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Avadh Law College Uma Shankar LL.B.3Year1Sem& LL.B.5Year1Sem (UNIT-1)
Avadh Law College Uma Shankar LL.B.3Year1Sem& LL.B.5Year1Sem (UNIT-1)
UMA SHANKAR
LL.B.3Year1Sem& LL.B.5Year1Sem
(UNIT-1)
अंतर्राष्ट्रीय विधि
तनष्ट्कषा रूप से यह कहर जर सकतर है कक ितामरन समय में विश्ि को िरस्ति में
अंतर्र्रष्ट्रीय समद
ु रय मरनर जरतर है । र्रज्यों के भलए, जो विश्ि समद
ु रय के सदस्य
हैं, रूह़ियों तर्र संधियों के द्िरर्र तनयमों को बनरयर गयर है । र्रज्य इन तनयमों को
मरन्यतर दे ते हैं तर्र इनकर परलन कर्ते हैं, और् इस बरत पर् विश्िरस कर्ते हैं कक
उनके आचर्ण को वितनयभमत कर्ने के भलए तनयमों कर समह
ू अजस्तत्ि में है यह
तनयम र्रज्यों द्िरर्र विदे शी करयरालयों, र्रष्ट्रीय न्यरयरलय तर्र अन्य सर्करर्ी अंगों
के मरध्यम से प्रयोग में लरए जरते हैं। र्रज्य इस बरत को मरनते हैं िह अंतर्राष्ट्रीय
विधि के तनयमों से विधिक रुप से बरध्य हैं।
अंतर्राष्ट्रीय विधि िरस्ति में विधि है , ऑजस्िन की परर्भरषर स्िीकरर् कर् लेने
पर् भी स्पष्ट्ि हो जरतर है । ऑजस्िन ने 19िीं शतरब्दी में अंतर्राष्ट्रीय विधि को “
सरर्ाक नैततकतर” के रूप में मरनर र्र। िरस्ति में उनकर कहनर उधचत र्र क्योंकक
उस समय अंतर्र्रष्ट्रीय समुदरय में वििरन, न्यरयरलय, अनुशरजस्तयरं और् प्रितान तंि
की कमी तनजश्चत रूप से र्ी। इन सब को ध्यरन में र्खकर् यहद उन्होंने यह
तनष्ट्कषा तनकरलर र्र कक अंतर्राष्ट्रीय विधि सही अर्ा में विधि नहीं है , तो शरयद िे
गलत नहीं र्े। ककं तु जजस समय परर्भरषर दी गई र्ी, तब से अंतर्राष्ट्रीय विधि में
मूलभूत विकरस हुआ है । ितामरन समय में बहुर्रष्ट्रीय संधियों तर्र अभभसमयों के
परर्णरम स्िरुप अंतर्र्रष्ट्रीय वििरयन अजस्तत्ि में आ गयर है । र्रज्यों के अभ्यरस
से यह स्पष्ट्ि होतर है कक िह स्ियं को ऐसी संधियों द्िरर्र बरध्य समझते हैं।
यहद तनयमों कर उल्लंघन ककसी एक र्रज्य द्िरर्र ककयर जरतर है , तो उसके विरुद्ि
न केिल व्यजक्तगत र्रज्य द्िरर्र बजल्क संयक्
ु त र्रष्ट्र संघ द्िरर्र भी सरमहू हक
अनुशरजस्तयराँ की जरती है । ितामरन समय में, अंतर्र्रष्ट्रीय समुदरय के परस
अंतर्र्रष्ट्रीय न्यरयरलय है , जजसकर तनणाय मरमले के पक्षकरर्ों पर् बरध्यकरर्ी होतर
है । यहद न्यरयरलय द्िरर्र प्रदत्त तनणाय के अिीन एक पक्षकरर् अपने भलए
बरध्यतरओं कर परलन नहीं कर्तर है , तो संयुक्त र्रष्ट्र संघ की सुर्क्षर परर्षद
न्यरयरलय के तनणाय को लरगू कर्ने के भलए सशक्त है । अंतर्राष्ट्रीय वििरन,
न्यरयरलय, शरजस्त, प्ररधिकरर्ी तर्र प्रितान तंि कर होनर ितामरन शतरब्दी कर महत्ि
पूणा विकरस है । इन विकरर्ों को लक्ष में र्खकर् अंतर्राष्ट्रीय विधि को विधि कहने
में शरयद कोई भी नहीं हहचककचरएगर।
अंतर्राष्ट्रीय विधि दर्
ु ाल विधि है
अंतर्राष्ट्रीय विधि को आर्ं भ में र्रष्ट्रों की विधि कहर जरतर र्र, ककं तु र्रष्ट्रों
के आपसी संबंिों को वितनयभमत कर्ने िरले तनयमों को र्रष्ट्रों की विधि कहनर
भ्ररमक लगतर र्र क्योंकक इस शब्द से ऐसर आभरस होतर र्र कक इसमें कई र्रष्ट्रों
की विधि कर अध्ययन ककयर जरतर है । इसी करर्ण सिाप्रर्म बेंर्म ने सन 1789
में इस पद के स्र्रन पर् अंतर्राष्ट्रीय विधि शब्द कर प्रयोग ककयर और् तभी से यह
प्रचभलत है । अधिकरंश पर्ं पर्रगत न्यरयरिीशों ने अंतर्राष्ट्रीय विधि को एक ऐसी
विधि के रूप में मरनर है , जो र्रष्ट्रों के परर्स्परर्क संबंिों को भी वितनयभमत कर्ती
है और् इसी अर्ा में इस को परर्भरवषत ककयर गयर है
ग्रेट बिटे न कर अभ्यरस- ग्रेि बििे न में, रूह़िगत अंतर्राष्ट्रीय विधि तर्र संधियों को
भभन्न भभन्न रूप में लरगू ककयर जरतर है
(2) संधियराँ - संध्यर को लरगू कर्ने के संबंि में बिहिश अभ्यरस प्रमख
ु रूप से
संिैिरतनक प्ररििरनों पर् आिररर्त है । कुछ संधियराँ न्यरयरलयों पर् केिल तब
आबद्िकर् होती हैं, जब संसद द्िरर्र उच्च संधि से संबंधित अधितनयम पररर्त
कर् हदए जरते हैं। इन संधियों में व्यजक्तगत अधिकरर्ों यर दरतयत्िों को
प्रभरवित कर्ने िरली, वित्तीय बरध्यतरओं को अधिर्ोवपत कर्ने िरली, यर जो
न्यरयरलयों में उनके प्रितान के भलए समन विधि यर स्िे ट्यूि बनरने के
संशोिन की अपेक्षर र्खती है ।
बिहिश अभ्यरस से यह तनष्ट्कषा तनकरलर जर सकतर है कक बिहिश
विधि तर्र अंतर्राष्ट्रीय विधि के मध्य विर्ोि उत्पन्न होने की जस्र्तत में है
बिहिश विधि की बिहिश न्यरयरलयों पर् बरध्य कर् होगी।
भरर्तीय अभ्यरस- भरर्तीय संवििरन के अनच्
ु छे द 51 के अिीन विश्ि के प्रतत
भरर्त की सरमरन्य बरध्यतर के भलए प्ररििरन है । इस अनच्
ु छे द के अनस
ु रर्-
(1) अंतर्राष्ट्रीय शरंतत तर्र सुर्क्षर की अभभिद्
ृ धि हो।
(2) र्रष्ट्रों के बीच न्यरयसंगत और् सम्मरनपूणा संबंि बने र्हे ।
(3) अंतर्राष्ट्रीय विधि और् संधि बरध्यतरओं को र्रज्यों के पर्स्पर् व्यिहरर् में
आदर् भमले।
(4) अंतर्राष्ट्रीय वििरदों कर मरध्यस्र्म द्िरर्र तनपिरने के भलए प्रोत्सरहन भमले।
यद्यवप अनच्
ु छे द 51 रूह़िगत अंतर्राष्ट्रीय विधि तर्र संधिबद्ि
विधि को एक समरन मरनतर है कफर् भी रूह़िगत अंतर्राष्ट्रीय विधि तर्र
संधियों के लरगू होने की वििेचनर पर्
ृ क रूप से की जर सकती है ।
(1) रूढ़िगत अंतर्राष्ट्रीय विधि- रूह़िगत अंतर्र्रष्ट्रीय विधि के संबंि में
भरर्तीय न्यरयरलय ग्रेि बििे न द्िरर्र अंगीकृत ककए गए समरिेशन के
भसद्िरंत कर अनुसर्ण कर्ते हैं। इस प्रकरर् भरर्तीय न्यरयरलय
अंतर्राष्ट्रीय विधि के रूह़िगत तनयमों को लरगू कर्ें गे, यहद उन पर्
र्रष्ट्रीय विधि के स्पष्ट्ि तनयम अभभभरिी नहीं होते हैं।
एडीएम र्र्लपुर् र्नरम शुक्लर के मरमले में न्यरयमूतता एच आर्
खन्नर ने अपने विसम्मतकरर्ी मत में तनणाय हदयर कक यहद र्रष्ट्रीय विधि
तर्र अंतर्राष्ट्रीय विधि के बीच विर्ोि है तो न्यरयरलय र्रष्ट्रीय विधि को
परर्िततात कर्ें गे।
ग्ररमोफोन कंपनी ऑफ़ इंडडयर सलसमटे ड र्नरम िीर्ें द्र र्हरदर्ु परंडे के
मरमले में मरननीय उच्चतम न्यरयरलय कर संप्रेक्षण अंतर्राष्ट्रीय विधि के
रूह़िगत तनयमों के आबद्िकर् बल से संबंधित र्र। इस िरद में समरिेशन
कर भसद्िरंत लरगू ककयर गयर।
(2) संधियराँ - भरर्तीय विधि में संधियों की जस्र्तत के संबंि में दो
विचरर्िरर्रएं प्रचलन में हैं-
प्रर्म विचरर्िरर्र के अनस
ु रर् संधियराँ जब तक वििरन द्िरर्र
कक्रयरजन्ित नहीं हो जरती, िह न्यरयरलयों पर् आप बंद कर् नहीं होंगी।
भरर्तीय न्यरयरलय द्िरर्र कई मरमलों में तनणाय हदयर गयर कक संधि
को अभभव्यक्त रूप से परर्िततात कर्ने की अपेक्षर की जरएगी। यह
मरमले हैं- तनर्मर र्नरम र्रर्स्त्र्रन, सशिकुमरर् शमरा र्नरम भरर्त संघ,
मोतीलरल र्नरम उत्तर् प्रदे श सर्करर्, मगन भरई र्नरम भरर्त संघ,
र्ोली र्ॉर्ा िगीर् र्नरम र्ैंक ऑफ़ कोचीन आढद.
दस
ू र्ी विचरर्िरर्र के अनुसरर् भरर्त में सभी संधियरं वििरन द्िरर्र
करयरान्ियन की अपेक्षर नहीं कर्ती। केिल जो संधियराँ व्यजक्तगत
अधिकरर्ों को प्रभरवित कर्ती हैं, उनके ही प्रितानीय होने के भलए
वििरन द्िरर्र करयरान्ियन की अपेक्षर की जरती है ।
मगन भरई ईश्िर् भरई एिं अन्य र्नरम भरर्त संघ के मरमले में
दस
ू र्ी विचरर्िरर्र को अपनरयर गयर है । तनष्ट्कषा रूप से कहर जर
सकतर है कक दस
ू र्ी विचरर्िरर्र अधिक सुतनजश्चत प्रतीत होती है ।