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CBSE

Class–5 Hindi
NCERT Solutions
रम झम पाठ- 10. एक िदन क बादशाहत

कहानी क बात
न 1. अ बा ने या सोचकर आ रफ़ क बात मान ली?
उ र- अ बा ने यह सोचकर आ रफ़ क बात मान ली िक रोज सभी इन ब च पर ह म चलाते ह| य न एक िदन के लए ये हक़
इ ह भी दे िदया जाए|

न 2. वह एक िदन बहत अनोखा था जब ब च को बड़ के अ धकार िमल गए थे| वह िदन बीत जाने के बाद इ ह ने या
सोचा होगा-
*आ रफ़ ने , *अ मा ने , *दादी ने
उ र- * आ रफ़ ने सोचा होगा िक यह िदन िकतना आनंददायक था| काश ऐसा िदन रोज़ आए|
* अ मा ने सोचा होगा िक ब च को थोड़ी- बहत आज़ादी ज र देनी चािहए और इनक भावनाओं को समझना चािहए|
* दादी ने सोचा होगा िक हम ितिदन इन ब च को िकतना क देते ह|

तु हारी बात
न 1. अगर तु हे घर म एक िदन के लए सारे अ धकार दे िदए जाएँ तो तुम या- या करोगी?
उ र- अगर हम घर म एक िदन के लए सारे अ धकार दे िदए जाएँ तो हम अपने मन क सभी इ छाओं को पूरा करना चाहेगे जैसे-
मनपसंद चीज बनाकर खाएँ गे, खूब खेलगे|

न 2. कहानी म ऐसे कई काम बताए गए ह जो बड़े लोग आ रफ और सलीम से करने के लए कहते थे | तु हारे िवचार से उनम से
कौन - कौन से काम उ ह िबना िशकायत िकए कर देने चािहए थे और कौन - कौन से काम के लए मना कर देना चािहए|
उ र - आ रफ़ और सलीम को रात म ज दी सोना है, सुबह ज दी उठना, धीमी आवाज म गाना, बाहर नह जाना,शोर ना करना,
खुद नहा लेना, कम घूमना-िफरना आिद काम िबना िशकायत िकए कर लेने चािहए थे| वह उ ह सादा ना ता करने, बेकार खाना
खाने, बेकार कपड़े पहनने, जैसे काम के लए मना कर देना चािहए था|

तरक ब
“ दोन घंटो बैठकर इन पाबंिदय से बच िनकलने क तरक ब सोचा करते थे|”
न 1. तु हारे िवचार से वे कौन - कौन सी तरक ब सोचते ह गे?
उ र - 1.काश हम कोई ऐसी जगह िमल जाए, जहां कोई डांटे नह |
2. हम भी बड़ को डाँटने का अ धकार िमल जाए|
3. हम ज दी से बड़े हो जाए|

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न 2. कौन सी तरक ब से उनक इ छा पूरी हो गई थी?
उ र - उ ह ने बड़ के सभी अ धकार मांग लए थे और बड़ को छोटो क तरह रहने के लए कहा था, जससे उनक इ छा पूरी हो
गई थी|

न 3. या तुम उन दोन को इस तरक ब से भी अ छी तरक ब सुझा सकते हो?


उ र - इससे अ छा था िक उन दोन को अपनी कुछ आदत का सुधार कर लेना चािहए था|

अ धकार क बात “......आज तो उनके सारे अ धकार छीने जा चुके ह|”

न 1. अ मी के अ धकार िकसने छीन लए थे?


उ र- अ मी के अ धकार आ रफ़ और सलीम ने छीन लए थे|

न 2. या उ ह अ मी के अ धकार िछनने चािहए थे?


उ र- अ मी के अ धकार उ ह नह िछनने चािहए थे| लेिकन अ मी को भी उनक भावनाओं को समझना चािहए था|

न 3. उ ह ने अ मी के कौन-कौन से अ धकार छीने ह गे?


उ र- उ ह ने अ मी से डाँटने, सुबह ज दी उठाने, अपनी पसंद का खाना बनवाने जैसे अ धकार छीने ह गे|

बादशाहत
न 1. ‘बादशाहत’ या होती है? चचा करो|
उ र- िकसी े , रा य या देश आिद पर शासन कर पूरा अ धकार जमाना तथा अपनी मनमज करना बादशाहत होती है|

न 2. तु हारे िवचार से इस कहानी का नाम ‘एक िदन का बादशाहत’ य रखा गया है? तुम भी अपने मन से सोचकर कहानी को
कोई शीषक दो|
उ र- आ रफ़ तथा सलीम दोन को एक िदन के लए बड़ के सभी अ धकार िदए गए थे| इस लए कहानी का नाम ‘एक िदन क
बादशाहत’ रखा गया है| कहानी का अ य शीषक “ब च का बचपन” भी हो सकता है|

न 3. कहानी म उस िदन ब च को सारे काम करने पड़े थे| ऐसे म कौन एक िदन का असली “बादशाह’ बन गया था?
उ र- कहानी म उस िदन ब च को सारे बड़ वाले काम करने पड़े थे| ऐसे म ब चे एक िदन के लए असली बादशाह बन गए
थे य िक उस िदन उ ह सभी अ धकार ा थे|

तर माल
“रोज़ क तरह आज वह तर माल अपने पास न रख सकती थी|”

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न 1. कहानी म िकन-िकन चीज को तर माल कहा गया है|
उ र- कहानी म अंडे और म खन जैसी चीज को तर माल कहा गया है|

न 2. इन चीज के अलावा और िकन-िकन चीज को ‘तर माल’ कहा जा सकता है?


उ र- इन चीज के अलावा हलवा-पूरी, खीर, िमठाइयाँ, पकवान आिद चीज को तर माल कहा जा सकता है|

न 3. कुछ ऐसी चीज के नाम भी बताओ, जो तु हे ‘तर माल’ नह लगत |


उ र- चावल, दाल कुछ स जयाँ, द लया , दध
ू , रोटी हम तर माल नह लगत |

न 4. इन चीज को तुम या नाम देना चाहोगी? सुझाओ|


उ र- इन चीज को हम ‘खा पदाथ’ नाम देना चाहगे|

मनपसंद कपड़े
“िब कुल इसी तरह तो आ रफ़ और सलीम से उनक मनपसंद कमीज़ उतरवा कर िनहायत बेकार कपड़े पहनने का ह म लगाया
करती ह|”

न 1. तु हे भी अपना कोई खास कपड़ा सबसे अ छा लगता होगा| उस कपड़े के बारे म बताओ| वह तु हे सबसे अ छा य
लगता है?
उ र- मुझे अपनी एक रेशमी पट और कमीज़ बहत अ छी लगती है य िक इसका रंग और चमक बहत ही अ छा है| साथ ही
इसका कपड़ा भी बहत मुलायम और आरामदायक है|

न 2. कौन-कौन सी चीज़े िब कुल बेकार लगती ह?


(क) पहनने क चीज़े
(ख) खाने - पीने क चीज़े
(ग) करने के काम
(घ) खेल

उ र- (क)पहनने क चीज़- पुराने कपड़े, फ के रंग के कपड़े आिद|


( ख ) खाने - पीने क चीज़े - अ धक मीठी चीज़, तीखी चीज़, ख ी चीज़, घिटया और नकली पेय दाथ आिद|
( ग ) करने के काम - सुबह ज दी उठाना, अ धक पढ़ना, टी.वी. देखना|
( घ ) खेल - शतरंग, बफ का खेल, घुड़सवारी|

ह का-भारी

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न (क) “इतनी भारी साड़ी य पहनी?
यहाँ पर ‘ भारी साड़ी ’ से या मतलाब है?
- साड़ी का वजन यादा था|
- साड़ी पर बड़े - बड़े नमूने बने हए थे|
- साड़ी पर बेल - बूट क कढ़ाई थी|
उ र- साड़ी पर बेल-बूट क कढ़ाई थी|

(ख) *भारी साड़ी , *भारी अटैची , *भारी काम , *भारी बा रश


ऊपरी ‘भारी’ िवशेषण का चार अलग-अलग सं ाओं के साथ इ तेमाल िकया गया है| इन चार म ‘भारी’ का अथ एक-सा नह है|
इनम या अंतर है?
उ र- *भारी साड़ी म ‘भारी’ िवशेषण अ धक महँगी या अ धक कधैदार साड़ी के लए योग िकया गया है|
* भारी अटैची म ‘भारी’ िवशेषण वजनदार चीजं के लए योग िकया गया है|
* भारी काम म ‘भारी’ िवशेषण मु कल काम के लए योग िकया गया है|
* भारी बा रश म ‘भारी’ िवशेषण अ धक के लए योग िकया गया है|

(ग) ‘भारी’ क तरह ह का का भी अलग-अलग अथ म इ तेमाल करो|


उ र- ह का कपडा, ह का काम, ह का लड़का, ह का िड बा, ह का बतन|

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