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K N O W L E D G E का H U B

भारतीय द सं हता क धाराएँ


मूल व ध नो स
भारतीय द ड सं हता स पूण भारत का एक मु य अपरा धक कोड है । उ म इसे ताज इरात - ए - ह द भी
कहते ह । भारतीय द ड सं हता भारत के कसी भी नाग रक ारा कये गये कुछ अपराध क प रभाषा व द ड
का ावधान करती है । क तु यह सं हता भारतीय सेना पर लागू नह होती । इसे टश काल म सन् 1862 म
लागू कया गया था । इसके बाद भारत के वत होने के प चात् इसम समय - समय पर संशोधन होते रहे ।
इसम कुल 511 धाराएं ह जसे कुल 23 अ याय म व णत कया गया है । 1834 म पहला व ध आयोग (
first law of commission ) बनाया गया था । इसके पहले अ य लॉड मैकॉले थे ।

✺भारतीय द ड सं हता क धाराएँ

धारा 1- सं हता का नाम और उसके वतन का व तार

धारा 2- भारत के भीतर कए गए अपराध का द ड ।

धारा 3 - भारत से परे कए गए क तु उसके भीतर व ध के अनुसार वचारणीय अपराध का द ड ।

धारा 4 - रा े ातीत / अपर देशीय अपराध पर सं हता का व तार ।

धारा 5 - कुछ व धय पर इस अ ध नयम ारा भाव न डाला जाना ।

धारा 6 - सं हता म क प रभाषा का अपवाद के अ यधीन समझा जाना ।

धारा 7- एक बार प कृत वा यांश का अ भ ाय ।

धारा 8 - लग

धारा 9 - वचन

धारा 10 - पु ष , ी

धारा 11- य

धारा 12 - जनता / जन सामा य

धारा 13 - वीन क प रभाषा

धारा 14 - सरकार का सेवक

धारा 15 - टश इ डया क प रभाषा

धारा 16 - गवनमट आफ इ डया क प रभाषा

धारा 17 - सरकार
धारा 18 - भारत

धारा 19 - यायाधीश

धारा 20 - यायालय

धारा 21 - लोक सेवक

धारा 22 - चल स प

धारा 23 -सदोष अ भलाभ / हा न

धारा 24 - बेईमानी करना

धारा 25 - कपटपूवक

धारा 26 - व वास करने का कारण

धारा 27 - प ी , ल पक या सेवक के क जे म स प

धारा 28 - कूटकरण

धारा 29 - द तावेज

धारा 30 - मू वान तभू त

धारा 31 - बल

धारा 32 - काय को दशाने वाले श द के अ तगत अवैध लोप शा मल है ।

धारा 33 - काय

धारा 34 - सामा य आशय को अ सर करने म कई य य ारा कए गए काय

धारा 35 - जब क ऐसा काय इस कारण आपरा धक है क वह आपरा धक ान या आशय से कया गया


है

धारा 36 - अंशत : काय ारा और अंशत : लोप ारा का रत प रणाम ।

धारा 37- कई काय म से कसी एक काय को करके अपराध ग ठत करने म सहयोग करना ।

धारा 38 - आपरा धक काय म संपृ य व भ न अपराध के दोषी हो सकगे

धारा 39 - वे छया

धारा 40 - अपराध

धारा 41- वशेष व ध

धारा 42 - थानीय व ध
धारा 43 - अवैध

धारा 44 - त

धारा 45 - जीवन

धारा 46 - मृ ु

धारा 47 - जीवज तु

धारा 48 - जलयान

धारा 49 - वष या मास

धारा 50 - धारा

धारा 51 - शपथ

धारा 52 - स ावपूवक

धारा 53 - द ड

धारा 54 - मृ ु द डादेश का पांतरण

धारा 55 - आजीवन कारावास के द डादेश का लघुकरण

धारा 56 - यूरो पय तथा अमर कय को द ड दासता क सजा

धारा 57- द डाव धय क भ ने

धारा 58 - नवासन से द डा द अपरा धय के साथ कैसा यवहार कया जाए जब तक वे नवा सत न


कर दए जाएं

धारा 59 - कारावास के बदले नवासन

धारा 60 - द डा द कारावास के क तपय मामल म स पूण कारावास या उसका कोई भाग क ठन या


सादा हो सकेगा ।

धारा 61 - स प के समपहरण ( ज ती ) का द डादेश

धारा 62 - मृ ु , नवासन या कारावास से द डनीय अपरा धय क बाबत स प का समपहरण

धारा 63 - आ थक द ड / जुमाने क रकम

धारा 64 - जुमाना न देने पर कारावास का द डादेश

धारा 65 - जब क कारावास और जुमाना दोन आ द कए जा सकते ह , तब जुमाना न देने पर


कारावास क अव ध

धारा 66 - जुमाना न देने पर कस भां त का कारावास दया जाए


धारा 67 - आ थक द ड न चुकाने पर कारावास , जब क अपराध केवल आ थक द ड से द डनीय हो ।

धारा 68 - आ थक द ड के भुगतान पर कारावास का समा त हो जाना ।

धारा 69 - जुमाने के आनुपा तक भाग के दे दए जाने क दशा म कारावास का पयवसान

धारा 70 - जुमाने का छह वष के भीतर या कारावास के दौरान वसूल कया जाना । मृ ु स प को


दा य व से उ ु नह करती

धारा 71 - कई अपराध से मलकर बने अपराध के लए द ड क अव ध

धारा 72 - कई अपराध म से एक के दोषी य के लए द ड जब क नणय म यह क थत है क यह


संदेह है क वह कस अपराध का दोषी है

धारा 73 - एकांत प ररोध

धारा 74 - एकांत प ररोध क अव ध

धारा 75 - पूव दोष स के प चात् अ याय 12 या अ याय 17 के अधीन क तपय अपराध के लए व धत


द ड

धारा 76 - व ध ारा आब या त य क भूल के कारण अपने आप के व ध ारा आब होने का व वास


करने वाले य ारा कया गया काय

धारा 77 - या यकतः काय करते यायाधीश का काय

धारा 78 - यायालय के नणय या आदेश के अनुसरण म कया गया काय

धारा 79 - व ध ारा यायानुमत या त य क भूल से अपने को व ध ारा यायानुमत होने का व वास


करने वाले य ारा कया गया काय

धारा 80 - व धपूण काय करने म घटना

धारा 81 - आपरा धक आशय के बना और अ य त के नवारण के लए कया गया काय जससे त


का रत होना संभा य है ।

धारा 82 - सात वष से कम आयु के शशु का काय

धारा 83 - सात वष से ऊपर कतु बारह वष से कम आयु के अप रप व समझ के शशु का काय

धारा 84 - वकृत चत य का काय

धारा 85 - ऐसे य का काय जो अपनी इ छा के व म ता ( नशे ) म होने के कारण नणय पर


प ंचने म असमथ है

धारा 86 - कसी य ारा , जो म ता म है , कया गया अपराध जसम वशेष आशय या ान का


होना अपे त है
धारा 87 - स म त से कया गया काय जससे मृ ु या घोर उपह त का रत करने का आशय न हो और न
उसक संभा यता का ान हो

धारा 88 - कसी य के फायदे के लए स म त से स ावपूवक कया गया काय जससे मृ ु का रत


करने का आशय नह है

धारा 89 - संर क ारा या उसक स म त से शशु या उ त य के फायदे के लए स ावपूवक कया


गया काय

धारा 90 - स म त , जसके संबंध म यह ात हो क वह भय या म के अधीन दी गई है

धारा 91 - ऐसे अपवा दत काय जो का रत त के बना भी वतः अपराध है

धारा 92 - सहम त के बना कसी य के फायदे के लए स ावपूवक कया गया काय

धारा 93 - स ावपूवक दी गई संसूचना

धारा 94 - वह काय जसको करने के लए कोई य धम कय ारा ववश कया गया है

धारा 95 - तु छ अपहा न का रत करने वाला काय

धारा 96 - ाइवेट तर ा म क गई बात

धारा 97 - शर र तथा संप क नजी तर ा का अ धकार

धारा 98 - ऐसे य के काय के व नजी तर ा का अ धकार जो वकृत च आ द हो

धारा 99 - काय , जनके व नजी तर ा का कोई अ धकार नह है

धारा 100 - कसी क मृ ु का रत करने पर शर र क नजी तर ा का अ धकार कब लागू होता है

धारा 101 - मृ ु से भ न कोई अ य त का रत करने के अ धकार का व तार कब होता है

धारा 102 - शर र क नजी तर ा के अ धकार का ारंभ और बना रहना

धारा 103 - कब संप क ाइवेट तर ा के अ धकार का व तार मृ ु का रत करने तक का होता है

धारा 104 - मृ ु से भ न कोई त का रत करने तक के अ धकार का व तार कब होता है

धारा 105 - स प क ाइवेट तर ा के अ धकार का ारंभ और बना रहना

धारा 106 - घातक हमले के व ाइवेट तर ा का अ धकार जब क नद ष य को अपहा न होने


क जो खम है

धारा 107 - कसी बात का ेरण

धारा 108 - ेरक ।

धारा 108 क - भारत से बाहर के अपराध का भारत म ेरण


धारा 109 - अपराध के लए उकसाने के लए द ड , य द े रत काय उसके प रणाम व प कया जाए ,
और जहां क उसके द ड के लए कोई प ावधान नह है ।

धारा 110 - ेरण का द ड , य द े रत य ेरक के आशय से भ न आशय से काय करता है ।

धारा 111 - ेरक का दा य व जब एक काय का ेरण कया गया है और उससे भ न काय कया गया
है ।

धारा 112 - ेरक कब े रत काय के लए और कए गए काय के लए आक लत द ड से द डनीय है

धारा 113 - े रत काय से का रत उस भाव के लए ेरक का दा य व जो ेरक ारा आश यत से


भ न हो ।

धारा 114 - अपराध कए जाते समय ेरक क उप थ त ।

धारा 115 - मृ ुद ड या आजीवन कारावास से द डनीय अपराध का ेरण - य द ेरण के


प रणाम व प अपराध नह कया जाता ।

धारा 116 - कारावास से द डनीय अपराध का ेरण - य द अपराध न कया जाए ।

धारा 117 - सामा य जन या दस से अ धक य य ारा अपराध कए जाने का ेरण ।

धारा 118 - मृ ु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने क प रक पना को छपाना

धारा 119 - कसी ऐसे अपराध के कए जाने क प रक पना का लोक सेवक ारा छपाया जाना ,
जसका नवारण करना उसका कत य है

धारा 120 - कारावास से द डनीय अपराध करने क प रक पना को छपाना ।

धारा 120 क - आपरा धक ष ं क प रभाषा

धारा 120 ख - आपरा धक ष ं का दंड

धारा 121 - भारत सरकार के व यु करना या यु करने का य करना या यु करने का ेरण


करना ।

धारा 121 क - धारा 121 ारा दंडनीय अपराध को करने का ष ं

धारा 122 - भारत सरकार के व यु करने के आशय से आयुध आ द सं हत करना ।

धारा 123 - यु करने क प रक पना को सुगम बनाने के आशय से छपाना ।

धारा 124 - कसी व धपूण श का योग करने के लए ववश करने या उसका योग अवरो धत करने
के आशय से रा प त , रा पाल आ द पर हमला करना

धारा 124 क - राज ोह

धारा 125 - भारत सरकार से मै ी संबंध रखने वाली कसी ए शयाई श के व यु करना
धारा 126 - भारत सरकार के साथ शां त का संबंध रखने वाली श के रा े म लूटपाट करना ।

धारा 127 - धारा 125 और 126 म व णत यु या लूटपाट ारा ली गई स प ा त करना ।

धारा 128 - लोक सेवक का वे छया राजकैदी या यु कैदी को नकल भागने देना ।

धारा 129 - लोक सेवक का उपे ा से कसी कैदी का नकल भागना सहन करना ।

धारा 130 - ऐसे कैदी के नकल भागने म सहायता देना , उसे छुड़ाना या सं य देना

धारा 131 - व ोह का ेरण या कसी सै नक , नौसे नक या वायुसै नक को कत य से वच लत करने


का य करना

धारा 132 - व ोह का ेरण य द उसके प रणाम व प व ोह हो जाए ।

धारा 133 - सै नक , नौसै नक या वायुसै नक ारा अपने व र अ धकार जब क वह अ धकार अपने पद


- न पादन म हो , पर हमले का ेरण ।

धारा 134 - हमले का ेरण जसके प रणाम व प हमला कया जाए ।

धारा 135 - सै नक , नौसै नक या वायुसै नक ारा प र ाग का ेरण ।

धारा 136 - अ भ ाजक को सं य देना

धारा 137 - मा टर क उपे ा से कसी वा ण क जलयान पर छुपा आ अ भ ाजक

धारा 138 - सै नक , नौसै नक या वायुसै नक ारा अनधीनता के काय का ेरण ।

धारा 138 क - पूव धारा का भारतीय सामु क सेवा को लागू होना

धारा 139 - कुछ अ ध नयम के अ यधीन य ।

धारा 140 - सै नक , नौसै नक या वायुसै नक ारा उपयोग म लाई जाने वाली पोशाक पहनना या तीक
च धारण करना ।

धारा 141 - व ध व जनसमूह ।

धारा 142 - व ध व जनसमूह का सद य होना ।

धारा 143 - गैरकानूनी जनसमूह का सद य होने के नाते दंड

धारा 144 - घातक आयुध से स त होकर व ध व जनसमूह म स म लत होना ।

धारा 145 - कसी व ध व जनसमूह जसे बखर जाने का समादेश दया गया है , म जानबूझकर
शा मल होना या बने रहना

धारा 146 - उप व करना

धारा 147 - ब वा करने के लए दंड


धारा 148 - घातक आयुध से स त होकर उप व करना

धारा 149 - व ध व जनसमूह का हर सद य , समान ल य का अ भयोजन करने म कए गए अपराध


का दोषी

धारा 150 - व ध व जनसमूह म स म लत करने के लए य य का भाड़े पर लेना या भाई पर लेने


के लए बढ़ावा देना

धारा 151 - पांच या अ धक य य के जनसमूह जसे बखर जाने का समादेश दए जाने के प चात्
जानबूझकर शा मल होना या बने रहना

धारा 152 - लोक सेवक के उप व । दंगे आ द को दबाने के यास म हमला करना या बाधा डालना

धारा 153 - उप व कराने के आशय से बे दगी से को पत करना

धारा 153 क - धम , मूलवंश , भाषा , ज - थान , नवास - थान , इ ा द के आधार पर व भ न


समूह के बीच श ुता का सं वतन और सौहा बने रहने पर तकूल भाव डालने वाले काय करना ।

धारा 153 ख - रा ीय अखंडता पर तकूल भाव डालने वाले लांछन , ा यान

धारा 154 - उस भू म का वामी या अ धवासी , जस पर गैरकानूनी जनसमूह एक त हो

धारा 155 - य जसके फायदे के लए उप व कया गया हो का दा य व

धारा 156 - उस वामी या अ धवासी के अ भकता का दा य व , जसके फायदे के लए उप व कया जाता


है

धारा 157 - व ध व जनसमूह के लए भाड़े पर लाए गए य य को सं य देना ।

धारा 158 - व ध व जमाव या ब वे म भाग लेने के लए भाड़े पर जाना

धारा 159 - दंगा

धारा 160 - उप व करने के लए द ड

धारा 161 से 165 - लोक सेवक ारा या उनसे संबं धत अपराध वषय म

धारा 166 - लोक सेवक ारा कसी य को त प ँचाने के आशय से व ध क अव ा करना

धारा 166 क - कानून के तहत महीने दशा अवहेलना लोक सेवक

धारा 166 ख - अ पताल ारा शकार क गैर उपचार

धारा 167 - लोक सेवक , जो त का रत करने के आशय से अशु द तावेज रचता है

धारा 168 - लोक सेवक , जो व ध व प से यापार म लगता है

धारा 169 - लोक सेवक , जो व ध व प से संप य करता है या उसके लए बोली लगाता है

धारा 170- लोक सेवक का त पण ।


धारा 171 - कपटपूण आशय से लोक सेवक के उपयोग क पोशाक पहनना या नशानी को धारण करना ।

धारा 171 क - अ यथ , नवाचन अ धकार प रभा षत

धारा 171 ख - र वत

धारा 171 ग - नवाचन म अस यक् असर डालना

धारा 171 घ - नवाचन म त पण

धारा 171 ड़ - र वत के लए द ड

धारा 171 च - नवाचन म अस यक् असर डालने या त पण के लए द ड

धारा 171 छ - नवाचन के सल सले म म या कथन

धारा 171 ज - नवाचन के सल सले म अवैध संदाय

धारा 171 झ - नवाचन लेखा रखने म असफलता

धारा 172 - समन क तामील या अ य कायवाही से बचने के लए फरार हो जाना

धारा 173 -समन क तामील का या अ य कायवाही का या उसके काशन का नवारण करना

धारा 174 - लोक सेवक का आदेश न मानकर गैर - हा जर रहना

धारा 175 - द तावेज या इलै ा नक अ भलेख पेश करने के लए वैध प से आब य का लोक


सेवक को 1 [ द तावेज या इलै ा नक अ भलेख ] पेश करने का लोप

धारा 176 - सूचना या इ ला देने के लए कानूनी तौर पर आब य ारा लोक सेवक को सूचना या
इ ला देने का लोप

धारा 177 - झूठी सूचना देना

धारा 178 - शपथ या त ान से इंकार करना , जब क लोक सेवक ारा वह वैसा करने के लए स यक्
प से अपे त कया जाए

धारा 179 - न करने के लए ा धकृत लोक सेवक को उ र देने से इंकार करना

धारा 180 - कथन पर ह ता र करने से इंकार

धारा 181 - शपथ दलाने या अ भपु कराने के लए ा धकृत लोक सेवक के , या य के सम शपथ
या अ भपु पर झूठा बयान

धारा 182 - लोक सेवक को अपनी व धपूण श का उपयोग सरे य क त करने के आशय से
झूठी सूचना देना

धारा 183 - लोक सेवक के व धपूण ा धकार ारा संप त लए जाने का तरोध
धारा 184 - लोक सेवक के ा धकार ारा व य के लए था पत क गई संप त के व य म बाधा
डालना ।

धारा 185 - लोक सेवक के ा धकार ारा व य के लए था पत क गई संप का अवैध य या


उसके लए अवैध बोली लगाना ।

धारा 186 - लोक सेवक के लोक कृ के नवहन म बाधा डालना

धारा 187 - लोक सेवक क सहायता करने का लोप , जब क सहायता देने के लए व ध ारा आब हो

धारा 188 - लोक सेवक ारा व धवत प से या पत आदेश क अव ा

धारा 189 - लोक सेवक को त करने क धमक

धारा 190 - लोक सेवक से संर ा के लए आवेदन करने से रोकने हेतु कसी य को उ े रत करने के
लए त क धमक ।

धारा 191 - झूठा सा य देना

धारा 192 - झूठा सा य गढ़ना

धारा 193 - म या सा य के लए दंड

धारा 194 - मृ ु से द डनीय अपराध के लए दोष स कराने के आशय से झूठा सा य देना या गढ़ना

धारा 195 - आजीवन कारावास या कारावास से द डनीय अपराध के लए दोष स ा त करने के


आशय से झूठा सा य देना या गढ़ना

धारा 196 - उस सा य को काम म लाना जसका म या होना ात है

धारा 197 - म या माणप जार करना या ह ता रत करना

धारा 198 - माणप जसका नकली होना ात है , असली के प म योग करना ।

धारा 199 - व ध ारा सा य के प म लये जाने यो य घोषणा म कया गया म या कथन ।

धारा 200 - ऐसी घोषणा का म या होना जानते ए स ची के प म योग करना ।

धारा 201 - अपराध के सा य का वलोपन , या अपराधी को त छा दत करने के लए झूठी जानकार


देना ।

धारा 202 - सूचना देने के लए आब य ारा अपराध क सूचना देने का साशय लोप ।

धारा 203 - कए गए अपराध के वषय म म या इ ला देना

धारा 204 - सा य के प म कसी अद तावेज या इलै ा नक अ भलेख ] का पेश कया जाना नवा रत
करने के लए उसको न करना

धारा 205 - वाद या अ भयोजन म कसी काय या कायवाही के योजन से म या त पण


धारा 206 - संप को समपहरण कए जाने म या न पादन म अ भगृहीत कए जाने से नवा रत करने के
लए उसे कपटपूवक हटाना या छपाना

धारा 207 - संप पर उसके ज त कए जाने या न पादन म अ भगृहीत कए जाने से बचाने के लए


कपटपूवक दावा ।

धारा 208 - ऐसी रा श के लए जो शो य न हो कपटपूवक ड होने देना सहन करना

धारा 209 - बेईमानी से यायालय म म या दावा करना

धारा 210 - ऐसी रा श के लए जो शो य नह है कपटपूवक ड अ भ ा त करना

धारा 211 - त करने के आशय से अपराध का झूठा आरोप

धारा 212 - अपराधी को सं य देना

धारा 213 - अपराधी को दंड से त छा दत करने के लए उपहार आ द लेना

धारा 214 - अपराधी के त छादन के तफल व प उपहार क थापना या संप का ावतन

धारा 215 - चोर क संप इ ा द के वापस लेने म सहायता करने के लए उपहार लेना

धारा 216 - ऐसे अपराधी को सं य देना , जो अ भर ा से नकल भागा है या जसको पकड़ने का आदेश
दया जा चुका है ।

धारा 216 क- लुटेर या डाकु को सं य देने के लए शा त

धारा 216 ख - धारा 212 , धारा 216 और धारा 216 क म सं य क प रभाषा

धारा 217 - लोक सेवक ारा कसी य को दंड से या कसी संप के समपहरण से बचाने के आशय
से व ध के नदेश क अव ा

धारा 218 - कसी य को दंड से या कसी संप को समपहरण से बचाने के आशय से लोक सेवक
ारा अशु अ भलेख या लेख क रचना

धारा 219 - या यक कायवाही म व ध के तकूल रपोट आ द का लोक सेवक ारा तापूवक कया
जाना

धारा 220 - ा धकार वाले य ारा जो यह जानता है क वह व ध के तकूल काय कर रहा है ,


वचारण के लए या प ररोध करने के लए सुपुदगी

धारा 221 - पकड़ने के लए आब लोक सेवक ारा पकड़ने का साशय लोप

धारा 222 - दंडादेश के अधीन या व धपूवक सुपुद कए गए य को पकड़ने के लए आब लोक सेवक


ारा पकड़ने का साशय लोप

धारा 223 - लोक सेवक ारा उपे ा से प ररोध या अ भर ा म से नकल भागना सहन करना ।

धारा 224 - कसी य ारा व ध के अनुसार अपने पकड़े जाने म तरोध या बाधा ।
धारा 225 - कसी अ य य के व ध के अनुसार पकड़े जाने म तरोध या बाधा

धारा 225 क - उन दशा म जनके लए अ यथा उपबंध नह है लोक सेवक ारा पकड़ने का लोप या
नकल भागना सहन करना

धारा 225 ख - अ यथा अनुपबं धत दशा म व धपूवक पकड़ने म तरोध या बाधा या नकल भागना
या छुड़ाना

धारा 226 - नवासन से व ध व वापसी ।

धारा 227 - दंड के प रहार क शत का अ त मण

धारा 228 - या यक कायवाही म बैठे ए लोक सेवक का साशय अपमान या उसके काय म व न

धारा 228 क - क तपय अपराध आ द से पी ड़त य क पहचान का कटीकरण

धारा 229 - जूर सद य या आंकलन कता का त पण ।

धारा 230 - स का क प रभाषा

धारा 231 - स के का कूटकरण

धारा 232 - भारतीय स के का कूटकरण

धारा 233 - स के के कूटकरण के लए उपकरण बनाना या बेचना

धारा 234 - भारतीय स के के कूटकरण के लए उपकरण बनाना या बेचना

धारा 235 - स के के कूटकरण के लए उपकरण या साम ी उपयोग म लाने के योजन से उसे क जे म


रखना

धारा 236 - भारत से बाहर स के के कूटकरण का भारत म ेरण

धारा 237 - कूटकृत स के का आयात या नयात

धारा 238 - भारतीय स के क कूटकृ तय का आयात या नयात

धारा 239 - स के का प रदान जसका कूटकृत होना क जे म आने के समय ात था

धारा 240 - उस भारतीय स के का प रदान जसका कूटकृत होना क जे म आने के समय ात था

धारा 241 - कसी स के का असली स के के प म प रदान , जसका प रदान करने वाला उस समय
जब वह उसके क जे म पहली बार आया था , कूटकृत होना नह जानता था

धारा 242 - कूटकृत स के पर ऐसे य का क जा जो उस समय उसका कूटकृत होना जानता था जब


वह उसके क जे म आया था

धारा 243 - भारतीय स के पर ऐसे य का क जा जो उसका कूटकृत होना उस समय जानता था जब


वह उसके क जे म आया था
धारा 244 - टकसाल म नयो जत य ारा स के को उस वजन या म ण से भ न का रत कया
जाना जो व ध ारा नयत है

धारा 245 - टकसाल से स का बनाने का उपकरण व ध व प से लेना

धारा 246 - कपटपूवक या बेईमानी से स के का वजन कम करना या म ण प रव तत करना

धारा 247 - कपटपूवक या बेईमानी से भारतीय स के का वजन कम करना या म ण प रव तत करना

धारा 248 - इस आशय से कसी स के का प प रव तत करना क वह भ न कार के स के के प म


चल जाए

धारा 249 - इस आशय से भारतीय स के का प प रव तत करना क वह भ न कार के स के के प


म चल जाए

धारा 250 - ऐसे स के का प रदान जो इस ान के साथ क जे म आया हो क उसे प रव तत कया गया


है

धारा 251 - भारतीय स के का प रदान जो इस ान के साथ क जे म आया हो क उसे प रव तत कया


गया है

धारा 252 - ऐसे य ारा स के पर क जा जो उसका प रव तत होना उस समय जानता था जब वह


उसके क जे म आया

धारा 253 - ऐसे य ारा भारतीय स के पर क जा जो उसका प रव तत होना उस समय जानता था


जब वह उसके क जे म आया

धारा 254 - स के का असली स के के प म प रदान जसका प रदान करने वाला उस समय जब वह


उसके क जे म पहली बार आया था , प रव तत होना नह जानता था

धारा 255 - सरकार टा प का कूटकरण

धारा 256 - सरकार टा प के कूटकरण के लए उपकरण या साम ी क जे म रखना

धारा 257 - सरकार टा प के कूटकरण के लए उपकरण बनाना या बेचना

धारा 258 - कूटकृत सरकार टा प का व य

धारा 259 - सरकार कूटकृत टा प को क जे म रखना

धारा 260 - कसी सरकार टा प को , कूटकृत जानते ए उसे असली टा प के प म उपयोग म लाना

धारा 261 - इस आशय से क सरकार को हा न का रत हो , उस पदाथ पर से , जस पर सरकार टा प


लगा आ है , लेख मटाना या द तावेज से वह टा प हटाना जो उसके लए उपयोग म लाया गया है

धारा 262 - ऐसे सरकार टा प का उपयोग जसके बारे म ात है क उसका पहले उपयोग हो चुका

धारा 263 - टा प के उपयोग कए जा चुकने के ोतक च ह का छीलकर मटाना


धारा 263 क - बनावटी टा प का तषेध

धारा 264 - तोलने के लए खोटे उपकरण का कपटपूवक उपयोग

धारा 265 - खोटे बाट या माप का कपटपूवक उपयोग

धारा 266 - खोटे बाट या माप को क जे म रखना

धारा 267- खोटे बाट या माप का बनाना या बेचना

धारा 268 - लोक यूसे स

धारा 269 - उपे ापूण काय जससे जीवन के लए संकटपूण रोग का सं म फैलना संभा य हो

धारा 270 - प र ेषपूण काय , जससे जीवन के लए संकटपूण रोग का सं म फैलना संभा य हो

धारा 271 - कर तीन के नयम क अव ा

धारा 272 - व य के लए आश यत खा या पेय व तु का अप म ण

धारा 273 - अपायकर खा या पेय का व य

धारा 274 - औष धय का अप म ण

धारा 275 - अप म त ओष धय का व य

धारा 276 - ओष ध का भ न औष ध या न म त के तौर पर व य

धारा 277 - लोक जल - ोत या जलाशय का जल कलु षत करना

धारा 278 - वायुम डल को वा य के लए अपायकर बनाना

धारा 279 - सावज नक माग पर उतावलेपन से वाहन चलाना या हांकना

धारा 280 - जलयान का उतावलेपन से चलाना

धारा 281 - ामक काश , च ह या बोये का दशन

धारा 282 - अ मकर या अ त लदे ए जलयान म भाड़े के लए जलमाग से कसी य का वहण

धारा 283 - लोक माग या पथ - दशन माग म संकट या बाधा का रत करना ।

धारा 284 - वषैले पदाथ के संबंध म उपे ापूण आचरण

धारा 285 - अ न या वलनशील पदाथ के स ब ध म उपे ापूण आचरण ।

धारा 286 - व फोटक पदाथ के बारे म उपे ापूण आचरण

धारा 287 - मशीनर के स ब ध म उपे ापूण आचरण

धारा 288 - कसी नमाण को गराने या उसक मर मत करने के संबंध म उपे ापूण आचरण
धारा 289 - जीवज तु के संबंध म उपे ापूण आचरण ।

धारा 290 - अ यथा अनुपब धत मामल म लोक बाधा के लए द ड

धारा 291 - यूसे स ब द करने के यादेश के प चात् उसका चालू रखना

धारा 292 - अ लील पु तक आ द का व य आ द ।

धारा 292 क - वम शत और व ेषपूण काय जो कसी वग के धम या धा मक व वास का अपमान करके


उसक धा मक भावना को आहत करने के आशय से कए गए ह

धारा 292 क - लैकमेल के लए अभ या भयावह बात या बात का मु ण , आ द

धारा 293 - त ण य को अ लील व तुओ का व य आ द

धारा 294- अ लील काय और गाने

धारा 294 क - लाटर कायालय रखना

धारा 295 - कसी वग के धम का अपमान करने के आशय से उपासना के थान को त करना या


अप व करना

धारा 296 -धा मक जमाव म व न करना

धारा 297 - क तान आ द म अ तचार करना

धारा 298 - धा मक भावना को ठेस प ंचाने के स वचार आशय से श द उ चा रत करना आ द

धारा 299 - आपरा धक मानव वध

धारा 300- ह ा

धारा 301 - जस य क मृ ु का रत करने का आशय था उससे भ न य क मृ ु करके


आपरा धक मानव वध करना ।

धारा 302 - ह ा के लए द ड

धारा 303 - आजीवन कारावास से द डत य ारा ह ा के लए द ड ।

धारा 304 - ह ा क ेणी म न आने वाली गैर इरादतन ह ा के लए द ड

धारा 304 क - उपे ा ारा मृ ु का रत करना

धारा 304 ख - दहेज मृ ु

धारा 305 - शशु या उ त य क आ मह ा का ेरण

धारा 306 - आ मह ा का ेरण

धारा 307 - ह ा करने का य


धारा 308 - गैर इरादतन ह ा करने का यास

धारा 309 - आ मह ा करने का य

धारा 310 - ठग

धारा 311 - ठगी के लए द ड

धारा 312 - गभपात का रत करना

धारा 313 - ी क सहम त के बना गभपात का रत करना

धारा 314 - गभपात का रत करने के आशय से कए गए काय ारा का रत मृ ु

धारा 315 - शशु का जी वत पैदा होना रोकने या ज के प चात् उसक मृ ु का रत करने के आशय से
कया गया काय

धारा 316 - ऐसे काय ारा जो गैर - इरादतन ह ा क को ट म आता है , कसी सजीव अजात शशु क
मृ ु का रत करना

धारा 317 - शशु के पता या माता या उसक देखरेख रखने वाले य ारा बारह वष से कम आयु के
शशु का प र ाग और अर त डाल दया जाना ।

धारा 318 - मृत शर र के गु त ययन ारा ज छपाना

धारा 319 - त प ँचाना

धारा 320 - घोर आघात

धारा 321 - वे छया उपह त का रत करना

धारा 322 - वे छया घोर उपह त का रत करना

धारा 323 - जानबूझ कर वे छा से कसी को चोट प ँचाने के लए द ड

धारा 324 - खतरनाक आयुध या साधन ारा वे छया उपह त का रत करना

धारा 325 - वे छापूवक कसी को गंभीर चोट प चाने के लए द ड

धारा 326 - खतरनाक आयुध या साधन ारा वे छापूवक घोर उपह त का रत करना

धारा 326 क - ए सड हमले

धारा 326 ख - ए सड हमला करने का यास

धारा 327 - संप या मू वान तभू त क जबरन वसूली करने के लए या अवैध काय कराने को
मजबूर करने के लए वे छापूवक चोट प ँचाना ।

धारा 328 - अपराध करने के आशय से वष इ ा द ारा त का रत करना


धारा 329 - स प उ ा पत करने के लए या अवैध काय कराने को मजबूर करने के लए वे छया घोर
उपह त का रत करना

धारा 330 - सं वीकृ त जबरन वसूली करने या ववश करके संप का ावतन कराने के लए वे छया
त का रत करना

धारा 331 - सं वीकृ त उ ा पत करने के लए या ववश करके स प त का ावतन कराने के लए


वे छया घोर उपह त का रत करना

धारा 332 - लोक सेवक अपने कत य से भयोपरत करने के लए वे छा से चोट प ँचाना

धारा 333 - लोक सेवक को अपने कत य से भयोपरत करने के लए वे छया घोर त का रत करना ।

धारा 334 - कोपन पर वे छया त करना

धारा 335 - कोपन पर वे छया घोर उपह त का रत करना

धारा 336 - सर के जीवन या य गत सुर ा को ख़तरा प ंचाने वाला काय ।

धारा 337- कसी काय ारा , जससे मानव जीवन या कसी क य गत सुर ा को खतरा हो , चोट
प ँचाना का रत करना

धारा 338 - कसी काय ारा , जससे मानव जीवन या कसी क य गत सुर ा को ख़तरा हो , गंभीर
चोट प ँचाना का रत करना

धारा 339 - सदोष अवरोध ।

धारा 340 - सदोष प ररोध या गलत तर के से तबं धत करना

धारा 341 - सदोष अवरोध के लए द ड

धारा 342 - ग़लत तर के से तबं धत करने के लए द ड

धारा 343 - तीन या अ धक दन के लए सदोष प ररोध

धारा 344 - दस या अ धक दन के लए सदोष प ररोध

धारा 345 - ऐसे य का सदोष प ररोध जसके छोड़ने के लए रट नकल चुका है

धारा 346 - गु त थान म सदोष प ररोध

धारा 347 - स प क जबरन वसूली करने के लए या अवैध काय करने के लए मजबूर करने के लए
सदोष प ररोध

धारा 348 - सं वीकृ त उ ा पत करने के लए या ववश करके स प का ावतन करने के लए सदोष


प ररोध

धारा 349 - बल
धारा 350 - आपरा धक बल

धारा 351 - हमला

धारा 352 - ग भीर कोपन के बना हमला करने या आपरा धक बल का योग करने के लए द ड

धारा 353 - लोक सेवक को अपने कत य के नवहन से भयोपरत करने के लए हमला या आपरा धक बल
का योग

धारा 354 - ीक ल ा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपरा धक बल का योग

धारा 354 क - यौन उ पीड़न

धारा 354 ख - एक औरत नंगा करने के इरादे के साथ काय

धारा 354 ग - छप कर देखना

धारा 354 घ - पीछा

धारा 355 - ग भीर कोपन होने से अ यथा कसी य का अनादर करने के आशय से उस पर हमला या
आपरा धक बल का योग

धारा 356 - हमला या आपरा धक बल योग ारा कसी य ारा ले जाई जाने वाली संप क चोर
का यास ।

धारा 357- कसी य का सदोष प ररोध करने के य म हमला या आपरा धक बल का योग ।

धारा 358 - ग भीर कोपन मलने पर हमला या आपरा धक बल का योग

धारा 359 - यपहरण

धारा 360 - भारत म से यपहरण

धारा 361 - व धपूण संर कता म से यपहरण

धारा 362 - अपहरण ।

धारा 363 - यपहरण के लए द ड

धारा 363 क - भीख मांगने के योजन के लए अ ा तवय का यपहरण का वकलांगीकरण

धारा 364 - ह ा करने के लए यपहरण या अपहरण करना

धारा 364 क - फरौती , आ द के लए यपहरण

धारा 365 - कसी य का गु त और अनु चत प से सी मत / कैद करने के आशय से यपहरण या


अपहरण

धारा 366 - ववाह आ द के करने को ववश करने के लए कसी ी को यपहत करना , अपहत करना
या उ े रत करना
धारा 366 क - अ ा तवय लड़क का उपापन

धारा 366 ख - वदेश से लड़क का आयात करना

धारा 367 - य को घोर उपह त , दास व , आ द का वषय बनाने के उ े य से यपहरण या अपहरण

धारा 368 - यप त या अप त य को गलत तर के से छपाना या कैद करना

धारा 369 - दस वष से कम आयु के शशु के शर र पर से चोर करने के आशय से उसका यपहरण या


अपहरण

धारा 370 - मानव त कर - दास के प म कसी य को खर दना या बेचना

धारा 371 - दास का आ या सक यवहार करना

धारा 372 - वे यावृ आ द के योजन के लए नाबा लग को बेचना

धारा 373 - वे यावृ आ द के योजन के लए नाबा लग को खर दना

धारा 374 - व ध व बलपूवक म

धारा 375 - बला ंग

धारा 376 - बला कार के लए द ड

धारा 376 क - पृथक् कर दए जाने के दौरान कसी पु ष ारा अपनी प ी के साथ संभो

धारा 376 ख - लोक सेवक ारा अपनी अ भर ा म क कसी ी के साथ संभोग

धारा 376 ग - जेल , त ेषण गृह आ द के अधी क ारा संभोग

धारा 376 घ - अ पताल के ब ध या कमचा रवृ द आ द के कसी सद य ारा उस अ पताल म कसी


ी के साथ संभोग

धारा 377 - कृ त व अपराध

धारा 378 - चोर

धारा 379 - चोर के लए दंड

धारा 380 - नवास - गृह आ द म चोर

धारा 381 - ल पक या सेवक ारा वामी के क जे म संप त क चोर ।

धारा 382 - चोर करने के लए मृ ु , त या अवरोध का रत करने क तैयार के प चात् चोर करना

धारा 383 - उ ापन / जबरन वसूली

धारा 384 - ज़बरद ती वसूली करने के लए द ड

धारा 385 - ज़बरद ती वसूली के लए कसी य को त के भय म डालना


धारा 386 - कसी य को मृ ु या गंभीर आघात के भय म डालकर ज़बरद ती वसूली करना

धारा 387 - ज़बरद ती वसूली करने के लए कसी य को मृ ु या घोर आघात के भय म डालना

धारा 388 - मृ ु या आजीवन कारावास , आ द से दंडनीय अपराध का अ भयोग लगाने क धमक देकर
उ ापन

धारा 389 - जबरन वसूली करने के लए कसी य को अपराध का आरोप लगाने के भय म डालना

धारा 390 - लूट

धारा 391 - डकैती

धारा 392 - लूट के लए द ड

धारा 393 - लूट करने का य

धारा 394 - लूट करने म वे छापूवक कसी को चोट प ँचाना

धारा 395 - डकैती के लए द ड

धारा 396- ह ा स हत डकैती

धारा 397 - मृ ु या घोर आघात का रत करने के य के साथ लूट या डकैती

धारा 398 - घातक आयुध से स त होकर लूट या डकैती करने का य

धारा 399 - डकैती करने के लए तैयार करना

धारा 400 - डाकु क टोली का होने के लए द ड

धारा 401 - चोर के गरोह का होने के लए द ड

धारा 402 - डकैती करने के योजन से एक त होना

धारा 403 - स प का बेईमानी से गबन / पयोग

धारा 404 - मृत य क मृ ु के समय उसके क जे म स प का बेईमानी से गबन / पयोग

धारा 405 - आपरा धक व वासघात

धारा 406 - व वास का आपरा धक हनन

धारा 407 - कायवाहक , आ द ारा आपरा धक व वासघात

धारा 408 - ल पक या सेवक ारा व वास का आपरा धक हनन

धारा 409 - लोक सेवक या बक कमचार , यापार या अ भकता ारा व वास का आपरा धक हनन

धारा 410 - चुराई ई संप


धारा 411 - चुराई ई संप को बेईमानी से ा त करना

धारा 412 - ऐसी संप को बेईमानी से ा त करना जो डकैती करने म चुराई गई है ।

धारा 413 - चुराई ई संप त का अ यासतः यापार करना

धारा 414 - चुराई ई संप त छपाने म सहायता करना

धारा 415 - छल

धारा 416 - त पण ारा छल

धारा 417 - छल के लए द ड ।

धारा 418 - इस ान के साथ छल करना क उस य को सदोष हा न हो सकती है जसका हत


संर त रखने के लए अपराधी आब है

धारा 419 - त पण ारा छल के लए द ड ।

धारा 420 - छल करना और बेईमानी से ब मू व तु । संप देने के लए े रत करना

धारा 421 - लेनदार म वतरण नवा रत करने के लए संप का बेईमानी से या कपटपूवक अपसारण या
छपाना

धारा 422 - ण को लेनदार के लए उपल ध होने से बेईमानी से या कपटपूवक नवा रत करना

धारा 423 - अ तरण के ऐसे वलेख का , जसम तफल के संबंध म म या कथन अ त व है , बेईमानी
से या कपटपूवक न पादन

धारा 424 - स प का बेईमानी से या कपटपूवक अपसारण या छपाया जाना

धारा 425 - र | कुचे ा

धारा 426 - र के लए द ड

धारा 427 - कुचे ा जससे पचास पए का नुकसान होता है

धारा 428 - दस पए के मू के जीवज तु को वध करने या उसे वकलांग करने ारा र

धारा 429 - कसी मू के ढोर , आ द को या पचास पए के मू के कसी जीवज तु का वध करने या


उसे वकलांग करने आ द ारा कुचे ा ।

धारा 430 - सचन संकम को त करने या जल को दोषपूवक मोड़ने ारा र

धारा 431 - लोक सड़क , पुल , नदी या जलसरणी को त प ंचाकर र

धारा 432 - लोक जल नकास म नुकसान द जल लावन या बाधा का रत करने ारा र

धारा 433 - कसी दीपगृह या समु ी - च को न करके , हटाकर या कम उपयोगी बनाकर र


धारा 434 - लोक ा धकार ारा लगाए गए भू म च के न करने या हटाने आ द ारा र

धारा 435 - सौ पए का या ( कृ ष उपज क दशा म ) दस पए का नुकसान का रत करने के आशय से


अ न या व फोटक पदाथ ारा कुचे ा ।

धारा 436 - गृह आ द को न करने के आशय से अ न या व फोटक पदाथ ारा कुचे ा ।

धारा 437 - कसी त लायु या बीस टन बोझ वाले जलयान को न करने या असुर त बनाने के आशय
से कुचे ा ।

धारा 438 - धारा 437 म व णत अ न या व फोटक पदाथ ारा क गई कुचे ा के लए द ड ।

धारा 439 - चोर , आ द करने के आशय से जलयान को साशय भू म या कनारे पर चढ़ा देने के लए
द डा

धारा 440 - मृ ु या उपह त का रत करने क तैयार के प चात् क गई र

धारा 441 - आपरा धक अ तचार

धारा 442 - गृह - अ तचार

धारा 443 - छ न गृह - अ तचार

धारा 444 - रा ौ छ न गृह - अ तचार

धारा 445 - गृह - भेदन ।

धारा 446 - रा ौ गृह - भेदन

धारा 447 - आपरा धक अ तचार के लए द ड

धारा 448 - गृह - अ तचार के लए द ड

धारा 449 - मृ ु से दंडनीय अपराध को रोकने के लए गृह - अ तचार

धारा 450 - अपजीवन कारावास से दंडनीय अपराध को करने के लए गृह - अ तचार

धारा 451 - कारावास से द डनीय अपराध को करने के लए गृह - अ तचार

धारा 452 - बना अनुम त घर म घुसना , चोट प ंचाने के लए हमले क तैयार , हमला या गलत तर के
से दबाव बनाना

धारा 453 - छ न गृह - अ तचार या गृह - भेदन के लए दंड

धारा 454 - कारावास से द डनीय अपराध करने के लए छप कर गृह - अ तचार या गृह - भेदन करना

धारा 455 - उपह त , हमले या सदोष अवरोध क तैयार के प चात् छ न गृह - अ तचार या गृह - भेदन

धारा 456 - रात म छप कर गृह - अ तचार या गृह - भेदन के लए द ड


धारा 457 - कारावास से द डनीय अपराध करने के लए रात म छप कर गृह - अ तचार या गृह - भेदन
करना

धारा 458 - त , हमला या सदोष अवरोध क तैयार के करके रात म गृह - अ तचार

धारा 459 - छ न गृह - अ तचार या गृह - भेदन करते समय घोर उपह त का रत हो

धारा 460 - रा छ न गृह - अ तचार या रा ौ गृह - भेदन म संयु तः स पृ सम त य दंडनीय ह ,


जब क उनम से एक ारा मृ ु या घोर उपह त का रत हो

धारा 461 - ऐसे पा को , जसम संप है , बेईमानी से तोड़कर खोलना

धारा 462 - उसी अपराध के लए दंड , जब क वह ऐसे य ारा कया गया है जसे अ भर ा य त क
गई है

धारा 463 - कूटरचना

धारा 464 - म या द तावेज रचना

धारा 465 - कूटरचना के लए द ड ।

धारा 466 - यायालय के अ भलेख क या लोक र ज टर आ द क कूटरचना

धारा 467 - मू वान तभू त , वसीयत , इ ा द क कूटरचना

धारा 468 - छल के योजन से कूटरचन

धारा 469 - या त को अपहा न प ंचाने के आशय से कूटरच न

धारा 470 - कूटर चत द तावेज या इलै ा नक अ भलेखट

धारा 471 - कूटर चत द तावेज या इलै ा नक अ भलेख का असली के प म उपयोग म लाना

धारा 472 - धारा 467 के अधीन द डनीय कूटरचना करने के आशय से कूटकृत मु ा , आ द का बनाना या
क जे म रखना

धारा 473 - अ यथा द डनीय कूटरचना करने के आशय से कूटकृत मु ा , आ द का बनाना या क जे म


रखना

धारा 474 - धारा 466 या 467 म व णत द तावेज को , उसे कूटर चत जानते ए और उसे असली के प
म उपयोग म लाने का आशय रखते ए , क जे म रखना

धारा 475 - धारा 467 म व णत द तावेज के अ ध माणीकरण के लए उपयोग म लाई जाने वाली
अ भल णा या च क कूटकृ त बनाना या कूटकृत च यु पदाथ को क जे म रखना

धारा 476 - धारा 467 म व णत द तावेज से भ न द तावेज के अ ध माणीकरण के लए उपयोग म


लाई जाने वाली अ भल णा या च क कूटकृ त बनाना या कूटकृत च यु पदाथ को क जे म रखना
धारा 477 - वल , द क हण ा धकार - प या मू वान तभू त को कपटपूवक रद , न , आ द
करना

धारा 477 क - लेखा का म याकरण

धारा 478 - यापार च

धारा 479 - स प - च

धारा 480 - म या यापार च का योग कया जाना

धारा 481 - म या स प - च को उपयोग म लाना

धारा 482 - म या स प - च को उपयोग करने के लए द ड

धारा 483 - अ य य ारा उपयोग म लाए गए स प च का कूटकरण

धारा 484 - लोक सेवक ारा उपयोग म लाए गए चहन का कूटकरण

धारा 485 - स प - च के कूटकरण के लए कोई उपकरण बनाना या उस पर क जा

धारा 486 - कूटकृत स प - चहन से च हत माल का व य

धारा 487 - कसी ऐसे पा के ऊपर म या च बनाना जसम माल रखा है

धारा 488 - कसी ऐसे म या च को उपयोग म लाने के लए द ड

धारा 489 - त का रत करने के आशय से स प - च को बगाड़ना

धारा 489 क - करे सी नोट या बक नोट का कूटकरण

धारा 489 ख - कूटर चत या कूटकृत करसी नोट या बक नोट को असली के प म उपयोग म लाना

धारा 489 ग - कूटर चत या कूटकत करे सी नोट या बक नोट को क जे म रखना

धारा 489 घ - करे सी नोट या बक नोट क कूटरचना या कूटकरण के लए उपकरण या साम ी बनाना
या क जे म रखना

धारा 489 ड़ - करे सी नोट या बक नोट से स य रखने वाली द तावेज क रचना या उपयोग

धारा 490 - समु या ा या या ा के दौरान सेवा भंग

धारा 491 - असहाय य क प रचया करने क और उसक आव यकता क पू त करने क सं वदा


का भंग

धारा 492 - र वाले थान पर सेवा करने का सं वदा भंग जहां सेवक को मा लक के खच पर ले जाया
जाता है

धारा 493 - व धपूण ववाह का धोखे से व वास उ े रत करने वाले पु ष ारा का रत सहवास ।
धारा 494 - प त या प ी के जीवनकाल म पुनः ववाह करना

धारा 495 - वही अपराध पूववत ववाह को उस य से छपाकर जसके साथ आगामी ववाह कया
जाता है ।

धारा 496 - व धपूण ववाह के बना कपटपूवक ववाह कम पूरा करना ।

धारा 497- य भचार

धारा 498 - ववा हत ी को आपरा धक आशय से फुसलाकर ले जाना , या न रखना

धारा 498A - कसी ी के प त या प त के नातेदार ारा उसके त ू रता करना

धारा 499 - मानहा न

धारा 500 - मानहा न के लए द ड

धारा 501 - मानहा नकारक जानी ई बात को मु त या उ क ण करना

धारा 502 - मानहा नकारक वषय रखने वाले मु त या उ क ण साम ी का बेचना

धारा 503 - आपरा धक अ भ ास

धारा 504 - शां त भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना

धारा 505 - लोक र कारक व य

धारा 506 - धमकाना

धारा 507 - अनाम संसूचना ारा आपरा धक अ भ ास

धारा 508 - य को यह व वास करने के लए उ े रत करके क वह दैवी अ साद का भाजन होगा


कराया गया काय

धारा 509 - श द , अंग व ेप या काय जो कसी ीक ल ा का अनादर करने के लए आश यत है

धारा 510 - शराबी य ारा लोक थान म राचार

धारा 511 - आजीवन कारावास या अ य कारावास से द डनीय अपराध को करने का य करने के


लए द ड

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November 2020 to April 2021 Current धारा 370 और 35A सभी तयोगी पर ा के
Affairs SSC CHSL & RRB EXAMS लए उपयोगी त य
भौ तक व ान के सू जीव व ान से संबं धत न_भाग - 2

यौ गक के यापा रक एवं रासाय नक नाम रसायन व ान नो र -1


रासाय नक बलग तक से स ब धत न रसायन व ान नो र -2

जीव व ान से संबं धत न_भाग - 1 रसायन व ान नो र -3

Disclaimer - यह पीडीएफ व भ न ोत से त य एक त करके बनाय गयी है , य द इसम कोई ु ट पायी जाती है तो नॉलेज हब संचालक क
ज मेदार नह होगी ।

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भगवान के भरोसे मत बैठो , या पता वो हमारे भरोसे बैठा हो ।

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