Professional Documents
Culture Documents
Coperative Hindi Chapter 1
Coperative Hindi Chapter 1
हमने पू रा एक्ट इसी तरह से पढाया धजससे कई जगह दोनों में अगर अंतर भी आ
रहा हो तो उसे आपके समक्ष रख सके
Chapter 1 प्रारम्भिक
1. संधक्षप्त नाम, प्रारि और प्रसार- (1) इस अधिधियम का िाम राजस्थाि सहकारी
सोसाइटी अधिधियम, 2001 है ।
(3) यह ऐसी तारीख से प्रवृत्त होगा जो राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचिा द्वारा, धियत
करे ।
(क)"शीषष सहकारी बैंक" से ऐसी सोसाइटी अधर्प्रेत है जो राज्य में केन्द्रीय सहकारी
बैंकों का पररसंघीय धिकाय है और बैंककारी के व्यवसाय में लगी हुई है ;
(कक) "शीषष सोसाइटी" से ऐसी ऐसी सोसाइटी अधर्प्रेत है जो राज्य में केन्द्रीय धजसका
प्रमुख उद्दे श्य उससे संबद्ध अन्य सोसाइधटयों के कायण संचालि के धलए सुधविाएं दे िा है
और धजसके कायणिेत्र का प्रसार सम्पूर्ण राजस्थाि राज्य में है ;
2
(ख) “सहकारी सोसाइटी का कायषक्षेत्र" से उपधवधियों में यथाधवधिधदण ष्ट ऐसा र्ौगोधलक
िेत्र अधर्प्रेत है धजस तक सोसाइटी की सदस्यता और कायणकलाप सािारर्त: सीधमत हैं ;
(घ) “केन्द्रीय सोसाइटी" से ऐसी सोसाइटी अधर्प्रेत है धजसका कायणिेत्र राज्य के धकसी
र्ाग तक सीधमत है और धजसका अपिे मुख्य उद्दे श्यों में , प्रमुख उद्दे श्यों का संप्रवतण ि
करिा और उससे संबद्ध अन्य सोसाइधटयों के प्रवतणि के धलए सुधविाओं का उपबंि
करिा है और धजसके कम से कम पां च सदस्य स्वयं सोसाइधटयााँ है ;]
परन्तु लघु अवधि सहकारी साख संरचिा सोसाइटी के संबंि में कायणिेत्र से संबंधित
धिबणन्धि लागू िहीं होंगें ।]
[(घक) “केन्द्रीय सहकारी बैंक" से ऐसी केन्द्रीय सोसाइटी अधर्प्रेत है धजसके सदस्य
प्राथधमक कृधि साख सोसाइधटयााँ हैं और जो बैंककारी के व्यवसाय में लगी हुई हैं ; ]
(ड) "मुख्य कायषपालक अधिकारी" से ऐसा व्यक्ति, चाहे धकसी र्ी िाम से पुकारा जाये ,
अधर्प्रेत है धजसे सधमधत के अिीिर्, धियंत्रर् और धिदे शों के अध्यिीि रहते हुए
सोसाइटी का प्रबंि सौंपा जाता है ;
(च) “प्रमुख उद्दे श्य" से धकसी सहकारी सोसाइटी के संबंि में , सोसाइटी के ऐसे मुख्य
उद्दे श्य अधर्प्रेत हैं धजिके धलए उसका गठि धकया गया है ; और जो धियमों के अिुसार
उसके वगीकरर् के आिार हैं ।
(ज) “सधमधत" से धकसी सहकारी सोसाइटी का ऐसा शासी धिकाय, चाहे धकसी र्ी िाम
से पुकारा जाये, अधर्प्रेत है धजसे सोसाइटी के कायणकलापों का प्रबंि सौंपा जाता है ;
(i) ऐसी रकम तक, यधद कोई हो, जो उिमें से प्रत्येक द्वारा िाररत शे यरों पर असंदत्त है ,
और
(ii) ऐसी रकम तक, जो सदस्यों द्वारा अधर्दत्त शे यर पूाँजी की रकम की पााँ च गुिी से
अधिक ि हो और धजसका उिमें से प्रत्येक सोसाइटी की आक्तियों के प्रधत अधर्दाय
करिे के धलए वचि दे ;
(ठ) "कायषपालक अधिकारी" से ऐसा अधिकारी, चाहे धकसी र्ी िाम से पुकारा जाये ,
अधर्प्रेत है जो धकसी सोसाइटी के कायणकलापों के प्रबंि में सधमधत के अिीिर्, धियंत्रर्
एवं धिदे शों के अध्यिीि, मुख्य कायणपालक अधिकारी की सहायता के धलए िारा 29 की
उप-िारा (2) के अिीि धियुि धकया जाता है ;
(ड) "कुटु म्ब" से पधत और पत्नी और उि पर आधित सन्तािें और पधत की धविवा माता,
जो उि पर आधित हो, से धमलकर बििे वाला कुटु म्ब अधर्प्रेत है ;
(ढ) “धवत्तीय बैंक" से तात्पयण ऐसी सहकारी सोसाइटी से है , धजसका मुख्य उद्दे श्य अन्य
सोसाइधटयों को िि उिार दे िा है तथा धजसमें र्ूधम धवकास बैंक सक्तिधलत है ;
(त) “सदस्य' से धकसी सहकारी सोसाइटी के रधजस्ट्रीकरर् के धलए आवेदि करिे में
सक्तिधलत कोई व्यक्ति, और ऐसे रधजस्ट्रीकरर् के पश्चात् इस अधिधियम और धियमों
तथा उपधवधियों के अिुसार सदस्य बिाया जािे वाला कोई व्यक्ति अधर्प्रेत है और
इसके अन्तगणत कोई िाममात्र का और सहयुि सदस्य र्ी है ;
'[(तक) “राष्ट्रीय बैंक” से राष्टरीय कृधि और ग्रामीर् धवकास बैंक अधिधियम, 1981
(1981 का केन्द्रीय अधिधियम सं. 61) की िारा 3 के अिीि स्थाधपत राष्टरीय कृधि और
ग्रामीर् धवकास बैंक अधर्प्रेत है ;]
4
(ि) "धवधहत" से इस अधिधियम के अिीि बिाये गये धियमों द्वारा धवधहत अधर्प्रेत है ;
[(िक) “भारतीय ररजवष बैंक" से र्ारतीय ररजवण 1 बैंक अधिधियम, 1934 (1934 का
केन्द्रीय अधिधियम सं. 2) की िारा 3 के अिीि स्थाधपत र्ारतीय ररजवण बैंक अधर्प्रेत है ;]
(प) "राजस्व अपील प्राधिकारी" से राजस्थाि र्ू -राजस्व अधिधियम, 1956 (1956 का
अधिधियम सं. 15) की िारा 20-क के अिीि ऐसे प्राधिकारी के रूप में धियुि या
पदाधर्धहत अधिकारी अधर्प्रेत है ;
(ब) “धवशेष संकल्प" से धकसी सोसाइटी के सािारर् धिकाय का ऐसा संकल्प अधर्प्रेत
है धजसे, मत दे िे का अधिकार रखिे वाले सदस्यों के पचास प्रधतशत से अधिक और
बैठक, धजसमें उसे पाररत धकया गया है , में उपक्तस्थत और मत दे िे वाले सदस्यों के दो-
धतहाई से अन्यू ि सदस्यों का अिुमोदि प्राप्त है ;
5
(र्) "स्वसाहाय्य समूह' से व्यक्तियों का उिके उपाजण ि से अल्प रकम की बचत करिे
के धलए और उसके सदस्यों को ऐसे धिबंििों पर, जो परस्पर करार पाये जायें , उिार
धदये जािे हे तु उिार लेिे के धलए र्ी स्वेच्छा से बिाया गया सजातीय समूह अधर्प्रेत है ;
(य) "कमजोर वगष " से ऐसे र्ूधमहीि कृधि-िधमक, ग्रामीर् कारीगर, सीमान्त कृिक, लघु
कृिक और आधथण क और सामाधजक दृधष्ट से धपछडे अन्य व्यक्ति अधर्प्रेत हैं जो राज्य
सरकार द्वारा, उिकी जोत के आकार, आय और ऐसे धवधर्न्न इलाकों को, धजिमें
राजस्थाि कृधि जोतों पर अधिकतम सीमा अधिरोपर् अधिधियम, 1973 ( 1973 का
अधिधियम सं. 11) के अिीि अधिकतम सीमा अविाररत करिे के प्रयोजिाथण , राज्य को
धवर्ाधजत धकया जाता है , ध्याि में रखते हुए राजपत्र में प्रकाधशत आदे श द्वारा धवधिधदण ष्ट
धकये जायें;
(र) "वषष" से बारह मास की ऐसी कालावधि अधर्प्रेत है जो धकसी सहकारी सोसाइटी के
ले खे रखिे के धलए धवधहत की जाये।
6
Rules:
अध्याय-1 प्रारम्भिक
1. संधक्षप्त नाम, प्रसार और प्रारि. - (1) इि धियमों का िाम राजस्थाि सहकारी
सोसाइटी धियम, 2003 है ।
(ख) "कृधष धवपणन सोसाइटी" से ऐसी सोसाइटी अधर्प्रेत है , धजसका प्रमुख उद्दे श्य
कृधि उपज का धवपर्ि और कृधि उत्पादि के धलये उपकरर्ों और अन्य अपेधित
विुओं का प्रदाय हो, धजसके कम से कम तीि चौथाई सदस्य कृिक या कृिकों द्वारा
गधठत सोसाइधटयां हों;
(ग) “बोनस" से धकसी सोसाइटी के लार्ों में से धकसी सदस्य या धकसी कमणचारी को
सोसाइटी के कारबार में उसके अधर्दाय (धजसमें िम या सेवा के रूप में धकया गया
कोई र्ी अधर्दाय सक्तिधलत है ) के आिार पर और धकसी संयुि कृधि सोसाइटी की
दशा में, उि अधर्दाय और साथ ही संयुि खेती के धलये सक्तिधलत की गयी सदस्यों
की र्ूधमयों के मूल्य या आय या, यथाक्तस्थधत, िेत्र दोिों के आिार पर धकया गया ऐसा
िकद या विु के रूप में संदाय अधर्प्रेत है जो सोसाइटी द्वारा धवधिश्चत धकया जाये;
(घ) “उपभोक्ता सोसाइटी" से ऐसी सोसाइटी अधर्प्रेत है धजसका प्रमुख उद्दे श्य अपिे
सदस्यों के साथ ही अन्य ग्राहकों को या उिके धलये माल का उपापि, उत्पादि या
प्रसंस्करर् और धवतरर् या अन्य सेवा करिा हो;
(च) "सहकारी वषष" से 31 माचण को समाप्त होिे वाला विण या धकसी र्ी सहकारी
सोसाइटी या सहकारी सोसाइधटयों के धकसी वगण की दशा में धजसके ले खे, रधजस्ट्रार की
7
पूवण मंजूरी से धकसी अन्य तारीख को सन्तुधलत धकये जाते हैं ऐसी तारीख को समाप्त होिे
वाला विण अधर्प्रेत है;
(छ) "ऋण सोसाइटी" से ऐसी सोसाइटी अधर्प्रेत है धजसका प्रमुख उद्दे श्य अपिे
सदस्यों को िि उिार दे िा है ;
(ज) “लाभांश" से धकसी सोसाइटी के लार्ों में से धकसी सदस्य को उसके द्वारा िाररत
शे यरों के अिुपात में संदत्त रकम अधर्प्रेत है;
(झ) “कृधष सोसाइटी" से ऐसी सोसाइटी अधर्प्रेत है धजसमें , कृधि उत्पादि, धियोजि
और आय में वृक्तद्ध) करिे तथा संसाििों का बेहतर उपयोग करिे के उद्दे श्य से समि
सदस्यों द्वारा र्ूधमयां सक्तिधलत कर ली जाती हैं और संयुि रूप से उिमें खेती की
जाती है, ऐसी र्ूधमयां (क) सदस्यों (या उिमें से कुछ) के स्वाधमत्वािीि या उिको पट्टे पर
दी हुई हों, या (ख) अन्य धकसी र्ी प्रकार से सोसाइटी के कब्जे में आ जाये;
(ट) “गृ ह धनमाषण सोसाइटी" से ऐसी सोसाइटी अधर्प्रेत है धजसका प्रमुख उद्दे श्य अपिे
सदस्यों को धिवास गृह उपलब्ध करािा या उिके धिवास- 1- गृह संधिधमणत करिे के
धलये इस प्रयोजि के धलये अपेधित एक या अधिक आवश्यक संघटक उपलब्ध कराके
उन्ें सुकर बिािा हो;
(ड) "प्रसंस्करण सोसाइटी" से ऐसी सोसाइटी अधर्प्रेत है , धजसका प्रमुख उद्दे श्य माल
का प्रसंस्करर् है;
(र्) "वसूली अधिकारी" से अधिधियम की िारा 100 के अिीि रधजस्ट्रार की शक्तियों
का प्रयोग करिे के धलये सशि कोई व्यक्ति अधर्प्रेत है ;
8
(त) “रधजस्ट्र ीकरण प्राधिकारी" से धकसी सहकारी सोसाइटी के सम्बन्ध में, ऐसा व्यक्ति
अधर्प्रेत है , जो सोसाइटी का रधजस्ट्रीकरर् करिे में सिम है या धजसे ऐसी सोसाइटी के
रधजस्ट्रीकरर् की शक्तियां सरकार द्वारा प्रत्यायोधजत की गयी है ;
(घ) "संपदा सोसाइटी" से ऐसी सोसाइटी अधर्प्रेत है धजसका प्रमुख उद्दे श्य उसके
सदस्यों के धलये उिके द्वारा अपेधित उिार, माल या सेवायें अधर्प्राप्त करिा हो और
कोई सेवा सहकारी सोसाइटी उसके अन्तगणत है ;
(द) "धवक्रय अधिकारी" से रधजस्ट्रार द्वारा सािारर् या धवशे ि आदे श द्वारा व्यधतक्रधमयों
की सम्पधत्त को कुकण और धवक्रीत करिे या सम्पधत्त की कुकी और धवक्रय द्वारा धकसी
धडक्री, आदे श, धवधिश्चय या अधिधिर्ण य को धिष्पाधदत करिे के धलये सशि कोई
अधिकारी अधर्प्रेत है ;
(ि) "मधहला सोसाइटी" से ऐसी सोसाइटी अधर्प्रेत है , धजसका प्रमुख उद्दे श्य मधहलाओं
का आधथण क रूप से उत्थाि करिा हो और धजसके सदस्य अिन्य रूप से या तो मधहलायें
हैं या अिन्य रूप से मधहला सदस्यों वाली सोसाइधटयां हैं ।
(2) इि धियमों में प्रयुि धकये गये धकन्तु पररर्ाधित िहीं धकये गये , धकन्तु अधिधियम में
पररर्ाधित धकये गये शब्ों और अधर्व्यक्तियों का वही अथण होगा जो उन्ें अधिधियम में
समिुधदष्ट धकया गया है।