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Talking Points on Mediation Bill 2021

म ता अिधिनयम (Mediation Bill) की आव कता:-


 भारत म ाम पंचायतों के पमम ता के े म एक लं बी भागीदारी रही है , जहां गांव के बुजुग
समुदाय के िववादों को आम सहमित से सुलझाते थे। हालाँिक उस समय उनके पास औपचा रक वैधािनक
अिधकार का अभाव था, िफर भी, वे समुदाय (Society and Village) के भीतर उ होने वाले िववादों को
सुलझाने म स म थे।
 ि िटश शासन के दौरान, जब एं ो-सै न व ा थी, ायालयों म ितकूल मुकदमेबाजी (adversial
litigation) शु की गई और म ता णाली समा हो गई। इससे पािटयों के बीच मनमुटाव बढ़ गया
है, र े खराब हो गए, छोटे -छोटे मु ों के िलए भी अदालती मामले बढ़ गए और अदालतों म भारी बैकलॉग
हो गया, िजससे मामलों के िनपटारे म काफी दे री ई।1
View of Hon’ble Supreme Court of India:-
 'माननीय सव ायालय ने एम.आर. कृ मूित बनाम ू इं िडया ए ोरस कंपनी िलिमटे ड (CIVIL
APPEAL NOS. 2476-2477 OF 2019) ने कहा है िक है म ता के मा म, से िववाद को सुलझाने के
िलए, म ता अिधिनयम (Mediation Act) बनाने की स ज रत है।
 के. ीिनवास राव बनाम डी.ए. दीपा (CIVIL APPEAL NO. 1794 OF 2013) के मामले म भी, माननीय सु ीम
कोट ने कहा िक वैवािहक िववादों का 10-15 फीसदी म ता के ों के मा म िनपटारा हो जाता है/
कोट ने कहा िक, मुकदमे-पू व म ता (pre-litigation Mediation), का िवचार जोर पकड़ रहा है, िद ी
उ ायालय म ता क म, कई वैवािहक िववादों का िनपटारा िकया जाता है। मुकदमे-पूव
म ता म इन क ों की सफलता दर अ ी है । और सुझाव िदया िक यिद सभी म ता क , ी-
िलिटगेशन डे / िनक ािपत कर, और पया चार- सार करके, वैवािहक िववादों को िनपटाया
जाता है, मुकदमे-पूव िनपटारे से कई प रवार किठनाइयों से बच जाएं गे/
सु ीम कोट ने मह पूण सावजिनक िववादों म म ता को अपनाया है - जैसे
 असम नागालड सीमा िववाद और
 अयो ा बाबरी म द राम ज भूिम िववाद/
Data:-
रा ीय कानूनी सेवा ािधकरण, (एनएएलएसए) की वेबसाइट पर उपल आं कड़ों के अनुसार, अ ैल,
2021 से माच, 2022 की अविध के दौरान भारत म म ता के मा म से कुल 52968 मामले िनपटाए
गए/
अ Alternative Dispute Resolution (ADR) की तुलना म म ता के िविश लाभ/ :-
I. यह एक लचीली और अनौपचा रक ि या है।
II. ै क ि या। (Voluntray process)
III. कानूनी पूवा ह के िबना, म ता से हटने की तं ता

1 (Refernce:- Report of Department-related Parliamentary Standing Committee on Personnel, Public Grievances, Law &
Justice) Report Number 117-(Volume I) on Medication Bill 2021- Presented to Hon'ble Chairman, Rajya Sabha on 13th July
2022)
IV. बातचीत म सीधा जुड़ाव।
V. म (Mediator), एक तट तृतीय प (Neutral Third party) है ।
VI. कम लागत (Cost effective) AND ाियक मुकदमों को कम करने म मदद
VII. यह िवधेयक म ता को एक समयब ि या बनाता है िजससे पािटयों के िलए समय और धन
की बचत होगी
VIII. िववाद समाधान कायवाही के दौरान और उसके बाद, पािटयों ारा अपने र े को जारी रखने
की संभावना बढ़ जाती है
IX. गोपनीयता (confidentality) बनाए रखी जाती है ।
X. यह ऑनलाइन म ता (Online Mediation) को िववाद समाधान के एक ीकाय तरीके के
प म मा ता दे ता है िजससे पािटयों के िलए दू री (Distance) की बाधा दू र हो जाएगी
म ता ि या का सं ागतकरण (Institutionalization of the Mediation Process):-
 सं ागत म ता, वािण क और अ नाग रक िववादों के समाधान को बढ़ावा दे गी।
 Mmediation Bill, भारत को सं ागत म ता का क बनाने म मदद करे गा
 यह कम लागत और समय के साथ पािटयों के बीच म ता िनपटान समझौतों को लागू करने म भी
मदद करे गा
Attraction for Foreign Direct Investment/Ease of Doing Business:-
 भारत ने 7 अग 2019 को संयु रा क शन पर ह ा र िकए ह। इसे “म ता पर िसंगापुर
क शन” के प म जाना जाता है, िजसका शीषक 'संयु रा अंतरा ीय िनपटान समझौतों पर
क शन” (United Nations Convention on International Settlement Agreements Resulting
from Mediation’)है/
 यह िविभ प ों के बीच एक म ता समझौते का ावधान करता है इन िनयमों को िकसी भी दे श
म लागू िकया जा सकता है जो क शन का ह ा रकता है ।
 इससे अंतरा ीय वािण क लेन-दे न और ापार म वृ होगी और यह पािटयों को मुकदमेबाजी से
बचाएगा AND and Ease of doing Business will increase

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