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http JUDIS.NIC.IN भारत का सव यायालय म से पृ

मामला सं या।
अपील स वल क

या चकाकता
नोरातनमल चौर रया

तवाद
एमआर मुरली और अ य।

नणय क त थ

बच

सीजेआ ई एसबी स हा और एसएच कपा ड़या।

नणय
लय

एसबी स हा जे

प रचय

बार काउं सल ऑफ इं डया का एक आदे श दनांक . .

बीसीआई ट आर नंबर म पा रत तवाद क ओर से क थत कदाचार क शकायत क जांच करने से इनकार करने पर अ धव ा अ ध नयम
क धारा के तहत अपीलकता ारा क गई इस अपील पर सवाल उठाया जा रहा है।

पृ भू म त य

यहां अपीलकता और उ रदाता के बीच का र ता मकान मा लक और करायेदार का है। तवा दय ारा अपीलकता के व
कराया नयं ण कायवाही शु क गई थी। जब क कराया नयं ण कायवाही लघु वाद यायालय म लं बत थी उ ह ने क थत तौर पर चूक और कमीशन
के न न ल खत कृ य के कारण वयं कदाचार कया

. . को जब अपीलकता वहां लं बत अपील म भाग लेने के बाद उ अदालत के कोट हॉल से बाहर आया तो पहले तवाद
ने क थत तौर पर पीछे से आकर उसक पीठ पर वार कया और भाग गया।

. . को जब अपीलाथ आ रहा था
कोट हॉल के बाहर पहले तवाद ने कु छ उप वी त व के साथ उसे जान से मारने क धमक द । क थत तौर पर उसी
दन मामले क सूचना पु लस को द गई।

. . को जब व ान दसव यायाधीश दोपहर के भोजन के अवकाश के दौरान अपने क के लए नकले और जब अपीलकता


अपने वक ल ी एस. वजयरंज न के साथ अदालत हॉल से बाहर नकल रहा था तो पहले तवाद ने अदालत म उसके बाएं
पैर के घुटने पर लात मारी। चोट प ंचाने के इरादे से कमरा बंद कर दया और आगे उसे सबूत के लए अदालत म पेश नह होने के
लए कहा।

अपीलकता क उ शकायत ा त होने पर बार काउं सल ऑफ त मलनाडु क अनुशासना मक स म त ने कायवाही शु क । ऐसा


तीत होता है क मामला अंततः बार काउं सल ऑफ इं डया क अनुशासन स म त को ानांत रत कर दया गया है।
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बार काउं सल का ववा दत आदे श

बार काउं सल ऑफ इं डया क अनुशासना मक स म त ने दे ख ा क उ रदाता क ओर से चूक और कमीशन के उपरो कृ य के संबंध म अपीलकता
ारा शकायत या चका दायर करके कोई आपरा धक कायवाही शु नह क गई थी। दनांक . . क घटना के संबंध म पु लस ारा कोई आरोप प भी

दायर नह कया गया था जसके लए एक ाथ मक दज क गई थी। आगे यह वीकार कया गया क पहला तवाद उपरो कराया नयं ण कायवाही म

एक वक ल के प म नह ब क गत प से एक प के प म उप त आ था। इस त य को यान म रखते ए क आ े पत आदे श पा रत होने क त थ

तक न तो अपीलकता ने पु लस ा धकारी के सम दायर क गई शकायत के संबंध म अपनी ओर से कसी भी अनुवत कारवाई को मा णत करने के

लए कोई द तावेज तुत कया न ही उसने कोई नजी शकायत दज क । स म त का थम ा मानना था क उ घटना के घ टत होने के त य
व सनीय नह ह।

इसके अलावा यह दे ख ा गया क पहला तवाद उ मुक दमे म वक ल के प म नह ब क गत प से वाद के प म उप त आ था।

तु तयाँ

अपीलकता क ओर से उप त व ान वक ल ी एसबीयूपा याय अ य बात के अलावा यह तुत करगे क अ धव ा अ ध नयम क धारा

के तहत बार काउं सल के रोल पर एक वक ल के खलाफ कसी भी कदाचार के लए कारवाई क जा सकती है जो पेशेवर तक सी मत नह हो सकता है कदाचार बार
काउं सल ने ववा दत आदे श पा रत करने म घोर गलती क । उ ववाद के समथन म डी म इस अदालत के एक फै सले पर मजबूत नभरता रखी गई है जसे सु ीम

कोट के एक वक ल ने एससीआर म रपोट कया था। व ान वक ल का तक है क इस त य को यान म रखते ए क पहले तवाद ने

शकायतकता के साथ मारपीट क उसे मामले को आगे नह बढ़ाने के लए कहा और तीसरे अवसर पर उसे लात मारी जसके प रणाम व प वह गर गया इस त य क ओर

संके त ह क इस तरह के कृ य कानूनी पेशे के सद य से ऐसी अपे ा नह क जाती है और इस कार इसे कदाचार का काय माना जाना चा हए।

उ ववाद के समथन म व ान वक ल हकमत अली खान बनाम ई र साद आय और अ य पर भरोसा करते थे। एससीसी और
एनजीदा टे न वी. ीकांत एस. शवदे और अ य। एससीसी । हमारा यान बार काउं सल ऑफ इं डया नयम क तावना क ओर भी
आक षत कया गया है।

क ओर से उप त व ान अ धव ा ी ट .राजा
सरी ओर उ रदाता का कहना है क यहां अपीलकता झूठे मामले शु करके तवाद को परेशान कर रहा है और वा तव म उ रदाता के खलाफ संबं धत
शकायत आठव है और अ य सात शकायत म कोई राहत नह द गई है। ी राजा आ ह करगे क यह असंभव है क य द अदालत क म शकायत क गई कृ त
का कोई काय आ हो तो उसे पीठासीन अ धकारी के यान म नह लाया जाएगा। यहां अपीलकता ारा न तो कोई नजी शकायत दज क गई है और न ही
आपरा धक अदालत म कोई कायवाही शु क गई है और इसके अलावा बार काउं सल के सम इसके समथन म कोई सबूत पेश नह कया गया है।
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व ान वक ल का तक होगा क इस अदालत ारा आ े पत आदे श म ह त ेप नह कया जाना चा हए।

कदाचार

अ धव ा अ ध नयम म कदाचार को प रभा षत नह कया गया है। कदाचार अ य बात के साथ साथ अनुशासन के उ लंघन क प रक पना

करता है हालां क यह व तृत प से बताना संभव नह होगा क आचरण और अनुशासनहीनता या होगी हालां क इसम शा मल करने के लए पया त ापक है गलत चूक

या कमीशन चाहे जानबूझ कर कया गया हो या करने से छोड़ा गया हो। इसका अथ है अनु चत वहार जानबूझ कर गलत काम करना या मानक या वहार के

नयम का जानबूझ कर उ लंघन करना

कदाचार को कारवाई के कु छ ा पत और न त नयम का उ लंघन कहा जाता है जहां आव यकता क मांग के अलावा कोई ववेक नह बचा है यह
न त कानून का उ लंघन है.

द ली लॉथ एंड जनरल म स कं पनी ल मटे ड बनाम इट् स वकमेन एलएलजे म रपोट क गई शाह जे. ने कहा क कदाचार

औ ो गक ग त व ध के ापक और अ े म म फै ला आ है सबसे गंभीर प से व वंसक आचरण एक कमचारी को के वल तकनीक चूक के लए रोजगार के

लए पूरी तरह से अयो य बना दे ता है।

यह यायालय पंज ाब रा य और अ य बनाम राम म

सह ए स. एससीसी म रपोट कए गए कां टे बल ने दे ख ा

. कदाचार को लैक लॉ ड नरी छठे सं करण पृ म इस कार प रभा षत कया गया है

कारवाई के कु छ ा पत और न त नयम का उ लंघन न ष काय कत से वमुख ता गैरकानूनी वहार


च र म जानबूझ कर अनु चत या गलत वहार इसके पयायवाची श द ह राचार कम वहार अपराध अनु चतता कु बंधन

अपराध ले कन लापरवाही या असावधानी नह ।

अपराध म कदाचार को प रभा षत कया गया है

जैसा

कसी सावज नक अ धकारी ारा अपने कायालय के कत के संबंध म कोई भी गैरकानूनी वहार च र म जानबूझ कर। इस श द
म ऐसे काय शा मल ह ज ह करने का कायालय धारक को कोई अ धकार नह था अनु चत तरीके से कए गए काय और
काय करने के सकारा मक कत के सामने काय करने म वफलता .

पी.रामनाथ अ यर का लॉ ले सकन पुनमु त सं करण पृ पर कदाचार को इस कार प रभा षत कया


गया है

कदाचार श द का ता पय एक गलत इरादे से है न क के वल नणय क ु ट से। कदाचार आव यक प से नै तक

अधमता से जुड़े आचरण के समान नह है।


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कदाचार श द एक सापे श द है और इसक ा या वषय व तु और उस संदभ के संदभ म क जानी चा हए जसम यह श द आता है


अ ध नयम या क़ानून के दायरे को यान म रखते ए जसका अथ लगाया जा रहा है।

कदाचार का शा दक अथ गलत आचरण या अनु चत आचरण है। सामा य बोलचाल म कदाचार का अथ है कारवाई के कु छ ा पत और

न त नयम का उ लंघन जहां कोई ववेक नह बचा है सवाय इसके क आव यकता या मांग सकती है और

लापरवाही लापरवाही और अकु शलता कु छ ा पत ले कन अ न त कारवाई के नयम का उ लंघन है जहां कु छ ववेक

आव यक प से अ भनेता पर छोड़ दया जाता है।

कदाचार न त कानून का उ लंघन है अ न तकालीन कानून के तहत लापरवाही या ववेक का पयोग। कदाचार एक न ष काय
है लापरवाही कसी काय का न ष गुण है और आव यक प से अ न त है।

कायालय म कदाचार को कसी सावज नक अ धकारी ारा गैरकानूनी वहार या उपे ा के प म प रभा षत कया जा

सकता है जससे पाट के अ धकार भा वत ए ह।

इस कार यह दे ख ा जा सकता है क कदाचार श द हालां क सट क प रभाषा दे ने म स म नह है ले कन वचार

करने पर संदभ से इसका अथ इसके दशन म चूक और अनुशासन और कत क कृ त पर इसका भाव ा त होता है। इसम नै तक अधमता

शा मल हो सकती है यह अनु चत या गलत वहार होना चा हए गैरकानूनी वहार च र म जानबूझ कर न ष काय

कारवाई के ा पत और न त नयम या आचार सं हता का उ लंघन है ले कन के वल नणय क ु ट लापरवाही या कत के दशन म

लापरवाही नह है अ ध नयम म भालू के न ष गुण या च र क शकायत क गई। इसके दायरे को वषय तरीके और उस संदभ

के संदभ म समझा जाना चा हए जसम यह श द आता है क़ानून के दायरे और सावज नक उ े य को यान म रखते ए यह पूरा करना

चाहता है। पु लस सेवा एक अनुशा सत सेवा है और इसम स त अनुशासन बनाए रखने क आव यकता होती है।

इस संबंध म ढलाई से सेवा म अनुशासन ख म हो जाता है जससे कानून और व ा के रखरखाव पर गंभीर भाव पड़ता है।

बोध कु मार भौ मक बनाम भी दे ख । कलक ा व व ालय कलक ा लॉ जनल और ई.पू.

चतुवेद बनाम. भारत संघ एससीसी ।

हालाँ क अ धव ा अ ध नयम क धारा पेशेवर या अ य कदाचार के लए सजा दे ने का उ लेख करती है। कानूनी पेशे का एक सद य जो एक महान

है उससे ग रमापूण और ढ़ तरीके से एक मानक बनाए रखने क उ मीद क जाती है। कानूनी पेशे के सद य ारा बनाए रखा जाने वाला मानक उसके बड़ पन के अनु प

होना चा हए। एक वक ल उन मानदं ड का पालन करने के लए बा य है जो उसे अदालत के एक अ धकारी के प म समुदाय के व ास के यो य बनाते ह। बार काउं सल

म यह यायालय
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महारा वीएमवीदाभोलकर एआईआर एससीसी दे ख ा गया

उ नै तक वर और उ लेख नीय सावज नक सेवा जसके साथ बार जुड़ा आ है और वकासा मक और ववाद सं करण

ग त व धय म इसक मह वपूण भू मका है और सबसे बढ़कर एक यायपूण समाज और संवैधा नक व ा के नमाण म इसने एका धकार

अ जत कया है। कानून का अ यास कर और अपने आंत रक अनुशासन को व नय मत करने क वाय ता ा त

कर।

हालाँ क बार काउं सल क श याँ सी मत नह ह आरोप का ज़ोर ऐसा होना चा हए जससे अनुशासना मक कायवाही शु करने क

आव यकता हो। पेशे के कसी सद य ारा कए गए पेशेवर या अ य कदाचार को आम तौर पर पेशे के प म आंक ा जाना चा हए। एक वक ल पर लगाए जाने वाले दं ड क

मा ा नधा रत करने के लए आनुपा तकता का परी ण लागू कया जाएगा जो शकायत कए गए कृ य क कृ त पर भी नभर करेगा। इस कार पेशे के कसी सद य के

कदाचार के लए कायवाही शु करने के संबंध म कोई सावभौ मक नयम नधा रत नह कया जा सकता है।

एम एन एडवोके ट सु ा म हालां क इस अदालत ने यह कहते ए उ मानक बनाए रखने क आव यकता पर जोर दया

जैसा क इस यायालय ारा नधा रत कया गया है


सु ीम कोट के एक व र वक ल जी का मामला ए सु ा अदालत पेशेवर कदाचार के मामल से नपटने म सामा य कानूनी

अ धकार से संबं धत नह है ब क अपे त पेशेवर आचरण के वशेष और कठोर नयम से संबं धत है और यह य

के एक वशेष वशेषा धकार ा त वग पर लागू होता है जो अपनी वशेषा धकार ा त त के कारण कु छ ऐसी अ मता के अधीन ह जो

उनके पु ष से जुड़ी नह ह और जो गैर पेशेवर च र म भी उनसे जुड़ी नह ह...वह ए कानूनी वसायी उस उ

और स माननीय पेशेवर के अनु प आचरण करने के लए बा य है जसके वशेषा धकार के लए उसे लंबे समय से वीकार कया गया है

और य द वह उन उ मानक से हट जाता है जो उस पेशेवर ने अपने लए नधा रत कए ह और पेशेवर मामल म उससे

मांग करता है वह अनुशासना मक कारवाई के लए उ रदायी है।

वतमान मामले म स ांत का अनु योग

बार काउं सल ऑफ इं डया क अनुशासन स म त एक वैधा नक नकाय है। सबसे पहले कानूनी पेशे के कसी सद य के खलाफ क गई शकायत के

संबंध म त य का पता लगाने का कत उस पर है। य प इस यायालय को अ ध नयम क धारा के तहत ापक और ापक े ा धकार ा त है बार काउं सल

क राय का ब त मह व होगा।

अपीलकता ने क थत तौर पर . . . . और . . को ई तीन घटना के संबंध म . . को टे ट बार काउं सल म शकायत


दज कराई थी।
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अनुशासना मक स म त ने अपीलकता के आचरण पर वचार कया था ता क यह तय कया जा सके क या उ रदाता क ओर से कया गया

कृ य कदाचार क ेण ी म आता है।

इसका कोई कारण नह था क अपीलकता ने . . और . . को ई घटना के बारे म तुरंत रा य बार काउं सल को कोई

शकायत य नह क । य द उनका तक इस आशय का है क दनांक . . क घटना के संबंध म उ ह ने थम सूचना रपोट दज कराई थी तो इसका कोई कारण

नह था क उ ह ने इसे गंभीरता से य नह लया। जैसा क बार काउं सल ऑफ इं डया ने दे ख ा है यह वीकार कया गया है क पु लस ने अं तम फॉम दा खल कए ले कन
इसके बावजूद अपीलकता ने कोई वरोध या चका दायर नह क या आपरा धक अदालत के सम कोई अ य कायवाही शु नह क । दनांक . . क घटना के संबंध म

जो क थत तौर पर अदालत क के अंदर ई थी अपीलकता या उसके वक ल जसे सेवा नवृ जला यायाधीश कहा जाता है से यह अपे ा क

गई थी क वे इसे अदालत के सं ान म लाएँ।

यहां तक क दनांक . . एवं . . को क थत प से घ टत घटना के संबंध म भी यायालय के पीठासीन अ धकारी के सम कोई शकायत नह क गई।

. . को क थत घटना के संबंध म कोई कायवाही शु नह क गई थी।

या उपरो त यक त म बार काउं सल के न कष को इतना अता कक कहा जा सकता है क इस यायालय ारा इसम ह त ेप कया जाना

है हमारा मानना है क ऐसा नह है. हम आगे रकॉड म रख सकते ह क हमारे ारा ी उपा याय से पूछे गए सवाल पर क या . . के

बाद कोई अ य घटना ई थी व ान वक ल ने प से कहा क उसके बाद ऐसी कोई घटना नह ई थी। इस लए हमारी राय है क मामले को आगे बढ़ाने क ज रत नह

है।

के स कानून

आइए अब हम बार म उ त इस यायालय के नणय पर वचार कर। एम एक वक ल सु ा म यह अदालत एक ऐसे मामले से नपट रही थी जहां एक वक ल

जो गत प से पेश हो रहा था एक म ज े ट के सम आरोपी था जहां उसका आचरण ऐसा पाया गया जो पेशेवर कदाचार के आयोग क तरह था। उ ह ने लगातार और

लगातार मुक दमे को रोकने का यास कया और याय शासन को अवमानना म लाने के लए अपनी श म सब कु छ कया। उपरो त य त म यह माना गया क संबं धत वक ल के

खलाफ कारवाई करने म उ यायालय सही था।

हकमत अली खान बनाम ई र साद आय म

एससी संबं धत वक ल ने अपने वरो धय पर चाकू से हमला कया। उन पर मुक दमा चलाया गया और आईपीसी क धारा के तहत अपराध करने का दोषी पाया गया।

उपरो त म यह माना गया क अ धव ा रा य के अ धव ा क सूची से अपना नाम हटाने क असाधारण सजा का हकदार है।
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एनजी दा ताने म वी. ीकांत एस. शवदे और अ य.
एससी एक वक ल ने म ज े ट के सम आरोपी य म से एक का बचाव करने के लए बार बार गन क मांग क और . . को

इस आधार पर गन क मांग क गई क वह गले म सं मण के कारण बोलने म असमथ था और लगातार खांसी ई ले कन


शकायतकता ने उ वक ल को उसी इमारत म त एक अ य अदालत के सम एक मामले पर जबरद ती और धारा वाह बहस करते ए दे ख ा।

इसके बाद शकायत दज कराई गई जसम थम या मामला बनता पाया गया। इस अदालत ने बार काउं सल ऑफ इं डया को शकायत से नपटने का नदश दया।

इस यायालय के उपरो नणय नह ह

वतमान मामले के त य पर लागू है।

न कष

इस लए हमारी राय है क आ े पत आदे श म ह त ेप करने का कोई मामला नह बनाया गया है।

यह अपील खा रज क जाती है. ले कन मामले के त य म लागत के संबंध म कोई आदे श नह दया जाएगा।

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