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पाठ -12 संसार पुस्तक है पावरपोईंट प्रस्तुति
पाठ -12 संसार पुस्तक है पावरपोईंट प्रस्तुति
बेंगलुरू-12
डिजिटल अध्ययन सामग्री
सत्र - (2020-21)
कक्षा – छठी विषय - हिन्दी
उत्तर:- लेखक ने प्रकृ ति के अक्षर चट्टानों के टुकड़े, वृक्षों, पहाड़ों, नदियों, समुद्र व जानवरों की हड्डियों
आदि को कहा है।
प्रश्न - 2. लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती कै सी थी?
उत्तर:- लाखों करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती बहुत गर्म थी और उस पर कोई जानदार चीज नहीं रह
सकती थी। इसी कारण उस समय धरती पर मनुष्यों का अस्तित्व नहीं था। धीरे-धीरे उसमें परिवर्तन होते
गए और धरती में जानवरों और पौधों का जन्म हुआ।
प्रश्न - 3. दुनिया का पुराना हाल किन चीज़ों से जाना जाता है? उनके कु छ नाम लिखो।
उत्तर:- दुनिया का पुराना हाल चट्टानों के टुकड़े, वृक्षों, पहाड़ों, सितारे, नदियों, समुद्र, जानवरों की हड्डियों
आदि चीज़ों से जाना जाता है।
प्रश्न - 4. गोल चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?
उत्तर:- गोल चमकीला रोड़ा अपनी कहानी बताते हुए कहता है कि वह कभी एक चट्टान का हिस्सा था। एक दिन पहाड़ों से बहते हुए
पानी ने उसे बहाकर घाटी में भेज दिया। वहाँ से आगे एक पहाड़ी नाले ने उसे आगे धकेलकर दरिया में पहुँचा दिया। इसी प्रकार अपनी
इस यात्रामें घिसते-घिसते वह चमकदार रोड़ा बन गया।
प्रश्न - 5. गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो क्या होता? विस्तार से उत्तर लिखो।
उत्तर:- गोल चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो वह छोटा होते-होते अंत में बालू का एक जर्राहो जाता और
समुद्र के किनारे अपने भाइयों से जा मिलता, जहाँ एक सुंदर बालू का किनारा बन जाता, जिसपर छोटे-छोटे बच्चेखेलते और बालू
के घरौंदे बनाते|
प्रश्न - 6. नेहरू जी ने इस बात का हलका-सा संकेत दिया है कि दुनिया कैसे शुरू हुई होगी। उन्होंने क्या बताया है? पाठ के
आधार पर लिखो।
उत्तर:- नेहरू जी ने दुनिया कै से शुरू हुई के बारे में बताया है कि धरती लाखों करोड़ोंवर्ष पुरानी है और बहुत दिनों तक इसमें कोई
आदमी न था। आदमियों के पहले सिर्फ़ जानवर थे और जानवरों से पहले एक ऐसा समय था जब यह धरती बेहद गर्म थी और इस
पर कोई जानदार चीज नहीं रह सकती थी।
( पत्र से आगे )
प्रश्न - 1. लगभग हर जगह दुनिया की शुरुआत को समझाती हुई कहानियाँ प्रचलित हैं। तुम्हारे यहाँ कौन-सी कहानी
प्रचलित है?
उत्तर:- हमारे यहाँ तो यही कहानी प्रचलित है कि दुनिया और सृष्टि के रचयिता ईश्वर हैं।
प्रश्न – 2. तुम्हारी मनपसंद किताब कौन सी है और क्यों?
उत्तर :-रामचरितमानस मेरी मनपसंद किताब है। इसमें भारत की सभ्यता व संस्कृ ति की झलक मिलती है।
रामचरितमानस में भगवान श्री राम जी के माध्यम से पारिवारिक सामाजिक संबंधों को चित्रित किया गया है। भाई- भाई,
माता-पिता, पिता-पुत्र, पति-पत्नी, मित्रता, राजा-प्रजा आदि का संबंध दिखाया गया है। कै से एक मानव को अपने संबंधों
का पालन मर्यादा द्वारा करना चाहिए। यह मुझे बुराई पर अच्छाई की विजय की शिक्षा देती है। ’रामचरितमानस’ मानव
जीवन के लिए शिक्षाप्रद किताब है।
प्रश्न - 3. मसूरी और इलाहाबाद शहर भारत के कौन से प्रदेश/प्रदेशों में हैं?
उत्तर:- मसूरी उत्तराखंड और इलाहाबाद उत्तर-प्रदेश प्रान्तों के शहर हैं।
प्रश्न - 4. तुम जानते हो कि दो पत्थरों को रगड़कर आदि मानव ने आग की खोज की थी। उस युग में पत्थरों का और
क्या-क्या उपयोग होता था?
उत्तर:- उस युग में पत्थरों का उपयोग जानवरों को डराने के लिए, उनका शिकार करने के लिए, आत्म रक्षा के लिए,
हथियार, खेती के औजार, मकान बनाने आदि के लिए होता था।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1- हर चीज के निर्माण की एक कहानी होती है, जैसे मकान के निर्माण की कहानी-कु रसी, गद्दे, रजाई के निर्माण
की कहानी हो सकती है। इसी तरह वायुयान, साइकिल अथवा अन्य किसी यंत्र के निर्माण की कहानी भी होती हैं|
कल्पना करो यदि रसगुल्ला अपने निर्माण की कहानी सुनाने लगे कि वह पहले दूध था, उसे दूध से छेना बनाया गया,
उसे गोल आकार दिया गया। चीनी की चाशनी में डालकर पकाया गया। फिर उसका नाम पड़ा रसगुल्ला।
तुम भी किसी चीज के निर्माण की कहानी लिख सकते हो, इसके लिए तुम्हें अनुमान और कल्पना के साथ उस चीज
के बारे में कु छ जानकारी भी एकत्र करनी होगी|
उतर – (क). दाल की कहानी :-
मैं अरहल की दाल हूँ। पहले मैं खेत में थी वहाँ से कटाई करके मुझे मशीनों द्वारा साफ किया गया। उसके बाद बाजार में
पहुंची फिर कोई पैके ट के रूप में मुझे खरीदकर अपने घर ले आया। मुझे कू कर में डालकर पानी से अच्छी तरह साफ
किया। इसके बाद नमक, लाल मिर्च और हल्दी डालकर सीटी लगाई। कढ़ाई में देसी घी में जीरा, लहसुन से मुझे छौंका
गया और कटोरी में डालकर खाने के लिए परोशा गया।
(ख). रोटी की कहानी :-
मैं रोटी हूँ। हलकी और फू ली हुई गोल रोटी। पहले मैं गेहूँ थी, फसल के रूप मे खेतों में खड़ी थी। किसान ने मुझे
काटकर खलिहान पहुँचाया और फिर मशीन द्वारा मुझे गेहूं की बालियों से निकाला गया। इस गेहूँ को धोकर चक्की में
पीसकर आटा तैयार किया गया। अब आटे को सान कर छोटी-छोटी लोई बनाई गई और बेल कर गोल किया गया।
फिर उसे आग पर रखे गर्म तवे पर उलट-पलट कर पकाया गया और पक कर रोटी बनकर मैं फू ल उठी।
भाषा की बात
प्रश्न 1- ‘इस बीच वह दरिया में लढ़
ु कता रहा।’ नीचे लिखी क्रियाएँ पढ़ों।
क्या इनमें और ‘लुढ़कना’ में तुम्हें कोई समानता नजर आती है ?
ढकेलना गिरना खिसकना
इन चारों क्रियाओं का अंतर समझाने के लिए इनसे वाक्य बनाओ।
उत्तर :-
शब्द वाक्य प्रयोग
लुढ़कना – सुरेश सीढ़ियो से लुढ़कता हुआ नीचे आ गया |
ढकेलना – इतना भारी पत्थर ढकेलना तो मुश्किल है ।
गिरना – बच्चा छत से गिर गया।
खिसकना – मालिक के आने से पहले ही रोहन घर से खिसक लिया।
प्रश्न – 2. चमकीला रोड़ा – यहाँ रेखांकित विशेषण ‘चमक’ संज्ञा में ‘ईला’ प्रत्यय जोड़ने पर बना है।
निम्नलिखित शब्दों में यही प्रत्यय जोड़कर विशेषण बनाओ और इनके साथ उपयुक्त संज्ञाएँ लिखो –
पत्थर............. काँटा............ रस........... जहर...........
उत्तर:-
शब्द प्रत्यय विशेषण विशेषण के संज्ञा शब्द
पत्थर ईला पथरीला पथरीला रास्ता
काँटा ईला कँ टीला कँ टीला पेड़
रस ईला रसीला रसीला आम
जहर ईला जहरीला जहरीला साँप
प्रश्न - 3. ‘जब तुम मेरे साथ रहती हो, तो अक्सर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो।’यह वाक्य दो वाक्यों को
मिलाकर बना है। इन दोनों वाक्यों को जोड़ने का काम जब-तो (तब) कर रहे हैं, इसलिए इन्हें योजक कहते हैं।
योजक के रूप में कभी कोई बदलाव नहीं आता, इसलिए ये अव्यय का एक प्रकार होते हैं। नीचे वाक्यों को जोड़ने
वाले कु छ और अव्यय दिए गए हैं। उन्हें रिक्त स्थानों में लिखो। इन शब्दों से तुम भी एक-एक वाक्य बनाओ –
(क) कृ ष्णन फ़िल्म देखना चाहता है…………मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
(ख) मुनिया ने सपना देखा…………वह चंद्रमा पर बैठी है।
(ग) छु ट्टियों में हम सब……….. दुर्गापुर जाएँगे…………जालंधर।
(घ) सब्ज़ी कटवा कर रखना…………घर आते ही मैं खाना बना लूँ।
(ड) ….मुझे पता होता कि शमीम बुरा मान जाएगा….मैं यह बात न कहता।
(च) मालती ने तुम्हारी शिकायत नहीं……….तारीफ़ ही की थी।
(छ) इस वर्ष फसल अच्छी नहीं हुई है……अनाज महँगा है।
(ज) विमल जर्मन सीख रहा है ……….. फ्रें च। बल्कि/ इसलिए / परंतु / कि / यदि / तो / नकि / या /
ताकि
उत्तर:-
(क) कृ ष्णन फ़िल्म देखना चाहता है परन्तु मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
(ख) मुनिया ने सपना देखा कि वह चंद्रमा पर बैठी है।
(ग) छु ट्टियों में हम सब या दुर्गापुर जाएँगे या जालंधर।
(घ) सब्ज़ी कटवा कर रखना ताकि घर आते ही मैं खाना बना लूँ।
(ड) यदि मुझे पता होता कि शमीम बुरा मान जाएगा तो मैं यह बात न कहता।
(च) इस वर्ष फसल अच्छी नहीं हुई है इसलिए अनाज महँगा है।
(छ) विमल जर्मन सीख रहा है नकि फ्रें च।
अन्य वाक्य –
प्रश्न 1- पास के शहर में कोई संग्रहालय हो तो वहाँ जाकर पुरानी चीजें देखो। अपनी कक्षा में उस पर चर्चा
करो।
उत्तर - संग्रहालय एक ऐसा संस्थान है है जो समाज की सेवा और विकास के लिए जनसामान्य के लिए
खोला जाता है और इसमें मानव और पर्यावरण की विरासतों के संरक्षण के लिए उनका संग्रह, शोध, प्रचार
या प्रदर्शन किया जाता है जिसका उपयोग शिक्षा, अध्ययन और मनोरंजन के लिए होता है।
एच०ए०एल० एयरोस्पेस संग्रहालय, बेंगलुरु
यह संग्रहालय भारत का पहला
एयरोस्पेस संग्रहालय है, जो बैंगलोर में
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
परिसर में स्थित है। 2001 में
स्थापित, यह संग्रहालय एच०ए०एल०
हेरिटेज सेंटर और एयरो स्पेस
म्यूज़ियम का हिस्सा है और छह
दशकों से भारतीय विमानन उद्योग
और एच०ए०एल० के विकास को
दर्शाता है। संग्रहालय के घरों में विभिन्न
विमान और हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्ट
इंजन मॉडल, फ्लाइट सिमुलेटर, एक
मॉक एयर ट्रैफिक कं ट्रोल टॉवर और
भारतीय विमानन इतिहास का प्रदर्शन
होता है।
विश्वेश्वरैया औद्योगिक एवं तकनीकी संग्रहालय, बेंगलुरु
इस संग्रहालय को
भारतरत्न सर एम०
विश्वेश्वरैया जी की
स्मृति में स्थापित
किया गया था। यह
संग्रहालय औद्योगिक
इंजन एवं उनके पुर्जों
के लिए एक लोकप्रिय
स्थल है। यह
संग्रहालय कस्तूरबा
रोड, बेंगलुरु में
स्थित है।
लेखक परिचय
जवाहरलाल नेहरु भारत के पहले प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता के पहले और बाद में भारतीय राजनीती के मुख्य कें द्र बिंदु
थे। वे महात्मा गाँधी के सहायक के तौर पर भारतीय स्वतंत्रता अभियान के मुख्य नेता थे जो अंत तक भारत को
स्वतंत्र बनाने के लिए लड़ते रहे और स्वतंत्रता के बाद भी 1964 में अपनी मृत्यु तक देश की सेवा की। उन्हें
आधुनिक भारत का रचयिता माना जाता था। पंडित संप्रदाय से होने के कारण उन्हें पंडित नेहरु भी कहा जाता था।
जबकि बच्चो से उनके लगाव के कारण बच्चे उन्हें “चाचा नेहरु” के नाम से जानते थे।
अमर चतुर्वेदी
(प्रशिक्षित स्नातक - हिन्दी)
के न्द्रीय विद्यालय, भा०वि०सं०
बेंगलुरु – 12