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पेमा फत्या, भज्जु लसंह श्याम, जर्र्ढ़ लसंह श्याम, भीमा नायक
तांततया भील,सीताराम कँवर , रघुनाथ लसंह मंडलोई, वीर सुरेंद्र साए,
खाज्या नायक,वीरसा र्ोंड, शंकर शाह , संग्राम शाह ,
रानी दर्
ु ाावती , ददलीप लसंह भूररया BY ROOP SIR
ज्वाइन टे लीग्राम चैनल –Gurugyan Classes
फ्री क्लास के ललए रे फेरल कोड –ROOPSIR अप्लाई करे Telegram Group link https://t.me/EducatorROOPSIR
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जोधईया बाई
❑ बैंर्ा जनजातत की जोधईया बाई का संबंध उमररया क्जले से है । यह प्रलसद्ध आददवासी िच्रककार है ।
❑ 22 माचा, 2023 को राष्ट्रपतत श्रीमती द्रौपदी मुमुा ने कला क्षे्रक में ववलशष्ट्ट योर्दान के ललये मध्य
प्रदे श की प्रलसद्ध बैर्ा िच्रककार जोधइया बाई बैर्ा को वर्ा 2023 के पद्म श्री परु स्कार से सम्मातनत
ककया।
❑ 8 माचा, 2022 को अंतरााष्ट्रीय मदहला ददवस के अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपतत रामनाथ कोववंद ने
मदहला सशक्तीकरण की ददशा में असाधारण काया के लये जोधइया बाई बैर्ा को ‘नारी शक्क्त
पुरस्कार’से सम्मातनत ककया था।
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भूरी बाई
❑ भील िच्रककार भूरी बाई का जन्म झाबुआ क्जले के वपटोल र्ाँव में में हुआ है ।
❑ भूरी बाई वपथौरा िच्रककला की एक प्रलसद्ध िच्रककार हैं।
❑ इन्हें 26 जनवरी 2021 को पद्मश्री परु स्कार से सम्मातनत ककया र्या है ।
❑ भरू ी बाई अपनी िच्रककारी के ललए कार्ज और कैनवास का इस्तेमाल करने वाली प्रथम भील
कलाकार हैं।
❑ उन्हें मध्यप्रदे श सरकार से सवोच्च परु स्कार लशखर सम्मान (1986-87) प्राप्त हो चक
ु ा है ।
❑ प्रदे श के डडंडौरी क्जले में मोटा अनाज का बीज बैंक चलाने वाली लहरी बाई को राष्ट्रपतत द्रौपदी
मम ु ूा ने "प्लांट जीनोम सेववयर फामार परु स्कार" से सम्मातनत ककया है ।
❑ लमलेट्स उत्पादन में मध्य प्रदे श अभी दे श में दस
ू रे नंबर पर है .पहला नंबर छत्तीसर्ढ़ का है
❑ डडंडौरी क्जला लमलेट्स उत्पादन में प्रदे श में पहले नंबर पर है .
❑ लमलेट्स यानी मोटा अनाज को सुपर फूड कहा जाता है .ये पोर्क तत्वों का खजाना हैं.
❑ केंद्रीय ववत्त मं्रकी तनमाला सीतारमण ने भी संसद में इसे 'श्रीअन्न' कहा और इसके उत्पादन को
बढ़ाने पर जोर ददया. साल 2023 अंतरराष्ट्रीय लमलेट्स ईयर भी मनाया जा रहा है .
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दर्ु ााबाई व्याम
❑ इनका जन्म मंडला क्जले में हुआ है ।
❑ र्ोंड आददवासी िच्रककार दर् ु ब
ा ाई व्याम का संबंध दिर्ना िच्रककला से है ।
❑ 2022 में इन्हें पद्म श्री सम्मान से सम्मातनत ककया र्या है ।
रघन
ु ाथ लसंह मंडलोई
इन्होंने 1857 की क्ांतत में तनमाड (टांडा बरूद) क्षे्रक में लभलाला क्ांतत से अंग्रेजों के िखलाफ मोचाा संभाला था।
भोई समुदाय
❑ भोई समदु ाय के लोर्ों ने 1857 की क्ांतत में अंग्रेजों के िखलाफ ववद्रोह का नेतत्ृ व तालमया क्षे्रक तछन्दवाडा क्जले
से ककया था।
❑ भोई समदु ाय में बादलभोई, इमरतभोई, सहराभोई, अमरूभोई, लोदटयाभोई, टापरूभोई और झंकाभोई ने अमर बललदान
ददया था।
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खाज्या नायक
❑ खाज्या नायक जन्म सन ् 1830 में तनमाड के एक छोटे र्ांव में हुआ था।
❑ भीमा की जोडी ने 1857 की क्ांतत का शंखनाद होते ही कफरं िर्यों के िखलाफ युद्ध छोड ददया।
❑ 11 अप्रैल 1858 को अम्बापानी के युद्ध में खाज्या नायक को बिदटश कनाल जेम्स आउरम ने
मार ददया। इस युद्ध में खाज्या नायक के पु्रक दौलत लसंह भी शहीद हुए।
❑ मध्य प्रदे श शासन द्वारा 11 अप्रैल को खाज्या नायक शहीद ददवस के रूप में मनाया जाता है ।
वीरसा र्ोंड -:
❑ वीरसा र्ोंड नमादा घाटी क्षे्रक में स्वतं्रकता संग्राम के प्रमुख क्ांततकारी आददवासी नेता थे।
❑ 19 अर्स्त 1942 को वीरसा र्ोंड और अन्य क्ाक्न्तकाररयों ने लमलकर बैतूल क्जले के
घोडा डोंर्री शाहपुर क्षे्रक के रे लवे स्टे शन पर आंदोलन ककया।
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वीर सरु ें द्र साए
▪ संबलपरु राज्य के राजकुमार वीर सरु ें द्र साय ने 1857 की क्ांतत में अंग्रेजों के िखलाफ क्ांतत में भार् ललया था।
▪ बाद में इन्हें बरु हानपरु के असीरर्ढ़ ककले में कैद कर ददया र्या।
झलकारी दे वी -महारानी लक्ष्मीबाई की अंर्रक्षक्षका और उनके तोपची परू नलसंह की पत्नी थी।
राजा डेलनशाह – र्ोंड शासक डेलनशाह ने नरलसंहपरु क्जले से अंग्रेजों का ववद्रोह ककया था।
मड्
ु डे बाई -लसवनी के टुररया सत्याग्रह में 9 अक्टूबर 1930 को शहीद क्ांततकारी मदहला।
मंशु ओझा - भारत छोडो आंदोलन में बैतूल के मंशु ओझा ने भार् ललया था।
श्रीमक
ू ा और श्रीरामप्रसाद - वन अिधतनयम के िखलाफ लसवनी क्जले के टुररया क्षे्रक में चंदन बर्ीचा में घाँस काटकर 9
अक्टूबर 1930 को सत्याग्रह ककया र्या।
▪ इस सत्याग्रह में श्रीमक
ू ा, श्रीरामप्रसाद और दर्
ु ााशंकर मेहता सदहत कई लोर्ों ने भार् ललया।
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शंकर शाह -:
❑ र्ढ़ मंडला के र्ोंड शासक शंकर शाह का जन्म सन ् 1783 में हुआ था।
❑ जबलपुर में 1857 की क्ांतत का नेतत्ृ व शंकर शाह ने ककया था। अंग्रेजों ने अपने मुखबबरों और
राजा शंकर शाह के र्द्दारों के साथ लमलकर 14 लसतंबर 1857 को राजा शंकर शाह, कंु वर
रघुनाथ शाह और अन्य क्ाक्न्तकाररयों को िर्रफ्तार कर ललया।
❑ राजा शंकर शाह और रघन
ु ाथ शाह को 18 लसतंबर 1857 को तोप के मंह
ु पर बांध कर तोप चला
दी र्ई।
❑ शंकरशाह और रघन
ु ाथ शाह की खुकफया जानकारी खुशहालचंद्र नामक व्यक्क्त ने अंग्रेजों को दी थी।
संग्राम शाह -:
संग्राम शाह (1482-1532) र्ोंड वंश के 48वे शासक थे।
संग्राम शाह का मल
ू नाम अमन दास था।
52 र्ढ़ों यातन ककलों को जीतने के बाद इन्होंने खुद को संग्राम शाह की उपािध दी।
दलपत शाह -: ज्वाइन टे लीग्राम चैनल - Gurugyan Classes
दलपत शाह का जन्म र्ढ़ मंडला में हुआ था। इनके वपता संग्राम शाह थे। दलपत शाह र्ोंड वंश के
शासक थे। दलपत शाह का वववाह राजकुमारी दर्ु ाावती से हुआ। जो कक एक वीरांर्ना थी।
रानी दर्
ु ाावती -:
रानी दर्ु ाावती र्ोंड शासक दलपत शाह की पत्नी थीं। दलपत शाह की मत्ृ यु के बाद रानी दर्
ु ाावती ने
16 साल (1548-1564) तक शासन ककया। 24 जून 1564 को मुर्लों से लडते हुए वीरांर्ना रानी
दर्
ु ाावती शहीद हो र्ईं।
धीर लसंह -: रीवा राज्य में 1857 की क्ांतत के प्रमुख नेता धीरलसंह बघेल ( धीरज लसंह ) का जन्म
सन ् 1820 में रीवा के कतछया टोला र्ांव में हुआ था।
र्ुंडाधुर - छत्तीसर्ढ़ के बस्तर में इंद्रावती नदी के तट पर 1910 में अंग्रेजों के िखलाफ धनुर् की
प्रत्यंचा चढ़ाई थी ।
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कांततलाल भूररया -:
❑ कांततलाल भूररया का जन्म झाबुआ में 1 जून 1950 को हुआ।
❑ वे पांच बार सांसद रहे हैं।
❑ कांततलाल भरू रया वतामान में मध्य प्रदे श ववधानसभा में ववधायक के पद पर तनवाािचत हैं।
महावीर लसंह - हराकोटा ( रावखेडी ) के जार्ीरदार ने स्वतं्रकता सेनानी तात्या टोपे को शरण दी थी ।
लशवराज लसंह - धमाजयर्ढ़ ( छत्तीसर्ढ़ के रायपुर ) लशवराज लसंह अंग्रेजों के ववरुद्ध ववद्रोह का
शंखनाद ककया था ।
अजीत लसंह –
छत्तीसर्ढ़ के बरर्ढ़खोला के जमींदार अजीत लसंह ने अंग्रेजों के ववरुद्ध ववद्रोह का शंखनाद ककया था
।
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रामू और मकडू - जम्बाडा ( बेतूल ) यह दोनों र्ोंड जंर्ल सत्याग्रह के समय शहीद हुए थे ।
ववष्ट्णु लसंह र्ोंड - घोडाडोंर्री शाहपुर ( बेतूल ) क्षे्रक में अंग्रेजो के िखलाफ शोले भडका ददए थे ।
रामाधान र्ोंड –
दर्
ु ा क्जले के वनाच्छाददत क्षे्रक में जंर्ल सत्याग्रह का नेतत्ृ व ककया था ।
डोंर्रर्ढ़ ( छत्तीसर्ढ़ ) के तनकट बदरा टोला में तनहत्थे आददवासी सत्याग्रही पर ररयासती पुललस ने
र्ोललयां चलाई थी क्जसमें रामाधान र्ोंड शहीद हो र्ए थे ।