोसाइटी का व्यनिक सदस्य
सोसाइटी की कुि शेयर पूूँजी के अनिकतम पां िवें भाग तक ही शे यर िारण कर
सकेगा।

• परन्तु नकसी अरबि को-आपरे नटव बैंक का कोई व्यनिक सदस्य इतिे शेयर, जो
सोसाइटी की उपनवनियों में नवनहत नकये जायें , या सोसाइटी की कुि शे यर पूूँजी के
अनिकतम बीसवें भाग तक, जो कोई भी कम हो, िारण करे गा।

22. सदस्य की मृत्यु पर धहत का अन्तरण- (1) नकसी सहकारी सोसाइटी के नकसी
सदस्य की मृत्यु हो जािे पर सोसाइटी, मृत सदस्य का शेयर या नहत नियमों के अिुसार
िामनिनदा ि व्यखक्त या व्यखक्तयों को या यनद नकसी व्यखक्त को इस प्रकार िामनिनदा ि िहीं
नकया गया है तो, ऐसे व्यखक्त को, जो सनमनत को मृत सदस्य का वाररस या नवनिक
प्रनतनिनि प्रतीत हो, अन्तररत करे गी और जहां दो या अनिक व्यखक्तयों के मध्य
उत्तरानिकार का कोई नववाद हो, सनमनत ऐसे दावेदारों से उत्तरानिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत
करिे की अपेक्षा कर सकेगी:

परन्तु ऐसे िामनिदे नशती, वाररस या, यर्ाखस्र्नत, नवनिक प्रनतनिनि को सोसाइटी के
सदस्य के रूप में सखिनित कर निया जाता है :

" परन्तु यह और नक इस उप-िारा में की कोई बात नकसी अवयस्क या नकसी


नवकृतनित्त व्यखक्त .को नकसी सहकारी सोसाइटी में मृत सदस्य के शेयर या नहत
नवरासत द्वारा या अन्यर्ा अनजा त करिे से िहीं रोकेगी।

(2) उप-िारा (1) में अन्तनवाि नकसी बात के होते हुै भी, ऐसा कोई भी िामनिदे नशती,
वाररस या, यर्ाखस्र्नत, नवनिक प्रनतनिनि मृत सदस्य के शेयर या नहत के नियमों के
अिुसार अनभनिनश्चत मूल्य का संदाय स्वयं को नकये जािे की सोसाइटी से अपेक्षा कर
सकेगा।

(3) जहां ऐसा िामनिदे नशती, वाररस या, यर्ाखस्र्नत, नवनिक प्रनतनिनि उप-िारा (1) के
अिीि सोसाइटी के सदस्य के रूप में सखिनित िहीं नकया जाता है वहां सोसाइटी मृत
सदस्य को सोसाइटी द्वारा दे य अन्य समस्त िि उसे संदत्त करे गी।

(4) नकसी सहकारी सोसाइटी द्वारा इस िारा के उपबंिों के अिुसार नकये गये समस्त
अन्तरण और संदाय, नकसी भी अन्य व्यखक्त द्वारा सोसाइटी से की गई नकसी मां ग के
नवरुद्ध नवनिमान्य और प्रभावी होंगे।
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23. भूतपू वब सदस्य और मृत सदस्य की सम्पदा का दाधयत्व- (1) उप-िारा (2) के
उपबंिों के अध्यिीि रहते हुै, सोसाइटी के ऐसे ऋणों के निै जो

(क) नकसी भूतपूवा सदस्य की दशा में , उस तारीि को नवद्यमाि र्े नजसको उसकी
सदस्यता समाि हुई और

(ि) नकसी मृत सदस्य की दशा में, उसकी मृत्यु की तारीि को नवद्यमाि र्े ,

नकसी सहकारी सोसाइटी के नकसी भूतपूवा सदस्य का या नकसी मृत सदस्य की सम्पदा
का दानयत् दो वर्ा की कािावनि तक बिा रहे गा।

(2) जब नकसी सहकारी सोसाइटी के पररसमापि का आदे श िारा 61 के अिीि नकया


जाये तब ऐसे नकसी भूतपूवा सदस्य का या मृत सदस्य की सम्पदा का दानयत्, जो
पररसमापि के आदे श की तारीि से ठीक पू वावती दो वर्ों के भीतर-भीतर सदस्य ि
रहा हो या मर गया हो, उस समय तक बिा रहे गा जब तक नक समापि की समस्त
कायावानहयां पूरी ि हो जायें, नकन्तु ऐसा दानयत् सोसाइटी के केवि ऐसे ऋणों के निै
होगा जो उसकी सदस्यता की समाखि की तारीि को या, यर्ाखस्र्नत, उसकी मृत्यु की
तारीि को नवद्यमाि र्े।

Rules"
14. सदस्यता.-(1) (i) अनिनियम, तदिीि बिाये गये नियमों और सोसाइटी की
उपनवनियों के उपबन्ों के अिुसार सदस्यता के पात्र नकसी व्यखक्त को सोसाइटी की
सदस्यता दे िे से इिकार िहीं नकया जायेगा।

(ii) नकसी सोसाइटी का सदस्य बििे का इच्छु क कोई व्यखक्त 10/- रु. सदस्यता फीस
और सोसाइटी की उपनवनियों में यया अपेनक्षत आवश्यक शे यर िि के सार् प्ररूप-इ में
आवेदि कर सकेगा।

(iii) सोसाइटी का मुख्य कायापािक अनिकारी यह सुनिनश्चत करे गा नक सदस्यता के निै


प्राि प्रत्येक आवेदि प्ररूप-द में रिे जािे वािे रनजस्ट्र में कािािुक्रम में प्रनवि नकया
जाता है ।
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(iv) मुख्य कायापािक अनिकारी या उसके द्वारा इस निनमत्त प्रानिकृत कोई व्यखक्त,
सदस्यता प्ररूप प्राि करते समय, सदस्यता फीस और शे यर िि जमा करे गा और
आवेदक को अपिे हस्ताक्षर से उसकी रसीद जारी करे गा।

(v) मुख्य कायापािक अनिकारी सदस्यता के निै प्राि आवेदिों की संवीक्षा करे गा और
उन्ें ऐसी सदस्यता के निै आवेदक की पात्रता सम्बन्ी अपिी नसफाररशों के सार्
सनमनत के समक्ष नविार के निै रिेगा।

(vi) जब तक नक नवनिनदा ि रूप से यह जािकारी में िहीं आये नक आवेदक अनिनियम,


तदिीि बिाये गये नियमों और सोसाइटी की उपनवनियों में यर्ा- नवनिनदा ि अपात्रताओं
में से नकसी से ग्रस्त है , सनमनत उसके समक्ष प्रस्तुत नकये गये आवेदिों को प्रनतगृहीत
करे गी और सोसाइटी का मुख्य कायापािक अनिकारी आवेदक को ऐसे प्रनतग्रहण की
सूििा दे गा।

(vii) जहां सनमनत सदस्यता के नकसी आवेदि को िामंजूर करती है वहां मुख्य
कायापािक अनिकारी आवेदक को इसके कारणों सनहत ऐसी िामंजूरी की सूििा दे गा
और सार् ही आवेदक को सदस्यता • फीस और शे यर िि िौटा दे गा।

(viii) कोई व्यखक्त, नजसिे सदस्यता के निै आवेदि नकया है , उसके द्वारा आवेदि
फाइि करिे की तारीि से ऐसा सदस्य बिा हुआ समझा जायेगा जब तक नक सोसाइटी
उसका आवेदि िामंजूर िहीं कर दे ती।

(ix) जहां कोई सोसाइटी नकसी आवेदक द्वारा फाइि नकये गये सदस्यता के नकसी
आवेदि को प्राि करिे से इिकार कर दे वहां आवेदक रनजस्ट्रार के समक्ष अपिा
आवेदि फाइि कर सकेगा जो उसे तु रन्त सोसाइटी को अग्रेनर्त कर दे गा। रनजस्ट्रार
द्वारा इस प्रकार अग्रेनर्त कोई आवेदि सोसाइटी के कायाा िय में उस तारीि को,
नजसको वह रनजस्ट्रार के कायाा िय में प्राि हुआ र्ा, सम्यक् रूप से फाइि नकया हुआ
समझा जायेगा।

'[(1-ै) नविोनपत]

(2) निम्ननिखित व्यखक्तयों, निकायों या स्र्ािीय प्रानिकाररयों को िारा 15 (1) (घ) के


अिीि सहकारी सोसाइटी के सदस्य के रूप में सखिनित नकया जा सकेगा :

(क) तत्समय प्रवृत्त नकसी भी नवनि के अिीि गनठत कोई फमा, कम्पिी या कोई भी अन्य
निगनमत निकाय, या सोसाइटी रनजस्ट्रीकरण अनिनियम, 1958 के अिीि रनजस्ट्रीकृत
सोसाइटी;
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(ि) राजस्र्ाि पंिायत राज अनिनियम, 1994 (1994 का अनिनियम सं. 13) के अिीि
गनठत नजिा पररर्दें या पंिायत सनमनतयां या पंिायतें ;

(ग) िोक न्यास के रनजस्ट्रीकरण के निये तत्समय प्रवृत्त नकसी भी नवनि के अिीि
रनजस्ट्रीकृत कोई िोक न्यास;

(घ) राजस्र्ाि िगरपानिका अनिनियम, 1959 के अिीि गनठत कोई िगरपानिका;

(ड़) राजस्र्ाि िादी और ग्रामोद्योग अनिनियम, 1955 (1955 का अनिनियम सं. 5) के


अिीि गनठत कोई िादी ग्रामोद्योग बोडा :

• परन्तु तत्समय प्रवृत्त नकसी भी नवनि के अिीि गनठत नकसी फमा , कम्पिी,
िगरपानिका या नकसी भी अन्य निकाय को, रनजस्ट्रार की पूवा मंजूरी के नबिा, इस नियम
के अिीि नकसी भी सहकारी सोसाइटी के सदस्य के रूप में सखिनित िहीं नकया
जायेगा और यह भी नक सदस्यता के आवेदि के सार् ऐसी सदस्यता के निये आवेदि
करिे के निये प्रानिकृत करिे वािे संकल्प की प्रनत भी संिग्न होिी िानहये।

15. िारा 17 के अिीन नाममात्र के तथा सहयुक्त सदस्यों को सप्तिधित धकया


जाना. - (1) निम्ननिखित को िाममात्र के सदस्यों के रूप में सखिनित नकया जा सकेगा
:-
(i) सोसाइटी के सार् ऐसा संव्यवहार करिे वािा व्यखक्त, जो उपनवनियों में नवनिनदा ि
नकये जायें;

(ii) नवत्तीय बैंक के ऋणी के पक्ष में प्रत्याभूनत निष्पानदत करिे वािा ऐसा व्यखक्त, जो
उपनवनियों में नवनिनदा ि नकया जाये;

(iii) नकसी भूनम नवकास बैंक से नभन्न नकसी नवत्तीय बैंक के मामिे में , ऐसा कोई व्यखक्त,
जो बैंक के जमा िाते में कम से कम 1000/- रूपये जमा रिता है ;

(iv) नकसी नवपणि सोसाइटी के मामिे में ऐसा कोई व्यखक्त, जो सोसाइटी के संिािि
क्षेत्र में कृनर् वस्तुओं का कारबार करता है और उसके सार् संव्यवहार करता है ; और

(v) स्वसाहाय्य समूह, जहाूँ सोसाइटी की उपनवनियां ऐसी अिुज्ञा दें :

परन्तु स्वसाहाय्य समूह को रनजस्ट्रार के पूवा अिुमोदि के नबिा िाममात्र के सदस्य के


रूप में सखिनित िहीं नकया जायेगा :
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• परन्तु यह और नक ऐसा स्वसाहाय्य समूह सदस्यता के आवेदि के सार् ऐसे स्वसाहाय्य


समूह के सािारण निकाय की बैठक में ऐसे व्यखक्त के बारे में पाररत संकल्प की
प्रनतनिनप दे गा, जो सोसाइटी में स्वासाहाय्य समूह का प्रनतनिनित् करे गा। ैक बार
प्रानिकृत व्यखक्त स्वसाहाय्य समूह के ऐसे ही संकल्प द्वारा प्रनतस्र्ानपत नकया जायेगा।

(2) राजस्र्ाि पंिायती राज अनिनियम, 1994 के अिीि गनठत नजिा पररर्दों, पंिायत
सनमनतयों और पंिायतों को सहकारी सोसाइटी में िाममात्र के सदस्यों के रूप में
सखिनित नका जा सकेगा।

(3) सदस्य की पत्नी/पनत को केवि सरकार द्वारा उस प्रयोजि के निये नवनिनदा ि


सोसाइनटयों में सह- युक्त सदस्यों के रूप में सखिनित नकया जा सकेगा।

16. सदस्यता के धिये धनरहब तायें.-

(1) कोई भी व्यखक्त नकसी सहकारी सोसाइटी के सदस्य के रूप में सखिनित नकये जािे
का पात्र तब िहीं होगा, यनद -' (क) उसिे नदवानिया न्यायनिणीत नकये जािे के निये
आवेदि कर नदया है , या वह अिुन्मोनित नदवानिया है, या
(ि) वह सक्षम अनिकाररता रििे वािे नकसी न्यायािय द्वारा नवकृतनित्त न्यायनिणीत
कर नदया गया है, या

(ग) उसे ऐसे नकसी भी अपराि के निये दखण्डत नकया गया हो, नजसमें िैनतक अिमता
अन्तवानित हो, ऐसे दण्डादे श को उिटा ि गया हो या अपराि को क्षमा ि कर नदया गया
हो और दण्डादे श की समाखि की तारीि से पां ि वर्ा की कािावनि व्यतीत ि हो गयी
हो :

• परन्तु उपनियम (1) के िण्ड (ग) का उपबन् नकसी भी अपराि के निये दखण्डत
व्यखक्त को ऐसी कािावनि के दौराि िागू िहीं होगा, जब वह जेि में दण्डादे श भुगत
रहा हो, और बखियों के उत्थाि के निये बिायी गयी ऐसी सोसाइटी के सदस्य के रूप में
सखिनित होिा िाहता हो, जो अिन्यतः जेि के अन्तवानसयों के निये हो, नकन्तु ऐसा
व्यखक्त जे स से ररहा होते ही ऐसी सोसाइटी का सदस्य िहीं रहे गा:

• परन्तु यह और नक नकसी नसद्धदोर् व्यखक्त को, जे ि से उसकी ररहाई के पश्चात् भी,


नकसी सहकारी सोसाइटी के सदस्य के रूप में सखिनित नकया जा सकेगा, यनद जे ि के
अिीक्षक से अनिम्न पंखक्त के नकसी जेि प्रानिकारी द्वारा उसका आिरण अच्छा होिा
प्रमानणत कर नदया जाये।
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(2) यनद कोई सदस्य उपनियम (1) में नवनिनदा ि निरहा ताओं में से नकसी के भी अिीि आ
जाये तो उसकी सदस्यता, निरहा ता उत्पन्न होिे की तारीि से समाि समझी जायेगी।
यनद कोई नववाद उत्पन्न हो तो व्यनर्त पक्षकार रनजस्ट्रार को आवेदि कर सकेगा,
नजसका नवनिश्चय मामिे में अखन्तम होगा।

17. दो ऋण सोसाइधटयों की सदस्यता का प्रधतषेि. – कोई भी व्यखक्त, जो नकसी


प्रार्नमक सहकारी ऋण सोसाइटी का सदस्य है , रनजस्ट्रार की सािारण या नवशे र् मंजूरी
के नबिा, भूनम नवकास बैंक या नकसी नवपणि सोसाइटी से नभन्न ऐसी नकसी भी अन्य
सोसाइटी का सदस्य िहीं होगा, और जहाूँ

कोई व्यखक्त ऐसी दो ऋण सोसाइनटयों का सदस्य हो गया है , वहाूँ रनजस्ट्रार की ओर से


इस आशय की कोई निखित अध्यपेक्षा नकये जािे पर उिमें से ैक या दोिों सोसाइनटयां
उसे सदस्यता से हटािे के निये बाध्य होंगी।

18. सदस्यों के धनष्कासन की प्रधिया. — (1) नकसी भी सदस्य को सोसाइटी की


सदस्यता से निष्कानसत िहीं नकया जायेगा, जब तक नक उस पर सािारण निकाय की
बैठक, नजसमें उसके निष्कासि का प्रस्ताव नकया गया हो, से कम से कम 30 नदि पूवा
िोनटस तामीि ि कर नदया गया हो।

(2) जहाूँ नकसी सोसाइटी का कोई भी सदस्य नकसी भी अन्य सदस्य के निष्कासि का
प्रस्ताव करता है , वहाूँ वह सोसाइटी के अध्यक्ष को उसका निखित िोनटस दे गा। ऐसा
िोनटस प्राि होिे पर या जब सनमनत स्वयं ऐसा संकल्प प्रस्तुत करिे का नवनिश्चय करती
है तो आगामी सािारण बैठक की कायासूिी में ऐसे संकल्प को नविारार्ा िे िे के निये
सखिनित कर निया जायेगा और उसका िोनटस ऐसे सदस्य को, नजसके नवरूद्ध ऐसा
संकल्प िािे का प्रस्ताव है , ऐसी सािारण बैठक में उपखस्र्त रहिे की, जो ऐसे िोनटस
की तारीि से ैक मास की कािावनि से पूवात्तर ि हो, तर्ा सहकारी सोसाइटी के
सािारण निकाय को निष्कासि के नवरूद्ध कारण बतािे की अपेक्षा करते हुै, नदया
जायेगा। यनद सदस्य उपखस्र्त हो तो उसे सुििे के पश्चात् या ऐसे नकसी निखित
अभ्यावेदि पर नविार करिे के पश्चात् जो उसिे भेजा हो, सहकारी सोसाइटी का
सािारण निकाय संकल्प पर नविार करिे की कायावाही करे गा।

(3) जब उपनियम (1) या (2) के अिुसार पाररत कोई संकल्प रनजस्ट्रार को भेजा जाये या
अन्यर्ा उसके ध्याि में िाया जाये तो रनजस्ट्रार संकल्प पर नविार कर सकेगा और ऐसी
जां ि जो वह उनित समझे , करिे के पश्चात् उसका अिुमोदि कर सकेगा तर्ा उसकी
सूििा सोसाइटी और सम्बखन्त सदस्य को दे सकेगा। संकल्प ऐसे अिुमोदि की तारीि
से प्रभावी हो जायेगा।
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(4) निष्कानसत सदस्य द्वारा िाररत शे यर सोसाइटी को समपहृत हुये समझे जायेंगे।

(5) सोसाइटी का ऐसा कोई भी सदस्य, नजसे पूवागामी उपनियमों के अिीि निष्कानसत
कर नदया गया है , ऐसे निष्कासि की तारीि से ैक वर्ा की कािावनि के निये उस
सोसाइटी के सदस्य के रूप में पुिः सखिनित नकये जािे या नकसी भी अन्य सोसाइटी के
सदस्य के रूप में सखिनित नकये जािे का पात्र िहीं होगा :

• परन्तु रनजस्ट्रार सोसाइटी द्वारा आवेदि नकये जािे पर और नवशे र् पररखस्र्नतयों में , ऐसे
नकसी भी सदस्य को उक्त सोसाइटी के या, यर्ाखस्र्नत, नकसी भी अन्य सोसाइटी के
सदस्य के रूप में उक्त कािावनि के भीतर-भीतर पुिः सखिनित या सखिनित नकये
जािे की मंजूरी दे सकेगा।

19. सदस्यता की समाप्ति. - [(1)] कोई व्यखक्त सोसाइटी की सदस्यता से उसका


त्यागपत्र स्वीकृत हो जािे पर या सोसाइटी में उसके सम्पूणा शे यर या नहत का नकसी
अन्य सदस्य को अन्तरण हो जािे पर या उसकी मृत्य हो जािे , उसे हटा नदये जािे या
निष्कानसत कर नदये जािे पर या अनिनियम और नियमों या सोसाइटी की उपनवनियों में
नवनिनदा ि निरहा ताओं में से नकसी के भी उपगत हो जािे पर सोसाइटी का सदस्य िहीं
रहे गा; ¹[(2) ***]

• परन्तु नकसी सदस्य का त्यागपत्र तब तक स्वीकार िहीं नकया जायेगा, जब तक नक


उसके नवरूद्ध समस्त शोध्य उससे वसूि ि कर निये जायें।

20. नाम धनदे शन – (1) नकसी सहकारी सोसाइटी का कोई सदस्य, ऐसे नकसी व्यखक्त
या व्यखक्तयों को िामनिदे नशत कर सकेगा, नजसे या नजन्ें उसकी मृत्यु की दशा में ,
सोसाइटी की पूूँजी में उसका शे यर या नहत अन्तररत नकया जायेगा या उसका मूल्य या
सोसाइटी की ओर से उसे दे य कोई भी अन्य िि संदत्त नकया जायेगा। ऐसा सदस्य समय
समय पर ऐसे िामनिदे शि का प्रनतसंहरण या उसमें फेरफार कर सकेगा।

(2) नकसी सदस्य द्वारा िामनिदे नशत नकये जािे वािे व्यखक्तयों की संख्या सदस्य द्वारा
िाररत शे यरों की संख्या से अनिक िहीं होगी।

(3) जब कोई सदस्य अपिे द्वारा िाररत नकन्ीं भी शे यरों के संबंि में ैक से अनिक
व्यखक्तयों को िामनिदे नशत करता है तो वह यावत् साध्य, प्रत्येक िामनिदे नशती को ैक
सम्पूणा शेयर के नहसाब से संदत्त या अन्तररत की जािे वािी रकम नवनिनदा ि करे गा।
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(4) नकसी सदस्य द्वारा इस नियम के अिीि नकया गया िामनिदे शि तब तक नवनिमान्य
िहीं होगा और सदस्य की मृत्यु हो जािे की दशा में तब तक प्रभाव िहीं रिेगा, जब तक
नक

(क) वह निखित रूप में िहीं नकया गया हो और कम से कम दो सानक्षयों की उपखस्र्नत


में सदस्य िे उस पर हस्ताक्षर ि नकये हों; और

(ि) सोसाइटी की उस प्रयोजि के निये रिी पुस्तकों में वह रनजस्ट्रीकृत ि हो गया हो।

21. मृत सदस्य का शेयर या धहत धवरासत में प्राि करने वािे संयुक्त सदस्यों और
अवयस्क और धवकृतधित्त व्यप्तक्तयों के सप्तिधित धकये जाने के धिये प्रधिया. (1)
कोई सोसाइटी मृत सदस्य का शे यर या नहत नवरासत में प्राि करिे वािे दो या अनिक
व्यखक्तयों को संयुक्त सदस्यों के रूप में सखिनित कर सकेगी, परन्तु यह तब, जबनक वे
निखित रूप में यह घोर्णा करें नक नजस व्यखक्त का िाम शे यर प्रमाण पत्र में प्रर्म स्र्ाि
पर हो, उसे मतदाि का अनिकार होगा और जै सा नक अनिनियम, नियमों और
उपनवनियों में उपबखन्त है , समस्त दानयत्ों का वहि उिके द्वारा संयुक्ततः और पृर्कत
नकया जायेगा।

(2) कोई सोसाइटी, नकसी भी सदस्य के सखिनित नकये जािे के निये उपनवनियों और
इि नियमों में अनिकनर्त प्रनक्रया के अिुसार, मृत सदस्य का नहस्सा या नहत नवरासत में
प्राि करिे वािे अवयस्क या नवकृतनित्त व्यखक्त को उिके संरक्षकों के माध्यम से अपिे
सदस्य के रूप में सखिनित कर सकेगी। इस प्रकार सखिनित नकया गया सदस्य ऐसे
संरक्षक के माध्यम से ऐसे अनिकारों और दानयत्ों का उपभोग करे गा, जो सोसाइटी की
उपनवनियों में अनिकनर्त हैं । और अनिनियम तर्ा नियमों से संगत हों।

22. शेयरों का मूल्ांकन . - ( 1 ) जहाूँ नकसी सोसाइटी का सदस्य ऐसा सदस्य ि रहे ,
वहाूँ सोसाइटी की शे यर पूूँजी में उसके शेयर या नहत के मूल्य के ैवज में उसे या उसके
िामनिदे नशती, वाररस या, यर्ाखस्र्नत, नवनिक प्रनतनिनि को संदत्त की जािे वािी रानश
सदस्यता की समाखि पर पूवावती अखन्तम संपरीनक्षत तुििपत्र में यर्ा उपदनशात
सोसाइटी की नवत्तीय खस्र्नत के मूल्यां कि के आिार पर आिे वािी रकम होगी :

• परन्तु इस प्रकार अनभनिनश्चत रकम ऐसे शेयर या नहत के सम्बन् में सोसाइटी द्वारा
प्राि वास्तनवक रकम से अनिक िहीं होगी।

(2) जहाूँ नकसी व्यखक्त को सोसाइटी द्वारा शे यर आवंनटत नकया जाये , वहाूँ उसके निये
नकये जािे के निये अपेनक्षत संदाय, सोसाइटी की उपनवनियों में अन्तनवाि नकसी बात के
होिे पर भी, शे यर के अंनकत मूल्य से अनिक िहीं होगा।
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(3) जब नकसी सदस्य द्वारा कोई शे यर नकसी सोसाइटी के सदस्य के रूप में सम्यक्
रूप से सखिनित नकये गये नकसी अन्य सदस्य को अन्तररत नकया जाये तो अन्तररती से
उपनियम (1) के अिुसार अविाररत शे यर के मूल्य से अनिक कुछ भी संदत्त करिे की
अपेक्षा िहीं की जायेगी।

23. सदस्यों का रनजस्ट्र.- '[(1)] प्रत्येक सोसाइटी सदस्यों का रनजस्ट्र ऐसे प्ररूप में
रिेगी, जो रनजस्ट्रार समय समय पर नवनिनदा ि करे ।

¹[(2) ***]

24. सहकारी सोसाइटी के सदस्यों की सूिी. -[(1)] प्रत्येक सहकारी सोसाइटी,


प्रत्येक सहकारी वर्ा के अखन्तम नदि नवद्यमाि अपिे सदस्यों की सूिी तै यार करे गी। यह
सूिी सोसाइटी के कायाा िय में, कायाा िय समय में सोसाइटी के नकसी भी सदस्य द्वारा
निरीक्षण नकये जािे के निये उपिब्ध रहे गी। सदस्यों की सूिी सोसाइटी की सनमनत के
निवाा िि की तारीि से तीस नदि पूवा पुिरीनक्षत की जायेगी और उसमें , सूिी को नपछिी
बार पुिरीनक्षत करिे की तारीि से प्रारम्भ होिे और सूिी के पुिरीक्षण की तारीि को
समाि होिे वािी कािावनि के दौराि सखिनित नकये गये सदस्य का सखिनित नकया
जायेगा और हटाये गये सदस्यों को उसमें से अपवनजा त नकया जायेगा। सूिी प्ररूप "क"
में होगी। सदस्यों की सूिी तै यार करिे और उसे दे िे का कत्ताव्य मुख्य कायापािक
अनिकारी का होगा।

1(2)***]

25. वाधषबक सािारण बैठक के ठीक पू वब सप्तिधित धकये गये सदस्यों के मतदान
अधिकार. — कोई सदस्य वानर्ाक सािारण बैठक में अपिे मतदाि का प्रयोग िहीं
करे गा, यनद वह वानर्ाक सािारण बैठक की तारीि के पूवा तीस नदि के भीतर-भीतर
सखिनित नकया गया है।

26. अध्यक्ष को धद्वतीय या धनणाबयक मत दे ने का अधिकार होगा- मत बराबर होिे


की खस्र्नत में नकसी सहकारी सोसाइटी की बैठक के अध्यक्ष को नद्वतीय या निणाा यक मत
दे िे का अनिकार होगा।

27. धकसी व्यधतिमी सदस्य की धनयोग्यताएं - [(1) िारा 28 की [ उपिारा (4)] में
यर्ा उपबखन्त के नसवाय नकसी सहकारी सोसाइटी का ऐसा कोई भी सदस्य, नजस पर
उसके द्वारा निये गये नकसी भी उिार के सम्बन् में ऐसी कािावनि से , जो नक उसकी
उपनवनियों में नवनिनदा ि है या नकसी भी दशा में तीि मास से अनिक की नकसी
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कािावनि से सोसाइटी की बकाया निकि रही है , अन्य नकसी भी सहकारी सोसाइटी में
प्रनतनिनित् करिे और उसकी ओर से ऐसी अन्य सहकारी सोसाइटी में मतदाि करिे के
निये नियुक्त िहीं नकया जायेगा।

(2) जहाूँ नकसी सहकारी सोसाइटी के इस प्रकार नियुक्त नकसी सदस्य पर उसकी
नियुखक्त के पश्चात् , उपनियम (1) में नवनिनदा ि कािोबाइ की बकाया निकिती हो, वहाूँ
वह उक्त कािावनि की समाखि के पश्चात् सोसाइटी का प्रनतनिनि िहीं रहे गा।

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