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प्रश्न-अभ्यास

 कक्षा – छठी विषय- हिन्दी


 पाठ 3 - (नादान दोस्त)
 लेखक- प्रेमचंद
 ( किानी से ) –
 प्रश्न 1- अंडों के बारे में केशि और श्यामा के मन में ककस तरि के सिाल उठते थे? िे
आपस िी में सिाल-जिाब करके अपने हदल को तसल्ली क्यों दे हदया करते थे?
 उत्तर: केशि और श्यामा के मन में अण्डों के आकार, रं ग, संख्या, भोजन, बच्चों के पंख
कैसे िोंगे, उनमें से बच्चे कैसे ननकलेंगे आहद सिाल उठते थे| दोनों बच्चे आपस िी में
सिाल-जिाब करके अपने हदल को तसल्ली दे ललया करते थे क्योंकक उनके सिालों का
जिाब दे ने के ललए अम्मा और बाबू जी के पास समय निीं था|
 प्रश्न 2- केशि ने श्यामा से चचथडे, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर काननिस पर क्यों रखे
थे?
उत्तर : केशि ने श्यामा से चचथड़े, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर काननिस पर पर इसललए
रखे थे जजससे कक िे चचड़ड़या को तथा अंडों को और ज्यादा आराम से रख सकें दोनों की
हिफाजत कर सकें।
 प्रश्न 3- केशि और श्यामा ने चचड़ड़या के अंडों की रक्षा की या नादानी ?
उत्तर : केशि और श्यामा ने चचड़ड़या के अंडों की रक्षा करने के ललए जो
कदम उठाए िे उनके हिसाब से बिुत ठीक थे, मगर िे चचड़ड़या के स्िभाि
को निीं जानते थे। इसललए उनके द्िारा की गई रक्षा ने नादानी
कर रूप ले ललया।

 (किानी से आगे ) -
 प्रश्न 1: केशि और श्यामा ने अंडों के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए? यहद उस जगि
तुम िोते तो क्या अनुमान लगाते और क्या करते?

 उत्तर : केशि और श्यामा ने अण्डों के विषय में ननम्नललखखत अनुमान लगाए-


 1.अब उन अण्डों से बच्चे ननकल आए िोंगे |
 2.चचड़ड़या इतना दाना किाँ से लाएगी |
 3.गरीब बच्चे तो इस तरि भूख से मर जायेंगे |
 यहद मैं केशि की जगि िोता तो ननम्न कायि करता-
 1.पिले यि दे खता कक बच्चे ननकल आए िैं या निीं |
 2.मैं उन अण्डों को निी छूता |
 3.बच्चे ननकल आने पर िी ििाँ चािल एिं पानी की कटोरी रखता |
 प्रश्न 2: माँ के सोते िी केशि और श्यामा दोपिर में बािर क्यों ननकल आए? माँ के
पछ
ू ने पर भी दोनों में से ककसी ने ककिाड़ खोलकर दोपिर में बािर ननकलने का कारण
क्यों निीं बताया?
 उत्तर : माँ के सोते िी केशि और श्यामा इसललए बािर ननकल आए क्योंकक उन्िें चचड़ड़या
के अंडों को दे खना था। यहद िे इस सब के बार में बताते तो माँ उन्िें भरी दोपिर में
ननकलने निीं दे तीं।
 प्रश्न 3- प्रेमचंद ने इस किानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। तम
ु इसे क्या शीषिक दे ना
चािोगे?
 उत्तर : प्रेमचंद ने इस पाठ का नाम बड़े सोचकर नादान दोस्त रखा था। यहद मैं इस
जगि िोता तो मैं इस पाठ का नाम- ‘बचपन की नादाननयाँ’, ‘बच्चों की नादानी’ या ‘अण्डों
की हिफाजत’ रखता।

अनुमान और कल्पना
 प्रश्न 1- इस पाठ में गमी के हदनों की चचाि की गई िै ।अगर सरदी और बरसात के हदन
िोते तो क्या-क्या िोता ? अनुमान करो और अपने साचथयों को सुनाओ।
 उतर - यहद सदी या बरसात के हदन िोते तो भी केशि और श्यामा को बािर न ननकलने
हदया जाता। सदी और बरसात में भी बच्चों को ठं ड लगने और उनके बीमार िोने की
संभािना रिती िै। यहद सदी या बरसात के हदन िोते और केशि तथा श्यामा घर से
बािर ननकलते तो भी उनकी मां उन्िें अिश्य डांटती। सदी से अंडों को बचाने के ललए
व्यिस्था करनी पड़ती और बरसात में अंडों को भीगने से बचाने ि पानी में बिने से
बचाना िोता।
 प्रश्न 2 - पाठ पढ़कर मालूम करो कक दोनों चचड़ड़या ििाँ कफर क्यों निीं हदखाई दीं ? िे
किाँ गई िोंगी? इस पर अपने दोस्तों के साथ लमलेगा बातचीत करो।
 उतर - दोनों चचड़ड़यों ने दे खा कक बच्चे उनके अंडे को छे ड़ते िैं। उन्िोंने जान ललया कक
उस घर में उनके अंडे सुरक्षक्षत निीं रिें ग।े दोनों चचड़ड़या अंडों के फूट जाने के बाद ििाँ
कफर निीं आई और िे िि स्थान छोड़कर चली गई। उन चचड़ड़यों ने िि स्थान छोड़कर
ननजश्चत रूप से किीं दस
ू री जगि अपना घोंसला बनाया िोगा ताकक समय आने पर िि
कफर अंडे दे सके और उनके अंडे सुरक्षक्षत रिें ।
▪ प्रश्न 3 - केशि और श्यामा चचड़ड़या के अंडों को लेकर बिुत उत्सुक थे। क्या तुम्िें भी
ककसी नई चीज या बात को लेकर कौतूिल मिसूस िुआ िै ? ऐसे ककसी अनुभि का िणिन
करो और बताओ कक ऐसे में तुम्िारे मन में क्या-क्या सिाल उठे ?

▪ उतर - मुझे अपने घर में पैदा िुए बबल्ली के निजात बच्चों के प्रनत कौतूिल बना रिता
था। एक बार मेरे घर के वपछले हिस्से में एक बबल्ली ने तीन बच्चे हदए थे। उन्िें दे खकर
मझ
ु े बिुत कौति
ू ल िुआ बबल्ली अपने बच्चों को मँि
ु में दबाकर एक स्थान से दस
ू रे
स्थान पर ले जाती थी। उन्िें दे खकर मुझे बिुत अच्छा लगता था। बबल्ली का इस प्रकार
मँि
ु से अपने बच्चों को दबाकर ले जाना भी बिुत आश्चयिचककत करने िाला था। मैं उन्िें
चुपके से अपने हिस्से की रोटी और दध
ू आहद वपला दे ती थी। मैं िमेशा यि सोचती थी
कक क्या मुँि से दबाते समय बबल्ली के बच्चों को ददि न िोता िोगा?

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