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हृदय :

विरासत शहर विकास और संिर्द्धन योजना

के

लिए

ददशाननदे श

शहरी विकास मंत्रािय


भारत सरकार

जनिरी, 2015

0
हृदय

(विरासत शहर विकास और सिंर्द्धन योजना)

ददशाननदे श

1. सकीम की आिश्यकता

भारत समर्द्
ृ और विविध प्राकृततक, ऐततहाससक और सांस्कृततक संसाधनों से संपन्न ह।
तथावप, अभी ऐसे संसाधनों का उनके इष्टतम ााभों के साए पता ागाया जाना ह। भारतीय
शहरों और कस्बों मऐत ऐततहाससक और सांस्कृततक संसाधनों को स्थानीय समुदायों की
आिश्यकतांं और मह्‍िकांक्षांं के साथ-साथ स्थानीय अथधियिसथा, शहरी आयोजना,
आजीविका, सेिा सुाभता और क्षेत्रों मऐत अिसंरचना मुह।या कराने ज।से प्रमुख शहरी विकास
संबंधी विषयों से अाग पि
ू ध मऐत संरक्षक्षत करने के प्राय: प्रयास ककए जाते रहे हैं शहरों के
विरासत विकास का संबंध कुछ स्मारकों के तनमाधऔ और संरक्षऔ से नहीं ह। ाेककन इसका
संबंध समग्र शहर के विकास, इसके तनयोजन, इसकी मूाभूत सेिांं, इसके समुदायों के
बेहतर जीिन स्तर, उनकी अथधव्यिस्था और आजीविका, सफाई, सुरक्षा, इसके मूा स्िरूपप का
पुनरूपर्द्ार और इसकी प्रकृतत के स्पष्ट प्रकटीकरऔ से ह।

िषध 2006 से, शहरी विकास मंत्रााय ने भारत के विरासत शहरों के विकास पर जोर दे ते
हुए विसभन्न क्षमता तनमाधऔ पहाऐत की हैं शहरी विरासत का संरक्षऔ प्राय: शहरी नगर
तनयोजन प्रकियांं/यंत्रों और स्थानीय अथधव्यिस्था और सेिा सुाभता पहाुंं से संबर्द् न
करते हुए ककया गया ह। विरासत क्षेत्रों को नजरअंदाज ककया जाता ह। , इनमऐत जाापतू तध,
सफाई, सड़कों आदद ज।सी अपयाधप्त बुतनयादी सेिांं और अिंसरचनांं का अ्‍बार ागा ह।
शौचााय, साइनेज, स्रीट ााइट ज।सी बुतनयादी सुख-सुविधाएं नहीं हैं शहरी विरासत
पररसंपत््‍तयों और भ-ू दृश्य के वि्‍त पोषऔ और प्रबंधन के साए अनेक संस्थांं और
अस्पष्ट तनयामक ़ांांचे के साथ-साथ शहरी स्थानीय तनकायों की कमजोर क्षमता ने इन
विरासत शहरों का प्रबंधन करने की प्रमख
ु चन
ु ौततयां प।दा की हैं

इन शहरों को जीिंत, प्रततस्पधी बनाने और कुछ उत्लाखखत चन


ु ौततयों से तनपटने के
उद्देश्य से कुशा सशलपकार और परं परागत अथधव्यिस्था की शत् त को उभारते हुए पयधटन
और विरासत क्षेत्र मऐत असीसमत संभािना का मूलयांकन करने के साए एक तनयोत्जत

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दृत्ष्टकोऔ आिश्यक ह। इससे स्थानीय रूपप से उपा‍ध ्ान, संसाधन और कौशा के
माध्यम से स्थानीय आथिथधक विकास की आधतु नक अिधारऔा का सहज सामंजस्य भी हो
सकेगा

प्रसतावित हृदय स्कीम भारत मऐत कुछ विरासत शहरों के एकीकृत, समािेशी और सतत
विकास के साए अ्‍यथिधक अिसर प्रदान करे गी हृदय ने आजीविका, कौशा, सफाई, सुरक्षा,
सुाभता और सेिा सुाभता पर जोर दे ते हुए एक समािेशी और एकीकृत रूपप मऐत शहरी
आयोजना/आथिथधक विकास और विरासत संरक्षऔ को एक साथ ााते हुए शहरी विकास के
भारत के दृत्ष्टकोऔ मऐत प्रततमान स्थावपत ककया ह।

मंत्रााय की अन्य स्कीमों के माध्यम से जा, सफाई सवु िधांं आदद के साए शहरी
स्तर पर आिश्यकतांं को पूरा ककया जाएगा तथावप, स्कीम मऐत अिसंरचना पररयोजनांं
को सहायता प्रदान की जाएगी जो शहर की प्रमुख अिसंरचना के साथ विरासत सुविधांं को
संबर्द् करे गी कायाधन्ियन के साए व्यापक दृत्ष्टकोऔ पररयोजना आधाररत होने के बजाय
कायधिम आधाररत होगा और तदनुसार स्कीम स्ियं को बाध्य नहीं करे गी अथिा प्रस्तावित
कायधकाापों पर शतें तनधाधररत नहीं करे गी ाेककन यह शहर की आिश्यकता और मांग के
आधार पर होनी चादहए

2. सकीम वििरण:

विरासत शहर के सौनदयधपरक आकषधक, सुाभ, सूचनाप्रद और संरक्षक्षत पयाधिरऔ को


प्रो्‍सादहत करके शहर का अविवितीय स्िरूपप परराक्षक्षत करने के साए इसके मूा स्िरूपप का
संरक्षऔ और पन
ु रूपर्द्ार करना शहर की सांसकृततक पहचान बनाए रखने के साए सफाई,
सुरक्षा, पयधटन, विरासत पुनरूपर्द्ार और आजीविका पर विशेष ध्यान दे कर समग्र जीिन स्तर
मऐत सुधार ााने हे तु विरासत शहरों का कायधनीततक और तनयोत्जत विकास करना

3. सकीम की कायधनीनत:

 यह केन्र सरकार से शत-प्रततशत वि्‍तपोषऔ की केन्रीय क्षेत्र की स्कीम ह।


 शहरों के साए विरासत प्रबंधन योजना त।यार करना और इस स्कीम के अंतगधत
सहायता का ााभ ाेने हे तु तनधाधररत पररयोजनांं के साए डीपीआर त।यार करना
अपेक्षक्षत होगा

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 राषरीय समशन तनदे शााय/शहर समशन तनदे शााय वििारा पीड‍लयूं /एसपीिी/
सीपीएसयू/राज्य प।रा स्टे टा/प्रततत्ष्ित ग।र-सरकारी संगिन के माध्यम से
एचएमपी और डीपीआर त।यार की जाए पीड‍लयूं/एसपीिी/सीपीएसयू/राज्य
प।रास्टे टा/प्रततत्ष्ित ग।र सरकारी संगिन वििारा पररयोजनांं का तनष्पादन ककया
जाएगा और शहरी विकास मंत्रााय वििारा समशन तनदे शााय की ससफाररश पर
तनष्पादन एजऐतससयों को धनरासश आबंदटत की जाएगी
 पररयोजना की अिथिध ददसंबर, 2014 से शुरूप होकर 4 िषध तक ह।
 एनआईयूए को हृदय स्कीम के साए राष्रीय पररयोजना प्रबंधन इकाई के रूपप मऐत
पदनासमत ककया गया ह। और यह समशन तनदे शााय के एक सथिचिााय के रूपप मऐत
कायध करे गा
 राषरीय समशन तनदे शााय वििारा शहर पररयोजना प्रबंधन इकाई की अथिधप्रात्प्त
की जाएगी और यह शहरी समशन तनदे शााय के सथिचिााय के रूपप मऐत कायध
करे गा

4. सकीम के उद्देश्य

हृदय का प्रमुख उद्देश्य विरासत शहर के मूा स्िरूपप को सरं क्षक्षत करना और तनजी क्षेत्र
की भागीदारी सदहत विसभन्न अिसर प।दा करके समािेशी विरासत संबर्द् शहरी विकास को
ब़ांािा दे ना ह। विसशष्ट ा्य तन्‍नसाखखत हैं:-

(क) विरासत संिेदी अिसंरचना की आयोजना, विकास और कायाधन्ियन


(ख) ऐततहाससक शहर के प्रमुख क्षेत्रों मऐत सेिा सुाभता और अिसंरचना मुह।या
कराना
(ग) विरासत का संरक्षऔ और पुनरूपर्द्ार त्जनमऐत पयधटक शहर के अविवितीय स्िरूपप
के साथ सीधे तौर पर जुड़ सकते हैं
(घ) शहर आयोजना, विकास और सेिा प्रािधान और सुाभता के आधार के रूपप मऐत
प्राकृततक, सांस्कृततक, सजीि और तनसमधत विरासत शहरों की विरासत
पररसंपत््‍त सच
ू ी त।यार करना और दस्तािेज त।यार करना

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(ङ) पयधटक सुविधांं/सुख-सुविधांं मऐत सुधार करने मऐत अवियतन प्रौवियोथिगकीयों के
उपयोग सदहत सािधजतनक सुविधांं, शौचााय, पानी का ना, पथ प्रकाश
ज।सी सफाई सुविधांं का कायाधन्ियन और संिर्द्धन
(च) समग्र विरासत आधाररत उवियोग के साए स्थानीय क्षमता मऐत िवृ र्द् करना
(छ) पयधटन और सांस्कृततक सवु िधांं के बीच प्रभािी सांकेज करना और प्राकृततक
तथा तनसमधत विरासत का संरक्षऔ भी करना
(ज) ऐततहाससक भिनों की रे रोकफदटंग के साए उथिचत प्रौवियोथिगककयों सदहत शहरी
विरासत अनुकूाक पुनिाधस और अनुरक्षऔ करना
(झ) अनक
ु ू ाक शहरी पन
ु िाधस के साए प्रभािी सािधजतनक तनजी भागीदारी बनाना
और प्रबंधन करना
(ञ) दहतबवर्द्यों के बीच आजीविकांं के अिसर ब़ांाने के साए प्रमुख भौततक
आथिथधक कायधकाापों का विकास और संिर्द्धन इसमऐत सािधजतनक स्था सुाभ
कराने और सांस्कृततक स्थाों का तनमाधऔ करने सदहत उनके साए अपेक्षक्षत
कौशा विकास भी शासमा होगा
(ट) आधतु नक आईसीटी टूलस के उपयोग की शहरों मऐत जानकारी दे ना और
सीसीटीिी आदद ज।से आधतु नक तनगरानी तथा सुरक्षा यंत्रों से शहरों को
सुरक्षक्षत करना
(ि) सुाभता ब़ांाना अथाधत स्थातनक पहुंच (सड़क के साथ-साथ सािधभौसमक
डडजाइन) और बौवर्द्क सहायता सा
ु भ कराना (अथाधत डडत्जटा विरासत और
ऐततहाससक सथा/पयधटक मानथिचत्र और मागध)

5. स्कीम की धि : :

हृदय मऐत राज्य सरकारों के साथ भागीदारी मऐत चुतनंदा विरासत शहरों के सत्ु स्थर विकास को
सतु नत्श्चत करने के साए योजना, विकास, कायाधन्ियन एिं प्रबंधन ज।से प्रयास की कायधनीतत तय की
जाती ह। हृदय स्कीम की अिथिध ददसंबर,2014 से प्रारं भ होकर चार िषों तक ह।

6. किरे ज एिं स्कोप : :

हृदय स्कीम मऐत तन्‍नसाखखत 12 विरासत शहरों के विकास पर जोर ददया जाएगा :

1. अजमेर
2. अमरािती
3. अमत
ृ सर

4
4. बादामी
5. वििारका
6. गया
7. कांचीपरु म
8. मथुरा
9. परु ी
10. िाराऔसी
11. िेानकन्नी
12. िारं गा

परामशध के पश्चात अततरर त शहरों की तााश की जाएगी

7. सांकेनतक घटक :

विरासत शहर का पन
ु रूपर्द्ार करने के साए सकीम मऐत व्यापक रूपप से 4 प्रमख
ु क्षेत्रों अथाधत
भौनतक धिस्थाप :ना, सांस्थाननक धिस्थाप :ना, आ थधक धिस्थाप :ना एिं सामाकजक धिस्थाप :ना पर जोर
ददया जाएगा पररयोजना को सीधे अथिा तनजी क्षेत्र सदहत अन्य दहतधारकों की सहायता से
वि्‍तपोवषत ककया जा सकता ह। , तथावप हृदय के अंतगधत घटकों की व्यापक सांकेततक सच
ू ी नीचे दी
गई ह। त्जसे व्यापक मख
ु य क्षेत्रों के तहत शहर की आिश्यकता के आधार पर आगे संशोथिधत ककया
जा सकता ह।

1. विरासत प्रबं:न योजना बनाने हे तु विरासत दस्तािेज एिं मान ्त्रण

 शहर की विरासत पररसंपत््‍तयों की सच


ू ी बनाना (मत
ू ध एिं अमत
ू )ध
 मत
ू ध एिं अमत
ू ध विरासत ररकाडडिंग एिं दस्तािेज बनाना
 विरासत क्षेत्र मऐत /आसपास अिस्थापना सेिा की प्रोफाइा बनाना
 सांसकृततक एिं प्राकृततक विरासत पररसंपत््‍त का जीआईएस आधाररत मानथिचत्रऔ
 संरक्षऔ /अनक
ु ू ा पन
ु :उपयोग योजना सदहत विरासत प्रबंधन योजना त।यार करना

2. सेिा प्राि:ान से संबर्द्


ं विरासत प :न
ु रूर्द्ार

 विरासत/ऐततहाससक क्षेत्रों, घाट क्षेत्रों, मंददर/मत्स्जद /ब।सससाका क्षेत्रों, कंु ड का पन


ु रूपर्द्ार
एिं सरु क्षा /स्थावप्‍ि/ संरक्षऔ इ्‍यादद के साए आसपास के क्षेत्रों के अग्रभाग का
सध
ु ार
 विरासत स्मारकों का संरक्षऔ/पन
ु स्
ध थापन एिं सामद
ु ातयक तथा शहर स्तर पर सेिा
प्रािधानों के साथ जोड़ना

5
 शौचाायों, पेयजा सवु िधांं, पाककिंग, िोस कचरा प्रबंधन इ्‍यादद ज।सी बेहतर
स्िच्छता हे तु बतु नयादी सेिांं का प्रािधान
 जा एिं दवू षत जा प्रबंधन एिं शोधन हे तु शहर अिस्थापना /रं क के साथ सांकेज
 हे ररटे ज िाक, धासमधक पथ, स्रीट फनी चर का विकास त्जसमऐत हैंथिगग िायसध, पोा और
रांसफामधसध की सशत््टं ग शासमा ह।
 सांसकृततक कायधिम, मेाा एिं ्‍यौहार ग्राउं ड एिं संबर्द्
ं अिस्थापना का विकास
 ससटी ्‍यत्ू जयम, इंटरवप्रटे शन सऐतटर एिं सांस्कृततक स्थाों का विकास
 विरासत क्षेत्र मऐत सड़क /पाथिे, सािधजतनक पररिहन एिं पाककिंग का सध
ु ार त्जसमऐत
अंततम मीा की कनेत् टविटी हे तु प्रािधान शासमा ह।
 पयधटन आकषधऔ के क्षेत्रों मऐत प।दा पथ बनाना, सौर/ब।टरी मु त िाहन

3. शहरी स्
ू ना / ज्ञान प्रबं:न एिं कौशि विकास

 शहर योजना एिं समग्र विकास से जुड़े विरासत प्रबंधन हे तु स्थानीय क्षमता का
सदृ
ु ढीकरऔ
 िेबसाईट, आईईसी एिं आउटरीच सामग्री का विकास
 सीसीटीिी क।मरा एिं िाईफाई का प्रािधान
 ददशा स्तंभ एिं सस‍नेज तथा डडजीटा सच
ू ना केन्र
 टूर ऑपरे टरों एिं गाइडों, स्थानीय कााकारों तथा मदहाा, उवियसमयो का कौशा
विकास
 मदहाा प्रबंथिधत कॉटे ज उवियोग सदहत स्थानीय विरासत उवियोग विपऔन, प्रो्‍साहन
एिं विकास, बाजार केन्र विरासत संिेदना तनमाधऔ कोड एिं शहरी डडजाइन वितनयम

 ससटी म।प एिं ब्रोससध, डडजीटा डडस्पाे/सच


ू ना बोडध, िाई-फाई ए सेस जोन
 शहर विरासत अिस्थापना ज।से िेब पेज, विरासत संबर्द् मोबाइा अनप्र
ु योग,
सा्टिेयर, विरासत संरक्षऔ अनक
ु ू ान एिं प्रबंधन हे तु िेब आधाररत इंटरफेस
 विरासत भिनों एिं सांस्कृततक दृश्यों की छवि को संरक्षक्षत करने के साए ऐततहाससक
एिं नए भिनों के साए सच
ू ी एिं वििरखऔका

8. समझौता ज्ञाप :न

(i) त्रत्रप :क्षीय करार

पररयोजना का प्रभािी कायाधन्ियन करने के साए संबथिं धत यए


ू ाबी, राज्यों एिं शहरी विकास
मंत्रााय के साथ त्रत्रपक्षीय करार पर हस्ताक्षर ककए जाएंगे करार मऐत पररयोजना की व्यापक रूपपरे खा
और प्र्‍येक पक्ष अथाधत केन्र, राज्य एिं यए
ू ाबी का दातय्‍ि तनधाधररत ककया जाएगा

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(ii) द्वि-प :क्षीय करार

कायधकारी एजऐतससयों की सेिांं के उपयोग के साए, राष्रीय समशन तनदे शााय संबथिं धत
कायधकारी एजऐतससयों के साथ करार करे गा करार मऐत तनबंधन और शतें तनधाधररत होंगी त्जनके अंतगधत
सेिाएं प्रदान की जाएंगी और सेिा की ककस्म, भग
ु तान की शतें आदद तनधाधररत होंगी

9. संसथागत व्यिस्था

हृदय स्कीम की आयोजना, विकास और कायाधन्ियन शहरी विकास मंत्रााय के त्‍िाधान मऐत
ककया जायेगा और एनआईयए
ू वििारा राष्रीय पररयोजना प्रबंधन यतू नट (एनपीएमय)ू की भसू मका
तनभायी जायेगी सांस्कृततक, पयधटन, जा संसाधन,आिास और शहरी गरीबी उपशमन
मंत्राायों,योजना आयोग और राज्य सरकारों, शहरी स्थानीय तनकायों के साथ समन्िय के साए और
कियाकाापों का असभसरऔ सतु नत्श्चत करने के साए पष्ु ट और अन्योन्य किया तंत्र बनाया जायेगा
ताकक विकास सतु नयोत्जत ढं ग से हो इसके साए केन्र सतर पर उच्च अथिधकारप्राप्त राष्रीय
अथिधकारप्राप्त ससमतत का गिन ककया जायेगा

इसमऐत सभी संबथिं धत विभागों/एजऐतससयों के प्रतततनथिध होंगे और इसमऐत विसभन्न सतरों पर


तकनीकी, अनस
ु ध
ं ान, आकदसमक, विषय विशेष् संस्थानों/संगिनों को भी शासमा ककया जायेगा
पररयोजनांं को ाोक तनमाधऔ संगिनों, केन्रीय सािधजतनक क्षेत्र की यतू नटों/राज्य प।रास्टे टेाों अथिा
एसपीिी /प्रततत्ष्ित ग।र-सरकारी संगिनों के माध्यम से तनष्पाददत ककया जायेगा

संगिनातमक तंत्र का ‍यौरा धनि


ु ग्नक-। पर ह। :

10. भलू मका और उत्तरदानयत्ि

सकीम को तन्‍नसाखखत संस्थागत ढांचे के माध्यम से आयोजना और कायाधन्ियन के साए


बनाया जाएगा:

क.राष्‍टरीय स्तर

1. हृदय-राष्‍टरीय ध :कारप्राप्त सलमनत एए्एनससी :

ससमतत की सह-अध्यक्षता सथिचि, शहरी विकास और संबथिधत राज्य के म्‍


ु य सथिचि वििारा
की जायेगी त्जसमऐत तन्‍नसाखखत सदस्य हो सकते ह। :

7
 सथिचि, आिास और शहरी गरीबी उपशमन सदसय

 सथिचि, पयधटन मंत्रााय सदसय

 सथिचि, सांस्कृततक मंत्रााय सदसय

 सथिचि, जा संसाधन, नदी विकास और गंगा पन


ु रूपर्द्ार सदसय

 संयक
ु त सथिचि, वि्‍त, शहरी विकास मंत्रााय सदसय

 संयक
ु त सथिचि, स्माटध ससटीज, शहरी विकास मंत्रााय सदसय

 संयक
ु त सथिचि, समशन, शहरी विकास मंत्रााय सदसय

 महातनदे शक, भारतीय परु ात्‍ि सिवेकक्षऔ सदसय

 तनदे शक, एनआईयए


ू सदसय

 मख
ु य तनयोजक, नगर और ग्राम तनयोजन सदसय

 योजना आयोग के प्रतततनथिध सदसय

 संबथिं धत राज्यों के प्रधान सथिचि सदसय

 संबथिं धत यए
ू ाबी के प्रतततनथिध सदसय

 समशन तनदे शक सदसय-सथिचि

*यन
ू ेस्को, विशि बैंक, आईएनटीएसीएच (इनटे क) अथिा अन्य विविपक्षीय और बहुपक्षीय एजऐतससयों
ज।से दहत धारकों के प्रतततनथिधयों तथा विरासत और शहरी योजना क्षेत्रों के विशेष्ों को अध्यक्ष के
अनम
ु ोदन से आमंत्रत्रत ककया जा सकेगा

मख
ु य उत्तरदानयत्ि :

ए्एनससी समग्र मंजूरी, धनम


ु ोदन, मागधदशधन और स्कीम के लिए सिाहकार की भलू मका
धदा करे गी । इसकी मोटे तौर पर भसू मकाएं और उ्‍तरदातय्‍ि तन्‍नित हैं:

1) स्कीम का विजन प्रततपाददत करना, रूपप-रे खा और म्‍


ु य उद्देश्य त।यार करना
एनईसी विचारों और अन्य उद्देश्यों के आदान-प्रदान के साए एक मंच भी प्रदान करे गी

8
2 सकीम के सभी संचाानों की दे खरे ख करना तथा समग्र तनष्पादन को चााने,
समीक्षा और तनगरानी करना यह समय-समय पर विसशष्ट मागधदशधन भी करे गी

3) सक्षम ढांचा प्रदान करने और समय के ा्य के प्रतत प्रगतत की समीक्षा, स्िीकृततयां
का पता ागाते रहना और कायाधन्ियन के साए तनथिधयों की सच
ु ारूप उपा‍धता
सतु नत्श्चता करना

4) हृदय और भारत सरकार की विसभनन स्कीमों के अंतगधत पररयोजना/तनमाधऔ कायध


/कायधकाापों की दोहरी स्िीकृतत न होना सतु नत्श्चत करना

5) जरूपरत पड़ने पर कायाधन्ियन तंत्र मऐत मध्यािथिध-संशोधन संस्तत


ु करना

6) बजट, कायाधन्ियन, धरोहर योजनांं को त।यार करने सदहत स्कीम के कायधकाापों


की ततमाही समीक्षा करना तथा अन्य समशनों/स्कीमों और विसभन्न मंत्रााय के
कायधकाापों के साथ समन्िय करना

7) प्रस्तावित /चा रही पररयोजनांं का पयधिेक्षऔ और समीक्षा

2. लमशन ननदे शाियः

समशन तनदे शााय का अध्यक्ष अपर/संयु त सथिचि स्तर का अथिधकारी होगा समशन तनदे शक
के पद की स्िीकृतत तक संयु त सथिचि (तनमाधऔ) समशन तनदे शक के रूपप मे कायध करऐत गे समशन
तनदे शक को विसभन्न ाोक तनमाधऔ संगिन/सीपीएसय/ू राज्य प।रा-स्टे टाों/विशेष प्रयोजन
साधनों/प्रततत्ष्ित ग।र सरकारी संगिनों के माध्यम से इन स्कीमों/पररयोजनांं की विरासत प्रबंधन
योजनां, विस्तत
ृ पररयोजना ररपोटों, तनिेश योजनांं तथा कायाधन्ियन की त।यारी की गततविथिधयों
को शरूप
ु करने की शत् त होगी इस स्कीम के ा्यो को प्राप्त करने के साए सभन्न-सभन्न तकनीकी,
वि्‍तीय तथा अन्य संस्थांं के साथ करार भी ककया जा सकता ह। राष्रीय स्तर की पररयोजना
प्रबंधन इकाई (एनपीएमय)ू कायधिम के तनयसमत कायाधन्ियन और तनगरानी के साए इस तनदे शााय
को तकनीकी सहायता दे गी राष्रीय नगर कायध संस्थान (एनआईयए
ू ) को इस कायधिम के साए
राष्रीय स्तर की पररयोजना प्रबंधन इकाई (एनपीएमय)ू के रूपप मऐत कायध करने के साए प्रस्तावित
ककया गया ह। एनपीएमयू मऐत विसभन्न क्षेत्रों से साए गए तन्‍न तकनीकी विशेष् समह
ू शासमा
होगा:

 शहरी तनयोजन विशेष्,


 विरासत संरक्षऔ िास्तक
ु ार,
 नगरीय असभयंता,

9
 वि्‍तीय विशेष्,
 सच
ू ना प्रौवियोथिगकी/एमआईएस विशेष् और
 अनस
ु ध
ं ान सहयोगी आदद
 सहायक कमधचारी ज।से - डाटा एंरी ऑपरे टर, एमआईएस विशेष्, कायाधाय प्रबंधक आदद

ददशा-तनदवेक शों के अन्य प्रािधानों के अध्यधीन, एनपीएमयू से समथधन के माध्यम से समशन


तनदे शााय को सामान्य वि्‍त तनयमों (जीएफआर) के प्रािधानों के अनस
ु ार केन्र अथिा राज्य
सरकारों की विसभन्न एजऐतससयों के माध्यम से पररयोजनांं को कायाधत्न्ित करने के साए अथिधकार
प्रदान ककया जाएगा

मख्
ु य दानयत्ि

यह तन्‍नसाखखत गततविथिधयों के साए व्यापक रूपप से उ्‍तरदायी होगााः

 नगर विरासत प्रबंधन योजना का विकास तथा विस्तत


ृ पररयोजना ररपोट/कायाधन्ियन योजनाएं
और संरचना अनद
ु ान वि्‍त-पोषऔ सतु नत्श्चत करने के साए राज्य/शहरी स्थानीय
तनकायों/संस्थानों के साथ सहयोग
 विस्तत
ृ पररयोजना ररपोटों को त।यार करने मऐत सहायता और शहर म्‍
ु य योजनांं/विकास
योजनांं/विरासत प्रबंधन योजना के साथ अताः संबध
ं सतु नत्श्चत करना
 प्रस्तािों/डीपीआर का मल
ू यांकन और स्िीकृतत अथिा तनरस्तीकरऔ के साए एचएनएसी को
अनश
ु स
ं ा
 कायाधन्ियन एजऐतससयों की पहचान, संचााना्‍मक रूपपरे खा त।यार करना, पररयोजनांं की सहज
शरूप
ु आत के साए सहायता प्रदान करना तथा कायाधन्ियन के साए तनथिधयों का सहज प्रिाह
सतु नत्श्चत करना पररयोजांँ के साए कायाधन्ियन अिथिध इसकी प्रकृतत, आकार और विस्तत

पररयोजना ररपोटों के अनम
ु ोदन पर तनभधर करे गी
 स्कीम के कायधक्षेत्र मऐत शरूप
ु की गई पररयोजनांं की तनगरानी तथा मल
ू यांकन (भौततक और
वि्‍तीय) प्रगतत तथा एमआईएस तथा सच
ू ना प्रारूपपों को त।यार करना
 सभी दहतधारकों के साथ समन्ियन और हदृय राष्रीय परामशधदात्री ससमतत (एचएनएसी) के साथ
योजनांं, प्रस्तािों, प्रगतत, समस्यांं आदद पर सच
ू ना को साझा करना
 विवियमान तनयमों के अनस
ु ार पररयोजांं का खाता और ाेखा परीक्षा सदहत वि्‍तीय प्रबंधन मऐत
सहायता
 िेब आधाररत आईईसी तथा पहुंच सामग्री के विकास सदहत कायधशााांं/स्‍मेानों के माध्यम से
प्रततितृ त और प्रचार-प्रसार के साए अच्छी पर्द्ततयों तथा ्ान का दस्तािेज त।यार करना
 संविदा आंकड़ा आधार त।यार करना तथा गऔ
ु ि्‍ता आश्िासन सदहत कायाधन्ियन अिथिध के दौरान
िे के प्रंबथिं धत करना

10
ख. शहर/शहरी स्थानीय ननकाय स्तरः

1. नगर स्तरीय प :रामशधदात्री तथा ननगरानी सलमनत एसीएिएएमसी

हदृय के अंतगधत नगर स्तरीय परामशधदात्री तथा तनगरानी ससमतत का गिन ककया जाएगा
तथा राज्य सरकार इसे अथिधसथिू चत करे गी इस ब।िक का संयोजक त्जााथिधकारी/नगर तनगम आयु त
होगा इसमऐत सभी दहतधारकों के प्रतततनथिध होंगे इस ससमतत मऐत चयतनत प्रतततनथिध, महापौर, सांसद,
विधायक/संबध
ं विभागों/संस्थानो से अथिधकारी/सीिीं/ग।र-सरकारी संगिनो के प्रतततनथिधयों सदहत
सदस्य/दहतधारक शासमा होंगे

मख्
ु य दानयत्ि

 नगर स्तरीय परामशधदात्री और तनगरानी ससमतत (सीएाएएमसी) विचारों, ा्यों और


उ्‍तरदातय्‍ि के वितनयम/पररयोजनांं की समीक्षा के साए एक मंच प्रदान करे गी

 स्कीम के तनष्पादन का तनरीक्षऔ, समीक्षा और तनगरानी यह समय-समय पर मागधदशधन भी


प्रदान करे गी

 पररयोजनांं के कायाधन्ियन के साए केन्र, राज्यों तथा कायाधन्ियन एजऐतससयों के मध्य


समन्ियन के साए सवु िधा दे कर सक्षमकारी रूपपरे खा मह
ु । या कराना

 स्थानीय ससमततयों तथा समद


ु ायों के साथ समन्ियन साथ ही साथ परामशध और सझ
ु ाि ाेना

 कायाधन्ियन उपकरऔों मऐत जब कभी आिश्यक ह। मध्यािथिध त्रदु ट-सध


ु ार की अनश
ु स
ं ा करना

2. लमशन ननदे शािय

नगर/शहरी स्थानीय तनकाय स्तरीय समशन तनदे शााय का गिन/अथिधसथिू चत करना राज्य/शहरी
स्थानीय तनकाय मऐत ककया जाएगा इसका अध्यक्ष िह अथिधकारी होगा जो शहरी स्थानीय तनकाय के
म्‍
ु य कायधपााक अथिधकारी/नगर तनगम आयु त के रैंक से नीचे का न हो नगर स्तरीय समशन
तनदे शााय एक पऔ
ू ध रूपपेऔ पररयोजना कायाधन्ियन इकाई होगा जो राष्र स्तरीय समशन तनदे शााय की
विस्ताररत शाखा के रूपप मऐत कायध करे गा इस नगर स्तरीय समशन तनदे शााय की भसू मका नगर
स्तरीय पीएमयू की सहायता से शहर मऐत प्रभािी ढं ग से पररयोजनांं का कायाधन्ियन करना ह। इसे
नगर स्तरीय पररयोजना प्रबंधन इकाई से सहायता प्राप्त होगी पररयोजना प्रबंधन इकाई मऐत
तन्‍नसाखखत शासमा होंगेाः-

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क) नगर तनयोजक/नगर डडजाइनर

ख) विरासत/संरक्षऔ विशेष्

ग) नगर तनगम असभयंता

घ) वि्‍तीय विशेष्

ड़) समाज और समद


ु ाय विकास व्यािसातयक

च) सच
ू ना प्रौवियोथिगकी व्यािसातयक

छ) सहायक कमधचारी

मख्
ु य उत्तरदानयत्ि

 विरासत प्रबंधन योजना की त।यारी और उसे अंततम रूपप दे ने मऐत सहयोग दे ना

 पररयोजनांं के कायाधन्ियन के साए राज्य और कायाधन्ियन एजऐतससयों के मध्य समन्ियन हे तु


उ्‍तरदायी

 सभी दहतधारकों तथा तनष्पादन एजऐतससयों के मध्य पररयोजना के सहज कायाधन्ियन के साए
समन्िय स्थावपत करना

 विसभन्न विस्तत
ृ पररयोजना ररपोटध घटकों का कायाधन्ियन सतु नत्श्चत करना

 गऔ
ु ि्‍ता आश्िासन तथा जांच और यह सतु नत्श्चत करना कक कायधस्था पर तनमाधऔ मऐत विस्तत

पररयोजना ररपोटध के भाग मऐत प्रदान की गई ड्राइंग और डडजाइन ाेआउट का अनप
ु ाान हो रहा
ह।

 स्थानीय ससमततयों और समद


ु ायों के साथ समन्िय साथ ही साथ परामशध और सझ
ु ाि मंगाना

 पररयोजनांं के सामतयक कायाधन्ियन और प्रगतत की समीक्षा सतु नत्श्चत करना

11. प :ररयोजना तैयारी तथा कायाधन्ियन की प्रक्रियाः

पररयोजांं तथा प्रस्तािों के आिश्यक मल


ू यांकन और दहतधारक परस्पर िाताध के आधार पर
दो चरऔ हो सकते हैं ये चरऔ राष्रीय समशन तनदे शााय और नगर समशन तनदे शााय के स्तर पर
हैं

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एक प :ररयोजना तैयारीः

1) पररयोजना की विस्तत
ृ पररयोजना ररपोटों/एचएमपी को दहतधारकों की संसाप्तता सदहत
एचएनईसी के साथ परामशध और ददशा-तनदवेक शों के विसभन्न पहां
ु ं पर दृत्ष्ट डााने के
पश्चात पीड‍लयं
ू /विशेष प्रयोजन साधनों (एसपीिी)/सीपीएसय/ू राज्य प।रा-स्टे टाों/प्रततत्ष्ित
ग।र-सरकारी संगिनों के माध्यम से राष्रीय समशन तनदे शााय/नगर समशन तनदे शााय वििारा
त।यार ककया जा सकता ह।

2) नगर समशन तनदे शााय विसभन्न पररयोजनांं तथा स्कीमों के अंतगधत त।यार हृदय घटकों से
संबथिं धत विवियमान विस्तत
ृ पररयोजना ररपोटों को भी हृदय स्कीम के अंतगधत विचार के साए
प्रस्तत
ु कर सकता ह।

3) पररयोजनांं का चयन शहर के समग्र विरासत विकास के साथ उनकी संबर्द्ता के आधार
पर सामात्जक-आथिथधक प्रभाि पर विचार करते हुए ककया जाएगा

4) यह सतु नत्श्चत ककया जाएगा कक कायध मऐत कोई दहु राि नहीं ह। तथा धनरासश का अथिधकतम
उपयोग सतु नत्श्चत ककया जाएगा

5) यह भी प्रमाखऔत ककया जा सकता ह। कक ऐसी पररयोजना के साए विस्तत


ृ पररयोजना ररपोटध
ककसी अन्य प्राथिधकारी को वि्‍तीय सहायता के साए प्रस्तत
ु नहीं की जा रही ह। इससाए
प्राप्त प्रस्तािों को स्िीकृतत और कायाधन्ियन पि
ू ध समशन तनदे शाायों मऐत तकनीकी तथा
वि्‍तीय रूपप मऐत मल
ू यांककत ककया जाएगा

6) इस पररयोजना के अंतगधत शासमा क्षेत्र िे होंगे त्जन्हऐत जनगऔना 2011 मऐत सत््‍मसात ककया
गया ह। अथिा राज्य सरकारों वििारा अथिधसथिू चत टाउनसशप ह। जनगऔना 2011 मऐत शासमा
कस्बों अथिा कस्बा के रूपप मऐत िगीकृत ऐसी अथिधसच
ू ना/प्रमाऔन की प्रतत डीपीआर के साथ
संा‍न की जाती ह।

एख प :ररयोजना मि
ू यांकन

7) राषरीय समशन तनदे शााय वििारा एनपीएमयू की सहायता से विसतत


ृ पररयोजना
ररपोटों (डीपीआर) की जांच की जाएगी ताकक तकनीकी सदृ
ु ़ांता और आथिथधक
ियिहायधता का पता ागाया जा सके राषरीय समशन तनदे शााय सीपीडबायूडी,

13
सीपीएचईईं और टीसीपीं ज।से मंत्रााय के तकनीकी खंडों की सेिाएं ाे सकता ह।
और / अथिा बाजार से तकनीकी एजऐतससयों को भी भाड़े पर रखा जा सकता ह।
तथावप, इससे उथिचत कमधिता के साए और अपनी तकनीकी एजऐतससयों के वििारा शहर
सतर पर जांच की जरूपरत कम नहीं होगी

एग प :ररयोजना कायाधनियन

8) एक केनरीय क्षेत्र की सकीम होने के नाते हृदय को शहरी विकास मंत्रााय के समग्र
तनयंत्रऔ और तनदवेक शन मऐत कायाधत्न्ित ककया जाएगा तथावप, राज्य सरकार से इस
सकीम के तनमाधऔ और कायाधनियन संबंधी के महतिपूऔध सतरों पर परामशध ककया
जाएगा

9) ाोक तनमाधऔ संगिन (पीडबायूं)/केनरीय सािधजतनक क्षेत्र इकाई


(सीपीएसयू)/विखयात राजय प।रा-सटे टास/विशेष प्रयोजन िाहन (एसपीिी)/ग।र-सरकारी
संगिन अनम
ु ोददत परर-योजनांं के साए कायधकारी एजऐतससयां होंगी उनका अथिधदे श
संक्षेप मऐत इस प्रकार होगा :

i. िे समशन तनदे शाायों और शहरी सथानीय तनकायों के परामशध से समपऔ


ू ध पररयोजना
को त।यार और कायाधत्न्ित करऐत गे
ii. डीपीआर को अंततम रूपप दे ने के पशचात िे इस पररयोजना के साए राषरीय समशन
तनदे शााय की तकनीकी और विततीय सहमतत प्राप्त करऐत गे डीपीआर मऐत पररयोजना
के पूरा होने के पशचात ककसी विसशषट अिथिध के साए पररयोजना के रख-रखाि के
साए विसशषट प्रािधान होगा
iii. कायधकारी एजऐतससयां डडजाइन और जांच मऐत सहायता करने के साए विशेष् परामशी
फमों/परामशधदातांं और पररयोजना के कायाधनियन तथा पयधिेक्षऔ के साए संविदीय
एजऐतससयों को भाड़े पर रख सकता ह।
iv. िे पररयोजना के डडजाइन की संकापना और कायाधनियन मऐत समशन तनदे शाायों
राज्यों/शहरी सथानीय तनकायों और अनय संबंथिधत तकनीकी संसथानों को शासमा /
सूथिचत करे गऐत
v. पररयोजना की अिथिध के दौरान दहतधारकों और नागररकों को भी शासमा ककया
जाएगा

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vi. सभी पररयोजनांं को तनत्श्चत समय सीमा के भीतर पूरा ककया जाना चादहए और
ककसी ब़ांी हुई ाागत/समय की अनुमतत नहीं दी जाएगी
vii. पररयोजना की सफा पूऔत
ध ा के पशचात संबंथिधत विभाग / शहरी सथानीय तनकाय को
पररयोजना को सौंपने से पहाे ककसी विसशषट अिथिध के साए इसे बनाया रखा जाए

10) राषरीय समशन तनदे शााय इस सकीम के अंतगधत शुरूप ककए जाने िााे विसभनन
तनमाधऔ कायों के साए तनषपादन एजऐतसी का तनऔधय करे गा इस सकीम के अंतगधत
शरूप
ु ककए जाने िााे विसभनन तनमाधऔ कायों / पररयोजनांं के तनषपादन की
मानीटररंग के साए पथ
ृ क पररयोजना समीक्षा ससमतत बनाई जाएगी सकीम के
अंतगधत अाग-अाग तनमाधऔ कायों/पररयोजनांं को तनषपाददत करने िााे विखयात
ाोक तनमाधऔ विभाग /सीपीएसयू/राजय प।रा-सटे टाों/एसपीिी/ग।र सरकारी संगिनों को
शुरूप मऐत अथिग्रम के रूपप मऐत और बाद मऐत पूततध माससक आधार पर िासतविक ियय के
अनस
ु ार तनथिधयां जारी की जाएंगी कायधकारी एजऐतसी सत्ृ जत पररसंपत््‍तयों की
गुऔितता आश्िासन सदहत पररयोजना/कायध के समय पर कायाधनियन के साए
उततरदायी होगी िही एजऐतसी जो पररसंपत््‍तयों को सत्ृ जत करे गी, सत्ृ जत
पररसंपत््‍तयों का रख-रखाि करने के साए उततरदायी होगी कायधकारी एजऐतससयों के
वििारा सकीम के अंतगधत तनमाधऔ-कायों/पररयोजनांं की विसतत
ृ योजना और
डीपीआर को डडजाइन/त।यार करने के साए विशेष्ों / परामशधदातांं को ागाया जा
सकता ह।

12. प :ररयोजनाओं का नन :करण :

शहरी विकास मंत्रााय कायधकारी एजऐतससयों को तनथिधयां जारी करे गा हृदय के पास
उपाबध पररयोजना तनथिध के कुा िावषधक आबंटन मऐत से तनथिधयों के संवितरऔ का बयौरा इस
प्रकार होगा :

िम सं. घटक कुा तनथिधयों का %


1 हृदय प्रायोथिगक शहर पररयोजना कायाधन्ियन 85%
2 शहरी विकास मंत्रााय/शहर मऐत एनपीएमयू/शहर पीएमयू 3%
संस्थापना और प्रचाानीकरऔ
3 धरोहर शहरों के साए क्षमता विकास 3%
4 डीपीआर और विकास/प्रबंधन योजनाएं 4%
5 सूचना, सशक्षा और संचार 4%

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6 ए. एंड ं. ई. 1%

इस सकीम मऐत तनथिधयों की मंजूरी की शत् तयां पूरी तरह से सिीकृत सामानय वितत
तनयमों और वितत मंत्रााय (ियय विभाग) वििारा जारी तनदवेक शों के अनरूप
ु प होंगी सत्ृ जत
पररसमपत््‍त के पररसमपत््‍त प्रबंधन पर ं.एंड एम. ियय सिीकायध होगा शहरी विकास
मंत्रााय वििारा कायधकारी एजऐतससयों को तनथिधयां जारी की जाएंगी त्जसका बयौरा इस प्रकार ह।
:

1. पररयोजना के अनुमोदन पर 20% (पहाी ककसत)


2. पररयोजना की 20% िास्तविक और विततीय प्रगतत पर 60% (दस
ू री ककसत)
3. पररयोजना की 60% िास्तविक और विततीय प्रगतत पर 20% (तीसरी ककसत)

चकूं क िास्तविक ाक्षयों की उपात्‍धयों के अनुसार बेस ााइन/बऐतचमाकध पररयोजना पर


पररयोजना सभनन–सभनन होती हैं, इससाए इनकी पुत्ष्ट विसशषट पररयोजनांं को अनुमोददत
करते समय की जाएगी

13. धनतररकत संसा:न :

समशन तनदे शााय आगे शहरों, राजयों और उतकृषट संसथानों के भीतर प्रसशक्षऔ
संिधधन अनतर समपकों समेत क्षमता तनमाधऔ कायधकााप शुरूप करे गा इसके साए
परामसशधकाएं और टूाककटऐत जारी की जाएंगी धरोहर शहरों के विकास के साए विशि बैंक,
यूनेसकों, शहर गिबंधन, यू एन ह। त्रबटे ट, पयाधिरऔ और िन मंत्रााय, हुपा, संसकृतत, पयधटन
ज।से अनय दहत धारकों के साथ समनिय को पन
ु : अनप्र
ु माखऔत ककया जाएगा सकीम का
उद्देशय भारत मऐत आथिथधक कायधकाापों और इसके पुनरूपर्द्ार से शहरी विरासत के एकीकरऔ की
मानयता के साए फाउन्डेशन कायध शुरूप करना होगा

तनजी तनथिधकरऔ के साए भी प्रािधान ह। जहां पर तनजी हसततयों वििारा हृदय सकीम
के अंतगधत प्रबंधन और सेिाएं शुरूप की जा सकती हैं जो इन पररयोजना से सीधे अथिा
परोक्ष रूपप से ााभात्न्ित हो रहे हैं सकीम कायाधनियन की ककसी भी अिसथा अथाधत
योजना और डडजाइन, तनमाधऔ कायों का कायाधनियन, सेिा प्रदायगी इतयादद के साए
उपयोगकताध शा
ु क/प्रभार की अिसथा पर तनजी तनथिध अथिधप्रापत की जा सकती ह।

14. उप :यो गता प्रमाण-प :त्रों का प्रसतुतीकरण

16
1) पररयोजना तनषपादन एजऐतससयों (एनबीसीसी अथिा राजय एजऐतसी अथिा विखयात ग।र-
सरकारी संगिन ज।सी कोई केनरीय एजऐतसी) के माधयम से राषरीय समशन तनदे शााय
मूा पररयोजना प्रसताि मऐत ददए गए कायाधनियन कायधिम के आधार पर उपयोथिगता
प्रमाऔ-पत्रों के प्रसतत
ु ीकरऔ के साए उततरदायी होगा ककसी भी त्स्थतत मऐत इस
प्रयोजन के साए तनधाधररत प्रपत्र मऐत 100 % उपयोथिगता प्रमाऔ-पत्र पररयोजना के परू ा
होने के 6 महीने के अनदर प्रदान ककए जाने होंगे

2) ाोक तनमाधऔ कायाधाय/सीपीएसय/ू राजय प।रा-सटे टा/एसपीिी/विखयात ग।र-सरकारी


संगिनों वििारा केिा इस पररयोजना पर ियय ककए जाने के पशचात ही उपयोथिगता
प्रमाऔ-पत्र जारी ककए जाएंगे ये उपयोथिगता प्रमाऔ-पत्र चाटध डध एकाउं टऐत ट/ाेखा-परीक्षक्षत
ाेखों वििारा प्रमाखऔत ियय वििरऔ सदहत प्रसतुत ककए जाएंगे

3) यदद कायधकारी एजऐतसी केनर सरकार/सक्षम अथिधकारी ह। , तो उपयोथिगता प्रमाऔ-पत्र


संबंथिधत सथानीय तनकाय के नगर आयुकतों, महाप्रबंधक वििारा विथिधित
प्रततहसताक्षररत ककए जाने चादहए

4) केिा उपयोथिगता प्रमाऔ-पत्र और पररयोजना के कायाधनियन की समीक्षा की प्रात्प्त के


पशचात ही आगे की ककसतों को जारी करने की संसतुतत की जाएगी

15. हृदय सकीम के प :ररणाम

हृदय के अंतगधत पररकत्लपत विसशषट पररऔाम इस प्रकार हैं :

 साफ और पररषकृत साफ-सुथरा पयाधिरऔ


 मौजद
ू ा और सामने आ रहे पयधटक सथा और गेटिे पर उन्नत बतु नयादी शहरी
अिस्थापना ;
 पयधटकों के साए सुविधा और सुरक्षा सदहत प्राकृततक और सांसकृततक पयधटक
आकषधऔों पर उननत सफाई मानक;
 उपयुकत रूपप से संरक्षक्षत, पुन: अनुप्रमाखऔत और सौनदयी कृत विरासत समारक;
 सथानीय समद
ु ायों वििारा पयधटन संबंथिधत आथिथधक और आजीविका संबंधी कायधकाापों
मऐत और अथिधक सहभाथिगता;
 शहर प्रऔासायों और शहर अथधियिसथा से विरासत संबंधी संसाधनों को मुखय धारा
मऐत ााया जाता ह।

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 शहरी सेिा प्रदायगी के साए सेिा सतरीय बऐतच माकों मऐत सुधार
 शहरों मऐत पयधटक के आने मऐत िवृ र्द्
 कसबे मऐत पयधटक के िहरने की अिथिध मऐत िवृ र्द्
 सामात्जक सरु क्षा मऐत सुधार और अपराध मऐत कमी
 सथानीय अथधियिसथा और इसके समद
ु ायों की जीिन की गऔ
ु ितता मऐत पयाधपत सध
ु ार

16. हृदय के धंतगधत सिीकृत प :ररयोजनाओं की प्रगनत की मॉनीटररंग

 शहरी विकास मंत्रााय समय-समय पर नासमत अथिधकाररयों के माधयम से सकीम को


मॉनीटर करे गा
 एनपीएमयू पररयोजना के अंतगधत शरूप
ु ककए गए कायधकाापों की कारगर मॉनीटररंग के
साए समशन तनदे शाायों की सहायता करने हे तु मॉनीटररंग ढांचों और साधनों को
विकससत करे गा
 राषरीय समशन तनदे शााय वििारा पररयोजना/सकीम की प्रगतत की खोज-खबर रखने के
साए तत
ृ ीय पक्ष मॉनीटररंग तंत्र ागाया जाएगा इस संबंध मऐत ियय को शहरी
विकास मंत्रााय मऐत ियािसातयक सेिांं के साए क्षमता तनमाधऔ तनथिधयों से परू ा
ककया जाएगा

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धनि
ु ग्नक- ।

कायाधन्ियन कायधांां्ा

दहत:ारक/सािधजननक भागीदारी

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