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By Sunil Sir

Rajasthan Geography
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राजस्‍थान‍की‍भूगर्भिक‍उत्‍पर्ि

• महाद्वीपीय विस्‍थापन विद्धान्‍त के अनुिार आरं भ में पृ थ्‍िी


के िमस्‍त स्‍थलखण्‍ड एक जगह "पैंर्जया" के रूप में
अिस्स्थत थे। "पैंर्जया" चार ं ओर िे विशाल जलरावश िे
विरा था वजिे "पैंथालासा" के नाम िे जाना जाता है ।
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• कार्बोवनफेरि काल में भू-िंचलन के कारण पैंवजया द


वहस्‍िे में ह गया। उत्तरी वहस्‍िा अंगार ं (लाटे वशया) तथा
दविणी वहस्‍िा ग ड
ं िाना के नाम िे जाना गया। अंगारा
गर गड
ं िाना के मध्‍य विशाल जलरावश के आ जाने िे
िह ं एक िृहत िागरीय भाग का वनमाा ण ह गया। वजिे
टे वथि िागर िे जाना गया।
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• जुरैविक काल में अंगारालैण्‍ड ि ग ड


ं िानालैण्‍ड का
विखण्‍डन
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• राजस्‍थान का संदभि

गड
ं वानालैण्‍ड टे र्थस‍सागर

अरावली‍पवि त‍ हाड़ौती‍पठार मरुस्‍थल पू वी‍मैदान‍


(प्राचीनतम‍भाग) (नवीनतम‍भाग)
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• ितामान में मरुस्‍थल एिं पू िी मैदानी भाग भारत के


"उिर र्वशाल मैदान" तथा अरािली एिं हाड ती
पठारी भाग "भारत के प्रायद्वीपीय" के भाग है ।
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राजस्‍थान‍की‍स्स्थर्त, आकार‍एवं र्वस्‍तार

• राजस्‍थान की स्स्थर्त :-

• ग्‍ल र्ब के िंदभा में अिां श एिं दे शान्‍तर के आधार पर


राजस्‍थान की स्स्थवत "उिर-पूवी" ग लाद्धा में है ।
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• भारत के िंदभा में राजस्‍थान की स्स्थवत "उिर-


पर्िमी" है ।
N

राजस्‍थान
E
W

S
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राजस्‍थान‍का‍अक्ांशीय स्स्थर्त
क णा‍गां व‍
30°12’ N
(श्रीगंगानगर)

826 km

N to S

ब रकुण्‍ड
(बां सवाडा) 23°03’ N
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→ अक्ांश - 23°03' N से 30°12' N

→ स्‍थान - ब रकुण्‍ड - क णा गांव

→ र्जला - ब ंसवाडा - श्रीगं गानगर

→ दूरी - N - 826 km – S

Note :- राजस्‍थान में अक्ांश ं का र्वस्‍तार 7°9' है ।

∴ [30°12' - 23°03' = 7°9']


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• ककि रे खा (23°12' N) राजस्‍थान के द र्जल ं में से


ह कर गु जरती है [डूंगरपु र व बांसवाडा]

• ककि रे खा की राजस्‍थान में लम्‍बाई = 26 km


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 राजस्‍थान का दे शान्‍तरीय र्वस्‍तार :-

• दे शान्‍तर र्वस्‍तार → 69°30' से 78°17'

• स्‍थान → कटरा से र्सलाणा

• र्जला → जैसलमेर से ध़ौलपु र

• दूरी → W - 869 km - E
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69°30’ E

78°17’ E
र्सलाणा‍गां व‍
(ज धपुर)
W to E
कटरा‍गांव‍
869 km
(जैसलमेर)

Note:- दे शान्‍तर ं में राजस्‍थान का र्वस्‍तार 8°47' है ।


∴ [78°17' - 69°30' = 8°47']
राजस्‍थान के पूवि से पर्िम में समय का अन्‍तराल → 35 र्म. 8 सै.
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राजस्‍थान का र्वस्‍तार
 आकृर्त
 क्ेत्रफल
 सीमा
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• राजस्‍थान की आकृर्त :-
• राजस्‍थान की आकृवत विषमक णीय चतुभुाज या
पतंगाकार या र मर्बि (Rhombus) के िमान है ।
आकृवत वजला
• मयूर आकृवत ज धपुर
• िगाा कार/राज. जै िा टकं
• आयताकार भीलिाडा
• विभु जाकार अजमे र
• ि डे की नाल वचत्त डगढ़
• अद्धा चन्‍राकार/तस्‍तरीनु मा िीकर
• धनु षाकार द िा
• वतलकनु मा राजिमन्‍द
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राजस्‍थान‍का‍क्ेत्रफल

Km² Mile²
3,42,239 1,32,139

• क्े त्रफल की दृर्ि से राजस्‍थान भारत का सबसे बडा राज्‍य


है । [1 नवम्‍बर 2000 से]
• भारत के कुल क्े त्रफल में राजस्‍थान का भाग → 10.41%
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राजस्‍थान‍में‍क्ेत्रफल‍के‍अनुसार‍र्जले

बडे ‍र्जले छ टे ‍र्जले


⇓ ⇓
1. जैसलमेर 1. ध़ौलपुर
2. बीकानेर 2. द़ौसा
3. बाडमेर 3. डूंगरपु र
4. ज धपुर 4. प्रतापगढ़
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• र्वश्‍व के कुल क्े त्रफल में राजस्‍थान का य गदान → 0.25%

• भारत के कुल क्े त्रफल में राजस्‍थान का य गदान → 10.41%

• जैसलमेर का राजस्‍थान के कुल क्े त्रफल में य गदान → 11.22%

• ध़ौलपुर का राजस्‍थान के कुल क्े त्रफल में य गदान → 0.89%

• Note :- राजस्‍थान का सबसे बडा र्जला (जैसलमेर) राजस्‍थान


के सबसे छ टे र्जले से (ध़ौलपुर) 12.66 गु णा बडा है ।

जैसलमे र ध़ौलपुर

12.66 गु णा
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राजस्‍थान‍की‍सीमाएं :-

अन्‍तरािष्‍‍टरीय अन्‍तरािज्य
‍ ीय
1070 km 4850 km

5920 km
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I. अन्‍तरािष्‍‍टरीय सीमा:-
बहावलनगर
पं जाब
र्हन्‍दुमल क ट
बहावलपु र
→ श्रीगंगानगर 210 km

रहीमयार खान → बीकानेर 168 km


पाक राज्‍य (सबसे कम सीमा)
ध श्‍की
सुक्‍कुर → जैसलमे र 464 km
(सवाि र्धक सीमा)
खैरपु र
र्संध → बाडमे र 228 km
संधर
1070 km
अमरक ट
थारपारकर बाखासर (शाहगढ़)
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• भारत व पाक क अन्‍तरािष्‍‍टरीय सीमा का नाम - सर


र्सररल रे डस्िफ

• र्नधािरण र्तर्थ - 17 अगस्‍त 1947

• राजस्‍थान में ये र्हं दुमलक ट (श्रीगं गानगर) से


शाहगढ़/बाखासर (बाडमेर) तक

• राज्‍य की कुल सीमा - 18% (1070 km)

• पार्कस्‍तान के राज्‍य - 1. पं जाब, 2. र्संध


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• श्रीगं गानगर अन्‍तरािष्‍‍टरीय सीमा पर सबसे र्नकटतम


र्जला मुख्य
‍ ालय है ।

• बीकाने र अन्‍तरािष्‍‍टरीय सीमा पर सवािर्धक दूर र्जला


मुख्य
‍ ालय है ।
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II. अन्‍तरािज्‍यीय सीमा :-

• अन्‍तरािज्‍यीय सीमा ⇒ 4850 km

• पड़ौसी राज्‍य ⇒ 5

 MP → 1600 km

 हररयाणा → 1262 km

 गु जरात → 1022 km

 UP → 877 km

 पं जाब → 89 km
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पंजाब‍(89 km)

गंगानगर हररयाणा‍(1262 km)

UP (877 km)
जै सलमेर

राज. ध़ौलपुर

MP (1600 km)

गुजरात‍(1022 km) बांसवाडा


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• राजस्‍थान के वे र्जले ज द राज्‍य ं के साथ सीमा


बनाते है ।

 हनु मानगढ़ ⇒ पं जाब - हररयाणा

 भरतपु र ⇒ हररयाणा - UP

 ध़ौलपु र ⇒ UP - MP

 बांसवाडा ⇒ MP - गु जरात
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• पड़ौसी राज्‍य राजस्‍थान के र्जले

1. पं जाब (2) ⇒ श्रीगं गानगर - हनु मानगढ़

2. हररयाणा (7) ⇒ हनु मानगढ़ - चूरू - सीकर


- झुंझुनूं - जयपु र - अलवर - भरतपु र

3. उिर प्रदे श (2) ⇒ भरतपु र - ध़ौलपु र

4. मध्‍यप्रदे श (10) ⇒ ध़ौलपु र - कऱौली -


सवाईमाध पु र - क टा - बारां - झालावाड -
र्चि़ौडगढ़ - भीलवाडा - प्रतापगढ़ - बांसवाडा

5. गु जरात (6) ⇒ बांसवाडा - डूंगरपु र - उदयपु र


- र्सर ही - जाल़ौर - बाडमेर
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• अन्‍तरािज्‍यीय सीमा पर अवस्स्थत कुल र्जले - 23

• क टा- र्चि़ौडगढ़ राजस्‍थान के वे र्जले है ज एक


राज्‍य के साथ द बार सीमा बनाते हैं ।

• अन्‍तरािज्‍यीय सीमा पर

1. सवािर्धक लम्‍बी सीमा – झालावाड

2. न्‍यूनतम सीमा – बाडमेर


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Note:- राजस्‍थान के कुल सीमावती र्जले 25 है।

23 4
अन्‍तरराज्‍यीय‍सीमा अन्‍तरािष्‍ट
‍ र ीय‍सीमा

∴ 2 वजले - र्बाडमे र एिं गंगानगर (अन्‍तराा ज्‍यीय ि अन्‍तराा ष्‍ट


‍ र ीय)
द न ं िीमा पर अिस्स्थत है ।
∴ 8 वजले - राजस्‍थान के अन्‍त:स्‍थलीय (Land-Locked) वजले है ।
 ज धपुर- राजिमं द - पाली - अजमे र - नाग र - द िा - ट क ं -
र्बूंदी
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• अजमेर एवं र्चि़ौडगढ़ र्जले र्वखस्ित र्जले है ।

• पाली र्जले की सीमा सवािर्धक 8 र्जल ं के साथ


लगती है = अजमेर - बाडमेर - जाल़ौर - ज धपु र -
नाग़ौर - राजसमंद - र्सर ही - उदयपु र
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राजस्‍थान‍के‍प्रमुख‍भ़ौग र्लक‍स्‍थल

1. छप्‍पन का मैदान - र्बां ििाडा-डूंगरपुर-प्रतापगढ़ के


र्बीच माही र्बेविन में 56 ग्राम िमू ह ं (56 नदी नाल ं का
प्रिाह िे ि) का िे ि।

राज.

छप्‍पन‍का‍मैदान
[बांसवाडा-डूंगरपुर-प्रतापगढ़]
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2. वागड (वाग्‍वर)- राजस्‍थान के दविणी िेि में स्स्थत


र्बां ििाडा-डूंगरपुर-प्रतापगढ़ के िे ि (भाग) क स्‍थानीय
भाषा में िागड कहा जाता है ।

राज.

बांसवाडा-डूंगरपुर-प्रतापगढ़‍
(वागड/वाग्‍वर)
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3. बांगड (बांगर)- अरािली पिात एिं पविमी मरुस्‍थल के


मध्‍य का भाग जह ं प्राचीन जल ढ़ वमट्टी पाई जाती है ।
इि िे ि का विस्‍तार नाग र-िीकर-झुंझुनूं।
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4. थल्‍ली क्े त्र- राजस्‍थान के पविमी मरुस्‍थलीय िे ि का


ऊँचा उठा हुआ भाग थल्‍ली कहलाता है ।

 इि िे ि में क ई भी नदी प्रिावहत नहीं ह ती है ।

 इिका विस्‍तार र्बीकाने र एिं चूरू वजल ं में है ।


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5. लाठी सीरीज क्े त्र ⇒ यह जै िलमे र वजले में प करण िे


म हनगढ़ तक पावकस्‍तानी िीमा के िह र विस्‍तृत एक
भू गभीय जल की पट्टी है ।

• इि िे ि में ि उपय गी िेिण िाि पाई जाती है ।

• इि िे ि में चंदन नलकूप [थार का िडा] अिस्स्थत है ।

• इि िे ि में प्र जेक्‍ट िरस्‍िती के अनु िार प्राचीन िरस्‍िती


नदी के प्रिावहत ह ने की पुवि हुई है ।

• ये लगभग 60 km लम्‍र्बा पट्टीनु मा िे ि है ।


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म हनगढ़
राज.
सेवण‍घास
चंदन‍नलकूप प करण
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6. रन ⇒ पविमी राजस्‍थान में स्स्थत र्बालू का स्‍तूप ं के मध्‍य


स्स्थत वनम्‍न भू वम में जल भर जाने िे अस्‍थाई झील ि
दलदली भू वम वनवमा त ह जाती है । वजिे रन कहते है ।
जै िे प करण, कन ड, झाकरी, र्बाप एिं र्बरमिर।

रन‍(Rann) ..
..
.. .. राज.
..
..
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7. शेखावाटी ⇒ िीकर-झंुझुनूं-चूरू

• शे खाित िंशज ं के द्वारा शावित प्रदे श क शे खािाटी


कहते है ।

• Note:- त रावाटी – कां तली नदी के अपिाह िे ि क


िीकर एिं झुंझुनूं।
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8. (मरु प्रदे श) ⇒ जै िलमे र - र्बाडमे र - ज धपुर

• राजस्‍थान के पविमी रे तीले मरुस्‍थलीय या शु ष्‍क


‍ भाग क
मरु/मरु प्रदे श कहा जाता है ।

• Note:- मेरु ⇒ राजस्‍थान के प्राचीन भ वतक प्रदे श


अरािली क मे रु कहते है ।
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9. राठ/अहीरवाट ⇒ राजस्‍थान के उत्तरी-पूिी भाग में यादि


िंशज ं द्वारा शावित प्रदे श अलिर ि क टपूतली क
राठ/अहीरिाट कहते है ।

• Note:- राठी ⇒ 25 cm िे कम िषाा िाला िे ि राठी कहलाता है ।

• इि िे ि में जैिलमेर-र्बीकानेर- र्बाडमेर वजले शावमल है ।


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10. बीहड/डां ग क्ेत्र ⇒ राजस्‍थान के दविणी-पूिी िे ि में प्रिावहत


चम्‍र्बल नदी द्वारा अिनावलका अपरदन िे उर्बड-खार्बड िे ि
वनवमात ह ता है । वजिे र्बीहड/डां ग प्रदे श कहते है ।
• इि अपरवदत भू वम क उत्‍खात भू वम (Bad land topography)
भी कहते है ।
• इि िे ि में निीन कां पीय जमाि पाये जाते है ।
• ये िे ि ििाईमाध पुर, कर ली, ध लपुर में फैला है ।

Note:- बीड ⇒ शेखािाटी में चारागाह भू वम क र्बीड कहते है जैिे


"फतेहपुर बीड"।
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11. मेवात ⇒ मे ि जावत के िे ि क मे िात कहा जाता है , ज


अलिर एिं भरतपुर में फैला हुआ है ।

अलवर

भरतपुर
राज.

• Note:- मे वल ⇒ र्बां ििाडा एिं डूंगरपुर के मध्‍य स्स्थत पहाडी


िे ि क मेिल कहा जाता है ।
• Note:- मत्‍स्‍य ⇒ अलिर के दविणी-पविमी क मत्‍स्य
‍ कहा
जाता है ।
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12. मेवाड ⇒ उदयपुर- वचत्त डगढ़ - राजिमं द - भीलिाडा


वजल ं के िेि जह ं गुवहल िंशज ं का शािन था मेिाड
कहलाता है ।

• Note:- मारवाड ⇒ राजस्‍थान के पविमी िेि क


मारिाड कहा जाता है ।

• मु ख्‍यत: ज धपुर िंभाग िे ि क मारिाड कहा जाता है ।

• Note:- मेरवाडा ⇒ अजमे र एिं आं वशक राजिमं द के


िे ि क मे रिाडा कहा जाता है ।
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13. कूबड पट्टी क्ेत्र ⇒ राजस्‍थान के नाग र एिं अजमे र के


कुछ िे ि ं में भू गभीय पानी में फ्ल राइड की मािा
अत्‍यवधक ह ने के कारण िह ं के ल ग ं की हविय ं में
टे डापन आ जाता है । तथा पीठ झुक जाती है ।

कूबड‍पट्टी‍क्े त्र
[नाग़ौर- अजमेर]
राज.
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राजस्‍थान‍के‍उच्‍चावच/भ़ौर्तक प्रदे श
• राजस्‍थान के क्े त्र क धरातलीय उच्‍चावच र्क
र्वर्वधता के आधार पर प्रमुख भाग ं में बांटा गया है ।

 आधार [उच्‍चावच-जलवायु]

1. पर्िमी मरुस्‍थलीय प्रदे श

2. अरावली पवि तीय प्रदे श

3. पू वी मैदानी प्रदे श

4. दर्क्णी-पू वी पठारी प्रदे श


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• राजस्‍थान के भ़ौर्तक प्रदे श ं की सामान्‍य जानकारी

⇒ मरुस्थल अराव मै दान हाड़ौती


⇓ ली पठार
क्ेत्रफल 61.11% 9% 23% 6.89%
(2/3)
जनसंख् 40% 10% 39% 11%
या
र्मट्टी रे तीली/बलु ई वनीय जल ढ़/कछा काली/कपा
री सी
जलवायु शुष्क एवं उपआर्द्ि आर्द्ि अर्त आर्द्ि
अर्द्िथश
• Note:- राजस्‍ ानुष्क
में उिरी-पर्िमी मरु प्रदे श व पूवी मै दान टे र्थस
महासागर 12
र्जले के अवशेष माने जाते है ।् यत: 10
मु ख 7
• अरावली पवितीय एवं दर्क्णी-पूवी पठारी भाग ग़ौड ं वाना लै ण्ड
‍ के
भाग माने जाते है ।
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1. पर्िमी मरुस्‍थलीय प्रदे श ⇒

• 50 िे मी. िमिषाा रे खा द्वारा पविमी मरुस्‍थलीय प्रदे श राजस्‍थान


के अरािली पिा तीय प्रदे श िे अलग ह ता है ।

• 25 िे मी. िमिषाा रे खा पविमी मरुस्‍थलीय प्रदे श क द भाग ं में


विभक्‍त करता है ।

1. A → शुष्‍‍क प्रदे श [0 - 25 cm]

2. B → अर्द्ि शुष्‍‍क प्रदे श [25 - 50 cm]


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• उपनाम - थार मरुस्‍थल

 थली

 शुष्‍‍क रै तीला मैदान

 ध रां री धरती

 महान भारतीय मरुस्‍थल

 र्वस्‍तार ⇒ राष्‍‍टरीय कृर्ष आय ग के अनु सार इसका


र्वस्‍तार राजस्‍थान के 12 र्जल ं में है - जैसलमेर -
बाडमेर - बीकाने र - ज धपुर - गं गानगर - हनु मानगढ़
- नाग़ौर - पाली - जाल़ौर - सीकर - चूरू - झुंझुनूं ।।
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1. पर्िमी र्वशाल मरुस्‍थल/रे तीला शुष्‍‍क मै दान ⇒

• इिका मुख्‍य विस्‍तार र्बाडमेर, जैिलमेर, ज धपुर, र्बीकानेर।

• इि िे ि में पिन ं द्वारा वनिे पणात्‍मक स्‍थलाकृवत पाई जाती है ।

• इि िे ि में मरुस्िद (जीर फाइट् ि) प्रकार की िनस्‍पवत पाई


जाती है ।

• इि प्रदे श में वलग्‍नाइट क यला, खवनज तै ल, प्राकृवतक गै ि,


लाइम स्‍ट न ि वजप्‍िम के विशाल भं डार पाये जाते है ।
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• इि िेि में शुष्‍‍क ि अत्‍यवधक विषम जलिायु पाई


जाती है । गवमाय ं में तापमान उच्‍चतम (50° C) तथा
िवदा य ं में तापमान न्‍यूनतम (-3° C) ह ता है ।

• Note ⇒ ििाा वधक तापान्‍तर िाला वजला चूरू है ।

• कारण ⇒ रे त के कण म टे ि चूना पत्‍थर की


धरातल।
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• इि भू -भाग की िामान्‍य ढाल पूिा िे पविम तथा उत्तर िे


दविण की ओर है [उत्तर-पूिा िे दविणी पविमी की ओर]

• इि भू -भाग की िमु र तल िे िामान्‍य ऊँचाई 200 िे 300


मीटर है ।

• इिका वनमाा ण "टर्शियरी काल" में हुआ है ।


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• र्वस्‍तार

 लम्‍बाई = 640 km

 च़ौडाई = 300 km

 औसत ऊँचाई = 200-300 मी.

• इस भू-भाग का क्े त्रफल = 1,75,000 km²


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A. शुष्‍‍क मरुस्‍थल/राठी प्रदे श

• राजस्‍थान के िु दूर पविमी िे ि में स्स्थत वजल ं में 25 िे .मी. िे कम


िषाा ह ती है । इिवलये इि िे ि क शुष्‍क
‍ मरुस्‍थल कहा जाता है ।

• इि िे ि का अवधकां श [60%] भाग र्बालूका स्‍तूप ं िे आच्‍छावदत


है ।

• शुष्‍क
‍ मरुस्‍थलीय प्रदे श क पुन: द भाग ं में विभक्‍त वकया जाता
है ।

1. बालु का स्‍तूप युक्‍त [41.5%]

2. बालु का स्‍तूप युक्‍त [58.5%]


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1. बालूका स्‍तूप मुक्‍त/Without sandy region

• इि िेि में र्बालू का स्‍तूप ं का पूणातया अभाि पाया जाता है


तथा यह िेि अििादी शै ल ं िे ढका रहता है , इि कारण
यह ं Rocky Desert पाया जाता है । वजिे हमादा कहते है ।

 र्वस्‍तार -

• जैसलमेर I - प करण (रामगढ़)

• बाडमेर II - बाल तरा

• ज धपुर III - फल़ौदी


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2. बालूका स्‍तूप यु क्‍त / Without Rocky Region

• र्बालु का स्‍तूप - जर्ब पिन के द्वारा वमट्टी का वनिेपण वकया


जाता है त र्बनने िाली विशेष स्‍थलाकृवत र्बालु का स्‍तूप
कहलाती है ।

• ििाा वधक र्बालू का स्‍तूप ं (Sand-Dunes) का विस्‍तार


जै िलमेर में है ।

• िभी प्रकार के र्बालू का स्‍तूप ज धपुर में पाये जाते है ।


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• आकार स्‍वरूप वायु र्दशा व वानस्‍पर्तक उपस्स्थर्त के


आधार पर बालूका स्‍तूप ं का वगीकरण
1. अनु प्रस्‍थ बालूका स्‍तूप / Transverse sand Dunes
2. अनु दैर्घ‍यि बालूका स्‍तूप / Longitudinal sand Dunes
3. पै राब र्लक बालूका स्‍तूप
4. बरखान बालूका स्‍तूप
5. सीफ बालूका स्‍तूप
6. तारानु मा बालूका स्‍तूप
7. शब्र-काफीज बालूका स्‍तूप
8. ने टवकि बालूका स्‍तूप
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1. अनु प्रस्‍थ बालुका स्‍तूप ⇒ जब पवन दीघि काल तक


एक ही र्दशा में चलती है त र्मट्टी का जमाव
समक ण ह ता है त बनने वाली स्‍थलाकृर्त अनु प्रस्‍थ
बालुका स्‍तूप कहलाता है ।
• र्वस्‍तार
 बीकाने र
 हनु मानगढ़ (रावतसर)
 गं गानगर (सूरतगढ़)
 चूरू
 झुन्‍झुनूं
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2. अनु दैर्घ‍यि/रै स्खक / Longitudinal sand Dunes

• पवनावती - जर्ब पिन के वदशा के अनु रूप/िमानान्‍तर


र्बालु का स्‍तूप र्बनते है त उन्‍हें अनु दैर्घ‍या र्बालु का स्‍तूप
कहते है ।

• र्वस्‍तार

 ज धपु र

 बाडमेर

 जैसलमेर दर्क्णी पर्िमी भाग

 रामगढ़ दर्क्णी पर्िमी भाग


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3. पै राब र्लक बालुका स्‍तूप

• पेरार्ब वलक र्बालू कास्‍तूप का वनमाा ण मरुस्‍थलीय िनस्‍पवत


के य ग िे ह ता है ।

• ये स्‍तूप मवहलाओं के र्बाल ं की वकल्‍प के िमान ह ते है ।

• ये स्‍तूप र्बरखान के विपरीत ह ते है ।

 र्वस्‍तार ⇒ जैसलमेर, बाडमेर, ज धपु र, बीकाने र


By Sunil Sir

• ये र्बालू का स्‍तूप िभी मरुस्‍थलीय वजल ं में पाए जाते है ।


By Sunil Sir

4. बरखान ⇒ जर्ब पिन ं के द्वारा वमट्टी का जमाि


अद्धा चन्‍राकार आकृवत के रूप में वकया जाता है त
वनवमा त स्‍थलाकृवत र्बरखान कहलाती है ।

• ऊँचाई = 10-20 मी.

• च डाई = 100-200 मी.

• र्बरखान र्बालू का स्‍तूप ििाा वधक गवतशील या स्‍थान


पररिवतात करने िाले ह ते है वजि कारण ििाा वधक
मरुस्‍थलीयकरण क र्बढ़ािा वमलता है ।
By Sunil Sir

• र्वस्‍तार ⇒ भालेरी (चू रू), जैसलमेर, सीकर,


सूरतगढ़, लूनकरणसर, करणीमाता, बाडमेर,
और्सयां, ज धपु र

5. सीफ ⇒ र्बरखान के वनमाा ण के द रान जर्ब पिन की


वदशा में पररितान ह ता है त स्‍तूप की एक भु जा एक
ओर र्बढ़ जाती है वजिे िीफ कहते है ।

• र्वस्‍तार ⇒ चूरू, बीकाने र, जैसलमेर


By Sunil Sir

6. तारानु मा बालूका स्‍तूप

• इनका वनमाा ण अवनयवमत पिन ं िे ह ता है ।

• इन स्‍तूप ं में कई भु जाऍं पाई जाती है ।

• र्वस्‍तार ⇒ जैसलमेर (म हनगढ-प करण), गंगानगर


(सूरतगढ़)
By Sunil Sir

7. शब्र-काफीज बालूका स्‍तूप ⇒ ये र्बालु का स्‍तूप छ टे -


छ टे रूप में झावडय ं ि िाि के झुण्‍ड के पाि र्बनते है ।

• इनका विस्‍तार पविमी राजस्‍थान के िभी िे ि ं में है ।

8. ने टवकि बालूका स्‍तूप ⇒ एक-दू िरे िे िंलग्‍न र्बालू का


स्‍तूप ं क ने टिका र्बालू का स्‍तूप कहा जाता है ।

• र्वस्‍तार - उत्तरी-पूिी मरुस्‍थलीय िे ि में हनु मानगढ़ िे


वहिार-वभिानी तक।
By Sunil Sir

B. अर्द्ि शुष्‍‍क मरुस्‍थल/ब ंगड प्रदे श

• शु ष्‍क
‍ मरुस्‍थलीय िे ि तथा अरािली पिातमाला के मध्‍य
‍ मरुस्‍थल/र्ब ं गड प्रदे श
स्स्थत मरुस्‍थल भाग क अद्धा शुष्‍क
कहा जाता है ।

या

• 25 िे.मी. िमिषाा रे खा िे 50 िे.मी. िमिषाा रे खा के


मध्‍य स्स्थत भ वतक प्रदे श क अद्धा शुष्‍क
‍ मरुस्‍थल कहा
जाता है ।
By Sunil Sir

A → िग्‍िर र्बे विन


B → शेखािाटी अंत:प्रिावहत िे ि
C → नाग र उच्‍च भू वम
D → लूणी जिाई र्बे विन
By Sunil Sir

A. घग्‍घर का मैदान ⇒

• इिका विस्‍तार श्रीगंगानगर तथा हनु मानगढ़ वजल ं में है ।

• नाली ⇒ िग्‍िर नदी के अपिाह िे ि क स्‍थानीय भाषा में


हनु मानगढ़ में नाली कहा जाता है ।
By Sunil Sir

B. शे खावाटी अंत:प्रवार्हत क्े त्र ⇒

• इिका विस्‍तार िीकर, चू रू ि झुंझुनूं वजल ं में।

• इि िेि में कां तली नदी प्रमुख अपिाह िेि का स्‍िरूप है ।

• कां तली नदी के अपिाह िेि क त रािाटी कहा जाता है ।

• इि िेि में ज हड एक मुख्य


‍ जल स्‍ि त है ज मानिून के
िमय पानी िे भरे जाते है । वजन्‍हें स्‍थानीय भाषा में "सर"
कहा जाता है ।

• शे खािाटी िेि की "चारागाह भूर्म" क र्बीड कहा जाता है


जै िे फते हपुर का र्बीड।
By Sunil Sir

C. नाग़ौर उच्‍च भूर्म ⇒

• इिका विस्‍तार लू णी र्बेविन ि शे खािाटी प्रदे श के मध्‍य


नाग र वजले में अिस्स्थत है ।

• इि िे ि में लिणीय, मृ दा में ि वडयम क्‍ल राइड के कण ं


की उपस्स्थवत के कारण खारे पानी की झीलें पाई जाती है ।
वजनिे केवशकात्‍ि/केवशकाकषा ण के कारण नमक र्बनता
है । जै िे - नां िा, कुचामन, डे गाना ि डीडिाना।
By Sunil Sir

D. लूणी बे र्सन/ग डवाड प्रदे श ⇒

• इिका विस्‍तार पाली - ज धपुर - र्बाडमे र - जाल र एिं


विर ही में है ।

• इि प्रदे श का वनमाा ण लू णी नदी ि उनकी िहायक नदी


ज जडी, लीलडी, िूकडी, जिाई, खारी ि िागी िे हुआ
है ।

• ये िम्‍पूणा प्रदे श जल ढ़क ं िे वनवमा त मै दानी िे ि है । परन्‍तु


यि-ति एकाकी पहावडय ं भी स्स्थत है ।
By Sunil Sir

• मरुस्‍थल से संबंर्धत अन्‍य प्रमुख तथ्‍य⇒

1. धररयन ⇒ जै िलमे र वजले के ऐिे िे ि, जह ं आर्बादी


लगभग नगण्‍य पाई जाती है । िह ं स्‍थानान्‍तररत (र्बरखान)
र्बालू का स्‍तूप ं क स्‍थानीय भाषा में धररयन कहा जाता
है ।

2. खडीन ⇒ राजस्‍थान के पविमी मरुस्‍थलीय भू-भाग में


अस्‍थायी पानी की झील ं क खडीन/प्‍लाया झील कहा
जाता है ।
By Sunil Sir

• जै िलमे र के पालीिाल ब्राह्मण ं द्वारा िषाा जल के िंग्रहण


हे तु खडीन ं (प्‍लाया) का वनमाा ण प्रारम्‍भ वकया था।

• ििाा वधक खडीन उत्तरी जै िलमे र पाये जाते है ।

• प्‍लाया झील ं के िूखने पर नमीयुक्‍त भू वम में की जाने


िाली कृवष क खडीन कृवष कहते है ।
By Sunil Sir

3. रे ग मरुस्‍थल ⇒ र्बालू का युक्‍त पथरीला मरुस्‍थल क रे ग


कहते है । जै िे जै िलमे र का रामगढ़ िे ि।

4. दुगि ⇒ र्बालु का वमट्टी िे युक्‍त मरुस्‍थल क दु गा कहते है ।

5. ध रे ⇒ लहरदार र्बालू का स्‍तूप ं क स्‍थानीय भाषा में ध रे


कहते है ।

6. पीवणा ⇒ राजस्‍थान के पविमी मरुस्‍थलीय िे ि विशे षत:


जै िलमे र में पीले रं ग की ि ं प की प्रजावत क पीिणा
कहते है ।
By Sunil Sir

7. मरुस्‍थलीकरण ⇒ पविमी रे वगस्‍तानी िे ि में र्बरखान


र्बालू का स्‍तूप ं द्वारा मरुस्‍थल का आगे र्बढ़ना
मरुस्‍थलीकरण या मरुस्‍थल का माचा कहलाता है ।

8. मरु उद्यान ⇒ मरुस्‍थल में जह ं जल र्बेविन पाए जाते है


उनके चार ं ओर हररयाली विकवित ह जाती है । मरु
उद्यान कहलाते है ।

9. बाप ब ल्‍डर क्‍ले ⇒ र्बाप – ज धपुर का िे ि, र्ब ल्‍डर -


वमट्टी के कण आकार, क्‍ले - गाद (छ टे कण)
By Sunil Sir

• पमोकार्बोवनफेरि [25 - 28 कर ड िषा पूिा] युग में


वहमानी के द्वारा जमा वकये गए कंकर पत्‍थर ि अििाद ं
क र्ब ल्‍डर क्‍ले कहा जाता है । इनके जीिाश्‍म र्बाप
(ज धपुर) में वमलने के कारण इन्‍हें र्बाप र्ब ल्‍डर क्‍ले कहा
जाता है ।
By Sunil Sir

2. अरावली पवि तीय प्रदे श ⇒

• अरािली पिात श्रृं खला ग ड


ं िानालै ण्ड
‍ का अिशे ष है ।

• इिकी उत्‍पवत्त भू गवभा क इवतहाि के अनु िार प्री-कैस्ियन


कल्‍प में हुई [लगभग 65 कर ड िषा पूिा]

• अरािली एक िवलत, प्राचीनतम (65 कर ड िषा पूिा) तथा


अिवशष्‍‍ट पिातमाला है ।
By Sunil Sir

र्वस्‍तार ⇒
N रायसीना
र्हल्‍स

S
पालनपुर
(गुजरात) • कुल लम्‍र्बाई ⇒ 692 km
• राज. में लम्‍र्बाई ⇒ 550 km (80%)
• औित ऊँचाई ⇒ 930 मी.
By Sunil Sir

• र्दशा ⇒ अरािली पिातमाला कणाित् उत्तर-पूिा िे


दविण-पविम तक फैली है ।

• ये पालनपुर (गुजरात) िे श्रृंखलार्बद्ध रूप में रायिीना


पहाडी (वदल्‍ली) तक विद्यमान है ।

• अरािली पिातमाला की श्रृं खलाओं की च डाई ि ऊँचाई


दविण-पविम में अवधक तथा धीरे -धीरे उत्तर-पूिा में कम
ह ती जाती है ।
By Sunil Sir

• ये राज्‍य के िम्‍पूणा भू -भाग के 9.3% भाग पर फैली हुई


है । तथा यह ं राज्‍य की कुल जनिंख्‍या का लगभग 10
प्रवतशत वहस्‍िा वनिाि करता है ।

• अध्‍ययन की दृवि िे अरािली पिातमाला क वनम्‍न तीन


भाग ं में विभावजत वकया जाता है ।

I. उिर-पू वी अरावली प्रदे श

II. मध्‍यवती अरावली प्रदे श

III. दर्क्णी अरावली प्रदे श


By Sunil Sir

• अरावली पवि तमाला के राज. में भाग ⇒


By Sunil Sir

1. उिर-पू वी अरावली प्रदे श ⇒ ये प्रदे श जयपुर की


िां भर झील के उत्तर-पूिी िे राजस्‍थान-हररयाणा िीमा
तक फैला हुआ है ।

• इि प्रदे श में शे खािाटी की पहावडय ं , त रािाटी की


पहावडय ं , जयपुर ि अलिर की वहल्‍ि िस्िवलत है ।

• इिका ििोच्‍च वशखर रिुनाथगढ़, िीकर (1055 मी.) है ।

• इिमें अरािली श्रृं खला अनिरत न ह कर दू र-दू र ह ती


जाती है ।
By Sunil Sir

2. मध्‍यवती अरावली प्रदे श ⇒

• इि प्रदे श का विस्‍तार जयपुर - राजिमं द के मध्‍य है ।

• ये भाग अजमे र, जयपुर एिं पविमी ट क


ं में छ टी-छ टी
पहावडय ं के रूप में फैला हुआ है ।

• ििोच्‍च च टी ट डगढ़/म रायजी (933 मी.) है ।


By Sunil Sir

3. दर्क्णी अरावली प्रदे श ⇒

• ये प्रदे श पूणातया पिातीय िे ि है ।

• ये राजिमं द, उदयपुर ि विर ही में मु ख्‍य रूप िे विद्यमान


तथा वचत्त डगढ़ प्रतापगढ़ ि डूंगरपुर में विखस्ित रूप िे
फैला हुआ है ।

• ििोच्‍च वशखर - गुरुवशखर (1722 मी.) है ।


By Sunil Sir

• दर्क्णी अरावली प्रदे श क द भाग ं में र्वभक्‍त र्कया


जाता है ।

1. मेवाड का चट्टानी भाग (राजसमंद)

2. आबू पवि त भाग (र्सर ही)


By Sunil Sir

• अरावली के दरे ⇒ नाल :- मे िाड िेि में तंग रास्‍ते क


स्‍थानीय भाषा में नाल/दराा कहते है ।

1. अजमेर के दरे ⇒ र्शवपु र घाट

 सूरा घाट

 परबे ररया

 दे बारी

 बार
By Sunil Sir

2. उदयपु र के दरे ⇒

 केवडा की नाल

 फुलवारी की नाल

 हाथीनाल

3. पाली के दरे ⇒

 बर

 पगल्‍या

 जीलवा/जीलवाडा
By Sunil Sir

4. राजसमंद के दरे ⇒

 स मेश्‍वर की नाल

 हाथीगु हा की नाल

 ग रान घाट की नाल

 दे सुरी की नाल

 कमली/खामली घाट

Note:

मारवाड पाली - पगल्‍या दराि - मेवाड राजसमंद

पाली - बर नाल (दराि) - ब्‍यावर अजमेर


By Sunil Sir

• अरावली की सवोच्‍च च र्टय ं (अवर ही क्रम)

च टी स्स्थवत ऊँचाई (मी.)

1. गुरुवशखर विर ही 1722 मी.

2. िेर विर ही 1597 मी.

3. दे लिाडा विर ही 1442 मी.

4. जरगा उदयपुर 1431 मी.

5. अचलगढ़ विर ही 1380 मी.

6. कुंभलगढ़ राजिमं द 1224 मी.


By Sunil Sir

7. रिुनाथगढ़ िीकर 1055 मी.

8. ऋवषकेश विर ही 1017 मी.

9. कमलनाथ उदयपुर 1001 मी.

10. िज्‍जनगढ़ उदयपुर 938 मी.

11. म रमजी/ट डगढ़ अजमे र 933 मी.

12. ख जयपुर 920 मी.

13. िायरा उदयपुर 900 मी.


By Sunil Sir

14. तारागढ़ अजमे र 873 मी.

15. वर्बलाली अजमे र 755 मी.

16. र जाभाकर जाल र 730 मी.

17. भानगढ़ अलिर 649 मी.

18. जयगढ़ जयपुर 648 मी.


By Sunil Sir

• अरावली पवि तमाला के प्रमुख पठार ⇒

1. उर्डया पठार ⇒ राजस्‍थान का िर्बिे ऊँचा पठार है ।

• आर्बू पिात िे िटा हुआ एिं गुरुवशखर िे नीचे यह पठार


अिस्स्थत है ।

• ये विर ही वजले में स्स्थत है ।

• इिकी िमु रतल िे ऊँचाई 1360 मी. है ।


By Sunil Sir

2. आबू पठार ⇒ राजस्‍थान का दू िरा िर्बिे ऊँचा पठार है ।

• ये विर ही में स्स्थत है ।

• ये पठार र्बैथ वलथ स्‍थलाकृवत (गुंर्बदाकार) का अच्‍छा


उदाहरण हैं ।

• इिकी िमु रतल िे ऊँचाई 1200 मी. है ।

• इि पर माउं ट आर्बू नगर ि अभयारण्‍य स्स्थत है ।

• इि पर ट ड र क एिं हाना र क स्स्थत है ।


By Sunil Sir

3. लसार्डया पठार ⇒ ये पठार उदयपुर में स्स्थत जयिमं द


झील के पूिा में स्स्थत है ।

• यह पठार विच्‍छेवदत/उत्‍खात/उर्बड-खार्बड ि कटा-फटा


है ।

4. भ राठ का पठार ⇒ राजस्‍थान का तीिरा िर्बिे ऊँचा


पठार है ।

• जरगा (उदयपुर) इिकी िर्बिे ऊँची (1431 मी.) च टी है ।

• ये पठार उदयपुर के उत्तर पविम में ग गुन्‍दा ि कुंभलगढ़


के मध्‍य स्स्थत है ।
By Sunil Sir

5. भ मट पठार ⇒ यह उदयपुर एिं डूंगरपुर के मध्‍य स्स्थत


पहाडी एिं पठारी िे ि है ।

• ये िे ि भील जनजावत का मु ख्‍य वनिाि िे ि है ।

6. मेसा पठार ⇒ वचत्त डगढ़ वजले में स्स्थत इि पठार पर


वचत्त डगढ़ का वकला अिस्स्थत है ।

• इिकी ऊँचाई 620 मी. है ।

7. दे शहर पठार ⇒ जरगा एिं रागी पहावडय ं के मध्‍य


फैला हरा-भरा पठार दे शहर ं पठार कहलाता है ।
By Sunil Sir

8. ऊपरमाल का पठार ⇒ भैं िर डगढ़ (वचत्त डगढ़) िे वर्बज वलया


(भीलिाडा) तक विस्‍तृत पठार क ऊपरमाल पठार के नाम िे
जाना जाता है ।
• ररयाित काल के िमय इि िे ि क ''उपरमाल'' के नाम िे
जाना जाता था।
9. कां कणवाडी/क्रां सका पठार ⇒ ये उत्तरी अरािली में िररस्‍का
(अलिर) में स्स्थत है ।
• Note:-
• (i) अरािली की ििाा वधक ऊँचाई - विर ही
• (ii) अरािली का ििाा वधक विस्‍तार - उदयपुर
• (iii) अरािली का िर्बिे कम विस्‍तार ि न्‍यूनतम ऊँचाई - अजमेर
By Sunil Sir

अरावली‍पवितमाला‍एवं‍राजस्‍थान‍की‍प्रमुख‍पहाडी

1.
 र जा भाकर

 इसराना भाकर

 झार ला भाकर जाल़ौर

जाल़ौर
 जसवं तपु रा र्हल्‍स

 ड रा पवि त
By Sunil Sir

2. भाकर ⇒ पूिी विर ही िे ि में अरािली की तीव्र ढाल


िाली ि ऊर्बड-खार्बड पहावडय ं क स्‍थानीय भाषा में
भाकर कहते है ।

3. र्गरवा ⇒ उदयपुर के चार ं ओर तश्‍तरीनु मा आकार की


पहावडय ं की श्रृं खला क स्‍थानीय भाषा में वगरिा कहते
है ।
By Sunil Sir

4. मालखेत की पहार्डय ं ⇒ िीकर वजले की पहावडय ं


का स्‍थानीय नाम।

5. खंडेला पहाडी ⇒ िीकर

6. त रावाटी पहाडी ⇒ अलिर क टपूतली ि नीम का


थाना (िीकर) में फैली पहावडय ं का स्‍थानीय नाम।

7. र्चर्डयाटू ँ क पहाडी ⇒ ज धपुर (मे हरानगढ़ वकला)


By Sunil Sir

8. भैराच पवि त ⇒ अलिर

9. मालाणी पवि त ⇒ र्बाल तरा (र्बाडमे र)

10. आडावाला पवि त ⇒ र्बूँदी

11. नाग पहाडी ⇒ अजमे र

12. सुंधा पवि त ⇒ भीनमाल (जाल र)


By Sunil Sir

13. मेरवाड पहाडी ⇒ अजमे र

14. नाक डा/छप्‍पन की पहार्डय ं ⇒ वििाणा (र्बाडमे र)

15. र्त्रकूट पहाडी ⇒ जै िलमे र

16. मुकुन्‍दवाडा की पहाडी ⇒ क टा ि झालािाड के मध्‍य


भाग

17. बीजासण पहाडी ⇒ भीलिाडा


By Sunil Sir

18. हषि पहाडी ⇒ िीकर

19. हषिनाथ पहाडी ⇒ अलिर

20. च़ौथ का बरवाडा ⇒ ििाई माध पुर

21. उदयनाथ पहाडी ⇒ अलिर

22. भैराच पवि त ⇒ अलिर


By Sunil Sir

23. सेवर र्हल्‍स ⇒ जयपुर

24. बै राठ र्हल्‍स ⇒ जयपुर

25. मन हरपु र र्हल्‍स ⇒ जयपुर

26. चील का टीला (जयगढ़ र्कला) ⇒ जयपुर

27. ईगल र्हल्‍स (जयगढ़ र्कला) ⇒ जयपुर

28. बाबाई र्हल्‍स ⇒ जयपुर/झंुझुनूं


By Sunil Sir

29. बरवाडा र्हल्‍स ⇒ जयपुर

30. बीजक पहाडी ⇒ जयपुर (र्बैराठ िे ि)

31. भीम पहाडी ⇒ जयपुर (र्बैराठ िे ि)

32. महादे व पहाडी ⇒ जयपुर (र्बैराठ िे ि)

33. गणेश पहाडी ⇒ जयपुर (र्बैराठ िे ि)


By Sunil Sir

34. बीछामेडा र्हल्‍स ⇒ उदयपुर

35. र्बजराल र्हल्‍स ⇒ राजिमं द

36. र्दवे र र्हल्‍स ⇒ राजिमं द

37. खमऩौर र्हल्‍स ⇒ राजिमं द

38. र्त्रकूट पहाडी ⇒ जै िलमे र

39. र्त्रकूट पवि त ⇒ कर ली


By Sunil Sir

राजस्‍थान‍में‍र्वशेष‍आकृर्त‍वाली‍र्हल्‍स

⇒ उदयपुर

तश्‍तरीनुमा पहाडी [र्गरवा]

⇒ रामगढ़‍कस्‍बा
(बारां )
घ डे की नाल जैसी

⇒ बाडमे र

ग लाकार‍पहाडी
(नाक डा‍पवित)
By Sunil Sir

बूँदी बूँदी र्हल्‍स


+ (96 km) बूँ दी, क टा एवं‍

क टा मुकुन्‍दरा र्हल्‍स झालावाड
+
झालावाड (120 km)

अर्द्ि चन्‍र्द्ाकार पहाडी


By Sunil Sir

3. पू वी मैदानी प्रदे श ⇒ नदी बे र्सन क्े त्र

• पूिी मै दानी प्रदे श का वनमाा ण प्‍लीस्‍ट िीन काल के द रान


नवदय ं द्वारा लाये गये तलछट (अििाद) िे हुआ है ।

• इिका िे िफल राज्‍य के कुल िे िफल का लगभग


23.03% है ।

• इि प्रदे श में राजस्‍थान का ििाा वधक जन िनत्‍ि पाया


जाता है ।
By Sunil Sir

र्वस्‍तार
By Sunil Sir

• पूवी मै दानी भाग क र्नम्‍न तीन उप र्वभाग ं में र्वभार्जत


र्कया गया है ।

I. मध्‍य माही बे र्सन (छप्‍पन मै दान/बागड मै दान)

II. बनास एवं बाणगंगा मै दान

III. चम्‍बल बे र्सन/डां ग मै दान


By Sunil Sir

• Note:- उत्तरी-पूिा मै दान की ढाल पविम िे पूिा की ओर


तथा दविणी मै दानी िे ि की ढाल पविम की ओर है ।

1. माही बे र्सन ⇒

• र्वस्‍तार ⇒ बांसवाडा, डूंगरपु र, प्रतापगढ़


By Sunil Sir

• इि र्बेविन का वनमाा ण माही तथा उिकी छ टी-छ टी


िहायक नवदय ं द्वारा वनवमा त वकया गया है ।

• इिका ढाल उत्तर िे दविण की ओर है वजि कारण


नवदय ं दविण की ओर प्रिावहत ह ती है ।

• Note:- कांठल का मैदान ⇒ प्रतापगढ़ का िह िे ि ज


माही नदी के वकनारे अिस्स्थत है उिे कां ठल कहते है ।
By Sunil Sir

• Note:- छप्‍पन का मैदान ⇒ [भारी मैदान] ⇒


र्बां ििाडा ि प्रतापगढ़ के मध्‍य भाग क छप्‍पन का मै दान
कहते है । क्‍य वं क माही नदी द्वारा इि मै दान का वनमाा ण
56 ग्राम िमू ह ं में वकया गया।

• Note :- मेवल ⇒ डूंगरपुर ि र्बां ििाडा के मध्‍य के


मै दानी भाग क मे िल कहते है ।
By Sunil Sir

• Note:- वागड का मैदान ⇒ डूंगरपुर ि र्ब ं ििाडा के


मध्‍य विच्‍छेवदत एिं पहाडी भू-भाग क स्‍थानीय भाषा में
िां गड का मै दान कहते है ।
By Sunil Sir

2. बनास/बाणगंगा मैदान ⇒ इि मै दान का वनमाा ण


र्बनाि एिं र्बाणगंगा तथा उनकी िहायक नवदय ं
(क ठारी, मानिी, म रे ल, र्बेडच, गम्‍भीर) द्वारा हुआ हे ।

• ये मै दान जयपुर, भरतपुर, अलिर, ट क


ं , भीलिाडा,
अजमे र, द िा ि ििाईमाध पुर विस्‍तृत है ।

• इि िे ि के िम्‍पूणा भू -भाग पर जल ढ़/कछारी वमट्टी का


जमाि पाया जाता है ।
By Sunil Sir

3. चम्‍बल बे र्सन ⇒ (डांग :- इस भू-भाग के दर्क्ण


भाग में अर्नयर्मत पहार्डयां पाई जाती है र्जन्‍हें डांग
प्रदे श कहते है ।)

• ये मै दानी िेि क टा, ििाईमाध पुर, कर ली, ध लपुर में


विस्‍तृत है ।

• चम्‍र्बल नदी की अिनवलका अपरदन िे इि िे ि उत्‍खात


स्‍थलाकृवत (Badland topography) का वनमाा ण हुआ है ।

• इि मै दानी िे ि में निीन कां पीय/जल ढ़ वमट्टी का जमाि


पाया जाता है ।
By Sunil Sir

4. दर्क्णी-पू वी पठार (हाड़ौती पठार)

• इि पठारी िे ि का वनमाा ण विटे वशयि काल के द रान


ज्‍िालामु खी के र्बेिाल्‍ट/पैवठक लािा िे हुआ है ।

• ये मालिा के पठार का ही विस्‍तार है ।

• इि पठारी भाग का विस्‍तार झालािाड, क टा, र्बारां तथा


र्बूँदी वजल ं में है ।

• इिकी औित ऊँचाई 500 मी. है ।


By Sunil Sir

• यह पठारी भाग अरािली और विंध्‍याचल पिात के र्बीच


िंिास्ि प्रदे श (Transitional belt) है ।

• भ वतक लिण ं के आधार पर इि प्रदे श क द भाग ं में


विभक्‍त वकया जाता है ।

A. र्वन्‍ध्य
‍ न कगार

B. हाड़ौती का पठार (दक्‍कन लावा का पठार)


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A. र्वन्‍ध्य
‍ न कगार ⇒ इिका विस्‍तार ध लपुर िे ह कर
प्रतापगढ़ तक है ।
• ये कगार विन्‍ध्‍याचल का पविमी भाग है ।
• इि भाग में वनम्‍न शै ल ं (चट्टानें ) पाई जाती है ।
• र्बलु आ पत्‍थर (ििाा वधक)
• लाल र्बलु आ पत्‍थर (ध लपुर ि कर ली)
• हीरा (मानपुरा एिं केिरपुरा)
• क टा स्‍ट न
• चूना पत्‍थर (वचत्त डगढ़ एिं क टा के मध्‍य)
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B. हाड़ौती का पठार ⇒ ये पठार क टा र्बूँदी, झालािाड एिं


र्बारां में स्स्थत है ।

• ये पठार मालिा के पठार का उत्तरी-पविमी भाग है ।

• इि पठारी भाग पर काली वमट्टी की अवधकता पाई जाती


है ।
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• धरातलीय वभन्‍नता के कारण इि प्रदे श क प ं च उप


प्रदे श ं में विभक्‍त वकया जाता है ।

1. अर्द्ि चन्‍र्द्ाकार पवि त श्रेर्णय ं

2. नदी र्नर्मित मैदान

3. शाहबाद का उच्‍च स्‍थल

4. झालावाड का पठार

5. डग-गं गधर के उच्‍च क्े त्र


By Sunil Sir
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1. अर्द्ि -चन्‍र्द्ाकार पवि त श्रेर्णय ं ⇒ हाड़ौती पठार पर


अर्द्ि -चन्‍र्द्ाकार रूप में फैली है । जैसे

A. बूँ दी र्हल्‍स – द हरी पवतिमाला

• लम्‍बाई – 96 km

• र्दशा – उ.पू वि से द.पू वि

• सवोच्‍च र्शखर – सतूर (353 मी.)


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B. मुकन्‍दरा र्हल्‍स – क टा एवं झालावाड

• लम्‍बाई – 120 km

• र्दशा – उ.प. से द. पू वि

• सवोच्‍च च टी – चंदवाडी (517 मी.)


By Sunil Sir

2. नदी र्नर्मित मैदान ⇒ चम्‍र्बल एिं उिकी िहायक


नवदय ं जै िे काली विन्‍ध, पािाती, मे ज द्वारा इि पठारी
िे ि पर उपजाऊ मै दान का वनमाा ण वकया गया है । वजिे
नदी वनवमा त मै दान कहते है ।
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3. शाहबाद का उच्‍च स्‍थल ⇒ ये िे ि र्बारां वजले के पूिी


भाग में स्स्थत है ।

• इि िे ि की िमु रतल िे औित ऊँचाई 300 मी. है ।

• ििोच्‍च वशखर – कस्‍र्बा थाना (456 मी.)

• इि िे ि में रामगढ़ कस्‍र्बे के पाि ि डे की नाल के िमान


पिात श्रे णी है वजिके मध्‍य िेटर झील अिस्स्थत है ।
By Sunil Sir

4. झालावाड का पठार ⇒ ये िेि दविण हाड ती का भाग


है ।

• यह ं काली वमट्टी का विस्‍तार पाया जाता है ।

• ये मालिा के पठार का उत्तरी भाग है ।


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5. डग-गं गधार की उच्‍च भूर्म ⇒ झालािाड पठार के


दविण-पविमी भाग उच्‍च भू वम के रूप में स्स्थत है । वजिे
डग-गंगधार की उच्‍च भू वम के नाम िे जाना जाता है ।

• इिकी िामान्‍य ऊँचाई 450 मी. है ।

• इि िे ि में कहीं-कहीं छ टी-छ टी पहावडया विद्यमान है ।


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• महत्‍िपूणा वर्बन्‍दु
I. GBF – महान िीमां त भ्रं श (Great Boundary Fault)
राजस्‍थान की एक भू गवभा क िटनािम
• ये अरािली पिा त श्रेणी क हाड ती पठार ि विन्‍ध्‍यन श्रृंखला क
अलग करती है ।
• ये भ्रं श राजस्‍थान के दविण-पूिा भाग में र्बे गूं (वचत्त डगढ़), उत्तरी
क टा, ििाईमाध पुर ि ध लपुर में दृविगत है ।
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II. रामगढ़ क्रेटर – ये राज. के र्बारां वजले के रामगढ़ कस्‍र्बे


के पाि स्स्थत है ।

• इिका वनमाा ण प्राचीनकाल में उल्‍का वपण्‍ड के वगरने


(प्रहार) िे हुआ है ।

• अन्‍तराा ष्‍ट
‍ र ीय िंस्‍था अथा इम्‍पैक्‍ट डाटा र्बेि ि िायटी
ऑफ कनाडा ने विश्‍ि के 200िें िेटर के रूप में
िंिैधावनक मान्‍यता प्रदान की है ।
By Sunil Sir

• इिे रामगढ़ एस्‍टर ब्‍लेम के नाम िे भी जाना जाता है ।

• इिके चार ं और ि डे की नाल आकृवत पहावडय ं


अिस्स्थत है ।

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