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NCERT Solutions For Class 12 Hindi Antra Chapter 13 Sumirini Ke Man Ke
NCERT Solutions For Class 12 Hindi Antra Chapter 13 Sumirini Ke Man Ke
Hindi
Chapter- 13 सुममररनी के मनके
क. बालक बच गया
प्रश्न और ऄभ्यास: 1
ईत्तर: बालक से मजतने भी प्रश्न पूछे गए सभी ईसकी ईम्र और योग्यता से उपर के पूछे गए थे|जैसे रसों के
नाम और ईनके ईदाहरण, धमम की मिशेषताएं ,पानी के 4 मडग्री के नीचे होने पर भी मछमलयााँ कै से
जीमित रह जाती है ,चंद्रग्रहण का िैज्ञामनक कारण अदद |
प्रश्न ऄभ्यास 2
ईत्तर: बालक के मपता ने ईसको यह पंमि दक “मैं यािज्जन्म लोक सेिा करंगा” ईसको मबल्कु ल गहराइ
तक रटा ददया था| बालक के मपता को यह लगता था, दक यह पंमि बोलने से ईसके बेटे की तारीण होगी
|
प्रश्न ऄभ्यास 3
3. बालक द्वारा आनाम में लड्डू मााँगने पर लेखक ने सुख की सााँस क्यों भरी?
प्रश्न और ऄभ्यास : 4
4. बालक की प्रिृमत्तयों का गला घोंटना ऄनुमचत है, पाठ में ऐसा अभास दकन स्थलों पर होता है दक
ईसकी प्रिृमत्तयों का गला घोटा जाता है?
ईत्तर: मनम्न बातों से पता चलता है, दक बालक की प्रिृमत्तयों का गला घोटा जाता है –
1. एक छोटे से बच्चे को श्री हादी के सामने प्रदशमनी के मलए ले जाया गया था|
3. दकसी ने भी ये ऄपेक्षा नहीं की थी, दक आनाम मांगने पर िह बालक लड्डू की मांग करे गा| जब ईसने
ऄपने बालपन के कारण लड्डू की मांग की तो सभी बडों की अंखें झुक गइ |
प्रश्न और ऄभ्यास : 5
5. “बालक बच गया। ईसके बचने की अशा है क्योंदक िह लड्डू की पुकार जीमित िृक्ष के हरे पत्तों का
मधुर मममर था, मरे काठ की ऄलमारी की मसर दुखानेिाली खडखडाहट नहीं” कथन के अधार पर बालक
की स्िाभामिक प्रिृमत्तयों का ईल्लेख कीमजए।
ईत्तर: बच्चा बालपन से ही जाना जाता है, जैसे दक शरारतें करना ,चंचल होना ,खेलना कू दना ,मजद्दी
होना|ऄगर एक बालक कम ईम्र में यह सब छोडकर बडे-बडे प्रश्नों के ईत्तर देना शुर कर दें तो यह एक
चचता का मिषय बन जाता है क्योंदक बच्चे से ईसका बचपन छीनना बच्चे के मिकास में रोक लगा देता है |
प्रश्न और ऄभ्यास : 6
6.ईम्र के ऄनुसार बालक में योग्यता का होना अिश्यक है ककतु ईसका ज्ञानी या दाशममनक होना जररी
नहीं है | लर्ननग अईटकम के बारे में मिचार कीमजए ?
ख. घडी के पुजे
प्रश्न और ऄभ्यास : 1
1.लेखक ने धमम का रहस्य जानने के मलए ‘घडी के पुर्ज’े का दृष्ांत क्यों ददया है?
ईत्तर: घडी के पुजे के माध्यम से लेखक ने धमम का रहस्य बताया है| लेखक कहते हैं, मजस प्रकार घडी को
पहनने िाला ऄलग होता है और ईसको बनाने िाला ऄलग होता है ईसी प्रकार समाज में धमम को मानने
िाला और ईस पर ऄपना हुकु म चलाने िाला ऄलग-ऄलग है| घडी पहनने िाला व्यमि घडी खराब होने
पर ईसको सही नहीं कर सकता क्योंदक ईसका काम घडी ठीक करना नहीं है | ईसी प्रकार धमम को मानने
िाला यही सोचता है, दक सारे धार्ममकता एिं सारा ज्ञान ईनके गुरुओं के पास है व्यसन तो कु छ कर ही
नहीं सकते |
प्रश्न और ऄभ्यास : 2
2.‘धमम का रहस्य जानना िेदशास्त्रज्ञ धमामचायों का ही काम है।‘ अप आस कथन से कहााँ तक सहमत हैं?
धमम संबध
ं ी ऄपने मिचार व्यि कीमजए।
ईत्तर: धमम का रहस्य जानना िेदशास्त्र धमामचायों का ही काम है, मैं आस कथन से मबल्कु ल भी सहमत नहीं
हाँ | धमम के मिषय में कोइ भी व्यमि जानकारी ले सकता है और ईसका पालन कर सकता है, लेदकन
ईसका पालन बडी श्रद्धा पूिमक एिं मशद्दत से करना पडता है | जैसे शाकाहारी भोजन करना, झूठ नहीं
बोलना ,ऄपने से बडों का अदर करना लोगों की सहायता करना |
ईत्तर: घडी एक कीमती एिं मूल्यिान िस्तु है क्योंदक यह हमें समय का बोध कराती है आसका ईपयोग
के िल समय देखने के मलए करते हैं|ऄगर घडी बंद हो जाती है तो लोगों के मलए घडी का मूल्य समाप्त हो
जाता है| आसी तरह धार्ममक मिश्वास है, दक मिचार ईत्पन्न होने िाले ऄलग-ऄलग धमों को ऄलग-ऄलग
तरीकों से बााँटा गया है|धमम परोपकार और मानिता मूल्य पर अधाररत है | लेदकन बाहरी अडंबर
पाखंड ने आस को जकड रखा है |
प्रश्न और ऄभ्यास 4
4.धमम ऄगर कु छ मिशेष लोगों िेदशास्त्र, धमामचायों, मठाधीशों, पंडे-पुजाररयों की मुट्ठी में है तो अम
अदमी और समाज का ईससे क्या संबध ं होगा? ऄपनी राय मलमखए।
ईत्तर: आस पंमि का अशय है, दक समाज और व्यमि का संबंध धमम से जुडा रहता है| जहााँ धमम है,िहीं
मिजय है ,जो धमम के रास्ते पर चलते हैं | जैसे चोरी करना, दुष्कमम करना आं सानों को मारना और भ्रष्
अचरण िाले दकसी धमम संस्थान में पहुंचते हैं तो ईन्हें कभी ना कभी यह ज्ञात होता है दक िह गलत कर
रहे हैं| ईनकी ऄंतरात्मा ईनको ईस बात का एहसास ददलाती है ,दक ईन्होंने ऄधमम दकया है | लेदकन अज
के समय में धमम के नाम पर भी ऐसे अडंबर और पाखंड चलाए जा रहे हैं जो दक धमम को भी पमित्र नहीं
रहने देते |
प्रश्न ऄभ्यास 5
5.जहााँ धमम पर कु छ मुट्ठीभर लोगों का एकामधकार धमम को संकुमचत ऄथम प्रदान करता है िहीं धमम का
अम अदमी से संबध ं ईसके मिकास एिं मिस्तार का द्योतक है।‘ तकम समहत व्याख्या कीमजए।
ईत्तर: यह कथन सत्य है, दक धमम का ऄमधकार कु छ लोगों के हाथ में होने से धमम संकुमचत हो जाता है
क्योंदक िह लोग समझते हैं दक ईन्हीं के कारण धमम है, िही धमम के रक्षक हैं। आसमलए िह धमम को और
ऄमधक करठन बना देते हैं, मजससे ऄन्य लोगों के द्वारा धमम को जानना ऄमधक करठन हो जाता है। िहीं
ऄगर धमम अम अदमी के संबंध में अता है, तो ईसका मिकास होता है। क्योंदक अम अदमी ऄपनी
सुमिधा के ऄनुसार धमम को सरल बना देता है। अज के समय में तो समझ में काणी बदलाि भी अया है।
प्रश्न और ऄभ्यास 6
2)’ऄनाडी के हाथ में चाहे घडी मत दो पर जो घडीसार्जी का आमम्तहान पास कर अया है, ईसे तो देखने
दो।’
ईत्तर: लेखक ने घडी के माध्यम से धमम के बारे में बताने का प्रय्न दकया है। िह कहते हैं, दक ऄनाडी व्यमि
के हाथ में चाहे घडी मत दो लेदकन जो घडी साज का आमम्तहान पास कर अया है ईसे तो देखने दो। आसके
द्वारा लेखक कहना चाहता है ,दक जो व्यमि धमम के ज्ञान से ऄज्ञान है, मजसे धमम के बारे में कु छ पता ही
नहीं है, ईसे धमम के बारे में बताने या समझाने का कोइ लाभ नहीं है। लेदकन जो व्यमि धमम के बारे में
जानता है ईसका साथ तो हम दे ही सकते हैं।
(ग) ‘हमें तो धोखा होता है दक परदादा की घडी जेब में डाले दिरते हो, िह बंद हो गइ है, तुम्हें न चाबी
देना अता है न पुर्जे सुधारना, तो भी दूसरों को हाथ नहीं लगाने देत।े ‘
ईत्तर: आन पंमियों से तात्पयम है, दक अप िेदों के बारे में बात करते हैं|अप संस्कृ मत एिं सभ्यता की बात
करते हैं| लेदकन अप आस बारे में कु छ नहीं जानते अप िेद िेदांत के मिद्यमान ज्ञान के रक्षक बन जाते हैं|
लेदकन अपको स्ियं आसके बारे में कु छ नहीं पता होता|यदद आसके बारे में समझना चाहते हैं, तो अप ईसे
आसे समझने नहीं देते आसमलए हमेशा जानना चामहए यही मस्थमत मूखमता से भरी है|
प्रश्न और ऄभ्यास 1
1.िैददककाल में चहदुओं में कै सी लौटरी चलती थी मजसका मर्जक्र लेखक ने दकया है।
ईत्तर: िैददक काल में चहदू व्यमि शादी करने के मलए लडकी के घर ईसको देखने जाता था तब यह
ऄभ्यास एक लौटरी की तरह था| क्योंदक िह ऄपने साथ ममट्टी के ढेले लेकर जाता था और ईन ढेलो में
ऄलग-ऄलग ममट्टी थी|के िल लडके को ही ममट्टी के बारे में जानकारी थी, दक कौन सी ममट्टी कहााँ की है|
जैसे दक ईनमें खेत की, िेदी, चौराहे और गौशाला की ममट्टी शाममल थी और ममट्टी के ढेरों का ऄपना एक
ऄलग ऄथम था|ऄगर एक ममहला गौशाला की ममट्टी का डेरा चुनती तो आससे पैदा हुए बच्चे को पशुओं से
धनिान माना जाता था और यदद लडकी िेदी की ममट्टी चुनती तो ईसको ऄशुभ माना जाता था |
प्रश्न और ऄभ्यास : 2
2.दुलभ म बंध’ु की पेरटयों की कथा मलमखए।
ईत्तर: दुलमभ बंधु एक नाटक है ईसके सामने तीन पेरटयां रख दी जाती है िह तीनों पेटी ऄलग-ऄलग धातु
की बनी होती है|एक सोना, दूसरा चांदी और तीसरा लोहे से बनी होती है| प्रत्येक व्यमि को ऄपनी
आच्छा के ऄनुसार ऄपनी मनपसंद पेटी को चुनना था और ऄकडबाज नामक व्यमि सोने की पेटी को
चुनता है|ऄतः खाली हाथ िापस जाता है एक ऄन्य व्यमि चााँदी की पेटी चुनता है और लोभ एिं लालच
के कारण ईसे भी खाली हाथ लौटना पडता है|आसके मिपरीत जो सच्चा इमानदारी एिं पररश्रमी होता है
िह लोहे की पेटी चुनता है, ईसे दौड में प्रथम पुरस्कार प्राप्त होता है |
प्रश्न और ऄभ्यास : 3
3.जीिन साथी का चुनाि ममट्टी के ढेलों पर छोडने के कौन-कौन से िल प्राप्त होते हैं?
ईत्तर: प्राचीन काल में ढेला चुनाि की परं परा कािी मिख्यात थी|ईस समय चहदू शादी करने से पहले
लडकी के घर जाता और ईसका चयन करने से पहले ईसे एक ढेले का चुनाि करना पडता था| तीन
प्रकार के ढेलो में ऄलग-ऄलग जगह की ममट्टी होती थी|जैसे खेत की ममट्टी, िेदी की ममट्टी, चुराए और
गौशालाओं की ममट्टी शाममल थी| ममट्टी के हर एक ढेले का ऄपना ऄलग ऄथम था|ऄच्छी एिं गुणिान
लडकी की आस प्रथा के कारण शादी नहीं हो पाती थी| यह एक पाखंड एिं अडम्बर है यह मूखमता को
दशामती है |
ईत्तर: कबीर जी का यह दोहा बहुत ही प्रमसद्ध है|आसका ऄथम है दक, यदद पत्थर पूजने से इश्वर ममल जाते
हैं तो िह तो पहाड पूज सकते हैं| क्योंदक आससे हरर के दशमन जल्द होते हैं |कबीर जी कहते हैं, दक िह आस
पत्थर से ऄच्छा घर की चक्की को पूजना सही समझते हैं, क्योंदक चक्की पीसने के कारण ही संसार का पेट
भरता है| आस प्रकार कबीर कहते हैं दक ममट्टी के ढेले से मन मुतामबक बच्चे ममलते तो दिर क्या ही बात
होती परन्तु यह मसिम एक अडंबर है आस प्रकार कमि ददखािे को लेकर भी बात को मसद्ध करता है |
प्रश्न और ऄभ्यास 5
5.जन्म भर के साथी का चुनाि ममट्टी के ढेले पर करना बुमद्धमानी नहीं है आसमलए बेटी का मशमक्षत होना
ऄमनिायम है बेटी बचाओ बेटी पढाओ के संदभम में मिचार कीमजए?
ईत्तर: बेटी बचाओ बेटी पढाओ एक नारा या स्लोगन ही नहीं है बमल्क हर माता-मपता के मलए ऄपनी
बेरटयों को मशमक्षत करना अज के समाज में एक महत्िपूणम कायम हो गया है| एक पढाइ मलखाइ पर लडकी
का ईतना ही ऄमधकार है मजतना लडके का और अिश्यक भी|पहले की जो प्रथा है दक लडकी का चुनाि
ढेले चुनने से होगा यह मबल्कु ल ही ऄसंगत जान पडती है| यह एक अडंबर और ऄंधमिश्वास है आसीमलए
आन सब को छोडकर ऄपनी बेरटयों को अगे बढाना चामहए |
ईन्हें मशक्षा देनी चामहए|
प्रशन और ऄभ्यास : 6
6.अश्य स्पष् कीमजए |
क ) ऄपनी अाँखों से जगह देखकर ऄपने हाथ से चुने हुए ममट्टी के ढेलो पर भरोसा करना क्यों बुरा है और
लाखों-करोडों को दूर बैठे बडे-बडे ममट्टी और अग के ढेलो,मंगल ,शमन और बृहस्पमत की कमल्पत साल के
कमल्पत महसाब का भरोसा करना क्यों ऄच्छा है?
ईत्तर: कमि का अशय है दक यदद ममट्टी का ढेला चुनना ऄंधमिश्वास है तो ग्रहों और नक्षत्रों के महसाब से
कायम करना भी ऄंधमिश्वास है| मजन ग्रह तथा नक्षत्रों को हमने देखा ही नहीं हम ईन पर भरोसा कै से कर
सकते हैं|आसी प्रकार यदद ऄगर हम एक तरि ममट्टी के ढेले को गलत मानते हैं तो दूसरी बात ऄपने अप
गलत सामबत हो जाएगी|