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मुख्य सं रिक एिं अध्यि

परामशगदात्री सष्ट्मष्ट्त
s
प्रो. आशीष श्रीिास्ति प्रो. ञ्जशरीष ष्ट्मश्रा प्रो. सिय श्रीिास्ति
अञ्जधष्ठाता, ञ्जशिाशास्त् सिाय िाञ्जणज् एिं प्रबन्धि ष्ट्िज्ञाि सिाय
प्रो. सुिील मिािर प्रो. रिीत कु मार चौधुरी माििीय कु लपष्ट्त
अञ्जधष्ठाता, समाज ष्ट्िज्ञाि सिाय अञ्जधष्ठाता, सङ्गणकीय ष्ट्िज्ञाि, सूचिा एिं
सम्प्रेषण प्रौद्यष्ट्र्की सिाय
मिात्मा र्ाँ धी के न्द्रीय ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय
प्रो. प्रणिीर ञ्जसंि प्रो दे िदत्त चतुिेदी मोष्ट्तिारी, ष्ट्बिार मिात्मा र्ाँ धी के न्द्रीय ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय
अञ्जधष्ठाता, जीिि ष्ट्िज्ञाि सिाय अञ्जधष्ठाता, भौष्ट्तकीय एिं पदाथग ष्ट्िज्ञाि
सिाय
मोष्ट्तिारी, ष्ट्बिार
रारि ष्ट्पता मिात्मा र्ाँ धी के ऐष्ट्तिाञ्जसक चम्पारण सत्याग्रि की पािि सं रिक एिं सं योजक (सं सद के अञ्जधष्ट्ियम द्वारा िाष्ट्पत)
भूष्ट्म मोष्ट्तिारी में मिात्मा र्ाँ धी के न्द्रीय ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय की िापिा सं सद द्वारा ष्ट्द्व-ष्ट्दिसीय अन्ताराष्ट्रिय सङ्गोष्ठी
अञ्जधष्ट्ियष्ट्मत के न्द्रीय ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय (सं शोधि) अञ्जधष्ट्ियम 2014 (सं ख्या 35, प्रो. प्रसूि दत्त ञ्जसंि (TWO DAYS INTERNATIONAL CONFERENCE)
2014) के तित 17 ष्ट्दसम्बर, 2014 को मिामष्ट्िम रारि पष्ट्त द्वारा की र्ई। अञ्जधष्ठाता
यि ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय भारत सरकार द्वारा पूणगतः ष्ट्ित्तपोष्ट्षत तथा ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय मािष्ट्िकी एिं भाषा सिाय
अिुदाि आयोर् द्वारा ष्ट्िष्ट्ियष्ट्मत िै। 3 फरिरी, 2016 को अपिी िापिा के मिात्मा र्ाँ धी के न्द्रीय ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय
भारतीय साष्ट्ित्य में राजधमग एिं मािि कल्याण
(RĀJADHARMA AND HUMAN WELFARE IN INDIAN LITERATURE)
साथ िी ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय ष्ट्िकास के पथ पर ष्ट्िरन्तर अग्रसर िै। मोष्ट्तिारी, ष्ट्बिार
ितगमाि में ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय में डॉ. अम्बेडकर प्रशासष्ट्िक भिि के
pdsingh@mgcub.ac.in ष्ट्तञ्जथ- 17 – 18 माचग, 2024
अष्ट्तररक्त कु ल चार पररसर िैं, ञ्जजसमें सात सिायों के अधीिि कु ल बीस
9771824852 फाल्गुि-शुक्ल अरमी से फाल्गुि-शुक्ल ििमी ष्ट्िक्रमाब्द, 2080
ष्ट्िभार् प्रितगमाि िैं। ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय का ष्ट्िकितम ििाई अड्डा पििा जो समन्वय मण्डल
मोष्ट्तिारी से लर्भर् 170 ष्ट्कलोमीिर तथा दरभङ्गा 140 ष्ट्कलोमीिर की दूरी DATE- 17- 18 MARCH, 2024
पर स्थित िै। मोष्ट्तिारी िर्र रेलिे से भी सभी प्रमुख िर्रों से जुड़ा हुआ िै। डॉ. श्याम कु मार झा डॉ. ष्ट्बमलेश कु मार ञ्जसंि डॉ. अंजिी कु मार श्रीिास्ति
सबसे ष्ट्िकितम रेलिे स्टे शि बापूधाम मोष्ट्तिारी तथा ष्ट्िकितम रे लिे जं क्शि अध्यि, सं स्कृ त ष्ट्िभार् अध्यि, अंग्रेजी ष्ट्िभार् अध्यि, ष्ट्िन्दी ष्ट्िभार्

मुजफ्फरपुर 80 ष्ट्कलोमीिर की दूरी पर िै। मोष्ट्तिारी ष्ट्बिार के सभी प्रमुख


िर्रों तथा समीपित्ती राज्ों से राष्ट्रिय राजमार्ों से जुड़ा हुआ िै। यि
आयोजि सष्ट्मष्ट्त
ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय र्ुणित्ता एिं मूल्यपरक अकादष्ट्मक िातािरण के ष्ट्िमागण िेतु
डॉ. उमेश पात्रा डॉ. बबलू पाल डॉ. र्ररमा ष्ट्तिारी
प्रष्ट्तबद्ध िै।
सिायक आचायग, अंग्रेजी सिायक आचायग, सं स्कृ त सिायक आचायग, ष्ट्िन्दी
मािष्ट्िकी एिं भाषा सिाय ष्ट्िभार् ष्ट्िभार् ष्ट्िभार्
मिात्मा र्ाँ धी के न्द्रीय ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालयि मािष्ट्िकी एिं भाषा सिाय डॉ. श्यामिन्दि, डॉ. र्ोष्ट्िन्द प्रसाद िमाग डॉ. कल्याणी िाजरी
सिायक आचायग, ष्ट्िन्दी सिायक आचायग, ष्ट्िन्दी सिायक आचायग, अंग्रेजी
एक प्रष्ट्तष्ट्ष्ठत सिाय के रूप में प्रष्ट्तष्ठाष्ट्पत िै। ितगमाि में मािष्ट्िकी एिं भाषा
ष्ट्िभार् ष्ट्िभार् ष्ट्िभार्
सिाय के अन्तर्गत सं स्कृ त, ष्ट्िन्दी एिं अंग्रेजी तीि ष्ट्िभार् प्रितगमाि िैं। इस डॉ. ष्ट्िश्वञ्जजत् बमगि श्री बालेन्दे चन्दोबा िॉञ्जसिंर् डॉ. आशा मीणा
सं काय में िेद-िेदाङ्ग, व्याकरण, दशगि, धमगशास्त्, भाषाशास्त्, साष्ट्ित्य, सिायक आचायग, सं स्कृ त सिायक आचायग, अंग्रेजी सिायक आचायग, ष्ट्िन्दी
ष्ट्िभार् ष्ट्िभार् ष्ट्िभार्
काव्यशास्त्, पाश्चात्य एिं प्राच्य साष्ट्ित्य में शास्त्ीय एिं आधुष्ट्िक ञ्जशिण पद्धष्ट्त
डॉ. दीपक
में ष्ट्िष्णात दो आचायग (प्रोफेसर), तीि सि-आचायों (एसोञ्जसएि प्रोफेसर) एिं
सिायक आचायग, अंग्रेजी ष्ट्िभार्
आयोजक
दस सिायक-आचायों (अञ्जसस्टे न्ट प्रोफेसर) से युक्त िै, जो एम.ए. एिं
पीएच्.डी. की उपाञ्जध प्रदाि करिे तथा िैञ्जश्वक स्तर पर भारतीय ज्ञाि परम्परा पिीकरण ञ्जलंक
मािष्ट्िकी एिं भाषा सिाय
के उन्मेषण िेतु कृ तसिस्थित िैं। https://forms.gle/gtVXfzWk6wxMs9Y8A मिात्मा र्ाँ धी के न्द्रीय ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय
र्ाँ धी पररसर, बिकि, मोष्ट्तिारी, ष्ट्बिार-845401
अन्ताराष्ट्रिय सङ्गोष्ठी सङ्गोष्ठी का उद्दे श्य ➢ भारतीय साष्ट्ित्य में ििजार्रण एिं लोकमङ्गल (Renaissance and
भारतीय साष्ट्ित्य ष्ट्िश्व का सबसे समृद्ध, िैज्ञाष्ट्िक तथा उदात्त साष्ट्ित्य प्राचीि काल से लेकर ितगमाि काल तक भारतीय साष्ट्ित्य में राजधमग Public welfare in Indian Literature)
िै। भारतीय साष्ट्ित्य में व्यञ्जित भाििाएँ , िैचाररक ष्ट्िश्लेषण और माििीय बोध एिं मािि कल्याण की ष्ट्िशद चचाग िै। प्राचीि भारतीय साष्ट्ित्य में राजतन्त्रीय ➢ भारतीय स्वाधीिता आन्दोलि एिं मािि कल्याण (Indian freedom
movement and welfare of humanity)
अपिी व्यििाओं में जीिि के िैष्ट्िध्य को उद्घाष्ट्ित एिं उद्भाष्ट्षत करिे के साथ शासि व्यििा में राजाओं को सिगदा प्रजापालि एिं उिके कल्याण िेतु तत्पर ➢ स्वातन्त्रोत्तर भारतीय साष्ट्ित्य में राजधमग एिं मािि कल्याण
िी साथ ष्ट्िश्व के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त करती िै। भारतीय साष्ट्ित्य ञ्जचन्ति रििे की प्रेरणा का उल्लेख ष्ट्कया र्या िै। अञ्जभज्ञािशाकु न्तल िािक में काञ्जलदास (Humanitarianism and Rājdharma in Post-Independence
की ऐसी समग्रता का पारम्पररक अञ्जभव्यिि और माििीय सं िेदिा का दपगण िे राजा दुष्यन्त के ञ्जलए किा िै “अष्ट्िश्रमोऽयं लोकतन्त्राञ्जधकारः ” अथागत् Indian Literature)
िै, ञ्जजसमें आत्म और अिात्म के अष्ट्िराम ञ्जचन्ति के माध्यम से सभ्यता और ➢ समकालीि रचिाधष्ट्मगता एिं मािि कल्याण (Contemporary writing
प्रजापालि में राजा को ष्ट्िश्राम किाँ ? िाल्मीष्ट्क रामायण तथा रामचररतमािस में
trends and human welfare)
सं स्कृ ष्ट्त के धिल ञ्जशखर को उपलब्ध करािे का अथक प्रयत्न पररलञ्जित िोता भी राम प्रजापालि में अपिे और अपिी पररिार के ञ्जचन्ता ष्ट्कये ष्ट्बिा सिगदा सचेर ➢ Literature for Social Justice
िै। भारतीय साष्ट्ित्य को यष्ट्द कोई ञ्जजज्ञासु ष्ट्कसी मान्यता के सं कीणग दायरे से देखे र्ये िै। तुलसीदास िे राम कथा को मािि कल्याण या लोक मङ्गल के ञ्जलए ➢ Literature for Egalitarian Purpose
मुक्त िोकर मिीषा के उन्मुक्त प्रांर्ण में समझिे का प्रयत्न करे तो उसे शीघ्र िी उपयोर्ी बताया िै। आधुष्ट्िक भारतीय साष्ट्ित्य सां स्कृष्ट्तक जार्रण की चेतिा के ➢ The Impact of Politics on Literature
यि तथ्य समझ में आ जायेर्ा ष्ट्क यि साष्ट्ित्य ष्ट्कसी दे श, जाष्ट्त अथिा धमग के साथ प्रारम्भ िोता िै। इस जार्रण की चेतिा में मािि कल्याण भाि िी सष्ट्न्नष्ट्ित ➢ Political Literature and Literary Politics
बं धि में ििीं बं धकर ऐसे दूरद्ररा ञ्जचन्तकों के प्रयत्नों का पररणाम िै, जो िस्तुतः रिा िै। राष्ट्रिय स्वाधीिता आन्दोलि में भी राजधमग और लोकष्ट्ित की अिधारणा ➢ Literary Narratives of Political Leaders
'सिे भिन्तु सुञ्जखिः ' की भाििा से प्रेररत िै। जार्ृत रिी िै तथा समकालीि भारतीय साष्ट्ित्य तक इसका व्यापक प्रसार रिा िै। ष्ट्िदे श
ितगमाि जीिि का जो पररिेश अन्तः एिं बाह्य पयागिरण की पररणष्ट्त ➢ शोधपत्र का माध्यम सं स्कृ त, ष्ट्िन्दी तथा अंग्रेजी िोर्ा।
सङ्गोष्ठी के उपष्ट्िषय
बिकर उभर रिा िै, िि एक ऐसा भयािि सन्त्रास िै जिाँ राजिीष्ट्त के िाम ➢ पिीकरण, शोधपत्र प्रेषण तथा र्ुर्ल फमग पूररत करिे की अस्थन्तम ष्ट्तञ्जथ- 16
➢ िैष्ट्दक िाङ्मय में राजधमग एिं मािि कल्याण (Rājdharma and human माचग, 2024 िै। ञ्जजसको इस मेल
पर दुिीष्ट्त, परोपकार के िाम पर स्वाथगञ्जसष्ट्द्ध एिं साष्ट्ित्य के िाम पर ष्ट्कसी पि
welfare in Vedic Literature) internationalconference.mgcub@gmail.com पर भेजिा िै।
अथिा प्रष्ट्तपि का प्रचार एिं प्रसार उद्दे श्य बिता दीखता िै। ऐसे पयागिरण से ➢ भारतीय दशगि में मािि कल्याण (Human welfare in Indian ➢ देििार्री िेतु- फॉण्ट-14, यूष्ट्िकोड, सं स्कृ त 2003, आङ् लभाषा िेतु -
जो मािञ्जसकता ष्ट्िकञ्जसत िो रिी िै, उसमें अथग - अिथग का साधि एिं जीिि Philosophy) Roman- Font Size-12, Times New Roman, Space-1.5.
➢ रामायण में राजधमग एिं मािि कल्याण (Rājdharma and human ➢ समस्त शोधपत्र Word तथा PDF दोिों िी माध्यम से भेजिे अष्ट्ििायग िैं।
एक भँ िर जाल सा बिता जा रिा िै।
welfare in Ramāyana)
अतः आज की पररस्थिष्ट्त में िैञ्जश्वक स्तर पर भारतीय िाङ्मय में ➢ सम्मेलि में शोधपत्र िाचि िेतु अप्रकाञ्जशत शोधपत्रों का िी प्रेषण करें।
➢ मिाभारत में राजधमग एिं मािि कल्याण (Rājdharma and human
➢ यात्रा एिं आिास व्यय प्रष्ट्तभाष्ट्र्यों द्वारा स्वयं देय िोर्ा। पूिग सूचिा करिे
उपन्यस्त ज्ञाि भाण्डार तथा उसके माध्यम से िैष्ट्तक, आञ्जत्मक, सािगभौष्ट्मक, welfare in Mahābhārata)
➢ भारतीय मिाकाव्यों में राजधमग एिं मािि कल्याण (Rājdharma and पर आिास-व्यििा की जा सकती िै। इस िेतु शुल्क प्रष्ट्तष्ट्दि 500 रुपये
राजिैष्ट्तक एिं आध्याञ्जत्मक उन्नष्ट्त पर ष्ट्िशद् चचाग की आिश्यकता िै। साथ िी
human welfare in Indian Epic & Literature) देय िोर्ा।
इसके सम्मुख उपिाष्ट्पत चुिौष्ट्तयों को रेखाष्ट्ित करते हुए उिका समाधाि ➢ भारतीय िािकों में राजधमग एिं मािि कल्याण (Rājdharma and ➢ पिीकरण शुल्क- 700 रू (Seven hundred only)
ढूँ ढ़िा अञ्जभप्रेत िै। human welfare in Indian Dramas) ➢ शुल्क डी. डी. (TO THE REGISTRAR, MAHATMA GANDHI
➢ धमगशास्त्ों में राजधमग एिं मािि कल्याण (Rājdharma and human CENTRAL UNIVERSITY, BIHAR)
िमारा ष्ट्िश्वास िै ष्ट्क मािष्ट्िकी एिं भाषा सिाय, मिात्मा र्ाँ धी
welfare in Dharmasāstra) ➢ अथिा ऑिलाइि माध्यम से अधोञ्जलञ्जखत खाता पर देय िोर्ा, ञ्जजसका
के न्द्रीय ष्ट्िश्वष्ट्िद्यालय द्वारा प्रस्ताष्ट्ित इस अन्ताराष्ट्रिय सं र्ोष्ठी के आयोजि से ि ➢ आयुिेदीय ग्रन्ों में लोक मङ्गल भाििा (Human welfare in स्कीिशािग पिीकरण फॉमग के साथ आपलोड अथिा इमेल द्वारा भेजिा
के िल सं स्कृ त, ष्ट्िन्दी, अंग्रेजी, बङ्गला, तष्ट्मल आष्ट्द साष्ट्ित्य के अध्येताओं को Ayurvedic Texts)
आिश्यक िै।
भूयांश लाभ प्राप्त िोर्ा अष्ट्पतु अन्तष्ट्िगषयी एिं अन्तभागषायी शोधप्रज्ञों एिं ➢ िीरर्ाथात्मक साष्ट्ित्य एिं राजधमग (Rājdharma and Heroic
Lliterature)
ष्ट्िद्वज्जिों के समि भी भारतीय िाङ्मय में ष्ट्िष्ट्ित राजधमग एिं मािि कल्याण ➢ भष्ट्क्तकालीि भारतीय साष्ट्ित्य में राजधमग एिं लोकमङ्गल (Rājdharma Account Name: Mahatma Gandhi Central University
की शाश्वत अिधारणाओं के प्रष्ट्त एक सकारात्मक एिं ििीि दृष्ट्र का उन्मेष िो and Public welfare in Bhakti Literature) Account Number: 3604439101
सके र्ा ऐसा ष्ट्िश्वास िै। ➢ रीष्ट्तकालीि साष्ट्ित्य में राजधमग (Rājdharma in Literature of Riti IFSC Code: CBIN0280030
period) Bank Name: Central Bank of India, Luthaha Branch, Motihari.

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