You are on page 1of 10

प्रश्न क-i:

निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :


वह सोचतय, ”यहयाँ इतिे सयिोां से हाँ । अमीर िोग िौकरोां पर नवश्वयस िहीां करते पर मु झपर यहयाँ कभी नकसी िे
सांिेह िहीां नकयय। यहयाँ से जयऊाँ तो शययि कोई ग्ययरह-बयरह िे िे , पर ऐसय आिर िहीां नमिे गय।”
उपयुुक्त वयक्य के वक्तय कय पररचय िें ।

उत्तर:
उपयुुक्त वयक्य कय वक्तय इां जीनियर बयबू जगतनसांह कय िौकर रसीिय है । वह सयिोां से इां जीनियर बयबू
जगतनसांह के यहयाँ िौकर है ।

प्रश्न क-ii:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
वह सोचतय, ”यहयाँ इतिे सयिोां से हाँ । अमीर िोग िौकरोां पर नवश्वयस िहीां करते पर मु झपर यहयाँ कभी नकसी िे
सांिेह िहीां नकयय। यहयाँ से जयऊाँ तो शययि कोई ग्ययरह-बयरह िे िे , पर ऐसय आिर िहीां नमिे गय।”
रसीिय बयर-बयर नकससे , कौि-सी और क्योां प्रयर्ु िय करतय र्य?

उत्तर :
रसीिय इां जीनियर बयबू जगतनसांह कय िौकर र्य। वह सयिोां से इां जीनियर बयबू जगतनसांह के यहयाँ िौकर र्य।
उसे िस रूपए वेति नमितय र्य। गयाँ व में उसके बूढ़े नपतय, पत्नी, एक िड़की और िो िड़के र्े । इि सबकय
भयर उसी के कांधोां पर र्य। इसी कयरण वह बयर-बयर अपिे मयनिक इां जीनियर बयबू जगतनसांह से अपिय वेति
बढ़यिे की प्रयर्ु िय करतय र्य।

प्रश्न क-iii:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
वह सोचतय, ”यहयाँ इतिे सयिोां से हाँ । अमीर िोग िौकरोां पर नवश्वयस िहीां करते पर मु झपर यहयाँ कभी नकसी िे
सांिेह िहीां नकयय। यहयाँ से जयऊाँ तो शययि कोई ग्ययरह-बयरह िे िे , पर ऐसय आिर िहीां नमिे गय।”
वेति की बयत पर इां जीनियर बयबू जगतनसांह कय जवयब क्यय होतय र्य?

उत्तर:
रसीिय इां जीनियर बयबू जगतनसांह कय िौकर र्य। वह सयिोां से इां जीनियर बयबू जगतनसांह के यहयाँ िौकर र्य।
उसे िस रूपए वेति नमितय र्य। गयाँ व में उसके बूढ़े नपतय, पत्नी, एक िड़की और िो िड़के र्े । इि सबकय
भयर उसी के कांधोां पर र्य। इसी कयरण वह बयर-बयर अपिे मयनिक इां जीनियर बयबू जगतनसांह से अपिय वेति
बढ़यिे की मयाँ ग करतय र्य। परां तु हर बयर इां जीनियर सयहब कय यही जवयब होतय र्य नक वे रसीिय की तिख्वयह
िहीां बढ़यएाँ गे यनि उसे यहयाँ से ज्ययिय और कोई तिख्वयह िे तय है तो वह बेशक जय सकतय है ।
प्रश्न क-iv:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
वह सोचतय, ”यहयाँ इतिे सयिोां से हाँ । अमीर िोग िौकरोां पर नवश्वयस िहीां करते पर मु झपर यहयाँ कभी नकसी िे
सांिेह िहीां नकयय। यहयाँ से जयऊाँ तो शययि कोई ग्ययरह-बयरह िे िे , पर ऐसय आिर िहीां नमिे गय।”
तिख्वयह ि बढ़यिे के बयवजूि रसीिय िौकरी क्योां िहीां छोड़िय चयहतय र्य?

उत्तर:
रसीिय बयर-बयर अपिे मयनिक से तिख्वयह बढ़यिे की मयाँ ग करतय र्य और हर बयर उसकी मयाँ ग ठु करय िी
जयती र्ी परां तु इस सबके बयवजूि रसीिय यह िौकरी िहीां छोड़िय चयहतय र्य क्योांनक वह जयितय र्य नक अमीर
िोग नकसी पर नवश्वयस िहीां करते हैं । यहयाँ पर रसीिय सयिोां से िौकरी कर रहय र्य और कभी नकसी िे उस पर
सांिेह िहीां नकयय र्य। िू सरी जगह भिे उसे यहयाँ से ज्ययिय तिख्वयह नमिे पर इस घर जैसय आिर िहीां
नमिे गय।

प्रश्न ख-i:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
पहिे तो रसीिय नछपयतय रहय। निर रमजयि िे कहय, ”कोई बयत िहीां है , तो ियओ सौगांध।”
उपयुुक्त वयक्य के वक्तय तर्य श्रोतय कय पररचय िें ।

उत्तर:
उपयुुक्त वयक्य कय वक्तय नििय मनजस्ट्र े ट शे ि सिीमु द्दीि कय चौकीियर नमययाँ रमजयि हैं और वक्तय उिके
पड़ोसी इां जीनियर बयबू जगतनसांह कय िौकर रसीिय है । िोिोां बड़े ही अच्छे नमत्र र्े ।

प्रश्न ख-ii:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
पहिे तो रसीिय नछपयतय रहय। निर रमजयि िे कहय, ”कोई बयत िहीां है , तो ियओ सौगांध।”
वक्तय श्रोतय को सौगांध ियिे के निए क्योां कहतय है ?

उत्तर:
एक निि रमजयि िे रसीिय को बहुत ही उियस िे िय। रमजयि िे अपिे नमत्र रसीिय की उियसी कय कयरण
जयििय चयहय परां तु रसीिय उससे नछपयतय रहय तब रमजयि िे उसकी उियसी कय कयरण जयििे के निए उसे
सौगांध ियिे के निए कहय।

प्रश्न ख-iii:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
पहिे तो रसीिय नछपयतय रहय। निर रमजयि िे कहय, ”कोई बयत िहीां है , तो ियओ सौगांध।”
श्रोतय की उियसी कय कयरण क्यय र्य?
उत्तर:
श्रोतय रसीिय कय पररवयर गयाँ व में रहतय र्य। उसके पररवयर में बूढ़े नपतय, पत्नी और तीि बच्चे र्े । इि सबकय
भयर उसी के कांधोां पर र्य और रसीिय को मयनसक तिख्वयह मयत्र िस रुपए नमिती र्ी पूरे पैसे भे जिे के बयि
भी घर कय गुजयरय िहीां हो पयतय र्य उसपर गयाँ व से ख़त आयय र्य नक बच्चे बीमयर है पैसे भे जो। रसीिय के पयस
गयाँ व भे जिे के निए पैसे िहीां र्े और यही उसकी उियसी कय कयरण र्य।

प्रश्न ख-iv:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
पहिे तो रसीिय नछपयतय रहय। निर रमजयि िे कहय, ”कोई बयत िहीां है , तो ियओ सौगांध।”
वक्तय िे श्रोतय की परे शयिी कय क्यय हि सु झययय?

उत्तर:
वक्तय िे श्रोतय की परे शयिी कय यह हि सु झययय नक वह सयिोां से अपिे मयनिक के यहयाँ कयम कर रहय है तो
वह अपिे मयनिक से कुछ रुपए पेशगी के क्योां िहीां मयाँ ग िे तय?

प्रश्न ग-i:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
भै यय गुियह कय िि नमिे गय यय िहीां, यह तो भगवयि जयिे , पर ऐसी कमयई से कोनठयोां में रहते हैं , और एक
हम हैं नक पररश्रम करिे पर भी हयर् में कुछ िहीां रहतय।”
यहयाँ पर नकस गुियह की बयत की जय रही है ?

उत्तर:
यहयाँ पर रमजयि और रसीिय अपिे-अपिे मयनिकोां के ररश्वत िे िे वयिे गुियह की बयत कर रहे हैं । रसीिय िे
जब रमजयि को बतययय नक उसके मयनिक जगत नसांह िे पयाँ च सौ रूपए की ररश्वत िी है । तो इस पर रमजयि
िे कहय यह तो कुछ भी िहीां उसके मयनिक शेि सयहब तो जगत नसांह के भी गुरु हैं , उन्ोांिे भी आज ही एक
नशकयर ियाँ सय है हजयर से कम में शेि सयहब िहीां मयिेंगे।
इस प्रकयर यहयाँ पर मयनिकोां के ररश्वत के गुियह की चचयु की जय रही है ।

प्रश्न ग-ii:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
भै यय गुियह कय िि नमिे गय यय िहीां, यह तो भगवयि जयिे , पर ऐसी कमयई से कोनठयोां में रहते हैं , और एक
हम हैं नक पररश्रम करिे पर भी हयर् में कुछ िहीां रहतय।”
उपयुुक्त कर्ि रमजयि िे रसीिय से क्योां कहय?

उत्तर:
रमजयि और रसीिय िोिोां ही िौकर र्े । निि रयत पररश्रम करिे के बयि भी बड़ी मु खिि से उिकय गु जयरय
होतय र्य। रसीिय के मयनिक तो बयर-बयर प्रयर्ु िय करिे के बयि भी उसकय वेति बढ़यिे के निए तै ययर िहीां र्े ।
िोिोां यह बयत भी जयिते र्े नक उिके मयनिक ररश्वत से बहुत पैसय कमयते हैं । इसी बयत की चचयु करते समय
रमजयि िे उपयुुक्त कर्ि कहे ।

प्रश्न ग-iii:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
भै यय गुियह कय िि नमिे गय यय िहीां, यह तो भगवयि जयिे , पर ऐसी कमयई से कोनठयोां में रहते हैं , और एक
हम हैं नक पररश्रम करिे पर भी हयर् में कुछ िहीां रहतय।”
ऐसी कमयई से क्यय तयत्पयु है ?

उत्तर:
प्रस्तु त पयठ में ऐसी कमयई से तयत्पयु ररश्वत से है । यहयाँ पर स्पष्ट नकयय गयय है नक नकस प्रकयर सिेिपोश िोग
ही इस कययु में निप्त रहते हैं । अच्छय ख़यसय वेति नमििे के बयि भी इिकी ियिच की भू ि नमटती िहीां है
और ररश्वत को कमयई कय एक और जररयय बिय िे ते हैं । इसके नवपरीत पररश्रम करिे वयिय ियि-रोटी कय
जुगयड़ भी िहीां कर पयतय और सिै व कष्ट में ही रहतय है ।

प्रश्न ग-iv:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
भै यय गुियह कय िि नमिे गय यय िहीां, यह तो भगवयि जयिे , पर ऐसी कमयई से कोनठयोां में रहते हैं , और एक
हम हैं नक पररश्रम करिे पर भी हयर् में कुछ िहीां रहतय।”
रमजयि की उपयुुक्त बयत सु िकर रसीिय के मि में क्यय नवचयर आयय?

उत्तर:
रमजयि की उपयुुक्त बयत सु िकर यह आयय नक सयिोां से वह इां जीनियर जगत बयबू के यहयाँ कयम कर रहय है
इस बीच इस घर में उसके हयर् के िीचे से सै कड़ोां रूपए निकि गए पर कभी उसकय धमु और नियत िहीां
नबगड़ी। एक-एक आिय भी उड़यतय तो कयिी रकम जुड़ जयती।

प्रश्न घ-i:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
”यह इां सयि िहीां अाँधेर है । नसर्ु एक अठन्नी की ही तो बयत र्ी!”
रसीिय कय मु किमय नकसके सयमिे पेश हुआ?

उत्तर:
रसीिय कय मु किमय इां जीनियर जगत नसांह के पड़ोसी शे ि सिीमु द्दीि नििय मनजस्ट्र े ट की अियित में पेश
हुआ।

प्रश्न घ-ii:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
”यह इां सयि िहीां अाँधेर है । नसर्ु एक अठन्नी की ही तो बयत र्ी!”
रसीिय पर नकस आरोप पर नकसिे मु किमय िययर नकयय र्य?

उत्तर:
रसीिय वर्षों से इां जीनियर जगत नसांह कय िौकर र्य। उसिे कभी कोई बेईमयिी िहीां की र्ी। परां तु इस बयर
भू िवश अपिय अठन्नी कय कजु चु कयिे के निए उसिे अपिे मयनिक के निए पयाँ च रूपए की जगह सयढ़े चयर
रुपए की नमठयई िरीिी और बची अठन्नी रमजयि को िे कर अपिय कजु चु कय नियय और इसी आरोप में
रसीिय के ऊपर इां जीनियर जगत नसांह िे मु किमय िययर कर नियय र्य।

प्रश्न घ-iii:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
”यह इां सयि िहीां अाँधेर है । नसर्ु एक अठन्नी की ही तो बयत र्ी!”
रसीिय को अपिे नकस अपरयध के निए नकतिी सजय हुई?

उत्तर:
रसीिय िे अपिे मयनिक के निए पयाँ च रुपए के बििे सयढ़े चयर रूपए की नमठयई िरीिी और बची अठन्नी से
अपिय कजु चु कय नियय। यही मयमू िी अपरयध रसीिय से हो गयय र्य। इसनिए रसीिय को केवि अठन्नी की
चोरी करिे के अपरयध में छह महीिे के कयरयवयस की सजय हुई।

प्रश्न घ-iv:
निम्ननिखित गद्यां श को पढ़कर िीचे निए गए प्रश्ोां के उत्तर निखिए :
”यह इां सयि िहीां अाँधेर है । नसर्ु एक अठन्नी की ही तो बयत र्ी!”
उपयुुक्त उखक्त कय क्यय कयरण र्य स्पष्ट कीनजए।

उत्तर:
रमजयि नििय मनजस्ट्र े ट शेि सिीमु द्दीि कय चौकीियर र्य और वह रसीिय कय बहुत ही अच्छय नमत्र र्य। जब
नििय मनजस्ट्र े ट अठन्नी के मयमू िी अपरयध के निए उसे छह महीिे की सजय सुियते हैं तो रमजयि कय क्रोध
उबि पड़तय है क्योांनक वह जयितय र्य नक िैसिय करिे वयिे शेि सयहब और आरोप िगयिे वयिे जगत बयबू
िोिोां स्वयां बहुत बड़े ररश्वतिोर अपरयधी हैं िे नकि उिकय अपरयध िबय होिे के कयरण वे सभ्य कहियते हैं
और एक गरीब को मयमू िी अपरयध के निए इतिी बड़ी सजय िी जयती है इसी करण रयमजयि के मुाँ ह से
उपयुुक्त उखक्त निकिती है ।

अभ्यास-माला

अवतरण 1.
“जिला मजिस्ट्रे ट शेख सलीमुद्दीन इं िीजनयर बाबू के पड़ोस में रहते थे । उनके चौकीदार जमयांँ
रमिाा़न और रसीला में बहुत मैत्री थी । द़ोऩों घंट़ो साथ बैठते , बातें करते ।”
(i) रसीिय कौि है ? उसिे अपिे मयनिक से वेति के नवर्षय में क्यय बयत की?
उत्तर. रसीिय बयबू जगत नसांह कय िौकर र्य। उसिे अपिे मयनिक से वेति अनधक करिे की बयत की।

(ii) वेति ि बढ़यिे पर भी रसीिय इां जीनियर सयहब की िौकरी क्योां िहीां छोड़िय चयहतय र्य?

उत्तर. वेति ि बढ़यिे पर भी रसीिय इां जीनियर सयहब की िौकरी िहीां छोड़िय चयहतय र्य, क्योांनक वह सोचतय
र्य नक यहयां ँाँ जैसय सम्मयि और भरोसय करिे वयिय मयनिक और कहीां िहीां नमिे गय।

(iii) रसीिय िे जब मयनिक से वेति के नवर्षय में बयत की तो मयनिक िे क्यय जवयब नियय? उिकय जवयब उिके
चररत्र के नवर्षय में क्यय बतयतय र्य?

उत्तर. रसीिय िे जब अपिे मयनिक से वेति बढ़यिे की मयां ँाँग की तो उसके मयनिक िे वेति बढ़यिे से मिय
कर नियय और कहय नक इससे अनधक कहीां और वेति नमिे , तो अवश्य िौकरी छोड़ िे िय।

उिकय क्यय जवयब बतयतय है नक वह ियिची एवां नििु यी र्े ।

(iv) रसीिय की चयररनत्रक नवशे र्षतय बतयइए।

उत्तर. रसीिय एक मे हिती, सत्यवयिी, ईमयिियर, एवां बहुत अच्छय नमत्र र्य।

अवतरण 2.
” रमिाा़न ने ठं डी सांँस भरी। उसने रसीला क़ो ठहरने का संकेत जकया और आप क़ोठरी में चला
गया। थ़ोडी दे र बाद कुछ रुपए रसीला की हथे ली पर रख जदए। “
(i) रसीिय की उियसी कय क्यय कयरण र्य?

उत्तर. रसीिय के बच्चे बीमयर र्े । नकांतु उसके पयस उिकय इियज करयिे के रुपए िहीां र्े । इसनिए वह उियस
र्य।

(ii) रमजया़ि की हठ पर जब उसिे रमजया़ि को अपिी उियसी कयरण बतययय तो रमजया़ि में क्यय सियह िी?

उत्तर. रमजया़ि की हठ पर जब उसिे रमजया़ि को अपिी उियसी कयरण बतययय तो रमजया़ि िे सियह िी की
वह अपिे मयनिक से पेशगी मयां ँाँग िे ।

(iii) रसीिय की बयत सुिकर रमजया़ि कहयां ँाँ गयय तर्य क्यय िययय तर्य रसीिय क्यय सोचिे िगय?

उत्तर. रसीिय की बयत सुिकर रमजया़ि अपिी कोठरी में गयय और कुछ रुपए रसीिय की हर्े िी पर रि निए।
रसीिय सोचिे िगय के बयपू सयहब की उसिे इतिी सेवय की नकांतु उन्ोांिे रुपए िय निए रमजया़ि को िे िो
गरीब है , परां तु आिमी िहीां िे वतय है ।

(iv) पैसे ि मयां ँाँगिे पर भी रसीिय रमियि के सयमिे आाँ ि क्योां िहीां उठय पयतय र्य?
उत्तर. पैसे ि मयां ँाँगिे पर भी रसीिय रमियि के सयमिे आाँ ि िहीां उठय पयतय र्य। क्योांनक वह अभी तक
रमजया़ि को अठन्नी िहीां िे पययय र्य। इसनिए जब भी रसीिय रमजया़ि के सयमिे होतय तो वह िखित महसूस
करतय र्य। इस कयरण वह उससे आां ँाँि िहीां नमिय पयतय र्य।

अवतरण 3.
“रसीला समझ गया जक भीतर ररश्वत ली िा रही है ।स़ोचने लगा “रुपया कमाने का यह जकतना
आसान तरीका है । मैं सारा जदन मिदू री करता हं ँ महीने भर बाद दस रुपए हाथ आते हैं । ”
(i) ‘इतिी सी रकम’ से क्यय तयत्पयु है ? रकम नकसको? नकसनिए िी जय रही र्ी?

उत्तर. इतिी सी रकम से तयत्पयु है ₹500 ययिी ररश्वत। रकम बयबू जगत नसांह को िी जय रही र्ी। नकसी कययु
को करिे के निए ररश्वत िी जय रही र्ी।

(ii) ‘आप मे रय अपमयि कर रहे हैं ’ से क्यय तयत्पयु है ? यह शब्द कहकर इां जीनियर बयबू क्यय नसद्ध करिय
चयहते र्े ?

उत्तर. आप मे रय अपमयि कर रहे हैं से तयत्पयु है - बहुत कम ररश्वत िे िय। यह शब्द कहकर इां जीनियर बयबू
अपिे आप को ररश्वतिोर नसद्ध करिय चयहते र्े ।

(iii) इस वयतयु ियप को नकसिे सुिय तर्य वह क्यय समझ गयय?

उत्तर. इस वयतयु ियप को रसीिय िे सु िय। वह समझ गयय नक अांिर ररश्वत िी जय रही है ।

(iv) श्रोतय क्यय सोचिे िगय तर्य बयहर आकर उसिे सयरी बयत नकसे बतयई?

उत्तर. श्रोतय सोचिे िगय नक वे महीिे भर मजिू री करतय है । तब जयकर उसे ₹10 नमिते हैं । यहयां ँाँ उसके
मयनिक को एक ही बयर में ₹500 नमि गए। यह सयरी बयतें उसिे अपिे नमत्र रमजया़ि को बतयइए।

अवतरण 4.
“आि भी एक जशकार फसा है । 1 हिार से कम दे ना भैया गुनाह का फल जमलेगा या नही ं पर ऐसी
कमाई से क़ोजठय़ों में रहते हैं । “
(i) उपयुक्त कर्ि कौि, नकससे और नकस अवसर पर कह रहय है ?

उत्तर. उपयुक्त कर्ि रमजया़ि रसीिय से कह रहय है । यह सब शेि सिीमु द्दीि द्वयरय िी जयिे वयिी ररश्वत पर
कहय गयय है ।

(ii) यहयां ँाँ नकस कमयई की बयत हो रही है ? ‘ऐसी ही कमयई’ प्रस्तु त कहयिी में कौि-कौि कर रहय है ?

उत्तर. यहयां ँाँ पर ऊपरी कमयई ययिी िो पैसोां वयिी कमयई की बयत हो रही है । ऐसी कमयई कय अर्ु है नक
ररश्वत िे िय और इस कहयिी में ररश्वत इां जीनियर बयबू और शेि सिीमु द्दीि िे रहे हैं ।

(iii) वक्तय की बयत सु िकर श्रोतय के मि में क्यय नवचयर आयय और क्योां?
उत्तर. वक्तय (रमजयि) की बयत सुिकर श्रोतय (रसीिय) के मि में ररश्वत िे िे कय नवचयर आयय, क्योांनक उसके
नहसयब से ररश्वत िे िय पैसे कमयिे कय यह सबसे सरि सयधि है ।

(iv) प्रस्तु त कहयिी के आधयर पर ‘रमजयि’ कय चररत्र नचत्रण कीनजए।

उत्तर. रमजयि एक िययिु और न्ययय नप्रय व्यखक्त र्य। वह सच्चय और अच्छय नमत्र र्य।

अवतरण 5.
“रसीला का रं ग उड गया। बाबू िगतजसंह समझ गए। उऩ्ोंने रसीला से जफर पूछा, रसीला ने जफर
वही द़ोहराया। उऩ्ोंने रसीला के मुंँह पर एक तमाचा मारा और कहा, ‘चल मेरे साथ िहांँ से लाया
है ’।”
(i) ‘रां ग उड़िय’ से क्यय तयत्पयु है ? रसीिय कय रां ग क्योां उड़ गयय र्य?

उत्तर. रां ग उड़िय से तयत्पयु है चोरी करिय। रसीिय के मयनिक िे रसीिय से ₹5 की नमठयई मां गवयई र्ी।उसमें
से अठन्नी रुपयय रसीिय िे बचय नियय र्य। चोरी पकडी जयिे पर रसीिय कय रां ग उड़ गयय र्य।

(ii) रसीिय में कौि सी गिती की र्ी तर्य क्योां?

उत्तर. रसीिय िे ₹5 में से अठन्नी चोरी की र्ी। उसिे रमजया़ि से बच्चौां के इियज के निए रुपए मयां गे र्े । उसमें
से नसिु अठन्नी पैसे चु कयिे को बचे र्े । इसनिए रसीिय िे अठन्नी की चोरी की र्ी।

(iii) रसीिय द्वयरय अपिी बयत कहें जयिे पर जगत नसांह िे रसीिय के सयर् कैसय व्यवहयर नकयय?

उत्तर. रसीिय िे जब अपिी गिती मयिी तो बयबू जगत नसां ह िे उसे तमयशय मयरय और अपिे सयर् िे गयय।

(iv) प्रस्तु त कहयिी के आधयर पर बयबू जगतनसांह कय चररत्र नचत्रण कीनजए?

उत्तर. बयबू जगत नसांह ररश्वतिोर व्यखक्त र्े । वह उग्र स्वभयव के र्े । वह अपिे िौकरोां से नििु यतय से बयत
करते र्े । वह एक ियिची व्यखक्त र्े ।

अवतरण 6.
“इं िीजनयर साहब की आं ँख़ों से आग बरसने लगी। उऩ्ोंने जनदद यता से रसीला क़ो खूब पीटा जफर
घसीटते हुए पुजलस थाने ले गये। जसपाही के हाथ में पाच का ऩोट रखते हुए ब़ोले, मनवा लेना। लात़ों
के भूत बात़ों से नही ं मानते ।”
(i) इां जीनियर सयहब नकस पर गुस्सय हो रहे र्े तर्य क्योां?

उत्तर. इां जीनियर सयहब अपिे िौकरी रसीिय पर गुस्सय र्े क्योांनक उसि चोरी की र्ी।

(ii) गिती की सजय के रूप में इां जीनियर सयहब नकसको कहयां ँाँ िे गए र्े ?

उत्तर. गिती की सजय के रूप में इां जीनियर सयहब रसीिय को पुनिस र्यिे िे गए र्े ।
(iii) ‘नसपयही को ररश्वत िे िय’ इां जीनियर सयहब के नवर्षय में क्यय प्रिनशुत करतय है ? उिकय स्वयां कय आचरण
कैसय र्य?

उत्तर. ‘नसपयही को ररश्वत िे िय’ इां जीनियर सयहब के नवर्षय में ररश्वतिोरी के बयरे में प्रिनशुत करतय है । वह
ियिची, नििु यी एवां उग्र स्वभयव के व्यखक्त र्े ।

(iv) ‘ियतोां के भू त बयतोां से िहीां मयिते ’ मु हयवरे कय अर्ु नििकर वयक्य में प्रयोग कीनजए? सयर् ही बतयइए इस
मु हयवरे कय प्रयोग नकस सां िभु में नकयय गयय है ?

उत्तर. इस मु हयवरे कय अर्ु है - िु ष्ट व्यखक्त प्ययर से िहीां मयितय है ।

वयक्य- नजतें द्र िे चोरी की हुई है यह बयत वह मयितय ही िहीां है । सही कहय गयय है ियतोां के भू त बयतोां से िहीां
मयिते ।

जब रसीिय िे अपिी चोरी िहीां मयिी तब उसके मयनिक िे यह कहय र्य।

अवतरण 7.
“फैसला सुनकर रमिाा़न की आं ँख़ों में खून उतर आया। स़ोचने लगा यह दु जनया न्याय नगरी नही ं,
अं धेर नगरी है । च़ोरी पकडी गई त़ो अपराध ह़ो गया। असली अपराधी त़ो बडी-बडी क़ोजठय़ों में
बैठकर द़ोऩों हाथ़ों से धन बट़ोर रहे उन्ें क़ोई नही ं पकडता।”
(i) िैसिय क्यय र्य और उसे नकसिे सुिययय र्य?

उत्तर. िैसिे में रसीिय को 6 महीिे की जेि हुई र्ी। िैसिय शेि सिीमु द्दीि िे सुिययय र्य।

(ii) अपरयधी तर्य रमिि कय क्यय सांबांध र्य। रमजया़ि की आां ँाँिोां में िूि क्योां उतर आयय?

उत्तर. अपरयधी तर्य रमजया़ि िोिो घनिष्ठ नमत्र र्े । रमियि की आां ँाँिोां में िूि उतर आयय क्योांनक अमीर
व्यखक्त हमे शय बच जयतय है । गरीब अगर र्ोड़ी सी चोरी भी कर िे तो उसे अपरयध समझ नियय जयतय है ।

(iii) रमजया़ि िे िु नियय को क्यय कहय तर्य क्योां? रमजयि कय क्रोध क्यय सही र्य?

उत्तर. रमजयिी कहय नक यह िु नियय न्ययय िगरी िहीां अांधेर िगरी है जो व्यखक्त अपिी बड़ी-बड़ी कोनठयोां में
बैठकर ररश्वत िे ते हैं । तो उिके सयर् कुछ िहीां होतय यहयां ँाँ गरीब कुछ भी कर िे तो उसे अपरयध समझ नियय
जयतय है ।

रमजया़ि कय क्रोध सही र्य क्योांनक अपरयध तो अपरयध होतय है , भिे अपरयध गरीब िे नकयय हो यय अमीर िे,
सजय िोिोां को नमिी चयनहए।

(iv) प्रस्तु त कहयिी से नमििे वयिी नशक्षय निखिए?

उत्तर. प्रस्तु त कहयिी में हमें ररश्वत ि िे िे और ि िे िे की नशक्षय िी गई है ।

You might also like